• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,873
67,058
304
Bahut hi adbhut update tha bhai
Shayad inhone tilism ki ek pariksha mei safal ho gye h
thank you so much for your valuable review bhai :thanx: waise aap ho kidhar? Beech beech me gayab ho jaate ho:D
Tilism to abhi shuru hi nahi hua, ye bas uske pahle ke padaav hain:shhhh:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,873
67,058
304

Napster

Well-Known Member
6,238
16,389
188
#117.

कालसर्प विषाका:
(3 दिन पहले........09 जनवरी 2002, बुधवार, 16:10, मायावन)

जंगल में पक्षियों का कलरव गूंज रहा था। ठण्डी-ठण्डी हवाओं के झोंको से ऐलेक्स की आँख खुल गयी।

ऐलेक्स ने धीरे से उठकर चारो ओर नजर मारी। उसके आसपास कोई भी नहीं था।

तभी उसे याद आया कि किसी इंसान ने हाथों से निकलते हरे रंग के धुंए को सूंघकर वह बेहोश हो गया था।

“कौन था वह आदमी ? उसने मुझे क्यों बेहोश किया...और...और कैप्टेन सहित सारे लोग मुझे बिना साथ लिये क्यों चले गये?”

परंतु थोड़ी देर तक सोचने के बाद भी जब ऐलेक्स को अपने सवालों का जवाब नहीं मिला, तो वह अपने कपड़ों को झाड़कर, अंदाज से ही जंगल में एक ओर बढ़ गया।

अकेले होने की वजह से ऐलेक्स को अब थोड़ा डर लग रहा था। उसके पास ना तो खाने-पीने की कोई चीज थी और ना ही अपने बचाव के लिये कोई हथियार। अब तो बस जंगल का सहारा ही बचा था।

ऐलेक्स अभी कुछ आगे ही बढ़ा था कि तभी उसे एक पेड़ के पास कोई लड़की का साया दिखाई दिया।
ऐलेक्स यह देख तुरंत एक पेड़ की ओट में छिप गया।

ऐलेक्स ने धीरे से किसी चोर की तरह पेड़ की ओट से झांककर उस साये को देखा।

वह साया अब उजाले में आ गया था। उस साये पर नजर पड़ते ही ऐलेक्स के होश उड़ गये।

“बाप रे....यह तो मेडूसा है। ग्रीक कहानियों की पात्र, जिसकी आँख में देखते ही इंसान पत्थर का बन जाता है....यह...यह इस जंगल में क्या कर रही है...मुझे तो लगता था कि ग्रीक कहानियों के सभी पात्र झूठे थे...पर ...पर इसे देखने के बाद ....देखने से याद आया मुझे इसकी आँखों में नहीं देखना है, नहीं तो मैं भी पत्थर का बन जाऊंगा।”

ऐलेक्स मन ही मन बड़बड़ाते पूरी तरह से भयभीत हो गया। जब थोड़ी देर तक कुछ नहीं घटा, तो ऐलेक्स ने धीरे से अपनी आँखें खोलकर चारो ओर देखा।

मेडूसा का कहीं भी पता नहीं था। यह देख ऐलेक्स ने राहत की साँस ली।

“लगता है कहीं चली गयी?....पर मैंने तो कहानियों में सुना था कि मेडूसा को पर्सियस ने मार दिया था, फिर ये जिंदा कैसे है?... क्या ये भी किसी मायाजाल का हिस्सा है?.... पर ये उस पेड़ के पास क्या कर रही
थी?”

ऐलेक्स के दिमाग में अजीब-अजीब से ख्याल आ रहे थे।

थोड़ी देर तक ऐलेक्स अपनी जगह पर खड़ा रहा, फिर कुछ सोच वह उस पेड़ की ओर बढ़ा, जिसके पास से उसने मेडूसा को निकलते हुए देखा था।

उस पेड़ के पास पहुंचकर ऐलेक्स ने घूरकर देखा, उसे उस पेड़ में बड़ा सा कोटर दिखाई दिया।

ऐलेक्स ने उस कोटर में झांककर देखा, पर अंदर अंधेरा होने की वजह से उसे कुछ दिखाई नहीं दिया।

कुछ सोच ऐलेक्स धीरे से उस कोटर में दाखिल हो गया। वह कोटर अंदर से काफी बड़ा था, ऐलेक्स उसमें खड़ा भी हो सकता था।

ऐलेक्स धीरे-धीरे टटोलकर आगे की ओर बढ़ने लगा।

कुछ आगे जाने पर उसे काफी दूर एक हल्की सी नीले रंग की रोशनी दिखाई दी। ऐलेक्स उस रोशनी की दिशा में आगे बढ़ने लगा।

एक छोटे से पेड़ में इतनी बड़ी सुरंग के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। थोड़ा आगे बढ़ने पर रास्ता ऊपर की ओर से संकरा होने लगा, यह देख ऐलेक्स अब झुककर चलने लगा।

उस संकरे रास्ते में भी पर्याप्त ऑक्सीजन थी, इसलिये ऐलेक्स को साँस लेने में किसी प्रकार की कोई भी तकलीफ नहीं हो रही थी।

बैठकर चलते-चलते ऐलेक्स, कुछ ही देर में उस रोशनी के स्थान पर पहुंच गया।

वहां पर जमीन में एक 4 फुट व्यास का गड्ढा था, रोशनी उसी गड्ढे से आ रही थी।

ऐलेक्स ने रोशनी के स्रोत का पता लगाने के लिये उस गड्ढे में झांककर देखा। गड्ढे में झांकते ही ऐलेक्स का पैर फिसल गया और वह 20 फुट गहरे उस गड्ढे में गिर पड़ा।

गड्ढे में गिरने के बाद भी ऐलेक्स को चोट नहीं लगी, क्यों कि उसका शरीर किसी गुलगुली चीज पर गिरा था।

वह एक बड़ा सा तहखाना था। तहखाना रोशनी से भरा था,शइसलिये ऐलेक्स को देखने में जरा भी मुश्किल नहीं हुई कि वह किस चीज पर गिरा है? पर उस चीज पर नजर पड़ते ही ऐलेक्स की धड़कन बिल्कुल रुक सी गयी, वह एक तीन सिर वाला विशालकाय काला सर्प था, जो कि उस तहखाने में सो रहा था।

ऐलेक्स हड़बड़ा कर उस सर्प से दूर हो गया। भला यही था ऐलेक्स के गिरने के बावजूद भी, वह सर्प नींद से नहीं जागा था।

ऐलेक्स ने तुरंत अपने बचने के लिये तहखाने में चारो ओर नजरें डाली, तहखाने में एक भी दरवाजा नहीं था।

ऐलेक्स यह देख और भी डर गया।

“हे भगवान...यह मैं कहां फंस गया? इस तहखाने में तो निकलने का एक मात्र वहीं रास्ता है, जिससे मैं यहां नीचे गिरा था, पर वह तो 20 फुट की ऊंचाई पर है...और इस तहखाने में कोई भी ऐसी चीज नहीं है? जिस पर खड़ा हो कर मैं उतनी ऊंचाई तक पहुंच सकूं....और ऊपर से यह काला साँप?....अगर यह उठ गया तो मुझे मरने से कोई भी नहीं बचा सकता। हे ईश्वर बचाले इस मुसीबत से।”

ऐलेक्स काफी देर तक डरा-डरा तहखाने के दूसरे किनारे पर बैठा रहा। पर जब काफी देर हो गया तो ऐलेक्स का डर थोड़ा सा कम हुआ।

अब उसने पूरे तहखाने पर नजर मारना शुरु कर दिया। पूरा तहखाना दो भागों में बंटा था।

तहखाने के बीचो बीच एक लाल रंग की रेखा खिंची हुई थी। उस रेखा के एक ओर वह सर्प सो रहा था और दूसरी ओर कुछ सामान रखा था।

ऐलेक्स अब उस समान के पास पहुंचकर उन्हें देखने लगा।

वहां मौजूद सामान में एक बीन थी, एक काँच की बोतल थी, जिसमें सुनहरे रंग का धुंआ भरा था। बीच-बीच में उस धुंए में लाइट स्पार्क हो रही थी।

बोतल को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे बोतल में बादल कैद हैं और उन बादलों में बीच-बीच में बिजली सी चमक रही है।

बोतल के पास एक काँच का पारदर्शी घड़ा रखा था, जिसका मुंह छोटा था और उस काँच के घड़े में एक कंचे के आकार की, नीले रंग की हीरे सी चमचमाती एक मणि रखी थी।

उसी मणि का प्रकाश तहखाने में चारो ओर बिखरा हुआ था।

“क्या मुझे यहां रखे इन सामान को छूना चाहिये?” ऐलेक्स के दिमाग की घंटी बज रही थी- “कहीं ऐसा ना हो कि किसी सामान को छूते ही यह तीन सिर वाला साँप जाग जाये?.. ...नहीं...नहीं मुझे यहां रखी किसी
चीज को भी नहीं छूना।”

ऐलेक्स यह सोच चुपचाप बैठ गया, पर जब 2 घंटे बीत गये तो ऐलेक्स फिर से खड़ा हुआ और उस काँच के मटके में हाथ डालकर उस मणि को निकाल लिया।

ऐलेक्स ने मणि को उलट-पलट कर देखा और फिर से वापस उसी घड़े में रख दिया।

अब ऐलेक्स ने उस काँच की बोतल को उठा कर देखा। उस बोतल के ऊपर एक कार्क का ढक्कन लगा था।

ऐलेक्स ने ढक्कन को खोलने की बहुत कोशिश की, पर वह ढक्कन ऐलेक्स से ना खुला।

आखिरकार ऐलेक्स ने बोतल को रख अब बीन उठा ली। ऐलेक्स उस बीन को कुछ देर तक देखता रहा और फिर उसने बीन को बजाना शुरु कर दिया।

ऐलेक्स के द्वारा बीन के बजाते ही वह तीन मुंह वाला सर्प जाग गया।

यह देख ऐलेक्स ने डरकर बीन को एक ओर फेंक दिया और वापस डरता हुआ तहखाने के दूसरे किनारे पर बैठकर उस साँप को देखने लगा।

जागते ही उस साँप ने एक जोर की फुंफकार मारी और अपने तीनों सिर से ऐलेक्स को घूरकर देखने लगा।

ऐलेक्स उसे साँप को अपनी ओर देखते पाकर और भी ज्यादा डर गया।

तभी उस साँप का बीच वाला सिर बोल उठा- “तुम कौन हो मानव? क्या तुमने ही मुझे इस नींद से जगाया है?”

साँप को बोलता देख ऐलेक्स की घबराहट थोड़ी सी कम हो गयी।

“म...म....मैं तो उस बीन को देख रहा था...वह तो मुझसे गलती से बज गयी...मेरा तुमको उठाने का कोई इरादा नहीं था।” ऐलेक्स ने घबराते हुए कहा।

“घबराओ नहीं मानव...मैं तुमको कोई हानि नहीं पहुंचाऊंगा।” साँप बोला- “तुमने तो मुझे जगा कर मेरी मदद ही की है।”

“मदद!....कैसी मदद।” ऐलेक्स उस सर्प के शब्द को सुनकर अब थोड़ा बेहतर दिखने लगा।

“मेरा नाम विषाका है, मुझे एक विषकन्या ने हजारों सालों से इस स्थान पर कैद करके रखा है, उस विषकन्या ने मेरी सारी शक्तियों को उस बोतल में बंद कर दिया है और मेरी मणि भी छीनकर उस घड़े में रखी है।

मैं एक अच्छा नाग हूं, मैंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।” विषाका ने कहा- “हे मनुष्य क्या तुम मेरी मणि को उस घड़े से निकालकर मुझे दे सकते हो ?”

“तुम स्वयं क्यों नहीं ले लेते उस मणि को ?” ऐलेक्स ने शंकित स्वर
में कहा- “अब तो तुम जाग गये हो।”

“मैं अपनी मणि और शक्तियों के बिना इस लाल रेखा को नहीं पार कर सकता।” विषाका ने कहा- “इसी लिये मैं तुमसे उसे देने को कह रहा हूं। मुझे पता है तुम अच्छे इंसान हो, तुम मुझे मणि और वह बोतल अवश्य दोगे।”

“थैंक गॉड कि यह सर्प तहखाने के इस तरफ नहीं आ सकता।” ऐलेक्स ने मन में ही ईश्वर को धन्यवाद किया- “पर पता नहीं यह सर्प सही बोल रहा है या फिर झूठ बोल रहा है?...कहीं ऐसा ना हो कि मैं जैसे ही
इसे यह दोनों वस्तुएं दूं, यह मुझे ही मार दे।”

ऐलेक्स को सोचता देख विषाका ने फिर आग्रह किया- “ज्यादा मत सोचो मानव, मैं कभी झूठ नहीं बोलता, इससे पहले कि वह विषकन्या वापस लौटे, मुझे वह दोनों चीजें दे दो। मैं यहां से आजाद होते ही तुम्हें भी यहां से निकाल दूंगा। अगर वह विषकन्या वापस आयी तो वह तुम्हें पत्थर का बना देगी, फिर तुम कभी भी यहां से निकल नहीं पाओगे।”

ऐलेक्स को वह सर्प सही बोलता दिख रहा था, पर फिर भी जाने क्यों उसकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी, उस सर्प को दोनों वस्तुएं देने की। ऐलेक्स के लिये यह स्थिति असमंजस से भरी थी।

विषाका बार-बार ऐलेक्स से निवेदन कर रहा था, मगर विषाका समझ गया था कि ऐलेक्स इतनी आसानी से उसे वह दोनों वस्तुंए नहीं देगा।

अचानक विषाका जमीन पर गिरकर तड़पने लगा। ऐलेक्स यह देख कर डर गया।

“ऐ अच्छे मनुष्य, मेरी मणि मेरे पास ना होने से मेरा दम घुटने लगा है।” विषाका ने तड़पते हुए कहा- “अगर तुमने मुझे मणि नहीं दी तो मैं कुछ ही मिनटों में अपने प्राण त्याग दूंगा। अगर तुम्हें सोचने के लिये और समय चाहिये तो तुम सोचो, पर कम से कम मणि मुझे देकर मेरी जान तो बचालो। वैसे भी मैं बिना बोतल की शक्तियों के इस लाल रेखा को पार नहीं कर सकता और अगर मैं मर गया तो तुम्हारी यहां से निकलने की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो जायेगी।”

विषाका की इस बात ने ऐलेक्स पर असर किया। उससे विषाका का यूं तड़पना देखा नहीं गया।

कुछ सोच ऐलेक्स ने काँच के घड़े से मणि को निकाला और विषाका की ओर उछाल दिया।

मणि को अपनी ओर आते देख अचानक विषाका तड़पना छोड़ मणि की ओर झपटा।

विषाका ने मणि को हवा में ही अपने बीच वाले मुंह से पकड़ लिया। अब विषाका सही नजर आने लगा।

“हे मनुष्य, मैं तुम्हारा नाम जानना चाहता हूं।” विषाका ने ऐलेक्स को देखते हुए कहा।

“मेरा नाम ऐलेक्स है।” ऐलेक्स ने जवाब दिया।

यह सुन विषाका जोर से फुफकारा और लाल रेखा को पारकर ऐलेक्स के पास आ गया।

विषाका को लाल रेखा पार करते देख, ऐलेक्स को एक मिनट में ही अपनी भूल का अहसास हो गया।

“तुम्हें पता है कि मैंने तुम्हारा नाम क्यों पूछा ?” विषाका ने अपने तीनों फन को हवा में लहराते हुए कहा- “ताकि मैं पूरे नागलोक को तुम्हारी मूर्खता की कहानी सुना सकूं। मैं उन्हें बताऊंगा कि एक मूर्ख मनुष्य मुझे मिला था, जिसने एक विषधर के नाटक पर विश्वास करके उसकी चमत्कारी मणि वापस कर दी। हाऽऽऽऽ हाऽऽऽऽ हाऽऽऽऽ अरे मूर्ख उस बोतल में तो मेरी शक्तियां हैं ही नहीं। मेरी सारी शक्तियां तो इस मणि में थीं।....अब बताओ तुम्हारा क्या किया जाये?”

विषाका की बात सुनकर ऐलेक्स आशा के विपरीत गुस्सा होते हुए बोला-

“अगर तुम मेरी अच्छाई को मूर्खता का नाम दे रहे हो, तो तुम से बड़ा धोखेबाज तो आज तक मैंने इंसानों में भी नहीं देखा। मुझे गर्व है कि मैं इंसान हूं...तुम मुझे मारना चाहते हो तो मार दो, पर ये याद रखना कि तुम जब भी कभी जिंदगी में मेरे बारे में सोचोगे, तुम्हें बहुत बेचैनी महसूस होगी।”

ऐलेक्स के ऐसे शब्दों को सुन विषाका एक पल को हिल गया, उसे डरे-डरे ऐलेक्स से ऐसी वीरता की उम्मीद नहीं थी।

कुछ सोच विषाका पलटा और उसने अपने दांए फन से वहां रखी बोतल को उठा लिया।

बोतल उठाकर विषाका वापस ऐलेक्स की ओर घूमा- “कुछ भी हो मुझे तुम्हारा यह रुप बहुत अच्छा लगा, इसलिये मैं तुम्हें जीवनदान देता हूं, वैसे भी मेरे जाने के बाद या तो तुम भूख-प्यास से मर जाओगे या फिर विषकन्या तुम्हें मार देगी, तो फिर मैं तुम्हें मारकर इस पाप को अपने सिर क्यों लूं।”

इतना कहकर विषाका अपनी पूंछ पर खड़ा हो कर छत पर लगे उस
छेद से बाहर निकल गया।

विषाका के बाहर निकलते ही तहखाने में पूरी तरह से अंधकार छा गया। अब ऐलेक्स के पास उस तहखाने से बाहर निकलने का कोई उपाय नहीं बचा था।


जारी रहेगा______✍️
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
369
894
93
Adbhud, akalpniya, aur atyant rachnatmak likh rahe ho aap sharma ji:bow::bow::bow::bow:
Chahe mahabali hanuka wala scene ya Update dekh len, ya trishakti wala, ya fir uss naag vishaka wala. Har ek update me aapne jhande gaade hain,
Sorry for late reply, iwas busy in some urgent work, aapki is kahani ko jo ek baar padh lega, wo dobara jaroor padhna chahega, aisa mera manna hai, thanks for the awesome story 😘
 

ARCEUS ETERNITY

असतो मा सद्गमय ||
Supreme
1,636
4,532
144
चैपटर-5: रेत मानव

क्रिस्टिना की एक गलती ने सभी को ख़तरे में पहुँचा दिया था, लेकिन उसके साथ ही क्रिस्टी ने अपनी समझ बूझ से सभी को मुसीबत से बाहर भी निकाल दिया।
मानना पड़ेगा, क्रिस्टी तो बहादुर निकली , बिना किसी जादुई शक्ति के उसने रेत मानव और रेतिले जानवर को हरा दिया।
लेकिन साथ ही क्रिस्टिना को एक जादुई पेंसिल मिली है एक तरह से यह पेंसिल क्रिस्टिना को आगे के सफ़र में काम आएगी।
इस सफ़र में सभी को कुछ न कुछ ज़रूर मिला है
सुयश को उसका पुनर्जन्म की याद और कुछ शक्तियाँ,
शैफाली की आँखें,
जेनिथ को नक्षत्र,
क्रिस्टी को यह पेंसिल,
व्योम को पंचशूल और गुरुत्व।
मुख्य दुश्मन को हराने के लिए ये सभी चुनौतियों को पार कर हासिल की गई शक्तियाँ इनके मददगार होंगी।
इस तरह, ये सभी अब मुख्य दुश्मन के ख़िलाफ़ तैयारी कर रहे हैं |


कुल मिला कर अपडेट हमेशा की तरह शानदार
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,873
67,058
304
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
Thank you so much for your valuable review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,873
67,058
304
Adbhud, akalpniya, aur atyant rachnatmak likh rahe ho aap sharma ji:bow::bow::bow::bow:
Chahe mahabali hanuka wala scene ya Update dekh len, ya trishakti wala, ya fir uss naag vishaka wala. Har ek update me aapne jhande gaade hain,
Sorry for late reply, iwas busy in some urgent work, aapki is kahani ko jo ek baar padh lega, wo dobara jaroor padhna chahega, aisa mera manna hai, thanks for the awesome story 😘
Itne din ke baad dikhe ho?:huh: Kaha gayab? Khair Thank you very much for your valuable review :thanx:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,873
67,058
304
क्रिस्टिना की एक गलती ने सभी को ख़तरे में पहुँचा दिया था, लेकिन उसके साथ ही क्रिस्टी ने अपनी समझ बूझ से सभी को मुसीबत से बाहर भी निकाल दिया।
मानना पड़ेगा, क्रिस्टी तो बहादुर निकली , बिना किसी जादुई शक्ति के उसने रेत मानव और रेतिले जानवर को हरा दिया।
लेकिन साथ ही क्रिस्टिना को एक जादुई पेंसिल मिली है एक तरह से यह पेंसिल क्रिस्टिना को आगे के सफ़र में काम आएगी।
इस सफ़र में सभी को कुछ न कुछ ज़रूर मिला है
सुयश को उसका पुनर्जन्म की याद और कुछ शक्तियाँ,
शैफाली की आँखें,
जेनिथ को नक्षत्र,
क्रिस्टी को यह पेंसिल,
व्योम को पंचशूल और गुरुत्व।
मुख्य दुश्मन को हराने के लिए ये सभी चुनौतियों को पार कर हासिल की गई शक्तियाँ इनके मददगार होंगी।
इस तरह, ये सभी अब मुख्य दुश्मन के ख़िलाफ़ तैयारी कर रहे हैं |


कुल मिला कर अपडेट हमेशा की तरह शानदार
Theek hi kah rahe ho mitra , Kristy ne bohot bahaduri se kaam liyea, and jo shaktiya in sab ke pas hai wo inko aage kaam aayengi:approve:
Par abhi to suruvaat hai:D
Thank you so much for your wonderful review and support bhai :hug:
 

ak143

Member
148
259
78
#118.

चैपटर-5: रेत मानव

(12 जनवरी 2002, शनिवार, 18:25, मायावन, अराका द्वीप)

चट्टानों के बाद रेत वाला क्षेत्र शुरु हो गया था।

सुयश की टीम में अब सिर्फ 5 लोग ही बचे थे। जेनिथ अब रास्ते भर मन में नक्षत्रा से बात करके खुश हो लेती थी।

तौफीक जेनिथ के अचानक बदले इस व्यवहार को समझ नहीं पा रहा था।

कभी-कभी वह जेनिथ से बोलने की कोशिश करता था, पर जेनिथ के रेस्पांस ना करने की वजह से अब वह बिल्कुल शांत हो चुका था।

क्रिस्टी भी ऐलेक्स के ना रहने की वजह से अब बोर होने लगी थी।

अलबर्ट के जाने के बाद शैफाली को भी कुछ झटका लगा था, पर वह धीरे-धीरे जंगल के हिसाब से ढल गयी थी।

एक सुयश ही था, जो कुछ नार्मल रहने की कोशिश कर रहा था।

“लगता है कैप्टेन और शैफाली को छोड़कर हम सभी इस रहस्यमय जंगल के अंधकार में खो जायेंगे?” क्रिस्टी ने दुखी होते हुए जेनिथ से कहा।

“तुम ऐसा क्यों सोच रही हो क्रिस्टी?” जेनिथ ने क्रिस्टी की ओर आश्चर्य से देखते हुए कहा।

“कैप्टेन को टैटू के रुप में कुछ शक्तियां मिल गयीं। शैफाली को आँखें मिल गयीं और कोई अंजान शक्ति उसे बार-बार बचा रही है। पर इसके अलावा जितने भी लोग हैं, वह सब एक-एक करके इस रहस्यमय जंगल का शिकार हो रहे हैं। शायद कल मेरा या तुम्हारा नाम भी गायब हो जाने वाले लोगों की लिस्ट में आ जाये।” क्रिस्टी ने नकारात्मक अंदाज में कहा।

क्रिस्टी की बात सुन जेनिथ को कुछ बोलते ना बना क्यों कि क्रिस्टी कह तो सही रही थी।

धीरे-धीरे शाम होने को आ रही थी। वह रेतीला क्षेत्र सभी को कम खतरनाक दिख रहा था।

ऐसा लग रहा था कि जैसे पहले कभी इधर से कोई नदी निकलती रही हो और अब उस नदी के सूख जाने की वजह से वह पूरा क्षेत्र रेत में बदल गया हो।

तभी इन्हे उसी रेत के एक तरफ एक छोटा पानी का जोहड़ दिखाई दिया।

“कैप्टेन, शाम होने वाली है, इस समय जंगल के अंदर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढना बहुत मुश्किल होगा, क्यों ना हम आज रात इस रेत वाली जगह पर ही बिता लें? यहां पानी भी हमें मिल गया है।” तौफीक ने सुयश
को देखते हुए कहा।

सुयश को तौफीक का विचार सही लगा, इसलिये उसने अपना सिर हिला कर तौफीक को अनुमति दे दी।

सभी वहीं एक साफ-सुथरी जगह देख बैठ गये।

सुयश ने 2 पत्थरों की मदद से आग जला ली। खाना खा कर सभी वहीं सो गये। रात में किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं आयी।

सुबह सभी लोग नित्य कर्मों से निवृत होकर चलने के लिये तैयार हो गये। चूंकि क्रिस्टी पहले तैयार हो गयी थी, इसलिये वह अकेली रेत पर बैठकर एक छोटी सी लकड़ी की मदद से जमीन पर ऐलेक्स का चित्र
बनाने लगी।

क्रिस्टी की ड्रांइग अच्छी थी। कुछ ही देर में उसने ऐलेक्स का चेहरा और एक हाथ जमीन पर ड्रा कर दिया, तभी जेनिथ की आवाज सुन वह लकड़ी को वहीं फेंक, अधूरा चित्र छोड़कर जेनिथ की ओर बढ़ गयी।

तभी एक अजीब सी घटना घटी। वह जमीन पर बनी अधूरी आकृति सजीव हो गयी।

उसने जमीन से अपना सिर उठा कर स्वयं को देखा और फिर कुछ दूर पड़ी लकड़ी को उठाकर अपने आधे बने चित्र को पूरा करने लगा।

लगभग 1 मिनट में ही उसने अपने पूरे शरीर को ड्रा कर दिया। अब वह रेत पर बना इंसान, सजीव होकर रेत से बाहर आ गया। धीरे-धीरे उसका शरीर बड़ा होने लगा।

तभी सुयश की निगाह उस रेत मानव पर पड़ गयी।

“सभी लोग सावधान! एक नया खतरा हमारे सिर पर मंडरा रहा है।” सुयश ने सभी को सचेत करते हुए कहा।

सुयश की बात सुनकर सभी का ध्यान अब उस रेत मानव की ओर गया। अब रेत मानव का आकार लगभग 50 फुट का हो गया था।

अब वह पास खड़े तौफीक पर झपट पड़ा। तौफीक किसी प्रकार गुलाटी मार कर रेत मानव की पकड़ से बच निकला।

यह देख रेत मानव ने दोबारा तौफीक को अपनी हथेली से पकड़ने के लिये अपना हाथ तौफीक की ओर बढ़ाया, पर इस बार तौफीक सावधान था, उसने तेजी से अपनी जेब से चाकू निकालकर रेत मानव की उंगलियां काट दीं।

रेत मानव ने अपनी कटी हुई उंगलियों की ओर देखा, तभी आश्चर्यजनक तरीके से रेत मानव की उंगलियां फिर से निकल आयीं।

यह देख तौफीक घबरा कर दूर भागने लगा।

“यह रेत मानव यहां आया कहां से?” सुयश ने चिल्लाते हुए सभी से पूछा- “क्यों कि मैंने इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा?”

“कैप्टेन शायद यह इसी रेत से प्रकट हुआ है।” जेनिथ ने कहा- “क्यों कि मैंने भी इसे कहीं से आते हुए नहीं देखा।“

तभी रेत मानव ने क्रिस्टी पर हमला कर दिया। क्रिस्टी लगातार रेत मानव के चेहरे को देख रही थी।

उसे यह चेहरा कुछ जाना-पहचाना लग रहा था। क्रिस्टी ने उछलकर रेत मानव के वार से स्वयं को बचाया।

तभी उसकी नजर अपने द्वारा बनाये गये उस चित्र की ओर गई। वह चित्र इस समय पूरा बना हुआ था। यह देख क्रिस्टी हैरान हो गई।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने चीखकर कहा- “मैं अभी रेत पर ऐलेक्स का चित्र बना रही थी, यह रेत मानव शायद उसी चित्र से प्रकट हुआ है?”

इस बार रेत मानव ने सुयश पर हमला कर दिया। रेत मानव का घन जैसा घूंसा सुयश से आकर टकराया।

सुयश इस शक्तिशाली प्रहार से दूर जा गिरा। भला था कि हर जगह रेत थी, जिससे सुयश को जमीन पर गिरने से चोट नहीं लगी।

उधर क्रिस्टी समझ गयी कि यह किसी प्रकार की जादुई रेत है, जिस पर बनाई कोई भी आकृति सजीव हो जाती है।

यह सोचकर क्रिस्टी ने रेत पर इस बार एक तलवार की आकृति बना दी।

रेत पर तलवार की आकृति बनते ही तलवार सजीव हो गई, पर यह क्या? तलवार ने सजीव होते ही क्रिस्टी पर ही आक्रमण कर दिया।

यह देख क्रिस्टी भागकर उस तलवार से बचने लगी।

“कैप्टेन, मैंने रेत पर तलवार बनायी, मगर अब यह तलवार भी हम पर अटैक कर रही है।” क्रिस्टी ने चिल्लाते हुए सुयश से कहा।

“तो फिर अब रेत पर कुछ मत बनाना, यह रेत ही हम लोगों की दुश्मन है, तुम इस पर जो कुछ भी बनाओगी, वह हमसे ही लड़ने लगेगी।” सुयश ने कहा।

अब एक नहीं बल्कि 2-2 खतरे उनके सामने थे। रेत मानव लगातार सुयश पर आक्रमण कर रहा था, तो वहीं तलवार क्रिस्टी के पीछे पड़ी थी।

शैफाली एक किनारे खड़ी हो कर सब कुछ शांति से देख रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे इस लड़ाई से कोई मतलब ही ना हो या फिर उसे पता हो कि यह युद्ध कौन जीतने वाला है?

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा को पुकारा- “अब तो तुम्हारी समय रोकने की शक्ति रीचार्ज हो गयी होगी, क्या अब हमें उसका उपयोग करना चाहिये?”

“बिल्कुल नहीं।” जेनिथ की आशा के विपरीत नक्षत्रा ने उत्तर दिया- “जब तक बहुत जरुरी ना लगे, तब तक तो बिल्कुल नहीं। क्यों कि यहां से बचने के बाद अगर कोई इससे भी बड़ी समस्या आयी, तो क्या होगा? इसलिये थोड़ी देर तक चुपचाप खड़ी हो कर इस युद्ध का आनन्द उठाओ, फिर देखते हैं कि आगे क्या करना है?”

जेनिथ को नक्षत्रा से किसी ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी, इसलिये वह हैरान रह गई।

क्रिस्टी अपनी फुर्ती से लगातार तलवार से बच रही थी। तभी उसके दिमाग में एक विचार आया।

अब वह तलवार से बचते-बचते रेत मानव के पैरों के पास पहुंच गई।

तलवार ने जैसे ही क्रिस्टी पर वार किया, क्रिस्टी ने झुककर वह वार बचाया, पर तलवार का वह वार रेत मानव का एक पैर काट गया।

रेत मानव सुयश पर वार करते-करते पैर कटने की वजह से लड़खड़ाया।

“कैप्टेन!” क्रिस्टी ने तेज आवाज में सुयश से कहा- “आप यहां से हट जाओ, मैं इन दोनों को अकेले ही संभाल लूंगी।“

यह कह क्रिस्टी अब रेत मानव के दूसरे पैर के पास खड़ी हो गई। तलवार ने एक बार फिर से क्रिस्टी पर वार किया।

क्रिस्टी ने भी पुनरावृति कर रेत मानव का दूसरा पैर भी तलवार से कटवा दिया।

सुयश अब जेनिथ और शैफाली के पास जा कर खड़ा हो गया और क्रिस्टी का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने लगा।

रेत मानव अब दोनों पैर कट जाने से जमीन पर गिर गया था। उसके पैर दोबारा से उगना शुरु हो गये थे।

क्रिस्टी अब किसी रबर की गुड़िया की तरह रेत मानव के शरीर पर चढ़ गयी और तलवार से लगातार रेत मानव के अंगों को कटवाने लगी।

रेत मानव का आक्रमण तो इस समय रुक गया था, पर उसके कटे अंग तेजी से वापस जुड़ रहे थे।
क्रिस्टी को लग गया कि इस तरह से वह इन दोनों रेत की शक्तियों से नहीं जीत सकती।

यह सोच इस बार क्रिस्टी उछलकर उस स्थान पर आ गयी, जहां पर उसने उस रेत मानव को जमीन पर ड्रा किया था।

तलवार अब भी क्रिस्टी के पीछे थी। क्रिस्टी ने तलवार से बचते हुए, रेत मानव के चित्र को, जमीन पर
हाथ फेर कर मिटा दिया।

क्रिस्टी का सोचना बिल्कुल सही था। क्रिस्टी के द्वारा रेत मानव की आकृति के मिटाए जाते ही रेत मानव वापस से बिखरकर रेत बन गया और वहां की जमीन में वापस समा गया।

यह देख सभी खुशी से चीख कर क्रिस्टी का हौसला बढ़ाने लगे।

तभी क्रिस्टी पर लगातार वार कर रही वह तलवार अचानक से रुक गयी।

अब वह तलवार क्रिस्टी पर वार करने की जगह तेजी से जमीन पर एक शेर की आकृति को ड्रा करने लगी।

जब तक क्रिस्टी कुछ समझ पाती, तलवार ने जमीन पर शेर की आकृति को पूर्णतया ड्रा कर दिया।

तलवार के द्वारा बनाई शेर की आकृति अब सजीव होकर क्रिस्टी की ओर आगे बढ़ने लगी।

यह देख सुयश तेजी से आगे बढ़कर तलवार की ओर झपटा।

पर अचानक से तलवार ने सुयश पर हमला कर दिया। सुयश अब आकृति को मिटाने की जगह स्वयं तलवार से बचने की कोशिश करने लगा।

तलवार अब एक बार सुयश पर वार करती और जब तक सुयश उठता, तब तक वह रेत पर एक भालू का चित्र ड्रा करने लगी।

उधर क्रिस्टी भी अब शेर से बचने में पूरी तरह से व्यस्त हो गयी थी। यह देख जेनिथ भागकर उस स्थान पर पहुंच गई, जहां पर क्रिस्टी ने रेत पर तलवार का चित्र बनाया था।

जेनिथ ने आगे बढ़कर रेत से तलवार का चित्र मिटा दिया, परंतु तब तक तलवार ने भालू का चित्र पूरा कर दिया था।

अब तलवार तो रेत में मिल गई, पर रेत से भालू उठकर खड़ा हो गया। लेकिन भालू ने खड़े होते ही किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि एक तेज आवाज कर शेर का ध्यान भी अपनी ओर करवाया।

शेर अब क्रिस्टी से लड़ना छोड़ कर भालू की ओर देखने लगा।

किसी को भी समझ नहीं आया कि ये दोनों जानवर लड़ना छोड़कर रुक क्यों गये? तभी भालू और शेर एक दिशा की ओर भागे।

सभी को लगा कि जैसे वह जीत गये हों, इसलिये वह दोनों जानवर वहां से भाग रहे हैं।

पर वह दोनों जानवर बहुत विचित्र थे। भागते हुए जब दोनों जानवर रेत में काफी दूर तक पहुंच गये, तो दोनों अचानक से रुक कर, जमीन पर भयानक जानवरों की आकृतियां ड्रा करने लगे।

एक पल में क्रिस्टी समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। उसने तेजी से भालू और शेर की बनी आकृतियों को ढूंढ कर रेत से मिटा दिया।

शेर और भालू मारे गये थे, परंतु तब तक शेर और भालू ने 5 खतरनाक जानवरों को और रेत से जिंदा कर दिया था, और उन जानवरों के चित्र उन सबसे बहुत दूर बना ये गये थे।

अब धीरे-धीरे रेत के उस किनारे पर भयानक जानवर बढ़ते जा रहे थे। जो भी जानवर रेत से उत्पन्न होता, वह हमला करने की जगह अन्य जानवरों का निर्माण शुरु कर दे रहा था।

“क्रिस्टी!” सुयश ने क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा- “अब हम कुछ भी नहीं कर सकते, रेत पर जानवरों की फौज बढ़ती जा रही है। किसी भी पल ये सब हम पर हमला कर सकते हैं और हम अब इनकी आकृतियों को रेत से मिटा भी नहीं सकते। हमें अब भागना ही पड़ेगा।”

“नहीं कैप्टेन, क्रिस्टी भागने वालों में से नहीं है, माना कि मेरे पास कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, फिर भी मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं यहीं पर खड़े-खड़े इन सारे जानवरों को मार सकती हूं।”

क्रिस्टी के शब्दों में ज्वाला सी नजर आने लगी।

सभी भौचक्के से क्रिस्टी के चेहरे को देख रहे थे। किसी की समझ में नहीं आया कि क्रिस्टी कैसे बिना किसी शक्ति के इन सारे जानवरों को एक साथ मारने का दावा कर रही है।

तभी रेत के उस ओर से सैकड़ों की संख्या में जंगली जानवर उनकी ओर गर्जना करते हुए चल पड़े।

क्रिस्टी ध्यान से सभी को अपनी ओर आते देख रही थी, तभी क्रिस्टी ने जेनिथ, तौफीक, शैफाली और सुयश की ओर देखते हुए कहा-

“सभी लोग एक गहरी साँस ले लीजिये और नहाने के लिये तैयार हो जाइये।”

इससे पहले कि कोई क्रिस्टी के शब्दों को समझ पाता , क्रिस्टी ने रेत पर बैठकर एक नदी को ड्रा कर दिया।

क्रिस्टी के नदी को ड्रा करते ही उफान मारती नदी की एक लहर आयी, जिससे रेत पर बने सभी निशान एक साथ मिट गये और इसी के साथ गायब हो गया, हर वह जानवर जो कि रेत से बना था।

नदी की लहर ने रेत पर बनी नदी के चित्र को भी मिटा दिया, परंतु ना जाने क्यों वह नदी गायब नहीं हुई।

सभी पानी से निकलकर किनारे पड़ी रेत पर वापस आकर लेट गये।

इस खतरनाक युद्ध ने सभी को थका दिया था, फिर भी सभी की आँखों में क्रिस्टी के लिये प्रशंसा के भाव थे।

“देखा क्रिस्टी, मैं ना कहती थी कि तुम्हें इस जंगल में कुछ नहीं होगा।” जेनिथ ने क्रिस्टी को देखते हुए कहा-
“तुम्हें पता है कि दुनिया में उत्पन्न हर जानवर चाहे एक दिन खत्म हो जाये, पर इंसान कभी खत्म नहीं होगा। क्यों कि उसके हौसले से बढ़कर कुछ नहीं है और तुम्हें एक बात और बताऊं, तुम्हें कभी भी किसी चमत्कारी शक्ति की जरुरत नहीं पड़ेगी, तुम्हारी शारीरिक फुर्ती और दिमाग ही तुम्हारी शक्ति है। आज तुमने वो कर दिखाया, जो शायद कोई चमत्कारी शक्ति वाला नहीं कर पाता। शायद इस रहस्यमयी जंगल ने तुम्हें इसीलिये चुना है।”

क्रिस्टी जेनिथ के शब्दों को सुनकर खुश हो गयी। उसने जेनिथ को गले से लगा लिया। यह देख शैफाली भी उनसे आकर लिपट गयी।

कुछ देर गले लगे रहने के बाद क्रिस्टी सबसे अलग हो गयी।

तभी क्रिस्टी को नदी में कोई सुनहरी वस्तु चमकती हुई दिखाई दी। क्रिस्टी सबसे अलग हो कर ध्यान से उस चमकीली वस्तु को देखने लगी।

क्रिस्टी के देखते ही उस वस्तु की चमक थोड़ी और बढ़ गयी। यह देख क्रिस्टी ने एक गहरी साँस भरी और पानी में छलांग लगा दी।

कुछ ही देर में क्रिस्टी नदी से बाहर आ गयी। अब उसके हाथ में एक काँच की पेंसिल थी। पेन्सिल के अंदर सुनहरी रेत थी, जो अपने आप पेन्सिल के अंदर घूम रही थी। उसी रेत से सुनहरी रोशनी निकल रही थी।

“यह क्या चीज है?” सुयश ने पेन्सिल को देखते हुए पूछा।

“मुझे भी नहीं पता, मुझे तो बस ये चमकता दिखाई दिया, इसलिये मैं इसे ले आयी।” क्रिस्टी ने कहा।

“शायद इस जंगल के तिलिस्म ने आपको, आपकी ड्रांइग के लिये यह पेन्सिल दी है।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा- “एक बार चला कर देखिये, कहीं यह कोई जादुई पेंसिल तो नहीं ?”

“एक मिनट रुको ।” सुयश ने क्रिस्टी को चेतावनी देते हुए कहा-
“एक तो यह पेन्सिल इस रेत पर मत चलाना, दूसरा अगर इससे कुछ बनाना तो ऐसी कोई खतरनाक चीज मत बनाना जो फिर से हम पर हमला कर दे।”

क्रिस्टी ने सुयश की बात को ध्यान से सुना और धीरे से सहमति से सिर हिला दिया।

क्रिस्टी ने पेन्सिल से अपनी हथेली पर एक सेब बना लिया। सुनहरी इंक से बना सेब काफी अच्छा लग रहा था।

पर उस सेब को बनाने से कोई चमत्कारी घटना नहीं घटी, यह देख सभी खुश हो गये।

क्रिस्टी ने वह पेन्सिल उस भयानक युद्ध के एक प्रतीक के तौर पर अपनी जेब में रख ली।

सभी अब उठकर आगे चलने की तैयारी करने लगे।


जारी रहेगा_______✍️
Interesting update👌👌👌
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,873
67,058
304
Top