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Erotica ड्रेगन हार्ट (लव, सेक्स एण्ड क्राईम)

kas1709

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Update 027 -

हमारे पैग तैयार होने के बाद सभी लोगो ने एक दूसरे को चियर्स बोला और ड्रिंक करने लगे। मैं तो पहले ही काफी पी चुकी थी इसलिए आराम से धीरे धीरे शिप कर रही थी। पर वो लोग तो काफी देर से अपना मूढ बनाकर हरीश अंकल के जाने का इंतजार कर रहे थे। इसलिए एक बार में ही उन तीनों ने अपने अपने गिलास खाली कर दिऐ। जिसके बाद वे तीनों एक के बाद एक करीब 3-4 पैग पी गए। जिस कारण उन्हें पर्याप्त नशा हो गया था। जैसे ही मेरा पैग खत्म हुआ तो मैं सोने के लिए कमरे में बापिस चली गई।

मेरी यूनीफार्म एकदम टाईट फिटिंग की होने के कारण उसे पहनकर सोना बिल्कुल भी कंफर्टेबल नहीं था। जिस कारण मैंने अपनी यूनिफार्म उतार दी और मात्र कैमिसोल और पेंटी मैं ही विस्तर पर लेट गई और कंबल ओढ कर सोने की कोशिश करने लगी। पर इस सब में मुझसे एक गलती हो गई थी, असल में मैं रूम को अंदर से लॉक करना भूल गई थी। जिस कारण मेरे लेटते के कुछ देर बाद वो सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरे पास बैठ गया और मुझसे बोला

सब इंसपेक्टर- मैडम बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ

निशा- हूँ

सब इंसपेक्टर- रात का 1 बज रहा है। अपने होटल जाकर क्या करोगी। बैसे भी काफी रात बाकी है

निशा- तो

सब इंसपेक्टर- मेरा मतलब है कि हमें भी मौका दो आपको खुश करने का

उसकी बातों का मतलब मैं अच्छी तरह से समझ रही थी और वो नशे की हालत में भी था। मैंने सोचा कि अगर मना किया तो पता नहीं ऐ मुझसे जबरदस्ती ना करने लगे। जिस कारण मैंने उसके साथ मजे करने का फैसला कर लिया। पर मैं फ्री में उसे यह मौका नहीं देना चाहती थी। इसलिए मैं बोली

निशा- मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा कि तुम क्या कहना चाहते हो

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम हम जानते हैं कि आप कोई पुलिस बगैरह तो हो नहीं। यहाँ पर तो केवल सहाब का विस्तर गर्म करने आई हो। अब साहब अपना काम करके चले गये हैं। तो क्यों ना मौके का फायदा उठाकर हम भी थोडा मजा ले लें। आप चिंता मत करो हम पेमेंट कर देंगे आपको

निशा- तुम्हें मेरी रेट पता है

सब इंसपेक्टर- सहाब ने बुलाया है तो 2-3 हजार बाली तो होगी नहीं, इसलिए आप ही बोल दो

निशा- मैं एक राऊंड का 50 हजार लेती हूँ

मेरी बात सुनकर वो सब इंस्पेक्टर अपना सर पकडते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- अरे बाप रे यह तो बहुत ज्यादा है। इतना तो हमारे एक महिने की सैलरी होती है। कुछ एडजस्ट कर लो… हम पूरे 5 आदमी हैं, बैसे भी सहाब से तो अच्छा खासा कमा ही लिया होगा। हमारी फीस को बोनस समझ लेना

निशा- अच्छा तो तुम्हीं बता दो कितना दोगे

सब इंसपेक्टर- हम सभी का मिलाकर 50 हजार ले लेना

निशा- एक काम करो जाकर थोडी सी ड्रिंक और कर लो। जिससे तुम्हें जल्दी नींद आ जाऐगी। क्यों फालतू में पैसे खर्च कर रहे हो।

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम आप तो नाराज हो गई। समझो जरा हम छोटे मोटे लोग हैं। सहाब के फार्म हाऊस पर ड्यूटी करते हैं। एक्सट्रा इंकम तो होती नहीं है हमारी। और फिर घऱ भी चलाना पडता है।

उस सब इंस्पेक्टर की बात सुनकर मैंने थोडा सोचते हुए कहा

निशा- चलो ठीक है… सबका मिलाकर पूरे 1 लाख दे देना

सब इंसपेक्टर- मैडम यह भी बहुत ज्यादा हैं

निशा- देखो सर ने पहले ही मेरी बुरी तरह से बैंड बजा दी है। जिस कारण मैं बहुत थक गई हूँ और नींद भी आ रही है। अगर तुम मुझे ज्यादा परेशान करोगे तो मैं उनसे तुम्हारी शिकायत कर दूँगी।

सब इंसपेक्टर- ओह सॉरी सॉरी मैम मैं जाता हूँ। आप आराम से सो जाओ

इतना बोलकर वो वहाँ से जाने लगा पर तभी अचानक से मेरे पास बापिस आकर वोला

सब इंसपेक्टर- अच्छा मैं क्या बोल रहा था मैडम कि अगर हम पूरे 1 लाख दें तो क्या फिर हम दो दो राउँड लगा सकते हैं

उसकी बात सुनकर मैंने सोचा की ऐ सभी लोग पहले से ही काफी नशे में हैं। ज्यादा देर टिकेंगे भी नहीं और दूसरा राऊँड लगाने की स्थिती में भी नहीं रहेगे। तो इससे अच्छा है कि हाँ बोल देती हूँ। अभी तो काफी रात बाकी है। बैसे भी मैं यहाँ भोपाल में मजे लेने के लिए ही तो रूकी हूँ और फिर पास आते पैसों को ठुकराना भी ठीक नहीं है। इसलिए मैंने कहा

निशा- हाँ ठीक है कर लेना

मेरी बात सुनकर वो खुश होकर बोला

सब इंसपेक्टर- एक मिनट मैम आप सोना मत मैं बस एक बार सबसे बात करते आपको बताता हूँ

इतना बोलकर वो लडखडाते कदमों से बाहर निकल गया। करीब 10 मिनट बाद बो फिर से बापिस आया और एक प्लास्टिक थैली में मुझे पैसे देते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- ये लो मैडम आपकी फीस। अब तो हम कर सकते हैं ना

मैंने उस सब इंसपेक्टर से पैसों बाली थैली ले ली। मैने उसे खोलकर देखा तो उसमें 500 और 2000 के नोट रखे हुए थे। साफ साफ समझ में आ रहा था कि ये सब इंसपेक्टर सभी से पैसे कलेक्ट करके लाया है। इसलिए मैने उन्हें गिनने की भी कोशिश नहीं की और उस थैली को बंद करके अपन कपडों के पास रख दिया। उसके बाद उस सब इंसपेक्टर को अपने ऊपर खिंच लिया। मेरे ऊपर आते ही वो सब इंसपेक्टर मुझ पर भूखे भेडिए की तरह टूट पडा और मुझे किस करने लगा।

मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। कुछ देर मुझे किस करने के बाद उसने अपने सारे कपडे निकाल दिए और कंबल हटाकर मेरे भी बाकी कपडे निकाल दिए और मुझे चूमने और सहलाने लगा। मैं भी तो यहाँ भोपाल में पूरे 1 महीने तक जी भरकर चुदाई करवाने के लिए ही रुकी हुई थी। इसलिए मैं भी उसका पूरा साथ देकर मजे ले रही थी। कुछ देर मुझे चूमने और सहलाने के बाद ही उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी, मैं भी पूरे मजे लेकर अपनी चुदाई करवा रही थी और उसे भी पूरा मजा दे रही थी। करीब आधा घण्टे की चुदाई के बाद उसने अपना पानी छोड दिया और मुझसे अलग होकर बाहर निकल गया।

उस सब इंस्पेक्टर के जाते ही एक सिपाही अंदर आया और जल्दी से अपने कपडे उतार कर मेरे ऊपर चड गया। उस सिपाही ने तो फोरप्ले भी नहीं किया सीधा अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा। मुझे लगा की यह बाहर इंतजार करते करते ही काफी ज्यादा एक्साईटेड हो गया होगा। इसलिए उसने फोरप्ले में समय खराब करने से अच्छा डायरेक्त चुदाई करना ही ठीक समझा। उसके हटते ही दूसरा सिपाही अंदर आया और मुझे कुतिया बनने का इसारा किया। इसलिए मैं भी चुप चाप कुतिया बन कर खडी हो गई। इससे पहले मैं कुछ समझ पाती उसने मेरी गाँड में अपना लण्ड घुसाकर मेरी गाँड मारनी शूरू कर दी।

तो मैं भी मजे लेकर अपनी गाँड मरवाने लगी। जैसे ही यह सिपाही गया तो एक साथ दो सिपाही अंदर आ गए। एक ने पीछे से मेरी गाँड मारनी शुरू कर दी और दूसरा मेरे मूँह में लण्ड देकर मजे से अपना लण्ड चुसवाने लगा। उन दोनों के जाने के बाद फिर से सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरी गाँड मारने लगा था। हालाँकि मैंने इसकी उम्मीद तो नहीं की थी, पर मैं पहले ही दूसरे राउंड के लिए भी हाँ बोल चुकी थी। इसलिए मैं उसे मना भी नहीं कर सकती थी। इस तरह उन सभी ने दूसरी बार भी मेरे साथ जमकर चुदाई की। सभी के फ्री होते होते सुबह के 6 बज चुके थे। इसलिए चुदाई खत्म होते ही मैं फ्रेस होने बाथरूम में घुस गई।

करीब 7 बजे मैं पुलिस बैन से अपने होटल के बाहर उतरी और सीधे अपने रूम मैं जाकर कपडे चेंज करके कंबल ओड कर सो गई। आज मैं कुछ ज्यादा ही थक गई थी और रात में ड्रिंक भी ज्यादा कर ली थी। इस कारण मैं दोपहर 2 बजे तक सोती रही। जब मैं जागी तो सबसे पहले मैंने अपना मोबाईल चैक किया तो उसमें गगन, श्रेया और रवि के मिस कॉल डले हुए थे। मैंने सबसे पहले श्रेया को कॉल किया और उससे बातें करने लगी। श्रेया ने आज अपने दोस्तों के साथ मिलकर गगन को परेशान करने के लिए जो प्लान बनाया था उसके बारे में वो मुझे बता रही थी।

सारी बात बताने के बाद उसने मुझसे मिलने के लिए कहा तो मैं भी तुरंत तैयार हो गई। और उसे अपने होटल पर आने के लिए बोल दिया। फिर मैंने गगन को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था। पर मैं पहले ही श्रेया को हाँ बोल चुकी थी। तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया कि क्यों ना गगन से मिलने के बहाने इसके घर जाकर कुछ छानबीन की जाऐ और इसे थोडा डराया जाये। इसलिए मैंने उसे रात में मिलने के लिए हाँ बोल दिया। गगन का फोन कट करने के बाद जब मैंने रवि को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था।

लेकिन मैं पहले से ही श्रेया और गगन से मिलने का अपना प्लान बना चुकी थी। इसलिए मैंने उससे मिलने से मना कर दिया, बैसे भी मैं खुद भी फिलहाल उससे मिलना नहीं चाहती थी। मेरे मना करने पर वो काफी निराश हुआ पर मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती थी। मैं चाहती थी कि उसे अपनी गलती का एहसास हो ताकि दोवारा वो कोई गलती ना करे। बैसे भी मेरा उसके साथ कोई अफेयर करने का इरादा तो था नहीं। अगर हम बार बार यूँ ही मिलते रहे तो बाद में रवि को मुझसे दूर होने में प्राब्लम होगी। इससे अच्छा तो यही था कि मैं अभी से उससे दूरी बना कर चलूँ।

आज पूरा दिन मेरा श्रेया के साथ घूमने फिरने का इरादा था। इसलिए उसके आने से पहले मैंने अपने लिए एक कॉफी आर्डर कर दी और गगन का फोन हैक करके चैक करने लगी। जैसा की मैंने सोचा था उसने दूसरी बार भी वो हॉरर बीडियो डिलीट कर दिया था। इसलिए मैंने उसके मोबाईल से सारा डेटा परमानेंट डिलीट करके फिर से वो हॉरर बीडियो उसके मोबाईल में डाल दी। तब तक मेरी कॉफी भी आ गई थी। कॉफी हमेशा की तरह रघु ही लाया था। लेकिन इस बार वो मुझसे नजरे चुरा रहा था। तो मैंने कॉफी का सिप लेते हुए उससे पूछा

निशा- क्या हुआ रघु कोई प्राब्लम है क्या, तुमने आज एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा

मेरी बात सुनकर रघु थोडा हडबडाते हुए बोला

रघु- सॉरी मैडम मुझे नहीं पता था कि आप पुलिस इंस्पेक्टर हैं। वर्ना मैं ऐसी बैसी कोई हरकत नहीं करता

रघु की बात सुनकर मुझे याद आया कि मैं कल अपने होटल रूम से पुलिस यूनिफार्म में गई थी और सुबह बापिस भी उसी यूनिफार्म में आई थी। जिस कारण शायद होटल स्टॉफ मुझे पुलिस इंस्पेक्टर समझ रहा है। मैंने सोचा चलो अच्छा ही है। बैसे भी सारी रात मैं होटल से बाहर रहती हूँ तो ये होटल बाले पता नहीं मेरे बारे में क्या क्या सोचते होंगे। इसलिए हो सकता है कि अब शायद उन्हें लगे कि मैं अपनी पुलिस ड्यूटी पर जाती हूँ और ये लोग मुझे पुलिस ऑफिसर समझ कर मुझे थोडा ज्यादा मुझे रिस्पॉंन्स देना शुरू कर दे। इसलिए मैं बोली

निशा- हाँ तो क्या हुआ... क्या पुलिस ऑफिसर इंसान नहीं होते... या फिर पुलिस बालों के दिल नहीं होता। देखो रघु अगर मुझे तुम्हारी हरकतों से कोई प्राब्लम होती तो तुम्हें लगता है कि तुम यहाँ होते। अब तक जेल में डण्डे खा रहे होते। अरे यार मैंने तुमसे कहा तो था कि मैं तुम्हें पसंद करती हूँ। तुम कितने ज्यादा हैंडसम हो यार। इसीलिए तो मैंने खुद तुम्हें अपनी मर्जी से ब्लोजॉब दिया था। भूल गए क्या

रघु- पर आप पुलिस ऑफिसर हैं और मैं मामूली सा होटल स्टॉफ, मैं और आप एक साथ कैसे हो सकते हैं।

निशा- कैसे क्या… फिलहाल हम अपनी दोस्ती को सीक्रेट रखेंगे। बाद में देखेंगे क्या हो सकता है। हाँ यह बात अलग है कि मैं खुबसुरत नहीं हूँ या तुम्हें कोई दूसरी लडकी पसंद है। अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूँगी

मेरी बात सुनकर रघु तुरंत बोला

रघु- अरे मैंम आप ये क्या कह रहीं हैं। आप तो बहुत ज्यादा खूबसूरत हैं और मुझे आपके अलावा कोई दूसरी लड़की भी पसंद नहीं है।

निशा- तो फिर मुझसे दूर क्यों खडे हो, मेरे पास आयो ना। मुझे तुम्हें किस करने का मन कर रहा है।

मेरी बात सुनकर रघु डरते हुए मेरे पास आया। तब तक मेरी कॉफी भी खत्म हो चुकी थी। इसलिए मैंने खडे होकर उसको किस करना शुरू कर दिया। तो बो भी मेरा साथ देने लगा। कुछ देर किस करने के बाद मैंने कहा

निशा- अच्छा रघु होटल में किस किस को पता है कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ

मेरी बात सुनकर रघु सोचते हुए बोला

रघु- सबको पता चल गया है

निशा- ओह सिट यार... कल मुझे अर्जेंट मीटिंग के लिए जाना था, इसलिए यूनिफार्म में ही चली गई।

रघु- पर हुआ क्या….. आप इतनी टेंशन में क्यों हैं

निशा- अरे यार रघु मैं यहाँ एक सीक्रेट ऑपरेशन पूरा करने के लिए आई थी। मतलब मैं एक अंडर कबर पुलिस ऑफिसर हूँ। इसलिए तुम्हें मेरा एक काम करना होगा

रघु- क्या

निशा- स्टॉफ में सबको समझा देना कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ यह बात वो भूलकर भी किसी को ना बताऐं। वर्ना अगर मेरा ऑपरेशन फेल हो गया तो यहाँ भोपाल में आतंकवादी हमला भी हो सकता है। तुम समझ रहे हो ना मेरी बात

मेरी बात सुनकर रघु काफी ज्यादा डर गया था, इसलिए वो बोला

रघु- ज जी मैम मैं समझ गया... मैं सबको अच्छी तरह समझा दूँगा

निशा- अच्छा तुम्हारी ड्यूटी कब खत्म होती है

रघु- ज जी शाम को 7 बजे ड्यूटी खत्म हो जाती है। उसके बाद मैं यहीँ होटल में अपने रूम में आराम करता हूँ।

निशा- मतलब अगर मुझे रात में कभी कहीं जाने के लिए तुम्हारे हेल्प चाहिए हो, तो तुम मेरे साथ जा सकते हो ना।

रघु- हाँ हाँ मैम जा सकते हैं। मेरी खुद की बाईक यहाँ रखी हुई है, हम उससे कहीं भी जा सकते हैं। या आप कहें तो होटल बाले अपने गैस्ट के लिए कार सर्विस भी देते हैं। हम होटल की किसी कार को अपने साथ ले जा सकते हैं।

रघु की बात सुनकर मैं मुस्कुराते हुए बोली

निशा- यह तो अच्छी बात है। एक काम करते हैं आज रात ही मुझे एक जरूरी मिशन को पूरा करना है। इसलिए आज रात में तुम मेरी बताई जगह पर कार लेकर आ जाना। बैसे तुम्हें कार चलाना तो आता है ना।

रघु- ज जी मैम सहाब

रघु की बात सुनकर मैं उससे थोडा चिढते हुए बोली

निशा- अरे यार कितनी बार कहा है कि तुम मुझे मैम सहाब मत कहा करो, मेरा नाम सपना है।

रघु- ज जी सपना जी

निशा- हुम्म….. ये ठीक है। हाँ तो मैं कह रही थी कि तुम खुद ही कार लेकर आ जाना। ड्रायबर को अपने साथ लाने की कोई जरूरत नहीं है और हाँ यह बात टॉप सीक्रेट है। स्टॉफ में भी किसी को पता नहीं चलना चाहिए। अगर कोई पूछे तो बोल देना मुझे अपने किसी रिलेटिव से मिलने भोपाल से बाहर जाना है और हाँ कार का जो भी रेंट हो वो मेरे बिल में एड करवा देना।

रघु- ज जी सपना जी। बैसे कार का हम लोग कोई एक्सट्रा बिल नहीं लेते हैं, बस ड्रायबर का चार्ज और पैट्रोल का जो खर्चा होता है वही अपने कस्टमर से लेते हैं।

निशा- यह तो अच्छी बात है। अच्छा मेरे कपडों का क्या हुआ

रघु- बो आज लाऊँड्री से आ जाऐंगे

निशा- ठीक है तो अभी तुम जाओ मेरी एक दोस्त मुझसे मिलने आने बाली है। मैं शाम को तुम्हें कॉल कर दूँगी। तुम कार लेकर आ जाना।

मेरी बात सुनकर रघु वहाँ से चला गया।


कहानी जारी है ....
Nice update....
 

sunoanuj

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हमारे पैग तैयार होने के बाद सभी लोगो ने एक दूसरे को चियर्स बोला और ड्रिंक करने लगे। मैं तो पहले ही काफी पी चुकी थी इसलिए आराम से धीरे धीरे शिप कर रही थी। पर वो लोग तो काफी देर से अपना मूढ बनाकर हरीश अंकल के जाने का इंतजार कर रहे थे। इसलिए एक बार में ही उन तीनों ने अपने अपने गिलास खाली कर दिऐ। जिसके बाद वे तीनों एक के बाद एक करीब 3-4 पैग पी गए। जिस कारण उन्हें पर्याप्त नशा हो गया था। जैसे ही मेरा पैग खत्म हुआ तो मैं सोने के लिए कमरे में बापिस चली गई।

मेरी यूनीफार्म एकदम टाईट फिटिंग की होने के कारण उसे पहनकर सोना बिल्कुल भी कंफर्टेबल नहीं था। जिस कारण मैंने अपनी यूनिफार्म उतार दी और मात्र कैमिसोल और पेंटी मैं ही विस्तर पर लेट गई और कंबल ओढ कर सोने की कोशिश करने लगी। पर इस सब में मुझसे एक गलती हो गई थी, असल में मैं रूम को अंदर से लॉक करना भूल गई थी। जिस कारण मेरे लेटते के कुछ देर बाद वो सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरे पास बैठ गया और मुझसे बोला

सब इंसपेक्टर- मैडम बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ

निशा- हूँ

सब इंसपेक्टर- रात का 1 बज रहा है। अपने होटल जाकर क्या करोगी। बैसे भी काफी रात बाकी है

निशा- तो

सब इंसपेक्टर- मेरा मतलब है कि हमें भी मौका दो आपको खुश करने का

उसकी बातों का मतलब मैं अच्छी तरह से समझ रही थी और वो नशे की हालत में भी था। मैंने सोचा कि अगर मना किया तो पता नहीं ऐ मुझसे जबरदस्ती ना करने लगे। जिस कारण मैंने उसके साथ मजे करने का फैसला कर लिया। पर मैं फ्री में उसे यह मौका नहीं देना चाहती थी। इसलिए मैं बोली

निशा- मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा कि तुम क्या कहना चाहते हो

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम हम जानते हैं कि आप कोई पुलिस बगैरह तो हो नहीं। यहाँ पर तो केवल सहाब का विस्तर गर्म करने आई हो। अब साहब अपना काम करके चले गये हैं। तो क्यों ना मौके का फायदा उठाकर हम भी थोडा मजा ले लें। आप चिंता मत करो हम पेमेंट कर देंगे आपको

निशा- तुम्हें मेरी रेट पता है

सब इंसपेक्टर- सहाब ने बुलाया है तो 2-3 हजार बाली तो होगी नहीं, इसलिए आप ही बोल दो

निशा- मैं एक राऊंड का 50 हजार लेती हूँ

मेरी बात सुनकर वो सब इंस्पेक्टर अपना सर पकडते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- अरे बाप रे यह तो बहुत ज्यादा है। इतना तो हमारे एक महिने की सैलरी होती है। कुछ एडजस्ट कर लो… हम पूरे 5 आदमी हैं, बैसे भी सहाब से तो अच्छा खासा कमा ही लिया होगा। हमारी फीस को बोनस समझ लेना

निशा- अच्छा तो तुम्हीं बता दो कितना दोगे

सब इंसपेक्टर- हम सभी का मिलाकर 50 हजार ले लेना

निशा- एक काम करो जाकर थोडी सी ड्रिंक और कर लो। जिससे तुम्हें जल्दी नींद आ जाऐगी। क्यों फालतू में पैसे खर्च कर रहे हो।

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम आप तो नाराज हो गई। समझो जरा हम छोटे मोटे लोग हैं। सहाब के फार्म हाऊस पर ड्यूटी करते हैं। एक्सट्रा इंकम तो होती नहीं है हमारी। और फिर घऱ भी चलाना पडता है।

उस सब इंस्पेक्टर की बात सुनकर मैंने थोडा सोचते हुए कहा

निशा- चलो ठीक है… सबका मिलाकर पूरे 1 लाख दे देना

सब इंसपेक्टर- मैडम यह भी बहुत ज्यादा हैं

निशा- देखो सर ने पहले ही मेरी बुरी तरह से बैंड बजा दी है। जिस कारण मैं बहुत थक गई हूँ और नींद भी आ रही है। अगर तुम मुझे ज्यादा परेशान करोगे तो मैं उनसे तुम्हारी शिकायत कर दूँगी।

सब इंसपेक्टर- ओह सॉरी सॉरी मैम मैं जाता हूँ। आप आराम से सो जाओ

इतना बोलकर वो वहाँ से जाने लगा पर तभी अचानक से मेरे पास बापिस आकर वोला

सब इंसपेक्टर- अच्छा मैं क्या बोल रहा था मैडम कि अगर हम पूरे 1 लाख दें तो क्या फिर हम दो दो राउँड लगा सकते हैं

उसकी बात सुनकर मैंने सोचा की ऐ सभी लोग पहले से ही काफी नशे में हैं। ज्यादा देर टिकेंगे भी नहीं और दूसरा राऊँड लगाने की स्थिती में भी नहीं रहेगे। तो इससे अच्छा है कि हाँ बोल देती हूँ। अभी तो काफी रात बाकी है। बैसे भी मैं यहाँ भोपाल में मजे लेने के लिए ही तो रूकी हूँ और फिर पास आते पैसों को ठुकराना भी ठीक नहीं है। इसलिए मैंने कहा

निशा- हाँ ठीक है कर लेना

मेरी बात सुनकर वो खुश होकर बोला

सब इंसपेक्टर- एक मिनट मैम आप सोना मत मैं बस एक बार सबसे बात करते आपको बताता हूँ

इतना बोलकर वो लडखडाते कदमों से बाहर निकल गया। करीब 10 मिनट बाद बो फिर से बापिस आया और एक प्लास्टिक थैली में मुझे पैसे देते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- ये लो मैडम आपकी फीस। अब तो हम कर सकते हैं ना

मैंने उस सब इंसपेक्टर से पैसों बाली थैली ले ली। मैने उसे खोलकर देखा तो उसमें 500 और 2000 के नोट रखे हुए थे। साफ साफ समझ में आ रहा था कि ये सब इंसपेक्टर सभी से पैसे कलेक्ट करके लाया है। इसलिए मैने उन्हें गिनने की भी कोशिश नहीं की और उस थैली को बंद करके अपन कपडों के पास रख दिया। उसके बाद उस सब इंसपेक्टर को अपने ऊपर खिंच लिया। मेरे ऊपर आते ही वो सब इंसपेक्टर मुझ पर भूखे भेडिए की तरह टूट पडा और मुझे किस करने लगा।

मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। कुछ देर मुझे किस करने के बाद उसने अपने सारे कपडे निकाल दिए और कंबल हटाकर मेरे भी बाकी कपडे निकाल दिए और मुझे चूमने और सहलाने लगा। मैं भी तो यहाँ भोपाल में पूरे 1 महीने तक जी भरकर चुदाई करवाने के लिए ही रुकी हुई थी। इसलिए मैं भी उसका पूरा साथ देकर मजे ले रही थी। कुछ देर मुझे चूमने और सहलाने के बाद ही उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी, मैं भी पूरे मजे लेकर अपनी चुदाई करवा रही थी और उसे भी पूरा मजा दे रही थी। करीब आधा घण्टे की चुदाई के बाद उसने अपना पानी छोड दिया और मुझसे अलग होकर बाहर निकल गया।

उस सब इंस्पेक्टर के जाते ही एक सिपाही अंदर आया और जल्दी से अपने कपडे उतार कर मेरे ऊपर चड गया। उस सिपाही ने तो फोरप्ले भी नहीं किया सीधा अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा। मुझे लगा की यह बाहर इंतजार करते करते ही काफी ज्यादा एक्साईटेड हो गया होगा। इसलिए उसने फोरप्ले में समय खराब करने से अच्छा डायरेक्त चुदाई करना ही ठीक समझा। उसके हटते ही दूसरा सिपाही अंदर आया और मुझे कुतिया बनने का इसारा किया। इसलिए मैं भी चुप चाप कुतिया बन कर खडी हो गई। इससे पहले मैं कुछ समझ पाती उसने मेरी गाँड में अपना लण्ड घुसाकर मेरी गाँड मारनी शूरू कर दी।

तो मैं भी मजे लेकर अपनी गाँड मरवाने लगी। जैसे ही यह सिपाही गया तो एक साथ दो सिपाही अंदर आ गए। एक ने पीछे से मेरी गाँड मारनी शुरू कर दी और दूसरा मेरे मूँह में लण्ड देकर मजे से अपना लण्ड चुसवाने लगा। उन दोनों के जाने के बाद फिर से सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरी गाँड मारने लगा था। हालाँकि मैंने इसकी उम्मीद तो नहीं की थी, पर मैं पहले ही दूसरे राउंड के लिए भी हाँ बोल चुकी थी। इसलिए मैं उसे मना भी नहीं कर सकती थी। इस तरह उन सभी ने दूसरी बार भी मेरे साथ जमकर चुदाई की। सभी के फ्री होते होते सुबह के 6 बज चुके थे। इसलिए चुदाई खत्म होते ही मैं फ्रेस होने बाथरूम में घुस गई।

करीब 7 बजे मैं पुलिस बैन से अपने होटल के बाहर उतरी और सीधे अपने रूम मैं जाकर कपडे चेंज करके कंबल ओड कर सो गई। आज मैं कुछ ज्यादा ही थक गई थी और रात में ड्रिंक भी ज्यादा कर ली थी। इस कारण मैं दोपहर 2 बजे तक सोती रही। जब मैं जागी तो सबसे पहले मैंने अपना मोबाईल चैक किया तो उसमें गगन, श्रेया और रवि के मिस कॉल डले हुए थे। मैंने सबसे पहले श्रेया को कॉल किया और उससे बातें करने लगी। श्रेया ने आज अपने दोस्तों के साथ मिलकर गगन को परेशान करने के लिए जो प्लान बनाया था उसके बारे में वो मुझे बता रही थी।

सारी बात बताने के बाद उसने मुझसे मिलने के लिए कहा तो मैं भी तुरंत तैयार हो गई। और उसे अपने होटल पर आने के लिए बोल दिया। फिर मैंने गगन को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था। पर मैं पहले ही श्रेया को हाँ बोल चुकी थी। तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया कि क्यों ना गगन से मिलने के बहाने इसके घर जाकर कुछ छानबीन की जाऐ और इसे थोडा डराया जाये। इसलिए मैंने उसे रात में मिलने के लिए हाँ बोल दिया। गगन का फोन कट करने के बाद जब मैंने रवि को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था।

लेकिन मैं पहले से ही श्रेया और गगन से मिलने का अपना प्लान बना चुकी थी। इसलिए मैंने उससे मिलने से मना कर दिया, बैसे भी मैं खुद भी फिलहाल उससे मिलना नहीं चाहती थी। मेरे मना करने पर वो काफी निराश हुआ पर मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती थी। मैं चाहती थी कि उसे अपनी गलती का एहसास हो ताकि दोवारा वो कोई गलती ना करे। बैसे भी मेरा उसके साथ कोई अफेयर करने का इरादा तो था नहीं। अगर हम बार बार यूँ ही मिलते रहे तो बाद में रवि को मुझसे दूर होने में प्राब्लम होगी। इससे अच्छा तो यही था कि मैं अभी से उससे दूरी बना कर चलूँ।

आज पूरा दिन मेरा श्रेया के साथ घूमने फिरने का इरादा था। इसलिए उसके आने से पहले मैंने अपने लिए एक कॉफी आर्डर कर दी और गगन का फोन हैक करके चैक करने लगी। जैसा की मैंने सोचा था उसने दूसरी बार भी वो हॉरर बीडियो डिलीट कर दिया था। इसलिए मैंने उसके मोबाईल से सारा डेटा परमानेंट डिलीट करके फिर से वो हॉरर बीडियो उसके मोबाईल में डाल दी। तब तक मेरी कॉफी भी आ गई थी। कॉफी हमेशा की तरह रघु ही लाया था। लेकिन इस बार वो मुझसे नजरे चुरा रहा था। तो मैंने कॉफी का सिप लेते हुए उससे पूछा

निशा- क्या हुआ रघु कोई प्राब्लम है क्या, तुमने आज एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा

मेरी बात सुनकर रघु थोडा हडबडाते हुए बोला

रघु- सॉरी मैडम मुझे नहीं पता था कि आप पुलिस इंस्पेक्टर हैं। वर्ना मैं ऐसी बैसी कोई हरकत नहीं करता

रघु की बात सुनकर मुझे याद आया कि मैं कल अपने होटल रूम से पुलिस यूनिफार्म में गई थी और सुबह बापिस भी उसी यूनिफार्म में आई थी। जिस कारण शायद होटल स्टॉफ मुझे पुलिस इंस्पेक्टर समझ रहा है। मैंने सोचा चलो अच्छा ही है। बैसे भी सारी रात मैं होटल से बाहर रहती हूँ तो ये होटल बाले पता नहीं मेरे बारे में क्या क्या सोचते होंगे। इसलिए हो सकता है कि अब शायद उन्हें लगे कि मैं अपनी पुलिस ड्यूटी पर जाती हूँ और ये लोग मुझे पुलिस ऑफिसर समझ कर मुझे थोडा ज्यादा मुझे रिस्पॉंन्स देना शुरू कर दे। इसलिए मैं बोली

निशा- हाँ तो क्या हुआ... क्या पुलिस ऑफिसर इंसान नहीं होते... या फिर पुलिस बालों के दिल नहीं होता। देखो रघु अगर मुझे तुम्हारी हरकतों से कोई प्राब्लम होती तो तुम्हें लगता है कि तुम यहाँ होते। अब तक जेल में डण्डे खा रहे होते। अरे यार मैंने तुमसे कहा तो था कि मैं तुम्हें पसंद करती हूँ। तुम कितने ज्यादा हैंडसम हो यार। इसीलिए तो मैंने खुद तुम्हें अपनी मर्जी से ब्लोजॉब दिया था। भूल गए क्या

रघु- पर आप पुलिस ऑफिसर हैं और मैं मामूली सा होटल स्टॉफ, मैं और आप एक साथ कैसे हो सकते हैं।

निशा- कैसे क्या… फिलहाल हम अपनी दोस्ती को सीक्रेट रखेंगे। बाद में देखेंगे क्या हो सकता है। हाँ यह बात अलग है कि मैं खुबसुरत नहीं हूँ या तुम्हें कोई दूसरी लडकी पसंद है। अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूँगी

मेरी बात सुनकर रघु तुरंत बोला

रघु- अरे मैंम आप ये क्या कह रहीं हैं। आप तो बहुत ज्यादा खूबसूरत हैं और मुझे आपके अलावा कोई दूसरी लड़की भी पसंद नहीं है।

निशा- तो फिर मुझसे दूर क्यों खडे हो, मेरे पास आयो ना। मुझे तुम्हें किस करने का मन कर रहा है।

मेरी बात सुनकर रघु डरते हुए मेरे पास आया। तब तक मेरी कॉफी भी खत्म हो चुकी थी। इसलिए मैंने खडे होकर उसको किस करना शुरू कर दिया। तो बो भी मेरा साथ देने लगा। कुछ देर किस करने के बाद मैंने कहा

निशा- अच्छा रघु होटल में किस किस को पता है कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ

मेरी बात सुनकर रघु सोचते हुए बोला

रघु- सबको पता चल गया है

निशा- ओह सिट यार... कल मुझे अर्जेंट मीटिंग के लिए जाना था, इसलिए यूनिफार्म में ही चली गई।

रघु- पर हुआ क्या….. आप इतनी टेंशन में क्यों हैं

निशा- अरे यार रघु मैं यहाँ एक सीक्रेट ऑपरेशन पूरा करने के लिए आई थी। मतलब मैं एक अंडर कबर पुलिस ऑफिसर हूँ। इसलिए तुम्हें मेरा एक काम करना होगा

रघु- क्या

निशा- स्टॉफ में सबको समझा देना कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ यह बात वो भूलकर भी किसी को ना बताऐं। वर्ना अगर मेरा ऑपरेशन फेल हो गया तो यहाँ भोपाल में आतंकवादी हमला भी हो सकता है। तुम समझ रहे हो ना मेरी बात

मेरी बात सुनकर रघु काफी ज्यादा डर गया था, इसलिए वो बोला

रघु- ज जी मैम मैं समझ गया... मैं सबको अच्छी तरह समझा दूँगा

निशा- अच्छा तुम्हारी ड्यूटी कब खत्म होती है

रघु- ज जी शाम को 7 बजे ड्यूटी खत्म हो जाती है। उसके बाद मैं यहीँ होटल में अपने रूम में आराम करता हूँ।

निशा- मतलब अगर मुझे रात में कभी कहीं जाने के लिए तुम्हारे हेल्प चाहिए हो, तो तुम मेरे साथ जा सकते हो ना।

रघु- हाँ हाँ मैम जा सकते हैं। मेरी खुद की बाईक यहाँ रखी हुई है, हम उससे कहीं भी जा सकते हैं। या आप कहें तो होटल बाले अपने गैस्ट के लिए कार सर्विस भी देते हैं। हम होटल की किसी कार को अपने साथ ले जा सकते हैं।

रघु की बात सुनकर मैं मुस्कुराते हुए बोली

निशा- यह तो अच्छी बात है। एक काम करते हैं आज रात ही मुझे एक जरूरी मिशन को पूरा करना है। इसलिए आज रात में तुम मेरी बताई जगह पर कार लेकर आ जाना। बैसे तुम्हें कार चलाना तो आता है ना।

रघु- ज जी मैम सहाब

रघु की बात सुनकर मैं उससे थोडा चिढते हुए बोली

निशा- अरे यार कितनी बार कहा है कि तुम मुझे मैम सहाब मत कहा करो, मेरा नाम सपना है।

रघु- ज जी सपना जी

निशा- हुम्म….. ये ठीक है। हाँ तो मैं कह रही थी कि तुम खुद ही कार लेकर आ जाना। ड्रायबर को अपने साथ लाने की कोई जरूरत नहीं है और हाँ यह बात टॉप सीक्रेट है। स्टॉफ में भी किसी को पता नहीं चलना चाहिए। अगर कोई पूछे तो बोल देना मुझे अपने किसी रिलेटिव से मिलने भोपाल से बाहर जाना है और हाँ कार का जो भी रेंट हो वो मेरे बिल में एड करवा देना।

रघु- ज जी सपना जी। बैसे कार का हम लोग कोई एक्सट्रा बिल नहीं लेते हैं, बस ड्रायबर का चार्ज और पैट्रोल का जो खर्चा होता है वही अपने कस्टमर से लेते हैं।

निशा- यह तो अच्छी बात है। अच्छा मेरे कपडों का क्या हुआ

रघु- बो आज लाऊँड्री से आ जाऐंगे

निशा- ठीक है तो अभी तुम जाओ मेरी एक दोस्त मुझसे मिलने आने बाली है। मैं शाम को तुम्हें कॉल कर दूँगी। तुम कार लेकर आ जाना।

मेरी बात सुनकर रघु वहाँ से चला गया।


कहानी जारी है ....

बहुत ही बढ़िया जा रही है कहानी !
 
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dhparikh

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Update 027 -

हमारे पैग तैयार होने के बाद सभी लोगो ने एक दूसरे को चियर्स बोला और ड्रिंक करने लगे। मैं तो पहले ही काफी पी चुकी थी इसलिए आराम से धीरे धीरे शिप कर रही थी। पर वो लोग तो काफी देर से अपना मूढ बनाकर हरीश अंकल के जाने का इंतजार कर रहे थे। इसलिए एक बार में ही उन तीनों ने अपने अपने गिलास खाली कर दिऐ। जिसके बाद वे तीनों एक के बाद एक करीब 3-4 पैग पी गए। जिस कारण उन्हें पर्याप्त नशा हो गया था। जैसे ही मेरा पैग खत्म हुआ तो मैं सोने के लिए कमरे में बापिस चली गई।

मेरी यूनीफार्म एकदम टाईट फिटिंग की होने के कारण उसे पहनकर सोना बिल्कुल भी कंफर्टेबल नहीं था। जिस कारण मैंने अपनी यूनिफार्म उतार दी और मात्र कैमिसोल और पेंटी मैं ही विस्तर पर लेट गई और कंबल ओढ कर सोने की कोशिश करने लगी। पर इस सब में मुझसे एक गलती हो गई थी, असल में मैं रूम को अंदर से लॉक करना भूल गई थी। जिस कारण मेरे लेटते के कुछ देर बाद वो सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरे पास बैठ गया और मुझसे बोला

सब इंसपेक्टर- मैडम बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ

निशा- हूँ

सब इंसपेक्टर- रात का 1 बज रहा है। अपने होटल जाकर क्या करोगी। बैसे भी काफी रात बाकी है

निशा- तो

सब इंसपेक्टर- मेरा मतलब है कि हमें भी मौका दो आपको खुश करने का

उसकी बातों का मतलब मैं अच्छी तरह से समझ रही थी और वो नशे की हालत में भी था। मैंने सोचा कि अगर मना किया तो पता नहीं ऐ मुझसे जबरदस्ती ना करने लगे। जिस कारण मैंने उसके साथ मजे करने का फैसला कर लिया। पर मैं फ्री में उसे यह मौका नहीं देना चाहती थी। इसलिए मैं बोली

निशा- मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा कि तुम क्या कहना चाहते हो

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम हम जानते हैं कि आप कोई पुलिस बगैरह तो हो नहीं। यहाँ पर तो केवल सहाब का विस्तर गर्म करने आई हो। अब साहब अपना काम करके चले गये हैं। तो क्यों ना मौके का फायदा उठाकर हम भी थोडा मजा ले लें। आप चिंता मत करो हम पेमेंट कर देंगे आपको

निशा- तुम्हें मेरी रेट पता है

सब इंसपेक्टर- सहाब ने बुलाया है तो 2-3 हजार बाली तो होगी नहीं, इसलिए आप ही बोल दो

निशा- मैं एक राऊंड का 50 हजार लेती हूँ

मेरी बात सुनकर वो सब इंस्पेक्टर अपना सर पकडते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- अरे बाप रे यह तो बहुत ज्यादा है। इतना तो हमारे एक महिने की सैलरी होती है। कुछ एडजस्ट कर लो… हम पूरे 5 आदमी हैं, बैसे भी सहाब से तो अच्छा खासा कमा ही लिया होगा। हमारी फीस को बोनस समझ लेना

निशा- अच्छा तो तुम्हीं बता दो कितना दोगे

सब इंसपेक्टर- हम सभी का मिलाकर 50 हजार ले लेना

निशा- एक काम करो जाकर थोडी सी ड्रिंक और कर लो। जिससे तुम्हें जल्दी नींद आ जाऐगी। क्यों फालतू में पैसे खर्च कर रहे हो।

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम आप तो नाराज हो गई। समझो जरा हम छोटे मोटे लोग हैं। सहाब के फार्म हाऊस पर ड्यूटी करते हैं। एक्सट्रा इंकम तो होती नहीं है हमारी। और फिर घऱ भी चलाना पडता है।

उस सब इंस्पेक्टर की बात सुनकर मैंने थोडा सोचते हुए कहा

निशा- चलो ठीक है… सबका मिलाकर पूरे 1 लाख दे देना

सब इंसपेक्टर- मैडम यह भी बहुत ज्यादा हैं

निशा- देखो सर ने पहले ही मेरी बुरी तरह से बैंड बजा दी है। जिस कारण मैं बहुत थक गई हूँ और नींद भी आ रही है। अगर तुम मुझे ज्यादा परेशान करोगे तो मैं उनसे तुम्हारी शिकायत कर दूँगी।

सब इंसपेक्टर- ओह सॉरी सॉरी मैम मैं जाता हूँ। आप आराम से सो जाओ

इतना बोलकर वो वहाँ से जाने लगा पर तभी अचानक से मेरे पास बापिस आकर वोला

सब इंसपेक्टर- अच्छा मैं क्या बोल रहा था मैडम कि अगर हम पूरे 1 लाख दें तो क्या फिर हम दो दो राउँड लगा सकते हैं

उसकी बात सुनकर मैंने सोचा की ऐ सभी लोग पहले से ही काफी नशे में हैं। ज्यादा देर टिकेंगे भी नहीं और दूसरा राऊँड लगाने की स्थिती में भी नहीं रहेगे। तो इससे अच्छा है कि हाँ बोल देती हूँ। अभी तो काफी रात बाकी है। बैसे भी मैं यहाँ भोपाल में मजे लेने के लिए ही तो रूकी हूँ और फिर पास आते पैसों को ठुकराना भी ठीक नहीं है। इसलिए मैंने कहा

निशा- हाँ ठीक है कर लेना

मेरी बात सुनकर वो खुश होकर बोला

सब इंसपेक्टर- एक मिनट मैम आप सोना मत मैं बस एक बार सबसे बात करते आपको बताता हूँ

इतना बोलकर वो लडखडाते कदमों से बाहर निकल गया। करीब 10 मिनट बाद बो फिर से बापिस आया और एक प्लास्टिक थैली में मुझे पैसे देते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- ये लो मैडम आपकी फीस। अब तो हम कर सकते हैं ना

मैंने उस सब इंसपेक्टर से पैसों बाली थैली ले ली। मैने उसे खोलकर देखा तो उसमें 500 और 2000 के नोट रखे हुए थे। साफ साफ समझ में आ रहा था कि ये सब इंसपेक्टर सभी से पैसे कलेक्ट करके लाया है। इसलिए मैने उन्हें गिनने की भी कोशिश नहीं की और उस थैली को बंद करके अपन कपडों के पास रख दिया। उसके बाद उस सब इंसपेक्टर को अपने ऊपर खिंच लिया। मेरे ऊपर आते ही वो सब इंसपेक्टर मुझ पर भूखे भेडिए की तरह टूट पडा और मुझे किस करने लगा।

मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। कुछ देर मुझे किस करने के बाद उसने अपने सारे कपडे निकाल दिए और कंबल हटाकर मेरे भी बाकी कपडे निकाल दिए और मुझे चूमने और सहलाने लगा। मैं भी तो यहाँ भोपाल में पूरे 1 महीने तक जी भरकर चुदाई करवाने के लिए ही रुकी हुई थी। इसलिए मैं भी उसका पूरा साथ देकर मजे ले रही थी। कुछ देर मुझे चूमने और सहलाने के बाद ही उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी, मैं भी पूरे मजे लेकर अपनी चुदाई करवा रही थी और उसे भी पूरा मजा दे रही थी। करीब आधा घण्टे की चुदाई के बाद उसने अपना पानी छोड दिया और मुझसे अलग होकर बाहर निकल गया।

उस सब इंस्पेक्टर के जाते ही एक सिपाही अंदर आया और जल्दी से अपने कपडे उतार कर मेरे ऊपर चड गया। उस सिपाही ने तो फोरप्ले भी नहीं किया सीधा अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा। मुझे लगा की यह बाहर इंतजार करते करते ही काफी ज्यादा एक्साईटेड हो गया होगा। इसलिए उसने फोरप्ले में समय खराब करने से अच्छा डायरेक्त चुदाई करना ही ठीक समझा। उसके हटते ही दूसरा सिपाही अंदर आया और मुझे कुतिया बनने का इसारा किया। इसलिए मैं भी चुप चाप कुतिया बन कर खडी हो गई। इससे पहले मैं कुछ समझ पाती उसने मेरी गाँड में अपना लण्ड घुसाकर मेरी गाँड मारनी शूरू कर दी।

तो मैं भी मजे लेकर अपनी गाँड मरवाने लगी। जैसे ही यह सिपाही गया तो एक साथ दो सिपाही अंदर आ गए। एक ने पीछे से मेरी गाँड मारनी शुरू कर दी और दूसरा मेरे मूँह में लण्ड देकर मजे से अपना लण्ड चुसवाने लगा। उन दोनों के जाने के बाद फिर से सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरी गाँड मारने लगा था। हालाँकि मैंने इसकी उम्मीद तो नहीं की थी, पर मैं पहले ही दूसरे राउंड के लिए भी हाँ बोल चुकी थी। इसलिए मैं उसे मना भी नहीं कर सकती थी। इस तरह उन सभी ने दूसरी बार भी मेरे साथ जमकर चुदाई की। सभी के फ्री होते होते सुबह के 6 बज चुके थे। इसलिए चुदाई खत्म होते ही मैं फ्रेस होने बाथरूम में घुस गई।

करीब 7 बजे मैं पुलिस बैन से अपने होटल के बाहर उतरी और सीधे अपने रूम मैं जाकर कपडे चेंज करके कंबल ओड कर सो गई। आज मैं कुछ ज्यादा ही थक गई थी और रात में ड्रिंक भी ज्यादा कर ली थी। इस कारण मैं दोपहर 2 बजे तक सोती रही। जब मैं जागी तो सबसे पहले मैंने अपना मोबाईल चैक किया तो उसमें गगन, श्रेया और रवि के मिस कॉल डले हुए थे। मैंने सबसे पहले श्रेया को कॉल किया और उससे बातें करने लगी। श्रेया ने आज अपने दोस्तों के साथ मिलकर गगन को परेशान करने के लिए जो प्लान बनाया था उसके बारे में वो मुझे बता रही थी।

सारी बात बताने के बाद उसने मुझसे मिलने के लिए कहा तो मैं भी तुरंत तैयार हो गई। और उसे अपने होटल पर आने के लिए बोल दिया। फिर मैंने गगन को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था। पर मैं पहले ही श्रेया को हाँ बोल चुकी थी। तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया कि क्यों ना गगन से मिलने के बहाने इसके घर जाकर कुछ छानबीन की जाऐ और इसे थोडा डराया जाये। इसलिए मैंने उसे रात में मिलने के लिए हाँ बोल दिया। गगन का फोन कट करने के बाद जब मैंने रवि को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था।

लेकिन मैं पहले से ही श्रेया और गगन से मिलने का अपना प्लान बना चुकी थी। इसलिए मैंने उससे मिलने से मना कर दिया, बैसे भी मैं खुद भी फिलहाल उससे मिलना नहीं चाहती थी। मेरे मना करने पर वो काफी निराश हुआ पर मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती थी। मैं चाहती थी कि उसे अपनी गलती का एहसास हो ताकि दोवारा वो कोई गलती ना करे। बैसे भी मेरा उसके साथ कोई अफेयर करने का इरादा तो था नहीं। अगर हम बार बार यूँ ही मिलते रहे तो बाद में रवि को मुझसे दूर होने में प्राब्लम होगी। इससे अच्छा तो यही था कि मैं अभी से उससे दूरी बना कर चलूँ।

आज पूरा दिन मेरा श्रेया के साथ घूमने फिरने का इरादा था। इसलिए उसके आने से पहले मैंने अपने लिए एक कॉफी आर्डर कर दी और गगन का फोन हैक करके चैक करने लगी। जैसा की मैंने सोचा था उसने दूसरी बार भी वो हॉरर बीडियो डिलीट कर दिया था। इसलिए मैंने उसके मोबाईल से सारा डेटा परमानेंट डिलीट करके फिर से वो हॉरर बीडियो उसके मोबाईल में डाल दी। तब तक मेरी कॉफी भी आ गई थी। कॉफी हमेशा की तरह रघु ही लाया था। लेकिन इस बार वो मुझसे नजरे चुरा रहा था। तो मैंने कॉफी का सिप लेते हुए उससे पूछा

निशा- क्या हुआ रघु कोई प्राब्लम है क्या, तुमने आज एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा

मेरी बात सुनकर रघु थोडा हडबडाते हुए बोला

रघु- सॉरी मैडम मुझे नहीं पता था कि आप पुलिस इंस्पेक्टर हैं। वर्ना मैं ऐसी बैसी कोई हरकत नहीं करता

रघु की बात सुनकर मुझे याद आया कि मैं कल अपने होटल रूम से पुलिस यूनिफार्म में गई थी और सुबह बापिस भी उसी यूनिफार्म में आई थी। जिस कारण शायद होटल स्टॉफ मुझे पुलिस इंस्पेक्टर समझ रहा है। मैंने सोचा चलो अच्छा ही है। बैसे भी सारी रात मैं होटल से बाहर रहती हूँ तो ये होटल बाले पता नहीं मेरे बारे में क्या क्या सोचते होंगे। इसलिए हो सकता है कि अब शायद उन्हें लगे कि मैं अपनी पुलिस ड्यूटी पर जाती हूँ और ये लोग मुझे पुलिस ऑफिसर समझ कर मुझे थोडा ज्यादा मुझे रिस्पॉंन्स देना शुरू कर दे। इसलिए मैं बोली

निशा- हाँ तो क्या हुआ... क्या पुलिस ऑफिसर इंसान नहीं होते... या फिर पुलिस बालों के दिल नहीं होता। देखो रघु अगर मुझे तुम्हारी हरकतों से कोई प्राब्लम होती तो तुम्हें लगता है कि तुम यहाँ होते। अब तक जेल में डण्डे खा रहे होते। अरे यार मैंने तुमसे कहा तो था कि मैं तुम्हें पसंद करती हूँ। तुम कितने ज्यादा हैंडसम हो यार। इसीलिए तो मैंने खुद तुम्हें अपनी मर्जी से ब्लोजॉब दिया था। भूल गए क्या

रघु- पर आप पुलिस ऑफिसर हैं और मैं मामूली सा होटल स्टॉफ, मैं और आप एक साथ कैसे हो सकते हैं।

निशा- कैसे क्या… फिलहाल हम अपनी दोस्ती को सीक्रेट रखेंगे। बाद में देखेंगे क्या हो सकता है। हाँ यह बात अलग है कि मैं खुबसुरत नहीं हूँ या तुम्हें कोई दूसरी लडकी पसंद है। अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूँगी

मेरी बात सुनकर रघु तुरंत बोला

रघु- अरे मैंम आप ये क्या कह रहीं हैं। आप तो बहुत ज्यादा खूबसूरत हैं और मुझे आपके अलावा कोई दूसरी लड़की भी पसंद नहीं है।

निशा- तो फिर मुझसे दूर क्यों खडे हो, मेरे पास आयो ना। मुझे तुम्हें किस करने का मन कर रहा है।

मेरी बात सुनकर रघु डरते हुए मेरे पास आया। तब तक मेरी कॉफी भी खत्म हो चुकी थी। इसलिए मैंने खडे होकर उसको किस करना शुरू कर दिया। तो बो भी मेरा साथ देने लगा। कुछ देर किस करने के बाद मैंने कहा

निशा- अच्छा रघु होटल में किस किस को पता है कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ

मेरी बात सुनकर रघु सोचते हुए बोला

रघु- सबको पता चल गया है

निशा- ओह सिट यार... कल मुझे अर्जेंट मीटिंग के लिए जाना था, इसलिए यूनिफार्म में ही चली गई।

रघु- पर हुआ क्या….. आप इतनी टेंशन में क्यों हैं

निशा- अरे यार रघु मैं यहाँ एक सीक्रेट ऑपरेशन पूरा करने के लिए आई थी। मतलब मैं एक अंडर कबर पुलिस ऑफिसर हूँ। इसलिए तुम्हें मेरा एक काम करना होगा

रघु- क्या

निशा- स्टॉफ में सबको समझा देना कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ यह बात वो भूलकर भी किसी को ना बताऐं। वर्ना अगर मेरा ऑपरेशन फेल हो गया तो यहाँ भोपाल में आतंकवादी हमला भी हो सकता है। तुम समझ रहे हो ना मेरी बात

मेरी बात सुनकर रघु काफी ज्यादा डर गया था, इसलिए वो बोला

रघु- ज जी मैम मैं समझ गया... मैं सबको अच्छी तरह समझा दूँगा

निशा- अच्छा तुम्हारी ड्यूटी कब खत्म होती है

रघु- ज जी शाम को 7 बजे ड्यूटी खत्म हो जाती है। उसके बाद मैं यहीँ होटल में अपने रूम में आराम करता हूँ।

निशा- मतलब अगर मुझे रात में कभी कहीं जाने के लिए तुम्हारे हेल्प चाहिए हो, तो तुम मेरे साथ जा सकते हो ना।

रघु- हाँ हाँ मैम जा सकते हैं। मेरी खुद की बाईक यहाँ रखी हुई है, हम उससे कहीं भी जा सकते हैं। या आप कहें तो होटल बाले अपने गैस्ट के लिए कार सर्विस भी देते हैं। हम होटल की किसी कार को अपने साथ ले जा सकते हैं।

रघु की बात सुनकर मैं मुस्कुराते हुए बोली

निशा- यह तो अच्छी बात है। एक काम करते हैं आज रात ही मुझे एक जरूरी मिशन को पूरा करना है। इसलिए आज रात में तुम मेरी बताई जगह पर कार लेकर आ जाना। बैसे तुम्हें कार चलाना तो आता है ना।

रघु- ज जी मैम सहाब

रघु की बात सुनकर मैं उससे थोडा चिढते हुए बोली

निशा- अरे यार कितनी बार कहा है कि तुम मुझे मैम सहाब मत कहा करो, मेरा नाम सपना है।

रघु- ज जी सपना जी

निशा- हुम्म….. ये ठीक है। हाँ तो मैं कह रही थी कि तुम खुद ही कार लेकर आ जाना। ड्रायबर को अपने साथ लाने की कोई जरूरत नहीं है और हाँ यह बात टॉप सीक्रेट है। स्टॉफ में भी किसी को पता नहीं चलना चाहिए। अगर कोई पूछे तो बोल देना मुझे अपने किसी रिलेटिव से मिलने भोपाल से बाहर जाना है और हाँ कार का जो भी रेंट हो वो मेरे बिल में एड करवा देना।

रघु- ज जी सपना जी। बैसे कार का हम लोग कोई एक्सट्रा बिल नहीं लेते हैं, बस ड्रायबर का चार्ज और पैट्रोल का जो खर्चा होता है वही अपने कस्टमर से लेते हैं।

निशा- यह तो अच्छी बात है। अच्छा मेरे कपडों का क्या हुआ

रघु- बो आज लाऊँड्री से आ जाऐंगे

निशा- ठीक है तो अभी तुम जाओ मेरी एक दोस्त मुझसे मिलने आने बाली है। मैं शाम को तुम्हें कॉल कर दूँगी। तुम कार लेकर आ जाना।

मेरी बात सुनकर रघु वहाँ से चला गया।


कहानी जारी है ....
Nice update....
 

parkas

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Update 027 -

हमारे पैग तैयार होने के बाद सभी लोगो ने एक दूसरे को चियर्स बोला और ड्रिंक करने लगे। मैं तो पहले ही काफी पी चुकी थी इसलिए आराम से धीरे धीरे शिप कर रही थी। पर वो लोग तो काफी देर से अपना मूढ बनाकर हरीश अंकल के जाने का इंतजार कर रहे थे। इसलिए एक बार में ही उन तीनों ने अपने अपने गिलास खाली कर दिऐ। जिसके बाद वे तीनों एक के बाद एक करीब 3-4 पैग पी गए। जिस कारण उन्हें पर्याप्त नशा हो गया था। जैसे ही मेरा पैग खत्म हुआ तो मैं सोने के लिए कमरे में बापिस चली गई।

मेरी यूनीफार्म एकदम टाईट फिटिंग की होने के कारण उसे पहनकर सोना बिल्कुल भी कंफर्टेबल नहीं था। जिस कारण मैंने अपनी यूनिफार्म उतार दी और मात्र कैमिसोल और पेंटी मैं ही विस्तर पर लेट गई और कंबल ओढ कर सोने की कोशिश करने लगी। पर इस सब में मुझसे एक गलती हो गई थी, असल में मैं रूम को अंदर से लॉक करना भूल गई थी। जिस कारण मेरे लेटते के कुछ देर बाद वो सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरे पास बैठ गया और मुझसे बोला

सब इंसपेक्टर- मैडम बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ

निशा- हूँ

सब इंसपेक्टर- रात का 1 बज रहा है। अपने होटल जाकर क्या करोगी। बैसे भी काफी रात बाकी है

निशा- तो

सब इंसपेक्टर- मेरा मतलब है कि हमें भी मौका दो आपको खुश करने का

उसकी बातों का मतलब मैं अच्छी तरह से समझ रही थी और वो नशे की हालत में भी था। मैंने सोचा कि अगर मना किया तो पता नहीं ऐ मुझसे जबरदस्ती ना करने लगे। जिस कारण मैंने उसके साथ मजे करने का फैसला कर लिया। पर मैं फ्री में उसे यह मौका नहीं देना चाहती थी। इसलिए मैं बोली

निशा- मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा कि तुम क्या कहना चाहते हो

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम हम जानते हैं कि आप कोई पुलिस बगैरह तो हो नहीं। यहाँ पर तो केवल सहाब का विस्तर गर्म करने आई हो। अब साहब अपना काम करके चले गये हैं। तो क्यों ना मौके का फायदा उठाकर हम भी थोडा मजा ले लें। आप चिंता मत करो हम पेमेंट कर देंगे आपको

निशा- तुम्हें मेरी रेट पता है

सब इंसपेक्टर- सहाब ने बुलाया है तो 2-3 हजार बाली तो होगी नहीं, इसलिए आप ही बोल दो

निशा- मैं एक राऊंड का 50 हजार लेती हूँ

मेरी बात सुनकर वो सब इंस्पेक्टर अपना सर पकडते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- अरे बाप रे यह तो बहुत ज्यादा है। इतना तो हमारे एक महिने की सैलरी होती है। कुछ एडजस्ट कर लो… हम पूरे 5 आदमी हैं, बैसे भी सहाब से तो अच्छा खासा कमा ही लिया होगा। हमारी फीस को बोनस समझ लेना

निशा- अच्छा तो तुम्हीं बता दो कितना दोगे

सब इंसपेक्टर- हम सभी का मिलाकर 50 हजार ले लेना

निशा- एक काम करो जाकर थोडी सी ड्रिंक और कर लो। जिससे तुम्हें जल्दी नींद आ जाऐगी। क्यों फालतू में पैसे खर्च कर रहे हो।

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम आप तो नाराज हो गई। समझो जरा हम छोटे मोटे लोग हैं। सहाब के फार्म हाऊस पर ड्यूटी करते हैं। एक्सट्रा इंकम तो होती नहीं है हमारी। और फिर घऱ भी चलाना पडता है।

उस सब इंस्पेक्टर की बात सुनकर मैंने थोडा सोचते हुए कहा

निशा- चलो ठीक है… सबका मिलाकर पूरे 1 लाख दे देना

सब इंसपेक्टर- मैडम यह भी बहुत ज्यादा हैं

निशा- देखो सर ने पहले ही मेरी बुरी तरह से बैंड बजा दी है। जिस कारण मैं बहुत थक गई हूँ और नींद भी आ रही है। अगर तुम मुझे ज्यादा परेशान करोगे तो मैं उनसे तुम्हारी शिकायत कर दूँगी।

सब इंसपेक्टर- ओह सॉरी सॉरी मैम मैं जाता हूँ। आप आराम से सो जाओ

इतना बोलकर वो वहाँ से जाने लगा पर तभी अचानक से मेरे पास बापिस आकर वोला

सब इंसपेक्टर- अच्छा मैं क्या बोल रहा था मैडम कि अगर हम पूरे 1 लाख दें तो क्या फिर हम दो दो राउँड लगा सकते हैं

उसकी बात सुनकर मैंने सोचा की ऐ सभी लोग पहले से ही काफी नशे में हैं। ज्यादा देर टिकेंगे भी नहीं और दूसरा राऊँड लगाने की स्थिती में भी नहीं रहेगे। तो इससे अच्छा है कि हाँ बोल देती हूँ। अभी तो काफी रात बाकी है। बैसे भी मैं यहाँ भोपाल में मजे लेने के लिए ही तो रूकी हूँ और फिर पास आते पैसों को ठुकराना भी ठीक नहीं है। इसलिए मैंने कहा

निशा- हाँ ठीक है कर लेना

मेरी बात सुनकर वो खुश होकर बोला

सब इंसपेक्टर- एक मिनट मैम आप सोना मत मैं बस एक बार सबसे बात करते आपको बताता हूँ

इतना बोलकर वो लडखडाते कदमों से बाहर निकल गया। करीब 10 मिनट बाद बो फिर से बापिस आया और एक प्लास्टिक थैली में मुझे पैसे देते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- ये लो मैडम आपकी फीस। अब तो हम कर सकते हैं ना

मैंने उस सब इंसपेक्टर से पैसों बाली थैली ले ली। मैने उसे खोलकर देखा तो उसमें 500 और 2000 के नोट रखे हुए थे। साफ साफ समझ में आ रहा था कि ये सब इंसपेक्टर सभी से पैसे कलेक्ट करके लाया है। इसलिए मैने उन्हें गिनने की भी कोशिश नहीं की और उस थैली को बंद करके अपन कपडों के पास रख दिया। उसके बाद उस सब इंसपेक्टर को अपने ऊपर खिंच लिया। मेरे ऊपर आते ही वो सब इंसपेक्टर मुझ पर भूखे भेडिए की तरह टूट पडा और मुझे किस करने लगा।

मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। कुछ देर मुझे किस करने के बाद उसने अपने सारे कपडे निकाल दिए और कंबल हटाकर मेरे भी बाकी कपडे निकाल दिए और मुझे चूमने और सहलाने लगा। मैं भी तो यहाँ भोपाल में पूरे 1 महीने तक जी भरकर चुदाई करवाने के लिए ही रुकी हुई थी। इसलिए मैं भी उसका पूरा साथ देकर मजे ले रही थी। कुछ देर मुझे चूमने और सहलाने के बाद ही उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी, मैं भी पूरे मजे लेकर अपनी चुदाई करवा रही थी और उसे भी पूरा मजा दे रही थी। करीब आधा घण्टे की चुदाई के बाद उसने अपना पानी छोड दिया और मुझसे अलग होकर बाहर निकल गया।

उस सब इंस्पेक्टर के जाते ही एक सिपाही अंदर आया और जल्दी से अपने कपडे उतार कर मेरे ऊपर चड गया। उस सिपाही ने तो फोरप्ले भी नहीं किया सीधा अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा। मुझे लगा की यह बाहर इंतजार करते करते ही काफी ज्यादा एक्साईटेड हो गया होगा। इसलिए उसने फोरप्ले में समय खराब करने से अच्छा डायरेक्त चुदाई करना ही ठीक समझा। उसके हटते ही दूसरा सिपाही अंदर आया और मुझे कुतिया बनने का इसारा किया। इसलिए मैं भी चुप चाप कुतिया बन कर खडी हो गई। इससे पहले मैं कुछ समझ पाती उसने मेरी गाँड में अपना लण्ड घुसाकर मेरी गाँड मारनी शूरू कर दी।

तो मैं भी मजे लेकर अपनी गाँड मरवाने लगी। जैसे ही यह सिपाही गया तो एक साथ दो सिपाही अंदर आ गए। एक ने पीछे से मेरी गाँड मारनी शुरू कर दी और दूसरा मेरे मूँह में लण्ड देकर मजे से अपना लण्ड चुसवाने लगा। उन दोनों के जाने के बाद फिर से सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरी गाँड मारने लगा था। हालाँकि मैंने इसकी उम्मीद तो नहीं की थी, पर मैं पहले ही दूसरे राउंड के लिए भी हाँ बोल चुकी थी। इसलिए मैं उसे मना भी नहीं कर सकती थी। इस तरह उन सभी ने दूसरी बार भी मेरे साथ जमकर चुदाई की। सभी के फ्री होते होते सुबह के 6 बज चुके थे। इसलिए चुदाई खत्म होते ही मैं फ्रेस होने बाथरूम में घुस गई।

करीब 7 बजे मैं पुलिस बैन से अपने होटल के बाहर उतरी और सीधे अपने रूम मैं जाकर कपडे चेंज करके कंबल ओड कर सो गई। आज मैं कुछ ज्यादा ही थक गई थी और रात में ड्रिंक भी ज्यादा कर ली थी। इस कारण मैं दोपहर 2 बजे तक सोती रही। जब मैं जागी तो सबसे पहले मैंने अपना मोबाईल चैक किया तो उसमें गगन, श्रेया और रवि के मिस कॉल डले हुए थे। मैंने सबसे पहले श्रेया को कॉल किया और उससे बातें करने लगी। श्रेया ने आज अपने दोस्तों के साथ मिलकर गगन को परेशान करने के लिए जो प्लान बनाया था उसके बारे में वो मुझे बता रही थी।

सारी बात बताने के बाद उसने मुझसे मिलने के लिए कहा तो मैं भी तुरंत तैयार हो गई। और उसे अपने होटल पर आने के लिए बोल दिया। फिर मैंने गगन को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था। पर मैं पहले ही श्रेया को हाँ बोल चुकी थी। तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया कि क्यों ना गगन से मिलने के बहाने इसके घर जाकर कुछ छानबीन की जाऐ और इसे थोडा डराया जाये। इसलिए मैंने उसे रात में मिलने के लिए हाँ बोल दिया। गगन का फोन कट करने के बाद जब मैंने रवि को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था।

लेकिन मैं पहले से ही श्रेया और गगन से मिलने का अपना प्लान बना चुकी थी। इसलिए मैंने उससे मिलने से मना कर दिया, बैसे भी मैं खुद भी फिलहाल उससे मिलना नहीं चाहती थी। मेरे मना करने पर वो काफी निराश हुआ पर मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती थी। मैं चाहती थी कि उसे अपनी गलती का एहसास हो ताकि दोवारा वो कोई गलती ना करे। बैसे भी मेरा उसके साथ कोई अफेयर करने का इरादा तो था नहीं। अगर हम बार बार यूँ ही मिलते रहे तो बाद में रवि को मुझसे दूर होने में प्राब्लम होगी। इससे अच्छा तो यही था कि मैं अभी से उससे दूरी बना कर चलूँ।

आज पूरा दिन मेरा श्रेया के साथ घूमने फिरने का इरादा था। इसलिए उसके आने से पहले मैंने अपने लिए एक कॉफी आर्डर कर दी और गगन का फोन हैक करके चैक करने लगी। जैसा की मैंने सोचा था उसने दूसरी बार भी वो हॉरर बीडियो डिलीट कर दिया था। इसलिए मैंने उसके मोबाईल से सारा डेटा परमानेंट डिलीट करके फिर से वो हॉरर बीडियो उसके मोबाईल में डाल दी। तब तक मेरी कॉफी भी आ गई थी। कॉफी हमेशा की तरह रघु ही लाया था। लेकिन इस बार वो मुझसे नजरे चुरा रहा था। तो मैंने कॉफी का सिप लेते हुए उससे पूछा

निशा- क्या हुआ रघु कोई प्राब्लम है क्या, तुमने आज एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा

मेरी बात सुनकर रघु थोडा हडबडाते हुए बोला

रघु- सॉरी मैडम मुझे नहीं पता था कि आप पुलिस इंस्पेक्टर हैं। वर्ना मैं ऐसी बैसी कोई हरकत नहीं करता

रघु की बात सुनकर मुझे याद आया कि मैं कल अपने होटल रूम से पुलिस यूनिफार्म में गई थी और सुबह बापिस भी उसी यूनिफार्म में आई थी। जिस कारण शायद होटल स्टॉफ मुझे पुलिस इंस्पेक्टर समझ रहा है। मैंने सोचा चलो अच्छा ही है। बैसे भी सारी रात मैं होटल से बाहर रहती हूँ तो ये होटल बाले पता नहीं मेरे बारे में क्या क्या सोचते होंगे। इसलिए हो सकता है कि अब शायद उन्हें लगे कि मैं अपनी पुलिस ड्यूटी पर जाती हूँ और ये लोग मुझे पुलिस ऑफिसर समझ कर मुझे थोडा ज्यादा मुझे रिस्पॉंन्स देना शुरू कर दे। इसलिए मैं बोली

निशा- हाँ तो क्या हुआ... क्या पुलिस ऑफिसर इंसान नहीं होते... या फिर पुलिस बालों के दिल नहीं होता। देखो रघु अगर मुझे तुम्हारी हरकतों से कोई प्राब्लम होती तो तुम्हें लगता है कि तुम यहाँ होते। अब तक जेल में डण्डे खा रहे होते। अरे यार मैंने तुमसे कहा तो था कि मैं तुम्हें पसंद करती हूँ। तुम कितने ज्यादा हैंडसम हो यार। इसीलिए तो मैंने खुद तुम्हें अपनी मर्जी से ब्लोजॉब दिया था। भूल गए क्या

रघु- पर आप पुलिस ऑफिसर हैं और मैं मामूली सा होटल स्टॉफ, मैं और आप एक साथ कैसे हो सकते हैं।

निशा- कैसे क्या… फिलहाल हम अपनी दोस्ती को सीक्रेट रखेंगे। बाद में देखेंगे क्या हो सकता है। हाँ यह बात अलग है कि मैं खुबसुरत नहीं हूँ या तुम्हें कोई दूसरी लडकी पसंद है। अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूँगी

मेरी बात सुनकर रघु तुरंत बोला

रघु- अरे मैंम आप ये क्या कह रहीं हैं। आप तो बहुत ज्यादा खूबसूरत हैं और मुझे आपके अलावा कोई दूसरी लड़की भी पसंद नहीं है।

निशा- तो फिर मुझसे दूर क्यों खडे हो, मेरे पास आयो ना। मुझे तुम्हें किस करने का मन कर रहा है।

मेरी बात सुनकर रघु डरते हुए मेरे पास आया। तब तक मेरी कॉफी भी खत्म हो चुकी थी। इसलिए मैंने खडे होकर उसको किस करना शुरू कर दिया। तो बो भी मेरा साथ देने लगा। कुछ देर किस करने के बाद मैंने कहा

निशा- अच्छा रघु होटल में किस किस को पता है कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ

मेरी बात सुनकर रघु सोचते हुए बोला

रघु- सबको पता चल गया है

निशा- ओह सिट यार... कल मुझे अर्जेंट मीटिंग के लिए जाना था, इसलिए यूनिफार्म में ही चली गई।

रघु- पर हुआ क्या….. आप इतनी टेंशन में क्यों हैं

निशा- अरे यार रघु मैं यहाँ एक सीक्रेट ऑपरेशन पूरा करने के लिए आई थी। मतलब मैं एक अंडर कबर पुलिस ऑफिसर हूँ। इसलिए तुम्हें मेरा एक काम करना होगा

रघु- क्या

निशा- स्टॉफ में सबको समझा देना कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ यह बात वो भूलकर भी किसी को ना बताऐं। वर्ना अगर मेरा ऑपरेशन फेल हो गया तो यहाँ भोपाल में आतंकवादी हमला भी हो सकता है। तुम समझ रहे हो ना मेरी बात

मेरी बात सुनकर रघु काफी ज्यादा डर गया था, इसलिए वो बोला

रघु- ज जी मैम मैं समझ गया... मैं सबको अच्छी तरह समझा दूँगा

निशा- अच्छा तुम्हारी ड्यूटी कब खत्म होती है

रघु- ज जी शाम को 7 बजे ड्यूटी खत्म हो जाती है। उसके बाद मैं यहीँ होटल में अपने रूम में आराम करता हूँ।

निशा- मतलब अगर मुझे रात में कभी कहीं जाने के लिए तुम्हारे हेल्प चाहिए हो, तो तुम मेरे साथ जा सकते हो ना।

रघु- हाँ हाँ मैम जा सकते हैं। मेरी खुद की बाईक यहाँ रखी हुई है, हम उससे कहीं भी जा सकते हैं। या आप कहें तो होटल बाले अपने गैस्ट के लिए कार सर्विस भी देते हैं। हम होटल की किसी कार को अपने साथ ले जा सकते हैं।

रघु की बात सुनकर मैं मुस्कुराते हुए बोली

निशा- यह तो अच्छी बात है। एक काम करते हैं आज रात ही मुझे एक जरूरी मिशन को पूरा करना है। इसलिए आज रात में तुम मेरी बताई जगह पर कार लेकर आ जाना। बैसे तुम्हें कार चलाना तो आता है ना।

रघु- ज जी मैम सहाब

रघु की बात सुनकर मैं उससे थोडा चिढते हुए बोली

निशा- अरे यार कितनी बार कहा है कि तुम मुझे मैम सहाब मत कहा करो, मेरा नाम सपना है।

रघु- ज जी सपना जी

निशा- हुम्म….. ये ठीक है। हाँ तो मैं कह रही थी कि तुम खुद ही कार लेकर आ जाना। ड्रायबर को अपने साथ लाने की कोई जरूरत नहीं है और हाँ यह बात टॉप सीक्रेट है। स्टॉफ में भी किसी को पता नहीं चलना चाहिए। अगर कोई पूछे तो बोल देना मुझे अपने किसी रिलेटिव से मिलने भोपाल से बाहर जाना है और हाँ कार का जो भी रेंट हो वो मेरे बिल में एड करवा देना।

रघु- ज जी सपना जी। बैसे कार का हम लोग कोई एक्सट्रा बिल नहीं लेते हैं, बस ड्रायबर का चार्ज और पैट्रोल का जो खर्चा होता है वही अपने कस्टमर से लेते हैं।

निशा- यह तो अच्छी बात है। अच्छा मेरे कपडों का क्या हुआ

रघु- बो आज लाऊँड्री से आ जाऐंगे

निशा- ठीक है तो अभी तुम जाओ मेरी एक दोस्त मुझसे मिलने आने बाली है। मैं शाम को तुम्हें कॉल कर दूँगी। तुम कार लेकर आ जाना।

मेरी बात सुनकर रघु वहाँ से चला गया।


कहानी जारी है ....
Bahut hi badhiya update diya hai redhat.ag bhai....
Nice and beautiful update....
 

park

Well-Known Member
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Update 027 -

हमारे पैग तैयार होने के बाद सभी लोगो ने एक दूसरे को चियर्स बोला और ड्रिंक करने लगे। मैं तो पहले ही काफी पी चुकी थी इसलिए आराम से धीरे धीरे शिप कर रही थी। पर वो लोग तो काफी देर से अपना मूढ बनाकर हरीश अंकल के जाने का इंतजार कर रहे थे। इसलिए एक बार में ही उन तीनों ने अपने अपने गिलास खाली कर दिऐ। जिसके बाद वे तीनों एक के बाद एक करीब 3-4 पैग पी गए। जिस कारण उन्हें पर्याप्त नशा हो गया था। जैसे ही मेरा पैग खत्म हुआ तो मैं सोने के लिए कमरे में बापिस चली गई।

मेरी यूनीफार्म एकदम टाईट फिटिंग की होने के कारण उसे पहनकर सोना बिल्कुल भी कंफर्टेबल नहीं था। जिस कारण मैंने अपनी यूनिफार्म उतार दी और मात्र कैमिसोल और पेंटी मैं ही विस्तर पर लेट गई और कंबल ओढ कर सोने की कोशिश करने लगी। पर इस सब में मुझसे एक गलती हो गई थी, असल में मैं रूम को अंदर से लॉक करना भूल गई थी। जिस कारण मेरे लेटते के कुछ देर बाद वो सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरे पास बैठ गया और मुझसे बोला

सब इंसपेक्टर- मैडम बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ

निशा- हूँ

सब इंसपेक्टर- रात का 1 बज रहा है। अपने होटल जाकर क्या करोगी। बैसे भी काफी रात बाकी है

निशा- तो

सब इंसपेक्टर- मेरा मतलब है कि हमें भी मौका दो आपको खुश करने का

उसकी बातों का मतलब मैं अच्छी तरह से समझ रही थी और वो नशे की हालत में भी था। मैंने सोचा कि अगर मना किया तो पता नहीं ऐ मुझसे जबरदस्ती ना करने लगे। जिस कारण मैंने उसके साथ मजे करने का फैसला कर लिया। पर मैं फ्री में उसे यह मौका नहीं देना चाहती थी। इसलिए मैं बोली

निशा- मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा कि तुम क्या कहना चाहते हो

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम हम जानते हैं कि आप कोई पुलिस बगैरह तो हो नहीं। यहाँ पर तो केवल सहाब का विस्तर गर्म करने आई हो। अब साहब अपना काम करके चले गये हैं। तो क्यों ना मौके का फायदा उठाकर हम भी थोडा मजा ले लें। आप चिंता मत करो हम पेमेंट कर देंगे आपको

निशा- तुम्हें मेरी रेट पता है

सब इंसपेक्टर- सहाब ने बुलाया है तो 2-3 हजार बाली तो होगी नहीं, इसलिए आप ही बोल दो

निशा- मैं एक राऊंड का 50 हजार लेती हूँ

मेरी बात सुनकर वो सब इंस्पेक्टर अपना सर पकडते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- अरे बाप रे यह तो बहुत ज्यादा है। इतना तो हमारे एक महिने की सैलरी होती है। कुछ एडजस्ट कर लो… हम पूरे 5 आदमी हैं, बैसे भी सहाब से तो अच्छा खासा कमा ही लिया होगा। हमारी फीस को बोनस समझ लेना

निशा- अच्छा तो तुम्हीं बता दो कितना दोगे

सब इंसपेक्टर- हम सभी का मिलाकर 50 हजार ले लेना

निशा- एक काम करो जाकर थोडी सी ड्रिंक और कर लो। जिससे तुम्हें जल्दी नींद आ जाऐगी। क्यों फालतू में पैसे खर्च कर रहे हो।

सब इंसपेक्टर- अरे मैडम आप तो नाराज हो गई। समझो जरा हम छोटे मोटे लोग हैं। सहाब के फार्म हाऊस पर ड्यूटी करते हैं। एक्सट्रा इंकम तो होती नहीं है हमारी। और फिर घऱ भी चलाना पडता है।

उस सब इंस्पेक्टर की बात सुनकर मैंने थोडा सोचते हुए कहा

निशा- चलो ठीक है… सबका मिलाकर पूरे 1 लाख दे देना

सब इंसपेक्टर- मैडम यह भी बहुत ज्यादा हैं

निशा- देखो सर ने पहले ही मेरी बुरी तरह से बैंड बजा दी है। जिस कारण मैं बहुत थक गई हूँ और नींद भी आ रही है। अगर तुम मुझे ज्यादा परेशान करोगे तो मैं उनसे तुम्हारी शिकायत कर दूँगी।

सब इंसपेक्टर- ओह सॉरी सॉरी मैम मैं जाता हूँ। आप आराम से सो जाओ

इतना बोलकर वो वहाँ से जाने लगा पर तभी अचानक से मेरे पास बापिस आकर वोला

सब इंसपेक्टर- अच्छा मैं क्या बोल रहा था मैडम कि अगर हम पूरे 1 लाख दें तो क्या फिर हम दो दो राउँड लगा सकते हैं

उसकी बात सुनकर मैंने सोचा की ऐ सभी लोग पहले से ही काफी नशे में हैं। ज्यादा देर टिकेंगे भी नहीं और दूसरा राऊँड लगाने की स्थिती में भी नहीं रहेगे। तो इससे अच्छा है कि हाँ बोल देती हूँ। अभी तो काफी रात बाकी है। बैसे भी मैं यहाँ भोपाल में मजे लेने के लिए ही तो रूकी हूँ और फिर पास आते पैसों को ठुकराना भी ठीक नहीं है। इसलिए मैंने कहा

निशा- हाँ ठीक है कर लेना

मेरी बात सुनकर वो खुश होकर बोला

सब इंसपेक्टर- एक मिनट मैम आप सोना मत मैं बस एक बार सबसे बात करते आपको बताता हूँ

इतना बोलकर वो लडखडाते कदमों से बाहर निकल गया। करीब 10 मिनट बाद बो फिर से बापिस आया और एक प्लास्टिक थैली में मुझे पैसे देते हुए बोला

सब इंसपेक्टर- ये लो मैडम आपकी फीस। अब तो हम कर सकते हैं ना

मैंने उस सब इंसपेक्टर से पैसों बाली थैली ले ली। मैने उसे खोलकर देखा तो उसमें 500 और 2000 के नोट रखे हुए थे। साफ साफ समझ में आ रहा था कि ये सब इंसपेक्टर सभी से पैसे कलेक्ट करके लाया है। इसलिए मैने उन्हें गिनने की भी कोशिश नहीं की और उस थैली को बंद करके अपन कपडों के पास रख दिया। उसके बाद उस सब इंसपेक्टर को अपने ऊपर खिंच लिया। मेरे ऊपर आते ही वो सब इंसपेक्टर मुझ पर भूखे भेडिए की तरह टूट पडा और मुझे किस करने लगा।

मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। कुछ देर मुझे किस करने के बाद उसने अपने सारे कपडे निकाल दिए और कंबल हटाकर मेरे भी बाकी कपडे निकाल दिए और मुझे चूमने और सहलाने लगा। मैं भी तो यहाँ भोपाल में पूरे 1 महीने तक जी भरकर चुदाई करवाने के लिए ही रुकी हुई थी। इसलिए मैं भी उसका पूरा साथ देकर मजे ले रही थी। कुछ देर मुझे चूमने और सहलाने के बाद ही उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी, मैं भी पूरे मजे लेकर अपनी चुदाई करवा रही थी और उसे भी पूरा मजा दे रही थी। करीब आधा घण्टे की चुदाई के बाद उसने अपना पानी छोड दिया और मुझसे अलग होकर बाहर निकल गया।

उस सब इंस्पेक्टर के जाते ही एक सिपाही अंदर आया और जल्दी से अपने कपडे उतार कर मेरे ऊपर चड गया। उस सिपाही ने तो फोरप्ले भी नहीं किया सीधा अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा। मुझे लगा की यह बाहर इंतजार करते करते ही काफी ज्यादा एक्साईटेड हो गया होगा। इसलिए उसने फोरप्ले में समय खराब करने से अच्छा डायरेक्त चुदाई करना ही ठीक समझा। उसके हटते ही दूसरा सिपाही अंदर आया और मुझे कुतिया बनने का इसारा किया। इसलिए मैं भी चुप चाप कुतिया बन कर खडी हो गई। इससे पहले मैं कुछ समझ पाती उसने मेरी गाँड में अपना लण्ड घुसाकर मेरी गाँड मारनी शूरू कर दी।

तो मैं भी मजे लेकर अपनी गाँड मरवाने लगी। जैसे ही यह सिपाही गया तो एक साथ दो सिपाही अंदर आ गए। एक ने पीछे से मेरी गाँड मारनी शुरू कर दी और दूसरा मेरे मूँह में लण्ड देकर मजे से अपना लण्ड चुसवाने लगा। उन दोनों के जाने के बाद फिर से सब इंसपेक्टर अंदर आकर मेरी गाँड मारने लगा था। हालाँकि मैंने इसकी उम्मीद तो नहीं की थी, पर मैं पहले ही दूसरे राउंड के लिए भी हाँ बोल चुकी थी। इसलिए मैं उसे मना भी नहीं कर सकती थी। इस तरह उन सभी ने दूसरी बार भी मेरे साथ जमकर चुदाई की। सभी के फ्री होते होते सुबह के 6 बज चुके थे। इसलिए चुदाई खत्म होते ही मैं फ्रेस होने बाथरूम में घुस गई।

करीब 7 बजे मैं पुलिस बैन से अपने होटल के बाहर उतरी और सीधे अपने रूम मैं जाकर कपडे चेंज करके कंबल ओड कर सो गई। आज मैं कुछ ज्यादा ही थक गई थी और रात में ड्रिंक भी ज्यादा कर ली थी। इस कारण मैं दोपहर 2 बजे तक सोती रही। जब मैं जागी तो सबसे पहले मैंने अपना मोबाईल चैक किया तो उसमें गगन, श्रेया और रवि के मिस कॉल डले हुए थे। मैंने सबसे पहले श्रेया को कॉल किया और उससे बातें करने लगी। श्रेया ने आज अपने दोस्तों के साथ मिलकर गगन को परेशान करने के लिए जो प्लान बनाया था उसके बारे में वो मुझे बता रही थी।

सारी बात बताने के बाद उसने मुझसे मिलने के लिए कहा तो मैं भी तुरंत तैयार हो गई। और उसे अपने होटल पर आने के लिए बोल दिया। फिर मैंने गगन को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था। पर मैं पहले ही श्रेया को हाँ बोल चुकी थी। तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया कि क्यों ना गगन से मिलने के बहाने इसके घर जाकर कुछ छानबीन की जाऐ और इसे थोडा डराया जाये। इसलिए मैंने उसे रात में मिलने के लिए हाँ बोल दिया। गगन का फोन कट करने के बाद जब मैंने रवि को कॉल किया तो वो भी मुझसे मिलना चाहता था।

लेकिन मैं पहले से ही श्रेया और गगन से मिलने का अपना प्लान बना चुकी थी। इसलिए मैंने उससे मिलने से मना कर दिया, बैसे भी मैं खुद भी फिलहाल उससे मिलना नहीं चाहती थी। मेरे मना करने पर वो काफी निराश हुआ पर मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती थी। मैं चाहती थी कि उसे अपनी गलती का एहसास हो ताकि दोवारा वो कोई गलती ना करे। बैसे भी मेरा उसके साथ कोई अफेयर करने का इरादा तो था नहीं। अगर हम बार बार यूँ ही मिलते रहे तो बाद में रवि को मुझसे दूर होने में प्राब्लम होगी। इससे अच्छा तो यही था कि मैं अभी से उससे दूरी बना कर चलूँ।

आज पूरा दिन मेरा श्रेया के साथ घूमने फिरने का इरादा था। इसलिए उसके आने से पहले मैंने अपने लिए एक कॉफी आर्डर कर दी और गगन का फोन हैक करके चैक करने लगी। जैसा की मैंने सोचा था उसने दूसरी बार भी वो हॉरर बीडियो डिलीट कर दिया था। इसलिए मैंने उसके मोबाईल से सारा डेटा परमानेंट डिलीट करके फिर से वो हॉरर बीडियो उसके मोबाईल में डाल दी। तब तक मेरी कॉफी भी आ गई थी। कॉफी हमेशा की तरह रघु ही लाया था। लेकिन इस बार वो मुझसे नजरे चुरा रहा था। तो मैंने कॉफी का सिप लेते हुए उससे पूछा

निशा- क्या हुआ रघु कोई प्राब्लम है क्या, तुमने आज एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा

मेरी बात सुनकर रघु थोडा हडबडाते हुए बोला

रघु- सॉरी मैडम मुझे नहीं पता था कि आप पुलिस इंस्पेक्टर हैं। वर्ना मैं ऐसी बैसी कोई हरकत नहीं करता

रघु की बात सुनकर मुझे याद आया कि मैं कल अपने होटल रूम से पुलिस यूनिफार्म में गई थी और सुबह बापिस भी उसी यूनिफार्म में आई थी। जिस कारण शायद होटल स्टॉफ मुझे पुलिस इंस्पेक्टर समझ रहा है। मैंने सोचा चलो अच्छा ही है। बैसे भी सारी रात मैं होटल से बाहर रहती हूँ तो ये होटल बाले पता नहीं मेरे बारे में क्या क्या सोचते होंगे। इसलिए हो सकता है कि अब शायद उन्हें लगे कि मैं अपनी पुलिस ड्यूटी पर जाती हूँ और ये लोग मुझे पुलिस ऑफिसर समझ कर मुझे थोडा ज्यादा मुझे रिस्पॉंन्स देना शुरू कर दे। इसलिए मैं बोली

निशा- हाँ तो क्या हुआ... क्या पुलिस ऑफिसर इंसान नहीं होते... या फिर पुलिस बालों के दिल नहीं होता। देखो रघु अगर मुझे तुम्हारी हरकतों से कोई प्राब्लम होती तो तुम्हें लगता है कि तुम यहाँ होते। अब तक जेल में डण्डे खा रहे होते। अरे यार मैंने तुमसे कहा तो था कि मैं तुम्हें पसंद करती हूँ। तुम कितने ज्यादा हैंडसम हो यार। इसीलिए तो मैंने खुद तुम्हें अपनी मर्जी से ब्लोजॉब दिया था। भूल गए क्या

रघु- पर आप पुलिस ऑफिसर हैं और मैं मामूली सा होटल स्टॉफ, मैं और आप एक साथ कैसे हो सकते हैं।

निशा- कैसे क्या… फिलहाल हम अपनी दोस्ती को सीक्रेट रखेंगे। बाद में देखेंगे क्या हो सकता है। हाँ यह बात अलग है कि मैं खुबसुरत नहीं हूँ या तुम्हें कोई दूसरी लडकी पसंद है। अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूँगी

मेरी बात सुनकर रघु तुरंत बोला

रघु- अरे मैंम आप ये क्या कह रहीं हैं। आप तो बहुत ज्यादा खूबसूरत हैं और मुझे आपके अलावा कोई दूसरी लड़की भी पसंद नहीं है।

निशा- तो फिर मुझसे दूर क्यों खडे हो, मेरे पास आयो ना। मुझे तुम्हें किस करने का मन कर रहा है।

मेरी बात सुनकर रघु डरते हुए मेरे पास आया। तब तक मेरी कॉफी भी खत्म हो चुकी थी। इसलिए मैंने खडे होकर उसको किस करना शुरू कर दिया। तो बो भी मेरा साथ देने लगा। कुछ देर किस करने के बाद मैंने कहा

निशा- अच्छा रघु होटल में किस किस को पता है कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ

मेरी बात सुनकर रघु सोचते हुए बोला

रघु- सबको पता चल गया है

निशा- ओह सिट यार... कल मुझे अर्जेंट मीटिंग के लिए जाना था, इसलिए यूनिफार्म में ही चली गई।

रघु- पर हुआ क्या….. आप इतनी टेंशन में क्यों हैं

निशा- अरे यार रघु मैं यहाँ एक सीक्रेट ऑपरेशन पूरा करने के लिए आई थी। मतलब मैं एक अंडर कबर पुलिस ऑफिसर हूँ। इसलिए तुम्हें मेरा एक काम करना होगा

रघु- क्या

निशा- स्टॉफ में सबको समझा देना कि मैं पुलिस ऑफिसर हूँ यह बात वो भूलकर भी किसी को ना बताऐं। वर्ना अगर मेरा ऑपरेशन फेल हो गया तो यहाँ भोपाल में आतंकवादी हमला भी हो सकता है। तुम समझ रहे हो ना मेरी बात

मेरी बात सुनकर रघु काफी ज्यादा डर गया था, इसलिए वो बोला

रघु- ज जी मैम मैं समझ गया... मैं सबको अच्छी तरह समझा दूँगा

निशा- अच्छा तुम्हारी ड्यूटी कब खत्म होती है

रघु- ज जी शाम को 7 बजे ड्यूटी खत्म हो जाती है। उसके बाद मैं यहीँ होटल में अपने रूम में आराम करता हूँ।

निशा- मतलब अगर मुझे रात में कभी कहीं जाने के लिए तुम्हारे हेल्प चाहिए हो, तो तुम मेरे साथ जा सकते हो ना।

रघु- हाँ हाँ मैम जा सकते हैं। मेरी खुद की बाईक यहाँ रखी हुई है, हम उससे कहीं भी जा सकते हैं। या आप कहें तो होटल बाले अपने गैस्ट के लिए कार सर्विस भी देते हैं। हम होटल की किसी कार को अपने साथ ले जा सकते हैं।

रघु की बात सुनकर मैं मुस्कुराते हुए बोली

निशा- यह तो अच्छी बात है। एक काम करते हैं आज रात ही मुझे एक जरूरी मिशन को पूरा करना है। इसलिए आज रात में तुम मेरी बताई जगह पर कार लेकर आ जाना। बैसे तुम्हें कार चलाना तो आता है ना।

रघु- ज जी मैम सहाब

रघु की बात सुनकर मैं उससे थोडा चिढते हुए बोली

निशा- अरे यार कितनी बार कहा है कि तुम मुझे मैम सहाब मत कहा करो, मेरा नाम सपना है।

रघु- ज जी सपना जी

निशा- हुम्म….. ये ठीक है। हाँ तो मैं कह रही थी कि तुम खुद ही कार लेकर आ जाना। ड्रायबर को अपने साथ लाने की कोई जरूरत नहीं है और हाँ यह बात टॉप सीक्रेट है। स्टॉफ में भी किसी को पता नहीं चलना चाहिए। अगर कोई पूछे तो बोल देना मुझे अपने किसी रिलेटिव से मिलने भोपाल से बाहर जाना है और हाँ कार का जो भी रेंट हो वो मेरे बिल में एड करवा देना।

रघु- ज जी सपना जी। बैसे कार का हम लोग कोई एक्सट्रा बिल नहीं लेते हैं, बस ड्रायबर का चार्ज और पैट्रोल का जो खर्चा होता है वही अपने कस्टमर से लेते हैं।

निशा- यह तो अच्छी बात है। अच्छा मेरे कपडों का क्या हुआ

रघु- बो आज लाऊँड्री से आ जाऐंगे

निशा- ठीक है तो अभी तुम जाओ मेरी एक दोस्त मुझसे मिलने आने बाली है। मैं शाम को तुम्हें कॉल कर दूँगी। तुम कार लेकर आ जाना।

मेरी बात सुनकर रघु वहाँ से चला गया।


कहानी जारी है ....
Nice and superb update....
 
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