Nice update....Disclaimer: This is purely a fictional story based on writers thoughts and imagination and nothing to do with reality. This story is just for entertainment purposes..so, story padhiye aur mazaa lijiye..nothing more nothing less. All the names are fictitious and plucked out of thin air.
ये कहानी एकदम काल्पनिक है और इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है. ये कहानी लेखक की सोच है और इसको इसी उद्देश्य से देखना और लेना है. नाम भी पूरे काल्पनिक है और लेखक के मन में जो नाम याद आये उसे इस कहानी में लिया गया है. ये कहानी सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन के लिए है और इसके अलावा और कुछ नहीं. धन्यवाद.
One more thing:
I am a bit busy now a days with my work. So, I can post only 1 update in a week due to my work constraints. Incase my work load reduces, I will try to post more updates..but as of now pls expect 1 update per week. Hope you all understand. Thank you.
Intro and 1st update
ये एक ऐसे लड़के की रंगीन कहानी है जिसपर भगवान कामदेवजी का आशीर्वाद उनपर बहुत था..
याने लड़का एकदम स्मार्ट, होशियार, एकदम गोरा और हसमुख चेहरा और सब को प्यार से देखने वाला..और सब से बड़ी बात…उसका लंड जो एकदम लम्बा और मोटा था…जो भी (औरत/लड़की) एक बार उसको देख ले..उसपर मर मिट्टी थे…
तो चले..चलते है रोमांस और सेक्स से भरपूर कहानी की और..
पात्र परिचय
बाप - नहीं है
वसुधा - ४२ Yrs (हीरो की माँ)..लेकिन लगती ३५ के आस पास..एकदम अपने आप को मेन्टेन किये हुए है…
Fig : ३४/३०/४०…एकदम कामुक औरत लेकिन एकदम संस्कारी..और अपने बच्चो से बहुत प्यार करती है..
(लोग इसे प्यार से वसु बुलाते है)
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निशा - २३ Yrs (बेटी/हीरो की बेहन) …अपनी माँ पर गयी है..तगड़ा माल..हसमुख चेहरा…और सब से ख़ास बात..उसकी एकदम ठोस और कड़क बूब्स और उठी हुई गांड..जो किसीको भी दीवाना बना दे…और अपने हीरो को भी.. और वो भी अपने भाई पे मरती है …Fig: ३४/३०/४०
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दीपक - २० Yrs…हीरो…अपनी माँ और बेहन को बहुत प्यार करने वाला…स्मार्ट हैंडसम…लंड साइज: 8.5 inch और बहुत मोटा…जो औरतों और लड़कियों को खुश करने में एकदम माहिर है.. घर वाले इसे प्यार से दीपू बुलाते है
दिव्या - ३५ Yrs (हीरो की मौसी) (वसु की छोटी बेहन) …लेकिन लगती ३० के आस पास....रंग थोड़ा सावला है…इसकी कुंडली में थोड़ा दोष है..जिसकी वजह से अब तक इसकी शादी नहीं हुई है और वसुधा के साथ ही रहती है..एकदम कड़क माल…मस्त उभरे हुए चूचे और उठी हुई गांड …अपनी जवानी को लुटाने के लिए तैयार है..लेकिन अब तक कोई उसे लूटने वाला (पति) नहीं मिला..ये भी अपनी बेहन की तरह कामुक है लेकिन अपनी वासना को दबा के राखी हुई है..फिग: ३२/३०/३८
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और भी बहुत पात्र आएंगे स्टोरी में..जिनका जीकर बाद में होगा..
और इन सब में एक ख़ास बात…(जो इनको बाद में पता चलता है)..इन तीनो की कमर पे..नाभि से थोड़ा हटके..इनको सब को एक तिल था …जो उनको बहुत आकर्षक और कामुक बनाता था..
ये कहानी जब शुरू होती है जब वसु १८ साल की थी और पढाई करते वक़्त उसे एक लड़के से प्यार हो गया था…दोनों में सच्चा प्यार था…लेकिन दोनों के घर वालों को ये पसंद नहीं था…तो दोनों ने घर से भाग कर शहर आकर शादी कर ली और अपना घर बसा लिया..वसु के माँ बाप अच्छे पैसे वाले थे. उन्हें लगा था की वो लड़का वसु को बेहला फुसला कर पैसे की वजह से उसे भगा ले गया है.
दोनों में बहुत प्यार था…वक़्त बीत-ता गया और और शादी के तीन साल में ही वसु ने पहले लड़की (निशा) और फिर एक लड़का (दीपू) को जनम दिया …
जब दोनों के घर वालों को पता चला तो फिर भी वो खुश नहीं थे..लेकिन वक़्त के साथ उन्होंने समझौता कर लिया था…और उहने ख़ास कर के वसु के माँ बाप जिन्हे समझ आया की दोनों में सच्चा प्यार था और नाकि पैसों के लिए और उन्हें माफ़ कर दिया था और दोनों को अपना भी लिया था… आखिर में दोनों के माता पिता जो दादा, दादी और नाना, नानी जो बन गए थे.
वसु के सास ससुर उम्र के चलते भगवान के घर चल दिए. उनके जाने से दोनों बहुत दुखी थे लेकिन क्या कर सकते थे. ये तो एक दिन सब के साथ होना ही है.
वसु और उसका परिवार (जिसमें उसके माँ, बाप, भाई, बेहन, भाभी थे …उनका परिचय बाद में दिया जाएगा.) बहुत खुश थे..और अपनी ज़िन्दगी ख़ुशी से जी रहे थे..
दीपू जब २ साल का था..तो वो बहुत बीमार पढ़ गया…काफी इलाज भी करवाया था..लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं था..
वसु और उसके पति (पति का नाम नहीं ले रहा हूँ…क्यूंकि उसका इस कहानी में ज़्यादा रोल नहीं है) ने डॉक्टर्स को भी दिखाया और इलाज करवाया लेकिन दीपू की हालत में सुधार नहीं हुआ.. उसकी हालत बहुत ख़राब हो गयी थी और उसके बचने की उम्मीद भी काम नज़र आ रही थी.
वसु के पति को उसके एक दोस्त ने बताया था की शहर से कुछ दूर एक मंदिर में पुजारी रहते है..लोग उन्हें बहुत मानते है…और कभी कभी लोग ऐसी हालत में उनके पास भी जाते है..एक बार उन्हें भी दीपू को दिखाए…क्या पता वो ही कुछ इलाज बता दे..
वसु को लगता है की उन्होंने दीपू के इलाज के लिए सब को दिखाया है…कुछ सुधार नहीं हुआ..तो मंदिर जाकर उस पुजारी को दिखाने में कोई हर्ज़ नहीं है…क्या पता..शायद वो ही कुछ उपचार बता दे..
तो एक दिन दोनों मंदिर जाते है…और फिर भगवान के दर्शन कर के वो उस पुजारी से मिलते है..पुजारी दीपू को देखता है तो उसे उसकी आँखों में एक चमक देखता है जो शायद उसने पहले कभी किसी की आँखों में नहीं देखा था पुजारी दीपू को अपनी गोद में लेकर भगवान के पास ले जाता है और फिर कुछ मंत्र पढता है और फिर कुछ जड़ी बूटी देते है और कहता है की ये जड़ी बूटी उसे खिला देना.. वो जल्दी ही ठीक हो जाएगा..
पुजारी दीपू को वसु को देते वक़्त उससे पूछता है की अगली बार जब आओगे तो उसकी कुंडली एक बार लाना…मैं देखना चाहता हूँ..
वसु: हमारे पास तो उसकी कुंडली है नहीं और ना ही बनवाया है…क्यों? कुछ गड़बड़ लग रहा है क्या?
पुजारी: नहीं…तो एक काम करो..मुझे इसके जनम का टाइम और डेट दे दो..मैं ही कुंडली बनवाता हूँ..
वसु: मैं चाहती हूँ की आप मेरी बेटी का भी जनम कुंडली बना दो..
वसु पुजारी को दोनों का टाइम और तारिक दे देती है और फिर उनसे विदा हो कर जल्दी ही उनसे फिर से मिलने का वादा कर के घर के लिए निकल जाते है..
एक हफ्ते के अंदर पुजारी की दी हुई जड़ी बूटियों से दीपू की हालत में सुधार होता है और फिर एक और हफ्ते के अंदर ही दीपू पूरा ठीक हो जाता है.. और वह हर बच्चे की तरह जो इस उम्र में होते है खेलने में और शरारत करने लगता है
वसु और उसके पति दोनों बहुत खुश हो जाते है और वसु कहती है की उन्हें पुजारी से मिलना है. .. वसु का पति कहता है की वो काम में व्यस्त है तो वो ही खुद दीपू को पुजारी के पास ले जाए
वसु पुजारी से अकेले ही मिलने जाती है..क्यूंकि उन्होंने कहा था की अगर दीपू ठीक हो जाएगा तो वो उनसे ज़रूर मिलने आएंगे..
वसु मंदिर जाती है और फिर पुजारी से मिलकर उन्हें दीपू के बारे में बताती है और उनका बहुत धन्यवाद करते है की उन्होंने दीपू को ठीक कर दिया है..
पुजारी दोनों को आशीर्वाद देते है और फिर कहते है..मैंने आपके दोनों पुत्रों की कुंडली बना दिया है..
वसु: क्या है इनके जीवन में?
पुजारी: मैंने अब तक बहुत लोगों की कुंडलियां बनायी है और देखा भी है. .. लेकिन अब तक इतना निराला कुंडली नहीं देखा है
वसु: क्यों क्या हुआ? कुछ गलत है क्या?
पुजारी : तुम बहुत भाग्यशाली हो …तुम्हारा लड़का आगे जा कर बहुत होनहार होगा …..लोगों के काम आएगा…और लोग भी उसकी बहुत मदत करेंगे..
पुजारी: लेकिन…