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Incest दीदी और दोस्त (Completed)

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Chutiyadr

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1.
दीदी के कॉलेज का पहला दिन था,आज वो बड़े ही सज धज कर पर बट सिम्पल सी तैयार हुई जो की उनकी विशेषता तो बिलकुल नहीं थी,वो सलवार कामिज पहने हुई थी बहुत सिम्पल मेक उप था पर इतनी सुंदर वो कभी नहीं लगी थी मैं तो बस देखता रह गया,क्योकि मैंने उन्हें जादातर जीन्स वगेरह में देखा था या फिर स्कूल के यूनिफार्म में,मेरी तन्द्रा तब टूटी जब राहुल ने थोड़ी देर की खामोशी के बाद सिटी बजायी 'वाह मान गए दि आप तो पूरी क़यामत लग रही हो'

'थैंक्स भाई,क्यों जनाब आप क्या देख रहे हो'दि ने मुझे घूरते हुए कहा

'सच में दि इतनी सुंदर तो आप कभी नहीं लगी आप ऐसे ही सिंपल ड्रेस पहना करो,आपकी सादगी बड़ी ख़ूबसूरत है,'मेरे आँखों में अनायास ही पानी आ गया जिसे देख दि ने मुझे अपने गले लगा लिया,राहुल थोड़ी देर तो खड़ा देख रहा था वो जल्दी सेंटी भी नहीं होता था पर उससे रहा नहीं गया और वो भी हमसे लिपट गया जब हम अलग हुए तो हमारे आँखों में आंसू था,

'आप लोग भी ना बिना बात सेंटी करते रहते हो,'राहुल ने हस्ते हुए पर अपने आँखों में आया पानी पोछते कहा

'चलो भाई मुझे मुझे लेट हो जायेगा ',

'दि हम लोग छोड़ दे क्या आपको,'

'नहीं मनीष आ रहा है मुझे लेने,'मनीष दीदी के क्लास का लड़का था जिसने दि के साथ ही एडमिशन लिया था,दि के बहुत दोस्त थे जिनमे वो भी एक था,मनीष ने बहार से ही हॉर्न बजाया और दि हमें बाय कह चले गयी,हमारा भी स्कूल का टाइम हो गया था पर आज मन बिलकुल नहीं था,मैंने राहुल से कहा आज कही घुमाने चलते है,वो तो एक पैर में तैयार मिला,हम दोनों बाइक पर घुमाने निकले,घूमते घूमते हम दी के कॉलेज पहुच गए,कॉलेज बहुत बड़े यूनिवर्सिटी केम्पस में था और बहुत दूर दूर से लोग वह पड़ने आते थे इसलिए केम्पस में ही होस्टल बने हुए थे,होस्टल के लडको की और लोकल लडको की लडाईया अकसर होते रहती थी,दबदबा दोनों का था पर जादातर होस्टल के बन्दे ही बाजी मार जाते थे ऐसा नहीं था की सभी लड़ाई करते थे पर कुछ ग्रुप्स का काम ही था लड़ाईयां करना और राजनीती करना,जब बात राजनीती की आये और नेहा दि पीछे रह जाय ये तो हो ही नहीं सकता था,और मुझे यही डर था की वो किसी मुसीबत में ना फस जाय,कैम्पस में पहुच के ही राहुल की आँखे बड़ी हो गयी कारन थी लडकिया ,वो देखता हुआ और कुछ जगहों पर सिटी बजता हुआ मेरे पीछे बैठा था,ये बात शायद होस्टल के कुछ लडको ने नोटिस कर ली,और हमें रुकुवा दिया,

'क्यों बे कोन से डिपार्ट से हो,'एक काले से पतले लड़के ने कहा,

'तुझे कोई मतलब रास्ता छोड़ 'राहुल ने अकड़ दिखाई

'सालो होस्टल की लडकियों को छेड़ोगे,'उसने इतने जोर से ये कहा की मेरी भी फट गयी मैंने आसपास देखा कुछ और लड़के हमारे तरफ आ रहे थे,

'सॉरी यार हम नए है गलती हो गयी 'मैंने बात की नजाकत को समझते हुए कहा,पर साला राहुल उनसे पंगा लेने में तुला था,लडको की संख्या लगभग 15-20 हो गयी और माहोल गर्म हो गया ऐसा लग रहा था जैसे अब तब हम मार खाने वाले ही है,उन्होंने राहुल की कॉलर पकड़ ली थी पर राहुल सीधे मुह उनसे बात ही नहीं कर रहा था,मैं भी मजबूर सा राहुल को ही समझा रहा था यार छोड़ चलते है माफ़ी मांग ले ,तभी कुछ लड़के गाडियो के झुण्ड में वह पहुचे लगभग 10-15 गाडियों में 20-25 की संख्या में लड़के और लडकिया थी,

'क्या हो रहा है यहाँ,'उन्ही लडको में एक ने कहा जिसे देख कर राहुल के होंठो में मुस्कान सी आ गयी,वो विक्की था उसके पीछे ही नानू भी बैठा था,

'ये तुम्हारा मामला नहीं है विक्की 'उस काले से दुबले पतले लड़के ने कहा

'जिसे तू पकड़ा है ना वो मेरा दोस्त है,तुझे पता नहीं था इसलिए छोड़ देता हु कान्हे आईंदा से धयान रखना,'

'ये लडकियों को छेड़ रहा था,'

'साले तेरी बहने है क्या वो,साले जब उन्ही लडकियों की मटकती गांड देखकर रात को मुठियाता है और ज्ञान चोद रहा है,'नानू की इस बात पर सभी हस पड़े और कान्हे ने आखिर राहुल की कालर छोड़ दि मैंने भी चैन की साँस ली,मुझे लड़ाई झगडे बिलकुल पसंद नहीं थे जब तक बात बिगड़ ना जाये हा ये बात अलग है की जब मैं गुस्से में आता तो अच्छे अच्छो की हवा निकाल देता था,

'सालो तुम यहाँ क्या कर रहे हो 'हम युनिवर्सिटी के कैंटीन में बैठे थे,हमारे साथ विक्की नानू थे बाकि लोग अलग अलग सीटो पे बैठ चुके थे,



'वो सब छोड़ साले ये बता तुम लोगो के साथ ये जो ताजा ताजा माले है वो सब कोन है,'राहुल ने उनके साथ बाइक के झुण्ड की लडकियों को देखते हुए कहा जो अभी वही अलग अलग लडको के साथ बैठी थी,

'साले ठरकी कही के,और इनसे मिल के क्या करेगा ये सब बासी हो गयी है,अभी कैम्पस में नया बैच आया है ताज़ी माल तो वह मिलेगी नयी नयी स्कूल से निकली हुई,' मुझे दीदी की याद आ गयी उन्हें भी कोई इसी नजरो से देख रहा होगा मेरा तो जेहन ही सिहर उठा,और गुस्से से भर गया

'मादरचोदो तुम्हे इसके अलावा कोई काम धंधा नहीं है क्या जब देखो लडकिया,सालो वो भी किसी की बहने होगी,'मुझे धयान ना रहा की मेरी आवाज थोड़ी उच्ची हो गयी थी आसपास वाले हमें देखने लगे पर थोड़ी देर में सब नार्मल हो गया,

'भाई ये तो तूने सही कहा की वो किसी की बहाने होंगी पर भाई हमारी तो नहीं है ना,'और तीनो हस पड़े मैंने माथा पकड़ लिया,तभी नेहा दि वहा आ गयी और हमें वहा देख हमारे पास आ गयी उन्हें देख मैं खुश हो गया,उन्होंने सबको हाय कहा और हमारे साथ बैठ गयी.

'यार तुम लोग यहाँ क्या कर रहे हो,'

'बस दि लडकिया ताड़ने आये थे,'दि ने राहुल को आँख दिखाई पर मुस्कुराके

'यार नेहा कैसा रहा तेरा पहला दिन 'नानू ने कहा,'कोई प्रोब्लम हो तो हमें बताना नंबर तो है ना हमारा,'

'हा है ना,ऐसे यार यहाँ तो सब अच्छे ही है सिनिएर ने थोड़ी इंट्रोडक्शन लिया थोड़ी छेड़ खानी बस इतना तो चलता है,'

'तुम्हारे लिए चलता है यार यहाँ तो इतने में भी लोग रो देते है ,या शिकायत कर देते है,'

'हां मेरे ही क्लास के कुछ लड़के रो पड़े,'और दीदी के साथ नानू भी हस पड़ा 'ऐसे कमाल की लग रही हो तुम,'विक्की ने बड़े प्यार से कहा,

'थैंक्स यार 'दीदी ने भी बड़े प्यार से जवाब दे दिया,मैंने विक्की के नजरो का पीछा किया वो सीधे दीदी के उजोरो पर जा रहे थे मुझे ये देख थोडा गुस्सा आया,उनके ताने उजोर कुर्ती में बहुत ही कसे और मोहक लग रहे थे,दीदी को शायद इसका अहसास हो गया ,उन्होंने मुस्कान के साथ और जवाब देते हुए अपना पल्लू ठीक किया इसपर विक्की भी थोडा झेप गया..मुझे पता था की मेरे दोस्त हो या राहुल के या दीदी के सभी दीदी को लाइन मरते थे वो थी ही इतनी सुंदर ये बात दीदी और राहुल भी जानते थे पर मेरे सामने किसी ने दीदी को घूरने की हिम्मत नहीं की थी,चाहे वो कितने बड़े कमीने ही क्यों ना हो,एक दो बार मेरी और राहुल की कुछ लडको से इस बात पर लड़ाई हो चुकी थी पर दीदी ने ही बीच बचाव किया था उन्होंने हमें समझाया था की जैसे तुम लोग किसी लड़की को देखकर आकर्षित हो जाते हो वैसे ही बाकि लड़के मुझे देख कर हो जाते है उसमे बुरा कुछ भी नहीं है,मैं भी लडको से आकर्षित हो जाती हु तो इसके कारन लड़ाई मत करना हां अगर कोई मुझे तकलीफ पहुचाये या मुझे छेड़े तो तुम लोगो को मेरी तरह से कुछ भी करने की आजादी है,छोटी छोटी बातो पे लड़ोगे तो सब से लड़ना पड़ेगा,

'शायद दि ने भी मुझे नानू की हरकत को पकड़ते देख लिया,जब मैंने दि को देखा तो वो मुझे मुस्कुरा के शांत रहने को कहा,थोड़ी देर बाद ही दि का कॉलेज का ग्रुप वह पंहुचा ,दीदी ने हमें सबसे मिलवाया,ये मेरे भाई है और ये हमारे सीनियर है और ये है मनीष इसे तो तुम लोग जानते ही हो और ये है भावना,शिल्पा ये दोनों होस्टल में रहते है और ये है जगदीश ये भी होस्टल में रह रहा है ,मनीष तो नार्मल था पर बाकि तीनो डरे हुए लगे विक्की और नानू को देखकर उन्होने पूरा 90 एंगल में झुकते हुए उन्हें विश किया की सभी हस पड़े,

'हम इन लोगो को जानते है,कल रात इनकी होस्टल में इनकी खूब रैकिंग की थी,'नानू ने हस्ते हुए कहा ,

'छोडो यार तुम नेहा मनीष के दोस्त हो तो हमारे भी दोस्त हुए 'विक्की ने समझाते हुए कहा

पर राहुल की नजर भावाना पर गड गयी थी जो मैंने और दीदी ने भी देख लिया दीदी ने मुझे सर हिला कर इशारा किया ये नहीं सुधरेगा,
 

Studxyz

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डॉ साब ये बहुत मस्त स्टोरी है ज़बरदस्त थ्रिल और बेमिसाल इन्सेस्ट एक साथ
 

Chutiyadr

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Chutiyadr

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2.
मैं अपने कमरे में लेपी लिए मशगूल था,तभी दीदी वहा आई,उन्होंने मेरे बिस्तर पर अपने को फैलाते हुए अपना मोबाईल निकला और मैसेज पड़ने लगी कभी कभी उनकी हसी मुझे सुनाई देती थी मैंने भी मुड कर उन्हें देखा ,

'क्या हुआ दि किससे बाते हो रही है,'

'कुछ नहीं यार मेरे कॉलेज वाला ग्रुप है,साले सभी पागल हो गए है,जिसे देखो प्यार मोहोब्बत आशिकी किये जा रहा है,पढाई की तो कोई बात ही नहीं करता,'मैं दि की बात सुनकर हस पड़ा,

'क्या दी आप तो ऐसे बोल रही हो जैसे आप पढाई की बाते पसंद करती हो,'दि भी हस पड़ी,

'फिर भी यार ,और बहुत सी चीजे है दुनिया में,अच्छा एक बात बता अगर मेरा कोई बॉयफ्रेंड हो तो तुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं होगी,'मैं आश्चर्य से दी को देखा उनके होठो में एक शरारती मुस्कान थी पर मैं थोडा सीरियस था,

'दी आप की जो खुसी हो वो करो इसमें मुझे कोई प्रोब्लम तो नहीं है,पर आप तो जानती हो ना आजकल के लड़के कैसे है,'दीदी ने मुझे अपने पास बुलाया और अपनी गोद में सोने का इशारा किया मैं उनकी गोद में सर रख लेट गया,वो मेरे बालो को सहलाने लगी,

'हा भाई जानती हु पर मेरे भाई जैसे लड़के भी तो है ना,देख अभी तो मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है पर मनीष मुझे पसंद करता है,और उसने मुझे आज ही प्रपोस किया है ,तुम्हे क्या लगता है मनीष के बारे में ,' मनीष का नाम सुन मैंने राहत की साँस ली,मैं जनता था वो बहुत सी सीधा साधा लड़का है और सालो से दीदी का दोस्त भी है,

'मनीष गुड चॉइस दि पर उस डरपोक को इतनी हिम्मत कैसे आ गयी की आपको प्रपोस कर दे,'दीदी खिलखिला के हस पड़ी

'अरे सब हमारे राहुल का कारनामा है उसी ने उकसाया है उसे,नहीं तो वो बेचारा सालो से बस दिल में रखे था,' 'साला राहुल इतना बड़ा कांड कर दिया और मुझे बताया भी नहीं साले को आने दो कल उसकी खबर लेता हु,'दीदी और मैं हस पड़े और दी ने मुझे एक प्यारी सी पप्पी गालो में रसीद की,

'आकाश एक बात बोलू,राहुल का स्वभाव कैसा भी हो पर वो हमें बहुत प्यार करता है,'

'जनता हु दी,मुझे दुःख है की जो काम आपके लिए मुझे करना था उसे उसने कर दिया,शायद मुझे पहले मनीष को हिम्मत देनी थी पर मैं आपके दिल का हाल ना समझ पाया और राहुल ने समझ लिया,'दी बड़े प्यार से मुझे देखे जा रही थी,

'नहीं बही तेरी कोई गलती नहीं है असल में मुझे भी ये कन्फर्म नहीं था की मैं उसे प्यार करती हु की नहीं अभी भी नहीं हु बस हम अच्छे दोस्त है,और मैं अभी भी आगे नहीं बदना चाहती अभी मैंने उसे हां नहीं कहा है पर मुझे ख़ुशी है की उसने कम से कम अपने दिल की बात तो कह दि,'

तभी दि के मोबाईल में एक मेसेज आया और दीदी के चहरे के भाव में बदलाव सा महसूस किया, 'क्या हुआ आप गुस्से में क्यों लग रही हो '

'कुछ नहीं बस ऐसे ही,'और दीदी ने जल्दी से मोबाईल पे उंगली चलाये,सायद वो मेसेज को मिटा रही थी,मेरी दीदी ने आजतक कोई बात मुझसे नहीं छिपाई थी यहाँ तक की कोन उन्हें परेशां करता है से कोई छेड़ दे तो भी वो हमें इसे मजे लेकर बताती थी पर आज क्या हुआ,

'दि आप मुझसे कुछ छिपा रही है,'दि थोडी हडबडा सी गयी जैसे सभी सच बोलने वालो के साथ झूठ बोलने पर होता है, 'नहीं भाई कुछ भी तो नहीं ' तू सोजा भाई'

'ठीक है पर आज आप मेरे साथ ही सोना' दीदी के चहरे में डर साफ़ दिखाई दे रहा था,

'नहीं भाई आज थोडा काम है कॉलेज का कर के ही सो पाऊँगी ,तू सो जा मैं आकर फिर यही सो जाउंगी ,'दीदी ने कभी मुझे मना नहीं किया था साफ़ था की दाल में कुछ काला है,

'तो यही आके करो काम मैं कुछ नहीं जनता आप मेरे पास की रहोगी,'दीदी के चहरे पे मजबूरी के भाव आ गए वो मेरी बात को टाल नहीं सकती थी कभी टाला ही नहीं था,

'ठीक है मैं अपना लेपी ले के आती हु,'थोड़ी देर बाद वो लेपी ले कर आई और अपना काम करने लगी,मैं उनको पकड़ के उनके बाजु में सो गया और सोचने लगा आखिर बात क्या होगी की दीदी मुझसे झूट बोलने लगी....



3.
रात मेरी नींद टूटी जब मैंने दीदी के रोने की आवाज सुनी,मैं पहले तो सोचा की मैं उठ कर उसका कारन पुछू पर कुछ सोचकर मैं चुप चाप लेटा रहा,दीदी किसी से बात कर रही थी,वो विडिओ चैट कर रही थी,

'तुम मुझे यु जलील नही कर सकते मैं ये नहीं करुँगी,'दि ने सुबकते हुए कहा,शायद सामने वाले बन्दे ने भी कुछ कहा हो मुझे सुनाई नहीं दिया,'भाग जा मादरचोद बहुत देखे तेरे जैसे,और मेरे भाइयो की बात कर रहा है तू ,तेरी हिम्मत कैसे हुई रुक साले बहुत झेल लिया तुझे अब तो तेरा लंड काट के तेरे मुह में ठुसुंगी,'और दि ने लेपी बंद कर दि पर कुछ अपसेट लग रही थी,मुझे समझ नहीं आ रहा था की अभी तो ये सुबक रही थी अभी इतनी हिम्मत कहा से आ गयी मुझसे ये देखा ना गया और मैं उठ कर दि के सामने बैठ गया,

'ये क्या है दि आप किसको धमकी दे रहे हो आप रो क्यों रहे हो,'दीदी मेरे अचानक जग जाने से थोड़ी डर सी गयी पर थोड़ी देर में रिलेक्स हो गयी 'भाई कुछ भी तो नहीं '

'दि आप प्रोब्लम में है और मुझे नहीं बता रही मतलब कुछ तो बहुत ही गलत है,मुझे तो उसी समय समझ आ गया था जब आप ने मेरे साथ सोने से इंकार कर दिया था ,अब आप चुपचाप बताओगी या मुझे अपनी कसम देनी पड़ेगी,'

'भाई प्लीज 'दीदी ने अपना सर पकड़ते हुए कहा 'दीदी प्लीज ' मैंने भी उनके गालो को चुमते हुए कहा,और दीदी जो अभी तक इतने टेंशन में थी वो हसने लगी,

'ओके तो सुन पर पहले ये वादा कर की इसे सुनने के बाद तू कुछ भी उल्टा सीधा नहीं करेगा मैं ही पूरा मसला सम्हाल्लुंगी ,तू कुछ भी नहीं करेगा,तुझे मेरी कसम है,कसम खा मेरी दीदी ने मेरा हाथ अपने सर पे रख दिया,'

'ओके अब बताओ'

'तो सुन बात ऐसी है की हमारा एक सीनियर है परमिंदर नाम से यही होस्टल में रहता है और विक्की नानू का दोस्त भी है,उसकी बड़ी चलती है कॉलेज में इसलिए विक्की मुझे उससे मिलवाया मैं उससे देखा के ही इम्प्रेस हो गयी साले की क्या मस्त बॉडी है और बहुत अच्छा दिखता है,पर साला कमीना निकला,पहले दिन से लाइन मारने लगा मुझे भी लगा की ऐसा बंदा तो अपने लिए ही है,कुछ दिन साथ घूमना फिरना चला पर सब ही नार्मल था बट याद है जब मैं कॉलेज के एक दोस्त की बर्थ डे पार्टी में गयी थी,'

मुझे याद आया ये कुछ दस दिन पहले की बात थी,'हा दि याद है,'मैं चिंतित सा सुन रहा था,

'बस उसी दिन हम ड्रिंक किये हुए थे और उसने मुझे अपने ग्रुप से अलग एक रूम में ले गया और मुझे प्रपोस कर दिया,मैं ड्रिंक के नशे में थी मुझे कुछ समझ नहीं आया और उसने मुझे किस कर लिया ,'दीदी रोने लगी और मैं स्तब्ध सा सुन रहा था,

'मैं पूरी तरह मदहोश थी भाई,उसने मेरे....दीदी थोड़ी ठिठक गयी,वो मेरी कुछ पिक्चर ले लिया जो मुझे किस करते हुए और थोड़ी हरकत की उसने बट मैं समय पर सम्हल गयी और वहा से भाग गयी,उस समय तो मैं वापस आ गयी पर उसके बाद से वो मुझसे बड़ी रोमांटिक बाते करने लगा मुझे लगा वो मुझसे प्यार करता है पर मैं गलत थी मुझे कुछ दिन पहले पता लगा की वो तो कई लडकियों की साथ ...छि और उसके कारन कई लडकिया कॉलेज तक छोड़ने को मजबूर हो गयी,मैंने उससे रिश्ता तोडना चाहा तो उसने वो सारी पिक्स मुझे भेजी जो उसने उस दिन ली थी और मुझसे गन्दी गन्दी बाते करने लगा,और वो मुझे अपने रूम बुलाना चाहता था,ताकि मेरे साथ भी...'दीदी का रोना बड गया था और मेरा चहरा लाल टमाटर जैसा हो चूका था,मैं इतने गुस्से में था की मेरा सारा शारीर काप रहा था दीदी को शायद इस बात की भनक लग गयी वो मेरे सीने से चिपक गयी मैंने अपना हाथ उनके सर पर रखा ,

'आज तो उसने हद ही कर दि भाई,उसने मुझे अपनी बिना कपड़ो की पिक मांगने लगा,मैंने मन किया तो उसने धमकी दि की वो मेरी पिक्स को कॉलेज में फैला देगा,मैं डर के रोने लगी लेकिन उस बहन के लवडे ने एक गलती कर दि ,दीदी मेरे सीने से निकल चुकी थी उनके भाव पूरी तरह से बदले हुए लग रहे थे,वो अब गुस्से में दिखाई दे रही थी,

'उसने मेरे भाइयो को गाली दे दि,अब तो गया काम से '

'दि प्लीज मुझे एक बार मौका दो मै मेरी भुजाये उसे मसलने के लिए तड़फ रही है,'

दीदी को मेरे गुस्से का अंदाजा हो चला था,उन्होंने मुझे एक हग दिया और मेरे चहरे हो अपने चुम्मन के पूरा गिला कर दिया,

'भाई तूने मेरी कसम खायी है ना तू फिकर मत कर मैं उसे ऐसा सबक सिखौंगी की वो मुझे क्या किसी भी लड़की को धोखा देने की नहीं सोचेगा,चल अब सो जा,पता नहीं तुझे ये बता के मेरा मन बहुत हल्का हो गया है,अब तो मैं आराम से सो जाउंगी और मेरा प्यारा भाई रात भर गुस्से में जागेगा,'दीदी खिलखिला के हस पड़ी,दीदी की बेफिक्री देख कर मैं भी थोडा सा हल्का हो गया,मुझे पता था दीदी जो करेगी ठीक ही होगा उनके पास मुझसे जादा दिमाग है ये तो सब जानते है,मैं भी अब दीदी से लिपट कर सोना ही बेहतर समझा,दीदी तो थोड़ी देर में ही सो गयी पर मैं ना सो पाया,

दीदी की लेपी अभी भी बंद नहीं थी मैंने उससे खोला और हिस्टरी देखने लगा पहले हिडन फाइल को खोजा थोड़ी देर में एक हिडन फोल्डर मुझे मिला जिसमे कुछ फोटोज थे मैं समझ गया ये यही फोटोज है,मैंने उसे अपने मोबाईल में डाला लेपी बंद की और सो गया,लेटे लेटे मैं उन फोटोज को देखने लगा.

पहला फोटो दीदी को एक लड़का किस कर रहा था देखने से ही पता लग रहा था की दीदी भी उसके सरूर में है,उनकी आँखे बंद थी,दीदी ने एक वाइट् कलर की फ्रोक पहने हुई थी,

दुसरे फोटो को थोडा निचे से खीचा गया था जिसमे वो दीदी के बूब्स दबा रहा था,तीसरे में उसके हाथ फ्रोक के अंदर थे ,चोथे में दीदी के सफ़ेद पेंटी के अंदर,पांचवे में उसने दि के बूब्स को बहार ही कर दिया और छटवे में उन्हें चूसने भी लगा,उसके बाद की कोई पिक नहीं थी शायद इतना होने के बाद दि को होश आया हो और वो उसे छोड़ कर भागी हो,

फोटोज देख के मेरा दिमाग तो घूम ही गया मेरा धयान दीदी पर गया वो इतने चैन से सो रही थी,वो एक ढीली सी टी शर्ट और छोटी निकर पहने हुई थी जाने क्यों मेरा हाथ उनके बूब्स पर चला गया मैं उन्हें महसूस करने लगा उन्होंने कोई ब्रा नहीं पहने थी उनकी पूरी गोलाई और नरमी के अहसास ने मुझे झकझोर सा दिया मैं ये क्या कर रहा हु ,पर मैं रुका नहीं मैंने उन्हें सीधा लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया,मेरे तने लिंग को अहसास होते देर ना लगी की उनकी निकर के निचे भी कोई अन्तः वस्त्र नहीं है मैं उनके ऊपर चढ़ तो गया पर उनके मासूम से चहरे को देखकर मेरा तना लिंग शांत हो गया मैं उनके प्यार में डूब सा गया मैंने अपने हाथो से उनका चहरा पकड़ा और उनके चहरे चूमना चालू किया धीरे धीरे मेरे लार से उनका चहरा गिला हो गया और दीदी कसमसाई ,

'भाई क्या कर रहा है,'मैंने उनके नाजुक होठो पर अपनी उंगली रख दि ,'दि कुछ मत बोलो'

दि ने अधखुली आँखों से मुझको देखा और अपने होठो पर मुस्कान ला कर मुझे अपने बांहों में लपेट लिया अब मैं और भी तीव्रता से उनका गाल चुसे जा रहा था अनजाने ही मेरा हाथ उनके उजोरो पर चला गया और मैंने उन्हें हलके से मसल दिया दीदी के आँख अब पुरे खुल चुके थे वो मेरी इस हरकत पे आश्चर्य से भर गयी थी,



'क्या कर रहा है,हट यहाँ से पागल हो गया है क्या,'अचानक मुझे मेरी स्थिति का आभास हुआ मैंने अपना हाथ तो हटा लिया पर हटा नहीं 'दि प्यार करने दो ना प्लीज

'क्या मतलब प्यार करने दो ऐसे प्यार करते है क्या पागल मेरे बूब्स दबा रहा है तू शर्म है की नहीं कुछ मैं तेरी दीदी हु गर्ल फ्रेंड नहीं,'दीदी ने मेरा चहरा अपने हाथ में ले रखा था और मुझे पुरे आश्चर्य से देखे जा रही थी मेरे चहरे पर सिर्फ मुस्कान थी,

'सॉरी दीदी,'मैंने पुरे मासूमियत से अपने कान पकड़ लिए,दीदी अभी भी आश्चर्य में डूबी हुई थी पर मेरे कान पकड़ने पर उन्होंने मुझे मरना शुरू कर दिया और साथ में हसने भी लगी..थोड़ी देर में ही शांत हो गयी और मुझे अपने ऊपर खीच लिया और खुद मेरे ऊपर आ गयी,मेरे बालो को सहलाने लगी,

'भाई जनता है तूने क्या किया,मैं जानती हु तेरा इरादा गलत नहीं था मेरा भाई तो मेरे बारे में गलत सोच भी नहीं सकता पर क्या हुआ था तुझे,'

'मैंने आपकी और परमिंदर की पिक्स देखी,पता नहीं क्यों पर आपके बूब्स देख के मुझे उसे महसूस करने का मन किया इसलिए मैं उन्हें दबा रहा था,फिर आप पर इतना प्यार आया की आपको किस करने लगा,बस सॉरी डी शायद मैंने सीमाए लाँघ दि'पहली बार मुझे थोडा दुःख हुआ और मेरे आँखों से आंसू की बुँदे निकल पड़ी.दीदी ने फोरन वो आंसू पि लिया

'तू पागल हो गया है,इसी लिए तुझे राहुल और मैं कहते है तुझे एक गर्ल फ्रेंड की जरूरत है,अब आंसू बहाना बंद कर,यार मैं जानती हु तू अब बड़ा हो गया है और ओपोजीट सेक्स के प्रति आकर्षण तो स्वाभाविक है,और उनके अंगो के बारे में जानने की उत्सुकता भी स्वाभाविक है लेकिन इसका ये मतलब ये नहीं तू अपने दीदी के ही पर्सनल पार्ट को टच करने लगे,'दीदी बड़ी स्वाभाविक थी और चहरे पर मुस्कान लाये हुए थी,

'लग रहा है राहुल से बात करके तेरे लिए बंदी ढूँढनी पड़ेगी ,राहुल को बताउंगी तू क्या कर रहा था,'मेरी तो फट के चार हो गयी

'डी प्लीज ऐसा मत करना वो क्या सोचेगा,मुझे मर डालेगा'

'क्यों तूने कुछ पाप किया है क्या,'

'नहीं'

'तो डर क्यों रहा है,'

'दि वो क्या सोचेगा ' दि हसने लगी

'मेरे पागल भाई मैं किसी को नहीं बताउंगी तुझे पागल दिखाती हु क्या,और अब भी तुझे प्यार करना है या सो जाये 4 बज चुके है,'

'दि पता नहीं आपको देखता हु तो लगता है बात चूमता ही रहू,'मैंने बड़ी मासूमियत से कहा

'इसीलिए तो तू मेरा प्यारा भाई है,जो दिल में आया बोल दिया ,अभी तक बच्चा ही है,,मेरा प्यारा बच्चा',अब दीदी मेरे ऊपर झपट पड़ी और चूम चूम के मुझे लाल कर दिया थकने के बाद ही हम सो पाए.....
 

kamdev99008

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:congrats: डॉ साहब.......... बहुत दिन से इंतज़ार था............ आखिर आपने शुरू कर ही दी... ये कहानी भी
 
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Chutiyadr

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:congrats: डॉ साहब.......... बहुत दिन से इंतज़ार था............ आखिर आपने शुरू कर ही दी... ये कहानी भी
ha kaamdev ji ek dost ne iski yad dila di ,
akhir first story hai to thoda prem bhi hai isse ,maana ki isme writing skill ke hisab se bhut hi error the lekin fir bhi jaise ka taisa hi post kar rha hu .......
 
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