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Correct bhaiCriminal hona alag chizz hota men....
planning mangti hai kuch bhi karne ke liye.....baaki to sab gunda hote hai.....
maarna hai jaake khud maar diya....
waise thodi hota hai
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बहुत ही शानदार और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया# 47 .
“ड्रेजलर, तुम न्यू ईयर की रात उस समय भी कंट्रोल रूम में थे, जब सभी नशे की हालत में हो गए थे और ‘सुप्रीम’ रास्ता भटक गया था?“
“जी हां।“ कहते-कहते ड्रेजलर का सिर शर्म से झुक गया।
“नहीं -नहीं , परेशान मत हो । मैं तुमसे कुछ कहना नहीं चाहता बल्कि तुमसे कुछ पूछना चाहता हूं?“ सुयश ने ड्रेजलर को सिर झुकाते देख कहा।
“पूछिए सर, आप क्या पूछना चाहते हैं?“ ड्रेजलर ने सिर उठाते हुए कहा।
“कुछ नहीं। मुझे बस इतना पूछना है कि उस रात ड्रिंक करने के लिए किसने सबको तैयार किया था ?“ सुयश ने गहरी सांस भरते हुए पूछा।
“ज....जी...वो असलम सर ही ड्रिंक करने के लिए बार-बार रोजर सर से जिद करके उन्हें मना रहे थे। उन्हीं के जिद करने के बाद रोजर सर तैयार हुए थे।“ ड्रेजलर ने याद करते हुए कहा।
“हूं....तो मेरा शक सही था।“ सुयश होठों ही होठों में बड़बड़ाया।
“क्या वह ड्रिंक करने से लेकर अंत तक तुम लोगों के साथ थे?“ सुयश ने पुनः पूछा।
“यह बात मैं तो क्या कोई भी पक्के तौर पर नहीं कह सकता। क्यों कि जब ड्रिंक शुरू हुई तो असलम सर सेलीब्रेट करते हुए सभी को पीने के लिए कह रहे थे। उसके बाद तो किसी को भी स्वयं का होश ही नहीं रहा तो वह भला दूसरे पर क्या ध्यान देता।“
ड्रेजलर के शब्दों को सुन शैफाली के चेहरे पर भी एक गहरी मुस्कान आ गयी। इधर सुयश ख्यालों में उलझा था, उधर कमरे के दरवाजे के बाहर छिप कर खड़ा असलम सुयश के सवाल और ड्रेजलर के जवाब सुन रहा था। अब उसकी आंखों में एक खूनी चमक थी। वह सबकुछ सुनने के बाद वहां से हट गया। पर हटते हुए असलम मन ही मन बुदबुदाया-
“आखिरकार कैप्टेन को पता चल ही गया.....पर अब क्या फायदा। अब तो मेरा काम हो ही चुका है।“
6 जनवरी 2002, रविवार, 17:15; ‘सुप्रीम’
सुयश जब ड्रेजलर और अलबर्ट के साथ डेक पर पहुंचा तो वहां पर पहले से ही भीड़ लगी थी । सुयश भीड़ को चीरता हुआ आगे की तरफ आ गया। वहां पर असलम पहले से ही दूरबीन लिए खड़ा था। सुयश ने पहले एक बार गहरी निगाहों से असलम को देखा और फिर उससे दूरबीन लेकर अपनी आंखों पर चढ़ा ली। कुछ देर तक देखते रहने के बाद उसने दूरबीन को पुनः असलम के हवाले कर दिया।
“वही है.....बिल्कुल वही रहस्यमई द्वीप है। अब तो इसमें कोई शक नहीं कि हम लोग समुद्र में एक ही स्थान पर भटक रहे हैं।“ सुयश बड़बड़ाया।
“कहीं ऐसा तो नहीं कैप्टेन कि हम लोग भटक ना रहे हों बल्कि यह द्वीप ही चल रहा हो।“ अलबर्ट ने होश उड़ाने वाले अल्फाज बोले।
अलबर्ट की बात सुनकर एक पल के लिए तो सभी सन्न हो गए।
“नहीं-नहीं.....ऐसा तो सोचना भी बेवकूफी है। यह द्वीप पूरी तरह से पत्थरों से बना दिख रहा है। यह कोई आइसबर्ग थोड़ी है, जो पानी पर तैरता रहे।“ सुयश ने अलबर्ट की बात को काटते हुए कहा।
“यह भी तो हो सकता है कि यह पानी पर तैरता कोई विशालकाय जीव हो।“ ऐलेक्स ने तो हद ही पार कर दी।
“आपके भी दिमाग में कैसे-कैसे विचार आते रहते हैं मिस्टर ऐलेक्स। यह इतना विशालकाय है कि यह कोई जीव हो ही नहीं सकता और वैसे भी इस समय विश्व का सबसे बड़ा जीव ब्लू व्हेल है और यह द्वीप तो उसके आकार का हजारों गुना बड़ा है। वैसे भी किसी जीव की पीठ पर पेड़-पौधे तो उग सकते हैं। लेकिन इतनी बड़ी पहाड़ी का होना असंभव है।“ तौफीक का विचार बिल्कुल तर्कसंगत था।
थोड़ी देर तक सभी अपनी-अपनी अटकलें लगाते रहे और फिर जब वो किसी ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके तो शांत हो कर सुयश की ओर देखने लगे। सुयश लगातार उस रहस्यमय द्वीप को देख रहा था। उसके दिमाग में बहुत तेजी से कुछ चल रहा था।
“अब हमें क्या करना चाहिए कैप्टेन?“ ब्रैंडन ने आखिरकार सुयश को ना बोलते देख पूछ ही लिया।
सुयश ब्रैंडन की आवाज सुन जैसे ख्यालों से बाहर आया- “मैं फिर से किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। हमें इस रहस्यमय द्वीप पर नहीं जाना है, चाहे कुछ भी क्यों ना हो जाए।“
“कुछ भी ?“ असलम ने अजीब सी नजरों से सुयश को देखते हुए कहा।
“हां , कुछ भी।“ सुयश की आवाज में एक दृढ़ विश्वास था।
तभी ब्रैंडन के हाथ में थमा वॉकी टॉकी सेट बज उठा। ब्रैंडन ने बटन दबा कर वॉकी टॉकी सेट को ऑन कर दिया।
“सर....गजब हो गया........हमारे जहाज का सारा ईंधन जहाज में बिखरा पड़ा है। पता नहीं उसे किसने बिखेर दिया। अब हमारे जहाज के टैंक में जितना फ्यूल है। उसी से हमें काम चलाना होगा।“
दूसरी तरफ से आती आवाज को सुन सुयश सहित सबका दिमाग खराब हो गया।
“शिप के टैंक में इस समय कितना फ्यूल है?“ सुयश वॉकी टॉकी सेट पर चीखा।
“हमारे टैंक में मात्र इतना फ्यूल बचा है कि हम इससे ज्यादा से ज्यादा 800 से 900 नॉटिकल माइल्स तक ही जा सकते हैं। इससे ज्यादा नहीं।“ दूसरी तरफ से आवाज आयी।
यह सुनकर सुयश के चेहरे पर परेशानी के भाव नजर आने लगे। ब्रैंडन ने मैसेज सुनकर वॉकी टॉकी सेट को ऑफ कर दिया।
“यह फ्यूल कौन बिखेर सकता है? कौन है ऐसा बेवकूफ जिसे अपनी जान की भी चिंता नहीं ?“ सुयश मन ही मन सोचने लगा।
तभी उसकी निगाहें असलम पर जाकर टिक गयीं। असलम सुयश को अपनी तरफ घूरते देख दूरबीन को आंखों पर लगा कर उस रहस्यमय द्वीप की ओर देखने लगा।
“क्या अब हमें द्वीप पर चलना चाहिए कैप्टेन?“ असलम ने द्वीप की ओर देखते हुए कहा- “क्यों कि अब हमारे पास इस द्वीप पर जाने के सिवा और कोई चारा भी नहीं है।“
“नहीं हम अब भी द्वीप पर नहीं जाएंगे।“ सुयश ने अपने दांत भींचते हुए कहा- “हम अपनी एक आखिरी कोशिश और करेंगे। अभी हमारा शिप लगभग 900 मील तक और जा सकता है।“
“कैप्टन कहीं इस बार हम लोग गलती तो नहीं कर रहे हैं?“ अलबर्ट ने सुयश को समझाया- “क्यों कि जहां तक मैं जानता हूं यह खूनी त्रिकोण लगभग ‘तीन लाख नब्बे हजार‘ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। और फिर पता नहीं हम लोग इस क्षेत्र में कितना अंदर हैं? मात्र 900 मील के सफर में क्या हम इस क्षेत्र से बाहर निकल सकेंगे? मुझे यह बात असंभव सी प्रतीत होती है। तो फिर क्यों ना एक बार रिस्क लेकर इस द्वीप पर चलकर देख ही लिया जाए।“
“बिल्कुल नहीं मिस्टर अलबर्ट।“ सुयश ने सीधे शब्दों में ना कह दिया-
“मैं इस द्वीप पर कभी नहीं जाऊंगा। क्यों कि मेरे कानों में अभी तक रोजर के शब्द व लारा की चीखें सुनाई दे रही हैं। मैं और चीखें नहीं सुनना चाहता। चाहे आप इसे मेरी जिद ही क्यों ना समझे? शिप में सफर कर रहे सभी यात्री की जान मेरे लिए बेशकीमती है। मैं इनकी जान बचाने के लिए अंतिम दम तक कोशिश करूंगा। इसलिए कृपया आप लोग मुझे रोकिए मत। मैं इस ‘खूनी त्रिकोण‘ में छिपे इस रहस्यमय द्वीप से दूर जाने की एक आखिरी कोशिश और करूंगा।“
अब भला सुयश की बात नकारने वाला उस शिप पर कौन था ? हालांकि बहुत से लोग आज कैप्टेन के निर्णय से खुश नहीं थे। लेकिन फिर भी सब चुप रहे। शिप को एक बार फिर दूसरी दिशा में मोड़ लिया गया।
जारी रहेगा__________![]()
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रहस्यमयी अपडेट हैं भाई मजा आ गया# 48
चैपटर-15 6 जनवरी 2002, रविवार, 17:30;
‘सुप्रीम’ मंथर गति से उस रहस्यमय द्वीप से दूर होता जा रहा था। सारे यात्री शाम होने की वजह से डेक को खाली कर अपने रूम की ओर जाने लगे।
सुयश अब भी डेक पर खड़ा था। वह शांत भाव से उछलती हुई लहरों को देख रहा था। उसके साथ जेनिथ, तौफीक, ऐलेक्स, क्रिस्टी , अलबर्ट, असलम, जैक, जॉनी, ब्रैंडन और ड्रेजलर भी खड़े थे।
“कैप्टन इस द्वीप का रहस्य समझ में नहीं आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।
“मिस जेनिथ, वैसे ‘सुप्रीम’ पर जितनी घटनाएं अभी तक घटी हैं। अगर हम वह सब समझने की कोशिश भी करें तो भी हम उसे नहीं समझ सकते। इसलिए अच्छा यही है इस सिर्फ अपने आप को खतरों से बचाने की कोशिश करें ना कि घट रही घटनाओं के पीछे दिमाग लगाने की।“ सुयश ने कहा।
“आप सही कह रहे हैं कैप्टेन।“ इस बार क्रिस्टी ने बोलते हुए कहा- “बीती बातों को भूलकर आगे आने वाले समय के बारे में हमें सोचना चाहिए।“
“वैसे कैप्टन, आपका ऐमू के बारे में क्या ख्याल है?“ तौफीक ने सुयश को ऐमू की याद दिलाते हुए कहा।
ऐमू का नाम सुन सुयश को झटका लगा-
“ऐमू......ऐमू के बारे में तो मैं भूल ही गया था.........ब्रैंडन जरा जा कर देखो ऐमू इस समय कहां है?“ ब्रैंडन सुयश की बात सुन उस ओर चल दिया, जिधर ऐमू को रखा गया था।
“वैसे ऐमू भी कम रहस्यमय नहीं है। क्यों कि वह आया था उसी द्वीप की दिशा से ही।“ ऐलेक्स ने कहा।
“जाने क्यों मुझे बार-बार ऐसा लगता है कि वो ऐमू हमें सिर्फ भटकाने के लिए ही आया था। क्यो कि जब से हम उस सुनहरे मानव के इशारे की दिशा में चले थे, हम पर कोई मुसीबत नहीं आयी थी। पर ऐमू की दिशा में चलते ही हमें पुनः वह द्वीप मिल गया।“ असलम ने कहा।
“एक बात हमने और नोटिस की कैप्टेन।“ क्रिस्टी ने कहा- “वह ऐमू जबसे हमें दिखा था, हम उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। पर वह पकड़ में नहीं आ रहा था। लेकिन जाने क्यों आपको देखते ही, वह आपको ‘दोस्त मिल गया-दोस्त मिल गया ‘ कहते हुए, आपके पास आ गया। इन सारी बातों में कुछ ना कुछ तो रहस्य है ही ?“
“यह बात तो मैंने भी महसूस की थी।“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी की बात पर मुहर लगाई।
ये लोग बात करने में व्यस्त थे, पर असलम अपनी आंखों पर दूरबीन चढ़ा, दूर-दूर तक सागर की लहरों को देख रहा था। अचानक उसे बहुत दूर बादलों की एक टुकड़ी दिखाई दी। असलम ने अपनी दूरबीन को पुनः एडजस्ट करके उस दिशा में देखा-
“माई गॉड! कैप्टेन हमें शिप को वापस मोड़ना होगा।“ सभी हैरानी से असलम को देखने लगे।
“कैप्टेन हम जिस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उस ओर काफी दूरी पर मुझे कुछ काले बादल से नजर आ रहे हैं। मुझे लगता है आगे मौसम बहुत खराब है। हमें उस दिशा में नहीं बढ़ना चाहिए।“ असलम ने दूरबीन आंखों पर चढ़ाए-चढ़ाए ही अपनी बात कम्प्लीट की।
सुयश ने लगभग झपटने के अंदाज में असलम से दूरबीन छीन ली व उस दिशा में देखने लगा जिधर अभी असलम देख रहा था। बादल बहुत ही खतरनाक दिख रहे थे।
“ओ....नो.....आगे तो मौसम बहुत ही खराब है। इतने भयानक बादल तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखे। बहुत ही जबरदस्त तूफान आने के आसार हैं। अगर हमारा शिप इस तूफान में फंस गया, तो हमारा बचना बिल्कुल ना मुमकिन है। हवा का बहाव भी हमारी तरफ है और वह बहुत तेज भी है। अगर इसी तरह हमारा शिप चलता रहा तो तूफान 35 से 40 मिनट में हम तक पहुंच जाएगा।..........असलम तुरंत वॉकी-टॉकी सेट दो।“ इतना कहकर सुयश ने असलम की ओर हाथ बढ़ाया।
असलम ने जेब से वॉकी-टॉकी सेट निकालकर सुयश के हाथों में रख दिया। सुयश ने वॉकी-टॉकी सेट के एरियल को खींचकर बाहर निकाला और उसे ऑन कर दिया।
“हैलो......कंट्रोल रूम। मैं कैप्टेन सुयश बोल रहा हूं।“
“हैलो....यस कैप्टेन।“ दूसरी तरफ से आवाज आयी।
“तुरंत अपने शिप को विपरीत दिशा में मोड़ लो। हम से लगभग 40 मील दूर एक भयंकर तूफान तेजी से हमारी तरफ बढ़ रहा है।“ सुयश ने कहा।
“तूफान......वह भी 40 मील दूर... ... असंभव।“ उधर से एक महीन आवाज सुनाई दी- “कैप्टेन हमारा तूफान की सूचना देने वाला यंत्र बिल्कुल सामान्य बता रहा है। शायद आपको किसी ने गलत सूचना दे दी है। हमारे यंत्र के हिसाब से अभी दूर-दूर तक मौसम साफ है।“
“मैं जो कह रहा हूं वह करो......।“ सुयश ने लगभग चिल्लाने वाले स्वर में कहा- “तूफान हमें बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है......शिप को तुरंत मोड़ो।“
“ओ.के. सर।“ उधर से घबराई आवाज आयी।
इतना कहकर सुयश ने वॉकी-टॉकी का स्विच ऑफ कर दिया और पुनः तूफान को देखने लगा, जो अब बिना दूरबीन के नार्मल आँखों से भी दिखने लगा था।
तभी ‘सुप्रीम’ को एक झटका लगा और वह मुड़ना शुरू हो गया। बादल बहुत तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ रहे थे। अब तो घनघोर काले बादलों के बीच कड़कती हुई बिजली भी सभी को साफ दिख रही थी। बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सुनाई देने लगा था।
तभी ब्रैंडन दौड़ता हुआ वहां पहुंचा, पर अब उसकी नजरें उस भयंकर तूफान पर थीं, जो साक्षात मौत बनकर उनकी तरफ तेजी से बढ़ रही थीं।
“क्या हुआ ब्रैंडन? ऐमू कहां है?“ सुयश ने भयभीत ब्रैंडन की ओर देखते हुए पूछा।
“ऐमू अपनी जगह पर नहीं है कैप्टेन, सिक्योरिटी के लोगों का कहना है कि उन्होंने उसे मिर्चे और टमाटर खिलाए और उस पर बराबर नजर भी रखे हुए थे। तभी उन्होंने बाहर शोर की आवाज सुनी। यह आवाज उस भीड़ से हो रही थी, जिसने उस द्वीप को देख लिया था। सिक्योरिटी के लोग भी अपनी इच्छा को दबा नहीं पाये और उस द्वीप को देखने चले गए। लेकिन जब वह वापस लौटे तो ऐमू अपनी जगह से गायब था।“
“मुझको पता था कि वह अब नहीं मिलेगा। क्यों कि उसका काम पूरा हो चुका है। उसने हमें पुनः भटका दिया है।“ सुयश ने कहा।
‘सुप्रीम’अब फुल स्पीड से चल रहा था और काले बादल उसका किसी भूत की तरीके से पीछा कर रहे थे।
“यह बादल तो हमें किसी बूमरैंग या फिर इंद्रधनुष की भांति, तीन तरफ से घेर रहे हैं।“ जॉनी जिसका नशा अब पूरी तरह से उड़ चुका था, बादलों को देखता हुआ बोला।
“सही कह रहे हो, यह बादल तो बहुत अजीब से हैं।“ जैक ने कहा- “मैने अपनी पूरी जिंदगी में आज तक कभी ऐसे बादल नहीं देखे।“
शिप बहुत तेजी से चल रहा था, पर बादलों की स्पीड उनसे तेज थी। इसलिए वह बहुत तेजी से उनके पास आ रहे थे। तभी सामने वही द्वीप फिर से किसी दैत्याकार जिन्न की भांति दिखाई दिया।
अब हवाएं भी बहुत तेज हो चुकीं थीं। समुद्र की लहरें सैकड़ों फुट ऊपर उछल रहीं थीं। रह-रहकर अजीब सी फ्लैशलाइट बिखेरती बिजली बादलों में कड़क रही थी। घने काले बादलों की वजह से चारों ओर घोर अंधकार हो गया था।
“शिप की सारी सर्च लाइट्स ऑन कर दो......क्विक....मूव........ क्यों कि तूफान बहुत खतरनाक है........ हवा भी बहुत तेज है......जल्दी करो।“ सुयश वॉकी- टॉकी सेट पर तेजी से चीखा।
“कैप्टेन, बादल हमें तीन तरफ से घेर रहें हैं और चौथी दिशा में वही द्वीप है। अब हमारे पास उस द्वीप पर जाने के सिवा और कोई चारा नहीं है। जल्दी आर्डर दीजिए। हमें क्या करना है?।“ असलम ने चिल्लाकर कहा, क्यों कि आंधी और तूफान की वजह से अब आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।
सुयश ने एक बार फिर उन पास आ रहे बादलों को देखा और फिर हथियार डालते हुए बोला-
“अगर हम इस तूफान में फंस गये, तो किसी का भी जिंदा बचना मुश्किल है। मोड़ दो....... सुप्रीम को इस रहस्यमय द्वीप की ओर मोड़ दो .....अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, द्वीप पर जाने के सिवा।“
सुयश का आर्डर मिलते ही असलम ने तुरंत वह आर्डर कंट्रोल रूम को भेज दिया। अब शिप तेजी से उस रहस्यमय द्वीप की ओर बढ़ने लगा। बादल अब शिप के काफी पास आ गए थे।
हवा में ऊंचे-ऊंचे उछलती समुद्र की लहरों से इतना भयानक शोर हो रहा था, मानो आज प्रलय निश्चित हो। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बादल इनका पीछा कर रहे हों।
शिप के सभी यात्री अपने-अपने कमरों में अपने ईश्वर को याद कर रहे थे। किसी ने भी मौत को इतने पास से नहीं देखा था।
“कैप्टेन हमें लाइफ बोट्स को रेडी कर लेना चाहिए क्यों कि इतना बड़ा शिप द्वीप के किनारे तक नहीं जा सकता।“ अलबर्ट ने चीखते हुए सुयश को समझाया।
अलबर्ट की बात सुन ब्रैंडन ने बिना सुयश के कहे ही अपनी सिक्योरिटी के सारे आदमियों को लाइफ बोट्स उतारने के काम पर लगा दिया। तेजी से सैकड़ों आदमी लाइफ बोट को उतारने में जुट गए।
किसी अंजानी आशंका को सोच शिप के सारे कर्मचारी सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट भी बांटने लगे। वह रहस्यमय द्वीप शनैः-शनैः पास आता जा रहा था। बादल अब शिप के ऊपर तक आ गये थे। बिजली की तेज चमक व गड़गड़ाहट सभी के दिलों में दहशत भर रही थी।
सुप्रीम भी अब लहरों का सामना नहीं कर पा रहा था। वह किसी कागज के जहाज की भांति लहरों पर डोल रहा था। सुयश सहित अब सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ उस रहस्यमय द्वीप पर थीं।
पहले जिस द्वीप से वह दूर भागना चाहते थे, अब उसी के पास जल्द से जल्द पहुंचने के लिए उतावले हो रहे थे। अब द्वीप की दूरी मात्र 3 मील रह गई थी। सभी के दिल अंजानी आशंका के कारण तेजी से धड़क रहे थे। .................................. ...........................................
जारी रहेगा_________![]()
Planning to acchi chal rahi hai....dekhte hai aage kaise new year ko checking karte hai...# 6.
25 दिसम्बर 2001, मंगलवार, 19:00 “सुप्रीम”
आज क्रिसमस का दिन था । सुबह से ही सारे लोग एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे थे। पूरे शिप पर एक त्यौहार का माहौल था। सुयश ने भी विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया हुआ था। पूरे दिन भर लोगों ने एक बड़ी संख्या में, इन विभिन्न प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। शिप के हॉल को भी दुल्हन की तरह सजाया गया था।
धीरे-धीरे शाम हो चली थी । शिप के लगभग सभी व्यक्ति, उस विशालकाय हॉल में एकत्रित थे। हमेशा की तरह इस बार भी सुयश ने स्टेज पर चढ़कर, सबसे पहले सभी को अभिवादन किया, और फिर एक गहरी निगाह उस विशालकाय भीड़ पर डाली । हॉल में इतने सारे लोगों के होने के बाद भी, इस समय बिल्कुल सन्नाटा था । सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ सुयश पर थीं। सुयश ने सब पर एक नजर डालने के बाद धीरे से माइक संभाला ।
“दोस्तों ! जैसा कि आप जानते हैं, कि आज क्रिसमस का त्यौहार है।“ सुयश की आवाज पूरे हॉल में गूंज रही थी-
“यह त्यौहार पूरे विश्व भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ।इसलिए हमने भी अपने शिप पर मौजूद सभी यात्रियों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा। उनको जरूरत की लगभग हर चीज उपलब्ध कराई और इस त्यौहार को खुशी का नया रंग देने के लिए, मैंने शिप पर कुछ प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया। मुझे बड़ी खुशी हुई कि अधिक से अधिक लोगों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। अब मैं उन प्रतियोगियों के नाम बताऊंगा, जिन्होंने इन प्रतियोगिताओं में भाग लेकर सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है।
सुयश ने कुछ क्षण रुककर रोजर के हाथ से, कागज का एक पन्ना लिया और उसे खोल कर देखने के बाद फिर बोलना शुरु कर दिया-
“सबसे पहले मैं अपनी सबसे शानदार प्रतियोगिता, निशानेबाजी में भाग लेने वाले उन सभी 28 प्रतियोगियों को धन्यवाद देना चा हूंगा, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में खुले दिल से भाग लिया और अपनी निशानेबाजी का हुनर दिखा कर, सभी का मनोरंजन किया। अब मैं इस प्रति योगिता में प्रथम, द्वित्तीय और तृतीय आए लोगों के नाम एनाउंस करुंगा, जिनके खूबसूरत और अचूक निशाने को देखकर, आपने भी अपने दांतो तले उंगली दबाली।“
“तो निशानेबाजी का प्रथम पुरस्कार जाता है, मिस्टर तौफीक के नाम पर, जिन्होंने अपने निशाने से, पहले दिए गए सभी लक्ष्यों को भेदा, फिर एक ही गोली से एक कतार में रखी 6 जलती हुई मोमबत्तियों को बुझाया और उसके बाद अभेद्य समझे जाने वाले, 6 सिक्कों को हवा में उछाल कर, जमीन पर गिरने से पहले ही निशाना बनाया ।“
सुयश लगातार बोल रहा था- “अतः मैं मिस्टर तौफीक से आग्रह करूंगा कि वह स्टेज पर आकर अपना मेडल प्राप्त करें।“ सुयश के इतना कहते ही, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।
इन तालियों में एक ताली की आवाज ऐसी थी, जिसमें खुशी की गूंज भी थी और प्यार का इजहार भी। और वह ताली थी जेनिथ की, जो हॉल में एक स्थान पर लॉरेन के साथ बैठी थी। तौफीक इन दोनों से कुछ ही दूरी पर बैठा था। उसने अपना नाम एनाउंस होते देख, एक नजर जेनिथ पर डाली और फिर धीरे धीरे चलता हुआ स्टेज पर जा पहुंचा। अब वह सुयश के सामने था । सुयश ने एक बार बड़े ही गौर से तौफीक को ऊपर से नीचे तक देखा और फिर आगे बढ़कर तौफीक से हाथ मिलाते हुए, बगल में खड़े रोजर से मेडल लेकर तौफीक के सीने पर टांक दिया। पूरा हॉल एक बार फिर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।
तौफीक के सीने पर चमचमाता हुआ मेडल देख, जेनिथ खुशी से फूली नहीं समा रही थी । उधर मेडल तौफीक के सीने पर टांकने के बाद सुयश ने माइक के सामने जाकर, तौफीक को माइक पर आने का इशारा किया। एक पल के लिए तौफीक ठिठका और फिर कुछ सोचकर धीरे से माइक के सामने जा पहुंचा। उसके माइक पर पहुंचते ही, सुयश ने तौफीक को संबोधित करते हुए कहा –
“अब मैं मिस्टर तौफीक से उनकी इस शानदार निशानेबाजी का राज पूछना चाहूंगा । मैं चाहूंगा कि वे सबके सामने अपने इस शानदार हुनर का कारण बताएं।“ यह कहकर सुयश शांत हो कर तौफीक के चेहरे को इस तरह देखने लगा जैसे कि उस पर लिखा हो, कि वही अपराधी है। तौफीक ने एक नजर पहले वहां बैठे सभी दर्शकों पर मारी, फिर जेनिथ पर और फिर बिल्कुल शांत भाव से बोलना शुरू किया-
“दोस्तों ! मेरा नाम तौफीक है। मैं वैसे तो मूलतः मिश्र का रहने वाला हूं, पर फ्रांस में रहने के कारण, मुझे वहां की नागरिकता प्राप्त है। मैं वहां की आर्मी फोर्स में मेजर के पद पर कार्य करता हूं। यही कारण है कि मेरा निशाना इतना अचूक है। वैसे तो मैं आमतौर पर इस तरह की, किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं लेता, पर आज किसी के कहने पर मैंने इस प्रतियोगिता में भाग लिया । इसलिए ये मेडल उसी के नाम पर।“ यह कहते समय तौफीक की नजर जेनिथ पर जा कर टिक गई, जो अपलक उसी को देख रही थी । तत्क्षण उसकी नजरें पुनः पूरे हॉल में सरसरी तौर पर घूमी और फिर वह बोला-
“बस दोस्तों ! इससे ज्यादा और कुछ नहीं कहना चाहूंगा ।“ यह कहकर तौफीक स्टेज से उतरता हुआ धीरे-धीरे अपने स्थान की ओर बढ़ गया। सुयश ने तौफीक को जाते देख पुनः आकर माइक संभाल लिया ।
“अब मैं निशानेबाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पाने वाले, उस प्रतियोगी को स्टेज पर बुलाना चाहूंगा, जिन्होंने बाकी सभी जगहों पर तौफीक को बराबरी की टक्कर दी, परंतु अंतिम राउंड में हार गए। उनका नाम है मिस्टर लोथार।“
तालियों की गूंज के बीच, लोथार स्टेज पर आया। सुयश ने लोथार को एक छोटी सी शील्ड प्रदान की, और फिर उसे भी माइक पर बुलाया ।
“दोस्तों ! मेरा नाम लोथार है। मैं साऊथ अफ्रीका का रहने वाला हूं। मुझे बचपन से ही निशानेबाजी का शौक था । इसलिए मैंने साऊथ अफ्रीका की जानी मानी ‘टारगेट शूटर्स‘ ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण लिया। जिसकी वजह से मैं आज यहां इस मुकाम तक पहुंचा हूं।“
इतना कहकर लोथार ने अपने दाहिने हाथ से अपने होठों को चूम कर, एक फ्लाइंग किस हवा में उछाला और एक हाथ हिलाते हुए, विदाई की मुद्रा में स्टेज से उतर गया।
“अब मैं इस प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहे, मिस्टर जैक को स्टेज पर बुलाना चाहूंगा।“ सुयश ने पुनः माइक संभालते हुए कहा-
“इन्होंने भी इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया।“ जैक, सुयश से नजरें चुराता, सिर झुकाए स्टेज पर आया और इससे पहले कि सुयश उसे माइक पर बुला पाता, तेजी से अपनी शील्ड लेकर बिना कुछ बोले स्टेज से उतर गया। सुयश की तीखी निगाहें अंत तक जैक पर थीं। फिर वह अन्य प्रतियोगिताओं के विनर्स का नाम घोषित करने में लग गया। इस प्रकार उस शाम का अंत, सेलिब्रेट करते हुए, शोर- शराबे के बीच बीता।
25 दिसम्बर 2001, मंगलवार, 19:00; “सुप्रीम” मीटिंग रुम :
“हम लोगों का प्लान व प्रतियोगिता का आयोजन तो शानदार रहा।“ सुयश ने रोजर व लारा को बारी-बारी से देखते हुए कहा-
“लेकिन असली चुनौती तो अब शुरू होगी। क्यों कि अब हमें इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले उन सभी 28 प्रतियोगियों के कमरे चेक करने होंगे। जिससे हमें अपराधियों का कुछ सुराग लग सके।“
“कैप्टन!“ रोजर ने सुयश की बात पूरी होते ही पूछा- “वैसे आपने इन सभी 28 प्रतियोगियों को देखा। आपकी समझ से इनमें अपराधी कौन हो सकता है?“ रोजर की बात सुनते ही तुरंत सुयश की आंखों के सामने जैक का चेहरा घूम गया।
“वैसे तो अभी किसी के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।“ सुयश ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा-
“लेकिन फिर भी मुझे सबसे ज्यादा शक जैक पर हो रहा है। क्यों कि कुछ तो उसकी हरकतें भी अपराधियों के जैसी हैं, और फिर तुम लोगों ने देखा, कि कैसे वह स्टेज पर आकर, बिना कुछ बोले ही चला गया। यहां तक कि उसने यह भी नहीं बताया, कि उसने इतनी अच्छी निशानेबाजी कहां से सीखी ?“
“आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, कैप्टन।“ लारा ने भी कैप्टन सुयश की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा-
“मुझे भी वह आदमी कुछ अजीब सा लगा।“
“अच्छा ! अब यह सोचो ।“ रोजर ने लारा की तरह देखते हुए कहा- “कि इन लोगों का कमरा, चेक कब और कैसे करना है? क्यों कि किसी-किसी के साथ तो दो या तीन लोग रहते हैं, और जरूरी नहीं कि सारे लोग एक साथ कमरे से बाहर जाएं। ये भी हो सकता है कि वह लोग जल्दी ही कमरे में वापस आ जाएं। जबकि हमें कमरे चेक करने के लिए समय चाहिए होगा।“
“रोजर बिल्कुल सही कह रहा है।“ सुयश ने लारा की तरफ देखते हुए कहा-
“हमें तलाशी चुपचाप ही लेनी होगी। यदि किसी को इस बारे में पता चल गया तो शिप की बदनामी तो होगी ही, बल्कि समय से पहले अपराधी भी सतर्क हो जाएगा।“
“तो फिर तलाशी के लिए हमें एक महोत्सव फिर से करना पड़ेगा।“ लारा ने सुयश की ओर देखते हुए कहा- “और इस महोत्सव में यह कोशिश करनी होगी कि अधिक से अधिक यात्री, इस में सम्मिलित हों।“
“उसकी जरूरत नहीं है। 5 दिन के बाद नया साल आने वाला है। उसकी पार्टी में तो वैसे भी सारे आदमी हॉल में रहेंगे। यह हमारे लिए सबसे अच्छा मौका रहेगा । हम उसी समय उन सभी के कमरे चेक करेंगे।“ सुयश ने पास रखे पेन को हाथ की उंगलियों में फंसाकर नचाते हुए कहा।
“ठीक है कैप्टन!“ लारा ने जोश में आते हुए जवाब दिया -
“मैं अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को एलर्ट करके, उस दिन के बारे में बता दूंगा, और यह 28 प्रतियोगियों की लिस्ट भी, उनके रुम नंबर सहित उनके हवाले कर दूंगा।“
“हाँ ! लेकिन एक बात का ख्याल रहे, तलाशी लेते समय यात्रियों के सामानों के साथ, इस तरह की छेड़छाड़ न की जाए, कि उन्हें बाद में पता चल जाए कि उनके रुम की तलाशी ली गई है।“ सुयश ने कहा।
“ठीक है सर! मैं ऐसा अपनी सिक्योरिटी के आदमियों को बता दूंगा।“ इतना कहकर लारा ने सुयश की ओर जाने की आज्ञा लेने वाली दृष्टि से देखा । सुयश ने यह देख लारा को जाने का इशारा कर दिया। लारा के जाने के बाद सुयश, रोजर की तरफ घूमा-
“रोजर वैसे तो हमारा प्लान बहुत अच्छा है, पर अगर हमें इसके द्वारा सफलता ना मिली तो ?“
“इसके लिए हमें पहले से ही कुछ और प्लान भी करना पड़ेगा।“ रोजर ने शांत स्वर में कहा-
“लेकिन आप चिंता ना करें कैप्टेन, मैं कोई ना कोई प्लान और बना ही लूंगा।“
“ठीक है, फिर आगे की बातें हम बाद में ही करेंगे।“ सुयश ने मीटिंग खत्म करने वाले अंदाज में कहा , और उठकर खड़ा हो गया । रोजर भी उठ कर खड़ा हो गया और सुयश से विदा लेकर केबिन से बाहर निकल गया।
जारी रहेगा….....![]()
Yesskahani uss jahaj ki hai.....
Supreme...
Suyash ko wo panaahgaar to sabit ho sakta hai bhai, per surakshit to bilkul nahi lagta, kyu ki jitne bhi logo ne waha jane ki kosis ki hai, wo na to suraksit waha pahuche, na hi wapas laut paayeपहले भी कहा था जब ओखली मे सर डाल ही दिया तो फिर मूसल से क्या डरना !
सुयश साहब के लिए यह कहावत सही फिट होता है - " लौट कर बुद्धु घर को आए ।" भले ही यह उनकी इच्छा के वगैर हुआ हो पर आखिरकार मिस्ट्रीयस आइलैंड ही सुयश साहब को एक घर जैसा सुरक्षित पनाहगाह समझ आया ।
असलम ने अपने तरकश के सारे तीर का इस्तेमाल किया ताकि उसका लक्ष्य हासिल हो , जहाज आइलैंड पर लैंड करे । इस सब के पीछे उसका क्या मकसद है नही मालूम , उसके साथ इस मिशन मे कौन कौन शामिल है नही मालूम लेकिन वह अपने जान का सौदा कर के , खुद को मौत जैसे खतरे मे डालने की हिमाकत कभी भी नही कर सकता । " आ बैल मुझे मार " जैसा सनकी तो वह हरगिज नही होना चाहिए ।
खैर देखते है इस आइलैंड पर इनके पुराने साथी और अमेरिकन जासूस पाए जाते है या नही !
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
Waha jana bhi surakshit to bilkul nahi lagta kamdev99008 bhaiya kyu ki jitne bhi logo ne waha jane ki kosis ki hai, wo na to suraksit waha pahuche, na hi wapas laut paayeबहुत दिनों से हमारा शेरलॉक होल्म्स सुयश अपनी होशियारी दिखाने में लगा हुआ था
जिसकी वजह से ना सिर्फ हमारा जहाज बल्कि हमारी कहानी 'सुप्रीम' भी द्वीप के ओर पास ही गोल गोल घूमने जा रही थी
अब हेमू, असलम (?) और बादलों की कृपा से एक दिशा में तो बढ़ी
वास्तव में शिप के भटकने से अब तक का घटनाक्रम सुयश की प्रशासनिक क्षमता पर एक प्रश्नचिन्ह है
एक भटके हुए जहाज के कैप्टन के लिए इन परिस्थितियों में जहाज पर हो रही घटनाओं से ज्यादा महत्वपूर्ण जहाज का सुरक्षित संचालन होना चाहिये था क्योंकि कुछ यात्रियों की असुरक्षा से ज्यादा जहाज और उस पर मौजूद सभी यात्रियों की सामूहिक सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण थी
अब देखते हैं कि सौभाग्य या दुर्भाग्य से इस आखिरी पड़ाव पर पहुंचना क्या भविष्य तय करता है जहाज और उस पर सवार यात्रियों का
Dekhte jaao bhai aage-2 kya hota hai, mana ki us island 🏝 per ye log jayenge hi, per uski kya keemat chukani padegi??? Wo bhi dekh lenaShip ko is island par aana hi tha nahi to Shefali ke sapne ka koi importance nahi rah jata hai.
Ek baat to saaf hai ki ye sabhi chije Jo ho rahi hain na to scientific hai aur na hi natural.
Well wonderful update brother.
Bhai.. bhai... abhi pahunche nahi hai, abhi to jahaaj moda hi hai, pahuchna to baaki haiAkhirkaar ghum phir kar usi deep par pahuch gye....
Dekho kyabhota h