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Incest आंधी (नफ़रत और इन्तकाम की)

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UPDATE 28



सुबह सुबह नाश्ते की टेबल पर सब बैठे नाश्ता कर रहे थे....


रीना – (सरला से) माजी कल रिकी को डॉक्टर के पास लेके जाना है चेकअप के लिए....


सरला – लेकिन डॉक्टर ने अगले महीने के लिए बोला था....


राजेश – मा वो कल डॉक्टर का फोन आया था अमेरिका से डॉक्टर जो रिकी का ऑपरेशन करने वाले थे उन्होंने बताया है कि अगले महीने मुश्किल है उनका इसीलिए वो कल ही रिकी का चेकअप करेंगे और कल ऑपरेशन....


ऑपरेश की बात सुन जहा सरला का चेहरा उतर गया वही बाकी के लोगों का जैसे नाश्ता करना रुक गया तब....


सरला – (सबसे) सब नाश्ता करो अपना (रीना से) ठीक है तुम तैयारी करो मै भी कल चलूंगी साथ में , और जरा जल्दी करो आज घर में पूजा रखी है पंडित जी आते होगे थोड़ी देर में....


साहिल – दादी पूजा अभी रहने देते है....


दादी – क्यों बेटा मैने कहा था ना , तुझे सिर्फ बैठने है बस....


साहिल – मेरा वो मतलब नहीं था दादी , मै बस इसीलिए बोल रहा था कि रिकी हॉस्पिटल से होके आ जाए फिर पूजा रखना आप , और प्लीज़ दादी अब आप मना मत करना....


दादी – (मुस्कुरा के) ठीक है , मै पंडित जी को बोल दूंगी , अब खुश है तू....


साहिल – बिल्कुल मेरी प्यारी दादी....


साहिल की बात से सबके चेहरे में मुस्कान आ गई जबकि रीना , साहिल की बात सुन उसकी आंख में हल्की नमी आ गई जिसे सबसे छुपा लिया उसने , कुछ समय सबका नाश्ता होने के बाद तब....


रिकी – (साहिल से) भईया अब कुछ दिन आपको हॉस्पिटल में आना होगा फिर मै आपके साथ वही पर गेम खेलूंगा....


साहिल – अरे यार कल से तो मेरा कॉलेज शुरू हो रहा है फिर कैसे आऊंगा मै आपके पास....


रिकी – तो क्या हुआ आप कॉलेज के बाद आजाना हॉस्पिटल तब खेलेंगे हम साथ में....


साहिल – (मुस्कुरा के) कोई बात नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा , अब देखो आप मै ऐसा जादू करूंगा आपके ऊपर आप तुरन्त जाओगे हॉस्पिटल और तुरन्त आजाओगे घर में फिर हम साथ में खेलेंगे गेम....


बात सुन रिकी मुस्कुराने लगा जिसे देख साहिल ने मुस्कुराते हुए रिकी को गले लगा लिया....


साहिल – तुम बिल्कुल ठीक हो रिकी तुम्हे अब से कोई दर्द नहीं होगा खेलने में , ये मेरा वादा है तुमसे....


जहां रिकी मुस्कुरा रहा था वही रीना और राजेश आंख में आंसू के साथ मुस्करा रहे थे साथ में बाकी के घर वाले भी तब....


कमल – (साहिल से) चल फिर आज कही घूम के आते है हम , क्या बोलता है तू....


साहिल – मैने कब मना किया , दादी से पूछ लेता हु मै....


साहिल – (दादी से) दादी मै और कमल आज घूम आए कही कल से तो कॉलेज शुरू हो रहा है अपना....


दादी – इसमें पूछना क्या है बेटा जब जा रहा है घूमने एक काम कर सभी बच्चों को साथ लेजा , तू नया है शहर में ये तुझे शहर घूमा देगे अपने साथ....


बेचारा मारता क्या ना करता साहिल को माननी पड़ी अपनी दादी की बात बेमन से....


साहिल – (सुनंदा को देख के) आप भी चलो हमारे साथ घूमने आप भी नए हो शहर में , आप भी देख लेना शहर को....


सुनंदा – क्यों न सभी लोग चले शहर घूमने आज तो संडे है काम भी नहीं होता होगा हर किसी को....


राजेश – बात तो सही है सुनंद जी की , सब लोग एक साथ घूम आओ आज वैसे भी कभी कभी तो मौका मिलता है....


दादी – मै तो नहीं चल पाओगी ज्यादा मेरे पैर में दर्द होने लगता है , हा तुम सब घूम आओ (राजेश से) राजेश वकील से बात हुई तुम्हारी....


राजेश – हा मा बात हुई है मेरी वो आज आपसे मिलने आएगा शाम को....


दादी – ठीक है (साहिल और कमल से) तुम दोनों अपने डॉक्यूमेंट की फोटोकॉपी कर के देदेना मुझे अभी जरूरी काम है....


कमल – हमारे डॉक्यूमेंट किस लिए दादी....


दादी – बेटा घर में अचार खत्म हो गया है तुम दोनों के डॉक्यूमेंट का अचार बना के खिलाऊंगी रात में तुमको , और कुछ जानना है....


दादी की बात से सब हंसने लगे साथ में कमल और साहिल भी थोड़ी देर बाद हर कोई तैयार हो रहा था अपने कमरे में....


कविता – (अवनी से) आज सब साथ में घूमने चल रहे है , क्या तुझे पता है कमल को क्या पसंद है....


अवनी – क्यों पूछ रही है ऐसा....


कविता – क्योंकि कमल और साहिल रहे है काफी वक्त एक साथ तो जो कमल को पसंद होगा वहीं साहिल को भी....


खुशी – हा यार इस बहाने साहिल से बात करने का मौका मिल जाएगा हमें....


अवनी – मेरी बात चित हुई जरूर है कमल से लेकिन उसकी पसंद मैंने पूछी नहीं अभी तक....


कविता – (मू बना के) कोई काम ढंग से किया है तूने कभी....


अवनी – सॉरी यार मै सच में भूल गई थी , चल मै अभी पूछ लेती हु कमल से....


खुशी – हा साहिल के सामने जाके पूछ ले ताकि उन्हें भी समझ आ जाए....


कविता – पागल मत बन तू साहिल के समने पूछने का मतलब जानती है ना फिर उन्हे लगेगा कि हम उन्हें परेशान करने की तैयारी कर रहे है....


अवनी – बेवकूफ नहीं हूँ यार मै अकेले में पूछ लूंगी कमल से....


खुशी – हा ये सही रहेगा और गलती मत करना तू कोई भी....


अवनी – हा ना यार (कविता से) वैसे तूने क्या सोचा है क्या लेगी साहिल के लिए....


कविता – मै नया मोबाइल लेने की सोच रही हूँ , उनको देने के लिए....


खुशी – अरे यार ये तो मैने सोचा हुआ था साहिल के लिए....


कविता – अब तू कुछ और सोच मै तो नया फोन ही लूंगी....


खुशी – ठीक है मै लैपटॉप लेलूगी उनके लिए (अवनी से) तूने कुछ सोचा है....


अवनी – मै उनके लिए नए कपड़े लूंगी....


इस तरफ इनकी अलग प्लानिंग थी साहिल के लिए दूसरी तरफ....


सुनीता – (सुमन से) अब साहिल से बात होती है तेरी....


सुमन – अभी नहीं दीदी अभी भी वो वैसे ही बात करता है....


सुनीता – कोई बात नहीं सुमन दीदी थोड़ा वक्त तो लगेगा लेकिन अच्छी बात ये है कि साथ में है अब वो....


सुमन – आज भी उसे ये सिर्फ दिखावा लगता है , उसे लगता है कभी ना कभी किसी कारण घर से निकाल देगे सब लोग उसे....


सुनीता – चिन्ता मत करो दीदी धीरे धीरे उसे समझ आने लगेगा प्यार सबका , देखा नहीं आपने जब मा ने पूजा की बात कही तो साहिल ने कैसे बोल दिया जब रिकी आएगा हॉस्पिटल से तब पूजा करने के लिए , प्यार साहिल के दिल में है बस समझ जाएगा थोड़ वक्त दो उसे , वैसे भी अब कमल भी है न साथ हमारे वो सम्भाल लेगा साहिल को और कोई एसी बात हुई तो बता देगा हमें....


सुमन – हा तुम सही कह रही हो सुनैना देखा मैने साहिल को किस तरह से रिकी के लिए बोल रहा था , सिर्फ प्यार नजर आरहा था उसमें , लेकिन एक बात बताओ तुम कमल के साथ यहां आई तो साहिल को शक नहीं हुआ कुछ....


सुनीता – (हस्ते हुए) नहीं दीदी कमल ने पहले ही बता दिया था साहिल को ये बात , इतनी बड़ी खुशी छुपाए कहा छुपती कमल से....


सुमन – हम्ममम कमल बहुत खुश नसीब है जिसे तुम्हारे जैसी मां और साहिल जैसा साथी मिला....


सुनीता – चिन्ता मत करो दीदी देखना जल्द ही साहिल समझेगा सबके प्यार को....


दूसरी तरफ कमरे में....


साहिल – तुझे भी घूमने की बात बोलनी थी वो भी सबके सामने अबे अकेले में बोलता मुझे साला मेरा भी दिमाग घास चरने गया था जो सबके समाने दादी से पूछा मैने....


कमल – चिंता क्यों करता है बे घूमने जा रहे है हम जंग लड़ने नहीं....


साहिल – अबे यहां जहर खाने को पैसे नहीं है उनके साथ घूमने का मतलब समझता है....


कमल – क्या मतलब है बे....


साहिल – मतलब ये कि मेरे पास जायद पैसे नहीं है समझा और घूमते वक्त उनलोगों ने पैसे खर्च किए तो कल कॉलेज में पक्का पोस्टमार्टम करने की तैयारी हो जाएगी अपनी....


कमल – क्या बे तू भी ना कितने पैसै चाहिए तुझे....


साहिल – साले बोल तो ऐसे रहा है जैसे कुबेर का खजाना रखा हो तेरे पास....


कमल – (मुस्कुरा के) वो तो है ना बे ये देख (हाथ में मोबाइल दिखाते हुए) ये है पैसे....


साहिल – अबे ये नया मोबाइल कहा से ले लिया बे और इसमें पैसे कहा से....


कमल – बैंक अकाउंट पहले से था बाकी पैसे मा ने डाल दिए....


साहिल – तेरा मतलब सुनीता बुआ ने , कितने पैसे डाले है....


कमल – पूरे पचास लाख है बे साथ मोबाइल में PTM अब ज्यादा सोच मत समझा....


साहिल – क्यों इसका हिसाब नहीं लेगा कोई तेरे से....


कमल – नहीं लेगे , अब चल चलते है घूमने....


साहिल – कमीना है बे तू.....


थोड़ी देर में सब निकल गए घूमने के लिए रस्ते में....


सुनैना – तो कहा घूमने चलना है ये तो बताओ....


शबनम – पहले चल के मूवी देखते है....


पायल – हा यार बहुत दिन हो गए मूवी देखे....


अवनी – तो मॉल में चलते है यार मूवी भी देख लेगे साथ में खाना पीना और शॉपिंग भी कर लेगे....


सुनीता – बात तो ठीक है लेकिन महारानियो तुम्हे किस बात की शॉपिंग करनी है अब....


कविता – (साहिल की तरफ धीर से इशार कर सुनीता से) ज्यादा नहीं बुआ थोड़ी सी करेंगे....


सुनीता – (मुस्कुरा के) अच्छी बात है (साहिल से) तुम क्या लोगे अपने लिए साहिल....


इस तरफ साहिल का पूरा ध्यान सड़क पे था जहां वो शहर की बड़ी बड़ी खूबसूरत बिल्डिंग और मार्केट देख रहा था , साहिल को कुछ ना बोलता देख....


सुनीता – (साहिल के कंधे पे हाथ रख) क्या हुआ साहिल क्या देख रहे हो....


साहिल – (सुनीता को देख हल्का मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत शहर है बुआ एक से एक ऊंची इमारतें , सुंदर मार्केट बनी हुई है यहां पर , इतना तो मैने **** शहर में भी नहीं दिखा मुझे कभी....


सुनीता – (मुस्कुरा के) ये मुम्बई शहर है साहिल आज से नहीं ये शुरू से ही खूबसूरत शहर रहा है....


साहिल – हम्ममम यहां हर चीज बहुत दूर दूर बनी हुई है बुआ , नए लोगों को घूमने का मजा ही आ जाता होगा यहां , है ना बुआ....


सुनीता – बिल्कुल , अच्छा तुम बताओ क्या शॉपिंग करोगे तुम.....


साहिल – (मुस्कुरा के) मेरी जरूरत कुछ खास नहीं है बुआ , जो भी है मेरे पास वही बहुत है मेरे लिए....


पायल – तब तो आज की आपकी शॉपिंग हम करेंगे और आप मना नहीं करोगे....


साहिल – फिलहाल तो घूमूंगा बस शॉपिंग की जरूरत नहीं मुझे , सब कुछ तो है मेरे पास....


शबनम – ठीक है साहिल भाई जैसी आपकी मर्जी लेकिन हमारी मर्जी हम जो चाहे वो खरीदेगे और आप बस कुछ नहीं बोलोगे , ये फाइनल है बस....


इन बातों के आगे कुछ ना बोल साहिल हल्का मुस्कुरा के खिड़की के बाहर देखने लगा....


कुछ देर बाद मॉल में आते ही मूवी की टिकट लेने लगे थे तब....


सुमन – (कविता , खुशी , अवनी से) नॉर्मल मूवी की टिकट लेना मार धार गोली चलाने वाली मत लेना पता है ना साहिल भी साथ है....


कविता – हा मा मुझे याद है....


इस तरफ सब मूवी देखने जाते है जहा कमल और अवनी एक साथ बैठ जाते है वहीं साहिल के दोनों तरफ सुमन और कविता बैठ जाते है मूवी शुरू होती है थोड़ी देर में हमारे साहिल बाबू चले जाते है नींद की वादियों में उसे पता ही नहीं चलता नींद में अपना सिर सुमन के कंधे पर रख देता है , ये बात सुमन समझ जाती है साथ में कविता भी की साहिल को शायद बोरियत लग रही होगी मूवी तभी वो सो गया ये देख दोनों हल्का मुस्कुराते है , वही सुमन अपने एक हाथ से हल्का हल्का साहिल के सिर को सहलाती है , कुछ समय बाद इंटरवल होता है जब लाइट शुरू होती है हाल की सब एक दूसरे से खाने के लिए पूछते है लेकिन तभी कविता सबको चुप रहने का इशारा कर , सोते हुए साहिल की तरफ इशारा करती है तब....


कमल – (सबसे धीरे से) साहिल सिर्फ गाने सुनने का शौकिन है हमने मूवी कभी देखी नहीं है इसीलिए....


खेर थोड़ी देर बाद इंटरवल खत्म होता है मूवी शुरू हो जाती है जहा साहिल बाबू सो रहे थे वही कमल और अवनी का ध्यान मूवी से ज्यादा सिर्फ अपनी बातों में था , मूवी खत्म होने के बाद सब उठने लगते है तब....


सुमन – (साहिल को धीरे से जगाते हुए) उठो साहिल....


साहिल – (नींद में) हम्ममम बस थोड़ी देर रुको उठता हूँ....


बोल के नींद में चला गया , वही ये देख सब हस रहे थे तब....


कमल – (साहिल को हिलाते हुए) उठ जा कुंभकरण मूवी कब की खत्म हो गई लेकिन तेरी नींद अभी तक पूरी नहीं हुई है क्या , उठ जल्दी वर्ना पानी डाल दूंगा....


साहिल – (नींद से जागते हुए चौक के) क्या मूवी खत्म होगई इतनी जल्दी.....


कमल – हा बे चल उठ बाकी की मूवी घर में देखना....


बोल के कमल हसने लगा साथ में सब....


साहिल – हा हा उठ गया चल....


बोल के थिएटर से निकलने लगते है सब रस्ते में....


कमल – (साहिल को चिढ़ाते हुए) साला लोग थिएटर में मूवी देखन आते है और तू सोने , वाह बेटा वाह गजब का अजूबा है तू यार....


साहिल – हा हा उड़ा ले मजाक , बोल तो ऐसे रहा है जैसे रोज मूवी देखता हु मै....


बाहर आते ही सब माल में बने रेस्टोरेंट में चले गए जहां कविता , अवनी , खुशी , पायल और शबनम खाने का ऑर्डर देने जाते हैं वहीं कमल , साहिल और बाकी के सब वॉशरूम जाते है तब....


रितिका – हेय कविता....


कविता – (पलट के लड़की को देख के) रितिका तुम....


नीति – अरे कविता क्या बात है दो साल बाद मिल रही हो , यार तुम तो जैसे भूल ही गई हमको....


रितिका – और तूने स्कूल क्यों छोड़ दिया था यार....


कविता – मन नहीं लग रहा था मेरा इसीलिए....


रतन – क्या यार कविता दो साल बाद मिल रही हो, अभी तक नाराज हो क्या....


कविता – देखो रतन मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी है किसी से.....


रतन – चलो अच्छा है तुम्हे मेरा नाम तो याद है...


राजू – प्लीज़ यार कविता छोड़ो उन बातों को यार , इतने वक्त बाद मिली हो तुम सबसे....


रितिका – हा यार कविता , प्लीज़ मिट्टी डाल उन बातों पर हम फिर से पहले जैसे दोस्त बन जाते है....


अवनी – देखो रितिका , नीति , रतन , राजू हम यहां फैमिली के साथ घूमने आए है इसीलिए प्लीज़ हमारा रस्ता छोड़ो....


राजू – (कविता का हाथ पकड़ के) प्लीज़ कविता माफ कर दे यार हम सब तो बचपन के दोस्त है यार....


कविता – (गुस्से में) मेरा हाथ छोड़ो राजू....


राजू – (हाथ छोड़ के) माफ करना कविता वो....


इससे पहले राजू कुछ आगे बोलता तभी...


एक लड़की जींस टीशर्ट चेहरे में कला चश्मा लगा के उनके सामने आके बोलती है....


लड़की – (बीच में आके) एक बार लड़की बात करने को मना का रही है तो क्यों जबरदस्ती उससे बात करने में लगा है , जवानी जायद जोश मार रही है क्या तेरे अन्दर....


रतन – (लड़की को देख के) कौन हो तुम और हमारे बीच में क्यों आ रही हो , ये हम दोनों दोस्त की बात है आपको बीच में आने की जरूरत नहीं है ओके , अपना काम करिए....


लड़की – (मुस्कुरा के) मै अपना ही काम कर रही हूँ मिस्टर (अपनी ID दिखा का) अब जान गए कौन हूँ मै , चुप चाप निकल यहां से वर्ना तू समझदार है....


राजू – (लड़की के हाथ में पुलिस की ID देख के) I M SORRY मिस मै सिर्फ़ बात कर रहा था और कुछ नहीं....


लड़की – हा देखा मैने सब , और कुछ बोलना है तुझे....


रतन – (डरते हुए) नहीं मिस हम चलते है...


बोल के दोनों लड़के और अपनी दोनों बहन के साथ वहां से निकल गए , उनके जाने के बाद....


लड़की – (पलट के कविता से) तुम ठीक हो ना....


कविता – जी , और थैंक यूं दीदी , वैसे आपका नाम क्या है....


लड़की – मेरा नाम आकृति दबे है , I M A COP....


कविता – (मुस्कुरा के) दीदी मेरा नाम कविता है (अवनी और खुशी की तरफ इशारा करके) ये मेरी बहन है , अवनी और खुशी....


आकृति – (मुस्कुरा के दोनों से) हैलो (कविता से) अब से एक बात ध्यान रखना कविता ऐसे लोग अगर बत्तीमीजी करे तो पहले एक उल्टे हाथ का गाल पर देना (अपना कार्ड देके) उसके बाद मुझे मेरे नंबर पे कॉल करना , तुमने मुझे दीदी कहा है ना , बस बाकी का काम तुम्हारी ये दीदी देख लेगी.....


कविता – (मुस्कुरा के) शुक्रिया दीदी , आइए आपको मेरी फैमिली से मिलवाती हूँ....


आकृति – अभी नहीं कविता अभी मुझे जल्दी जाना है कही , हम फिर जरूर मिलेगे तब , ok....


कविता – ठीक है दीदी....


बाय बोल के आकृति निकल गई वहां से , इधर कविता , अवनी , खुशी भी सबके पास आगए सबने लंच किया रेस्टोरेंट में उसके बाद शॉपिंग की फिर सब घर आगए , घर आके कुछ देर आराम करने के बाद शाम को सब चाय पी रहे थे तब....


कविता – (सुमन से) मा वो मैने भाई के लिए आज नया मोबाइल लिया है....


सुमन – हम्ममम तो देदो उसे....


कविता – वो नहीं लेगे जानती हो आप तो....


सुमन – बात तो सही है , अभी कहा है साहिल....


कविता – अपने कमरे में....


सुमन – और कमल कहा है....


कविता – वो और अवनी दोनों जोक की तरह चिपके बैठे बाहर गार्डन में....


कविता की बात सुन सुमन हंसने लगी....


कविता – आप हस क्यों रही हो....


सुमन – तूने अभी अवनी और कमल को जोक जो कहा ना इसीलिए....


कविता – और नहीं तो क्या कल से देख रही हूँ इन दोनों लैला मजनू को एक दूसरे से इशारों में बाते कर रहे है और आज थिएटर में मूवी नाम के लिए देख रहे थे बस एक दूसरे को देखने में लगे थे जैसे जन्मों के भूखे प्यासे हो मौका मिले तो एक दूसरे को खा जाए ऐसे देख रहे थे दोनों एक दूसरे को.....


कविता की बात सुन सुमन जोर से हंसने लगी पीछे से सुनीता और सुनैना भी जोर से हस्ते हुए कमरे में आ गई आते ही....


सुनीता – (कविता से) क्यों रि कविता क्यों मेरे बच्चे के बुराई कर रही है....


कविता – कमल बच्चा , इतना बड़ा सांड आपको कहा से बच्चा लगता है बुआ....


अचानक से चुप होके सुनीत को देखने लगती है गौर से तब.....


कविता – (सुनीत से) अपने कमल को बच्चा कहा , क्या मतलब इस बात का....


सुनीता – (हड़बड़ा के) नहीं कविता वो मै तो बस.....


कविता – बुआ सच सच बताओ बात क्या है....


सुनैना – (मुस्कुरा के) जो तू समझ रही है वही सच है कविता , कमल को गोद लिया है सुनीता ने आज से नहीं तब से जब साहिल को यहां से बाहर भेजा गया था , और ये सारा प्लान तेरी अमृता बुआ , सुनीता बुआ का था और इसमें इनका साथ तेरी दादी दे रही थी....


कविता – (मुस्कुरा के) लेकिन ये बात हमें क्यों नहीं बताई....


सुनीता – मना किया था मैने ही , सोचा कमल के जन्मदिन में सरप्राइज़ दूंगी सबको....


कविता – ये तो बहुत अच्छी बात है बुआ....


सुनीता – अच्छा ये सब छोड़ पहले ये बता क्यों बुराई हो रही थी कमल की....


कविता – वो बुआ आज मैने , अवनी , खुशी ने साहिल के लिए शौपिंग की है उनको देना है समान लेकिन हमारे हाथ से वो नहीं लेगे इसीलिए मैं मां से इस बारे में बात कर रही थी....


सुनैना – (मुस्कुरा के) एक काम कर कविता तू सारा समान मुझे देदे मै जाके साहिल को दे दूंगी , अभी तक साहिल से बात ही नहीं हुई मेरी अच्छे से , मै अभी जाके बात करती हूँ साहिल से....


कविता – आपसे नाराज तो नहीं होगे कही....


सुनैना – नाराज होगा तो बात करूंगी उससे , चल दे मुझे सारा सामान....


बोल के सुनैना , कविता से दो बैग लेके चली जाती है साहिल के कमरे में जहां साहिल बेड में बैठा अपनी किताबें देख रहा था तब....


सुनैना – (कमरे में आते हुए) मै अन्दर आजाऊं....


साहिल – (सुनैना को देख) आप , कोई काम था....


सुनैना – (मुस्कुरा के) हा काम तो है....


साहिल – बताए....


सुनैना – क्या बात है जब से आया है एक बार भी बात नहीं की मेरे से....


साहिल – ऐसी कोई बात नहीं है , बस किसी से ज्यादा घुलना मिलना पसंद नहीं है मुझे....


सुनैना – (मुस्कुरा के) पसंद तो बनाने से बनती है साहिल , और तू कोई पराया थोड़ी है हमारा अपना है....


साहिल – (मुस्कुरा के) कोई पराया अपना बन जाए समझ में आता है , लेकिन जिसने खुद , अपनो ने पराया किया , वो अचानक से दोबारा उसे अपना कैसे बना सकता है....


सुनैना – (मुस्कुरा के) गुस्सा तो तेरी नाक में रहता है जैसा बचपन में था , मुझे आज भी याद है जब तू छोटा था बहुत नखरे करता था , दूध पीने में....


सुनैना की बात सुन साहिल एक तक उसे गौर से देखने लगा तब....


सुनैना – (मुस्कुरा के) यही सोच रहा है ना कि मै ये कैसी बात कर रही हूँ , जब तू दो साल का था साहिल तब की बात है ये , उस वक्त तू , सुमन , और तेरे पिता रनवीर गांव जा रहे थे तेरे नाना नानी के घर पर....


फिर सुनैना ने वही बात बताई साहिल को जो सुमन ने बताई थी सुनंदा को , के कैसे उसके घर वाले मारे गए कैसे रनवीर ने सबको मार दिया और कैसे सब यहां आए....


सुनैना – उसके बाद से सुमन दीदी जैसे गहरे सदमे में चली गई थी , उसे पता तक नहीं था कि घर में क्या हो रहा है उस वक्त मैं और लता ही थे जो तुझे संभालते थे , ऐसा नहीं था कि मै अपने बच्चों पर ध्यान नहीं देती थी लेकिन उसके साथ तू भी बच्चा है हमारा कैसे भूल जाते तुझे , लेकिन उस हादसे के बाद जैस बहुत कुछ बदल गया था इस घर में , मुझे आज तक ये बात समझ नहीं आई कि क्यो हुआ ऐसा आखिर....


लेकिन एक रात किसी बात पर रनवीर बहुत गुस्सा था तब मै रसोई में थी जब मैने रनवीर की गुस्से वाली आवाज सुनी तो बाहर आई तब बाबू जी समझा रहे थे रनवीर को तब मैने सुना जो बाबू जी ने कहा तेरे जन्म के बाद पंडित जी से मिले थे रनवीर और सुमन तेरी कुंडली बनाने के लिए तब पंडित ने तेरी (साहिल) कुंडली देख के बोला था रनवीर से , की साहिल मनहूस है उसे दूर रखो सबसे वर्ना अनर्थ हो जाएगा लेकिन उल्टा रनवीर ने पंडित की गर्दन दबा दी ये तो अच्छा था कि सुमन ने उस वक्त रोका वर्ना रनवीर , पंडित को मार ही देता....


जब ये बात हम सबने सुनी बाबू जी से तब भी बाबू जी समझा रहे थे रनवीर को लेकिन रनवीर उस वक्त जैसे किसी की सुनने को राजी नहीं था , क्योंकि रनवीर उस हादसे के बात जैसे उस पंडित की बात को सच मान बैठा था और तब रनवीर हर बार सुमन को यही बात समझता था तेरे से दूर रहने की क्योंकि उस वक्त सुमन के पेट में कविता थी , कही तेरी वजह से फिर से वैसा कुछ ना हो इसी वजह से सुमन को लगने लगी थी रनवीर की बात सच....


इसीलिए वो तुझसे दूरी रखती थी ताकि कविता को नुकसान ना पहुंचे लेकिन वही मै , लता , तेरी दादी और दादा को इन बातों से कोई मतलब नहीं था , लेकिन जाने क्यों रीना दीदी भी रनवीर की तरह सच मान बैठी थी इस बात को उसके बाद से उनका रवैया भी तेरे प्रति सख्त हो गया था....


उसके बाद से रनवीर हर बात पर तुझे मारता पीटता और फिर वो दिन आया जिस दिन बाबू जी हम सबको छोड़ के चले गए , और रनवीर ने इल्जाम तेरे पे लगाया और हम चाह के भी कुछ ना कर पाए तब माजी ने जैसे अपना फैसला कर लिया था फिर माजी तुझे ले गई सबसे दूर और किसी को नहीं बताया तेरे बारे में....


बोल के चुप हो गई सुनैना कुछ देर बाद बोली....


सुनैना – साहिल मै मानती हूँ कि तेरे साथ जो हुआ बहुत गलत हुआ लेकिन इसमें दोष सिर्फ हालात के थे , भले तेरा जाना सही लगा हो कुछ को यहां से लेकिन सच ये भी है कि तुझे यहां लाने का फैसला सिर्फ दादी का नहीं हम सबका था....

रही तेरी नफरत की बात तो बस यही कहूंगी कि ये दुनिया प्यार के लिए बहुत छोटी है और नफरत के लिए बहुत बड़ी , और हा इन दोनों बैगों में तेरे लिए हम सबने कुछ ना कुछ तोहफा लिया है इसे मना मत करना इसमें सिर्फ प्यार है सबका , मतलब नहीं है किसी का भी....


बोल के सुनैना चली गई उसके जाते ही साहिल चुप चाप बैठा अपनी सोच में डूबा था तब....


सेमेंथा –(जो चुप चाप बैठी अब सुन रही थी साहिल को देख बोली) क्या सोच रहे हो साहिल....


साहिल – यही की किस तरह मै सबकी बातों के जाल में फंस जाऊ उसके लिए जाने कितनी कहानियां बना रहे है लोग....


सेमेंथा – तुम्हे ऐसा क्यों लगता है जो सुनैना ने तुमसे कहा वो कोई कहानी है....


साहिल – पता नहीं लेकिन मुझे यकीन नहीं है इनकी किसी भी बात पर , और तुम्हे क्या लगता है....


सेमेंथा – उन्होंने जो कहा सच कहा है साहिल क्योंकि यही सच सुमन ने भी कहा था , सुनंदा जी से....


साहिल – क्या पता पहले से कहानी बना के रखी हो दोनों ने....


सेमेंथा – नहीं साहिल ये सच है , जैसा सुमन ने कहा और सुनैना ने कहा वो बिल्कुल सच है....


साहिल – और तुम ऐसा कैसे बोल सकती हो....


सेमेंथा – क्योंकि मुझे पता चल जाता है कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ , लेकिन तुम्हारा दिल इस बात को मानने से राजी नहीं हो रहा है , है ना....


साहिल – हम्ममम खेर जो भी हो सेमेंथा , इनकी कही बात भले सच हो लेकिन मै करूंगा वही जो मै करने आया हूँ....


सेमेंथा – क्या करने आए हो तुम यहां....


साहिल – बदला लेने आया हूँ उस रनवीर से और ये बदला रनवीर को मार कर नहीं उसे उसका सब कुछ छीन के लूंगा मै तिल तिल कर तड़पाऊगा उसे और ऐसा जल्दी ही होगा , और तब उसकी आंखों के सामने उसके अपने उसे ठुकरा के मेरे साथ आ जाएंगे....


सेमेंथा – तुम्हे कैसे पता तुम्हारे दादा को मारा है रनवीर ने....


साहिल – (सेमेंथा को देख मुस्कुराते हुए) मैने तुमसे ये कब कहा कि रनवीर ने मारा है मेरे दादा को....


सेमेंथा – (हड़बड़ाते हुए) वो साहिल मै वो तो.....


साहिल – (मुस्कुरा के) अब बोल भी दो सेमेंथा , तुम्हे कैसे पता चला.....


सेमेंथा – तुम्हे याद है जब गांव में तुम रीना और उसकी बहन राधिका की पोल खोल रहे थे उसके बाद तुम्हे अटैक आया था और तुम बेहोश हो गए थे तब मैने तुम्हारे सिर में हाथ रख के देखने की कोशिश की थी और तभी मैने देखा उस हादसे को जब तुम्हारे दादा की मौत हुई थी तब मैने देखा तुम्हारे दादा को मारने वाले की शकल....


साहिल – मतलब रनवीर को यही न....


सेमेंथा – हा लेकिन तुम्हे कैसे पता चला इस बारे में तुम्हे तो सिर्फ़ काला साया दिखता था न सपने में....


साहिल – दो साल पहले की बात है तब मैं पिकनिक पे गया था स्कूल की तरफ से तब (पिकनिक पे कविता , अवनी , खुशी ने अपने दोस्त के साथ मिल के जो किया सब बता के) उसके बाद मुझे कमल कमरे में ला रहा था तभी मुझे अटैक आया और उसके बाद भी कई बार आया अटैक मुझे क्योंकि कविता , अवनी , खुशी ने जो किया उसके बाद जब भी उन्हे देखता था गुस्सा पर काबू नहीं पा पाता था और अटैक आ जाता था....


इसीलिए पिकनिक के वक्त कमल ने मुझे कही नहीं जाने दिया और ना खुद कही गया और जब वापसी का वक्त आया तब भी मेरा ध्यान किसी पर ना जाए तो कमल मुझे चुपके से बस में लाया और हम निकल गए जब हॉस्टल में आए तो एक दिन कमल ने बताया मुझे ध्यान (Meditation) लगाने वाली बात जिससे मैं गुस्से में काबू पा सकू लेकिन मैं समझ नहीं पाता था कैसे करना है ये तब....


कमल मुझे सिखाता गया साथ में खुद भी करता रहा दो से तीन महीने में मै सिख गया ध्यान लगाना , फिर एक दिन में ध्यान में बैठा था उसी वक्त मुझे अटैक आया जैसा कि हर महीने होता था लेकिन उस वक्त अटैक में जैसे कुछ अलग हुआ मेरे साथ , उस वक्त मैं सपने मे मैं खुद को देखा साथ मे दादा को और साथ में देखा मैने उस काले साए को लेकिन मुझे एक पल के लिए कला साया दिखा था...


उसके बाद उसकी शकल दिखी तब अपने सामने मै रनवीर को देख रहा था , जिसने मेरे दादा जी को मारा और बंदूक मेरे हाथ में थमा दी जिससे सभीं को यही लगने लगा कि मैने मारा है अपने दादा जी को....


बोल के साहिल चुप हो गया कुछ देर तक फिर....


साहिल – और जानती हो वहां पर मैने अपनी दादी को भी देखा था , जिसने दादा जी को मरते देखा , ये देख दादी बिल्कुल बुत जैसी बन गई थी , तब मै समझ गया कि क्यो दादी मेरा साथ दे रही है इतने सालों से , क्योंकि वो सच जानती है , और उस वक्त अगर दादी घर में किसी को बता दे तो भी उनपर शायद ही कोई यकीन करे , और करेगा कैसे कोई यकीन....


इस बात पर कि एक बेटे ने ही अपने बाप को मारा है , कुछ देर बाद ध्यान से जगने के बाद मैंने कमल को सब बता दिया उसे भी यकीन हो गया तब मैने भी सोच लिया था कि बदला लेके रहूंगा मैं रनवीर से लेकिन कैसे कुछ समझ नहीं आ रहा था मुझे , दिन से महीना और महीने से पूरा साल निकल गया , मै कक्षा बारह में आगया था फिर गर्मी की छुट्टी हो गई , हर साल की तरह दादी हर बार आती थी मिलने लेकिन गर्मी की छुट्टी में दादी हमारे साथ रहती थी पूरा महीना भर उस बार भी वैसा ही हुआ तब , दादी के साथ मै और कमल घूमने जाते थे शहर में ही घूमते समय , दादी के पास फोन आया रनवीर का...


(क्योंकि दादी ने बातों बातों में बताया था , घर में रनवीर ने हर साल इंडिया के बाहर घूमने का नियम बनाया है ताकि बच्चों समेत पूरा परिवार हर साल साथ में घूमे , इसके लिए रनवीर हर साल सुमन और कविता से पूछ के ही चुनता है विदेश के शहर को घूमने के लिए फिर)....


रनवीर और सुमन बाकी के परिवार के साथ घूमने गए है इंडिया के बाहर , हर बार की तरह तब फोन पर जिसमें रनवीर , कविता और सुमन ने बात की ये बताने के लिए वो दादी के लिए तोहफा लेके आ रहे है , जो इनका हर बार का था , कुछ देर बात करने के बाद फोन काट दिया तब दादी बताने लगी हर साल जाते है सब मस्ती करते है आते वक्त मेरे लिए कुछ न कुछ लेके आते है , दादी की बात सुनने के बाद मुझे उस वक्त लगा रनवीर की असली कमजोरी कविता और सुमन है , कुछ समय बाद दादी चली गई वापस तब....


एक दिन मैने कमल से बात की इस बारे में तब हमने सोच लिया कि अब रनवीर की इस कमजोरी का ऐसा फायदा उठायेगे और उसको उसकी कमजोरी से दूर ही नहीं करेंगे बल्कि उसके खिलाफ करेंगे कुछ इस तरह की रनवीर ना जी सके ना मर सके , क्योंकि ये बात पक्की थी कि ये मेरा आखिरी साल है स्कूल में इसके बाद दादी जरूर मुझे घर में बुलाएगी आगे की पढ़ाई के लिए , और बस मुझे इंतजार था तो उस दिन का जिस दिन दादी मुझे आगे की पढ़ाई के लिए अपने घर में आने की बात कहे , और फिर मेरे इंतजार की घड़ी खत्म हुई तब जब गांव में दादी ने मुझे घर में रह के आगे की पढ़ाई के लिए कहा इसीलिए मैं तुरंत मान गया बात दादी की , बाकी का काम मेरी अटैक वाली कमजोरी ने कर दिया उसी वक्त जिससे मेरे काम और आसान हो गया.....


बोल के साहिल चुप हो गया तब....


सेमेंथा – अब आगे क्या सोचा है तुमने....


साहिल – मेरी पहली शुरुवात कल से होगी मेरी प्यारी बड़ी मां रीना से , कल उनके रेस्टोरेंट में नौकरी लेके करने वाला हूँ मै....


सेमेंथा – (मुस्कुरा के) तुम नौकरी करोगे उनके रेस्टोरेंट में....


साहिल – (मुस्कुरा के) क्यों नहीं कर सकता हूँ क्या....


सेमेंथा – बस ऐसे ही पूछा....


बोल के दोनों मुस्कुराने लगे....
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जारी रहेगा ✍️ ✍️
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UPDATE me like km aaye yaa Jyada lekin UPDATE aata rahega
बडा ही अप्रतिम सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
सहिल घर छोटे लेकर बडे तक सभी साहिल को मनाने में लगें हैं अपनी अपनी तरहा से
कुछ बातें सुनैना ने साहिल से करके उसे मनाने की कोशिश करने का प्रयास किया लेकीन लगता हैं साहिल ने उसे गंभीरता से नहीं लिया
सेमेंथा और साहिल की बातों से बहुत कुछ समझ आ गया की वो क्या चाहता है
ये रीना के रेस्टॉरंट में नोकरी करके साहिल क्या तिकडम चलाता हैं
वैसे कमल और अवनी की प्रेमलिला काफी जोरों शोरों से आगे बढ रहीं हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

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UPDATE 28



सुबह सुबह नाश्ते की टेबल पर सब बैठे नाश्ता कर रहे थे....


रीना – (सरला से) माजी कल रिकी को डॉक्टर के पास लेके जाना है चेकअप के लिए....


सरला – लेकिन डॉक्टर ने अगले महीने के लिए बोला था....


राजेश – मा वो कल डॉक्टर का फोन आया था अमेरिका से डॉक्टर जो रिकी का ऑपरेशन करने वाले थे उन्होंने बताया है कि अगले महीने मुश्किल है उनका इसीलिए वो कल ही रिकी का चेकअप करेंगे और कल ऑपरेशन....


ऑपरेश की बात सुन जहा सरला का चेहरा उतर गया वही बाकी के लोगों का जैसे नाश्ता करना रुक गया तब....


सरला – (सबसे) सब नाश्ता करो अपना (रीना से) ठीक है तुम तैयारी करो मै भी कल चलूंगी साथ में , और जरा जल्दी करो आज घर में पूजा रखी है पंडित जी आते होगे थोड़ी देर में....


साहिल – दादी पूजा अभी रहने देते है....


दादी – क्यों बेटा मैने कहा था ना , तुझे सिर्फ बैठने है बस....


साहिल – मेरा वो मतलब नहीं था दादी , मै बस इसीलिए बोल रहा था कि रिकी हॉस्पिटल से होके आ जाए फिर पूजा रखना आप , और प्लीज़ दादी अब आप मना मत करना....


दादी – (मुस्कुरा के) ठीक है , मै पंडित जी को बोल दूंगी , अब खुश है तू....


साहिल – बिल्कुल मेरी प्यारी दादी....


साहिल की बात से सबके चेहरे में मुस्कान आ गई जबकि रीना , साहिल की बात सुन उसकी आंख में हल्की नमी आ गई जिसे सबसे छुपा लिया उसने , कुछ समय सबका नाश्ता होने के बाद तब....


रिकी – (साहिल से) भईया अब कुछ दिन आपको हॉस्पिटल में आना होगा फिर मै आपके साथ वही पर गेम खेलूंगा....


साहिल – अरे यार कल से तो मेरा कॉलेज शुरू हो रहा है फिर कैसे आऊंगा मै आपके पास....


रिकी – तो क्या हुआ आप कॉलेज के बाद आजाना हॉस्पिटल तब खेलेंगे हम साथ में....


साहिल – (मुस्कुरा के) कोई बात नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा , अब देखो आप मै ऐसा जादू करूंगा आपके ऊपर आप तुरन्त जाओगे हॉस्पिटल और तुरन्त आजाओगे घर में फिर हम साथ में खेलेंगे गेम....


बात सुन रिकी मुस्कुराने लगा जिसे देख साहिल ने मुस्कुराते हुए रिकी को गले लगा लिया....


साहिल – तुम बिल्कुल ठीक हो रिकी तुम्हे अब से कोई दर्द नहीं होगा खेलने में , ये मेरा वादा है तुमसे....


जहां रिकी मुस्कुरा रहा था वही रीना और राजेश आंख में आंसू के साथ मुस्करा रहे थे साथ में बाकी के घर वाले भी तब....


कमल – (साहिल से) चल फिर आज कही घूम के आते है हम , क्या बोलता है तू....


साहिल – मैने कब मना किया , दादी से पूछ लेता हु मै....


साहिल – (दादी से) दादी मै और कमल आज घूम आए कही कल से तो कॉलेज शुरू हो रहा है अपना....


दादी – इसमें पूछना क्या है बेटा जब जा रहा है घूमने एक काम कर सभी बच्चों को साथ लेजा , तू नया है शहर में ये तुझे शहर घूमा देगे अपने साथ....


बेचारा मारता क्या ना करता साहिल को माननी पड़ी अपनी दादी की बात बेमन से....


साहिल – (सुनंदा को देख के) आप भी चलो हमारे साथ घूमने आप भी नए हो शहर में , आप भी देख लेना शहर को....


सुनंदा – क्यों न सभी लोग चले शहर घूमने आज तो संडे है काम भी नहीं होता होगा हर किसी को....


राजेश – बात तो सही है सुनंद जी की , सब लोग एक साथ घूम आओ आज वैसे भी कभी कभी तो मौका मिलता है....


दादी – मै तो नहीं चल पाओगी ज्यादा मेरे पैर में दर्द होने लगता है , हा तुम सब घूम आओ (राजेश से) राजेश वकील से बात हुई तुम्हारी....


राजेश – हा मा बात हुई है मेरी वो आज आपसे मिलने आएगा शाम को....


दादी – ठीक है (साहिल और कमल से) तुम दोनों अपने डॉक्यूमेंट की फोटोकॉपी कर के देदेना मुझे अभी जरूरी काम है....


कमल – हमारे डॉक्यूमेंट किस लिए दादी....


दादी – बेटा घर में अचार खत्म हो गया है तुम दोनों के डॉक्यूमेंट का अचार बना के खिलाऊंगी रात में तुमको , और कुछ जानना है....


दादी की बात से सब हंसने लगे साथ में कमल और साहिल भी थोड़ी देर बाद हर कोई तैयार हो रहा था अपने कमरे में....


कविता – (अवनी से) आज सब साथ में घूमने चल रहे है , क्या तुझे पता है कमल को क्या पसंद है....


अवनी – क्यों पूछ रही है ऐसा....


कविता – क्योंकि कमल और साहिल रहे है काफी वक्त एक साथ तो जो कमल को पसंद होगा वहीं साहिल को भी....


खुशी – हा यार इस बहाने साहिल से बात करने का मौका मिल जाएगा हमें....


अवनी – मेरी बात चित हुई जरूर है कमल से लेकिन उसकी पसंद मैंने पूछी नहीं अभी तक....


कविता – (मू बना के) कोई काम ढंग से किया है तूने कभी....


अवनी – सॉरी यार मै सच में भूल गई थी , चल मै अभी पूछ लेती हु कमल से....


खुशी – हा साहिल के सामने जाके पूछ ले ताकि उन्हें भी समझ आ जाए....


कविता – पागल मत बन तू साहिल के समने पूछने का मतलब जानती है ना फिर उन्हे लगेगा कि हम उन्हें परेशान करने की तैयारी कर रहे है....


अवनी – बेवकूफ नहीं हूँ यार मै अकेले में पूछ लूंगी कमल से....


खुशी – हा ये सही रहेगा और गलती मत करना तू कोई भी....


अवनी – हा ना यार (कविता से) वैसे तूने क्या सोचा है क्या लेगी साहिल के लिए....


कविता – मै नया मोबाइल लेने की सोच रही हूँ , उनको देने के लिए....


खुशी – अरे यार ये तो मैने सोचा हुआ था साहिल के लिए....


कविता – अब तू कुछ और सोच मै तो नया फोन ही लूंगी....


खुशी – ठीक है मै लैपटॉप लेलूगी उनके लिए (अवनी से) तूने कुछ सोचा है....


अवनी – मै उनके लिए नए कपड़े लूंगी....


इस तरफ इनकी अलग प्लानिंग थी साहिल के लिए दूसरी तरफ....


सुनीता – (सुमन से) अब साहिल से बात होती है तेरी....


सुमन – अभी नहीं दीदी अभी भी वो वैसे ही बात करता है....


सुनीता – कोई बात नहीं सुमन दीदी थोड़ा वक्त तो लगेगा लेकिन अच्छी बात ये है कि साथ में है अब वो....


सुमन – आज भी उसे ये सिर्फ दिखावा लगता है , उसे लगता है कभी ना कभी किसी कारण घर से निकाल देगे सब लोग उसे....


सुनीता – चिन्ता मत करो दीदी धीरे धीरे उसे समझ आने लगेगा प्यार सबका , देखा नहीं आपने जब मा ने पूजा की बात कही तो साहिल ने कैसे बोल दिया जब रिकी आएगा हॉस्पिटल से तब पूजा करने के लिए , प्यार साहिल के दिल में है बस समझ जाएगा थोड़ वक्त दो उसे , वैसे भी अब कमल भी है न साथ हमारे वो सम्भाल लेगा साहिल को और कोई एसी बात हुई तो बता देगा हमें....


सुमन – हा तुम सही कह रही हो सुनैना देखा मैने साहिल को किस तरह से रिकी के लिए बोल रहा था , सिर्फ प्यार नजर आरहा था उसमें , लेकिन एक बात बताओ तुम कमल के साथ यहां आई तो साहिल को शक नहीं हुआ कुछ....


सुनीता – (हस्ते हुए) नहीं दीदी कमल ने पहले ही बता दिया था साहिल को ये बात , इतनी बड़ी खुशी छुपाए कहा छुपती कमल से....


सुमन – हम्ममम कमल बहुत खुश नसीब है जिसे तुम्हारे जैसी मां और साहिल जैसा साथी मिला....


सुनीता – चिन्ता मत करो दीदी देखना जल्द ही साहिल समझेगा सबके प्यार को....


दूसरी तरफ कमरे में....


साहिल – तुझे भी घूमने की बात बोलनी थी वो भी सबके सामने अबे अकेले में बोलता मुझे साला मेरा भी दिमाग घास चरने गया था जो सबके समाने दादी से पूछा मैने....


कमल – चिंता क्यों करता है बे घूमने जा रहे है हम जंग लड़ने नहीं....


साहिल – अबे यहां जहर खाने को पैसे नहीं है उनके साथ घूमने का मतलब समझता है....


कमल – क्या मतलब है बे....


साहिल – मतलब ये कि मेरे पास जायद पैसे नहीं है समझा और घूमते वक्त उनलोगों ने पैसे खर्च किए तो कल कॉलेज में पक्का पोस्टमार्टम करने की तैयारी हो जाएगी अपनी....


कमल – क्या बे तू भी ना कितने पैसै चाहिए तुझे....


साहिल – साले बोल तो ऐसे रहा है जैसे कुबेर का खजाना रखा हो तेरे पास....


कमल – (मुस्कुरा के) वो तो है ना बे ये देख (हाथ में मोबाइल दिखाते हुए) ये है पैसे....


साहिल – अबे ये नया मोबाइल कहा से ले लिया बे और इसमें पैसे कहा से....


कमल – बैंक अकाउंट पहले से था बाकी पैसे मा ने डाल दिए....


साहिल – तेरा मतलब सुनीता बुआ ने , कितने पैसे डाले है....


कमल – पूरे पचास लाख है बे साथ मोबाइल में PTM अब ज्यादा सोच मत समझा....


साहिल – क्यों इसका हिसाब नहीं लेगा कोई तेरे से....


कमल – नहीं लेगे , अब चल चलते है घूमने....


साहिल – कमीना है बे तू.....


थोड़ी देर में सब निकल गए घूमने के लिए रस्ते में....


सुनैना – तो कहा घूमने चलना है ये तो बताओ....


शबनम – पहले चल के मूवी देखते है....


पायल – हा यार बहुत दिन हो गए मूवी देखे....


अवनी – तो मॉल में चलते है यार मूवी भी देख लेगे साथ में खाना पीना और शॉपिंग भी कर लेगे....


सुनीता – बात तो ठीक है लेकिन महारानियो तुम्हे किस बात की शॉपिंग करनी है अब....


कविता – (साहिल की तरफ धीर से इशार कर सुनीता से) ज्यादा नहीं बुआ थोड़ी सी करेंगे....


सुनीता – (मुस्कुरा के) अच्छी बात है (साहिल से) तुम क्या लोगे अपने लिए साहिल....


इस तरफ साहिल का पूरा ध्यान सड़क पे था जहां वो शहर की बड़ी बड़ी खूबसूरत बिल्डिंग और मार्केट देख रहा था , साहिल को कुछ ना बोलता देख....


सुनीता – (साहिल के कंधे पे हाथ रख) क्या हुआ साहिल क्या देख रहे हो....


साहिल – (सुनीता को देख हल्का मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत शहर है बुआ एक से एक ऊंची इमारतें , सुंदर मार्केट बनी हुई है यहां पर , इतना तो मैने **** शहर में भी नहीं दिखा मुझे कभी....


सुनीता – (मुस्कुरा के) ये मुम्बई शहर है साहिल आज से नहीं ये शुरू से ही खूबसूरत शहर रहा है....


साहिल – हम्ममम यहां हर चीज बहुत दूर दूर बनी हुई है बुआ , नए लोगों को घूमने का मजा ही आ जाता होगा यहां , है ना बुआ....


सुनीता – बिल्कुल , अच्छा तुम बताओ क्या शॉपिंग करोगे तुम.....


साहिल – (मुस्कुरा के) मेरी जरूरत कुछ खास नहीं है बुआ , जो भी है मेरे पास वही बहुत है मेरे लिए....


पायल – तब तो आज की आपकी शॉपिंग हम करेंगे और आप मना नहीं करोगे....


साहिल – फिलहाल तो घूमूंगा बस शॉपिंग की जरूरत नहीं मुझे , सब कुछ तो है मेरे पास....


शबनम – ठीक है साहिल भाई जैसी आपकी मर्जी लेकिन हमारी मर्जी हम जो चाहे वो खरीदेगे और आप बस कुछ नहीं बोलोगे , ये फाइनल है बस....


इन बातों के आगे कुछ ना बोल साहिल हल्का मुस्कुरा के खिड़की के बाहर देखने लगा....


कुछ देर बाद मॉल में आते ही मूवी की टिकट लेने लगे थे तब....


सुमन – (कविता , खुशी , अवनी से) नॉर्मल मूवी की टिकट लेना मार धार गोली चलाने वाली मत लेना पता है ना साहिल भी साथ है....


कविता – हा मा मुझे याद है....


इस तरफ सब मूवी देखने जाते है जहा कमल और अवनी एक साथ बैठ जाते है वहीं साहिल के दोनों तरफ सुमन और कविता बैठ जाते है मूवी शुरू होती है थोड़ी देर में हमारे साहिल बाबू चले जाते है नींद की वादियों में उसे पता ही नहीं चलता नींद में अपना सिर सुमन के कंधे पर रख देता है , ये बात सुमन समझ जाती है साथ में कविता भी की साहिल को शायद बोरियत लग रही होगी मूवी तभी वो सो गया ये देख दोनों हल्का मुस्कुराते है , वही सुमन अपने एक हाथ से हल्का हल्का साहिल के सिर को सहलाती है , कुछ समय बाद इंटरवल होता है जब लाइट शुरू होती है हाल की सब एक दूसरे से खाने के लिए पूछते है लेकिन तभी कविता सबको चुप रहने का इशारा कर , सोते हुए साहिल की तरफ इशारा करती है तब....


कमल – (सबसे धीरे से) साहिल सिर्फ गाने सुनने का शौकिन है हमने मूवी कभी देखी नहीं है इसीलिए....


खेर थोड़ी देर बाद इंटरवल खत्म होता है मूवी शुरू हो जाती है जहा साहिल बाबू सो रहे थे वही कमल और अवनी का ध्यान मूवी से ज्यादा सिर्फ अपनी बातों में था , मूवी खत्म होने के बाद सब उठने लगते है तब....


सुमन – (साहिल को धीरे से जगाते हुए) उठो साहिल....


साहिल – (नींद में) हम्ममम बस थोड़ी देर रुको उठता हूँ....


बोल के नींद में चला गया , वही ये देख सब हस रहे थे तब....


कमल – (साहिल को हिलाते हुए) उठ जा कुंभकरण मूवी कब की खत्म हो गई लेकिन तेरी नींद अभी तक पूरी नहीं हुई है क्या , उठ जल्दी वर्ना पानी डाल दूंगा....


साहिल – (नींद से जागते हुए चौक के) क्या मूवी खत्म होगई इतनी जल्दी.....


कमल – हा बे चल उठ बाकी की मूवी घर में देखना....


बोल के कमल हसने लगा साथ में सब....


साहिल – हा हा उठ गया चल....


बोल के थिएटर से निकलने लगते है सब रस्ते में....


कमल – (साहिल को चिढ़ाते हुए) साला लोग थिएटर में मूवी देखन आते है और तू सोने , वाह बेटा वाह गजब का अजूबा है तू यार....


साहिल – हा हा उड़ा ले मजाक , बोल तो ऐसे रहा है जैसे रोज मूवी देखता हु मै....


बाहर आते ही सब माल में बने रेस्टोरेंट में चले गए जहां कविता , अवनी , खुशी , पायल और शबनम खाने का ऑर्डर देने जाते हैं वहीं कमल , साहिल और बाकी के सब वॉशरूम जाते है तब....


रितिका – हेय कविता....


कविता – (पलट के लड़की को देख के) रितिका तुम....


नीति – अरे कविता क्या बात है दो साल बाद मिल रही हो , यार तुम तो जैसे भूल ही गई हमको....


रितिका – और तूने स्कूल क्यों छोड़ दिया था यार....


कविता – मन नहीं लग रहा था मेरा इसीलिए....


रतन – क्या यार कविता दो साल बाद मिल रही हो, अभी तक नाराज हो क्या....


कविता – देखो रतन मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी है किसी से.....


रतन – चलो अच्छा है तुम्हे मेरा नाम तो याद है...


राजू – प्लीज़ यार कविता छोड़ो उन बातों को यार , इतने वक्त बाद मिली हो तुम सबसे....


रितिका – हा यार कविता , प्लीज़ मिट्टी डाल उन बातों पर हम फिर से पहले जैसे दोस्त बन जाते है....


अवनी – देखो रितिका , नीति , रतन , राजू हम यहां फैमिली के साथ घूमने आए है इसीलिए प्लीज़ हमारा रस्ता छोड़ो....


राजू – (कविता का हाथ पकड़ के) प्लीज़ कविता माफ कर दे यार हम सब तो बचपन के दोस्त है यार....


कविता – (गुस्से में) मेरा हाथ छोड़ो राजू....


राजू – (हाथ छोड़ के) माफ करना कविता वो....


इससे पहले राजू कुछ आगे बोलता तभी...


एक लड़की जींस टीशर्ट चेहरे में कला चश्मा लगा के उनके सामने आके बोलती है....


लड़की – (बीच में आके) एक बार लड़की बात करने को मना का रही है तो क्यों जबरदस्ती उससे बात करने में लगा है , जवानी जायद जोश मार रही है क्या तेरे अन्दर....


रतन – (लड़की को देख के) कौन हो तुम और हमारे बीच में क्यों आ रही हो , ये हम दोनों दोस्त की बात है आपको बीच में आने की जरूरत नहीं है ओके , अपना काम करिए....


लड़की – (मुस्कुरा के) मै अपना ही काम कर रही हूँ मिस्टर (अपनी ID दिखा का) अब जान गए कौन हूँ मै , चुप चाप निकल यहां से वर्ना तू समझदार है....


राजू – (लड़की के हाथ में पुलिस की ID देख के) I M SORRY मिस मै सिर्फ़ बात कर रहा था और कुछ नहीं....


लड़की – हा देखा मैने सब , और कुछ बोलना है तुझे....


रतन – (डरते हुए) नहीं मिस हम चलते है...


बोल के दोनों लड़के और अपनी दोनों बहन के साथ वहां से निकल गए , उनके जाने के बाद....


लड़की – (पलट के कविता से) तुम ठीक हो ना....


कविता – जी , और थैंक यूं दीदी , वैसे आपका नाम क्या है....


लड़की – मेरा नाम आकृति दबे है , I M A COP....


कविता – (मुस्कुरा के) दीदी मेरा नाम कविता है (अवनी और खुशी की तरफ इशारा करके) ये मेरी बहन है , अवनी और खुशी....


आकृति – (मुस्कुरा के दोनों से) हैलो (कविता से) अब से एक बात ध्यान रखना कविता ऐसे लोग अगर बत्तीमीजी करे तो पहले एक उल्टे हाथ का गाल पर देना (अपना कार्ड देके) उसके बाद मुझे मेरे नंबर पे कॉल करना , तुमने मुझे दीदी कहा है ना , बस बाकी का काम तुम्हारी ये दीदी देख लेगी.....


कविता – (मुस्कुरा के) शुक्रिया दीदी , आइए आपको मेरी फैमिली से मिलवाती हूँ....


आकृति – अभी नहीं कविता अभी मुझे जल्दी जाना है कही , हम फिर जरूर मिलेगे तब , ok....


कविता – ठीक है दीदी....


बाय बोल के आकृति निकल गई वहां से , इधर कविता , अवनी , खुशी भी सबके पास आगए सबने लंच किया रेस्टोरेंट में उसके बाद शॉपिंग की फिर सब घर आगए , घर आके कुछ देर आराम करने के बाद शाम को सब चाय पी रहे थे तब....


कविता – (सुमन से) मा वो मैने भाई के लिए आज नया मोबाइल लिया है....


सुमन – हम्ममम तो देदो उसे....


कविता – वो नहीं लेगे जानती हो आप तो....


सुमन – बात तो सही है , अभी कहा है साहिल....


कविता – अपने कमरे में....


सुमन – और कमल कहा है....


कविता – वो और अवनी दोनों जोक की तरह चिपके बैठे बाहर गार्डन में....


कविता की बात सुन सुमन हंसने लगी....


कविता – आप हस क्यों रही हो....


सुमन – तूने अभी अवनी और कमल को जोक जो कहा ना इसीलिए....


कविता – और नहीं तो क्या कल से देख रही हूँ इन दोनों लैला मजनू को एक दूसरे से इशारों में बाते कर रहे है और आज थिएटर में मूवी नाम के लिए देख रहे थे बस एक दूसरे को देखने में लगे थे जैसे जन्मों के भूखे प्यासे हो मौका मिले तो एक दूसरे को खा जाए ऐसे देख रहे थे दोनों एक दूसरे को.....


कविता की बात सुन सुमन जोर से हंसने लगी पीछे से सुनीता और सुनैना भी जोर से हस्ते हुए कमरे में आ गई आते ही....


सुनीता – (कविता से) क्यों रि कविता क्यों मेरे बच्चे के बुराई कर रही है....


कविता – कमल बच्चा , इतना बड़ा सांड आपको कहा से बच्चा लगता है बुआ....


अचानक से चुप होके सुनीत को देखने लगती है गौर से तब.....


कविता – (सुनीत से) अपने कमल को बच्चा कहा , क्या मतलब इस बात का....


सुनीता – (हड़बड़ा के) नहीं कविता वो मै तो बस.....


कविता – बुआ सच सच बताओ बात क्या है....


सुनैना – (मुस्कुरा के) जो तू समझ रही है वही सच है कविता , कमल को गोद लिया है सुनीता ने आज से नहीं तब से जब साहिल को यहां से बाहर भेजा गया था , और ये सारा प्लान तेरी अमृता बुआ , सुनीता बुआ का था और इसमें इनका साथ तेरी दादी दे रही थी....


कविता – (मुस्कुरा के) लेकिन ये बात हमें क्यों नहीं बताई....


सुनीता – मना किया था मैने ही , सोचा कमल के जन्मदिन में सरप्राइज़ दूंगी सबको....


कविता – ये तो बहुत अच्छी बात है बुआ....


सुनीता – अच्छा ये सब छोड़ पहले ये बता क्यों बुराई हो रही थी कमल की....


कविता – वो बुआ आज मैने , अवनी , खुशी ने साहिल के लिए शौपिंग की है उनको देना है समान लेकिन हमारे हाथ से वो नहीं लेगे इसीलिए मैं मां से इस बारे में बात कर रही थी....


सुनैना – (मुस्कुरा के) एक काम कर कविता तू सारा समान मुझे देदे मै जाके साहिल को दे दूंगी , अभी तक साहिल से बात ही नहीं हुई मेरी अच्छे से , मै अभी जाके बात करती हूँ साहिल से....


कविता – आपसे नाराज तो नहीं होगे कही....


सुनैना – नाराज होगा तो बात करूंगी उससे , चल दे मुझे सारा सामान....


बोल के सुनैना , कविता से दो बैग लेके चली जाती है साहिल के कमरे में जहां साहिल बेड में बैठा अपनी किताबें देख रहा था तब....


सुनैना – (कमरे में आते हुए) मै अन्दर आजाऊं....


साहिल – (सुनैना को देख) आप , कोई काम था....


सुनैना – (मुस्कुरा के) हा काम तो है....


साहिल – बताए....


सुनैना – क्या बात है जब से आया है एक बार भी बात नहीं की मेरे से....


साहिल – ऐसी कोई बात नहीं है , बस किसी से ज्यादा घुलना मिलना पसंद नहीं है मुझे....


सुनैना – (मुस्कुरा के) पसंद तो बनाने से बनती है साहिल , और तू कोई पराया थोड़ी है हमारा अपना है....


साहिल – (मुस्कुरा के) कोई पराया अपना बन जाए समझ में आता है , लेकिन जिसने खुद , अपनो ने पराया किया , वो अचानक से दोबारा उसे अपना कैसे बना सकता है....


सुनैना – (मुस्कुरा के) गुस्सा तो तेरी नाक में रहता है जैसा बचपन में था , मुझे आज भी याद है जब तू छोटा था बहुत नखरे करता था , दूध पीने में....


सुनैना की बात सुन साहिल एक तक उसे गौर से देखने लगा तब....


सुनैना – (मुस्कुरा के) यही सोच रहा है ना कि मै ये कैसी बात कर रही हूँ , जब तू दो साल का था साहिल तब की बात है ये , उस वक्त तू , सुमन , और तेरे पिता रनवीर गांव जा रहे थे तेरे नाना नानी के घर पर....


फिर सुनैना ने वही बात बताई साहिल को जो सुमन ने बताई थी सुनंदा को , के कैसे उसके घर वाले मारे गए कैसे रनवीर ने सबको मार दिया और कैसे सब यहां आए....


सुनैना – उसके बाद से सुमन दीदी जैसे गहरे सदमे में चली गई थी , उसे पता तक नहीं था कि घर में क्या हो रहा है उस वक्त मैं और लता ही थे जो तुझे संभालते थे , ऐसा नहीं था कि मै अपने बच्चों पर ध्यान नहीं देती थी लेकिन उसके साथ तू भी बच्चा है हमारा कैसे भूल जाते तुझे , लेकिन उस हादसे के बाद जैस बहुत कुछ बदल गया था इस घर में , मुझे आज तक ये बात समझ नहीं आई कि क्यो हुआ ऐसा आखिर....


लेकिन एक रात किसी बात पर रनवीर बहुत गुस्सा था तब मै रसोई में थी जब मैने रनवीर की गुस्से वाली आवाज सुनी तो बाहर आई तब बाबू जी समझा रहे थे रनवीर को तब मैने सुना जो बाबू जी ने कहा तेरे जन्म के बाद पंडित जी से मिले थे रनवीर और सुमन तेरी कुंडली बनाने के लिए तब पंडित ने तेरी (साहिल) कुंडली देख के बोला था रनवीर से , की साहिल मनहूस है उसे दूर रखो सबसे वर्ना अनर्थ हो जाएगा लेकिन उल्टा रनवीर ने पंडित की गर्दन दबा दी ये तो अच्छा था कि सुमन ने उस वक्त रोका वर्ना रनवीर , पंडित को मार ही देता....


जब ये बात हम सबने सुनी बाबू जी से तब भी बाबू जी समझा रहे थे रनवीर को लेकिन रनवीर उस वक्त जैसे किसी की सुनने को राजी नहीं था , क्योंकि रनवीर उस हादसे के बात जैसे उस पंडित की बात को सच मान बैठा था और तब रनवीर हर बार सुमन को यही बात समझता था तेरे से दूर रहने की क्योंकि उस वक्त सुमन के पेट में कविता थी , कही तेरी वजह से फिर से वैसा कुछ ना हो इसी वजह से सुमन को लगने लगी थी रनवीर की बात सच....


इसीलिए वो तुझसे दूरी रखती थी ताकि कविता को नुकसान ना पहुंचे लेकिन वही मै , लता , तेरी दादी और दादा को इन बातों से कोई मतलब नहीं था , लेकिन जाने क्यों रीना दीदी भी रनवीर की तरह सच मान बैठी थी इस बात को उसके बाद से उनका रवैया भी तेरे प्रति सख्त हो गया था....


उसके बाद से रनवीर हर बात पर तुझे मारता पीटता और फिर वो दिन आया जिस दिन बाबू जी हम सबको छोड़ के चले गए , और रनवीर ने इल्जाम तेरे पे लगाया और हम चाह के भी कुछ ना कर पाए तब माजी ने जैसे अपना फैसला कर लिया था फिर माजी तुझे ले गई सबसे दूर और किसी को नहीं बताया तेरे बारे में....


बोल के चुप हो गई सुनैना कुछ देर बाद बोली....


सुनैना – साहिल मै मानती हूँ कि तेरे साथ जो हुआ बहुत गलत हुआ लेकिन इसमें दोष सिर्फ हालात के थे , भले तेरा जाना सही लगा हो कुछ को यहां से लेकिन सच ये भी है कि तुझे यहां लाने का फैसला सिर्फ दादी का नहीं हम सबका था....

रही तेरी नफरत की बात तो बस यही कहूंगी कि ये दुनिया प्यार के लिए बहुत छोटी है और नफरत के लिए बहुत बड़ी , और हा इन दोनों बैगों में तेरे लिए हम सबने कुछ ना कुछ तोहफा लिया है इसे मना मत करना इसमें सिर्फ प्यार है सबका , मतलब नहीं है किसी का भी....


बोल के सुनैना चली गई उसके जाते ही साहिल चुप चाप बैठा अपनी सोच में डूबा था तब....


सेमेंथा –(जो चुप चाप बैठी अब सुन रही थी साहिल को देख बोली) क्या सोच रहे हो साहिल....


साहिल – यही की किस तरह मै सबकी बातों के जाल में फंस जाऊ उसके लिए जाने कितनी कहानियां बना रहे है लोग....


सेमेंथा – तुम्हे ऐसा क्यों लगता है जो सुनैना ने तुमसे कहा वो कोई कहानी है....


साहिल – पता नहीं लेकिन मुझे यकीन नहीं है इनकी किसी भी बात पर , और तुम्हे क्या लगता है....


सेमेंथा – उन्होंने जो कहा सच कहा है साहिल क्योंकि यही सच सुमन ने भी कहा था , सुनंदा जी से....


साहिल – क्या पता पहले से कहानी बना के रखी हो दोनों ने....


सेमेंथा – नहीं साहिल ये सच है , जैसा सुमन ने कहा और सुनैना ने कहा वो बिल्कुल सच है....


साहिल – और तुम ऐसा कैसे बोल सकती हो....


सेमेंथा – क्योंकि मुझे पता चल जाता है कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ , लेकिन तुम्हारा दिल इस बात को मानने से राजी नहीं हो रहा है , है ना....


साहिल – हम्ममम खेर जो भी हो सेमेंथा , इनकी कही बात भले सच हो लेकिन मै करूंगा वही जो मै करने आया हूँ....


सेमेंथा – क्या करने आए हो तुम यहां....


साहिल – बदला लेने आया हूँ उस रनवीर से और ये बदला रनवीर को मार कर नहीं उसे उसका सब कुछ छीन के लूंगा मै तिल तिल कर तड़पाऊगा उसे और ऐसा जल्दी ही होगा , और तब उसकी आंखों के सामने उसके अपने उसे ठुकरा के मेरे साथ आ जाएंगे....


सेमेंथा – तुम्हे कैसे पता तुम्हारे दादा को मारा है रनवीर ने....


साहिल – (सेमेंथा को देख मुस्कुराते हुए) मैने तुमसे ये कब कहा कि रनवीर ने मारा है मेरे दादा को....


सेमेंथा – (हड़बड़ाते हुए) वो साहिल मै वो तो.....


साहिल – (मुस्कुरा के) अब बोल भी दो सेमेंथा , तुम्हे कैसे पता चला.....


सेमेंथा – तुम्हे याद है जब गांव में तुम रीना और उसकी बहन राधिका की पोल खोल रहे थे उसके बाद तुम्हे अटैक आया था और तुम बेहोश हो गए थे तब मैने तुम्हारे सिर में हाथ रख के देखने की कोशिश की थी और तभी मैने देखा उस हादसे को जब तुम्हारे दादा की मौत हुई थी तब मैने देखा तुम्हारे दादा को मारने वाले की शकल....


साहिल – मतलब रनवीर को यही न....


सेमेंथा – हा लेकिन तुम्हे कैसे पता चला इस बारे में तुम्हे तो सिर्फ़ काला साया दिखता था न सपने में....


साहिल – दो साल पहले की बात है तब मैं पिकनिक पे गया था स्कूल की तरफ से तब (पिकनिक पे कविता , अवनी , खुशी ने अपने दोस्त के साथ मिल के जो किया सब बता के) उसके बाद मुझे कमल कमरे में ला रहा था तभी मुझे अटैक आया और उसके बाद भी कई बार आया अटैक मुझे क्योंकि कविता , अवनी , खुशी ने जो किया उसके बाद जब भी उन्हे देखता था गुस्सा पर काबू नहीं पा पाता था और अटैक आ जाता था....


इसीलिए पिकनिक के वक्त कमल ने मुझे कही नहीं जाने दिया और ना खुद कही गया और जब वापसी का वक्त आया तब भी मेरा ध्यान किसी पर ना जाए तो कमल मुझे चुपके से बस में लाया और हम निकल गए जब हॉस्टल में आए तो एक दिन कमल ने बताया मुझे ध्यान (Meditation) लगाने वाली बात जिससे मैं गुस्से में काबू पा सकू लेकिन मैं समझ नहीं पाता था कैसे करना है ये तब....


कमल मुझे सिखाता गया साथ में खुद भी करता रहा दो से तीन महीने में मै सिख गया ध्यान लगाना , फिर एक दिन में ध्यान में बैठा था उसी वक्त मुझे अटैक आया जैसा कि हर महीने होता था लेकिन उस वक्त अटैक में जैसे कुछ अलग हुआ मेरे साथ , उस वक्त मैं सपने मे मैं खुद को देखा साथ मे दादा को और साथ में देखा मैने उस काले साए को लेकिन मुझे एक पल के लिए कला साया दिखा था...


उसके बाद उसकी शकल दिखी तब अपने सामने मै रनवीर को देख रहा था , जिसने मेरे दादा जी को मारा और बंदूक मेरे हाथ में थमा दी जिससे सभीं को यही लगने लगा कि मैने मारा है अपने दादा जी को....


बोल के साहिल चुप हो गया कुछ देर तक फिर....


साहिल – और जानती हो वहां पर मैने अपनी दादी को भी देखा था , जिसने दादा जी को मरते देखा , ये देख दादी बिल्कुल बुत जैसी बन गई थी , तब मै समझ गया कि क्यो दादी मेरा साथ दे रही है इतने सालों से , क्योंकि वो सच जानती है , और उस वक्त अगर दादी घर में किसी को बता दे तो भी उनपर शायद ही कोई यकीन करे , और करेगा कैसे कोई यकीन....


इस बात पर कि एक बेटे ने ही अपने बाप को मारा है , कुछ देर बाद ध्यान से जगने के बाद मैंने कमल को सब बता दिया उसे भी यकीन हो गया तब मैने भी सोच लिया था कि बदला लेके रहूंगा मैं रनवीर से लेकिन कैसे कुछ समझ नहीं आ रहा था मुझे , दिन से महीना और महीने से पूरा साल निकल गया , मै कक्षा बारह में आगया था फिर गर्मी की छुट्टी हो गई , हर साल की तरह दादी हर बार आती थी मिलने लेकिन गर्मी की छुट्टी में दादी हमारे साथ रहती थी पूरा महीना भर उस बार भी वैसा ही हुआ तब , दादी के साथ मै और कमल घूमने जाते थे शहर में ही घूमते समय , दादी के पास फोन आया रनवीर का...


(क्योंकि दादी ने बातों बातों में बताया था , घर में रनवीर ने हर साल इंडिया के बाहर घूमने का नियम बनाया है ताकि बच्चों समेत पूरा परिवार हर साल साथ में घूमे , इसके लिए रनवीर हर साल सुमन और कविता से पूछ के ही चुनता है विदेश के शहर को घूमने के लिए फिर)....


रनवीर और सुमन बाकी के परिवार के साथ घूमने गए है इंडिया के बाहर , हर बार की तरह तब फोन पर जिसमें रनवीर , कविता और सुमन ने बात की ये बताने के लिए वो दादी के लिए तोहफा लेके आ रहे है , जो इनका हर बार का था , कुछ देर बात करने के बाद फोन काट दिया तब दादी बताने लगी हर साल जाते है सब मस्ती करते है आते वक्त मेरे लिए कुछ न कुछ लेके आते है , दादी की बात सुनने के बाद मुझे उस वक्त लगा रनवीर की असली कमजोरी कविता और सुमन है , कुछ समय बाद दादी चली गई वापस तब....


एक दिन मैने कमल से बात की इस बारे में तब हमने सोच लिया कि अब रनवीर की इस कमजोरी का ऐसा फायदा उठायेगे और उसको उसकी कमजोरी से दूर ही नहीं करेंगे बल्कि उसके खिलाफ करेंगे कुछ इस तरह की रनवीर ना जी सके ना मर सके , क्योंकि ये बात पक्की थी कि ये मेरा आखिरी साल है स्कूल में इसके बाद दादी जरूर मुझे घर में बुलाएगी आगे की पढ़ाई के लिए , और बस मुझे इंतजार था तो उस दिन का जिस दिन दादी मुझे आगे की पढ़ाई के लिए अपने घर में आने की बात कहे , और फिर मेरे इंतजार की घड़ी खत्म हुई तब जब गांव में दादी ने मुझे घर में रह के आगे की पढ़ाई के लिए कहा इसीलिए मैं तुरंत मान गया बात दादी की , बाकी का काम मेरी अटैक वाली कमजोरी ने कर दिया उसी वक्त जिससे मेरे काम और आसान हो गया.....


बोल के साहिल चुप हो गया तब....


सेमेंथा – अब आगे क्या सोचा है तुमने....


साहिल – मेरी पहली शुरुवात कल से होगी मेरी प्यारी बड़ी मां रीना से , कल उनके रेस्टोरेंट में नौकरी लेके करने वाला हूँ मै....


सेमेंथा – (मुस्कुरा के) तुम नौकरी करोगे उनके रेस्टोरेंट में....


साहिल – (मुस्कुरा के) क्यों नहीं कर सकता हूँ क्या....


सेमेंथा – बस ऐसे ही पूछा....


बोल के दोनों मुस्कुराने लगे....
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जारी रहेगा ✍️ ✍️
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UPDATE me like km aaye yaa Jyada lekin UPDATE aata rahega
Nice update
 

ali shah bir

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UPDATE 28



सुबह सुबह नाश्ते की टेबल पर सब बैठे नाश्ता कर रहे थे....


रीना – (सरला से) माजी कल रिकी को डॉक्टर के पास लेके जाना है चेकअप के लिए....


सरला – लेकिन डॉक्टर ने अगले महीने के लिए बोला था....


राजेश – मा वो कल डॉक्टर का फोन आया था अमेरिका से डॉक्टर जो रिकी का ऑपरेशन करने वाले थे उन्होंने बताया है कि अगले महीने मुश्किल है उनका इसीलिए वो कल ही रिकी का चेकअप करेंगे और कल ऑपरेशन....


ऑपरेश की बात सुन जहा सरला का चेहरा उतर गया वही बाकी के लोगों का जैसे नाश्ता करना रुक गया तब....


सरला – (सबसे) सब नाश्ता करो अपना (रीना से) ठीक है तुम तैयारी करो मै भी कल चलूंगी साथ में , और जरा जल्दी करो आज घर में पूजा रखी है पंडित जी आते होगे थोड़ी देर में....


साहिल – दादी पूजा अभी रहने देते है....


दादी – क्यों बेटा मैने कहा था ना , तुझे सिर्फ बैठने है बस....


साहिल – मेरा वो मतलब नहीं था दादी , मै बस इसीलिए बोल रहा था कि रिकी हॉस्पिटल से होके आ जाए फिर पूजा रखना आप , और प्लीज़ दादी अब आप मना मत करना....


दादी – (मुस्कुरा के) ठीक है , मै पंडित जी को बोल दूंगी , अब खुश है तू....


साहिल – बिल्कुल मेरी प्यारी दादी....


साहिल की बात से सबके चेहरे में मुस्कान आ गई जबकि रीना , साहिल की बात सुन उसकी आंख में हल्की नमी आ गई जिसे सबसे छुपा लिया उसने , कुछ समय सबका नाश्ता होने के बाद तब....


रिकी – (साहिल से) भईया अब कुछ दिन आपको हॉस्पिटल में आना होगा फिर मै आपके साथ वही पर गेम खेलूंगा....


साहिल – अरे यार कल से तो मेरा कॉलेज शुरू हो रहा है फिर कैसे आऊंगा मै आपके पास....


रिकी – तो क्या हुआ आप कॉलेज के बाद आजाना हॉस्पिटल तब खेलेंगे हम साथ में....


साहिल – (मुस्कुरा के) कोई बात नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा , अब देखो आप मै ऐसा जादू करूंगा आपके ऊपर आप तुरन्त जाओगे हॉस्पिटल और तुरन्त आजाओगे घर में फिर हम साथ में खेलेंगे गेम....


बात सुन रिकी मुस्कुराने लगा जिसे देख साहिल ने मुस्कुराते हुए रिकी को गले लगा लिया....


साहिल – तुम बिल्कुल ठीक हो रिकी तुम्हे अब से कोई दर्द नहीं होगा खेलने में , ये मेरा वादा है तुमसे....


जहां रिकी मुस्कुरा रहा था वही रीना और राजेश आंख में आंसू के साथ मुस्करा रहे थे साथ में बाकी के घर वाले भी तब....


कमल – (साहिल से) चल फिर आज कही घूम के आते है हम , क्या बोलता है तू....


साहिल – मैने कब मना किया , दादी से पूछ लेता हु मै....


साहिल – (दादी से) दादी मै और कमल आज घूम आए कही कल से तो कॉलेज शुरू हो रहा है अपना....


दादी – इसमें पूछना क्या है बेटा जब जा रहा है घूमने एक काम कर सभी बच्चों को साथ लेजा , तू नया है शहर में ये तुझे शहर घूमा देगे अपने साथ....


बेचारा मारता क्या ना करता साहिल को माननी पड़ी अपनी दादी की बात बेमन से....


साहिल – (सुनंदा को देख के) आप भी चलो हमारे साथ घूमने आप भी नए हो शहर में , आप भी देख लेना शहर को....


सुनंदा – क्यों न सभी लोग चले शहर घूमने आज तो संडे है काम भी नहीं होता होगा हर किसी को....


राजेश – बात तो सही है सुनंद जी की , सब लोग एक साथ घूम आओ आज वैसे भी कभी कभी तो मौका मिलता है....


दादी – मै तो नहीं चल पाओगी ज्यादा मेरे पैर में दर्द होने लगता है , हा तुम सब घूम आओ (राजेश से) राजेश वकील से बात हुई तुम्हारी....


राजेश – हा मा बात हुई है मेरी वो आज आपसे मिलने आएगा शाम को....


दादी – ठीक है (साहिल और कमल से) तुम दोनों अपने डॉक्यूमेंट की फोटोकॉपी कर के देदेना मुझे अभी जरूरी काम है....


कमल – हमारे डॉक्यूमेंट किस लिए दादी....


दादी – बेटा घर में अचार खत्म हो गया है तुम दोनों के डॉक्यूमेंट का अचार बना के खिलाऊंगी रात में तुमको , और कुछ जानना है....


दादी की बात से सब हंसने लगे साथ में कमल और साहिल भी थोड़ी देर बाद हर कोई तैयार हो रहा था अपने कमरे में....


कविता – (अवनी से) आज सब साथ में घूमने चल रहे है , क्या तुझे पता है कमल को क्या पसंद है....


अवनी – क्यों पूछ रही है ऐसा....


कविता – क्योंकि कमल और साहिल रहे है काफी वक्त एक साथ तो जो कमल को पसंद होगा वहीं साहिल को भी....


खुशी – हा यार इस बहाने साहिल से बात करने का मौका मिल जाएगा हमें....


अवनी – मेरी बात चित हुई जरूर है कमल से लेकिन उसकी पसंद मैंने पूछी नहीं अभी तक....


कविता – (मू बना के) कोई काम ढंग से किया है तूने कभी....


अवनी – सॉरी यार मै सच में भूल गई थी , चल मै अभी पूछ लेती हु कमल से....


खुशी – हा साहिल के सामने जाके पूछ ले ताकि उन्हें भी समझ आ जाए....


कविता – पागल मत बन तू साहिल के समने पूछने का मतलब जानती है ना फिर उन्हे लगेगा कि हम उन्हें परेशान करने की तैयारी कर रहे है....


अवनी – बेवकूफ नहीं हूँ यार मै अकेले में पूछ लूंगी कमल से....


खुशी – हा ये सही रहेगा और गलती मत करना तू कोई भी....


अवनी – हा ना यार (कविता से) वैसे तूने क्या सोचा है क्या लेगी साहिल के लिए....


कविता – मै नया मोबाइल लेने की सोच रही हूँ , उनको देने के लिए....


खुशी – अरे यार ये तो मैने सोचा हुआ था साहिल के लिए....


कविता – अब तू कुछ और सोच मै तो नया फोन ही लूंगी....


खुशी – ठीक है मै लैपटॉप लेलूगी उनके लिए (अवनी से) तूने कुछ सोचा है....


अवनी – मै उनके लिए नए कपड़े लूंगी....


इस तरफ इनकी अलग प्लानिंग थी साहिल के लिए दूसरी तरफ....


सुनीता – (सुमन से) अब साहिल से बात होती है तेरी....


सुमन – अभी नहीं दीदी अभी भी वो वैसे ही बात करता है....


सुनीता – कोई बात नहीं सुमन दीदी थोड़ा वक्त तो लगेगा लेकिन अच्छी बात ये है कि साथ में है अब वो....


सुमन – आज भी उसे ये सिर्फ दिखावा लगता है , उसे लगता है कभी ना कभी किसी कारण घर से निकाल देगे सब लोग उसे....


सुनीता – चिन्ता मत करो दीदी धीरे धीरे उसे समझ आने लगेगा प्यार सबका , देखा नहीं आपने जब मा ने पूजा की बात कही तो साहिल ने कैसे बोल दिया जब रिकी आएगा हॉस्पिटल से तब पूजा करने के लिए , प्यार साहिल के दिल में है बस समझ जाएगा थोड़ वक्त दो उसे , वैसे भी अब कमल भी है न साथ हमारे वो सम्भाल लेगा साहिल को और कोई एसी बात हुई तो बता देगा हमें....


सुमन – हा तुम सही कह रही हो सुनैना देखा मैने साहिल को किस तरह से रिकी के लिए बोल रहा था , सिर्फ प्यार नजर आरहा था उसमें , लेकिन एक बात बताओ तुम कमल के साथ यहां आई तो साहिल को शक नहीं हुआ कुछ....


सुनीता – (हस्ते हुए) नहीं दीदी कमल ने पहले ही बता दिया था साहिल को ये बात , इतनी बड़ी खुशी छुपाए कहा छुपती कमल से....


सुमन – हम्ममम कमल बहुत खुश नसीब है जिसे तुम्हारे जैसी मां और साहिल जैसा साथी मिला....


सुनीता – चिन्ता मत करो दीदी देखना जल्द ही साहिल समझेगा सबके प्यार को....


दूसरी तरफ कमरे में....


साहिल – तुझे भी घूमने की बात बोलनी थी वो भी सबके सामने अबे अकेले में बोलता मुझे साला मेरा भी दिमाग घास चरने गया था जो सबके समाने दादी से पूछा मैने....


कमल – चिंता क्यों करता है बे घूमने जा रहे है हम जंग लड़ने नहीं....


साहिल – अबे यहां जहर खाने को पैसे नहीं है उनके साथ घूमने का मतलब समझता है....


कमल – क्या मतलब है बे....


साहिल – मतलब ये कि मेरे पास जायद पैसे नहीं है समझा और घूमते वक्त उनलोगों ने पैसे खर्च किए तो कल कॉलेज में पक्का पोस्टमार्टम करने की तैयारी हो जाएगी अपनी....


कमल – क्या बे तू भी ना कितने पैसै चाहिए तुझे....


साहिल – साले बोल तो ऐसे रहा है जैसे कुबेर का खजाना रखा हो तेरे पास....


कमल – (मुस्कुरा के) वो तो है ना बे ये देख (हाथ में मोबाइल दिखाते हुए) ये है पैसे....


साहिल – अबे ये नया मोबाइल कहा से ले लिया बे और इसमें पैसे कहा से....


कमल – बैंक अकाउंट पहले से था बाकी पैसे मा ने डाल दिए....


साहिल – तेरा मतलब सुनीता बुआ ने , कितने पैसे डाले है....


कमल – पूरे पचास लाख है बे साथ मोबाइल में PTM अब ज्यादा सोच मत समझा....


साहिल – क्यों इसका हिसाब नहीं लेगा कोई तेरे से....


कमल – नहीं लेगे , अब चल चलते है घूमने....


साहिल – कमीना है बे तू.....


थोड़ी देर में सब निकल गए घूमने के लिए रस्ते में....


सुनैना – तो कहा घूमने चलना है ये तो बताओ....


शबनम – पहले चल के मूवी देखते है....


पायल – हा यार बहुत दिन हो गए मूवी देखे....


अवनी – तो मॉल में चलते है यार मूवी भी देख लेगे साथ में खाना पीना और शॉपिंग भी कर लेगे....


सुनीता – बात तो ठीक है लेकिन महारानियो तुम्हे किस बात की शॉपिंग करनी है अब....


कविता – (साहिल की तरफ धीर से इशार कर सुनीता से) ज्यादा नहीं बुआ थोड़ी सी करेंगे....


सुनीता – (मुस्कुरा के) अच्छी बात है (साहिल से) तुम क्या लोगे अपने लिए साहिल....


इस तरफ साहिल का पूरा ध्यान सड़क पे था जहां वो शहर की बड़ी बड़ी खूबसूरत बिल्डिंग और मार्केट देख रहा था , साहिल को कुछ ना बोलता देख....


सुनीता – (साहिल के कंधे पे हाथ रख) क्या हुआ साहिल क्या देख रहे हो....


साहिल – (सुनीता को देख हल्का मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत शहर है बुआ एक से एक ऊंची इमारतें , सुंदर मार्केट बनी हुई है यहां पर , इतना तो मैने **** शहर में भी नहीं दिखा मुझे कभी....


सुनीता – (मुस्कुरा के) ये मुम्बई शहर है साहिल आज से नहीं ये शुरू से ही खूबसूरत शहर रहा है....


साहिल – हम्ममम यहां हर चीज बहुत दूर दूर बनी हुई है बुआ , नए लोगों को घूमने का मजा ही आ जाता होगा यहां , है ना बुआ....


सुनीता – बिल्कुल , अच्छा तुम बताओ क्या शॉपिंग करोगे तुम.....


साहिल – (मुस्कुरा के) मेरी जरूरत कुछ खास नहीं है बुआ , जो भी है मेरे पास वही बहुत है मेरे लिए....


पायल – तब तो आज की आपकी शॉपिंग हम करेंगे और आप मना नहीं करोगे....


साहिल – फिलहाल तो घूमूंगा बस शॉपिंग की जरूरत नहीं मुझे , सब कुछ तो है मेरे पास....


शबनम – ठीक है साहिल भाई जैसी आपकी मर्जी लेकिन हमारी मर्जी हम जो चाहे वो खरीदेगे और आप बस कुछ नहीं बोलोगे , ये फाइनल है बस....


इन बातों के आगे कुछ ना बोल साहिल हल्का मुस्कुरा के खिड़की के बाहर देखने लगा....


कुछ देर बाद मॉल में आते ही मूवी की टिकट लेने लगे थे तब....


सुमन – (कविता , खुशी , अवनी से) नॉर्मल मूवी की टिकट लेना मार धार गोली चलाने वाली मत लेना पता है ना साहिल भी साथ है....


कविता – हा मा मुझे याद है....


इस तरफ सब मूवी देखने जाते है जहा कमल और अवनी एक साथ बैठ जाते है वहीं साहिल के दोनों तरफ सुमन और कविता बैठ जाते है मूवी शुरू होती है थोड़ी देर में हमारे साहिल बाबू चले जाते है नींद की वादियों में उसे पता ही नहीं चलता नींद में अपना सिर सुमन के कंधे पर रख देता है , ये बात सुमन समझ जाती है साथ में कविता भी की साहिल को शायद बोरियत लग रही होगी मूवी तभी वो सो गया ये देख दोनों हल्का मुस्कुराते है , वही सुमन अपने एक हाथ से हल्का हल्का साहिल के सिर को सहलाती है , कुछ समय बाद इंटरवल होता है जब लाइट शुरू होती है हाल की सब एक दूसरे से खाने के लिए पूछते है लेकिन तभी कविता सबको चुप रहने का इशारा कर , सोते हुए साहिल की तरफ इशारा करती है तब....


कमल – (सबसे धीरे से) साहिल सिर्फ गाने सुनने का शौकिन है हमने मूवी कभी देखी नहीं है इसीलिए....


खेर थोड़ी देर बाद इंटरवल खत्म होता है मूवी शुरू हो जाती है जहा साहिल बाबू सो रहे थे वही कमल और अवनी का ध्यान मूवी से ज्यादा सिर्फ अपनी बातों में था , मूवी खत्म होने के बाद सब उठने लगते है तब....


सुमन – (साहिल को धीरे से जगाते हुए) उठो साहिल....


साहिल – (नींद में) हम्ममम बस थोड़ी देर रुको उठता हूँ....


बोल के नींद में चला गया , वही ये देख सब हस रहे थे तब....


कमल – (साहिल को हिलाते हुए) उठ जा कुंभकरण मूवी कब की खत्म हो गई लेकिन तेरी नींद अभी तक पूरी नहीं हुई है क्या , उठ जल्दी वर्ना पानी डाल दूंगा....


साहिल – (नींद से जागते हुए चौक के) क्या मूवी खत्म होगई इतनी जल्दी.....


कमल – हा बे चल उठ बाकी की मूवी घर में देखना....


बोल के कमल हसने लगा साथ में सब....


साहिल – हा हा उठ गया चल....


बोल के थिएटर से निकलने लगते है सब रस्ते में....


कमल – (साहिल को चिढ़ाते हुए) साला लोग थिएटर में मूवी देखन आते है और तू सोने , वाह बेटा वाह गजब का अजूबा है तू यार....


साहिल – हा हा उड़ा ले मजाक , बोल तो ऐसे रहा है जैसे रोज मूवी देखता हु मै....


बाहर आते ही सब माल में बने रेस्टोरेंट में चले गए जहां कविता , अवनी , खुशी , पायल और शबनम खाने का ऑर्डर देने जाते हैं वहीं कमल , साहिल और बाकी के सब वॉशरूम जाते है तब....


रितिका – हेय कविता....


कविता – (पलट के लड़की को देख के) रितिका तुम....


नीति – अरे कविता क्या बात है दो साल बाद मिल रही हो , यार तुम तो जैसे भूल ही गई हमको....


रितिका – और तूने स्कूल क्यों छोड़ दिया था यार....


कविता – मन नहीं लग रहा था मेरा इसीलिए....


रतन – क्या यार कविता दो साल बाद मिल रही हो, अभी तक नाराज हो क्या....


कविता – देखो रतन मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी है किसी से.....


रतन – चलो अच्छा है तुम्हे मेरा नाम तो याद है...


राजू – प्लीज़ यार कविता छोड़ो उन बातों को यार , इतने वक्त बाद मिली हो तुम सबसे....


रितिका – हा यार कविता , प्लीज़ मिट्टी डाल उन बातों पर हम फिर से पहले जैसे दोस्त बन जाते है....


अवनी – देखो रितिका , नीति , रतन , राजू हम यहां फैमिली के साथ घूमने आए है इसीलिए प्लीज़ हमारा रस्ता छोड़ो....


राजू – (कविता का हाथ पकड़ के) प्लीज़ कविता माफ कर दे यार हम सब तो बचपन के दोस्त है यार....


कविता – (गुस्से में) मेरा हाथ छोड़ो राजू....


राजू – (हाथ छोड़ के) माफ करना कविता वो....


इससे पहले राजू कुछ आगे बोलता तभी...


एक लड़की जींस टीशर्ट चेहरे में कला चश्मा लगा के उनके सामने आके बोलती है....


लड़की – (बीच में आके) एक बार लड़की बात करने को मना का रही है तो क्यों जबरदस्ती उससे बात करने में लगा है , जवानी जायद जोश मार रही है क्या तेरे अन्दर....


रतन – (लड़की को देख के) कौन हो तुम और हमारे बीच में क्यों आ रही हो , ये हम दोनों दोस्त की बात है आपको बीच में आने की जरूरत नहीं है ओके , अपना काम करिए....


लड़की – (मुस्कुरा के) मै अपना ही काम कर रही हूँ मिस्टर (अपनी ID दिखा का) अब जान गए कौन हूँ मै , चुप चाप निकल यहां से वर्ना तू समझदार है....


राजू – (लड़की के हाथ में पुलिस की ID देख के) I M SORRY मिस मै सिर्फ़ बात कर रहा था और कुछ नहीं....


लड़की – हा देखा मैने सब , और कुछ बोलना है तुझे....


रतन – (डरते हुए) नहीं मिस हम चलते है...


बोल के दोनों लड़के और अपनी दोनों बहन के साथ वहां से निकल गए , उनके जाने के बाद....


लड़की – (पलट के कविता से) तुम ठीक हो ना....


कविता – जी , और थैंक यूं दीदी , वैसे आपका नाम क्या है....


लड़की – मेरा नाम आकृति दबे है , I M A COP....


कविता – (मुस्कुरा के) दीदी मेरा नाम कविता है (अवनी और खुशी की तरफ इशारा करके) ये मेरी बहन है , अवनी और खुशी....


आकृति – (मुस्कुरा के दोनों से) हैलो (कविता से) अब से एक बात ध्यान रखना कविता ऐसे लोग अगर बत्तीमीजी करे तो पहले एक उल्टे हाथ का गाल पर देना (अपना कार्ड देके) उसके बाद मुझे मेरे नंबर पे कॉल करना , तुमने मुझे दीदी कहा है ना , बस बाकी का काम तुम्हारी ये दीदी देख लेगी.....


कविता – (मुस्कुरा के) शुक्रिया दीदी , आइए आपको मेरी फैमिली से मिलवाती हूँ....


आकृति – अभी नहीं कविता अभी मुझे जल्दी जाना है कही , हम फिर जरूर मिलेगे तब , ok....


कविता – ठीक है दीदी....


बाय बोल के आकृति निकल गई वहां से , इधर कविता , अवनी , खुशी भी सबके पास आगए सबने लंच किया रेस्टोरेंट में उसके बाद शॉपिंग की फिर सब घर आगए , घर आके कुछ देर आराम करने के बाद शाम को सब चाय पी रहे थे तब....


कविता – (सुमन से) मा वो मैने भाई के लिए आज नया मोबाइल लिया है....


सुमन – हम्ममम तो देदो उसे....


कविता – वो नहीं लेगे जानती हो आप तो....


सुमन – बात तो सही है , अभी कहा है साहिल....


कविता – अपने कमरे में....


सुमन – और कमल कहा है....


कविता – वो और अवनी दोनों जोक की तरह चिपके बैठे बाहर गार्डन में....


कविता की बात सुन सुमन हंसने लगी....


कविता – आप हस क्यों रही हो....


सुमन – तूने अभी अवनी और कमल को जोक जो कहा ना इसीलिए....


कविता – और नहीं तो क्या कल से देख रही हूँ इन दोनों लैला मजनू को एक दूसरे से इशारों में बाते कर रहे है और आज थिएटर में मूवी नाम के लिए देख रहे थे बस एक दूसरे को देखने में लगे थे जैसे जन्मों के भूखे प्यासे हो मौका मिले तो एक दूसरे को खा जाए ऐसे देख रहे थे दोनों एक दूसरे को.....


कविता की बात सुन सुमन जोर से हंसने लगी पीछे से सुनीता और सुनैना भी जोर से हस्ते हुए कमरे में आ गई आते ही....


सुनीता – (कविता से) क्यों रि कविता क्यों मेरे बच्चे के बुराई कर रही है....


कविता – कमल बच्चा , इतना बड़ा सांड आपको कहा से बच्चा लगता है बुआ....


अचानक से चुप होके सुनीत को देखने लगती है गौर से तब.....


कविता – (सुनीत से) अपने कमल को बच्चा कहा , क्या मतलब इस बात का....


सुनीता – (हड़बड़ा के) नहीं कविता वो मै तो बस.....


कविता – बुआ सच सच बताओ बात क्या है....


सुनैना – (मुस्कुरा के) जो तू समझ रही है वही सच है कविता , कमल को गोद लिया है सुनीता ने आज से नहीं तब से जब साहिल को यहां से बाहर भेजा गया था , और ये सारा प्लान तेरी अमृता बुआ , सुनीता बुआ का था और इसमें इनका साथ तेरी दादी दे रही थी....


कविता – (मुस्कुरा के) लेकिन ये बात हमें क्यों नहीं बताई....


सुनीता – मना किया था मैने ही , सोचा कमल के जन्मदिन में सरप्राइज़ दूंगी सबको....


कविता – ये तो बहुत अच्छी बात है बुआ....


सुनीता – अच्छा ये सब छोड़ पहले ये बता क्यों बुराई हो रही थी कमल की....


कविता – वो बुआ आज मैने , अवनी , खुशी ने साहिल के लिए शौपिंग की है उनको देना है समान लेकिन हमारे हाथ से वो नहीं लेगे इसीलिए मैं मां से इस बारे में बात कर रही थी....


सुनैना – (मुस्कुरा के) एक काम कर कविता तू सारा समान मुझे देदे मै जाके साहिल को दे दूंगी , अभी तक साहिल से बात ही नहीं हुई मेरी अच्छे से , मै अभी जाके बात करती हूँ साहिल से....


कविता – आपसे नाराज तो नहीं होगे कही....


सुनैना – नाराज होगा तो बात करूंगी उससे , चल दे मुझे सारा सामान....


बोल के सुनैना , कविता से दो बैग लेके चली जाती है साहिल के कमरे में जहां साहिल बेड में बैठा अपनी किताबें देख रहा था तब....


सुनैना – (कमरे में आते हुए) मै अन्दर आजाऊं....


साहिल – (सुनैना को देख) आप , कोई काम था....


सुनैना – (मुस्कुरा के) हा काम तो है....


साहिल – बताए....


सुनैना – क्या बात है जब से आया है एक बार भी बात नहीं की मेरे से....


साहिल – ऐसी कोई बात नहीं है , बस किसी से ज्यादा घुलना मिलना पसंद नहीं है मुझे....


सुनैना – (मुस्कुरा के) पसंद तो बनाने से बनती है साहिल , और तू कोई पराया थोड़ी है हमारा अपना है....


साहिल – (मुस्कुरा के) कोई पराया अपना बन जाए समझ में आता है , लेकिन जिसने खुद , अपनो ने पराया किया , वो अचानक से दोबारा उसे अपना कैसे बना सकता है....


सुनैना – (मुस्कुरा के) गुस्सा तो तेरी नाक में रहता है जैसा बचपन में था , मुझे आज भी याद है जब तू छोटा था बहुत नखरे करता था , दूध पीने में....


सुनैना की बात सुन साहिल एक तक उसे गौर से देखने लगा तब....


सुनैना – (मुस्कुरा के) यही सोच रहा है ना कि मै ये कैसी बात कर रही हूँ , जब तू दो साल का था साहिल तब की बात है ये , उस वक्त तू , सुमन , और तेरे पिता रनवीर गांव जा रहे थे तेरे नाना नानी के घर पर....


फिर सुनैना ने वही बात बताई साहिल को जो सुमन ने बताई थी सुनंदा को , के कैसे उसके घर वाले मारे गए कैसे रनवीर ने सबको मार दिया और कैसे सब यहां आए....


सुनैना – उसके बाद से सुमन दीदी जैसे गहरे सदमे में चली गई थी , उसे पता तक नहीं था कि घर में क्या हो रहा है उस वक्त मैं और लता ही थे जो तुझे संभालते थे , ऐसा नहीं था कि मै अपने बच्चों पर ध्यान नहीं देती थी लेकिन उसके साथ तू भी बच्चा है हमारा कैसे भूल जाते तुझे , लेकिन उस हादसे के बाद जैस बहुत कुछ बदल गया था इस घर में , मुझे आज तक ये बात समझ नहीं आई कि क्यो हुआ ऐसा आखिर....


लेकिन एक रात किसी बात पर रनवीर बहुत गुस्सा था तब मै रसोई में थी जब मैने रनवीर की गुस्से वाली आवाज सुनी तो बाहर आई तब बाबू जी समझा रहे थे रनवीर को तब मैने सुना जो बाबू जी ने कहा तेरे जन्म के बाद पंडित जी से मिले थे रनवीर और सुमन तेरी कुंडली बनाने के लिए तब पंडित ने तेरी (साहिल) कुंडली देख के बोला था रनवीर से , की साहिल मनहूस है उसे दूर रखो सबसे वर्ना अनर्थ हो जाएगा लेकिन उल्टा रनवीर ने पंडित की गर्दन दबा दी ये तो अच्छा था कि सुमन ने उस वक्त रोका वर्ना रनवीर , पंडित को मार ही देता....


जब ये बात हम सबने सुनी बाबू जी से तब भी बाबू जी समझा रहे थे रनवीर को लेकिन रनवीर उस वक्त जैसे किसी की सुनने को राजी नहीं था , क्योंकि रनवीर उस हादसे के बात जैसे उस पंडित की बात को सच मान बैठा था और तब रनवीर हर बार सुमन को यही बात समझता था तेरे से दूर रहने की क्योंकि उस वक्त सुमन के पेट में कविता थी , कही तेरी वजह से फिर से वैसा कुछ ना हो इसी वजह से सुमन को लगने लगी थी रनवीर की बात सच....


इसीलिए वो तुझसे दूरी रखती थी ताकि कविता को नुकसान ना पहुंचे लेकिन वही मै , लता , तेरी दादी और दादा को इन बातों से कोई मतलब नहीं था , लेकिन जाने क्यों रीना दीदी भी रनवीर की तरह सच मान बैठी थी इस बात को उसके बाद से उनका रवैया भी तेरे प्रति सख्त हो गया था....


उसके बाद से रनवीर हर बात पर तुझे मारता पीटता और फिर वो दिन आया जिस दिन बाबू जी हम सबको छोड़ के चले गए , और रनवीर ने इल्जाम तेरे पे लगाया और हम चाह के भी कुछ ना कर पाए तब माजी ने जैसे अपना फैसला कर लिया था फिर माजी तुझे ले गई सबसे दूर और किसी को नहीं बताया तेरे बारे में....


बोल के चुप हो गई सुनैना कुछ देर बाद बोली....


सुनैना – साहिल मै मानती हूँ कि तेरे साथ जो हुआ बहुत गलत हुआ लेकिन इसमें दोष सिर्फ हालात के थे , भले तेरा जाना सही लगा हो कुछ को यहां से लेकिन सच ये भी है कि तुझे यहां लाने का फैसला सिर्फ दादी का नहीं हम सबका था....

रही तेरी नफरत की बात तो बस यही कहूंगी कि ये दुनिया प्यार के लिए बहुत छोटी है और नफरत के लिए बहुत बड़ी , और हा इन दोनों बैगों में तेरे लिए हम सबने कुछ ना कुछ तोहफा लिया है इसे मना मत करना इसमें सिर्फ प्यार है सबका , मतलब नहीं है किसी का भी....


बोल के सुनैना चली गई उसके जाते ही साहिल चुप चाप बैठा अपनी सोच में डूबा था तब....


सेमेंथा –(जो चुप चाप बैठी अब सुन रही थी साहिल को देख बोली) क्या सोच रहे हो साहिल....


साहिल – यही की किस तरह मै सबकी बातों के जाल में फंस जाऊ उसके लिए जाने कितनी कहानियां बना रहे है लोग....


सेमेंथा – तुम्हे ऐसा क्यों लगता है जो सुनैना ने तुमसे कहा वो कोई कहानी है....


साहिल – पता नहीं लेकिन मुझे यकीन नहीं है इनकी किसी भी बात पर , और तुम्हे क्या लगता है....


सेमेंथा – उन्होंने जो कहा सच कहा है साहिल क्योंकि यही सच सुमन ने भी कहा था , सुनंदा जी से....


साहिल – क्या पता पहले से कहानी बना के रखी हो दोनों ने....


सेमेंथा – नहीं साहिल ये सच है , जैसा सुमन ने कहा और सुनैना ने कहा वो बिल्कुल सच है....


साहिल – और तुम ऐसा कैसे बोल सकती हो....


सेमेंथा – क्योंकि मुझे पता चल जाता है कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ , लेकिन तुम्हारा दिल इस बात को मानने से राजी नहीं हो रहा है , है ना....


साहिल – हम्ममम खेर जो भी हो सेमेंथा , इनकी कही बात भले सच हो लेकिन मै करूंगा वही जो मै करने आया हूँ....


सेमेंथा – क्या करने आए हो तुम यहां....


साहिल – बदला लेने आया हूँ उस रनवीर से और ये बदला रनवीर को मार कर नहीं उसे उसका सब कुछ छीन के लूंगा मै तिल तिल कर तड़पाऊगा उसे और ऐसा जल्दी ही होगा , और तब उसकी आंखों के सामने उसके अपने उसे ठुकरा के मेरे साथ आ जाएंगे....


सेमेंथा – तुम्हे कैसे पता तुम्हारे दादा को मारा है रनवीर ने....


साहिल – (सेमेंथा को देख मुस्कुराते हुए) मैने तुमसे ये कब कहा कि रनवीर ने मारा है मेरे दादा को....


सेमेंथा – (हड़बड़ाते हुए) वो साहिल मै वो तो.....


साहिल – (मुस्कुरा के) अब बोल भी दो सेमेंथा , तुम्हे कैसे पता चला.....


सेमेंथा – तुम्हे याद है जब गांव में तुम रीना और उसकी बहन राधिका की पोल खोल रहे थे उसके बाद तुम्हे अटैक आया था और तुम बेहोश हो गए थे तब मैने तुम्हारे सिर में हाथ रख के देखने की कोशिश की थी और तभी मैने देखा उस हादसे को जब तुम्हारे दादा की मौत हुई थी तब मैने देखा तुम्हारे दादा को मारने वाले की शकल....


साहिल – मतलब रनवीर को यही न....


सेमेंथा – हा लेकिन तुम्हे कैसे पता चला इस बारे में तुम्हे तो सिर्फ़ काला साया दिखता था न सपने में....


साहिल – दो साल पहले की बात है तब मैं पिकनिक पे गया था स्कूल की तरफ से तब (पिकनिक पे कविता , अवनी , खुशी ने अपने दोस्त के साथ मिल के जो किया सब बता के) उसके बाद मुझे कमल कमरे में ला रहा था तभी मुझे अटैक आया और उसके बाद भी कई बार आया अटैक मुझे क्योंकि कविता , अवनी , खुशी ने जो किया उसके बाद जब भी उन्हे देखता था गुस्सा पर काबू नहीं पा पाता था और अटैक आ जाता था....


इसीलिए पिकनिक के वक्त कमल ने मुझे कही नहीं जाने दिया और ना खुद कही गया और जब वापसी का वक्त आया तब भी मेरा ध्यान किसी पर ना जाए तो कमल मुझे चुपके से बस में लाया और हम निकल गए जब हॉस्टल में आए तो एक दिन कमल ने बताया मुझे ध्यान (Meditation) लगाने वाली बात जिससे मैं गुस्से में काबू पा सकू लेकिन मैं समझ नहीं पाता था कैसे करना है ये तब....


कमल मुझे सिखाता गया साथ में खुद भी करता रहा दो से तीन महीने में मै सिख गया ध्यान लगाना , फिर एक दिन में ध्यान में बैठा था उसी वक्त मुझे अटैक आया जैसा कि हर महीने होता था लेकिन उस वक्त अटैक में जैसे कुछ अलग हुआ मेरे साथ , उस वक्त मैं सपने मे मैं खुद को देखा साथ मे दादा को और साथ में देखा मैने उस काले साए को लेकिन मुझे एक पल के लिए कला साया दिखा था...


उसके बाद उसकी शकल दिखी तब अपने सामने मै रनवीर को देख रहा था , जिसने मेरे दादा जी को मारा और बंदूक मेरे हाथ में थमा दी जिससे सभीं को यही लगने लगा कि मैने मारा है अपने दादा जी को....


बोल के साहिल चुप हो गया कुछ देर तक फिर....


साहिल – और जानती हो वहां पर मैने अपनी दादी को भी देखा था , जिसने दादा जी को मरते देखा , ये देख दादी बिल्कुल बुत जैसी बन गई थी , तब मै समझ गया कि क्यो दादी मेरा साथ दे रही है इतने सालों से , क्योंकि वो सच जानती है , और उस वक्त अगर दादी घर में किसी को बता दे तो भी उनपर शायद ही कोई यकीन करे , और करेगा कैसे कोई यकीन....


इस बात पर कि एक बेटे ने ही अपने बाप को मारा है , कुछ देर बाद ध्यान से जगने के बाद मैंने कमल को सब बता दिया उसे भी यकीन हो गया तब मैने भी सोच लिया था कि बदला लेके रहूंगा मैं रनवीर से लेकिन कैसे कुछ समझ नहीं आ रहा था मुझे , दिन से महीना और महीने से पूरा साल निकल गया , मै कक्षा बारह में आगया था फिर गर्मी की छुट्टी हो गई , हर साल की तरह दादी हर बार आती थी मिलने लेकिन गर्मी की छुट्टी में दादी हमारे साथ रहती थी पूरा महीना भर उस बार भी वैसा ही हुआ तब , दादी के साथ मै और कमल घूमने जाते थे शहर में ही घूमते समय , दादी के पास फोन आया रनवीर का...


(क्योंकि दादी ने बातों बातों में बताया था , घर में रनवीर ने हर साल इंडिया के बाहर घूमने का नियम बनाया है ताकि बच्चों समेत पूरा परिवार हर साल साथ में घूमे , इसके लिए रनवीर हर साल सुमन और कविता से पूछ के ही चुनता है विदेश के शहर को घूमने के लिए फिर)....


रनवीर और सुमन बाकी के परिवार के साथ घूमने गए है इंडिया के बाहर , हर बार की तरह तब फोन पर जिसमें रनवीर , कविता और सुमन ने बात की ये बताने के लिए वो दादी के लिए तोहफा लेके आ रहे है , जो इनका हर बार का था , कुछ देर बात करने के बाद फोन काट दिया तब दादी बताने लगी हर साल जाते है सब मस्ती करते है आते वक्त मेरे लिए कुछ न कुछ लेके आते है , दादी की बात सुनने के बाद मुझे उस वक्त लगा रनवीर की असली कमजोरी कविता और सुमन है , कुछ समय बाद दादी चली गई वापस तब....


एक दिन मैने कमल से बात की इस बारे में तब हमने सोच लिया कि अब रनवीर की इस कमजोरी का ऐसा फायदा उठायेगे और उसको उसकी कमजोरी से दूर ही नहीं करेंगे बल्कि उसके खिलाफ करेंगे कुछ इस तरह की रनवीर ना जी सके ना मर सके , क्योंकि ये बात पक्की थी कि ये मेरा आखिरी साल है स्कूल में इसके बाद दादी जरूर मुझे घर में बुलाएगी आगे की पढ़ाई के लिए , और बस मुझे इंतजार था तो उस दिन का जिस दिन दादी मुझे आगे की पढ़ाई के लिए अपने घर में आने की बात कहे , और फिर मेरे इंतजार की घड़ी खत्म हुई तब जब गांव में दादी ने मुझे घर में रह के आगे की पढ़ाई के लिए कहा इसीलिए मैं तुरंत मान गया बात दादी की , बाकी का काम मेरी अटैक वाली कमजोरी ने कर दिया उसी वक्त जिससे मेरे काम और आसान हो गया.....


बोल के साहिल चुप हो गया तब....


सेमेंथा – अब आगे क्या सोचा है तुमने....


साहिल – मेरी पहली शुरुवात कल से होगी मेरी प्यारी बड़ी मां रीना से , कल उनके रेस्टोरेंट में नौकरी लेके करने वाला हूँ मै....


सेमेंथा – (मुस्कुरा के) तुम नौकरी करोगे उनके रेस्टोरेंट में....


साहिल – (मुस्कुरा के) क्यों नहीं कर सकता हूँ क्या....


सेमेंथा – बस ऐसे ही पूछा....


बोल के दोनों मुस्कुराने लगे....
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जारी रहेगा ✍️ ✍️
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UPDATE me like km aaye yaa Jyada lekin UPDATE aata rahega
Nice update bro
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
Prime
10,388
33,991
244
UPDATE 29



IN HOSPITAL


आज आरव को हॉस्पिटल में सात दिन हो गए थे उसकी तबियत में अब काफी सुधार हो गया था सिर में अभी भी टाके लगे हुए थे जिसे खुलने में समय था अभी , इस वक्त आरव के साथ कमरे में परी , पीहू , लक्की , अर्चना और आकृति बैठे आपस में बाते कर रहे थे तभी परी के मोबाइल में रोहित का कॉल आता है जिसे देख....


परी – (फोन रिसीव करके) हेलो रोहित कैसे हो तुम....


रोहित – अच्छा हूँ मेम , आपसे एक जरूरी बात करनी है...


परी – हा बोलो क्या बात है....


रोहित – कुछ दिन पहले अपने मुझे एक काम दिया था उसकी रिपोर्ट देनी है आपको....


परी – तुम हॉस्पिटल आ जाओ रोहित मै वही हूँ....


रोहित – नहीं मेम मैंने आपको EMAIL कीया है सारी रिपोर्ट रवि और सोनल की , आप देख लीजिए....


परी – शुक्रिया रोहित मै देखती हूँ....


बोल के फोन काट दिया दोनों ने तब....


परी ने अपना बैग खोला जिसमें लैपटॉप रखा था उसे निकाल के MAIL देखने लगी जिसमें , परी को रवि और सोनल के बैंक की सारी डिटेल्स मिली साथ ही पार्टनर शिप बिजनेस में दोनों पार्टनर को कितना प्रॉफिट आता है अकाउंट्स में , साथ में सोनल का प्रॉफिट सबकी डिटेल्स देख रही थी परी की तभी , उसे दो लोगों की डिटेल और मिली जिसमें पहला नाम लिखा था सोमेश का , जो रवि का जीजा है...


(जिसका इंलीगेल काम है जैसे ड्रग्स , सोना और हथियारों की स्मगलिंग)....


सोमेश की डिटेल देखते ही परी चौक गई , काफी वक्त से रवि के साथ पार्टनर शिप में बिजनेस चल रहा है लेकिन रवि , सोमेश के साथ भी बिजनेस कर रहा है उसी फर्म में जिसमें परी पार्टनर है रवि की , इस बात का पता परी को नहीं था लेकिन आज उसे पता चल गया ये बात जान के परी को झटका तो लगा खास कर तब , जब रवि और सोमेश के काम की डिटेल में परी को दूसरा नाम और दिखा (Altamsh) अल्तमश का जिसके संबंध अंडरवर्ल्ड से है , लेकिन पुलिस के पास इस बात का सबूत नहीं है जिस वजह से अल्तमश एक नॉर्मल बिजनेस मैन बन बैठा है सबकी नजरों में , जैसे ही परी ने अल्तमश का नाम देखा उसे समझ आ गया कि रवि , परी के साथ बिजनेस पार्टनर शिप की आड़ में गैर कानूनी काम भी कर रहा है , ये सब डिटेल देख समझने के बाद परी बीती हुई यादों को याद करके अपने मन में कुछ सोचने लगी थी....


परी – (मन में – इसका मतलब रवि शुरू से ही अपने जीजा के साथ मिल कर बीना मेरी जानकारी के मेरी फर्म में अपना इंग्लीगल बिजनेस भी कर रहा है और रवि ने साथ में अल्तमश को भी शामिल किया हुआ है , लेकिन एक बात मुझे समझ नहीं आ रही रवि की लेटेस्ट एकाउंट डिटेल देख के लगता नहीं उसके पास इतने पैसे आयेगे , जिससे वो DARKWEB में किसी के मर्डर की सुपारी दे सके , और बिना पार्टनर की मंजूरी के बगैर रवि लोन भी नहीं ले पाएगा कही से , तो आखिर रवि के पास इतने पैसे कहा से आए थे उस वक्त , जब रवि ने DARKWEB में सुपारी दी थी तेज के मर्डर की , क्या कोई और मदद कर रहा था रवि की उस वक्त)....


कुछ देर अपने मन को शांत कर के फिर मन में बोली....


परी –(मन में – कोई बात नहीं रवि उस वक्त मैं अंजान थी लेकिन इस बार मै जानती हूँ तू क्या करेगा , लेकिन जो होने वाला है तेरे साथ उसे सपने में भी नहीं सोच सकता है तू)....


मन में सोचते हुए परी ने अपना लैपटॉप बंद कर साइड में रख दिया और आरव को हस्ते हुए सबसे बात करते देखने लगी थी कि तभी परी के मन में एक बात आई....


परी – (मन में – एक मिनट आरव ने सोनल को नुकसान तब पहुंचाया था , जब आरव आगया था हॉस्पिटल से उसी शाम सोनल और रवि मेरे घर आए थे , और तभी , नहीं नहीं , ये बात मैंने पहले क्यों नहीं सोची , उस वक्त आरव ने शोभा ताई से मिल कर सोनल को उसके अंजाम तक पहुंचाया था , (मुस्कुराते हुए) शोभा ताई मिलने आने वाली है घर पर , मै आज ही तेज से बात कर क्यों न शोभा ताई से मिलने पहले चले जायेगे हम , तब मै बात करूंगी शोभा ताई से)....


मन में बोल के परी आरव और पीहू के पास जाके बैठ गई , ये बात सच है जैसा परी ने मन में सोचा जिस रात रवि ने परी के साथ सेक्स किया था....


(इसके बारे में जानने के लिए ayush01111 भाई की कहानी Jung Pyar ke liye Nafrat Se का UPDATE 10 पढ़े)....


उसी वक्त आरव ने देखा भी था दोनों को जिसके बाद से आरव ने सोनल और रवि को बर्बाद करने की ठानी थी , उसके बाद ही आरव ने सोनल तलवार के साथ शुरुवात की शोभा ताई की मदद से लेकिन इस बार परी पहले से तैयार बैठी है क्योंकि उसे आगे का सब पता है कैसे क्या होगा , इसीलिए परी नहीं चाहती ऐसा कुछ हो फिर से जिस वजह से परी , रवि और सोनल से दस कदम आगे का सोच के अपनी चाल चलने में लगी है , लेकिन जो कुछ पहले हो चुका है उसमें भी परी बदलाव करने में लगी है , और ये बदलाव क्या आगे नहीं होगा हर किसी की जिन्दगी में शायद , इस बात से अभी तक अंजान है परी , खेर ये तो आगे की बात है आगे जाने क्या होना लिखा है कौन जाने , खेर अभी तो आरव को पूरी तरह से ठीक होने में कुछ वक्त है उसके बाद आरव कॉलेज ज्वाइन करेगा , तब तक साहिल के पास चलते है इस वक्त रात में खाना खाने के बाद सब अपने कमरे में सोने आए होते है तब....


कमल – (कमरे में दो बैग को खोल के देखत हुए साहिल से) वाह बेटा क्या बात है , नया मोबाइल , नया लैपटॉप , नए कपड़े , अरे ये क्या एंड्रॉयड वॉच (हस्ते हुए) तेरी तो चांदी ही चांदी है बेटा....


साहिल – (हस्ते हुए) हम्ममम ऐसा ही होता है बेटा , पहले बकरे को खूब खिलाया पिलाया जाता है , उसके बाद गले में छूरि चलाई जाती है आराम आराम से ताकि तड़प तड़प के बकरा अपना दम तोड़ दे....


कमल – अबे कमीने खुद तो खून देख ले तो बेहोश हो जाता है , और बाते ऐसी कर रहा है जैसे रोज की बात हो तेरे लिए ये सब , अबे पागल जरूरी नहीं जो तू सोच रहा हो वो सच हो....


साहिल – मुझे सिर्फ तेरे और दादी के इलावा किसी पर यकीन नहीं है....


कमल – ठीक है तो मेरा यकीन कर और ज़्यादा मत सोच तू , मै जा रहा हूँ सोने मा के साथ....


साहिल – अच्छा बेटा मा मिल गई तो दोस्त को भूल गया तू....


कमल – अबे तू फिर से शुरू हो गया....


साहिल – (हस्ते हुए) अबे जा मजाक कर रहा हूँ तू जा सोजा बुआ के साथ...


कमल – ठीक है सुबह मिलता हु , और हा कल नए कपड़े पहन कर चलना कॉलेज....


साहिल – ठीक है , और सुन कॉलेज के बाद जानता है ना कहा चलना है हमें....


कमल – तू पक्का सीरियस है ना बे....


साहिल – हा पक्का और सुन किसी को बोलना मत इस बारे में....


बोल के चला गया सोने कमल कमरे में उसके जाते ही....


सेमेंथा – मै क्या पहनूं कल कॉलेज में....


साहिल – (मुस्कुरा के) जो तुम्हे अच्छा लगे , लेकिन बैठना मेरे साथ ही है तुम्हे....


सेमेंथा – ये भी पूछने की बात है , चलो अब सो जाओ तुम सुबह जल्दी उठना है....


बोलते ही बेड में लेट गया साहिल कुछ देर सेमेंथा उसके सिर पर हाथ फेरती रही फिर साहिल सो गया , सेमेंथा बेड से उठने लगी थी तभी सेमेंथा ने देखा कमरे में बने दूसरा दरवाज़ा जो खुला था जिसमें सुमन दरवाजे की आड़ में साहिल को देख रही है तब , सेमेंथा जैसे ही उठी तभी....


सुमन – (साहिल को देख उसके करीब आके बेड में बैठ धीरे से) अपने आप से क्यों बाते करता है तू , मेरे से बात कर , तू जो बोलेगा सब सुनूंगी मै , चाहे जितनी जली कटी सुना दे मै उफ्फ तक नहीं करूगी , बस यू अकेले में अपने आप से बाते मत किया कर....


बोल के साहिल के बगल में बैठी रही सुमन जाने कब सुमन को नींद आने लगी और वो साहिल के बगल में लेट कर कब सो गई उसे पता ही नहीं चला....


जबकि सेमेंथा वही खड़ी मुस्कुराते हुए देखती रही साहिल और सुमन को तब सेमेंथा कमरे से गायब होके आगई सुनंदा के कमरे में , कमरे में आते ही सेमेंथा बेड में आके सुनंदा के बगल में लेट गई गले लग के जिसे देख....


सुनंदा – (मुस्कुरा के सेमेंथा से) क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है तुझे....


सेमेंथा – (साहिल के कमरे में जो हुआ बता के) बस मेरा भी मन हो गया आपके साथ सोने का....


सुनंदा – (मुस्कुरा के) तू सोती भी है , मुझे तो आज पता चला....


सेमेंथा – (मुस्कुरा के) मैने तो ऐसे ही बोल दिया मां, आप तो जानते हो न....


सुनंदा – कोई बात नहीं , चल अब बता भी दे क्या चल रहा है तेरे दिल में....


सेमेंथा – आप सब समझ जाते हो मा कब मेरे मन में क्या चल रहा होता है....


सुनंदा – क्यों नहीं पता चलेगा मुझे , पाला है मैने तुझे बचपन से , तेरे एक एक नस से वाकिफ हूँ मै , अब बता कौन सी बात तुझे परेशान कर रही है....


सेमेंथा – मा आपको साहिल पे आने वाले अटैक के बार में पता है ना....


सुनंदा – हा तो उसमें क्या बात है....


सेमेंथा – मा जब पहली बार साहिल को अटैक आया गांव में मेरे सामने तब मैने उसके सिर में हाथ रख के देखा था सब कुछ , उसके बाद जाने क्यों मुझे बहुत गुस्सा आया था रनवीर पर और मै वहां से तुरंत हाईवे पर आ गई जहां रनवीर अपनी गाड़ी से तेजी से कही जा रहा था , मैने उसी वक्त रनवीर की गाड़ी का एक्सीडेंट कर दिया था , मुझे लगा मर गया होगा रनवीर , लेकिन तभी मैने देखा रनवीर कार का दरवाजा तोड़ को बाहर आगया उसे देख बिल्कुल नहीं लग रहा था उसे एक भी खरोच आई हो....


सुनंदा – हम्ममम रनवीर से मेरी मुलाक़ात हुई थी लेकिन मुझे उसके अन्दर ऐसा कुछ भी ना दिखा और ना महसूस हुआ , ये भी हो सकता है शायद कार में लगे सुरक्षा उपकरण की वजह से रनवीर बचा हो , लेकिन इतना बड़ा एक्सीडेंट हुआ उसका और उसे एक ख़रोश तक नहीं आई और न ही रनवीर ने अपने एक्सीडेंट वाली बात किसी को बताई घर में , ये बहुत अजीब बात है....


सेमेंथा – अब तो साहिल , रनवीर की कमजोरी को निशाना बना रहा है तब क्या होगा मा....


सुनंदा – (मुस्कुरा के) तू परेशान मत हो उसमें वक्त है अभी , फिलहाल तो रनवीर के बारे में पता लगाना होगा , एक आम इंसान में ऐसी कौन सी खासियत है जिससे वो इतने बड़े एक्सीडेंट से बच जाता है , रही साहिल की बात उसे मै संभाल लूंगी अपने तरीके से....


अगले दिन सुबह होने से पहले सुमन अपने कमरे में पहले चली गई थी और कुछ समय बाद एक तरफ साहिल , कमल , कविता , खुशी , अवनी , सोनम , पूनम , शबनम और पायल तैयार हो गए साथ में सुनंदा भी थी कॉलेज जाने के लिए , वही राजेश , रीना , रिकी और दादी तैयार हो गए थे हॉस्पिटल जाने के लिए रिकी के चेकअप के लिए , सब नाश्ता करके निकलने लगे थे तभी....


दादी – (कमल और साहिल को मीठी दही खिलाते हुए) आज पहला दिन है कॉलेज का इसीलिए बिना नाटक के खाओ दोनों (बाकी लड़कियों को) चलो तुम सब आओ जल्दी से अब (सबको दही खिला के) चलो आराम से जाना सब कॉलेज....


बोल के सब जाने लगे तभी...


रिकी – (साहिल से) भईया याद है न आपको आज हॉस्पिटल आना है....


साहिल – (मुस्कुरा के एक चम्मच दही रिकी को खिलाते हुए) अच्छे से याद है लेकिन हॉस्पिटल में नहीं घर में....


रिकी – (हस्ते हुए) भईया मजाक नहीं करो प्लीज़ आप आना जरूर....


साहिल – पक्का मजाक नहीं घर में मिलोगे आप देखना....


बोल के हस्ते हुए चला गया साहिल घर के बाहर जहां दो कार खड़ी थी एक में सोनम , शबनम , पायल , सुनंदा और खुशी बैठे थे तो दूसरी गाड़ी में कविता , पूनम , अवनी , साहिल और कमल बैठ के निकल गए कॉलेज की तरफ थोड़ी देर में कॉलेज के बाहर गाड़ी रुकती है क्योंकि इस वक्त भीड़ ज्यादा थी कॉलेज में , तब बाहर से कॉलेज देख साहिल गाड़ी से उतर गया साथ में कमल और सुनंदा भी तभी कॉलेज गेट खाली दिखने लगा तो दोनों कार अंदर चली गई तब साहिल , कमल और सुनंदा एक साथ कॉलेज के अन्दर जाने लगे रस्ते में....


सुनंदा – (साहिल से) साहिल तुम्हे कौन सा सब्जेक्ट पसंद है....


कमल – (बीच में) इसका पसंदीदा सब्जेक्ट तो कामर्स और कंप्यूटर है....


सुनंदा – सच में साहिल तुम्हे ये पसंद है....


साहिल – हा , लेकिन ऐसा क्यों पूछा आपने....


सुनंदा – मुझे भी दोनों सब्जेक्ट बहुत पसंद है साहिल , तुम्हे कभी कोई दिक्कत आए तो बताना मुझे....


साहिल – सही है अब मेरे ट्यूशन की फीस बच जाएगी....


कमल – (हस्ते हुए) हा हा जैसे सुनंदा जी तुझसे फीस नहीं लेगी....


सुनंदा – (मुस्कुरा के साहिल से) फीस के बदले तुम सिर्फ वक्त बिताना मेरे साथ मुझे और कुछ नहीं चाहिए साहिल....


साहिल – वक्त तो वैसे भी बीतेगा आपके साथ क्योंकि ट्यूशन भी आप दोगे मुझे , साथ में आपके साथ वक्त भी बीतेगा मेरा....


हस्ते हुए तीनों जाने लगे तभी....


सुनंदा – (साहिल और कमल से) अच्छा मै चलती हूँ बाकी टीचर्स और यहां के प्रिंसिपल से मिल लूं....


बोल के सुनंदा चली गई....


कमल – मै रिसेप्शन में देख के आता हूं हमारी क्लास किधर है....


बोल के कमल भी चला गया जबकि साहिल कॉलेज को देखने लगा था जहां पर हर तरह के सीनियर और जूनियर स्टूडेंट्स हर कोई अपने में सब लगे थे तभी साहिल के पास कोई आता है और सिर पे एक टपली मारके....


लड़का – नया आया है कॉलेज में....


पलट के देखता है साहिल तो सामने दो लड़के और तीन लड़कियों होती है....


साहिल – कौन है आप और मारा क्यों मुझे....


लड़का – (हस्ते हुए अपने साथियों से) देखो रे ये नया लौंडा आया है कॉलेज में अपने....


दूसरा लड़का – (साहिल से) अबे हम सीनियर है कॉलेज में तेरे समझा मेरा नाम विनय है (पहले वाले की तरफ इशार करके) इसका नाम प्रदीप है (लड़कियों की तरफ इशारा करके) और ये है नमिता , अंजली और माया समझा अब.....


साहिल – समझ गया लेकिन मारा क्यों मेरे सर पे....


प्रदीप – (साहिल को ऊपर से नीचे देख के) तू नया है ना कॉलेज में इसीलिए इतना बोल रहा है अगर जानता होता कौन है हम तो चुप चाप खड़ा रहता , मै इस सिटी के MLA का बेटा हूँ समझा , ज्यादा पटर पटर की तो सीधा घर में दिखेगी हमेशा के लिए....


साहिल कुछ और बोलता तभी साहिल के पीछे से दो लोग आके....


लड़का – (प्रदीप से) कैसे हो प्रदीप बाबू आते ही शुरू हो गए क्या....


लड़की – (हस्ते हुए) लगता है नया मुर्गा हत्थे चढ़ा है इसके क्यों प्रदीप....


विनय – हा नया बकरा आया है सोचा थोड़ा हाल चाल लेले इसके लेकिन ये तो कुछ ज्यादा ही हवा में लगता है....


लड़का – (हस्ते हुए) अच्छा जरा देखूं तो कौन है ये महान आत्मा....


तभी लड़के ने साहिल को देखा तभी दो कदम पीछे हट के....


लड़का – (साहिल को देख चौक के) तुम....


लड़की – (लड़के को देख के) क्या हुआ भईया आप हैरान क्यों हो गए इसे देख के....


बोल के जैसे ही लड़की ने साहिल को देखा वो भी दो कदम पीछे हट गई....


लड़की – (साहिल को देख के) तुम यहां भी आ गए....


प्रदीप – (हैरान होके लड़के और लड़की से) क्या बात है अनुज , रश्मि तुम दोनों चौक क्यों गए इसे देख के....


जी हा दोस्तो ये दोनों और कोई नहीं बल्कि सोनल तलवार के बच्चे है अनुज और रश्मि , आरव के दुश्मन , लेकिन अब ये दोनों साहिल को देख के हैरान क्यों हुए चलो देखते है....


विनय – क्या बात है अनुज , रश्मि तुम दोनों हैरान क्यों हो....


अनुज – (साहिल से) तुम जाओ यहां से....


प्रदीप – लेकिन अनुज तुम....


रश्मि – (बीच में प्रदीप से) रुक जाओ प्रदीप बाद में बात करते है हम (साहिल से) तुम जाओ प्लीज़ यहां से हमें कोई पंगा नहीं करना है बस मजाक कर रहे थे....


इनकी बात से साहिल को कुछ अजीब लगा लेकिन बिना ध्यान दिए निकल गया साहिल वहां से प्रदीप और विनय को देखते हुए , साहिल के जाने के बाद....


प्रदीप – (अनुज से) तूने इसे जाने क्यों दिया अनुज....


रश्मि – (प्रदीप से) मैने बताया था तुम्हे स्कूल में एक लड़के से पंगा हुआ था अनुज और मेरा....


विनय – हा याद है तो फिर क्या....


अनुज – ये वही है यार इसका नाम आरव है , मुझे याद नहीं रहा शायद इसने अभी कॉलेज ज्वाइन किया है , इसीलिए मैने बोला इसे जाने को साला पागल है पूरा ये आरव , अपने पर आ जाए तो किसी को नहीं देखता कौन छोटा कौन बड़ा बस निपटा देता है ये , इतना पागल है ये....


अब तो आप सब समझ गए होगे अच्छे से ये बात की साहिल बिल्कुल आरव की कॉपी है , अब आगे....


प्रदीप – अबे तुम दोनों पागल हो गए हो भूल गए मै कौन हूँ , पल भर में इसकी पंख काट दूंगा अगर अपने में आगया मै....


अनुज – शुरू में मुझे भी लगा था यार लेकिन ये साला बहुत टेडी खीर है , खाने जाओ तो जला देगा सबको , भाई प्रदीप मेरी बात का बुरा मत मानना , तुम CM हरील लाल को जानते हो ना उसके बेटा लक्की और आरव बचपन के दोस्त है साथ दोनों की पूरी फैमिली भी , मिलने के लिए भी इनको किसी अपॉइंटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है समझ रहे हो मेरी बात....


प्रदीप – हम्मम समझ गया बात तेरी....


नमिता – तुम दोनों भी ना अच्छा खासा बकरा हाथ आया था चला गया हाथ से....


अंजली – कोई ना यार मुलाक़ात अब तो रोज होनी है , आराम से खेलते रहेंगे इसके साथ....


माया – लेकिन कुछ भी कहो यार लड़का है बड़ा हैंडसम , मन कर रहा है कच्चा चबा जाऊं उसे....


प्रदीप – (हस्ते हुए) तू कभी नहीं सुधरेगी माया , बहुत बड़ी हवसी है तू (अनुज से) तू चिन्ता मत कर अनुज इस आरव के साथ अच्छा सा खेल खेलेंगे हम , लेकिन पहले इसकी पूरी कुंडली चाहिय मुझे....


दूसरी तरफ....


पूनम – (कमल से) तुम यहां क्या कर रहे हो....


कमल – अपनी क्लास के बारे में पता कर रहा था....


सोनम – तो हमसे पूछ लेते यार , तुम्हार सीनियर है हमें पता है....


कमल – अरे हा मै सच में भूल गया था बात....


कविता – साहिल कहा है....


कमल – वो आ रहा होगा (सामने से साहिल को आता देख) लो देखो आ गया (साहिल से) कहा रह गया था तू....


साहिल – कही नहीं यार वो बाहर कुछ चूतीये सीनियर मिल गए थे....


कमल – कौन है वो....


साहिल – (एक तरफ इशारा करके) वो रहे , दिमाग खा रहे थे मेरा....


सब उस तरफ देखने लगे तभी....


सोनम – (साहिल से) साहिल एक बात ध्यान रखना कॉलेज में इन लोगों के मू मत लगना कभी (एक लड़क पे इशारा करके) वो लड़का उसका नाम प्रदीप है , वो इस सीटी के MLA देव तिवारी का बेटा है , एक नंबर का कमीना है वो स्टूडेंट को छोड़ो वो टीचर्स से भी बत्तीमीजी से बात करता है , इसीलिए कॉलेज के ज्यादा तर स्टूडेंट उससे दूर रहते है , तुम भी दूर रहना प्लीज़....


कमल – चलो छोड़ो ये सब क्लास में चलते है पहले दिन लेट नहीं होना है यार....


पूनम – तुम सबकी क्लास एक ही है और हमारी अलग , तुम लोग जाओ , हम रिसेस में मिलते है कैंटीन में....


बोल के अपनी क्लास में चले गए , क्लास में आते ही कमल और अवनी एक साथ बैठ गए , वही कविता के साथ खुशी बैठ गई लेकिन साहिल दूसरी तरफ मुस्कुराते हुए चला गया जहां सेमेंथा बैठी थी उसके साथ बैठ गया साहिल....


साहिल – (सेमेंथा से) बड़ी जल्दी आ गई तुम क्लास में....


सेमेंथा – मैने तो पहले कहा था कॉलेज में तुम्हार साथ रहूंगी....


कविता – (साहिल के साथ लड़की को देख खुशी से) ये वही लड़की है ना जिसे हमने गांव में देख था....


खुशी – हा यार ये यहां कैसे...


कमल – दोनों के आगे वाली सीट में बैठा था उनकी बाते सुन के) इसका नाम सेमेंथा है , ये साहिल की खास दोस्त है....


कविता – खास दोस्त मतलब....


कमल – मतलब खास है साहिल की , समझ जाओ यार....


कमल की बात सुन कविता की आंखों में गुस्सा उतर आया अपनी सीट से उठ के साहिल के पास जाने को हुई थी , तभी क्लास में टीचर आती है जिसे देख सब खड़े होके Good Morning बोलते है....


टीचर – हेलो All मेरा नाम सुनंदा है , मै आपके कॉलेज में न्यू टीचर हूँ....


सबका इंट्रोडक्शन होता है क्लास में फिर पढ़ाई शुरू हुई कुछ देर बाद रिसेस हुआ तब सब कैंटीन में जाने लगे तब कमल और साहिल साथ में जा रहे थे पीछे से सेमेंथा , कविता , अवनी , खुशी आ रहे थे रस्ते में....


कविता – (सेमेंथा से) हेय तुम्हारा नाम क्या है....


सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हेय कविता....


कविता – तुम्हे मेरा नाम कैसे पता....


सेमेंथा – (मुस्कुरा के) पहले तो मेरा नाम सेमेंथा है , दूसरा साहिल ने बताया था तुम्हारा नाम....


कविता – (खुश होके) सच में साहिल ने बताया तुम्हे मेरा नाम....


सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हा सिर्फ तुम्हारा ही नहीं बल्कि , खुशी और अवनी का भी बताया उसने मुझे साथ में तुम्हारे घर वालों का भी....


सेमेंथा की बात सुन कविता का गुस्सा जैसे कही गायब हो गया तब....


कविता – और क्या बताया साहिल ने....


सेमेंथा – ज्यादा कुछ नहीं जब हम गांव में मिले थे बस ये बताया कि आगे की पढ़ाई शहर में रह के करेगा अपने घर में....


कविता – तुम कब से जानती हो साहिल को....


सेमेंथा – (साहिल के प्रति कविता की उत्सुकता को देख मुस्कुरा के) काफी वक्त से जानती हूँ मै साहिल को , उसकी हर आदत को , उसकी हर पसंद और ना पसंद को भी जानती हूँ मै....


खुशी – (बीच में) क्या क्या पसंद है साहिल को बताओ न प्लीज़....


सेमेंथा – (मुस्कुरा के) साहिल बहुत सिंपल लड़का है , हॉस्टल में भी सिंपल तरीके से रहता था , सबसे हस के प्यार से बाते करता था , लेकिन अकेले में....


बोल के चुप हो गई सेमेंथा तब....


कविता – लेकिन अकेले में क्या....


सेमेंथा – अकेले में साहिल गुमसुम रहता था , हम सब के साथ होते हुए भी जाने क्यों वो अपने आप को अकेला महसूस करता था , मैने कई बार जानने की कोशिश की लेकिन हर बार टाल देता था बात को साहिल , जाने उसे क्या बात खाए जाती थी....


सेमेंथा की बात सुन के कविता और खुशी की जैसे मुस्कुराहट कही गायब सी हो गई क्योंकि ये बात तो वो भी जानती थी कि साहिल की ऐसी हालत किस लिए थी और कही ना कही इन बातों एक कारण कविता और खुशी खुद को दोषी मानती थी , खेर कैंटीन में आते ही सब बैठ गए तब साहिल और कमल सबके लिए खाने को लेने चले गए तब एक लड़का कविता के पास आते ही...


लड़का – हेय कविता....


लड़के की आवाज सुन कविता , खुशी , अवनी और सेमेंथा ने लड़के को देखा तब....


कविता – राजू तुम यहां....


राजू – हा मै इस कॉलेज में पढ़ता हु साथ में नीति , रतन और रितिका भी यही है (एक तरफ इशार करके) वो देखो आगए तीनों....


रितिका , नीति , रतन – (कविता , अवनी और खुशी को देख तीनों से) हेय कैसे हो तुम सब....


अवनी – तुमलोगो ने भी यहां ऐडमिशन लिया है....


रितिका – हा यार , क्यों हमें देख के अच्छा नहीं लगा क्या....


खुशी – ऐसी कोई बात नहीं , बस ऐसे ही पूछा....


रतन – (सबके साथ बैठ के) क्या यार तुम लोग तो आज भी नाराज लग रहे हो , उस दिन मॉल में भी नाराज थे (सेमेंथा को देख तीनों से) अपनी दोस्त से नहीं मिलवाओगे हमें...


तभी सोनम , पूनम , शबनम और पायल भी आते है कैंटीन में इनकी तरफ तो सारी बात सुन लेते है तब....


पूनम – (बीच में) हेय क्या हो रहा है यहां और कॉलेज का पहला दिन कैसा जा रहा है....


अवनी – कुछ नहीं दीदी , पहला दिन ठीक जा रहा है और इन्हें तो आप जानते हो....


पूनम – (चारों को देख के) हा अच्छे से , (चारों से) कैसे हो तुम लोग यही एडमिशन लिया तुमलोगो ने भी....


नीति – हा दीदी , और हम लोग भी अच्छे है....


रितिका – (कविता , अवनी और खुशी तरफ इशारा करके) लेकिन ये तो जैसे नाराज है हमसे....


सोनम – अरे यार दोस्ती में ये सब चलता रहता है , छोटी छोटी बातों को दिलपे नहीं लेना चाहिए यार...


अब यहां पर बता दूं जो कुछ पिकनीक में जो हुआ वो बात अवनी , खुशी और कविता ने सोनम और पूनम को नहीं बताया है अब आगे....


राजू – (सोनम से) हा दीदी देखो न ये कविता , अवनी और खुशी दो साल बाद मिले है हमसे और ये लोग नाराज है हमसे....


ये लोग यह बात कर रहे थे वही कमला और साहिल खाने का समान लेके आने लगे थे इनकी तरफ तभी....


साहिल – (कमल से) वो देख उनको , ये वही है ना कविता के दोस्त जो दो साल पहले मिले थे पिकनिक पर....


कमल – हा है तो वही यार , आए होगे कॉलेज पढ़ने ये भी....


साहिल – आए होगे या इन लोगों ने बुलाया है अपने दोस्तो को....


कमल – छोड़ यार मै हूँ न , तू ज्यादा मत सोच....


इस तरफ...


कविता – (सोनम से) बात वो नहीं है दीदी (साहिल और कमल को अपनी तरफ आता देख बात बदल के) जाने दीजिए दीदी आप बताए आपका दिन कैस जा रहा है आज....


सोनम – हमारा तो अच्छा जा रहा है यार (सेमेंथा को देख के) ये कौन है कविता नई दोस्त बनाई क्या तूने , जब से देख रही हूँ शांत बैठी है....


कमल – (बीच में आके) इसका नाम सेमेंथा है , आपको याद होगा गांव में ये भी आई थी शादी में....


पूनम – ओह वही मै सोच रही थी कहा देखा है इसे , (सेमेंथा से हाथ मिलाते हुए) मेरा नाम पूनम है....


सेमेंथा – मेरा नाम सेमेंथा है , आज से कॉलेज ज्वाइन किया है मैने....


सोनम – (सेमेंथा से) तुम गांव की शादी में आई थी , क्या तुम लड़के वालों की तरफ से थी....


सेमेंथा – जी मैं लड़के वालों की तरफ से थी....


सोनम – अच्छा , तभी दोस्ती हो गई थी क्या सबसे गांव में....


सेमेंथा – (मुस्कुराते हुए) सबसे तो नहीं , सिर्फ साहिल से दोस्ती हुई थी मेरी.....


सोनम – हम्ममम अच्छी बात है...


कमल – चलो अब खाना शुरू करो सब , रिसेस खत्म ना हो जाए कही....


साहिल – (बैठने की जगह मिलती न देख) मै बगल में बैठ जाता हूं (राजू , रतन , रितिका और नीति को देख) यहां तो जगह नहीं बची बैठने की....


बोल के साहिल बगल में बैठ जाता है उसे देख , सेमेंथा , कविता भी उठ जाती है साथ में कमल भी जबकि राजू , रितिका , नीति और रतन गौर से देख रहे थे साहिल और कमल को तब....


सोनम – (कविता से) अरे तू कहा जा रही है तेरी जगह तो है ना....


कविता – ऐसे ही दीदी भीड़ ज्यादा हो गई है यहां पर....


सोनम – (मुस्कुरा के) तू भी ना कविता....


रतन – (पूनम से) दीदी (साहिल और कमल की तरफ इशारा करके) ये दोनों कौन है ऐसा लगता है इन्हें कही देखा हुआ है....


अवनी – (बीच में) ये साहिल और कमल है....


राजू – (कुछ सोच के) ये वही BAST....


खुशी – (गुस्से में धीरे से) Shutup , अब एक शब्द नहीं समझे वर्ना अच्छा नहीं होगा तुम्हारे लिए , और अब दोबारा से शकल मत दिखाना अपनी....


बोल के....


खुशी – (सबसे) मेरा हो गया , रिसेस भी खत्म हो गया है , मै जा रही हूँ क्लास में...


बोल के खुशी चली गई उसको जाता देख....


पायल – अरे खुशी क्या हुआ तुझे , तूने अभी कुछ खाया भी नहीं है....


लेकिन खुशी जा चुकी थी तब तक , कुछ देर बाद सब निकलने लगे तब....


राजू – (सबको जाता देख पूनम से) दीदी ये आप लोगो के साथ क्या कर रहा है....


पूनम – कविता और हमारा भाई है साथ में रहता है क्यों....


रतन – (हैरान होके) ये कब से रहने लगा आप सब के साथ ये तो हॉस्टल में रहता था....


पूनम – हा लेकिन अब से हमारे साथ रहता है....


बात करते कैंटीन से बाहर आते हुए....


रितिका – (पूनम से धीरे से) लेकिन दीदी कविता , अवनी और खुशी ने हमे तो बताया था कि साहिल की वजह से आपके दादा मरे थे इसीलिए उसे घर से भगा दिया गया था….


पूनम – (गुस्से में) देखो तुम चारों मेरी बात अच्छे से दिमाग में डाल लो अपने , की ऐसा कुछ नहीं हुआ था समझे , रही बात साहिल की , हमारी तरह वो भी घर का बेटा है , बस ये बात याद रखना तुमलोग , चलो अपनी क्लास में जाओ अब....


पूनम की बात सुन चारों चुप चाप चले गए अपनी क्लास में फिर पूनम , सोनम , पायल और शबनम भी जाने को हुई की तभी दो लड़के उनके पास आके....


लड़का – (पूनम से) कैसी हो पूनम...


लड़के की आवाज सुन चारों ने देखा तो अपने सामने प्रदीप और विनय थे तब....


पूनम – अच्छी हूँ प्रदीप....


विनय – क्या यार पूनम और सोनम तुम दोनों कॉलेज में आए और मिले भी नहीं , रिसेस में न मिलते तो हमें पता नहीं चलता तुम लोग आए हो कॉलेज....


सोनम – देरी से आए थे कॉलेज में इसीलिए मिल नहीं पाए हम....


प्रदीप – (मुस्कुरा के पायल और शबनम को देख) ये दोनों कौन है यार हमसे नहीं मिलवाओगी....


सोनम – ये पायल और शबनम है मेरी कजन बहने है , इन्होंने आज से कॉलेज ज्वाइन किया है हमारे साथ....


प्रदीप – (हाथ मिलाते हुए पायल और शबनम से) मेरा नाम प्रदीप है , वैसे तो आप दोनों को इस कॉलेज में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी , क्योंकि ये कॉलेज आपके नाना जी का है , अगर कोई दिक्कत आए तो बताइएगा जरूर बंदा आपकी खिदमत में हाजिर रहेगा हर वक्त....


पूनम – (प्रदीप की नजरों को समझ के) अच्छा हम चलते है क्लास का वक्त हो रहा है....


बोल के चारों निकल जाते है वहा से उनके जाते ही....


विनय – (प्रदीप से) सोनम और पूनम के साथ ये दोनों भी तगड़े माल है यार....


प्रदीप – हा यार लेकिन क्या करू ये साली सोनम और पूनम हाथ लगाने नहीं देती है जाने ये दोनों कैसी होगी....


विनय – (हस्ते हुए) कॉलेज में कुछ चिड़िया ऐसी होती है जिन्हें शरीफ लोग ज्यादा पसंद आते है इनका भी वही हाल है....


प्रदीप – (हस्ते हुए) और इस मामले में हमसे ज्यादा शरीफ कौन है यहां पर....


हस्ते हुए दोनों चले गए , कुछ समय बाद कॉलेज खत्म होते ही सब बाहर आने लगे घर जाने के लिए सब कार में बैठे थे तब साहिल ने कमल को इशार किया जिसे समझ के....


कमल – (सभी से) आप सब चलो हम आते है बाद में....


पायल – कहा जा रहे हो , कुछ काम है तो बताओ हम चलते है साथ में....


कमल – दीदी घर आके बताता हूँ , आप जाओ घर....


कविता – रास्ता पता है ना , आजाओगे अकेले घर....


कमल – हा पता है....


जिसके बाद सब निकल गए घर की तरफ तब....


साहिल – (सेमेंथा से) तुम चलो मिलते है कल कॉलेज में....


बात सुन मुस्कुरा के सेमेंथा भी चली गई तब कमल और साहिल निकल गए रेस्टोरेंट की तरफ वहां आते ही अन्दर देख के ऐसा लग रहा था जैसे अभी खुल रहा हो रेस्टोरेंट तब एक आदमी साहिल और कमल को देख के....


आदमी – (साहिल और कमल को कस्टमर समझ के) आइए सिर , अभी थोड़ा वक्त लगेगा अभी अभी रेस्टोरेंट खोला है....


साहिल – नहीं सर एक्चुअली हम यहां नौकरी के लिए आए है....


आदमी – अच्छा नौकरी करने आए हो....


साहिल – जी सर....


आदमी – पहले किसी रेस्टोरेंट में काम किया है....


साहिल – नहीं सर ये पहली बार है हमारा....


आदमी – ठीक है , वैसे तो हम बिना एक्सपीरियंस वालो को काम नहीं देते है , लेकिन हमें रेस्टोरेंट में वेट्स की सख्त जरूरत है इसीलिए तुम दोनों को काम दे रहा हूँ , पर ध्यान रहे कस्टमर को परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि , यहां जितने भी कस्टमर आते है सारे के सारे VIP और VVIP होते है...


साहिल और कमल एक साथ – ठीक है सर....


आदमी – हम्ममम मेरा नाम नरेश है और मै इस रेस्टोरेंट का मैनेजर हूँ , बाकी स्टाफ के 6 लोग और भी है....


साहिल – सर वैसे टाइमिंग क्या है....


नरेश – दोपहर 1 बजे खुलता है रेस्टोरेंट और रात दस बजे बंद होता है , और कभी किसी गेस्ट ने पार्टी रखी हो तो ज्यादा टाइम भी लग सकता है.....


साहिल – सर हम कब से आजाए काम करने के लिए....


नरेश – अभी से लग जाओ दोनों , मैने बताया था ना हमें वेट्स की जरूरत है तुरंत....


साहिल – ठीक है सर....


नरेश – ठीक है अन्दर जाके बाकी लोगो से मिल लो वो तुम्हे बात देगे आगे काम के बारे में....


इसके साथ साहिल और कमल की नौकरी लग गई रेस्टोरेंट में खेर आगे के बारे में बाद में बताऊंगा अभी चलते है जरा हॉस्पिटल की तरफ़ जहां रीना , राजेश और दादी (सरला) आए है रिकी को लेके जहां डॉक्टर से मिले और रिकी को चेकअप के लिए लेके गए है दो घंटे बाद रिपोर्ट मिली तब डॉक्टर बड़ी हैरानी से रिपोर्ट देख रहा था तब...


डॉक्टर – (केबिन में नर्स को बुला के) आपको जांच के लिए बोला था कैसे की है जांच आपने पेशेंट की रिपोर्ट सही नहीं आई , दोबारा से जांच करिए और ध्यान से जरा...


डॉक्टर – (राजेश से) जांच रिपोर्ट में कुछ प्रॉब्लम आई है दोबारा जांच करनी पड़ेगी रिकी की प्लीज़...


राजेश – कोई बात नहीं डॉक्टर आप देख लीजिए....


दो घंटे बाद जब डॉक्टर खुद चेकअप करा रिपोर्ट लेके आया तब उसने रिर्पोट देखी तो उसके चेहरे के भाव में वही हैरानी थी जिसे देख के....


रीना – क्या बात है डाक्टर आप परेशान लग रहे है....


डाक्टर – दो बार जांच की लेकिन रिकी का दिल में कोई सुराग नहीं दिख रहा मुझे , पहले लगा मुझे शायद रिपोर्ट गलत हो लेकिन ये जांच तो मेरे सामने हुई और रिपोर्ट भी मेरे सामने निकली लेकिन....


राजेश – डॉक्टर मुझे समझ नहीं आ रहा आखिर बात क्या है....


डॉक्टर – आपके बेटे को कोई दिक्कत नहीं है राजेश सर, उसके दिल में कोई सुराग नहीं है , शायद आपको यकीन नहीं होगा मुझे भी नहीं हुआ था लेकिन , आपके बेटे की रिपोर्ट यही बता रही है , आपका बेटा रिकी बिल्कुल ठीक है....


सरला – (चौक के) आप मजाक तो नहीं कर रहे है न डॉक्टर , पिछले महीने तो आपने कुछ और कहा था फिर आज आप....


डॉक्टर – हैरान तो मै भी हूँ माजी , लेकिन यही सच है , मेरे इतने सालों के करियर में पहली बार मै ऐसा चमत्कार देख रहा हूँ....


डॉक्टर की बात सुन राजेश , दादी (सरला) और रीना बहुत खुश हो गए रिकी को लेके निकल गए हॉस्पिटल से रस्ते में....


दादी (सरला) – (गाड़ी में रिकी के साथ पीछे बैठ उसके सिर में हाथ फेरते हुए) राजेश हॉस्पिटल चलते वक्त दिल बैठा जा रहा था मेरा , लेकिन डॉक्टर की बात सुन के बहुत तसल्ली मिली मुझे , एक कम करो मंदिर होते हुए चलते है घर पर....


राजेश – हा मा बिल्कुल....


इनकी बात के बीच रीना अपनी सोच में डूबी थी उसे साहिल की कही बाते याद आ रही थी जब रिकी को गले लगा के साहिल ने कही....


रीना – (अपने मन में – साहिल सच कह रहा था रिकी से वो बिल्कुल ठीक है कुछ नहीं हुआ उसे , और एक मै हूँ जो सालों से साहिल के लिए जहर उगल रही थी , मेरी वजह से साहिल इतने सालों से दूर रहा अपने परिवार से , जिसे प्यार देना चाहिए था उसे नफरत के सिवा कुछ न मिला , और एक वो (साहिल) है जिसके आते ही मेरा रिकी ठीक हो गया (हल्का मुस्कुरा के) तभी साहिल बोल रहा था माजी से रिकी के घर आते ही पूजा होगी , मै साहिल से बात करूंगी भले वो मुझे माफ करे ना करे लेकिन मै उससे बात करके रहूंगी)....


मंदिर से होके चारों घर आ गए तब....


लता – (सरला से) मा आप सब जल्दी आ गए....


सुमन , सुनैना और सुनीता एक साथ – डॉक्टर ने क्या कहा....


दादी – (मुस्कुरा के) रुक जाओ महारानियो अन्दर आने दो बैठने दो सब बताती हूँ मै....


तभी घर में कविता , अवनी , खुशी , पूनम , सोनम , पायल और शबनम आ गए तो रीना दरवाजे की तरफ देखने लगी जहां और कोई नहीं दिखा उसे तब....


रीना – (दरवाजे में किसी को न देख) साहिल कहा है....


कविता – जाने कहा जाना था कमल और साहिल को , बाद में आने का बोला है उन्होंने....


सुमन – साहिल नया है शहर में उसे कहा पता यहां के बारे में....


पायल – कमल को पता है उसी ने कहा था मुझे....


सुमन – हम्ममम ठीक है....


कुछ समय बाद सुनंद भी आ जाती है घर में सबको हाल में एक साथ देख....


सुनंदा – आप सब हॉल में एक साथ....


सुमन – वो साहिल और कमल नहीं आए अभी तक....


सुनंदा – कोई बात नहीं आ जाएंगे दोनो...


थोड़ी देर बाद खाने पर सब होते है सिवाय साहिल और कमल के....


सुमन – ये साहिल अभी तक नहीं आया कहा रह गया होगा....


सुनीता – मैने फोन मिलाया था कमल को लेकिन उठाया नहीं उसने....


दादी (सरला) – चिन्ता मत करो ये दोनों ऐसे ही है हॉस्टल में साथ रहते थे तो घूम फिर के वापस आते थे साथ में , शहर में नए है घूमने की कोई जगह मिल गई होगी , आजाएंगे दोनों....


दिन से शाम और शाम से रात हो गई इस वक्त रात के नौ बज रहे थे लेकिन दोनों नहीं आए अभी तक तब....


सुमन – (दादी से) माजी ये दोनों अभी तक नहीं आए घर मैने कई बार फोन मिलाया साहिल को लेकिन उसने उठाया नहीं फोन....


दादी – मैने भी मिलाया था लेकिन मेरा भी नहीं उठाया फोन , रुको मै राजेश को बोलती हूं....


कुछ समय बाद राजेश और रनवीर घर आ गए तब.....


राजेश – (दादी से) क्या बात है मा क्या अभी तक नहीं आए साहिल और कमल....


दादी – नहीं बेटा मै भी वही सोच रही हूँ कहा रह गए ये दोनों....


रनवीर – इस शहर की चकाचौंध ही ऐसी है , कर रहे होगे शहर के किसी कोने में आवारागर्दी....


सुनीता – वो ऐसे नहीं है भईया , मै अच्छे से जानती हूँ उनकी आदत को....


रनवीर – अच्छा ये तुम कैसे कह सकती हो....


सुनीता – जब होस्टल में रहते थे दोनों तभी मेरे रेस्टोरेंट में आते थे खाना खाने के लिए उसके बाद सीधा हॉस्टल जाते थे दोनों....


रनवीर – और उस बीच में क्या करते थे ये भी जानती हो क्या....


सुनीता – हा अच्छे तरीके से जानती हूँ , स्कूल से हॉस्टल और खाने के इलावा कही नहीं जाते थे दोनों कभी कभी संडे को जाते थे घूमने वो भी उसी मार्केट में जहां मेरा रेस्टोरेंट है....


राजेश – एक मिनट सुनीता , इसका मतलब तुम शुरू से जानती थी साहिल कहा है....


सुनीत – हा भईया....


राजेश – तुमने बताया क्यों नहीं फिर....


सुनीता – बता के क्या होता तब भईया , कौन सा कोई ऊंह ढूंढने निकला था यहां से , तब तो कोई पूछता तक नहीं था साहिल को....


राजेश – सुनीता फिलहाल अभी के लिए जरूरी बात ये है कि साहिल और कमल कहा है....


सुनीता – पता नहीं भईया जाने क्यों फोन भी नहीं उठा रहे है दोनों....


राजेश – कॉलेज के बाद कहा जाना था कुछ पता है किसी को....


कविता – ये तो नहीं बताया कहा जाना था बस यही कहा कि काम से जाना है कही....


राजेश – उन्हें पता भी है घर कहा है अपना....


कविता – उन्होंने बोला था वो आ जायेगे खुद....


रनवीर – छोड़ो ना भईया आना होगा तो आजाएंगे खुद हम क्यों टेंशन ले (कविता से) कविता तुम भी ज्यादा मत सोचा करो बस अपने कॉलेज से आने जाने का ध्यान दो बाकी वो क्या कर रहा क्या नहीं सकने कि या पूछने की जरूरत नहीं है तुम्हे....


सुमन – यही बात आप क्यों नहीं ध्यान रखते हो बस अपना बिजनेस देखो घर में कोई क्या कर रहा ध्यान मत दो....


राजेश – बस करो सब , (रनवीर से) तुम्हे मैं पहले भी कहा फिर कहता हु , साहिल आवारा या सड़कछाप नहीं है वो हमारे घर का बेटा है , हमारे परिवार का हिस्सा है वो भी और हमारा फ़र्ज़ है सबका ध्यान रखे , (सभी से) मै पता करता हूँ उनके बारे में , ग्यारह बज गए जाने कहा होगे दोनों....


अभी राजेश बोल रहा था तभी साहिल और कमल घर में आ गए आते ही सुमन ने देखा और तुरंत साहिल के पास जाके....


सुमन – (गुस्से में साहिल से) कहा थे दिन से तुम , कितना परेशान हो रहे थे हम यहां और तुमने फोन क्यों नहीं उठाया....


साहिल – कॉलेज के बाद नौकरी करने गया था मै और कमल , वहीं से आ रहे है हम दोनों और ये रोज का रहेगा , और कुछ जानना है , मै बहुत थक गया हूँ कमरे में जा रहा हूँ फ्रेश होने....


बोल के साहिल जाने लगा कमरे में.....


दादी (सरला) – (कमल से) ये सब क्या है कमल....


सुनीता – (बीच में) मा थोड़ी देर रुक जाओ अभी आए है दोनों थके हारे , बाद में बात करते है...


तब कमल भी चला गया कमरे में फिर....


रनवीर – अब नौबत ये आगई ये लड़क दो टके की नौकरी करेगा बाहर ताकि लोगों को पता चले तो बदनामी अलग से हो हमारी....


सुनीता – बदनामी , कैसी बदनामी बोल रहे हो आप , कौन जनता है कि साहिल हमारे घर का हिस्सा है , कौन जानता है शहर में की साहिल किसके बेटा है....


रनवीर – देखो सुनीता मैंने पहले भी कहा अभी भी कहता हु , मेरा कोई मतलब नहीं इस लड़के से....


सुमन – तब तो आपको बदनामी की चिन्ता करनी नहीं चाहिए , किस बात के लिए आपने बदनामी वाली बात बोली....


राजेश – (गुस्से में) शांत हो जाओ सब कमल और साहिल आ जाए फिर बात करते है (रनवीर से) तुम्हे दिक्कत है तो मत बात करो उससे और उसकी बात के बीच में मत आओ रनवीर , (सरला से) मा क्या साहिल ने आपसे कहा था नौकरी के लिए....


सरला – नहीं बेटा मैने अभी ये बात सुनी है नौकरी वाली....


राजेश – ठीक है मै बात करता हूँ साहिल से....


थोड़ी देर बाद साहिल और कमल आके खाना खाते है सबके साथ खाने के बाद....


राजेश – (साहिल से) बेटा तुम इस परिवार का हिस्सा हो , तुम अपनी पढ़ाई पे ध्यान दो , अभी से नौकरी करने की क्या जरूरत है , तुम्हे अगर काम करना है तो हमारा इतना बड़ा बिजनेस है करने को....


साहिल – मै सिर्फ अपनी दम पर करना चाहता हूँ कुछ , यू बार बार दादी से पैसे मांगना मुझे अच्छा नहीं लगता....


दादी (सरला) – बेटा ये सब तेरा ही तो है ना फिर नौकरी किस लिए....


साहिल – दादी क्या आपको लगता है मेरे नौकरी करने से आपका सिर नीचे झुकता है तो मै नहीं करूंगा नौकरी....


दादी – (मुस्कुरा के) तू अपनी जिम्मेदारी समझ रहा है बेटा , यही बहुत है मेरे लिए , रही तेरे नौकरी करने की बात से , तो ये मेरे लिए गर्व की बात है , कि मेरा बेटा बाहर की जिंदगी में अपने पैरों पर खड़ा होना सीखना चाहता है तो मुझे इस बात से कोई एतराज नहीं बेटा , तेरे हर कदम पर मै तेरे साथ हमेशा रहूंगी....


साहिल – (मुस्कुरा के) थैंक यू मेरी प्यारी दादी....


दादी – वो सब ठीक है लेकिन थोड़ा वक्त का भी ध्यान दे अभी तेरी पढ़ाई चल रही है , तेरे नौकरी की वजह से पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए बस....


साहिल – बिल्कुल दादी कोई दिक्कत नहीं आएगी वादा है मेरा....


बोल के साहिल अपने कमरे में चला गया सोने उसके जाते ही....


राजेश – मा आपको समझाना चाहिए था उसे और आप उसका साथ देने की बात कर रहे हो....


दादी – (मुस्कुरा के) तू जानता है तेरे पिता जी भी ऐसे ही थे , सबकी मदद करने को हर वक्त तैयार रहते थे लेकिन मदद किसी से नहीं लेते बल्कि मेहनत करने पर यकीन रखते थे , साहिल भी वैसा ही है , वो भी अपनी दम पर कुछ करना चाहता है , तो अच्छी बात है करने दो उसे , कम से कम अपनी जिम्मेदारी समझ रहा है वो....


दादी (सरला) की बात सुन सुनंदा , राजेश , सुमन , सुनैना , रीना , सुनीता ने कुछ नहीं बोला बस चुप चाप अपने कमरे में चले गए सोने के लिए , कमरे में साहिल और सेमेंथा आपस में बात कर रहे थे के तभी सुमन आगई कमरे में....


सुमन – (साहिल से) क्या नौकरी करना जरूरी है तुम्हारा....


साहिल – क्यो इसमें बुराई क्या है....


सुमन – कोई बुराई नहीं , लेकिन अभी से क्या जरूरत है करने की , पढ़ाई कर लो फिर जो चाहे वो करना....


साहिल – मै यहां हु सिर्फ अपनी दादी की वजह से , और दादी को मेरे नौकरी करने से कोई तकलीफ नहीं है , और अगर तकलीफ है तो वो आपको और आपके फैमिली वालो को है , जानता हूँ वो वजह मै ही हूँ , लेकिन आपकी दिक्कत ये नहीं है , आपकी सबसे बड़ी दिक्कत सिर्फ एक है वो है आपके परिवार के मिलने वालों की जो शहर भर में है , जैसे दोस्त , यार , पड़ोसी , बिजनेस से रिलेटेड , कही उन्हें पता चल गया या देख लिया मुझे तब क्या होगा , तो उसके बारे में सोचने के जरूरत नहीं पड़ेगी आपको , क्योंकि उन्हें कहा पता है मेरे बारे में की मै कौन हूँ इस घर का , क्या लगता हूँ इस परिवार वालों का , तो मुझे लगता है मेरी इस बात से आपकी ये परेशानी दूर हो चुकी होगी , अब आप आराम करिए और मुझे भी करने दीजिए....


सुमन – परेशानी तुम्हारे नौकरी करने से नहीं है मुझे , बस पढ़ाई का सोच का बोला था मैने , रही नौकरी करने की बात तो करो लेकिन फोन उठा लिया करो , आज फोन नहीं उठाया तुमने इसीलिए मुझे चिन्ता हो रही थी तुम्हारी....


साहिल – (हस्ते हुए) मेरी चिन्ता , अरे रिश्ते में भरोसा , और मोबाइल में नेटवर्क ना हो तो , लोग गेम खेलने लगते है , अब आप कौन सा गेम खेल रही हो मेरे साथ....


सुमन – जानती हूँ तुम नहीं मानोगे लेकिन मै कोई खेल नहीं खेल रही हूँ तुम्हारे साथ , बस कोशिश है शायद तुम्हे यकीन हो जाए उस प्यार का जो हमारे दिल में है तुम्हार लिए....


बोल के चली गई सुमन अपने कमरे में पीछे साहिल खड़ा देखता रह गया....
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जारी रहेगा✍️✍️
 
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