देख अंकित इस आखिरी ओवर में हमें जीतने के लिए 12 रन चाहिए,,,, और स्ट्राइक तेरी है इसलिए एक रन लेकर मुझे स्ट्राइक दे देना मैं जानता हूं कि तू नहीं मार पाएगा,,,,
ठीक है सूरज तू चिंता मत कर,,,,,।
(इतना कहने के साथ ही अंकित बल्लेबाजी करने के लिए,,,, तैयार हो गया,,,, यह कोई राष्ट्रीय या किसी उच्च स्तर पर खेले जाने वाली क्रिकेट नहीं थी बल्कि गली मोहल्ले की ही क्रिकेट थी जिसमें आखिरी ओवर में 12 रन चाहिए थे और स्ट्राइक पर अंकित था,,,,,, सूरज इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि अंकित बल्लेबाजी में कम लेकिन गेंदबाजी में अव्वल था वह जानता था कि अंकित से इतने रन लगने वाले नहीं है इसलिए वह उसे रन लेने के लिए बोल रहा था ताकि वह स्ट्राइक पर जा सके और फिर बल्लेबाजी करके अपनी टीम को मैच जीता सके वैसे भी वह टीम का कप्तान था,,,,, और 10 10 रुपए की मैच खेली जा रही थी,,,, और यह मैच मोहल्ले के पीछे खाली पड़ी मैदान में खेली जा रही थी,,,,,, जहां पर एक बड़ा सा तालाब भी था,,,,,,,,, मोहल्ले की ही दो टीम खेल रही थी और कुछ लड़के बैठकर मैच देख रहे थे तभी बॉलर ने गेंद फेंक और बड़ी चालाकी से अंकित ने बैट से कट लगाकर एक रन दौड़ गया इतने से ही अंकित बहुत खुश हो गया था क्योंकि उसे भी उम्मीद ही नहीं थी कि उसकी बेट पर गेंद बराबर आ पाएगी,,,,, लेकिन अंकित ने कर दिखाया था इसलिए टीम भी बहुत खुश थी सूरज के स्ट्राइक पर आते ही,,,, टीम के लोग सूरज सूरज कहकर उसका हौसला बढ़ाने लगे,,,,, सूरज को पूरा विश्वास था कि वह,,,, गेंद को बाउंड्री लाइन के पास पहुंचा देगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया लगातार दोगे खाली निकल गई जिससे सूरज की टीम में तनाव बढ़ने लगा,,,,, और अंकित मन में यही सोचने लगा कि अच्छा हुआ कि वह सामने स्ट्राइक पर नहीं है वरना बदनामी हो जाती,,,,, पहली बॉल में सिंगल और बाकी के दो गेट खाली निकालने के बाद सामने की टीम पूरी तरह से जोश में आ गई थी और उनका कप्तान जोर-जोर से ताली बजाते हुए अपनी टीम का जोश बढा रहा था,,,, सूरज का दिमाग बड़े जोरों से घूमने लगा था एक तो उसकी टीम बाहर ने वाली थी और साथ में ₹10 भी जाने वाला था जिसकी उसे बहुत चिंता हो रही थी यह ₹10 भी टीम के सभी सदस्य से चंदा लेकर इकट्ठा किया गया था,,,,

कभी गेंदबाज ने अगली बार फेंका और सूरज ने पूरी ताकत के साथ बाला घुमाया लेकिन बोल बाउंड्री के बाहर नहीं जा पाई और फिर एक सिंगल लेकर सूरज दूसरी ओर पर पहुंच गया और अंकित फिर से बल्लेबाजी करने के लिए आ गया अब दोगेंदों में 10 रन चाहिए था,,,, लेकिन अंकित के लिए तो यह एकदम नामुमकिन था वह जानता था कि आप उसे लगने वाला नहीं है और बाकी की टीम भी समझ गई थी कि वह लोग हार चुके हैं सामने तो जश्न की तैयारी हो चुकी थी सभी लोग जोश में आ चुके थे और लगभग लगभग जीत की तैयारी में जश्न मनाना भी शुरू कर दिए थे,,,,,,
अंकित के माथे पर पसीने की बूंदे उपस थी,,,, सूरज जोकी टीम का कप्तान था वह समझ गया था कि अब वह हार चुका है क्योंकि अगर वह एक रन लेकर सामने पहुंच भी जाता है तो भी एक बॉल में 9 रन किसी भी कीमत में लगने वाले नहीं थे इसलिए वह एकदम उदास हो चुका था,,,,,, तभी सामने की टीम का गेंदबाज पांचवी बोल पूरी ताकत के साथ फेंका और अंकित का बदला घुमा अंकित का नसीब बहुत तेज था इस बार उसके बल्ले पर गेंद बराबर बैठ गई थी और अंकित पूरी ताकत के साथ बाला घुमाया था और इसी के साथ बल्ले के साथ ही गेंद हवा में लहराता हुआ बाउंड्री के पार चला गया था,,,,, टीम के साथ-साथ विरोधी दल भी इस प्रहार को देखकर चौंक गया था क्योंकि अंकित ने छक्का लगा दिया था जो कि उसके बस की बात बिल्कुल भी नहीं थी गेंदबाजी में वह कई कमाल कर दिखाया था लेकिन बल्लेबाजी में हुआ एकदम जीरो था लेकिन आज उसके बदले से छक्का निकल गया था जिसे देखकर सब लोग हैरान हो गए थे खुद अंकित भी चौंक गया था,,,,। उसके चेहरे पर तो आश्चर्य और खुशी दोनों के भाव नजर आ रहे थे,,,,, और यही हाल उसकी टीम का भी था सबके मुंह खुला को खुला रह गए थे अब एक बॉल में केवल चार रन चाहिए थे लेकिन हमेशा किस्मत साथ नहीं देता इस बात को भी सब जानते थे इसलिए ज्यादा खुश तो नहीं हुई लेकिन फिर भी अंकित का जोश बढ़ाते हुए जोर-जोर से उसका नाम पुकारने लगे,,,,, गेंदबाज ओवर की अंतिम बोल लेकर आगे बढ़ा और बड़ी तेजी से उसे अपने हाथ की कलाई मोड कर अंकित की तरफ फेंकते हुए आगे बढ़ा कि तभी एक बार फिर से अंकित ने कर से बाला घुमाया और फिर हवा में गेंद जाकर बाउंड्री के बाहर गिरा और यह दूसरा छक्का था और इसके साथ ही अंकित की टीम विजय घोषित कर दी गई थी अंकित के लगातार दो छक्के मारने पर उसकी टीम जीत चुकी थी जिसका अंदाजा ना तो अंकित की टीम को था ना अंकित को था और ना ही विरोधी टीम को सब लोग आश्चर्यचकित हो गए थे,,, सूरज तो दौड़ता हुआ गया और अंकित को उठा लिया था और सभी टीम जोर-जोर से अंकित का नाम लेने लग गए थे,,,,

जहां एक तरफ खुशी का माहौल था वहीं दूसरी तरफ विरोधी टीम में मायूसी निराशा छा चुकी थी उनकी टीम का कप्तान बॉलर को गंदी-गंदी गालियां देना शुरू कर दिया था क्योंकि वह लोग लगभग लगभग इस मैच को जीत चुके थे लेकिन अंकित के चमत्कार ने उनके हाथ में आई हुई बाजी को छीन ली दिया था जिसमें बॉलर की गलती बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि अंकित के हाथों से उसके बदले से लगातार दो चक्का लग जाना किसी चमत्कार से कम नहीं था अपने कप्तान से गाली खाने के बाद गेंदबाज पूरी तरह से क्रोधित हो चुका था और वह गुस्से में आकर अंकित को बोला,,,,।
मादरचोद,,,,।
देख रौनक खेल में जीत हार तो होती रहती है लेकिन तू इस तरह से गाली देगा तो बिल्कुल भी नहीं चलेगा,,,
दूंगा हजार बार दूंगा,,,,,।
देख रोनक अभी भी तुझे समझा रहा हूं,,,,, बदतमीजी मत कर,,,,
तेरी मां की बुर में लंड,,,,,।
(रौनक के मुंह से अपनी मां के लिए इतनी गंदी बातें सुनते ही अंकित एकदम क्रोध से भर गया और वह उसको करने के लिए आगे बढ़ा ही था कि उसके दोस्तों ने अंकित को रोक लिया और उसे समझाने की कोशिश करने लगे और रौनक को भी समझने की कोशिश करने लगे लेकिन रौनक अपनी गेंदबाजी में अपनी ओवर में लगे लगातार दो छकको की वजह से पूरी तरह से,,, बौखला गया था,,,,)

देख रौनक इस तरह से गाली मत दे मैं इस तरह के शब्दों का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करता मैं आज तक किसी को गाली नहीं दिया हूं इसलिए मैं नहीं चाहता कि मुझे भी कोई गाली दे,,,,
भाग भोंसड़ी के तेरे में हिम्मत कहां है गाली देने की वैसे भी तेरी मां कितनी मस्त है बड़ी-बड़ी गांड लेकर जब सड़क पर चलती है ना तो मेरा तो खड़ा हो जाता है,,,,(उसे कुछ लोग पकड़े हुए थे उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन फिर भी वह मन नहीं रहा था वह अपना अपमान सहन नहीं कर पा रहा था इसलिए अंकित को गाली देकर अपने मन की भड़ास निकाल रहा था और अंकित अपनी मां के बारे में इतनी गंदी-गंदी इतनी गंदे शब्दों का प्रयोग सुनकर एकदम से क्रोधित हो गया था) तेरी मां कितनी गोरी है उसकी बुर भी कितनी मस्त होगी फुली हुई एकदम कचोरी की तरह,,,,।
(अब अंकित से सहन कर पाना मुश्किल हुआ जा रहा था और वह सबको धोखा देकर आगे बढ़ा और रौनक का गिरेबान पड़कर उसके पेट में दो-चार घुसा जमा दिया और वह एकदम से दर्द से दिल मिला उठा एक बार फिर से अंकित को सभी लोग पकड़ कर दूर करने लगे और जैसे तैसे करके दोनों को अलग कर दीए,,,, रौनक अपने घर की तरफ चला गया और जीत की खुशी में सूरज अंकित और बाकी टीम के सदस्य को लेकर एक चाय की दुकान पर पहुंच गया और अंकित को अपने पास में बैठाता हुआ वह बोला,,,,)

जाने दे अंकित उसके मुंह लगने से कोई फायदा नहीं है कीचड़ में अगर पत्थर मारोगे तो कीचड़ अपने ऊपर ही आकर गिरेगा उसे कोई फर्क नहीं पड़ता उसे कोई गाली दे मारे पीटे वह तो एक नंबर का हारामी है,,,,
लेकिन यार देखा नहीं कितनी गंदी गंदी गाली दे रहा था,,,, मम्मी के बारे में,,,,,
चल जाने दे यार तूने उसको सबक सिखा दिया ना हिसाब बराबर हो गया यह सब दिल पर नहीं लेना चाहिए,,,, चल चाय पी,,,,,,(और फिर इतना कहने के साथ ही सभी टीम के सदस्य के लिए चाय आ गई और बोला वहीं बैठकर चाय पीने लगे,, चाय की दुकान पर रेडियो पर गाना बज रहा था धूप में निकला ना करो रूप की रानी कहानी गोरा रंग काला ना पड़ जाए, तभी सामने के सड़क पर एक खूबसूरत औरत अपने हाथ में सब्जी का थैला लिए अपने घर की तरफ जा रही थी उसे औरत को देखते ही सूरज के साथ-साथ उसके दोस्त लोग बोले,,,)
हाय हाय क्या मस्त ,,, चिकनी माल है यार,,,,
तू सच कह रहा है यार साड़ी में इसकी गांड और भी ज्यादा कसी हुई लग रही है,,,,,
कसम से साड़ी कमर तक उठा दे तो मजा आ जाए इसकी गांड देखने में,,,,
अरे पागल अगर अंदर चड्डी पहनी होगी तो गांड कैसे देख पाएगा,,,,
भले यार इसकी चड्डी देखने में भी बहुत मजा आएगा गोरे-गोरे बदन पर पता तो चले किस रंग की चड्डी पहनी है,,,,
तुम लोगों को गांड और चड्डी की पड़ी है जरा यह तो सोचो वह जब खुद इतनी गोरी है तो उसकी बुर कितनी गोरी होगी मेरा तो सोच कर ही खड़ा हो जाता है,,,,
कसम से यार वह किस्मत वाला होगा जो इसकी बुर में लंड डालकर चोदता होगा उसकी तो किस्मत खुल गई होगी,,,,
अरे यार मैं जानता हूं ,,,, भाभी को अपने नुक्कड़ के आगे तीसरी गली है ना उसी में तो रहती है मरियल सा आदमी है इसका मुझे तो नहीं लगता कि अपने आदमी से खुश हो पाती हो कि देखा नहीं रहा है इसकी शरीर इसके तो कोई मोटा सांड चाहिए जो अपना लंड इसकी बुर में डालकर इसका पानी निकल सके,,,,,।
(एक-एक करके सभी लोग उसे औरत के बारे में अपना विचार व्यक्त कर रहे थे लेकिन इन सब बातों को सुनकर अंकित को गुस्सा आ रहा था और वह गुस्से में बोला,,,)
यार तुम लोगों को शर्म नहीं आती,,, तुम लोग भी रौनक की तरह ही बातें कर रहे हो तुम लोगों में और उसमें फर्क क्या है,,,,?
अरे यार अंकित तू भी बेवजह गुस्सा हो रहा है,,,, हम तो सिर्फ बातें कर रहे हैं और वैसे भी जो सड़क पर औरत गई है वह हम में से तो किसी की कुछ लगते नहीं है ना इसलिए किसी की नाराजगी का कोई मतलबी नहीं होता लेकिन तू है कि खामखा गुस्सा दिखा रहा है,,,,
कुछ भी हो यार मुझे इस तरह की बातें पसंद नहीं है,,,,
(इतना कहने के साथ ही वह चाय खत्म करके चाय का कप वही टेबल पर रख दिया और अपना चलता बना उसे रोकने की कोशिश सूरज करता रहा लेकिन वह रुका नहीं बस अपने घर की ओर निकल गया उसे जाता हुआ देखकर सूरज बाकी अपने दोस्तों से बोला,,)
भोसड़ी का एकदम बेकार है औरतों को देखकर कुछ समझ में नहीं आता इस पर वैसे भी रौनक सच ही कह रहा था इसकी मां वाकई में बहुत मस्त है,,,,