पहला नशा , पहला खुमार....
नया प्यार है... नया इंतेज़ार...
अपस्यू नाम काफी सोच कर चुना है आप ने , मौलिक नाम है और कहानी की पात्र को खूब जचता भी है.. लेकिन आगे देखते है ये चरित्र अपनी क्या चरित्र बनाता है..!
वैसे कहानी की शुरुवात आप ने मुलाकात से और फिर आंखेचार से की है... कहानी को रूचिला बनाने की अच्छी उपाय है ये... वैसे लड़की की रूप की सोभा वर्णन नहीं हुआ है अभी तक इसका मतलब कुछ ,धमाकेदार अलंकार सहित सौंदर्य वर्णन अभी इंतेजार में है आने को...
ये दोनों किसी मकसद कि बातें कर रहे थे , कहानी की थीम रोमांस है सो मुझे नहीं लगता इसमें कुछ तिलस्मी , एयरी किस्म की स्थिति देखने को मिलेगा.. लेकिन कहानी में क्या होगा ये लेखक साहाब ही जाने...
वैसे पहला प्यार की पहला इकरार बोहोत ही सुन्दर था... बस चरित्र में घुसने को विवश कर देता था...
खूब अच्छी शुरुवात थी , अच्छी पेशकश थी...
आगे की इंतेज़ार में हैं हम...