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Adultery मलाई- एक रखैल

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naag.champa

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मलाई- एक रखैल


Malai-11111.jpg
अनुक्रमणिका

अध्याय 1 // अध्याय 2 // अध्याय 3 // अध्याय 4 // अध्याय 5
अध्याय 6 // अध्याय 7 // अध्याय 8 // अध्याय 9 // अध्याय 10
अध्याय 11 // अध्याय 12 // अध्याय 13

(कहानी संपूर्ण)




 
Last edited:

Prabha2103

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महोदया

अत्यंत सुंदर रूचिकर मादकता से सुषोभित एक इस्री के द्वारा महसूस किया गया परमसुख का वर्णन और उससे भोगना आपकी लेखनी का कमाल हैं।

मैं केवल देवनागरी ही में लिखी कहानियों को पढ़ता हू।

जो मादकता,कामुकता एव कामरस से पाठकों को आनंदित करती हैं।

शायद मेरी सोच से आपकी कहानी मैं अपनी लिए बनाई गई सीमाओ पर परिपूर्ण पाता हूं।

आपकी लेखनी को कोटि कोटि नमन।

धन्यवाद
 
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DUSHMAN

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हमें हिंदी के अलावा किसी और भाषा में पढना नहीं आता है. क्या कोई ऐसा तरीका है, जिससे हम आपके द्वारा रचित अति उमदा इंग्लिश/ बंगला प्रतिलिपि वाली पोस्ट/ कहानियों को हिंदी प्रतिलिपि में पढ़ सकें. प्लीज ।।
 

Vachanpremi

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कहानी रोचक ढंग से लिखी है लेकिन एक भी चुदाई का खुलासा वर्णन नहीं
 

abhshh

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मलाई- एक रखैल-8

मोबाइल फोन का चार्ज अब 5% हो चुका था... चार्ज पर लगाकर ही मैंने कमला मौसी को फोन मिलाया|

पता नहीं क्यों मैं उस वक्त बहुत डरी हुई थी| इसका कारण लाजमी था, क्योंकि एक तो मैं काफी देर तक सोती रही और उसके बाद देखा कि घर में कोई भी नहीं है सारे खिड़की दरवाजे एकदम टाइट बंद है... आखिर बात क्या है?

कमला मौसी ने दो बार फोन नहीं उठाया| तीसरी बार समझा मैंने उनका नंबर फिर से लगाया था तब जाकर मुझे उनकी आवाज सुनाई दी|

कमला मौसी की आवाज में न जाने क्यों एक अजीब सी खुशी की झलक मुझे मिली, "उठ गई मेरी बच्ची मलाई?"

" ज- ज- जी हां", मैं घबराहट में हकला रही थी, "आज मुझे उठने में बड़ी देर हो गई मैं बस 10-15 मिनट पहले ही उठी हूं... सचिन अंकल कहां गए?"

" हा हा हा हा हा हा", कमला मौसी हंस पड़ी, "उठते के साथ ही तुझे सचिन अंकल की याद आ गई... उनके प्यार के जादू से तू तो अपनी कमला मौसी को शायद भूल ही गई होगी..."

"नहीं- नहीं ऐसी कोई बात नहीं मेरा मतलब आप कहां हो और सचिन अंकल कहां है? जब मैं उठी तो मैंने देखा कि घर में कोई भी नहीं है सारे खिड़की दरवाजे एकदम टाइट बंद है और मैं घर में बिल्कुल अकेली हूं... मुझे तो बहुत डर लग रहा था"

"ठीक है, री लड़की... सुन, डरने वाली कोई बात नहीं है... मैं तो अपनी दुकान पर हूं और तेरे सचिन अंकल थोड़ा सा बाजार गए हैं... आज मैं बीयर पीने का बड़ा मन हो रहा था और वह मुझसे कह रहे थे कि वह तुझे भी पिलाएंगे..."

"लेकिन मैंने तो कभी पहले कभी बियर पी नहीं..."

"तो क्या हुआ? आज पी लेना..."

"लेकिन..."

"लेकिन वेकिन कुछ नहीं... जरा याद कर कल रात में तुमने कितनी मस्ती की है? तुझे तो मजा आ गया होगा ना? मैं जानती हूं और यही मजा मैं तुझे देना चाहती थी… मेरी बात को याद रखना लड़की, मैं जैसा कहती हूं अगर तू वैसा ही करेगी... मेरी अगर बात मानकर चलेगी, तो यकीन मान तेरा भला ही होगा… तू ऐश करेगी; मैं हूं ना तेरी कमला मौसी… ”

कमला मौसी से बातें करते करते मेरी थोड़ी हिम्मत बंधी|

मैंने गौर किया कि घर में झाड़ू लग चुका था...

"पर दोपहर के खाने का क्या होगा? मैं इतनी देर तक सोती रही..."

"कोई बात नहीं... सचिन अंकल के कमरे से मुझे तेरी आवाज़ें सुनाई दे रही थी| तुम लोग करीब करीब 5:00 बजे तक जगे हुए थे... अच्छा एक बात बता, तुझे मजा आया कि नहीं?.. जहां तक मुझे मालूम है सचिन अंकल का माल (वीर्य) बहुत गिरता है... जहां तक मेरा अंदाजा है तेरा पेट तो भर गया होगा है ना?"

अनजाने में ही मैंने तब तक अपनी नाइटी ऊपर चढ़ा कर अपने यौनांग पर पर हाथ फेरा... वह जगह अभी भी चिपचिपी और गीली- गीली थी... और मेरे मुंह से कमला मौसी इस सवाल का जवाब हां ही निकला|

कमला मौसी बोली, “मैं अच्छी तरह जानती हूं कि तुझे कैसा महसूस हुआ होगा... कल रात को शायद तुझे उस हर चीज का स्वाद चखने को मिला होगा जो आज तक तेरा पति तुझे नहीं दे सका… याद रख छोरी, मैं भी कभी तेरी उम्र की थी और मैं अच्छी तरह जानती हूं कि तेरे सचिन अंकल सेक्स के मामले में बहुत ही काबिल इंसान हैं… इसलिए जब से मैंने तुझे देखा था मेरी यही इच्छा थी कि एक दिन मैं तुझे अपने सचिन भाई के बिस्तर में जरूर सुलाउंगी... और कल रात को मेरी वह इच्छा पूरी हो गई अच्छा हुआ तू भी राजी हो गई... और इससे पहले कि मैं भूल जाऊं... देख लेना, तेरे टेबल पर मैंने एक गिलास पानी ढक कर रखा है और उसके साथ x-pill की एक गोली... वह जरूर खा लेना"

"x-pill?"

"हां हां, x-pill... अब जब तक सचिन अंकल के साथ तू है हर रोज सुबह तुझे इस गर्भनिरोधक की एक एक गोली खानी है- तू इतनी जल्दी प्रेग्नेंट हो जाना चाहती है क्या? हर चीज के लिए एक वक्त होता है... जब वक्त आएगा तो तू अपने सचिन अंकल का ही बच्चा अपने पेट में ले लेना क्योंकि मुझे नहीं लगता कि तेरा पति कभी तेरे को मां बना पाएगा… पर एक बात का ध्यान रखना तेरे सचिन अंकल को यह पता नहीं चलना चाहिए कि तू हर रोज गर्भनिरोधक किए की गोलियां खा रही है... जब तुझे गोली लेनी हो तो चोरी-छिपे ही गोली ले लेना...”

“लेकिन चोरी-छिपे क्यों?”

“अरी पगली, अब तक नहीं समझी, मर्दों को औरत भोगने के बाद और खासकर योनि में अपना धात (वीर्य) बहाने के बाद एक अनजाना ही फक्र महसूस होता है... और हम औरतें x-pill जैसी गोलियां लेकर उनके बहाये हुए उस बीज को खराब कर देती हैं ताकि हमारे पेट में बच्चा ना ठहर जाए... समझ गई ना? मैं नहीं चाहती उन्हें किसी भी बात का बुरा लगे, समझ गई ना?"

एक या डेढ़ दिन के अंदर ही... मेरी जिंदगी में इतना सब कुछ हो गया था कि मेरे लिए सब चीजों को अपने दिमाग में ठीक तरह से उतर कर समझने में थोड़ी दिक्कत आ रही थी... पर कमला मौसी की कही हुई एक बात से मेरा माथा टनका, मैंने कमला मौसी से पूछा, "आपको कैसे मालूम कि सचिन अंकल सेक्स के मामले में बहुत ही काबिल इंसान हैं?" यह बोलते बोलते मेरे बोलने की गति थोड़ी धीमी हो गई थी- अवचेतना में मैं यही सोच रही थी कि मेरे इस सवाल से कहीं कमला मौसी को बुरा ना लगे|

लेकिन कमला मौसी ने मेरी बात का बुरा नहीं माना वह हंस पड़ी, "हा हा हा हा हा... यह मत भूल पगली! किसी जमाने में मैं भी तेरी उम्र की हुआ करती थी... तब से तेरे स्वर्गीय मौसा जी के दोस्त सचिन भाई का हमारे घर आना जाना है| वह जब भी भारत आते हैं हमारे ही घर रुकते... तेरे मौसा जी तो दुकान में व्यस्त रहते थे और घर में मैं और तेरे सचिन अंकल बिल्कुल अकेले... मुझे तो शुरू शुरू से ही शक था कि तेरे सचिन अंकल मेरे भी करीब आने की कोशिश कर रहे थे, फिर कुछ दिनों बाद तो मेरा शक यकीन में बदल गया| फिर क्या था एक दिन मौका लगा और बस फिर क्या था जो होना था वह हुआ, हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध कायम हो गए... सच मान मुझे तो बहुत मजा आया था... मैंने तेरे मौसा जी को कभी नहीं बताया कि मैं उनके साथ सोती थी... हम औरतों को ऐसी बातें अपने पति से साझा नहीं करनी चाहिए... पर यकीन मान, हम लोग जब भी संबंध बनाते थे और उसके बाद तेरे सचिन अंकल मेरे अंदर अपना माल का सैलाब बहा देते थे मुझे तो बड़ी संतुष्टि महसूस होती थी... मुझे अपने नारीत्व बड़ा घमंड होता था| मुझे और मैं अच्छी तरह जानती हूं कल रात तुझे भी बहुत मजा आया होगा... और तेरे सचिन अंकल अभी दो-चार दिन यहां और रुकने वाले हैं और मैं यह चाहती हूं कि तू यह दो-चार दिन अपने सचिन अंकल के कमरे में ही बिता..."

"लेकिन मौसी..." न जाने क्यों मुझे थोड़ी हिचकिचाहट महसूस हो रही थी|

लेकिन कमला मौसी ने मेरी एक नहीं सुनी, "लेकिन वेकिन कुछ नहीं... मुझे मस्ती करने का एक अच्छा सा मौका मिला है, है ना ? इसे ऐसे ही गवाँ... मेरी बात मान जब तक सचिन अंकल हमारे घर में रुके हुए हैं तू उनके कमरे में ही रहेगी और तू उनके बिस्तर में ही सोएगी यानी कि तू बिल्कुल उनकी औरत बन कर रहेगी... यहां का दुकान पाठ और घर के सारे काम मैं संभाल लूंगी... बस तुझे अपनी जवानी - अपनी खूबसूरती है और अपनी उफनती हुई जवानी अपने सचिन अंकल के हाथों सौंप देनी है..."

"लेकिन मौसी..."

“अरी मेरी बात को तो पूरी होने दे?...”

मैं चुप हो गई और फिर कमला मौसी ने बोलना जारी रखा, “जैसा कि मैं कह रही थी तुझे अपने आप को अपने सचिन अंकल को सौंप देना है... यह दो-चार दिन तेरे सचिन अंकल की तेरे तन मन और धन के मालिक हैं और तू उनकी रखी हुई औरत- यानी की रखैल- लेकिन इस बात का बुरा ना मानना... तेरे सचिन अंकल तुझे जो खुशियां दे सकते हैं वह दुनिया का शायद ही कोई दूसरा मर्द दे पाएगा... इस बात का चस्का तो तुझे कल रात को ही लग गया होगा... इसलिए मेरी एक और हिदायत है... जब तक सचिन अंकल के साथ तू अकेली है... तू नंगी रहा कर अपने बालों को खुले रखा कर... तुझे खुले बालों में और नंगी देखकर सचिन अंकल को बहुत अच्छा लगेगा और बहुत प्यार करेंगे वह तुझे... और रोमांचित होकर जी भर कर चोदेंगे तुझे...”

"लेकिन मौसी..."

"लेकिन वेकिन कुछ नहीं...”, कमला मौसी के स्वर मेंजैसे एक अजीब सी दृढ़ता जैसी आ गई थी, "तेरे सचिन अंकल के साथ मैंने सेक्स की नदियां में वह डुबकियां लगाई जो शायद मुझे कभी नसीब नहीं होती, अगर मैंने जरा सी भी हिचकिचाहट की होती, और हां एक बात मैं तेरे से आज कहना चाहती हूं, जब से मैंने तुझे पहली बार देखा था तब सही न जाने क्यों मुझे तेरे अंदर अपनी छवि दिखाई देने लगी| मेरे दिल में कुछ अरमान थे जो अधूरे ही रह गए अगर वह तेरे जरिए पूरे हो सके तो मैं समझूंगी कि मेरी तामन्नाएँ पूरी हो गई... ... इसलिए बहुत पहले ही मैंने ठान लिया था कि तू जैसी खूबसूरत फूल सी खिली हुई जवानी से भरपूर लड़की को मैं 1 दिन सचिन भाई के बिस्तर में जरूर सुलाउंगी... जो मजे मैंने लुटे थे, उनका स्वाद में तुझे भी चखाउंगी..." फिर उनका स्वर थोड़ा नरम पड़ गया और वह प्यार से मुझसे बोली, “मलाई, मेरी अच्छी बेटी, मेरी बात मान कर चलेगी जो मैं कहती हूं अगर तू वैसा ही करेगी तो यकीन मान तेरा भला ही होगा और तू जो है बिल्कुल राजरानी की तरह ऐश और मस्ती करेगी... और साथ ही में कामुकता का मज़ा तुझे फ्री में मिलेगा”

“लेकिन मौसी- रखैल?”

“फिर से लेकिन? मैंने कहा ना लेकिन लेकिन कुछ नहीं... अरि तू तो पाँक-पाड़ा जिले की लड़की है- तो लेचारी का मतलब नहीं जानती? अब इतनी भी भोली मत बन... जब मैंने तेरी और तेरी बड़ी बहन- यानी कि तेरी बुआ की लड़की- की तस्वीरें देखि हैं तभी मैंने गौर किया था कि तुम दोनों की शक्लें बिल्कुल नहीं मिलती... तेरे फूफाजी भी तो काम के सिलसिले में ज्यादातर घर के बाहर ही रहा करते थे अब यह मत कहना कि तेरी बुआ किसी और के साथ नहीं सोई...”

हमारे गांव में ज्यादा से ज्यादा परिवार में शादीशुदा मर्द काम के सिलसिले में बाहर ही रहते हैं, इसकी बदौलत अच्छे-अच्छे घरों की लड़कियां, बहुएं या फिर औरतें अक्सर दूसरे मर्दो के साथ संबंध बना लेती हैं... भले ही यह व्यभिचार हो लेकिन इस प्रथा को चुपके चुपके हमारे समाज में स्वीकृति भी दी गई है...

मैंने थोड़ी देर सोचने के बाद पूछा, " खैर आपने तो मेरी सेटिंग कर दी, लेकिन आपका क्या होगा?"

"हा हा हा हा हा", कमला मौसी हंस पड़ी, "मेरा क्या है? मेरे तो काफी उम्र हो चुकी है... और अभी जवानी तो तेरी मस्त मस्त है... और हां, तुझे मालूम है ना, कि मर्द और घोड़ा कभी बूढ़ा नहीं होता?… "

मैंने एक राहत की सांस ली| मुझे इसी बात की चिंता थी कि सचिन अंकल का ध्यान कहीं बंट ना जाए|

हम दोनों थोड़ी देर चुप रहे फिर मैंने बाद बदलने के लिए बोली, "फिलहाल तो करीब-करीब 11:45 बज रहे हैं आज मैं इतनी देर तक सोती रही कि अभी तक तो खाना भी नहीं बना..."

"तू उसकी चिंता मत कर... खाने का इंतजाम सचिन भाई ही करने वाले हैं... आज उन्होंने Damiyano से पिज़्ज़ा का ऑर्डर देने वाले हैं"

"हां ठीक है, आज बहुत दिन हो गए हैं- हमने पिज़्ज़ा नहीं चखा... खैर पिज़्ज़ा की डिलीवरी हो जाने दीजिए मैं आप दोनों के लिए पिज़्ज़ा के स्लाइस काटकर परोस दूंगी"

"हा हा हा हा हा", कमला मौसी हंस पड़ी, "तू मेरी चिंता मत कर मेरे हिस्से की पिज़्ज़ा की डिलीवरी दुकान पर ही हो जाएगी... फिलहाल मैंने तुम दोनों लव बर्ड्स को घर में अकेले छोड़ने का फैसला किया है... क्योंकि मैं जानती हूं तुझे पिज़्ज़ा का स्वाद चखने के अलावा और भी बहुत कुछ चखना है"

यह सुनकर मैं शर्म से बिल्कुल लाल हो गई...

फोन काटने के बाद मैंने आईने में अपनी छवि देख रही थी... मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं आईने में खुद को नहीं किसी और लड़की को देख रही हूं... एक ऐसी लड़की जिसके चेहरे पर खुशी की एक अजीब सी रौनक सी थी... कमला मौसी की दिए हुए सुझाव के अनुसार मैंने x-pill की वह गोली खा ली और फिर मेरी नजर अपने कमरे में टेबल पर रखे मेरे और अनिमेष की तस्वीर गई... मेरा दिल एक सेकेंड के लिए जोर से धड़क उठा... लेकिन मैं जानती थी मन ही मन मैं फैसला कर चुकी थी... इसलिए, मैंने उस तस्वीर को टेबल पर पलट कर रख दिया... और धीमे कदमों से सीढ़ियों से नीचे उतर कर उस कमरे में जाने लगी जिस कमरे में सचिन अंकल ठहरे हुए थे… जैसा कि कमला मौसी ने कहा था अगले दो-चार दिनों तक मुझे सचिन आकर के कमरे में ही रहना है और वह भी अपने बालों को खुला रखकर और बिल्कुल नंगी हो कर... हां, जैसा कमला मौसी ने कहा है मैं बिल्कुल वैसा ही करूंगी... आखिर मैं भी एक औरत हूं मेरे भी कुछ अरमान है... मेरे अंदर न जाने कितने दिनों से एक आग दबी हुई थी... पिछली रात की घटनाओं ने उस आग को भड़का दिया है... वह आग अब आग नहीं... बल्कि ज्वालामुखी बन चुका है... अगर ज्वालामुखी को शांत नहीं किया गया तो शायद प्रलय आ जाएगी... और मैं पागल हो जाऊंगी...

इतने में घर के सदर दरवाजे से कुंडी खोलने की आवाज आई... सचिन अंकल वापस आ गए थे...

क्रमशः
One of the best stories I have ever read.
 
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naag.champa

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मेरी लिखी हुई इस कहानी में नए पाठकों का हार्दिक स्वागत है|

कृपया आप लोग अपने मूल्यवान मंतव्य और सुझाव देते रहिएगा; क्योंकि यह मेरी प्रेरणा का एक बहुत बड़ा स्रोत है|
 

komaalrani

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कहानी की आखरी अध्याय में मलाई ने सचिन अंकल से एक सवाल पूछा था-

"किसी की बीवी होने का यह तो मतलब नहीं होता कि मैं किसी और से प्यार नहीं कर सकती?"

इस बारे में मैं आप पाठकों की मूल्यवान राय जानना चाहती हूं
मैं आपकी कहानियों की पुरानी प्रशंसिका हूँ, पिछले फोरम से और कल देखा की आपकी कहानियां यहाँ भी है तो ताबड़तोड़ दो पढ़ गयी। मलाई से जुडी

कहानी की तारीफ़ करना बेकार है, आप ने लिखी है तो अच्छी होगी ही। कुछ लोग कोशिश करके भी खराब नहीं लिख सकते आप उनमे से एक हैं।



लेकिन मैं यहाँ कोशिश करुँगी अपनी सिमित बुद्धि से जो प्रश्न आपने उठाया है " किसी की बीवी होने का यह तो मतलब नहीं होता कि मैं किसी और से प्यार नहीं कर सकती?"

इस प्रश्न को हम अगर आपकी इसी कहानी के संदर्भ में रख के देखें तो तीन शब्द ध्यान में आते हैं,
पहला है प्यार या परवाह या ख्याल , दूसरा कैजुअल सेक्स संबंध, और तीसरा रखैल और बात मैं इसी तीसरे शब्द से शुरू करती हूँ क्योंकि यह कहने के शीर्षक में आता है

रखैल को समझने के लिए हमें पहले पत्नी को जानना होगा।

पत्नी का संबध सिर्फ देह सम्बन्धो को सामाजिक और वैधिक मान्यता नहीं देता बल्कि यह वैधिक अधिकार बहुत कुछ सम्पत्ति के अधिकार से जुड़े होते हैं। जैसे इसी कहानी में अगर अनिमेष को कुछ हो जाए तो बहले ही मलाई का संबंध सचिन के साथ है लेकिन अनिमेष की सम्पत्ति मलाई के ही पास आएगी। अब इस बात को एक लेवल पर और बढ़ाते हैं जैसे मलाई की मौसी चाहती हैं की अभी नहीं, लेकिन कुछ दिन बाद अगर मलाई गर्भ धारण करे तो सचिन से और उनके वीर्य से पुत्र /पुत्री उत्पन्न करे।

अब इस स्थिति में भी अनिमेष की संपत्ति का अधिकार सचिन के वीर्य से उत्प्पन हुआ पुत्र ही होगा, क्योंकि विधि के अनुसार " paternity is presumed."

लेकिन अगर सचिन के साथ कुछ हो जाए तो सचिन की सम्पत्ति पर मलाई या सचिन से हुए पुत्र का लेश मात्र भी हक़ नहीं होगा। उसी तरह मलाई की संपत्ति पर अनिमेष का हक होगा।

अब रखैल, मुझे लगता है यह शब्द संस्कृत के रक्षिता से आया होगा और अंग्रेजी में केप्ट या मिस्ट्रेस ऐसी शब्दों का प्रयोग होता है। शब्दकोष में इसके अर्थ के रूप में उप पत्नी शब्द का भी इस्तेमाल हुआ जो अंग्रेजी के कान्कुबाइन से नजदीक है। उप पत्नी की परम्परा राजे रजवाड़ों में भी और उनके अलावा भी।

लेकिन पहली बात, रखैल परम्परागत रूप से कुँवारी, परित्यकता या विधवा महिला होती थी, जिसका एक विशेष पुरुष से संबध होता है और उसके बदले में वह पुरुष उसकी पूरी देखभाल, भरण पोषण की जिम्मेदारी लेता है। पर उस महिला का किसी और पुरुष से संबध नहीं होसकता। वह पूरी तरह देह, भावना और आर्थिक सहारे के लिए उसी पुरुष पर निर्भर रहती है पर वह कयोंकि विवाहिता नहीं है उसका कोई वैधिक अधिकार सम्पत्ति पर नहीं होता।

इस लिहाज से देखे तो मलाई कत्तई पारम्परिक अर्थों में रखैल नहीं लगती।

सचिन साल में तीन चार बार ही भारत आने वाले हैं और मलाई को इस बात की अपेक्षा भी नहीं है की वो उसका भरण पोषण करेंगे। मलाई का संबध दूसरे व्यक्ति से भी हो सकता है और सचिन इस पर आपत्ति भी नहीं कर सकते। इस संबंध को हम एक कैजुअल सेक्स की तरह ही माने तो ज्यादा सही है, जो तीन चार दिन चला। रखैल का रिश्ता सालों साल का होता है।

कैजुअल सेक्स को न तो प्यार कह सकते हैं न भटकाव और मेरे ख्याल से उस मामले में जजमेंटल होना, कम से कम मैं उचित नहीं मानती, हाँ बार बार, लम्बे अरसे तक चीटिंग, रिश्तों को खोखला कर सकता है पर कभी कभार,

लेकिन मुझे लगता है इस कहानी की असली ताकत है माला या मलाई, कमला मौसी और अकेलापन।

दोनों का अकेलापन दोनों को नजदीक ले आता है, और प्यार के साथ मैंने एक और बात की थी, केयर करना या परवाह करना। कमला के हाथ में चोट लगने पर माला ने पूरा ख्याल किया , घर के झाड़ू पोंछे से लेकर दुकान तक, और कमला ने अपनी दृष्टि से माला को देखा, जो देह की भूख उन्हें सचिन के करीब ले आयी थी वो उन्हें कुछ कुछ माला में तो, ...सबसे पहले माला को उसका अहसास दिलाने का काम माला का नाम मलाई करने से जिससे अपनी देह को वह इग्नोर न करे, और फिर गिफ्ट और फिर सचिन एक गिफ्ट की तरह

मलाई और सचिन में भी जो कुछ हुआ उसे हम प्यार नहीं कह सकते या परवाह करना भी कहना गलत होगा, अमेरिका से भारत आने पर उन्हें किसी का साथ मिला और सबसे बढ़कर कमला ने उसको हवा दी

प्यार को परिभाषित करना मुश्किल है , अरेंज्ड मैरिज तो छोड़िये लव मैरिज में भी वह पंछी कब उड़ जाता है पता नहीं चलता।

हाँ केयर करना, परवाह करना, एक दूसरे का साथ देना, परिवार का भी आधार है और विवाह का भी और अभी तक नहीं लगता की वो आधार मालाई और अनिमेष के बीच टूटा है



यह मेरी अपनी धारणा है और इसलिए इतनी अच्छी कहानी में रखैल शब्द शीर्षक में थोड़ा अप्रासंगिक लगता है।

हाँ आपकी इस बात से मैं सोलह आना सहमत हूँ


" मैं भी यह मानती हूं की मलाई ने अपने सचिन अंकल के साथ शारीरिक संबंध बनाकर कुछ गलत नहीं किया... क्योंकि एक खूबसूरत और जवानी से भरपूर लड़की की जिंदगी में यौन संतुष्टि भी बहुत जरूरी है.."
 

Meghna

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It is a good story, a married woman exploring her sexuality further than allowed by society
However Malai under the guidance of Kamla mausi to go further. A couple of different men from differnt backgrounds, with different dynamics of sexual relationship
Romantic
Comely and shy
Vulgar
BDSM
Submission
Domination
Whoring
Slutty
 
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