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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

sunoanuj

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बहुत ही उम्दा और बेहतरीन अपडेट दिया है!
 
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Napster

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chapter 40

अभय - गुरिया मा के पास चलना है खेत मे
मधु - नही भाई अभी कपड़े धोने है
अभय - अच्छा ठीक है तो मे जाता हु
मधु अभय के होठ पे किस करते हुवे सर्म से - हु
अभय मधु के चेहरे को पकर आखो मे देखते हुवे प्यार से - तुम्हारे होठ के रस का कोई जवाब नही गुरिया
मधु अभय की आखो मे देखते हुवे सर्म से - भाई

अभय मधु के सर सेहलाते हुवे मुस्कुराते हुवे - अच्छा मे जाता हु
मधु - जी

अभय फिर बाइक लेके खेत मे आता है

सिला खेत मे घास काट रही थी सिला की नजर अभय पे जाती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल
अभय सिला के पीछे से गले लग कर - मा इतना काम मत किया करो
सिला अभय के हाथ पकर हस्ते हुवे - अरे काम तो करना परेगा ना
अभय सिला के आगे आके चेहरे को पकर आखो मे देख - मे तो बस आपके खूबसूरत चेहरे को देखते रहन चाहता हु
सिला सर्म से अभय की आखो मे देख - जितना देखा है देख
अभय सिला के होठ पे उंगली फेरते हुवे - और ये आपके खूबसूरत रसीले होठ का रस भी पीना है

सिला तेज सासे लेते हुवे सर्म से अभय को देख - तो पीले ना
अभय अपना होठ सिला के होठ के पास ले जाके धीरे से - जब दिल करेगा पियुगा
सिला आखे बंद किये सर्म से कापते होठो से - पी लेना
सिला अभय के होठ आमने सामने थे तेज गर्म सासे दोनों की आपस मे टकरा रही थी
अभय अपना होठ सिला के गुलाबी नर्म होठ से सता देता है सिला काप् जाती है सिला के हाथ अभय को घेर कस लेते है दोनों बैठे अभय सिला को कस लेता है

अभय पहले सिला के होठ चुस्ता है सिला का ये पहला गिला किस वाला एहसास था सिला अपनी मुठी कसी हुई थी और अपने होठ पे अभय के होठ फिल कर मद्होस होती जा रही थी अभय होठ चूसने के बाद सिला के जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है सिला और काप् जाती है पूरे सरीर मे तेज बिजली डोर जाती है सिला की बाहे अभय को और कस लेती है सिला पहले गिले किस मे खो सी जाती है

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सिला को किस करना नही होता था सिला को तो पता भी नही था इस तरह किस भी किया जाता है लेकिन सिला का दिल करता है और अभय जैसे कर रहा था वैसे ही अभय के जिब को चूस एक घुट पीती है वैसे ही सिला एक नये एहसास मे सो जाती है उसके बाद तो सिला भी जैसे आता था वैसे अभय के होठ जिब जोरों से चूस कर पीते चली जाती है) सिला मन मे उफ ये कैसा नया एहसास फीलिंग है किया किस करने मे रस पीने मे इतना मजा आता है उफ 2 मिनट बाद

अभय सिला के होठ अलग होते है दोनों के होठ लार से गीले थे सिला ने आज नया अनुभव किया था एक अलग मजे था सिला सर्म से लाल नजरे नीचे किये हुवे थी

अभय सिला के चेहरे को उपर कर आखो मे देख प्यार से - मेरी मा आपके होठ का रस बहोत मीठा है सुकून मिल गया अब जब भी आऊगा आपको पिलाना पड़ेगा अपने होठो का रस

सिला अभय को सर्म से देखते हुवे - हु जरूर पिलाउगी अपने बेटे को
अभय खुश होके - सुक्रिया मा
सिला अभय के गाल सेहलाते हुवे - तेरे आने से मेरी लाइफ बदल गई मधु की भी उसे एक प्यारा भाई मुझे बेटा मिला नही तो पहले दिन कई साल के ब्राबर लगते थे घर खाली खाली सा लगता था लाइफ मे कोई मजा सुकून नही था लेकिन अब है तेरे आने से

अभय सिला के माथे पे किस करते हुवे - मुझे भी एक प्यार गुरिया और आप जैसी हॉट खूबसूरत मा मिली है आप सब को पाके मे बहोत खुश हु
सिला सर्म से - पागल
अभय हस्ते हुवे - अच्छा मा मे चलता हु
सिला अभय को देख प्यार से - हु

अभय जाने लगता है सिला अभय को देखती है और अपने होठ पे उंगली फेरते हुवे सर्म से लाल मन मे -गीली किस्सी इसी को कहते है अजीब एहसास था लेकिन सुकून भरा था


अभय बाइक लेके अपने अंधे की तरफ जाने लगता है अभय जब मेन रोड पे आता है और कुछ दूर जाता है तो अभय को फिर नीतिका दिखाई देती है तो रोड साइड सारी पहने खरी थी

अभय नीतिका को देख मॉल वाला सीन याद आ जाता है तो अभय डर से मन मे - बेटा अभय चुप चाप निकल ले

लेकिन अभय की बुरी किस्मत नीतिका अभय को बाइक से अपनी तरफ आता देख जल्दी से अभय के बाइक के सामने आके खरी हो जाती है अभय हैरान जल्दी से ब्रेक मार कर रोकता है

अभय नीतिका को कापते हुवे देखता है लेकिन अभय की नजर नीचे जाती है तो नीतिका की गहरी ढोरी पे ठीक जाती फिर भाई भूल जाते है सब कुछ और नीतिका की गहरी ढोरी देखने मे खो जाते है सब भूल कर उसके अंजाम को भूल कर

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नीतिका अभय को देखती है फिर पाती है अभय की नजर उसके गहरी ढोरी को देखने मे लगी है तो नीतिका गुस्से वाली आवाज मे - देख लिया जितना देखना था या अच्छे से और दिखाऊ

करक् गुस्से वाली आवाज जब अभय की कानों मे जाती है तब अभय होस मे आता और एहसास होता है भाई ने फिर गलती कर दी है
अभय डरते कापते नीतिका को देख - ऑन्टी मुझे जाना है बाय

अभय बाइक आगे बढ़ाता है लेकिन नीतिका फिर अभय को रोक अभय को सैतानी मुस्कान मुस्कुराते हुवे - बेटा आज नही बच के जा पाओगी

नीतिका की सैतानी हसी देख अभय के पसीने छूटने लगते है अभय बाइक लगा के जल्दी से नीतिका के के सामने घुटने पे आके हाथ जोर नीतिका को देख - प्यारी ऑन्टी इस नादान बालक को माफ करो दो मुझे जाने दो प्लेस

नीतिका अभय को देख मुस्कुराते हुवे -ओहो तुम नादान बालक हो मुझे बेवकूफ समझते हो किया कोई नादान बालक किसी औरत के बदन को खा जाने वाली नजरो से नही देखता समझ गये

अभय डरते हुवे मन मे - कहा फस गया मे आज तो लग गई मेरी इस खतरनाक औरत से ही मुझे टकराना था ऊपर से मेरी आदत साला मुझे बार बार फसा देती है

नीतिका अभय को देख - कहा खो गये
अभय नीतिका के पैर परते हुवे - मेरी प्यारी ऑन्टी इस बालक को माफ कर दो आगे से कोई गलती नही होगी

नीतिका अभय को देख उसकी हरकत को देख बरी मुश्किल से अपनी हसी रोक हुवे थी

नीतिका - हु माफी चाहिये
अभय नीतिका को देख हाथ जोर मासूम चेहरा बना के - हा प्लेस इस नादान बालक को जाने दीजिये ना

नीतिका अपनी हसी रोकते हुवे अभय को देख करक् आवाज मे - ठीक है माफ कर दुंगी लेकिन एक सर्त पे जब मे बुलाउ आना पड़ेगा जो बोलू करना परेगा तब मे सब भूल जाउंगी

अभय खुश होते हुवे -मुझे मंजूर है
नीतिका अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हु अभी फिल्हाल तुम जा सकते हो

जा सकते हो सुनते ही अभय जल्दी से बाइक पे बैठता है और तेजी से बाइक भगा देता है बिना पीछे देखे अभय को इतनी तेजी से भागता देख नीतिका हैरान होके देखती रह जाती है और अगले हि पल जोर जोर से हसने लगते है

नीतिका हस्ते हुवे - नादान बालक बहोत डरपोक है

अभय तेजी से बाइक से जाते डर से मन मे - आज तो मे गया था काम से बच गया नही तो उस लेडी का कोई भरोसा नही कब जेल मे डाल के मेरी खाल उधेर दे

अभय अपने ठिकाने पे आता है और सब काम देखता है कुछ चीजो प्लान पे बाते करता है फिर घर आ जाता है

दोपहर के 1 बज रहे थे

अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है सामने का सीन देख अभय कुछ पल के लिये थम सा जाता है आसा पेट के पल लेते सोई हुई थी सारी पेकीकोट आधे उपर की तरफ उठे हुवे थे

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आसा की मोटी दूध जैसी उजले जांघे साफ दिखाई दे रही की अभी कि नजर आसा के टाँगों के बीच रुक जाती है तभी अभय अपने दिमाग को झटक कमरे से बाहर आता है

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अभय फिर अदिति के कमरे मे जाता है तो अदिति भी सेम आसा की तरह पेट के बल लेती सोई हुई थी अदिति ने सूट टाइट लेगिंस पहना था और अदिति की गांड की उभार साफ नजर आ रही थी

गाव मे जायदा तर लोग दोपहर को एक नींद ले ही लेते है करने को कुछ नही होता सुबह या साम ही गाव मे सब के लिये कुछ करने का होता है

अभय अपने कमरे मे जाते हुवे - सब सो गये है तो मे भी एक नींद ली ही लेता हु वैसे तो दिल कर रहा है बुआ की चुदाई करने का लेकिन सब की होने से वो भी नही कर पाऊगा

अभय बिस्तर पे लेत कुछ सोचना परेगा

आरोही बंगलो )


आरोही फुल गुस्से मे थी कियुंकी आरोही का मिसन फेल हो गया था और जिस लोगो को उसने भेजा था रिया को किड्नैप करने के लिये उसका भी कोई अता पता नही था

अमर कमरे मे आता है और आरोही को देख - कियु गुस्से से लाल है
आरोही अमर को देख गुस्से से - रिया को किपनैप करने के लिये लोग भेजे थे लेकिन उनका कोई आतापटा नही है साले सब कहा गायब हो गय

अमर आरोही के पास बैठ - देखो बहना कुछ तो जरूर हुआ होगा सांत रहो आराम से पता लगाओ गुस्से से काम बिगरता है

आरोही सांत होते हुवे - आपने सही कहा पहले पता करना है मेरे लोगो के साथ किया हुआ फिर मे रिया कमीनी को देख लुगी

अमर आरोही के चुचे दबाते हुवे - छोटीभी बहना चिल करो
आरोही दर्द मे आह करते हुवे अमर को देख - भाई
अमर आरोही को देख - बहना तेरे उपर कपड़े मुझे अच्छे नही लग रहे

आरोही अमर को नशे वाली आखो से देख - अगर ऐसा है तो

आरोही खरी होके एक एक कर सारे कपड़े निकाल नंगी अपने भाई के सामने खरी होके अमर को देख - भाई अब मे अच्छी लग रही हु

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अमर हवस भरी नजरो से अपनी छोटी बेहन के चुचे कमर चुत हर अंग को अच्छे से देखते हुवे - हा बहना अब तुम अच्छी नही बहोत अच्छी लग रही हो

आरोही बिस्तर पे लेत टाँगे फैला के - भाई चुत चाटो ना अपनी छोटी बेहन की खुजली हो रही है
अमर आरोही के टाँगों के बीच आके चुत को देखते हुवे - बहना तेरा बरा भाई है ना

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अमर आरोही के चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने लगता है साथ मे अपनी छोटी बेहन की चुचे भी दबाने लगता है चाटने लगता है आरोही बिस्तर पे आह उफ भाई चाटो चूस के पी जाओ अपनी बेहन के चुत का रस आह उफ भाई मजा आ रहा है आह उफ बहोत मजा 2 मिनट बाद आरोही आह भाई कहते झर जाती है

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - उफ बेहना आगे पुरा झुक अपनी गांड उपर उठा दो

आरोही अपने भाई को देखती हवस वाली नजरो से फिर मुस्कुराते हुवे बिस्तर पे पे आगे से पुरा झुक अपनी गांड पुरा उपर उठा के - भाई आपकी बेहन झुक गई आपके जैसा कहा अब डाल दीजिये

अमर आरोही के गांड के पास आके अपना लंड चुत पे रख एक धक्का मारता है पुरा लंड आरोही के चुत मे घुस जाता है अमर फिर धक्का मारना सुरु करता है आरोही दर्द मे आह उफ भाई आह आपका लंड चुत मे लेके अब सुकून मिला है आह उफ

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अमर आरोही के एक हाथ से गांड पकर चुदाई करते हुवे मेरी छोटी बेहन तु कमाल की रण्डि है तेरी गर्म चुत मारने मे एक अगल मजा आता है अमर तेज शॉट मारता है आरोही दर्द मे रो परती है आरोही रोते हुवे भाई दर्द होता है आह धीरे करो ना उफ ये दर्द


साम 4 बजे )


आसा सब उठ चुके थे

अभय आसा के कमरे मे जाता है आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - लाला
अभय आसा को बाहों मे लेके आखो मे देख - दोपहर को आया तो देखा आप सो रही थी ( अभय आसा के कान मे धीरे से) लेकिन जिस तरह सो रही थी आप बहोत कयामत लग रही थी
अभय की बात सुन आसा की सासे तेज चेहरा सर्म से लाल हो जाता है
आसा सर्म से मन मे - लाला ने मुझे कैसे सोता देखा होगा तो मे उसे कयामत लग रही थी

अभय आसा के होठ पे किस करते हुवे - मा फिल्हाल तो मे ऑन्टी को भूमाने लेके जा रहा हु रात को आराम से बात करेगे

आसा हैरानी से अभय को देख - किया सब को लेके जाता है लेकिन मुझे एक भी दिन लेके नही गया ( आसा नाराज होते हुवे) बहोत केहता है लेके जाउंगा आपको भूमाउंगा
अभय आसा के चेहरे को दोनों हाथो से पकर आखो मे देख प्यार से - मा आप मेरे लिये बहोत खास है मेरा सब कुछ है मे कैसे भूल सकता हु अपनी मा से किया वादा जल्दी ही मे आपको लेके जाउंगा मे और आप दोनों रहेगे
आसा अभय के गले लगा के - मेरा बच्चा जैसा तुम कहो
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है मा मे जाता हु
आसा मुस्कुराते हुवे - हु

अभय बाहर आता है तो अदिति अभय को देख - भाई
अभय अदिति को बाहों मे लेके - गुरिया अभी जा रहा हु ऑन्टी को भूमाने लेके
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे कब लेके जायेंगे
अभय अदिति के होठ पे किस करते हुवे - बहोत जल्द
अदिति मुस्कुराते हुवे - हु
अभय फिर मिनिता के घर आता है मिनिता रेडी थी काजल मिनिता बाहर आते है अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे आख मारता है काजल भी सर्मा के आख मार देती है
मिनिता अभय के पास आके मुह बना के - मेने जोर दिया तो लेके जा रहा है अपने दिल से लेके जाता तो बहोत खुशी होती मुझे

अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आप भी ना मेने आपको भूमाने ले जाने का सोच रखा था
मिनिता मुह बना के बाइक पे बैठ - झूठा
काजल अभय को देख हस्ते हुवे - भाभी बहोत नाराज है जब आओगे तो भाभी की नाराजगी खतम होनी चाहिये समझ गये

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ फिकर मत करो
काजल मुस्कुराते हुवे - ठीक है जाओ फिर

अभय भी मिनिता को लेके निकल परता है अभय मन मे - मा आपको ऐसे हि तोरी लेके जाउंगा घुमाने मेने प्लान बना रखा है मे चाहता हु आप वो पल कभी ना भूले इस लिये तैयारी कर रहा हु

अभय मिनिता को लेके बीच पे आता है बिचेस् ही एक ऐसी सांत सुकून वाली जगह होती है जहा आके हर किसी का दिल मन सांत हो जाता है अभय बाइक लगा देता है मिनिता समुंदर को देखते हुवे निकारे आके खरी खूबसूरत नजारे मे खो जाती है
अभय भी मिनिता के पास आके खरा हो जाता है जगह सांत थी आस पास कोई नही था बस लहरे की आवाजे ही कानों मे सुनाई दे रही थी

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मिनिता पहली बार इतनी खूबसूरत बिचेस् पे आई थी सांत खूबसूरत जगह मिनिता के दिल को सुकून पहुँचा रहा था अभय मिनिता के एक उंगली को पकर लेता है मिनिता अभय को देखती है फिर खूबसूरत नजारे को देखते हुवे - कितना खूबसूरत सांत सुकून वाली जगह है
अभय मिनिता को देख - आपको अच्छा लगा
मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बहोत बहोत अच्छा लगा
अभय - आपको अच्छा लगा मुझे जान राहत मिली

अभय फिर मिनिता से - ऑन्टी थोरा घूम ले
मिनिता अभय की आखो मे देख - हु

अभय मिनिता पानी के किनारे किनारे बाते करते हुवे चलने लगते है

अभय - आप अब तो मुझसे नाराज नही है ना
मिनिता अभय को प्यार से देख - तुमसे नाराज कभी थी ना हो सकती हु
अभय मिनिता को प्यार से देख - वो कियु भला
मिनिता सर्म की लाली लिये - कियुंकी तुमसे कोई नाराज हो ही नही सकता

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अभय - आपको अब अच्छा फिल तो हो रहा है ना
मिनिता खूबसूरत नजारे को देखते हुवे - बहोत ऐसा लग रहा है आज कई साल बाद मे कैद से आदाज हुई हु
अभय मिनिता को खुश देख बहोत खुश होता है और अपने मन मे - मेरी मा ने भी बहोत दुख झेला है दर्द सहा है मा आपका लाल आपको हर जगह घुमायेगा आपकी हर खुशी का ख्याल रखेगा बस कुछ दिन इंतज़ार कर लीजिये

अभय फिर मिनिता को बाहों मे पकर लेता है मिनिग सर्म से अभय की आखो मे देखती रहती है अभय मिनिता को एकदम से नीचे झुक गोद मे उठा देता है मिनिता हैरान डरते हुवे - बेटा गिर जायुगी
अभय मिनिता को प्यार से देख - मुझपे भरोसा नही
मिनिता सांत अभय को देख - बहोत है
दोनों एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है फिर दोनों के होठ आपस मे मिल जाते है

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अभय का दोनों हाथ मिनिता के दोनों बड़े मुलायम गांड पे थे अभय नीचे से मिनिता के गांड को पकरे उठाये हुवे था दोनों एक दूसरे के होठ का रस पीने मे लग जाते है मिनिता मन मे - हर बार नया एहसास नई फीलिंग सुकून मिलता है जब अभय मुझे किस करता है
2 मिनट बाद

अभय धीरे से मिनिता को नीचे उतार अपने से पुरा सता के मिनिता की आखो मे देख प्यार से - आपने कहा था आपकी गारी मे नही चला सकता
मिनिता अभय की बात सुन समझते हुवे काप् जाती है सासे तेज दिल धक धक करने लगता है
मिनिता सर्म से नजरे नीचे कर - हा कहा था
अभय मिनिता के चेहरे को उपर कर आखो मे देख प्यार से - मे आपके बातो का मान रखुंगा लेकिन मेरे सामने इतनी खूबसूरत प्यारी ऑन्टी के होते कुछ ना कर पाउ तो दिल बेचैन हो जाता है
मिनिता नीचे देखते हुवे अपने अंगुटे से रेट को दबाते हुवे सर्म से कापते होठो से - बेटा बात को समझ मे मजबूर हु ( मिनिता अपने होठ दातो से दबाने लगती है
अभय मिनिता को देख - समझता हु चलिये चलते है घर
अभय मिनिता को छोर देता है और आगे कदम बढ़ाता है तो मिनिता अभय का हाथ पकर लेती है अभय पीछे देखता है मिनिता नजरे नीचे किये कापते होठो से - मजबूरी है गारी की सवारी नही करने दे सकती ना गारी को दिखा सकती हु उसके अलावा तु जो कहे अगर मेरे बस मे हुआ तो जरूर करूगी
अभय मिनिता को हैरान सॉक मे देखता रहता है और फिर मुस्कुराते हुवे मिनिता को अपने बाहों मे भर - कोई जरूरत नही मुझे पता है मेरी ऑन्टी बहोत साफ अच्छे दिल की है मे आपके मर्ज़ी दिल के कुछ नही करवाना चाहता
मिनिता अभय को कस के पकर - मे मर्ज़ी से पूरे दिल से करूगी बस तु बोल मेरे अंदर रहा तो करूगी
अभय सोचता है फिर धीरे से मिनिता के कान मे......ये कर सकती है
अभय की बात सुन मिनिता काप् जाती है तेज तेज सासे लेने लगती है दिल जोर जोर से धरकने लगता है सरीर के रोये खरे हो जाते है
मिनिता सर्म से पानी पानी होके अभय के सीने मे अपना चेहरा छुपा के धीरे कापते आवाज मे बस इतना ही कहती है - हु
अभय भी हा सुन मिनिता के चेहरे को पकर प्यार से आखो मे देख - आपका सुक्रिया मेरी प्यारी ऑन्टी
मिनिता सर्म से लाल धीरे से - कोई बात नही
अभय - चले घर
मिनिता सर्म से - हु

अभय मिनिता को गोद मे उठा लेता है मिनिता अभय के गले मे हाथ डाल प्यार से अभय को देखते हुआ मन मे - मे नही जानती मे जो कर रही हु सही है या गलत लेकिन अभय बेटे के लिये इतना मे कर ही सकती हु जिसने मेरे बेटे की की जान बचाई मेरा ख्याल रखता है हसाता है अभय बेटे की वजह से ही मेरी लाइफ मे इतनी खुसिया है हर दिन मजे से गुजरता है


अभय मिनिता को देखता है तो मिनिता सर्म से नजरे दूसरी तरफ कर लेती है अभय ये देख मुस्कुरा देता है अभय बाइक के पास आके मिनिता को नीचे उतार बाइक चालू करता है मिनिता पीछे बैठ अभय के कंधे पकर लेती है अभय फिर बाइक लेके घर आ जाता है

साम 9 बज रहे थे काजल मिनिता आसा बैठ बाते कर रहे थे कोमल अदिति कमरे मे बाते कर रहे थे अभय कमरे मे अपनी बीवी से

आसा मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - छोटकी मजा आया घुमने मे
मिनिता आसा को देख थोरा सर्म से - दीदी बहोत मजा आया अभय बेटा मुझे समुंदर किनारे लेके गया था बहोत खूबसूरत नजारा था चारों तरफ सन्ति थी समुंदर की लहरे कानों मे संगीत की तरह सुनाई दे रही थी दिल तो आने का कर ही नही रहा था

काजल मिनिता को देख हस्ते हुवे - भाभी तो आई हि कियु रह जाती अभय बेटे के साथ वही पे

मिनिता हस्ते हुवे - तो दीदी मुझे मार ही डालती
आसा मुस्कुराते हुवे - और नही तो क्या मेरे लाला बगैर मे कैसे रहती
काजल - बात तो सही है
आसा मुह बना के - सब को ले गया मेरा लाला लेकिन मुझे नही ले गया घुमाने

काजल आसा को देख - भाभी ऐसा हो ही नही सकता अभय बेटा आपको भूल जाये जरूर वो आपके लिये अच्छा करने का प्लान बना रहा होगा ताकि आपको सरप्राइज दे सके

मिनिता आसा को देख - हा दीदी ननद जी सही केह रही है अभय बेटा आपको भूल जाये सपने मे भी नही देखा आपको बहोत अच्छा सरप्राइज देगा जिसे देख आप हैरान हो जाउंगी

आसा काजल मिनिता की बात सुन बहोत खुश होती है
आसा मन मे - अगर ऐसा है तो मे भी देखती हु मेरा लाला मेरे लिये किया करता है कैसा सरप्राइज देता है

कोमल अदिति )

कोमल - अदिति तेरा भाई शादी के बाद बीवी के पल्लू मे ही रहने वाला है तुझपे ध्यान ही नही देगा

अदिति कोमल को देख - कभी नही भाई मेरे भले ही भाभी के पल्लू मे रहे लेकिन मा मुझे उतना टाइम प्यार देते रहेगे मेरे भइया सब से अलग है
कोमल अदिति को देख - इतना भरोसा है अरे बीवी आने के बाद सब दर्द बदल जाते है
अदिति कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - लेकिन मेरे भइया नही दीदी ना भाभी खुद चाहेगी भइया सिर्फ उसके पीछे आस पास रहे हर वक़्त
कोमल हैरान से - ऐसा कियु हर बीवी चाहती है उसका पति हर वक़्त उसके पास रहे
अदिति कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - कियुंकी जैसे मेरे भइया है वैसे ही मेरी प्यारी भाभी है भाभी भी उतना ही प्यार मुझे मा को करती है जितना भाई पंडित जी मे भी कहा था दोनों एक दूसरे के लिये बने है

कोमल अदिति को देखते हुवे - वाह इतना भरोसा प्यार तु सही है मेने खुद देखा मेहसूस किया है मेने तो बस तुझसे ऐसे ही पूछ लिया

कोमल मन मे गुस्से से - कमीना कुता है तेरा भाई मेरे होठो का पहला रस पति से पहले तेरे भाई ने पी लिया बंदर कही का

अभय दिशा )

अभय - जान दिन नही लगता तेरे बिना
दिशा सर्म से - मेरा भी वही हाल है
अभय - साला दिन भी साल के बराबर लग रहा है मुझे
दिशा हस्ते हुवे - आप भी ना
अभय - अच्छा सुनो सासु मा को फोन दो बात कर लेता हु
दिशा - जी अभी देती हु

दिशा तारा के कमरे मे आके - मा आपका प्यारा दामाद है
तारा मुस्कुराते हुवे - ला
तारा फोन लेके - हा दामाद जी बोलिये
अभय - मेरी हॉट सासु मा कैसी है
तारा सर्म से - मे अच्छी हु आप कैसे है
अभय हस्ते हुवे - बेटी तो आपने अपने घर रखा है तो दिल ही नही लग रहा
दिशा खरी सब सुन रही थी दिशा अपनी मा के सामने बहोत जयादा शर्मा जाती है चेहरा लाल हो जाता है

तारा दिशा को देख हस्ते हुवे - उसका भी वही हाल है
दिशा तारा को देख सर्म से - मा
तारा हस्ते हुवे - हा हर वक़्त घूम सुम् बैठी रहती है आपसे बात करने के बाद ही उसके चेहरे मे खुशी दिखती है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है
दिशा सर्म से तारा से फोन लेके - सो जाइये आप.
तारा हस्ते हुवे - हा हा मे तो सोने ही जा रही थी

दिशा सर्म से कमरे मे आती है और गुस्सा करते हुवे - आप बहोत बेशर्म है
अभय हस्ते हुवे - आज पता चला उस रात डाल रहा था और तुम आह उफ़ कर रही थी तब पता नही चला
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - आप नही सुधरने वाले कभी
अभय हस्ते हुवे - सही कहा
5 मिनट और बात कर अभय फोन रख देता है

तभी ममता का फोन आता है


अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी खाना हो गया
ममता - हु आपका
अभय - हा थोरि देर पहले ही
ममता - अच्छा
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी भइया ने आज प्यार किया की नही
ममता सर्म से - नही
अभय हैरानी से - कियु
ममता सर्म से - किया है ना देवर जी कभी कभी बहोत थके आते है तो खाते ही सो जाते है
अभय - अच्छा समझ गया वैसे मेरा किस मत भूलियेगा
ममता सर्म से हस्ते हुवे - नही भुलुगी देवर जी

4 मिनट अभय ममता से मस्ती मजाक करता है फिर फोन कट.

तभी काजल कमरे मे आती है अभय काजल को देख बहोत खुश हो जाता है काजल सर्म से लाल अंदर आती है अभय काजल को बाहों मे भर लेता है और काजल को देख - बुआ रहा नही जा रहा अब
काजल अभय को देख सर्म से - बेटा पता है ना हम कुछ नही कर सकते है अभी
अभय काजल के चुचे दबाते हुवे - जानता हु लेकिन
काजल आह उफ करते हुवे - लेकिन किया
अभय काजल के चुचे दबाते हुवे - बस 10 मिनट काफी है आपकी चुत से पानी निकालने के लिये मुझे पता है आप यहा चुत मे लंड लेके के लिये ही आई है
काजल नासिलि आखो से अभय को देख - हा आई हु लेकिन डर
अभय काजल के सारी उठाते हुवे - 10 मिनट मे काम कर लेगे जल्दी से बस आप आवाज मत निकालना
काजल सर्म से मन मे - उफ 2 साल बाद मेरी चुत मे लंड गया है वो भी मोटा तगरा मेरी चुत तो अब अभय बेटे के लंड को ही याद कर रोती रहती है अभी चुत मे लंड नही लिया तो रात को मुझे सोने नही देगी

काजल सर्म से अभय को देख - 10 मिनट
अभय मुस्कुराते हुवे - हु आप नीचे पुरा झुक जाओ गांड उपर कर के
काजल सर्म से लाल सर नीचे गांड उपर कर झुक जाती है अभय जल्दी से पैंट नीचे करते हुवे - अभी चुदाई नही की तो रात को सो नही पाऊगा रिस्क है लेकिन लेना पड़ेगा

अभय नीचे से नँगा हो जाता है और काजल की सारी उठा देता है काजल की बरी गोरी चिकनी गांड अभय के सामने आ जाती है अभय अपना थूक लंड पे लगा के गिला कर देता है

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काजल घोरी बनी अपने दात् से होठ दबाये दिल थामे झुकी हुई थी इंतज़ार मे कब उसकी फूली गर्म चुत मे अभय का मोटा लम्बा लंड अंदर तक घुसेगा अभय अच्छे से लंड पे थूक लगा के बाद हाथ पे थूक रख काजल के गांड फैला के चुत पे अच्छे से लगाने लगता है काजल चुत पे गर्म थूक अभय की उंगली फिल कर काप् जाती रोये खरे हो जाते है अभय अब रेडी था

kajal दोनों हाथो जमीन पे किये गांड उठाये हुवे थी अभय अपना लंड पकर काजल की चुत के छेद पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है काजल अच्छे से फिल करती है उसकी चुत फैल रही है और एक मोटा लम्बा गर्म लंड उसकी चुत को चीरते हुवे अंदर जा रहा है काजल धीरे से दर्द मे आह करती है फिर दात् से होठ दबा लेती है ताकि सिसकिया आह की आवाज बाहर ना जाये नही तो दोनों के लग जायेंगे

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अभय का लंड धीरे धीरे काजल की चुत को फैलाते हुवे अंदर जाने लगता है अभय को टाइट कसा अंदर बाहर गर्म मेहसूस फिल कर पा रहा था अभय भी मुश्किल से अपने आह सासे रोके पुरा लंड काजल की चुत के अंदर तक घुसा देता है काजल दर्द मे रो परती है लंड इस पोजिसन मे पुरा अंदर बचेदानी मे जा लगा था अभय भी अपनी बुआ की टाइट चुत और अंदर गर्म लावा फिल कर के पागल हो जाता है

अभय काजल के गांड को एक हाथ से पकरे धक्का मारना सुरु करता है काजल आखो मे आसु लिये मुह पे हाथ रखे अपनी चुत की गहराई मे लंड आते जाते मेहसूस कर के दर्द मे मजे लेने लगती है कोई कुछ बोल नही सकता था ना कोई आह उह्ह्ह् की आवाज निकाल सकता था अभय भी संभल के धक्का मार रहा था ताकि आवाज ना हो

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काजल घोरी बनी अपनी चुत मे लंड लेते हुवे मन मे - उफ अभय बेटे का लंड कितना बरा मोटा है मेरी चुत फैल गई है आह मा अंदर तक मे लंड जाते फिल कर पा रही हु उफ कसम से एक लरका जो मेरा भतीजा है वो मेरी ऐसी चुदाई करेगा दर्द देगा रुला देगा लेकिन उससे जायदा सुकून मजा देगा सोचा नही था उफ लेकिन अब मे उसकी दीवानी हु मे उसकी वो मेरा है उफ अभय बेटे चोद अच्छे से अपनी बुआ को निकाल दे मेरी चुत से गर्म पानी ( अभय मन मे चुदाई करते हुवे उफ ये कैसा एहसास है चोरी छुपे बुआ की चुदाई करने का आह मजा रहा है बुआ के अंदर चुत मे बहोत गर्मी है मेरा लंड जल रहा है
9 मिनट बाद काजल कापने लगती है खुद गांड आगे पीछे कर लंड लेने लगती है अभय भी समझ जाता है और थोरा तेज करने लगता है फिर दोनों एक आह की आवाज के साथ झर जाते है

काजल थकी हुई खरी होती है सारी नीचे करती हैं लेकिन अभय के लंड का पानी काजल की चुत से निकल मोटे जांघों से होते नीचे आ रहा था वो फिल कर काजल को एक अलग ही सुकून मजा दे रहा था

अभय भी जल्दी से अपना पैंट पेहन के काजल को बाहों मे लेके काजल के आसु साफ करते हुवे - दर्द हुआ
काजल सर्म से नजरे नीचे किये - पहला दर्द दर्द देता है लेकिन उसके बाद वाला हर दर्द औरत को सुकून देता है

अभय आखो मे देख - बुआ मेरी जान अब आपकी चुत को सुकून मिला मेरे लंड को तो मिल गया
काजल नजरे नीचे कर सर्म से - हा बेटा मिल गया सुकून तेरे मोटे लम्बे लंड मे मेरी चुत को सांत कर दिया सच कहु अब मुझे बहोत अच्छा फिल हो रहा है
अभय काजल के चेहरे को उपर कर आखो मे देख - - बुआ नजरे नीचे कर के बाते मत करिये
काजल अभय की आखो मे देख सर्म से - ठीक है अब मे जाऊ
अभय काजल के होठ पे किस करते हुवे - आई लव यू
काजल अभय को किस करते हुवे - आई लव यू तु

काजल फिर बाहर आती है मिनिता काजल को देख - आ गई मे भी आती हु मिल के फिर चलेंगे
काजल - जी

मिनिता कमरे मे आती है अभय मिनिता के पास जाके बाहों मे लेके आखो मे देख - ऑन्टी आपने जो कहा
मिनिता सर्म से अभय को देख - करूगी लेकिन कल अभी जाना होगा
अभय मिनिता को देख - जैसा आप कहे
मिनिता अभय के होठ को देख सर्म से - लेकिन किस
अभय मुस्कुराते हुवे - हु

दोनों फिर एक दूसरे का रस अच्छे से दो मिनट तक पीते है फिर मिनिता अभय को देख सर्म से - जाऊ
अभय मुस्कुराते हुवे धीरे से कान मे - कल अच्छे से करना होगा
मिनिता सर्म से कमरे से बाहर आके कोमल को बुला के आसा को देख - दीदी हम जाते है
आसा काजल मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - हु

काजलकोमल मिनिता घर जाने लगते है पीछेकाजल चल रही थी लेकिन चुत से पानी जांघों पे जाते फिल कर मन मे - उफ अभय बेटे ने कितना पानी मेरी चुत मे निकाला है तभी तक मेरी चुत से पानी निकल मेरी जांघों से नीचे आ रहा है

काजल मिनिता कोमल को देखती है दोनों बाते कर चल रहे थे काजल चारों तरफ देखती है फिर सारी उठा के टाँगे फैला के अंदर चुत पे हाथ रख सेहला के बाहर निकाल मुह मे लेके चूस के - उफ अभय बेटे के पानी लंड के पानी का स्वाद कितना अच्छा है ( काजल सर्म से लाल होते हुवे - अभय बेटे ने मुझे पागल कर दिया है उफ

अभय फिर अपनी मा के कमरे मे जाता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख - आ गया लाला

अभय अपनी मा को देखता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही जबरदस्त और गरमागरम कामुक लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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chapter 40

अभय - गुरिया मा के पास चलना है खेत मे
मधु - नही भाई अभी कपड़े धोने है
अभय - अच्छा ठीक है तो मे जाता हु
मधु अभय के होठ पे किस करते हुवे सर्म से - हु
अभय मधु के चेहरे को पकर आखो मे देखते हुवे प्यार से - तुम्हारे होठ के रस का कोई जवाब नही गुरिया
मधु अभय की आखो मे देखते हुवे सर्म से - भाई

अभय मधु के सर सेहलाते हुवे मुस्कुराते हुवे - अच्छा मे जाता हु
मधु - जी

अभय फिर बाइक लेके खेत मे आता है

सिला खेत मे घास काट रही थी सिला की नजर अभय पे जाती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल
अभय सिला के पीछे से गले लग कर - मा इतना काम मत किया करो
सिला अभय के हाथ पकर हस्ते हुवे - अरे काम तो करना परेगा ना
अभय सिला के आगे आके चेहरे को पकर आखो मे देख - मे तो बस आपके खूबसूरत चेहरे को देखते रहन चाहता हु
सिला सर्म से अभय की आखो मे देख - जितना देखा है देख
अभय सिला के होठ पे उंगली फेरते हुवे - और ये आपके खूबसूरत रसीले होठ का रस भी पीना है

सिला तेज सासे लेते हुवे सर्म से अभय को देख - तो पीले ना
अभय अपना होठ सिला के होठ के पास ले जाके धीरे से - जब दिल करेगा पियुगा
सिला आखे बंद किये सर्म से कापते होठो से - पी लेना
सिला अभय के होठ आमने सामने थे तेज गर्म सासे दोनों की आपस मे टकरा रही थी
अभय अपना होठ सिला के गुलाबी नर्म होठ से सता देता है सिला काप् जाती है सिला के हाथ अभय को घेर कस लेते है दोनों बैठे अभय सिला को कस लेता है

अभय पहले सिला के होठ चुस्ता है सिला का ये पहला गिला किस वाला एहसास था सिला अपनी मुठी कसी हुई थी और अपने होठ पे अभय के होठ फिल कर मद्होस होती जा रही थी अभय होठ चूसने के बाद सिला के जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है सिला और काप् जाती है पूरे सरीर मे तेज बिजली डोर जाती है सिला की बाहे अभय को और कस लेती है सिला पहले गिले किस मे खो सी जाती है

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सिला को किस करना नही होता था सिला को तो पता भी नही था इस तरह किस भी किया जाता है लेकिन सिला का दिल करता है और अभय जैसे कर रहा था वैसे ही अभय के जिब को चूस एक घुट पीती है वैसे ही सिला एक नये एहसास मे सो जाती है उसके बाद तो सिला भी जैसे आता था वैसे अभय के होठ जिब जोरों से चूस कर पीते चली जाती है) सिला मन मे उफ ये कैसा नया एहसास फीलिंग है किया किस करने मे रस पीने मे इतना मजा आता है उफ 2 मिनट बाद

अभय सिला के होठ अलग होते है दोनों के होठ लार से गीले थे सिला ने आज नया अनुभव किया था एक अलग मजे था सिला सर्म से लाल नजरे नीचे किये हुवे थी

अभय सिला के चेहरे को उपर कर आखो मे देख प्यार से - मेरी मा आपके होठ का रस बहोत मीठा है सुकून मिल गया अब जब भी आऊगा आपको पिलाना पड़ेगा अपने होठो का रस

सिला अभय को सर्म से देखते हुवे - हु जरूर पिलाउगी अपने बेटे को
अभय खुश होके - सुक्रिया मा
सिला अभय के गाल सेहलाते हुवे - तेरे आने से मेरी लाइफ बदल गई मधु की भी उसे एक प्यारा भाई मुझे बेटा मिला नही तो पहले दिन कई साल के ब्राबर लगते थे घर खाली खाली सा लगता था लाइफ मे कोई मजा सुकून नही था लेकिन अब है तेरे आने से

अभय सिला के माथे पे किस करते हुवे - मुझे भी एक प्यार गुरिया और आप जैसी हॉट खूबसूरत मा मिली है आप सब को पाके मे बहोत खुश हु
सिला सर्म से - पागल
अभय हस्ते हुवे - अच्छा मा मे चलता हु
सिला अभय को देख प्यार से - हु

अभय जाने लगता है सिला अभय को देखती है और अपने होठ पे उंगली फेरते हुवे सर्म से लाल मन मे -गीली किस्सी इसी को कहते है अजीब एहसास था लेकिन सुकून भरा था


अभय बाइक लेके अपने अंधे की तरफ जाने लगता है अभय जब मेन रोड पे आता है और कुछ दूर जाता है तो अभय को फिर नीतिका दिखाई देती है तो रोड साइड सारी पहने खरी थी

अभय नीतिका को देख मॉल वाला सीन याद आ जाता है तो अभय डर से मन मे - बेटा अभय चुप चाप निकल ले

लेकिन अभय की बुरी किस्मत नीतिका अभय को बाइक से अपनी तरफ आता देख जल्दी से अभय के बाइक के सामने आके खरी हो जाती है अभय हैरान जल्दी से ब्रेक मार कर रोकता है

अभय नीतिका को कापते हुवे देखता है लेकिन अभय की नजर नीचे जाती है तो नीतिका की गहरी ढोरी पे ठीक जाती फिर भाई भूल जाते है सब कुछ और नीतिका की गहरी ढोरी देखने मे खो जाते है सब भूल कर उसके अंजाम को भूल कर

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नीतिका अभय को देखती है फिर पाती है अभय की नजर उसके गहरी ढोरी को देखने मे लगी है तो नीतिका गुस्से वाली आवाज मे - देख लिया जितना देखना था या अच्छे से और दिखाऊ

करक् गुस्से वाली आवाज जब अभय की कानों मे जाती है तब अभय होस मे आता और एहसास होता है भाई ने फिर गलती कर दी है
अभय डरते कापते नीतिका को देख - ऑन्टी मुझे जाना है बाय

अभय बाइक आगे बढ़ाता है लेकिन नीतिका फिर अभय को रोक अभय को सैतानी मुस्कान मुस्कुराते हुवे - बेटा आज नही बच के जा पाओगी

नीतिका की सैतानी हसी देख अभय के पसीने छूटने लगते है अभय बाइक लगा के जल्दी से नीतिका के के सामने घुटने पे आके हाथ जोर नीतिका को देख - प्यारी ऑन्टी इस नादान बालक को माफ करो दो मुझे जाने दो प्लेस

नीतिका अभय को देख मुस्कुराते हुवे -ओहो तुम नादान बालक हो मुझे बेवकूफ समझते हो किया कोई नादान बालक किसी औरत के बदन को खा जाने वाली नजरो से नही देखता समझ गये

अभय डरते हुवे मन मे - कहा फस गया मे आज तो लग गई मेरी इस खतरनाक औरत से ही मुझे टकराना था ऊपर से मेरी आदत साला मुझे बार बार फसा देती है

नीतिका अभय को देख - कहा खो गये
अभय नीतिका के पैर परते हुवे - मेरी प्यारी ऑन्टी इस बालक को माफ कर दो आगे से कोई गलती नही होगी

नीतिका अभय को देख उसकी हरकत को देख बरी मुश्किल से अपनी हसी रोक हुवे थी

नीतिका - हु माफी चाहिये
अभय नीतिका को देख हाथ जोर मासूम चेहरा बना के - हा प्लेस इस नादान बालक को जाने दीजिये ना

नीतिका अपनी हसी रोकते हुवे अभय को देख करक् आवाज मे - ठीक है माफ कर दुंगी लेकिन एक सर्त पे जब मे बुलाउ आना पड़ेगा जो बोलू करना परेगा तब मे सब भूल जाउंगी

अभय खुश होते हुवे -मुझे मंजूर है
नीतिका अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हु अभी फिल्हाल तुम जा सकते हो

जा सकते हो सुनते ही अभय जल्दी से बाइक पे बैठता है और तेजी से बाइक भगा देता है बिना पीछे देखे अभय को इतनी तेजी से भागता देख नीतिका हैरान होके देखती रह जाती है और अगले हि पल जोर जोर से हसने लगते है

नीतिका हस्ते हुवे - नादान बालक बहोत डरपोक है

अभय तेजी से बाइक से जाते डर से मन मे - आज तो मे गया था काम से बच गया नही तो उस लेडी का कोई भरोसा नही कब जेल मे डाल के मेरी खाल उधेर दे

अभय अपने ठिकाने पे आता है और सब काम देखता है कुछ चीजो प्लान पे बाते करता है फिर घर आ जाता है

दोपहर के 1 बज रहे थे

अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है सामने का सीन देख अभय कुछ पल के लिये थम सा जाता है आसा पेट के पल लेते सोई हुई थी सारी पेकीकोट आधे उपर की तरफ उठे हुवे थे

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आसा की मोटी दूध जैसी उजले जांघे साफ दिखाई दे रही की अभी कि नजर आसा के टाँगों के बीच रुक जाती है तभी अभय अपने दिमाग को झटक कमरे से बाहर आता है

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अभय फिर अदिति के कमरे मे जाता है तो अदिति भी सेम आसा की तरह पेट के बल लेती सोई हुई थी अदिति ने सूट टाइट लेगिंस पहना था और अदिति की गांड की उभार साफ नजर आ रही थी

गाव मे जायदा तर लोग दोपहर को एक नींद ले ही लेते है करने को कुछ नही होता सुबह या साम ही गाव मे सब के लिये कुछ करने का होता है

अभय अपने कमरे मे जाते हुवे - सब सो गये है तो मे भी एक नींद ली ही लेता हु वैसे तो दिल कर रहा है बुआ की चुदाई करने का लेकिन सब की होने से वो भी नही कर पाऊगा

अभय बिस्तर पे लेत कुछ सोचना परेगा

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आरोही फुल गुस्से मे थी कियुंकी आरोही का मिसन फेल हो गया था और जिस लोगो को उसने भेजा था रिया को किड्नैप करने के लिये उसका भी कोई अता पता नही था

अमर कमरे मे आता है और आरोही को देख - कियु गुस्से से लाल है
आरोही अमर को देख गुस्से से - रिया को किपनैप करने के लिये लोग भेजे थे लेकिन उनका कोई आतापटा नही है साले सब कहा गायब हो गय

अमर आरोही के पास बैठ - देखो बहना कुछ तो जरूर हुआ होगा सांत रहो आराम से पता लगाओ गुस्से से काम बिगरता है

आरोही सांत होते हुवे - आपने सही कहा पहले पता करना है मेरे लोगो के साथ किया हुआ फिर मे रिया कमीनी को देख लुगी

अमर आरोही के चुचे दबाते हुवे - छोटीभी बहना चिल करो
आरोही दर्द मे आह करते हुवे अमर को देख - भाई
अमर आरोही को देख - बहना तेरे उपर कपड़े मुझे अच्छे नही लग रहे

आरोही अमर को नशे वाली आखो से देख - अगर ऐसा है तो

आरोही खरी होके एक एक कर सारे कपड़े निकाल नंगी अपने भाई के सामने खरी होके अमर को देख - भाई अब मे अच्छी लग रही हु

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अमर हवस भरी नजरो से अपनी छोटी बेहन के चुचे कमर चुत हर अंग को अच्छे से देखते हुवे - हा बहना अब तुम अच्छी नही बहोत अच्छी लग रही हो

आरोही बिस्तर पे लेत टाँगे फैला के - भाई चुत चाटो ना अपनी छोटी बेहन की खुजली हो रही है
अमर आरोही के टाँगों के बीच आके चुत को देखते हुवे - बहना तेरा बरा भाई है ना

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अमर आरोही के चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने लगता है साथ मे अपनी छोटी बेहन की चुचे भी दबाने लगता है चाटने लगता है आरोही बिस्तर पे आह उफ भाई चाटो चूस के पी जाओ अपनी बेहन के चुत का रस आह उफ भाई मजा आ रहा है आह उफ बहोत मजा 2 मिनट बाद आरोही आह भाई कहते झर जाती है

अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - उफ बेहना आगे पुरा झुक अपनी गांड उपर उठा दो

आरोही अपने भाई को देखती हवस वाली नजरो से फिर मुस्कुराते हुवे बिस्तर पे पे आगे से पुरा झुक अपनी गांड पुरा उपर उठा के - भाई आपकी बेहन झुक गई आपके जैसा कहा अब डाल दीजिये

अमर आरोही के गांड के पास आके अपना लंड चुत पे रख एक धक्का मारता है पुरा लंड आरोही के चुत मे घुस जाता है अमर फिर धक्का मारना सुरु करता है आरोही दर्द मे आह उफ भाई आह आपका लंड चुत मे लेके अब सुकून मिला है आह उफ

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अमर आरोही के एक हाथ से गांड पकर चुदाई करते हुवे मेरी छोटी बेहन तु कमाल की रण्डि है तेरी गर्म चुत मारने मे एक अगल मजा आता है अमर तेज शॉट मारता है आरोही दर्द मे रो परती है आरोही रोते हुवे भाई दर्द होता है आह धीरे करो ना उफ ये दर्द


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आसा सब उठ चुके थे

अभय आसा के कमरे मे जाता है आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - लाला
अभय आसा को बाहों मे लेके आखो मे देख - दोपहर को आया तो देखा आप सो रही थी ( अभय आसा के कान मे धीरे से) लेकिन जिस तरह सो रही थी आप बहोत कयामत लग रही थी
अभय की बात सुन आसा की सासे तेज चेहरा सर्म से लाल हो जाता है
आसा सर्म से मन मे - लाला ने मुझे कैसे सोता देखा होगा तो मे उसे कयामत लग रही थी

अभय आसा के होठ पे किस करते हुवे - मा फिल्हाल तो मे ऑन्टी को भूमाने लेके जा रहा हु रात को आराम से बात करेगे

आसा हैरानी से अभय को देख - किया सब को लेके जाता है लेकिन मुझे एक भी दिन लेके नही गया ( आसा नाराज होते हुवे) बहोत केहता है लेके जाउंगा आपको भूमाउंगा
अभय आसा के चेहरे को दोनों हाथो से पकर आखो मे देख प्यार से - मा आप मेरे लिये बहोत खास है मेरा सब कुछ है मे कैसे भूल सकता हु अपनी मा से किया वादा जल्दी ही मे आपको लेके जाउंगा मे और आप दोनों रहेगे
आसा अभय के गले लगा के - मेरा बच्चा जैसा तुम कहो
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है मा मे जाता हु
आसा मुस्कुराते हुवे - हु

अभय बाहर आता है तो अदिति अभय को देख - भाई
अभय अदिति को बाहों मे लेके - गुरिया अभी जा रहा हु ऑन्टी को भूमाने लेके
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे कब लेके जायेंगे
अभय अदिति के होठ पे किस करते हुवे - बहोत जल्द
अदिति मुस्कुराते हुवे - हु
अभय फिर मिनिता के घर आता है मिनिता रेडी थी काजल मिनिता बाहर आते है अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे आख मारता है काजल भी सर्मा के आख मार देती है
मिनिता अभय के पास आके मुह बना के - मेने जोर दिया तो लेके जा रहा है अपने दिल से लेके जाता तो बहोत खुशी होती मुझे

अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आप भी ना मेने आपको भूमाने ले जाने का सोच रखा था
मिनिता मुह बना के बाइक पे बैठ - झूठा
काजल अभय को देख हस्ते हुवे - भाभी बहोत नाराज है जब आओगे तो भाभी की नाराजगी खतम होनी चाहिये समझ गये

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ फिकर मत करो
काजल मुस्कुराते हुवे - ठीक है जाओ फिर

अभय भी मिनिता को लेके निकल परता है अभय मन मे - मा आपको ऐसे हि तोरी लेके जाउंगा घुमाने मेने प्लान बना रखा है मे चाहता हु आप वो पल कभी ना भूले इस लिये तैयारी कर रहा हु

अभय मिनिता को लेके बीच पे आता है बिचेस् ही एक ऐसी सांत सुकून वाली जगह होती है जहा आके हर किसी का दिल मन सांत हो जाता है अभय बाइक लगा देता है मिनिता समुंदर को देखते हुवे निकारे आके खरी खूबसूरत नजारे मे खो जाती है
अभय भी मिनिता के पास आके खरा हो जाता है जगह सांत थी आस पास कोई नही था बस लहरे की आवाजे ही कानों मे सुनाई दे रही थी

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मिनिता पहली बार इतनी खूबसूरत बिचेस् पे आई थी सांत खूबसूरत जगह मिनिता के दिल को सुकून पहुँचा रहा था अभय मिनिता के एक उंगली को पकर लेता है मिनिता अभय को देखती है फिर खूबसूरत नजारे को देखते हुवे - कितना खूबसूरत सांत सुकून वाली जगह है
अभय मिनिता को देख - आपको अच्छा लगा
मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बहोत बहोत अच्छा लगा
अभय - आपको अच्छा लगा मुझे जान राहत मिली

अभय फिर मिनिता से - ऑन्टी थोरा घूम ले
मिनिता अभय की आखो मे देख - हु

अभय मिनिता पानी के किनारे किनारे बाते करते हुवे चलने लगते है

अभय - आप अब तो मुझसे नाराज नही है ना
मिनिता अभय को प्यार से देख - तुमसे नाराज कभी थी ना हो सकती हु
अभय मिनिता को प्यार से देख - वो कियु भला
मिनिता सर्म की लाली लिये - कियुंकी तुमसे कोई नाराज हो ही नही सकता

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अभय - आपको अब अच्छा फिल तो हो रहा है ना
मिनिता खूबसूरत नजारे को देखते हुवे - बहोत ऐसा लग रहा है आज कई साल बाद मे कैद से आदाज हुई हु
अभय मिनिता को खुश देख बहोत खुश होता है और अपने मन मे - मेरी मा ने भी बहोत दुख झेला है दर्द सहा है मा आपका लाल आपको हर जगह घुमायेगा आपकी हर खुशी का ख्याल रखेगा बस कुछ दिन इंतज़ार कर लीजिये

अभय फिर मिनिता को बाहों मे पकर लेता है मिनिग सर्म से अभय की आखो मे देखती रहती है अभय मिनिता को एकदम से नीचे झुक गोद मे उठा देता है मिनिता हैरान डरते हुवे - बेटा गिर जायुगी
अभय मिनिता को प्यार से देख - मुझपे भरोसा नही
मिनिता सांत अभय को देख - बहोत है
दोनों एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है फिर दोनों के होठ आपस मे मिल जाते है

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अभय का दोनों हाथ मिनिता के दोनों बड़े मुलायम गांड पे थे अभय नीचे से मिनिता के गांड को पकरे उठाये हुवे था दोनों एक दूसरे के होठ का रस पीने मे लग जाते है मिनिता मन मे - हर बार नया एहसास नई फीलिंग सुकून मिलता है जब अभय मुझे किस करता है
2 मिनट बाद

अभय धीरे से मिनिता को नीचे उतार अपने से पुरा सता के मिनिता की आखो मे देख प्यार से - आपने कहा था आपकी गारी मे नही चला सकता
मिनिता अभय की बात सुन समझते हुवे काप् जाती है सासे तेज दिल धक धक करने लगता है
मिनिता सर्म से नजरे नीचे कर - हा कहा था
अभय मिनिता के चेहरे को उपर कर आखो मे देख प्यार से - मे आपके बातो का मान रखुंगा लेकिन मेरे सामने इतनी खूबसूरत प्यारी ऑन्टी के होते कुछ ना कर पाउ तो दिल बेचैन हो जाता है
मिनिता नीचे देखते हुवे अपने अंगुटे से रेट को दबाते हुवे सर्म से कापते होठो से - बेटा बात को समझ मे मजबूर हु ( मिनिता अपने होठ दातो से दबाने लगती है
अभय मिनिता को देख - समझता हु चलिये चलते है घर
अभय मिनिता को छोर देता है और आगे कदम बढ़ाता है तो मिनिता अभय का हाथ पकर लेती है अभय पीछे देखता है मिनिता नजरे नीचे किये कापते होठो से - मजबूरी है गारी की सवारी नही करने दे सकती ना गारी को दिखा सकती हु उसके अलावा तु जो कहे अगर मेरे बस मे हुआ तो जरूर करूगी
अभय मिनिता को हैरान सॉक मे देखता रहता है और फिर मुस्कुराते हुवे मिनिता को अपने बाहों मे भर - कोई जरूरत नही मुझे पता है मेरी ऑन्टी बहोत साफ अच्छे दिल की है मे आपके मर्ज़ी दिल के कुछ नही करवाना चाहता
मिनिता अभय को कस के पकर - मे मर्ज़ी से पूरे दिल से करूगी बस तु बोल मेरे अंदर रहा तो करूगी
अभय सोचता है फिर धीरे से मिनिता के कान मे......ये कर सकती है
अभय की बात सुन मिनिता काप् जाती है तेज तेज सासे लेने लगती है दिल जोर जोर से धरकने लगता है सरीर के रोये खरे हो जाते है
मिनिता सर्म से पानी पानी होके अभय के सीने मे अपना चेहरा छुपा के धीरे कापते आवाज मे बस इतना ही कहती है - हु
अभय भी हा सुन मिनिता के चेहरे को पकर प्यार से आखो मे देख - आपका सुक्रिया मेरी प्यारी ऑन्टी
मिनिता सर्म से लाल धीरे से - कोई बात नही
अभय - चले घर
मिनिता सर्म से - हु

अभय मिनिता को गोद मे उठा लेता है मिनिता अभय के गले मे हाथ डाल प्यार से अभय को देखते हुआ मन मे - मे नही जानती मे जो कर रही हु सही है या गलत लेकिन अभय बेटे के लिये इतना मे कर ही सकती हु जिसने मेरे बेटे की की जान बचाई मेरा ख्याल रखता है हसाता है अभय बेटे की वजह से ही मेरी लाइफ मे इतनी खुसिया है हर दिन मजे से गुजरता है


अभय मिनिता को देखता है तो मिनिता सर्म से नजरे दूसरी तरफ कर लेती है अभय ये देख मुस्कुरा देता है अभय बाइक के पास आके मिनिता को नीचे उतार बाइक चालू करता है मिनिता पीछे बैठ अभय के कंधे पकर लेती है अभय फिर बाइक लेके घर आ जाता है

साम 9 बज रहे थे काजल मिनिता आसा बैठ बाते कर रहे थे कोमल अदिति कमरे मे बाते कर रहे थे अभय कमरे मे अपनी बीवी से

आसा मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - छोटकी मजा आया घुमने मे
मिनिता आसा को देख थोरा सर्म से - दीदी बहोत मजा आया अभय बेटा मुझे समुंदर किनारे लेके गया था बहोत खूबसूरत नजारा था चारों तरफ सन्ति थी समुंदर की लहरे कानों मे संगीत की तरह सुनाई दे रही थी दिल तो आने का कर ही नही रहा था

काजल मिनिता को देख हस्ते हुवे - भाभी तो आई हि कियु रह जाती अभय बेटे के साथ वही पे

मिनिता हस्ते हुवे - तो दीदी मुझे मार ही डालती
आसा मुस्कुराते हुवे - और नही तो क्या मेरे लाला बगैर मे कैसे रहती
काजल - बात तो सही है
आसा मुह बना के - सब को ले गया मेरा लाला लेकिन मुझे नही ले गया घुमाने

काजल आसा को देख - भाभी ऐसा हो ही नही सकता अभय बेटा आपको भूल जाये जरूर वो आपके लिये अच्छा करने का प्लान बना रहा होगा ताकि आपको सरप्राइज दे सके

मिनिता आसा को देख - हा दीदी ननद जी सही केह रही है अभय बेटा आपको भूल जाये सपने मे भी नही देखा आपको बहोत अच्छा सरप्राइज देगा जिसे देख आप हैरान हो जाउंगी

आसा काजल मिनिता की बात सुन बहोत खुश होती है
आसा मन मे - अगर ऐसा है तो मे भी देखती हु मेरा लाला मेरे लिये किया करता है कैसा सरप्राइज देता है

कोमल अदिति )

कोमल - अदिति तेरा भाई शादी के बाद बीवी के पल्लू मे ही रहने वाला है तुझपे ध्यान ही नही देगा

अदिति कोमल को देख - कभी नही भाई मेरे भले ही भाभी के पल्लू मे रहे लेकिन मा मुझे उतना टाइम प्यार देते रहेगे मेरे भइया सब से अलग है
कोमल अदिति को देख - इतना भरोसा है अरे बीवी आने के बाद सब दर्द बदल जाते है
अदिति कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - लेकिन मेरे भइया नही दीदी ना भाभी खुद चाहेगी भइया सिर्फ उसके पीछे आस पास रहे हर वक़्त
कोमल हैरान से - ऐसा कियु हर बीवी चाहती है उसका पति हर वक़्त उसके पास रहे
अदिति कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - कियुंकी जैसे मेरे भइया है वैसे ही मेरी प्यारी भाभी है भाभी भी उतना ही प्यार मुझे मा को करती है जितना भाई पंडित जी मे भी कहा था दोनों एक दूसरे के लिये बने है

कोमल अदिति को देखते हुवे - वाह इतना भरोसा प्यार तु सही है मेने खुद देखा मेहसूस किया है मेने तो बस तुझसे ऐसे ही पूछ लिया

कोमल मन मे गुस्से से - कमीना कुता है तेरा भाई मेरे होठो का पहला रस पति से पहले तेरे भाई ने पी लिया बंदर कही का

अभय दिशा )

अभय - जान दिन नही लगता तेरे बिना
दिशा सर्म से - मेरा भी वही हाल है
अभय - साला दिन भी साल के बराबर लग रहा है मुझे
दिशा हस्ते हुवे - आप भी ना
अभय - अच्छा सुनो सासु मा को फोन दो बात कर लेता हु
दिशा - जी अभी देती हु

दिशा तारा के कमरे मे आके - मा आपका प्यारा दामाद है
तारा मुस्कुराते हुवे - ला
तारा फोन लेके - हा दामाद जी बोलिये
अभय - मेरी हॉट सासु मा कैसी है
तारा सर्म से - मे अच्छी हु आप कैसे है
अभय हस्ते हुवे - बेटी तो आपने अपने घर रखा है तो दिल ही नही लग रहा
दिशा खरी सब सुन रही थी दिशा अपनी मा के सामने बहोत जयादा शर्मा जाती है चेहरा लाल हो जाता है

तारा दिशा को देख हस्ते हुवे - उसका भी वही हाल है
दिशा तारा को देख सर्म से - मा
तारा हस्ते हुवे - हा हर वक़्त घूम सुम् बैठी रहती है आपसे बात करने के बाद ही उसके चेहरे मे खुशी दिखती है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है
दिशा सर्म से तारा से फोन लेके - सो जाइये आप.
तारा हस्ते हुवे - हा हा मे तो सोने ही जा रही थी

दिशा सर्म से कमरे मे आती है और गुस्सा करते हुवे - आप बहोत बेशर्म है
अभय हस्ते हुवे - आज पता चला उस रात डाल रहा था और तुम आह उफ़ कर रही थी तब पता नही चला
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - आप नही सुधरने वाले कभी
अभय हस्ते हुवे - सही कहा
5 मिनट और बात कर अभय फोन रख देता है

तभी ममता का फोन आता है


अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी खाना हो गया
ममता - हु आपका
अभय - हा थोरि देर पहले ही
ममता - अच्छा
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी भइया ने आज प्यार किया की नही
ममता सर्म से - नही
अभय हैरानी से - कियु
ममता सर्म से - किया है ना देवर जी कभी कभी बहोत थके आते है तो खाते ही सो जाते है
अभय - अच्छा समझ गया वैसे मेरा किस मत भूलियेगा
ममता सर्म से हस्ते हुवे - नही भुलुगी देवर जी

4 मिनट अभय ममता से मस्ती मजाक करता है फिर फोन कट.

तभी काजल कमरे मे आती है अभय काजल को देख बहोत खुश हो जाता है काजल सर्म से लाल अंदर आती है अभय काजल को बाहों मे भर लेता है और काजल को देख - बुआ रहा नही जा रहा अब
काजल अभय को देख सर्म से - बेटा पता है ना हम कुछ नही कर सकते है अभी
अभय काजल के चुचे दबाते हुवे - जानता हु लेकिन
काजल आह उफ करते हुवे - लेकिन किया
अभय काजल के चुचे दबाते हुवे - बस 10 मिनट काफी है आपकी चुत से पानी निकालने के लिये मुझे पता है आप यहा चुत मे लंड लेके के लिये ही आई है
काजल नासिलि आखो से अभय को देख - हा आई हु लेकिन डर
अभय काजल के सारी उठाते हुवे - 10 मिनट मे काम कर लेगे जल्दी से बस आप आवाज मत निकालना
काजल सर्म से मन मे - उफ 2 साल बाद मेरी चुत मे लंड गया है वो भी मोटा तगरा मेरी चुत तो अब अभय बेटे के लंड को ही याद कर रोती रहती है अभी चुत मे लंड नही लिया तो रात को मुझे सोने नही देगी

काजल सर्म से अभय को देख - 10 मिनट
अभय मुस्कुराते हुवे - हु आप नीचे पुरा झुक जाओ गांड उपर कर के
काजल सर्म से लाल सर नीचे गांड उपर कर झुक जाती है अभय जल्दी से पैंट नीचे करते हुवे - अभी चुदाई नही की तो रात को सो नही पाऊगा रिस्क है लेकिन लेना पड़ेगा

अभय नीचे से नँगा हो जाता है और काजल की सारी उठा देता है काजल की बरी गोरी चिकनी गांड अभय के सामने आ जाती है अभय अपना थूक लंड पे लगा के गिला कर देता है

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काजल घोरी बनी अपने दात् से होठ दबाये दिल थामे झुकी हुई थी इंतज़ार मे कब उसकी फूली गर्म चुत मे अभय का मोटा लम्बा लंड अंदर तक घुसेगा अभय अच्छे से लंड पे थूक लगा के बाद हाथ पे थूक रख काजल के गांड फैला के चुत पे अच्छे से लगाने लगता है काजल चुत पे गर्म थूक अभय की उंगली फिल कर काप् जाती रोये खरे हो जाते है अभय अब रेडी था

kajal दोनों हाथो जमीन पे किये गांड उठाये हुवे थी अभय अपना लंड पकर काजल की चुत के छेद पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है काजल अच्छे से फिल करती है उसकी चुत फैल रही है और एक मोटा लम्बा गर्म लंड उसकी चुत को चीरते हुवे अंदर जा रहा है काजल धीरे से दर्द मे आह करती है फिर दात् से होठ दबा लेती है ताकि सिसकिया आह की आवाज बाहर ना जाये नही तो दोनों के लग जायेंगे

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अभय का लंड धीरे धीरे काजल की चुत को फैलाते हुवे अंदर जाने लगता है अभय को टाइट कसा अंदर बाहर गर्म मेहसूस फिल कर पा रहा था अभय भी मुश्किल से अपने आह सासे रोके पुरा लंड काजल की चुत के अंदर तक घुसा देता है काजल दर्द मे रो परती है लंड इस पोजिसन मे पुरा अंदर बचेदानी मे जा लगा था अभय भी अपनी बुआ की टाइट चुत और अंदर गर्म लावा फिल कर के पागल हो जाता है

अभय काजल के गांड को एक हाथ से पकरे धक्का मारना सुरु करता है काजल आखो मे आसु लिये मुह पे हाथ रखे अपनी चुत की गहराई मे लंड आते जाते मेहसूस कर के दर्द मे मजे लेने लगती है कोई कुछ बोल नही सकता था ना कोई आह उह्ह्ह् की आवाज निकाल सकता था अभय भी संभल के धक्का मार रहा था ताकि आवाज ना हो

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काजल घोरी बनी अपनी चुत मे लंड लेते हुवे मन मे - उफ अभय बेटे का लंड कितना बरा मोटा है मेरी चुत फैल गई है आह मा अंदर तक मे लंड जाते फिल कर पा रही हु उफ कसम से एक लरका जो मेरा भतीजा है वो मेरी ऐसी चुदाई करेगा दर्द देगा रुला देगा लेकिन उससे जायदा सुकून मजा देगा सोचा नही था उफ लेकिन अब मे उसकी दीवानी हु मे उसकी वो मेरा है उफ अभय बेटे चोद अच्छे से अपनी बुआ को निकाल दे मेरी चुत से गर्म पानी ( अभय मन मे चुदाई करते हुवे उफ ये कैसा एहसास है चोरी छुपे बुआ की चुदाई करने का आह मजा रहा है बुआ के अंदर चुत मे बहोत गर्मी है मेरा लंड जल रहा है
9 मिनट बाद काजल कापने लगती है खुद गांड आगे पीछे कर लंड लेने लगती है अभय भी समझ जाता है और थोरा तेज करने लगता है फिर दोनों एक आह की आवाज के साथ झर जाते है

काजल थकी हुई खरी होती है सारी नीचे करती हैं लेकिन अभय के लंड का पानी काजल की चुत से निकल मोटे जांघों से होते नीचे आ रहा था वो फिल कर काजल को एक अलग ही सुकून मजा दे रहा था

अभय भी जल्दी से अपना पैंट पेहन के काजल को बाहों मे लेके काजल के आसु साफ करते हुवे - दर्द हुआ
काजल सर्म से नजरे नीचे किये - पहला दर्द दर्द देता है लेकिन उसके बाद वाला हर दर्द औरत को सुकून देता है

अभय आखो मे देख - बुआ मेरी जान अब आपकी चुत को सुकून मिला मेरे लंड को तो मिल गया
काजल नजरे नीचे कर सर्म से - हा बेटा मिल गया सुकून तेरे मोटे लम्बे लंड मे मेरी चुत को सांत कर दिया सच कहु अब मुझे बहोत अच्छा फिल हो रहा है
अभय काजल के चेहरे को उपर कर आखो मे देख - - बुआ नजरे नीचे कर के बाते मत करिये
काजल अभय की आखो मे देख सर्म से - ठीक है अब मे जाऊ
अभय काजल के होठ पे किस करते हुवे - आई लव यू
काजल अभय को किस करते हुवे - आई लव यू तु

काजल फिर बाहर आती है मिनिता काजल को देख - आ गई मे भी आती हु मिल के फिर चलेंगे
काजल - जी

मिनिता कमरे मे आती है अभय मिनिता के पास जाके बाहों मे लेके आखो मे देख - ऑन्टी आपने जो कहा
मिनिता सर्म से अभय को देख - करूगी लेकिन कल अभी जाना होगा
अभय मिनिता को देख - जैसा आप कहे
मिनिता अभय के होठ को देख सर्म से - लेकिन किस
अभय मुस्कुराते हुवे - हु

दोनों फिर एक दूसरे का रस अच्छे से दो मिनट तक पीते है फिर मिनिता अभय को देख सर्म से - जाऊ
अभय मुस्कुराते हुवे धीरे से कान मे - कल अच्छे से करना होगा
मिनिता सर्म से कमरे से बाहर आके कोमल को बुला के आसा को देख - दीदी हम जाते है
आसा काजल मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - हु

काजलकोमल मिनिता घर जाने लगते है पीछेकाजल चल रही थी लेकिन चुत से पानी जांघों पे जाते फिल कर मन मे - उफ अभय बेटे ने कितना पानी मेरी चुत मे निकाला है तभी तक मेरी चुत से पानी निकल मेरी जांघों से नीचे आ रहा है

काजल मिनिता कोमल को देखती है दोनों बाते कर चल रहे थे काजल चारों तरफ देखती है फिर सारी उठा के टाँगे फैला के अंदर चुत पे हाथ रख सेहला के बाहर निकाल मुह मे लेके चूस के - उफ अभय बेटे के पानी लंड के पानी का स्वाद कितना अच्छा है ( काजल सर्म से लाल होते हुवे - अभय बेटे ने मुझे पागल कर दिया है उफ

अभय फिर अपनी मा के कमरे मे जाता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख - आ गया लाला

अभय अपनी मा को देखता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही जबरदस्त और गरमागरम कामुक लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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Naik

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chapter 42

अभय आसा के कमरे मे आता है आसा बिस्तर पे बैठी मोबाइल चला रही थी अभय अंदर आते हुवे आसा को देख - मा
आसा अभय को देखती है फोन रख मुस्कुराते हुवे - लाला

अभय जाके अपनी मा के गोद मे बैठ जाती है आसा भी बरे प्यार से बाहों मे ले लेती है अभय अपनी मा के मोटे जांघे चुत के गर्मी फिल करने लगता है साथ मे आसा के चुचे पीछे अभय के पीट से पुरा चिपका भी फिल करता है

अभय मुस्कुराते हुवे - नर्म गर्म फिल कर सुकून मिला
आसा शर्म से - अच्छा लेकिन हर इंसान का शरीर गर्म ही होता है
अभय आसा कि गोद से उठ कर बिस्तर पे लेत जाता है आसा हैरान कंफ्यूज मे अभय को देखती है
अभय मुस्कुराते हुवे अपने उपर आके बैठने के लिये केहता है आसा एकदम शर्म से लाल हो जाती है
आसा अभय को देख सर्म से -लेकिन लाला मेरा वजन
अभय मुस्कुराते हुवे आसा की आखो मे देख -आप तो एक खूबसूरत सी कली है जयदा मत सोचिये

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आसा सर्म की लाली लिये अभय के ऊपर आके बैठ जाती कालि सारी काले ब्लाउस काले घने बाल खूबसूरत चेहरा चेहरे पे मुस्कुराहट गुलाबी होठ बरा बदन पर्फेट बॉडी पीछे निकले बरे गांड ब्लाउस मे कसे चुचे की उभार आसा को सच मे एक हुर की परी कहना गलत नही था अभय भी जानता उसकी मा गाव की सब से खूबसूरत औरत है और ये सच भी है आसा बिना वजह घर से बाहर नही निकलती लेकिन जब निकलती है तो लरके हो या बूढ़े को घायल कर देती है

आसा अपने मोटी जांघे बरे नर्म गर्म गांड के साथ अभय के ऊपर बैठी हुई सर्म से लाल थी अभय साफ अपनी मा के मुलायम नर्म गर्म जांघे गांड और चुत कि गर्म अच्छे से फिल कर पा रहा था अभय को फिल होता है जैसे उपर उपर उसकी मा नही कोई नर्म रुई लेकिन गर्म तकिया रखा हो जाहिर है आसा के मुलायम बरे गांड नर्म रुई जैसे ही थे तो अभय को फिल भी वैसा ही दे रही थी सीन अब तक का सबके खूबसूरत कामुक् था दोनों एक दूसरे की आखो मे देखते है

अभय अपनी मा की आखो मे देख - आपने कहा हर इंसान का शरीर गर्म हि होता है
आसा अभय को देख - हा सही तो कहा
अभय अपनी मा की आखो मे देख - लेकिन इंसान के शरीर के कुछ ऐसे अंग जगह बहोत गर्म होते है बाकी जगह से हद से जयदा जिसे मे अभी अच्छे से फिल कर पा रहा हु ( अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देखता रहता है

अभय की बात आसा को अच्छे से समझ मे आ चुकी थी उसका प्यारा बेटा किस जगह की गर्मी कि बात कर रहा है लेकिन आसा अपने आप को काबू कर अंजान मनते हुवे अभय को देख - अच्छा मुझे तो नही पता कोन की जगह ज्यादा गर्म होती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - वो जगह जो बहोत खास होता है नाजुक होता है लेकिन उसी के साथ बहोत गर्म भी
आसा सर्म पे बाकू करते हुवे अभय को देख मन मे - आज मेरे लाला को किया हो गया है कैसी कैसी बाते कर रहा है बरी मुश्किल से अपनी सासे दिल की धरकंन अपनी सर्म को रोके हुई हु
आसा अंजान बनते हुवे अभय को देख मुस्कुराते हुवे - लेकिन अभी भी मुझे समझ मे नही आया
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - झुठ बोल रही है आप
आसा - नही सच मुझे नही पता
अभय मुस्कुराते हुवे - हु वो नाजुक खूबसूरत गर्म जगह टांगों के बीच होता है
आसा की सासे दिल की धरकंन रुक जाती है एक पल के लिये आसा के चेहरे पे सर्म की लाली आने लगती है लेकिन आसा फिर अपने आप पे काबू कर अभय को देख - अच्छा अब समझी लेकिन मुझे तो जो वजह जयदा गर्म नही लगती
अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देख - आपको ना लगती हो लेकिन अभी मे आपके टांगों के बीच उस नाजुक खूबसूरत चीज कि गर्मी अच्छे से फिल कर पा रहा हु

इस बार आसा अपने आप को काबू नही कर पाती और तेज तेज सासे लेने लगती है दिल तेजी से धक धक करने लगता है चेहरे पे सर्म पसीना दोनों आने लगता है अभय अपनी मा के चुचे को देखता जो आसा के तेज सासे लेने की वजह से उपर नीचे हो रहे थे

आसा अभय के सीने पे दोनों हाथ रख नजरे नीचे कर मन मे - उफ आज मेरा बेटा अलग ही मुंड मे है उफ मेरा बेटा मेरी चुत की गर्मी फिल कर रहा है उफ मुझे पहले से पता था लेकिन आज उससे खुल कर तो नही लेकिन बातो को घुमा के केह दिया उफ

अभय आसा को देख - किया हुआ मा
आसा अपने आप को नॉर्मल कर अभय को देख मुस्कुराते हुवे - कुछ नही बस सोच रही थी आज मेरा लाला बदला बदला नजर आ रहा है

अभय अपनी मा की आखो मे देख मन मे - हु हा कियुंकी मुझे आपको पाना है काजल बुआ के साथ सब होने के बाद मुझे अच्छे से एहसास हुआ मेरा दिल किसको किसको चाहता है लेकिन किया आप मुझे चाहती है

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मे तो जैसा था वैसा ही हु आपका प्यारा लाला
आसा मन मे - वाह झूठा कही का
आसा अभय को देख - अच्छा ठीक है मान किया वहा जयदा गर्मी होती है तो तुझे फिल कर किया मिल रहा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सुकून एक एहसास नई फीलिंग खास कर कोई बेटा जब अपनी मा के वो वाली जगह की गर्मी फिल कर रहा हो तो वो बेटा दुनिया के सब से किस्मत वाला बेटा है

आसा मुठी कस अपने आप को रोके - अच्छा जी लेकिन लाला संभल के कही उस जगह वाली गर्मी से जल ना जाओ
अभय मुस्कुराते हुवे अपनी मा की आखो मे देख - हु ऐसा नही होगा कियुंकी मेरे पास एक लम्बा मोटा गर्म तोप् है जो उस गर्मी को ठंडा कर देगा

अभय की बात आसा फिर अच्छे से समझ चुकी थी अब आसा को रोकना बरा मुश्किल हो रहा था आसा तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ आज किया हो गया है मेरे लाला जो डबल मिलिंग बाते कर रहा है उफ मुझे भी बहोत अच्छा लग रहा है बात कर लेकिन मे रोक नही पाउंगी खुद को

अभय अपनी मा की हालत समझ सकता था अभय मन मे - पापा के जाने के बाद आपने कैसे अपनी खुशी अरमान दबा के जिये मुझे एहसास है अच्छा हुआ काजल बुआ मेरी जिंदगी मे आई उसकी बाते सुन उसकी लाइफ मे जो हुआ सहा जान मुझे एहसास हुआ जब बुआ के पास फूफा जी है फिर भी बुआ के लाइफ मे खुशी नही लेकिन मा आप तो अकेली है पापा के जाने के बाद से तो मे सोच भी नही सकता आपने कितनी कुर्बानी दी दर्द तकलीफ सेह हमे पाला है लेकिन अब आपके लाला को अच्छे से एहसास हो चुका है अब से मे और पूरी कोसिस करुगा आपको हर खुशी दु

अभय - मा अब आप बिस्तर पे बैठ जाइये
आसा ये सुनते ही जल्दी से बिस्तर पे बैठ जाती है और मन मे - उफ चलो बच गई

अभय आसा के पास आके आखो मे देख होठ पे किस करते हुवे - आई लोव यू मा
आसा अभय के चेहरे को पकर होठ पे किस कर - आई लोव यू लाला

अभय मुस्कुराते हुवे - मा गुड नाइट मे सोने जा रहा हु
आसा मुस्कुराते हुवे - कियु आज कोई पोस् मारने को नही बोलेगा
अभय आसा की आखो मे देख - किया दिखाओगी इस बार
आसा शर्म से अभय को देख - किया देखेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - देखना तो मे बस कुछ चाहता हु लेकिन मेरी एक सीमा लिमिट है तो वही तक देखा दीजिये
आसा अभय को देख मन मे - लाला को अपनी लिमिट पता है ये जान मुझे खुशी हुई एक मा हु मेरी भी एक हद है उसके आगे मे अपने जिगर के तुकरे को प्यार नही दे सकती

नोट - आसा को पहले से अंदाज़ा हो गया था उसके और अभय के बीच एक मा बेटे से कई आगे निकल चुके है लेकिन अभय को काजल की कहानी सुनने के बाद पता चला अभय को पता था उसकी मा ने उसको बरे दुख तकलीफ सेह कर पाला है लेकिन काजल की कहानी जानने के बाद अभय को एहसास हुआ उसकी मा ने और किया क्या सहा है

अभय को भी अब अंदाज़ा था उसकी एक लिमिट है जिसके आगे वो अपनी मा के साथ आगे नही जा सकता ना ही उसकी मा जाने देगी ना जायेगी पर अभय उसी लिमिट को तोरने की थान चुका था जो आसान नही होने वाला था अभय आसा के बीच अभी जो है या चल रहा है उसमे आसा को कोई दिकत नही थी लेकिन आसा उसके आगे नही जा सकती थी यानी बाते करना बॉडी थोरा शो करना जितना आसा लास्ट अभय के लिये कर सकती थी

फिल्हाल ये आसा की सोच लिमिट थी आगे किया होगा किसने जाना है

आसा अभय को देख - तु बोल मे करूगी
अभय आसा की आखो मे देख - आपके दो बरे जितना हो सके देखना है
आसा शर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे अभय को देखती है फिर सीने से सारी हटा के अभय के सामने झुक जाती है अभय कि नजर अपनी मा के सीने पे जाती है जिसे देख अभय थम सा जाता है सासे दिल पलके सब कुछ कुछ पल के लिये आसा अभय को ऐसे बिना पलके झपकाये अपने दोनों दूध को देखता देख और शर्म से लाल हो जाती है

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आसा झुकी हुई थी अभय के सामने आसा के दोनों बरे दूध जैसे मुलायम नर्म चुचे लटके हुवे थे अभय होस मे आके अपनी मा के चुचे को गौर से देख - कितने बरे दूध जैसे गोरे है ये वही चुचे हो जिसे मेने मुह मे लेके चूस कर दूध पिया है मा आपने चुचे बहोत बरे खूबसूरत है

अपने बेटे की बात सुन आसा का शरीर झनझना जाता तेज सासे लेते हुवे आसा सारी अपने सीने पे रख खरी होके - उफ अब खुश
अभय आसा को बाहों मे लेके आखो मे देख - बहोत
आसा शर्म से नजरे नीचे कर - चल जा अब सो जा
अभय मुस्कुराते हुवे - आज तो सायद नींद हि ना आये
आसा और शर्मा जाती है

अभय जाते हुवे - मा सारी के ऊपर से गर्मी बहोत फिल हुई लेकिन नाइटी मे सब से जयदा गर्मी और वो फिल होता है मुझे आपका
ये केह अभय मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आ जाता है

लेकिन आसा बिस्तर पे बैठ तेज सासे चेहरे पे पसीने लिये - उफ मुझे लगा ही था लाला मेरे उपर लेत कर सोता है और मे अंदर कुछ नही पहनती तो साफ था लाला को सब अच्छे से फिल होता होगा

आसा बिस्तर पे लेत तकिया सीने पे रख बाहों मे भर छत को देखते हुवे - लाला इसके आगे मुझे जाने के लिये मत कहना नही तो पहली बार मुझे तुझे किसी चीज के लिये ना कहना होगा जो मे नही चाहती ऐसा पल आये

अभय अदिति के पास आके थोरा बात कर कमरे मे आके लेत छत को देखते हुवे मन मे - मा मुझे पता है आप एक. लिमिट के आगे नही जायेगी लेकिन जब मुझे एहसास हो चुका है आप मेरे लिये किया है मेरे दिल मे आपके लिये कैसी फीलिंग है तो मे आपको पा के रहुंगा मे हमारे बीच की दीवार तोर दुगा चाहे मुझे उसके लिये जो करना परे मे आपका दिल जीत कर रहुंगा

अभय आखे बंद कर सो जाता है

सुबह होती है अभय मिनीता के घर आता है कोमल अभय को देख मुह बना के - कमीना
अभय कोमल के पास जाके - किया कहा
कोमल अभय की आखो मे देख - कमीना कहा अब सुनाई दिया
अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - कमीनी
कोमल हैरान शोक अभय को देख - कुत्ते
अभय मुस्कुराते हुवे - कुतिया
कोमल और गुस्से मे लाल होके अभय के कोलर पकर गुस्से से - गधा लूचा
अभय कोमल के कमर मे हाथ डाल अपने से चिपका के कोमल के होठ पे उंगली फेरते हुवे - गढ़ी लुचि
कोमल अपने होठ पे अभय की उंगली फिर कर तेज सासे लेने लगती है अभय अपना होठ आगे ले जाने लगता है कोमल ये देख अपना होठ खोल देती है

गुस्सा सांत सब भूल दोनों एक दूसरे को बाहों मे लिये किस करना सुरु कर देते है कोमल अभय के होठ जिब चुस्टे हुवे मन मे - मुझे आदत होती जा रही है अभय मेरे पास आता है तो मेरे सरीर मे अंदर मे कुछ होने लगता है मेरे होठ अपने आप खुल गये कियु दिल रुक जाता है सासे तेज हो जाती है ये फीलिंग मे समझ नही पा रही

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अभय कोमल को किस करते हुवे मन मे - बहोत सॉफ्ट नर्म मिठा रस है कोमल का ये मेरा अगल एहसास है कोमल के साथ 2 मिनट तक दोनों एक दूसरे का रस अच्छे से पीते है फिर होठ अलग होते है

फिर वही कोमल शर्म से लाल जल्दी से चुल्हे के पास बैठ जाती है अभय ये देख मुस्कुरा देता है
कोमल मन मे - उफ मुझे इतना शर्म कियु आ रही है

तभी मिनीता कमरे से आते हुवे अभय को देख - अभय बेटा
अभय मिनीता को देख - ऑन्टी काजल बुआ नही दिख रही
मिनीता अभय के पास आके - ननद जी विजय पीछे है गाय के लिये घास काट रहे है
अभय मिनीता को देख - अच्छा
मिनीता अभय को देख सर्म से - कमरे मे चलो ना बैठ के बात करते है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा

दोनों कमरे मे जाते है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी दो दिन हो गये आपने जो कहा नही किया
मिनीता अभय को सर्म से देख - बेटा टाइम ही नही मिला
अभय मिनीता की जांघे पे हाथ रख - अभी है जल्दी से कर सकते है
मिनीता सर्म से नजरे नीचे कर - हु ठीक है
अभय भी बहोत खुश हो जाता है

अभय खरा हो जाता है और अपना पैंट खोलने लगता है मिनीता ये देख सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ आज पहली बार मे किसका लंड देखने वाली हु वो भी अपने भतीजे का उफ जो मेरे बेटे के उमर का है ये सोच मुझे अजीब फिल हो रहा है मेरी सासे दिल की धरकंन तेज हो रही है

अभय पैंट खोल अपना लंड निकाल मिनीता के सामने कर देता है जैसे ही मिनीता की नजर अभय के लंड पे जाती है मिनीता की सासे दिल थम सा जाता है पुरा सरीर झटके मार काप् जाता है
अभय मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे ऑन्टी

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मिनिगा होस् मे आती है और मुह खोले आके फ़ारे अभय का लंड देखते हुवे मन मे - नही ये कैसे हो सकता है अभय बेटे का लंड इतना बरा मोटा लम्बा कैसे हो सकता है विजय के पापा का लंड तो अभय बेटे के लंड के सामने बचा लग रहा है अब मुझे पहली बार मेने अपने पति के अलावा किसी का लंड देखा वो भी इतना बरा मोटा किसी के अंदर जायेगा तो छि छि मिनीता तु ये किया सोच रही है सर्म कर

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी टाइम नही है कोई भी आ सकता है
मिनीता अभय को देख सर्म से कापते हुवे - हा सही कहा
अभय मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी हाथ मे पकर हिलाओ ना
मिनीता अभय के लंड को कापते हुवे हाथ पे पकर देती है तभी मिनीता को बहोत गर्म फिल होता है

मिनीता अच्छे से गौर से अभय के लंड को देख हाथ से पकर मोटाई लम्बाई फिल करते हुवे मन मे - उफ बहोत गर्म मोटा है मे सोचे बगैर नही रे पा रही इतना मोटा लम्बा लंड दिशा बहु ने कैसे लिया होगा

अभय मिनीता के सर पे हाथ रख - हिलाओ ना
मिनीता अभय को देख फिर सर्म से अभय के लंड को पकरे हिलाने लगती है अभय मजे मे खोने लगता है अभय मिनीता को देख - उफ ऑन्टी आप अच्छा कर रही है उफ मजा आ रहा है आपके नर्म हाथो मे अपना लंड फिल कर उफ हिलाते रहिये

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मिनीता अभय की बात सुन मदहोस होने लगती है मिनीता लंड हिलाते हुवे मन मे - उफ पहली बार पति के अलावा अभय बेटे का मोटा लम्बा लंड हाथ मे पकर हिला रही हु ये फीलिंग एहसास अलग ही है और लंड की गर्मी उफ लंड का टोपा बहोत मोटा है आह मुझे सहा नही जा रहा है

अभय मिनीता को देख - ऑन्टी अब मुह मे लो ना
मिनीता अभय को सर्म से देख - बेटा वो मेने पहले कभी नही लिया मुह मे तो कैसे मे कर पाउंगी
अभय मिनीता को देख - ऑन्टी बस आइस्कृम की तरह मुह मे लेके चूसना है पहले आपको बहोत गंदा लगेगा उल्टी जैसा होगा लेकिन बाद मे मजा आयेगा
अभय की बात सुन मिनीता अभय के लंड को देखते हुवे मन मे - आज मे पहली बार मुह मे लंड लेने जा रही हु वो भी अभय बेटे का ये एहसास फीलिंग अलग ही है वो मे फिल कर पा रही हु

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मिनीता हिम्मत कर अपने जिब से अभय के लंड के टोपे को चाट के स्वाद लेती है तो मिनीता को बहोत गंदा उल्टी जैसा होने लगता है मिनीता नीचे थूकते हुवे मन मे - बहोत गंदा है उल्टी करने का मन कर रहा है
अभय मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी बोला तो था फिर कोसिस करिये बाद मे अच्छा लगेगा

मिनीता अभय को देखती है फिर लंड को देख - तुम कहते हो तो ठीक है वैसे भी मेने कहा था मे करूगी तो करना ही होगा

मिनीता हिम्मत कर फिर से अभय के लंड को जिब से चाटने लगती है मिनीता को बहोत गंदा स्वाद आ रहा था दिल उल्टी करने का कर रहा था लेकिन मिनीता हिम्मत कर चाटते रहती है अच्छे से अभय के लंड को अभय मिनीता को अपना लंड चाटते देख मजे की दुनिया मे खोने लगता है अभय मन मे उफ ये एहसास की मेरा लंड को ऑन्टी चाट रही है उफ मुझे जोस आ रहा हो उफ अपने लंड पे ऑन्टी के जिब फिल कर उफ ये मोमेंट ये पल बहोत खास खूबसूरत है मेरे लिये

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अभय जहा मिनीता के गीले खुरखुरे जिब को अपने लंड टोपे पे फिल कर मजे कि दुनिया मे खोता जा रहा था वही मिनीता को अब गंदा नही बल्कि नमकीन गर्म स्वाद मिलने लगता है जो मिनीता को मदहोस करने लगता है मिनीता को पहली बार लंड के स्वाद का मजा मिलने लगता है मिनीता को अब मजा आने लगता है मिनीता मन मे - ये किया पहले तो बहोत गंदा स्वाद आ रहा था लेकिन अब मजा आने लगा उफ अभय बेटे ने जैसा कहा वैसा ही हुआ

मिनीता को मजा आने लगा था तो मिनीता अब अभय के लंड को जितना हो सके मुह मे अंदर लेके चूसने लगती है अभय को अपने लंड पे मिनीता का जिब लार फिल कर आह उफ ऑन्टी अब आ रहा है असली मजा आह आप अब अच्छे से करने लगती है

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मिनीता लंड को चूस रस पीते हुवे मन मे - मे अच्छे से नही कर रही बल्कि मुझे मजा आ रहा है बेटा तेरे लंड का स्वाद मुझे बहोत अच्छा लग रहा है उफ इसी लिये जैसे भी कर रस पी रही हु आह इतना मजा आयेगा मुझे किसी के लंड को मुझे मे लेके चूस रस पीने मे पता नही था

दोनों मजे से खोये हुवे थे मिनीता मजे से लंड चूस रस पी रही थी अभय मिनीता के सर पकरे आनद मे खोया था 4 मिनट बाद मिनीता अपना लंड मुह से निकाल देती है लार की एक लकीर बन जाती है

अभय लंड पकर जोर जोर से हिलाते हुवे - ऑन्टी मुह खोलो
मिनीता मुह खोल जिब निकाल देती है अभय तेज तेज अपना लंड हिला के अपना सारा पानी मिनीता के मुह मे गिरा देता है कुछ बूंद मिनीता के चेहरे पे भी गिरता है मिनीता को मुह मे चेहरे पे ढेर सारा गर्म गर्म अभय का पानी फिल होता है

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मिनीता मुह बंद कर सारा पानी एक बार मे ही पुरा पी जाती है
मिनीता तेज सासे लेते हुवे मन मे - उफ अभय बेटे के लंड के पानी का स्वाद बहोत मजेदार था आह मजा आ गया पीके इतना मजा आता है इस सब मे आज पहली बार पता चला

अभय तेज सासे लेके - ऑन्टी लंड साफ कर दो
मिनीता लंड को पकर मजे से अंदर मुह मे लेके अभय का लंड चूस कर अच्छे से साफ कर देती है

अभय अपना पैंट पहन बैठ जाता है लेकिन मिनीता आईने के सामने जाके अपने चेहरे पे कई बूंद अभय के लंड के पानी को देखती है फिर अपने उंगली पे लेके चाट जाती है अभय सब देख मुस्कुरा देता है
मिनीता फिर कमरे से चेहरा साफ कर अभय के पास आके सर्म से नजरे किये बैठ जाती हैं

मिनीता मन मे - अब मुझे बहोत सर्म आ रही है लेकिन इस बात को मे नकार नही सकती मुझे बहोत मजा आया मुझे नया मजा मिला मुझे लंड चाटा जाता है लंड का पानी पिया जाता है उसका स्वाद जो अभी भी मेरे जिब मे है सब पता चला उफ बेटा तूने क्या करवा दिया

अभय मिनीता के चेहरे को पकर अपनी तरफ कर आखो मे देख - ऑन्टी कैसा लगा पहली बार लंड मुह मे लेके लंड का पानी पीके
मिनीता तेज सासे लेते हुवे सर्म से अभय को देख - बेटा बहोत मजा आया ये सब मेरे लिये नया पहली बार था लेकिन बहोत मस्त मस्त था पर ये लास्ट होगा

अभय मिनीता के होठ पे किस करते हुवे - आप जैसा कहे मेरे लिये आपने वो किया वही काफी है

तभी विजय काजल की आवाज मिनीता अभय को सुनाई देती है तो दोनों एक दूसरे को देखते है फिर बाहर आ जाते हैं


काजल अभय को देख - अच्छा तो अपनी ऑन्टी से बात करने मे लगे थे
अभय मुस्कुराते हुवे काजल के पास जाके - हा
काजल मुस्कुराते हुवे - किया बात हो रही थी
अभय - कोमल की सादी की
कोमल ये सुनते ही अभय को देख - बंदर मेरी सादी छोर अपनी सादी पे ध्यान दे
अभय मुस्कुराते हुवे - वो तो मे दे रहा हु
विजय - भाई
अभय विजय को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात हैं आज जल्दी उठ गये
काजल हस्ते हुवे - तुम गलत हो मेने उठाया तब जाके उठा है
मिनीता विजय के सर सेहलाते हुवे - हा नही तो मेरे बच्चा इतना जल्दी उठ जाये हो नही सकता

अभय मुस्कुराते हुवे - बात तो सही है अच्छा बुआ ऑन्टी विजय बंदरिया मे जा रहा हु

सभी - ठीक है

अभय फिर घर जाते हुवे मन मे मुस्कुराते हुवे - उफ यार बहोत मजा आया कसम से ऑन्टी के मुह मे लंड देख मे तो पागल हो रहा था ऑन्टी भी मजे से चूस रही थी उफ और मजे से मेरे लंड का पानी भी पी गई लेकिन अफसोस लास्ट था फिर भी कोई बात नही जितना मिले उतने मे खुश रहना चाहिये


अभय घर आता है मुह धो नहा के रेडी होके खाना खाता है फिर अभय अपनी मा से बैठ बाते करने लगता है अदिति अभय के गोद मे बैठी हुई थी और अभय अदिति को बाहों मे पकरे हुवे था

अभय आसा को देख - मा नया घर हमारा रेडी है सब का कमरा भी मेने सजा दिया है
आसा मुस्कुराते हुवे - मुझे यकीन है मेरे बेटे ने खुद अपने पसंद से कमरा सजाया है तो बहोत खूबसूरत होगा
अदिति - भाई मेरा कमरा अच्छे से सजाया है ना अगर मुझे पसंद नही आया तो मे आपके कमरे को ले लूगि
अभय हस्ते हुवे अदिति के गाल पकर - गुरिया तुझे जरूर पसंद आयेगा नही आया तो मे फिर चेंज कर दुगा
अदिति अभय की तरफ देख मुस्कुराते हुवे - ऐसा हो ही नही सकता मेरा भाई का दिया मुझे या मेरा भाई मेरे लिये कुछ पसंद करे और जो मुझे पसंद ना आये आपने दिल से मेरे लिये कमरा सजाया है तो मेरे किये वो सब से खास बन गया है
अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - मेरी गुरिया

तभी आसा का फोन बजता है आसा मुस्कुराते हुवे

आसा - हा बहु बोलो
दिशा - मम्मी जी आप कैसी है
आसा हस्ते हुवे - रोज फोन कर के पूछती हो और जो मे कहती हु बहोत अच्छी हु तुम बताओ समधन जी किया कर रही है
दिशा अपनी मा को देख - यही मेरे पास बैठी है
आसा - कैसी है आप समधन जी
तारा - जी मे बिल्कुल ठीक हु
आसा हस्ते हुवे - जयदा दिन नही है जल्दी ही फिर आपकी बेटी फिर हमारे घर आ जायेगी
दिशा सर्म से लाल होने लगती है
तारा मुस्कुराते हुवे - सच कहु तो मे उस दिन का बहोत बेसबरी से इंतज़ार कर रही हु की कब मेरी बेटी आपकी बहु बन आपके घर जाये जो एक स्वर्ग है मुझे पता है आप मेरी बेटी को अपनी बेटी की तरह ही मानती प्यार करती है तो मुझे किया ही दर दुख होगा
आसा - बिल्कुल दिशा मेरी बेटी ही है उसकी जैसी प्यार बहु मिलना किस्मत की बात है
दिशा सब सुन बहोत खुश और इमोसनल हो जाती है दिशा को पता था आसा सच मे उसे बेटी की तरह ही बहोत प्यार करती है

पूजा भी वही बैठी थी पूजा दिशा के कंधे पे हाथ रख मुस्कुराते हुवे - दीदी जल्दी ही आप फिर वही चली जायेगी उन लोगो के पास जो आपको बहोत प्यार करते है आप किस्मत वाली है
दिशा पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - हु

तभी अभय मुस्कुराते हुवे - अरे मे भी बहोत प्यार करता हु आपकी बेटी से सासु मा
तारा हस्ते हुवे - हा दामाद जी मुझे पता है आप कितना प्यार करते है
दिशा तो सब सुन सर्म से लाल हो जाती है
अदिति - और नही तो किया मे भी भाभी से बहोत प्यार करती हु कियु भाभी सही कहा ना
दिशा मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल आप भी मुझसे बहोत प्यार करती है मे भी आपसे बहोत प्यार करती हु

पूजा - अरे भाई कोई मेरी बात कियु नही कर रहा सब मुझे भूल हि जाते है
आसा हस्ते हुवे - ये तो गलत हुआ कैसे आपको कोई भूल सकता है
पूजा - आपने सही कहा लेकिन भूल जाते है
अभय हस्ते हुवे - साली जी मे तो बहोत याद करता हु आपको
पूजा मुह बना के - गंदे जीजा आप बहोत बुरे है आपसे बात नही करनी मुझे
आयन - अरे मे सोच रहा था किसी दिन अपनी प्यारी साली जी को कही घुमाने ले जाऊ लेकिन अब लगता है

तभी पूजा जल्दी से- मेरे प्यारे जीजा जी आप बहोत अच्छे है आप तो दुनिया मे सब से अच्छे इंसान है

पूजा को यू बदलता देख बाते सुन सब जोर जोर से हसने लगते है

आसा - समधन जी नया घर रेडी है सीधा बहु अपना कदम नये घर मे ही रखेगी
तारा हरानी से - अच्छा
आसा - हा मेने भी अभी तक नया घर नही देखा लेकिन जैसा भी होगा यकीन है बहोत अच्छा होगा
तारा - समधन जी मेरी बेटी आप सब के साथ है तो कही भी खुशी से रह लेगी
पूजा - जीजा जी बताइये ना नया घर कैसा हो कितना बरा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सरप्राइज है साली जी
पूजा - अच्छा ये बात है
दिशा मन मे - नया घर मे यकीन से केह सकती हु बहोत बरा सानदार होगा लेकिन मुझे तो आपके साथ रहना है पति जी चाहे आप मुझे कही भी अपने साथ रखे रह लूगि
अभय मुस्कुराते हुवे - साली जी वैसे भी आप जान कर किया करेगी आपको थोरि रहना है
पूजा मुह बना के - हा हा पता है
सब के बीच बहोत सारी बाते होती रहती है

अभय बैठा मन मे - सब को घुमाने लेके गया लेकिन मा को घुमाने ले जाने के लिये मुहरत का इंतज़ार कर रहा हु लालत है खुद पे मुझे तो रोज मा को घुमाने ले जाना चाहिये था लेकिन मे कर किया रहा हु मुहरत अच्छे दिन का इंतज़ार

अभय अपनी मा को देख - मेरी मा बाहर घूमने नही गई बस शोपिंग पे गई थी मुझे खुद पे सर्म आ रही है कैसा बेटा हु मे

आसा अभय को देख मुस्कुराते प्यार से देखती है बाते करती है फिर फोन कट हो जाता है

अभय आसा को देख - मा साम को रेडी रहना मे आपको घुमाने लेके जाउंगा
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - चलो मेरा नंबर तो आया
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हु आप मा को लेके जाओ जिस दिन मुझे घूमने जाना होगा मे खुद आपको बोल दुगी

अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - हा ठीक है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Bahot badhiya shaandar update
Nimita ne bhi choos kar Abhaybki malayi ka maza le lia pee kar
Ab aasha ka nambar h ghoomne jaane ka dekhte h kia hota ha
 
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Naik

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chapter 43

अभय आता है मधु के घर अभय जब अंदर जाता है तो मधु बर्तन साफ कर रही थी अभय मधु को देखता है मधु को पता नही था उसका भाई पीछे खरा है अभय की नजर नीचे मधु के गांड पे जाती है

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मधु जो झुक के बर्तन साफ कर रही थी मधु की गांड पीछे बाहर निकले हुवे थे उपर से लेग्गिंगस् मधु के गांड जांघे से पूरी चिपकी हुई थी जिसकी वजह से साफ पता चल रहा था मधु की गांड जांघे कितने मोटे बरे है

अभय - किया बात है मेरी गुरिया बर्तन साफ करने मे लगी हुई है
अभय की आवाज सुन मधु जल्दी से पीछे देखती है अभय को देख मधु हाथ धोके जल्दी से जाके अभय के गले लगते हुवे - भाई आप आ गये

अभय मधु को बाहों मे भरते हुवे - मे भला अपनी गुरिया को कैसे भूल सकता हु

अभय मधु के चेहरे को पकर आखो मे देख - मेरी गुरिया तुझे जब भी देखता हु तुम मुझे और भी खूबसूरत लगती हो
मधु सर्म से अभय की आखो मे देख - भाई आपको ऐसा लगता है

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अभय मधु के होठ पे उंगली फेरते हुवे - हा और ये तेरे गुलाबी होठ जिसे देख मेरी प्यास और बढ़ जाती है
अभय की बात मधु की सासे तेज कर देती है मधु मदहोस होने लगती है अभय की बात मधु को नया एहसास फीलिंग मे लेते जा रहा था

मधु के लिये अभय की बाते छूने का एहसास सब नया था अभय पहला लरका था जो मधु से ऐसी बाते करता है या मधु को बाहों मे लेता है और किस भी करता है मधु हर नये एहसास हो पहली बार अभय के जरिये फिल कर रही थी

मधु अभय एक दूसरे की आखो मे देख खोये हुवे थे देखते ही देखते दोनों दोनों के होठ आपस मे मिल जाते है दोनों एक दूसरे को बाहों मे लिये किस करते हुवे रस पीना सुरु कर देते है जब भी अभय मधु को किस करता मधु मदहोस हो जाती और एक एहसास मे खो जाती अभय भी मधु के नर्म गर्म होठ का रस पीके एक अजीब पर सुकून वाले एहसास मे चला जाता दोनों सब भूल एक दूसरे के होठ का रस पीने मे खो जाते ये पल दोनों के लिये बहोत खास बन जाता

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मधु अभय के होठ का रस पीते हुवे मन मे - हर बार भाई के होठ का रस पीती हु एक सुकून वाली फिल आती है अब तो मे इंतज़ार करने लगी हु कब भाई आयेगे और मेने गुलाबी होठ का रस पियेगे और मे उनके होठो का रस मेरे लिये ये समझना मुश्किल है ये एहसास फीलिंग को लेकिन मे इतना तो जान गई मुझे सुकून मिलता है जब मेरा भाई मुझे बाहों मे लेके प्यारी बाते किस करता है तो 2 मिनट बाद

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दोनों के होठ अगल होते है मधु सर्म से अभय को देखती है अभय मधु को देखता फिर अभय मधु के गर्दन पे किस करने लगता है अपने भाई को इस तरह गर्दन मे किस करता देख फिल कर मधु बहोत तेज कामुक् सिसकिया लेते हुवे मचल उठती है एक नया एहसास फिल कर मधु फिर मदहोस होने लगती है

अभय किस करना बंद कर मधु को देखता है मधु तेज सासे लिये जा रही रही थी अभय मधु के कान मे धीरे से - गुरिया जब तुम बैठी बर्तन साफ कर रही थी तो पीछे से कमाल लग रही थी

अभय की बात समझते हुवे मधु के शरीर मे सिहरन डोर जाते है मधु मदहोस होके अभय को देख सर्म से - भाई ऐसी बाते मत करो सर्म आती है

मधु मन मे - उफ भाई की बातें मुझे पागल कर देती है

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा तुम बर्तन साफ कर लो मे मा से मिलने जा रहा हु और हा सादी के कुछ दिन पहले मे आऊगा लेने फिर वही रहना है समझ गई

मधु खुशी से अभय के गले लग - भाई मुझे भी आपके साथ रहना है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बाबा वैसे उस दिन के बाद से तुम्हे मेने
मधु बीच मे ही अभय के सीने पे प्यार से मारते हुवे - बेसर्म प्यारा भाई
अभय हस्ते हुवे - अच्छा मे जा रहा हु

अभय जाने लगता है मधु अपने होठ गर्दन को छुटे हुवे मन मे -उफ ये कैसा एहसास फीलिंग है

अभय सिला के पास आता है सिला अभय को देख खुश होके गले लगा के - बेरा बच्चा तुझे देख दिल खुश हो जाता है
अभय सिला को बाहों मे कस - मुझे भी मेरी प्यारी हॉट मा
सिला अभय को देख - मेरा बच्चा जल्दी ही मेरी बहु लेके आयेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हा और आपको जल्दी ही दादी बना दुगा
सिला शर्मा के - बसर्म वैसे बात तो सही है मुझे दादी जल्दी बना देना ताकि मे अपनी पोता पोती को खेला सकु
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मा

अभय सिला के गाल होठ पे हाथ फेरने लगता है सिला के शरीर मे सिहरन उठने लगती है सासे तेज होने लगती है सिला भी एक ऐसी औरत थी जिसे ये सब एहसास नया था इस तरह होठ गाल चुना

अभय सिला के होठ छुटे हुवे - बहोत मुलायम है
सिला सर्म से नजरे नीचे किये - तु ही है जो हर बार मेरे होठ खूबसूरती की तारीफ करता है तेरे पापा तो मेरे उपर ध्यान दी नही देते

अभय सिला के कमर पकर अपने सरीर से चिपका के आखो मे देख - मे किस लिये हु आपका बेटा आपकी तारीफ करता रहेगा कियुंकी मेरी मा उस लायक है बहोत खूबसूरत सेक्सी
अभय की बात सिला को मदहोस कर देती है सिला मचल उठती है सिला अभय की आखो मे देख - मुझे खुशी है मेरा बेटा मेरी खूबसूरती का दीवाना है
अभय सिला के कान मे धीरे से - सही कहा मे आपकी खूबसूरती का आपका दीवाना हु मा कियुंकी आप बहोत कमाल की है
सिला मदहोस वाली आवाज मे - अच्छा
अभय सिला के होठ को देख - ये गुलाबी होठ का रस मा सिर्फ मेरा है मे ही पियुगा आपके होठ का रस
सिला मदहोसी वाली आवाज मे अभय को देख - जरूर मेरा बेटा ही मेरा होठ का रस पियेगा
दोनों सांत एक दूसरे को देखने लगते है फिर दोनों के होठ एक दूसरे के पास आके जुर् जाते है सिला एकदम से कई खो जाती है दोनों एक दूसरे के होठो का रस पीने मे लग जाते है

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सिला एक औरत जिसे किस किया होता है किस करने का एहसास किया होता है प्यार भरी बाते किया होती है नही पता था लेकिन अभय ने सिला को एहसास करवाया सिला के लिये सब अजीब सुकून भरा पल होता था सिला कई बार सवाल करती खुद से - ये किस करने मे इतना मजा कियु आता है अभय की बाते उसका बाहों मे लेना छूना तारीफ उसे मदहोस कियु कर देती है पर कोई जवाब नही मिलता था

2 मिनट बाद सिला तेज सासे लेते हुवे नजरे नीचे किये मन मे - किस करना होठ का रस चूस कर पीना मेने सोचा नही था ऐसा कुछ करने मे इतना मजा सुकून मिलता है

अभय - मा अब मे जा रहा हु लेकिन आपके होठ का रस का स्वाद मेरे मुह मे रहेगा

अभय जाने लगता है लेकिन अभय की बात सिला को सर्म से लाल कर देती है

सिला सर्म से - बता नही मेरा बेटा कैसी बाते हरकते करता है लेकिन मे उसकी बातो मे हरकतों मे सब मे खो जाती हु


अभय घर आ रहा था लेकिन किसी का फोन आता है तो अभय निकल परता है

साम 4 बजे

अभय घर आता है और अपनी मा से मिलता है

अभय आसा को देख - मा रेडी हो जाइये हम जाने वाले है
आसा खुश होके - ठीक है

अभय भी रेडी होने लगता है

आसा रेडी होते हुवे मन मे - आज मेरा बेटा मे अकेले वक़्त गुजरेगे मे बहोत खुश हु मेरा बेटा मुझे घुमाने ले जा रहा है

अभय रेडी हो चुका था अदिति अभय के पास आके - भाई मा को खुद मजे करवाना अच्छे से घुमाना मा ने बहोत दुख झेला है

अभय अदिति के गाल सेहलाते हुवे - जानता हु गुरिया चिंता मत कर मा को बहोत अच्छी जगह लेके जा रहा हु जहा मा को बहोत मजा आयेगा

अदिति मुस्कुराते हुवे - मुझे यकीन है अपने भाई पे

अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है लेकिन अंदर जो सीन देखता है अभय वही रुक जाता है आसा उपर से नंगी थी नीचे सिर्फ पेटीकोट था अभय अपनी मा की चिकनी पीठ देखता रह जाता है

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किस्मत से आसा जिस तरह आगे चेहरा करके खरी थी अभय को दूध जैसे उजले चिकने पीठ के अलावा कुछ दिखाई नही दे रहा था
आसा को भी अभय के होने का एहसास हो जाता है लेकिन आसा अंजान बने रहती है लेकिन आसा की सासे तेज जरूर हो जाती है

आसा बिकनी उठा के अपने बरे चुचे अंदर कर पीछे से हुक लगाने लगती है अभय खरा सब देख रहा था अभय धीरे से आगे बढ़ने लगता है आसा को एहसास होता है उसका बेटा उसके पास आ जाता है तो आसा मदहोस होके तेज सासे लेके लगती है

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अभय आसा के पास आके पीछे खरा होके दोनों हुक पकर लगाने लगता है आसा बरी मुश्किल से सासे दिल थामे सांत खरी रहती है पर एक बात थी आसा खुश थी अभय के हुक लगाने से

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अभय हुक लगा देता है तो आसा ब्लाउस उठा के पहनने लगती है जिसमे अभय भी हेल्फ करता है ये पल मोमेंट दोनों के लिये बहोत अजीब लेकिन मदहोस कर देने वाला था
अभय धीरे से - मा आप सच मे हुस्न की परी है
आसा अपने बेटे की तारीफ सुन पानी पानी हो जाती है

अभय फिर बैठ जाता है आसा सर्म से आगे चेहरा किये सारी पहनने लगती है ठोरी देर बाद आसा रेडी होके अभय के सामने आके अभय को देख - कैसी लग रही हु मे लाला

अभय उपर से नीचे तक आसा को देखता है लाल सारी ब्लाउस मे आसा बहोत खूबसूरत लग रही थी अभय फिर आसा के सीने को देखता है फिर नीचे कमर गहरी ढोरी को देखता है

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अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - हर बार की तरह आप बहोत खूबसूरत सेक्सी हॉट कयामत लग रही है मा
आसा अपनी बैक दिखाते हुवे अभय को देख - पीछे से

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अभय अपनी का के बैक देखता है दूध जैसे पीठ कमर बाहर निकली बरी गांड पीछे से भी आसा कयामत लग रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - मेने कहा था ना मा आप आगे पीछे दोनों मे बहोत खूबसूरत कयामत लगती है अभी भी लग रही है

आसा खुश होके अभय को देख - अच्छा
अभय - हा लेकिन ये आप कमर ढोरी दिखा रही है किया ऐसे हि बाहर जाना है तो मुझे नही जाना

आसा मुस्कुराते हुवे मन मे - अरे पागल तुझे दिखाने के लिये मेने सारी हटा दी थी अच्छा मेरा लाल नही चाहता मुझे कोई इस तरह देखे उफ मेरा लाला भी ना

आसा सीना कमर अच्छे से सारी से धक अभय को देख - अब ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा अब ठीक है

अभय - अरे हा एक सारी और ले लेना
आसा हैरान कंफ्यूज मे अभय को देख - कियु
अभय मुस्कुराते हुवे - बस ले लीजिये
आसा भी जयदा सवाल ना कर एक सारी रख लेती है फिर अभय आसा बाहर आते है

अदिति आसा अभय को देख - मा बहोत मजा करना भाई मा को खूब मजे करवाना ताकि मा इस आज के पल आपके साथ बिताये भूल ना पाये
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल गुरिया
आसा अदिति को प्यार से - बेटा घर का ख्याल रखना
अदिति - मा आप चिंता मत करो और सब भूल भाई के साथ मजे करना
आसा हस्ते हुवे - ठीक है बेटा
अभय बाइक पे बैठ जाता है आसा पीछे बैठ एक हाथ से अभय के कमर पकर लेती है

अभय - गुरिया जा रहा हु
अदिति - जी भाई

अभय अपनी मा को लेके निकल परता है अदिति जाते देख - भाई मा मजे करना

आसा बैठी बाहर के नजारे को देख मजे लेने लगती आसा मन मे - बेटे के साथ अकेले घूमने जाना उफ मुझे बहोत अच्छा लग रहा है लेकिन मेरा बेटा मुझे कहा लेके जा रहा है

40 मिनट बाद

अभय बाइक साइड लगा के नीचे उतर जाता है आसा भी लेकिन आसा अभय को देख - बेटा मेरे आखो पे पट्टी कियु बंधी है

हा अभय अपने जगह पे आने से पहले आसा के आखो पे पट्टी बांध दिया था कियुंकी अभय अपनी मा को सरप्राइज देना चाहता था

अभय आसा के हाथ पकर ले जाते हुवे - बस मा आपको ठोरी देर मे पता चल जायेगा
आसा चलते हुवे - ठीक है बेटा

अभय अपनी मा को कुछ मिनट चलते हुवे एक जगह पे लेके आता है आसा को झर झर की मधुर आवाज सुनाई दे रही थी आस पास बाकी किसी इंसान की आवाज नही सुनाई दे रही थी


अभय आसा पे पीछे जाके - मा आप रेडी है
आसा बेचैनी से - हा बेटा जल्दी खोल ना मे देखना चाहती हु
अभय ठीक है मा

अभय आसा के आखो से पट्टी हटा देता है आखो अपनी आखो से सामने देखती है तो सामने का सीन देख देखती रह जाती है आसा के मुह से कोई शब्द नही निकल पा रहे थे

सामने का सीन था ही ऐसा की कोई पहली बार देखे तो उसमे खो जाये अभय ने पहले से ही इसकी तैयारी कर के रखी थी

सीन ये था खूबसूरत वाटरफाल पहारो से झरने गिर रहे थे उसी के पास अभय ने दो कुर्सी टेबल लगवाया था उसके आस पास चारों तरफ अभय फुल से सजाया केंडल जलाया हुआ था साथ मे फुल से लव भी लिखा हुआ था एक खूबसूरत जगह पे इतनी अच्छे से अभय ने जगह को सजाया था की खूबसूरती मे चार चाँद लग गये थे

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अभय आसा के कमर पीछे से पकर अपनी मा से पुरा चिपक कर प्यार से - मा कैसा लगा अपने बेटे का सरप्राइज आज हम केंडल लाइट डिनर करेगे बोलिये करेगी अपने बेटे के साथ
अभय होस मे आते खूबसूरत नजारे और अभय ने जिस तरह सब सजाया था देख आसा इमोसनल हो जाती है आसा के खुशी का कोई ठिकाना नही था आसा आज हद से जायदा खुश थी

आसा अभय के पीछे देख गाल सेहलाते हुवे - मेरे लाला का सरप्राइज मुझे बहोत खूबसूरत अच्छा लगा लाला आज मे बहोत खुश हु पहली बार मे इतनी खूबसूरत जगह देख रही हु और पहली बार मे अपने बेटे के साथ केंडल लाइट डिनर करूगी

अभय आसा के उंगली पकर - तो चलिये
अभय आसा को प्यार से टेबल के पास ले जाता है अभय आसा को दिल जहा बना था खरा कर अपनी मा के सामने घुटने पे बैठ अपनी मा के एक हाथ पकर आसा को प्यार से देख

अभय - मा मे दुनिया का सबसे किस्मत वाला बेटा हु जो आप न मुझे जन्म दिया प्यार संस्कार दिये आपने पापा के जाने के बाद बहोत दर्द सहा तकलीफ सही लेकिन हमारे पालन पोसन् प्यार मे कोई कमी आने नही थी मा मे आपका ये कर्ज किसी जन्म मे भी उतार नही पाऊगा लेकिन आपके लाल का आपसे वादा है आपको मे हमेसा हर खुशी का ख्याल रखुंगा मे हर वो सब करुगा ताकि मेरी मा के चेहरे पे खूबसूरत प्यार इस्मैल् देख सकु और अगर सच मे मुझे फिर कोई जन्म मिलता है तो मे चाहुंगा की मे आपके कोख से हि पैदा हु आप ही मेरी मा रहे मे आपका बेटा ही बन पैदा हु ( मा आई लव यू) आप मेरे लिये सब कुछ है

अभय भी इमोसानल हो चुका था आखो से आसु निकल आये था आसा का भी सेम था

आसा अभय को उठा के बाहों मे भर रोते हुवे - तु भी मेरे लिये सब कुछ है मेरा दिल मेरी जान है तु मेरे लाल मेरे जीने का सहारा मेरी आखो का तारा तुही तो है
अभय भी अपनी मा को कस के बाहों मे भर लेता है 2 मिनट बाद

अभय आसा के आसु साफ करते हुवे मुस्कुराते हाथ पकर एक कुर्सी पे प्यार से आराम से अपनी मा को बैठा देता है फिर अभय अपनी खुर्सी पे बैठ जाता है अभय फिर एक गुलाब का फूल निकाल आसा को देते हुवे - मेरी खूबसूरत प्यारी मा के लिये आपके लाला की तरफ से ये खूबसूरत गुलाब प्लेस कबूल करे
आसा सर्म से लाल चेहरा किये मुस्कुराते हुवे अभय के हाथ से गुलाब का फूल लेते हुवे अभय को प्यार से देख - मेरे लाला का ये दिया गुलाब मे खुशी खुशी कबूल करती हु

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आसा अभय दोनों एक दूसरे को देखते है फिर खूबसूरत नजारे को अच्छे से देख फिल कर सुकून लेते है और बाते करने लगते है
अभय आसा को देख - मा खूबसूरत जगह है ना
आसा अभय को देख - सच मे बहोत खूबसूरत जगह है ये पहारो के ऊपर से गिरते पानी चारों तरह बरे खूबसूरत पेर के नीचे बेहता पानी मेने सोचा नही था मेरा लाल मुझे इतनी खूबसूरत जगह लेके आयेगा
अभय - खास इंसान जो मेरी मा है उन्हें कैसे मे ऐसे हि किसी बेकार जगह ले जाता ये जगह बहोत खूबसूरत है लेकिन मेरी मा के खूबसूरती के आगे कुछ नही है
आसा अभय की बात सुन अभय को देख सर्म से - तू भी ना लाला

अभय आसा के पास खाना रखते हुवे - मा खाइये और खूबसूरत नजारे का आनंद लीजिये
आसा मुस्कुराते हुवे - हु
अभय फिर गलास मे डिरिनक् निकालता हो जिसे देख आसा गुस्से से अभय को देख - लाला तुम सराब कब से पीने लगे
अभय डरते हुवे - वो मा ये बियर है दूसरी मे कुछ बार दोस्त के साथ पी चुका हु
आसा घुस के देखते हुवे - अच्छा सच केह रहा है
अभय डरते हुवे - मा इतने दिन मे मुझे नशे मे देखा है
आसा -हु बात तो सही है लेकिन मेने पहले कभी बियर नही पी
अभय मुस्कुराते हुवे - मा इतनी खूबसूरत जगह पे डिनर कर रहे है सराब नही पिया तो मजा नही आयेगा
आसा - ठीक है चलेगा

आसा डिनर करने लगती है खाने मे सब था
अभय - मा कैसा लगा खाना
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सच मे बहोत स्वादिस् है
अभय ग्लास आके कर - मा हो जाये
आसा ग्लास लेके - हा हो जाये

आसा अभय ग्लास टकराते है फिर पीने लगते है आसा को बहोत करवी लगती है लेकिन जैसे तैसे पी जाती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - कैसा लगा मा
आसा अजीब मुह बना के - उफ करवा था लेकिन मजा आया

अभय आसा डिनर करते हुवे बहोत सारी बाते करते रहते है साथ मे खूबसूरत नजरे का खाने सराब का मजा भी लेते रहते है

आसा अभय को देख मन मे - सच मे लाला ने मुझे हैरान कर दिया मेने तो दूर तक नही सोचा था मेरा लाला मुझे इतनी खूबसूरत जगह पे लेके आयेगा मे आज बहोत खुश हु ये पल मोमेंट मे कभी भी भूल नही पाउंगी

40 मिनट बाद

आसा अभय डिनर कर चुके थे आसा थोरे नशे मे थी पहली बार जो पिया था

आसा अभय को देख -बेटा मजा आ गया आज का ये दिन मे कभी नही भुलुगी
अभय आसा को देख - मा मे भी

अभय - मा अब नहाने चले
आसा हरानी से अभय को देख - क्या इसी लिये तूने एक सारी लेके को बोला
अभय मुस्कुराते हुवे - हा कियु आप झरने के पानी से नहाना नही चाहती
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - इतने अच्छे मोक्के को कैसे जाने दे सकती हु चलो चले

अभय आसा झरने के पास आते है उचे पाहरो से झरने बेह रहे थे बहोत ही खूबसूरत नजारा था आस पास सिर्फ बरे पथर् छोटे पथर ही थे

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अभय - मा बहोत खूबसूरत है ना
आसा - हा बहोत खूबसूरत है

अभय आसा को देख - मा यहा आये है तो तो चार फोटो लेना बनाता है आपका कियु किया कहती है
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है
अभय - सेक्सी पोस् देना वो भी आप खुद करेगी अपने अंदाज मे
आसा सर्म से - ठीक है

आसा कुछ सोचती है फिर आस पास चारों तरफ देखती है तो आसा को बरे चट्टान दिखाई देते है तो आसा को किया करना है समझ मे आ जाता है आसा चट्टान के पास आके अभय को देख सर्म से - रेडी
अभय दिल थामे - हा

आसा पहले सारी सीने से हटा के अपने कमर मे बांध लेती है फिर एक पथर् के बैठ जाती है अपने बरे मुलायम गांड रख के अपनी एक टांग आगे छोटे पथर् मे रख दूसरा हाथ दूसरे जांघे पे रख अपने बेटे को कातिल निगाहों से देखती है
आसा के लाल ब्लाउस मे कसे दोनों बरे उजले चुचे आधे दिख रही है दूध जैसी कमर आधे टांगे उफ आसा की बॉडी सच मे दूध जैसी उजली गोरी थी और जिस तरह पोस् मे अदा से बैठी थी कयामत लग रही थी

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अभय अपने दिल पे हाथ रख बिना पलके झपकाये मा को देखता ही रह जाता है अभय को ऐसा लग रहा था की उसकी का की कातिल निगाहें कई तीर छोर उसके दिल पे वार कर रही है अभय सच मे घायल हो गया था अपनी मा को इस रूप अदा मे पोस् मे देख
आसा अभय की हालत देख बहोत खुश थी आसा को मजा आ रहा था अभय की हालत देख कर

आसा - बेटा फोटो
अभय होस मे आके - हा हा लेता हु
आसा बरी मुश्किल से हसी रोकती है
अभय फोटो ले लेता है
अभय आसा को देख - हो गया

आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है अब दूसरा

आसा फिर आगे देखती है और एक जगह जाती है वहा बरे पथर् थे खरे दीवार की तरह

आसा पास खरी होके एक हाथ पथर् पे रख दाहिना पैर के घुटने आगे कर अपने बाल को अदा से कान के पीछे करते हुवे प्यार से अभय को देख - बेटा कैसा है मे इस पोस् मे कैसी लग रही हु

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super deduper
अभय अपनी मा के ब्लाउस मे कसे चुचे दूध जैसी कमर और पीछे गांड की उभार को देखते हुवे मदहोस होके -कयामत हॉट सेक्सी हुन्स की परी सब आपके आगे फेल है
आसा सर्म से लाल हो जाती है लेकिन बेटे की तारीफ सुन खुश भी हो जाती है
अभय एक फोटो ले लेता है

आसा सर्म से - चले अब नहाने
अभय आसा को देख - हु

अभय की हालत तो पूरी खराब थी बेचारा बोल भी नही पा रहा था आसा को पता था सब और आसा बहोत खुश थी अभय की हालत खराब कर के

आसा पानी मे जाने लगती है तभी अभय - मा सारी मे ही नहाओगी
आसा अभय को देख - हा
अभय दुखी होके - धत तेरी

आसा अभय के चेहरे को देख समझ जाती है

आसा मन मे - माफ करना बेटा मे उपर बिकनी तो पेहन आई लेकिन नीचे कुछ नही पहना है मे भूल गई मुझे पता है तू मुझे बिकनी चड्डी मे देखने का आस लगाये है लेकिन फिर कभी मोक्का मिला तो तेरी ये इक्छा पूरी कर डुगी

आसा अभय पानी मे आते है अभय मा - पानी बहोत साफ ठंडा है ना
आसा अभय को देख -हा

अभय आसा नहाने लगते है अभय आसा को देखता रहता है

तभी आसा पानी मे अंदर चली जाती है अभय देखता रहता है कुछ सकेंद् बाद आसा एकदम फिल्मी हीरोइन की तरह पानी से बहार निकाल के आती है आसा के काले बाल हवा मे लहराते हुवे बाहर आते है सीन बहोत खूबसूरत कामुक् जोस उरा देने वाला था

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अभय तो जम हि जाता है आज अभय की हालत खराब हो चुकी थी बेचारा बस देखता रहता है दिल थामे
अभय अपनी मा को देख मन मे - सच मे हर बार की तरह मेरी मा ने मुझे अपनी अदा से ख्याल कर दिया

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तभी आसा अभय की तरफ देख - बेटा किया हुआ मुझे ऐसे कियु देख रहा है आसा के गीले बाल चेहरे पे पानी की टपकती बुदे कातिल आखे उफ अभय फिर ख्याल हो जाता है
अभय कापते हुवे आसा को देख - बस अपनी खूबसूरत मा को देख रहा हु
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा
आसा जानती थी या कहे आसा सब जान बुझ कर रही थी वो इस लिये कियुंकी अभय ने जो बिकनी चड्डी मे देखना चाहता था देख नही पाया तो आसा उसका बुकतान् इस तरह कर रही थी


आसा नहाने का मजा लेके लगती है लेकिन अभय सब भूल अपनी मा को देखता रहता है आसा फिर चट्टान के पास आके जिस तरह छोटे पथर् पे अपने बरे गांड को टेका लगा दोनों चटान् से टेका लगा के दोनों गोरे टांगे फैला के बैठती है अभय का लंड कई झटके मारने लग जाता है सीन ऐसा था की अभय के लिये सेहन करना मुश्किल हो रहा था

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आसा की दूध जैसी पीठ के बीच ब्लाउस का लाल पटाँ चिकनी कमर गोरी टांगे सारी उपर तक थी तो मोटी जांघे साफ उफ आसा ने किया ही पोस् मारा था आसा अभय की हालत देख मुस्कुरा देती है


आसा फिर अभय के पास आके - बेटा नहा भी ले हर वक़्त मुझे हि देखता रहेगा

अभय आसा को देख - मेरे सामने हुस्न की परी है तो कैसे मे नहाने पे ध्यान दे पाऊगा
आसा सर्म से लाल हो जाती है अंदर ही अंदर बहोत खुश भी थी

अभय आसा के पास आता है और बाहों मे कस लेता है अभय अपना लंड आसा के चुत पे सता देता है और अपना सीना अपनी मा के सीने पे ताकि अच्छे से अपनी मा की चुत की गर्मी और बरे चुचे को फिल कर सके अभय आसा की आखो मे देखता है आसा अभय की

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आसा अच्छे से अभय के लंड को अपनी चुत पे फिल कर पा रही थी और अपने दोनों चुके अपने बेटे के सीने पे दबे हुवे थी आसा जानती थी उसका बेटा किया कर रहा है अभय आसा की आखो मे देख - मा किया आज मे आपके होठ का रस पी सकता हु
आसा अभय की आखो मे देख - हु

इजाज़त मिलते ही अभय अपनी मा के होठ मुह मे लेके चूसने लगता है आसा भी खुल के अपने बेटे का साथ देती दोनों मा बेटे सब भूल एक दूसरे के जिब मुह मे लेके चूसने लगते है रस पीने लगते है

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आसा मन मे - ये दूसरी बार है जब मेरा बेटा मेरे होठ का रस पी रहा है उफ फिर से वो पहला एहसास जाग गया मेरा बेटा कैसे मेरी जिब को लार को मजे से चूस कर पी रहा है उफ मे मदहोस ना हो जाऊ मे पागल ना हो जाऊ होठ का रस पीना गीली किस जो मेरा बेटा केहता है उफ मुझे ये एहसास फीलिंग सुकून दे रही है मुझे बहोत अच्छा लग रहा है 2 मिनट बाद

अभय आसा के पीछे जाके अपने दोनों हाथ आगे कर आसा के कमर कमर पीछे से सत् खरा हो जाता है आसा भी अपने के हाथ दोनों हाथो से थाम देती है अभय अपना लंड आसा की गांड मे घिसने लगता है आसा काप् जाती है अपने बेटे का लंड फिल कर लेकिन आसा कुछ नही बोलती बस तेज सासे लेते हुवे सिसक् परती है
अभय चड्डी मे था और लंड पुरा टाइट खरा था अभय थोरा जोर लगाता है तो अभय का लंड सारी के साथ आसा की बरी गांड के बीच दरार मे घुस जाता है आसा अपनी गांड के दरार मे बेटे का लंड फिल कर काप् जाती है सरीर मे सिहरन डोर जाती है सासे तेज दिल जोर से धक धक करने लगता है आसा होठ दात से दबा लेती है मुठी कस जाती है पानी मे भी आसा अपने बेटे के लंड की गर्मी फिल अच्छे से कर पा रही थी अभय भी गांड की गर्मी फिल कर पा रहा था

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अभय की हालत खराब थी पहली बार अभय ने अपनी मा के साथ इतना आगे कुछ किया था पर अभय जोस मे था होस मे नही था
अभय अपना लंड धीरे से आगे पीछे करने लगता है आसा अपने गांड के दरार मे अपने बेटे का मोटा लंड फिल कर पा रही थी आसा होस खोने लगती है तभी आसा - नही

आसा अभय को - बेटा
अभय होस मे आके जल्दी से आसा को छोर पीछे हट जाता है

आसा अंजान बनते मुस्कुराते हुवे अभय को देख - चले बेटा अब
अभय भी होस मे आ गया था - जी मा


आसा अभय पानी से बाहर आते है आसा सारी लेके पथर् के पीछे चेंज करने चली जाती है अभय भी कपड़े चेंज करने लगता है

आसा पथर् के पीछे पूरी नंगी खरी सारी पहने हुवे मन मे - माफ करना बेटा मे तेरे लिये जितना कर सकती थी मेने किया लेकिन उसके आगे ये सब नही कर सकती ना तुम्हे करने दे सकती हु
आसा ने आगे जाने का कभी सपने मे नही सोचा था लेकिन जितना सोचा था अपने बेटे को करने देती है या अभय के लिये करती है

लेकिन अपने आप को उस जगह जहा एक बेटा हाथ नही लगा सकता छु नही सकता आसा अभय को बिल्कुल भी करने नही देगी

अभय की एक सीमा थी जो आसा ने बनाई थी अभय आसा के ऊपर लेत सकता है हर अंग को फिल कर सकता है बाते कर सकता है आसा चाहे तो किस कर सकता है लेकिन कुछ करना जैसे उस अंग को छुना सेहलाना वो एक बेटे मा के बीच नही होना चाहिये नही आसा ये करने नही दे सकती थी

पर आसा कियु अपने बेटे को पूरी तरह से नही रोक रही कियु अपने बेटे के लिये पोस् देती है मस्ती करने देती है अपने उपर लेटने देती है यानी जितना अभय आसा के बीच हो रहा है

वजह बहोत बरी थी वजह ये थी सुरु से अभय आसा का रिस्ता ऐसा ही रहा अभय बरा होता गया आसा को पता भी नही चला कब अभय बरा हो गया और उसके बीच का रिस्ता थोरा आगे चला गया लेकिन जब आसा को समझ आया मा बेटे आगे थोरा आ गये है तब तक बहोत देर हो चुकी थी ना अब आसा अभय को रोक सकती थी ना आसा खुद अभय उसके बीच अभी तब जो चल रहा था उसके बगैर रह सकती थी आसा को पता था अभय को भी अच्छा नही लगेगा यही एक वजह थी आसा पूरी तरह नॉर्मल मा बेटे जैसा रहने के लिये अभय को ना केह सकती थी ना रोक सकती थी ना आसा खुद रह पायेगी

इसी लिये आसा ने एक दीवार बनाई अभी तक जितना हो रहा है होने देगी लेकिन उसके आगे ना खुद जायेगी ना अभय को जाने देगी

हा आसा अभय से बहोत बहोत जयादा प्यार करती है जरूरत परी तो जान भी दे सकती है किसी का ले भी सकती है अभय के लिये लेकिन यहा बात अलग थी

( फिल्हाल ये अभी तक आसा की सोच थी अभय के लिये )

आसा रेडी होके आती है अभय भी रेडी था

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा मजा आया ना आप खुश तो है
आसा अभय के चेहरे को प्यार से देख किस करते हुवे - बहोत खुश हु बेटा बता नही सकती तुम्हारा सुक्रिया बेटा इतनी खूबसूरत जगह पे लाने के किये यहा बिताये तेरे साथ हर एक पल मेरी याद मे जिंदा रहेगा मे कभी भूल नही पाउंगी
अभय - आपको अच्छा लगा ये जान मुझे भी बहोत खुशी हुई


अभय आसा घर निकल परते है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
Bahot behtareen shaandar update
Bahot badhiya surprise dia Abhay ne apni maa ko
 
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chapter 41

अभय आसा के पास जाके आसा को बाहों मे लेके आखो मे देख - आज मेरी मा अपने लाला को कैसे दीवाना बनायेगी

आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - हु तू तो पहले से ही मेरा दीवाना है
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल हु अपनी मा का दीवाना
आसा सर्म से - तो आज कैसा पोस् मे देखना चाहता है अपनी मा को
अभय आसा के होठ पे उंगली फेरते हुवे - आज आप खुद पोस् दे मे देखना चाहता हु मे मेरी मा कैसे पोस् दिखाती है मुझे
आसा तेज सासे लेते हुवे अभय की आखो मे देख - ठीक है

अभय पीछे हट खरा हो जाता है आसा अभय को सर्म से देखती है फिर बिस्तर पे सिरे पे पोस् मे बैठ जाती है

अभय अपनी मा को इस तरह पोस् मे देख पागल होने लगता है अभय अपनी मा की हुस्न अदा देख घायल होने लगता है

आसा अपने चेहरे उपर किये हुई थी सिने से सारी नीचे गिरी हुई थी ब्लाउस मे कसे दोनों चुचे आधे दिख रहे थे लेकिन सबसे जयादा अभय की नजर यहा थी वो थी आसा की मोटी दूध जैसी जांघे जो साफ तोर पे पुरा दिख रहा था कियुंकी आसा ने अपनी सारी अपनी चुत तक उठा रखी थी कसम से इस बार तो आसा बम लग रही थी

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अभय पीना पलके झपकाये अपनी मा की मोटी दूध जैसी जांघे को देखते हुवे मन मे - उफ मा आपकी मोटी जांघे कितनी मोटी दूध जैसी गोरी है दिल कर रहा है हाथ से छूने का जिब से चाटने का उफ मा आपने फिर एक बार मुझे अपने हुस्न अदा से घायल कर दिया है

आसा सर्म से मन मे - उफ मेने अपनी सारी उपर तक उठा रखी है सीने भी खुले है उफ अब मुझे सर्म आ रही है ( आसा अभय को देखते हुवे) उफ लाला कैसे मेरी गोरी जांघे को देख रहा है आह उफ मेरा दिल जोर से धक धक कर रहा है

अभय आसा के पास जाने लगता है आसा अभय को अपनी तरफ आते देख तेज सासे लेते अभय को सर्म से देखती रहती है अभय आसा के पास आके आसा को बिस्तर पे लेता देता है आसा बस सर्म से अभय को देखती रहती है अभय अपनी मा को देखता है


अभय आसा के पास जाके पेट पे हाथ रख झुक कर आसा के भरे पेट को चूमने लगता है आसा कसमसाने लगती तेज सिसकिया लेने लगती है आसा बिस्तर कस के पकर लेती है आसा के भरे दूध जैसे कमर मे कमरबंद बहोत खूबसूरत कामुक् लग रहा था सीन किसी के भी पसीने पानी निकाल देने के लिया काफी था

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अभय बड़े मजे से प्यार से अपनी मा की गोरी भरी पेट को चूमता रहता है आसा मचल रही होती है आह उफ सिसकिया लेते रहती है आसा के सिसकिया मचलना आह उफ मा करना अभय को और जोस दिला रहा था अभय अपनी मा के पेट को चूमते हुवे सोच रहा था मेरी मा का पेट कितना मुलायम नर्म गर्म है उस चूमने मे चाटने मे मजा आ रहा है वही आसा अपने पेट मे अपने बेटे के गीले होठ फिल कर तरप् रही थी आहे भर सिसकिया लेते मचल रही थी

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अभय पेट को चूमते हुवे आसा को देखता है फिर अपना होठ आसा के होठ से सता के किस करने लगता है आसा भी अभय को पकर किस करने लगती है दोनों गीली किस करते है 1 मिनट तक

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अभय फिर आसा के पैर के पास आके आसा की सारी उतना लगता है आसा ये देख काप् जाती है तेज सासे दिल थम सा जाता है अभय सारी उपर तक उठा देता है और आसा की गोरी जांघे फिर अभय के सामने आ जाती है अभय उफ मेरी मा की मोटी दूध जैसी जांघे कितनी खूबसूरत है उफ मा के सामने कोई टिक नही सकता

अभय बिना देरी किये अपनी मा की एक तांगे पकर गोरी मोटी जांघे को चूमने चाटने लगता है और एक हाथ से अपनी मा के कमर पकर सेहलाने लगता है आसा इस हमले से पागल होके आह उफ मा ईस करते बिस्तर पे मछली की तरह छतपटाने लगती है

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वही अभय अपनी मा की मोटी जांघे चूमते चाटने हुवे मन मे -उफ मा आपकी कितनी मुलायम गोरी जांघे है आह चाटने मे मजा आ रहा है उफ मा आप हुस्न की परी है ( आसा आह सिसकिया लेते मन मे - उफ बेटा मत कर आह मुझे सहा नही जा रहा आह उफ बस रुक जा आह ये कैसा एहसास डीलिंग मिल रही है मुझे अभय फिर आसा की सारी और उपर करने लगता है

तभी आसा अभय के हाथ पकर - रुक जा
अभय होस मे आता है असल मे अभय होस मे नही था अपनी मा की मोटी गोरी जांघे भरा बदन देखने के बाद ही अभय होस खो बैठा था
आसा अगर अभय को नही रोकती तो आसा की मखमली फूली गर्म चुत अभय के सामने आ जाती

आसा बिस्तर पे तेज तेज सासे लिये जा रही थी आसा सारी नीचे कर अपने जांघे धक लेती है और अपने सीने पे भी सारी डाल अभय को देखती है अभय आसा के पास आके नजरे नीचे कर बैठ जाता

अभय नजरे नीचे किये - सोर्री मा
आसा अभय के चेहरे को प्यार से सेहलाते हुवे आखो देख - लाला मुझे गुदगुदी हो रही थी इस लिये रोका तु उदास कियु होता है

अभय आसा को देख खुश होके - सच
आसा मुस्कुराते हुवे - हु
अभय आसा की आखो मे देख - मा मे तो आपके हुस्न मे खो गया था आपकी दूध जैसे बदन मोटी जांघे चूमने चाटने मे मजा आ रहा था
अपने बेटे की बात सुन आसा की सासे फिर से तेज होने लगती है
आसा सर्म से अभय को प्यार से गाल पे मारते हुवे - मा के साथ कैसी कैसी हरकते बाते करता सर्म कर
अभय हस्ते हुवे - आप केह रही है तो सर्म कर लुगा
अभय की बात सुन आसा जोर जोर से हसने लगती है
आसा हस्ते हुवे - तु भी ना लाला तेरी बाते करते मुझे हसने पे मजबूर कर देती है
अभय आसा के कान मे धीरे से - मा बस अपने लाला को ऐसे ही प्यार देते रहना आपके साथ आपके जिस्म के साथ जब तक थोरा खेलता नही मुझे सुकून नही मिलता
आसा सर्म से धीरे से - मुझे भी लाला मेरे जिस्म अंग को तेरी आदत पर गई है जब तक तु मेरे जिस्म से खेलता छुटा नही मुझे भी सुकून नही मिलता
अभय धीरे से - सच
आसा - कसम से लाला

अभय आसा की होठ पे हल्का किस कर - गुड नाईट मा
आसा अभय के होठो पे किस कर - गुड नाईट लाला

अभय फिर कमरे से बाहर आके अदिति के कमरे मे जाने लगता है

वही आसा बिस्तर पे लेती अभी भी अपने जांघे पेट मे अपने बेटे के गर्म लार को फिल कर सुकून से मुस्कुराते हुवे आखे बंद कर सो जाती है

अदिति दिशा से बिस्तर पे लेते बात कर रही थी

अदिति - भाभी भइया का किसी और के साथ चक्कर चल रहा है

अभय जो कमरे मे जा रहा था ये सुन रुक छुप कर सुनने लगता है

दिशा गुस्से से - किया किसके साथ कोन है वो कमीने जिसने मेरे पति मे डोरे डाले है
अदिति मुस्कुराते हुवे - पता नही कोन है लेकिन भाई उससे मिलने जाते है हर दिन

दिशा - किया इसका मतलब वे खुद लरकी के पीछे परे है
अदिति - हा भाभी
दिशा रोने लगती है दिशा रोते हुवे - हाय हाय अब मेरा किया होगा वो कैसे मेरे पीठ पीछे किसी डाइन से चक्कर चला सकते है ( दिशा गुस्से से ) मे उनको कोरुगी जान ले लूगि और अपना भी

अभय अदिति के पास आके अदिति के कान पकर - ये किया झूठी कहानी सुना रही है अपनी भाभी को

अदिति हैरान डर के अभय को देख दर्द मे - भाई
दिशा - आ गये धोकेबाज़ कही के
अभय अदिति को देख - तुमने रायता फैलाया है जल्दी साफ करो
अदिति डरते हुवे - जी

अदिति फिर दिशा को सच बता देती है
अभय बिस्तर पे बैठ अदिति को गोद मे बैठा के - हा तो कोन धोकेबाज़ की बात कर रही थी
दिशा - वो मे किसी की नही आपने गलत सुना
दिशा मन मे - ननद जी मे तो मुझे फसा दिया
अदिति हस्ते हुवे - माफ करना भाभी मे तो बस मजाक कर रही थी
दिशा - आपको पता भी है मेरा दिल रो दिया था
अदिति - सोर्री भाभी
दिशा हस्ते हुवे - ननद जी माफी मत मांगिये आपके भाई बहोत हैंडसम है कई लरकिया आयेगी लेकिन मुझे उनसे कोई लेना देना नही मुझे तो आपके भाई की बीवी बन उसकी बाहों मे पूरी जिंदगी उसके साथ गुजरानी है
अदिति हस्ते हुवे - वाह भाभी मान गई आपको
अभय - मे भी हु मुझसे भी बात कर लो यार
दिशा मुह फुला के - आपसे कियु बात करू मुझे अपनी प्यारी ननद सी बात करनी है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी ठीक है फिर करो बात
अभय अदिति को गोद से नीचे उतार अदिति के होठ पे किस कर - गुड नाइट गुरिया
अदिति - भाई आप जा रहे है बात तो कर लीजिये
अभय जाते हुवे - मेरी बीवी मुझसे बात नही कम चाहती तो मे किया करू

अभय अपने कमरे मे आ जाता है

अदिति बिस्तर पे लेत - भाभी अपने भाई को नाराज कर दिया
दिशा हस्ते हुवे - आप चिंता मत कीजिये मे मना लूगि
अदिति हस्ते हुवे - समझ गई भाभी वैसे भइया बिना दिन कैसे गुजरता हैं
दिशा - किया बताऊ ननद जी आपके भाई बिना हर दिन बहोत मुश्किल से गुजरता है
अदिति हस्ते हुवे - बस कुछ दिन और फिर आप मेरे भइया के बाहों मे होगी
दिशा सर्म से - आप भी ना

अभय बिस्तर पे लेत अपनी सादी को लेके कैसे किया करना है सोचने लगता है

तभी अभय का फोन बजता है अभय मुस्कुराते हुवे - कोन हो तुम
दिशा माफ़ी मांगते हुवे - सोर्री ना मेने तो बस मस्ती की पति जी
अभय मुस्कुराते हुवे - वाह अब पति जी उस समय कियु बात करू केह रही थी ना
दिशा - आपके बात कर दिल खुश रहता है दिन गुजरने मे लम्बी नही लगती पति जी आप मेरे सब कुछ है आपने बिना जीने मे बारे मे सोचना भी नही चाहती
अभय - बस करो मे भी मजाक कर रहा था
दिशा मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू पति जी
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू 2

5 मिनट दिशा अभय मे बाते होने के बाद फोन कट

अभय बिस्तर पे लेते छत को देख - हु आगे किया

तभी ममता का फोन आता है

अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी आपको याद किया आपका फोन आ गया ममता हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय - हा खाना पीना हो गया और मेरी प्यारी भतीजी कैसी है
ममता मुस्कुराते हुवे - खाना हो गया आपकी प्यारी भतीजी दूध पीके सो गई है
अभय - अच्छा भाई
ममता - भाई भी
अभय - आज भी प्यार नही किया
ममता - हु
अभय - कहा है आप
ममता - पीछे
अभय मुस्कुराते हुवे - किया पहना है आपने
ममता मुस्कुराते हुवे - जान के किया करेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - प्लेस
ममता - नाइटी
अभय मुस्कुराते हुवे - अंदर मे
ममता सर्म से - छि गंदे देवर जी
अभय हस्ते हुवे - प्लेस
ममता सर्म से धीरे से - बिकनी चड्डी पहना है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा मुझे लगा
ममता - छि छि सिर्फ गंदी बाते ही आपके दिमाग मे रहती है
अभय हस्ते हुवे - आपको देखा तब से
ममता - वो कियु भला
अभय - कियुंकी आप बहोत खूबसूरत सेक्सी है भाभी
ममता सर्म से लाल होते हुवे - देवर जी
अभय - भाभी किया आप बिकनी मे एक फोटो भेज सकते है प्लेस
ममता हैरान सोक में - किया बिल्कुल नही
अभय - सोर्री
ममता - देवर जी गुड नाइट

फोन कट

अभय सर पकर - फिर गलत कर बैठा

तभी अभय को नोटिफिकेसन की आवाज सुनाई देती है अभय फोन लेके देखता है तो तो whatsaap नोटिफिकेसन था अभय tap करता है तो हैरान सोक हो जाता है

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ममता ने रेड बिकनी मे फोटो भेजी थी ममता के दोनों चुचे मुश्किल से कैद था आधे उजले चुचे साफ दिख रहे थे ममता के दोनों बरे चुचे बिकनी मे कैद देख अभय का लंड टाइट होके झटके मारने लगता है

एक मैसेज भी था अभय पढ़ता है तो लिखा था

ममता - देवर जी किसी को दिखाना मत फिर से गुड नाइट
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी भी ना


सुबह होती है आसा रेडी होके अभय को जगाने जाती है अभय उठ अपनी मा को प्यार से देख - गुड मोर्निंग करता है
आसा भी मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग करती है

अभय फिर अदिति को जगाता है गुड मोर्निंग गुरिया
अदिति अभय को मुस्कुराते हुवे देख - गुड मोनिंग भाई

अभय फिर हल्का होने जाता हो जोगिग कर मिनीता के घर आता है

घर पे आसा के बारे मे सोच रही थी
आसा मन में - रोज की तरह लाला ने मुझे बाहों मे नही लिया मेरी तारीफ नही की कियुंकी मेने रुका इस लिये अच्छा नही लग रहा दिल मन उदास है लेकिन कुछ दिन बाद नॉर्मल हो जायेगा

अभय अंदर आता है कोमल अभय को देख अभय के पास आके - आ गया बंदर
अभय बिना देरी किये कोमल को बाहों मे लेके आखो मे देख - हु मे बंदर तु मेरी बंदरिया
कोमल अभय की बात सुन बहोत शर्मा जाती है
अभय और बाहों मे कोमल को कस लेता है कोमल आह करती है अभय कोमल के चुचे चुत की गर्मी फिल कर पा रहा था
अभय कोमल के होठ पे उंगली फेरते हुवे - कल बहोत मजा आया था तेरे गुलाबी होठ का रस पीके आज भी पिला दे
कोमल अभय को देख सर्म से - हिम्मत है तो पीले
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी ये लो

अभय कोमल के होठ पे टूट परता है होठ मुह मे लेके चूसने लगता है कोमल काप् जाती है सरीर मे तूफान उठने लगता है कोमल अलग मजे की दुनिया मे खोने लगती है कोमल अभय को बाहों मे लेके अभय का साथ देते हुवे किस करने लगती हो फिर दोनों एक दूसरे के होठ मुह में लेके चूस पीने लगते है

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कोमल मन मे - मेने कियु कहा हिम्मत है तो किस कर ले जबकि मुझे पता था बंदर कर लेगा किया में चाहती थी अभय मुझे किस करे उफ मुझे ये फीलिंग कैसी आ रही है मुझे मजा आ रहा है उफ दिल किस करते रहने को कर रहा है अभय मेरे जिब को मजे से चूस रहा है आह मुझे बहोत अच्छा फिल हो रहा है उफ अभय तूने ये किया कर डाला

2 मिनट बात कोमल अभय के पेट मे घुसा मारते हुवे - कमीना
कोमल फिर सर्म से खाना बनाने बैठ जाती है
अभय दर्द मे पेट पकर - बाप रे जोर से लगी

अभय पेट पकरे - ऑन्टी कहा है
कोमल बिना देखे - पीछे गाय को घास खिला रही है
अभय - बुआ कहा है

तभी पीछे से काजल आते हुवे - यहा है तेरी बुआ
अभय पीछे काजल को देखता है काजल अभय को देख सर्म से लाल होने लगती है
अभय काजल के पास आके धीरे से - कमरे मे चले
काजल अभय की बात सुन काप् जाती है - हु
दोनों कमरे मे जाते है अभय काजल को बाहों मे लेके गांड दबाते हुवे आखो मे देख - रात तो अच्छे से नींद आई
काजल सिसकिया लेते हुवे अभय को सर्म से देख - आह उफ हा आई
अभय काजल के चुत को सारी के ऊपर से दबाते हुवे - उफ बुआ फिर डाल दु
काजल कापते हुवे जांघे सता के - उफ बेटा अभी नही आह प्लेस
अभय काजल की चुत से हाथ हटाते हुवे - हु लेकिन अभी किया करे
काजल सर्म से धीरे से - कुछ नही कियुंकी अभी कोमल भाभी विजय है
अभय काजल के होठ पे किस करते हुवे - ठीक है
तभी मिनीता आगन मे आती है काजल अभय बाहर आते है मिनीता अभय को देख - अभय बेटा
अभय मिनीता के पास जाके होठ पे किस करते हुवे - और कोन होगा
मिनीता सर्म से - बात तो सही है

अभय काजल मिनीता को देख - हा तो मे चलता हु
काजल - अरे इतनी जल्दी
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ ऑन्टी मे सुबह यहा आप. दोनों के खूबसूरत चेहरे देखने और किस के लिये आता हु देख लिया किस भी मिल गया तो जा रहा हु

काजल मिनीता हस्ते हुवे - अच्छा वो तो हमे पता है
कोमल अभय को देख - ओये यहा कोई और भी है जिसका खूबसूरत चेहरा है लगता है तुझे दिखाई नही दिया
अभय कोमल को देख - मुझे दिखाई देता है बंदरिया यहा सिर्फ ऑन्टी बुआ खूबसूरत है समझ गई
कोमल गुस्से से - मे खूबसूरत नही हु
अभय हस्ते हुवे - बिल्कुल नही तु तो बंदरिया है
कोमल गुस्से से लाल अभय को मरने जाती है लेकिन अभय भाग जाता है

कोमल गुस्से से - कमीना कुता
काजल हस्ते हुवे - गुस्सा मत कर तु बहोत खूबसूरत है मा भाभी की तरह वो तो तेरे से मस्ती कर रहा था

मिनीता हस्ते हुवे कोमल के चेहरे को पकर प्यार से देख - मेरी बेटी मेरी तरह बहोत खूबसूरत है
कोमल मिनीता को देख - मा लेकिन वो बंदर को मे खूबसूरत नही लगती
मिनीता हस्ते हुवे - अरे पागल मस्ती करता है तेरे से अब जा खाना बना
कोमल मन मे - हु तारीफ करने मे किया जाता है उसका

अभय घर आता है नहाता है फिर बाइक लेके मधु के घर आता है.

अभय मधु को बाहों मे लिये - गुरिया
मधु अभय को देख - भाई
अभय - गुरिया जिब बाहर निकाल ना रस पीना है
मधु सर्म से लाल होके अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय जिब मुह मे लेके चूसने लगता है मधु काप् जाती है अभय को कस के पकर लेती है अभय मजे से मधु के जिब चूसने लगता है

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मधु भी रोक नही पाती और अभय के जिब मुह मे लेके चूसने लगती है मधु मन मे - उफ हर बार भाई जब मुझे किस करते है मेरे जिब को मुह मे लेके चुस्टे है उफ सुकून मिल जाता है बहोत अच्छा लगता है मुझे भाई जितना पीना है पिलो अपनी गुरिया के होठ का रस उफ

2 मिनट बाद मधु के होठ लार से सने गिले थे अभय का भी
मधु सर्म से नजरे नीचे किये थी अभय मधु को देख - गुरिया बहोत मीठा था रोज की तरह
मधु सर्म से अभय को देख - भाई

अभय - गुरिया मे चलता हु
मधु - जी भाई

अभय सिला से खेत मे मिल फिर अपने ठिकाने मे जाता है सारा काम सब कैसा चल रहा है देख घर आके कमरे मे बिस्तर पे लेत सो जाता है

साम 3 बजे ( उदय बंगलो )

जगमोहन अपनी बीवी भारती के साथ उदय के बंगलो आता है असल मे ये उदय के प्लान का पहला स्टेप था आरोही की मा की चुत मारने का

भारती आना नही चाहती थी कियुंकी सादी से पहले अपने दामाद के मिलने जाना उपर से उसकी उमर से बरे दामाद से तो भारती को अजीब लग रहा था इस लिये मना करती रही लेकिन जगमोहन ने भारती को बताया अब वो अमीर है तो लाइफ इस्टाइल् चेज करे खुल के लाइफ जिये अमीर लोगो मे सब नॉर्मल है

जगमोहन भारती को अच्छे से समझाता है और फिर जाके भारती राजी होती है

जगमोहन भारती अंदर जाते है उदय हॉल मे खाने पीने की तैयारी कर बैठा हुआ था जगमोहन भारती को देख उदय जाके पैर छुटा है भारती को अजीब लग रहा था उसका दामाद उसकी उमर से बरा था लेकिन बेटी के आगे भारती झुक गई थी

उदय प्यार से - सासु ससुर जी बैठिये था

भारती जगमोहन बैठ जाते है उदय दोनों के सामने बैठ जाता है

उदय भारती को देख - सासु मा आपको अजीब लग रहा होगा लेकिन अब आप अमीर है तो गरीब लाइफ रीति रिवाज भूल जाइये और मजे से लाइफ जिये मुझे ससुर जी ने बताया है आपने बहोत मुश्किल झेली है आरोही साले जी को परवरिस घर मे लाइफ मे लेकिन अब आराम से लाइफ जिये आपका दामाद हमेसा आपके साथ है

उदय की बातो का जादू भारती पे चल जाता है भारती को भी अब अच्छा फिल होने लगता है भारती मन मे - कितने अच्छे दामाद है मेरी कितनी फिकर कर रहे है

जगमोहन तो बस आराम से सब देख रहा था उसे अच्छे से पता था उदय उसका दामाद किया कर रहा है

भारती उदय को देख - अपने सही कहा अब मे खुल के जियुगी
उदय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात

उदय पैक बनाता है और जगमोहन का देता है फिर भारती को भी
भारती हैरान होके उदय को देख - दामाद जी मे नही पीती
उदय - सासु मा पता है लेकिन अब पीना सुरु कर दीजिये
भारती - नही बिल्कुल नही आप लोग पिये
उदय भारती को देख - सासु मा एक बार ट्राई करे यकीन माने जिंदगी का मजा इसी मे है
जगमोहन - भारती दामाद जी केह रहे है तो उनका मान रख पिलो ना
भारती गहरी सास लेते हुवे - ठीक है
भारती ग्लास ले लेती है फिर तीनों ग्लास टकराने के बाद पीने लगते है भारती जब एक घुट पीती है तो बहोत करवा लगता है लेकिन हिम्मत कर जैसे तैसे पी जाती है

उदय सब मुस्कुराते देख रहा था

भारती पीने के बाद ग्लास नीचे रख देती है भारती ने अजीब चेहरा बनाया हुआ था कियुंकी मुह करवा हो गया था

उदय भारती को चखना देते हुवे - सासु जी ये लीजिये
भारती चखने को खाती है तब जाके भारती को अच्छा फिल होता है
उदय - करवा था ना
भारती सर्म से - हु
पहली बार भारती ने सराब पिया था नसा चढ़ने लगता है भारती को पहली बार नशे का एहसास होता है

उदय एक एक और पैक बना के जगमोहन को देता है और भारती को

भारती थोरा नशे मे - नही दामाद जी बस
उदय - प्लेस सासु जी ये लास्ट है
भारती ग्लास लेके - ठीक है
फिर भारती दूसरा ग्लास एक बार मे पी जाती है और जल्दी से चखना उठा के खाने लगती है

उदय भारती के बदन चुचे को देखते हुवे - सासु जी आप कमाल है सच मे मुझे लगा आप पी नही पायेगी लेकिन आपने तो मुझे हैरान कर दिया मान गये मेरी सासु जी बहोत मजबूत है

उदय की बाते तारीफ सुन भारती का सीना चौरा हो जाता है भारती को अपनी तारीफ बहोत अच्छी लगती है लेकिन भारती फिर उदय के बातो के जाल मे फस चुकी थी

भारती सर्म से नशे मे - दामाद जी आप भी ना बेकार मे मेरी झूठी तारीफ कर रहे है
उदय - बिल्कुल नही सच कहा मेने आप सच मे कमाल है

उदय जो जैसा चाहता था वैसा हो रहा था

30 मिनट बाद

जगमोहन - अच्छा दामाद जी हम चलते है
उदय - जी ( उदय भारती को देख) सासु जी अपने दामाद के साथ वक़्त बिता कर कैसा लगा
भारती उदय को देख थोरा नशे मे - बहोत अच्छा लगा दामाद जी
उदय मुस्कुराते हुवे - तो फिर आयेगी ना
भारती - हा जरूर आउंगी

जगमोहन फिर भारती के साथ बाहर जाने लगता लगता है उदय भारती की हिलती बरी गांड देखते हुवे - उफ सासु जी जल्दी ही आपकी चुत अच्छे से मारुंगा

जगमोहन भारती गारी मे बैठ जाते है
जगमोहन भारती को देख - मजा आया आज
भारती जगमोहन को देख - हु मजा तो बहोत आया
जगमोहन मन मे - अच्छा है तेरी चुत दामाद जी को मिल जायेगी मुझे मेरी बेटी आरोही की चुत जबसे अपनी बेटी की चुत देखती है मेरा चैन उर गया है

रात 9 बजे )

काजल कोमल अभय के घर आते है रोज की तरह वही विजय घर पे रिया से कमरे मे बिस्तर पे लेत बाते करने मे लगा था

विजय - मेरे भाई की सादी है आओगी ना
रिया - आपका भाई भी है
विजय - नही लेकिन मेरे भाई से बढ़ कर है
रिया -अच्छा अगर आप केह रहे है तो जरूर आउंगी - सर्म से
विजय - खुशी हुई सुन कर
रिया सर्म से - वो कल साम आयेगे
विजय मुस्कुराते हुवे - हा स्कूल के बाहर खरा रहुंगा
रिया खुशी से सर्म से - हु

अभय के घर


अभय अपनी मा की गोद मे बैठे काजल को देख - बुआ ऑन्टी कियु नही आई

काजल अभय को देख - बेटा आज भाई थके हुवे थे तो भाभी रुक गई
अभय - अच्छा
आसा अभय को बाहों मे लिये बैठी हुई थी
काजल अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - भाभी आपका लाला छोटे बच्चे की आपके गोद मे बैठा हुआ है
आसा अभय को देख प्यार से सर सेहलाते हुवे - भले ही अब लाला बरा हो गया है लेकिन एक मा के बच्चे ही रहेगे
काजल -हु आप सही है

अभय उठ कर - मे जा रहा हु आप दोनों बात करो

अभय कमरे मे आके दिशा से बात करने लगता है

अदिति कोमल )

अदिति - दीदी आपको पता है भाभी के आने के बाद भइया हमे कैम्पिंग करने ले जाने वाले है एक महीने के लिये सब से दूर पहारो मे जहा खूबसूरत नजारे झरने होगे मे तो सोच कर की बहोत इकसैटेट् हु जाने के लिये बहोत मजा आने वाला है एक महीने

कोमल अदिति को देख हैरान - किया वो बंदर ने मुझे इस बारे मे कुछ कहा ही नही
अदिति हस्ते हुवे - सायद इस लिये कियुंकी आप भाई को बंदर कहती है
कोमल अदिति के कान पकर - अच्छा और तेरा भाई मुझे बंदरिया केहता है उसका किया
अदिति - आह दीदी कान छोरो दर्द होता है
कोमल कान छोर - हु इतना बरा प्लान घूमने का बनाया है मुझे पता हि नही मे तो जाउंगी
अदिति कोमल को देख - सब जायेंगे आप ऑन्टी बुआ मधु छोटी मा भाभी पूजा सासु जी सब भाई एक बरा सिलिपिंग बस लाने वाले है जिसके हम सोते हुवे मजे से जायेंगे
कोमल खुश होके - यार तब तो बहोत मजा आने वाला है अब तो मुझे भी उस दिन का इंतज़ार रहेगा
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा मुझे भी है

25 मिनट बाद काजल बात कर अभय के कमरे मे आती है आसा अपने कमरे मे चली जाती है

अभय काजल को देख जल्दी से बिस्तर पे लेता के ऊपर आ जाता है
काजल सर्म से अभय को देख - बेटा
अभय काजल को देख - बुआ आपकी गर्म फूली चुत का का नसा मुझे हो गया है रहा नही जाता
काजल सर्म से तेज सासे लेके - बेटा
अभय काजल को देख - बुआ कहा से सुरु करू आप खुद बताये
काजल सर्म से लाल - वो

अभय काजल के ऊपर से हट जाता है काजल अभय को देख सर्म से सारी उपर कर टांगे फैला के अपनी चुत अभय के सामने कर देती है और शर्म से नजरे फेर मन मे - उफ ऐसा तो मेने अपने पति के साथ भी नही किया लेकिन अभय बेटे ने चुत चाटा तो मुझे बहोत मजा आया इस लिये अभी मुझे चुत चटवाने का बहोत मन हो उफ मुझे बहोत सर्म आ रही है ये सब कर के

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अभय काजल की नंगी मोटी उजले जांघे उसके बीच फूली गर्म चुत को देख पागल होने लगता है अभय मन मे - उफ मोटी उजले जांघे के बीच फूली गर्म चुत देखने मे कमाल की लग रही है
काजल टांगे फैलाये सर्म से अभय को देख मन मे - उफ ये सोच एक लरका मेरा दीवाना है मेरी हर अंग का आह जो मेरा भतीजा है उफ मेरा जोस बढ़ते जाता है

अभय आगे बढ़ काजल की चुत के पास बैठ चुत के फाके फैला के जिब अंदर घुसा के चाटने लगता है काजल जोर से सिसकिया लेते हुवे बिस्तर पकर आह उफ करने लगती है ( काजल मन मे - उफ आह यही यही चाहिये था मुझे आह अपनी चुत पे अभय बेटे का जिब फिल कर आह सुकून मिला अभय बेटा चाट अच्छे से अपनी बुआ की चुत

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अभय काजल के गर्म चुत मे अंदर जिब डाल चूस कर रस पी रहा था साथ मे काजल की चुत को पुरा मुह मे लेके भी चूस रहा था
अभय मन मे - आह कितनी गर्म नर्म चुत है बुआ की और रस का कोई जवाब नही उफ मजा आ रहा है रस पीने मे इस उमर मे औरत की बॉडी बहोत खूबसूरत भरी हो जाती है चुत भी फुल के रोटी बन जाती है आह किस्मत वाला हु जो मुझे बुआ मिली ( 2 मिनट बाद काजल बिस्तर पकर दात् से होठ दबाते हुवे गांड कमर उठा के आह मा करते झर जाती है

अभय बुआ को देखता काजल तेज तेज सासे लिये हाफ रही थी
अभय अपना लंड निकाल - बुआ
काजल अभय का लंड देख सर्म से अभय के पास आके बैठ अभय को देख फिर लंड मुह मे लेके मजे से चूस कर रस पीने लगती है
काजल मन मे - उफ किसने सोचा था चुत चटवाने मे लंड चूसने मे इतना मजा आता है अगर अभय बेटे की मे गर्लफ्रेंड नही बनती तो मुझे असली चुदाई का सुख चुत लंड चुस्वाने के मजे से अंजान रहती उफ ये बहोत मोटा गर्म है अभय बेटे का लंड लेकिन चूस कर रस पीने मे आह किया कैसे बोलू मजा बहोत आ रहा है आह उफ

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अभय काजल के सर पकरे अपनी बुआ को मजे से लंड चुस्ता देख - उफ बुआ मजा आ रहा है आप बहोत अच्छा करती जा रही है आह चूसो अपने भतीजे ला लंड अच्छे से बुआ मेरी जान आह ये एहसास सुकून पागल कर रहा है मुझे 3 मिनट बाद

काजल अपने होठ साफ करते हुवे अभय को सर्म से देख - बेटा
अभय काजल को मुस्कुराते हुवे देख - आपको पता है
काजल सर्म से बिस्तर पे लेत टांगे फैला देती है अभय मुस्कुराते हुवे काजल के चुत के पास बैठ लंड पकर काजल कि चुत पे घिसने लगता है काजल आह उफ करने लगती है काजल अभय को देख - आह बेटा डाल अपनी बुआ की चुत मे आह रहा नही जाता अभय भी काजल के ऊपर आके किस करते हुवे एक जोर का धक्का मार पुरा लंड अंदर घुसा देता है काजल दर्म से रो परती है पैर मारने लगती है

काजल को दर्द हो रहा था रो रही थी लेकिन असल मे काजल को हार्ड चुदाई मे हि मजा आ रहा था कहे तो काजल को दर्द मे मजा आ रहा था कियुंकी इतनी दमदार चुदाई काजल को अभय ने किया था पिछले रात तब से काजल को हार्ड चुदाई मे मजा आने लगा

अभय किस तोर थोरा उपर आके काजल को देख बुआ चुचे निकालो ना बाहर काजल आह उफ आखो मे आसु लिये अपने ब्लाउस के बटन खोल ब्लाउस निकाल दोनों चुचे अभय के सामने कर देती है

अभय काजल के चुचे पकर दबाते हुवे चुदाई करना सुरु कर देता है काजल बिस्तर पे टांगे फैलाये मोटा लम्बा लंड चुत मे आते जाते फिल मजे से आह उफ मा लेकिन धीरे ताकि आवाज बाहर ना जाये

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काजल मन मे - उफ मेरे पति के जगह मेरा भतीजा है मेरी टांगों के बीच जिसका मोटा लम्बा लंड मेरी चुत के अंदर बाहर जाके मेरी चुत की गर्मी पानी निकाल रहा है आह मा इतना सुकून मजा मुझे पहले कभी नही आया बेटा मेरे भतीजे चोद अपनी बुआ को
अभय काजल को देख धक्का मारते हुवे - बुआ मजा आ रहा है
काजल बिस्तर अभय को देख -उफ आह बेटा बहोत मजा आ रहा है तेरी बुआ झरने के करीब है करते रह

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अभय ये सुन जोस मे आके तेज तेज धक्के मारने लगता है काजल आह उफ मुह बंद कर आह मर गई बहोत दर्द हो रहा है उफ लेकिन मजा भी आ रहा है उफ मेरा आने वाला है काजल अभय को देख -बाहें फैला देता ( अभय भी समझ काजल के ऊपर लेत जाता है काजल अभय को बाहों मे कस - आह बेटा करते रह मुह मे आ गया है
अभय उफ बुआ मेरा भी दोनों एक दूसरे को बाहों मे कस के पकरे हुवे थे काजल आह उफ आ गया अभय एक तेज शॉट मारता है काजल अभय को बाहों मे पकरे बेटा आह मा अभय भी काजल को बाहों मे कसे बुआ दोनों फिर झर जाते है

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दोनों थके तेज तेज हाफने लगते है एक मिनट बाद अभय काजल के ऊपर से उठ अपने लंड को देखता है फिर बाहर निकालता है फक के साथ अभय का लंड काजल की चुत से बाहर आता है लंड चुत से बाहर आते ही अभय का पानी भी चुत से बाहर आने लगता है
काजल अपनी चुत अभय के लंड के गर्म पानी फिल कर जैसे सुकून मे खो जाती है काजल - उफ अपनी चुत मे अभय बेटे का गर्म पानी फिल कर सुकून मिल गया

तभी काजल होस मे आती है फिर जल्दी से खरी होके ब्लाउस के बटन लगा के सारी सही कर के आखो आसु साफ कर अच्छे से रेडी हो जाती है अभय भी

अभय फिर काजल को बाहों मे लेके आखो मे देख - बुआ अपने भतीजे का गर्म पानी चुत मे फिल कर. कैसा मेहसूस हो रहा है
काजल सर्म से अभय के सीने पे सर रख - सुकून मिल रहा है
अभय काजल के पीट प्यार से सेहलाते हुवे - मे ज्यादा जोर से करता हु आप रोने लगती है दर्द होता है
काजल अभय की आखो मे देख - हा लेकिन जब तुम तेज चुदाई करते हो तो मुझे और मजा आता है
अभय मुस्कुराते हुवे - किया बात हो फूफा जी नही करते थे
काजल सर्म से - नही धीरे करते थे फिर 8 मिनट मे उनका हो जाता था
अभय मुस्कुराते हुवे - तभी मेने आपकी 15 मिनट चुदाई की लेकिन एसी मे आपने दो बार पानी छोरा चुत चाटी उसे लेके 3 बार
काजल सर्म से अभय को किस करते हुवे - कियुंकी मेरी चुत पहली बार तुमने चाटी और मुझे पहली बार चुत चटवाने का मजा मिला दूसरी तुम्हारी चुदाई बहोत दमदार होती है मुझे पता है तुमने जल्दी मे मेरी चुत मारी है नही तो एक घंटे तक तेरा पानी नही निकलता
अभय मुस्कुराते हुवे - आप खुश है चुदाई से
काजल सर्म प्यार से अभय को देख - बेटा मुझे कोई प्यार करने वाला मेरे साथ वक़्त गुजारने वाला मस्ती मजाक करने वाला मेरी फीलिंग समझ मेरी खुशी का ख्याल रखने वाला मुझे घुमाने ले जाने वाला ये सब मेरी इक्छा थी अब तुम से पूरी हुई काजल इमोसनल होके अभय के गाल सेहलाते हुवे - बेटा अपनी बुआ का ख्याल रखोगे ना
अभय काजल के गाल सेहलाते हुवे - बुआ कसम खा के केहता हु आपका साथ मे नही छोरूगा आप मेरी है तो मे आपको हर खुशी का ख्याल रखुंगा आपकी फूली गर्म चुत का भी

काजल सर्म से हस्ते हुवे अभय के गाल को पकर - मेरा बेसर्म् प्यारा भतीजा
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी प्यार हॉट खूबसूरत बुआ

काजल मुस्कुराते हुवे - अब जाना होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु

काजल बाहर आती है कोमल को आवाज देती है कोमल अदिति से बाय बोल बाहर आती है फिर कोमल काजल घर जाने लगते है

काजल चल रही थ लेकिन फिर आज अभय के लंड का पानी चुत से निकल जांघे से नीचे रिस रही थी काजल ये फिल कर पा रही थी

काजल मन से - उफ मे चाहती तो चड्डी पेहन सकती थी लेकिन अभय बेटे के लंड का गर्म पानी चुत से निकल अपनी जांघों पे रिसते फिल कर मुझे अच्छा लग रहा है सुकून मिल रहा है

.... आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत शानदार लाजवाब और गरमागरम कामुक अपडेट है भाई मजा आ गया
 

Grandmaster1

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chapter 43

अभय आता है मधु के घर अभय जब अंदर जाता है तो मधु बर्तन साफ कर रही थी अभय मधु को देखता है मधु को पता नही था उसका भाई पीछे खरा है अभय की नजर नीचे मधु के गांड पे जाती है

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मधु जो झुक के बर्तन साफ कर रही थी मधु की गांड पीछे बाहर निकले हुवे थे उपर से लेग्गिंगस् मधु के गांड जांघे से पूरी चिपकी हुई थी जिसकी वजह से साफ पता चल रहा था मधु की गांड जांघे कितने मोटे बरे है

अभय - किया बात है मेरी गुरिया बर्तन साफ करने मे लगी हुई है
अभय की आवाज सुन मधु जल्दी से पीछे देखती है अभय को देख मधु हाथ धोके जल्दी से जाके अभय के गले लगते हुवे - भाई आप आ गये

अभय मधु को बाहों मे भरते हुवे - मे भला अपनी गुरिया को कैसे भूल सकता हु

अभय मधु के चेहरे को पकर आखो मे देख - मेरी गुरिया तुझे जब भी देखता हु तुम मुझे और भी खूबसूरत लगती हो
मधु सर्म से अभय की आखो मे देख - भाई आपको ऐसा लगता है

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अभय मधु के होठ पे उंगली फेरते हुवे - हा और ये तेरे गुलाबी होठ जिसे देख मेरी प्यास और बढ़ जाती है
अभय की बात मधु की सासे तेज कर देती है मधु मदहोस होने लगती है अभय की बात मधु को नया एहसास फीलिंग मे लेते जा रहा था

मधु के लिये अभय की बाते छूने का एहसास सब नया था अभय पहला लरका था जो मधु से ऐसी बाते करता है या मधु को बाहों मे लेता है और किस भी करता है मधु हर नये एहसास हो पहली बार अभय के जरिये फिल कर रही थी

मधु अभय एक दूसरे की आखो मे देख खोये हुवे थे देखते ही देखते दोनों दोनों के होठ आपस मे मिल जाते है दोनों एक दूसरे को बाहों मे लिये किस करते हुवे रस पीना सुरु कर देते है जब भी अभय मधु को किस करता मधु मदहोस हो जाती और एक एहसास मे खो जाती अभय भी मधु के नर्म गर्म होठ का रस पीके एक अजीब पर सुकून वाले एहसास मे चला जाता दोनों सब भूल एक दूसरे के होठ का रस पीने मे खो जाते ये पल दोनों के लिये बहोत खास बन जाता

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मधु अभय के होठ का रस पीते हुवे मन मे - हर बार भाई के होठ का रस पीती हु एक सुकून वाली फिल आती है अब तो मे इंतज़ार करने लगी हु कब भाई आयेगे और मेने गुलाबी होठ का रस पियेगे और मे उनके होठो का रस मेरे लिये ये समझना मुश्किल है ये एहसास फीलिंग को लेकिन मे इतना तो जान गई मुझे सुकून मिलता है जब मेरा भाई मुझे बाहों मे लेके प्यारी बाते किस करता है तो 2 मिनट बाद

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दोनों के होठ अगल होते है मधु सर्म से अभय को देखती है अभय मधु को देखता फिर अभय मधु के गर्दन पे किस करने लगता है अपने भाई को इस तरह गर्दन मे किस करता देख फिल कर मधु बहोत तेज कामुक् सिसकिया लेते हुवे मचल उठती है एक नया एहसास फिल कर मधु फिर मदहोस होने लगती है

अभय किस करना बंद कर मधु को देखता है मधु तेज सासे लिये जा रही रही थी अभय मधु के कान मे धीरे से - गुरिया जब तुम बैठी बर्तन साफ कर रही थी तो पीछे से कमाल लग रही थी

अभय की बात समझते हुवे मधु के शरीर मे सिहरन डोर जाते है मधु मदहोस होके अभय को देख सर्म से - भाई ऐसी बाते मत करो सर्म आती है

मधु मन मे - उफ भाई की बातें मुझे पागल कर देती है

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा तुम बर्तन साफ कर लो मे मा से मिलने जा रहा हु और हा सादी के कुछ दिन पहले मे आऊगा लेने फिर वही रहना है समझ गई

मधु खुशी से अभय के गले लग - भाई मुझे भी आपके साथ रहना है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बाबा वैसे उस दिन के बाद से तुम्हे मेने
मधु बीच मे ही अभय के सीने पे प्यार से मारते हुवे - बेसर्म प्यारा भाई
अभय हस्ते हुवे - अच्छा मे जा रहा हु

अभय जाने लगता है मधु अपने होठ गर्दन को छुटे हुवे मन मे -उफ ये कैसा एहसास फीलिंग है

अभय सिला के पास आता है सिला अभय को देख खुश होके गले लगा के - बेरा बच्चा तुझे देख दिल खुश हो जाता है
अभय सिला को बाहों मे कस - मुझे भी मेरी प्यारी हॉट मा
सिला अभय को देख - मेरा बच्चा जल्दी ही मेरी बहु लेके आयेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हा और आपको जल्दी ही दादी बना दुगा
सिला शर्मा के - बसर्म वैसे बात तो सही है मुझे दादी जल्दी बना देना ताकि मे अपनी पोता पोती को खेला सकु
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मा

अभय सिला के गाल होठ पे हाथ फेरने लगता है सिला के शरीर मे सिहरन उठने लगती है सासे तेज होने लगती है सिला भी एक ऐसी औरत थी जिसे ये सब एहसास नया था इस तरह होठ गाल चुना

अभय सिला के होठ छुटे हुवे - बहोत मुलायम है
सिला सर्म से नजरे नीचे किये - तु ही है जो हर बार मेरे होठ खूबसूरती की तारीफ करता है तेरे पापा तो मेरे उपर ध्यान दी नही देते

अभय सिला के कमर पकर अपने सरीर से चिपका के आखो मे देख - मे किस लिये हु आपका बेटा आपकी तारीफ करता रहेगा कियुंकी मेरी मा उस लायक है बहोत खूबसूरत सेक्सी
अभय की बात सिला को मदहोस कर देती है सिला मचल उठती है सिला अभय की आखो मे देख - मुझे खुशी है मेरा बेटा मेरी खूबसूरती का दीवाना है
अभय सिला के कान मे धीरे से - सही कहा मे आपकी खूबसूरती का आपका दीवाना हु मा कियुंकी आप बहोत कमाल की है
सिला मदहोस वाली आवाज मे - अच्छा
अभय सिला के होठ को देख - ये गुलाबी होठ का रस मा सिर्फ मेरा है मे ही पियुगा आपके होठ का रस
सिला मदहोसी वाली आवाज मे अभय को देख - जरूर मेरा बेटा ही मेरा होठ का रस पियेगा
दोनों सांत एक दूसरे को देखने लगते है फिर दोनों के होठ एक दूसरे के पास आके जुर् जाते है सिला एकदम से कई खो जाती है दोनों एक दूसरे के होठो का रस पीने मे लग जाते है

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सिला एक औरत जिसे किस किया होता है किस करने का एहसास किया होता है प्यार भरी बाते किया होती है नही पता था लेकिन अभय ने सिला को एहसास करवाया सिला के लिये सब अजीब सुकून भरा पल होता था सिला कई बार सवाल करती खुद से - ये किस करने मे इतना मजा कियु आता है अभय की बाते उसका बाहों मे लेना छूना तारीफ उसे मदहोस कियु कर देती है पर कोई जवाब नही मिलता था

2 मिनट बाद सिला तेज सासे लेते हुवे नजरे नीचे किये मन मे - किस करना होठ का रस चूस कर पीना मेने सोचा नही था ऐसा कुछ करने मे इतना मजा सुकून मिलता है

अभय - मा अब मे जा रहा हु लेकिन आपके होठ का रस का स्वाद मेरे मुह मे रहेगा

अभय जाने लगता है लेकिन अभय की बात सिला को सर्म से लाल कर देती है

सिला सर्म से - बता नही मेरा बेटा कैसी बाते हरकते करता है लेकिन मे उसकी बातो मे हरकतों मे सब मे खो जाती हु


अभय घर आ रहा था लेकिन किसी का फोन आता है तो अभय निकल परता है

साम 4 बजे

अभय घर आता है और अपनी मा से मिलता है

अभय आसा को देख - मा रेडी हो जाइये हम जाने वाले है
आसा खुश होके - ठीक है

अभय भी रेडी होने लगता है

आसा रेडी होते हुवे मन मे - आज मेरा बेटा मे अकेले वक़्त गुजरेगे मे बहोत खुश हु मेरा बेटा मुझे घुमाने ले जा रहा है

अभय रेडी हो चुका था अदिति अभय के पास आके - भाई मा को खुद मजे करवाना अच्छे से घुमाना मा ने बहोत दुख झेला है

अभय अदिति के गाल सेहलाते हुवे - जानता हु गुरिया चिंता मत कर मा को बहोत अच्छी जगह लेके जा रहा हु जहा मा को बहोत मजा आयेगा

अदिति मुस्कुराते हुवे - मुझे यकीन है अपने भाई पे

अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है लेकिन अंदर जो सीन देखता है अभय वही रुक जाता है आसा उपर से नंगी थी नीचे सिर्फ पेटीकोट था अभय अपनी मा की चिकनी पीठ देखता रह जाता है

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किस्मत से आसा जिस तरह आगे चेहरा करके खरी थी अभय को दूध जैसे उजले चिकने पीठ के अलावा कुछ दिखाई नही दे रहा था
आसा को भी अभय के होने का एहसास हो जाता है लेकिन आसा अंजान बने रहती है लेकिन आसा की सासे तेज जरूर हो जाती है

आसा बिकनी उठा के अपने बरे चुचे अंदर कर पीछे से हुक लगाने लगती है अभय खरा सब देख रहा था अभय धीरे से आगे बढ़ने लगता है आसा को एहसास होता है उसका बेटा उसके पास आ जाता है तो आसा मदहोस होके तेज सासे लेके लगती है

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अभय आसा के पास आके पीछे खरा होके दोनों हुक पकर लगाने लगता है आसा बरी मुश्किल से सासे दिल थामे सांत खरी रहती है पर एक बात थी आसा खुश थी अभय के हुक लगाने से

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अभय हुक लगा देता है तो आसा ब्लाउस उठा के पहनने लगती है जिसमे अभय भी हेल्फ करता है ये पल मोमेंट दोनों के लिये बहोत अजीब लेकिन मदहोस कर देने वाला था
अभय धीरे से - मा आप सच मे हुस्न की परी है
आसा अपने बेटे की तारीफ सुन पानी पानी हो जाती है

अभय फिर बैठ जाता है आसा सर्म से आगे चेहरा किये सारी पहनने लगती है ठोरी देर बाद आसा रेडी होके अभय के सामने आके अभय को देख - कैसी लग रही हु मे लाला

अभय उपर से नीचे तक आसा को देखता है लाल सारी ब्लाउस मे आसा बहोत खूबसूरत लग रही थी अभय फिर आसा के सीने को देखता है फिर नीचे कमर गहरी ढोरी को देखता है

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अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - हर बार की तरह आप बहोत खूबसूरत सेक्सी हॉट कयामत लग रही है मा
आसा अपनी बैक दिखाते हुवे अभय को देख - पीछे से

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अभय अपनी का के बैक देखता है दूध जैसे पीठ कमर बाहर निकली बरी गांड पीछे से भी आसा कयामत लग रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - मेने कहा था ना मा आप आगे पीछे दोनों मे बहोत खूबसूरत कयामत लगती है अभी भी लग रही है

आसा खुश होके अभय को देख - अच्छा
अभय - हा लेकिन ये आप कमर ढोरी दिखा रही है किया ऐसे हि बाहर जाना है तो मुझे नही जाना

आसा मुस्कुराते हुवे मन मे - अरे पागल तुझे दिखाने के लिये मेने सारी हटा दी थी अच्छा मेरा लाल नही चाहता मुझे कोई इस तरह देखे उफ मेरा लाला भी ना

आसा सीना कमर अच्छे से सारी से धक अभय को देख - अब ठीक है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा अब ठीक है

अभय - अरे हा एक सारी और ले लेना
आसा हैरान कंफ्यूज मे अभय को देख - कियु
अभय मुस्कुराते हुवे - बस ले लीजिये
आसा भी जयदा सवाल ना कर एक सारी रख लेती है फिर अभय आसा बाहर आते है

अदिति आसा अभय को देख - मा बहोत मजा करना भाई मा को खूब मजे करवाना ताकि मा इस आज के पल आपके साथ बिताये भूल ना पाये
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल गुरिया
आसा अदिति को प्यार से - बेटा घर का ख्याल रखना
अदिति - मा आप चिंता मत करो और सब भूल भाई के साथ मजे करना
आसा हस्ते हुवे - ठीक है बेटा
अभय बाइक पे बैठ जाता है आसा पीछे बैठ एक हाथ से अभय के कमर पकर लेती है

अभय - गुरिया जा रहा हु
अदिति - जी भाई

अभय अपनी मा को लेके निकल परता है अदिति जाते देख - भाई मा मजे करना

आसा बैठी बाहर के नजारे को देख मजे लेने लगती आसा मन मे - बेटे के साथ अकेले घूमने जाना उफ मुझे बहोत अच्छा लग रहा है लेकिन मेरा बेटा मुझे कहा लेके जा रहा है

40 मिनट बाद

अभय बाइक साइड लगा के नीचे उतर जाता है आसा भी लेकिन आसा अभय को देख - बेटा मेरे आखो पे पट्टी कियु बंधी है

हा अभय अपने जगह पे आने से पहले आसा के आखो पे पट्टी बांध दिया था कियुंकी अभय अपनी मा को सरप्राइज देना चाहता था

अभय आसा के हाथ पकर ले जाते हुवे - बस मा आपको ठोरी देर मे पता चल जायेगा
आसा चलते हुवे - ठीक है बेटा

अभय अपनी मा को कुछ मिनट चलते हुवे एक जगह पे लेके आता है आसा को झर झर की मधुर आवाज सुनाई दे रही थी आस पास बाकी किसी इंसान की आवाज नही सुनाई दे रही थी


अभय आसा पे पीछे जाके - मा आप रेडी है
आसा बेचैनी से - हा बेटा जल्दी खोल ना मे देखना चाहती हु
अभय ठीक है मा

अभय आसा के आखो से पट्टी हटा देता है आखो अपनी आखो से सामने देखती है तो सामने का सीन देख देखती रह जाती है आसा के मुह से कोई शब्द नही निकल पा रहे थे

सामने का सीन था ही ऐसा की कोई पहली बार देखे तो उसमे खो जाये अभय ने पहले से ही इसकी तैयारी कर के रखी थी

सीन ये था खूबसूरत वाटरफाल पहारो से झरने गिर रहे थे उसी के पास अभय ने दो कुर्सी टेबल लगवाया था उसके आस पास चारों तरफ अभय फुल से सजाया केंडल जलाया हुआ था साथ मे फुल से लव भी लिखा हुआ था एक खूबसूरत जगह पे इतनी अच्छे से अभय ने जगह को सजाया था की खूबसूरती मे चार चाँद लग गये थे

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अभय आसा के कमर पीछे से पकर अपनी मा से पुरा चिपक कर प्यार से - मा कैसा लगा अपने बेटे का सरप्राइज आज हम केंडल लाइट डिनर करेगे बोलिये करेगी अपने बेटे के साथ
अभय होस मे आते खूबसूरत नजारे और अभय ने जिस तरह सब सजाया था देख आसा इमोसनल हो जाती है आसा के खुशी का कोई ठिकाना नही था आसा आज हद से जायदा खुश थी

आसा अभय के पीछे देख गाल सेहलाते हुवे - मेरे लाला का सरप्राइज मुझे बहोत खूबसूरत अच्छा लगा लाला आज मे बहोत खुश हु पहली बार मे इतनी खूबसूरत जगह देख रही हु और पहली बार मे अपने बेटे के साथ केंडल लाइट डिनर करूगी

अभय आसा के उंगली पकर - तो चलिये
अभय आसा को प्यार से टेबल के पास ले जाता है अभय आसा को दिल जहा बना था खरा कर अपनी मा के सामने घुटने पे बैठ अपनी मा के एक हाथ पकर आसा को प्यार से देख

अभय - मा मे दुनिया का सबसे किस्मत वाला बेटा हु जो आप न मुझे जन्म दिया प्यार संस्कार दिये आपने पापा के जाने के बाद बहोत दर्द सहा तकलीफ सही लेकिन हमारे पालन पोसन् प्यार मे कोई कमी आने नही थी मा मे आपका ये कर्ज किसी जन्म मे भी उतार नही पाऊगा लेकिन आपके लाल का आपसे वादा है आपको मे हमेसा हर खुशी का ख्याल रखुंगा मे हर वो सब करुगा ताकि मेरी मा के चेहरे पे खूबसूरत प्यार इस्मैल् देख सकु और अगर सच मे मुझे फिर कोई जन्म मिलता है तो मे चाहुंगा की मे आपके कोख से हि पैदा हु आप ही मेरी मा रहे मे आपका बेटा ही बन पैदा हु ( मा आई लव यू) आप मेरे लिये सब कुछ है

अभय भी इमोसानल हो चुका था आखो से आसु निकल आये था आसा का भी सेम था

आसा अभय को उठा के बाहों मे भर रोते हुवे - तु भी मेरे लिये सब कुछ है मेरा दिल मेरी जान है तु मेरे लाल मेरे जीने का सहारा मेरी आखो का तारा तुही तो है
अभय भी अपनी मा को कस के बाहों मे भर लेता है 2 मिनट बाद

अभय आसा के आसु साफ करते हुवे मुस्कुराते हाथ पकर एक कुर्सी पे प्यार से आराम से अपनी मा को बैठा देता है फिर अभय अपनी खुर्सी पे बैठ जाता है अभय फिर एक गुलाब का फूल निकाल आसा को देते हुवे - मेरी खूबसूरत प्यारी मा के लिये आपके लाला की तरफ से ये खूबसूरत गुलाब प्लेस कबूल करे
आसा सर्म से लाल चेहरा किये मुस्कुराते हुवे अभय के हाथ से गुलाब का फूल लेते हुवे अभय को प्यार से देख - मेरे लाला का ये दिया गुलाब मे खुशी खुशी कबूल करती हु

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आसा अभय दोनों एक दूसरे को देखते है फिर खूबसूरत नजारे को अच्छे से देख फिल कर सुकून लेते है और बाते करने लगते है
अभय आसा को देख - मा खूबसूरत जगह है ना
आसा अभय को देख - सच मे बहोत खूबसूरत जगह है ये पहारो के ऊपर से गिरते पानी चारों तरह बरे खूबसूरत पेर के नीचे बेहता पानी मेने सोचा नही था मेरा लाल मुझे इतनी खूबसूरत जगह लेके आयेगा
अभय - खास इंसान जो मेरी मा है उन्हें कैसे मे ऐसे हि किसी बेकार जगह ले जाता ये जगह बहोत खूबसूरत है लेकिन मेरी मा के खूबसूरती के आगे कुछ नही है
आसा अभय की बात सुन अभय को देख सर्म से - तू भी ना लाला

अभय आसा के पास खाना रखते हुवे - मा खाइये और खूबसूरत नजारे का आनंद लीजिये
आसा मुस्कुराते हुवे - हु
अभय फिर गलास मे डिरिनक् निकालता हो जिसे देख आसा गुस्से से अभय को देख - लाला तुम सराब कब से पीने लगे
अभय डरते हुवे - वो मा ये बियर है दूसरी मे कुछ बार दोस्त के साथ पी चुका हु
आसा घुस के देखते हुवे - अच्छा सच केह रहा है
अभय डरते हुवे - मा इतने दिन मे मुझे नशे मे देखा है
आसा -हु बात तो सही है लेकिन मेने पहले कभी बियर नही पी
अभय मुस्कुराते हुवे - मा इतनी खूबसूरत जगह पे डिनर कर रहे है सराब नही पिया तो मजा नही आयेगा
आसा - ठीक है चलेगा

आसा डिनर करने लगती है खाने मे सब था
अभय - मा कैसा लगा खाना
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सच मे बहोत स्वादिस् है
अभय ग्लास आके कर - मा हो जाये
आसा ग्लास लेके - हा हो जाये

आसा अभय ग्लास टकराते है फिर पीने लगते है आसा को बहोत करवी लगती है लेकिन जैसे तैसे पी जाती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - कैसा लगा मा
आसा अजीब मुह बना के - उफ करवा था लेकिन मजा आया

अभय आसा डिनर करते हुवे बहोत सारी बाते करते रहते है साथ मे खूबसूरत नजरे का खाने सराब का मजा भी लेते रहते है

आसा अभय को देख मन मे - सच मे लाला ने मुझे हैरान कर दिया मेने तो दूर तक नही सोचा था मेरा लाला मुझे इतनी खूबसूरत जगह पे लेके आयेगा मे आज बहोत खुश हु ये पल मोमेंट मे कभी भी भूल नही पाउंगी

40 मिनट बाद

आसा अभय डिनर कर चुके थे आसा थोरे नशे मे थी पहली बार जो पिया था

आसा अभय को देख -बेटा मजा आ गया आज का ये दिन मे कभी नही भुलुगी
अभय आसा को देख - मा मे भी

अभय - मा अब नहाने चले
आसा हरानी से अभय को देख - क्या इसी लिये तूने एक सारी लेके को बोला
अभय मुस्कुराते हुवे - हा कियु आप झरने के पानी से नहाना नही चाहती
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - इतने अच्छे मोक्के को कैसे जाने दे सकती हु चलो चले

अभय आसा झरने के पास आते है उचे पाहरो से झरने बेह रहे थे बहोत ही खूबसूरत नजारा था आस पास सिर्फ बरे पथर् छोटे पथर ही थे

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अभय - मा बहोत खूबसूरत है ना
आसा - हा बहोत खूबसूरत है

अभय आसा को देख - मा यहा आये है तो तो चार फोटो लेना बनाता है आपका कियु किया कहती है
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है
अभय - सेक्सी पोस् देना वो भी आप खुद करेगी अपने अंदाज मे
आसा सर्म से - ठीक है

आसा कुछ सोचती है फिर आस पास चारों तरफ देखती है तो आसा को बरे चट्टान दिखाई देते है तो आसा को किया करना है समझ मे आ जाता है आसा चट्टान के पास आके अभय को देख सर्म से - रेडी
अभय दिल थामे - हा

आसा पहले सारी सीने से हटा के अपने कमर मे बांध लेती है फिर एक पथर् के बैठ जाती है अपने बरे मुलायम गांड रख के अपनी एक टांग आगे छोटे पथर् मे रख दूसरा हाथ दूसरे जांघे पे रख अपने बेटे को कातिल निगाहों से देखती है
आसा के लाल ब्लाउस मे कसे दोनों बरे उजले चुचे आधे दिख रही है दूध जैसी कमर आधे टांगे उफ आसा की बॉडी सच मे दूध जैसी उजली गोरी थी और जिस तरह पोस् मे अदा से बैठी थी कयामत लग रही थी

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अभय अपने दिल पे हाथ रख बिना पलके झपकाये मा को देखता ही रह जाता है अभय को ऐसा लग रहा था की उसकी का की कातिल निगाहें कई तीर छोर उसके दिल पे वार कर रही है अभय सच मे घायल हो गया था अपनी मा को इस रूप अदा मे पोस् मे देख
आसा अभय की हालत देख बहोत खुश थी आसा को मजा आ रहा था अभय की हालत देख कर

आसा - बेटा फोटो
अभय होस मे आके - हा हा लेता हु
आसा बरी मुश्किल से हसी रोकती है
अभय फोटो ले लेता है
अभय आसा को देख - हो गया

आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है अब दूसरा

आसा फिर आगे देखती है और एक जगह जाती है वहा बरे पथर् थे खरे दीवार की तरह

आसा पास खरी होके एक हाथ पथर् पे रख दाहिना पैर के घुटने आगे कर अपने बाल को अदा से कान के पीछे करते हुवे प्यार से अभय को देख - बेटा कैसा है मे इस पोस् मे कैसी लग रही हु

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अभय अपनी मा के ब्लाउस मे कसे चुचे दूध जैसी कमर और पीछे गांड की उभार को देखते हुवे मदहोस होके -कयामत हॉट सेक्सी हुन्स की परी सब आपके आगे फेल है
आसा सर्म से लाल हो जाती है लेकिन बेटे की तारीफ सुन खुश भी हो जाती है
अभय एक फोटो ले लेता है

आसा सर्म से - चले अब नहाने
अभय आसा को देख - हु

अभय की हालत तो पूरी खराब थी बेचारा बोल भी नही पा रहा था आसा को पता था सब और आसा बहोत खुश थी अभय की हालत खराब कर के

आसा पानी मे जाने लगती है तभी अभय - मा सारी मे ही नहाओगी
आसा अभय को देख - हा
अभय दुखी होके - धत तेरी

आसा अभय के चेहरे को देख समझ जाती है

आसा मन मे - माफ करना बेटा मे उपर बिकनी तो पेहन आई लेकिन नीचे कुछ नही पहना है मे भूल गई मुझे पता है तू मुझे बिकनी चड्डी मे देखने का आस लगाये है लेकिन फिर कभी मोक्का मिला तो तेरी ये इक्छा पूरी कर डुगी

आसा अभय पानी मे आते है अभय मा - पानी बहोत साफ ठंडा है ना
आसा अभय को देख -हा

अभय आसा नहाने लगते है अभय आसा को देखता रहता है

तभी आसा पानी मे अंदर चली जाती है अभय देखता रहता है कुछ सकेंद् बाद आसा एकदम फिल्मी हीरोइन की तरह पानी से बहार निकाल के आती है आसा के काले बाल हवा मे लहराते हुवे बाहर आते है सीन बहोत खूबसूरत कामुक् जोस उरा देने वाला था

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अभय तो जम हि जाता है आज अभय की हालत खराब हो चुकी थी बेचारा बस देखता रहता है दिल थामे
अभय अपनी मा को देख मन मे - सच मे हर बार की तरह मेरी मा ने मुझे अपनी अदा से ख्याल कर दिया

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तभी आसा अभय की तरफ देख - बेटा किया हुआ मुझे ऐसे कियु देख रहा है आसा के गीले बाल चेहरे पे पानी की टपकती बुदे कातिल आखे उफ अभय फिर ख्याल हो जाता है
अभय कापते हुवे आसा को देख - बस अपनी खूबसूरत मा को देख रहा हु
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा
आसा जानती थी या कहे आसा सब जान बुझ कर रही थी वो इस लिये कियुंकी अभय ने जो बिकनी चड्डी मे देखना चाहता था देख नही पाया तो आसा उसका बुकतान् इस तरह कर रही थी


आसा नहाने का मजा लेके लगती है लेकिन अभय सब भूल अपनी मा को देखता रहता है आसा फिर चट्टान के पास आके जिस तरह छोटे पथर् पे अपने बरे गांड को टेका लगा दोनों चटान् से टेका लगा के दोनों गोरे टांगे फैला के बैठती है अभय का लंड कई झटके मारने लग जाता है सीन ऐसा था की अभय के लिये सेहन करना मुश्किल हो रहा था

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आसा की दूध जैसी पीठ के बीच ब्लाउस का लाल पटाँ चिकनी कमर गोरी टांगे सारी उपर तक थी तो मोटी जांघे साफ उफ आसा ने किया ही पोस् मारा था आसा अभय की हालत देख मुस्कुरा देती है


आसा फिर अभय के पास आके - बेटा नहा भी ले हर वक़्त मुझे हि देखता रहेगा

अभय आसा को देख - मेरे सामने हुस्न की परी है तो कैसे मे नहाने पे ध्यान दे पाऊगा
आसा सर्म से लाल हो जाती है अंदर ही अंदर बहोत खुश भी थी

अभय आसा के पास आता है और बाहों मे कस लेता है अभय अपना लंड आसा के चुत पे सता देता है और अपना सीना अपनी मा के सीने पे ताकि अच्छे से अपनी मा की चुत की गर्मी और बरे चुचे को फिल कर सके अभय आसा की आखो मे देखता है आसा अभय की

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आसा अच्छे से अभय के लंड को अपनी चुत पे फिल कर पा रही थी और अपने दोनों चुके अपने बेटे के सीने पे दबे हुवे थी आसा जानती थी उसका बेटा किया कर रहा है अभय आसा की आखो मे देख - मा किया आज मे आपके होठ का रस पी सकता हु
आसा अभय की आखो मे देख - हु

इजाज़त मिलते ही अभय अपनी मा के होठ मुह मे लेके चूसने लगता है आसा भी खुल के अपने बेटे का साथ देती दोनों मा बेटे सब भूल एक दूसरे के जिब मुह मे लेके चूसने लगते है रस पीने लगते है

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आसा मन मे - ये दूसरी बार है जब मेरा बेटा मेरे होठ का रस पी रहा है उफ फिर से वो पहला एहसास जाग गया मेरा बेटा कैसे मेरी जिब को लार को मजे से चूस कर पी रहा है उफ मे मदहोस ना हो जाऊ मे पागल ना हो जाऊ होठ का रस पीना गीली किस जो मेरा बेटा केहता है उफ मुझे ये एहसास फीलिंग सुकून दे रही है मुझे बहोत अच्छा लग रहा है 2 मिनट बाद

अभय आसा के पीछे जाके अपने दोनों हाथ आगे कर आसा के कमर कमर पीछे से सत् खरा हो जाता है आसा भी अपने के हाथ दोनों हाथो से थाम देती है अभय अपना लंड आसा की गांड मे घिसने लगता है आसा काप् जाती है अपने बेटे का लंड फिल कर लेकिन आसा कुछ नही बोलती बस तेज सासे लेते हुवे सिसक् परती है
अभय चड्डी मे था और लंड पुरा टाइट खरा था अभय थोरा जोर लगाता है तो अभय का लंड सारी के साथ आसा की बरी गांड के बीच दरार मे घुस जाता है आसा अपनी गांड के दरार मे बेटे का लंड फिल कर काप् जाती है सरीर मे सिहरन डोर जाती है सासे तेज दिल जोर से धक धक करने लगता है आसा होठ दात से दबा लेती है मुठी कस जाती है पानी मे भी आसा अपने बेटे के लंड की गर्मी फिल अच्छे से कर पा रही थी अभय भी गांड की गर्मी फिल कर पा रहा था

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अभय की हालत खराब थी पहली बार अभय ने अपनी मा के साथ इतना आगे कुछ किया था पर अभय जोस मे था होस मे नही था
अभय अपना लंड धीरे से आगे पीछे करने लगता है आसा अपने गांड के दरार मे अपने बेटे का मोटा लंड फिल कर पा रही थी आसा होस खोने लगती है तभी आसा - नही

आसा अभय को - बेटा
अभय होस मे आके जल्दी से आसा को छोर पीछे हट जाता है

आसा अंजान बनते मुस्कुराते हुवे अभय को देख - चले बेटा अब
अभय भी होस मे आ गया था - जी मा


आसा अभय पानी से बाहर आते है आसा सारी लेके पथर् के पीछे चेंज करने चली जाती है अभय भी कपड़े चेंज करने लगता है

आसा पथर् के पीछे पूरी नंगी खरी सारी पहने हुवे मन मे - माफ करना बेटा मे तेरे लिये जितना कर सकती थी मेने किया लेकिन उसके आगे ये सब नही कर सकती ना तुम्हे करने दे सकती हु
आसा ने आगे जाने का कभी सपने मे नही सोचा था लेकिन जितना सोचा था अपने बेटे को करने देती है या अभय के लिये करती है

लेकिन अपने आप को उस जगह जहा एक बेटा हाथ नही लगा सकता छु नही सकता आसा अभय को बिल्कुल भी करने नही देगी

अभय की एक सीमा थी जो आसा ने बनाई थी अभय आसा के ऊपर लेत सकता है हर अंग को फिल कर सकता है बाते कर सकता है आसा चाहे तो किस कर सकता है लेकिन कुछ करना जैसे उस अंग को छुना सेहलाना वो एक बेटे मा के बीच नही होना चाहिये नही आसा ये करने नही दे सकती थी

पर आसा कियु अपने बेटे को पूरी तरह से नही रोक रही कियु अपने बेटे के लिये पोस् देती है मस्ती करने देती है अपने उपर लेटने देती है यानी जितना अभय आसा के बीच हो रहा है

वजह बहोत बरी थी वजह ये थी सुरु से अभय आसा का रिस्ता ऐसा ही रहा अभय बरा होता गया आसा को पता भी नही चला कब अभय बरा हो गया और उसके बीच का रिस्ता थोरा आगे चला गया लेकिन जब आसा को समझ आया मा बेटे आगे थोरा आ गये है तब तक बहोत देर हो चुकी थी ना अब आसा अभय को रोक सकती थी ना आसा खुद अभय उसके बीच अभी तब जो चल रहा था उसके बगैर रह सकती थी आसा को पता था अभय को भी अच्छा नही लगेगा यही एक वजह थी आसा पूरी तरह नॉर्मल मा बेटे जैसा रहने के लिये अभय को ना केह सकती थी ना रोक सकती थी ना आसा खुद रह पायेगी

इसी लिये आसा ने एक दीवार बनाई अभी तक जितना हो रहा है होने देगी लेकिन उसके आगे ना खुद जायेगी ना अभय को जाने देगी

हा आसा अभय से बहोत बहोत जयादा प्यार करती है जरूरत परी तो जान भी दे सकती है किसी का ले भी सकती है अभय के लिये लेकिन यहा बात अलग थी

( फिल्हाल ये अभी तक आसा की सोच थी अभय के लिये )

आसा रेडी होके आती है अभय भी रेडी था

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा मजा आया ना आप खुश तो है
आसा अभय के चेहरे को प्यार से देख किस करते हुवे - बहोत खुश हु बेटा बता नही सकती तुम्हारा सुक्रिया बेटा इतनी खूबसूरत जगह पे लाने के किये यहा बिताये तेरे साथ हर एक पल मेरी याद मे जिंदा रहेगा मे कभी भूल नही पाउंगी
अभय - आपको अच्छा लगा ये जान मुझे भी बहोत खुशी हुई


अभय आसा घर निकल परते है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
Fantastic update ❤️
 
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