krish1152
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#68.
उधर अल्बर्ट सबको समझा रहा था- “शायद शैफाली के पास छठी इंद्रिय है।"
“छठी इंद्रिय!" ब्रैंडन ने आश्चर्य से पूछा- “पर प्रोफेसर, इंद्रियां तो पांच ही होती है। ये छठी इंद्रिय क्या है?"
“कभी-कभी हमें किसी बुरी घटना के होने के पहले ही कुछ बुरा अहसास होने लगता है या फ़िर किसी अच्छी घटना घटने के पहले ही खुशी का अहसास होने लगता है। वैज्ञानिको का मानना है कि यह सब छठी इंद्रिय के कारण होता है।"
अल्बर्ट ने कहा- “यह छठी इंद्रिय सभी इंसान में और जानवरों में होती है, पर इंसान बहुत कम मात्रा में इसका प्रयोग कर पाता है। हो सकता है कि यही छठी इंद्रिय शैफाली में ज्यादा मात्रा में हो और इसी वजह से वह भविष्य देख लेती हो।"
“शायद आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने भी अल्बर्ट की बात पर अपनी सहमित जताते हुए कहा- “मैंने सुना है कि पुराने समय में युद्ध होने के काफ़ी दिन पहले ही गिद्ध उस मैदान में जाकर बैठ जाते थे जहां युद्ध होने वाला होता था। उन्हें पता था कि युद्ध के बाद लाशें गिरेंगी और उन्हें वहां खाने को मिलेगा।"
अभी ये आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी इन्हें अचानक किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी-
“ऊवां .... ऊवांऽऽऽऽ।"
“ये तो किसी बच्चे के रोने की आवाज है।" क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।
“बच्चा! और वह भी इस जंगल में?" सुयश के स्वर में आश्चर्य और उलझन थी।
आवाज में बहुत दर्द भरा था। सभी पूरी तरह से चोकन्ना होकर इस आवाज को सुनने की कोशिश करने लगे।
अचानक सुयश को अपने ग्रुप का ख्याल आया।
सुयश ने ध्यान से एक नजर सब पर डाली और जोर से चीख उठा- “शैफाली....शैफाली कहां है?"
तुरंत सबकी निगाहें अपने आसपास घूम गई। लेकिन ऊंचे-ऊंचे वृक्षो और घने जंगल के सिवा उन्हें अपने आसपास कुछ ना दिखायी दिया।
“अभी-अभी तो वह मेरे साथ थी। इतनी जल्दी कहां जा सकती है?"
जेनिथ ने आसपास निगाह मारते हुए कहा-
“कहीं कोई जंगली जानवर.... नहीं ...नहीं....जानवर बिना आवाज किये उसे नहीं ले जा सकता। तो फ़िर..... तो फ़िर कहां गयी शैफाली?"
“शैफालीऽऽऽऽ .....शैफालीऽऽऽऽ!" तौफीक ने मुंह के दोनों साइड अपने हाथ लगाकर जोर से आवाज दी।
लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। केवल तौफीक की आवाज घने जंगल में घूमकर प्रतिध्वनि उत्पन्न करती रही।
अल्बर्ट भी अपने गले में टंगी सीटी को जोर-जोर से बजाने लगा। सभी लोग अलग-अलग होकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करने लगे।
“खबरदार! कोई भी ग्रुप से बाहर नहीं जायेगा" सुयश ने चीखकर सबको खबरदार किया-
“सभी लोग एक साथ रहकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करेंगे, क्यों कि एक साथ रहकर तो हम हर मुसीबत का सामना कर सकते है, पर अकेले रहकर कुछ नही कर सकते। इसिलये हम सभी को एक साथ रहना होगा।"
“कैप्टन, हम उस बच्चे के रोने की आवाज को भूल रहे है। जिसको सुनकर हमें शैफाली का ध्यान आया था।" ब्रैंडन ने कुछ याद दिलाते हुए कहा।
“लेकिन इतने भयानक जंगल में कोई बच्चा कहां से आ सकता है?" एलेक्स ने कहा- “अवस्य ही यह कोई मायाजाल है? दोस्तो हमें सावधान रहना होगा।"
“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।"
तभी रोने की आवाज पुनः सुनाई दी। इस बार आवाज थोड़ा स्पस्ट थी।
“इधर से .... इधर से आयी है वह आवाज।" अल्बर्ट ने एक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा।
“कहीं यह शैफाली की आवाज तो नहीं?" जैक ने अपने होंठ पर जुबान फिराते हुए कहा।
“नहीं ये शैफाली की आवाज नहीं है।“ एलेक्स बोला- “यह किसी छोटे बच्चे की आवाज है।"
“क्या हमें आवाज की दिशा में चलना चाहिए?" जॉनी ने डरते-डरते कहा।
पर सुयश ने जॉनी की बात पर ना ध्यान देते हुए, इस बार ब्रूनो को इशारा किया। ब्रूनो सुयश का इशारा समझ कर तेजी से आवाज की दिशा में भागा।
सभी लोग ब्रूनो के पीछे-पीछे भागे। थोड़ा आगे बढ़ते ही इन्हें पुनः वही आवाज सुनाई दी।
“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।" इस बार आवाज बिल्कुल साफ थी।
आवाज को सुन सभी के कदमों में तेजी आ गयी। थोड़ा आगे बढ़ते ही उन्हें एक अजीब सा नजारा दिखाई दिया।
वह रोने की आवाज सामने लगे एक झाड़ीनुमा पेड़ से आ रही थी और शैफाली धीरे-धीरे बिल्कुल सम्मोहित अवस्था में उन झड़ियों की ओर बढ़ रही थी।
उस झाड़ीनुमा पेड़ पर सितारे की आकृति लिये कुछ पीले रंग के रसीले फल लगे दिखाई दे रहे थे।
अब शैफाली पेड़ से लगभग 10 कदम दूर रह गयी थी। बाकी सभी लोगो की दूरी शैफाली से बहुत ज़्यादा थी।
“शैफालीऽऽऽऽ ... शैफालीऽऽऽऽ रुक जाओ।" अल्बर्ट शैफाली को पेड़ की तरफ बढ़ते देख जोर से चिल्लाया- “वहां पर खतरा है....रुक जाओ।“
मगर शैफाली ने जैसे अल्बर्ट की बात सुनी ही ना हो। वह निरंतर पेड़ की ओर बढ़ रही थी।
पेड़ की दूरी अब शैफाली से बामुश्किल 4 कदम ही बची थी। कोई भी इतने कम समय में शैफाली को दौड़कर नही पकड़ सकता था।
अब उसे कोई रोक सकता था तो वह था केवल ब्रूनो।
“ब्रूनो... रोको शैफाली को।" सुयश ने ब्रूनो को शैफाली की ओर इशारा करते हुए उसे रोकने को कहा।
इशारा समझ कर ब्रूनो बहुत तेजी से शैफाली की ओर भागा। कुछ ही सेकंड में वह शैफाली के पास था।
ब्रूनो ने एक नजर गौर से शैफाली को देखा और फ़िर उस पेड़ को देखने लगा, जिसमें से अभी भी रोने की आवाज आ रही थी।
“ब्रूनो... स्टोप शैफाली।" ब्रेंडन ब्रूनो को रुकते देख चिल्ला उठा।
लेकिन ब्रूनो ने एक बार फ़िर शैफाली को देखा और फ़िर उसे रोकने की बजाय ‘कूं-कूं’ करता हुआ वही घास पर ऐसे पसर कर बैठ गया, जैसे उसे शैफाली से कोई लेना-देना ही ना हो।
“यह ब्रूनो शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम क्यों करने लगा?" अल्बर्ट के स्वर उलझे-उलझे थे।
तब तक शैफाली उस झाड़ीनुमा पेड़ तक पहुंच गयी। पेड़ से निकलती वह रोती आवाज तेज होती जा रही थी।
अब शैफाली तक कोई नहीं पहुंच सकता था।
तभी अचानक उस झाड़ीनुमा पेड़ ने अपनी झाड़ियो को इस प्रकार आगे बढ़ाया जैसे वह झाड़ी नहीं उसके हाथ हैं और शैफाली को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।
शैफाली उन झाड़ियो में उलझकर रह गयी।
“यह तो कोई आदमखोर पेड़ लग रहा है?" सुयश ने धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए कहा- “पर इससे निकलती यह आवाज बड़ी अजीब सी है।"
तब तक सभी भागते हुए पेड़ तक पहुंच गये।
“खबरदार!" सुयश ने सभी को सावधान करते हुए कहा- “कोई पेड़ के पास नहीं जायेगा। यह आदमखोर खून चूसने वाला पेड़ भी हो सकता है। जो भी इसके पास जायेगा, वो शैफाली को बचाने के बजाय स्वयं भी उस खूनी पेड़ का शिकार भी बन सकता है। इसिलये दूर से ही शैफाली को बचाने की तरकीब सोचो।"
वह पेड़ बड़ा ही आश्चर्यजनक था क्यों की शैफाली को पकड़ने के बाद, अब उसमें से रोने के बजाय हंसने की आवाज आने लगी थी।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी पसंद का खिलोना मिल गया हो और वह किलकारियां मारकर हंस रहा हो।
उस पेड़ की यह हंसी जंगल में गूंजकर एक अजीब सा खौफ पैदा कर रही थी।
तभी ब्रेंडन और तौफीक ने अपने हाथो में चाकू निकल लिया और वह धीरे-धीरे उस पेड़ की ओर बढ़ने लगे।
शैफाली अभी भी सम्मोहित मुद्रा में थी। उसे शायद इस समय किसी दर्द का अहसास भी नहीं हो रहा था।
इससे पहले कि ब्रेंडन और तौफीक उस पेड़ पर चाकू से हमला बोल पाते, अचानक उन झाड़ियो में एक अजीब सी हरकत हुई और उसमें लगे सितारे के आकार के पीले फल, विचित्र लताओँ के साथ हवा में झूमने लगे।
वातावरण में अब हंसने की आवाज के साथ एक अजीब सी भिनभीनाहट भी गूंजने लगी।
ब्रेंडन और तौफीक यह देखकर एक क्षण के लिए अपनी जगह पर रुक गये।
तभी उन विचित्र फलो में से 2 फल हवा में उठकर लाताओं सहित शैफाली की आँखो के पास पहंच गये और इससे पहले कि कोई और कुछ समझ पाता, वह फल एक अजीब सी ‘पिच्छ’ की आवाज के साथ हवा में स्वतः ही फट गये।
उन विचित्र फलो के फटने से उसमें से एक रस की धार निकली और शैफाली की आँख में पड़ गयी।
अब शैफाली अपनी आँखे तेजी से रगड़ते हुए दर्द से चीखने लगी- “मेरी आँखे.... मेरी आँखो में बहुत
तेज जलन हो रही है।"
शैफाली की चीख को सुन मानो पेड़ को उस पर दया आ गयी क्यों की अब उसकी गिरफ़्त बहुत ढीली हो गयी।
पेड़ की पकड़ ढीली होते ही शैफाली पेड़ के पास नीचे की ओर गिर गयी।
जारी रहेगा_______![]()
Thanks brothernice update

Kya is baar Mayavan mei kuch achi cheez se pala pada hai? Kya Shefali ab dekh payegi?
Lag to kuch aisa hi raha hai, lekin sach jaan ne ke liye aaj ke update ka wait karna padega sarkaar
In sabke doshi aap hi ho
#68.
उधर अल्बर्ट सबको समझा रहा था- “शायद शैफाली के पास छठी इंद्रिय है।"
“छठी इंद्रिय!" ब्रैंडन ने आश्चर्य से पूछा- “पर प्रोफेसर, इंद्रियां तो पांच ही होती है। ये छठी इंद्रिय क्या है?"
“कभी-कभी हमें किसी बुरी घटना के होने के पहले ही कुछ बुरा अहसास होने लगता है या फ़िर किसी अच्छी घटना घटने के पहले ही खुशी का अहसास होने लगता है। वैज्ञानिको का मानना है कि यह सब छठी इंद्रिय के कारण होता है।"
अल्बर्ट ने कहा- “यह छठी इंद्रिय सभी इंसान में और जानवरों में होती है, पर इंसान बहुत कम मात्रा में इसका प्रयोग कर पाता है। हो सकता है कि यही छठी इंद्रिय शैफाली में ज्यादा मात्रा में हो और इसी वजह से वह भविष्य देख लेती हो।"
“शायद आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने भी अल्बर्ट की बात पर अपनी सहमित जताते हुए कहा- “मैंने सुना है कि पुराने समय में युद्ध होने के काफ़ी दिन पहले ही गिद्ध उस मैदान में जाकर बैठ जाते थे जहां युद्ध होने वाला होता था। उन्हें पता था कि युद्ध के बाद लाशें गिरेंगी और उन्हें वहां खाने को मिलेगा।"
अभी ये आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी इन्हें अचानक किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी-
“ऊवां .... ऊवांऽऽऽऽ।"
“ये तो किसी बच्चे के रोने की आवाज है।" क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।
“बच्चा! और वह भी इस जंगल में?" सुयश के स्वर में आश्चर्य और उलझन थी।
आवाज में बहुत दर्द भरा था। सभी पूरी तरह से चोकन्ना होकर इस आवाज को सुनने की कोशिश करने लगे।
अचानक सुयश को अपने ग्रुप का ख्याल आया।
सुयश ने ध्यान से एक नजर सब पर डाली और जोर से चीख उठा- “शैफाली....शैफाली कहां है?"
तुरंत सबकी निगाहें अपने आसपास घूम गई। लेकिन ऊंचे-ऊंचे वृक्षो और घने जंगल के सिवा उन्हें अपने आसपास कुछ ना दिखायी दिया।
“अभी-अभी तो वह मेरे साथ थी। इतनी जल्दी कहां जा सकती है?"
जेनिथ ने आसपास निगाह मारते हुए कहा-
“कहीं कोई जंगली जानवर.... नहीं ...नहीं....जानवर बिना आवाज किये उसे नहीं ले जा सकता। तो फ़िर..... तो फ़िर कहां गयी शैफाली?"
“शैफालीऽऽऽऽ .....शैफालीऽऽऽऽ!" तौफीक ने मुंह के दोनों साइड अपने हाथ लगाकर जोर से आवाज दी।
लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। केवल तौफीक की आवाज घने जंगल में घूमकर प्रतिध्वनि उत्पन्न करती रही।
अल्बर्ट भी अपने गले में टंगी सीटी को जोर-जोर से बजाने लगा। सभी लोग अलग-अलग होकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करने लगे।
“खबरदार! कोई भी ग्रुप से बाहर नहीं जायेगा" सुयश ने चीखकर सबको खबरदार किया-
“सभी लोग एक साथ रहकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करेंगे, क्यों कि एक साथ रहकर तो हम हर मुसीबत का सामना कर सकते है, पर अकेले रहकर कुछ नही कर सकते। इसिलये हम सभी को एक साथ रहना होगा।"
“कैप्टन, हम उस बच्चे के रोने की आवाज को भूल रहे है। जिसको सुनकर हमें शैफाली का ध्यान आया था।" ब्रैंडन ने कुछ याद दिलाते हुए कहा।
“लेकिन इतने भयानक जंगल में कोई बच्चा कहां से आ सकता है?" एलेक्स ने कहा- “अवस्य ही यह कोई मायाजाल है? दोस्तो हमें सावधान रहना होगा।"
“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।"
तभी रोने की आवाज पुनः सुनाई दी। इस बार आवाज थोड़ा स्पस्ट थी।
“इधर से .... इधर से आयी है वह आवाज।" अल्बर्ट ने एक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा।
“कहीं यह शैफाली की आवाज तो नहीं?" जैक ने अपने होंठ पर जुबान फिराते हुए कहा।
“नहीं ये शैफाली की आवाज नहीं है।“ एलेक्स बोला- “यह किसी छोटे बच्चे की आवाज है।"
“क्या हमें आवाज की दिशा में चलना चाहिए?" जॉनी ने डरते-डरते कहा।
पर सुयश ने जॉनी की बात पर ना ध्यान देते हुए, इस बार ब्रूनो को इशारा किया। ब्रूनो सुयश का इशारा समझ कर तेजी से आवाज की दिशा में भागा।
सभी लोग ब्रूनो के पीछे-पीछे भागे। थोड़ा आगे बढ़ते ही इन्हें पुनः वही आवाज सुनाई दी।
“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।" इस बार आवाज बिल्कुल साफ थी।
आवाज को सुन सभी के कदमों में तेजी आ गयी। थोड़ा आगे बढ़ते ही उन्हें एक अजीब सा नजारा दिखाई दिया।
वह रोने की आवाज सामने लगे एक झाड़ीनुमा पेड़ से आ रही थी और शैफाली धीरे-धीरे बिल्कुल सम्मोहित अवस्था में उन झड़ियों की ओर बढ़ रही थी।
उस झाड़ीनुमा पेड़ पर सितारे की आकृति लिये कुछ पीले रंग के रसीले फल लगे दिखाई दे रहे थे।
अब शैफाली पेड़ से लगभग 10 कदम दूर रह गयी थी। बाकी सभी लोगो की दूरी शैफाली से बहुत ज़्यादा थी।
“शैफालीऽऽऽऽ ... शैफालीऽऽऽऽ रुक जाओ।" अल्बर्ट शैफाली को पेड़ की तरफ बढ़ते देख जोर से चिल्लाया- “वहां पर खतरा है....रुक जाओ।“
मगर शैफाली ने जैसे अल्बर्ट की बात सुनी ही ना हो। वह निरंतर पेड़ की ओर बढ़ रही थी।
पेड़ की दूरी अब शैफाली से बामुश्किल 4 कदम ही बची थी। कोई भी इतने कम समय में शैफाली को दौड़कर नही पकड़ सकता था।
अब उसे कोई रोक सकता था तो वह था केवल ब्रूनो।
“ब्रूनो... रोको शैफाली को।" सुयश ने ब्रूनो को शैफाली की ओर इशारा करते हुए उसे रोकने को कहा।
इशारा समझ कर ब्रूनो बहुत तेजी से शैफाली की ओर भागा। कुछ ही सेकंड में वह शैफाली के पास था।
ब्रूनो ने एक नजर गौर से शैफाली को देखा और फ़िर उस पेड़ को देखने लगा, जिसमें से अभी भी रोने की आवाज आ रही थी।
“ब्रूनो... स्टोप शैफाली।" ब्रेंडन ब्रूनो को रुकते देख चिल्ला उठा।
लेकिन ब्रूनो ने एक बार फ़िर शैफाली को देखा और फ़िर उसे रोकने की बजाय ‘कूं-कूं’ करता हुआ वही घास पर ऐसे पसर कर बैठ गया, जैसे उसे शैफाली से कोई लेना-देना ही ना हो।
“यह ब्रूनो शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम क्यों करने लगा?" अल्बर्ट के स्वर उलझे-उलझे थे।
तब तक शैफाली उस झाड़ीनुमा पेड़ तक पहुंच गयी। पेड़ से निकलती वह रोती आवाज तेज होती जा रही थी।
अब शैफाली तक कोई नहीं पहुंच सकता था।
तभी अचानक उस झाड़ीनुमा पेड़ ने अपनी झाड़ियो को इस प्रकार आगे बढ़ाया जैसे वह झाड़ी नहीं उसके हाथ हैं और शैफाली को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।
शैफाली उन झाड़ियो में उलझकर रह गयी।
“यह तो कोई आदमखोर पेड़ लग रहा है?" सुयश ने धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए कहा- “पर इससे निकलती यह आवाज बड़ी अजीब सी है।"
तब तक सभी भागते हुए पेड़ तक पहुंच गये।
“खबरदार!" सुयश ने सभी को सावधान करते हुए कहा- “कोई पेड़ के पास नहीं जायेगा। यह आदमखोर खून चूसने वाला पेड़ भी हो सकता है। जो भी इसके पास जायेगा, वो शैफाली को बचाने के बजाय स्वयं भी उस खूनी पेड़ का शिकार भी बन सकता है। इसिलये दूर से ही शैफाली को बचाने की तरकीब सोचो।"
वह पेड़ बड़ा ही आश्चर्यजनक था क्यों की शैफाली को पकड़ने के बाद, अब उसमें से रोने के बजाय हंसने की आवाज आने लगी थी।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी पसंद का खिलोना मिल गया हो और वह किलकारियां मारकर हंस रहा हो।
उस पेड़ की यह हंसी जंगल में गूंजकर एक अजीब सा खौफ पैदा कर रही थी।
तभी ब्रेंडन और तौफीक ने अपने हाथो में चाकू निकल लिया और वह धीरे-धीरे उस पेड़ की ओर बढ़ने लगे।
शैफाली अभी भी सम्मोहित मुद्रा में थी। उसे शायद इस समय किसी दर्द का अहसास भी नहीं हो रहा था।
इससे पहले कि ब्रेंडन और तौफीक उस पेड़ पर चाकू से हमला बोल पाते, अचानक उन झाड़ियो में एक अजीब सी हरकत हुई और उसमें लगे सितारे के आकार के पीले फल, विचित्र लताओँ के साथ हवा में झूमने लगे।
वातावरण में अब हंसने की आवाज के साथ एक अजीब सी भिनभीनाहट भी गूंजने लगी।
ब्रेंडन और तौफीक यह देखकर एक क्षण के लिए अपनी जगह पर रुक गये।
तभी उन विचित्र फलो में से 2 फल हवा में उठकर लाताओं सहित शैफाली की आँखो के पास पहंच गये और इससे पहले कि कोई और कुछ समझ पाता, वह फल एक अजीब सी ‘पिच्छ’ की आवाज के साथ हवा में स्वतः ही फट गये।
उन विचित्र फलो के फटने से उसमें से एक रस की धार निकली और शैफाली की आँख में पड़ गयी।
अब शैफाली अपनी आँखे तेजी से रगड़ते हुए दर्द से चीखने लगी- “मेरी आँखे.... मेरी आँखो में बहुत
तेज जलन हो रही है।"
शैफाली की चीख को सुन मानो पेड़ को उस पर दया आ गयी क्यों की अब उसकी गिरफ़्त बहुत ढीली हो गयी।
पेड़ की पकड़ ढीली होते ही शैफाली पेड़ के पास नीचे की ओर गिर गयी।
जारी रहेगा_______![]()
Very interesting update#68.
उधर अल्बर्ट सबको समझा रहा था- “शायद शैफाली के पास छठी इंद्रिय है।"
“छठी इंद्रिय!" ब्रैंडन ने आश्चर्य से पूछा- “पर प्रोफेसर, इंद्रियां तो पांच ही होती है। ये छठी इंद्रिय क्या है?"
“कभी-कभी हमें किसी बुरी घटना के होने के पहले ही कुछ बुरा अहसास होने लगता है या फ़िर किसी अच्छी घटना घटने के पहले ही खुशी का अहसास होने लगता है। वैज्ञानिको का मानना है कि यह सब छठी इंद्रिय के कारण होता है।"
अल्बर्ट ने कहा- “यह छठी इंद्रिय सभी इंसान में और जानवरों में होती है, पर इंसान बहुत कम मात्रा में इसका प्रयोग कर पाता है। हो सकता है कि यही छठी इंद्रिय शैफाली में ज्यादा मात्रा में हो और इसी वजह से वह भविष्य देख लेती हो।"
“शायद आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने भी अल्बर्ट की बात पर अपनी सहमित जताते हुए कहा- “मैंने सुना है कि पुराने समय में युद्ध होने के काफ़ी दिन पहले ही गिद्ध उस मैदान में जाकर बैठ जाते थे जहां युद्ध होने वाला होता था। उन्हें पता था कि युद्ध के बाद लाशें गिरेंगी और उन्हें वहां खाने को मिलेगा।"
अभी ये आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी इन्हें अचानक किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी-
“ऊवां .... ऊवांऽऽऽऽ।"
“ये तो किसी बच्चे के रोने की आवाज है।" क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।
“बच्चा! और वह भी इस जंगल में?" सुयश के स्वर में आश्चर्य और उलझन थी।
आवाज में बहुत दर्द भरा था। सभी पूरी तरह से चोकन्ना होकर इस आवाज को सुनने की कोशिश करने लगे।
अचानक सुयश को अपने ग्रुप का ख्याल आया।
सुयश ने ध्यान से एक नजर सब पर डाली और जोर से चीख उठा- “शैफाली....शैफाली कहां है?"
तुरंत सबकी निगाहें अपने आसपास घूम गई। लेकिन ऊंचे-ऊंचे वृक्षो और घने जंगल के सिवा उन्हें अपने आसपास कुछ ना दिखायी दिया।
“अभी-अभी तो वह मेरे साथ थी। इतनी जल्दी कहां जा सकती है?"
जेनिथ ने आसपास निगाह मारते हुए कहा-
“कहीं कोई जंगली जानवर.... नहीं ...नहीं....जानवर बिना आवाज किये उसे नहीं ले जा सकता। तो फ़िर..... तो फ़िर कहां गयी शैफाली?"
“शैफालीऽऽऽऽ .....शैफालीऽऽऽऽ!" तौफीक ने मुंह के दोनों साइड अपने हाथ लगाकर जोर से आवाज दी।
लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। केवल तौफीक की आवाज घने जंगल में घूमकर प्रतिध्वनि उत्पन्न करती रही।
अल्बर्ट भी अपने गले में टंगी सीटी को जोर-जोर से बजाने लगा। सभी लोग अलग-अलग होकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करने लगे।
“खबरदार! कोई भी ग्रुप से बाहर नहीं जायेगा" सुयश ने चीखकर सबको खबरदार किया-
“सभी लोग एक साथ रहकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करेंगे, क्यों कि एक साथ रहकर तो हम हर मुसीबत का सामना कर सकते है, पर अकेले रहकर कुछ नही कर सकते। इसिलये हम सभी को एक साथ रहना होगा।"
“कैप्टन, हम उस बच्चे के रोने की आवाज को भूल रहे है। जिसको सुनकर हमें शैफाली का ध्यान आया था।" ब्रैंडन ने कुछ याद दिलाते हुए कहा।
“लेकिन इतने भयानक जंगल में कोई बच्चा कहां से आ सकता है?" एलेक्स ने कहा- “अवस्य ही यह कोई मायाजाल है? दोस्तो हमें सावधान रहना होगा।"
“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।"
तभी रोने की आवाज पुनः सुनाई दी। इस बार आवाज थोड़ा स्पस्ट थी।
“इधर से .... इधर से आयी है वह आवाज।" अल्बर्ट ने एक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा।
“कहीं यह शैफाली की आवाज तो नहीं?" जैक ने अपने होंठ पर जुबान फिराते हुए कहा।
“नहीं ये शैफाली की आवाज नहीं है।“ एलेक्स बोला- “यह किसी छोटे बच्चे की आवाज है।"
“क्या हमें आवाज की दिशा में चलना चाहिए?" जॉनी ने डरते-डरते कहा।
पर सुयश ने जॉनी की बात पर ना ध्यान देते हुए, इस बार ब्रूनो को इशारा किया। ब्रूनो सुयश का इशारा समझ कर तेजी से आवाज की दिशा में भागा।
सभी लोग ब्रूनो के पीछे-पीछे भागे। थोड़ा आगे बढ़ते ही इन्हें पुनः वही आवाज सुनाई दी।
“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।" इस बार आवाज बिल्कुल साफ थी।
आवाज को सुन सभी के कदमों में तेजी आ गयी। थोड़ा आगे बढ़ते ही उन्हें एक अजीब सा नजारा दिखाई दिया।
वह रोने की आवाज सामने लगे एक झाड़ीनुमा पेड़ से आ रही थी और शैफाली धीरे-धीरे बिल्कुल सम्मोहित अवस्था में उन झड़ियों की ओर बढ़ रही थी।
उस झाड़ीनुमा पेड़ पर सितारे की आकृति लिये कुछ पीले रंग के रसीले फल लगे दिखाई दे रहे थे।
अब शैफाली पेड़ से लगभग 10 कदम दूर रह गयी थी। बाकी सभी लोगो की दूरी शैफाली से बहुत ज़्यादा थी।
“शैफालीऽऽऽऽ ... शैफालीऽऽऽऽ रुक जाओ।" अल्बर्ट शैफाली को पेड़ की तरफ बढ़ते देख जोर से चिल्लाया- “वहां पर खतरा है....रुक जाओ।“
मगर शैफाली ने जैसे अल्बर्ट की बात सुनी ही ना हो। वह निरंतर पेड़ की ओर बढ़ रही थी।
पेड़ की दूरी अब शैफाली से बामुश्किल 4 कदम ही बची थी। कोई भी इतने कम समय में शैफाली को दौड़कर नही पकड़ सकता था।
अब उसे कोई रोक सकता था तो वह था केवल ब्रूनो।
“ब्रूनो... रोको शैफाली को।" सुयश ने ब्रूनो को शैफाली की ओर इशारा करते हुए उसे रोकने को कहा।
इशारा समझ कर ब्रूनो बहुत तेजी से शैफाली की ओर भागा। कुछ ही सेकंड में वह शैफाली के पास था।
ब्रूनो ने एक नजर गौर से शैफाली को देखा और फ़िर उस पेड़ को देखने लगा, जिसमें से अभी भी रोने की आवाज आ रही थी।
“ब्रूनो... स्टोप शैफाली।" ब्रेंडन ब्रूनो को रुकते देख चिल्ला उठा।
लेकिन ब्रूनो ने एक बार फ़िर शैफाली को देखा और फ़िर उसे रोकने की बजाय ‘कूं-कूं’ करता हुआ वही घास पर ऐसे पसर कर बैठ गया, जैसे उसे शैफाली से कोई लेना-देना ही ना हो।
“यह ब्रूनो शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम क्यों करने लगा?" अल्बर्ट के स्वर उलझे-उलझे थे।
तब तक शैफाली उस झाड़ीनुमा पेड़ तक पहुंच गयी। पेड़ से निकलती वह रोती आवाज तेज होती जा रही थी।
अब शैफाली तक कोई नहीं पहुंच सकता था।
तभी अचानक उस झाड़ीनुमा पेड़ ने अपनी झाड़ियो को इस प्रकार आगे बढ़ाया जैसे वह झाड़ी नहीं उसके हाथ हैं और शैफाली को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।
शैफाली उन झाड़ियो में उलझकर रह गयी।
“यह तो कोई आदमखोर पेड़ लग रहा है?" सुयश ने धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए कहा- “पर इससे निकलती यह आवाज बड़ी अजीब सी है।"
तब तक सभी भागते हुए पेड़ तक पहुंच गये।
“खबरदार!" सुयश ने सभी को सावधान करते हुए कहा- “कोई पेड़ के पास नहीं जायेगा। यह आदमखोर खून चूसने वाला पेड़ भी हो सकता है। जो भी इसके पास जायेगा, वो शैफाली को बचाने के बजाय स्वयं भी उस खूनी पेड़ का शिकार भी बन सकता है। इसिलये दूर से ही शैफाली को बचाने की तरकीब सोचो।"
वह पेड़ बड़ा ही आश्चर्यजनक था क्यों की शैफाली को पकड़ने के बाद, अब उसमें से रोने के बजाय हंसने की आवाज आने लगी थी।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी पसंद का खिलोना मिल गया हो और वह किलकारियां मारकर हंस रहा हो।
उस पेड़ की यह हंसी जंगल में गूंजकर एक अजीब सा खौफ पैदा कर रही थी।
तभी ब्रेंडन और तौफीक ने अपने हाथो में चाकू निकल लिया और वह धीरे-धीरे उस पेड़ की ओर बढ़ने लगे।
शैफाली अभी भी सम्मोहित मुद्रा में थी। उसे शायद इस समय किसी दर्द का अहसास भी नहीं हो रहा था।
इससे पहले कि ब्रेंडन और तौफीक उस पेड़ पर चाकू से हमला बोल पाते, अचानक उन झाड़ियो में एक अजीब सी हरकत हुई और उसमें लगे सितारे के आकार के पीले फल, विचित्र लताओँ के साथ हवा में झूमने लगे।
वातावरण में अब हंसने की आवाज के साथ एक अजीब सी भिनभीनाहट भी गूंजने लगी।
ब्रेंडन और तौफीक यह देखकर एक क्षण के लिए अपनी जगह पर रुक गये।
तभी उन विचित्र फलो में से 2 फल हवा में उठकर लाताओं सहित शैफाली की आँखो के पास पहंच गये और इससे पहले कि कोई और कुछ समझ पाता, वह फल एक अजीब सी ‘पिच्छ’ की आवाज के साथ हवा में स्वतः ही फट गये।
उन विचित्र फलो के फटने से उसमें से एक रस की धार निकली और शैफाली की आँख में पड़ गयी।
अब शैफाली अपनी आँखे तेजी से रगड़ते हुए दर्द से चीखने लगी- “मेरी आँखे.... मेरी आँखो में बहुत
तेज जलन हो रही है।"
शैफाली की चीख को सुन मानो पेड़ को उस पर दया आ गयी क्यों की अब उसकी गिरफ़्त बहुत ढीली हो गयी।
पेड़ की पकड़ ढीली होते ही शैफाली पेड़ के पास नीचे की ओर गिर गयी।
जारी रहेगा_______![]()
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....#68.
उधर अल्बर्ट सबको समझा रहा था- “शायद शैफाली के पास छठी इंद्रिय है।"
“छठी इंद्रिय!" ब्रैंडन ने आश्चर्य से पूछा- “पर प्रोफेसर, इंद्रियां तो पांच ही होती है। ये छठी इंद्रिय क्या है?"
“कभी-कभी हमें किसी बुरी घटना के होने के पहले ही कुछ बुरा अहसास होने लगता है या फ़िर किसी अच्छी घटना घटने के पहले ही खुशी का अहसास होने लगता है। वैज्ञानिको का मानना है कि यह सब छठी इंद्रिय के कारण होता है।"
अल्बर्ट ने कहा- “यह छठी इंद्रिय सभी इंसान में और जानवरों में होती है, पर इंसान बहुत कम मात्रा में इसका प्रयोग कर पाता है। हो सकता है कि यही छठी इंद्रिय शैफाली में ज्यादा मात्रा में हो और इसी वजह से वह भविष्य देख लेती हो।"
“शायद आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने भी अल्बर्ट की बात पर अपनी सहमित जताते हुए कहा- “मैंने सुना है कि पुराने समय में युद्ध होने के काफ़ी दिन पहले ही गिद्ध उस मैदान में जाकर बैठ जाते थे जहां युद्ध होने वाला होता था। उन्हें पता था कि युद्ध के बाद लाशें गिरेंगी और उन्हें वहां खाने को मिलेगा।"
अभी ये आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी इन्हें अचानक किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी-
“ऊवां .... ऊवांऽऽऽऽ।"
“ये तो किसी बच्चे के रोने की आवाज है।" क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।
“बच्चा! और वह भी इस जंगल में?" सुयश के स्वर में आश्चर्य और उलझन थी।
आवाज में बहुत दर्द भरा था। सभी पूरी तरह से चोकन्ना होकर इस आवाज को सुनने की कोशिश करने लगे।
अचानक सुयश को अपने ग्रुप का ख्याल आया।
सुयश ने ध्यान से एक नजर सब पर डाली और जोर से चीख उठा- “शैफाली....शैफाली कहां है?"
तुरंत सबकी निगाहें अपने आसपास घूम गई। लेकिन ऊंचे-ऊंचे वृक्षो और घने जंगल के सिवा उन्हें अपने आसपास कुछ ना दिखायी दिया।
“अभी-अभी तो वह मेरे साथ थी। इतनी जल्दी कहां जा सकती है?"
जेनिथ ने आसपास निगाह मारते हुए कहा-
“कहीं कोई जंगली जानवर.... नहीं ...नहीं....जानवर बिना आवाज किये उसे नहीं ले जा सकता। तो फ़िर..... तो फ़िर कहां गयी शैफाली?"
“शैफालीऽऽऽऽ .....शैफालीऽऽऽऽ!" तौफीक ने मुंह के दोनों साइड अपने हाथ लगाकर जोर से आवाज दी।
लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। केवल तौफीक की आवाज घने जंगल में घूमकर प्रतिध्वनि उत्पन्न करती रही।
अल्बर्ट भी अपने गले में टंगी सीटी को जोर-जोर से बजाने लगा। सभी लोग अलग-अलग होकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करने लगे।
“खबरदार! कोई भी ग्रुप से बाहर नहीं जायेगा" सुयश ने चीखकर सबको खबरदार किया-
“सभी लोग एक साथ रहकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करेंगे, क्यों कि एक साथ रहकर तो हम हर मुसीबत का सामना कर सकते है, पर अकेले रहकर कुछ नही कर सकते। इसिलये हम सभी को एक साथ रहना होगा।"
“कैप्टन, हम उस बच्चे के रोने की आवाज को भूल रहे है। जिसको सुनकर हमें शैफाली का ध्यान आया था।" ब्रैंडन ने कुछ याद दिलाते हुए कहा।
“लेकिन इतने भयानक जंगल में कोई बच्चा कहां से आ सकता है?" एलेक्स ने कहा- “अवस्य ही यह कोई मायाजाल है? दोस्तो हमें सावधान रहना होगा।"
“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।"
तभी रोने की आवाज पुनः सुनाई दी। इस बार आवाज थोड़ा स्पस्ट थी।
“इधर से .... इधर से आयी है वह आवाज।" अल्बर्ट ने एक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा।
“कहीं यह शैफाली की आवाज तो नहीं?" जैक ने अपने होंठ पर जुबान फिराते हुए कहा।
“नहीं ये शैफाली की आवाज नहीं है।“ एलेक्स बोला- “यह किसी छोटे बच्चे की आवाज है।"
“क्या हमें आवाज की दिशा में चलना चाहिए?" जॉनी ने डरते-डरते कहा।
पर सुयश ने जॉनी की बात पर ना ध्यान देते हुए, इस बार ब्रूनो को इशारा किया। ब्रूनो सुयश का इशारा समझ कर तेजी से आवाज की दिशा में भागा।
सभी लोग ब्रूनो के पीछे-पीछे भागे। थोड़ा आगे बढ़ते ही इन्हें पुनः वही आवाज सुनाई दी।
“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।" इस बार आवाज बिल्कुल साफ थी।
आवाज को सुन सभी के कदमों में तेजी आ गयी। थोड़ा आगे बढ़ते ही उन्हें एक अजीब सा नजारा दिखाई दिया।
वह रोने की आवाज सामने लगे एक झाड़ीनुमा पेड़ से आ रही थी और शैफाली धीरे-धीरे बिल्कुल सम्मोहित अवस्था में उन झड़ियों की ओर बढ़ रही थी।
उस झाड़ीनुमा पेड़ पर सितारे की आकृति लिये कुछ पीले रंग के रसीले फल लगे दिखाई दे रहे थे।
अब शैफाली पेड़ से लगभग 10 कदम दूर रह गयी थी। बाकी सभी लोगो की दूरी शैफाली से बहुत ज़्यादा थी।
“शैफालीऽऽऽऽ ... शैफालीऽऽऽऽ रुक जाओ।" अल्बर्ट शैफाली को पेड़ की तरफ बढ़ते देख जोर से चिल्लाया- “वहां पर खतरा है....रुक जाओ।“
मगर शैफाली ने जैसे अल्बर्ट की बात सुनी ही ना हो। वह निरंतर पेड़ की ओर बढ़ रही थी।
पेड़ की दूरी अब शैफाली से बामुश्किल 4 कदम ही बची थी। कोई भी इतने कम समय में शैफाली को दौड़कर नही पकड़ सकता था।
अब उसे कोई रोक सकता था तो वह था केवल ब्रूनो।
“ब्रूनो... रोको शैफाली को।" सुयश ने ब्रूनो को शैफाली की ओर इशारा करते हुए उसे रोकने को कहा।
इशारा समझ कर ब्रूनो बहुत तेजी से शैफाली की ओर भागा। कुछ ही सेकंड में वह शैफाली के पास था।
ब्रूनो ने एक नजर गौर से शैफाली को देखा और फ़िर उस पेड़ को देखने लगा, जिसमें से अभी भी रोने की आवाज आ रही थी।
“ब्रूनो... स्टोप शैफाली।" ब्रेंडन ब्रूनो को रुकते देख चिल्ला उठा।
लेकिन ब्रूनो ने एक बार फ़िर शैफाली को देखा और फ़िर उसे रोकने की बजाय ‘कूं-कूं’ करता हुआ वही घास पर ऐसे पसर कर बैठ गया, जैसे उसे शैफाली से कोई लेना-देना ही ना हो।
“यह ब्रूनो शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम क्यों करने लगा?" अल्बर्ट के स्वर उलझे-उलझे थे।
तब तक शैफाली उस झाड़ीनुमा पेड़ तक पहुंच गयी। पेड़ से निकलती वह रोती आवाज तेज होती जा रही थी।
अब शैफाली तक कोई नहीं पहुंच सकता था।
तभी अचानक उस झाड़ीनुमा पेड़ ने अपनी झाड़ियो को इस प्रकार आगे बढ़ाया जैसे वह झाड़ी नहीं उसके हाथ हैं और शैफाली को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।
शैफाली उन झाड़ियो में उलझकर रह गयी।
“यह तो कोई आदमखोर पेड़ लग रहा है?" सुयश ने धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए कहा- “पर इससे निकलती यह आवाज बड़ी अजीब सी है।"
तब तक सभी भागते हुए पेड़ तक पहुंच गये।
“खबरदार!" सुयश ने सभी को सावधान करते हुए कहा- “कोई पेड़ के पास नहीं जायेगा। यह आदमखोर खून चूसने वाला पेड़ भी हो सकता है। जो भी इसके पास जायेगा, वो शैफाली को बचाने के बजाय स्वयं भी उस खूनी पेड़ का शिकार भी बन सकता है। इसिलये दूर से ही शैफाली को बचाने की तरकीब सोचो।"
वह पेड़ बड़ा ही आश्चर्यजनक था क्यों की शैफाली को पकड़ने के बाद, अब उसमें से रोने के बजाय हंसने की आवाज आने लगी थी।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी पसंद का खिलोना मिल गया हो और वह किलकारियां मारकर हंस रहा हो।
उस पेड़ की यह हंसी जंगल में गूंजकर एक अजीब सा खौफ पैदा कर रही थी।
तभी ब्रेंडन और तौफीक ने अपने हाथो में चाकू निकल लिया और वह धीरे-धीरे उस पेड़ की ओर बढ़ने लगे।
शैफाली अभी भी सम्मोहित मुद्रा में थी। उसे शायद इस समय किसी दर्द का अहसास भी नहीं हो रहा था।
इससे पहले कि ब्रेंडन और तौफीक उस पेड़ पर चाकू से हमला बोल पाते, अचानक उन झाड़ियो में एक अजीब सी हरकत हुई और उसमें लगे सितारे के आकार के पीले फल, विचित्र लताओँ के साथ हवा में झूमने लगे।
वातावरण में अब हंसने की आवाज के साथ एक अजीब सी भिनभीनाहट भी गूंजने लगी।
ब्रेंडन और तौफीक यह देखकर एक क्षण के लिए अपनी जगह पर रुक गये।
तभी उन विचित्र फलो में से 2 फल हवा में उठकर लाताओं सहित शैफाली की आँखो के पास पहंच गये और इससे पहले कि कोई और कुछ समझ पाता, वह फल एक अजीब सी ‘पिच्छ’ की आवाज के साथ हवा में स्वतः ही फट गये।
उन विचित्र फलो के फटने से उसमें से एक रस की धार निकली और शैफाली की आँख में पड़ गयी।
अब शैफाली अपनी आँखे तेजी से रगड़ते हुए दर्द से चीखने लगी- “मेरी आँखे.... मेरी आँखो में बहुत
तेज जलन हो रही है।"
शैफाली की चीख को सुन मानो पेड़ को उस पर दया आ गयी क्यों की अब उसकी गिरफ़्त बहुत ढीली हो गयी।
पेड़ की पकड़ ढीली होते ही शैफाली पेड़ के पास नीचे की ओर गिर गयी।
जारी रहेगा_______![]()
Samajhdaar ho bhaiBahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,
Ab samjha me NAYANTARA ka matlab...............
Is ped ne hi shaifali ko apni aur attract kiya he...................
Aur iske falo ke ras se shaifali ki aankho ki roshni wapis aa jayegi................tabhi shaifali NAYANTARA bolkar is taraf chal padi thi.......
Keep rocking Bro
, ye nayan taara ka matlab hi yahi hai
Jadi hi hamari Shefaali dekhne lagegi, sath bane rahiye, Thank you very much for your valuable review and support bhai 