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Incest कर्ज और फर्ज - एक कश्मकश

manu@84

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दिनेश ने कुसुम की ब्लाउस की पीठ पर बंधी रेशमी धागे की डोर खींच दी..... ।

परनारी की बदन की खुशबू से मस्त दिनेश ने कुसुम की चिकनी पीठ देख कर उससे पूछ ही लिया- कुसुम, एक बात तो बताओ, तुम खुद भी चुदने के लिए मानसिक रूप से तैयार थी? फिर मुझे तरसा क्यों रही थी?

कुसुम ने कहा- नहीं, मैं एकदम तैयार नहीं हो गई थी बल्कि दुविधा में थी। मेरा एक मन मुझे तुम्हारी तरफ धकेल रहा था, दूसरा मन मेरे पैरों में नैतिकता की बेड़ी डाल रहा था।

फिर कुसुम हंसकर बोली- लेकिन मुझे पता नहीं क्यों इस बात का अंदाज़ा था मेरे गुंडे … कि तुम अपने मकसद में कामयाब हुए बिना मुझे छोड़ने वाले नहीं हो इसलिए मैंने सोचा कि अपनी तरफ से भी तैयारी तो कर ही ली जाए।

दिनेश कुसुम की बातों से खुश था, इस पर कुसुम ने मुस्कुराते हुए कहा- अरुण ने तो मेरी प्राकृतिक सील तोड़ी है लेकिन हर औरत की एक स्वनिर्मित सील और होती है, जिसे पहला गैर मर्द तोड़ता है। मेरी वह सील आज तुम तोड़ोगे मेरे रा…जा!
दिनेश के मुंह से निकला- वाह कुसुम, क्या नई थ्योरी लेकर आई हो मेरी रानी!

कुसुम की बात से दिनेश का जोश बढ़ गया।
कुसुम पीठ किये हुए मेरी ओर खड़ी हुई थी उसकी आंखें अब बंद थी, मैं साइड में से उसे देख पा रहा था,इसलिए बस एक तरफ का चेहरा ही मुझे दिखाई दे रहा था।

अचानक ही देखते ही देखते कुसुम का मुह खुला,मुझे कोई आवाज तो सुनाई नही दे रही थी पर ये एक्सप्रेशन शायद ही कोई मर्द पहचान ना पाए, हा लंड के किसी के अंदर घुसने से बना एक्सप्रेशन… वो हल्के से मुह का खुल जाना… मुह के खुलते ही उसका शरीर भी थोड़ा ऊपर को हुआ और फिर से अपनी जगह पर आ गया,मुझे बस कुसुम के एक्सप्रेशं ही दिख रहा था,शायद वो थोड़ी और नीचे हुई थी,ये सोचकर ही मेरा खून खोल गया कि क्या दिनेश कुसुम के कपड़ो के ऊपर से ही अपने लंड को घुसेड़ने का प्रयास कर रहा है, मैं इंतजार कर रहा था कि शायद वो उसके साड़ी ब्लाउस खोल कर नँगा करेगा । पर ये क्या उसने कुसुम को गोद मे ही उठा लिया ,शायद उसके कमर में हाथ डालकर उसे उठाया था ,मुझे उसके हाथ ही दिखाई दिए,

मैं मजबूर होकर देख रहा था, कभी कभी वो ऊपर नीचे होती पर दोनो ही एक दूजे के होठो के रसपान में ही व्यस्त थे,फिर कुसुम नीचे उतर गयी इसबार उसका चेहरा मेरी तरफ घुमा था,आंखे बंद थी और शरीर जल्दी जल्दी *ऊपर नीचे होने लगा था, कुसुम ने अपने होठो को अपने दांतों में दबा रखा था,उसके हाथ अपने चेहरे पर जाते तो कभी आगे बढ जाते….

उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ दिख रहे थे,माथे पर पसीने की कुछ बूंदे आ रही थी,काश मैं उसकी आवाज भी सुन पता जरूर वो साला उसे कुछ कह रहा होगा,तभी उसका मजबूत सा हाथ जो सीधे कुसुम के गले से होता हुआ उसकी ब्लाउस के अंदर घुसा दिया,साला मेरी जान के स्तनों को इतने बेरहमी से मसल रहा था, कुसुम जरूर जोरो से आहे भर रही थी उसके होठ खुले हुए थे और मैं उसे महसूस कर पा रहा था,उसने अपना हाथ बाहर निकाला और अब वो अपने हाथ के सहारे कुसुम पर झुक गया,उसके दोनों हाथ कुसुम के दोनो स्तनों पर थे साला मेरी बीवी को पूरे जोर में चोदने की तैयारी कर रहा था,

मादरचोद ये क्या है,ये तो अभी अभी लाइन मरना शुरू किया था,और अब ... यार कुसुम है क्या सेक्स मशीन, इतनी जल्दी तो रंडी भी सौदा फिक्स नही करती...

इसके बाद मुझे आगे देखना ही व्यर्थ लगा,कुछ दिल में टूट सा गया था,क्या था मुझे नही पता,मेरे ही आँखों के सामने मेरी ही पत्नी इतनी रात में मेरी मौजूदगी में….. जो हो रहा था मुझे इससे दुख तो नही पर मेरे लिए ये किसी भी प्रकार की खुशी भी नही थी,मुझे लगा था की कुसुम कम से कम चुदने में तो समय लेगी पर ये जानना बड़ा ही आश्चर्यजनक था की शाम तक दिनेश उसे पटा रहा था अभी वो उसके साथ ऐसी हरकत…..

शायद वो मुझे बता कर के ये सब करती तो मुझे उतना अजीब नही लगता, एक नवजवान से लड़का जो मुझे सुबह से पूरी शादी में सर सर कह कर पुकार रहा था , मादरचोद मेरी ही बीवी को मेरे ही सामने चोदने पर उतारू है, वो भी सिर्फ एक दिन उसकी तारीफ करके।

माथा तो खनक गया था पर शायद कुसुम इतनी भी जल्दी पटने वाली लड़की नही थी,शायद वो कुसुम को पहले भी चोद चुका हो जब से मैं उसे नही जानता,ऐसे भी कुसुम के रिश्ते में उसका रिश्तेदार (मामा) है…...ह्म्म्म हो तो सकता है ,या नही भी चलो जो भी हो मेरी बीवी ने तो अपने कारनामे दिखा ही दिए और वो मेरी मौजूदगी में गैर मर्द से चुदने को बेताब हो चुकी थी तो अब डर कहे का,साला अब कहे की शर्म हाय ,वो मस्ती करे तो मैं पीछे क्यो रहू,तो क्या उसे दुसरो से चुदते हुए देखना ही मेरी नियति है,..............मेरे दिमाग में एक लहर सी उठी नही नही नही!

यार वो मेरी ब्याहता है, मेरी जीवन संगिनी है, मेरी पत्नी है, मेरे परिवार की इज्जत है, मुझे उसे रोकना होगा अभी भी ज्यादा देर नही हुई है, अभी चुदाई शुरु नही है, हा अरुण वो अभी चुदी नही है और रोको उसे, रोक लो, बचा लो उसे चुदने से।

मैं अपना हाथ अंदर डाल कर गेट खोलने लगा,इस मादरचोद को क्या हो गया जो अभी तक नही खुल रहा है,मैंने मन में ही कहा, छत पर लगे पुराने लोहे के गेट ने मेरी आने की सूचना शायद अंदर तक दे दी हो,इतना आवाज करता था कि कोई भी समझ जाएं, मैं अंदर गया तो दिनेश को कुसुम से दूर खड़ा पाया,उसने पहली नजर में मुझे ऐसे देखा जैसे साला मुझे मार ही डालेगा,शायद मैंने जल्दी आके उसका खेल बिगड़ दिया था,15 मिनट तो दिए थे इनलोगो को अब क्या रात भर इनके लिए "बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना" बन कर घूमता फिरू… मैं फिर मन मे सोचा,

लेकिन दिनेश ने अपने एक्सप्रेशन तुरंत बदले और आगे बढ़कर मुझसे हाथ मिलाया,मैं भी अपने होठों पर झूठे एक्सप्रेशन लाने में कामयाब रहा,

“ अरुण सर वो कुसुम को नीचे हॉल में थोड़ी घबराहट और बेचैनी सी हो रही थी सो हम दोनों छत पर खुली हवा में आ गये।
its गुड फ़ॉर हेल्थ “

मेरी तो सांसे ही थोड़ी देर ले लिए रुक गयी , मादरचोद मेरी बीवी को छत पर लाकर चोदना चाहता है, मैंने मन में कहा ,

“बढ़िया किये दिनेश कभी कभी खुली छत पर रात के अंधेरे में हवा खाने जरूर आना चाहिए”

दिनेश के चहरे में एक मुस्कान आ गयी,और मैं सब जानते हुए भी अनजान बने मुस्कुरा रहा था...

फिर कुसुम कि प्रतिक्रिया देखने के लिए रुके बगैर ही दिनेश जल्दी से पीछे मुड़ा और तेज़ कदमो के साथ छत से बाहर निकल गया.

हतप्रभ सी कुसुम उसे जाते हुये देखती रही ! उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अभी अभी कुसुम ने उसे Kiss किया था, वो भी खुद उसकी मर्ज़ी से. कुछ देर वैसे ही मूर्ति बने खड़े रहने के बाद उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट खेल गई, और उसके मुँह से निकला.

" पागल !!! ".

दिनेश के जाते ही इस बार मैने छत का दरवाज़ा बंद करके कुसुम से पूछा

" कब कर रही हो दूसरी शादी ? "

" Shut up अरुण ! ". कुसुम मुझे देखे बगैर बोली और अपने मोबाइल में समय देखने लगी.

" अपने प्रेमी के साथ साथ मुझे भी साथ रखोगी या मुझे तलाक दे दोगी ? ". मैने फिर से पूछा.

कुसुम मुड़कर वापस मेरे पास आई और मेरे गाल पकड़कर प्यार से बोली.

" इतनी आसानी से तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ने वाली मैं ! ".

मेरे और कुसुम के बीच एक अजीब तरह कि जुगलबंदी थी, हम दोनों एक दूसरे को खूब समझते थें. और ठीक ऐसा ही हुआ भी !

" सब कुछ दिखा दिया उस चुतिये को ??? ". मैने गुस्सा होते हुये पूछा.

कुसुम मुस्कुराई, और मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़कर मुझे अपनी साड़ी के ऊपर ऊपर अपनी चूत पर सटाते हुये बोली.

" इसे छोड़कर ! ".

मैने अपना हाथ कुसुम कि चूत से हटाकर उसकी हाथ कि पकड़ से छुड़ा लिया और वहाँ से जाने के लिया मुड़ा.

" अब तुम्हें क्या हुआ ? ". कुसुम ने मेरा हाथ पीछे से पकड़ कर मुझे रोकते हुये पूछा.

" I don't like all this कुसुम ! ". मैने गर्दन घुमाकर पीछे अपनी पत्नि को देखते हुये कहा.

" What you don't like ? ये कुछ नया तो नहीं ? ". कुसुम ऐसे बोली जैसे उसे मेरे इस बर्ताव पर यकीन ना हो रहा हो. " कितनों के सामने मैं नंगी हुई हूँ अरुण... हम दोनों ये जानते हैं और हम दोनों को ये पसंद है और हमें इसमें मज़ा आता है ! ".

" बेबी... मुझे ये लड़का पसंद नहीं ! ". मै पीछे मुड़कर कुसुम के पास आया और उसके गाल पर हाथ रखकर शांति से बोला.

" तो मुझे कौन सा पसंद है... इनफैक्ट मुझे तुम छोड़कर कोई और पसंद ही नहीं अरुण ! ". कुसुम ने अपने गाल पर रखे मेरे हाथ को चूमते हुये कहा.

" ये लड़का मुसीबत बनेगा बता दे रहा हूँ मैं. तुम्हें आई लव यू बोल कर गया है हरामी ! ".

" I think मैं उसका पहला Crush हूँ... उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं होगी I am sure ! ". कुसुम ने हँसते हुये कहा. " तुम तो बस ... रिलैक्स करो ! ".

मै कुछ क्षण के लिए रुका, एक लंबी गहरी साँस ली, और फिर कुसुम को अपनी बांहों में भरकर बोला.

" Look बेबी... मैं तुम्हारे बारे में हर तरह कि Fantasy करता रहता हूँ... तुम्हें किसी गैर आदमी के साथ बिस्तर पर देखने कि ख्वाहिश रखता हूँ ! मगर ये भी सच है कि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता ! ".

" ये सब क्या बोल रहे हो अरुण ? Have you lost it or what ?? ". कुसुम आश्चर्य से बोली. " मैं दूसरे मर्दो से तुम्हारे कहने पर फ़्लर्ट करती हूँ, ताकि हमारी शादीशुदा ज़िन्दगी Spice up हो, ना कि किसी गैर मर्द के करीब जाने पर मैं तुमसे दूर चली जाऊँ ! ".

" मैं सिर्फ इतना ही चाहता हूँ बेबी कि तुम्हें पता रहे कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ ! ". मैने धीरे से कहा.

" दुबारा कभी ऐसा मत सोचना अरुण ! ". कुसुम ने अपना चेहरा मेरे सीने में छुपाते हुये कहा.

(हम दोनों पति पत्नि को एक दूसरे पर पूरा भरोसा था, मगर ये कभी भी संभव नहीं था कि कुसुम अपने पति के मन कि बात पूरी तरह से समझ ले और मै उसके मन कि बात ! कोई किसी के चाहे जितना भी करीब हो, एक दूसरे के मन कि बात सौ प्रतिशत जान पाना मुमकिन ही नहीं... ना मुमकिन है???)

मैं खुद भी आश्चर्य में था की कुसुम सब कुछ सच बता रही थी … मेरे चहरे के भाव शायद उसने समझ लिए

“अरे फिक्र मत करो मैं सम्हाल लुंगी उसे “

कुसुम तो हल्के से हँसी लेकिन मेरे चहरे की रंगत अभी भी वैसी ही थी ..

“क्या हुआ है आपको ..”

“मुझे दिनेश की नही तुम्हारे बारे में फिक्र हो रही है,क्या तुम खुद को सम्हाल पाओगी..???”

मेरी बात से कुसुम लगभग सकपका सी गई

“ऐसा क्यो बोल रहे हो “
“ऐसा क्या हो गया की तुम इतने अपसेट हो गये “ कुसुम को जैसे सांप सूंघ गया… वो घबराई हुई बोली

“कुसुम तुम मुझसे कुछ छुपा तो नई रही,”मैंने उसपर एक भेदक दृष्टि डाली

“नही नही कुछ भी नही ..”

“जानती हो ना मैं कौन हु ,लोग मुझे प्रोफेसर कहते है , रोज ना जाने कितने स्टूडेंट को पाठ पढ़ाता शिखाता हू और मेरी ही बीवी मुझे ही पढ़ा शिखा रही है तो ये दुखद बात है “

कुसुम इस बार बुरी तरह से घबरा गई थी, कोई बात थी जिसका उसने मेरे सामने खुलासा नही किया था और वो उसके दिल में डर बनकर पैदा हो रहा था..

“मैं उसे कंट्रोल नही कर पा रही हु “
आखिर कुसुम ने मुह खोल दिया

“मतलब “

“मतलब वो आगे बढ़ना चाहता है और मैं उसे कंट्रोल नही कर पा रही “

कुसुम की नजर नीची थी और वो थोड़ी डरी हुई भी थी ..

“तो तुम क्या चाहती हो “

उसने नजर उठाई ..

“आपको क्या लगता है ..?”

उसका जवाब मेरे लिए मुश्किल पैदा करने वाला था

“मुझे क्या लगेगा “

मैंने अपना पल्ला झड़ते हुए कहा.
“क्यो आपको क्यो नही लगेगा,आप ही तो कहते थे ना की दूसरे के साथ देखकर आपको उत्तेजना का अहसास होता है ,तो अब बताओ की आपको क्या लगता है ..”

अब मैं बुरी तरह से झेंप गया था
“तुम बात को बदल रही हो कुसुम मैंने पहले पूछा था “


कुसुम के चहरे में एक व्यंगात्मक मुस्कान आ गई


“बात को मैं नही आप बदल रहे हो ,जिस चीज के लिए इतने दिनों से मेरा दिमाग बदलने की कोशिस कर रहे थे आज वो सामने है अब बोलो की आपको क्या चाहिए,मैं सब में तैयार हु “


कुसुम की बात से मैं बुरी तरह से हिल चुका था,मेरा ही फैलाया गया शनिश्चर मंझे भी अपने चपेट में ले रहा था ,दुनिया के लिए मैं एक माहिर पढ़ा लिखा प्रोफेसर था लेकिन ये मामला तो दिल का था ,मेरे इमोशन का था ना की दिमाग का …


मैं अपने को कही ना कही हारा हुआ फील कर रहा था मेरे पास कुसुम के सवाल का कोई भी जवाब नही था…


मैं बस अपनी नजर नीचे किये हुए अपने सोच में पड़ा था ,की कुसुम के चहरे की मुस्कान और भी गहरी हो गई


“मुझे पता था की आप का रियेक्सन ऐसा ही होने वाला है,मैंने जब दिनेश से आपको मिलवाया था उस समय देखा था आपको की आपको मेरे दूसरे के साथ होने पर क्या होता है,जान खुद को धोखा देना बंद करो आप मुझसे प्यार ही नही करते बल्कि आपको मुझे बांटना भी नही चाहते ,मान लो इस बात को की आप मुझे किसी और के साथ नही देख सकते …”


कुसुम इतना बोलकर मुह फेर कर दूसरी ओर खड़ी हो गई ,मुझे लगा जैसे किसी ने मेरे मुह में एक जोर का थप्पड़ मार दिया हो ,मैंने तो इंग्लिश फ़िल्मों में देख रखा था की ये सब कितना आसान होता है,एक पति अपने पत्नी को बताता है की उसे क्या चाहिए फिर पत्नी भी किसी मोटे लंड की चाह में उसका साथ देती है और अपने पति को जलाती है ,और पति दूसरे मर्द के साथ अपनी बीवी को देखकर हिलाता है,बीवी दूसरे का मोटा लंड और सेक्स की क्षमता से खुस हो जाती है और मजे से सेक्स करती है …


सब कितना आसानी से हो जाता है ,मैं भी यही सोचा करता था की मैं भी एक दिन कुसुम को दूसरे के साथ देखूंगा तो मेरा भी खड़ा हो जाएगा ,वो बेडरूम में होगी और मैं अपना लिंग मसलूंगा ...लेकिन ….लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी ,कुसुम ने मुझे एक अजीब सा दर्पण दिखा दिया था,मैं तो यही सोचता था की मैं बहुत ही मॉर्डन ख्यालात का व्यक्ति हु जिसे अपनी पत्नी की खुसी के सामने कुछ नही दिखेगा,उसे खुस देखकर मैं भी खुस हो जाऊंगा और खुश ही क्यो उत्तेजित भी हो जाऊंगा लेकिन यंहा तो कुछ और ही हो रहा था ,


मैं पहली बार अपने को भावनात्मक रूप से इतना कमजोर पा रहा था , मैंने एक गहरी सांस ली और एक सिगरेट जलाकर चुपचाप ही कुसुम के पास गया, कुसुम इस समय अपने बालो को संवारते हुए छत से नीचे देख रही थी ,उसके सभी अंग अपने चरम में मुझे मोहित कर रहे थे और मैं एक टक उसे देख रहा था ,वो मेरी तरफ मुह करके खड़ी हो गई …


मुझे इस चिंता में देखकर उसका भी चहरा उतर गया… वो मेरे गालो को सहलाने लगी और मेरे आंखों में देखने लगी ..


“क्यो अपने को तकलीफ दे रहे हो ,मान भी जाओ के सच क्या है ..”उसके आंखों में कुछ आंसू दमक रहे थे


“लेकिन मैं…”


“उन इंग्लिश फ़िल्मों के पीछे क्यो पड़ रहे हो ,वो सच नही है वो सिर्फ फिल्मे है बस ...और आप वैसे नही हो ,मैंने भी आपके कारण कुछ इंग्लिश फिल्मे देख ली और मुझे समझ आया की आप तो उनमे से कोई भी नही हो ..आप मुझे बिस्तर में संतुष्ट करते हो ,और आप कोई नपुसंक् इंसान भी नही हो ,असल में आपको आजतक किसी चीज के सामने मैंने झुकते हुए नही पाया है,आप तो जिस्म और मन से ही इतने फौलादी हो फिर क्यो आप ऐसे बनने की चाह रखते हो


….मैंने आपकी फेंटेसी क्या कहते है उसे cuckolding के बारे में काफी पढ़ा उसमे एक अल्फा होता है और एक बीटा ,बीटा अपनी पत्नी को अल्फा मेन से सेक्स करवाता है और खुस होता है क्योकि उसे लगता है की एक अल्फा उससे कही ज्यादा उसकी पत्नी को खुस करता है लेकिन क्या आपको लगता है की आप एक बीटा हो,नही जान आप ही तो वो अल्फा हो जिसकी कोई भी लड़की दीवानी हो जाती है ,आप सच्चे मर्द हो ,आपकी ये फेंटेसी ही झूठी है ..’


कुसुम मुझसे लिपट कर रोने लगी ,लेकिन मैं अब भी अजीब सी उलझन में था,मुझे भी पता था की कुसुम ने कुछ गलत नही कहा है,मैं बिस्तर में और समाज में दोनो ही रूप से कुसुम को संतुष्ट करता था, मैं खुद ही इतना सेक्सी था कि हर औरत मेरे साथ सोने को तैयार थी ,लेकिन फिर भी पता नही दिल के किसी कोने से ये आवाज आ रही थी की ये आइडिया बेहद ही उत्तेजक है …


“आप अब भी नही समझ रहे है ...है ना..अच्छा चलो अगर मैं कहु की मैं सच कह रही हु ,,और मैं दिनेश से बेहद प्यार करती हु और उसके साथ सोना चाहती हु तो आप क्या कहोगे…”


कुसुम की बात से मैं फिर से हिल गया,मैं कुछ कह ही नही पा रहा था,उसने मेरे चहरे को जोरो से पकड़ लिया और मेरे आंखों में देखने लगी ..


“बस एक ही बात बोलो जो आपके दिल में आ रही है,अब आप मुझसे कोई भी झूट नही बोलोगे “


मैं उसके आंखों में देखने लगा ,उसके उस मासूम चहरे को देखने लगा ,उसकी वो बड़ी बड़ी आंखे जिसमे मेरे लिए असीम प्यार झलक रहा था,उसका वो नाजुक बदन जो अभी सिल्क और सेटिन की साड़ी से ढंका हुआ था और उसके करीब होने का अहसास ही मुझे उसकी कोमलता का बयान कर रही थी ,


“शायद मैं उसे मार डालूं ..”


मेरे मुह से बस इतना ही निकला और कुसुम के चहरे में एक मुस्कान गहरा गई ,वो मुझसे लिपट गई ..


“बोला था ना आपको …’
वो मेरे सीने को चूमने लगी ,मैं अपनी ही दुनिया में खोया हुआ था,जैसे कोई व्यक्ति एक बेहद हसीन सपना टूटने पर खो जाता है ,मुझे यकीन ही नही हों रहा था की मेरी सच्चाई अखिर ये है,मैंने तो अपने को कुछ और ही सोचा था ,उन फ़िल्मों के हीरो की तरह जो की हॉट वाईफ और cuckolding पर बनाई जाती है!


(दोस्तो सच में फिल्मे, फिल्मे ही होती है ,असल जीवन में ये हॉट वाईफ और cuckolding की फेंटेसी जिस्मानी से कही ज्यादा इमोशनल होती है ,मैं उन्ही पहलुओं को उजागर करने की एक चेष्टा में हु जिसके माध्यम से इन फेंटेसी को और अच्छी तरह से समझा जा सके और इस स्टोरी को सच्चाई के करीब ले जाया जा सके...ताकि पढ़ने में ऐसा ना लगे की ये क्या चुतियापा है ऐसा कभी होता है क्या ???जैसा मुझे ऐसी स्टोरी को पढ़ते हुए लगता है ...मैं कुछ तह की खोज में हु जिसे मैं स्टोरी के माध्यम से उखाड़ना चाहता हु जो ये बता सके की आखिर ये होती क्या है )


कुसुम मेरे सीने से लगी हुई मुझे अपना प्यार दे रही थी ,मेरे हाथ उसके बालो पर चले गए थे,और मैं उसकी कोमलता को ... जो मैं किसी के साथ बाटने की ख्वाहिश रखता था ..सहलाते हुए ये सोच रहा था की क्या मैं सच में इसे किसी और के साथ बांट पाऊंगा ….और मेरा मन मुझे बस ये ही कह रहा था की इसका जवाब तो तुझे भी नही पता.......


“तो क्या सोचा अपने “


कुसुम की आवाज से मैं थोड़ा चौका,ना जाने कितने समय हो चुके थे मुझे अपने ही ख्यालों में खोए हुए …


“क्यो मुझे फंसा रही हो “


उसकी मुस्कान बेहद ही गहरी हो गई ..


“आखिर मान ही गए ना “


“हा लेकिन फिर भी कुछ अजीब सी गुदगुदी होती है जब सोचता हु की कोई दूसरा ..”
उसने मेरे होठो में अपनी उंगली रख दी ..
“बहुत हो गया अब ,..”


वो थोड़े देर कुछ सोचने लगी..फिर अचानक ही बोल पड़ी “अच्छा एक काम करते है ..क्यो ना ऐसा करते है की मैं अपनी जिंदगी जीयू आप अपनी ,लेकिन अब मुझसे कोई उम्मीद मत करना की मैं आपको कुछ बताऊंगी ...किसी भी लड़के के बारे में “


मैं हँस पड़ा “पता है ना की मैं कौन हु ,कैसे छिपाओगी .”


वो मुस्कुरा उठी “हम्म्म्म तो मेरी जासूसी करोगे ..चलो देखते है कितनी करोगे ,”


“अच्छा तो कुछ प्लान कर रही हो ..”


“अब तो सोचना ही पड़ेगा कुछ ,बस आप अपने को काबू में रखना ,वरना किसी को सच में मार बैठोगे..” उसके होठो में एक शरारती मुस्कान आ गई ..


“क्या तुम सच में कुछ करने वाली हो “
मैं थोड़ा गंभीर था,


“बहुत बोलते थे ना अब देखना,जलने का सारा शौक पूरा कर दूंगी मैं आपका “
वो शरारत से बोलकर मुझे अकेला छोड़ नीचे चली गई, मैं बुरी तरह से कांप गया आखिर ये करने क्या वाली थी ...????


जारी है...... ✍️
 

manu@84

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सब कुछ तो अच्छा था पर बीच में रोज रोक देने वाली कला का मैं खंडन करना चाह रहा हूं अच्छा नहीं लगा
Gajab update
Zabardast story bhai..last 4days main puri story padhi mainapki maza aa gaya....per update thoda jaldi dia karo
Ye vi thik

Ab

Apni Biwi ko

Pakdo

Or

Beti ko Chod Do
Waah Proffesr Ji 🫰⚠️
कुकोल्डिंग के बारे मे मैने पहले भी कहा था कि यह एक सेक्सुअल फेटिश है । सेक्सुअल उत्तेजना का एक तत्व ।
इसका मर्द या औरत के सेक्सुअल पावर से कोई भी लेना देना नही ।
अगर कुसुम मैडम अपने भूतपूर्व आशिक के साथ सेक्सुअली अंतरंग होती है और प्रोफेसर साहब को यह सब देख कर कामुकता का एहसास होता है तो यह ऐसा नही है कि कोई चमत्कार हो गया । हर लोग की सेक्सुअल फैंटेसी अलग अलग होती है जिनमे कुछ लोग अपनी फैंटेसी को कामयाब होता देख लेते है तो कुछ लोग के लिए यह सिर्फ फैंटेसी ही बनकर रह जाती है ।
अगर प्रोफेसर साहब को इसमे कुछ भी बुरा नही महसूस होता , अगर वो इन अवैध संबंध को वास्तव मे एन्जॉय कर रहे है तो फिर क्या खराबी है इसमे ! लोग - बाग तो वाइफ स्वैपिंग कर लेते है , लोग तो अपने ही परिवार के साथ इन्सेस्ट सम्बन्ध स्थापित कर लेते है , यहां तक की बीडीएसएम जैसा क्रूर सेक्सुअल सम्बन्ध भी बना बैठते है।
कम से कम बलात्कार जैसी कांड से यह सब फिर भी अच्छा है जहां लोग आपसी सहमति से व्यभिचार मे लिप्त होते है । लेकिन फिर वही बात लागू होता है - A bad man is better than a bad name .
पर्दे के पीछे किया गया वह अनैतिक कार्य जिसका सच कभी उजागर ही न हो ।
( वैसे आप कुछ भी गलत कर्म करेंगे तो यह स्वभाविक है कि आपका दिल या दिमाग उसी क्षण आपको इस के बारे मे आगाज करता है ) यह मनुष्य पर निर्भर है कि वो क्या डिसिजन लेता है ।

प्रोफेसर साहब खुद दूध के धुले नही है और सबसे महत्वपूर्ण कि वो कुकोल्डिंग की उत्तेजना महसूस करना चाहते है तो फिर क्या प्रॉब्लम ?

बहुत ही बेहतरीन अपडेट मानु भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग।
Bohot hi kamuk update Manu bhai.
Great 👍 writing ✍️
Mujhe lagta hai Arun ko ye sab beech me hi rok dena chahiye. Nahi to uski Lanka lag jayegi. Kyu ki uski Patni ek Kam kazi mahilia hai wo ek bar hath se nikal gai to fir na rukegi. 😑
Awesome update👌👌👌👌💥💥💥👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💯💯💯💯💯💯💯🔥🔥🔥
दिल गुदगुदाने वाला अपडेट 😍धन्यवाद
Update पोस्ट कर दिया एक गुजारिश के साथ आप सभी ज्यादा से ज्यादा शब्दों की बारिश से अपने रिव्यू, प्रतिक्रिया, विचार, शिकायते, खूबियां, कमिया, गालियाँ जिसको जैसा ठीक लगे.......बस इस कहानी को अपना प्यार, आशीर्वाद दे...... 🙏🙏🙏
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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दिनेश ने कुसुम की ब्लाउस की पीठ पर बंधी रेशमी धागे की डोर खींच दी..... ।

परनारी की बदन की खुशबू से मस्त दिनेश ने कुसुम की चिकनी पीठ देख कर उससे पूछ ही लिया- कुसुम, एक बात तो बताओ, तुम खुद भी चुदने के लिए मानसिक रूप से तैयार थी? फिर मुझे तरसा क्यों रही थी?

कुसुम ने कहा- नहीं, मैं एकदम तैयार नहीं हो गई थी बल्कि दुविधा में थी। मेरा एक मन मुझे तुम्हारी तरफ धकेल रहा था, दूसरा मन मेरे पैरों में नैतिकता की बेड़ी डाल रहा था।

फिर कुसुम हंसकर बोली- लेकिन मुझे पता नहीं क्यों इस बात का अंदाज़ा था मेरे गुंडे … कि तुम अपने मकसद में कामयाब हुए बिना मुझे छोड़ने वाले नहीं हो इसलिए मैंने सोचा कि अपनी तरफ से भी तैयारी तो कर ही ली जाए।

दिनेश कुसुम की बातों से खुश था, इस पर कुसुम ने मुस्कुराते हुए कहा- अरुण ने तो मेरी प्राकृतिक सील तोड़ी है लेकिन हर औरत की एक स्वनिर्मित सील और होती है, जिसे पहला गैर मर्द तोड़ता है। मेरी वह सील आज तुम तोड़ोगे मेरे रा…जा!
दिनेश के मुंह से निकला- वाह कुसुम, क्या नई थ्योरी लेकर आई हो मेरी रानी!

कुसुम की बात से दिनेश का जोश बढ़ गया।
कुसुम पीठ किये हुए मेरी ओर खड़ी हुई थी उसकी आंखें अब बंद थी, मैं साइड में से उसे देख पा रहा था,इसलिए बस एक तरफ का चेहरा ही मुझे दिखाई दे रहा था।

अचानक ही देखते ही देखते कुसुम का मुह खुला,मुझे कोई आवाज तो सुनाई नही दे रही थी पर ये एक्सप्रेशन शायद ही कोई मर्द पहचान ना पाए, हा लंड के किसी के अंदर घुसने से बना एक्सप्रेशन… वो हल्के से मुह का खुल जाना… मुह के खुलते ही उसका शरीर भी थोड़ा ऊपर को हुआ और फिर से अपनी जगह पर आ गया,मुझे बस कुसुम के एक्सप्रेशं ही दिख रहा था,शायद वो थोड़ी और नीचे हुई थी,ये सोचकर ही मेरा खून खोल गया कि क्या दिनेश कुसुम के कपड़ो के ऊपर से ही अपने लंड को घुसेड़ने का प्रयास कर रहा है, मैं इंतजार कर रहा था कि शायद वो उसके साड़ी ब्लाउस खोल कर नँगा करेगा । पर ये क्या उसने कुसुम को गोद मे ही उठा लिया ,शायद उसके कमर में हाथ डालकर उसे उठाया था ,मुझे उसके हाथ ही दिखाई दिए,

मैं मजबूर होकर देख रहा था, कभी कभी वो ऊपर नीचे होती पर दोनो ही एक दूजे के होठो के रसपान में ही व्यस्त थे,फिर कुसुम नीचे उतर गयी इसबार उसका चेहरा मेरी तरफ घुमा था,आंखे बंद थी और शरीर जल्दी जल्दी *ऊपर नीचे होने लगा था, कुसुम ने अपने होठो को अपने दांतों में दबा रखा था,उसके हाथ अपने चेहरे पर जाते तो कभी आगे बढ जाते….

उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ दिख रहे थे,माथे पर पसीने की कुछ बूंदे आ रही थी,काश मैं उसकी आवाज भी सुन पता जरूर वो साला उसे कुछ कह रहा होगा,तभी उसका मजबूत सा हाथ जो सीधे कुसुम के गले से होता हुआ उसकी ब्लाउस के अंदर घुसा दिया,साला मेरी जान के स्तनों को इतने बेरहमी से मसल रहा था, कुसुम जरूर जोरो से आहे भर रही थी उसके होठ खुले हुए थे और मैं उसे महसूस कर पा रहा था,उसने अपना हाथ बाहर निकाला और अब वो अपने हाथ के सहारे कुसुम पर झुक गया,उसके दोनों हाथ कुसुम के दोनो स्तनों पर थे साला मेरी बीवी को पूरे जोर में चोदने की तैयारी कर रहा था,

मादरचोद ये क्या है,ये तो अभी अभी लाइन मरना शुरू किया था,और अब ... यार कुसुम है क्या सेक्स मशीन, इतनी जल्दी तो रंडी भी सौदा फिक्स नही करती...

इसके बाद मुझे आगे देखना ही व्यर्थ लगा,कुछ दिल में टूट सा गया था,क्या था मुझे नही पता,मेरे ही आँखों के सामने मेरी ही पत्नी इतनी रात में मेरी मौजूदगी में….. जो हो रहा था मुझे इससे दुख तो नही पर मेरे लिए ये किसी भी प्रकार की खुशी भी नही थी,मुझे लगा था की कुसुम कम से कम चुदने में तो समय लेगी पर ये जानना बड़ा ही आश्चर्यजनक था की शाम तक दिनेश उसे पटा रहा था अभी वो उसके साथ ऐसी हरकत…..

शायद वो मुझे बता कर के ये सब करती तो मुझे उतना अजीब नही लगता, एक नवजवान से लड़का जो मुझे सुबह से पूरी शादी में सर सर कह कर पुकार रहा था , मादरचोद मेरी ही बीवी को मेरे ही सामने चोदने पर उतारू है, वो भी सिर्फ एक दिन उसकी तारीफ करके।

माथा तो खनक गया था पर शायद कुसुम इतनी भी जल्दी पटने वाली लड़की नही थी,शायद वो कुसुम को पहले भी चोद चुका हो जब से मैं उसे नही जानता,ऐसे भी कुसुम के रिश्ते में उसका रिश्तेदार (मामा) है…...ह्म्म्म हो तो सकता है ,या नही भी चलो जो भी हो मेरी बीवी ने तो अपने कारनामे दिखा ही दिए और वो मेरी मौजूदगी में गैर मर्द से चुदने को बेताब हो चुकी थी तो अब डर कहे का,साला अब कहे की शर्म हाय ,वो मस्ती करे तो मैं पीछे क्यो रहू,तो क्या उसे दुसरो से चुदते हुए देखना ही मेरी नियति है,..............मेरे दिमाग में एक लहर सी उठी नही नही नही!

यार वो मेरी ब्याहता है, मेरी जीवन संगिनी है, मेरी पत्नी है, मेरे परिवार की इज्जत है, मुझे उसे रोकना होगा अभी भी ज्यादा देर नही हुई है, अभी चुदाई शुरु नही है, हा अरुण वो अभी चुदी नही है और रोको उसे, रोक लो, बचा लो उसे चुदने से।

मैं अपना हाथ अंदर डाल कर गेट खोलने लगा,इस मादरचोद को क्या हो गया जो अभी तक नही खुल रहा है,मैंने मन में ही कहा, छत पर लगे पुराने लोहे के गेट ने मेरी आने की सूचना शायद अंदर तक दे दी हो,इतना आवाज करता था कि कोई भी समझ जाएं, मैं अंदर गया तो दिनेश को कुसुम से दूर खड़ा पाया,उसने पहली नजर में मुझे ऐसे देखा जैसे साला मुझे मार ही डालेगा,शायद मैंने जल्दी आके उसका खेल बिगड़ दिया था,15 मिनट तो दिए थे इनलोगो को अब क्या रात भर इनके लिए "बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना" बन कर घूमता फिरू… मैं फिर मन मे सोचा,

लेकिन दिनेश ने अपने एक्सप्रेशन तुरंत बदले और आगे बढ़कर मुझसे हाथ मिलाया,मैं भी अपने होठों पर झूठे एक्सप्रेशन लाने में कामयाब रहा,

“ अरुण सर वो कुसुम को नीचे हॉल में थोड़ी घबराहट और बेचैनी सी हो रही थी सो हम दोनों छत पर खुली हवा में आ गये।
its गुड फ़ॉर हेल्थ “

मेरी तो सांसे ही थोड़ी देर ले लिए रुक गयी , मादरचोद मेरी बीवी को छत पर लाकर चोदना चाहता है, मैंने मन में कहा ,

“बढ़िया किये दिनेश कभी कभी खुली छत पर रात के अंधेरे में हवा खाने जरूर आना चाहिए”

दिनेश के चहरे में एक मुस्कान आ गयी,और मैं सब जानते हुए भी अनजान बने मुस्कुरा रहा था...

फिर कुसुम कि प्रतिक्रिया देखने के लिए रुके बगैर ही दिनेश जल्दी से पीछे मुड़ा और तेज़ कदमो के साथ छत से बाहर निकल गया.

हतप्रभ सी कुसुम उसे जाते हुये देखती रही ! उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अभी अभी कुसुम ने उसे Kiss किया था, वो भी खुद उसकी मर्ज़ी से. कुछ देर वैसे ही मूर्ति बने खड़े रहने के बाद उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट खेल गई, और उसके मुँह से निकला.

" पागल !!! ".

दिनेश के जाते ही इस बार मैने छत का दरवाज़ा बंद करके कुसुम से पूछा

" कब कर रही हो दूसरी शादी ? "

" Shut up अरुण ! ". कुसुम मुझे देखे बगैर बोली और अपने मोबाइल में समय देखने लगी.

" अपने प्रेमी के साथ साथ मुझे भी साथ रखोगी या मुझे तलाक दे दोगी ? ". मैने फिर से पूछा.

कुसुम मुड़कर वापस मेरे पास आई और मेरे गाल पकड़कर प्यार से बोली.

" इतनी आसानी से तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ने वाली मैं ! ".

मेरे और कुसुम के बीच एक अजीब तरह कि जुगलबंदी थी, हम दोनों एक दूसरे को खूब समझते थें. और ठीक ऐसा ही हुआ भी !

" सब कुछ दिखा दिया उस चुतिये को ??? ". मैने गुस्सा होते हुये पूछा.

कुसुम मुस्कुराई, और मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़कर मुझे अपनी साड़ी के ऊपर ऊपर अपनी चूत पर सटाते हुये बोली.

" इसे छोड़कर ! ".

मैने अपना हाथ कुसुम कि चूत से हटाकर उसकी हाथ कि पकड़ से छुड़ा लिया और वहाँ से जाने के लिया मुड़ा.

" अब तुम्हें क्या हुआ ? ". कुसुम ने मेरा हाथ पीछे से पकड़ कर मुझे रोकते हुये पूछा.

" I don't like all this कुसुम ! ". मैने गर्दन घुमाकर पीछे अपनी पत्नि को देखते हुये कहा.

" What you don't like ? ये कुछ नया तो नहीं ? ". कुसुम ऐसे बोली जैसे उसे मेरे इस बर्ताव पर यकीन ना हो रहा हो. " कितनों के सामने मैं नंगी हुई हूँ अरुण... हम दोनों ये जानते हैं और हम दोनों को ये पसंद है और हमें इसमें मज़ा आता है ! ".

" बेबी... मुझे ये लड़का पसंद नहीं ! ". मै पीछे मुड़कर कुसुम के पास आया और उसके गाल पर हाथ रखकर शांति से बोला.

" तो मुझे कौन सा पसंद है... इनफैक्ट मुझे तुम छोड़कर कोई और पसंद ही नहीं अरुण ! ". कुसुम ने अपने गाल पर रखे मेरे हाथ को चूमते हुये कहा.

" ये लड़का मुसीबत बनेगा बता दे रहा हूँ मैं. तुम्हें आई लव यू बोल कर गया है हरामी ! ".

" I think मैं उसका पहला Crush हूँ... उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं होगी I am sure ! ". कुसुम ने हँसते हुये कहा. " तुम तो बस ... रिलैक्स करो ! ".

मै कुछ क्षण के लिए रुका, एक लंबी गहरी साँस ली, और फिर कुसुम को अपनी बांहों में भरकर बोला.

" Look बेबी... मैं तुम्हारे बारे में हर तरह कि Fantasy करता रहता हूँ... तुम्हें किसी गैर आदमी के साथ बिस्तर पर देखने कि ख्वाहिश रखता हूँ ! मगर ये भी सच है कि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता ! ".

" ये सब क्या बोल रहे हो अरुण ? Have you lost it or what ?? ". कुसुम आश्चर्य से बोली. " मैं दूसरे मर्दो से तुम्हारे कहने पर फ़्लर्ट करती हूँ, ताकि हमारी शादीशुदा ज़िन्दगी Spice up हो, ना कि किसी गैर मर्द के करीब जाने पर मैं तुमसे दूर चली जाऊँ ! ".

" मैं सिर्फ इतना ही चाहता हूँ बेबी कि तुम्हें पता रहे कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ ! ". मैने धीरे से कहा.

" दुबारा कभी ऐसा मत सोचना अरुण ! ". कुसुम ने अपना चेहरा मेरे सीने में छुपाते हुये कहा.

(हम दोनों पति पत्नि को एक दूसरे पर पूरा भरोसा था, मगर ये कभी भी संभव नहीं था कि कुसुम अपने पति के मन कि बात पूरी तरह से समझ ले और मै उसके मन कि बात ! कोई किसी के चाहे जितना भी करीब हो, एक दूसरे के मन कि बात सौ प्रतिशत जान पाना मुमकिन ही नहीं... ना मुमकिन है???)

मैं खुद भी आश्चर्य में था की कुसुम सब कुछ सच बता रही थी … मेरे चहरे के भाव शायद उसने समझ लिए

“अरे फिक्र मत करो मैं सम्हाल लुंगी उसे “

कुसुम तो हल्के से हँसी लेकिन मेरे चहरे की रंगत अभी भी वैसी ही थी ..

“क्या हुआ है आपको ..”

“मुझे दिनेश की नही तुम्हारे बारे में फिक्र हो रही है,क्या तुम खुद को सम्हाल पाओगी..???”

मेरी बात से कुसुम लगभग सकपका सी गई

“ऐसा क्यो बोल रहे हो “
“ऐसा क्या हो गया की तुम इतने अपसेट हो गये “ कुसुम को जैसे सांप सूंघ गया… वो घबराई हुई बोली

“कुसुम तुम मुझसे कुछ छुपा तो नई रही,”मैंने उसपर एक भेदक दृष्टि डाली

“नही नही कुछ भी नही ..”

“जानती हो ना मैं कौन हु ,लोग मुझे प्रोफेसर कहते है , रोज ना जाने कितने स्टूडेंट को पाठ पढ़ाता शिखाता हू और मेरी ही बीवी मुझे ही पढ़ा शिखा रही है तो ये दुखद बात है “

कुसुम इस बार बुरी तरह से घबरा गई थी, कोई बात थी जिसका उसने मेरे सामने खुलासा नही किया था और वो उसके दिल में डर बनकर पैदा हो रहा था..

“मैं उसे कंट्रोल नही कर पा रही हु “
आखिर कुसुम ने मुह खोल दिया

“मतलब “

“मतलब वो आगे बढ़ना चाहता है और मैं उसे कंट्रोल नही कर पा रही “

कुसुम की नजर नीची थी और वो थोड़ी डरी हुई भी थी ..

“तो तुम क्या चाहती हो “

उसने नजर उठाई ..

“आपको क्या लगता है ..?”

उसका जवाब मेरे लिए मुश्किल पैदा करने वाला था

“मुझे क्या लगेगा “

मैंने अपना पल्ला झड़ते हुए कहा.
“क्यो आपको क्यो नही लगेगा,आप ही तो कहते थे ना की दूसरे के साथ देखकर आपको उत्तेजना का अहसास होता है ,तो अब बताओ की आपको क्या लगता है ..”

अब मैं बुरी तरह से झेंप गया था
“तुम बात को बदल रही हो कुसुम मैंने पहले पूछा था “


कुसुम के चहरे में एक व्यंगात्मक मुस्कान आ गई


“बात को मैं नही आप बदल रहे हो ,जिस चीज के लिए इतने दिनों से मेरा दिमाग बदलने की कोशिस कर रहे थे आज वो सामने है अब बोलो की आपको क्या चाहिए,मैं सब में तैयार हु “


कुसुम की बात से मैं बुरी तरह से हिल चुका था,मेरा ही फैलाया गया शनिश्चर मंझे भी अपने चपेट में ले रहा था ,दुनिया के लिए मैं एक माहिर पढ़ा लिखा प्रोफेसर था लेकिन ये मामला तो दिल का था ,मेरे इमोशन का था ना की दिमाग का …


मैं अपने को कही ना कही हारा हुआ फील कर रहा था मेरे पास कुसुम के सवाल का कोई भी जवाब नही था…


मैं बस अपनी नजर नीचे किये हुए अपने सोच में पड़ा था ,की कुसुम के चहरे की मुस्कान और भी गहरी हो गई


“मुझे पता था की आप का रियेक्सन ऐसा ही होने वाला है,मैंने जब दिनेश से आपको मिलवाया था उस समय देखा था आपको की आपको मेरे दूसरे के साथ होने पर क्या होता है,जान खुद को धोखा देना बंद करो आप मुझसे प्यार ही नही करते बल्कि आपको मुझे बांटना भी नही चाहते ,मान लो इस बात को की आप मुझे किसी और के साथ नही देख सकते …”


कुसुम इतना बोलकर मुह फेर कर दूसरी ओर खड़ी हो गई ,मुझे लगा जैसे किसी ने मेरे मुह में एक जोर का थप्पड़ मार दिया हो ,मैंने तो इंग्लिश फ़िल्मों में देख रखा था की ये सब कितना आसान होता है,एक पति अपने पत्नी को बताता है की उसे क्या चाहिए फिर पत्नी भी किसी मोटे लंड की चाह में उसका साथ देती है और अपने पति को जलाती है ,और पति दूसरे मर्द के साथ अपनी बीवी को देखकर हिलाता है,बीवी दूसरे का मोटा लंड और सेक्स की क्षमता से खुस हो जाती है और मजे से सेक्स करती है …


सब कितना आसानी से हो जाता है ,मैं भी यही सोचा करता था की मैं भी एक दिन कुसुम को दूसरे के साथ देखूंगा तो मेरा भी खड़ा हो जाएगा ,वो बेडरूम में होगी और मैं अपना लिंग मसलूंगा ...लेकिन ….लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी ,कुसुम ने मुझे एक अजीब सा दर्पण दिखा दिया था,मैं तो यही सोचता था की मैं बहुत ही मॉर्डन ख्यालात का व्यक्ति हु जिसे अपनी पत्नी की खुसी के सामने कुछ नही दिखेगा,उसे खुस देखकर मैं भी खुस हो जाऊंगा और खुश ही क्यो उत्तेजित भी हो जाऊंगा लेकिन यंहा तो कुछ और ही हो रहा था ,


मैं पहली बार अपने को भावनात्मक रूप से इतना कमजोर पा रहा था , मैंने एक गहरी सांस ली और एक सिगरेट जलाकर चुपचाप ही कुसुम के पास गया, कुसुम इस समय अपने बालो को संवारते हुए छत से नीचे देख रही थी ,उसके सभी अंग अपने चरम में मुझे मोहित कर रहे थे और मैं एक टक उसे देख रहा था ,वो मेरी तरफ मुह करके खड़ी हो गई …


मुझे इस चिंता में देखकर उसका भी चहरा उतर गया… वो मेरे गालो को सहलाने लगी और मेरे आंखों में देखने लगी ..


“क्यो अपने को तकलीफ दे रहे हो ,मान भी जाओ के सच क्या है ..”उसके आंखों में कुछ आंसू दमक रहे थे


“लेकिन मैं…”


“उन इंग्लिश फ़िल्मों के पीछे क्यो पड़ रहे हो ,वो सच नही है वो सिर्फ फिल्मे है बस ...और आप वैसे नही हो ,मैंने भी आपके कारण कुछ इंग्लिश फिल्मे देख ली और मुझे समझ आया की आप तो उनमे से कोई भी नही हो ..आप मुझे बिस्तर में संतुष्ट करते हो ,और आप कोई नपुसंक् इंसान भी नही हो ,असल में आपको आजतक किसी चीज के सामने मैंने झुकते हुए नही पाया है,आप तो जिस्म और मन से ही इतने फौलादी हो फिर क्यो आप ऐसे बनने की चाह रखते हो


….मैंने आपकी फेंटेसी क्या कहते है उसे cuckolding के बारे में काफी पढ़ा उसमे एक अल्फा होता है और एक बीटा ,बीटा अपनी पत्नी को अल्फा मेन से सेक्स करवाता है और खुस होता है क्योकि उसे लगता है की एक अल्फा उससे कही ज्यादा उसकी पत्नी को खुस करता है लेकिन क्या आपको लगता है की आप एक बीटा हो,नही जान आप ही तो वो अल्फा हो जिसकी कोई भी लड़की दीवानी हो जाती है ,आप सच्चे मर्द हो ,आपकी ये फेंटेसी ही झूठी है ..’


कुसुम मुझसे लिपट कर रोने लगी ,लेकिन मैं अब भी अजीब सी उलझन में था,मुझे भी पता था की कुसुम ने कुछ गलत नही कहा है,मैं बिस्तर में और समाज में दोनो ही रूप से कुसुम को संतुष्ट करता था, मैं खुद ही इतना सेक्सी था कि हर औरत मेरे साथ सोने को तैयार थी ,लेकिन फिर भी पता नही दिल के किसी कोने से ये आवाज आ रही थी की ये आइडिया बेहद ही उत्तेजक है …


“आप अब भी नही समझ रहे है ...है ना..अच्छा चलो अगर मैं कहु की मैं सच कह रही हु ,,और मैं दिनेश से बेहद प्यार करती हु और उसके साथ सोना चाहती हु तो आप क्या कहोगे…”


कुसुम की बात से मैं फिर से हिल गया,मैं कुछ कह ही नही पा रहा था,उसने मेरे चहरे को जोरो से पकड़ लिया और मेरे आंखों में देखने लगी ..


“बस एक ही बात बोलो जो आपके दिल में आ रही है,अब आप मुझसे कोई भी झूट नही बोलोगे “


मैं उसके आंखों में देखने लगा ,उसके उस मासूम चहरे को देखने लगा ,उसकी वो बड़ी बड़ी आंखे जिसमे मेरे लिए असीम प्यार झलक रहा था,उसका वो नाजुक बदन जो अभी सिल्क और सेटिन की साड़ी से ढंका हुआ था और उसके करीब होने का अहसास ही मुझे उसकी कोमलता का बयान कर रही थी ,


“शायद मैं उसे मार डालूं ..”


मेरे मुह से बस इतना ही निकला और कुसुम के चहरे में एक मुस्कान गहरा गई ,वो मुझसे लिपट गई ..


“बोला था ना आपको …’
वो मेरे सीने को चूमने लगी ,मैं अपनी ही दुनिया में खोया हुआ था,जैसे कोई व्यक्ति एक बेहद हसीन सपना टूटने पर खो जाता है ,मुझे यकीन ही नही हों रहा था की मेरी सच्चाई अखिर ये है,मैंने तो अपने को कुछ और ही सोचा था ,उन फ़िल्मों के हीरो की तरह जो की हॉट वाईफ और cuckolding पर बनाई जाती है!


(दोस्तो सच में फिल्मे, फिल्मे ही होती है ,असल जीवन में ये हॉट वाईफ और cuckolding की फेंटेसी जिस्मानी से कही ज्यादा इमोशनल होती है ,मैं उन्ही पहलुओं को उजागर करने की एक चेष्टा में हु जिसके माध्यम से इन फेंटेसी को और अच्छी तरह से समझा जा सके और इस स्टोरी को सच्चाई के करीब ले जाया जा सके...ताकि पढ़ने में ऐसा ना लगे की ये क्या चुतियापा है ऐसा कभी होता है क्या ???जैसा मुझे ऐसी स्टोरी को पढ़ते हुए लगता है ...मैं कुछ तह की खोज में हु जिसे मैं स्टोरी के माध्यम से उखाड़ना चाहता हु जो ये बता सके की आखिर ये होती क्या है )


कुसुम मेरे सीने से लगी हुई मुझे अपना प्यार दे रही थी ,मेरे हाथ उसके बालो पर चले गए थे,और मैं उसकी कोमलता को ... जो मैं किसी के साथ बाटने की ख्वाहिश रखता था ..सहलाते हुए ये सोच रहा था की क्या मैं सच में इसे किसी और के साथ बांट पाऊंगा ….और मेरा मन मुझे बस ये ही कह रहा था की इसका जवाब तो तुझे भी नही पता.......


“तो क्या सोचा अपने “


कुसुम की आवाज से मैं थोड़ा चौका,ना जाने कितने समय हो चुके थे मुझे अपने ही ख्यालों में खोए हुए …


“क्यो मुझे फंसा रही हो “


उसकी मुस्कान बेहद ही गहरी हो गई ..


“आखिर मान ही गए ना “


“हा लेकिन फिर भी कुछ अजीब सी गुदगुदी होती है जब सोचता हु की कोई दूसरा ..”
उसने मेरे होठो में अपनी उंगली रख दी ..
“बहुत हो गया अब ,..”


वो थोड़े देर कुछ सोचने लगी..फिर अचानक ही बोल पड़ी “अच्छा एक काम करते है ..क्यो ना ऐसा करते है की मैं अपनी जिंदगी जीयू आप अपनी ,लेकिन अब मुझसे कोई उम्मीद मत करना की मैं आपको कुछ बताऊंगी ...किसी भी लड़के के बारे में “


मैं हँस पड़ा “पता है ना की मैं कौन हु ,कैसे छिपाओगी .”


वो मुस्कुरा उठी “हम्म्म्म तो मेरी जासूसी करोगे ..चलो देखते है कितनी करोगे ,”


“अच्छा तो कुछ प्लान कर रही हो ..”


“अब तो सोचना ही पड़ेगा कुछ ,बस आप अपने को काबू में रखना ,वरना किसी को सच में मार बैठोगे..” उसके होठो में एक शरारती मुस्कान आ गई ..


“क्या तुम सच में कुछ करने वाली हो “
मैं थोड़ा गंभीर था,


“बहुत बोलते थे ना अब देखना,जलने का सारा शौक पूरा कर दूंगी मैं आपका “
वो शरारत से बोलकर मुझे अकेला छोड़ नीचे चली गई, मैं बुरी तरह से कांप गया आखिर ये करने क्या वाली थी ...????


जारी है...... ✍️
Gajab ka update Manu pyara.
Professor ka to paseena nikal gaya bhaiya. Kusum kya plan Kar Rahi hai ye bhi soche Wali baat hai. Ya fir Arun ko hool de Rahi ho.
Awesome update 👌👌👌👌👌👌💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥
 
Last edited:

Kuresa Begam

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Update पोस्ट कर दिया एक गुजारिश के साथ आप सभी ज्यादा से ज्यादा शब्दों की बारिश से अपने रिव्यू, प्रतिक्रिया, विचार, शिकायते, खूबियां, कमिया, गालियाँ जिसको जैसा ठीक लगे.......बस इस कहानी को अपना प्यार, आशीर्वाद दे...... 🙏🙏🙏
Main sirf vahi kahai padti hu jo mere dil aur dimag ko achhi lagti hai. Mere ko kuch hi lekhkon ki hi lekhni achhi lagti hai. Unme se aap ek ho.
Mere ko kisi ki kahani ka postmortem karte nahi aata hai.
Aap ki kahani achhi hai.
Last me Nice update🙏🙏
 

Ek number

Well-Known Member
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दिनेश ने कुसुम की ब्लाउस की पीठ पर बंधी रेशमी धागे की डोर खींच दी..... ।

परनारी की बदन की खुशबू से मस्त दिनेश ने कुसुम की चिकनी पीठ देख कर उससे पूछ ही लिया- कुसुम, एक बात तो बताओ, तुम खुद भी चुदने के लिए मानसिक रूप से तैयार थी? फिर मुझे तरसा क्यों रही थी?

कुसुम ने कहा- नहीं, मैं एकदम तैयार नहीं हो गई थी बल्कि दुविधा में थी। मेरा एक मन मुझे तुम्हारी तरफ धकेल रहा था, दूसरा मन मेरे पैरों में नैतिकता की बेड़ी डाल रहा था।

फिर कुसुम हंसकर बोली- लेकिन मुझे पता नहीं क्यों इस बात का अंदाज़ा था मेरे गुंडे … कि तुम अपने मकसद में कामयाब हुए बिना मुझे छोड़ने वाले नहीं हो इसलिए मैंने सोचा कि अपनी तरफ से भी तैयारी तो कर ही ली जाए।

दिनेश कुसुम की बातों से खुश था, इस पर कुसुम ने मुस्कुराते हुए कहा- अरुण ने तो मेरी प्राकृतिक सील तोड़ी है लेकिन हर औरत की एक स्वनिर्मित सील और होती है, जिसे पहला गैर मर्द तोड़ता है। मेरी वह सील आज तुम तोड़ोगे मेरे रा…जा!
दिनेश के मुंह से निकला- वाह कुसुम, क्या नई थ्योरी लेकर आई हो मेरी रानी!

कुसुम की बात से दिनेश का जोश बढ़ गया।
कुसुम पीठ किये हुए मेरी ओर खड़ी हुई थी उसकी आंखें अब बंद थी, मैं साइड में से उसे देख पा रहा था,इसलिए बस एक तरफ का चेहरा ही मुझे दिखाई दे रहा था।

अचानक ही देखते ही देखते कुसुम का मुह खुला,मुझे कोई आवाज तो सुनाई नही दे रही थी पर ये एक्सप्रेशन शायद ही कोई मर्द पहचान ना पाए, हा लंड के किसी के अंदर घुसने से बना एक्सप्रेशन… वो हल्के से मुह का खुल जाना… मुह के खुलते ही उसका शरीर भी थोड़ा ऊपर को हुआ और फिर से अपनी जगह पर आ गया,मुझे बस कुसुम के एक्सप्रेशं ही दिख रहा था,शायद वो थोड़ी और नीचे हुई थी,ये सोचकर ही मेरा खून खोल गया कि क्या दिनेश कुसुम के कपड़ो के ऊपर से ही अपने लंड को घुसेड़ने का प्रयास कर रहा है, मैं इंतजार कर रहा था कि शायद वो उसके साड़ी ब्लाउस खोल कर नँगा करेगा । पर ये क्या उसने कुसुम को गोद मे ही उठा लिया ,शायद उसके कमर में हाथ डालकर उसे उठाया था ,मुझे उसके हाथ ही दिखाई दिए,

मैं मजबूर होकर देख रहा था, कभी कभी वो ऊपर नीचे होती पर दोनो ही एक दूजे के होठो के रसपान में ही व्यस्त थे,फिर कुसुम नीचे उतर गयी इसबार उसका चेहरा मेरी तरफ घुमा था,आंखे बंद थी और शरीर जल्दी जल्दी *ऊपर नीचे होने लगा था, कुसुम ने अपने होठो को अपने दांतों में दबा रखा था,उसके हाथ अपने चेहरे पर जाते तो कभी आगे बढ जाते….

उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ दिख रहे थे,माथे पर पसीने की कुछ बूंदे आ रही थी,काश मैं उसकी आवाज भी सुन पता जरूर वो साला उसे कुछ कह रहा होगा,तभी उसका मजबूत सा हाथ जो सीधे कुसुम के गले से होता हुआ उसकी ब्लाउस के अंदर घुसा दिया,साला मेरी जान के स्तनों को इतने बेरहमी से मसल रहा था, कुसुम जरूर जोरो से आहे भर रही थी उसके होठ खुले हुए थे और मैं उसे महसूस कर पा रहा था,उसने अपना हाथ बाहर निकाला और अब वो अपने हाथ के सहारे कुसुम पर झुक गया,उसके दोनों हाथ कुसुम के दोनो स्तनों पर थे साला मेरी बीवी को पूरे जोर में चोदने की तैयारी कर रहा था,

मादरचोद ये क्या है,ये तो अभी अभी लाइन मरना शुरू किया था,और अब ... यार कुसुम है क्या सेक्स मशीन, इतनी जल्दी तो रंडी भी सौदा फिक्स नही करती...

इसके बाद मुझे आगे देखना ही व्यर्थ लगा,कुछ दिल में टूट सा गया था,क्या था मुझे नही पता,मेरे ही आँखों के सामने मेरी ही पत्नी इतनी रात में मेरी मौजूदगी में….. जो हो रहा था मुझे इससे दुख तो नही पर मेरे लिए ये किसी भी प्रकार की खुशी भी नही थी,मुझे लगा था की कुसुम कम से कम चुदने में तो समय लेगी पर ये जानना बड़ा ही आश्चर्यजनक था की शाम तक दिनेश उसे पटा रहा था अभी वो उसके साथ ऐसी हरकत…..

शायद वो मुझे बता कर के ये सब करती तो मुझे उतना अजीब नही लगता, एक नवजवान से लड़का जो मुझे सुबह से पूरी शादी में सर सर कह कर पुकार रहा था , मादरचोद मेरी ही बीवी को मेरे ही सामने चोदने पर उतारू है, वो भी सिर्फ एक दिन उसकी तारीफ करके।

माथा तो खनक गया था पर शायद कुसुम इतनी भी जल्दी पटने वाली लड़की नही थी,शायद वो कुसुम को पहले भी चोद चुका हो जब से मैं उसे नही जानता,ऐसे भी कुसुम के रिश्ते में उसका रिश्तेदार (मामा) है…...ह्म्म्म हो तो सकता है ,या नही भी चलो जो भी हो मेरी बीवी ने तो अपने कारनामे दिखा ही दिए और वो मेरी मौजूदगी में गैर मर्द से चुदने को बेताब हो चुकी थी तो अब डर कहे का,साला अब कहे की शर्म हाय ,वो मस्ती करे तो मैं पीछे क्यो रहू,तो क्या उसे दुसरो से चुदते हुए देखना ही मेरी नियति है,..............मेरे दिमाग में एक लहर सी उठी नही नही नही!

यार वो मेरी ब्याहता है, मेरी जीवन संगिनी है, मेरी पत्नी है, मेरे परिवार की इज्जत है, मुझे उसे रोकना होगा अभी भी ज्यादा देर नही हुई है, अभी चुदाई शुरु नही है, हा अरुण वो अभी चुदी नही है और रोको उसे, रोक लो, बचा लो उसे चुदने से।

मैं अपना हाथ अंदर डाल कर गेट खोलने लगा,इस मादरचोद को क्या हो गया जो अभी तक नही खुल रहा है,मैंने मन में ही कहा, छत पर लगे पुराने लोहे के गेट ने मेरी आने की सूचना शायद अंदर तक दे दी हो,इतना आवाज करता था कि कोई भी समझ जाएं, मैं अंदर गया तो दिनेश को कुसुम से दूर खड़ा पाया,उसने पहली नजर में मुझे ऐसे देखा जैसे साला मुझे मार ही डालेगा,शायद मैंने जल्दी आके उसका खेल बिगड़ दिया था,15 मिनट तो दिए थे इनलोगो को अब क्या रात भर इनके लिए "बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना" बन कर घूमता फिरू… मैं फिर मन मे सोचा,

लेकिन दिनेश ने अपने एक्सप्रेशन तुरंत बदले और आगे बढ़कर मुझसे हाथ मिलाया,मैं भी अपने होठों पर झूठे एक्सप्रेशन लाने में कामयाब रहा,

“ अरुण सर वो कुसुम को नीचे हॉल में थोड़ी घबराहट और बेचैनी सी हो रही थी सो हम दोनों छत पर खुली हवा में आ गये।
its गुड फ़ॉर हेल्थ “

मेरी तो सांसे ही थोड़ी देर ले लिए रुक गयी , मादरचोद मेरी बीवी को छत पर लाकर चोदना चाहता है, मैंने मन में कहा ,

“बढ़िया किये दिनेश कभी कभी खुली छत पर रात के अंधेरे में हवा खाने जरूर आना चाहिए”

दिनेश के चहरे में एक मुस्कान आ गयी,और मैं सब जानते हुए भी अनजान बने मुस्कुरा रहा था...

फिर कुसुम कि प्रतिक्रिया देखने के लिए रुके बगैर ही दिनेश जल्दी से पीछे मुड़ा और तेज़ कदमो के साथ छत से बाहर निकल गया.

हतप्रभ सी कुसुम उसे जाते हुये देखती रही ! उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अभी अभी कुसुम ने उसे Kiss किया था, वो भी खुद उसकी मर्ज़ी से. कुछ देर वैसे ही मूर्ति बने खड़े रहने के बाद उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट खेल गई, और उसके मुँह से निकला.

" पागल !!! ".

दिनेश के जाते ही इस बार मैने छत का दरवाज़ा बंद करके कुसुम से पूछा

" कब कर रही हो दूसरी शादी ? "

" Shut up अरुण ! ". कुसुम मुझे देखे बगैर बोली और अपने मोबाइल में समय देखने लगी.

" अपने प्रेमी के साथ साथ मुझे भी साथ रखोगी या मुझे तलाक दे दोगी ? ". मैने फिर से पूछा.

कुसुम मुड़कर वापस मेरे पास आई और मेरे गाल पकड़कर प्यार से बोली.

" इतनी आसानी से तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ने वाली मैं ! ".

मेरे और कुसुम के बीच एक अजीब तरह कि जुगलबंदी थी, हम दोनों एक दूसरे को खूब समझते थें. और ठीक ऐसा ही हुआ भी !

" सब कुछ दिखा दिया उस चुतिये को ??? ". मैने गुस्सा होते हुये पूछा.

कुसुम मुस्कुराई, और मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़कर मुझे अपनी साड़ी के ऊपर ऊपर अपनी चूत पर सटाते हुये बोली.

" इसे छोड़कर ! ".

मैने अपना हाथ कुसुम कि चूत से हटाकर उसकी हाथ कि पकड़ से छुड़ा लिया और वहाँ से जाने के लिया मुड़ा.

" अब तुम्हें क्या हुआ ? ". कुसुम ने मेरा हाथ पीछे से पकड़ कर मुझे रोकते हुये पूछा.

" I don't like all this कुसुम ! ". मैने गर्दन घुमाकर पीछे अपनी पत्नि को देखते हुये कहा.

" What you don't like ? ये कुछ नया तो नहीं ? ". कुसुम ऐसे बोली जैसे उसे मेरे इस बर्ताव पर यकीन ना हो रहा हो. " कितनों के सामने मैं नंगी हुई हूँ अरुण... हम दोनों ये जानते हैं और हम दोनों को ये पसंद है और हमें इसमें मज़ा आता है ! ".

" बेबी... मुझे ये लड़का पसंद नहीं ! ". मै पीछे मुड़कर कुसुम के पास आया और उसके गाल पर हाथ रखकर शांति से बोला.

" तो मुझे कौन सा पसंद है... इनफैक्ट मुझे तुम छोड़कर कोई और पसंद ही नहीं अरुण ! ". कुसुम ने अपने गाल पर रखे मेरे हाथ को चूमते हुये कहा.

" ये लड़का मुसीबत बनेगा बता दे रहा हूँ मैं. तुम्हें आई लव यू बोल कर गया है हरामी ! ".

" I think मैं उसका पहला Crush हूँ... उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं होगी I am sure ! ". कुसुम ने हँसते हुये कहा. " तुम तो बस ... रिलैक्स करो ! ".

मै कुछ क्षण के लिए रुका, एक लंबी गहरी साँस ली, और फिर कुसुम को अपनी बांहों में भरकर बोला.

" Look बेबी... मैं तुम्हारे बारे में हर तरह कि Fantasy करता रहता हूँ... तुम्हें किसी गैर आदमी के साथ बिस्तर पर देखने कि ख्वाहिश रखता हूँ ! मगर ये भी सच है कि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता ! ".

" ये सब क्या बोल रहे हो अरुण ? Have you lost it or what ?? ". कुसुम आश्चर्य से बोली. " मैं दूसरे मर्दो से तुम्हारे कहने पर फ़्लर्ट करती हूँ, ताकि हमारी शादीशुदा ज़िन्दगी Spice up हो, ना कि किसी गैर मर्द के करीब जाने पर मैं तुमसे दूर चली जाऊँ ! ".

" मैं सिर्फ इतना ही चाहता हूँ बेबी कि तुम्हें पता रहे कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ ! ". मैने धीरे से कहा.

" दुबारा कभी ऐसा मत सोचना अरुण ! ". कुसुम ने अपना चेहरा मेरे सीने में छुपाते हुये कहा.

(हम दोनों पति पत्नि को एक दूसरे पर पूरा भरोसा था, मगर ये कभी भी संभव नहीं था कि कुसुम अपने पति के मन कि बात पूरी तरह से समझ ले और मै उसके मन कि बात ! कोई किसी के चाहे जितना भी करीब हो, एक दूसरे के मन कि बात सौ प्रतिशत जान पाना मुमकिन ही नहीं... ना मुमकिन है???)

मैं खुद भी आश्चर्य में था की कुसुम सब कुछ सच बता रही थी … मेरे चहरे के भाव शायद उसने समझ लिए

“अरे फिक्र मत करो मैं सम्हाल लुंगी उसे “

कुसुम तो हल्के से हँसी लेकिन मेरे चहरे की रंगत अभी भी वैसी ही थी ..

“क्या हुआ है आपको ..”

“मुझे दिनेश की नही तुम्हारे बारे में फिक्र हो रही है,क्या तुम खुद को सम्हाल पाओगी..???”

मेरी बात से कुसुम लगभग सकपका सी गई

“ऐसा क्यो बोल रहे हो “
“ऐसा क्या हो गया की तुम इतने अपसेट हो गये “ कुसुम को जैसे सांप सूंघ गया… वो घबराई हुई बोली

“कुसुम तुम मुझसे कुछ छुपा तो नई रही,”मैंने उसपर एक भेदक दृष्टि डाली

“नही नही कुछ भी नही ..”

“जानती हो ना मैं कौन हु ,लोग मुझे प्रोफेसर कहते है , रोज ना जाने कितने स्टूडेंट को पाठ पढ़ाता शिखाता हू और मेरी ही बीवी मुझे ही पढ़ा शिखा रही है तो ये दुखद बात है “

कुसुम इस बार बुरी तरह से घबरा गई थी, कोई बात थी जिसका उसने मेरे सामने खुलासा नही किया था और वो उसके दिल में डर बनकर पैदा हो रहा था..

“मैं उसे कंट्रोल नही कर पा रही हु “
आखिर कुसुम ने मुह खोल दिया

“मतलब “

“मतलब वो आगे बढ़ना चाहता है और मैं उसे कंट्रोल नही कर पा रही “

कुसुम की नजर नीची थी और वो थोड़ी डरी हुई भी थी ..

“तो तुम क्या चाहती हो “

उसने नजर उठाई ..

“आपको क्या लगता है ..?”

उसका जवाब मेरे लिए मुश्किल पैदा करने वाला था

“मुझे क्या लगेगा “

मैंने अपना पल्ला झड़ते हुए कहा.
“क्यो आपको क्यो नही लगेगा,आप ही तो कहते थे ना की दूसरे के साथ देखकर आपको उत्तेजना का अहसास होता है ,तो अब बताओ की आपको क्या लगता है ..”

अब मैं बुरी तरह से झेंप गया था
“तुम बात को बदल रही हो कुसुम मैंने पहले पूछा था “


कुसुम के चहरे में एक व्यंगात्मक मुस्कान आ गई


“बात को मैं नही आप बदल रहे हो ,जिस चीज के लिए इतने दिनों से मेरा दिमाग बदलने की कोशिस कर रहे थे आज वो सामने है अब बोलो की आपको क्या चाहिए,मैं सब में तैयार हु “


कुसुम की बात से मैं बुरी तरह से हिल चुका था,मेरा ही फैलाया गया शनिश्चर मंझे भी अपने चपेट में ले रहा था ,दुनिया के लिए मैं एक माहिर पढ़ा लिखा प्रोफेसर था लेकिन ये मामला तो दिल का था ,मेरे इमोशन का था ना की दिमाग का …


मैं अपने को कही ना कही हारा हुआ फील कर रहा था मेरे पास कुसुम के सवाल का कोई भी जवाब नही था…


मैं बस अपनी नजर नीचे किये हुए अपने सोच में पड़ा था ,की कुसुम के चहरे की मुस्कान और भी गहरी हो गई


“मुझे पता था की आप का रियेक्सन ऐसा ही होने वाला है,मैंने जब दिनेश से आपको मिलवाया था उस समय देखा था आपको की आपको मेरे दूसरे के साथ होने पर क्या होता है,जान खुद को धोखा देना बंद करो आप मुझसे प्यार ही नही करते बल्कि आपको मुझे बांटना भी नही चाहते ,मान लो इस बात को की आप मुझे किसी और के साथ नही देख सकते …”


कुसुम इतना बोलकर मुह फेर कर दूसरी ओर खड़ी हो गई ,मुझे लगा जैसे किसी ने मेरे मुह में एक जोर का थप्पड़ मार दिया हो ,मैंने तो इंग्लिश फ़िल्मों में देख रखा था की ये सब कितना आसान होता है,एक पति अपने पत्नी को बताता है की उसे क्या चाहिए फिर पत्नी भी किसी मोटे लंड की चाह में उसका साथ देती है और अपने पति को जलाती है ,और पति दूसरे मर्द के साथ अपनी बीवी को देखकर हिलाता है,बीवी दूसरे का मोटा लंड और सेक्स की क्षमता से खुस हो जाती है और मजे से सेक्स करती है …


सब कितना आसानी से हो जाता है ,मैं भी यही सोचा करता था की मैं भी एक दिन कुसुम को दूसरे के साथ देखूंगा तो मेरा भी खड़ा हो जाएगा ,वो बेडरूम में होगी और मैं अपना लिंग मसलूंगा ...लेकिन ….लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी ,कुसुम ने मुझे एक अजीब सा दर्पण दिखा दिया था,मैं तो यही सोचता था की मैं बहुत ही मॉर्डन ख्यालात का व्यक्ति हु जिसे अपनी पत्नी की खुसी के सामने कुछ नही दिखेगा,उसे खुस देखकर मैं भी खुस हो जाऊंगा और खुश ही क्यो उत्तेजित भी हो जाऊंगा लेकिन यंहा तो कुछ और ही हो रहा था ,


मैं पहली बार अपने को भावनात्मक रूप से इतना कमजोर पा रहा था , मैंने एक गहरी सांस ली और एक सिगरेट जलाकर चुपचाप ही कुसुम के पास गया, कुसुम इस समय अपने बालो को संवारते हुए छत से नीचे देख रही थी ,उसके सभी अंग अपने चरम में मुझे मोहित कर रहे थे और मैं एक टक उसे देख रहा था ,वो मेरी तरफ मुह करके खड़ी हो गई …


मुझे इस चिंता में देखकर उसका भी चहरा उतर गया… वो मेरे गालो को सहलाने लगी और मेरे आंखों में देखने लगी ..


“क्यो अपने को तकलीफ दे रहे हो ,मान भी जाओ के सच क्या है ..”उसके आंखों में कुछ आंसू दमक रहे थे


“लेकिन मैं…”


“उन इंग्लिश फ़िल्मों के पीछे क्यो पड़ रहे हो ,वो सच नही है वो सिर्फ फिल्मे है बस ...और आप वैसे नही हो ,मैंने भी आपके कारण कुछ इंग्लिश फिल्मे देख ली और मुझे समझ आया की आप तो उनमे से कोई भी नही हो ..आप मुझे बिस्तर में संतुष्ट करते हो ,और आप कोई नपुसंक् इंसान भी नही हो ,असल में आपको आजतक किसी चीज के सामने मैंने झुकते हुए नही पाया है,आप तो जिस्म और मन से ही इतने फौलादी हो फिर क्यो आप ऐसे बनने की चाह रखते हो


….मैंने आपकी फेंटेसी क्या कहते है उसे cuckolding के बारे में काफी पढ़ा उसमे एक अल्फा होता है और एक बीटा ,बीटा अपनी पत्नी को अल्फा मेन से सेक्स करवाता है और खुस होता है क्योकि उसे लगता है की एक अल्फा उससे कही ज्यादा उसकी पत्नी को खुस करता है लेकिन क्या आपको लगता है की आप एक बीटा हो,नही जान आप ही तो वो अल्फा हो जिसकी कोई भी लड़की दीवानी हो जाती है ,आप सच्चे मर्द हो ,आपकी ये फेंटेसी ही झूठी है ..’


कुसुम मुझसे लिपट कर रोने लगी ,लेकिन मैं अब भी अजीब सी उलझन में था,मुझे भी पता था की कुसुम ने कुछ गलत नही कहा है,मैं बिस्तर में और समाज में दोनो ही रूप से कुसुम को संतुष्ट करता था, मैं खुद ही इतना सेक्सी था कि हर औरत मेरे साथ सोने को तैयार थी ,लेकिन फिर भी पता नही दिल के किसी कोने से ये आवाज आ रही थी की ये आइडिया बेहद ही उत्तेजक है …


“आप अब भी नही समझ रहे है ...है ना..अच्छा चलो अगर मैं कहु की मैं सच कह रही हु ,,और मैं दिनेश से बेहद प्यार करती हु और उसके साथ सोना चाहती हु तो आप क्या कहोगे…”


कुसुम की बात से मैं फिर से हिल गया,मैं कुछ कह ही नही पा रहा था,उसने मेरे चहरे को जोरो से पकड़ लिया और मेरे आंखों में देखने लगी ..


“बस एक ही बात बोलो जो आपके दिल में आ रही है,अब आप मुझसे कोई भी झूट नही बोलोगे “


मैं उसके आंखों में देखने लगा ,उसके उस मासूम चहरे को देखने लगा ,उसकी वो बड़ी बड़ी आंखे जिसमे मेरे लिए असीम प्यार झलक रहा था,उसका वो नाजुक बदन जो अभी सिल्क और सेटिन की साड़ी से ढंका हुआ था और उसके करीब होने का अहसास ही मुझे उसकी कोमलता का बयान कर रही थी ,


“शायद मैं उसे मार डालूं ..”


मेरे मुह से बस इतना ही निकला और कुसुम के चहरे में एक मुस्कान गहरा गई ,वो मुझसे लिपट गई ..


“बोला था ना आपको …’
वो मेरे सीने को चूमने लगी ,मैं अपनी ही दुनिया में खोया हुआ था,जैसे कोई व्यक्ति एक बेहद हसीन सपना टूटने पर खो जाता है ,मुझे यकीन ही नही हों रहा था की मेरी सच्चाई अखिर ये है,मैंने तो अपने को कुछ और ही सोचा था ,उन फ़िल्मों के हीरो की तरह जो की हॉट वाईफ और cuckolding पर बनाई जाती है!


(दोस्तो सच में फिल्मे, फिल्मे ही होती है ,असल जीवन में ये हॉट वाईफ और cuckolding की फेंटेसी जिस्मानी से कही ज्यादा इमोशनल होती है ,मैं उन्ही पहलुओं को उजागर करने की एक चेष्टा में हु जिसके माध्यम से इन फेंटेसी को और अच्छी तरह से समझा जा सके और इस स्टोरी को सच्चाई के करीब ले जाया जा सके...ताकि पढ़ने में ऐसा ना लगे की ये क्या चुतियापा है ऐसा कभी होता है क्या ???जैसा मुझे ऐसी स्टोरी को पढ़ते हुए लगता है ...मैं कुछ तह की खोज में हु जिसे मैं स्टोरी के माध्यम से उखाड़ना चाहता हु जो ये बता सके की आखिर ये होती क्या है )


कुसुम मेरे सीने से लगी हुई मुझे अपना प्यार दे रही थी ,मेरे हाथ उसके बालो पर चले गए थे,और मैं उसकी कोमलता को ... जो मैं किसी के साथ बाटने की ख्वाहिश रखता था ..सहलाते हुए ये सोच रहा था की क्या मैं सच में इसे किसी और के साथ बांट पाऊंगा ….और मेरा मन मुझे बस ये ही कह रहा था की इसका जवाब तो तुझे भी नही पता.......


“तो क्या सोचा अपने “


कुसुम की आवाज से मैं थोड़ा चौका,ना जाने कितने समय हो चुके थे मुझे अपने ही ख्यालों में खोए हुए …


“क्यो मुझे फंसा रही हो “


उसकी मुस्कान बेहद ही गहरी हो गई ..


“आखिर मान ही गए ना “


“हा लेकिन फिर भी कुछ अजीब सी गुदगुदी होती है जब सोचता हु की कोई दूसरा ..”
उसने मेरे होठो में अपनी उंगली रख दी ..
“बहुत हो गया अब ,..”


वो थोड़े देर कुछ सोचने लगी..फिर अचानक ही बोल पड़ी “अच्छा एक काम करते है ..क्यो ना ऐसा करते है की मैं अपनी जिंदगी जीयू आप अपनी ,लेकिन अब मुझसे कोई उम्मीद मत करना की मैं आपको कुछ बताऊंगी ...किसी भी लड़के के बारे में “


मैं हँस पड़ा “पता है ना की मैं कौन हु ,कैसे छिपाओगी .”


वो मुस्कुरा उठी “हम्म्म्म तो मेरी जासूसी करोगे ..चलो देखते है कितनी करोगे ,”


“अच्छा तो कुछ प्लान कर रही हो ..”


“अब तो सोचना ही पड़ेगा कुछ ,बस आप अपने को काबू में रखना ,वरना किसी को सच में मार बैठोगे..” उसके होठो में एक शरारती मुस्कान आ गई ..


“क्या तुम सच में कुछ करने वाली हो “
मैं थोड़ा गंभीर था,


“बहुत बोलते थे ना अब देखना,जलने का सारा शौक पूरा कर दूंगी मैं आपका “
वो शरारत से बोलकर मुझे अकेला छोड़ नीचे चली गई, मैं बुरी तरह से कांप गया आखिर ये करने क्या वाली थी ...????


जारी है...... ✍️
Nice update
 
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