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Incest मेरी माँ की गोदभराई

किसे ज्यादा प्यार मिलना चाहिए ?

  • रश्मि (बीवी)

    Votes: 9 10.8%
  • पारुल (मां)

    Votes: 60 72.3%
  • लता (सासुमा)

    Votes: 14 16.9%

  • Total voters
    83

Fantasy Notebook

Lust + Love = 🔥
7
22
3
Update 10

दोस्तों सासुमा को तो मेने पूरी तरह निचोड़ के रख दिया था लेकिन साथ में ही मेरा भी वही हाल था में काफी थक चुका था आज पता चला था की एक बड़ी उम्र की औरत जो इतनी भारी जिस्म की मालकिन भी है उसकी काम आग क्या होती है..

में कमरे से बाहर आया और अपने कमरे में रश्मि को अपनी बाहों में भर के सो गया.. सुबह को सूरज सर पे आके चिल्ला रहा था तक जाके में उठा.. मेरा हाथ बहोत ही दर्द कर रहा था.. और और बदन भी अकड़ रहा था.. में नहा धोकर तैयार हो गया...

जब नीचे गया सामने दोनो मां बेटी बैठी हुई tv देख रही थी.. में मन ही मन बोला देखो तो कैसे बैठी है.. मेरी नज़रे जैसे ही सासुमा से मिली वो शर्म से अपनी नजरे चुरा ली और मेने भी उनकी और ज्यादा देखना सही न समझा वैसे भी रात में उनका सारा खजाना लूट चुका था मैं..

रश्मि मेरी तरफ देख के...

"क्या हुआ आप हाथ को कुछ लग तो नही गया" रश्मि मेरी तरफ आते हुए बोली..और मेरे हाथ को पकड़ के उसे यहां वहा प्रेस करते हुए देख रही थी...

"कुछ नही वो रात में मेरी गुड़िया को उठा के लाया था तो इस वजह से शायद" और मैने उसके गालों को बड़े प्यार से पकड़ के चीख दिया.. वो अपनी मां के सामने ये सब होते हुए देख काफी शर्मा गई और उसका मुंह लाल हो गया..


"आप भी ना मां बैठी ही कुछ तो शर्म करो.. और मुझे तो आप रोज ही उठाते हो फिर कैसे"... वो काफी धीमे से बोली...

"लगता है जैसे मेरी गुड़िया बड़ी हो रही है.. ऐसा लगा जैसे गुड़िया अब मां बनने वाली है तो भारी हो गई है.." ये बोल के मेने रश्मि को अपनी बाहों में लेकर उठा और और उसे प्यार से सहलाने लगा और सासुमा को देखते हुए मुस्करा दिया...

सासुमा सब समझ रही थी और वो भी शर्म से पानी पानी हो गई.. में इतना खुश पहले कभी न हुआ था मेरी एक जान मेरी बाहों में थी और एक मेरे सामने बैठी थी..मेरे होने वाले बच्चे को अपनी कोख में लिए...

मेने सासुमा की आखों में एक हल्की से जलन देखी अपनी ही बेटी के लिए और मेने रश्मि को अपनी बाहों से निकल दिया और सासुमा की और बड़ गया.. रश्मि भी मेरे साथ आ रही थी..

वो सोफा पे बैठी हुई थी... में अपने घुटने के बल बैठ गया और उनके हाथ को अपने हाथ में लेकर उसे बड़े प्यार से चूम के उनकी आखों में देख के कहा.. सासुमा में आप को बता नही सकता में कितना खुश हु आप ने मुझे वो दिया है जो में कभी सपने में भी नही सोचा था.. पहले आप ने मुझे अपनी इतनी प्यारी बेटी दी और अब ये सब.. सासुमा और रश्मि आप दोनो के बिना मेरा क्या होता..

फिर में अपने काम पे निकल गया....
 

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Update 10

दोस्तों सासुमा को तो मेने पूरी तरह निचोड़ के रख दिया था लेकिन साथ में ही मेरा भी वही हाल था में काफी थक चुका था आज पता चला था की एक बड़ी उम्र की औरत जो इतनी भारी जिस्म की मालकिन भी है उसकी काम आग क्या होती है..

में कमरे से बाहर आया और अपने कमरे में रश्मि को अपनी बाहों में भर के सो गया.. सुबह को सूरज सर पे आके चिल्ला रहा था तक जाके में उठा.. मेरा हाथ बहोत ही दर्द कर रहा था.. और और बदन भी अकड़ रहा था.. में नहा धोकर तैयार हो गया...

जब नीचे गया सामने दोनो मां बेटी बैठी हुई tv देख रही थी.. में मन ही मन बोला देखो तो कैसे बैठी है.. मेरी नज़रे जैसे ही सासुमा से मिली वो शर्म से अपनी नजरे चुरा ली और मेने भी उनकी और ज्यादा देखना सही न समझा वैसे भी रात में उनका सारा खजाना लूट चुका था मैं..

रश्मि मेरी तरफ देख के...

"क्या हुआ आप हाथ को कुछ लग तो नही गया" रश्मि मेरी तरफ आते हुए बोली..और मेरे हाथ को पकड़ के उसे यहां वहा प्रेस करते हुए देख रही थी...

"कुछ नही वो रात में मेरी गुड़िया को उठा के लाया था तो इस वजह से शायद" और मैने उसके गालों को बड़े प्यार से पकड़ के चीख दिया.. वो अपनी मां के सामने ये सब होते हुए देख काफी शर्मा गई और उसका मुंह लाल हो गया..


"आप भी ना मां बैठी ही कुछ तो शर्म करो.. और मुझे तो आप रोज ही उठाते हो फिर कैसे"... वो काफी धीमे से बोली...

"लगता है जैसे मेरी गुड़िया बड़ी हो रही है.. ऐसा लगा जैसे गुड़िया अब मां बनने वाली है तो भारी हो गई है.." ये बोल के मेने रश्मि को अपनी बाहों में लेकर उठा और और उसे प्यार से सहलाने लगा और सासुमा को देखते हुए मुस्करा दिया...

सासुमा सब समझ रही थी और वो भी शर्म से पानी पानी हो गई.. में इतना खुश पहले कभी न हुआ था मेरी एक जान मेरी बाहों में थी और एक मेरे सामने बैठी थी..मेरे होने वाले बच्चे को अपनी कोख में लिए...

मेने सासुमा की आखों में एक हल्की से जलन देखी अपनी ही बेटी के लिए और मेने रश्मि को अपनी बाहों से निकल दिया और सासुमा की और बड़ गया.. रश्मि भी मेरे साथ आ रही थी..

वो सोफा पे बैठी हुई थी... में अपने घुटने के बल बैठ गया और उनके हाथ को अपने हाथ में लेकर उसे बड़े प्यार से चूम के उनकी आखों में देख के कहा.. सासुमा में आप को बता नही सकता में कितना खुश हु आप ने मुझे वो दिया है जो में कभी सपने में भी नही सोचा था.. पहले आप ने मुझे अपनी इतनी प्यारी बेटी दी और अब ये सब.. सासुमा और रश्मि आप दोनो के बिना मेरा क्या होता..

फिर में अपने काम पे निकल गया....
बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Reactions: Abhishek Kumar98
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