rajeev13
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wild sex में ये ऐसी गाली-गलोच वाली बातचीत से मज़ा दुगुना हो जाता है,
मज़ा आ गया p696r भाई, अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी...
मज़ा आ गया p696r भाई, अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी...
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अभी रुचि के माँ के साथ यह रिश्ता आगे बढ़ेगा तब Slowly Basic से आगे बढ़ेंगेहाँ, ये बात तो सही है slow seduction का मज़ा ही अलग मगर अब भाई-बहन का रिश्ता वासना के मुकाम पर पहुंच चूका है तो ये असंभव हो चूका है!
मगर आगे माँ-बेटे के रिश्तों में ये संभव हो सकता है या लेखक की अगली कहानी में...
Kamal ka update h bhaiकहानी के छोटे अपडेट्स देकर मैं तंग आ गया था इसलिए मैने डिसाइड किया की सब लोगों को एक बड़ा Major अपडेट दिया जाए, जो Sex के साथ Romance से भी भरपुर हो जिससे पढ़ने वाले को भी मजा आए तो पेश है आप सबके सामने इस कहानी का सबसे बड़ा अपडेट.......
अपडेट - 7रुचि के Inner Wears की शॉपिंग करके हम दोनों 1st Floor पर बने Sips Cafe की ओर बढ़ गए,हमे Shopping करते हुए दोपहर हो चुकी थी इसलिए इस वक्त Cafe में कुछ ही लोग मौजूद थे,मैने आसपास नजरे घुमाई तो कोने में कपल टेबल बना हुआ था,हम दोनों वहां जाकर बैठ गए और कुछ ही देर में वेंटर ऑर्डर लेने आ गया, जिसमें मैने Cappuccino और रुचि ने Cold Coffee ऑर्डर कर दी,कुछ देर में हमारा ऑर्डर आ गया।रुचि कॉफी पीने के लिए अपने हाथों को टेबल पर रख दिए और उसकी छाती को टेबल पर टिका दिया जिससे उसके बूब्स टीशर्ट से बाहर आने लगे,उसके बूब्स पर लगा मेरा वीर्य अब सुख चुका था जिसकी वजह से वो बहुत Smooth लग रहे थे,उसने मेरी ओर देखा तो समझ गई कि मैं उसके बूब्स को ही देख रहा हूँ इसलिए उसने पीछे होते हुए कहा,"सुबह से इतनी बार करने के बाद भी तुम्हारा मन नहीं भरा?" मैने उसकी बात पर उल्टा जवाब देते हुए कहा,"उल्टा चोर कोतवाल को डांटे,आज सुबह से तुम ही मुझ पर चढ़ी जा रही हो।"
"ओओ.....तो क्या तुम्हारा बचु इतने में थक गया,ऊपर से Stamina के नाम पर डींगे मारते हो"
"बस एक मौका मिलने दो फिर तुम्हे दिखाता हूं कि Stamina किसे कहते हैं।" मेरी बात सुनकर वो मुझे घूरते हुए कॉफी पीने लगी, मैं उसकी यही प्यारी सी हरकते देखकर मुस्कुरा रहा था,हम दोनों कभी भी लड़ पड़ते थे जो हम दोनों में Common बात थी।
बचपन से ही रुचि मेरे साथ ही बड़ी हुई थी,हम दोनों हमारे मोम डैड की इकलौती संतान थे इसलिए रुचि में ही मैने अपना भाई,बहन,दोस्त,यार सब कुछ मिल गया था,ऊपर से अब मुझे रुचि में ही जिस लड़की की में ख्वाहिश रखता था वो लड़की मुझे दिखने लगी थी,हम दोनों ऐसे ही झगड़ते रहते थे पर उसके अलावा मुझे कोई कुछ कह जाए यह उससे हरगिज़ बर्दाश्त नहीं होता था पता नहीं जिंदगी ने ऐसा कौनसा मोड लिया जिससे हम दोनों के रास्ते एक होने लगे थे,हवा में लहराती उसके बाल की लट,काली नशीली आँखें,उसके गुलाबी होठ पर लगी कॉफी को अपनी जुबान से साफ कर रही थी,उसकी यही प्यारी हरकते कह रही थी कि वो भोगने से ज्यादा प्यार करने के लिए है,अपने दिल में उभरते प्यार से साथ मैं उसे हंसते हुए देख रहा था,मुझे इस तरह देखकर वो बोल पड़ी,"कब से देख रही हूं क्यों इतना मुस्कुरा रहे हो? मुझे पहले कभी देखा नहीं क्या?"
मैने भी उसका मजाक उड़ाते हुए कहा,"वैसे तो ऊपर से नीचे तक पूरा देख लिया है पर फिर भी पता नहीं दिल कह रहा है तुम्हे ऐसे ही निहारता रहूं"मेरी बात सुनकर वो भी मेरी ओर कुछ देर देखती रही,"अपनी कॉफी पीओ वरना ठंडी हो जाएगी" मैने एक सीप लेते हुए कहा,"रुचि मैने कभी नहीं सोचा था की हमारा रिश्ता इस तरह आगे बढ़ेगा,एक लड़की का कौमार्य किसी खजाने से भी बढ़कर होता है और वो जिस इंसान को सौंपती है वो उसकी जिंदगी मै सबसे खास होता है तो क्या में जान सकता हूं कि तुमने मुझे ही क्यों चुना?" मेरी बात सुनकर उसका चेहरा थोड़ा serious हो गया,उसने एक लंबी सांस छोड़ी फिर कहा,"मै जानती हूं की हमारा रिश्ता पहले से ही अजीब रहा है और अब जो जिस्मानी संबंध हम बना रहे है वो दुनिया की नजरों में गलत है पर इसी सही गलत से बढ़कर है प्यार और भरोसा......जो एक लड़की को अपने पिता की तरफ से मिलता है पर मेरी किस्मत में कुछ ओर ही लिखा था।" इतना कहते हुए उसकी आँखें नम होने लगी थी।
"पापा के जाने के बाद मोम की हालत ठीक नहीं रहती थी इसलिए में पूरी तरह से टूटकर अकेली पड़ गई थी,उस वक्त सिर्फ तुमने मुझे संभाला था,मेरा हर पल खयाल रखा जिसकी वजह से तुम्हारे प्रति बचपन से जो Feelings थी वो बाहर आने लगी,अब मुझे हर वक्त तुम्हारे प्यार की वो हूंफ चाहिए थी और बीतते वक्त के साथ मेरा जिस्म भी किसी मर्द की चाह रखता था जो मेरी प्यास बुझा सके,उस वक्त कोई था तो वो सिर्फ तुम थे जिस पर में आंखें बंद करके भरोसा कर सकती थी।" इतना कहकर वो चुप हो गई, मैं अपनी आंखों से उसके चेहरे के बदलते भावों को देख रहा था,जिस चेहरे पर कुछ देर पहले मुस्कान थी उस पर अब उदासी छा गई थी,वो कॉफी पी रही थी जिसकी वजह से कॉफी उसके होठ के ऊपर लग गई थी,यह देखकर मैने हाथ बढ़ाया और अपनी एक उंगली से साफ करके मेरी जुबान से लगाकर कहा,",हममम् कॉफी तो अच्छी पर साथ ही ये लिपस्टिक का टेस्ट क्यों आ रहा है?" मेरी बात सुनकर रुचि हंसने लगी।
"How Cute Ruchi" तभी रुचि के पीछे से किसी लड़की की आवाज आई,हम दोनों ने पीछे मुड़कर देखा तो रुचि ने चौंकते हुए कहा,"शालिनी तुम यहां!!?"
रुचि की दोस्त शालिनी उसी के उम्र 24 साल की थी,उसकी हाइट 5.10 फीट,रंग रुचि से थोड़ा सांवला और भरा हुआ बदन था,किसी तेज तलवार जैसी नशीली आँखें,कोमल फूल की पंखुड़ियों जैसे होठ,काले घने बाल और किसी रसीले फल जैसे बड़े बूब्स, जिसकी Size 34D की लग रही थी,उसने फिगर को अच्छे से Maintain किया हुआ था,जिसे देखकर में समझ गया की वो जिम जाती होगी,रुचि की Stream Commerce थी जिसकी वजह से हम दोनों के College अलग थे,ऊपर से शालिनी रुचि की खास दोस्त नहीं थी,एक ही क्लास में होने की वजह से दोनों की जान-पहचान थी,जिसकी वजह से वो मेरे बारे में नहीं जानती थी।शालिनी ने एक कुर्सी ली और हमारे पास आकर बैठ गई,उसके बैठते ही रुचि ने अपना सवाल पूछ लिया,"शालिनी मुझे जहां तक पता है तुम तो कॉलेज के बाद Higher Studies के लिए दिल्ली चली गई थी तो तुम वापस कब आई?"
"मुझे यह आए 6 महीने बीत चुके है,पिछले कुछ महीनों से पापा का बिजनेस ठीक नहीं चल रहा था और हमारे कुछ Family Issues के चलते मुझे वापस आना पड़ा,ऊपर से उस अनजान शहर में कब तक अकेली रहती? वैसे भी मेरी पढ़ाई तो खत्म हो चुकी थी और दिल्ली के Work Experience की वजह से मुझे यहां पर भी अच्छी जॉब मिल गई,शालिनी का घर Thiruvarpu गांव में पड़ता था जो हमारे घर से 2-3 Km की दूरी पर था।रुचि शालिनी से बात करने में लगी हुई थी तब मेरा ध्यान शालिनी की गांड़ पर अटक गया,उसने White कलर की पेंट पहनी हुई थी जो उसकी गांड़ से चिपक गई थी,जिससे उसकी गांड़ का उभार साफ नजर आ रहा था तभी शालिनी ने मेरी तरफ देखा जिससे हम दोनों की नजरे मिल गई इसलिए वो समझ गई की मै कहा पर देख रहा था,उसने मुस्कुराते हुए रुचि से पूछा,"आखिर तुम्हे भी एक Care करने वाला बॉयफ्रेंड मिल ही गया" उसकी बात सुनकर रुचि शर्मा गई,शालिनी ने मेरी ओर हाथ बढ़ाते हुए कहा,"Hii I'm Shalini, तुम्हे पता है College Time में यह बहुत शर्मीली थी,ज्यादा किसी से बात भी नहीं करती थी,जिसकी वजह से हमें लगता था इसको कोई बॉयफ्रेंड नहीं मिलेगा पर किस्मत को देखो, इसकी लाइफ में तुम आ गए।" यह कहते वक्त वो मेरे पूरे बदन को निहार रही थी,"जिंदगी ने कब किसको मिल जाए किसको पता है? जैसे आज हम मिल गए" मेरी बात सुनकर उसने हामी भर दी,कुछ देर तक बाते करने के बाद शालिनी ने खड़े होते हुए कहा,"अच्छा तो मैं चलती हूं,मुझे भी थोड़ी शॉपिंग करनी है फिर मिलेंगे" इतना कहकर वो बाहर चली गई,मैने घड़ी देखी तो 2 बजने वाले थे रुचि के साथ बातों में वक्त का अंदाजा ही नहीं रहा,हम दोनों ने कॉफी खत्म की और सब चीजें लेकर घर की तरफ निकल पड़े।
सूरज अब सिर पर पहुंच चुका था,जिसकी वजह से गर्मी का प्रमाण बढ़ने लगा था,सुबह से रुचि के साथ घूमने की वजह से मैं थोड़ा थक चुका था,जिससे मैने बाइक की रफ्तार तेज कर दी और Bypass Road से गुजरते हुए सीधे घर की तरफ बढ़ा दी।करीब 20-25 मिनट की ड्राइव के बाद हम लोग घर पहुंच गए,मैने बाइक पार्क करके घर एंटर किया तो मोम हॉल में बैठी टीवी देखते हुए हमारा इंतेज़ार कर रही थी,रुचि मोम के पास बैठ गई और उन्हें सब चीजें दिखाने लगी, मैं किचन में गया और Fridge से एक ठंडे पानी की बोतल लेकर सीधा अपने रूम में पहुंच गया।गर्मी की वजह से मेरा पूरा बदन पसीने से भीग चुका था,जिसकी वजह से मैने AC ऑन किया,कपड़े बदले और पानी पीकर बिस्तर पर लेट गया,आज सुबह जल्दी उठने की वजह से मेरी आँखें भारी होने लगी थी,ऊपर से घूमने और Sex की वजह से मुझे थोड़ी थकान भी महसूस हो रही थी,AC से निकलती हवाएं मेरे बदन को ठंडक दे रही थी,साथ ही मुलायम बिस्तर मेरे शरीर को सुकून पहुंचा रहा था,मन में रुचि के साथ बिताए उन लम्हों के बारे में सोचते हुए मैं कब नींद की आगोश में चला गया पता ही नहीं चला,मुझे सोए हुए 3 घंटे से ज्यादा बीत चुके थे पर आंखे खुलने का नाम नहीं ले रही थी क्योंकि मेरा मन रुचि के ख्यालों से बाहर नहीं आना चाहता था और मेरा दिल आंखों को खुलने ही मंजूरी नहीं दे रहा था।
कुछ देर ऐसे ही सोने के बाद मेरे कानों में आवाज पड़ी जैसे कोई मेरे रूम का डोर नॉक कर रहा हो,यह सुनकर मेरी नींद टूट गई,मैने पास पड़ा फोन देखा तो उसमें 6 बज रहे थे ऊपर से फोन Silent होने की वजह से रिंग भी नहीं बज रही थी,मैने देख तो मोम के 3 और रुचि के 2 Missed Calls थे,में समझ गया कि मुझे उठाने के लिए आवाज लगाईं होगी पर मेरा रूम Soundproof होने की वजह से बाहर से कोई भी आवाज अन्दर नहीं आ सकती,मैं बेड से खड़ा हुआ और डोर खोला तो मेरे समाने रुचि गुस्से के साथ हाथ में कॉफी का कप लिए खड़ी थी,"मै कब से नॉक कर रही हूं सुनाई नहीं देता और अब कितना सोने का इरादा है? चलो में Terrace पे तुम्हारा इंतेज़ार कर रही हूं।" इतना कहकर वो ऊपर चली गई,उसके बाद मै बाथरूम में घुसा और फ्रेश होकर Terrace पर पहुंच गया।
मै कॉफी लेकर Terrace पर पहुंचा तो रुचि मेरा इंतेज़ार कर रही थी,Terrace पर बैठने के लिए एक छोटी चेयर और टेबल रखा हुआ था पर मैं कॉफी को लेकर टहलते हुए छत के कोने पर पहुंचकर खड़ा हो गया जहां से दूर तक का नजारा देखने को मिलता था,रुचि भी उठकर मेरे पास आकर खड़ी हो गई,मैने सामने देखा तो दूर तक खड़े बड़े पहाड़,हरे खेतो में लहराती फसल,फूल के बाग और उछलते पानी के साथ बहती नदियां,मैने थोड़ी दूर नजर की तो सूरज ढलते हुए अपनी केसरी रोशनी उस धरती पर बिखेर रहा था,उसे देखकर ऐसा लग रह था मानो वो इस धरती में एक नई जान फूंक रहा हो,अब दिन ढल रहा था तो गर्मी कम लग रही थी,उसके साथ मौसम में घुलती ठंड हवा से मिलकर बहने लगी थी।
इन खूबसूरत नजारों को देखकर दिल में एक खयाल उठ गया कि लोग पता नहीं क्यूं इस कुदरत से दूर भागकर शहर की उन बड़ी इमारतों की चार दीवारों में रहना पसंद करते है,इन लम्हों को आंखों में समाए हम दोनों कॉफी का मजा ले रहे थे।
ढलते सूरज की ये रोशनी हमारे शरीर पर पड़कर हमें भी उनमें से एक होना एहसास दिला रही थी,मैने रुचि की ओर देखा तो उसका पूरा शरीर सूरज की उस रोशनी में खिल उठा था,धीरे बहती हवा के झोंके के साथ उसके बाल हवा में लहरा रहे थे,उसने Yellow कलर का टीशर्ट पहना हुआ था,जिससे उसकी बूब्स की लकीरें बाहर दिख रही थी और उसके गले का वो लॉकेट पूरा रोशन हो उठा था,मैने कॉफी का कप साइड पर रखा और रुचि के पीछे जाकर उसकी कमर में हाथ लपेटकर खड़ा हो गया,मै आंखे बंद करके उसके बदन से आती खुशबू को महसूस कर रहा था,उसने भी अपने शरीर को ढीला छोड़कर खुदको मेरे हवाले कर दिया था,आज हम दोनों सब कुछ भूलकर वो जीव बन चुके थे जो प्यार की कामना रखता है,उसने मेरे हाथ पर अपने हाथ रखकर कहा,"आज दोपहर से मुझ पर बड़ा प्यार आ रहा है"
"कुदरत के बनाए इस खूबसूरत लम्हें को जीने के लिए तुम्हारे जैसी एक साथी हो तो प्यार तो आयेगा ही,ऐसा लग रहा है मानो वो खुद हमे करीब लाना चाहती हो।"
इस वक्त हम दोनों इस खुले आसमान में किसी प्रेमी की तरह एक दूसरे की तपिश को महसूस कर रहे थे,उसने अपनी आंखें बंध करते हुए कहा,"बस ऐसे ही मुझसे प्यार करते रहना" मैने उसकी गर्दन पर अपने सांसों की गर्मी देते हुए कहा,"मेरा बस चले तो तुम्हे एक पल के लिए भी अकेला न छोड़ूं पर पता नहीं ये दिल कभी घबराने लगता है कि कही तुम मुझसे दूर न हो जाओ" मेरी बात सुनकर वो पीछे घूम गई और मेरी आंखों में देखते हुए कहा,"अभी हमारे मिलन का पल भी बाकी है और तुम दूर जाने की बात कर रहे हो" इतना कहकर वो मुझसे कसकर लिपट गई,"मै भी देखती हूं कौन तुम्हे मुझसे दूर करता है" हम दोनों ऐसे ही खड़े जिस्मों के एहसास से अपना प्यार जताते रहे,मैने दूर देखा तो सूरज ढल चुका था और अंधेरा धीरे-धीरे आगे बढ़कर आसमान को ख़ूदमे सिमटने लगा था,हम दोनों कुछ देर छत पर बैठकर नीचे आ गए,मोम कहना बनाने में Busy थी इसलिए रुचि ने मेरे हाथ से कप लेकर किचन में मोम का हाथ बटाने के लिए चली गई,अभी खाना बनने में थोड़ा टाइम लगेगा इसलिए मैने सोचा थोड़ी देर कमरे में Wait करूं तभी डोर खुला और मैने देखा तो पापा ऑफिस से वापस आ गए थे,वो आकर नीचे हॉल में सोफे पर बैठ गए और मोम उनके लिए पानी लेकर आई फिर वो दोनों आपस में कुछ बाते करने लगे,मै उन्हें ऊपर से खड़ा होकर देख रहा था,कुछ पल ऐसे ही देखने के बाद मै चेहरे पर मुस्कान
लिए रूम में चला गया।
खाना बनने में अभी थोड़ी देर थी इसलिए में अपने कमरे में आया,मैने PC ऑन किया और उस पर God of War Ragnarok खेलने लगा,बचपन से ही मुझे गेम्स का बहुत शोख था इसलिए गेम्स के शौकीन हर Youngsters की तरह मेरा भी सपना था Gaming PC Set-up करना,जॉब लगते ही मैने सबसे पहले अपना PC ले लिया था और साथ मैने PS5 और पर्सनल टीवी लेकर उसे Home Theatre से अटैच कर दिया था,जिससे Gaming करने का मजा दुगना हो जाए,इन्हीं Reason की वजह से मैने अपना रूम Soundproof बनवाया था जिससे मेरी Family को कोई प्रॉबलम ना हो,मै कुछ देर तक गेम खेलता रहा तभी मेरा फोन बजा और मोम ने खाने के लिए नीचे आने को कह दिया इसलिए मैने PC ऑफ किया और नीचे चला गया जहां डाइनिंग टेबल पर सब मेरा Wait कर रहे थे।
हमारे घर का Rule ही कह सकते हो कि दिन भर कुछ भी करो पर Dinner के टाइम पे सब काम छोड़कर Family के साथ ही डिनर करना पड़ेगा,मैने टेबल पर देखा तो आज खाने में मोम ने काफी सारी Varieties बनाई थी,आज दोपहर मैने सिर्फ नाश्ता किया था और घर आकर भी खाने का कुछ ठिकाना नहीं रहा इसलिए मुझे जोरो से भूख लगी थी, मैं टेबल पर बैठते ही एक के बाद एक सब चीज़ों पर टूट पड़ा, Exercise और दिन ने इतनी बार सेक्स की वजह से मुझे Energy की सख्त जरूरत थी,मुझे इस तरह खाते हुए देखकर सब लोग मेरी ओर ही देख रहे थे पर रुचि पता नहीं क्यूं मुस्कुरा रही थी,मैने मोम से खाते हुए कहा,"Mom You're the Best Cook in the World, आपसे अच्छा खाना कोई नहीं बन सकता" मेरी बात सुनकर मोम रुचि की ओर देखकर हंसने लगी,"Thanks मुझे नहीं पर रुचि को बोलो,आज सारा खाना उसने बनाया है" मोम की बात पर मैने मुंह बनाकर कहा,"क्या मोम आप भी मजाक कर रही हो,इसका चेहरे को देखकर किसी ऐंगल से नहीं लगता कि ये इतना टेस्टी खाना बना सकती है।"
"बच्चू मेरी शक्ल तुमसे तो अच्छी ही है और अभी तुम इस काबिल नहीं हुए हो की मेरे हाथ का टेस्ट समझ सको तो चुपचाप खाओ" हमारी बात सुनकर पापा ने हंसते हुए कहा,"अरे अब तुम दोनों शांत हो जाओ और सुनो हमे तुम दोनों से कुछ जरूरी बात करनी है।" पापा की बात सुनकर हम सब उनकी ओर देखने लगे,"कल में,तुम्हारी मोम और वेदिका आंटी तीनों कोची (Kochi) जा रहे हैं" पापा की बात सुनकर रुचि के चेहरे पर परेशानी दिख रही थी,"मोम भी आपके साथ आ रही है सब ठीक तो है ना?"
"बेटा टेंशन की कोई बात नहीं है तुम्हारे पापा की प्रॉपर्टी Case के Regarding हम कोची जा रहे है और तुम्हारी आंटी भी कितने महीनों से अपने मायके नहीं गई है इसलिए वो भी हमारे साथ चल रही है जिससे तुम्हारी मोम को भी कंपनी मिले,हम 3 दोनों के वापस आ जाएंगे।" पापा की बात सुनकर वो थोड़ा रिलेक्स हुई,पापा ने मेरी तरफ देखकर कर कहा,"तुम्हारी छुटिया होने की वजह से में चाहता था कि तुम भी हमारे साथ चलो पर रुचि के ऑफिस की वजह से हम उसे घर पर अकेला नहीं छोड़ सकते इसलिए तुम घर पर रहकर उसका ख्याल रखना"
"ठीक है पापा आप लोग बेफिक्र होकर जाए मैं यहां सब संभाल लूंगा।" इतना कहकर मैने रुचि की ओर देखा तो वो समझ चुकी थी कि क्यों मैने उसे रात तक इंतेज़ार करने को कहा था,अब 3 दिनों तक सब दुनिया और लोगों से दूर हम दोनों अकेले रहने वाले थे जहां सिर्फ हम दोनों होगें,इसके बारे में सोचकर ही रुचि का चेहरा लाल पड़ने लगा और मेरे बदन ने झनझनहाट दौड़ गई।
करीब 8:30 होने पर हम सब ने खाना खा लिया था,उसके बाद मोम और रुचि सब चीजें वापस किचन में रखने लगे,डैड हॉल में बैठकर टीवी देख रहे थे इसलिए मैं उनके साथ बैठकर कुछ देर बाते करता रहा,उनके साथ थोड़े पल दिताने के बाद मैने घड़ी में टाइम देखा तो 9 बज चुके थे इसलिए मैने उन्हें गुड नाइट कहा और ऊपर अपने रूम की तरफ चल पड़ा,खाने के बाद मोम डैड अक्सर साथ में टाइम बिताते थे,शादी के इतने सालों के बाद भी उनके बीच इतना प्यार देखकर मुझे खुशी मिलती थी इसलिए मैं उन्हें Disturb ना करते हुए अपने रूम में आ गया,मैने टीवी ऑन किया और मैच देखने लगा,मेरा रोज का यही रूटीन था,मैच और न्यूज देखकर मेरा अच्छा टाइम पास हो गया,मैने फोन में टाइम देखा तो 10 बजने वाले थे,मै बेड से खड़े होकर Window के पास जाकर बाहर देखने लगा,रात होते ही कोट्टयम के मौसम में ठंडक फैल जाती थी इसलिए बाहर चारों तरफ शांति फैली हुई थी,सब लोग इस वक्त अपने घर में ठंड का मजा ले रहे थे,जिसकी वजह से कोई दिखाई नहीं दे रहा था।कल पूर्णिमा थी पर आज भी चांद अपने शबाब में अपनी रोशनी से धरती को शीतलता दे रहा था, मैं इस चांदनी रात का मजा ले रहा था तभी मेरा फोन बजा मैने देखा तो डैड का कॉल था,मैने रिसीव किया तो उन्होंने मुझे बाहर आने को कहा।
मैने कमरे का डोर खोला तो मेरे सामने मोम डैड के साथ रुचि खड़ी हुई थी,मै कुछ कहता उसके पहले ही डैड ने कहा,"विशु रुचि के रूम का AC खराब हो गया है,ऊपर से रात भी बहुत हो गई है तो आज रात को यह तुम्हारे कमरे में सोएगी और कल जाकर तुम AC ठीक करवा लेना" इतना कहकर वो दोनों अपने रूम में चले गए,मैने रुचि को देखा तो वो उसके एक छोटी वाइट पतली टीशर्ट और नीचे शॉर्ट्स पहने मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी,वो रूम के अंदर आई और मैने डोर को अंदर से लॉक कर दिया।
Usually मैं अपने कमरे में किसी को आने नहीं देता था अगर रुचि Directly मेरे कमरे में आने की बात करती तो मैं पक्का उससे बहस करता इसलिए उसने पापा से कहा,रुचि अपनी नजरे घुमाए चारों तरफ देख रही थी,मेरे कमरे में चारों तरफ Gaming Characters के Posters, Action Figures और Neon Lights से मैने रूम अच्छे से Decorate किया था जिससे रूम को Aesthetic View मिल सके, चारों तरफ देखने के बाद रुचि बेड पर जाकर बैठ गई,मेरे कमरे ने डबल बेड था इसलिए हमें सोने में दिक्कत नहीं होने वाली थी,"तुमने तो अपने रूम को अच्छे से Decorate किया है,Generally लड़कों का रूम फैला हुआ होगा है पर तुम्हारा इतना साफ सुथरा है इसलिए तुम किसी को अपने रूम में नहीं आने देते।"
मैने बेड पर बैठते हुए कहा,"हा क्योंकि मेरी चीजों को कोई छुए मुझे ये पसंद नहीं है।" इतना कहकर मैने रुचि की टीशर्ट ऊपर की तरफ खींच दी,उसने नीचे कुछ नहीं पहना था ये बात में समझ गया था,जिससे उसकी बड़ी चूचियां साफ दिखने लगी थी,उसके बाद हम दोनों के बीच सीना-जपटी होने लगी उसमें उसे मेरी शॉर्ट्स पर हाथ रखा और उसे खींचकर पूरी उतार दी,उसने उतारकर उसे एक कोने में फेंक दिया,रात को सोते वक्त में सिर्फ शॉर्ट्स पहनता था इसलिए अब मै उसके समाने बेड पर पूरा नंगा बैठा हुआ था।
रुचि की नजरों के सामने में मुरझाया हुआ लंड था जो खड़ा न होने के बावजूद 4 इंच जितना लंबा था,इसका बदला लेने के लिए मै सीधा उसपर कूद पड़ा,उसका टीशर्ट बड़ी आसानी से उतर गया पर उसकी शॉर्ट्स उतारने के लिए मैने उसके हाथ पकड़कर पीछे दबोचा और धीर से दूसरे हाथ से शॉर्ट उतारकर नीच फेंक दी,AC की हवा में उसका शरीर एकदम चिकना लग रहा था,उसका मुंह बेड पर था और उसकी गांड़ मेरी तरफ थी जिसपे मैने पहले दो थप्पड़ जड़ दिए जिससे उसके मुंह से आऊचच की आवाज निकल गई,"अब ये किस लिए था?"
"ये मेरे साथ की हुई हरकत की सजा है" इतना बोलकर मैने ध्यान दिया तो उसकी गांड़ और चूत पर काफी बाल थे।
मैने रुचि को अपनी बाहों में उठाया और बाथरूम में ले गया,उसको एक दीवार से सटाकर खड़ा कर दिया और हैंड शॉवर ऑन करके पानी से उसकी चूत और गांड़ को भिगो दिया,"भैया ये क्या कर रहे हो?" उसके पूछे गए सवाल का मैने कोई जवाब नहीं दिया,मैने थोड़ा क्रीम लिया और उसकी चूत और गांड़ पर अच्छे से रगड़ने लगा,रुचि को भी अब मजा आने लगा था वो दोनों हाथो को अपने बूब्स पर रखकर आँखें बंद किए खड़ी थी।मै हाथों को तेज चलाते हुए उसकी चूत पर घुमा रहा था जिससे वहां काफी झाग इक्कठा हो गया था और उसके बाद मुलायम पड़ गए थे,उसके बाद मैने रेजर उठाया और एक नई ब्लैड लगाकर उसके चूत के बाल साफ करने लगा।
चूत को रगड़ने की वजह से उसकी चूत जैसे उबल रही हो और उसकी गर्मी मेरे चेहरे पर महसूस हो रही थी,उसकी चूत साफ करने के बाद मैने उससे घुमा दिया और उसकी गांड़ को थोड़ी चौड़ी की और उस पर Hair Removal Cream लगाकर उसे एक झटके में साफ कर दिए,मैने उसके हाथ उठाए और उसके बूब्स के ऊपर से जबान घुमाते हुए उसके आर्मपिट तक ले गया पर वो बिल्कुल साफ थे।
मै रुचि से अलग हुआ तो वो तेज सांसे लेते हुए मुझे देख रही थी,बाथरूम का डोर खुला होने को वजह से AC की ठंडी हवाएं हमारे जिस्मों को छू रही थी,मैं बाहर जाने वाला था तभी रुचि की आवाज ने मुझे रोक दिया,"मेरे बालों की सफाई तो तुमने कर दी अब तुम्हारी बारी" इतना कहकर उसने आग बढ़कर मुझे धक्का देते हुए दीवार से खड़ा कर दिया,उसके बाद उसके लोशन उठाया और उसे अपने मुंह में डालने लगी,उसकी यह हरकत देखकर मै उसे कुछ कहनेवाला था पर उसने मुझे रोक दिया,वो कुछ मिनटों तक उसे अपने मुंह में ही घुमाती रही,उसे देखकर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कर रही है?
थोड़ी देर बाद वो नीचे बैठी और मेरे लंड को पकड़कर अपने होठों से वो लोशन मेरे लंड पर लगाने लगी,रुचि के मुंह से घुलने के बाद उसमें रुचि का थूक भी मिल चुका था,धीरे-धीरे वो लोशन मेरे लंड के साथ मेरे जाटों पर भी घुमाने लगी,जिससे मेरे नीचे के पूरा हिस्सा चिपचिपा हो गया था,रुचि की यह हरकत से मै ढंग रह गया कि वो ऐसे ideas कैसे सोच लेती है तभी उसने मुझे पीछे घुमा दिया और मेरी गांड़ की दरार को थोड़ी फैलाकर मेरे Butt Hole को चाटने लगी,मुंह में भरे लोशन की वजह से रुचि का पूरा मुंह चिकना हो गया था जिससे उसके मुंह से लार बहने लगी थी,उसके बाद उसने रेजर उठाया और मेरे लंड के हिस्से से सारे बाल रिमूव कर दिए।
उसके बाद Hair Removal से क्रीम लेकर मेरे आंड और गांड़ पे लगा दिया और खड़ी होकर मेरे होठों के पास आकर मुझे किस करने गई,हमारे मिलते होठों की वजह से उसके मुंह से लोशन का स्वाद मेरे मुंह में समा रहा था,किस करते हुए वो एक हाथ से मेरे आंड तो दूसरे हाथ को मेरी गांड़ के आसपास घुमा रही थी,कुछ देर बाद हम अलग हुए और उसने एक टिशू लेकर क्रीम को Remove कर दिया,जिससे मेरा पूरा लंड खड़ा हुआ चमक रहा था,थोड़ी देर बाद हमने शॉवर से प्राइवेट पार्ट को पानी से साफ किया और रुचि के साथ ब्रश करके बाहर आ गया।
हम दोनों बेड पर आकर लेट गए जाटों की सफाई से हमारा जिस्म ऐसे चमक रहा था मानो हमे आज नहीं नया बदन मिला हो।टीवी अब भी ऑन था इसलिए मेरा ध्यान उसपर था,रुचि मेरी छाती पर हाथ रखकर लेती हुई थी पर मेरा ध्यान कही और था इसलिए उसने मेरे हाथ से रिमोट छीनकर कहा,"ये क्या बकवास देख रहे हो कुछ Romantic Movie लगाओ ना"
"अरे यार इस वक्त तुम्हे कौनसी रोमांटिक मूवी........" इतना बोलकर में रुक गया और कुछ सोचने लगा,मेरे दिमाग में खयाल आते ही मैने एक पेन ड्राइव निकाली और उसे टीवी में लगा दिया,कुछ पल में मेरे सामने कई फोल्डर आ गए उसमें से में एक प्राइवेट नाम वाले फ्लोडर में जाकर एक वीडियो प्ले कर दिया और रुचि के पास आकर कहा,"तो पेश है आपके लिए Romantic मूवी" इतना कहकर मैने वीडियो थोड़ा कट किया जिससे हम उस पार्ट तक पहुंच गए जहां एक लड़की लड़के का लंड चूस रही थी,यह देखकर रुचि खड़ी हो गई वो समझ गई कि मैने कोई पोर्न मूवी लगाई है।
यह देखकर उसने मुक्के मारते हुए कहा,"मैने तुम्हे ये.....ये मूवी...... लगाने को बोला था" उसके हाथ चलाते वक्त उसके बूब्स पूरे हिल रहे थे जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा,मैने दोनों हाथों से उसे पकड़ा और मेरे चेहरे के करीब लाते हुए कहा,"जो चीज़ हम कर सकते है तो उसे देखने के क्या बुराई है यह देखकर मैने लंड उसकी चूत पर रखकर रगड़ने लगा जिससे उसकी आँखें बंद होने लगी।
थोड़ी देर बाद सीन चेंज हुआ और लड़का उसे बेड पर लिटाकर डोगी स्टाइल में चोद रहा था,यह देखकर मैने रिमोट उठाया और वॉल्युम फुल कर दी जिससे पूरे कमरे में उनकी आवाजें गूंजने लगी, इस तरफ मैने भी अपने लंड पर थोड़ा लोशन लगाकर उसे चिकना बना दिया था,हम दोनों भी इस वक्त बेड पर लेटकर पागलों की तरह किस कर रहे थे।
वो मेरे होठों के पूरी तरह से काटने और चूसने लगी थी,हम दोनों के किसिंग की वजह से अजीब सी आवाज आ रही थी,"हहममम्.......उउहहह......ससीईईपपप्......चपपप...... उउफफफ......." हम दोनों की जीभ बाहर निकलने हुए एक दूसरे से मिल रही थी जिससे हम दोनों का मुंह गले तक गिला हो गया था,हम किस करते हुए पूरे बेड पर लुढ़क रहे थे,कभी मै उसके ऊपर तो कभी रुचि मेरे ऊपर आ रही थी,मै अब उसे चूमते हुए अपना लंड उसकी गांड की दरार पर रगड़ रहा था तभी एक बार फिर वो उसके गांड़ की छेद पर अटक गया,इस बार रुचि ने तुरत अलग होते हुए कहा,"भैया अब नहीं.....अब मै तुम्हारी कोई बात नहीं मानूंगी,आज तो आपको यह लंड मेरी गांड़ में डालकर चोदना ही पड़ेगा"
"रुचि मेरी बात सुनो ये सही वक्त नहीं है,कल से मै तीन दिनों तक सिर्फ तुम्हारा ही तो हूं फिर किसका तुम चाहे वो कर लेना"
"नहीं आज दोपहर को हम बाहर थे इसलिए मैं तुम्हारी बात मान गई पर अब मै तुम्हारी एक नहीं सुनूंगी,ठीक है चुदाई नहीं तो एक बार इसे मेरी गांड़ में पूरा डालना ही पड़ेगा, वरना कल सुबह ही मै अपने घर चली जाऊंगी।"
मैने रुचि को समझाने की बहुत कोशिश की पर वो नहीं मानी, आखिरकार रुचि की जिद के आगे मुझे झुकना ही पड़ा,मैने उसे बेड पर लेटाया और उसका सर नीचे रखकर उसकी गांड़ को थोड़ा ऊपर उठा लिया,उसकी गोरी बड़ी गांड़ मेरी ओर थी,जो बिना बालों के बहुत प्यारी लग रही थी।
मै अपनी जुबान से उसकी गांड़ को चाटने लगा,उसको चाटते हुए में दूसरे छेद में उंगली घुमा रहा था,जिससे रुचि के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी थी, "ऊऊममम्.......हांआआ.......आआहहह.......... ईससस्........" कुछ देर तक चाटने ले बाद उसकी गांड़ चिकनी हो चुकी थी।
मैने सोचा अब सही मौका है इसलिए लंड को उसके गांड़ के छेद पर रखा और उसके टोपे को ऊपर नीचे करते हुए उसकी गांड़ में डाल कर दिया,मेरा लंड काफी बड़ा होने की वजह से उसकी गांड डालने में काफी दिक्कत हुई,उसकी गांड़ काफी टाइट थी जिससे उसके पैर कांपने लगे थे,शायद वो आगे मिलने वाले दर्द के लिए खुद को तैयार कर रही थी,आज दोपहर में चूत से निकले खून की वजह से वो थोड़ा डर गई थी,अब मैने ज्यादा टाइम गवाना सही नहीं समझा दोनों हाथो से उसकी गांड़ को पकड़ा और जोर लगाते हुए एक धक्का मारा जिससे मेरा लंड उसकी गांड में 3 इंच तक चला गया, ये दर्द से रुचि की Imagination से कई ज्यादा था,जिसकी वजह से अपना से बेड पर रगड़ते हुए छटपटाने लगी,उसने Bedsheet को कसकर जकड़ लिया था और बेड से सर लगाकर जोरो से चीख रही थी,"आआआहहहहहहह..........उउउहहहहह..........उउउउफफफफ........नहींईईई......भैया निकालो इसे.........उऊहहहह.......बहुत दर्द हो रहा है.....उउममहहह्.........."
रुचि के इस तरह चीखने की वजह से मै थोड़ी देर रुक गया,मैने नीचे देखा तो उसकी गांड़ से थोड़ा खून आने लगा था पर अभी भी 6 इंच जितना लंड बाहर था,अब लंड को वापस निकालने पर उसे फिर उतना ही दर्द होगा इसलिए मैने आगे जाकर उसके होठ पर किस करने लगा जिससे उसका दर्द कम हो क्योंकि आगे जो करने वाला था उससे रुचि तड़पने लगेंगी पर यही एक रास्ता बचा था इसलिए मैने खुद को तैयार किया और सारा जोर अपने Thighs पर लाकर एक जोरदार धक्के में पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया,यह दर्द पहले से भी काफी ज्यादा था जिसकी वजह से उसकी आँखें पूरी फट चुकी थी,वो अपना मुंह बेड में छुपा दिया था और दर्द को सहने के लिए मुंह से तकिया दबाया हुआ था,टीवी में अब भी पोर्न चल रहा था जिससे रुचि की आवाज भी मिल गई थी,"आआआआहहहहहहहह..........भैया जिंद करने के लिए सॉरी पर प्लीज जाने दो मुझे........ उउऊऊहहहाआआआहहहह..........मर गई मैं.........ओओओओहहहहहह.......I hate you भैया......ऊ्उहहहहहह I can't tolerate this.......ओओओओहहहहहह्.........." वो चिल्लाते हुए रोने लगी थी।
मैने नीचे देखा तो उसकी गांड़ से निकलता खून मेरे लंड के ऊपर से होते हुए मेरी बेडशीट पर गिर रहा था साथ मेरा पूरा लंड उसकी गांड़ की दीवार से जा टकराया था,रुचि अपना चेहरा छुपाए सुबकने लगी थी।
मैने अब अपना लंड फिर बाहर निकाला तो इतनी टाइट चूत में जाने की वजह से वो भी थोड़ा छिल गया था पर मैने उसकी परवाह न करते हुए उसके बालों को पकड़ा और जोरदार धक्के मारने लगा, जिसकी वजह से रुचि रोते हुए बोल रही थी,"आआआहहह........ऊऊहहह.......ओओओहहह.......भैया जाने दो मुझे...... सॉरी......आआहाहाआआ.......मुझे दर्द हो रहा......ओओफफफ्........" उसकी यह आवाजें सुनकर शरीर की हवस ओर भी बढ़ गई हो, चुदाई के वक्त चीखती लड़कियों की आवाज़ सुनकर मैं ज्यादा उत्तेजित होने लगता था,Wild Sex में किसी भूखे जानवर की तरह मैने उसकी गांड़ पे 4-5 जोर से थप्पड़ जड़ दिए,उसके बालों से सर को पकड़कर मेरे पास लाते हुए कहा,"क्यूं बे साली छिनार,बहुत शोख था चुदने का, अपनी गांड में लंबे लोड़े लेने का तो अब सह इसे मादरचोद"
मै अब पूरे जोश में धक्के रहा था,तेज धक्कों के साथ ही उसकी पीठ पर मै कई जगह काट रहा था,मुझे सिर्फ रुचि की आवाज़ सुननी थी इसलिए मैने पास पड़ा रिमोट उठाकर टीवी को बंध कर दिया,रुचि के खून से सना पूरा लंड बाहर आता और मै उसे धक्का देते हुए अंदर डालता जिसकी वजह से पूरे कमरे में 'फचचच्........फचचच्' जैसी आवाज गूंज रही थी,रुचि का दर्द अब धीरे धीरे कम होने लगा था इसलिए उसकी भी उत्तेजना की वजह से मिली जुली आवाज निकल रही थी,"नहीं भैया......उउउहह.......उउउहहह्........हांआआ........आआहहह्......... रुक जाओ.......धीरे....... आआआहहहह..........मारो और जोर से धक्के मारो........Faster......Yessss.........Fuck me Harder.......Ohhhh.......Oohhh....I'm Cumming.........."
रुचि की ये बात सुनकर मैं भी Full speed से धक्के मारते हुए गालियां देने लगा,"साली खानदानी रंडी है पता नहीं इसकी मां ने भी कितने लोगों से चुदकर इसे पैदा किया था" इतना बोलकर मैने बालों से खिंचकर उसका चेहरा नजदीक लाया और उसके होठों काटते हुए किस करते हुए कहा,"सुन बे भोसड़ीवाली वैसे तो तेरी मां भी एक हरा भरा माल है,बहनचोद उसके मम्मे तो तुझे भी बड़े है तुम दोनों को साथ में चोदने में कितना मजा आएगा....... ओओहहह्.......वेदिका....."
इतना बोलकर मैने फिर थप्पड़ मार दिए। मेरी बात सुनकर रुचि ने भी चिल्लाने लगी,"हांहाआआआ.......भैया....खूब चोदना हमे......फाड़ देना हमें चूत...... आआहहह्......अब सिर्फ आपका लंड ही हमारी प्यास बुझा सकता है.....उउन्हंहह्........वो भी कितने महीनों से तड़प नहीं है...... ऊऊममहह्......"
इतने ठंडे मौसम में भी हमारा शरीर पसीने से भीग रहा था कुछ देर बाद मैने अपना गर्म वीर्य की धार उसकी गांड़ में ही छोड़ दिया,"हांआआआ........आखिर आपने मेरी गांड़ फाड़कर मुझे अपना बना ही लिया.......ओओहहह्.........." रुचि अब बेड पर निढाल होकर पड़ी थी,उसकी गांड़ के साथ पूरी Bedsheet भी खून से सन गई थी।
रोने और चीखने की वजह से उसका पूरा चेहरा लाल पड़ चुका था,उसकी गांड़ सूज गई थी और उसके पीठ के साथ गांड़ पर कई जगह निशान बन चुके थे।मै उसके पास बेड पर लेट गया और उसके गालों को हल्के हाथ से सहलाने लगा,इतने दर्दनाक Sex के बाद भी उसके मुंह पे हमारे पहले मिलन की खुशी थी जो उसके होठों के मुस्कुराहट से झलक रही थी,मैने उसके मासूम चेहरे को देखकर कहा,"रुचि तुम ठीक तो हो ना ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है ना?"
"नहीं भैया ये आपके प्यार करने का तरीका है ये में जानती हूं पर मैं नहीं जानती थी कि आप मेरी मां के प्रति भी इतनी उत्तेजना रखते हो?जिनके बारे में सोचकर ही आप इतने Wild हो गए"
"ये बात तो मुझे भी आज पता चली इसलिए वो दिल में आया कह दिया,तुम्हारी कामुक चीखों को सुनने के बाद मेरा दिमाग उस वक्त blank हो गया था,आखिर तुमने मुझे बहनचोद बना ही दिया" मेरी बात पर हम दोनों हंस पड़े फिर मैने कहा,"तुम थोड़ी देर के लिए उठ जाओ तो मैं Bedsheet चेंज कर दूं।"
"नहीं इसे ऐसे ही रहने दो यह हमारे पहले प्यासे मिलन की निशानी है।"रुचि की बात पर मैने मुस्कुराते हुए कहा,"देखा मैने कहा था ना तड़प मिलन को ज्यादा यादगार बनाती है।"
"हां अपने सही कहा था और अब में आपके साथ ऐसी कई यादें बनाना चाहती हूं।" उसके बाद हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से लिपटकर सो गए और यह दीवारें हमारे मिलन की गवां बनी।
दोस्तो अगर आपको कहानी का ये अपडेट कैसा लगा उसके बारे में अपनी राय देना ना भूले,आगे भी अपना ऐसा ही साथ बनाए रखे,जिससे मुझे आगे लिखने का Motivation मिलता रहे,मै जल्द ही लौटूंगा ऐसे ही मजेदार अपडेट के साथ
दोस्तो मैने कहानी शुरू करने से पहले कहा था कि मैं कहानी में कुछ Unnatural Logic less चीजें Add करूंगा जिससे कहानी पढ़ने में ओर भी मजा आएगा तो अब वही पल आ चुका है जब हवस को वशीभूत होकर दोनों कई Kinky चीजें करेंगे,इस चीजों को लिखते वक्त हो सकता है कई सवाल रह जाए जिनके जवाब ना मिले पर उन सब चीज़ों से ऊपर में ऐसी कहानी लिखना चाहता हूं जिसमें सेक्स का भरपूर मजा हो।
अपडेट - 8करीब एक घंटे की बदन तोड़ चुदाई के बाद दोनों भाई बहन एक दूसरे की बाहों में नंगे लिपटे चरम सुख का आनंद ले रहे थे, बढ़ती हुई रात के साथ दोनों जिस्म काम सुख की खुशी से संतुष्ट होकर एक दूसरे में खोए हुए थे,विशाल ने सारा वीर्य रुचि की गांड़ में छोड़ दिया था पर इतने मोटे लंड को पहली बार अपने गांड़ के अंदर डालने की वजह से उसकी पूरी गांड़ खून से सन गई थी,जिस पर सूजन भी नजर आ रही थी,जब विशाल को इस बात का ख्याल आया तो उसने रुचि को घूम जाने को कहा,विशाल की बात सुनकर उसने पहले पूछ,"पर क्यों भैया, अचानक ऐसा करने को क्यों बोल रहे हो?"
"अरे तू नहीं समझेगी जितना कहा उतना कर ना" मेरी बात सुनकर रुचि मूड गई अब उसकी गांड़ मेरी ओर थी,मैने अपना मुंह उसकी गांड़ पे रखा ओर अपनी जुबान से उसकी गांड़ के छेद को चाटकर साफ करने लगा,पहली बार जुबान के छूने की वजह से वो दर्द से सिहर उठी,"आआहहह्.......भैया.....ये क्या कर रहे हो..... उउममहहह्......." मैने कोई जवाब नहीं दिया,उसकी गांड़ से निकलता खून मेरे वीर्य से मिलकर बाहर आ रहा था इसलिए मैं अपनी जबान उसकी गांड़ के पूरे दरार में घुमा रहा था,थोड़ी देर बाद मैने जुबान को जोर लगाकर उसकी गांड़ के छेद ने डाल दिया,अब धीरे-धीरे मै उसे अंदर घुमा रहा था,अब वो भी सिसकियां निकालते हुए मजा लेने लगी थी,"उउममहहह्.......आआहहह्........ It's So Hot......Yeahhhh........ओओफफफ्....... इससस्......" कुछ देर बाद मैने उससे अलग होकर पूछा,"अब कैसा लग रहा है?" मेरे पूछने पर वो सीधे होकर बैठ गई पर अभी भी सूजन की वजह से दर्द था इसलिए मैने ड्रॉवर में से Medicine निकाली और रुचि की और बढ़ाते हुए कहा,"ये लो मुझे पता था ऐसा ही कुछ होगा इसलिए मैने पहले से ही तैयारी करके रखी थी।"
"अरे वाह भैया आपको तो सब पता है,तुम्हे देखकर कोई नहीं कह सकता की तुम वर्जिन हो" इतना कहकर वो अपने नैनो को मटकाने लगी,"कही पहले भी किसी लड़की के साथ Sex तो नहीं किया है ना?" उसकी बात सुनकर मैं हंसते हुए उसकी बगल में लेट गया,"नहीं मेरी बहना तुम पहली हो"
यह सुनकर उसने अपनी गांड पर उंगली रखते हुए कहा,"हां वैसे लगता तो नहीं है कि कभी किसी के साथ ट्राई किया है वरना मुझे इतना दर्द नहीं होता" इतना कहकर उसने पास पड़ी पानी की बोतल उठाई और गोली को निगल लिया।
"वैसे तुममें गजब की हिम्मत और सहनशक्ति है जो इतने बड़े लंड को अंदर ले लिया" मेरी बात सुनकर वो मेरे होठों के पास आकर बोली,"बड़े लंड लेने की शौकीन,तुम्हारी रंडी बहन हूँ तो इतने से क्या ही होगा" इतना कहकर वो फिर मेरे लंड को सहलाने लगी,"कितना बड़ा लंड है तुम्हारा,पता नहीं मेरी मां का क्या हाल होगा जब ये उसकी चूत मे जाएगा?"
"वो तो तब देखा जाएगा पर तुम्हारे केस में थोड़ा उल्टा हो गया" मेरी ये बात सुनकर वो मेरी तरफ देखने लगी,"ज्यादातर लड़कियां अपनी चूत की सील तुड़वाने के बाद भी लंड गांड़ में लेने से घबराती है पर तुम्हारे साथ शुरुआत ही गांड़ से हुई है"
इतना बोलकर हम दोनों किस करने लगे,कुछ पल तक एक दूसरे को सांसों की गर्मी पहुंचाने के बाद रुचि पर अब दवाई का असर शुरू हो गया था इसलिए अब उसे नींद आने लगी थी,थोड़ी देर बाद वो मेरे बाहों में लिपटकर सो गई, मैने उसे अपनी सीने से लगाया और मेरे लंड को उसकी चूत के बीच रखकर सो गया,साथ ही मैने हमारे बदन पर कंबल डाल दिया,जिससे जिस्मों की हूंफ पाकर उसे अच्छी नींद आ सके क्योंकि कल का दिन हमारे लिए ओर भी खास होनेवाला था,मैंने उसके बूब्स बीच अपना सर रखा और मीठी नींद में चला गया,अब पूरे घर में खामोशी छा गई थी, रिश्तों से आगे बढ़कर हमने जिस्मों के संबंध से जुड़कर हम एक हो चुके थे।
शीतल चांदनी के साथ रात धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी,इस वक्त हर कोई इस दुनिया से दूर अपने सपनों की सेज पर सोया हुआ था तभी मेरी आंख खुली और मैने घड़ी में देखा तो रात के 3:30 बज रहे थे,मैने रुचि की तरफ देखा तो गहरी नींद में खोई हुई थी,मैने उसे कंधे से पकड़ा और धीरे से हिलाया पर वो नहीं उठी यह देखकर मैं समझ गया कि दवाई की असर वजह से वो गहरी नींद में पहुंच चुकी है इसलिए मैं बेड से उठा और ड्रॉवर के पास गया,ड्रॉवर में हाथ डालकर मैने एक इंजेक्शन निकाला और उसे देखा तो जिसमें कुछ लिक्विड भरा हुआ था,मैने उसे देखकर कुछ सोचा और मेरे लंड को थोड़ा हिलाया जिससे वो तनकर खड़ा हो गया जिससे सारी नसे साफ दिखने लगी थी,मैने हल्के हाथों से इंजेक्शन की सुई को लंड की नस में डाला और सारा ड्रग मेरे लंड में इंजेक्ट कर दिया जिससे मुझे थोड़ा दर्द हुआ।
ड्रग इंजेक्ट करने की वजह से मेरी सांसे भारी हो गई थी जिसकी वजह से में कुछपल में वही खड़ा रहा,थोड़ी देर बाद जब मेरी सांसे नॉर्मल हुई तो मैने ड्रॉवर से एक ओर किट निकाली जिसमें 2 Injections थे,मै दोनों को लेकर रुचि के पास बैठकर उसके मासूम से चेहरे को देखने लगा जो सोते हुए बहुत प्यारी लग रही थी,कुछ देर तक उसे निहारने के बाद मैने एक इंजेक्शन लेकर उसके निप्पल के पास रखकर उसे इंजेक्ट कर दिया और दूसरे के साथ भी मैने वैसा ही किया, दवाई के असर की वजह से रुचि को इसके दर्द का पता नहीं चला,मैने सब चीजें वापस ड्रॉवर में रखी और रुचि के पास आकर सो गया।
रुचि के मखमल से बूब्स पर सर रखकर सुहानी रात कब बीत गई पता ही नहीं चला,रात को देर तक जिस्मों का खेल खेलने के बाद हम दोनों देर से सोए थे पर मेरी रोज सुबह 6 बजे उठने को आदत थी इसलिए मेरी 6:45 को आंख खुल गई,हम दोनों अभी भी एक दूसरे की बाहों में बिना कपड़ो के सोए हुए थे,देर रात तक जागने की वजह से मेरी आँखें थोड़ी भारी लग रही थी
मै रुचि से अलग हुआ और बाहर की तरफ देखा तो धीरे-धीरे उजाला होने लगा था,मैने शॉर्ट्स पहना और रुचि की तरफ देखा तो उसके चेहरे पर एक सुकून के साथ हल्की मुस्कान छाई हुई थी,जिसे देखकर में समझ गया कि वो सुहाने सपनों का आनंद ले रही है इसलिए मैने उसके होठ पर हल्का सा किस किया और Exercise करने के लिए छत पर चला गया।
कोची जाने वाली ट्रेन सुबह 5:30 प्लेटफॉर्म से निकलती थी इसलिए मोम डैड सुबह जल्दी ही निकल गए होंगे पर दिल की तसल्ली के लिए मैने पूरे घर में देखा लिया वो नहीं थे इसलिए आने वाले लम्हों के लिए मैं अपने शरीर को चुस्त बनाने के लिए Exercise करने चला गया,आने वाले पलो के बारे में सोचकर शॉर्ट्स में लंड अभी से झटके मार रहा था,मेरे लिए ये सब नोर्मल था पर आज लंड बहुत दर्द कर रहा था,जैसे जैसे मै Exercise कर रहा था मेरे लंड में अकड़न बढ़ती जा रही थी इसलिए मैने खुले आसमान के नीचे उसे आजाद कर दिया, जैसे ही वो मेरे शॉर्ट्स से बाहर आया उसे देखकर मेरे चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।
करीब 1 घंटे बाद 8 बजे रुचि के बदन पर सूरज की रोशनी पड़ने की वजह से उसकी नींद खुल गई, सूरज की रोशनी रुचि के श्वेत बदन को ज्यादा रोशन कर रही थी,इस तरफ रुचि अंगड़ाई ले रही थी तभी उसे महसूस हुआ कि रात को चुदाई की वजह से उसका पूरा शरीर जैसे टूट रहा हो,उसने अपने पैरो को हिलाने की कोशिश की पर उसके मुंह से चीख निकल गई,"आआहहह........सीईईईइइ......." उसने अपनी उंगलियां मुंह में डाली और थोड़ा थूक से भिगोकर अपनी गांड के छेद पर घुमाने लगी,यह करते हुए उसे थोड़ा दर्द तो हो रहा था पर साथ ही पूरे बदन में एक जुर्जुरी सी छूट रही थी,उसका चेहरा कल रात के बारे में सोचकर लाल हो रहा था,"बाप रे कितना मोटा और तगड़ा लंड है,कल रात को तो उसने पूरी गांड़ ही फाल दी उउममहहह्........" इतना बोलते हुए वो फिर मदहोश होने लगी,"ऐसा लगा रहा था मानो किसी ने गांड़ में गर्म रोड घुसा दी हो, भइया बेरहम होकर बहुत बुरी तरीके से पेलता है.....आआहह......हाआ....हाहहअअ्........." इतना बोलकर वो अपनी उंगलियों को चूत मे घुमाने लगी,उसके बदन में मस्ती की एक ओर लहर दौड़ने लगी थी,साथ ही उसके पूरे बदन में हवस की आग दौड़ने लगी थी,"हहममम्.......आआहहह....... उउउहहह्........I want More......Fuck Deep Inside of me very Badly.........Ohhhhh........Yessss" इतना बोलकर उसने अपने बूब्स को पकड़ा,तब उसका ध्यान गया कि जब से वो उठी है तब से उसके बूब्स पर भारीपन लग रहा है साथ ही उसके निपल्स पर Inching भी हो रही थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई भारी बोझ उसके सीने पर रख दिया हो इसलिए उसने अपने निप्पल को मुंह में लेकर दबा दिया,जैसे ही उसने ऐसा किया उसके गर्म दूध की धार उसके गले के नीचे उतर गई।
यह देखकर उसकी आँखें पूरी खुली रह गई,उसके दिमाग में एक साथ कई ख्याल आने लगे तभी रूम का दरवाजा खुला और विशाल अंदर आया तो उसने देखा कि उसकी बहन मुंह में निप्पल दबाए अपनी उंगलियां चूत मे गड़ाए नंगी होकर लेटी है,यह देखकर उसका लंड शॉर्ट के अंदर पूरा खड़ा हो चुका था इसलिए वो उसके बगल में जाकर लेट गया,उसने अपने होठ रुचि की गर्दन पर रखते हुए कहा,"क्या बात है.......मेरी चुदकड़ बहन सुबह-सुबह ही चुदने के लिए तैयार बैठी है" रुचि अभी कुछ कहनेवाली थी तभी विशाल का ध्यान रुचि के निपल्स पर गया तो वहां से दूध रिसते हुए बाहर निकल रहा था,यह देखकर उसने अपना सर रुचि की गोद में रखा और किसी छोटे बच्चे की तरह उसके निप्पल को मुंह में भरते हुए कहा,"सुबह की बदन तोड़ने वाली Exercise के बाद मां का दूध सबसे अच्छा प्रोटिन देता है" इतना बोलकर वो एक के बाद एक दोनों बूब्स पर टूट पड़ा,वो कभी बूब्स को चूसता तो कभी दूसरे को,रुचि के निप्पल से निकलता दूध सीधा इसके मुंह में जा रहा था,उसने कभी इतना मीठा रसपान नहीं किया था इसलिए वो रुचि के दोनों संतरों को दबाते हुए निचोड़ रहा था,रुचि अपनी आंखे बंद किए मेरे सर पर अपना हाथ घुमा रही थी,साथ की उसकी सिसकारियां मेरे कानों में सुनाई दे रही थी,"आआहहह.......हा भैया चूसो.......बहुत तन कर रहे है सुबह से....... आआउचच्.......ओओहहह्......." सुबह की बदन को गर्म कर देने वाली Exercise के बाद रुचि का दूध ओर भी मीठा लग रहा था,रुचि आंखे बंद किए बैठी हुई थी जैसे उसके सीने का बोझ हल्का हो रहा हो,मै करीब आधे घंटे तक उसके दूध को निचोड़ता रहा उसके बाद मेरा पेट भर गया इसलिए मैं उसके बगल में लेट गया और उसकी तरफ देखा तो वो मुझे ही देख रही थी उसकी आंखों में कई सवाल घूम रहे थे,मै समझ गया था कि वो क्या पूछना चाहती है इसलिए मैने सीधा उसका जवाब देते हुए कहा,"रुचि में जानता हूं तुम्हारे मन में यही सवाल घूम रहा है कि बिना प्रेगनेंट हुए तुम्हारे बूब्स में दूध कहा से आया" मेरी यह बात सुनकर उसने कुछ नहीं कहा,"दअरसल मैं ऐसा ड्रग लेकर आया हूँ जो हार्मोंस Generate करते है जिससे आपकी बॉडी में कुछ Unnatural बदलाव लाते है,तुम्हारी बॉडी में मैने वही ड्रग inject किया है।" मेरी बात सुनकर रुचिने बूब्स पकड़ते हुए कहा,"तो इसलिए सुबह से इनमें इतना दूध आ रहा है" इतना कहकर उनसे एक निप्पल दबाया तो फिर दूध की धार हुई जिस देखकर मैने कहा,"हा इस ड्रग के असर की वजह से तुम जितना Sex के लिए उत्तेजित होगी तुम्हारे बूब्स में उतना ही दूध बनेगा और जब तक इन ड्रग का असर रहेगा तब तक मैं तुम्हारी चूत में अपना कितना भी वीर्य डालू तुम प्रेगनेंट नहीं होगी" इतना सुनकर तो जैसे वो खुशी से झूम उठी और मेरे होठों पर टूट पड़ी,वो मेरे होठों को चूमते हुए मेरे लंड को शॉर्ट के ऊपर से ही सहला रही थी,उसके निपल्स मेरे सिने से रगड़ने की वजह से उसका दूध मेरी छाती पर लग रहा था,हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही करवटें बदलते हुए एक दूसरे को किस करते रहे।
कुछ देर बाद वो मेरी छाती पर सर रखकर सोई हुई थी,उसने मेरी आंखों से देखते हुए कहा,"भैया तुम तो जानते ही हो मुझे वाइल्ड सेक्स कितना पसंद है और तुमने मुझे कल मुझे अपना बनाकर मिलन की पहली रात का आनंद दे दिया पर मेरी चूत अब भी तुम्हारे लंड के बिना कुंवारी है,जिसे आज तुम्हे अपना बनाना होगा इसलिए मेरी ख्वाहिश है कि तुम मुझे किसी जंगली जानवर की तरह चोदो तभी मुझे पूरा चरम सुख मिलेगा,मै कितना भी चिल्लाऊं या भीख मांगू तुम रुकना मत,जैसे तुम मेरा रेप कर रहे हो इस तरह चोदना।"
रुचि की इस बात मैने मुस्कुराते हुए अपना शॉर्ट नीचे करते हुए कहा,"मुझसे बचने की भीख तो अब तुम वैसे भी मांगोगी" मेरे शॉर्ट के नीचे करते ही रुचि के सामने मेरा 14 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा लंड उसके समाने आ गया,जो देखने में किसी जानवर की तरह बड़ा और खूंखार लग रहा था।रुचि की यह देखकर आंखे फटी रह गई।
दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लग रही है इसके बारे में अपनी राय देना ना भूले में जल्द लौटूंगा एक मजेदार अपडेट के साथ.......
सिर्फ एक क्यों अभी तो विशाल की कई बीवियां बनेगीभाई लिख आप बहुत अच्छा रहे हो। रुचि को उसके भाई से चुदवा तोह दिया अब्ब दोनो के दिल मे हमेशा के लिए प्यार जगाके इनकी शादी करा दो मजा आ जायेगा