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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
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रिव्यू की शुरूआत की जाए
यहाँ स्टोरी में थोड़ा कम्प्लिकेशन्स आ गया आर्टमिश और अपोलो जियूश और लेटो के बच्चे हैं। साथ ही हेरा और जियूश के ग्रैण्ड चिल्ड्रेन कैप्सुर भी हैं इधर तो फैमिली रिलेशनशिप भी निकल गया।
साथ ही हेरा के ड्रोगन कनेक्शन ने सोचने में मजबूर किया कि शफ्फ़ाली के फ़ादर साइड की फैमिली तो ड्रैगन थी कौन सा ड्रैगन होगा जिससे अपोलो ने मारा, लेडन तो वो ड्रैगन नहीं होगा जिससे अपोलो ने मारा क्योंकि लेडन को हरक्यूलिस ने मारा।
हेरा के यहाँ लेडन भी काम करता था बट लेडन उसका सामना नहीं हुआ होगा।
साथ ही आर्टिमिस को ओरेकल ने मेगा लाइट के बारे में बताया बट मेगा लाइट को क्या मिल गया, क्या रोजर मिल गया सुनहरा मानव या वो सुनहरे कस्तूरी के बारे में था।
साथ ही हरक्यूलिस ने क्या कहा था हरक्यूलिस का क्या कनेक्शन है आर्मटिस और मेगालाइट से हरक्यूलिस भी ग्रीक देवता हैं बट उसका क्या रिलेशनशिप इनसे।
साथ ही ओरेकल ने एक तरह कहा है कि आकृति से बंधने में कहीं शलाका से नहीं बंध जाए आकृति।
जस्ट थॉट कहीं ये ग्रीक गॉड वर्सेज़ हीदि गॉड का बैटल नहीं करवा दो, कहीं ये चिंगरी तो नहीं ग्रीक वर्सेज़ हीदू गॉड के बीच।

स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी वाले तिलिस्म का आगमन हो गया, हाफ़ से ज़्यादा तिलिस्म कम्प्लीट हो गया, लेकिन ये जापानी पंखा क्या चीज़ है।
जस्ट गॉट थॉट 2 साल की टाइमलाइन से स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी को आज़ाद करना है कहीं 2 साल पहले कुछ हुआ तो नहीं था।

ये केश्वर की प्रेडिक्टिबिलिटी कहीं कुछ हिंट तो नहीं कि केश्वर का तोड़ इन्होंने ढूँढ नहीं लिया।

साथ ही मज़ा आ गया काफ़ी रिसर्च किया स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी के लिए।

ओवरऑल हमेशा की तरह शानदार अपडेट।


Raj_sharma

Raj_sharma
भाई देखो - एक दो पाठक कम हुए तो क्या? और भी अच्छे पाठक जुड़ गए आपकी कहानी से।
एवरन भाई तो पूरी बारीक़ी से पढ़ते हैं :)
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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रिव्यू की शुरुआत की जाए।

आकृति के विषय पर पूरा अपडेट यह है
सुनहरी ढाल तो रहस्यमयी है। आकृति के अनुसार, देवराज का वरदान ही उसे उसके बच्चे से मिला सकता है। लेकिन सवाल यह है कि यह ढाल और तलवार आखिर किसी योद्धा की हैं, या फिर यह ढाल स्वयं देवराज की है, जिसे देकर आकृति देवराज को प्रसन्न कर सकती है?
ढाल और तलवार दोनों ही दिव्य हैं। आपको याद होगा जेम्स और विल्मर वाले अपडेट ? जिसमें उन्होंने उस ढाल को काटने का किस तरह से प्रयास किया था। :D अब वो किसकी है, इसका तो बाद में पता लगेगा।
साथ ही, विक्रम यहाँ बर्फ में कैसे आ गया? कहीं यह विदेशी ग्रह से आए लोगों का किया धरा तो नहीं? टाइमलाइन भी कुछ ऐसा ही कहती है विदेशी ग्रह के लोगों का ज़िक्र 13 तारीख को हुआ था, जबकि यहाँ 16 तारीख की बात हो रही है।
बिल्कुल हो सकता है, क्योंकि उन लोगों ने ही तो विक्रम ओर वारूणी को बन्दी बना लिया था।:dazed:
विक्रम को यहाँ शायद वरुणी ने भेजा हो। जब उसे पता चला कि अरका के पास कुछ असामान्य गतिविधियाँ चल रही हैं, वहीं उसका आमना सामना एक शक्तिशाली व्यक्ति से हो गया। उसी के कारण उसकी यह हालत हो गई है।
उसकी हालत का जिम्मेदार तो बेशक वो लोग हो सकतें है।:approve: लेकिन वाकई में जिन से उसका सामना हुआ , वो लोग ना केवल शक्तिशाली हैं अपितु उन्नत विज्ञान के धारण करने वाले भी है।
और यह विलमार कहाँ गया? अब तो ऐसा लगता है कि उसे भी उड़ा दिया गया। ब्रैडन की तरह वह भी एक जानवर बन चुका था।
बताया तो, उसे पक्षी बनाकर उड़ा दिया गया है, :dazed:
Thank you very much for your amazing review and superb support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma
भाई देखो - एक दो पाठक कम हुए तो क्या? और भी अच्छे पाठक जुड़ गए आपकी कहानी से।
एवरन भाई तो पूरी बारीक़ी से पढ़ते हैं :)
बिल्कुल भाई , संजू भैया कि जगह तो वो नहीं ले सकता, पर कुछ हद तक उसने उन्की कमी दूर करदी है। विस्तृत रिव्यू देता है एवरन।:good:
ओर आप तो हो ही हमारे साथ , फिर अपने को क्या चिंता :hug:
रिव्यू का जवाब समय निकाल कर देता हूॅ, अभी ऑफिस में हूॅ। वैसे एक ही बार मे सारे अपडेट निपटा दिये आपने।:D अच्छा है, अभी साथ चलेंगे।
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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बहुत ही शानदार अपडेट है और स्टेचू के सारे लॉक खोलने वाले लॉजिक भी बहुत जबरदस्त है

अद्भुत कहानी है !
Thank you very much bhai, sunkar accha laga ki aapko pasand aarahi hai :thanks:
 

sunoanuj

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Ajju Landwalia

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#163.

ओरैकल की भविष्यवाणी:

(16.01.02, बुधवार, 12:30, ग्रीक देव..ओं का महल, ग्रीस)

आर्टेमिस इस समय बहुत क्रोध में दिख रही थी। वह इस समय खाने की टेबल पर थी, लेकिन उसका गुस्सा शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था।

तभी ‘गैनी मेड’ हाथ में एक ट्रे लिये हुए डाइनिंग रुम में दाखिल हुआ।

गैनी मेड ग्रीक देव..ओं का रसोइयां था, वही दे..ताओं को खाना बनाकर खिलाता था।

गैनी मेड ने ट्रे को टेबल पर रखा और आर्टेमिस को एम्ब्रोशिया और नेक्टर परोसने लगा। (एम्ब्रोशिया- एक प्रकार का खाना, जो उन्को हमेशा जवान बनाए रखता है और नेक्टरः एक प्रकार का पेय पदार्थ, जो ग्रीक देव..ओं को अमरत्व प्रदान करता है)

“क्या बात है आर्टेमिस, आप बहुत गुस्से में दिख रहीं हैं?” गैनी मेंड ने आर्टेमिस के गुस्से का कारण पूछते हुए कहा।

“चलो किसी ने तो पूछा कि मैं गुस्सा क्यों हूं?” आर्टेमिस ने गैनी मेड की ओर देखते हुए कहा- “आज 2 दिन बीत गये मेलाइट का अपहरण हुए ....मैं पिछले 2 दिन से सभी देवों से मिलने को कह रही हूं, पर कोई
मिल ही नहीं रहा। यहां तक कि मेरा भाई अपोलो भी नहीं। अब तुम ही बताओ कि और कौन है इस ग्रीस में, जो मुझे मेलाइट का पता बता दे?”

“अगर आप आज्ञा दें तो मैं आपको एक पुरानी घटना, कहानी की तरह सुनाना चाहता हूं।” गैनी मेड ने आर्टेमिस की ओर देखते हुए कहा।

पहले तो यह सुनकर आर्टेमिस को बहुत गुस्सा आया कि वह अपना दुख बयान कर रही है और ये गैनी मेड उसको कहानी सुनाना चाह रहा है, पर फिर आर्टेमिस को गैनी मेड की समझदारी का ध्यान आया, इसलिये उसने बुझे मन से आज्ञा दे दी और एम्ब्रोशिया को खाना शुरु कर दिया।

आज्ञा मिलते ही गैनी मेड शुरु हो गया- “दे..ता जीयूष ने आपकी माँ ‘लेटो’ के साथ विवाह कर लिया, जिसके फलस्वरुप उनकी पहली पत्नि ‘हेरा’ को बहुत गुस्सा आया। जब आपकी माँ लेटो आपको जन्म देने वाली थीं, तो उस रात देवी हेरा ने एक ड्रैगन को आपकी माँ को मारने के लिये भेजा।

"आपकी माँ ने आपको और आपके भाई अपोलो को एक साथ जन्म दिया। जब आपकी माँ को यह पता चला कि एक ड्रैगन उन्हें मारने आ रहा है, तो उन्होंने आपके भाई अपोलो को एक घंटे में ही छोटे से जवान कर दिया। फिर आपके भाई ने, अपने तीर से उस ड्रैगन को मार दिया। अपोलो ने उस ड्रैगन को ग्रीस के डेल्फी शहर में मारा।

“मरने के बाद उस ड्रैगन का शरीर जमीन में बनी एक बड़ी सी दरार में समा गया। चूंकि आपके भाई ने पैदा होते ही एक विशाल ड्रैगन को मारा, इसलिये सभी ने उन्हें देवता मान लिया। लेकिन जिस दरार में वह ड्रैगन मरकर गिरा था, उस दरार से एक अजीब सी गैस निकलने लगी, जिसके घेरे में डेल्फी शहर की एक पवित्र स्त्री ‘ओरैकल’ आ गई।

"कहते हैं तबसे ओरैकल में यह शक्ति आ गई कि वह किसी का भी भविष्य बता सकती थी। यानि ओरैकल की आत्मा किसी माध्यम से ईश्वर के साथ जुड़ गई। ओरैकल के मरने के सैकड़ों वर्षों के बाद भी, आज भी डेल्फी शहर में कोई ना कोई पवित्र स्त्री ओरैकल का वह धर्म निभा रही है। वह पवित्र पानी में नहा कर सभी को उनका भविष्य बताती है।” यह कहकर गैनी मेड चुप हो गया और आर्टेमिस की ओर देखने लगा।

आर्टेमिस कुछ देर तक सोचती रही कि इस कहानी से उसको क्या फायदा हुआ।

तभी अचानक वह जोर से उछली और खुश होते हुए बोली- “यही चीज तुम साधारण तरीके से नहीं बता सकते थे कि डेल्फी जाकर मैं ओरैकल से मिल लूं।”

“अरे! क्या आपको मेरी कहानी में आपकी समस्य हल मिल गया?...मैं तो बस आपके भाई की बहादुरी की कहानी सुना रहा था।” यह कहकर गैनी मेड बर्तन उठा कर वापस अंदर की ओर बढ़ गया।

आर्टेमिस तेजी से महल से निकली और एक चुटकी बजाकर डेल्फी शहर पहुंच गई। आर्टेमिस सीधा वहां से ओरैकल के मंदिर में पहुंच गई।

ओरैकल ने आर्टेमिस को देख उसका स्वागत किया। आर्टेमिस ने भी अपनी समस्या ज्यों की त्यों ओरैकल के सामने रख दी।

ओरैकल ने अपने धर्मानुसार आर्टेमिस से कुछ रीतियां करवाईं और स्वयं आँख बंद कर अपना सम्पर्क दूसरी दुनिया से जोड़ने में लग गई।

आर्टेमिस, ओरैकल के सामने बैठी उसे देख रही थी।

कुछ देर बाद ओरैकल के चेहरे पर, एक अजीब सी लाल रंग की रोशनी आकर पड़ने लगी, अब उसने आँखें खोल दीं ।

उसने आर्टेमिस की ओर देखते हुए बोली- “तुम मेलाइट के बारे में जानना चाहती हो ना?....मुझे मेलाइट इस समय दिखाई दे रही है...पर वह खुश है....उसे वह मिला है जिसकी उसे हजारों वर्षों से तलाश थी...हरक्यूलिस का सोचना बिल्कुल ठीक था..अब तुम्हें उसकी चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है आर्टेमिस.....अब उसका विचार अपने दिमाग से त्याग दो...अब वह कभी तुम्हारे पास वापस नहीं आयेगी...कभी नहीं।” आर्टेमिस को ओरैकल की बातें समझ नहीं आ रहीं थीं।

“आप क्या कह रहीं हैं? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है? कौन मिल गया है मेलाइट को ? और वह कौन है? जिसने उसका अपहरण किया था।” आर्टेमिस ने ओरैकल से पूछा।

“अगर हर कोई भविष्य को समझ ले, तो भविष्य का कोई मतलब ही नहीं रह जायेगा.......मेलाइट को उसका सोने का हिरण मिल गया है....सुनहरी कस्तूरी वाला सोने का हिरण....और जिसने उसका अपहरण किया...वह वो नहीं है...जो दिखती है...वह एक धोखा है... उसका चेहरा भी धोखा है....मगर तुम चिंता मत करो...उसको उसकी सजा मिल गई है....ध्यान रखना आर्टेमिस....बिना अपोलो उससे मिलने मत जाना कभी....चाहे वह तुम्हारे सामने ही क्यों ना हो? नहीं तो हार जाओगी...भूल जाओ मेलाइट को...भूल जाओ...।” यह कहते ही ओरैकल के चेहरे की लाल चमक गायब हो गई और अब वह सामान्य नजर आने लगी।

“क्या आपको आपके सवालों का जवाब मिला?” ओरैकल ने आर्टेमिस से पूछा।

आर्टेमिस ने धीरे से अपना सिर हिलाया और उठकर मंदिर से बाहर निकल गई, परंतु यहां आने के बाद आर्टेमिस के चेहरे पर उलझन के भाव और बढ़ गये


चैपटर-8

स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी:
(तिलिस्मा 3.2)

चींटियों के संसार को पार करने के बाद सभी जिस दरवाजे में घुसे, उस दरवाजे ने सभी को अमेरिका के न्यूयार्क शहर में पहुंचा दिया।

जी नहीं, यह असली न्यूयार्क नहीं, बल्कि कैश्वर द्वारा बनाया नकली न्यूयार्क शहर था, क्यों कि यहां लिबर्टी द्वीप पर एक नहीं बल्कि 2 स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी खड़ी दिखाई दे रहीं थीं और सुयश सहित, सभी एक स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी के समीप खड़े थे।

“यह तो न्यूयार्क शहर का वातावरण है।” जेनिथ ने मूर्तियों को देखते हुए कहा- “मगर यहां पर 2-2 स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी हैं। क्या मतलब हो सकता है इसका ?”

“इन दोनों मूर्तियों में कुछ अंतर हैं।” सुयश ने कहा- “जैसे एक मूर्ति का रंग हल्का हरा है, जबकि दूसरी मूर्ति हल्के भूरे रंग की है, इसका मतलब एक असली है और एक नकली।”

“कहीं हमें दोनों मूर्तियों के बीच अंतर तो नहीं ढूंढना?” ऐलेक्स ने कहा।

“हो सकता है, पर हम इस समय भूरी मूर्ति वाले पत्थर पर खड़े हैं, जो कि मुझे नकली मूर्ति दिख रही है।” तौफीक ने कहा - “क्यों कि असली स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी का रंग हल्का हरा है।”

“क्या हममें से कोई स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी के बारे में सबकुछ जानता है?” क्रिस्टी ने सबको देखते हुए कहा- “क्यों कि बिना सबकुछ जाने हमें दोनों के बीच अंतर नहीं कर पायेंगे।”

“मुझे इस स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी के बारे में काफी कुछ पता है, क्यों कि मैं काफी समय से न्यूयार्क में ही रह रहा हूं।” सुयश ने आह भरते हुए कहा- “पर पता नहीं क्यों, आज प्रोफेसर अलबर्ट की बहुत याद आ रही है।”

अलबर्ट की बात सुन शैफाली की आँखों में भी, कुछ बूंदें तैरने लगीं, पर उसने तुरंत अपने को कंट्रोल कर लिया।

तभी सुयश ने स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी के बारे में बताना शुरु कर दिया- “स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी अमेरिका के न्यूयार्क शहर से कुछ दूर ‘लिबर्टी द्वीप’ पर मौजूद है, यह पूरी तरह तांबे से निर्मित मूर्ति है। मूर्ति की ऊंचाई 151 फुट 11 इंच है और अगर इसके पत्थर की ऊंचाई को भी जोड़ लें, तो यह मूर्ति 305 फुट 6 इंच है। इस मूर्ति को फ्रांस और अमेरिका की दोस्ती के प्रतीक के तौर पर फ्रांस ने अमेरिका को दिया था।

"इस मूर्ति का अनावरण 28 अक्टूबर 1886 को तत्कालीन अमेरिकन राष्ट्रपति ‘ग्रोवर क्लीवलैंड’ ने किया था। इस मूर्ति का डिजाइन ‘फ्रेडरिक अगस्त बार्थोल्टी’ ने किया था। इसके मूर्तिकार का नाम ‘गुस्ताव एफिल’ था। यह मूर्ति रोमन देवी ‘लिबर्टस’ की है, जिन्हें स्वतंत्रता की देवी भी कहा जाता है। चूंकि अमेरिका 4 जुलाई 1776 को आजाद हुआ था, इसलिये इस मूर्ति के हाथ में पकड़ी किताब पर वही तारीख रोमन अंकों में लिखी है।

"22 मंजिल इस मूर्ति के ऊपर तक पहुंचने के लिये 354 घुमावदार सीढ़ियां हैं। मूर्ति के सिर पर जो मुकुट लगा है, उस पर 7 किरणें बनी हैं, जो कि विश्व के 7 महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। मुकुट पर 25 खिड़कियां भी बनी हैं, जो धरती के रत्नों को दर्शाती हैं। मूर्ति के हाथ में पकड़ी मशाल की फ्लेम पहले साधारण थी, परंतु बाद में इस पर 24 कैरेट सोने की पतली पर्त चढ़वा दी गई। इसी प्रकार पहले यह मूर्ति भूरे रंग की थी, पर बाद में समुद्र के पानी के द्वारा ऑक्सीकरण हो जाने की वजह से, यह हल्के हरे रंग में परिवर्तित हो गई।” इतना कहकर सुयश चुप हो गया।

“अरे वाह कैप्टेन, आपकी जानकारी तो इस मूर्ति के बारे में बहुत अच्छी है।” जेनिथ ने मुस्कुराते हुए कहा।

“वो क्या है ना कि इतनी बार इस जगह पर गया हूं कि गाईड को सुनते-सुनते सब कुछ कंठस्थ हो गया है।” सुयश ने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

“तो अब श्योर हो गया कि हम जिस मूर्ति के पास खड़े है, वह नकली है।” शैफाली ने कहा- “और हमें इस नकली मूर्ति को सुधार कर उस असली मूर्ति के समान करना है।”

“तो फिर हमें सबसे पहले मूर्ति के नीचे से ही शुरु करना होगा।” तौफीक ने कहा।

“नीचे मूर्ति की पहली गलती तो मुझे दिखाई दे रही है।” सुयश ने कहा- “नकली मूर्ति की पैरों में जंजीर बंधी है, जबकि असली मूर्ति के पैरों में वह जंजरी टूटी हुई पड़ी है। इसका मतलब हमें पहले इस जंजीर को
तोड़ना होगा।”

“पर कैसे कैप्टेन अंकल?” शैफाली ने सुयश को देखते हुए कहा- “आप देखिये ये जंजीर तो धातु की बनी है और बहुत मोटी भी है, तोड़ना तो छोड़ो, हम तो इसे उठा भी नहीं सकते।”

“तो फिर पहले ऊपर की ओर चलते हैं, हो सकता है कि ऊपर कोई ऐसी चीज मौजूद हो, जिससे इन बेड़ियों को तोड़ा जा सके।” सुयश ने कहा।

सभी को सुयश का यह सुझाव सही लगा, इसलिये सभी स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी की सीढ़ियों की ओर बढ़ गये।

पर सीढ़ियों के पास पहुंचकर सभी ठिठककर रुक गये, क्यों कि सीढ़ियों पर एक दरवाजा था, जिस पर एक 3 डिजिट का लॉक लगा था।

“लो हो गया कैश्वर का काम शुरु।” ऐलेक्स ने मुंह बनाते हुए कहा- “लॉक मिलना शुरु हो गये....अब पहले इसका कोड ढूंढना पड़ेगा।”

“चूंकि इस लॉक पर यह नहीं लिखा है कि इसे कितनी बार में खोलना है, इसलिये मैं इस लॉक को ‘क्रमचय-संचय’ या फिर ‘प्रायिकता’ (गणित का एक सूत्र) लगा कर आसानी से कुछ देर में खोल दूंगी।” शैफाली ने सभी को देखते हुए कहा।

“इतना समय भी देने की जरुरत नहीं है, मुझे लगता है कि इसका कोड मुझे पता है।” यह कहकर सुयश ने आगे बढ़कर उस लॉक पर एक नम्बर लगाया और लॉक तुरंत खुल गया।” यह देख सभी आश्चर्य में पड़ गये।

“कैप्टेन आपको इस लॉक का कोड कैसे पता चला?” तौफीक ने सुयश को देखते हुए आश्चर्य से पूछा।

“अब धीरे-धीरे मैं भी कैश्वर के दिमाग को पढ़ना सीख रहा हूं।” सुयश ने मुस्कुरा कर कहा- “वैसे इस दरवाजे का कोड 354 था, जो कि स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी की इन सीढ़ियों की कुल संख्या है। कैश्वर इसके अलावा और किसी कोड को रखने के बारे में सोचता भी नहीं।”
सुयश यह कहकर दरवाजा खोलकर सीढियां चढ़ना शुरु हो गया।

सभी सुयश के पीछे-पीछे चल दिये।
ऊपर पहुंचने तक सबकी हालत खराब हो गई क्यों कि 22 मंजिल सीढ़ियों के द्वारा चढ़ना इतना भी आसान नहीं था।

“बेड़ा गर्क हो इस कैश्वर का।” ऐलेक्स ने अपनी फूलती साँसों के साथ कैश्वर को भला-बुरा कहना शुरु कर दिया- “अगर ऐसे ही 3-4 बार ऊपर-नीचे करना पड़े, तो आदमी बिना तिलिस्मा के खतरे के मारा जायेगा।”

सभी ने कुछ देर तक बैठकर आराम किया और फिर अपने आस-पास देखने लगे।

इस समय सभी मूर्ति के सिर वाले मुकुट में बने कमरे में थे, जिसके चारो ओर खिड़कियां बनी थीं।

कमरे की छत पर एक गोला सा बना था, जिससे मुकुट की सारी किरणें जुड़ीं थीं ।

उस गोले में 7 घिरनियां लगीं थीं, जो कि पतले पाइप पर फिसल सकती थीं। शायद हर घिरनी एक किरण का प्रतिनिधित्व कर रही
थी।

ऐलेक्स ने ध्यान से उन घिरनियों को देखा, तो उसे 2 घिरनियां बहुत पास-पास दिखाई दीं।

“कैप्टेन, मुझे इन घिरनियों में कुछ प्रॉब्लम दिख रही है?” ऐलेक्स ने सुयश को आवाज लगाते हुए कहा।

ऐलेक्स की आवाज सुन सुयश उन घिरनियों की ओर देखने लगा। कुछ देर तक देखने के बाद सुयश ने आगे जाकर, एक खिड़की से झांककर मूर्ति के ऊपर की ओर देखा।

कुछ देर देखने के बाद सुयश ने अपना सिर अंदर कर लिया और बोला- “बाहर मूर्ति के मुकुट में 7 किरणें होनी चाहिये थीं, पर अभी वह 6 ही नजर आ रही हैं, इसका मतलब हमें उन्हें 7 करना होगा.... अब अगर अंदर कमरे की छत पर मौजूद इन घिरनियों को देखें, तो साफ पता चलता है कि इन घिरनियों से ही मुकुट की किरणें नियंत्रित होती हैं और यह 2 घिरनियां पास-पास है, जिसकी वजह से बाहर 6 ही किरणें नजर आ रहीं हैं। यानि हमें किसी भी प्रकार से इन घिरनियों को इनकी वास्तविक स्थिति पर लाना होगा। अब चूंकि कमरे की ऊंचाई 15 फुट है, तो हममें से कोई भी इस ऊंचाई तक नहीं पहुंच सकता, पर अगर हम सम्मिलित कोशिश करें, तो हम एक के ऊपर एक खड़े होकर ऊपर तक पहुंच सकते हैं।”

सुयश की बात से सभी सहमत हो गये। आनन-फानन सभी ने गोला बना कर, अथक प्रयास कर शैफाली को ऊपर तक पहुंचा दिया ।

पर शैफाली की पूरी ताकत लगाने के बाद भी, वह किसी भी घिरनी को हिला नहीं पाई। यह देख शैफाली नीचे आ गई।

“इसका मतलब घिरनी को घुमाने के लिये कोई और साधन है, यह हाथ से नहीं घूमेगी।” सुयश ने चारो ओर देखते हुए कहा- “अब फिलहाल इस कमी को भी बाद में सुधारेंगे....अब कुछ नयी गलती ढूंढो।”

“कैप्टेन अंकल आपने कहा था कि इस मुकुट में 25 खिड़कियां है, पर मुझे यहां सिर्फ 24 खिड़कियां ही दिखाई दे रहीं है।” शैफाली ने सबका ध्यान खिड़कियों की ओर कराते हुए कहा।

सुयश ने भी खिड़कियों की गिनती की, शैफाली सही कह रही थी। अब सुयश ध्यान से सभी खिड़कियों के बीच की दूरी का अध्ययन करने लगा, पर सभी खिड़कियों में बराबर दूरी थी।

“कैप्टेन, सभी खिड़कियों की दूरी बराबर है और इसके बीच कोई नयी खिड़की नहीं लगाई जा सकती।” तौफीक ने कहा- “इसका साफ मतलब है कि हमें मूर्ति के सिर के पीछे वाले स्थान पर ही कुछ ढूंढना
पड़ेगा क्यों कि वहां पर खाली दीवार है।”

तौफीक की बात सुन सभी मूर्ति के चेहरे के पीछे वाली साइड में आ गये। ऐलेक्स अब हाथों से टटोलकर उस दीवार को देखने लगा।

तभी ऐलेक्स का हाथ किसी अदृश्य चीज से टकराया।

ऐलेक्स ने उस चीज को अपनी ओर खींचा, वह अदृश्य चीज अब दीवार से निकलकर ऐलेक्स के हाथ में आ गई और इसी के साथ उस दीवार में अब 25 खिड़की नजर आने लगी।

25वीं खिड़की देख सभी खुशी से भर उठे। अब वह सभी ऐलेक्स की ओर देख रहे थे, जो कि अपने हाथों को अजीब ढंग से हवा में घुमाकर कुछ कर रहा था।

“तुम यह क्या कर रहे हो ऐलेक्स?” क्रिस्टी ने ऐलेक्स से पूछा- “और तुमने यह 25वीं खिड़की कैसे बनायी?”

“25वीं खिड़की पहले से ही यहां पर थी, पर उसे किसी अदृश्य चीज ने घेर रखा था ? मैंने जैसे ही उस अदृश्य चीज को दीवार से हटाया़ वह खिड़की दिखाई देने लगी।” ऐलेक्स ने कहा- “और अब मैं उसी अदृश्य चीज को समझने की कोशिश कर रहा हूं कि वह है क्या?”

“ऐलेक्स भैया, आप वह चीज मुझे दे दीजिये, मेरा स्पर्श का अनुभव आपसे ज्यादा है, मैं उसे आसानी से समझ सकती हूं।” शैफाली की बात सही थी क्यों कि शैफाली ने 13 वर्षों तक हर चीज को छूकर ही तो अनुभव किया था।

ऐलेक्स ने वह चीज शैफाली को दे दी। शैफाली ने वह चीज ले, अपनी आँखें बंद कर लीं और छूकर उसे
महसूस करने लगी।

“यह चीज किसी जापानी पंखें की तरह है, जिसे फैलाकर खोला और बंद किया जा सकता है।” यह कहकर शैफाली ने उस अदृश्य जापानी पंखे को खोल दिया, तभी मूर्ति के चेहरे की ओर से एक तेज आवाज उभरी, वह आवाज सुन शैफाली ने डरकर पंखें को फिर से बंद कर दिया।

अब सभी मूर्ति के चेहरे की ओर आ गये।

“शैफाली के जापानी पंखे के खोलने पर आगे से कोई आवाज उभरी थी। शायद इस ओर उस समय कुछ घटित हुआ था।” सुयश ने शैफाली को देखते हुए कहा- “शैफाली जरा एक बार फिर उस पंखे को खोलो, मैं देखना चाहता हूं कि वह आवाज कहां से आयी थी?”

सुयश की बात सुन शैफाली ने एक झटके से पंखे को फिर खोल दिया।

पंखा खुलते ही आपस में चिपकी हुई दोनों घिरनियां अलग-अलग हो गईं, जिसे सभी ने देख लिया।

यह देख सुयश ने भागकर एक खिड़की से फिर बाहर की ओर झांक कर देखा। बाहर अब मूर्ति के मुकुट पर 7 किरणें दिखाई देने लगीं थीं, यह देख सुयश खुश हो गया।

“हमने 3 बाधाओं को पार कर लिया।” सुयश ने सभी की ओर देखते हुए कहा- “पहली सीढ़ियों के लॉक की बाधा, दूसरी 25वीं खिड़की को खोजना और तीसरा 7वीं किरण को सही करना।.... वेलडन दोस्तों....अब हमें मूर्ति की अगली कमी पर ध्यान देना होगा... एक तो मूर्ति की बेड़ियां अभी भी लगी हैं...और दूसरा मूर्ति का रंग अभी भी भूरा है...पर इसको सही करने के पहले हमें एक बार फिर से ध्यान से मूर्ति को देखना होगा कि मूर्ति में कोई और कमी तो नहीं है?”

सुयश की बात सुन सभी खिड़कियों से झांककर मूर्ति का देखने लगे।

“कैप्टेन, मूर्ति के हाथ में पकड़ी मशाल की फ्लेम नहीं है।” ऐलेक्स ने बाहर झांकते हुए कहा।

“कैप्टेन मुझे मूर्ति के हाथ में पकड़ी किताब की तारीख भी सही नहीं लग रही है।” क्रिस्टी ने कहा- “चूंकि अमेरिका 4 जुलाई 1776 को आजाद हुआ था, इस हिसाब से किताब पर रोमन में ‘IV’ (यानि 4)
MDCCLXXVI (यानि 1776) लिखा होना चाहिये था, पर किताब में ‘IV’ (यानि 4) MDCCLSSIV (यानि 1774) लिखा है, जो कि गलत है।” (रोमन संख्याः M=1000, D=500, C=100, L=50, X=10, VI=6, IV=4)

“यानि कि यह तारीख अमेरिका की आजादी के 2 वर्ष पहले की है, शायद इसी लिये मूर्ति के पैरों में, अभी भी बेड़ियां लगी हुईं है।”


जारी रहेगा_______✍️

Gazab ki update he Raj_sharma Bro,

Statue of Liberty ke baare me itni jankari dene ke liye dhanywad..........

Suyash and party ke liye samsaya ka ant abhi nahi hua he.........

Rang bhi badlna he aur pairo ki bediya bhi todni he.........

Keep posting Bro
 
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Raj_sharma

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रिव्यू की शुरूआत की जाए
यहाँ स्टोरी में थोड़ा कम्प्लिकेशन्स आ गया आर्टमिश और अपोलो जियूश और लेटो के बच्चे हैं। साथ ही हेरा और जियूश के ग्रैण्ड चिल्ड्रेन कैप्सुर भी हैं इधर तो फैमिली रिलेशनशिप भी निकल गया।
साथ ही हेरा के ड्रोगन कनेक्शन ने सोचने में मजबूर किया कि शफ्फ़ाली के फ़ादर साइड की फैमिली तो ड्रैगन थी कौन सा ड्रैगन होगा जिससे अपोलो ने मारा, लेडन तो वो ड्रैगन नहीं होगा जिससे अपोलो ने मारा क्योंकि लेडन को हरक्यूलिस ने मारा।
हेरा के यहाँ लेडन भी काम करता था बट लेडन उसका सामना नहीं हुआ होगा।
साथ ही आर्टिमिस को ओरेकल ने मेगा लाइट के बारे में बताया बट मेगा लाइट को क्या मिल गया, क्या रोजर मिल गया सुनहरा मानव या वो सुनहरे कस्तूरी के बारे में था।
साथ ही हरक्यूलिस ने क्या कहा था हरक्यूलिस का क्या कनेक्शन है आर्मटिस और मेगालाइट से हरक्यूलिस भी ग्रीक देवता हैं बट उसका क्या रिलेशनशिप इनसे।
साथ ही ओरेकल ने एक तरह कहा है कि आकृति से बंधने में कहीं शलाका से नहीं बंध जाए आकृति।
जस्ट थॉट कहीं ये ग्रीक गॉड वर्सेज़ हीदि गॉड का बैटल नहीं करवा दो, कहीं ये चिंगरी तो नहीं ग्रीक वर्सेज़ हीदू गॉड के बीच।

स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी वाले तिलिस्म का आगमन हो गया, हाफ़ से ज़्यादा तिलिस्म कम्प्लीट हो गया, लेकिन ये जापानी पंखा क्या चीज़ है।
जस्ट गॉट थॉट 2 साल की टाइमलाइन से स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी को आज़ाद करना है कहीं 2 साल पहले कुछ हुआ तो नहीं था।

ये केश्वर की प्रेडिक्टिबिलिटी कहीं कुछ हिंट तो नहीं कि केश्वर का तोड़ इन्होंने ढूँढ नहीं लिया।

साथ ही मज़ा आ गया काफ़ी रिसर्च किया स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी के लिए।

ओवरऑल हमेशा की तरह शानदार अपडेट।


Raj_sharma

सबसे पहले तो इस मस्त रिव्यू के लिए गुत्थम- गुत्था :hug: Superb 👌🏻 ab baat kare review ki to, ek dregon ka sir to Shefali ko bhi mila tha volcano me 🤔 and ek ka sir apolo ne bhi kaata tha, to wahi Hercules bhi nikal ke samne aa gaya? Khair jaane do kon dimak lagaye, har sawaal ka jabaab time pe mil hi jayega :D
Waise wo मेगा लाइट नहीं मेलाइट थी दोस्त :D और वैसे तो पहले से बतानाककहानी के लिहाज से सही नही होता, पर तुम इतना मेहनत करके पूछ रहे हो तो एक चीज बता ही देता हूॅ, कि मेलाइट को उसका जोड़ीदार मिल गया है। यानी मेलाइट एक हिरणी है, और उसका कस्तूरी हिरण उसे मिल गया है।:declare:
Baaki kiska kis se kya connection hai, ye main pahle hi update me bata chuka hu, agar na samajh me aaya to ek baar fir se padh lijiye dost, aur agar kahi kuch bach gaya hoga to aage bata diya jayega 👍
Shalaka kisko or kyu baand legi??:hmm: वैसे अपना कोई इरादा नहीं है किसी को लड़ाने का , बाकी देवता तो हर हाल मे देव ही होते है। :dazed:
Tumne Japanese fan nahi dekha kabhi??:?: wo kuch is tarah ka hota hai:-

images-1
Statue of liberty 🗽 ka Tilism abhi aadha bhi nahi khatam hua hai dost, ye kafi jatil mayajaal tha, isi liye do update me likha apun ne 😄
Unn 2 saal ka hi asli locha hai dost, aur wo kya hai ye iske agle update me hi pata lag jayega :declare:
Keshwar ka agar kahi koi tod kar sakta hai to wo kewal Casper gi hai :approve:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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रिव्यू की शुरूआत की जाए
यहाँ स्टोरी में थोड़ा कम्प्लिकेशन्स आ गया आर्टमिश और अपोलो जियूश और लेटो के बच्चे हैं। साथ ही हेरा और जियूश के ग्रैण्ड चिल्ड्रेन कैप्सुर भी हैं इधर तो फैमिली रिलेशनशिप भी निकल गया।
साथ ही हेरा के ड्रोगन कनेक्शन ने सोचने में मजबूर किया कि शफ्फ़ाली के फ़ादर साइड की फैमिली तो ड्रैगन थी कौन सा ड्रैगन होगा जिससे अपोलो ने मारा, लेडन तो वो ड्रैगन नहीं होगा जिससे अपोलो ने मारा क्योंकि लेडन को हरक्यूलिस ने मारा।
हेरा के यहाँ लेडन भी काम करता था बट लेडन उसका सामना नहीं हुआ होगा।
साथ ही आर्टिमिस को ओरेकल ने मेगा लाइट के बारे में बताया बट मेगा लाइट को क्या मिल गया, क्या रोजर मिल गया सुनहरा मानव या वो सुनहरे कस्तूरी के बारे में था।
साथ ही हरक्यूलिस ने क्या कहा था हरक्यूलिस का क्या कनेक्शन है आर्मटिस और मेगालाइट से हरक्यूलिस भी ग्रीक देवता हैं बट उसका क्या रिलेशनशिप इनसे।
साथ ही ओरेकल ने एक तरह कहा है कि आकृति से बंधने में कहीं शलाका से नहीं बंध जाए आकृति।
जस्ट थॉट कहीं ये ग्रीक गॉड वर्सेज़ हीदि गॉड का बैटल नहीं करवा दो, कहीं ये चिंगरी तो नहीं ग्रीक वर्सेज़ हीदू गॉड के बीच।

स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी वाले तिलिस्म का आगमन हो गया, हाफ़ से ज़्यादा तिलिस्म कम्प्लीट हो गया, लेकिन ये जापानी पंखा क्या चीज़ है।
जस्ट गॉट थॉट 2 साल की टाइमलाइन से स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी को आज़ाद करना है कहीं 2 साल पहले कुछ हुआ तो नहीं था।

ये केश्वर की प्रेडिक्टिबिलिटी कहीं कुछ हिंट तो नहीं कि केश्वर का तोड़ इन्होंने ढूँढ नहीं लिया।

साथ ही मज़ा आ गया काफ़ी रिसर्च किया स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी के लिए।

ओवरऑल हमेशा की तरह शानदार अपडेट।


Raj_sharma

सबसे पहले तो इस मस्त रिव्यू के लिए गुत्थम- गुत्था :hug: Superb 👌🏻 ab baat kare review ki to, ek dregon ka sir to Shefali ko bhi mila tha volcano me 🤔 and ek ka sir apolo ne bhi kaata tha, to wahi Hercules bhi nikal ke samne aa gaya? Khair jaane do kon dimak lagaye, har sawaal ka jabaab time pe mil hi jayega :D
Waise wo मेगा लाइट नहीं मेलाइट थी दोस्त :D और वैसे तो पहले से बतानाककहानी के लिहाज से सही नही होता, पर तुम इतना मेहनत करके पूछ रहे हो तो एक चीज बता ही देता हूॅ, कि मेलाइट को उसका जोड़ीदार मिल गया है। यानी मेलाइट एक हिरणी है, और उसका कस्तूरी हिरण उसे मिल गया है।:declare:
Baaki kiska kis se kya connection hai, ye main pahle hi update me bata chuka hu, agar na samajh me aaya to ek baar fir se padh lijiye dost, aur agar kahi kuch bach gaya hoga to aage bata diya jayega 👍
Shalaka kisko or kyu baand legi??:hmm: वैसे अपना कोई इरादा नहीं है किसी को लड़ाने का , बाकी देवता तो हर हाल मे देव ही होते है। :dazed:
Tumne Japanese fan nahi dekha kabhi??:?: wo kuch is tarah ka hota hai:-

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Statue of liberty 🗽 ka Tilism abhi aadha bhi nahi khatam hua hai dost, ye kafi jatil mayajaal tha, isi liye do update me likha apun ne 😄
Unn 2 saal ka hi asli locha hai dost, aur wo kya hai ye iske agle update me hi pata lag jayega :declare:
Keshwar ka agar kahi koi tod kar sakta hai to wo kewal Casper hii hai :approve:
Rahi baat research ki to wo to apne ko karna hi padega, agar nahi karunga to story majedaar kaise lagegi?:smarty:Fir tum bologe maja nahi aaya?
Thank you very very much for your amazing review and superb support Avaran :thankyou:
 
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avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
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बिल्कुल भाई , संजू भैया कि जगह तो वो नहीं ले सकता, पर कुछ हद तक उसने उन्की कमी दूर करदी है। विस्तृत रिव्यू देता है एवरन।:good:
ओर आप तो हो ही हमारे साथ , फिर अपने को क्या चिंता :hug:
रिव्यू का जवाब समय निकाल कर देता हूॅ, अभी ऑफिस में हूॅ। वैसे एक ही बार मे सारे अपडेट निपटा दिये आपने।:D अच्छा है, अभी साथ चलेंगे।

वो सब तो ठीक है लेकिन आपके डिस्प्ले-फ़ोटो में एक लड़का (वो तो आप ही हैं) और एक लड़की है - और दोनों एक ही तरह के फूल लिए हुए हैं।
क्या कोई 'आप आए बहार आई' जैसी खुश - ख़बरी है?
 
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