Update:-12(B)
"सहपाठियों के साथ वो आचरण की शिक्षा और वेदों का पाठ"… फिर एक मासूम सा सवाल "गुरु जी क्या हम उन्हीं विषयों को पढ़ सकते है जिन्हे आपने निर्धारित किए है"…. "नहीं अपस्यु, तुम अपने विवेक और मनन से किसी भी विषय को पढ़ने के लिए स्वतंत्र हो केवल उन विषयों की रुचि तुम्हे होनी चाहिए"…
आरव अपने भाई का हाथ थामे उसके शरीर में हो रहे हलचल को देख रहा था.. एक नजर कंप्यूटर पर, तो दूसरी नजर अपस्यु पर थी। हार्ट रेट काफी बढ़ी हुई थी और शरीर में लगातार प्रतिक्रिया चल रही थी। आधे घंटे तक यही सब चलता रहा फिर अपस्यु के कहे अनुसार आरव ने आईवी सेट नसो से निकाल दिया। शरीर में झटका जैसे लगा हो और फिर धीरे-धीरे श्वास समन्य होती चली गई। कुछ देर आरव उसी के पास ठहर मुआयना करता रहा और जब उसे सब कुछ सामान्य लगा तब कहीं जा कर वो सो गया।
रात के 2 बज रहे होंगे "नहीं" की एक चिंख गूंजी और अपस्यु उठ कर बैठ गया। शरीर में काफी दर्द और अकड़न भी मेहसूस हो रहा था। आरव को वो तेज-तेज आवाज लगा कर उठाने लगा, लेकिन शायद वो गहरी नींद में सो गया था इसलिए जाग ना पाया।
चेहरे पर पानी गिरने के कारण आरव हड़बड़ा कर नींद से जगा और उठ कर बैठ गया। कुछ समय बाद जब आखों के सामने तस्वीरें साफ हुई और सामने अपस्यु को देखा तो "ओ तेरी" करता हड़बड़ा कर वो बिस्तर से नीचे गिर गया।
आरव:- अबे ये क्या बवासीर है.. तू उठ कर खड़ा कैसे हो गया। तू मर-मुरा कर भूत तो ना बन गया।
अपस्यु:- नींद में है क्या बे या मेरे सोने के बाद पी लिया था जो ये उल्टी सीधी बातें कर रहा है। और ये बवासीर क्या है। पट्टी ना बंधी होती तो अभी कुटाई कर देता।
आरव:- कोई तंत्र विद्या सीख लिया क्या वहां गुरु जी के पास। साला इतना जल्दी तो फिल्मों में भी किसी टूटे को खड़ा नहीं कर देते जितनी जल्दी तू खड़ा हो गया।
अपस्यु, कर्रहते हुए जाकर पुनः उसी बिस्तर पर टेक लगा कर बैठ गया.. इसे विज्ञान कहते हैं मेरे भाई। कोई तंत्र विद्या या जादू नहीं है।
आरव:- अच्छा सुन आसान सी भाषा में मुझे समझा कि ये सब संभव कैसे हुआ। हां लेकिन कोई ज्ञान मत पेल देना।
अपस्यु:- तू और तेरी भाषा.. सुन जब मैं पढ़ाई के छठे वर्ष में था मेरी रुचि मानव शरीर और उसकी संरचना में अत्यधिक थी।
आरव:- इतिहास छोड़ सीधा बता ना ये कैसे संभव हुआ..
अपस्यु:- देख हमरा शरीर कोशिकाओं से बना है। कई कोशिकाएं मिल कर कर ऊतक बनाते है यानी कि टिश्यू और कई टिश्यू मिल कर…
आरव:- समझ गया ऐसे ही एक के बाद एक चेन चलेगा और बॉडी बन जाएगी।
अपस्यु:- उतावला बस होता रह। पूरी बात मत सुनना। सुन शारीरिक संरचना में कोसिका की अहम भूमिका है और तूने जो मुझे इंजेक्ट किया वो सेल बॉडी सब्सटेंस यानी कि कोशिका जिस चीज से बनेगी उसका द्रव्य था। अब मेरी बॉडी स्कैन होती गई और ये कोशिकाएं जा कर क्षति हुई कोशिकाओं पर जुड़ने लगी जिसके परिणामस्वरूप बहुत सी कोशिकाएं ठीक हो गई।
आरव:- कच्चा पक्का ज्ञान मिला, पर कुछ-कुछ समझ में आ गया। मतलब ठीक हो गया ना।
अपस्यु:- नहीं पूरे तरीके से नहीं ठीक हो पाया हूं किंतु ठीक हूं। हड्डियां जुड़ने में वक़्त लगेगा।
आरव:- हड्डियां नहीं जुड़ी तो खड़ा कैसे हुआ तू।
अपस्यु:- अबे ये प्लास्टर का सहारा था ना, किसी तरह से खड़ा हो गया। हां लेकिन जितना भी कैल्शियम डिपोजिट हुए होगा वो फ्री हो गए होंगे तो ये एक समस्या हो सकती है कि जुड़ने में थोड़ा और वक़्त लग जाए।
आरव:- तू तो जीनियस निकला। वैसे इतनी बात बता ही दिया है तो उस इंजेक्शन कि भी कहानी बता ही दे, जो आईसबॉक्स में रखी है।
अपस्यु:- वो.. वो तो एल्केलायड है। एक तरह का एड्रेनेलिन इंजेक्शन। इमरजेंसी की स्तिथि में इसे लगा दो काम कर गई तो मारता हुआ भी वापस अा जाएगा, वरना मारा हुआ तो वैसे भी हैं।
आरव:- यार मैं तेरी तरह क्यों नहीं। तू तो हर चीज का मास्टर है।
अपस्यु:- ऐसा नहीं है मेरे भाई। तू ऐसा क्यों सोचता है। तू अपने अंदर की प्रतिभा को नहीं देख पा रहा है इसलिए, वरना तू भी किसी से कम नहीं।
आरव:- चल जाने दे इसे, कभी फुर्सत में तू मेरी प्रतिभाओं के बारे में बताना। अभी करना क्या है? क्योंकि देख जब तेरे ऊपर हमला हो गया इसका मतलब है कि हमारे बारे में सब को खबर लग गई होगी। तो क्या अब यहीं रह कर सब को एक साथ देखना है या फिर चले यहां से।
अपस्यु:- देख, एक साथ सबका सामना तो हम कर नहीं सकते, ये बात सत्य है। इनकी इतनी बड़ी हस्ती है कि कहां-कहां से ये कितने लोगों को खड़ा कर देंगे वो हमे भी नहीं पता। इसलिए ये ख्याल दिल से निकाल दे की हम एक साथ सबका सामना कर सकते हैं। और यहां से जा भी नहीं सकते क्योंकि दिल्ली छोड़ने का मतलब है कि फिर हमे सबकुछ भूलना होगा।
आरव:- तो हम करेंगे क्या?
अपस्यु:- कुछ धमाल करते हैं। तू तैयार है क्या?
आरव:- क्या बात कर रहा है.. क्या सच में ..
अपस्यु:- हां सही सुना, तैयार है क्या.. लेकिन याद रहे करना 2-4 दिन के अंदर में ही है, और वहां मैं नहीं रहूंगा।
आरव:- तू नहीं बस तेरा बैकअप चाहिए। बोल प्लान क्या है?
अपस्यु:- "सुन, जहां तक मुझे लगता है मेरे ऐक्सिडेंट के पीछे भूषण अग्रवाल और जमील का हाथ है क्योंकि जिसने भी मेरा ऐक्सिडेंट करवाया है उसका मकसद मारना नहीं था। वो तो बस मुझे ये दिखा रहा था कि वो मुझे मार भी सकता है। वरना वहां पर उनके पास पूरा मौका था"।
" ऐसी सूरत में त्रिवेणी शंकर तो ये करवा ही नहीं सकता क्योंकि वो तो जनता ही नहीं की उसके साथ कांड किसने किया। वो तो अभी पाता ही लगा रहा होगा और यदि उसे पता चल गया होता की ये सब मैंने करवाया है तो वो जान से मारने का प्रयास करता ना कि अधमरा छोड़ कर ये दिखाने का, की वो मार भी सकते हैं। अब केवल और केवल बचता है भूषण और जमील, और जबतक उनके पैसे अटके है वो हर संभव कोशिश करेगा अपने पैसे निकलवाने कि। उन्हीं दोनों को मेरे बारे में पता चला होगा।
आरव:- तो पहला टारगेट कौन फिक्स हुआ, जमील या भूषण।
अपस्यु:- पहला टारगेट होगा त्रिवेणी, मैं नहीं चाहता कि हमारा राज खुले और इन्हे पता चले कि हमारा टारगेट हर वो कामीना है जो उसके साथ धंधा करता है। चूंकि हमारी मनसा अभी किसी को पाता नहीं है तो अपने-अपने धंधे में मस्त है कौन मारा किसे परवाह। ऐसे धंधों में तो ये आम बात है। भेद खुल गया तो ये सब ग्रुप बना लेंगे, फिर सब मिलकर हमे टारगेट करेंगे और साथ में उसे भी खबर लग जाएगी। इसलिए पहला काम उनको खत्म करना, जो हमे तलाश रहे हैं।
आरव:- लेकिन अभी हमारे बारे में तो उस भूषण और जमाल को पता है, तो टारगेट त्रिवेणी क्यों।
अपस्यु:- प्लान ये है कि मैं सरा पैसा त्रिवेणी के अकाउंट में ट्रांसफर करूंगा। तू जमाल और भूषण से मिल कर ये कहेगा की हमे बस हायर किया गया था सरा पैसा त्रिवेणी के पास है।
आरव:- नहीं इस प्लान में बहुत कमी है, तू समझा नहीं। दोनों एक ही धंधे में है और एक दूसरे को जानते नहीं। अगर तू पैसा ट्रांसफर भी करेगा तो ये सीधा जा कर गोलीबारी नहीं करने वाले। एक ही टेबल पर बैठ कर बातचीत कर लेंगे। उस से भी ना होगा तो इनका बाप बीच में कूद आएगा। क्योंकि उसके 2 लोग एक दूसरे से लड़ रहे है तो वो मध्यस्ता में आएगा ही। एक बार वो चला आया तो फिर उन दोनों के बीच लड़ाई ना होने देगा। प्लान बहुत कमजोर है और हम एक्सपोज भी हो जाएंगे।
अपस्यु:- तो तू करना क्या चाहता है?
आरव:- मुझे तू बैकअप देता जा। टारगेट मुझे मिल गया है, एलिमिनेटर कैसे करना है वो मैं समझ लूंगा।
अपस्यु:- ठीक है लेकिन याद रहे किसी भी सूरत में कोई कड़ी मत छोड़ना। क्योंकि उसके 3 डीलर मारे जाएंगे तो वो कारण का पता जरूर लगाएगा।
आरव:- तू बस देखता जा, ये मैं कैसे करता हूं।