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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

kgfchapter3

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Brother ek request hai .
Kya aap kahani me aane wale sex scenes ko skip kar sakte hai kyunki mostly hum sabhi shuru se hi har kahani me sex scene hi padhte hai but main chahta hu ki aap isme sex scenes pe kam baaki thriller , suspense aur romance per jyada focus ho .

Baaki aap writer ho mujhse jyada aapko pata hai.
 
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Reactions: Napster and Gang007

Naik

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chapter 12


जीत जीतू अपने अपने घर अपने परिवार के साथ मस्त समय बिताने मे लगे हुवे थे और जीत जीतू के बीच फोन पे बात भी होती रहती थी जैसे कभी बाते करने मे लगे हुवे है

जीत - यार जीतू बॉस से बाते करने का दिल कर रहा है लेकिन बॉस ने साफ मना कर दिया है की उन्हें कोई परेसान ना करे

जीतू - अबे पागल बॉस ने किया कहा है सुना नही था किया आगे बॉस का कितना बरा प्लान है और वैसे भी हम 4 साल कैद मे रहे है तो बॉस चाहते है पेहले अब अच्छे से अपने परिवार के साथ वक़्त बिताये और बॉस भी अपने परिवार के साथ वक़्त बिताना चाहते है तुम्हे तो पता है ना आगे हमे बहोत काम करना है

जीत - हा पता है और इस प्लान के बारे मे बॉस ने dp devil के कैद से भागने से पेहले ही बता दिया था और बॉस ने तभी आगे किया करना है सोच लिया सच मे उनके दिमाग का कोई जवाब नही

जीतू - अबे गढ़े तभी तो वो हमारे बॉस है उनके सामने तो dp devil के कैद मे रहे सभी कापते थे उसका जलवा ही अलग है वैसे बॉस ने हमे तैयार रेहने के लिये कहा है जल्दी ही हमे काम पे लगना होगा

जीत - यार मे तो कब से रेडी हु मुझसे रहा ही नही जा रहा मे तो बॉस के साथ काम करने के लिये बेकरार हु जल्द ही पूरी दुनिया के सामने एक पावर फुल मसीहा आने वाला है

जीतू - सही कहा कभी सोचा नही था इस पावर पैसे का हम इस तरह से इस्तमाल करने वाले है मेने सोच रहा था साला 4 साल गार फार ट्रेनिंग करने के बाद कैद से भागने के बाद उस ताकत का इस्तमाल कहा करुगा लेकिन बॉस ने तो उसकी समस्या भी दूर कर दी

जीत - सही कहा अब बस उस समय का इंतज़ार है
जीतू - यार उपर से मा बेहन सब बॉस से मिलने के लिये बेकरार है मुझे बार बार केहते रेहते है मुझे उस लरके से मिलना है उसने मेरे बेटे को बचाया है
जीत - यार यहा भी वही हाल है जब से मेने मा सभी को बताया है सब रोज केहते है अपने दोस्त को बुलाओ मिल कर सुक्रिया केहना है

जीतू - सही कहा लेकिन मुझे लगता है कुछ दिन तक तो ना हम बॉस से बात कर पायेंगे ना वो खुद आने वाले है बस इंतज़ार हि करना पड़ेगा

दोनो के बीच ऐसे ही बाते होती रेहती है


( अभय के घर )


दिशा अदिति आगन मे खाट पे बैठे बाते कर रहे होते है

दिशा अदिति को देख हस्ते हुवे - ननद जी देवर जी ने तो अपने लिये एक और गुरिया ढूढ़ ली अब तो आपको उतना प्यार नही मिलेगा जितना पेहले मिलता था

दिशा की बात सुन अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे

अदिति - भाभी मेरे भाई के लिये मे आप मा या कोई और कियु ना हो अगर भाई किसी से रिस्ता बनाते है तो उसके हमारे बीच बेडभाव नही करते भाई सब को एक तरह ही देखते है प्यार भी करते है मुझे यकीन है जितना प्यार भाई मुझे करते है उतना हि प्यार मधु से भी करेगे लेकिन ये जान मुझे जलन या गुस्सा नही बलकी अपने भाई पे और प्यार आता है और मेरे दिल मे भाई के लिये इज़त और बढ़ गई है मेरा भाई मेरी जान है और मे भी उनकी जान हु ( अदिति दिशा को देख मुस्कुरा देती है )


दिशा भी अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - जैसा मुझे देवर जी के गुरिया से उमीद थी मुझे पता था आपके जवाब किया होगे कियुंकी मेने देखा आपने खुद मधु के लिये कपड़े खरीदे है अपने पसंद से

अदिति दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - खरीदना तो परेगा ही ना मधु मेरी छोटी बेहन जो बन गई है और मे उसकी बरी बेहन

दिशा मुस्कुराते हुवे - हा समझ गई छोटी बेहन पाके बहोत खुश होगी आप फीलिंग मस्त आ रही होगी ना बरी बेहन होने का

अदिति मुस्कुराते हुवे - ये भी पूछने की बात है

तभी आसा आते हुवे - किया बात हो रही है भाभी ननद मे

दिशा आसा को देख - देवर जी के दूसरे गुरिया के बारे मे बात हो रही हो मम्मी जी

आसा खाट के एक साइड बैठते हुवे - अच्छा मधु कि बात कर रही हो
अदिति आसा को देख - हा मा मधु कि हि बात हो रही है वो बस मुझसे कुछ महीने छोटी है लेकिन छोटी तो छोटी होती है ना मे उससे बरी हुई ना मा

दिशा अदिति की बात सुन हसने लगती है तो वही आसा मुस्कुरा देती है

आसा अदिति के गाल पे हाथ फेरते हुवे - बेटा अभय के लिये तुम सब से खास हो और रहोगी चाहे कोई कियु ना आ जाये रही मधु कि बात ( आसा मुस्कुराते हुवे) हा तुम उसकी बरी बेहन हो

अपनी मा की बात सुन आसा खुश होते हुवे - आप ने सही कहा मा

दिशा आसा को देख - मम्मी जी सोच रही हु साम को देवर जी के साथ जाके मा से मिल आउ

आसा दिशा को देख - अरे ये तो अच्छी बात है वैसे भी अभय ने उनके लिये खरीदारी की है कपड़े सब जाके देना भी तो है ठीक है साम को अभय को लेकर चली जाना

दिशा खुश होते हुवे - जी मम्मी जी

अदिति - मुझे भी जाना है
आसा अदिति को देख - नही तुम नही जाओगी बहु अभय जायेंगे कई बार जाके तो आई हो

अदिति - ठीक है आप केहते हो तू मान जाती हु आपको अकेला छोर कर जा भी तो नही सकती

आसा अदिति के गाल पे किस करते हुवे - मेरा प्यारा बच्चा
अदिति आसा को देख - बस भी कीजिये जब आप खुश होती है तभी आप मुझ प्यार से चुम्मी देती है लेकिन भाई को तो बिन मांगे किस्सी देती रेहती है

आसा हस्ते हुवे - कियुंकी मेरे लाल को किस्सी के बिना रहा नही जाता है अगर किस्सी नही मिली तो बेचैन हो जाता है

अदिति हस्ते हुवे - हा पता है आदत भी तो आप ने हि लगाई है

आसा दिशा दोनो जोर जोर से हसने लगते है दोनो को हस्ता देख अदिति भी हसने लगती है

( विजय के घर )

विजय काजल दोनो बैठ कमरे मे बैठ खाना खा रहे थे मिनीता कोमल दोनो वही बैठे हुवे थे

मिनीता विजय काजल को देख - अभय बेटा सुबह सुबह जोगिंग करते हुवे आया था लेकिन तुम दोनो दो आराम से सोने मे लगे हुवे थे

मा की बात सुनते ही विजय हैरानी से - किया अभय भाई यहा आये थे कियु किया कोई काम था किया उन्होंने आप को कुछ कहा

मिनीता विजय को देख - सांत होजा अभय बेटा बस हम सब से मिलने के लिये आया था

मा की बात सुन विजय सांत होते हुवे मन मे - अच्छा मुझे लगा किसी काम मिसन के सिलसिले मे बात करने आये ते जल्दी ही सभी को एक जगह बुलाया जायेगा कियुंकी बॉस बहोत बरा करने वाले है

काजल मिनीता को देख हस्ते हुवे - अभय के बारे मे तुमने मुझे जितना बताया है जरूर अभय किस लेकर ही गया होगा

कोमल - हस्ते हुवे ये भी केहने की बात है लेकर ही गया है और किस के लिये रोज सुबह आते रहेगा

मिनीता - हस्ते हुवे सही कहा किस लेकिन गया है
काजल हस्ते हुवे - अभय का अपना ही एक आदत है हर लरके कि कोई अगल आदते देखी है लेकिन अभय कि किस्सी लेने वाली आदत देखी

मिनीता हस्ते हुवे सही कहा - ( मिनीता अपने आगे की झुल्फे अपने कान के पीछे करते हुवे ) अभय बेटे ने मेरी तारीफ भी कि उसने कहा मे बहोत खूबसूरत दिखती हु

कोमल विजय अजीब नजरो से अपनी मा को देखते है

काजल मिनीता को देख मुह टेरा करते हुवे - भाभी आप खूबसूरत है लेकिन मुझसे नही समझ गई आप

मिनीता काजल को देख - ननद जी लगता है आप दिन मे सपना देखने लगी है मे खूबसूरत हु अभय बेटे ने मुझसे कहा भी है

काजल - तो किया हो गया अभय बेटा मेरी भी तारीफ करेगा देखना कहेगा बुआ आप ऑन्टी से बहोत खूबसूरत है

मिनीता - सपना देखना अच्छी बात है देखते रहिये
काजल - देख लेना आप खुद

कोमल अपनी मा बुवा को देख मन मे - देखो तो इस उमर मे उनको जवानी खूबसूरती की परी है

विजय अपनी मा बुआ को देख हस्ते हुवे मन मे - बॉस मे देखना चाहुंगा मा बुआ के सामने आप किसको जायदा खूबसूरत केहते है


( मधु के घर )


मधु सर्म से लाल पानी पानी होते हुवे कमरे मे तेजी से भाग जाती है और पूरी नंगी आईने के सामने खरी होते हुवे खुद को देख मन मे


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मधु - ये किया हो गया भाई ने मुझे पुरा नँगा देख लिया ऐसा लग रहा है मे सर्म से मर ना जाऊ मे अब कैसे भाई के सामने जाउंगी कैसे उनको फेस कर पाउंगी है उपर वाले ये किया हो गया गारी की आवाज तो सुनी थी मेने लेकिन मुझे लगा कोई और होगा अब किया करू लेकिन जाना तो परेगा ही

मधु सर्म से लाल होते हुई परी थी मधु तैयार होते हुवे मन मे यही सोचे जा रही थी कैसे वो अभय के सामने जायेगी

वही अभय होस मे आ चुका था लेकिन उसका लंड फुल ओकात मे था अभय अपने लंड को देख ये किया हो रहा है पेहली बार किसी को नँगा देखा है तब से मेरा लंड इतना टाइट हो गया है जैसे लंड कि नशे फट जायेगी मेरे अंदर अजीब सी चाहता फीलिंग निकल कर आ रही है जो मुझे बहोत बेचैन कर रही है किया करू ये मेरे साथ पेहली बार हो रहा है

अभय ने 15 से 19 का वक़्त समय कैद मे बिताया और ये वो वक़्त समय होता है जब लरके स्कूल मे दोस्तो के साथ लरकी को लेकर बाते करते है सेक्स को लेकर बाते करते है लरकी को देख कर मजे लेते है लरकी पे कमेंट करते है हा ये अलग बात है अभय बाकी बिग्रैल लौंडिया बाज लरका नही बनता लेकिन सेक्स की चाहत सेक्स को लेकर सोच ज्ञान तो जरूर मिलती जो कि अभय को कैद मे रहने से नही मिला लेकिन आज अभय के को एहसास हुवा वो अब एक जवान मर्द है

अभय ने 4 साल ट्रेनिंग की थी तो अभय हर तरफ से पुरा फिट था अभय खुद मे मन को सांत करता है तो अभय का लंड बैठ जाता है लेकिन जो सीन अभय ने देखा था और अभय के अंदर से मधु को देख जो फीलिंग निकली थी उसे अभय दबा नही पाया ना अभय वो सीन दिमाग से निकाल पा रहा था


मधु रेडी हो चुकी की लेकिन अभय के पास जाने की हिम्मत जुटा नही पा रही थी कई बार कोसिस करने के बाद आखिर कार हिम्मत कर के मधु कमरे से निकल अभय के सामने आके खरी हो जाती है

मधु को बहोत सर्म आ रही थी नजरे नीचे किये हुवे अपने नाखून को खुरेडे जा रही थी मधु ने सूट सलवार पेहना था मधु मे जो सूट सलवार पेहना था वही बस एक उसके पास अच्छे कपड़े थे मधु एक नजर अभय को देख सर्म से फिर नजरे नीचे कर लेती है मधु सूट सलवार मे बहोत ही प्यारी खूबसूरत लग रही थी


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अभय मधु को देखता है तो फिर देखता ही रेह जाता है अभय के ना चाहते हुवे भी मधु को देख अभय के दिमाग मे मधु का नँगा बदन सामने का जाता है अभय जल्दी से दिमाग को झटक मधु को गोर से देखता है तो समझ जाता है मधु बहोत शर्मा रही है

अभय मोहोल को बदलने की सोचता है

अभय मधु को देख मुस्कुराते के - गुरिया देखो तेरा भाई तेरे लिये किया लेके आया है

अभय की बात सुन मधु भी सब भूल कर अभय को देख खुशी से अभय के पास जाके

मधु खुश होते हुवे - भाई किया लाये हो मेरे लिये बताइये ना जल्दी
अभय मधु के सर को सेहलाते हुवे - सांत हो जाओ गुरिया कोई तेरे समान लेकर भाग नही जायेगा

अभय बैग को आगे करते हुवे - खुद देख लो
मधु जल्दी से बैग लेके उसे नीचे रख खोलने लगती हो मधु बहोत खुश थी आज उसके लिये कोई कुछ लाया था वो भी उसका भाई अभय भी मधु को खुश देख अभय भी बहोत खुश होता है


मधु बैग खोल कर अंदर हाथ दाल कर जब कुछ निकलती है तो उसे देख मधु का मुह बन जाता है

मधु मुह फुलाते हुवे अभय को देख - भाई ये किया है क्या मे ये सारी पेहनुगी
अभय हस्ते हुवे - अरे गुरिया ये सारी ऑन्टी के लिये है अंदर एक और होली उसके नीचे सब तेरे लिये ही है देखो तो

अभय की बात सुन मधु फिर खुश हो जाती है और अंदर हाथ दाल एक एक कर सब कपड़े निकाल कर देखती तो मधु खुशी से पागल होने लगती है

मधु के लिये सूट सलवार जीन्स लेगिंस नाइट सूट लहगा चोली बोले तो सब था 2 दो पीस और एक बरा मेकप् का बॉक्स उसी के साथ नाक कान मे के भी थे

मधु जल्दी से और अंदर किया है देखती है तो सर्म से लाल हो जाती है अंदर ब्रा पैंटी थी तो मधु उसे अंदर ही रेहने देती है अभय भी मधु को देख समझ जाता है

अभय मधु को देख - गुरिया ये सब मेरी गुरिया यानी तेरी बरी बेहन भाभी ने मिल कर तुम्हारे लिये पसंद कर लिया है और ये लो तेरा अपना फोन

मधु नया फोन देख कर और खुश हो जाती है और जल्दी से अभय के हाथ से फोन लेकर देखने लगती है
मधु को चलाते हुवे - भाई आपको पता नही है जब मे अपने कई लरकियो को फोन चलाते देखती थी तो मेरा भी मन करता था फोन चलने का लेकिन आज मुझे नया फोन मिल हि गया जो मेरे प्यारे भाई ने दिया है

मधु जल्दी से जाके अभय के गले लग जाती है मधु के आखो मे खुशी के आसु थे अभय भी मधु को बाहों मे भर लेता है


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मधु इमोसनल होते हुवे - भाई कल ही हम मिले आपने मुझे बेहन माना आज आप मेरे लिये इतना सब कर रहे है यकीन नही हो रहा मुझे आप जैसा भाई मिला आपक सुक्रिया भाई

अभय मधु को देख मधु के आसु साफ करते हुवे - तु मेरी गुरिया है तो मे अपनी गुरिया के लिये सब करुगा जो मे कर सकता हु और हा भाई को सुक्रिया नही केहते

मधु अभय के बाहों मे समाये - समझ गई भाई आगे से नही कहुंगी

अभय मधु को अलग कर मधु को देख - गुरिया इसमें मेरा अदिति भाभी मा का नंबर सेब कर दिया है अब तुम जब चाहो मुझसे बात कर सकती हो और कभी भी कोई मुसीबत मे हो या कुछ चाहिये हो बे झिझक मुझे फोन करना

मधु का दिल खुशी से नाचने का कर रहा था


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मधु अभय के गालो पे किस करते हुवे - मे कियु कोई झिझक करुगी अपने भाई से कुछ मांगने मे मे तो दिल खोलकर जो चाहिये मांगूगी

अभय हस्ते हुवे - ये हुई ना बात हा एक और बात जल्दी हु तुम्हे अदिति को मे इस्कुटि खरीद दुगा साथ मे स्कूल जाना और तेरा जब दिल करे अपने भाई के घर आ जाना ठीक है

इतना सब कुछ एक बार पाके अपने भाई से प्यार पाके मधु के आखो मे फिर आसु आ जाते है मधु फिर जाके अभय के बाहों मे समा जाती है अभय भी प्यार से मधु का सर सेहलानें लगता है कुछ देर बाद अभय मधु से

अभय - गुरिया चलो मे तुझे घुमा कर लाता हु
मधु अब अपने आप को रोक नही पाती और खुशी से नाचने हुवे ये भाई मुझे घुमाने ले जायेंगे

अभय हस्ते हुवे - बस करो और जाके समान रख जल्दी आओ

मधु - अभी आई

मधु सब समान रख आ जाती है फिर अभय बाइक चालू करता है मधु दोनो तरफ पैर रख अभय से चिपक कर बैठ जाती है अभय को मधु के बरे गोल मुलायम चुचे अपने पीछे मेहसूस होता है


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मधु के चुचे फिल कर अभय के अंदर फिर हलचल मच जाती है पेहले भी कल मधु के चुचे फिल किये थे लेकिन मधु को नँगा देखने के बाद ये फीलिंग अलग थी कल से अभय दिमाग को झटक देता है

अभय - गुरिया चले
मधु तो अभय को पकरे खुशी से फुले नही समा रही थी बेचारी गरीबी मे मा बाप के साथ रहती आई है बाहर जाने का घूमने का मोक्का भी नही मिलता था ना कोई भाई था उसके साथ हस्ती मस्ती करती बाहर घूमने जाती लेकिन अब ऐसा नही था

मधु खुशी से - जि भाई चलिये

अभय ये सुनते ही बाइक तेजी से भगा देता है मधु अभय को पकरे नजारे का का अपने भाई के साथ घूमने का मजा लेने लगती है

अभय के मिलने के बाद मधु जितनी खुश है पेहले कभी नही हुई आज मधु खिलखिला कर हस रही थी खुल कर जी रही थी


अभय मधु को बाजार ले जाता है कुछ खिलता पिलाता है भूमाता है फिर 40 मिनट बाद अभय मधु के घर की गरफ निकल परता है

रास्ते मे एक पेर था पास पास कोई नही था अभय पेर के नीचे बाइक रोक देता है मधु भी बाइक से नीचे उतर जाती है

मधु अभय को देख - भाई आपने बाइक कियु रोकी यहा पे
अभय मधु को देख - अपनी आखे बंद करो

अभय के केहते ही बिना कुछ सोचे बिना देरी किये मधु अपनी आखे बंद कर देती है जिसे देख अभय भी हैरान हो जाता है लेकिन फिर मुस्कुरा देता है

अभय बाजार मे मधु को बाइक के पास खरा कर जल्दी से जाके मधु के लिये एक लॉकेट ले लिया था वही निकाल कर मधु के गले में पेहना देता है


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अभय - अब आखे खोल सकती हो
मधु आखे खोल गले के लॉकेट को देख फिर इमोसनल हो जाती है
अभय - कैसा लगा गुरिया भाई का गिफ्ट
मधु तेजी से जाके अभय के गले लग रोते हुवे - भाई इतना प्यार मत दो जिसे मे सेह ना पाउ अब तो डर लगने लगा है कही एक दिन आप मुझे छोर दोगे तो मे कैसे जीयुगी

अभय मधु के आखो से आसु साफ कर मधु को देख - पागल मे जब तक जिंदा रहुंगा तुझे छोर कर कही नही जाउंगा तेरी कसम

मधु अभय को देख सिसकते हुवे - सच्ची
अभय मुस्कुराते हुवे - सच्ची अब ये बताओ मेरा गिफ्ट कैसा लगा
मधु लॉकेट को देख - जैसा मेरा भाई प्यारा है उसका गिफ्ट भी मुझे बहोत प्यारा लगा

अभय मुस्कुरा देता है

अभय मधु को देख - गुरिया ये बताओ मेने तुम्हे आख बंद करने को कहा तुमने बिना सोचे समझे आखे बंद कर ली किया तुम मुझपे इतना भरोसा करती हो जबकि हम कल ही मिले है
अभय की बात सुन मधु अभय को देख
मधु - हा करती हु कियुंकी आपकी आखो मे साफ दिखता है आप कितने अच्छे है दूसरा मेरा दिल आपके पास रेह कर अच्छा फिल करता है उसे खुशी मिलती हैं मेरा दिल मुझसे कहा आप बुरे नही है

अभय मधु की बात सुन मुस्कुरा देता है

अभय नजरे नीचे कर - लेकिन आज जो हुवा उसके लिये मुझे माफ कर देना मुझे पता नही था तुम

मधु अभय के पास जाके अभय के चेहरे को उपर करते हुवे

मधु - भाई उसमे आप की कोई गलती नही थी आप माफी मत मांगिये
अभय मधु को बाहों मे लेके - थैंक्स गुरिया
मधु - बेहन को थैंक्स नही केहते
अभय हस्ते हुवे - समझ गया

अभय मधु को छोर मधु को देख हस्ते हुवे - लेकिन अगली बार ध्यान देना ऐसा ना हो फिर मे अचनाक् आ जाऊ

तभी मधु अभय के मुह बंद कर शर्मा के - भाई आगे कुछ मत बोलना

फिर मधु अभय के मुह से हाथ हटा देती है

अभय हस्ते हुवे - ठीक है नही बोलुगा चलो घर चलते है


अभय सीधा घर आता है मधु अभय अंदर जाते है तो सिला आ चुकी थी सिला की नजर अभय मधु पे जाती है

सिला अभय को देख फिर मधु को देख मुस्कुराते हुवे

सिला - अच्छा तो ये हैंडसम है तेरा भाई जिसके बारे इतना गुन गान कर रही थी

अभय सिला के पास जाके पैर हुवे हुवे - हा मे ही हु गुरिया का भाई
सिला अभय को आशीर्वाद लेते हुवे हस के - अच्छा तो प्यार से गुरिया बोलते हो मधु को

मधु सिला के गले लग के अभय को देख - भाई कि गुरिया हु तो गुरिया हि कहेगे ना
सिला मधु को प्यार करते हुवे हस के - समझ गई बाबा ये बताओ कहा से आ रहे हो

मधु सिला को देख खुश होते हुवे - मा भाई मुझे बाजार घुमाने ले गये थे मुझे खूब खिलाया और ( लॉकेट को देखाते हुवे) भाई ने मुझे ये लॉकेट गिफ्ट भी दिया है

सिला - अरे वाह बहोत सुंदर है तुम्हारे भाई का गिफ्ट ( सिला अभय को देख) कभी मुझे भी भुमाने के चलो बेटा
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर लेके जाउंगा ये भी केहने की बात है

मधु जल्दी से अंदर जाके बैग लेकर आती है और सिला को सारी दिखाते हुवे - मा ये भाई ले सारी आप के लिये ली है - मधु अपने सारे कपड़े सब दिखाते हुवे) और ये सब मेरा है भाई ने मुझे दी है

सिला हैरान होकर अभय को देख - बेटा इसकी किया जरूर थी देख कर मेहगा लग रहा है बेकार मे खर्चा कियु किया

अभय सिला के गले लग कर - गुरिया मेरी बेहन है और आप भी मेरी मा जैसी हुई उसका मतलब आप सब मेरे अपने है तो मेरा ये फर्ज़ है

सिला अभय के गाल पे किस करते हुवे इमोसनल होके

सिला - सुक्रिया बेटा जब से तुम मधु से मिले तो मधु को मेने बहोत खुश देखा है जितना पेहले नही देखा ( सिला मधु को देख) देखो कितनी खुश है

अभय - कियु नही रहेगी मे खुश रखुंगा अपनी गुरिया को
मधु अभय के गले लग के - मेरा प्यारा भाई

सिला अभय मधु को देख मन मे - जब मधु ने बताया मुझे मेरा भाई मिल गया है तो मे हैरान थी टेंसन मे भी थी कोन है कैसा लरका होगा कही मेरी बेटी का फायेदा तो नही उठा रहा लेकिन उसकी आखो मे देख इसको सामने से देख साफ फिल हो रहा है मुझे ये लरका जिसे भी प्यार करेगा दिल खोल कर करेगा और कोई अगर इसके अपनो को चोट पहुचाने की कोसिस की तो उपर वाला बचाये उसे

अभय मधु को छोर - अच्छा गुरिया मुझे अब जाना होगा घर पे मेरा सब इंतज़ार कर रहे होगे

सिला - अरे बेटा थोरा रुक जाते तो
अभय - नही ऑन्टी मुझे साम को भाभी को लेकर उनके मायके भी जाना है कल मे आऊगा तो देर तक रुकुगा
सिला - अच्छा ये बात है तो ठीक है कल रुकना पड़ेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है

अभय बाहर आके बाइक पे बैठ जाता है मधु भी खरी थी सामने

मधु अभय को देख - भाई अच्छे से जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है कल फिर बिना बोले अंदर आ जाउंगा
मधु सर्म से लाल होते हुवे अभय के सीने पे प्यार से मारते हुवे
मधु - आप बहोत बुरे है आप जान भुज कर मुझे परेसान कर रहे है
अभय मधु के माथे पे प्यार से किस करते हुवे मधु को देख
अभय - आई लोव यू गुरिया


source
मधु अभय के गाल पे किस करते हुवे - आई लोव यू भाई
अभय - ठीक है जाता हु

अभय भी अपने घर निकल परता है
मधु अभय को जाते देख - भाई पता नही कब तक मुझे कितना ताना मरेगे ( मधु अपना चेहरा छुपा के शर्म से लाल होते हुवे) सुबह जो हुवा नही होना था

मधु फिर अंदर चली जाती है

अभय घर आ जाता है 12 बज गये थे दर जाते ही अदिति अभय के ऊपर खुद परती है अभय अदिति को पकर् लेता है


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अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - ऐसे अचानक मेरे उपर आके कुद जाती हो किसी दिन तुझे नही पकर पाया तो हड्डी टूट जायेगी तेरी गुरिया
अदिति अभय को देख - ऐसा कभी नही होगा
अभय -हस्ते हुवे- कियु नही होगा
अदिति अभय के गाल पे किस करते हुवे - कियुंकी मुझे आप पर खुद से जायदा भरोसा है की जब तक मेरा भाई मेरे साथ है कभी मुझे चोट पहुचा नही सकता ना आप मुझे चोट लगने देगे

आसा कमरे से बाहर आते हुवे अदिति को देख
आसा -ये बात तो तूने सही कही लेकिन बंदर कि तरह कियु लटकी है मेरे लाल के ऊपर नीचे उतर जा
अदिति आसा को देख - आप का लाल है तो मेरे प्यार भाई है मे नही उतरुगी
आसा सर पकर - तुम बच्ची के बच्ची रहोगी तुम्हारी हरकते भी बच्चे की तरह है

अभय अदिति को नीचे उतार आसा को बाहों मे भर आसा को देख


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अभय -मेरी प्यार मा गुरिया को कुछ मत कहो वो तो मेरी जान है
आसा अभय को देख - जानती हु इसी किये तेरे सर पे चडी रेहती है
अभय हस्ते हुवे - आप भी मेरी जान है मा
आसा अभय को गाल पे किस करते हुवे - मेरा बच्चा तु भी मेरी जान है

आसा -अब छोर जाके भाभी को देख समान पैक करने मे मदद कर जाके
अभय आसा को छोर - ठीक है मा जाता हु


अभय फिर दिशा के कमरे मे जाता है दिशा सामान रख रही थी बैग में

अभय अंदर आते हुवे दिशा को देख - सारा समान रख लिया या बाकी है

दिशा अभय को देख - अरे देवर जी बस हो गया समझो बैठिये ना
अभय बिस्तर पे बैठ जाता है दिशा थोरे देर बाद फिरी हो जाती है और अभय के पास बैठ जाती है

अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - मुझसे रहा नही जा रहा आपकी बेहन से मिलने के लिये
अभय की बात सुन दिशा हैरान होते हुवे अभय को घूर के देखते हुवे
दिशा - मेरी बेहन मे नजर दाली तो ( दिशा अभय के लंड की तरफ देख कर) आपकी पप्पू काट दुगी समझ गये मेरे प्यारे देवर जी

दिशा की बात सुन अभय जल्दी से अपने हाथ से अपने लंड के ऊपर रखते हुवे दिशा को देख डर के
अभय - ना ना मे आप ने केह दिया आपकी बेहन से दूर रहुंगा मुझे अपना पप्पू नही कटवाना है

अभय की बात सुन दिशा पेट पकर जोर जोर से हसने लगती है
दिशा हस्ते हुवे अभय को देख - अपना चेहरा तो देखिये कितना डरे हुवे है आप सही भी है पप्पू बिना आप किया करेगे

अभय दिशा को देख मुह बना के - उरा लीजिये मेरा मजाक जितना उराना है

दिशा अभय के गाल पे प्यार से किस करते हुवे - अरे अरे देवर जी नाराज मत होइये मे तो मजाक कर रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - मुझे भी पता है आप मजाक कर रही थी


बाते करते हुवे साम 3 बज जाते है


अभय दिशा रेडी थे जाने के लिये अभय बाइक पे बैठ जाता है दिशा पीछे एक तरफ दोनो पैर कर बैठ जाती है सारी जो पेहन रखी थी

आसा अदिति दोनो खरे थे अभय बाइक चालू करता है और मा अदिति को देख

अभय - ठीक है मा गुरिया जा रहा हु सुबह भाभी को लेकर आ जाउंगा
आसा - ठीक है बेटा अच्छे से भाभी को लेके जाना
अभय - आप चिंता मत करो मा
अदिति - आज आपने बिना रेहना पड़ेगा
अभय हस्ते हुवे - अरे गुरिया कल आ जाउंगा
दिशा आसा अदिति को देख - मम्मी जी ननद जी चलती हु कल सुबह आ जाउंगी

आसा अदिति - ठीक है

अभय फिर निकल परता है दिशा अभय के कमर को एक हाथ से पकर कर बैठी हुई थी अभय बाइक चलाते हुवे जा रहा था


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अभय - मेरी किस्मत ही खराब है
दिशा हस्ते हुवे - कियु किया हुवा
अभय - मेने सोचा था आप सूट सलवार पेहनेगी बाइक पे दोनो तरफ पैर कर के मुझे पकर मुझसे चिपक कर बैठेगी तो थोरा फिल कर मजा ले पाता लेकिन कुछ नही हुवा

दिशा अभय की बात समझ नही पति फिल चिपक लेकिन दिशा जब अपने दिमाग पे जोर डालती है तो हैरान और सर्म से लाल जो जाती है

दिशा अभय के पीठ पे मारते हुवे - गंदे देवर जी आप ये सोच रहे थे
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन ऐसा हुवा नही
दिशा सर्म से लाल - आप ना देवर जी बरे वो होते जा रहे है
अभय हस्ते हुवे - वो किया
दिशा - कुछ नही

ऐसे ही मस्ती मानक करते हुवे 20 मिनट के बाद अभय दिशा अपने मंजिल पे पहुच जाते है अभय घर के बाहर बाइक रोक देता है दिशा नीचे उतर जाती है अभय भी

बाइक की आवाज सुन पूजा बाहर देखने आती है तो पूजा की नजर अपनी बेहन पे जाती है तो दिशा को देख बहोत खुश हो जाती लेकिन पूजा की नजर जब अभय पे जाती है तो पूजा अभय को देखते ही रेह जाती है

दिशा अपनी छोटी बेहन को ऐसे अभय को देखता देख मुस्कुराते हुवे मन मे - मेने भी देवर जी को पेहली बार देखा था तो देखते रेह गई थी


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अभय पूजा को देखते हुवे मन मे - अच्छा तो यही है भाभी की छोटी बेहन पूजा मानना पड़ेगा बहोत खूबसूरत है भाभी की तरह

दिशा पूजा के पास जाके - ओये होस मे आजा
दिशा की बात सुन पूजा हरबराते हुवे दिशा को देख - जी दीदी
दिशा अभय को देख - ये है मेरे प्यारे देवर जी
अभय पूजा के पास जाके पूजा को देख - अच्छा तो ये है आपकी बेहन पूजा मुझे लगा था खूबसूरत होगी लेकिन ये तो बंदरिया की तरह दिख रही है

अभय की बात सुन दिशा हैरान होते हुवे अपना सर पकर लेती है
दिशा मन मे - देवर जी आपने ये किया बोल दिया आप तो गये

वही होता है अभय पूजा को देख काप् जाता है कियुंकी पूजा फुल गुस्से मे लाल पीली होते हुवे अभय को देख रही थी

पूजा अचानक अभय की तरह तेजी से दोरते हुवे - किया कहा बंदरिया आप मे आप की जान ले लूगि

अभय की फट जाती है अभय जल्दी से दिशा के पीछे छुप जाता है

पूजा गुस्से से दिशा को देख - दीदी आप साइड हो जाइये आज तो ये गये मुझे मुझे इतनी खूबसूरत लरकी को बंदरिया बोला

अभय दिशा के पीछे छुपे हुवे काप् रहा था

अभय पूजा के गुस्से को देख मन मे - भाभी ने सही कहा था साली साहेबा गुस्से वाली है मुझे ही चुल् मची थी उंगली करने की अब मे तो गया ये तो बहोत गुस्से मे है

दिशा पूजा को देख- सांत हो जा छोटी अरे उन्होंने मजाक मे कहा है
पूजा - नही छोरुगी

पूजा अभय को मारने दोरते है अभय चिलाते हुवे दिशा के गोल गोल दोरते हुवे - बचा लो भाभी नही तो ये मार डालेगी मुझे

पूजा अभय दिशा के गोल गोल भागते रेहते है दिशा ये सब देख अपना सर पकर देती है
दिशा जोर से चिलाते हुवे - रुक जाओ

दिशा की जोरदार आवाज सुन दोनो सांत पर जाते है
दिशा अभय पूजा को देख - फिर दोनो लरे तो मे खुद दोनो की धुलाई कर दुगी चलो अंदर

दिशा सभी अंदर जाने लगते है लेकिन पूजा गुस्से से अभय को देख इशारे से - मौका मिलते ही आप के दोनो अंडे फोर दुगी

अभय अपने अंडे पे हाथ रखते हुवे मन मे - बाप रे दोनो बेहने कम नही है एक मेरे पप्पू काटने की धमकी दी तो दूसरे ने मेरे अंडे फोरने की बच कर रेहना पड़ेगा अभय बेटा नही तो किसी काम का नही बचेगा

अंदर जाने के बाद तारा कमरे से बाहर आती है तो दिशा अभय को देख खुश हो जाती है अभय जाके तारा के पैर छूता है

तारा अभय के गाल को सेहलाते हुवे प्यार से - सुकर है अपर वाले का आप लौट कर आ गये नही तो घर मे खुसिया सायद कभी नही आती अगर आती भी तो आप के लिये वो खुसिया खुसिया नही रेहती

अभय तारा को देख - मुझे तो आना ही था बस ये सब आप लोगो की दुवा प्यार का नतीजा है आज मे यहा हु
तारा मुस्कुराते हुवे - चलिये अंदर बैठिये ना

फिर अभय अंदर कमरे मे जाता है बाते होती है बहोत सारी बाते करने के बाद एक कमरे मे दिशा पूजा अभय बैठे हुवे थे दिशा पूजा को नये कपड़े मेकप् का समान बाकी चीजो के साथ लास्ट मे एक मोबाइल निकाल कर देते हुवे

दिशा - देवर जी हमे बरे से शोपिंग मॉल मे लेके गये थे हमने ढेर सारी शॉपिंग थी तुम्हारे लिये भी ये सब मोबाइल देवर जी ने ही लेकर दिया है

पूजा पेहले तो जल्दी से सारे समान मोबाइल अपनी तरफ कर लेती है असल मे पूजा अंदर से बहोत खुश थी नये कपड़े मोबाइल सब पाके लेकिन अभय के सामने दिखती नही है

पूजा अभय को देख नॉर्मल - आप का सुक्रिया
अभय दिशा को देख मन मे - बंदरिया थोरा मुस्कुराते हुवे केहती तो किया बिगर जाता
दिशा दोनो को देख मन मे - ये दोनो फिर आखो ही आखो से लाराइ करने लगे

पूजा सब समान लेके - मे जा रही हु आप दोनो बाते करो

पूजा अपने कमरे मे आके दरवाजा बंद कर नये कपड़े मोबाइल सब देख खुशी से नाचते हुवे - वाह आज दिन बन गया मुझे तो लगा था जीजा जी कमीने है जब उन्होंने मुझे बंदरिया कहा लेकिन अब अच्छे लगने लगे है हाय मेरे नये कपड़े

वही अभय दिशा बाते कर रहे थे

अभय दिशा को देख - भाभी आपकी बेहन ना बहोत खतरनाक है
दिशा हस्ते हुवे - अब समझ आया मेने तो पेहले ही बताया था

( रात 10 बजे


खाना खाने के बाद के दोरान अभय दिशा के पापा से भी बात करता है अभय अपनी बनाई कहानी सुना देता है जिसे सुन तारा पूजा हैरान हो जाते है

एक कमरे मे दिशा पूजा अभय फिर बैठ बाते करते है

अभय पूजा से - साली जी ये बताइये किया आप अभी भी मुझसे गुस्सा है किया

पूजा मुह फुलाते हुवे - हा बहोत गुस्सा हु आप ने मुझे बंदरिया कहा
अभय अपने कान पकर - माफ कर दो आप मेरी प्यार भाभी इतनी खूबसूरत है तो उनकी बेहन भी खूबसूरत होगी ही सच मे आप बहोत खूबसूरत है

पूजा अभय को देख - ठीक है माफ किया इतना केह रहे है तो
दिशा हस्ते हुवे मन मे पूजा को देख - पागल है ये लरकी

पूजा - ठीक है मे चली सोने आप दोनो बाते करो
पूजा सोने चली जाती है अब दिशा अभय बचे थे

अभय बिस्तर पे लेत - चलो मुसीबत तली
दिशा भी अभय के पास लेटते हुवे - सही कहा नही तो आप की खैर नही थी

अभय दिशा की तरफ पलट के दिशा को देखने लगता है दिशा अभय की तरफ पलट कर अभय को देखती है
अभय दिशा को देख - भाभी सच मे आप बहोत खूबसूरत है किया मे आपको एक बार बाहों मे ले सकता हु
दिशा अभय को देख - ठीक है देवर जी

अभय दिशा के तरफ जाके दिशा को बाहों मे भर लेता है दोनो के अंदर एक हलचल होने लगती है दोनो एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है

अभय दिशा को देख - भाभी किया मे आप को होठो पे किस कर सकता हु
दिशा अभय को देखते हुवे - ठीक है कर लीजिये
अभय - लेकिन आप भी मेरा साथ देगी तो
दिशा- अभय को देख दुगी साथ

अभय दिशा के नजदीक जाता है दोनो की सासे तेज चलने लगती दोनो के अंदर एक सोया हुवा तूफान जाग जाता है जो बाहर आने के लिये जोर दे रहा था दोनो एक दूसरे को देख है फिर दोनो मे होठ आपस मे मिल जाते है अभय दिशा दोनो एक दूसरे के जिब को मुह मे लेके वाइल्ड ककिस करना सुरु कर देते है


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दोनो एक दूसरे के होठो को जिब को मुह मे लेके चुसे जा रहे थे अभय दिशा को और कस के अपने से सता लेता है अभय का पेहली बार था जब वो किसी को इस तरह किस कर रहा था दोनो सब भूल कर किस मे डूबे हुवे थे एक दूसरे का रस पीने मे लगे हुवे थे 2 मिनट बाद


दिशा आखे बंद किये सर्म से पानी पानी हुवे जोर जोर से सासे लिये जा रही थी जिसकी वजह से दिशा के बरे चुचे उपर नीचे हिल रहे थे

अभय दिशा को देखते हुवे - भाभी
अभय की बात सुन दिशा आखे खोल अभय को देखती है
अभय - भाभी वो
दिशा अभय की आखो मे देख समझ जाती है अभय किया चाहता है
दिशा अपनी आखे बंद कर के - देवर जी आप जो चाहते है कर सकते है
अभय दिशा की बात सुन जल्दी से दिशा के ऊपर आके दिशा के चेहरे गाल पे किस करने लगता है दिशा जोर से बिस्तर को पकर लेती है


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दिशा बिस्तर पे लेती आह भरने सिसकिया लेने लगती है और अभय दिशा के गाल चेहरे पे ककिस किये जा रहा था


दिशा जिसकी सादी हुई लेकिन जल्दी बिधवा हो गई उसके बाद अपने सरीर के सुख को दबा के जीने लगी थी

अभय जो 4 साल कैद मे रहा ना उसे लरकी के टॉपिक मे बात करने का ना सेक्स के टॉपिक मे बात करने का मोक्का मिला ना वो जान पाया वो अब जवान हो चुका है लेकिन आज एक लरकी को नँगा देखने के बाद अभय को एहसास हुवा वो जवान लरका है

दोनो जवान थे एक को सरीर के सुख को दबाना परा दूसरे को आज पता चला उसे किया चाहिये दोनो के अंदर छुपा तूफान जाग गया था दोनो ऐसे मोमेंट मे मे थे जहा दोनो का रुकना नामुमकिन था


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
Bahot badhiya shaandar update
Dekhte h dono aaj kitna aage tak jaate h
 
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ajay bhai

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chapter 13

साम 6 बजे - एक अंजान जगह मे कम से कम 37 लोगो के बीच ग्रुप मीटिंग हो रही थी

एक बंदा - हम किया करेगे महारे बॉस dp devil तो मारे गये उपर से साली वो कमीनी इंस्पेस्टर हमारे पीछे कुत्तो की तरह परी हुई है हम बाहर भी नही निकल सकते सास लेने के लिये

दूसरा बंदा - तुम ने सही कहा अगर हम बाहर निकले तो साली कमीनी को पता चल जायेगा और हमारा काम तमाम हो जायेगा

तीसरा - यार किया मस्त लाइफ चल रही थी मजा आ रहा कमीनो को मारने मे dp बॉस हमारा ख्याल भी अच्छे से रखते थे लेकिन उनके मरने के बाद सब खतम

चौथा - सही कहा अब हम इधर उधर छुप कर रह रहे है पता नही कब तक छुप कर रेहना होगा

बाकी जो बन्दे थी उनकी बाते बैठे आराम से सुन रहे थे सभी के बीच एक बंदा बैठा हुवा था वो dp devil का राइट हैंड था

राइट हैंड - चिंता मत करो तुम सब मे हु ना मे बनुगा तुम सब का अगला dp devil और इस बार हम अपना एक नया ओरोग्नाईजेसन बनायेगे उसी के साथ अपने बॉस का बदला भी लेगे जो बॉस के कैद से भाग गये है उन्हे हम ढूढ़ कर चुन चुन कर मारेगे चारों तरफ तबाही बचा देगे कोई नही बचेगा और वो कमीनी इंस्पेटर उसके साथ हम मजे करेगे और वीडियो बना का पूरी दुनिया को देखायेंगे ताकि सब को पता चले बॉस नही है तो किया हुवा उसके वफादार लोग अभी जिंदा है

राइट हैंड की बात सुन सब खुशी से हाथ उठाते हुवे हम आपके साथ है हम आपके साथ है बोलने लगते है

बंदा 1 - लेकिन कप्तान ये सब होगा कब कैसे करेगे कियुंकी वो कमीनी तो हमारा पीछा ही नही छोर रही है

राइट हैंड सभी को - अभी सही वक़्त नही आया है पेहले हमे अपने आप को बचा के रखना होगा मामला ठंडा हो जायेगा जब पुलिस और वो कमीनी हमारा पीछा करना छोर देगी तब हम फिर लोगो की भर्ती करेगे एक नया बरा टीम खरा करेगे और हमारा मकसद एक हि होगा दुनिया मे बताहि मचाना ताकि सरकार से लेकर सब को एहसास हो की उन्होंने हम से पंगा लेकर अपनी मौत को दावत दी है

( इंस्पेस्टर नीतिका के घर ) 9.30 बजे

नीतिका अपनी बेटी मिका के कमरे मे दोनो मा बेटी बिस्तर पे लेते बाते कर रहे होते है

मिका - मा वो कमीना dp devil तो मारा गया लेकिन उसके कई साथी अभी भी वहा से भाग गये थे औरआप उनके पीछे परी हुई तो अभी तक कितने लोगो को आप ने पकरा हो

नीतिका मिका को देख - बेटा अभी कुछ लोग अपने किसी बिल मे छुपे हुवे है लेकिन जिस दिन अपने बिल से निकले वैसे ही वो मेरे चंगुल मे होगे

मिका नीतिका को देख - मा किया होता अगर वो लरका आप ने किया ( नीतिका अभय) हा अभय अगर हिम्मत नही दिखाता भागने का तो
नीतिका मुस्कुराते हुवे - तो आज कोई भी उस कैद से निकल नही पाता उसके अंदर अपनो का प्यार भरा था अभय से उसकी मा भाई भी बेहन सब बहोत प्यार करते है अभय भी उनके बीच जो प्यार था उसी ने अभय को हिम्मत दी एसी लिये उसने दो रास्ते चुने या तो अपने घर चाहने वालो के पास भाग कर जायेगा या भागते हुवे मारा जायेगा लेकिन उसे कैद मे अपनो के बिना नही रेहना था

मिका - आप की बात समझ मे आता है सभी के बीच कितना प्यार होगा सभी एक दूसरे को कितना प्यार करते होगे

नीतिका मुस्कुराते हुवे - सही कहा बहोत प्यार होगा हद पार प्यार होगा

मिका हस्ते हुवे - वैसे वो लरका अभय कैसा लिखता है
मिका की बात सुन नीतिका घूर के मिका को देखती है
मिका हस्ते हुवे - अरे आप गलत मत समझिये मेने बस ऐसे ही पूजा कियुंकी जिस लरके की वजह से dp devil जैसा हेवान मारा गया जिसकी वजह से कई मा बेहन को उसका बेटा भाई मिला आखिर वो दिखता कैसा होगा

नीतिका मिका को देखती है फिर अपना मोबाइल निकाल कर abh का फोटो दिखाते हुवे ये है अभय देख लो

मिका अभय की फोटो देखती है तो देखती ही रेह जाती है
मिका के मुह से निकल जाता है - कितना हैंडसम है बॉडी भी मस्त है
नीतिका मिका की बात सुन मिका के सर पे दे मारती है मिका आउच करते हुवे मा को देखते हुवे

मिका - मारा कियु लगी मुझे
नीतिका - बस दिल किया
मिका - ये गलत है आप मा है तो बेटी को बेवजह मारेगी
नीतिका मिका को देख - फिर लगाऊ एक
मिका हस्ते हुवे - ना बाबा ना


रात 9 बजे - अभय के घर

मिनीता कोमल काजल तीनों अभय के घर निकल परे थे लेकिन विजय नही आता कियुंकी अभय जो नही था और विजय औरतो के बीच किया हि करता बेचारा तो अपने पापा के साथ ही बाते करने लग गया

मिनीता कोमल काजल अभय के घर आते है अंदर आँगन मे जाते है तो देखते है आसा अदिति दोनो खाट पे बैठ बाते कर रहे थे

मिनीता आसा के पास जाते हुवे - किया बात है दीदी आपका लाल बहु नही है तो आज बेटी के साथ ही बाते करने मे लगी हुई है

मिनीता की आवाज सुन आसा अदिति मिनीता की तरफ देखते है तो उन्हे कोमल काजल भी दिखाई देते है

आसा तीनों का देख - अरे तुम सब आओ आओ अच्छा हुवा तुम सब आ गई थोरि बाते हो जाइयेगी टाइम पास भी हो जायेगा

अदिति चटाई लेकर आती है और नीचे बिछा लेती है सभी बैठ जाते है

काजल आसा से - हा हा कियु नही भाभी आपका लाल जो नही है जब होता है तो आप अपने सीने से लगा के रखती है उसके बाद तो आप को कोई दिखता ही नही
मिनीता हस्ते हुवे - सही कहा तुम ने ननद जी दीदी तो हमेसा अभय को सीने से लगा के रखती है ये तो कुछ दिनों मे देख लिया मेने

आसा हस्ते हुवे मिनीता काजल को देख - अरे मेरा लाल हो तो सीने से लगा कर रखुंगी ही ना तुम दोनो बताओ खाना पीना हो गया

मिनीता - हो गया दीदी तभी तो सोचा आके बात कर ले आप से मिल ले
आसा - जरूर ये अच्छा किया तुम सब आती रहोगी तो मुझे भी अच्छा लगेगा ( आसा काजल को देख) ये बताओ तुम कब तक यहा रहने वाली हो नंदोई जी पे दया कारों बेचारे अकेले ही रात काट रहे होगे

आसा की बात सुन मिनीता जोर जोर से हस्ते हुवे - ये आप ने सही कहा दीदी
वही आसा की बात सुन काजल सर्म से लाल हो जाती

अदिति के पास कोमल बैठी हुई थी अदिति अपनी मा मिनीता काजल को बात करता देख उनकी बाते सुन अदिति कोमल से

अदिति - कोमल दीदी चलो कमरे मे बैठ कर बाते करते है
कोमल - ठीक है चलो चलते है ( कोमल अपनी मा आसा काजल का देख) यहा सब अपने मे हि लगे है


अदिति कोमल कमरे मे आके बिस्तर पे लेत जाते है

अदिति - भाई के बिना ये साल 4 साल मेने जैसे बिताये याद करती हु तो रोना आ जाता है

कोमल अदिति को देख - समझ सकती हु मेने मेरा भी वही हाल था और सायद रेहता अभी तक लेकिन तुमहारा भाई अभय ने हिम्मत दिखाई इस लिये अभय मेरा भाई यहा है

अदिति कोमल को देख - हा ये बात तो है लेकिन जितना हमने दर्द साहा है उन्होंने भी साहा होगा

कोमल - ये भी का केहने की बात है

अदिति मुस्कुराते हुवे - ये बताइये सादी कब कर रही है 19 की हो गई है आप
कोमल मुस्कुराते हुवे - अच्छा तुझे मेरी सादी की कियु परी है तेरा किया हुवा

अदिति - भाई नही थे लेकिन अब है तो फील्हाल दूर दूर तक मे सादी के बारे मे नही सोचने वाली मे तो अभी भाई के साथ खूब मस्ती करुगी घुमुगि फिरूगी लाइफ के मजे लूगि

कोमल हस्ते हुवे - तेरा सही है लगी रह छोटी बेहन होने का फायेदा अच्छे से उठा ले

अदिति हस्ते हुवे - अरे तो किया हो गया तुम विजय का फायेदा उठा लो छोटा हुवा तो किया हुवा

कोमल हस्ते हुवे - वाह किया बात कही है सोचूँगी

तारा के घर रात 10 बजे

तारा अपने पति के साथ सो चुकी थी पूजा अपने कमरे मे लेकिन वही दिशा अभय आज सब कुछ कर गुजरने वाले थे


दिशा के हा केहते ही अभय दिशा के ऊपर आके दिशा के चेहरे का गाल को किस करने लगता है दिशा सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर सर्म से लाल आखे बंद किये हुवे थी


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अभय दिशा के ऊपर था और दिशा को चूम रहा था अभय का ये पेहला एहसास उपर से दिशा जैसी खूबसूरत हॉट लरकी के गर्म जवानी अभय का पागल कर रही थी

अभय दिशा को चूमते हुवे धीरे धीरे नीचे दिशा के चुचे को ब्लाउस के ऊपर से चुपते हुवे नीचे आने लगता है अभय जैसे दिशा को पुरा चूस जाना चाहता हो वही दिशा अभय के इस तरह छुमने चाटने अपने बदन के अपने देवर के जिब का एहसास पाके दिशा बिस्तर पे मचल रही होती है दिशा के सिसकिया निकल रहे होते है


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अभय पेहली बार इस एहसास हो फिल कर रहा था किसी के गरम कयामत बॉडी को चुसे जा रहा था अभय दिशा की बरी कयामत बॉडी देख उसके अंदर खून मे उबाल आ गये थे दिशा सर्म से आखे बंद किये लेती कुछ बोल रही रही थी बस अपने देवर के प्यार का एहसास फिल कर मचल के मजे ले रही थी वही अभय तो खोया हुवा था दिशा के पूरे सरीर के को चूस रस पीने मे


अभय धीरे धीरे नीचे दिशा के गहरी कयामत ढोरी के पास आके ढोरी और दिशा के पेट को चूमने और जिब से चाटने लग जाता है दिशा की हालत खराब होने लगती है दिशा की सासे तेज होने लगती है दिशा आह उह्ह् के साथ बिस्तर पकर सिसकिया लेने लगती है


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अभय सब भूल बस दिशा की जवानी कयामत बॉडी के हर अंग को चूमने और मजे से पीने मे लगा था जैसे दिशा के पूरी बॉडी पे सहद लगा और अभय एक मधुमखि की तरह चाट रहा था

दिशा बिस्तर पे आह उह्ह् सिसकिया लेते हुवे मचलते हुवे आखे खोल अभय को देख मन मे - देवर जी ये किया कर रहे है आप आह मा ऐसे तो बिना किये ही मेरा निकल जायेगा मेरी चुत गीली हो चुकी है आपकी हरकत मुझे पागल कर रही है मुझे सेहना मुश्किल हो रहा है


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वही अभय लगा हवा था दिशा के पूरे सरीर को चूमने मे लेकिन अभय के मन मे - किया ये सब मे इतना मजा आता है मुझे पता नही था भाभी का हर अंग बॉडी कयामत है मेरे अंदर जोस बढ़ता जा रहा है

अभय दिशा के हर अंग को चूमने के बाद उपर आता है और दिशा के ऊपर से सारी हटा देता है दिशा ब्लाउस पेटीकोट मे आ जाती है दिशा जल्दी से सर्म से आखे बंद कर लेती है अभय उपर आके दिशा के ब्लाउस को खोलने लगता है तो दिशा की दिल की धरकन तेज चलने लगती है सासे फूलने लगती है दिशा बिस्तर पकर मचल जाती है


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अभय दिशा के ब्लाउस निकाल देता है तो दिशा के बरे गोल टाइट दूध जैसे चुचे नंगे हो जाते है अभय पागलो की तरफ फिर दिशा के चेहरे चुचे को चूमने लगता है वही दिशा के लिये सब सेहना मुश्किल हो जाता रहा था लेकिन वही अभय पुरा डूबा था

अभय अब दिशा के बरे टाइट चुचे को पकर के जोर जोर से दबाने मसलने लगता है दिशा बिस्तर पकर दर्द मे आह उह्ह् करने लगती है


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अभय दिशा के चुचे को दबाते हुवे मन मे - भाभी के चुचे कितने मस्त मुलायम है दबाने मे मजा आ रहा है ये मेरा पेहली बार है तो आज अच्छे से भाभी को प्यार करने वाला हु


अभय जी भर के अच्छे से दिशा के चुचे दबाने के बाद दिशा मे चुचे को मुह मे लेके अभय पीने लगता है उसी के साथ जिब से दिशा के चुचे को चाटने लगता दिशा बिस्तर पे मछली की तरह तरप रही थी


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दिशा मन मे - देवर जी आपका ये पेहली बार है मुझे नही लगता इतना आराम से तो आपके भाई मे भी मुझे प्यार नही किया बहोत मुश्किल हो रहा है सेहना जैसे कभी भी मेरा निकल जायेगा अभय अच्छे से जी भर के दिशा के चुचे चुस्ता है पिता है

अभय दिशा के ऊपर आके दिशा को किस करते हुवे धीरे से भाभी अपने बाकी कपड़े निकालने मे मेरी मदद कीजिये


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अभय की बात सुन दिशा की सासे और तेज हो जाती है दिशा मन मे - हाय सर्म से मर ना जाऊ देवर जी अब मुझे पुरा नँगा करने वाले है किया सोचेंगे मेरे नंगे बदन को देख किया उन्हे पसंद आयेगी मेरी बॉडी

अभय दिशा के बाकी कमरे निकालने लगता है दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय का साथ देने लगती है फाइनलि अभय के सामने दिशा का खजाना आ जाता है जिसे अभय अब जाके उपर से नीचे तक आखे फार मुह खोले देखने लगता है


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दिशा सच मे कयामत थी बरे दूध जैसे चुचे जो जायदा बरे ना छोटे थे कमर भी ना जायदा पतली ना मोती नीचे मोटे जांघों के बीच साफ सुथरी चिकनी फूली हुई चुत जो सब मिलाकर दिशा की बॉडी कमाल की थी अभय दिशा के नंगे बदन को देख मन मे - बाप रे भाभी कि बॉडी किया कमाल कि है उनके बरे चुचे कमर नीचे इनकी मोती जांघे के बीच फूली चुत पेहली बार अच्छे से अंजदिक से किसी को नँगा देख रहा हु वो भी अपनी भाभी को दिशा आखे खोल एक नजर अभय को देखती है और जल्दी से आखे बंद कर लेती है



अभय अपने कपड़े निकालने लगता है तो दिशा ये देख उसकी सासे उपर तेज हो जाती है दिल धक धक करने लगता है अभय कपड़े निकाल चड्डी मे आ जाता है औद् दिशा के पास जाके कान मे धीरे से भाभी मेरा लंड चुसो ना

दिशा ये सुनते हि सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा आखे बंद किये शर्मा के धीरे से - देवर जी मुझसे नही होगा मेने कभी नही किया है मुझे पसंद नही
अभय - मान जाओ ना भाभी प्लेस मेरा पेहली बार है तो मे अच्छे से सब करना चाहता हु बस एक बार कोसिस तो करिये
दिशा अभय को ना केहने की हिम्मत नही जुटा पति
दिशा शर्मा के - ठीक है आपको मना भी नही कर सकती

अभय भी खुश हो जाता है और चड्डी निकाल देता है वैसे ही दिशा की नजर अभय के लंड पे जाती है जिसे देख दिशा की सासे दिल की धरकन एक पल के लिये रुक सी जाती है आखे बाहर आ जाती है मुह खुले रेह जाते अभय दिशा को ऐसे पथर् बना देख समझ नही पाता दिशा को किया हो गया है ऐसे कियु उसके लंड को देख रही है


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बेचारा अभय को कोन बताये की उसका 10 इंच लम्बा 5 इंच मोटा लंड हर किसी के पास नही होता अभय दिशा को आवाज देता है तो दिशा होस मे आके अभय के लंड को देख मन मे- बाप रे मे ये किया देख रही हुई इतना बरा लंड है देवर जी का क्या इतना बरा लंड भी होता है अभय बिस्तर पे लेत जाता है


दिशा हिम्मत कर अभय के लंड को पकर मुह मे लेके चूसने लगती है तो दिशा को बहोत गंदा लगता है लेकिन अभय को सोच दिशा मुह के लिये चूसती रहती है


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थोरि देर बाद ही दिशा को अच्छा लगने लगता है दिशा को अभय के लंड का स्वाद लेके मजा आने लगता है तो दिशा मजे से मुह मे लेके चूसने लगती है

अब दिशा को इतना मजा आ रहा था की दिशा जिब निकाल कर अभय के लंड को चाटने लगती है पीने लगती है वही अभय बिस्तर क लेता मजे से आसमान मे उर रहा था


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अभय मन मे - आह इतना मजा सुकून मिल रहा है और मे पागल इस सब से अंजान था लेकिन अब नही हु मुझे यकीन नही हो रहा मेरी प्यारी भाभी मेरा लंड चूस रही है और मेरा लंड उनके मुह मे है ये सोच कर अंदर अजीब सी फीलिंग और जोस जाग रही है आह मजा आ रहा है दिशा 4 मिनट तक अच्छे से अभय का लंड चुस्ती है फिर छोर लेती है

अभय उठ जाता है दिशा फिर बिस्तर पे लेत आखे बंद कर अपने मन मे - आज तो मे गई मेरी चुत आज देवर जी फार ही डालेंगे
दिशा ये सोच ही रही थी की की अभय दिशा के चुत के फाके फैला के देखता है तो अभय को छोटा लाल छेद दिखाई देता है


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अभय के चुत को छुटे ही दिशा पागल होने लगती है दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे आखे खोल अभय को देखती है जो दिशा के चुत के छेद को गौर से देखे जा रहा था तो दिशा और सर्म से लाल हो जाती है

अभय जी भर कर दिशा के चुत का छेद देखने के बाद अभय का दिल चुत चाटने का करने लगता है तो अभय बिना देरी किये दिशा की चुत पे टूट परता है और मुह मे लेके चूसने लगता है चुत के अंदर छेद मे जिब दाल कर चाटने पीने लगता है दिशा के तो होस उर जाते है दिशा बिस्तर पे मछली की तरह छतपटाने लगती है दिशा का लंड चूसना पेहली बार था और चुत चटवाना भी


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अभय को मजा आ रहा था दिशा के फूली गर्म चुत का रस पीने तो अभय मजे से मुह मे लेके जिब दाल चुसे पिये जा रहा था लेकिन अब दिशा के लिये सेहना मुश्किल हो जाता है दिशा का शरीर जोर से कापने लगता है दिशा बिस्तर पकर आह मा करते हुवे कापते हुवे झर जाती है अभय हैरान हो जाता है चुत से इतना पानी निकलता देख लेकिन अभय सब भूल मजे से पी जाता है

विनय के जाने के बाद से जितना पानी जमा था दिशा सब निकाल देती है दिशा पसीने से भीगी जोर जोर से सासे लिये जा रही थी अभय दिशा को देख कर
अभय - किया हुवा भाभी आप ठीक तो है ना
दिशा जोर जोर से सासे लेते हुवे आखे बंद किये हुवे सर्म से - हा मे ठीक हु देवर जी
अभय - अच्छा तो मे आगे बधू
दिशा - हा


अभय फिर दिशा के चुत के पास बैठ जाता है और अपना लंड पकर कर दिशा के चुत पे घुसने लगता है दिशा को मोटा गर्म लंड चुत पे फिल होता है तो दिशा बिस्तर को जोर से पकर आह सिसकिया लेने लगती है मचलने लगती है


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remember poem analysis
अभय अपना लंड पकर कर दिशा के चुत पे घिसे जा रहा था
अभय मन मे - आह बहोत गर्म है भाभी की चुत आज पेहली बार मेरा लंड चुत मे जायेगा वो भी मेरी भाभी कि चुत मे अब मे रुक नही सकता कियुंकी मुझे रुका नही जा रहा


अभय दिशा के ऊपर आ जाता है दिशा अभय को बाहों मे जोर से पकर देती है अभय अपने हाथ नीचे ले जाके अपना लंड दिशा की चुत के छेद पे रख देता है दिशा की हालत डर से खराब हो जाती है
अभय दिशा को किस करने लगता है और फिर एक धक्का मारता है


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srijato poem abhishap
अभय का मोटा लंड आधा दिशा की चुत मे घुस जाता है इतने मे दिशा दर्द से रो परती है अपना पैर इधर उधर करने लगती है कैसे अपनी चुत से लंड निकाल देना चाहती हो लेकिन अभय दिशा के ऊपर लेता दिशा को मजबूती से पकर रखा था

अभय दिशा को किस करते हुवे एक आखरी धक्का जोर से मारता है तो तो अभय का मोटा लम्बा लंड दिशा की चुत को चीरते हुवे पुरा अंदर घुस जाता है दिशा की सासे रुक जाती है पुरा सरीर काप् जाता है दर्द इतना हो रहा था की बर्दास्त करना मुश्किल था लेकिन अभय दिशा को किस किये जा रहा था तो आवाज अंदर हि रेह जाती है


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दिशा दर्द के मारे रो रही थी उसे ऐसा लग रहा था वैसे उसकी चुत फट गई है अभय का लंड दिशा की चुत को पुरा फैलाये हुवे था अभय को भी ये साफ फिल हो रहा था और दिशा कि चुत की गर्मी भी दिशा के चुत से खुन तप तप कर बिस्तर पे गिर रहा था 3 मिनट बाद

अभय धीरे धीरे चुदाई करना सुरु कर देता है और अभय का मोठा लंड दिशा की चुत को फैलाये अंदर जाने लगता है बाहर आने लगता है अब थोरा दिशा का दर्द कम हो गया था


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अभय दिशा को देख - भाभी आप ठीक है ; दिशा अभय को देख रोते हुवे - जान निकाल दी मेरी और आप पूछ रहे है मे ठीक हु ; अभय - माफ करना भाभी मे अपने आप को रोक नही पाया ; दिशा आसु साफ करते हुए - कोई बात नही आप अपने आप को डोस मत दीजिये करते रहिये

अभय भी दिशा की बात सुन दिशा को किस करते हुवे धक्का मारना सुरु कर देता है अभय का ये पेहला सेक्स अनुभव था वो उसे मिल रहा था और अभय भी उसका पुरा मजा लिये जा रहा था


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दिशा को दर्द हो रहा था लेकिन अब अपने देवर का मोटा गर्म लंड अपनी गर्म फूली चुत के अंदर तेजी से आते जाते फिल कर दिशा को भी एक अलग माजा आने लगता है दिशा भी इस मजे मे खो जाती है


अभय फिर दिशा के ऊपर से हट दिशा के चुचे पकर चुदाई करने लगता है दिशा का मुह आजाद हो गया था तो दिशा आह उह्ह् मा दर्द हो रहा है आह बहोत अंदर तक जा रहा है आह देवर जी


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अभय दिशा को देख - भाभी आपकी चुत इतनी टाइट गर्म है कि मेरा लंड अंदर मे जल रहा है लेकिन कसम से ये फिल कर मुझे इतना मजा आ रहा है की मे आप को सब्दो मे पता नही पाऊगा आप कमाल हो भाभी और आपकी ये खूबसूरत हॉट बॉडी भी जो मुझे और जोस बढ़ा रही है हाल ये था दिशा फिर कापते हुवे झर जाती है


अभय - भाभी घोरी बन जाओ दिशा दिशा घोरी बन जाती है और अभय जोर जोर से धक्के मारने लगता है तो वही दिशा के बरे गोल मटोल चुचे हवा मे जोर जोर से हिले जा रहे थे उसी के साथ दिशा का पुरा सरीर भी अभय के जोरदार धक्के से हिल रहा था


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दिशा घोरी बनी मन मे - आह मा देवर जी का बहोत लम्बा मोटा है और इस पोजिसंन मे देवर जी का लंड मेरे बचेदानी मे जाके सीधा लग रहा है इस लिये मुझे और भी जयादा दर्द हो रहा है अभय पूरे जोस मे धक्का मारे जा रहा था कमरे मे फच् फच् फट फट की आवाजे गुजे जा रही थी दिशा थक जाती है तो अभय को बिस्तर पे लेता कर सब सर्म छोर उपर आ जाती है

दिशा अभय के लंड को पकर अभय के लंड पे बैठ कर पुरा लंड अपनी चुत के अंदर लेके अभय के ऊपर लेत जाती है अभय भी दिशा को बाहों मे पकर लेता है वही दिशा अपनी गांड उठा उठा कर अभय का लंड चुत मे लेने लगती अभय के लंड की सवारी करने लगती है


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अभय दिशा को बाहों मे पकर बिस्तर पे लेते लेते पुरा मजा ले रहा था अभय दिशा सरीर चुत की गर्मी से पागल हुवे जा रहा था पेहला सेक्स वो भी अपनी भाभी के साथ अभय को और जोस मजा दे रही थी दिशा भी थक जाती है तो अभय दिशा को नीचे लेता कर दिशा के ऊपर आ जाता

अभय चुदाई किये जा रहा था 40 मिनट से उपर होने वाले थे दोनो पसीने से भीगे हुवे थे अभय दिशा के ऊपर लेत दिशा को बाहों मे पकर धक्के मारे जा रहा था और दिशा के गले पे किस किये जा रहा था दोनो की मेहनत पसीने मे बदल कर निकल रही थी जो साफ दिख रहा था दोनो थके हुवे भी लग रहे थे


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अभय अब झरने वाला था दिशा भी अभय जोर जोर से धक्का मारने लगता है तो दिशा भी अभय को कस के पकर लेती है अभय धक्के मारते हुवे लास्ट जोर का धक्का मार अभय दिशा आह करते हुवे दोनो झर जाते है 45 मिनट चुदाई चली

अभय दिशा की हालत खराब थी दोनो पूरे पसीने से भीगे हुवे थे अभय दिशा के ऊपर से लीचे लेत जाता है दोनो की सासे तेज चल रही दोनो बहोत थके हुवे थे

दिशा बिस्तर पी लेती जोर जोर से सासे लेते हुवे मन मे - ये किया था इतनी देर कोन चुदाई करता है आज तो लगा था आज मे गई काम से उपर से देवर जी मा मोटा लम्बा लंड मेरा तो पुरा सरीर दर्द कर रहा उपर से मेरी चुत मे दर्द के साथ जलन भी हो रही है

अभय जोर जोर से सासे लेते हुवे - बाप र ये किया था चुदाई मे इतना मजा आता है कसम से क्या किस्मत है मेरी किसने सोचा था मेरा पेहला सेक्स भाभी के साथ होगा लेकिन भाभी की चुदाई मे एक अगल मजा आया जो सायद किसी और लरकी के साथ नही आता वैसे भी भाभी उपर से नीचे तक कयामत है

दोनो अपने सोचो मे घुम थे 10 मिनट बाद दोनो की सासे नॉर्मल होती है दोनो सांत होते है

दिशा अभय की तरफ पलट जाती है और अभय को देखने लगती है अभय भी पलट कर दिशा को देखता है तो दिशा सर्म से नजरे नीचे कर लेती है अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बाहों मे भर लेता है तो दिशा और सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा को देख

अभय - भाभी जो होना था हो गया आप का दिल से थैंक्स मुझे बहोत मजा आया आपकी
दिशा अभय के मुह बंद करते हुवे अभय को देख
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - आगे कुछ मत कहिये मुझे बहोत सर्म आ रही है
अभय दिशा के हाथ हटा कर मुस्कुराते हुवे - ठीक है लेकिन मेरा एक बार मे मन नही भरने वाला
दिशा हैरानी से - किया कहा
दिशा फिर अभय के लंड को देखती है तो दिशा की सासे फिर रुक जाती है अभय का लंड फिर पूरे ओकात मे आ गया था

अभय पुरा फिट था ऊपर से अभय का पेहला सेक्स था पेहला चुदाई का स्वाद चखा था वो भी अपनी खूबसूरत हॉट भाभी के साथ तू एक बार मे भला अभय का मन कैसे भरता

अभय दिशा के ऊपर आके तांगे फैला के दिशा के चुत मे लंड दाल देता है दिशा आह मा आज तो मे गई काम से


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अभय मुस्कुराते हुवे जोर जोर से धक्का मारते हुवे चुदाई करना सुरु कर देता है दिशा आह मा मर गई उह्ह् आह करने लगती है फिर कमरे मे फच् फच् फट फट की आवाजे गुज उठती है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 

Naik

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Devar bhabi ne tow Maza gaadi dia
Or devar abhi bhi chhodne ko tayyar nahi h
Dekhte h subah jab uthte tab Disha ki kia halat Hoti h
Mast garma garam shaandar update
 

kgfchapter3

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chapter 13

साम 6 बजे - एक अंजान जगह मे कम से कम 37 लोगो के बीच ग्रुप मीटिंग हो रही थी

एक बंदा - हम किया करेगे महारे बॉस dp devil तो मारे गये उपर से साली वो कमीनी इंस्पेस्टर हमारे पीछे कुत्तो की तरह परी हुई है हम बाहर भी नही निकल सकते सास लेने के लिये

दूसरा बंदा - तुम ने सही कहा अगर हम बाहर निकले तो साली कमीनी को पता चल जायेगा और हमारा काम तमाम हो जायेगा

तीसरा - यार किया मस्त लाइफ चल रही थी मजा आ रहा कमीनो को मारने मे dp बॉस हमारा ख्याल भी अच्छे से रखते थे लेकिन उनके मरने के बाद सब खतम

चौथा - सही कहा अब हम इधर उधर छुप कर रह रहे है पता नही कब तक छुप कर रेहना होगा

बाकी जो बन्दे थी उनकी बाते बैठे आराम से सुन रहे थे सभी के बीच एक बंदा बैठा हुवा था वो dp devil का राइट हैंड था

राइट हैंड - चिंता मत करो तुम सब मे हु ना मे बनुगा तुम सब का अगला dp devil और इस बार हम अपना एक नया ओरोग्नाईजेसन बनायेगे उसी के साथ अपने बॉस का बदला भी लेगे जो बॉस के कैद से भाग गये है उन्हे हम ढूढ़ कर चुन चुन कर मारेगे चारों तरफ तबाही बचा देगे कोई नही बचेगा और वो कमीनी इंस्पेटर उसके साथ हम मजे करेगे और वीडियो बना का पूरी दुनिया को देखायेंगे ताकि सब को पता चले बॉस नही है तो किया हुवा उसके वफादार लोग अभी जिंदा है

राइट हैंड की बात सुन सब खुशी से हाथ उठाते हुवे हम आपके साथ है हम आपके साथ है बोलने लगते है

बंदा 1 - लेकिन कप्तान ये सब होगा कब कैसे करेगे कियुंकी वो कमीनी तो हमारा पीछा ही नही छोर रही है

राइट हैंड सभी को - अभी सही वक़्त नही आया है पेहले हमे अपने आप को बचा के रखना होगा मामला ठंडा हो जायेगा जब पुलिस और वो कमीनी हमारा पीछा करना छोर देगी तब हम फिर लोगो की भर्ती करेगे एक नया बरा टीम खरा करेगे और हमारा मकसद एक हि होगा दुनिया मे बताहि मचाना ताकि सरकार से लेकर सब को एहसास हो की उन्होंने हम से पंगा लेकर अपनी मौत को दावत दी है

( इंस्पेस्टर नीतिका के घर ) 9.30 बजे

नीतिका अपनी बेटी मिका के कमरे मे दोनो मा बेटी बिस्तर पे लेते बाते कर रहे होते है

मिका - मा वो कमीना dp devil तो मारा गया लेकिन उसके कई साथी अभी भी वहा से भाग गये थे औरआप उनके पीछे परी हुई तो अभी तक कितने लोगो को आप ने पकरा हो

नीतिका मिका को देख - बेटा अभी कुछ लोग अपने किसी बिल मे छुपे हुवे है लेकिन जिस दिन अपने बिल से निकले वैसे ही वो मेरे चंगुल मे होगे

मिका नीतिका को देख - मा किया होता अगर वो लरका आप ने किया ( नीतिका अभय) हा अभय अगर हिम्मत नही दिखाता भागने का तो
नीतिका मुस्कुराते हुवे - तो आज कोई भी उस कैद से निकल नही पाता उसके अंदर अपनो का प्यार भरा था अभय से उसकी मा भाई भी बेहन सब बहोत प्यार करते है अभय भी उनके बीच जो प्यार था उसी ने अभय को हिम्मत दी एसी लिये उसने दो रास्ते चुने या तो अपने घर चाहने वालो के पास भाग कर जायेगा या भागते हुवे मारा जायेगा लेकिन उसे कैद मे अपनो के बिना नही रेहना था

मिका - आप की बात समझ मे आता है सभी के बीच कितना प्यार होगा सभी एक दूसरे को कितना प्यार करते होगे

नीतिका मुस्कुराते हुवे - सही कहा बहोत प्यार होगा हद पार प्यार होगा

मिका हस्ते हुवे - वैसे वो लरका अभय कैसा लिखता है
मिका की बात सुन नीतिका घूर के मिका को देखती है
मिका हस्ते हुवे - अरे आप गलत मत समझिये मेने बस ऐसे ही पूजा कियुंकी जिस लरके की वजह से dp devil जैसा हेवान मारा गया जिसकी वजह से कई मा बेहन को उसका बेटा भाई मिला आखिर वो दिखता कैसा होगा

नीतिका मिका को देखती है फिर अपना मोबाइल निकाल कर abh का फोटो दिखाते हुवे ये है अभय देख लो

मिका अभय की फोटो देखती है तो देखती ही रेह जाती है
मिका के मुह से निकल जाता है - कितना हैंडसम है बॉडी भी मस्त है
नीतिका मिका की बात सुन मिका के सर पे दे मारती है मिका आउच करते हुवे मा को देखते हुवे

मिका - मारा कियु लगी मुझे
नीतिका - बस दिल किया
मिका - ये गलत है आप मा है तो बेटी को बेवजह मारेगी
नीतिका मिका को देख - फिर लगाऊ एक
मिका हस्ते हुवे - ना बाबा ना


रात 9 बजे - अभय के घर

मिनीता कोमल काजल तीनों अभय के घर निकल परे थे लेकिन विजय नही आता कियुंकी अभय जो नही था और विजय औरतो के बीच किया हि करता बेचारा तो अपने पापा के साथ ही बाते करने लग गया

मिनीता कोमल काजल अभय के घर आते है अंदर आँगन मे जाते है तो देखते है आसा अदिति दोनो खाट पे बैठ बाते कर रहे थे

मिनीता आसा के पास जाते हुवे - किया बात है दीदी आपका लाल बहु नही है तो आज बेटी के साथ ही बाते करने मे लगी हुई है

मिनीता की आवाज सुन आसा अदिति मिनीता की तरफ देखते है तो उन्हे कोमल काजल भी दिखाई देते है

आसा तीनों का देख - अरे तुम सब आओ आओ अच्छा हुवा तुम सब आ गई थोरि बाते हो जाइयेगी टाइम पास भी हो जायेगा

अदिति चटाई लेकर आती है और नीचे बिछा लेती है सभी बैठ जाते है

काजल आसा से - हा हा कियु नही भाभी आपका लाल जो नही है जब होता है तो आप अपने सीने से लगा के रखती है उसके बाद तो आप को कोई दिखता ही नही
मिनीता हस्ते हुवे - सही कहा तुम ने ननद जी दीदी तो हमेसा अभय को सीने से लगा के रखती है ये तो कुछ दिनों मे देख लिया मेने

आसा हस्ते हुवे मिनीता काजल को देख - अरे मेरा लाल हो तो सीने से लगा कर रखुंगी ही ना तुम दोनो बताओ खाना पीना हो गया

मिनीता - हो गया दीदी तभी तो सोचा आके बात कर ले आप से मिल ले
आसा - जरूर ये अच्छा किया तुम सब आती रहोगी तो मुझे भी अच्छा लगेगा ( आसा काजल को देख) ये बताओ तुम कब तक यहा रहने वाली हो नंदोई जी पे दया कारों बेचारे अकेले ही रात काट रहे होगे

आसा की बात सुन मिनीता जोर जोर से हस्ते हुवे - ये आप ने सही कहा दीदी
वही आसा की बात सुन काजल सर्म से लाल हो जाती

अदिति के पास कोमल बैठी हुई थी अदिति अपनी मा मिनीता काजल को बात करता देख उनकी बाते सुन अदिति कोमल से

अदिति - कोमल दीदी चलो कमरे मे बैठ कर बाते करते है
कोमल - ठीक है चलो चलते है ( कोमल अपनी मा आसा काजल का देख) यहा सब अपने मे हि लगे है


अदिति कोमल कमरे मे आके बिस्तर पे लेत जाते है

अदिति - भाई के बिना ये साल 4 साल मेने जैसे बिताये याद करती हु तो रोना आ जाता है

कोमल अदिति को देख - समझ सकती हु मेने मेरा भी वही हाल था और सायद रेहता अभी तक लेकिन तुमहारा भाई अभय ने हिम्मत दिखाई इस लिये अभय मेरा भाई यहा है

अदिति कोमल को देख - हा ये बात तो है लेकिन जितना हमने दर्द साहा है उन्होंने भी साहा होगा

कोमल - ये भी का केहने की बात है

अदिति मुस्कुराते हुवे - ये बताइये सादी कब कर रही है 19 की हो गई है आप
कोमल मुस्कुराते हुवे - अच्छा तुझे मेरी सादी की कियु परी है तेरा किया हुवा

अदिति - भाई नही थे लेकिन अब है तो फील्हाल दूर दूर तक मे सादी के बारे मे नही सोचने वाली मे तो अभी भाई के साथ खूब मस्ती करुगी घुमुगि फिरूगी लाइफ के मजे लूगि

कोमल हस्ते हुवे - तेरा सही है लगी रह छोटी बेहन होने का फायेदा अच्छे से उठा ले

अदिति हस्ते हुवे - अरे तो किया हो गया तुम विजय का फायेदा उठा लो छोटा हुवा तो किया हुवा

कोमल हस्ते हुवे - वाह किया बात कही है सोचूँगी

तारा के घर रात 10 बजे

तारा अपने पति के साथ सो चुकी थी पूजा अपने कमरे मे लेकिन वही दिशा अभय आज सब कुछ कर गुजरने वाले थे


दिशा के हा केहते ही अभय दिशा के ऊपर आके दिशा के चेहरे का गाल को किस करने लगता है दिशा सिसकिया लेते हुवे बिस्तर को जोर से पकर सर्म से लाल आखे बंद किये हुवे थी


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अभय दिशा के ऊपर था और दिशा को चूम रहा था अभय का ये पेहला एहसास उपर से दिशा जैसी खूबसूरत हॉट लरकी के गर्म जवानी अभय का पागल कर रही थी

अभय दिशा को चूमते हुवे धीरे धीरे नीचे दिशा के चुचे को ब्लाउस के ऊपर से चुपते हुवे नीचे आने लगता है अभय जैसे दिशा को पुरा चूस जाना चाहता हो वही दिशा अभय के इस तरह छुमने चाटने अपने बदन के अपने देवर के जिब का एहसास पाके दिशा बिस्तर पे मचल रही होती है दिशा के सिसकिया निकल रहे होते है


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अभय पेहली बार इस एहसास हो फिल कर रहा था किसी के गरम कयामत बॉडी को चुसे जा रहा था अभय दिशा की बरी कयामत बॉडी देख उसके अंदर खून मे उबाल आ गये थे दिशा सर्म से आखे बंद किये लेती कुछ बोल रही रही थी बस अपने देवर के प्यार का एहसास फिल कर मचल के मजे ले रही थी वही अभय तो खोया हुवा था दिशा के पूरे सरीर के को चूस रस पीने मे


अभय धीरे धीरे नीचे दिशा के गहरी कयामत ढोरी के पास आके ढोरी और दिशा के पेट को चूमने और जिब से चाटने लग जाता है दिशा की हालत खराब होने लगती है दिशा की सासे तेज होने लगती है दिशा आह उह्ह् के साथ बिस्तर पकर सिसकिया लेने लगती है


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अभय सब भूल बस दिशा की जवानी कयामत बॉडी के हर अंग को चूमने और मजे से पीने मे लगा था जैसे दिशा के पूरी बॉडी पे सहद लगा और अभय एक मधुमखि की तरह चाट रहा था

दिशा बिस्तर पे आह उह्ह् सिसकिया लेते हुवे मचलते हुवे आखे खोल अभय को देख मन मे - देवर जी ये किया कर रहे है आप आह मा ऐसे तो बिना किये ही मेरा निकल जायेगा मेरी चुत गीली हो चुकी है आपकी हरकत मुझे पागल कर रही है मुझे सेहना मुश्किल हो रहा है


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वही अभय लगा हवा था दिशा के पूरे सरीर को चूमने मे लेकिन अभय के मन मे - किया ये सब मे इतना मजा आता है मुझे पता नही था भाभी का हर अंग बॉडी कयामत है मेरे अंदर जोस बढ़ता जा रहा है

अभय दिशा के हर अंग को चूमने के बाद उपर आता है और दिशा के ऊपर से सारी हटा देता है दिशा ब्लाउस पेटीकोट मे आ जाती है दिशा जल्दी से सर्म से आखे बंद कर लेती है अभय उपर आके दिशा के ब्लाउस को खोलने लगता है तो दिशा की दिल की धरकन तेज चलने लगती है सासे फूलने लगती है दिशा बिस्तर पकर मचल जाती है


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अभय दिशा के ब्लाउस निकाल देता है तो दिशा के बरे गोल टाइट दूध जैसे चुचे नंगे हो जाते है अभय पागलो की तरफ फिर दिशा के चेहरे चुचे को चूमने लगता है वही दिशा के लिये सब सेहना मुश्किल हो जाता रहा था लेकिन वही अभय पुरा डूबा था

अभय अब दिशा के बरे टाइट चुचे को पकर के जोर जोर से दबाने मसलने लगता है दिशा बिस्तर पकर दर्द मे आह उह्ह् करने लगती है


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अभय दिशा के चुचे को दबाते हुवे मन मे - भाभी के चुचे कितने मस्त मुलायम है दबाने मे मजा आ रहा है ये मेरा पेहली बार है तो आज अच्छे से भाभी को प्यार करने वाला हु


अभय जी भर के अच्छे से दिशा के चुचे दबाने के बाद दिशा मे चुचे को मुह मे लेके अभय पीने लगता है उसी के साथ जिब से दिशा के चुचे को चाटने लगता दिशा बिस्तर पे मछली की तरह तरप रही थी


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दिशा मन मे - देवर जी आपका ये पेहली बार है मुझे नही लगता इतना आराम से तो आपके भाई मे भी मुझे प्यार नही किया बहोत मुश्किल हो रहा है सेहना जैसे कभी भी मेरा निकल जायेगा अभय अच्छे से जी भर के दिशा के चुचे चुस्ता है पिता है

अभय दिशा के ऊपर आके दिशा को किस करते हुवे धीरे से भाभी अपने बाकी कपड़े निकालने मे मेरी मदद कीजिये


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अभय की बात सुन दिशा की सासे और तेज हो जाती है दिशा मन मे - हाय सर्म से मर ना जाऊ देवर जी अब मुझे पुरा नँगा करने वाले है किया सोचेंगे मेरे नंगे बदन को देख किया उन्हे पसंद आयेगी मेरी बॉडी

अभय दिशा के बाकी कमरे निकालने लगता है दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय का साथ देने लगती है फाइनलि अभय के सामने दिशा का खजाना आ जाता है जिसे अभय अब जाके उपर से नीचे तक आखे फार मुह खोले देखने लगता है


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दिशा सच मे कयामत थी बरे दूध जैसे चुचे जो जायदा बरे ना छोटे थे कमर भी ना जायदा पतली ना मोती नीचे मोटे जांघों के बीच साफ सुथरी चिकनी फूली हुई चुत जो सब मिलाकर दिशा की बॉडी कमाल की थी अभय दिशा के नंगे बदन को देख मन मे - बाप रे भाभी कि बॉडी किया कमाल कि है उनके बरे चुचे कमर नीचे इनकी मोती जांघे के बीच फूली चुत पेहली बार अच्छे से अंजदिक से किसी को नँगा देख रहा हु वो भी अपनी भाभी को दिशा आखे खोल एक नजर अभय को देखती है और जल्दी से आखे बंद कर लेती है



अभय अपने कपड़े निकालने लगता है तो दिशा ये देख उसकी सासे उपर तेज हो जाती है दिल धक धक करने लगता है अभय कपड़े निकाल चड्डी मे आ जाता है औद् दिशा के पास जाके कान मे धीरे से भाभी मेरा लंड चुसो ना

दिशा ये सुनते हि सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा आखे बंद किये शर्मा के धीरे से - देवर जी मुझसे नही होगा मेने कभी नही किया है मुझे पसंद नही
अभय - मान जाओ ना भाभी प्लेस मेरा पेहली बार है तो मे अच्छे से सब करना चाहता हु बस एक बार कोसिस तो करिये
दिशा अभय को ना केहने की हिम्मत नही जुटा पति
दिशा शर्मा के - ठीक है आपको मना भी नही कर सकती

अभय भी खुश हो जाता है और चड्डी निकाल देता है वैसे ही दिशा की नजर अभय के लंड पे जाती है जिसे देख दिशा की सासे दिल की धरकन एक पल के लिये रुक सी जाती है आखे बाहर आ जाती है मुह खुले रेह जाते अभय दिशा को ऐसे पथर् बना देख समझ नही पाता दिशा को किया हो गया है ऐसे कियु उसके लंड को देख रही है


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बेचारा अभय को कोन बताये की उसका 10 इंच लम्बा 5 इंच मोटा लंड हर किसी के पास नही होता अभय दिशा को आवाज देता है तो दिशा होस मे आके अभय के लंड को देख मन मे- बाप रे मे ये किया देख रही हुई इतना बरा लंड है देवर जी का क्या इतना बरा लंड भी होता है अभय बिस्तर पे लेत जाता है


दिशा हिम्मत कर अभय के लंड को पकर मुह मे लेके चूसने लगती है तो दिशा को बहोत गंदा लगता है लेकिन अभय को सोच दिशा मुह के लिये चूसती रहती है


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थोरि देर बाद ही दिशा को अच्छा लगने लगता है दिशा को अभय के लंड का स्वाद लेके मजा आने लगता है तो दिशा मजे से मुह मे लेके चूसने लगती है

अब दिशा को इतना मजा आ रहा था की दिशा जिब निकाल कर अभय के लंड को चाटने लगती है पीने लगती है वही अभय बिस्तर क लेता मजे से आसमान मे उर रहा था


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अभय मन मे - आह इतना मजा सुकून मिल रहा है और मे पागल इस सब से अंजान था लेकिन अब नही हु मुझे यकीन नही हो रहा मेरी प्यारी भाभी मेरा लंड चूस रही है और मेरा लंड उनके मुह मे है ये सोच कर अंदर अजीब सी फीलिंग और जोस जाग रही है आह मजा आ रहा है दिशा 4 मिनट तक अच्छे से अभय का लंड चुस्ती है फिर छोर लेती है

अभय उठ जाता है दिशा फिर बिस्तर पे लेत आखे बंद कर अपने मन मे - आज तो मे गई मेरी चुत आज देवर जी फार ही डालेंगे
दिशा ये सोच ही रही थी की की अभय दिशा के चुत के फाके फैला के देखता है तो अभय को छोटा लाल छेद दिखाई देता है


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अभय के चुत को छुटे ही दिशा पागल होने लगती है दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे आखे खोल अभय को देखती है जो दिशा के चुत के छेद को गौर से देखे जा रहा था तो दिशा और सर्म से लाल हो जाती है

अभय जी भर कर दिशा के चुत का छेद देखने के बाद अभय का दिल चुत चाटने का करने लगता है तो अभय बिना देरी किये दिशा की चुत पे टूट परता है और मुह मे लेके चूसने लगता है चुत के अंदर छेद मे जिब दाल कर चाटने पीने लगता है दिशा के तो होस उर जाते है दिशा बिस्तर पे मछली की तरह छतपटाने लगती है दिशा का लंड चूसना पेहली बार था और चुत चटवाना भी


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अभय को मजा आ रहा था दिशा के फूली गर्म चुत का रस पीने तो अभय मजे से मुह मे लेके जिब दाल चुसे पिये जा रहा था लेकिन अब दिशा के लिये सेहना मुश्किल हो जाता है दिशा का शरीर जोर से कापने लगता है दिशा बिस्तर पकर आह मा करते हुवे कापते हुवे झर जाती है अभय हैरान हो जाता है चुत से इतना पानी निकलता देख लेकिन अभय सब भूल मजे से पी जाता है

विनय के जाने के बाद से जितना पानी जमा था दिशा सब निकाल देती है दिशा पसीने से भीगी जोर जोर से सासे लिये जा रही थी अभय दिशा को देख कर
अभय - किया हुवा भाभी आप ठीक तो है ना
दिशा जोर जोर से सासे लेते हुवे आखे बंद किये हुवे सर्म से - हा मे ठीक हु देवर जी
अभय - अच्छा तो मे आगे बधू
दिशा - हा


अभय फिर दिशा के चुत के पास बैठ जाता है और अपना लंड पकर कर दिशा के चुत पे घुसने लगता है दिशा को मोटा गर्म लंड चुत पे फिल होता है तो दिशा बिस्तर को जोर से पकर आह सिसकिया लेने लगती है मचलने लगती है


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अभय अपना लंड पकर कर दिशा के चुत पे घिसे जा रहा था
अभय मन मे - आह बहोत गर्म है भाभी की चुत आज पेहली बार मेरा लंड चुत मे जायेगा वो भी मेरी भाभी कि चुत मे अब मे रुक नही सकता कियुंकी मुझे रुका नही जा रहा


अभय दिशा के ऊपर आ जाता है दिशा अभय को बाहों मे जोर से पकर देती है अभय अपने हाथ नीचे ले जाके अपना लंड दिशा की चुत के छेद पे रख देता है दिशा की हालत डर से खराब हो जाती है
अभय दिशा को किस करने लगता है और फिर एक धक्का मारता है


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अभय का मोटा लंड आधा दिशा की चुत मे घुस जाता है इतने मे दिशा दर्द से रो परती है अपना पैर इधर उधर करने लगती है कैसे अपनी चुत से लंड निकाल देना चाहती हो लेकिन अभय दिशा के ऊपर लेता दिशा को मजबूती से पकर रखा था

अभय दिशा को किस करते हुवे एक आखरी धक्का जोर से मारता है तो तो अभय का मोटा लम्बा लंड दिशा की चुत को चीरते हुवे पुरा अंदर घुस जाता है दिशा की सासे रुक जाती है पुरा सरीर काप् जाता है दर्द इतना हो रहा था की बर्दास्त करना मुश्किल था लेकिन अभय दिशा को किस किये जा रहा था तो आवाज अंदर हि रेह जाती है


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दिशा दर्द के मारे रो रही थी उसे ऐसा लग रहा था वैसे उसकी चुत फट गई है अभय का लंड दिशा की चुत को पुरा फैलाये हुवे था अभय को भी ये साफ फिल हो रहा था और दिशा कि चुत की गर्मी भी दिशा के चुत से खुन तप तप कर बिस्तर पे गिर रहा था 3 मिनट बाद

अभय धीरे धीरे चुदाई करना सुरु कर देता है और अभय का मोठा लंड दिशा की चुत को फैलाये अंदर जाने लगता है बाहर आने लगता है अब थोरा दिशा का दर्द कम हो गया था


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अभय दिशा को देख - भाभी आप ठीक है ; दिशा अभय को देख रोते हुवे - जान निकाल दी मेरी और आप पूछ रहे है मे ठीक हु ; अभय - माफ करना भाभी मे अपने आप को रोक नही पाया ; दिशा आसु साफ करते हुए - कोई बात नही आप अपने आप को डोस मत दीजिये करते रहिये

अभय भी दिशा की बात सुन दिशा को किस करते हुवे धक्का मारना सुरु कर देता है अभय का ये पेहला सेक्स अनुभव था वो उसे मिल रहा था और अभय भी उसका पुरा मजा लिये जा रहा था


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दिशा को दर्द हो रहा था लेकिन अब अपने देवर का मोटा गर्म लंड अपनी गर्म फूली चुत के अंदर तेजी से आते जाते फिल कर दिशा को भी एक अलग माजा आने लगता है दिशा भी इस मजे मे खो जाती है


अभय फिर दिशा के ऊपर से हट दिशा के चुचे पकर चुदाई करने लगता है दिशा का मुह आजाद हो गया था तो दिशा आह उह्ह् मा दर्द हो रहा है आह बहोत अंदर तक जा रहा है आह देवर जी


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अभय दिशा को देख - भाभी आपकी चुत इतनी टाइट गर्म है कि मेरा लंड अंदर मे जल रहा है लेकिन कसम से ये फिल कर मुझे इतना मजा आ रहा है की मे आप को सब्दो मे पता नही पाऊगा आप कमाल हो भाभी और आपकी ये खूबसूरत हॉट बॉडी भी जो मुझे और जोस बढ़ा रही है हाल ये था दिशा फिर कापते हुवे झर जाती है


अभय - भाभी घोरी बन जाओ दिशा दिशा घोरी बन जाती है और अभय जोर जोर से धक्के मारने लगता है तो वही दिशा के बरे गोल मटोल चुचे हवा मे जोर जोर से हिले जा रहे थे उसी के साथ दिशा का पुरा सरीर भी अभय के जोरदार धक्के से हिल रहा था


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दिशा घोरी बनी मन मे - आह मा देवर जी का बहोत लम्बा मोटा है और इस पोजिसंन मे देवर जी का लंड मेरे बचेदानी मे जाके सीधा लग रहा है इस लिये मुझे और भी जयादा दर्द हो रहा है अभय पूरे जोस मे धक्का मारे जा रहा था कमरे मे फच् फच् फट फट की आवाजे गुजे जा रही थी दिशा थक जाती है तो अभय को बिस्तर पे लेता कर सब सर्म छोर उपर आ जाती है

दिशा अभय के लंड को पकर अभय के लंड पे बैठ कर पुरा लंड अपनी चुत के अंदर लेके अभय के ऊपर लेत जाती है अभय भी दिशा को बाहों मे पकर लेता है वही दिशा अपनी गांड उठा उठा कर अभय का लंड चुत मे लेने लगती अभय के लंड की सवारी करने लगती है


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अभय दिशा को बाहों मे पकर बिस्तर पे लेते लेते पुरा मजा ले रहा था अभय दिशा सरीर चुत की गर्मी से पागल हुवे जा रहा था पेहला सेक्स वो भी अपनी भाभी के साथ अभय को और जोस मजा दे रही थी दिशा भी थक जाती है तो अभय दिशा को नीचे लेता कर दिशा के ऊपर आ जाता

अभय चुदाई किये जा रहा था 40 मिनट से उपर होने वाले थे दोनो पसीने से भीगे हुवे थे अभय दिशा के ऊपर लेत दिशा को बाहों मे पकर धक्के मारे जा रहा था और दिशा के गले पे किस किये जा रहा था दोनो की मेहनत पसीने मे बदल कर निकल रही थी जो साफ दिख रहा था दोनो थके हुवे भी लग रहे थे


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अभय अब झरने वाला था दिशा भी अभय जोर जोर से धक्का मारने लगता है तो दिशा भी अभय को कस के पकर लेती है अभय धक्के मारते हुवे लास्ट जोर का धक्का मार अभय दिशा आह करते हुवे दोनो झर जाते है 45 मिनट चुदाई चली

अभय दिशा की हालत खराब थी दोनो पूरे पसीने से भीगे हुवे थे अभय दिशा के ऊपर से लीचे लेत जाता है दोनो की सासे तेज चल रही दोनो बहोत थके हुवे थे

दिशा बिस्तर पी लेती जोर जोर से सासे लेते हुवे मन मे - ये किया था इतनी देर कोन चुदाई करता है आज तो लगा था आज मे गई काम से उपर से देवर जी मा मोटा लम्बा लंड मेरा तो पुरा सरीर दर्द कर रहा उपर से मेरी चुत मे दर्द के साथ जलन भी हो रही है

अभय जोर जोर से सासे लेते हुवे - बाप र ये किया था चुदाई मे इतना मजा आता है कसम से क्या किस्मत है मेरी किसने सोचा था मेरा पेहला सेक्स भाभी के साथ होगा लेकिन भाभी की चुदाई मे एक अगल मजा आया जो सायद किसी और लरकी के साथ नही आता वैसे भी भाभी उपर से नीचे तक कयामत है

दोनो अपने सोचो मे घुम थे 10 मिनट बाद दोनो की सासे नॉर्मल होती है दोनो सांत होते है

दिशा अभय की तरफ पलट जाती है और अभय को देखने लगती है अभय भी पलट कर दिशा को देखता है तो दिशा सर्म से नजरे नीचे कर लेती है अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बाहों मे भर लेता है तो दिशा और सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा को देख

अभय - भाभी जो होना था हो गया आप का दिल से थैंक्स मुझे बहोत मजा आया आपकी
दिशा अभय के मुह बंद करते हुवे अभय को देख
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - आगे कुछ मत कहिये मुझे बहोत सर्म आ रही है
अभय दिशा के हाथ हटा कर मुस्कुराते हुवे - ठीक है लेकिन मेरा एक बार मे मन नही भरने वाला
दिशा हैरानी से - किया कहा
दिशा फिर अभय के लंड को देखती है तो दिशा की सासे फिर रुक जाती है अभय का लंड फिर पूरे ओकात मे आ गया था

अभय पुरा फिट था ऊपर से अभय का पेहला सेक्स था पेहला चुदाई का स्वाद चखा था वो भी अपनी खूबसूरत हॉट भाभी के साथ तू एक बार मे भला अभय का मन कैसे भरता

अभय दिशा के ऊपर आके तांगे फैला के दिशा के चुत मे लंड दाल देता है दिशा आह मा आज तो मे गई काम से


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अभय मुस्कुराते हुवे जोर जोर से धक्का मारते हुवे चुदाई करना सुरु कर देता है दिशा आह मा मर गई उह्ह् आह करने लगती है फिर कमरे मे फच् फच् फट फट की आवाजे गुज उठती है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Awesome update 👌

Jitna socha tha usse behtareen.
Aapne sex scene ko jyada lamba nahi kiya uske liye thanks 😊
 
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