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Incest दहेज़

Raj incest lover

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'दहेज' की समस्या बेटी वाले की इसी सोच से पैदा होती है...
बेटे वाले का लालच तो सिर्फ इस समस्या का पालन पोषण करता है

Kupratha to apne ghar se jyada ameer ghar, beti se jyada padha likha aur kamau damad dhoondhne me hai....
Baki sab afwahein hain

Koi bhi lalchi aur bura vyakti apki beti se jabardasti shadi nahi karta, ap hi uske dikhave ke moh me fanste hain...

Exactly

Exactly

:lol1: समस्या का समाधान
बिल्कुल यदि भाई बहन की शादी आपस में होती तो सोचो दोनो कितना खुशी रहेंगे और प्यार भी अटूट रहेगा
 

Svin

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Story ke hisab se to lagta hai dahej main ager naresh ko kai beta hota to maja aata.
1. Age jaker naresh garib hone ke karan ladki Wale naresh ke bete ko gulam ya nokar ke hissab se mang lete .
2. Our bahen ki khushi ke liye wah khushi khushi ban jata
3.phir age jaker uska fayda as dahej ladke Wale uthate
 

Raja maurya

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भाग -1

"अरे बेटा जल्दी से तैयार हो लड़के वाले कभी भी आते होंगे देखने "
गांव कामगंज मे एक छोटा सा टुटा फूटा घर जहाँ एक बाप नरेश काफ़ी परेशानी मे पुरे घर मे चहल कदमी कर रहा था.
गांव कामगंज
अब गांव का नाम कामगंज क्यों पड़ा ये तो कोई नहीं जानता
लेकिन यहाँ के लोग थे बड़े सीधे साधे, हर रिश्तो कि कद्र जानते थे.
इसी गांव के बीच घर था किसान नरेश का,जिसके पास जमीन ज्यादा तो नहीं लेकिन काम भर कि इतनी ज़मीन थी कि गुजारा चला लेता था.
नरेश चहल कदमी करता परेशान था.
करता भी क्यों ना आज उसकी एकलौती बेटी को लड़के वाले जो देखने आ रहे थे
नरेश कि एकलौती बेटी नमिता ,आज उसे ही लड़की वाले देखने आ रहे थे.
"क्या बापू आप भी मुझे नहीं करनी शादी वादी,मै चली गई तो कौन ध्यान रखेगा आपका "
नमिता जिसे उसके बाप ने खूब पढ़ाया लिखाया,अपना पेट काट के उसे खिलाया
और ये मेहनत जाया भी ना गई गांव के शुद्ध खाने का असर नेहा के बदन पे दिखता था.
मात्र 21 साल कि उम्र मे ही उसके स्तन पूरी तरह फूल के बहार को निकाल आये थे, पतली लहराती कमर उसके जिस्म कि शोभा थी उस पे भी मालिक ने ऐसे नितम्भ दिये कि जो देख भर ले तो अपने लिंग से पानी फेंक दे.
नमिता के नितम्भ ही उसका सबसे अनमोल खजाना था,एक दम गोल मटोल बहार को निकले हुए कसे हुए नितम्भ
कभी सलवार पहन के बहार निकलती तो देखने वालो कि जान हलक मे अटक जाती इस तरह गादराया था उसका बदन
लेकिन अफ़सोस बिन माँ कि बच्ची थी.नरेश कि पत्नी को गुजरे 10 साल हो गए थे.
नरेश अपनी पत्नी के जाने के बाद समाज से विमुख हो चला उसने पूरा जीवन सिर्फ और सिर्फ अपनी बेटी के लालन पालन मे ही लगा दिया.
उसे खूब पढ़ाया,लिखाया आज पुरे कस्बे मे सिर्फ वो ही एकलौती लड़की थी जो इंग्लिश मे MA कि हुई थी.
"अरे नरेश कब तक रखेगा इसे घर मे देख कैसी घोड़ी हो गई है,पूरा गांव इसके ही पीछे मरा जाता है,कही जवानी मे कुछ गलत कर गई तो " नरेश कि बहन ने उसे बहुत समझाया.
पहले तो बात समझ ना आई नरेश को लेकिन ये समाज जीने कहाँ देता है,
नरेश चाहता था कि नमिता पहले नौकरी लग जाये परन्तु समाज और रिश्तेदारों के दबाव मे उसे नमिता कि शादी करनी पड़ रही थी.

"बापू मुझे नहीं करनी शादी " नमिता ने भोलेपन से नरेश से जिद्द कि.
"अरे मेरी बच्ची शादी तो करनी ही पड़ती है एक ना एक दिन " नरेश अपनी भावनाओं को काबू किये बोल रहा था.
ना जाने कब रो पड़ता
" मै भी चली गई तो आप अकेले हो जायेंगे,आपका ध्यान कौन रखेगा बापू,? मै नहीं जाउंगी "
नमिता ने जैसे फैसला सुना दिया
"तुझे मेरी कसम मेरी लाडो, एक बाप का फर्ज़ होता है वो अपनी बेटी कि शादी करे,कन्यादान करे " नरेश कि आँखों से आँसू बह निकले
वो भी नहीं चाहता था कि उसकी बेटी उसे छोड़ के कही जाये,लेकिन ये समाज ये रिश्ते,ये परंपरा उसे धिक्कार रही थी.
नरेश मजबूर था,एक बाप मजबूर था.
नमिता कुछ नहीं बोली बस बापू के गले लग गई जोर से उसकी आँखों मे आँसू थे बस.
बाप बेटी का रिश्ता भी कैसा होता है शायद खुद भगवान ना समझ पाए कभी.

"मालती ओ मालती....नमिता को तैयार करो " नरेश अपनी बहन को बोलता हुआ बहार निकाल गया सर झुकाये.
आज उसे इतने सालो बाद अपनी बीवी कि कमी खल रही थी,उसे अभी से ही अकेलापन काटने को दौड़ रहा था.
"काश कौशल्या होती तो इतना दुख न होता मुझे " नरेश बहार मेहमानों के स्वागत कि तैयारी मे व्यस्त हो चला.

नरेश आँखों मे बेटी के जाने का गम और उसकी शादी के दहेज़ कि चिंता मे डूबा जा रहा था.
कैसे करेगा वो ये सब....लेकिन करना तो होगा आखिर एकलौती बेटी है मेरी.
औकात से ज्यादा दूंगा लेकिन अपनी बेटी कि शादी अच्छे घर मे करूँगा.
नरेश निर्णय ले चूका था.
गांव के कुछ प्रतिष्ठ लोग नरेश के घर पधार चुके थे.
लड़को वाले किसी भी वक़्त आ सकते थे...
कर्मशः
Nice start
 
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