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Incest बहन का प्यार ❤️

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बहन का प्यार


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angelshin

angelshin
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चेतावनी ...........दोस्तो ये कहानी समाज के नियमो के खिलाफ है क्योंकि हमारा समाज " भाई बहन " के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्ता मानता है अतः जिन भाइयो को इन रिश्तो की कहानियाँ पढ़ने से अरुचि होती हो वह ये कहानी ना पढ़े क्योंकि ये कहानी एक पारवारिक सेक्स की कहानी है पुरे करीके से काल्पनिक है.

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भाग -1 ❤️

पिता : सुरेश ; उम्र 55 साल जॉब करते थे. अब घर पर ही रहते है. और अपने खेतों को देखते है. जादा तर घर के बहार ही रहते है. खाली नही बैठते कुछ न कुछ करते रहते है.

माँ : कमला देवी ; उम्र 49 साल. घर को संभालने के अलावा वो हिसाब किताब का भी ध्यान रखती है. ज्यादा पढ़ी लिखी ना होने पर भी उसे दुनियादारी की समझ है.

बेटी ( बड़ी ): मनीषा ; उम्र 24 साल.बी.स.सी कर रही है. मनीषा इस कहानी की मुख्य किरदार है. गोरा रंग, भरी हुई चुचियां, पतली कमर और उभरे हुये चुत्तर..

बेटी : माधुरी ; उम्र 22 साल बी.स.सी कर रही है.(मनीषा से छोटी है.)अपनी बहन के साथ ही जाती है. कॉलेज दोनो की बहुत बनती है आपस मे माधुरी का रंग गोरा, है. मोटी हुमच-हुमच कर मसली जाये गोल चूचियाँ तथा गोल मटलो चुत्तड है…

बेटा (छोटा): अमित : हीरो ; उम्र 20 : अपनी बहनो के साथ ही कॉलेज मै है अपनी बहनो से बहुत प्यार करता है और कसरत करता है..जिससे पुरा शरीर गढ़ीला हो गया है रंग, गोर है सरल सौभाव का है.

बेटी : कोमल ; उम्र 19 साल बी.कॉम कर रही है.(अमित से छोटी है.दोनों बहने एक साथ थी हुई थी.) दिखने मै गोरी है पर सौभाव से सरल, चंचल है मनीषा की तुलना मै चूचियाँ बड़ी नहीं है पर कम भी नहीं है चुत्तड तो पुरे मनीषा पर ही गए है मोटे गोल गोल आकर के जब कोमल चलती है टो लंड से पानी निकलनें लग जाता है..

बेटी : नेहा ; उम्र 19 साल बी.कॉम कर रही है अपनी बहन के एक ही रूम मै रहती है. बहुत ही क्युट है. पर कोमल तथा माधुरी, मनीषा से कम नही है…

सुरेश गाँव के रहने वाले थे गाँव से ही कुछ 250 किलोमीटर दूर शहर मे रखते है गाँव मैं सुरेश बहुत सारी ज़मीन है जिस से सालाना लाखो की आमदनी होती है और प्रॉपर्टी का काम भी करते है जिस वजह से उन्हें रुपयों की कोई कमी नहीं है सिर्फ़ अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई और अच्छी जानकारी मिले इसलिए ही सुरेश शहर अपना खुद का घर ले लिया था जिस मैं वो अपने बच्चों और अपनी पत्नी के साथ रहते है पर प्रॉपर्टी के काम के कारण उन्हें घर पर रहने का इतना टाइम ही नहीं किता है वो इस शहर से उस शहर जाते रहते है

सुबह के 7:00 बज रहे ठगे

मनीषा : ये लो मम्मी आपकी चाय?

मम्मी : ( मुस्कुरा कर ) ला मेरी बच्ची बड़े ही प्यार से कहती है..( फिर चाय की चुस्की ले कर ) उsss आअह्ह्ह.. मनीषा बेटा ये अमित अभी तक नहीं उठा क्या?

मनीषा : मम्मी आपको तो पता है वो किसी के उठाने से नहीं उठताहै तो अपने आप जब उठेगा.. ( बात कह कर मनीषा मुस्कुरा देती है )

मम्मी : हा हा.. कह तो सही रही है बेटा जरा जा कर उठा दे ना उसको तू ही? ( एक पल रुक कर कहती है ) और ये माधुरी कहाँ है?

मनीषा : ( मुस्कुरा कर ) मम्मी आपको तो पता ही है जब आपका लड़ला नहीं उठा है तो आपकी लाडली कैसे उठ जाएगी.. और मनीषा हस देती है.

मम्मी : (थोड़ा गुस्सा सा हो कर ) कितनी बार बोला है सुबह-सुबह जल्दी उठ जाया कर नहीं ये तो घोड़े बेच कर ऐसे ही सोती रहेंगी पता नहीं क्या होगा इस लड़की का.. आने दो इसके पापा को उन से ही इसकी शिकायत करनी होंगी तभी इस लड़की को अक्ल आएगी.. हा..

मनीषा : ( मनीषा मुस्कुरा कर अपनीके आप आती है और मम्मी के पीछे से कमर से लिपट कर प्यार करते हुए ) रहने दो ना मम्मी अभी ना समझ है? ( मनीषाबड़े ही प्यार से बच्चो वाली आवाज मैं कहती है )

मम्मी : ( बड़े ही प्यार से मनीषा के गाल पर अपना हाथ रखती है ) अरे बेटा.. इतनी बड़ी हो हो गयी है अब और कितनी ना समझ रहेगी..हाँ और एक तू है कितनी समझदार है मेरी प्यारी बच्ची तू ही हर बार मना करती है इसलिए मैं कुछ नहीं कहती लेकिन अब नहीं अब तो इसलिए शिकायत करनी ही पड़ेगी..

मनीषा : ( बड़े ही प्यार से बच्चो वाली आवाज मैं ) रखने.. दो ना.. मम्मी बेकार मैं वो फिर गुस्सा होंगी.. फिर उसको मानना भी मुझे ही पड़ेगा..

मम्मी : अच्छा ठीक है तू कहती है तो नहीं करति उसकी शिकायत.. अब ख़ुश…

मनीषा : ( मुस्कुरा कर ) हाँ.. मम्मी…से कस कर लिपट जाती है.

मम्मी : अच्छा मनीषा ये कोमल नेहा कहाँ है ये दोनों भी सो रही है क्या अभी तक?

मनीषा : (मम्मी से अलग हो कर..कुर्सी पर बैठ जाती है ) हाँ कोमल तो उठ गयी है आयी ठीक मेरे पास चाय ले कर गयी है नेहा के लिए अब तक कोमल ने नेहा को भी उठा दिया होगा

मम्मी : अच्छा.. अच्छा एक बार इन दोनो के रूम मैं जा कर भी देख लेना उठी है या नहीं आज कॉल भी तो जाना है.. दोनों को..

मनीषा :ठीक है मम्मी..

मम्मी : अब जा.. जाकर उन दोनों को उठा दे नहीं तो दोनों ऐसे ही सोते रहेंगे.. ( मम्मी मुस्कुरा कर कहती है. )

मनीषा : हाँ मम्मी जा रही हूँ..

मनीषा तेज़ कदमो के साथ आपले माधुरी के कमरे की तरफ जाती है दरवाज़ा खोल के वो अन्दर दाखिल होती है सामने बिस्तर पे माधुरी एक टॉप और पजमीं में सो रही है माधुरी की
चौड़ी चुतड मनीषा के सामने है मनीषा माधुरी की उभरे हुये चूतड़ों को ध्यान से देखती है और उसके चेहरे पे मुस्कान आ जाती है. वो मन ही मन सोचती है, " ये लड़की भी ना कभी सीधी होकर नहीं सो सकती है वो तो अच्छा है की मैं आती हूँ इसे उठाने मम्मी आती तो पता नहीं क्या करती इसका.. " मनीषा उसके पास जाती है

मनीषा : माधुरी ... 7 बज गए है. उठ जा मम्मी बुला रही है..

माधुरी : ( हल्के हल्के आंखे खोल कर मनीषा को देखती है और बैड पर बैठ कर दोनों हाथो को उठा के अंगडाई लेते हुए मनीषा की तरफ देखती है. टॉप के ऊपर से उसकी बड़ी बड़ी चुचियां ऐसे उभर के दिख रही है जैसे टॉप में किसी ने दो बड़े गोल गोल खरबूजे रख दिए हो ) उं…ससससस…
मनीषा...क्या यार मनीषा सोने तो दे कल घर का बहुत काम किया था मैंने..

मनीषा : हाँ मालूम मैं मुझे कौन घर का काम करता है और कौन नहीं.. अब और ज्यादा देर मत कर मुझे मम्मी नहीं भेजा है तुझे उठाने के लिए अगर तू 5 मिनट में निचे नहीं आयी तो
मम्मी आ जाएगी तुझे उठाने फिर तुझे पता है क्या होगा..

माधुरी : नहीं..नहीं..प्लीज. मैं पक्का 5 मिनट में उक कर निचे आ रही हूँ..

मनीषा : हाँ हाँ.. ये ठीक है ( मनीषा खुश हो कर ) बस 5 मिनट माधुरी..

माधुरी : हाँ मेरी माँ... मुझे बस 5 मिनट दे..

मनीषा : मनीषा ठीक है..

मनीषा माधुरी के रूम से निकल कर कोमल नेहा के रूम की और बढ़ती है..

मनीषा : कोमल के रूम के पास आती है ( दरबाजा खुला हुआ ही होता है ) मनीषा अंदर आती है तो देखती है की कोमल अपने बाल तौलिये से बंद रही है..

कोमल दरबाजे की आवज़ सुन कर पीछे देखती है तो मनीषा दीदी अंदर आती हुई दिखयी देती है..

मनीषा : कोमल तू नहा ली? ( इधर उधर देखकर ) और ये नेहा कहाँ है?

कोमल : हाँ दीदी मैं तो नहा ली हूँ. नेहा गयी है नहाने आती ही होंगी कुछ देर मैं..

मनीषा : अच्छा ठीक है. तुम दोनी निचे आ जायो मैं नाश्ता तैयार करती हूँ..

कोमल : ठीक है दीदी..

मनीषा कोमल नेहा के रूम से बहार आकर अमित के रूम की ओर जाती है और कमरे के अंदर आ जाती है वो देखती है की अमित चादर ओडे सो रहा है मनीषा अमित के पास जाती है और कहती है..

मनीषा : भाईईई...!! अमित.. उठ जा..आज कॉल नहीं जाना है क्या?

अमित : (आँखे खोल के अपनी चादर कोसर ने निचे करता है और दीदी को अध खुली आँखो से देख कर आंखे बंद कर लेता है) मनीषा दीदी अभी सोने दो ना...

मनीषा : बड़े ही प्यार से भाई उठ जा नहीं तो मैं निचे जा कर मम्मी को भेज दूंगी तुझे उठाने के लिए फिर मुझसे बाद मैं मत कहना? ( मनीषा अमित को मम्मी का डर दिखा कर उठने के लिए बोलती है ) और आज कॉलेज भी तो जाना है भाई..

अमित : ठीक है बोल दो मम्मी से पर अभी मैं नहीं उठा रहा मुझे 5 मिनट और सोने दो ना.. दीदी

मनीषा : हाँ तेरे 5 मिनट कभी पुरे नहीं होते है मुझे पता है. अभी उठ नहीं तो.. (मनीषा इतना ही कहती है) और अमित की चादर को पकड़ कर खींच देती है जैसी ही चादर निचे होती है

चौड़ा सीना हटे-कटे मजबूत कांधे सीने पर एक भी बाल नहीं पेट एक दम सीधा ना ज्यादा कम ना ज्यादा लोअर पहने हुये और लोअर को देख कर मनीषा की आंखे खुली की खुली रह गयी.. क्युकी लोअर का बना टेंट बता रहा था की वो क्या है?
मनीषा अपना थूक सटकते हुये अपने हाथो को अपनी चूचियों से लगा लेती है…



कहानी जारी है.. ❤️
 
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taamrambha

Sab kuch lover
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Payal kon hai samajh nahi aaya ,kiska naam hai payal aur Rajiv kon hai , dono ke bare me kuch bhi nahi bataya sirf naam diya hai aur mukhya Patra bhi bataya hai story so please kon hai bataye
 
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angelshin

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Payal kon hai samajh nahi aaya ,kiska naam hai payal aur Rajiv kon hai , dono ke bare me kuch bhi nahi bataya sirf naam diya hai aur mukhya Patra bhi bataya hai story so please kon hai bataye
इस कहानी मे पायल नाम का अभी कोई पात्र नहीं है. हाँ आगे हो सकता है या नहीं अभी कह नहीं सकते है. इस कहानी में मनीषा, माधुरी, कोमल, नेहा, अमित है. जो भाई बहन है. और सुरेशजी,कमला जी है जो. माता पिता है. ज्यादा जानने के लिए भाग 1 देखो फिर से..
 
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