GURUOO7
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Bahut hee badhiya update hai !chapter 80
आसा मिनिता अपनी दुख दर्द भरी कहानी एक दूसरे को सुना के अपने दिल का बोझ हल्का कर चुके थे
मिनिता आसा को देखते हुवे - दीदी आपने जब बताया आपका भी कोई मेरे जैसा बुरा पास्ट् है और आप अभय को बताने वाली है तो मुझे भी लगा आपके साथ दुख अपनी कहानी बता के अपना बोझ हल्का कर लू अब मुझे अच्छा फिल हो रहा है
आसा - मिनिता अब सर भूल जाओ बुरे पास्ट् को और आगे बढ़ो
तभी अदिति आती है होठ से लाल लीबिस्तिक गायब थे होठ पे हल्का खून निकल रहा था लेकिन थोरा अंधेरा था तो साफ दिख नही रहा था
अदिति आसा मिनिता के पास आते हुवे - मा ऑन्टी किया बाते हो रही है
मिनिता अदिति को देख - कुछ नही बेटा
आसा अदिति को देख - लाला कहा है
अदिति एक तरफ इसारा करते हुवे - वहा बैठे हुवे है
आसा - अच्छा तुम दोनो कैप मे जाओ मे आती हु
मिनिता अदिति कैप मे सब के पास चले जाते है आसा अभय के पास जाने लगती है
हम थोरा पीछे चलते है
अदिति अभय अपने भाई की गोद मे चिपक के बैठी थी अभय अपनी बहन की मस्त मोटी गांड मोटी जांघे बुर बॉडी की गर्मी खुशबु और सीने मे दबे दोनो बरे मुलायम नर्म चुचे फिल कर अलग ही मजे मे था
अभय अदिति के चेहरे एकदम आमने सामने थे थोरा अंधेरा थोरि रोसनी थी पर एक दूसरे को देख सकते थे
अभय अदिति के गाल पे हाथ फेरते हुवे अदिति के आखो मे देख - बता नही कोन किस्मत वाला होगा जिसे मेरी गुरिया अपने लाइफ पाटनर चुनेगी
अदिति अभय की आखो मे देखते हुवे - भाई सोचती होगी कई लरकिया अपने लाइफ पाटनर के बारे मे लेकिन मेरे लिये आप सबसे पहले है मे बिना सादी लाइफ पाटनर बिना रह सकती हु लेकिन आपसे दूर बिल्कुल नही
अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देख - सादी तो हर लरकी को एक ना एक दिन करनी ही होती है गुरिया सादी नही करोगी तो मे मामा कैसे बनूँगा
अदिति अभय की बातो से शर्मा जाती है लाल गाल नजरे नीचे कर - पर मुझे आपसे दूर नही जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - घर जमाई लेके आयुगा फिर
अदिति अभय को देख -भाई ये सब बाते जाने दो
अभय अदिति की आखो देखता है फिर अदिति के लाल गुलाबी खूबसूरत होठो पे उंगली फेरते हुवे - ठीक है तो आज अभी आपने भाई को अपने होठ का रस पिला दे मेरी गुरिया तरस रहा हु कब से
अपने भाई की बाते सुन अदिति का हाई जोर से धक धक करने लगता है सासे तेज चलने लगती है अदिति के बॉडी आज कुछ अलग फिल करने लगती है
अदिति तेज सासे लेते अभय की आखो देख - मे अपने भाई को कैसे तरसा सकती हु पी लीजिये मेरे होठ का रस भाई
अभय अदिति के चेहरे को पकरे अपना चेहरा अदिति के एकदम पास लेके आता है अदिति के नाक से अभय अपना नाक टच कर देता है दोनो एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है दोनो के होठ खुले एक दूसरे से मिलने के लिये बेताब हो रहे थे अदिति अभी जो फिल कर रही थी जो फीलिंग अंदर से निकल रही थी सब नया था आज कुछ अलग होने वाला था जो एक भाई बहन के बीच नही होता
अभय अदिति की आखो मे देखते हुवे - हम जो करने जा रहे है वो एक पति पत्नी या लोवर के बीच होता है तो फिर भी तुम करना चाहती हो
अदिति अभय की आखो मे देख - भाई जानती हु इतना तो पता है लेकिन बात मेरे भाई को किस देने की है तो सोचिये मत
अभय अपना होठ अदिति के होठ पे टच करते हुवे - पहला हक तुम अपने भाई को दे रही हो मे किस्मत वाला हु
अभय की बात अभय के होठ अपने होठ पे फिल करते हुवे तेज सासे लेते हुवे - हा दे रही हु कियुंकी मे चाहती हु
अभय अदिति एक दूसरे की आखो मे देख खो जाते है और फिर दो भाई बहन के होठ एक दूसरे के होठ से मिल जाते है
दोनो भाई बहन जैसे प्यासे की तरह एक दूसरे को किस करने लगते है पहले दोनो एक दूसरे के होठ लीप चूसने लगते है जोर सोर से
अदिति किस करते हुवे मन मे - उफ ये किस सब से अलग है ये एहसास अपने भाई के गोद मे बाहों मे किस करने का उफ मे इस मोमेंट ने जो फिल कर रही हु बताना मुश्किल है
किस धीरे धीरेवाइल्ड होने लगती है अब दोनो भाई बहन एक दूसरे के जिब से जिब मिला के जिब होठ चूस रस पीने लगते है अभय अदिति के कमर कस के पाकरे सीने से चिपकाये रस पीते हुवे - दुनिया का सब से मीठा रस मा बहन के होठ का ही हो सकता है जो मजा जो सुकून मा बहन के होठ का रस पीने मे मिलता है शब्द से बया नही किया जा सकता मेरी गुरिया के होठ कितने नर्म है रस तो अमृत है
किस अब पुरा वाइल्ड हो जाता है अब तो दोनो भाई बहन जिब बाहर निकाल एक दूसरे के जिब को चाटने लगते है चूसने लगते है
अदिति मन मे - आह उफ तो ये होती है असली किस मुझे बहोत हि जयदा मजा आ रहा है मेरे भाई कैसे मजे से मेरे जिब चाट चूस रहे है मुझे बहोत अच्छा लग रहा है भाई के साथ किस करने में भाई पिलो जितना पीना है चूस लो आह भाई मेरे प्यारे भाई
2 mina जोर दार किस चलती है अभय अदिति के होठ चूस रहा था लेकिन हल्का दात लग जाता अदिति आह करती है
अभय किस तोरते हुवे जल्दी से अदिति के होठ छूके देखते हुवे - माफ करना गुरिया जोस मे तुम्हे लग गई
अदिति मुस्कुराते हुवे शर्मा के - भाई कुछ नही हुवा
अभय देखता है होठ से हल्का खून निकल रहा है तो अभय जिब से चाट जाता है अदिति जोर से सिसकिया लेते आह करती है
अभय अदिति के चेहरे पकर आखो मे देख - अपने भाई को पहला हक अपने होठ का रस पिलाने के लिये सुक्रिया मेरी गुरिया
अदिति लाल चेहरा लिये नजरे नीचे किये - भाई सुक्रिया मत करिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है पर ये तो बताओ कैसा लगा
अदिति सर्म से धीरे से - बहोत जी जयदा अच्छा लगा
अदिति गोद से उतर नीचे खरी होके अभय के होठ पे किस करके शर्मा के - मे जा रही हु करेगे मे कहा गायब हो गई
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है लेकिन आगे भी मिलेगा ना
अदिति शर्मा के जाते हुवे - सोचुगी
अदिति चली जाती अभय मन मे - लो गुरिया को भी ये बीमारी लग लग सोचने वाली
तो ये सब हुआ अब आते है अभी के सीन पे आसा अभय के पास आती है अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत मा आपका ही इंतज़ार था आइये
आसा अभय के पास आके खरी हो जाती है अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा वो कुछ भला
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार करना है
आसा नीचे झुक दोनो हाथो से अपनी सारी पेटीकोट के छोर पकर अपने घुटने तक उठा लेती है अभय अपनी ना के गोरे पैर देखने लगता है आसा आगे बढ़ दोनो पैर फैला के अभय के जांघों के ऊपर आ जाती है फिर सारी नीचे कर अपनी मोटी फैली मस्त नर्म गांड के साथ अभय के जांघों पे बैठ अभय के कंधे पे दोनो हाथ रख देती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - सही जगह पे नही बैठी है आप मजा नही आ रहा है
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे अपनी गांड थोरा उठा के सीधा अभय के लंड पे बैठ जाती हो अभय आह करता है आसा भी कामुक् आह करती है
अभय धीरे से पेट पे हाथ रख सेहलाते हुवे दोनो हाथ आसा के पीछे ले जाने लगता है अपने बेटे के पेट के बेटे का हाथ फेरते फिल कर आसा सिसकिया लेने लगती है अभय का दोनो हाथ पीछे जाके एक दूसरे से मिल जाता है फिर अभय एकदम से आसा को अपने सीने बॉडी से चिपका लेता है बीच में कोई गेप नही था दोनो मा बेटे कि बॉडी एक दूसरे से चिपकी हुई थी दोनो के चेहरे एक दूसरे के एकदम पास मे थे
अभय आसा की आखो मे देख - मा पता मे अभी किया फिल कर रहा हुई
आसा अभय की आखो मे देख - नही पता तुम हि बता दो
अभय - कैसे बताऊं खुल के या बिना खुले
आसा अपने बेटे की बात समझ -जैसा तुम्हे सही लगे
अभय - नही आप बोलो मेरी मा जो चाहेगी
आसा थोरा शर्मा के - खुल के
अभय मुस्कुराते हुवे - तो सुनिये मेरी गोद मे सबसे खूबसूरत प्यारी मेरी मा बैठी है आपकी शरीर की खुबसु मुझे बहोत पसंद है आपकी बॉडी की गर्मी मुझे पागल करने लगता है आपकी आखे इतनी नासिलि की जब देखता हु कही खो जाता हु आपका खूबसूरत चेहरा जिसे दिन रात हर वक़्त देखते ही रहने का मन करता है आपके ये रसीले होठ देखता हुई प्यास जग जाती है पीने का दिल करने लगता है आपकी भरी बॉडी बनाने वाले ने बहोत फुर्सत से बनाया है आपकी कमर गहरी जब देखता हुई चुने चूमने का दिल करता है जब आप चलती है आपकी कमर लचकाके कयामत लगती है अभी आप जिस तरह मेरी गोद मे जिस जगह बैठी है
अभय रुक आसा को देखता हि रहता है आसा बरे गोर से अपने बेटे के मुह से अपनी तारीफ सुन गदगद हो गई थी अभय को चुप देख - रुक कियु गया आगे
अभय आसा की आखो मे देख - जगह खूबसूरत है सांत है लेकिन हम अकेले नही है घर पे रात को जब मे आता हुई तब खुल की बाकी सब जो मे फिल करता हु बताऊंगा
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है फिर
अभय मुस्कुराते हुवे - फिल्हाल आपकी गुफा की गर्मी मेरे केले का बेचैन कर रही है और आपके मस्त नर्म बरे पपीते भी
आसा शर्मा के - बेसरम
अभय - मा सुसु की आवाज सुनाओ ना
आसा एकदम से शर्मा के - बेसरम नही लगी है कैसे सुनाऊ
अभय निरास होके - अच्छा
आसा अभय के होठ पे किस करते हुवे - चल सुनाती हु कितना बेशर्म हो गया है जब से सुनाया है रोज पीछे पर जाता है
अभय खुश होके - तो देर किस बात की
आसा अभय के गोद से नीचे खरी होके पास पास एक जगह देख वही खरी हो जाती है फिर अभय को देखते हुवे सारी पेटीकोट उपर करने लगती है अभय एकदम आसा के पास आके नीचे बैठ जाता है आसा लाल चेहरा लिये घुटने से उपर तक सारी कर देती है
अभय देखता है गोरी टांगे फिर आसा का देख आखे बंद कर लेती है आसा पैंटी नीचे कर पुरा सारी उठा के बैठ जाती है बुर पे काले बाल मस्त लग रहे थे कमाल का सीन था एक मा नंगी नीचे से पिसाब करने बैठी है उसके एकदम सामने उसका बेटा बैठा है आख बंद किये
आसा अभय के चेहरे आमने सामने थे आसा अभय को देख मन मे - मेरे लाला के जगह कोई और होता तो कब का मेरे साथ कुछ करने या देखने की कोसिस करता लेकिन मेरा लाला कितना अच्छा है चाहता तो चोरी छुपे सब देख सकता था लेकिन देखो कैसे कस के आखे बंद किये है लाला अपने आप को अच्छे से रोकना अपने पे काबू रखना जनता है इसी लिये तो मे भी बिना सोचे सब करने लगती हु
आसा परेसर् बनाती हैं फिर जोर से एक धार निकलती है सुई सुई अभय सांत आवाजे सुनने लगता हैं आसा पिसाब करते अभय को हि देख रही थी आसा मन मे - एक मा होने के नाते ये सब गलत हैं लेकिन मेरे लिये मेरे लाल की खुशी जरूरी है ऐसा नही मे करना नही चाहती या मे मर्ज़ी से नही करती पर मेरी लिमिट के अंदर सब करुगी
आसा पिसाब कर लेती हो बुर से एक एक बूंद नीचे टपक रहा था कुछ बूंद बुर के बाल पे अटक गये थे आसा उतने वाले होती है लेकिन अभय - नही बैठी रहिये
आसा बैठी रहती है और अभय को देख - ठीक है
अभय अपना हाथ आख बंद किये आसा के चेहरे के पास ले जाता है अभय आसा के होठ छुटा है फिर आगे झुक किस करने लगता है
आसा नीचे से नंगी थी अभय किस करने लगता है आज का किस भी अलग की था आसा सर्म से पानी पानी हो जाती लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे अभय का साथ देने लगती है दोनो एक दूसरे के होठ जिब चूस के रस पीने लगते हैं आसा आगे झुकी थी जिस वजह से पीछे आसा के बरे गांड उठे मस्त लग रहे थे 2 मिनट बाद किस टूटता है
अभय आखे बंद किये - आज का किस मा मे कभी नही भूलूंगा
आसा शर्म से - मे भी नही अब उठ जाऊ
अभय खरा होके - हा
आसा खरी होके पैंटी पहन सारी नीचे कर - हो गया
अभय आखे खोल नीचे देखता है तो आसा जल्दी से एकदम सामने आके सर्म से - किया देख रहा है चल चलते है
अभय मुस्कुराते हुवे - छेद कर दिया आपने तो
आसा सर्म से पानी पानी हो जाती है
अभय आसा के के गर्दन को चूमने किस करने लगता है आसा जोर से सिसकिया लेती है अभय चूमते किस करते हुवे - आह मा आप बहोत सेक्सी है
आसा जोर जोर से सासे सिसकिया लेते - उफ आह बेटा उफ तुम भी मेरे लाल
अभय फिर आसा के पीछे गांड पे लंड सता के आसा को बाहों मे कस के पकरे गर्दन को चूसने लगता है चाटने लगता आसा मुठी कस जोर से - आह उफ बेटा आह सिसकिया लेती बोलती रहती है अभय फिर एकदम से रुक जाता है
अभय आस को देख - मा चलते हैं नही तो बोलने कहा मा बेटे गायब हो गये प्यार तो और करता था लेकिन कल घर पे आराम से करूँगा
आसा जोर जोर सासे लेते हुवे मन मे - आह मा ये लरका मेरे अंग को ऐसे चाटता है जैसे मेरी बॉडी अंग आइस्कृम हो उफ मेरी बॉडी मचल मदहोस मे चली जाती है आह लेकिन मुझे लाला का टच छूना चूमना किस चाटना बहोत सुकून देता है अभय को देख
आसा हस्ते हुवे - ठीक है कर लेना मेरे लाल अब चल
अभय आस कैप के अंदर आते है मोटा रुई वाला मस्त बिस्तर सब का एक साथ मे लगा था सब एक जगह गोल बैठ बाते करने मे लगे थे
अभय आसा आके बैठ जाते है
अदिति मधु आसा के पास आके बाहों को पकर चिपक के बैठ जाती है धीरे धीरे सब एक गोल लाइन बना के बैठ जाते है सब एक दूसरे के आमने सामने थे
अभय सभी को देखते हुवे - आप सब को मजा आ रहा है या नही
अदिति मधु पूजा जोर से हाथ उपर कर चिल्लाते हुवे - हमे बहोत मजा आ रहा हैं
सभी जल्दी से अपने कान बंद कर लेते है
मिनिता - हद हैं ये बच्चे भी ना
आसा हस्ते हुवे - सब बहोत खुश है इस लिये
अभय नितिका मिका को देख - आप दोनो को अच्छा तो लग रहा है ना
नितिका अभय का देख - बेटा पहली बार इतना मजा आया मुझे सुक्रिया अपने साथ सामिल करने के किये सब के साथ एक फैमिली पिकनिक का मजा ही अलग है
मिका अभय को देख - मुझे भी बहोत अच्छा लग रहा है मजा भी बहोत आ रहा है मे तो कहती हु फिर कभी ऐसा प्लान बनाओ तो जरूर बुलाना हमे
अभय हस्ते हुवे - ठीक है
अभय तारा का देख - मेरी प्यारी मम्मी जी कुछ बोलिये
तारा सब को देखती हो फिर - अपनी बेटी दमाद समधन आप सभी के साथ इस खूबसूरत सांत जगह पिकनिक पे आके आज मे पहली बार इतना अच्छा सुकून फिल कर रही हु जिदंगी मे अब तक
अभय बीच मे तारा को देख - समझ सकता हु मेरी मा ने भी बहोत कुछ झेला है अपने भी मुझे लगता है मिनिता ऑन्टी नितिका ऑन्टी मा आप छोटी मा हर किसी ने कुछ ना कुछ झेला है जानती हो एक औरत सब कुछ झेल सकती है अपने बच्चो के लिये
अभय आसा को देख प्यार से - मेरी मा ने सब बहोत कुछ झेला दर्द सहा लेकिन हमे कोई तकलीफ नही होने दी मा मे आपके बहोत प्यार करता हु
आसा इमोसनल होके अभय को देख - मे भी मेरे बच्चे
अभय - तो हम मजे करने आये तो मजे करते है सब बुरे पल यादों को पीछे छोर भूल के मजे करते है
सभी हा करते है
अभय आसा को देख - मा मुझे फिर जाना होगा
अभय की बात सभी को शोक कर देती है फिर सभी हैरान होके अभय को देखने लगते है
दिशा मुह फुला के - हा हा जहा जाना है जाइये रोका किसने है
अदिति हैरान होके - भाई नही अब आपको कही जाने नही दूंगी
मधु अभय की बाहों को कस के पकरे - दीदी ने सही कहा कुछ दिन पहले ही तो आये थे अब फिर जाने की बात मत कीजिये
पूजा मुह बना के - दीदी जीजा जी को आपकी परवाह हि नही है
तारा पूजा को मारते हुवे - चुप कर जरुर कुछ जरूरी कम होगा नही तू दामाद जी खुद समधन अदिति बेटा सब से दूर नही जाते
मिनिता तारा को देख - आपने सही कहा अभय बेटा बता वजह किया है इस बार जाने का
नितिका मन मे - फिर जा रहा है मुझे छोर के अब पता नही कर आयेगा मे कैसे तुम्हे देखे बगैर रहूगी
मीका मन मे - अब कहा जाने वाला है ये कमीना
सिला अभय को देख - बता बेटा कहा कियु कितने दिन के लिये जाने वाला है
आसा सभी को देख - अपनी बुआ मासी के यहा टूटे रिश्ते को सही करने के लिये
आसा की बात सुन सब हैरान होके - क्या
अदिति हैरान होके - बुआ मासी मे तो उन लोगो को भूल हि गई थी
आसा सभी को देख - कुछ वजह से रिश्ते टूट गये मे भी बच्चो के पालन मे लग गई तो रिश्ते सही नही कर पाई
अभय - हा बुआ मासी के यहा जाके सब सही करना है छोटा था याद भी नही बुआ मासी सब कैसे दिखते है और अब कैसे है
दिशा हैरान होके - मासी बुआ मम्मी जी
आसा - हा अभय की मासी बुआ भी है उस समय अभय अदिति सब छोटे थे तो कुछ याद नही होगा
तारा हैरान होके - अच्छा तो ये वजह तो बहोत बरी है
सिला - हा अभय बेटा तुझे जाना ही चाहिये अपने तो अपने होते है
मिनिता - हा अभय बेटा ये वजह है तो जा सब सही करके ही आना
नितिका मन मे - अच्छा तो ये वजह है तब तो जाना हि चाहिये
मीका मन मे - रिश्ते की कीमत लगाई नही जा सकती
कोमल - ठीक है लेकिन कई साल हो गये है रिश्ते आसानी से जुर् नही जायेंगे टाइम तो लगेगा ही
आसा - कोमल बेटा तुमने सही कहा टाइम तो लगेगा लेकिन मुझे अपने लाला पे भरोसा ही जल्दी ही सब ठीक कर देगा कियु लाला
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मा
अदिति अभय को देख प्यार से - भाई अगर ऐसा है तो मे भी आपके साथ जाउंगी
मधु भी प्यार से - भाई मे भी
पूजा भी प्यार से - जीजा जी मे भी
अभय तीनों को देख - नही तो नही लेकिन जैसे ही सब सही होगा हम सब जायेंगे
अदिति मधु पूजा उदास होके - ठीक है
सिला - बस ये बेकार चेहरा मत बनाओ लाला मजे नही जरूरी काम से जा रहा है
अदिति मधु पूजा - जी समझ गये
अभय - कुछ दिन बाद जाऊंगा लेकिन मे जल्दी ही सब सही करके आऊँगा बुआ मासी को लेके
आसा - ठीक है बेटा जा सकता है मे खुद चाहती हु जाये
कुछ देर बाते होने के बाद सोने का वक़्त हो जाता है
आसा - चलो सोते है आधी रात हो गई है
अदिति दिशा को देख - भाभी आज तो मे भाई के साथ सोने वाली हु
मधु दिशा को देख - मे भी भाभी आज आपको भाई बिना सोना पड़ेगा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - ठीक है बाबा आज मे अपनी मा के साथ सो जाऊंगी
तारा दिशा को गले लगा के - हा आज हम साथ मे सोयेंगे
पूजा - मे भी
विनय - अच्छा है तो आज मे दीदी के साथ
कोमल मुस्कुराते हुवे - ठीक है बाबा
मिनिता - ठीक है मे भी दीदी के साथ
अभय बीच में दोनों साइड अदिति मधु अदिति के बगल मे मीका नितिका फिर कोमल विनय मिनिता आसा सिला तारा दिशा पूजा सब लाइन से सो जाते है
अभय के सीने पे अदिति मधु सर रखे लेते थे अभय दोनो को बहो मे लिये था
अदिति - भाभी
दिशा - हा बोलिये
अदिति मुस्कुराते हुवे - भइया बिना नींद आ तो जायेगी ना
सब हैरान दिशा शोक सर्म से लाल पानी पानी हो जाती है
आसा मिनिता तारा नितिका सिला सब अंदर ही अंदर हस रहे थे
दिशा शर्मा के - कियु नही आयेगी मे अपनी का के साथ सुई हु
मधु मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो हम कुछ और दिन भाई के साथ सोयेंगे ठीक है ना
अब तो सब की हसी छूटने को आई थी
दिशा शर्मा के - हा हा ठीक है मुझे किया
दिशा मन मे - देख लुंगी आप दोनो को सब के सामने मेरे मजे ले रही है
अभय भी हसे जा रहा था
मिनिता धीरे से - दीदी सुना कैसे दोनो भाभी के मजे ले रही है
आसा धीरे से हस्ते हुवे - हा सुना मे दुवा करती हु सब ऐसे ही चलता रहे सब खुश रहे
मिनिता - मे भी दीदी
विजय - भाभी
दिशा - बोलिये देवर जी आपको किया कहना है
विजय - वो आपने जो कहा वो
मिनिता - क्या कहा बहु तुमने शैतान से
दिशा मुस्कुराते हुवे - आपका लाला चाहता है वे जाके आपकी होने वाली बहु के घर वालो से बात करे ताकि दोनो बिना डर के मिल स्के
विजय के कोमल कान पकर - अच्छा जी ऐसा है
विजय सर्म से दर्द मे - दीदी दर्द होता है
आसा - लाला जाके बात कर लेना जाने से पहले
अभय - ठीक है मा कर लूंगा
विजय - शुक्रिया प्यारी ऑन्टी
आसा मुस्कुराते हुवे - जल्दी से मिला हम भी देखे
विजय शर्मा के - जी ऑन्टी
आसा नितिका से -sp जी आप मीका की सादी को लेके क्या सोच रही है
नितिका - अभी तो सोचा नही है कियुंकी मीका मेरी तरह पुलिस ऑफिसर बनना चाहती है
आसा - अरे वाह बहोत अच्छे मीका बेटा
मीका - शुक्रिया ऑन्टी
अभय मजे लेते हुवे - मम्मी जी आपके पास आके सो जाऊ
तारा जल्दी से शर्मा के - नही नही आपकी दोनो गुरिया आने भी नही देगी
सभी हसने लगते है ठोरी देर बाते मस्ती के बाद
सब सांत हो चुके थे कई सो गये थे लेकिन अदिति किस वाला सीन याद कर मन मे - मुझे नींद नही आ रही आखे बंद करते ही भाई मेरे होठ जिब जिस तरह मजे से चूस रस पि रहे थे सब मेरे आखो के सामने आ रहा है मेरे मुह मे अभी भी वो स्वाद है बहोत मजा आया था
अदिति अभय को देखती ही जो सोया था अदिति धीरे सी होठ पे किस करती है फिर सीने से चिपक बहो मे सोने लगती है
सुबह 8 बजे उठ सभी रेडी होते है फिर बिना देरी किये गारी से घर चले जाते है मधु सिला अपने घर कियुंकी गाय बकरी घर देखना था नितिका मीका अपने घर नितिका को अपने काम दियुति पे जाना था
बाकी अभय आसा पूजा दिशा तारा अपने घर मिनिता कोमल विजय अपने घर सब अपने अपने जगह चले जाते है
घर आते ही दिशा अदिति के पीछे पर जाती है दिशा - अब कहा जायेगी बहोत मजे लिये रात वहा एक तो चली गई लेकिन जब आयेगी तब उनको भी नही छोरने वाली मे
अदिति चिल्लाते भागते हुवे आसा के पीछे आके - मा बचा लीजिये देखिये ना भाभी मुझे मार रही है
दिशा - अभी तो कुछ किया भी नही मेने
आसा हस्ते हुवे - देखो मुझे बीच मे मत लाओ तुम भाभी ननद अपना मामला खुद संभालो
दिशा अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अब कोन बचायेगा आपको
अदिति डरते हुवे तारा के पीछे जाके - बरी मा आप ही बचा लो ना
तारा दिशा को देख - बेटी जाने दो ना बेचारी बच्ची है
दिशा तारा को देख - प्यारी नही शैतान है
दिशा अदिति को उपर से नीचे देख मन मे - बच्ची तो बिल्कुल नही है इतनी मस्त खूबसूरत कमाल की बॉडी है चुचे देखो कितने टाइट खरे है निपल भी साफ कपड़े के ऊपर से दिख रहे है गांड तो मेरे जीतने बड़े फैले है अरे बच्चे की मा बनने की उमर हो गई है
दोपहर 12 बजे
जैसा पुलिस वाले करते है किसी का मडर होता ही तो पहले उसके जानने करीबी वाले से ही पूछताछ करते है तो उदय टीनू की मौत की खबर न्यूज़ पे छा रही थी और दोनो गैंग के बीच लराइ मे हुई मौत ही बताया जा रहा था
हॉल मे भरती आरोही अमर जगमोहन बैठे थे उन सब के सामने नितिका अपने टीम के साथ बैठी थी
नितिका बाकी सब कई सवाल पूछते है घर की जाच करते है फिर चले जाते है वजह अभय था अभय ने नितिका से कहा था फोन करके
2 घंटे पहले
अभय - जान तुम्हे पता चल ही गया होगा उदय टीनू मडर का
नितिका हैरान होके - हा लेकिन तुम दोनो को जानते हो
अभय - हा असल मे मेरी गुरिया की दोस्त की आरोही है उसके मा पापा सब उदय के करीब थे कहे तो उदय ने सब को अपने जाल मे फसाया था
अभय कुछ बाते बताता है ताकि नितिका को इतना ही पता हो उदय कितना कमीना था
अभय - तो मे जनता हु पुलिस वाले बहोत परेसान करेगे उन्हें लेकिन सब निर्दोस् है उल्टा सब के साथ गलत हुवा है तो मे चाहता हु पूछताछ करो लेकिन जयदा उनको परेसान मत होने देना
नितिका - तुम चिंता मत करो ठोरी पूछ ताछ ही होगी
अभय - शुक्रिया
नितिका - गिर्लफ्रेंड को शुक्रिया
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू
नितिका शर्मा के - आई लोव यू
यही हुवा इस वजह से पुलिस वाले जयदा भारती सब को परेसान नही किये
भारती - अभय बेटे के पीछे एक sp भी है आखिर अभय है किया चीज पर जो भी हो उसकी वजह से आज तुम दोनो हम सेफ है
आरोही मन मे - अभय शुक्रिया सही समय पे हमे रोक दिया नही तो हम भी तेरे हाथो मारे जाते और मेरा बच्चा भी
अमर मन मे - सेर को बिल्ली समझ लिये थे सुकर है सेर ने बिल्ली पे दया कर छोर दिया
भारती - कुछ दिन रुकेंगे सब मामला ठण्डा होने के बाद निकलेगे
दूसरी तरफ अभय का फोन बजता है अभय फोन निकालते हुवे - कोन है
अभय नंबर देख कमरे से बाहर आके - हा मेरी जाने मन बोलिये
भारती शर्मा के - शुक्रिया बेटा सब के लिये
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर नही वैसे भी आपकी मस्त फूली चिकनी बुर मारके बहोत मजा आया था फिर कब मिलेगा आपकी बुर
भारती शर्मा के - छी बेसर्म नही मिलेगी फिर
अभय - ठीक है चलेगा
भारती हैरान मन मे - मुझे लगा फिर बोलेगा सच कहु मे अभय की चुदाई भूल नही पा रही हु उफ अब तक की लाइफ मे अभय का लंड लेने मे जो दर्द मजा सुकून मिला सायद किस्मत वाली औरत को ही ऐसा चुदाई सुख नसीब होता है अंदर बाहर जब उसका लंड करता था, भारती बुर सेहलाते हुवे, मेरी बुर भर भर के पानी निकालती थी मेरी बचेदानी मे सीधा घुस जाती थी मुझे बहोत दर्द होता था लेकिन मजा भी बहोत आया अभय का लंड बहोत बरा मोटा है और अभय एक सच्चा मर्द भी किस्मत का शुक्रिया उस कमीने के से बच तुम जैसे मर्द से चुदी और असली चुदाई का सुख मिला
अभय - कुछ बोलेगी
भारती होस मे आके शर्मा के - साम को घर मेरे आओ ना
अभय मुस्कुराते हुवे - बुर देगी तब आऊंगा
भारती शर्मा के - ठीक है दूंगी
अभय -क्या
भारती सर्म से - बुर
अभय - ठीक है साम को आऊँगा
फोन कट
अभय फोन रख कमरे मे जाते हुवे - चलो आज कोमल की बुर का सील तोर उसे औरत बनाते है
अभय अंदर जाता है कोमल बैठी शर्मा के अभय को देखती है अभय मुस्कुराते हुवे - बैठी हो चलो सुरु करते है इसी लिये तो कमु तुम्हे यहा लाया हु
हा अभय कोमल को अपने घर के पास एक घर जोकि अभय ने शोभा के लिये लिया है उसी घर मे कोमल को लेके आ चुका था आज अभय कोमल की सील पैक बुर मारने वाला है
आज के लिये इतना ही![]()
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक साथ ही साथ मजेदार अपडेट है भाई मजा आ गयाchapter 80
आसा मिनिता अपनी दुख दर्द भरी कहानी एक दूसरे को सुना के अपने दिल का बोझ हल्का कर चुके थे
मिनिता आसा को देखते हुवे - दीदी आपने जब बताया आपका भी कोई मेरे जैसा बुरा पास्ट् है और आप अभय को बताने वाली है तो मुझे भी लगा आपके साथ दुख अपनी कहानी बता के अपना बोझ हल्का कर लू अब मुझे अच्छा फिल हो रहा है
आसा - मिनिता अब सर भूल जाओ बुरे पास्ट् को और आगे बढ़ो
तभी अदिति आती है होठ से लाल लीबिस्तिक गायब थे होठ पे हल्का खून निकल रहा था लेकिन थोरा अंधेरा था तो साफ दिख नही रहा था
अदिति आसा मिनिता के पास आते हुवे - मा ऑन्टी किया बाते हो रही है
मिनिता अदिति को देख - कुछ नही बेटा
आसा अदिति को देख - लाला कहा है
अदिति एक तरफ इसारा करते हुवे - वहा बैठे हुवे है
आसा - अच्छा तुम दोनो कैप मे जाओ मे आती हु
मिनिता अदिति कैप मे सब के पास चले जाते है आसा अभय के पास जाने लगती है
हम थोरा पीछे चलते है
अदिति अभय अपने भाई की गोद मे चिपक के बैठी थी अभय अपनी बहन की मस्त मोटी गांड मोटी जांघे बुर बॉडी की गर्मी खुशबु और सीने मे दबे दोनो बरे मुलायम नर्म चुचे फिल कर अलग ही मजे मे था
अभय अदिति के चेहरे एकदम आमने सामने थे थोरा अंधेरा थोरि रोसनी थी पर एक दूसरे को देख सकते थे
अभय अदिति के गाल पे हाथ फेरते हुवे अदिति के आखो मे देख - बता नही कोन किस्मत वाला होगा जिसे मेरी गुरिया अपने लाइफ पाटनर चुनेगी
अदिति अभय की आखो मे देखते हुवे - भाई सोचती होगी कई लरकिया अपने लाइफ पाटनर के बारे मे लेकिन मेरे लिये आप सबसे पहले है मे बिना सादी लाइफ पाटनर बिना रह सकती हु लेकिन आपसे दूर बिल्कुल नही
अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देख - सादी तो हर लरकी को एक ना एक दिन करनी ही होती है गुरिया सादी नही करोगी तो मे मामा कैसे बनूँगा
अदिति अभय की बातो से शर्मा जाती है लाल गाल नजरे नीचे कर - पर मुझे आपसे दूर नही जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - घर जमाई लेके आयुगा फिर
अदिति अभय को देख -भाई ये सब बाते जाने दो
अभय अदिति की आखो देखता है फिर अदिति के लाल गुलाबी खूबसूरत होठो पे उंगली फेरते हुवे - ठीक है तो आज अभी आपने भाई को अपने होठ का रस पिला दे मेरी गुरिया तरस रहा हु कब से
अपने भाई की बाते सुन अदिति का हाई जोर से धक धक करने लगता है सासे तेज चलने लगती है अदिति के बॉडी आज कुछ अलग फिल करने लगती है
अदिति तेज सासे लेते अभय की आखो देख - मे अपने भाई को कैसे तरसा सकती हु पी लीजिये मेरे होठ का रस भाई
अभय अदिति के चेहरे को पकरे अपना चेहरा अदिति के एकदम पास लेके आता है अदिति के नाक से अभय अपना नाक टच कर देता है दोनो एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है दोनो के होठ खुले एक दूसरे से मिलने के लिये बेताब हो रहे थे अदिति अभी जो फिल कर रही थी जो फीलिंग अंदर से निकल रही थी सब नया था आज कुछ अलग होने वाला था जो एक भाई बहन के बीच नही होता
अभय अदिति की आखो मे देखते हुवे - हम जो करने जा रहे है वो एक पति पत्नी या लोवर के बीच होता है तो फिर भी तुम करना चाहती हो
अदिति अभय की आखो मे देख - भाई जानती हु इतना तो पता है लेकिन बात मेरे भाई को किस देने की है तो सोचिये मत
अभय अपना होठ अदिति के होठ पे टच करते हुवे - पहला हक तुम अपने भाई को दे रही हो मे किस्मत वाला हु
अभय की बात अभय के होठ अपने होठ पे फिल करते हुवे तेज सासे लेते हुवे - हा दे रही हु कियुंकी मे चाहती हु
अभय अदिति एक दूसरे की आखो मे देख खो जाते है और फिर दो भाई बहन के होठ एक दूसरे के होठ से मिल जाते है
दोनो भाई बहन जैसे प्यासे की तरह एक दूसरे को किस करने लगते है पहले दोनो एक दूसरे के होठ लीप चूसने लगते है जोर सोर से
अदिति किस करते हुवे मन मे - उफ ये किस सब से अलग है ये एहसास अपने भाई के गोद मे बाहों मे किस करने का उफ मे इस मोमेंट ने जो फिल कर रही हु बताना मुश्किल है
किस धीरे धीरेवाइल्ड होने लगती है अब दोनो भाई बहन एक दूसरे के जिब से जिब मिला के जिब होठ चूस रस पीने लगते है अभय अदिति के कमर कस के पाकरे सीने से चिपकाये रस पीते हुवे - दुनिया का सब से मीठा रस मा बहन के होठ का ही हो सकता है जो मजा जो सुकून मा बहन के होठ का रस पीने मे मिलता है शब्द से बया नही किया जा सकता मेरी गुरिया के होठ कितने नर्म है रस तो अमृत है
किस अब पुरा वाइल्ड हो जाता है अब तो दोनो भाई बहन जिब बाहर निकाल एक दूसरे के जिब को चाटने लगते है चूसने लगते है
अदिति मन मे - आह उफ तो ये होती है असली किस मुझे बहोत हि जयदा मजा आ रहा है मेरे भाई कैसे मजे से मेरे जिब चाट चूस रहे है मुझे बहोत अच्छा लग रहा है भाई के साथ किस करने में भाई पिलो जितना पीना है चूस लो आह भाई मेरे प्यारे भाई
2 mina जोर दार किस चलती है अभय अदिति के होठ चूस रहा था लेकिन हल्का दात लग जाता अदिति आह करती है
अभय किस तोरते हुवे जल्दी से अदिति के होठ छूके देखते हुवे - माफ करना गुरिया जोस मे तुम्हे लग गई
अदिति मुस्कुराते हुवे शर्मा के - भाई कुछ नही हुवा
अभय देखता है होठ से हल्का खून निकल रहा है तो अभय जिब से चाट जाता है अदिति जोर से सिसकिया लेते आह करती है
अभय अदिति के चेहरे पकर आखो मे देख - अपने भाई को पहला हक अपने होठ का रस पिलाने के लिये सुक्रिया मेरी गुरिया
अदिति लाल चेहरा लिये नजरे नीचे किये - भाई सुक्रिया मत करिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है पर ये तो बताओ कैसा लगा
अदिति सर्म से धीरे से - बहोत जी जयदा अच्छा लगा
अदिति गोद से उतर नीचे खरी होके अभय के होठ पे किस करके शर्मा के - मे जा रही हु करेगे मे कहा गायब हो गई
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है लेकिन आगे भी मिलेगा ना
अदिति शर्मा के जाते हुवे - सोचुगी
अदिति चली जाती अभय मन मे - लो गुरिया को भी ये बीमारी लग लग सोचने वाली
तो ये सब हुआ अब आते है अभी के सीन पे आसा अभय के पास आती है अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत मा आपका ही इंतज़ार था आइये
आसा अभय के पास आके खरी हो जाती है अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा वो कुछ भला
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार करना है
आसा नीचे झुक दोनो हाथो से अपनी सारी पेटीकोट के छोर पकर अपने घुटने तक उठा लेती है अभय अपनी ना के गोरे पैर देखने लगता है आसा आगे बढ़ दोनो पैर फैला के अभय के जांघों के ऊपर आ जाती है फिर सारी नीचे कर अपनी मोटी फैली मस्त नर्म गांड के साथ अभय के जांघों पे बैठ अभय के कंधे पे दोनो हाथ रख देती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - सही जगह पे नही बैठी है आप मजा नही आ रहा है
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे अपनी गांड थोरा उठा के सीधा अभय के लंड पे बैठ जाती हो अभय आह करता है आसा भी कामुक् आह करती है
अभय धीरे से पेट पे हाथ रख सेहलाते हुवे दोनो हाथ आसा के पीछे ले जाने लगता है अपने बेटे के पेट के बेटे का हाथ फेरते फिल कर आसा सिसकिया लेने लगती है अभय का दोनो हाथ पीछे जाके एक दूसरे से मिल जाता है फिर अभय एकदम से आसा को अपने सीने बॉडी से चिपका लेता है बीच में कोई गेप नही था दोनो मा बेटे कि बॉडी एक दूसरे से चिपकी हुई थी दोनो के चेहरे एक दूसरे के एकदम पास मे थे
अभय आसा की आखो मे देख - मा पता मे अभी किया फिल कर रहा हुई
आसा अभय की आखो मे देख - नही पता तुम हि बता दो
अभय - कैसे बताऊं खुल के या बिना खुले
आसा अपने बेटे की बात समझ -जैसा तुम्हे सही लगे
अभय - नही आप बोलो मेरी मा जो चाहेगी
आसा थोरा शर्मा के - खुल के
अभय मुस्कुराते हुवे - तो सुनिये मेरी गोद मे सबसे खूबसूरत प्यारी मेरी मा बैठी है आपकी शरीर की खुबसु मुझे बहोत पसंद है आपकी बॉडी की गर्मी मुझे पागल करने लगता है आपकी आखे इतनी नासिलि की जब देखता हु कही खो जाता हु आपका खूबसूरत चेहरा जिसे दिन रात हर वक़्त देखते ही रहने का मन करता है आपके ये रसीले होठ देखता हुई प्यास जग जाती है पीने का दिल करने लगता है आपकी भरी बॉडी बनाने वाले ने बहोत फुर्सत से बनाया है आपकी कमर गहरी जब देखता हुई चुने चूमने का दिल करता है जब आप चलती है आपकी कमर लचकाके कयामत लगती है अभी आप जिस तरह मेरी गोद मे जिस जगह बैठी है
अभय रुक आसा को देखता हि रहता है आसा बरे गोर से अपने बेटे के मुह से अपनी तारीफ सुन गदगद हो गई थी अभय को चुप देख - रुक कियु गया आगे
अभय आसा की आखो मे देख - जगह खूबसूरत है सांत है लेकिन हम अकेले नही है घर पे रात को जब मे आता हुई तब खुल की बाकी सब जो मे फिल करता हु बताऊंगा
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है फिर
अभय मुस्कुराते हुवे - फिल्हाल आपकी गुफा की गर्मी मेरे केले का बेचैन कर रही है और आपके मस्त नर्म बरे पपीते भी
आसा शर्मा के - बेसरम
अभय - मा सुसु की आवाज सुनाओ ना
आसा एकदम से शर्मा के - बेसरम नही लगी है कैसे सुनाऊ
अभय निरास होके - अच्छा
आसा अभय के होठ पे किस करते हुवे - चल सुनाती हु कितना बेशर्म हो गया है जब से सुनाया है रोज पीछे पर जाता है
अभय खुश होके - तो देर किस बात की
आसा अभय के गोद से नीचे खरी होके पास पास एक जगह देख वही खरी हो जाती है फिर अभय को देखते हुवे सारी पेटीकोट उपर करने लगती है अभय एकदम आसा के पास आके नीचे बैठ जाता है आसा लाल चेहरा लिये घुटने से उपर तक सारी कर देती है
अभय देखता है गोरी टांगे फिर आसा का देख आखे बंद कर लेती है आसा पैंटी नीचे कर पुरा सारी उठा के बैठ जाती है बुर पे काले बाल मस्त लग रहे थे कमाल का सीन था एक मा नंगी नीचे से पिसाब करने बैठी है उसके एकदम सामने उसका बेटा बैठा है आख बंद किये
आसा अभय के चेहरे आमने सामने थे आसा अभय को देख मन मे - मेरे लाला के जगह कोई और होता तो कब का मेरे साथ कुछ करने या देखने की कोसिस करता लेकिन मेरा लाला कितना अच्छा है चाहता तो चोरी छुपे सब देख सकता था लेकिन देखो कैसे कस के आखे बंद किये है लाला अपने आप को अच्छे से रोकना अपने पे काबू रखना जनता है इसी लिये तो मे भी बिना सोचे सब करने लगती हु
आसा परेसर् बनाती हैं फिर जोर से एक धार निकलती है सुई सुई अभय सांत आवाजे सुनने लगता हैं आसा पिसाब करते अभय को हि देख रही थी आसा मन मे - एक मा होने के नाते ये सब गलत हैं लेकिन मेरे लिये मेरे लाल की खुशी जरूरी है ऐसा नही मे करना नही चाहती या मे मर्ज़ी से नही करती पर मेरी लिमिट के अंदर सब करुगी
आसा पिसाब कर लेती हो बुर से एक एक बूंद नीचे टपक रहा था कुछ बूंद बुर के बाल पे अटक गये थे आसा उतने वाले होती है लेकिन अभय - नही बैठी रहिये
आसा बैठी रहती है और अभय को देख - ठीक है
अभय अपना हाथ आख बंद किये आसा के चेहरे के पास ले जाता है अभय आसा के होठ छुटा है फिर आगे झुक किस करने लगता है
आसा नीचे से नंगी थी अभय किस करने लगता है आज का किस भी अलग की था आसा सर्म से पानी पानी हो जाती लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे अभय का साथ देने लगती है दोनो एक दूसरे के होठ जिब चूस के रस पीने लगते हैं आसा आगे झुकी थी जिस वजह से पीछे आसा के बरे गांड उठे मस्त लग रहे थे 2 मिनट बाद किस टूटता है
अभय आखे बंद किये - आज का किस मा मे कभी नही भूलूंगा
आसा शर्म से - मे भी नही अब उठ जाऊ
अभय खरा होके - हा
आसा खरी होके पैंटी पहन सारी नीचे कर - हो गया
अभय आखे खोल नीचे देखता है तो आसा जल्दी से एकदम सामने आके सर्म से - किया देख रहा है चल चलते है
अभय मुस्कुराते हुवे - छेद कर दिया आपने तो
आसा सर्म से पानी पानी हो जाती है
अभय आसा के के गर्दन को चूमने किस करने लगता है आसा जोर से सिसकिया लेती है अभय चूमते किस करते हुवे - आह मा आप बहोत सेक्सी है
आसा जोर जोर से सासे सिसकिया लेते - उफ आह बेटा उफ तुम भी मेरे लाल
अभय फिर आसा के पीछे गांड पे लंड सता के आसा को बाहों मे कस के पकरे गर्दन को चूसने लगता है चाटने लगता आसा मुठी कस जोर से - आह उफ बेटा आह सिसकिया लेती बोलती रहती है अभय फिर एकदम से रुक जाता है
अभय आस को देख - मा चलते हैं नही तो बोलने कहा मा बेटे गायब हो गये प्यार तो और करता था लेकिन कल घर पे आराम से करूँगा
आसा जोर जोर सासे लेते हुवे मन मे - आह मा ये लरका मेरे अंग को ऐसे चाटता है जैसे मेरी बॉडी अंग आइस्कृम हो उफ मेरी बॉडी मचल मदहोस मे चली जाती है आह लेकिन मुझे लाला का टच छूना चूमना किस चाटना बहोत सुकून देता है अभय को देख
आसा हस्ते हुवे - ठीक है कर लेना मेरे लाल अब चल
अभय आस कैप के अंदर आते है मोटा रुई वाला मस्त बिस्तर सब का एक साथ मे लगा था सब एक जगह गोल बैठ बाते करने मे लगे थे
अभय आसा आके बैठ जाते है
अदिति मधु आसा के पास आके बाहों को पकर चिपक के बैठ जाती है धीरे धीरे सब एक गोल लाइन बना के बैठ जाते है सब एक दूसरे के आमने सामने थे
अभय सभी को देखते हुवे - आप सब को मजा आ रहा है या नही
अदिति मधु पूजा जोर से हाथ उपर कर चिल्लाते हुवे - हमे बहोत मजा आ रहा हैं
सभी जल्दी से अपने कान बंद कर लेते है
मिनिता - हद हैं ये बच्चे भी ना
आसा हस्ते हुवे - सब बहोत खुश है इस लिये
अभय नितिका मिका को देख - आप दोनो को अच्छा तो लग रहा है ना
नितिका अभय का देख - बेटा पहली बार इतना मजा आया मुझे सुक्रिया अपने साथ सामिल करने के किये सब के साथ एक फैमिली पिकनिक का मजा ही अलग है
मिका अभय को देख - मुझे भी बहोत अच्छा लग रहा है मजा भी बहोत आ रहा है मे तो कहती हु फिर कभी ऐसा प्लान बनाओ तो जरूर बुलाना हमे
अभय हस्ते हुवे - ठीक है
अभय तारा का देख - मेरी प्यारी मम्मी जी कुछ बोलिये
तारा सब को देखती हो फिर - अपनी बेटी दमाद समधन आप सभी के साथ इस खूबसूरत सांत जगह पिकनिक पे आके आज मे पहली बार इतना अच्छा सुकून फिल कर रही हु जिदंगी मे अब तक
अभय बीच मे तारा को देख - समझ सकता हु मेरी मा ने भी बहोत कुछ झेला है अपने भी मुझे लगता है मिनिता ऑन्टी नितिका ऑन्टी मा आप छोटी मा हर किसी ने कुछ ना कुछ झेला है जानती हो एक औरत सब कुछ झेल सकती है अपने बच्चो के लिये
अभय आसा को देख प्यार से - मेरी मा ने सब बहोत कुछ झेला दर्द सहा लेकिन हमे कोई तकलीफ नही होने दी मा मे आपके बहोत प्यार करता हु
आसा इमोसनल होके अभय को देख - मे भी मेरे बच्चे
अभय - तो हम मजे करने आये तो मजे करते है सब बुरे पल यादों को पीछे छोर भूल के मजे करते है
सभी हा करते है
अभय आसा को देख - मा मुझे फिर जाना होगा
अभय की बात सभी को शोक कर देती है फिर सभी हैरान होके अभय को देखने लगते है
दिशा मुह फुला के - हा हा जहा जाना है जाइये रोका किसने है
अदिति हैरान होके - भाई नही अब आपको कही जाने नही दूंगी
मधु अभय की बाहों को कस के पकरे - दीदी ने सही कहा कुछ दिन पहले ही तो आये थे अब फिर जाने की बात मत कीजिये
पूजा मुह बना के - दीदी जीजा जी को आपकी परवाह हि नही है
तारा पूजा को मारते हुवे - चुप कर जरुर कुछ जरूरी कम होगा नही तू दामाद जी खुद समधन अदिति बेटा सब से दूर नही जाते
मिनिता तारा को देख - आपने सही कहा अभय बेटा बता वजह किया है इस बार जाने का
नितिका मन मे - फिर जा रहा है मुझे छोर के अब पता नही कर आयेगा मे कैसे तुम्हे देखे बगैर रहूगी
मीका मन मे - अब कहा जाने वाला है ये कमीना
सिला अभय को देख - बता बेटा कहा कियु कितने दिन के लिये जाने वाला है
आसा सभी को देख - अपनी बुआ मासी के यहा टूटे रिश्ते को सही करने के लिये
आसा की बात सुन सब हैरान होके - क्या
अदिति हैरान होके - बुआ मासी मे तो उन लोगो को भूल हि गई थी
आसा सभी को देख - कुछ वजह से रिश्ते टूट गये मे भी बच्चो के पालन मे लग गई तो रिश्ते सही नही कर पाई
अभय - हा बुआ मासी के यहा जाके सब सही करना है छोटा था याद भी नही बुआ मासी सब कैसे दिखते है और अब कैसे है
दिशा हैरान होके - मासी बुआ मम्मी जी
आसा - हा अभय की मासी बुआ भी है उस समय अभय अदिति सब छोटे थे तो कुछ याद नही होगा
तारा हैरान होके - अच्छा तो ये वजह तो बहोत बरी है
सिला - हा अभय बेटा तुझे जाना ही चाहिये अपने तो अपने होते है
मिनिता - हा अभय बेटा ये वजह है तो जा सब सही करके ही आना
नितिका मन मे - अच्छा तो ये वजह है तब तो जाना हि चाहिये
मीका मन मे - रिश्ते की कीमत लगाई नही जा सकती
कोमल - ठीक है लेकिन कई साल हो गये है रिश्ते आसानी से जुर् नही जायेंगे टाइम तो लगेगा ही
आसा - कोमल बेटा तुमने सही कहा टाइम तो लगेगा लेकिन मुझे अपने लाला पे भरोसा ही जल्दी ही सब ठीक कर देगा कियु लाला
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मा
अदिति अभय को देख प्यार से - भाई अगर ऐसा है तो मे भी आपके साथ जाउंगी
मधु भी प्यार से - भाई मे भी
पूजा भी प्यार से - जीजा जी मे भी
अभय तीनों को देख - नही तो नही लेकिन जैसे ही सब सही होगा हम सब जायेंगे
अदिति मधु पूजा उदास होके - ठीक है
सिला - बस ये बेकार चेहरा मत बनाओ लाला मजे नही जरूरी काम से जा रहा है
अदिति मधु पूजा - जी समझ गये
अभय - कुछ दिन बाद जाऊंगा लेकिन मे जल्दी ही सब सही करके आऊँगा बुआ मासी को लेके
आसा - ठीक है बेटा जा सकता है मे खुद चाहती हु जाये
कुछ देर बाते होने के बाद सोने का वक़्त हो जाता है
आसा - चलो सोते है आधी रात हो गई है
अदिति दिशा को देख - भाभी आज तो मे भाई के साथ सोने वाली हु
मधु दिशा को देख - मे भी भाभी आज आपको भाई बिना सोना पड़ेगा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - ठीक है बाबा आज मे अपनी मा के साथ सो जाऊंगी
तारा दिशा को गले लगा के - हा आज हम साथ मे सोयेंगे
पूजा - मे भी
विनय - अच्छा है तो आज मे दीदी के साथ
कोमल मुस्कुराते हुवे - ठीक है बाबा
मिनिता - ठीक है मे भी दीदी के साथ
अभय बीच में दोनों साइड अदिति मधु अदिति के बगल मे मीका नितिका फिर कोमल विनय मिनिता आसा सिला तारा दिशा पूजा सब लाइन से सो जाते है
अभय के सीने पे अदिति मधु सर रखे लेते थे अभय दोनो को बहो मे लिये था
अदिति - भाभी
दिशा - हा बोलिये
अदिति मुस्कुराते हुवे - भइया बिना नींद आ तो जायेगी ना
सब हैरान दिशा शोक सर्म से लाल पानी पानी हो जाती है
आसा मिनिता तारा नितिका सिला सब अंदर ही अंदर हस रहे थे
दिशा शर्मा के - कियु नही आयेगी मे अपनी का के साथ सुई हु
मधु मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो हम कुछ और दिन भाई के साथ सोयेंगे ठीक है ना
अब तो सब की हसी छूटने को आई थी
दिशा शर्मा के - हा हा ठीक है मुझे किया
दिशा मन मे - देख लुंगी आप दोनो को सब के सामने मेरे मजे ले रही है
अभय भी हसे जा रहा था
मिनिता धीरे से - दीदी सुना कैसे दोनो भाभी के मजे ले रही है
आसा धीरे से हस्ते हुवे - हा सुना मे दुवा करती हु सब ऐसे ही चलता रहे सब खुश रहे
मिनिता - मे भी दीदी
विजय - भाभी
दिशा - बोलिये देवर जी आपको किया कहना है
विजय - वो आपने जो कहा वो
मिनिता - क्या कहा बहु तुमने शैतान से
दिशा मुस्कुराते हुवे - आपका लाला चाहता है वे जाके आपकी होने वाली बहु के घर वालो से बात करे ताकि दोनो बिना डर के मिल स्के
विजय के कोमल कान पकर - अच्छा जी ऐसा है
विजय सर्म से दर्द मे - दीदी दर्द होता है
आसा - लाला जाके बात कर लेना जाने से पहले
अभय - ठीक है मा कर लूंगा
विजय - शुक्रिया प्यारी ऑन्टी
आसा मुस्कुराते हुवे - जल्दी से मिला हम भी देखे
विजय शर्मा के - जी ऑन्टी
आसा नितिका से -sp जी आप मीका की सादी को लेके क्या सोच रही है
नितिका - अभी तो सोचा नही है कियुंकी मीका मेरी तरह पुलिस ऑफिसर बनना चाहती है
आसा - अरे वाह बहोत अच्छे मीका बेटा
मीका - शुक्रिया ऑन्टी
अभय मजे लेते हुवे - मम्मी जी आपके पास आके सो जाऊ
तारा जल्दी से शर्मा के - नही नही आपकी दोनो गुरिया आने भी नही देगी
सभी हसने लगते है ठोरी देर बाते मस्ती के बाद
सब सांत हो चुके थे कई सो गये थे लेकिन अदिति किस वाला सीन याद कर मन मे - मुझे नींद नही आ रही आखे बंद करते ही भाई मेरे होठ जिब जिस तरह मजे से चूस रस पि रहे थे सब मेरे आखो के सामने आ रहा है मेरे मुह मे अभी भी वो स्वाद है बहोत मजा आया था
अदिति अभय को देखती ही जो सोया था अदिति धीरे सी होठ पे किस करती है फिर सीने से चिपक बहो मे सोने लगती है
सुबह 8 बजे उठ सभी रेडी होते है फिर बिना देरी किये गारी से घर चले जाते है मधु सिला अपने घर कियुंकी गाय बकरी घर देखना था नितिका मीका अपने घर नितिका को अपने काम दियुति पे जाना था
बाकी अभय आसा पूजा दिशा तारा अपने घर मिनिता कोमल विजय अपने घर सब अपने अपने जगह चले जाते है
घर आते ही दिशा अदिति के पीछे पर जाती है दिशा - अब कहा जायेगी बहोत मजे लिये रात वहा एक तो चली गई लेकिन जब आयेगी तब उनको भी नही छोरने वाली मे
अदिति चिल्लाते भागते हुवे आसा के पीछे आके - मा बचा लीजिये देखिये ना भाभी मुझे मार रही है
दिशा - अभी तो कुछ किया भी नही मेने
आसा हस्ते हुवे - देखो मुझे बीच मे मत लाओ तुम भाभी ननद अपना मामला खुद संभालो
दिशा अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अब कोन बचायेगा आपको
अदिति डरते हुवे तारा के पीछे जाके - बरी मा आप ही बचा लो ना
तारा दिशा को देख - बेटी जाने दो ना बेचारी बच्ची है
दिशा तारा को देख - प्यारी नही शैतान है
दिशा अदिति को उपर से नीचे देख मन मे - बच्ची तो बिल्कुल नही है इतनी मस्त खूबसूरत कमाल की बॉडी है चुचे देखो कितने टाइट खरे है निपल भी साफ कपड़े के ऊपर से दिख रहे है गांड तो मेरे जीतने बड़े फैले है अरे बच्चे की मा बनने की उमर हो गई है
दोपहर 12 बजे
जैसा पुलिस वाले करते है किसी का मडर होता ही तो पहले उसके जानने करीबी वाले से ही पूछताछ करते है तो उदय टीनू की मौत की खबर न्यूज़ पे छा रही थी और दोनो गैंग के बीच लराइ मे हुई मौत ही बताया जा रहा था
हॉल मे भरती आरोही अमर जगमोहन बैठे थे उन सब के सामने नितिका अपने टीम के साथ बैठी थी
नितिका बाकी सब कई सवाल पूछते है घर की जाच करते है फिर चले जाते है वजह अभय था अभय ने नितिका से कहा था फोन करके
2 घंटे पहले
अभय - जान तुम्हे पता चल ही गया होगा उदय टीनू मडर का
नितिका हैरान होके - हा लेकिन तुम दोनो को जानते हो
अभय - हा असल मे मेरी गुरिया की दोस्त की आरोही है उसके मा पापा सब उदय के करीब थे कहे तो उदय ने सब को अपने जाल मे फसाया था
अभय कुछ बाते बताता है ताकि नितिका को इतना ही पता हो उदय कितना कमीना था
अभय - तो मे जनता हु पुलिस वाले बहोत परेसान करेगे उन्हें लेकिन सब निर्दोस् है उल्टा सब के साथ गलत हुवा है तो मे चाहता हु पूछताछ करो लेकिन जयदा उनको परेसान मत होने देना
नितिका - तुम चिंता मत करो ठोरी पूछ ताछ ही होगी
अभय - शुक्रिया
नितिका - गिर्लफ्रेंड को शुक्रिया
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू
नितिका शर्मा के - आई लोव यू
यही हुवा इस वजह से पुलिस वाले जयदा भारती सब को परेसान नही किये
भारती - अभय बेटे के पीछे एक sp भी है आखिर अभय है किया चीज पर जो भी हो उसकी वजह से आज तुम दोनो हम सेफ है
आरोही मन मे - अभय शुक्रिया सही समय पे हमे रोक दिया नही तो हम भी तेरे हाथो मारे जाते और मेरा बच्चा भी
अमर मन मे - सेर को बिल्ली समझ लिये थे सुकर है सेर ने बिल्ली पे दया कर छोर दिया
भारती - कुछ दिन रुकेंगे सब मामला ठण्डा होने के बाद निकलेगे
दूसरी तरफ अभय का फोन बजता है अभय फोन निकालते हुवे - कोन है
अभय नंबर देख कमरे से बाहर आके - हा मेरी जाने मन बोलिये
भारती शर्मा के - शुक्रिया बेटा सब के लिये
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर नही वैसे भी आपकी मस्त फूली चिकनी बुर मारके बहोत मजा आया था फिर कब मिलेगा आपकी बुर
भारती शर्मा के - छी बेसर्म नही मिलेगी फिर
अभय - ठीक है चलेगा
भारती हैरान मन मे - मुझे लगा फिर बोलेगा सच कहु मे अभय की चुदाई भूल नही पा रही हु उफ अब तक की लाइफ मे अभय का लंड लेने मे जो दर्द मजा सुकून मिला सायद किस्मत वाली औरत को ही ऐसा चुदाई सुख नसीब होता है अंदर बाहर जब उसका लंड करता था, भारती बुर सेहलाते हुवे, मेरी बुर भर भर के पानी निकालती थी मेरी बचेदानी मे सीधा घुस जाती थी मुझे बहोत दर्द होता था लेकिन मजा भी बहोत आया अभय का लंड बहोत बरा मोटा है और अभय एक सच्चा मर्द भी किस्मत का शुक्रिया उस कमीने के से बच तुम जैसे मर्द से चुदी और असली चुदाई का सुख मिला
अभय - कुछ बोलेगी
भारती होस मे आके शर्मा के - साम को घर मेरे आओ ना
अभय मुस्कुराते हुवे - बुर देगी तब आऊंगा
भारती शर्मा के - ठीक है दूंगी
अभय -क्या
भारती सर्म से - बुर
अभय - ठीक है साम को आऊँगा
फोन कट
अभय फोन रख कमरे मे जाते हुवे - चलो आज कोमल की बुर का सील तोर उसे औरत बनाते है
अभय अंदर जाता है कोमल बैठी शर्मा के अभय को देखती है अभय मुस्कुराते हुवे - बैठी हो चलो सुरु करते है इसी लिये तो कमु तुम्हे यहा लाया हु
हा अभय कोमल को अपने घर के पास एक घर जोकि अभय ने शोभा के लिये लिया है उसी घर मे कोमल को लेके आ चुका था आज अभय कोमल की सील पैक बुर मारने वाला है
आज के लिये इतना ही![]()
Kamukta se bhara update diya hai bhai aapnechapter 80
आसा मिनिता अपनी दुख दर्द भरी कहानी एक दूसरे को सुना के अपने दिल का बोझ हल्का कर चुके थे
मिनिता आसा को देखते हुवे - दीदी आपने जब बताया आपका भी कोई मेरे जैसा बुरा पास्ट् है और आप अभय को बताने वाली है तो मुझे भी लगा आपके साथ दुख अपनी कहानी बता के अपना बोझ हल्का कर लू अब मुझे अच्छा फिल हो रहा है
आसा - मिनिता अब सर भूल जाओ बुरे पास्ट् को और आगे बढ़ो
तभी अदिति आती है होठ से लाल लीबिस्तिक गायब थे होठ पे हल्का खून निकल रहा था लेकिन थोरा अंधेरा था तो साफ दिख नही रहा था
अदिति आसा मिनिता के पास आते हुवे - मा ऑन्टी किया बाते हो रही है
मिनिता अदिति को देख - कुछ नही बेटा
आसा अदिति को देख - लाला कहा है
अदिति एक तरफ इसारा करते हुवे - वहा बैठे हुवे है
आसा - अच्छा तुम दोनो कैप मे जाओ मे आती हु
मिनिता अदिति कैप मे सब के पास चले जाते है आसा अभय के पास जाने लगती है
हम थोरा पीछे चलते है
अदिति अभय अपने भाई की गोद मे चिपक के बैठी थी अभय अपनी बहन की मस्त मोटी गांड मोटी जांघे बुर बॉडी की गर्मी खुशबु और सीने मे दबे दोनो बरे मुलायम नर्म चुचे फिल कर अलग ही मजे मे था
अभय अदिति के चेहरे एकदम आमने सामने थे थोरा अंधेरा थोरि रोसनी थी पर एक दूसरे को देख सकते थे
अभय अदिति के गाल पे हाथ फेरते हुवे अदिति के आखो मे देख - बता नही कोन किस्मत वाला होगा जिसे मेरी गुरिया अपने लाइफ पाटनर चुनेगी
अदिति अभय की आखो मे देखते हुवे - भाई सोचती होगी कई लरकिया अपने लाइफ पाटनर के बारे मे लेकिन मेरे लिये आप सबसे पहले है मे बिना सादी लाइफ पाटनर बिना रह सकती हु लेकिन आपसे दूर बिल्कुल नही
अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देख - सादी तो हर लरकी को एक ना एक दिन करनी ही होती है गुरिया सादी नही करोगी तो मे मामा कैसे बनूँगा
अदिति अभय की बातो से शर्मा जाती है लाल गाल नजरे नीचे कर - पर मुझे आपसे दूर नही जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - घर जमाई लेके आयुगा फिर
अदिति अभय को देख -भाई ये सब बाते जाने दो
अभय अदिति की आखो देखता है फिर अदिति के लाल गुलाबी खूबसूरत होठो पे उंगली फेरते हुवे - ठीक है तो आज अभी आपने भाई को अपने होठ का रस पिला दे मेरी गुरिया तरस रहा हु कब से
अपने भाई की बाते सुन अदिति का हाई जोर से धक धक करने लगता है सासे तेज चलने लगती है अदिति के बॉडी आज कुछ अलग फिल करने लगती है
अदिति तेज सासे लेते अभय की आखो देख - मे अपने भाई को कैसे तरसा सकती हु पी लीजिये मेरे होठ का रस भाई
अभय अदिति के चेहरे को पकरे अपना चेहरा अदिति के एकदम पास लेके आता है अदिति के नाक से अभय अपना नाक टच कर देता है दोनो एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है दोनो के होठ खुले एक दूसरे से मिलने के लिये बेताब हो रहे थे अदिति अभी जो फिल कर रही थी जो फीलिंग अंदर से निकल रही थी सब नया था आज कुछ अलग होने वाला था जो एक भाई बहन के बीच नही होता
अभय अदिति की आखो मे देखते हुवे - हम जो करने जा रहे है वो एक पति पत्नी या लोवर के बीच होता है तो फिर भी तुम करना चाहती हो
अदिति अभय की आखो मे देख - भाई जानती हु इतना तो पता है लेकिन बात मेरे भाई को किस देने की है तो सोचिये मत
अभय अपना होठ अदिति के होठ पे टच करते हुवे - पहला हक तुम अपने भाई को दे रही हो मे किस्मत वाला हु
अभय की बात अभय के होठ अपने होठ पे फिल करते हुवे तेज सासे लेते हुवे - हा दे रही हु कियुंकी मे चाहती हु
अभय अदिति एक दूसरे की आखो मे देख खो जाते है और फिर दो भाई बहन के होठ एक दूसरे के होठ से मिल जाते है
दोनो भाई बहन जैसे प्यासे की तरह एक दूसरे को किस करने लगते है पहले दोनो एक दूसरे के होठ लीप चूसने लगते है जोर सोर से
अदिति किस करते हुवे मन मे - उफ ये किस सब से अलग है ये एहसास अपने भाई के गोद मे बाहों मे किस करने का उफ मे इस मोमेंट ने जो फिल कर रही हु बताना मुश्किल है
किस धीरे धीरेवाइल्ड होने लगती है अब दोनो भाई बहन एक दूसरे के जिब से जिब मिला के जिब होठ चूस रस पीने लगते है अभय अदिति के कमर कस के पाकरे सीने से चिपकाये रस पीते हुवे - दुनिया का सब से मीठा रस मा बहन के होठ का ही हो सकता है जो मजा जो सुकून मा बहन के होठ का रस पीने मे मिलता है शब्द से बया नही किया जा सकता मेरी गुरिया के होठ कितने नर्म है रस तो अमृत है
किस अब पुरा वाइल्ड हो जाता है अब तो दोनो भाई बहन जिब बाहर निकाल एक दूसरे के जिब को चाटने लगते है चूसने लगते है
अदिति मन मे - आह उफ तो ये होती है असली किस मुझे बहोत हि जयदा मजा आ रहा है मेरे भाई कैसे मजे से मेरे जिब चाट चूस रहे है मुझे बहोत अच्छा लग रहा है भाई के साथ किस करने में भाई पिलो जितना पीना है चूस लो आह भाई मेरे प्यारे भाई
2 mina जोर दार किस चलती है अभय अदिति के होठ चूस रहा था लेकिन हल्का दात लग जाता अदिति आह करती है
अभय किस तोरते हुवे जल्दी से अदिति के होठ छूके देखते हुवे - माफ करना गुरिया जोस मे तुम्हे लग गई
अदिति मुस्कुराते हुवे शर्मा के - भाई कुछ नही हुवा
अभय देखता है होठ से हल्का खून निकल रहा है तो अभय जिब से चाट जाता है अदिति जोर से सिसकिया लेते आह करती है
अभय अदिति के चेहरे पकर आखो मे देख - अपने भाई को पहला हक अपने होठ का रस पिलाने के लिये सुक्रिया मेरी गुरिया
अदिति लाल चेहरा लिये नजरे नीचे किये - भाई सुक्रिया मत करिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है पर ये तो बताओ कैसा लगा
अदिति सर्म से धीरे से - बहोत जी जयदा अच्छा लगा
अदिति गोद से उतर नीचे खरी होके अभय के होठ पे किस करके शर्मा के - मे जा रही हु करेगे मे कहा गायब हो गई
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है लेकिन आगे भी मिलेगा ना
अदिति शर्मा के जाते हुवे - सोचुगी
अदिति चली जाती अभय मन मे - लो गुरिया को भी ये बीमारी लग लग सोचने वाली
तो ये सब हुआ अब आते है अभी के सीन पे आसा अभय के पास आती है अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत मा आपका ही इंतज़ार था आइये
आसा अभय के पास आके खरी हो जाती है अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा वो कुछ भला
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार करना है
आसा नीचे झुक दोनो हाथो से अपनी सारी पेटीकोट के छोर पकर अपने घुटने तक उठा लेती है अभय अपनी ना के गोरे पैर देखने लगता है आसा आगे बढ़ दोनो पैर फैला के अभय के जांघों के ऊपर आ जाती है फिर सारी नीचे कर अपनी मोटी फैली मस्त नर्म गांड के साथ अभय के जांघों पे बैठ अभय के कंधे पे दोनो हाथ रख देती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - सही जगह पे नही बैठी है आप मजा नही आ रहा है
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे अपनी गांड थोरा उठा के सीधा अभय के लंड पे बैठ जाती हो अभय आह करता है आसा भी कामुक् आह करती है
अभय धीरे से पेट पे हाथ रख सेहलाते हुवे दोनो हाथ आसा के पीछे ले जाने लगता है अपने बेटे के पेट के बेटे का हाथ फेरते फिल कर आसा सिसकिया लेने लगती है अभय का दोनो हाथ पीछे जाके एक दूसरे से मिल जाता है फिर अभय एकदम से आसा को अपने सीने बॉडी से चिपका लेता है बीच में कोई गेप नही था दोनो मा बेटे कि बॉडी एक दूसरे से चिपकी हुई थी दोनो के चेहरे एक दूसरे के एकदम पास मे थे
अभय आसा की आखो मे देख - मा पता मे अभी किया फिल कर रहा हुई
आसा अभय की आखो मे देख - नही पता तुम हि बता दो
अभय - कैसे बताऊं खुल के या बिना खुले
आसा अपने बेटे की बात समझ -जैसा तुम्हे सही लगे
अभय - नही आप बोलो मेरी मा जो चाहेगी
आसा थोरा शर्मा के - खुल के
अभय मुस्कुराते हुवे - तो सुनिये मेरी गोद मे सबसे खूबसूरत प्यारी मेरी मा बैठी है आपकी शरीर की खुबसु मुझे बहोत पसंद है आपकी बॉडी की गर्मी मुझे पागल करने लगता है आपकी आखे इतनी नासिलि की जब देखता हु कही खो जाता हु आपका खूबसूरत चेहरा जिसे दिन रात हर वक़्त देखते ही रहने का मन करता है आपके ये रसीले होठ देखता हुई प्यास जग जाती है पीने का दिल करने लगता है आपकी भरी बॉडी बनाने वाले ने बहोत फुर्सत से बनाया है आपकी कमर गहरी जब देखता हुई चुने चूमने का दिल करता है जब आप चलती है आपकी कमर लचकाके कयामत लगती है अभी आप जिस तरह मेरी गोद मे जिस जगह बैठी है
अभय रुक आसा को देखता हि रहता है आसा बरे गोर से अपने बेटे के मुह से अपनी तारीफ सुन गदगद हो गई थी अभय को चुप देख - रुक कियु गया आगे
अभय आसा की आखो मे देख - जगह खूबसूरत है सांत है लेकिन हम अकेले नही है घर पे रात को जब मे आता हुई तब खुल की बाकी सब जो मे फिल करता हु बताऊंगा
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है फिर
अभय मुस्कुराते हुवे - फिल्हाल आपकी गुफा की गर्मी मेरे केले का बेचैन कर रही है और आपके मस्त नर्म बरे पपीते भी
आसा शर्मा के - बेसरम
अभय - मा सुसु की आवाज सुनाओ ना
आसा एकदम से शर्मा के - बेसरम नही लगी है कैसे सुनाऊ
अभय निरास होके - अच्छा
आसा अभय के होठ पे किस करते हुवे - चल सुनाती हु कितना बेशर्म हो गया है जब से सुनाया है रोज पीछे पर जाता है
अभय खुश होके - तो देर किस बात की
आसा अभय के गोद से नीचे खरी होके पास पास एक जगह देख वही खरी हो जाती है फिर अभय को देखते हुवे सारी पेटीकोट उपर करने लगती है अभय एकदम आसा के पास आके नीचे बैठ जाता है आसा लाल चेहरा लिये घुटने से उपर तक सारी कर देती है
अभय देखता है गोरी टांगे फिर आसा का देख आखे बंद कर लेती है आसा पैंटी नीचे कर पुरा सारी उठा के बैठ जाती है बुर पे काले बाल मस्त लग रहे थे कमाल का सीन था एक मा नंगी नीचे से पिसाब करने बैठी है उसके एकदम सामने उसका बेटा बैठा है आख बंद किये
आसा अभय के चेहरे आमने सामने थे आसा अभय को देख मन मे - मेरे लाला के जगह कोई और होता तो कब का मेरे साथ कुछ करने या देखने की कोसिस करता लेकिन मेरा लाला कितना अच्छा है चाहता तो चोरी छुपे सब देख सकता था लेकिन देखो कैसे कस के आखे बंद किये है लाला अपने आप को अच्छे से रोकना अपने पे काबू रखना जनता है इसी लिये तो मे भी बिना सोचे सब करने लगती हु
आसा परेसर् बनाती हैं फिर जोर से एक धार निकलती है सुई सुई अभय सांत आवाजे सुनने लगता हैं आसा पिसाब करते अभय को हि देख रही थी आसा मन मे - एक मा होने के नाते ये सब गलत हैं लेकिन मेरे लिये मेरे लाल की खुशी जरूरी है ऐसा नही मे करना नही चाहती या मे मर्ज़ी से नही करती पर मेरी लिमिट के अंदर सब करुगी
आसा पिसाब कर लेती हो बुर से एक एक बूंद नीचे टपक रहा था कुछ बूंद बुर के बाल पे अटक गये थे आसा उतने वाले होती है लेकिन अभय - नही बैठी रहिये
आसा बैठी रहती है और अभय को देख - ठीक है
अभय अपना हाथ आख बंद किये आसा के चेहरे के पास ले जाता है अभय आसा के होठ छुटा है फिर आगे झुक किस करने लगता है
आसा नीचे से नंगी थी अभय किस करने लगता है आज का किस भी अलग की था आसा सर्म से पानी पानी हो जाती लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे अभय का साथ देने लगती है दोनो एक दूसरे के होठ जिब चूस के रस पीने लगते हैं आसा आगे झुकी थी जिस वजह से पीछे आसा के बरे गांड उठे मस्त लग रहे थे 2 मिनट बाद किस टूटता है
अभय आखे बंद किये - आज का किस मा मे कभी नही भूलूंगा
आसा शर्म से - मे भी नही अब उठ जाऊ
अभय खरा होके - हा
आसा खरी होके पैंटी पहन सारी नीचे कर - हो गया
अभय आखे खोल नीचे देखता है तो आसा जल्दी से एकदम सामने आके सर्म से - किया देख रहा है चल चलते है
अभय मुस्कुराते हुवे - छेद कर दिया आपने तो
आसा सर्म से पानी पानी हो जाती है
अभय आसा के के गर्दन को चूमने किस करने लगता है आसा जोर से सिसकिया लेती है अभय चूमते किस करते हुवे - आह मा आप बहोत सेक्सी है
आसा जोर जोर से सासे सिसकिया लेते - उफ आह बेटा उफ तुम भी मेरे लाल
अभय फिर आसा के पीछे गांड पे लंड सता के आसा को बाहों मे कस के पकरे गर्दन को चूसने लगता है चाटने लगता आसा मुठी कस जोर से - आह उफ बेटा आह सिसकिया लेती बोलती रहती है अभय फिर एकदम से रुक जाता है
अभय आस को देख - मा चलते हैं नही तो बोलने कहा मा बेटे गायब हो गये प्यार तो और करता था लेकिन कल घर पे आराम से करूँगा
आसा जोर जोर सासे लेते हुवे मन मे - आह मा ये लरका मेरे अंग को ऐसे चाटता है जैसे मेरी बॉडी अंग आइस्कृम हो उफ मेरी बॉडी मचल मदहोस मे चली जाती है आह लेकिन मुझे लाला का टच छूना चूमना किस चाटना बहोत सुकून देता है अभय को देख
आसा हस्ते हुवे - ठीक है कर लेना मेरे लाल अब चल
अभय आस कैप के अंदर आते है मोटा रुई वाला मस्त बिस्तर सब का एक साथ मे लगा था सब एक जगह गोल बैठ बाते करने मे लगे थे
अभय आसा आके बैठ जाते है
अदिति मधु आसा के पास आके बाहों को पकर चिपक के बैठ जाती है धीरे धीरे सब एक गोल लाइन बना के बैठ जाते है सब एक दूसरे के आमने सामने थे
अभय सभी को देखते हुवे - आप सब को मजा आ रहा है या नही
अदिति मधु पूजा जोर से हाथ उपर कर चिल्लाते हुवे - हमे बहोत मजा आ रहा हैं
सभी जल्दी से अपने कान बंद कर लेते है
मिनिता - हद हैं ये बच्चे भी ना
आसा हस्ते हुवे - सब बहोत खुश है इस लिये
अभय नितिका मिका को देख - आप दोनो को अच्छा तो लग रहा है ना
नितिका अभय का देख - बेटा पहली बार इतना मजा आया मुझे सुक्रिया अपने साथ सामिल करने के किये सब के साथ एक फैमिली पिकनिक का मजा ही अलग है
मिका अभय को देख - मुझे भी बहोत अच्छा लग रहा है मजा भी बहोत आ रहा है मे तो कहती हु फिर कभी ऐसा प्लान बनाओ तो जरूर बुलाना हमे
अभय हस्ते हुवे - ठीक है
अभय तारा का देख - मेरी प्यारी मम्मी जी कुछ बोलिये
तारा सब को देखती हो फिर - अपनी बेटी दमाद समधन आप सभी के साथ इस खूबसूरत सांत जगह पिकनिक पे आके आज मे पहली बार इतना अच्छा सुकून फिल कर रही हु जिदंगी मे अब तक
अभय बीच मे तारा को देख - समझ सकता हु मेरी मा ने भी बहोत कुछ झेला है अपने भी मुझे लगता है मिनिता ऑन्टी नितिका ऑन्टी मा आप छोटी मा हर किसी ने कुछ ना कुछ झेला है जानती हो एक औरत सब कुछ झेल सकती है अपने बच्चो के लिये
अभय आसा को देख प्यार से - मेरी मा ने सब बहोत कुछ झेला दर्द सहा लेकिन हमे कोई तकलीफ नही होने दी मा मे आपके बहोत प्यार करता हु
आसा इमोसनल होके अभय को देख - मे भी मेरे बच्चे
अभय - तो हम मजे करने आये तो मजे करते है सब बुरे पल यादों को पीछे छोर भूल के मजे करते है
सभी हा करते है
अभय आसा को देख - मा मुझे फिर जाना होगा
अभय की बात सभी को शोक कर देती है फिर सभी हैरान होके अभय को देखने लगते है
दिशा मुह फुला के - हा हा जहा जाना है जाइये रोका किसने है
अदिति हैरान होके - भाई नही अब आपको कही जाने नही दूंगी
मधु अभय की बाहों को कस के पकरे - दीदी ने सही कहा कुछ दिन पहले ही तो आये थे अब फिर जाने की बात मत कीजिये
पूजा मुह बना के - दीदी जीजा जी को आपकी परवाह हि नही है
तारा पूजा को मारते हुवे - चुप कर जरुर कुछ जरूरी कम होगा नही तू दामाद जी खुद समधन अदिति बेटा सब से दूर नही जाते
मिनिता तारा को देख - आपने सही कहा अभय बेटा बता वजह किया है इस बार जाने का
नितिका मन मे - फिर जा रहा है मुझे छोर के अब पता नही कर आयेगा मे कैसे तुम्हे देखे बगैर रहूगी
मीका मन मे - अब कहा जाने वाला है ये कमीना
सिला अभय को देख - बता बेटा कहा कियु कितने दिन के लिये जाने वाला है
आसा सभी को देख - अपनी बुआ मासी के यहा टूटे रिश्ते को सही करने के लिये
आसा की बात सुन सब हैरान होके - क्या
अदिति हैरान होके - बुआ मासी मे तो उन लोगो को भूल हि गई थी
आसा सभी को देख - कुछ वजह से रिश्ते टूट गये मे भी बच्चो के पालन मे लग गई तो रिश्ते सही नही कर पाई
अभय - हा बुआ मासी के यहा जाके सब सही करना है छोटा था याद भी नही बुआ मासी सब कैसे दिखते है और अब कैसे है
दिशा हैरान होके - मासी बुआ मम्मी जी
आसा - हा अभय की मासी बुआ भी है उस समय अभय अदिति सब छोटे थे तो कुछ याद नही होगा
तारा हैरान होके - अच्छा तो ये वजह तो बहोत बरी है
सिला - हा अभय बेटा तुझे जाना ही चाहिये अपने तो अपने होते है
मिनिता - हा अभय बेटा ये वजह है तो जा सब सही करके ही आना
नितिका मन मे - अच्छा तो ये वजह है तब तो जाना हि चाहिये
मीका मन मे - रिश्ते की कीमत लगाई नही जा सकती
कोमल - ठीक है लेकिन कई साल हो गये है रिश्ते आसानी से जुर् नही जायेंगे टाइम तो लगेगा ही
आसा - कोमल बेटा तुमने सही कहा टाइम तो लगेगा लेकिन मुझे अपने लाला पे भरोसा ही जल्दी ही सब ठीक कर देगा कियु लाला
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मा
अदिति अभय को देख प्यार से - भाई अगर ऐसा है तो मे भी आपके साथ जाउंगी
मधु भी प्यार से - भाई मे भी
पूजा भी प्यार से - जीजा जी मे भी
अभय तीनों को देख - नही तो नही लेकिन जैसे ही सब सही होगा हम सब जायेंगे
अदिति मधु पूजा उदास होके - ठीक है
सिला - बस ये बेकार चेहरा मत बनाओ लाला मजे नही जरूरी काम से जा रहा है
अदिति मधु पूजा - जी समझ गये
अभय - कुछ दिन बाद जाऊंगा लेकिन मे जल्दी ही सब सही करके आऊँगा बुआ मासी को लेके
आसा - ठीक है बेटा जा सकता है मे खुद चाहती हु जाये
कुछ देर बाते होने के बाद सोने का वक़्त हो जाता है
आसा - चलो सोते है आधी रात हो गई है
अदिति दिशा को देख - भाभी आज तो मे भाई के साथ सोने वाली हु
मधु दिशा को देख - मे भी भाभी आज आपको भाई बिना सोना पड़ेगा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - ठीक है बाबा आज मे अपनी मा के साथ सो जाऊंगी
तारा दिशा को गले लगा के - हा आज हम साथ मे सोयेंगे
पूजा - मे भी
विनय - अच्छा है तो आज मे दीदी के साथ
कोमल मुस्कुराते हुवे - ठीक है बाबा
मिनिता - ठीक है मे भी दीदी के साथ
अभय बीच में दोनों साइड अदिति मधु अदिति के बगल मे मीका नितिका फिर कोमल विनय मिनिता आसा सिला तारा दिशा पूजा सब लाइन से सो जाते है
अभय के सीने पे अदिति मधु सर रखे लेते थे अभय दोनो को बहो मे लिये था
अदिति - भाभी
दिशा - हा बोलिये
अदिति मुस्कुराते हुवे - भइया बिना नींद आ तो जायेगी ना
सब हैरान दिशा शोक सर्म से लाल पानी पानी हो जाती है
आसा मिनिता तारा नितिका सिला सब अंदर ही अंदर हस रहे थे
दिशा शर्मा के - कियु नही आयेगी मे अपनी का के साथ सुई हु
मधु मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो हम कुछ और दिन भाई के साथ सोयेंगे ठीक है ना
अब तो सब की हसी छूटने को आई थी
दिशा शर्मा के - हा हा ठीक है मुझे किया
दिशा मन मे - देख लुंगी आप दोनो को सब के सामने मेरे मजे ले रही है
अभय भी हसे जा रहा था
मिनिता धीरे से - दीदी सुना कैसे दोनो भाभी के मजे ले रही है
आसा धीरे से हस्ते हुवे - हा सुना मे दुवा करती हु सब ऐसे ही चलता रहे सब खुश रहे
मिनिता - मे भी दीदी
विजय - भाभी
दिशा - बोलिये देवर जी आपको किया कहना है
विजय - वो आपने जो कहा वो
मिनिता - क्या कहा बहु तुमने शैतान से
दिशा मुस्कुराते हुवे - आपका लाला चाहता है वे जाके आपकी होने वाली बहु के घर वालो से बात करे ताकि दोनो बिना डर के मिल स्के
विजय के कोमल कान पकर - अच्छा जी ऐसा है
विजय सर्म से दर्द मे - दीदी दर्द होता है
आसा - लाला जाके बात कर लेना जाने से पहले
अभय - ठीक है मा कर लूंगा
विजय - शुक्रिया प्यारी ऑन्टी
आसा मुस्कुराते हुवे - जल्दी से मिला हम भी देखे
विजय शर्मा के - जी ऑन्टी
आसा नितिका से -sp जी आप मीका की सादी को लेके क्या सोच रही है
नितिका - अभी तो सोचा नही है कियुंकी मीका मेरी तरह पुलिस ऑफिसर बनना चाहती है
आसा - अरे वाह बहोत अच्छे मीका बेटा
मीका - शुक्रिया ऑन्टी
अभय मजे लेते हुवे - मम्मी जी आपके पास आके सो जाऊ
तारा जल्दी से शर्मा के - नही नही आपकी दोनो गुरिया आने भी नही देगी
सभी हसने लगते है ठोरी देर बाते मस्ती के बाद
सब सांत हो चुके थे कई सो गये थे लेकिन अदिति किस वाला सीन याद कर मन मे - मुझे नींद नही आ रही आखे बंद करते ही भाई मेरे होठ जिब जिस तरह मजे से चूस रस पि रहे थे सब मेरे आखो के सामने आ रहा है मेरे मुह मे अभी भी वो स्वाद है बहोत मजा आया था
अदिति अभय को देखती ही जो सोया था अदिति धीरे सी होठ पे किस करती है फिर सीने से चिपक बहो मे सोने लगती है
सुबह 8 बजे उठ सभी रेडी होते है फिर बिना देरी किये गारी से घर चले जाते है मधु सिला अपने घर कियुंकी गाय बकरी घर देखना था नितिका मीका अपने घर नितिका को अपने काम दियुति पे जाना था
बाकी अभय आसा पूजा दिशा तारा अपने घर मिनिता कोमल विजय अपने घर सब अपने अपने जगह चले जाते है
घर आते ही दिशा अदिति के पीछे पर जाती है दिशा - अब कहा जायेगी बहोत मजे लिये रात वहा एक तो चली गई लेकिन जब आयेगी तब उनको भी नही छोरने वाली मे
अदिति चिल्लाते भागते हुवे आसा के पीछे आके - मा बचा लीजिये देखिये ना भाभी मुझे मार रही है
दिशा - अभी तो कुछ किया भी नही मेने
आसा हस्ते हुवे - देखो मुझे बीच मे मत लाओ तुम भाभी ननद अपना मामला खुद संभालो
दिशा अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अब कोन बचायेगा आपको
अदिति डरते हुवे तारा के पीछे जाके - बरी मा आप ही बचा लो ना
तारा दिशा को देख - बेटी जाने दो ना बेचारी बच्ची है
दिशा तारा को देख - प्यारी नही शैतान है
दिशा अदिति को उपर से नीचे देख मन मे - बच्ची तो बिल्कुल नही है इतनी मस्त खूबसूरत कमाल की बॉडी है चुचे देखो कितने टाइट खरे है निपल भी साफ कपड़े के ऊपर से दिख रहे है गांड तो मेरे जीतने बड़े फैले है अरे बच्चे की मा बनने की उमर हो गई है
दोपहर 12 बजे
जैसा पुलिस वाले करते है किसी का मडर होता ही तो पहले उसके जानने करीबी वाले से ही पूछताछ करते है तो उदय टीनू की मौत की खबर न्यूज़ पे छा रही थी और दोनो गैंग के बीच लराइ मे हुई मौत ही बताया जा रहा था
हॉल मे भरती आरोही अमर जगमोहन बैठे थे उन सब के सामने नितिका अपने टीम के साथ बैठी थी
नितिका बाकी सब कई सवाल पूछते है घर की जाच करते है फिर चले जाते है वजह अभय था अभय ने नितिका से कहा था फोन करके
2 घंटे पहले
अभय - जान तुम्हे पता चल ही गया होगा उदय टीनू मडर का
नितिका हैरान होके - हा लेकिन तुम दोनो को जानते हो
अभय - हा असल मे मेरी गुरिया की दोस्त की आरोही है उसके मा पापा सब उदय के करीब थे कहे तो उदय ने सब को अपने जाल मे फसाया था
अभय कुछ बाते बताता है ताकि नितिका को इतना ही पता हो उदय कितना कमीना था
अभय - तो मे जनता हु पुलिस वाले बहोत परेसान करेगे उन्हें लेकिन सब निर्दोस् है उल्टा सब के साथ गलत हुवा है तो मे चाहता हु पूछताछ करो लेकिन जयदा उनको परेसान मत होने देना
नितिका - तुम चिंता मत करो ठोरी पूछ ताछ ही होगी
अभय - शुक्रिया
नितिका - गिर्लफ्रेंड को शुक्रिया
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू
नितिका शर्मा के - आई लोव यू
यही हुवा इस वजह से पुलिस वाले जयदा भारती सब को परेसान नही किये
भारती - अभय बेटे के पीछे एक sp भी है आखिर अभय है किया चीज पर जो भी हो उसकी वजह से आज तुम दोनो हम सेफ है
आरोही मन मे - अभय शुक्रिया सही समय पे हमे रोक दिया नही तो हम भी तेरे हाथो मारे जाते और मेरा बच्चा भी
अमर मन मे - सेर को बिल्ली समझ लिये थे सुकर है सेर ने बिल्ली पे दया कर छोर दिया
भारती - कुछ दिन रुकेंगे सब मामला ठण्डा होने के बाद निकलेगे
दूसरी तरफ अभय का फोन बजता है अभय फोन निकालते हुवे - कोन है
अभय नंबर देख कमरे से बाहर आके - हा मेरी जाने मन बोलिये
भारती शर्मा के - शुक्रिया बेटा सब के लिये
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर नही वैसे भी आपकी मस्त फूली चिकनी बुर मारके बहोत मजा आया था फिर कब मिलेगा आपकी बुर
भारती शर्मा के - छी बेसर्म नही मिलेगी फिर
अभय - ठीक है चलेगा
भारती हैरान मन मे - मुझे लगा फिर बोलेगा सच कहु मे अभय की चुदाई भूल नही पा रही हु उफ अब तक की लाइफ मे अभय का लंड लेने मे जो दर्द मजा सुकून मिला सायद किस्मत वाली औरत को ही ऐसा चुदाई सुख नसीब होता है अंदर बाहर जब उसका लंड करता था, भारती बुर सेहलाते हुवे, मेरी बुर भर भर के पानी निकालती थी मेरी बचेदानी मे सीधा घुस जाती थी मुझे बहोत दर्द होता था लेकिन मजा भी बहोत आया अभय का लंड बहोत बरा मोटा है और अभय एक सच्चा मर्द भी किस्मत का शुक्रिया उस कमीने के से बच तुम जैसे मर्द से चुदी और असली चुदाई का सुख मिला
अभय - कुछ बोलेगी
भारती होस मे आके शर्मा के - साम को घर मेरे आओ ना
अभय मुस्कुराते हुवे - बुर देगी तब आऊंगा
भारती शर्मा के - ठीक है दूंगी
अभय -क्या
भारती सर्म से - बुर
अभय - ठीक है साम को आऊँगा
फोन कट
अभय फोन रख कमरे मे जाते हुवे - चलो आज कोमल की बुर का सील तोर उसे औरत बनाते है
अभय अंदर जाता है कोमल बैठी शर्मा के अभय को देखती है अभय मुस्कुराते हुवे - बैठी हो चलो सुरु करते है इसी लिये तो कमु तुम्हे यहा लाया हु
हा अभय कोमल को अपने घर के पास एक घर जोकि अभय ने शोभा के लिये लिया है उसी घर मे कोमल को लेके आ चुका था आज अभय कोमल की सील पैक बुर मारने वाला है
आज के लिये इतना ही![]()
Super excellent work waiting for nextchapter 80
आसा मिनिता अपनी दुख दर्द भरी कहानी एक दूसरे को सुना के अपने दिल का बोझ हल्का कर चुके थे
मिनिता आसा को देखते हुवे - दीदी आपने जब बताया आपका भी कोई मेरे जैसा बुरा पास्ट् है और आप अभय को बताने वाली है तो मुझे भी लगा आपके साथ दुख अपनी कहानी बता के अपना बोझ हल्का कर लू अब मुझे अच्छा फिल हो रहा है
आसा - मिनिता अब सर भूल जाओ बुरे पास्ट् को और आगे बढ़ो
तभी अदिति आती है होठ से लाल लीबिस्तिक गायब थे होठ पे हल्का खून निकल रहा था लेकिन थोरा अंधेरा था तो साफ दिख नही रहा था
अदिति आसा मिनिता के पास आते हुवे - मा ऑन्टी किया बाते हो रही है
मिनिता अदिति को देख - कुछ नही बेटा
आसा अदिति को देख - लाला कहा है
अदिति एक तरफ इसारा करते हुवे - वहा बैठे हुवे है
आसा - अच्छा तुम दोनो कैप मे जाओ मे आती हु
मिनिता अदिति कैप मे सब के पास चले जाते है आसा अभय के पास जाने लगती है
हम थोरा पीछे चलते है
अदिति अभय अपने भाई की गोद मे चिपक के बैठी थी अभय अपनी बहन की मस्त मोटी गांड मोटी जांघे बुर बॉडी की गर्मी खुशबु और सीने मे दबे दोनो बरे मुलायम नर्म चुचे फिल कर अलग ही मजे मे था
अभय अदिति के चेहरे एकदम आमने सामने थे थोरा अंधेरा थोरि रोसनी थी पर एक दूसरे को देख सकते थे
अभय अदिति के गाल पे हाथ फेरते हुवे अदिति के आखो मे देख - बता नही कोन किस्मत वाला होगा जिसे मेरी गुरिया अपने लाइफ पाटनर चुनेगी
अदिति अभय की आखो मे देखते हुवे - भाई सोचती होगी कई लरकिया अपने लाइफ पाटनर के बारे मे लेकिन मेरे लिये आप सबसे पहले है मे बिना सादी लाइफ पाटनर बिना रह सकती हु लेकिन आपसे दूर बिल्कुल नही
अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देख - सादी तो हर लरकी को एक ना एक दिन करनी ही होती है गुरिया सादी नही करोगी तो मे मामा कैसे बनूँगा
अदिति अभय की बातो से शर्मा जाती है लाल गाल नजरे नीचे कर - पर मुझे आपसे दूर नही जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - घर जमाई लेके आयुगा फिर
अदिति अभय को देख -भाई ये सब बाते जाने दो
अभय अदिति की आखो देखता है फिर अदिति के लाल गुलाबी खूबसूरत होठो पे उंगली फेरते हुवे - ठीक है तो आज अभी आपने भाई को अपने होठ का रस पिला दे मेरी गुरिया तरस रहा हु कब से
अपने भाई की बाते सुन अदिति का हाई जोर से धक धक करने लगता है सासे तेज चलने लगती है अदिति के बॉडी आज कुछ अलग फिल करने लगती है
अदिति तेज सासे लेते अभय की आखो देख - मे अपने भाई को कैसे तरसा सकती हु पी लीजिये मेरे होठ का रस भाई
अभय अदिति के चेहरे को पकरे अपना चेहरा अदिति के एकदम पास लेके आता है अदिति के नाक से अभय अपना नाक टच कर देता है दोनो एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है दोनो के होठ खुले एक दूसरे से मिलने के लिये बेताब हो रहे थे अदिति अभी जो फिल कर रही थी जो फीलिंग अंदर से निकल रही थी सब नया था आज कुछ अलग होने वाला था जो एक भाई बहन के बीच नही होता
अभय अदिति की आखो मे देखते हुवे - हम जो करने जा रहे है वो एक पति पत्नी या लोवर के बीच होता है तो फिर भी तुम करना चाहती हो
अदिति अभय की आखो मे देख - भाई जानती हु इतना तो पता है लेकिन बात मेरे भाई को किस देने की है तो सोचिये मत
अभय अपना होठ अदिति के होठ पे टच करते हुवे - पहला हक तुम अपने भाई को दे रही हो मे किस्मत वाला हु
अभय की बात अभय के होठ अपने होठ पे फिल करते हुवे तेज सासे लेते हुवे - हा दे रही हु कियुंकी मे चाहती हु
अभय अदिति एक दूसरे की आखो मे देख खो जाते है और फिर दो भाई बहन के होठ एक दूसरे के होठ से मिल जाते है
दोनो भाई बहन जैसे प्यासे की तरह एक दूसरे को किस करने लगते है पहले दोनो एक दूसरे के होठ लीप चूसने लगते है जोर सोर से
अदिति किस करते हुवे मन मे - उफ ये किस सब से अलग है ये एहसास अपने भाई के गोद मे बाहों मे किस करने का उफ मे इस मोमेंट ने जो फिल कर रही हु बताना मुश्किल है
किस धीरे धीरेवाइल्ड होने लगती है अब दोनो भाई बहन एक दूसरे के जिब से जिब मिला के जिब होठ चूस रस पीने लगते है अभय अदिति के कमर कस के पाकरे सीने से चिपकाये रस पीते हुवे - दुनिया का सब से मीठा रस मा बहन के होठ का ही हो सकता है जो मजा जो सुकून मा बहन के होठ का रस पीने मे मिलता है शब्द से बया नही किया जा सकता मेरी गुरिया के होठ कितने नर्म है रस तो अमृत है
किस अब पुरा वाइल्ड हो जाता है अब तो दोनो भाई बहन जिब बाहर निकाल एक दूसरे के जिब को चाटने लगते है चूसने लगते है
अदिति मन मे - आह उफ तो ये होती है असली किस मुझे बहोत हि जयदा मजा आ रहा है मेरे भाई कैसे मजे से मेरे जिब चाट चूस रहे है मुझे बहोत अच्छा लग रहा है भाई के साथ किस करने में भाई पिलो जितना पीना है चूस लो आह भाई मेरे प्यारे भाई
2 mina जोर दार किस चलती है अभय अदिति के होठ चूस रहा था लेकिन हल्का दात लग जाता अदिति आह करती है
अभय किस तोरते हुवे जल्दी से अदिति के होठ छूके देखते हुवे - माफ करना गुरिया जोस मे तुम्हे लग गई
अदिति मुस्कुराते हुवे शर्मा के - भाई कुछ नही हुवा
अभय देखता है होठ से हल्का खून निकल रहा है तो अभय जिब से चाट जाता है अदिति जोर से सिसकिया लेते आह करती है
अभय अदिति के चेहरे पकर आखो मे देख - अपने भाई को पहला हक अपने होठ का रस पिलाने के लिये सुक्रिया मेरी गुरिया
अदिति लाल चेहरा लिये नजरे नीचे किये - भाई सुक्रिया मत करिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है पर ये तो बताओ कैसा लगा
अदिति सर्म से धीरे से - बहोत जी जयदा अच्छा लगा
अदिति गोद से उतर नीचे खरी होके अभय के होठ पे किस करके शर्मा के - मे जा रही हु करेगे मे कहा गायब हो गई
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है लेकिन आगे भी मिलेगा ना
अदिति शर्मा के जाते हुवे - सोचुगी
अदिति चली जाती अभय मन मे - लो गुरिया को भी ये बीमारी लग लग सोचने वाली
तो ये सब हुआ अब आते है अभी के सीन पे आसा अभय के पास आती है अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत मा आपका ही इंतज़ार था आइये
आसा अभय के पास आके खरी हो जाती है अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा वो कुछ भला
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार करना है
आसा नीचे झुक दोनो हाथो से अपनी सारी पेटीकोट के छोर पकर अपने घुटने तक उठा लेती है अभय अपनी ना के गोरे पैर देखने लगता है आसा आगे बढ़ दोनो पैर फैला के अभय के जांघों के ऊपर आ जाती है फिर सारी नीचे कर अपनी मोटी फैली मस्त नर्म गांड के साथ अभय के जांघों पे बैठ अभय के कंधे पे दोनो हाथ रख देती है
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - सही जगह पे नही बैठी है आप मजा नही आ रहा है
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे अपनी गांड थोरा उठा के सीधा अभय के लंड पे बैठ जाती हो अभय आह करता है आसा भी कामुक् आह करती है
अभय धीरे से पेट पे हाथ रख सेहलाते हुवे दोनो हाथ आसा के पीछे ले जाने लगता है अपने बेटे के पेट के बेटे का हाथ फेरते फिल कर आसा सिसकिया लेने लगती है अभय का दोनो हाथ पीछे जाके एक दूसरे से मिल जाता है फिर अभय एकदम से आसा को अपने सीने बॉडी से चिपका लेता है बीच में कोई गेप नही था दोनो मा बेटे कि बॉडी एक दूसरे से चिपकी हुई थी दोनो के चेहरे एक दूसरे के एकदम पास मे थे
अभय आसा की आखो मे देख - मा पता मे अभी किया फिल कर रहा हुई
आसा अभय की आखो मे देख - नही पता तुम हि बता दो
अभय - कैसे बताऊं खुल के या बिना खुले
आसा अपने बेटे की बात समझ -जैसा तुम्हे सही लगे
अभय - नही आप बोलो मेरी मा जो चाहेगी
आसा थोरा शर्मा के - खुल के
अभय मुस्कुराते हुवे - तो सुनिये मेरी गोद मे सबसे खूबसूरत प्यारी मेरी मा बैठी है आपकी शरीर की खुबसु मुझे बहोत पसंद है आपकी बॉडी की गर्मी मुझे पागल करने लगता है आपकी आखे इतनी नासिलि की जब देखता हु कही खो जाता हु आपका खूबसूरत चेहरा जिसे दिन रात हर वक़्त देखते ही रहने का मन करता है आपके ये रसीले होठ देखता हुई प्यास जग जाती है पीने का दिल करने लगता है आपकी भरी बॉडी बनाने वाले ने बहोत फुर्सत से बनाया है आपकी कमर गहरी जब देखता हुई चुने चूमने का दिल करता है जब आप चलती है आपकी कमर लचकाके कयामत लगती है अभी आप जिस तरह मेरी गोद मे जिस जगह बैठी है
अभय रुक आसा को देखता हि रहता है आसा बरे गोर से अपने बेटे के मुह से अपनी तारीफ सुन गदगद हो गई थी अभय को चुप देख - रुक कियु गया आगे
अभय आसा की आखो मे देख - जगह खूबसूरत है सांत है लेकिन हम अकेले नही है घर पे रात को जब मे आता हुई तब खुल की बाकी सब जो मे फिल करता हु बताऊंगा
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है फिर
अभय मुस्कुराते हुवे - फिल्हाल आपकी गुफा की गर्मी मेरे केले का बेचैन कर रही है और आपके मस्त नर्म बरे पपीते भी
आसा शर्मा के - बेसरम
अभय - मा सुसु की आवाज सुनाओ ना
आसा एकदम से शर्मा के - बेसरम नही लगी है कैसे सुनाऊ
अभय निरास होके - अच्छा
आसा अभय के होठ पे किस करते हुवे - चल सुनाती हु कितना बेशर्म हो गया है जब से सुनाया है रोज पीछे पर जाता है
अभय खुश होके - तो देर किस बात की
आसा अभय के गोद से नीचे खरी होके पास पास एक जगह देख वही खरी हो जाती है फिर अभय को देखते हुवे सारी पेटीकोट उपर करने लगती है अभय एकदम आसा के पास आके नीचे बैठ जाता है आसा लाल चेहरा लिये घुटने से उपर तक सारी कर देती है
अभय देखता है गोरी टांगे फिर आसा का देख आखे बंद कर लेती है आसा पैंटी नीचे कर पुरा सारी उठा के बैठ जाती है बुर पे काले बाल मस्त लग रहे थे कमाल का सीन था एक मा नंगी नीचे से पिसाब करने बैठी है उसके एकदम सामने उसका बेटा बैठा है आख बंद किये
आसा अभय के चेहरे आमने सामने थे आसा अभय को देख मन मे - मेरे लाला के जगह कोई और होता तो कब का मेरे साथ कुछ करने या देखने की कोसिस करता लेकिन मेरा लाला कितना अच्छा है चाहता तो चोरी छुपे सब देख सकता था लेकिन देखो कैसे कस के आखे बंद किये है लाला अपने आप को अच्छे से रोकना अपने पे काबू रखना जनता है इसी लिये तो मे भी बिना सोचे सब करने लगती हु
आसा परेसर् बनाती हैं फिर जोर से एक धार निकलती है सुई सुई अभय सांत आवाजे सुनने लगता हैं आसा पिसाब करते अभय को हि देख रही थी आसा मन मे - एक मा होने के नाते ये सब गलत हैं लेकिन मेरे लिये मेरे लाल की खुशी जरूरी है ऐसा नही मे करना नही चाहती या मे मर्ज़ी से नही करती पर मेरी लिमिट के अंदर सब करुगी
आसा पिसाब कर लेती हो बुर से एक एक बूंद नीचे टपक रहा था कुछ बूंद बुर के बाल पे अटक गये थे आसा उतने वाले होती है लेकिन अभय - नही बैठी रहिये
आसा बैठी रहती है और अभय को देख - ठीक है
अभय अपना हाथ आख बंद किये आसा के चेहरे के पास ले जाता है अभय आसा के होठ छुटा है फिर आगे झुक किस करने लगता है
आसा नीचे से नंगी थी अभय किस करने लगता है आज का किस भी अलग की था आसा सर्म से पानी पानी हो जाती लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे अभय का साथ देने लगती है दोनो एक दूसरे के होठ जिब चूस के रस पीने लगते हैं आसा आगे झुकी थी जिस वजह से पीछे आसा के बरे गांड उठे मस्त लग रहे थे 2 मिनट बाद किस टूटता है
अभय आखे बंद किये - आज का किस मा मे कभी नही भूलूंगा
आसा शर्म से - मे भी नही अब उठ जाऊ
अभय खरा होके - हा
आसा खरी होके पैंटी पहन सारी नीचे कर - हो गया
अभय आखे खोल नीचे देखता है तो आसा जल्दी से एकदम सामने आके सर्म से - किया देख रहा है चल चलते है
अभय मुस्कुराते हुवे - छेद कर दिया आपने तो
आसा सर्म से पानी पानी हो जाती है
अभय आसा के के गर्दन को चूमने किस करने लगता है आसा जोर से सिसकिया लेती है अभय चूमते किस करते हुवे - आह मा आप बहोत सेक्सी है
आसा जोर जोर से सासे सिसकिया लेते - उफ आह बेटा उफ तुम भी मेरे लाल
अभय फिर आसा के पीछे गांड पे लंड सता के आसा को बाहों मे कस के पकरे गर्दन को चूसने लगता है चाटने लगता आसा मुठी कस जोर से - आह उफ बेटा आह सिसकिया लेती बोलती रहती है अभय फिर एकदम से रुक जाता है
अभय आस को देख - मा चलते हैं नही तो बोलने कहा मा बेटे गायब हो गये प्यार तो और करता था लेकिन कल घर पे आराम से करूँगा
आसा जोर जोर सासे लेते हुवे मन मे - आह मा ये लरका मेरे अंग को ऐसे चाटता है जैसे मेरी बॉडी अंग आइस्कृम हो उफ मेरी बॉडी मचल मदहोस मे चली जाती है आह लेकिन मुझे लाला का टच छूना चूमना किस चाटना बहोत सुकून देता है अभय को देख
आसा हस्ते हुवे - ठीक है कर लेना मेरे लाल अब चल
अभय आस कैप के अंदर आते है मोटा रुई वाला मस्त बिस्तर सब का एक साथ मे लगा था सब एक जगह गोल बैठ बाते करने मे लगे थे
अभय आसा आके बैठ जाते है
अदिति मधु आसा के पास आके बाहों को पकर चिपक के बैठ जाती है धीरे धीरे सब एक गोल लाइन बना के बैठ जाते है सब एक दूसरे के आमने सामने थे
अभय सभी को देखते हुवे - आप सब को मजा आ रहा है या नही
अदिति मधु पूजा जोर से हाथ उपर कर चिल्लाते हुवे - हमे बहोत मजा आ रहा हैं
सभी जल्दी से अपने कान बंद कर लेते है
मिनिता - हद हैं ये बच्चे भी ना
आसा हस्ते हुवे - सब बहोत खुश है इस लिये
अभय नितिका मिका को देख - आप दोनो को अच्छा तो लग रहा है ना
नितिका अभय का देख - बेटा पहली बार इतना मजा आया मुझे सुक्रिया अपने साथ सामिल करने के किये सब के साथ एक फैमिली पिकनिक का मजा ही अलग है
मिका अभय को देख - मुझे भी बहोत अच्छा लग रहा है मजा भी बहोत आ रहा है मे तो कहती हु फिर कभी ऐसा प्लान बनाओ तो जरूर बुलाना हमे
अभय हस्ते हुवे - ठीक है
अभय तारा का देख - मेरी प्यारी मम्मी जी कुछ बोलिये
तारा सब को देखती हो फिर - अपनी बेटी दमाद समधन आप सभी के साथ इस खूबसूरत सांत जगह पिकनिक पे आके आज मे पहली बार इतना अच्छा सुकून फिल कर रही हु जिदंगी मे अब तक
अभय बीच मे तारा को देख - समझ सकता हु मेरी मा ने भी बहोत कुछ झेला है अपने भी मुझे लगता है मिनिता ऑन्टी नितिका ऑन्टी मा आप छोटी मा हर किसी ने कुछ ना कुछ झेला है जानती हो एक औरत सब कुछ झेल सकती है अपने बच्चो के लिये
अभय आसा को देख प्यार से - मेरी मा ने सब बहोत कुछ झेला दर्द सहा लेकिन हमे कोई तकलीफ नही होने दी मा मे आपके बहोत प्यार करता हु
आसा इमोसनल होके अभय को देख - मे भी मेरे बच्चे
अभय - तो हम मजे करने आये तो मजे करते है सब बुरे पल यादों को पीछे छोर भूल के मजे करते है
सभी हा करते है
अभय आसा को देख - मा मुझे फिर जाना होगा
अभय की बात सभी को शोक कर देती है फिर सभी हैरान होके अभय को देखने लगते है
दिशा मुह फुला के - हा हा जहा जाना है जाइये रोका किसने है
अदिति हैरान होके - भाई नही अब आपको कही जाने नही दूंगी
मधु अभय की बाहों को कस के पकरे - दीदी ने सही कहा कुछ दिन पहले ही तो आये थे अब फिर जाने की बात मत कीजिये
पूजा मुह बना के - दीदी जीजा जी को आपकी परवाह हि नही है
तारा पूजा को मारते हुवे - चुप कर जरुर कुछ जरूरी कम होगा नही तू दामाद जी खुद समधन अदिति बेटा सब से दूर नही जाते
मिनिता तारा को देख - आपने सही कहा अभय बेटा बता वजह किया है इस बार जाने का
नितिका मन मे - फिर जा रहा है मुझे छोर के अब पता नही कर आयेगा मे कैसे तुम्हे देखे बगैर रहूगी
मीका मन मे - अब कहा जाने वाला है ये कमीना
सिला अभय को देख - बता बेटा कहा कियु कितने दिन के लिये जाने वाला है
आसा सभी को देख - अपनी बुआ मासी के यहा टूटे रिश्ते को सही करने के लिये
आसा की बात सुन सब हैरान होके - क्या
अदिति हैरान होके - बुआ मासी मे तो उन लोगो को भूल हि गई थी
आसा सभी को देख - कुछ वजह से रिश्ते टूट गये मे भी बच्चो के पालन मे लग गई तो रिश्ते सही नही कर पाई
अभय - हा बुआ मासी के यहा जाके सब सही करना है छोटा था याद भी नही बुआ मासी सब कैसे दिखते है और अब कैसे है
दिशा हैरान होके - मासी बुआ मम्मी जी
आसा - हा अभय की मासी बुआ भी है उस समय अभय अदिति सब छोटे थे तो कुछ याद नही होगा
तारा हैरान होके - अच्छा तो ये वजह तो बहोत बरी है
सिला - हा अभय बेटा तुझे जाना ही चाहिये अपने तो अपने होते है
मिनिता - हा अभय बेटा ये वजह है तो जा सब सही करके ही आना
नितिका मन मे - अच्छा तो ये वजह है तब तो जाना हि चाहिये
मीका मन मे - रिश्ते की कीमत लगाई नही जा सकती
कोमल - ठीक है लेकिन कई साल हो गये है रिश्ते आसानी से जुर् नही जायेंगे टाइम तो लगेगा ही
आसा - कोमल बेटा तुमने सही कहा टाइम तो लगेगा लेकिन मुझे अपने लाला पे भरोसा ही जल्दी ही सब ठीक कर देगा कियु लाला
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल मा
अदिति अभय को देख प्यार से - भाई अगर ऐसा है तो मे भी आपके साथ जाउंगी
मधु भी प्यार से - भाई मे भी
पूजा भी प्यार से - जीजा जी मे भी
अभय तीनों को देख - नही तो नही लेकिन जैसे ही सब सही होगा हम सब जायेंगे
अदिति मधु पूजा उदास होके - ठीक है
सिला - बस ये बेकार चेहरा मत बनाओ लाला मजे नही जरूरी काम से जा रहा है
अदिति मधु पूजा - जी समझ गये
अभय - कुछ दिन बाद जाऊंगा लेकिन मे जल्दी ही सब सही करके आऊँगा बुआ मासी को लेके
आसा - ठीक है बेटा जा सकता है मे खुद चाहती हु जाये
कुछ देर बाते होने के बाद सोने का वक़्त हो जाता है
आसा - चलो सोते है आधी रात हो गई है
अदिति दिशा को देख - भाभी आज तो मे भाई के साथ सोने वाली हु
मधु दिशा को देख - मे भी भाभी आज आपको भाई बिना सोना पड़ेगा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - ठीक है बाबा आज मे अपनी मा के साथ सो जाऊंगी
तारा दिशा को गले लगा के - हा आज हम साथ मे सोयेंगे
पूजा - मे भी
विनय - अच्छा है तो आज मे दीदी के साथ
कोमल मुस्कुराते हुवे - ठीक है बाबा
मिनिता - ठीक है मे भी दीदी के साथ
अभय बीच में दोनों साइड अदिति मधु अदिति के बगल मे मीका नितिका फिर कोमल विनय मिनिता आसा सिला तारा दिशा पूजा सब लाइन से सो जाते है
अभय के सीने पे अदिति मधु सर रखे लेते थे अभय दोनो को बहो मे लिये था
अदिति - भाभी
दिशा - हा बोलिये
अदिति मुस्कुराते हुवे - भइया बिना नींद आ तो जायेगी ना
सब हैरान दिशा शोक सर्म से लाल पानी पानी हो जाती है
आसा मिनिता तारा नितिका सिला सब अंदर ही अंदर हस रहे थे
दिशा शर्मा के - कियु नही आयेगी मे अपनी का के साथ सुई हु
मधु मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो हम कुछ और दिन भाई के साथ सोयेंगे ठीक है ना
अब तो सब की हसी छूटने को आई थी
दिशा शर्मा के - हा हा ठीक है मुझे किया
दिशा मन मे - देख लुंगी आप दोनो को सब के सामने मेरे मजे ले रही है
अभय भी हसे जा रहा था
मिनिता धीरे से - दीदी सुना कैसे दोनो भाभी के मजे ले रही है
आसा धीरे से हस्ते हुवे - हा सुना मे दुवा करती हु सब ऐसे ही चलता रहे सब खुश रहे
मिनिता - मे भी दीदी
विजय - भाभी
दिशा - बोलिये देवर जी आपको किया कहना है
विजय - वो आपने जो कहा वो
मिनिता - क्या कहा बहु तुमने शैतान से
दिशा मुस्कुराते हुवे - आपका लाला चाहता है वे जाके आपकी होने वाली बहु के घर वालो से बात करे ताकि दोनो बिना डर के मिल स्के
विजय के कोमल कान पकर - अच्छा जी ऐसा है
विजय सर्म से दर्द मे - दीदी दर्द होता है
आसा - लाला जाके बात कर लेना जाने से पहले
अभय - ठीक है मा कर लूंगा
विजय - शुक्रिया प्यारी ऑन्टी
आसा मुस्कुराते हुवे - जल्दी से मिला हम भी देखे
विजय शर्मा के - जी ऑन्टी
आसा नितिका से -sp जी आप मीका की सादी को लेके क्या सोच रही है
नितिका - अभी तो सोचा नही है कियुंकी मीका मेरी तरह पुलिस ऑफिसर बनना चाहती है
आसा - अरे वाह बहोत अच्छे मीका बेटा
मीका - शुक्रिया ऑन्टी
अभय मजे लेते हुवे - मम्मी जी आपके पास आके सो जाऊ
तारा जल्दी से शर्मा के - नही नही आपकी दोनो गुरिया आने भी नही देगी
सभी हसने लगते है ठोरी देर बाते मस्ती के बाद
सब सांत हो चुके थे कई सो गये थे लेकिन अदिति किस वाला सीन याद कर मन मे - मुझे नींद नही आ रही आखे बंद करते ही भाई मेरे होठ जिब जिस तरह मजे से चूस रस पि रहे थे सब मेरे आखो के सामने आ रहा है मेरे मुह मे अभी भी वो स्वाद है बहोत मजा आया था
अदिति अभय को देखती ही जो सोया था अदिति धीरे सी होठ पे किस करती है फिर सीने से चिपक बहो मे सोने लगती है
सुबह 8 बजे उठ सभी रेडी होते है फिर बिना देरी किये गारी से घर चले जाते है मधु सिला अपने घर कियुंकी गाय बकरी घर देखना था नितिका मीका अपने घर नितिका को अपने काम दियुति पे जाना था
बाकी अभय आसा पूजा दिशा तारा अपने घर मिनिता कोमल विजय अपने घर सब अपने अपने जगह चले जाते है
घर आते ही दिशा अदिति के पीछे पर जाती है दिशा - अब कहा जायेगी बहोत मजे लिये रात वहा एक तो चली गई लेकिन जब आयेगी तब उनको भी नही छोरने वाली मे
अदिति चिल्लाते भागते हुवे आसा के पीछे आके - मा बचा लीजिये देखिये ना भाभी मुझे मार रही है
दिशा - अभी तो कुछ किया भी नही मेने
आसा हस्ते हुवे - देखो मुझे बीच मे मत लाओ तुम भाभी ननद अपना मामला खुद संभालो
दिशा अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अब कोन बचायेगा आपको
अदिति डरते हुवे तारा के पीछे जाके - बरी मा आप ही बचा लो ना
तारा दिशा को देख - बेटी जाने दो ना बेचारी बच्ची है
दिशा तारा को देख - प्यारी नही शैतान है
दिशा अदिति को उपर से नीचे देख मन मे - बच्ची तो बिल्कुल नही है इतनी मस्त खूबसूरत कमाल की बॉडी है चुचे देखो कितने टाइट खरे है निपल भी साफ कपड़े के ऊपर से दिख रहे है गांड तो मेरे जीतने बड़े फैले है अरे बच्चे की मा बनने की उमर हो गई है
दोपहर 12 बजे
जैसा पुलिस वाले करते है किसी का मडर होता ही तो पहले उसके जानने करीबी वाले से ही पूछताछ करते है तो उदय टीनू की मौत की खबर न्यूज़ पे छा रही थी और दोनो गैंग के बीच लराइ मे हुई मौत ही बताया जा रहा था
हॉल मे भरती आरोही अमर जगमोहन बैठे थे उन सब के सामने नितिका अपने टीम के साथ बैठी थी
नितिका बाकी सब कई सवाल पूछते है घर की जाच करते है फिर चले जाते है वजह अभय था अभय ने नितिका से कहा था फोन करके
2 घंटे पहले
अभय - जान तुम्हे पता चल ही गया होगा उदय टीनू मडर का
नितिका हैरान होके - हा लेकिन तुम दोनो को जानते हो
अभय - हा असल मे मेरी गुरिया की दोस्त की आरोही है उसके मा पापा सब उदय के करीब थे कहे तो उदय ने सब को अपने जाल मे फसाया था
अभय कुछ बाते बताता है ताकि नितिका को इतना ही पता हो उदय कितना कमीना था
अभय - तो मे जनता हु पुलिस वाले बहोत परेसान करेगे उन्हें लेकिन सब निर्दोस् है उल्टा सब के साथ गलत हुवा है तो मे चाहता हु पूछताछ करो लेकिन जयदा उनको परेसान मत होने देना
नितिका - तुम चिंता मत करो ठोरी पूछ ताछ ही होगी
अभय - शुक्रिया
नितिका - गिर्लफ्रेंड को शुक्रिया
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू
नितिका शर्मा के - आई लोव यू
यही हुवा इस वजह से पुलिस वाले जयदा भारती सब को परेसान नही किये
भारती - अभय बेटे के पीछे एक sp भी है आखिर अभय है किया चीज पर जो भी हो उसकी वजह से आज तुम दोनो हम सेफ है
आरोही मन मे - अभय शुक्रिया सही समय पे हमे रोक दिया नही तो हम भी तेरे हाथो मारे जाते और मेरा बच्चा भी
अमर मन मे - सेर को बिल्ली समझ लिये थे सुकर है सेर ने बिल्ली पे दया कर छोर दिया
भारती - कुछ दिन रुकेंगे सब मामला ठण्डा होने के बाद निकलेगे
दूसरी तरफ अभय का फोन बजता है अभय फोन निकालते हुवे - कोन है
अभय नंबर देख कमरे से बाहर आके - हा मेरी जाने मन बोलिये
भारती शर्मा के - शुक्रिया बेटा सब के लिये
अभय मुस्कुराते हुवे - जरूर नही वैसे भी आपकी मस्त फूली चिकनी बुर मारके बहोत मजा आया था फिर कब मिलेगा आपकी बुर
भारती शर्मा के - छी बेसर्म नही मिलेगी फिर
अभय - ठीक है चलेगा
भारती हैरान मन मे - मुझे लगा फिर बोलेगा सच कहु मे अभय की चुदाई भूल नही पा रही हु उफ अब तक की लाइफ मे अभय का लंड लेने मे जो दर्द मजा सुकून मिला सायद किस्मत वाली औरत को ही ऐसा चुदाई सुख नसीब होता है अंदर बाहर जब उसका लंड करता था, भारती बुर सेहलाते हुवे, मेरी बुर भर भर के पानी निकालती थी मेरी बचेदानी मे सीधा घुस जाती थी मुझे बहोत दर्द होता था लेकिन मजा भी बहोत आया अभय का लंड बहोत बरा मोटा है और अभय एक सच्चा मर्द भी किस्मत का शुक्रिया उस कमीने के से बच तुम जैसे मर्द से चुदी और असली चुदाई का सुख मिला
अभय - कुछ बोलेगी
भारती होस मे आके शर्मा के - साम को घर मेरे आओ ना
अभय मुस्कुराते हुवे - बुर देगी तब आऊंगा
भारती शर्मा के - ठीक है दूंगी
अभय -क्या
भारती सर्म से - बुर
अभय - ठीक है साम को आऊँगा
फोन कट
अभय फोन रख कमरे मे जाते हुवे - चलो आज कोमल की बुर का सील तोर उसे औरत बनाते है
अभय अंदर जाता है कोमल बैठी शर्मा के अभय को देखती है अभय मुस्कुराते हुवे - बैठी हो चलो सुरु करते है इसी लिये तो कमु तुम्हे यहा लाया हु
हा अभय कोमल को अपने घर के पास एक घर जोकि अभय ने शोभा के लिये लिया है उसी घर मे कोमल को लेके आ चुका था आज अभय कोमल की सील पैक बुर मारने वाला है
आज के लिये इतना ही![]()
Bhai kafi time ho gaya hai kajal ko chudwai hote huye lakin app ne abi kajal pregnant hone kaber nahi sunaiBehtreen update
























