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Erotica रोमा : मेरी पहली प्रेमिका

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Real@Reyansh

हसीनो का फेवरेट
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Update No. 5A --

शैतान लड़के तुमने तो मुझे गिरा ही दिया था . .

गिराया कहा, तुम तो पहले से गिरी हुए हो . ये बोल कर छोड़ दिया . और कल्पना गिर जाती हो .

Aaahhh मम्मी, उठा मुझे बेशरम,

शैलेश हल्के से झुक कर बड़े अदा से उसके चेहरे को अपने हाथो में लेता है . . आह मेली प्याली बच्ची गिर गई, चोट आयी क्या . .

कल्पना भी उसको आँखों मे आंख डाल कर घूरते हुए बोलती है -- नौटंकी मत कर उठा जल्दी से . .

Please एक बार वो Story वाले स्टाइल में बोलो ना . प्लीज . .

चुप बेशरम . .

बोल दो ना . .

पहले तुम मुझे आइस क्रीम खिलाने का प्रॉमिस करो,

Promise ..

अब उस कहानी का नाम बोलो ..

धत्त . .

बोलना तो पड़ेगा ..

शैलेश शर्माते हुए . .
Juciy Cunt of a Traveller .. ( by Reyansh Tripathi, Very soon will live in English section)


छी . . कितनी गंदी कहानियां पढ़ने लगे हो आज तक .

तुम ही तो भेजती हो . . अब बोलने के time शर्माने लगी . .

बोल ना .. बस एक बार फिर तू जो कहेगी वो करूंगा ..

कल्पना भी बड़े अदा से विशाल की आँखों मे देखते हुए कहती . .

My Master, please take me into arms ... I am desperate to be crushed by you .. please ( मेरे मालिक प्लीज अपनी इस दासी को अपने बाहों में दबोच कर मशल दो, )

इतना बोल कर कल्पना ने अपने उंगलिया दांतों में दबा कर अदा से देखने लगी ..

Sure my Little Princess . . ( क्यूँ नहीं मेरी रानी )

बोलकर शैलेश ने आँखों मे देखते देखते झुक कर अपने बाजुओं को कल्पना के पीछे ले जाता है और उसकी पतली कमर को अपने आगोश मे कर के हल्के हल्के अपने सीने की तरह खीच लेता है, कल्पना भी हवा की तरह तैरती हुयी अपने पसंदीदा पुरुष के बाहों में समा जाती है . . कल्पना मानो कल्पना के सागर में डूब गई और ना जाने क्या क्या सोचते हुए शैलेश के सीने चेहरा छुपा बैठी . .

अब नाजुक बदन, और जवां जिस्म के साथ खुले मिजाज की लड़की हो और ऊपर से खुद से कह रही हो . मशल दो मुझे, जाहिर सी बात है कोई भी होगा वो छोड़ेगा नहीं . . .

शैलेश ने भी खड़े हो कर उसके जिस्म को जकड़ लिया .

आह .. . .

मैंने तो सिर्फ मज़ाक मे कहा था तू तो सच मे मशलने लगा . . .

तुम मजाक कर रही थी, मैं नहीं कर रहा था . . तुम्हारा बदन कितना नर्म है कल्पना . .

नर्म तो रहेगा ही इतना ख़याल रखती हूं, तुम्हारी तरह नहीं की रोज शाम को Gym में जा कर बैल बनूँ .

चल चुप चाप बैठ जा कुर्सी पर . . . कल्पना ने जल्दी से शैलेश की पकड़ से Aazad हो कर शैलेश को कुर्सी के तरह धकेल दिया और ख़ुद उसके गोद मे जा कर बैठ गयी ..

शैलेश धीमे से कहता है ..

मुझको तो बैठा दिया, अब इसको कौन बैठायेगा,

किस की बात कर रहे हो आप . . शैलेश की गोद मे हिलोरे मारते हुए जान कर अंजान बनते हुए, बोलती है .

अरे उसकी बात कर रहा हू जिसको ice cream समझ कर तुम ..

लेकिन वो तो हॉट है ice, कहा है .. .. उसको खड़ा ही रहने दो . .

अच्छा तब वो तुम्हें सज़ा देगा .. बोलते हुए शैलेश ने अपने जादुई हाथ कल्पना के blazer के अंदर हाथ डाल कर शर्ट के ऊपर से ही .. . छाती के फल को मसलने लगा . .

कल्पना ने शैलेश के हाथ पर मारते हुए --

हाथ हटाओ, बुद्धू office में हो ..

तो क्या हुआ, अभी तो रेखा जी भी नहीं है . .
शैलेश ने चिकोटी काट कर हाथ बाहर खीच लिया . .


तुम पहले ये बताओ की मेरे मैसेज का जवाब क्यूँ नहीं दे रहे हो . कोई नयी लौंडाईया, फाश लिए हो का ..

अरे मैडम एक तुम कम हो क्या जो दुसरी टेंशन भी पाल लूँगा . .

Good Boy .. सोचना भी मत वर्ना इतना मारूंगी ना,

तु मारेगी, अपना मुँह देखा है,

अबे हाथ से मारा जाता है . . . मुँह से नहीं . . और तू अपना मुँह देख कितना खड़ूस लग रहा है, पहले कितना क्यूट था . . लेकिन जब से रेखा तेरी सेक्रेटरी बनी है, तब से तू कुछ टेंशन में रहता है ..

नहीं यार ऐसी बात नहीं, रेखा जी तो बहुत खयाल रखती है . . कुछ और बात है,

क्या बात है, तुम तो कुछ बताते ही नहीं ..

यार थोड़ा प्रॉब्लम है, जिसके लिए तुमसे बात करने वाला था, और तुम उड़ती तितली की तरह मेरे ऊपर आ कर बैठ गयी . .

हा शैलेश मैं तो हूं ही तितली, और तुम्हारा सारा रस चूस लुंगी . . शैलेश के होंठो के तरह देखते हुए कहती है . .

फिर उड़ नहीं पाओगी, मोटी हो जाओगी . . दोनों हसने लगते है . . शैलेश ने कल्पना की पेट की तरफ इशारा कर के कहा . .


तुम बहुत शैतान हो शैलेश . .

अभी तुमने मेरी शैतानी देखी कहा है .. .
तुम दिखाते कहा हो . मैं तो कब से देखना चाहती हूं .


तो कहा देखोगी सबसे सामने या अकेले मे . .

सोच लो कहीं दाव उल्टा ना पड़ जाए . . बोलो क्या लगाते हो दाव पर . .

जो तुम बोलो . . और अगर मैं जित जाऊँगा तो..

तो फिर मैं तुम्हारी gf बन जाऊँगी . . .

फिर तो मैं पहले ही हार मानता हूं . . तेरे जैसी GF नहीं चाहिए . .

चुप कर, बुद्धू तब की तब देखी जाएगी, और हा कोई बेईमानी नहीं होगी . . .

बेईमानी तो तुम करती हो . . अकेले बोल कर पूरे मोहल्ले की भाभियों को बुला लेती हो . . .

भाभियों से डरते हो क्या . ? तुम तो हो ही डरपोक . . चलो इस बार मैं अकेले रहूंगी . . . . और अकेले ही तुम्हें और तुम्हारे शैतान को देख लुंगी . . इतना बोल कर कल्पना झटपट से उठती है . . और byyee बोल कर गायब . . मानो किसी मकसद से आयी हो . . .
 
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Real@Reyansh

हसीनो का फेवरेट
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Update no. 5b --

शिखा अलमारी खोल कर Bag को देखने लगती है - और इधर रेखा के मन मे एक अपमान की भावना उठने लगी, उठे भी क्यूँ ना 20 सालों से जिस कंपनी की नाजायज मालकिन बनी घूमती थी, जिसने कई नयी ल़डकियों को स्टाफ को ट्रेनिंग दिया हो . . उस को कल की आयी छोकरी के सामने मेहता जी इस कदर जलील कर रहे थे . . . लेकिन वो कर भी क्या सकती है . . रखैल की क्या इज़्ज़त क्या बेज्जती, अभी वो कुछ बोलेगी तो सीधा Black Office में ट्रांसफर . .. वो बस एक काम कर सकती थी, और वो अभी वही कर करने के बारे में सोच रही थी . . .. .. .. ..

इधर शिखा भी रेखा रानी को जलील होता देख मंद मंद मुस्करा रही है, उसको भी मजा आ रहा है . . आम तौर पर ऐसा देखा गया है नयी सेक्रेटरी, पुरानी वाली से सौतन वाले भाव से ही देखती है, और देखना भी चाहिए अब कौन सी शरीफ सेकेट्ररी है जो बॉस के सामने टांगे ना फैलाये, और कौन सा ऐसा बॉस है जो अपनी सेकेट्ररी की पैन्टी, ना सरकाय, और मेहता तो पहले ही मशहूर थे अपनी इश्क मिजाजी के लिए . . लेकिन वो ठरक से संचालित नहीं होते थे, उनके लिए काम और काम की रेखाएं स्पष्ट थी और रेखा दोनों रेखाओं पर पूरी तरह पाबंद थी इसी लिए वो इतने दिन तक मेहता से चिपकी रही - -

शिखा नयी नयी ल़डकि उससे ईर्ष्या इस लिए भी करती थी क्यूँ की रेखा से जलने वाले लोगों ने उसको रेखा के खिलाफ भड़का रखा था . . और रेखा भी नहीं चाहती थी कि शिखा जैसी नौसिखिया उसकी जगह ले वो किसी अपनी चमची को इस जगह देना चाहती थी, लेकिन अब होनी को कौन टाल सकता है . . .

शिखा को भी स्वाद आ रहा था, और वो भी बड़े बड़े आराम से Bag खोज रही थी और बीच बीच मे मेहता सर की तरह देख कर एक मुस्की मार देती थी, दरअसल वो रेखा रानी के घबराए चेहरे को देख कर आनंदित हो रही थी जो अभी भी मेहता सर के घुटनों के पास थी,

मेहता भी इस बार ये जलील हरकतों को जान बूझ कर हवा दे रहा था ताकि शिखा को वो शीशे में उतार सके , और रेखा को उसकी औकात दिखा सके . . .

अरे स्वीटी कितना समय लगेगा, देखो तुम्हारी मैडम कब से तरस रही है लेने के लिए . . .

क्या सर, मैडम तो हमेशा लेती रहती है, . . फिर क्यूँ तरस रही है,

ये जवाब की उम्मीद तो नहीं लेकिन मेहता ये सुन कर खुश बहुत हुआ . चलो बस कुछ दिन और फिर नयी नयी कमसिन जवानी का स्वाद मिलेगा . . .

वो उस bag में आप की मैडम का गिफ्ट है ना, क्यूँ मैडम रेखा Gift चाहिए ना . .

मेहता रेखा की आँखों मे देखते हुए . .

Yes सर चाहिए,

देखा स्वीटी, मैडम कितना Exicted है,

Yes, सर मिल गया . .

एक बड़ा सा चमड़े का बैग . Brown रंग का, स्वीटी और रेखा दोनों आंखे फाड़ कर उस बैग को निहार रही थी लेकिन

कुछ अन्तर भी था, जहाँ एक तरह शिखा उत्सुकता से Us बैग को देख रही थी, और अनुमान लगा रही थी, क्या होगा बैग में वही रेखा जानती थी बैग में क्या था . .

जाने भी कैसे ना, ना जाने कितनी बार उसने खुद उसी प्रकार के बैग के साथ लाचार और बेबस महिलाओं को मेहता को कमरें में बंद किया था और बाहर खुद पहरेदार बन के बैठ जाती थी,

सर MEETING में है बोल कर अंदर की हरकतों को आवाजों को महसूस कर के एक खयाली चित्र कयी बार बनाया है उसने लेकिन उसे भी ठीक ठीक नहीं पता था कि होता क्या था उस कमरें में . . . और उस bag में था क्या . .

लेकिन जो भी था, था बहुत खतरनाक क्यूँ की वहा से निकलने के बाद उन महिलाओं के हाव भाव चाल चलन
अकड़ और गुरूर सब कुछ लगभग बदल से जाते थे, कई के तो तेवर ही ढीले हो जाते थे, और मजेदार बात ये कि उनमे से कोई भी कंपनी की सदस्य नहीं थी . . सब business womens . . .

सर ये रहा बैग . .

Good My Dear Shikha, now you call my driver and Ask him to get Ready in 15 minutes. ( बहुत बढ़िया शिखा रानी, अब मेरे ड्राइवर को फोन कर के बोल दो की 15 मिनट में मुझे निकालना है तो तैयार रहें . . . )

And Listen Don't let any one Step into the office .. ( और हाँ किसी को अंदर मत आते देना )

इतना सुनते ही शिखा ने Office Room के बाहर कदम रखा और फोन मिलाने लगी . .

और रेखा की आँखों ने भी बगावत कर दिया और आंसू बहा दिए . .

रेखा रोते हुए -- सर, आज तक इतनी खातिरदारी का यही इनाम दे रहे, सोच लीजिए . . अगर आपने कुछ किया तो . .

मेहता मानो इसी का इंतजार कर रहा था, और जैसे ही रेखा के बोल निकलने वैसे की मेहता का हाथ रेखा की गाल पर एक थप्पड़ दे दिया . .

चटाऽऽक . . नहीं तो क्या .. बोल नहीं तो क्या . .

..... ... ... ...
 
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Real@Reyansh

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Update No. 5C

एक ऑफिस के दो अलग अलग कमरें में दो जोड़े अपने अपने अंदाज मे भावनाएं व्यक्त कर रहे रहे . . जहा एक तरफ़ शैलेश और कल्पना अपनी नयी नयी आए जवानी को नए तरीके से आस्वादन कर रहे थे और दोनों झिझकते झिझकते अपनी कामनाएँ अपने अपने अंदाज मे एक दूसरे को समझ रहे थे . . .

शैलेश जहां कल्पना को चाहता तो है लेकिन बताना नहीं चाहता वही कल्पना ने शैलेश को सिर्फ अपनी कल्पना तक सीमित नहीं रखना चाहती, वो चाहती है शैलेश को अपने इशारे पर नचा नचा कर अपने हुस्न का, अपने अदाओं का गुलाम बना ले . .

आज की शैतानी से शैलेश के अंदर दबी हुयी कामना धीरे धीरे बाहर आ रही है . . लेकिन जो अपनी कामना जाहिर कर दे वो मर्द कैसा वो इस खेल को और गहरा ले जाना चाहता है . . . इतना गहरा की जहा उन दोनों के अलावा कोई और नहीं हो .. सिर्फ कल्पना हो और उस कल्पना के कल्पना का राजकुमार शैलेश .. ..

लेकिन कल्पना इस बात से अंजान थी . . वो शैलेश की पहली पसंद नहीं है, कई स्त्री शैलेश पर मोहित थी कई स्त्री के साथ शैलेश के कई तरह के रिश्ते रह चुके है . . .

कल्पना उस रहस्य को जानने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा उसने कई लोगों से जांच पड़ताल करवायी लेकिन वो शैलेश के जिस्म तक तो पहुच गई लेकिन उसके दिमाग के अंदर घुस नहीं पायी शायद उसी प्रयास में आज वो फिर आयी थी

कल्पना वैसे तो शैलेश के Office में कई बार बिन बताए घुस आती थी, लेकिन ये पहला मौका था कि उसने जाने में इतनी तेजी और होशियारी दिखाई . . . . कुछ तो बात जरूर थी वर्ना ये मौज मस्ती वाली लड़की, जासूस क्यूँ बन गई,


वही दुसरी कोने मे करीमदास मेहता अपनी नयी नयी सेक्रेटरी के सामने अपनी पुरानी सेक्रेटरी को जलील कर रहे थे, या यू कहें कि नयी वाली की लेने के चक्कर मे पुरानी वाली की इज़्ज़त नीलाम कर रहे थे, रेखा रानी उनकी सेक्रेटरी ही नहीं उनकी सबसे खास माशुका भी थी . . ऐसी माशुका जो अपने हुस्न के जादू से, ना जाने कितने मर्दों को अपने पेटीकोट में कैद कर के अपने मालिक मेहता के चरणों मे डाल कर अपना फर्ज निभाया हो लेकिन एक गलती और खुद वो मेहता की चरणों मे पडी हुयी अपने प्यार की दुहाई दे रही थी ...

मेहता भी अपनी बहकी हुयी रखैल को नियंत्रित करने के प्रयास कर रहा था . . और नयी सेक्रेटरी को खुश करने के लिए उसके सौतन के सामने उसको भाव दे रहा था . .

शिखा महसूस कर रही थी, कि करीम दास का उसके प्रति झुकाव और रेखा महसूस कर रही मेहता सर का गुस्सा

अब देखते है आगे क्या होता है
 
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उन भाभियों को होली की विशेष शुभकामनाएं जो अपने रंग बिरंगे साया ( पेटीकोट ) को देवर के थोड़े से हाथ गोड़ जोड़ने पर अपने हाथो से उठा उठा कर रंग लगवाती है --


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हमे कब से इंतजार था कि होली पर उसके चोली को खोलकर रंग लगाते लेकिन उसने तो चोली ही नहीं पहनी



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roll 6
 
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ये उन दोस्तों के लिए जिन्होंने अपने मेहरारू से होली खेलने की अनुमति दी . .
20250314-231448
 
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