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Incest अनहद की कहानी: प्यार, जुनून और पारिवारिक रिश्तों की गहराई

parkas

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यह रितिका और अनहद के बीच के गुप्त, जटिल, और भावनात्मक रूप से समृद्ध प्यार की है, जो उनके जीवन के अलग-अलग पहलुओं से शुरू होकर एक निषिद्ध लेकिन गहरा रिश्ता बन गया। रितिका, 26 साल की, ताई की बड़ी बेटी, एक सक्षम और मेहनती महिला है, जो अपने परिवार में खुशहाल लेकिन शादीशुदा जीवन में थोड़ी बोरियत से जूझ रही है। वह एक प्रतिष्ठित बैंक में जॉब करती है, जहां उसका दिन क्लाइंट मीटिंग्स, लोन प्रोसेसिंग, और डेडलाइन्स से भरा होता है – सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक की शिफ्ट, कभी-कभी ओवरटाइम, जो उसे थका देती है। उसकी शख्सियत बोल्ड और आत्मविश्वास से भरी है, जो उसके मॉडर्न ड्रेसिंग सेंस – साड़ी, वेस्टर्न आउटफिट्स, या ऑफिस सूट – में झलकती है। उसकी बॉडी (36-28-38) कर्वी और आकर्षक है – 36 इंच के भरे हुए बूब्स जो सॉफ्ट लेकिन फर्म हैं, 28 इंच की पतली कमर जो उसकी फिगर को बैलेंस देती है, और 38 इंच के गोल हिप्स जो उसकी सेक्स अपील बढ़ाते हैं। उसकी गोरी त्वचा चमकदार है, लंबे काले बाल जो खुला छोड़ती है या बन में बांधती है, और उसकी बड़ी भूरी आंखें जो भावनाओं से भरी होती हैं। रितिका मैरिड है, पति एक स्थिर जॉब में है, लेकिन व्यस्त शेड्यूल के कारण उनकी शादी में रोमांस और अंतरंगता की कमी है, जो उसे अंदर से खाली महसूस कराती है।
अनहद, 18 साल का युवा, परिवार में रितिका का चचेरा भाई, एक केयरिंग और समझदार लड़का है। उसकी एथलेटिक बॉडी – 6 फीट लंबाई, 42 इंच की चौड़ी छाती, और सिक्स-पैक एब्स – उसे आकर्षक बनाती है, और उसका 7 इंच सख्त लिंग उसकी मर्दानगी का प्रतीक है। अनहद ने रितिका की व्यस्त जिंदगी में देखभाल की भूमिका निभाई – बैंक के काम में मदद (फाइल्स चेक करना, डेटा ऑर्गनाइज़ करना), सुबह कॉफी बनाना, और रात को लंबी बातें करना। उसकी केयरिंग ने रितिका के दिल में जगह बनाई, और उनका रिश्ता गुप्त बातों से शुरू हुआ – फोन कॉल्स, मैसेजेस, और चोरी-छिपे मुलाकातें। रितिका का अपराधबोध – शादीशुदा होने के बावजूद अनहद से प्यार – और अनहद का प्यार एक जटिल भावनात्मक संघर्ष पैदा कर रहा था। यह बिल्डअप कई हफ्तों का था, जहां अनहद की मेहनत, उसकी तारीफें, और भावनात्मक सपोर्ट ने रितिका को पिघला दिया। एक दिन, जब घर में कोई नहीं था – पति ऑफिस में, परिवार बाहर – उनका प्यार शारीरिक रूप ले लिया, एक ऐसा पल जो उनके रिश्ते को नई ऊंचाई पर ले गया।

रितिका की बैंक जॉब उसकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा थी – सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक, वह ऑफिस में व्यस्त रहती थी। उसका दिन क्लाइंट मीटिंग्स से शुरू होता, जहां लोन प्रोसेसिंग और डेडलाइन्स का दबाव रहता था। कभी-कभी ओवरटाइम की वजह से वह रात 8 बजे तक ऑफिस में होती, जिससे उसकी शारीरिक और मानसिक थकान बढ़ जाती थी। उसकी मॉडर्न ड्रेसिंग – साड़ी, शार्ट कुर्ती, या ऑफिस सूट – उसकी बोल्ड और आत्मविश्वासी पर्सनैलिटी को दर्शाती थी, लेकिन घर आकर वह थकी हुई और उदास दिखती थी। उसकी कर्वी फिगर (36-28-38) – 36 इंच के भरे हुए बूब्स जो सॉफ्ट लेकिन फर्म थे, 28 इंच की पतली कमर जो उसकी फिगर को ग्रेसफुल बनाती थी, और 38 इंच के गोल हिप्स जो उसकी सेक्स अपील को बढ़ाते थे – साड़ी में लहराती थी, लेकिन उसकी आंखों में थकान और शादी की बोरियत साफ झलकती थी। रितिका मैरिड थी, पति एक स्थिर जॉब में था, लेकिन उसकी व्यस्तता और यात्राओं ने उनकी शादी में अंतरंगता की कमी पैदा कर दी थी। यह कमी उसे अंदर से खाली महसूस कराती थी, और वह भावनात्मक सपोर्ट की तलाश में थी।

अनहद, 18 साल का, रितिका का चचेरा भाई, एक संवेदनशील और केयरिंग लड़का था। उसकी एथलेटिक बॉडी – 6 फीट लंबाई, 42 इंच की चौड़ी छाती, सिक्स-पैक एब्स, और 7 इंच सख्त लिंग – उसे आकर्षक बनाती थी। उसने रितिका की व्यस्त जिंदगी में देखभाल की भूमिका निभाई – बैंक के काम में मदद (फाइल्स को ऑर्गनाइज़ करना, डेटा क्रॉस-चेक करना), सुबह कॉफी बनाना, और रात को लंबी बातें करना। यह केयरिंग धीरे-धीरे रितिका के दिल में जगह बनाने लगी। एक शाम, रितिका घर आई, उसकी साड़ी हल्की गंदली थी, चेहरा थकान से भरा, और उसकी गोरी त्वचा पर पसीने की बूंदें थीं। अनहद किचन में था, उसने रितिका को ठंडा पानी दिया, और बातचीत शुरू हुई।

अनहद: (रितिका का हाथ पकड़ते हुए, नरम और केयरिंग टोन में, उसकी हथेली को सहलाते हुए) दीदी, तुम आज फिर थकी लग रही हो। तुम्हारी आंखों में वो थकान... बैंक में क्या हुआ? कोई क्लाइंट ने परेशान किया, या बॉस ने डांटा? बताओ, मैं हर बात सुनना चाहता हूं, तुम्हारा दर्द मेरा दर्द है।

रितिका: (मुस्कुराते हुए, थकान के बावजूद, पानी पीते हुए) अनहद, तू हमेशा मेरी फिक्र करता है, ये बात मुझे अच्छी लगती है। आज एक क्लाइंट ने लोन के लिए गलत डेटा दिया, घंटों उलझे रहे। बॉस ने भी प्रेशर डाला, लेकिन तू आया तो दिल को सुकून मिला। तू मेरे लिए कितना करता है, मैं कभी भूल नहीं सकती।

अनहद: (उसकी कमर के पास हाथ रखते हुए, हल्का सहारा देते हुए, प्यार भरी नजरों से) दीदी, तुम्हारी मुस्कान के लिए कुछ भी। मैं तुम्हारी मदद करूंगा, तुम्हारी फाइल्स चेक कर दूंगा, डेटा ठीक कर दूंगा। तुम रेस्ट करो, मैं अभी कॉफी बनाता हूं – तुम्हारी पसंद की, बिना शुगर, जैसा तुम्हें पसंद है। तुम्हारी थकान मिटानी है, तुम्हें तरोताजा देखना चाहता हूं।

रितिका: (उसके हाथ को छूकर, हल्की शर्म से, आंखें नीची करके) अनहद, तू इतना अच्छा क्यों है? मेरे पति को मेरे लिए समय नहीं मिलता, वो ट्रिप्स पर रहता है, लेकिन तू हमेशा यहां है, मेरे लिए सब कुछ करता है। ये फीलिंग... अजीब है, लेकिन मन को छू गई। (उसने अनहद की आंखों में देखा, हल्का सा ब्लश आया, और उसकी सांसें थोड़ी तेज हुईं।)

रात को फोन पर उनकी बातें लंबी और भावनात्मक हुईं। रितिका घर पर अकेली थी, पति ट्रिप पर था, और अनहद ने उसे सपोर्ट किया। कमरे में अंधेरा था, सिर्फ टेबल लैंप की रोशनी, और रितिका बेड पर लेटी थी, उसकी साड़ी खुली पड़ी थी।

रितिका: (व्हिस्पर में, थकी लेकिन भावुक, फोन पकड़े हुए) अनहद, आज बैंक में बहुत स्ट्रेस था। एक क्लाइंट ने गलत डेटा दिया, मैंने घंटों उसे ठीक करने की कोशिश की। बॉस ने कहा कि अगली बार सावधानी बरतूं, लेकिन तू नहीं होता तो मैं टूट जाती। तेरा साथ... मुझे हिम्मत देता है।

अनहद: (रोमांटिक टोन, नरम आवाज में, फोन पर मुस्कुराते हुए) दीदी, मैं हमेशा तुम्हारे लिए हूं। तुम्हारी वो थकी आंखें, वो फीकी मुस्कान जो बैंक से घर आते समय चली जाती है, मैं उसे फिर से लाना चाहता हूं। कल मैं तुम्हारी फाइल्स चेक कर दूंगा, डेटा ठीक कर दूंगा, तुम चिंता मत करो। बताओ, क्या और मदद करूं?

रितिका: (हल्की शर्म, लेकिन लव भरी, बेड पर करवट लेते हुए) अनहद, तू मेरी मदद करता है... लेकिन तेरी ये बातें, तेरी ये केयर, मुझे स्पेशल फील कराती है। मेरे दिल में एक जगह बना ली तूने, जैसे तू मेरा हिस्सा बन गया। लेकिन ये... शादीशुदा होने के बावजूद, ये प्यार सही है क्या? मुझे डर लगता है, लेकिन तुझसे दूर रहना मुश्किल है।

अनहद: (गहरा प्यार, समझदारी से) दीदी, प्यार कभी गलत नहीं होता। ये वो फीलिंग है जो दिल को सुकून देती है, जो तुम्हारी थकान मिटाती है। मैं तुम्हारी हर परेशानी मिटा दूंगा, तुम्हारी मुस्कान के लिए कुछ भी करूंगा। ये हमारा गुप्त प्यार है, मैं इसे संभाल लूंगा। कल बैंक के लिए तैयार रहूं?
रितिका: (भावुक, आंसुओं के साथ, फोन को सीने से लगाते हुए) हां, अनहद... लेकिन ये सीक्रेट रखना, कोई जान गया तो मेरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। तू मेरी ताकत है, मेरा सपोर्ट, लेकिन ये प्यार मुझे डराता भी है। मैं तुझे गले लगाना चाहती हूं, लेकिन... ये सही है?

अनहद: (केयरिंग, आश्वस्त, नरम टोन में) दीदी, ये हमारा राज है। मैं तुम्हें कभी दुख नहीं दूंगा, ना ही किसी को बताऊंगा। रात को सोने से पहले सोचो, मैं तुम्हारे साथ हूं, तुम्हारी हर सांस में, तुम्हारी हर मुस्कान के पीछे। डर मत, मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा।

रितिका का अपराधबोध धीरे-धीरे कम हुआ, अनहद की केयरिंग और प्यार भरी बातों ने उसे जीत लिया। यह बिल्डअप कई हफ्तों का था, जहां अनहद ने रितिका को गिफ्ट्स दिए – एक हार्ट शेप्ड पेंडेंट, उसकी पसंद का परफ्यूम – और उसकी तारीफ की, "दीदी, तुम ऑफिस से आने के बाद भी इतनी खूबसूरत लगती हो।" रितिका की तरस बढ़ती गई, और वह अनहद से गुप्त मिलन की कल्पना करने लगी। एक दिन, जब घर में कोई नहीं था – पति ऑफिस में, परिवार बाहर शादी के फंक्शन में – अनहद आया, और उनका प्यार शारीरिक रूप ले लिया ।

रितिका ने अनहद को अपने आलिंगन में कसकर लिया, जैसे वह उसकी गर्मी और सुरक्षा को अपने अंदर समा लेना चाहती हो। उसकी बाहें अनहद के मजबूत कंधों पर लिपटी थीं, और उसकी उंगलियां उसकी पीठ पर हल्के से दब रही थीं। अनहद की सांसें भी तेज थीं, उसने रितिका के गले को सूंघा, उसकी मस्की परफ्यूम और पसीने की मिश्रित खुशबू ने उसे और आकर्षित किया। उसने रितिका के गाल को अपने होंठों से छुआ, एक कोमल और गर्म चुंबन जो उसकी केयरिंग को दर्शाता था।

रितिका: (अनहद को गले लगाते हुए, प्यार और थोड़े डर के साथ, उसकी पीठ को सहलाते हुए) अनहद, तू आया... मुझे तेरी जरूरत थी, जैसे मेरी सांसों को ऑक्सीजन। घर में कोई नहीं, ये पल सिर्फ हमारा है, लेकिन मेरे दिल में डर भी है। क्या सही है ये, क्या ये प्यार जायज़ है? मेरी शादी... मेरा पति... लेकिन तू मेरे लिए सब कुछ है।

अनहद: (उसके गाल चूमते हुए, पैशनेट और आश्वस्त, उसकी कमर को हल्के से पकड़ते हुए) दीदी, मैं तुम्हारे लिए हमेशा हूं, तुम्हारी हर सांस मेरे लिए है। ये हमारा पल है, डर मत, मैं तुम्हें सुरक्षित रखूंगा, तुम्हारी हर चिंता को अपने दिल में ले लूंगा। तुम्हारा प्यार मेरा प्यार है, और ये प्यार गलत नहीं, ये तो तुम्हारी खुशी की राह है। मैं तुम्हें वो प्यार दूंगा जो तुम्हें चाहिए, जो तुम्हारा हक है। (उसने रितिका के माथे पर एक गहरा, रोमांटिक चुंबन लिया, और उसकी आंखों में देखा।)

रितिका: (उसके सीने से सिर उठाकर, भावुक और रोमांटिक, उसकी छाती पर हाथ रखते हुए) अनहद, तू मेरी ताकत है... तेरी ये केयर, तेरी ये नजरें, मुझे जिंदा फील कराती हैं। मेरे पति को समय नहीं, लेकिन तू... तू मेरे लिए हर पल है। मुझे डर है, लेकिन तुझसे दूर रहना मुझसे नहीं होगा। (उसने अनहद के होंठों को अपने होंठों से छुआ, एक हल्का लेकिन गहरा चुंबन शुरू किया।)

अनहद: (उसके चुंबन का जवाब देते हुए, प्यार और अंतरंगता से) दीदी, तुम मेरी दुनिया हो... मैं तुम्हें वो प्यार दूंगा जो तुम्हें कभी नहीं मिला। तुम्हारी ये गोरी त्वचा, ये कर्वी बॉडी, हर हिस्सा मेरा है, और मैं इसे प्यार से निहारना चाहता हूं। (उसने रितिका की साड़ी की पल्लू को हल्के से खींचा, उसकी कमर को सहलाया, और उसकी नाभि को उंगली से छुआ।)

रितिका: (कांपते हुए, रोमांटिक और इंटीमेट) अनहद, तू मेरे अंदर एक आग जला रहा है... मेरी योनि गीली हो रही है, मेरे निपल्स तेरे स्पर्श का इंतजार कर रहे हैं। मुझे डर है, लेकिन ये प्यार मुझे खींच रहा है। मुझे छू, मुझे अपने करीब ला। (उसने अनहद की छाती पर अपना चेहरा दबाया, उसकी धड़कनों को महसूस किया।)

अनहद: (उसकी पीठ सहलाते हुए, गहरा प्यार और अंतरंगता) दीदी, मैं तुम्हें अपने करीब लाऊंगा, तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूंगा। तुम्हारी ये सॉफ्ट स्किन, तुम्हारी ये गर्मी... मैं इसे हमेशा महसूस करना चाहता हूं। डर मत, मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा, तुम्हारा हर डर दूर कर दूंगा। (उसने रितिका के कंधों को चूमा, फिर उसकी गर्दन पर गर्म सांसें फूंकते हुए, उसकी साड़ी को और खोलने लगा।)

रितिका का शरीर अनहद के स्पर्श से कांप रहा था, उसकी सांसें तेज थीं, और उसकी गोरी त्वचा पर पसीने की बूंदें चमक रही थीं। अनहद ने उसकी साड़ी को पूरी तरह उतारा, और उनकी अंतरंगता अगले स्टेप – फोरप्ले और थ्रस्टिंग – की ओर बढ़ने लगी। यह पल उनके प्यार और रोमांस का चरम था, जहां थ्रिल और भावनाएं एक-दूसरे में घुल गईं।

रूम में डिम लाइट, थ्रिल – कोई आ सकता था। रितिका ने अनहद को गले लगाया, उसकी सांसें गर्म और तेज थीं।

रितिका: (अनहद को गले लगाते हुए, प्यार और थोड़े डर के साथ, उसकी पीठ को सहलाते हुए) अनहद, तू आया... मुझे तेरी जरूरत थी, जैसे मेरी सांसों को ऑक्सीजन। घर में कोई नहीं, ये पल सिर्फ हमारा है, लेकिन मेरे दिल में डर भी है। क्या सही है ये, क्या ये प्यार जायज़ है? मेरी शादी... मेरा पति... लेकिन तू मेरे लिए सब कुछ है।

अनहद: (उसके गाल चूमते हुए, पैशनेट और आश्वस्त, उसकी कमर को हल्के से पकड़ते हुए) दीदी, मैं तुम्हारे लिए हमेशा हूं, तुम्हारी हर सांस मेरे लिए है। ये हमारा पल है, डर मत, मैं तुम्हें सुरक्षित रखूंगा, तुम्हारी हर चिंता को अपने दिल में ले लूंगा। तुम्हारा प्यार मेरा प्यार है, और ये प्यार गलत नहीं, ये तो तुम्हारी खुशी की राह है। मैं तुम्हें वो प्यार दूंगा जो तुम्हें चाहिए, जो तुम्हारा हक है। (उसने रितिका के माथे पर एक गहरा, रोमांटिक चुंबन लिया, और उसकी आंखों में देखा।)

रितिका का पैशन अब अपने चरम पर था। उसने अनहद की ओर देखा, उसकी भूरी आंखों में जुनून और थोड़ा सा अपराधबोध था, और उसने अनहद की शर्ट की ओर हाथ बढ़ाया। उसकी उंगलियां कांप रही थीं, लेकिन धीरे-धीरे उसने शर्ट के बटनों को खोलना शुरू किया – हर बटन खुलते वक्त उसकी नाखून अनहद की छाती पर हल्के से खरोंचे, जैसे वह उसकी त्वचा को चिह्नित करना चाहती हो। शर्ट पूरी तरह खुलते ही अनहद का सिक्स-पैक एब्स सामने आया – मजबूत, टोन्ड मसल्स जो पसीने से चमक रहे थे, और उसकी चौड़ी छाती (42 इंच) पर हल्की बॉडी हेयर थी जो उसकी मर्दानगी को और बढ़ा रही थी। रितिका ने अपनी उंगलियों को अनहद के एब्स पर फिसलाया, हर मसल को महसूस करते हुए, और बोली, "तेरी बॉडी... कितनी सख्त है, मुझे छूने दे, मुझे तेरी गर्मी महसूस करने दे, जैसे तू मेरी ताकत हो।" उसने शर्ट को पूरी तरह उतार दिया, और अनहद की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसे बेड के पास खींचा।

अनहद ने रितिका की ओर देखा, उसकी आंखों में प्यार और वासना थी। उसने रितिका की साड़ी की पल्लू पकड़ी, और धीरे-धीरे खींचना शुरू किया – साड़ी का हल्का पीला रंग उसके शरीर से सरकते हुए फर्श पर फैल गया, और रितिका की कर्वी फिगर (36-28-38) उजागर हो गई। उसकी ब्लाउज में बूब्स (36 इंच) उभरे हुए थे, निपल्स सख्त होकर कपड़े के नीचे से दबाव बना रहे थे, और उसकी गोरी त्वचा चमक रही थी, जैसे किसी मूर्ति की। अनहद ने ब्लाउज के हुक खोले – एक-एक कर, जैसे वह इस पल को लंबा खींचना चाहता हो – और ब्रा के हुक को खोलते हुए बोला, "दीदी, तेरे बूब्स... परफेक्ट हैं, जैसे मेरे लिए बने, मैं इन्हें छूना चाहता हूं।" ब्रा धीरे से नीचे गिरी, और रितिका के बूब्स बाहर आए – मीडियम साइज, गोल, फर्म, और निपल्स गुलाबी और सख्त, जैसे वे अनहद की जीभ का इंतजार कर रहे हों। अनहद ने उन्हें अपनी हथेलियों में लिया, धीरे से मसला, और उनकी नरमता को महसूस किया।

रितिका ने अनहद की ओर देखा, उसकी शर्मीली पर्सनैलिटी अब इरोटिक हो रही थी। उसने अनहद की पैंट की बेल्ट पकड़ी, धीरे से खोली, और पैंट को नीचे खींच दिया। अनहद का अंडरवीयर सामने आया, जिसमें उसका सख्त लिंग (7 इंच) उभरा हुआ था – स्ट्रेट, हल्का कर्व ऊपर की ओर, वेंस दिखाई दे रहे, और टिप गुलाबी। रितिका ने अंडरवीयर की किनारी पकड़ी, धीमे-धीमे खींची, और अनहद का लिंग बाहर आया – गर्म, सख्त, और तैयार। रितिका ने अपनी उंगलियों से उसे छुआ, ऊपर-नीचे सहलाया, और उसकी लंबाई को महसूस करते हुए बोली, "देख, कितना सख्त है... मेरे लिए, मुझे भर दे, मुझे तेरे प्यार से लबालब कर दे।" उसने लिंग को अपनी हथेली में पकड़ा, धीरे से दबाया, और अनहद की सांसें तेज हो गईं।

अनहद ने रितिका की ओर देखा, उसकी आंखों में जुनून था। उसने रितिका के पेटीकोट की नाड़ी पकड़ी, धीरे से खोली, और उसे नीचे सरका दिया। पेटीकोट फर्श पर गिरा, और रितिका की पैंटी सामने आई – हल्की गीली, चिपचिपी, और उसकी योनि की गर्मी को दर्शाती हुई। अनहद ने पैंटी की किनारी पकड़ी, धीमे-धीमे नीचे खींची, और रितिका की योनि उजागर हुई – गुलाबी, मुंडित, और चमकती, जिसमें रस की बूंदें टपक रही थीं। "दीदी, तुम्हारी योनि... इतनी खूबसूरत, इतनी गर्म," अनहद ने कहा, और उसने अपनी उंगलियों से उसकी योनि को छुआ, हल्का दबाव दिया। रितिका की जांघें कांप उठीं, और उसने अनहद के सिर को अपनी ओर खींचा, "अनहद, मुझे छू, मुझे अपने प्यार से तैयार कर।"

दोनों अब पूरी तरह नंगे थे – रितिका की गोरी त्वचा पसीने से चमक रही थी, उसके बूब्स हिल रहे थे, और अनहद की एथलेटिक बॉडी उसकी मर्दानगी को दर्शा रही थी। उनकी बॉडीज एक-दूसरे से चिपकीं, पसीने से गीली, और उनकी त्वचा एक-दूसरे से रगड़ रही थी, जिससे एक स्लिपरी और गर्म सनसनी पैदा हुई। रितिका ने अनहद के लिंग को अपनी योनि से रगड़ा, रस से चिकना किया, और बोली, "अनहद, अब मुझे ले, मुझे अपने प्यार से भर दे।" अनहद ने उसकी कमर पकड़ी, और उनकी अंतरंगता अगले स्टेप – फोरप्ले और थ्रस्टिंग – की ओर बढ़ने लगी। यह पल उनके प्यार और रोमांस का चरम था, जहां थ्रिल और भावनाएं एक-दूसरे में घुल गईं।

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उसने रितिका को अपनी बाहों में और कसकर लिया, और अपनी मजबूत हथेलियों को रितिका के गोल, भरे हुए बूब्स (36 इंच) पर रखा। उसके बूब्स मीडियम साइज के थे, लेकिन प्राकृतिक रूप से गोल और फर्म, जो उसकी कर्वी फिगर को पूर्णता देते थे। उनकी सतह सॉफ्ट थी, लेकिन अंदर का टोन उसकी फिटनेस को दर्शाता था, और निपल्स – गुलाबी, छोटे, लेकिन उत्तेजित होने पर सख्त और पॉइंटी – जैसे वे अनहद की जीभ का इंतजार कर रहे हों। अनहद ने दोनों बूब्स को अपनी हथेलियों में लिया, धीरे से मसला, उंगलियों से हल्का दबाव दिया, और रितिका की सांसें भारी हो गईं। उसने अपनी अंगूठों से निपल्स को घुमाया, उन्हें हल्के से दबाया, और रितिका का शरीर झनझना उठा। "दीदी, तेरे बूब्स मेरे लिए हैं... इतने सॉफ्ट, इतने परफेक्ट," अनहद ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में प्यार और वासना का मिश्रण था।

अनहद ने अपनी जीभ को नीचे लाया, पहले दाएं बूब के निपल पर रखा, और धीरे से घुमाया – गोलाकार मूवमेंट में, जैसे वह रितिका की संवेदनशीलता को धीरे-धीरे जगा रहा हो। उसकी जीभ गर्म और नम थी, और निपल के चारों ओर चली, फिर उसे मुंह में लिया और चूसा। रितिका की कराह निकली, "अनहद, खा जा... मुझे प्यार से चूस, मुझे तरसा!" उसने निपल को हल्के से काटा, दांतों से दबाव डाला, और रितिका का शरीर कांप उठा। अनहद ने दूसरा बूब भी उसी तरह लिया, उसे मसला, निपल को जीभ से चाटा, और फिर चूसते हुए एक दूध जैसा फील देने की कोशिश की – हालांकि कोई दूध नहीं था, लेकिन यह सनसनी रितिका को और उत्तेजित कर गई। उसकी उंगलियां अनहद के बालों में फंसीं, और उसने उसके सिर को अपने बूब्स पर और दबाया, "और जोर से, अनहद, मुझे पागल कर दे!" रितिका की योनि और गीली हो गई, रस की बूंदें उसकी जांघों पर टपकने लगीं, और उसकी सांसें तेज और अनियमित हो गईं।

अनहद ने दोनों बूब्स को बारी-बारी से चूसा, हर बार निपल को काटते हुए थोड़ा दबाव बढ़ाया, और रितिका की कराहें चीखों में बदल गईं। "दीदी, तेरे बूब्स की ये सॉफ्टनेस... मुझे दीवाना बना रही है," अनहद ने कहा, और उसने अपनी हथेलियों से बूब्स को और मसला, उन्हें ऊपर-नीचे हिलाया, जिससे वे हवा में उछलने लगे। रितिका के बूब्स हर मूवमेंट में थिरक रहे थे, उनकी गोलाई और फर्मनेस अनहद को और आकर्षित कर रही थी। उसने एक निपल को मुंह में लिया, उसे जोर से चूसा, और दूसरा हाथ से मसला, जिससे रितिका का शरीर एक लय में कांपने लगा। "अनहद, मुझे तरसा मत... मेरे बूब्स को और चूस, मुझे प्यार से ले," रितिका ने कराहते हुए कहा, उसकी आवाज में इरोटिक उन्माद था। अनहद ने अपनी जीभ को निपल पर और तेज घुमाया, फिर उसे काटा, और रितिका की योनि से रस की धारा बहने लगी, जो उसकी जांघों तक पहुंच गई।

उसने रितिका को अपनी बाहों में और कसकर लिया, और अपनी मजबूत हथेलियों को रितिका की स्लिम, टोन्ड जांघों पर रखा। उसकी जांघें मुलायम थीं, लेकिन फिटनेस से हल्का टोन लिए हुए, और अनहद की उंगलियां धीरे-धीरे ऊपर की ओर फिसलीं, हर इंच को सहलाते हुए। उसने रितिका की जांघों के अंदर की नरम त्वचा को छुआ, हल्के दबाव के साथ, जैसे वह उसकी संवेदनशीलता को जगा रहा हो। रितिका की सांसें भारी हो गईं, और उसकी योनि – गुलाबी, मुंडित, और पहले से गीली – और रस से भर गई। अनहद ने अपनी उंगलियों को रितिका की योनि के करीब लाया, और धीरे से उसके बाहरी होंठों को छुआ, जो गर्म और चिपचिपे थे। "फिंगरिंग कर, मुझे तैयार कर, मुझे प्यार से ले!" रितिका ने कराहते हुए कहा, उसकी आवाज में जुनून, सेडक्शन, और एक गहरा प्यार था। उसने अपनी जांघें और फैला दीं, अनहद को अपनी ओर बुलाते हुए।

अनहद ने अपनी दो उंगलियों को रितिका की योनि में डाला – पहले धीरे-धीरे, जैसे वह उसकी गर्मी और कसाव को महसूस करना चाहता हो। उसकी उंगलियां रितिका की गर्म, कसी हुई योनि के अंदर घुसीं, और हर मूवमेंट के साथ रस की हल्की आवाज गूंजी। रितिका की जांघें कांपने लगीं, और उसने अनहद के कंधों को कसकर पकड़ा, "ओह अनहद, और तेज... मेरी योनि को भरो, मुझे प्यार से ले!" अनहद ने अपनी उंगलियों की स्पीड बढ़ाई, उन्हें अंदर-बाहर तेजी से मूव किया, और अपनी अंगूठे से रितिका की क्लिटोरिस को रगड़ा – एक छोटा, सख्त बटन जो उत्तेजित होने पर और उभर आया था। रितिका का शरीर एक जोरदार झटके से कांप उठा, "अनहद, मेरी क्लिट रगड़, मुझे झड़ने दे!" उसकी कराहें अब चीखों में बदल गईं, और उसकी योनि अनहद की उंगलियों को कसकर पकड़ने लगी, रस की धारा बहने लगी।

अनहद ने अपनी उंगलियों को और गहराई में डाला, उन्हें मोड़कर रितिका के जी-स्पॉट को छुआ, और तेजी से रगड़ा। रितिका की कराहें गूंजने लगीं, "हां अनहद, मेरे जी-स्पॉट को छू, मुझे प्लेजर दे, मुझे प्यार से सेडक्ट कर!" उसका पहला छोटा ऑर्गेज्म आया – उसकी योनि से गर्म रस की बूंदें निकलीं, जो उसकी जांघों पर और अनहद की हथेली पर बह गई। रितिका का शरीर अभी भी कांप रहा था, उसकी सांसें भारी थीं, और उसने अनहद के सिर को अपनी जांघों के बीच दबाया। अनहद ने अपनी उंगलियों को नहीं रोका, बल्कि और तेज किया, और रितिका की क्लिट को अपनी उंगलियों से रगड़ा, जिससे उसकी उत्तेजना फिर बढ़ गई। रितिका की योनि अब पूरी तरह गीली थी, रस से चिकनी, और उसका शरीर एक-दूसरे के साथ तालमेल में था। "अनहद, मुझे और तैयार कर, मुझे प्यार से ले!" रितिका ने चीखते हुए कहा, और उसकी जांघें अनहद की बाहों में कस गईं।

उसने रितिका की जांघों को और फैलाया, अपनी मजबूत हथेलियों से उन्हें पकड़ा, और अपनी गर्म सांसों को रितिका की योनि पर फूंक मारकर उसकी उत्तेजना को बढ़ाया। रितिका की योनि गुलाबी और मुंडित थी, पहले से गीली और चमकती, जिसमें रस की बूंदें टपक रही थीं। उसकी खुशबू – एक मिश्रित मस्की और मीठी सनसनी – अनहद को दीवाना बना रही थी। अनहद ने अपनी जीभ को धीरे से रितिका की योनि के बाहरी होंठों पर रखा, और हल्के से चाटना शुरू किया – गोलाकार मूवमेंट में, जैसे वह उसकी संवेदनशीलता को धीरे-धीरे जगा रहा हो। रितिका की सांसें भारी हो गईं, और उसकी जांघें कांपने लगीं। उसने अपनी जीभ को और गहराई में डाला, योनि के अंदर तक, और धीरे-धीरे घुमाया, हर इंच को चखते हुए। रितिका का शरीर झनझना उठा, उसकी कराह निकली, "अनहद, और चूस!"

अनहद ने अपनी जीभ को तेजी से मूव किया, योनि के होंठों को चाटा, फिर क्लिटोरिस पर ध्यान दिया – एक छोटा, सख्त बटन जो उत्तेजित होने पर और उभर आया था। उसने क्लिट को अपनी जीभ से घुमाया, हल्के से चूसा, और रितिका की कराहें चीखों में बदल गईं। "अनहद, मेरी क्लिट चूस, जीभ अंदर डाल, मुझे प्लेजर दे!" रितिका ने कहा, और उसने अनहद के सिर को अपनी जांघों के बीच और दबाया। अनहद ने अपनी जीभ को योनि के अंदर और गहराई में ले गया, उसे तेजी से घुमाया, और क्लिट को अपने होंठों से पकड़कर चूसा, जैसे वह उसकी हर सनसनी को बढ़ाना चाहता हो। रितिका की योनि से रस की धारा बहने लगी, जो अनहद की ठुड्डी तक पहुंच गई, और उसकी जांघें अनहद की बाहों में कस गईं। "ओह अनहद, मुझे झड़ा दे, और चूस!" रितिका चीखी, उसकी आवाज में इरोटिक उन्माद था।

अनहद ने अपनी जीभ को और तेज घुमाया, योनि के अंदर के गर्म और चिपचिपे हिस्सों को चाटा, और क्लिट को जोर से चूसा। रितिका का शरीर एक जोरदार झटके से कांप उठा, और उसका पहला ऑर्गेज्म आया – उसकी योनि से गर्म, चिपचिपा रस का फव्वारा निकला, जो अनहद के मुंह में और उसकी ठुड्डी पर बह गया। रितिका की सांसें रुक-रुक कर हो रही थीं, उसकी जांघें कांप रही थीं, और उसकी आंखें बंद हो गईं, जैसे वह इस प्लेजर की लहर में खो गई हो। "अनहद, और चूस, मुझे फिर से झड़ा दे!" रितिका ने कराहते हुए कहा, और अनहद ने अपनी जीभ को फिर से योनि में डाला, उसे तेजी से घुमाया। उसने अपनी उंगलियों को भी साथ में इस्तेमाल किया, दो उंगलियां डालकर तेजी से मूव कीं, और रितिका का दूसरा ऑर्गेज्म आया – और शक्तिशाली, उसकी योनि से रस की धारा अनहद के चेहरे पर छींटे मारती हुई बह गई।

रितिका का पैशन अब अपने चरम पर था। उसने अनहद के ऊपर चढ़ना शुरू किया, 69 पोजिशन में – उसकी एथलेटिक जांघें अनहद के चेहरे के दोनों ओर फैली थीं, और उसकी गीली, गुलाबी योनि अनहद के मुंह के ठीक ऊपर थी, रस की बूंदें टपक रही थीं। अनहद की मजबूत छाती (42 इंच) रितिका के नीचे थी, और उसका 7 इंच सख्त लिंग रितिका के चेहरे के सामने खड़ा था, गर्म और तैयार। रितिका ने अनहद के लिंग को अपनी हथेली में लिया, उसे सहलाया, और धीरे से अपने मुंह के करीब लाई। उसी समय, अनहद ने अपनी जीभ को रितिका की योनि पर रखा, और हल्के से चाटना शुरू किया – गोलाकार मूवमेंट में, जैसे वह उसकी हर सनसनी को जगा रहा हो। रितिका की कराह निकली, "अह्ह... अनहद, चाट, मुझे प्यार से झड़ा दे!" उसकी आवाज में जुनून और सेडक्शन था, और उसने अनहद के लिंग को अपने होंठों से छुआ, धीरे से चूसा।

अनहद ने अपनी जीभ को और गहराई में डाला, योनि के अंदर तक, और तेजी से घुमाया, हर इंच को चखते हुए। उसने रितिका की क्लिटोरिस को अपनी जीभ से घुमाया, हल्के से चूसा, और रितिका की कराहें और गहरी हो गईं, "ओहह... अनहद, मेरी क्लिट चूस, अंदर तक जीभ डाल, मुझे पागल कर दे!" उसी समय, रितिका ने अनहद का लिंग अपने मुंह में लिया, पहले टिप को चूसा, फिर धीरे-धीरे पूरे लिंग को अंदर डाला। उसकी जीभ अनहद के लिंग की लंबाई पर फिसली, उसे चाटते हुए, और उसका गर्म, सख्तपन उसके मुंह में महसूस हुआ। अनहद की कराह निकली, "अह्ह... दीदी, तेरा रस मीठा है, मुझे चूसते रहने दे!" दोनों की बॉडीज एक-दूसरे के साथ तालमेल में थीं, और उनकी सांसें एक लय में थीं – तेज, भारी, और गर्म।

अनहद ने अपनी जीभ को और तेज घुमाया, योनि के अंदर के गर्म और चिपचिपे हिस्सों को चाटा, और क्लिट को जोर से चूसा। रितिका का शरीर कांप उठा, और उसने अनहद के लिंग को अपने मुंह में और गहराई से लिया, उसे चूसते हुए अपनी जीभ से नीचे की ओर घुमाया। "ओहहह... अनहद, चाट, मुझे झड़ा दे, मुझे प्यार से ले!" रितिका की कराह तेज हुई, और उसकी योनि से रस की धारा बहने लगी, जो अनहद के मुंह में और ठुड्डी पर छींटे मार रही थी। अनहद ने अपनी जीभ को और गहराई में डाला, उसे तेजी से घुमाया, और रितिका का पहला ऑर्गेज्म आया – उसकी योनि से गर्म, चिपचिपा रस का फव्वारा निकला, जो अनहद के चेहरे पर बह गया। "अह्हह... अनहद, मैं झड़ रही हूं!" रितिका चीखी, और उसने अनहद के लिंग को और जोर से चूसा, उसकी टिप को काटते हुए।

अनहद की कराह और तेज हुई, "ओहह... दीदी, तेरा मुंह मुझे पागल कर रहा है!" उसने अपनी जीभ को फिर से रितिका की योनि में डाला, उसे चाटते हुए, और रितिका ने लिंग को और गहराई से लिया, उसे चूसते हुए अपनी जीभ से नीचे की ओर रगड़ा। दोनों का शरीर एक साथ कांप उठा, और उनका दूसरा ऑर्गेज्म एक साथ आया – रितिका की योनि से रस की धारा बह गई, जो अनहद के मुंह में भर गई, और अनहद का गर्म वीर्य रितिका के मुंह में छूट गया। "अह्हह... दीदी, मैं झड़ गया!" अनहद कराहते हुए बोला, और रितिका ने उसका वीर्य चखा, "ओहह... अनहद, तेरा प्यार मीठा है!" उनकी बॉडीज अभी भी कांप रही थीं, और उनकी गहन बॉन्डिंग इस पल को और इंटेंस बना रही थी।

रितिका का पैशन अब अपने चरम पर था। 69 पोजिशन के बाद उसने अनहद के ऊपर चढ़ना शुरू किया, उसकी एथलेटिक जांघें अनहद की कमर के दोनों ओर मजबूती से लिपटी थीं, और उसकी गोल हिप्स (38 इंच) ऊपर उठे थे, जैसे वह अनहद के सख्त लिंग (7 इंच) को अपने अंदर लेने के लिए तैयार थी। उसने अनहद के लिंग को अपनी हथेली में लिया, उसे सहलाया, और धीरे से अपनी गीली, गुलाबी योनि के प्रवेश पर रखा। उसकी योनि पहले से रस से भरी थी, और अनहद का लिंग छूते ही कांप उठी, रस की एक बूंद टपककर अनहद के पेट पर गिरी। रितिका ने अपनी कमर को धीरे से नीचे किया, और अनहद का लिंग उसकी योनि में घुसने लगा – धीरे-धीरे, उसकी योनि की कसी हुई दीवारें अनहद के लिंग को पकड़ रही थीं, और रस से चिकना होकर और गहराई तक जा रहा था। "अनहद, चोद मुझे, मुझे अपने प्यार से भर दे!" रितिका ने डॉमिनेंट टोन में चीखा, उसकी आवाज में जुनून, सेडक्शन, और एक गहरा प्यार था।

रितिका ने अपनी कमर को ऊपर-नीचे मूव करना शुरू किया, पहले धीरे-धीरे, जैसे वह हर इंच को महसूस करना चाहती हो। उसके हर मूवमेंट के साथ अनहद का लिंग उसकी योनि में और गहराई तक जाता, और रितिका की योनि उसे कसकर पकड़ लेती, जैसे वह उसे कभी छोड़ना नहीं चाहती। "ओहह... अनहद, कितना गहरा जा रहा है!" रितिका की कराह निकली, उसकी जांघें अनहद की कमर पर कस रही थीं, और उसकी हिप्स हर मूवमेंट में थिरक रही थीं। उसने अपनी स्पीड बढ़ाई, तेज ऊपर-नीचे मूव करने लगी, और स्लैपिंग साउंड गूंजने लगा – रितिका की हिप्स अनहद के शरीर से टकरा रही थीं, और रस की चिकनाहट से यह साउंड और तेज हो गया। रितिका के बूब्स (36 इंच) हर थ्रस्ट के साथ उछल रहे थे, गोल और फर्म, निपल्स गुलाबी और सख्त होकर हवा में हिल रहे थे। "अह्हह... अनहद, मेरे बूब्स उछल रहे हैं, मुझे और तेज चोद!" रितिका की कराह गहरी हो गई, और उसकी योनि से रस की धारा बहने लगी, जो अनहद के पेट पर चमक रही थी।

अनहद ने नीचे से थ्रस्ट देना शुरू किया, अपनी कमर को ऊपर उठाकर – हर थ्रस्ट तेज और गहरा, रितिका की योनि के जी-स्पॉट को छूता हुआ। उसने रितिका की पतली कमर (28 इंच) को दोनों हाथों से कसकर पकड़ा, उसकी गोरी त्वचा पर उंगलियों के निशान छोड़ते हुए, और हर धक्के में अपने लिंग को रितिका की योनि के सबसे अंदर तक धकेला। "ओहहह... दीदी, तेरी योनि मुझे पागल कर रही है!" अनहद की कराह निकली, और उसने अपनी एक हाथ को रितिका के बूब्स पर सरका दिया, उन्हें मसला। रितिका की कराह और तेज हुई, "अह्हह... अनहद, और गहरा, मुझे अपने प्यार से भर दे, मुझे तोड़ दे!" उसकी हिप्स अनहद के थ्रस्ट्स के साथ पीछे धकेल रही थीं, और उनकी बॉडीज एक लय में थीं। स्लैपिंग साउंड अब और जोरदार हो गया था, जैसे पानी में थपेड़े पड़ रहे हों, और रितिका के बूब्स जोर से उछल रहे थे, उसके निपल्स हवा में थिरक रहे थे।

हार्डकोर थ्रस्टिंग के बाद रितिका का पैशन और उत्तेजना चरम पर थी। उसने अनहद की ओर देखा, उसकी हेजल आंखें जुनून और थोड़ा सा दर्द की उम्मीद से भरी थीं, और बोली, "अनहद, अब एनल में ले... मुझे दर्द और प्यार का मिश्रण दे, लेकिन पहले लुब्रिकेट कर।" अनहद ने सहमति में सिर हिलाया, और रितिका ने अपनी हिप्स को और ऊपर उठाया, उसके गोल, फर्म हिप्स (38 इंच) अनहद के सामने थे – टैन्ड स्किन पर पसीने से चमकते हुए, थप्पड़ों से लाल, और जिगल करने को तैयार। अनहद ने पास रखी लुब्रिकेंट की बोतल उठाई (रितिका ने पहले से तैयार रखी थी, जैसे वह इस पल की कल्पना कर रही हो), और अपने सख्त लिंग (7 इंच) पर हल्का गर्म लुब्रिकेंट लगाया, फिर दीपा के एनल एरिया पर धीरे से मसला। उसकी उंगलियां रितिका की त्वचा पर फिसलीं, और रितिका की सांसें तेज हो गईं। "अनहद, लुब्रिकेट कर अच्छे से... मुझे तैयार कर, लेकिन आक्रामकता से शुरू कर," रितिका ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में थ्रिल और सेडक्शन था।

अनहद ने अपने लिंग को रितिका के एनल एरिया पर रखा, पहले हल्के से दबाव दिया, और धीरे-धीरे घुसाना शुरू किया। रितिका का एनल टाइट था, और लुब्रिकेंट के बावजूद पहले थ्रस्ट में उसे हल्का दर्द हुआ। "अह्ह... अनहद, धीरे... दर्द हो रहा है, लेकिन मीठा है!" रितिका की कराह निकली, उसकी जांघें थरथरा रही थीं, और उसकी हिप्स अनहद की ओर धकेल रही थीं। अनहद ने अपनी कमर को हल्का सा आगे बढ़ाया, और अपना लिंग और गहराई में ले गया – हर इंच के साथ रितिका की कराहें बढ़ती गईं, "ओहहह... अनहद, और गहरा, मुझे दर्द दे!" उसकी योनि से रस की बूंदें टपकने लगीं, जो उसकी जांघों तक पहुंच गई। अनहद ने अपनी एक हाथ को रितिका की हिप्स पर रखा, और जोर से थप्पड़ मारा – एक तेज, कुरकुरा साउंड गूंजा, और रितिका की हिप्स लाल हो गईं, जिगल कर उठीं। "अह्हह... अनहद, और थप्पड़ मार, मुझे दर्द दे, मुझे सेडक्ट कर!" रितिका की कराह गहरी हो गई, और उसने अपनी हिप्स को और पीछे धकेला।

अनहद ने अपनी थ्रस्ट्स की स्पीड बढ़ाई, पहले धीमे लेकिन गहरे, फिर तेज और आक्रामक। हर थ्रस्ट के साथ रितिका की हिप्स स्लैपिंग साउंड कर रही थीं, और अनहद ने दूसरा थप्पड़ मारा, इस बार और जोर से – रितिका की हिप्स पर लाल निशान उभर आए, और वह चीखी, "ओहहह... अनहद, मेरे हिप्स को तोड़ दे, और तेज थप्पड़ मार!" अनहद ने अपनी हथेली को रितिका के नितंबों पर फिर से पटका, हर थप्पड़ के साथ उसकी त्वचा लाल होती गई, और जिगल करती हिप्स हवा में थिरक रही थीं। उसने रितिका की कमर (28 इंच) को कसकर पकड़ा, उसकी गोरी त्वचा पर उंगलियों के गहरे निशान छोड़ते हुए, और हर धक्के में अपने लिंग को रितिका के एनल के सबसे अंदर तक धकेला। "अह्हह... दीदी, तेरे हिप्स मुझे पागल कर रहे हैं!" अनहद की आक्रामक कराह निकली, और उसने तीसरा थप्पड़ मारा, जो रितिका की हिप्स को और लाल कर गया। "ओहहह... अनहद, दर्द मीठा है, और गहरा, मुझे प्यार से ले!" रितिका चीखी, उसकी आवाज में इरोटिक उन्माद था, और उसने अपनी हिप्स को और पीछे धकेला, जैसे वह अनहद को पूरी तरह अपने अंदर समा लेना चाहती हो।

अनहद ने अपनी आक्रामकता बढ़ाई, हर थ्रस्ट तेज और जोरदार, रितिका के एनल को पूरी तरह भरते हुए। उसने अपनी एक हाथ को रितिका के बूब्स पर सरका दिया, उन्हें मसला, और दूसरी हाथ से चौथा थप्पड़ मारा – रितिका की हिप्स अब पूरी तरह लाल थीं, और जिगल कर रही थीं। "अह्हह... अनहद, मेरे हिप्स को तोड़ दे, मुझे दर्द दे, मुझे सेडक्ट कर!" रितिका की कराह और गहरी हो गई, और उसकी योनि से रस की धारा तेज हो गई, जो उसकी हिप्स तक पहुंच गई। अनहद ने अपनी कमर को और तेज हिलाया, हर थ्रस्ट में अपने लिंग को रितिका के एनल के गहरे हिस्सों में धकेलकर, और पांचवां थप्पड़ मारा – रितिका की हिप्स अब दर्द और प्लेजर से भर गई थीं। "ओहहह... अनहद, और तेज, मुझे तोड़ दे, मुझे प्यार से ले!" रितिका की चीखें गूंजीं, और उसकी आंखों में प्यार की आंसू थे, जो उसके गालों पर बह रहे थे।

रितिका का शरीर अब अनहद के हर थ्रस्ट के साथ तालमेल में था। उसके गोल हिप्स (38 इंच) अनहद के सख्त लिंग (7 इंच) को कसकर पकड़ रहे थे, और उसकी योनि – गीली, गर्म, और चिपचिपी – हर थ्रस्ट के साथ रस की धारा छोड़ रही थी। रितिका की कराहें धीरे-धीरे चीखों में बदल गईं, जैसे उसका शरीर उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुंच रहा हो। "अह्हह... अनहद, ओह गॉड... मैं झड़ रही हूं! और तेज, मुझे तोड़ दे, मेरी योनि को फाड़ दे!" रितिका चीखी, उसकी आवाज में जुनून, सेडक्शन, और एक गहरा इरोटिक आत्मसमर्पण था। उसका शरीर अचानक एक जोरदार झटके से कांप उठा, जैसे बिजली का करंट दौड़ा हो। उसकी योनि से गर्म, चिपचिपा रस का फव्वारा निकला – एक शक्तिशाली धारा जो उसके नितंबों तक बह गई, उसकी जांघों पर चमकती हुई बेड पर टपकने लगी। रितिका का चेहरा लाल हो गया, उसकी भूरी आंखें आधा बंद हो गईं, माथे पर पसीने की बूंदें थीं, और उसकी उंगलियां बेडशीट को इतनी जोर से पकड़ रही थीं कि नाखून उसमें धंस गए। "ओहहह... अनहद, मुझे और प्यार दे, अह्हह... मैं झड़ रही हूं!" रितिका की कराह गहरी और लंबी थी, जैसे वह इस प्लेजर की लहर में पूरी तरह खो गई हो। उसका शरीर आर्क हो गया, उसकी पीठ ऊपर उठी, और उसकी सांसें तेजी से बाहर-भीतर हो रही थीं। उसकी हिप्स अभी भी कांप रही थीं, और उसकी योनि अनहद के लिंग को कसकर पकड़े हुए थी, जैसे वह उसे कभी छोड़ना नहीं चाहती।

अनहद ने रितिका की चीखें और कांपता शरीर देखकर अपने थ्रस्ट्स को और तेज कर दिया। उसने रितिका की पतली कमर (28 इंच) को दोनों हाथों से कसकर पकड़ा, उसकी गोरी त्वचा पर उंगलियों के गहरे निशान छोड़ते हुए। उसने अपनी कमर को और जोर से हिलाया, हर थ्रस्ट आक्रामक और शक्तिशाली, रितिका की योनि के सबसे अंदर तक जाता। "अह्हह... दीदी, मैं भी... मैं तुम्हारे साथ हूं! तुम्हारी ये गर्मी मुझे पागल कर रही है!" अनहद की कराह निकली, उसकी आवाज में प्यार, उत्तेजना, और एक गहरा इमोशनल कनेक्शन था। उसका लिंग रितिका की योनि में और सख्त हो गया, वेंस उभर आए, और रस से चिकना होकर हर थ्रस्ट में और गहराई तक जाता। अनहद ने अपनी एक हाथ को रितिका की नितंबों पर सरका दिया, और जोर से थप्पड़ मारा, जिससे रितिका की हिप्स लाल हो गईं और जिगल कर उठीं। "ओहहह... अनहद, मेरे हिप्स को काट, मुझे और दर्द दे, अह्हह!" रितिका की कराह और तेज हो गई, उसकी योनि से रस की धारा और तेज हो गई।

वे एक साथ क्लाइमक्स पर पहुंच गए। अनहद ने अपनी कमर को और तेज मूव किया, हर थ्रस्ट में अपने लिंग को रितिका की योनि के गहरे हिस्सों में धकेला, और अंतिम, शक्तिशाली थ्रस्ट के साथ उसने अपना गर्म वीर्य रितिका के अंदर छोड़ दिया। "अह्हह... दीदी, ये मेरा प्यार है!" अनहद चीखा, और उसका लिंग रितिका की योनि में पल्सेट कर उठा, वीर्य की गर्मी रितिका के अंदर फैल गई। रितिका का शरीर एक और जोरदार झटके से कांप उठा, और उसने कराहते हुए कहा, "ओहहह... अनहद! अह्हह... मैं फिर झड़ रही हूं!" उसकी योनि से दूसरा रस का फव्वारा निकला, जो अनहद के लिंग से नीचे बह गया, उसके नितंबों पर चमकता हुआ। रितिका का ऑर्गेज्म इतना तीव्र था कि उसकी जांघें अनहद की कमर से कस गईं, उसकी हिप्स कांप रही थीं, और उसकी सांसें रुक-रुक कर हो रही थीं। उसकी आंखों से प्यार की आंसू बह रहे थे, जो उसके गालों पर नीचे गिर रहे थे, और उसका चेहरा प्लेजर से चमक रहा था। अनहद का लिंग धीरे-धीरे नरम हो रहा था, लेकिन रितिका की योनि में गर्मी अभी भी थी, और उसका वीर्य रितिका के अंदर गहराई तक फैल गया था। उनकी बॉडीज एक-दूसरे से चिपकी थीं, पसीने से तर, और उनकी सांसें एक लय में थीं – तेज, भारी, और गर्म। रितिका की हिप्स अभी भी थरथरा रही थीं, और अनहद की बाहें उसे कसकर पकड़े हुए थीं, जैसे वह उसे इस पल में बांधे रखना चाहता हो।

क्लाइमेक्स के बाद रितिका का शरीर अभी भी कांप रहा था, उसकी योनि से रस की हल्की धारा टपक रही थी, और उसकी जांघें अनहद की जांघों से चिपकी हुई थीं। उसकी सांसें धीरे-धीरे सामान्य हो रही थीं, लेकिन उसकी भूरी आंखें अनहद की ओर देख रही थीं, जिसमें प्यार, संतुष्टि, और थोड़ा सा अपराधबोध था। वह धीरे से अनहद की बाहों में लेट गई, उसकी मजबूत छाती (42 इंच) पर अपना सिर रखा, और उसकी हल्की बॉडी हेयर को अपनी उंगलियों से सहलाया। अनहद की त्वचा गर्म थी, और उसकी धड़कनें रितिका के कानों में गूंज रही थीं, जो उसे सुरक्षित और प्यार भरा अहसास दे रही थीं। रितिका की गोरी त्वचा अनहद की टोन्ड बॉडी से रगड़ रही थी, और उसकी सांसों की गर्माहट उनके चेहरों के बीच एक अंतरंग कनेक्शन बना रही थी। "ये सीक्रेट रखना," रितिका ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में प्यार, थोड़ा सा डर, और एक गहरा विश्वास था। उसने अनहद की छाती पर अपना चेहरा दबाया, उसकी धड़कनों को महसूस करते हुए, और उसकी बाहों में एक शांति पाई जो उसने लंबे समय से महसूस नहीं की थी।

अनहद ने रितिका के बालों को सहलाया, उसके लंबे, सिल्की काले बालों में उंगलियां फेरते हुए, और उसकी पीठ पर हल्के से हाथ चलाया। उसकी स्पर्श में कोमलता थी, लेकिन उसकी बाहें रितिका को कसकर पकड़े हुए थीं, जैसे वह उसे इस पल में बांधे रखना चाहता हो। "तुम्हारी मुस्कान के लिए कुछ भी," अनहद ने जवाब दिया, उसकी आवाज में गहरा प्यार और समर्पण था। उसने रितिका के माथे पर एक कोमल, गर्म चुंबन लिया, और उसकी आंखों में देखा, जैसे वह उसकी आत्मा को पढ़ना चाहता हो। वे एक-दूसरे को कडल करने लगे, उनकी बॉडीज एक-दूसरे से चिपकी थीं, पसीने से गीली और गर्म। रितिका ने अपनी स्लिम कमर (28 इंच) को अनहद की बाहों में फिट किया, और उसकी गोल हिप्स (38 इंच) अनहद की जांघों से रगड़ रही थीं, जो उनकी अंतरंगता को और बढ़ा रही थी।

रितिका: (अनहद की बाहों में लेटी, उसकी छाती पर सिर रखते हुए, फुसफुसाते हुए) अनहद, ये थ्रिल... ये जो हमने किया, परिवार बाहर है, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। ये सीक्रेट रखना, मेरा पति, मेरा परिवार... अगर किसी को पता चला तो मेरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। लेकिन तू मेरा राज है, मेरा गुप्त प्यार... मुझे फिर से लेना है, मेरी बॉडी अभी भी तेरे स्पर्श से कांप रही है।

अनहद: (उसके माथे पर चूमते हुए, भावुक और प्यार भरी आवाज में, उसकी पीठ सहलाते हुए) हमेशा, दीदी। तुम मेरी जिंदगी हो, मेरा सब कुछ। मैं तुम्हें कभी अकेला नहीं छोड़ूंगा, तुम्हारा हर डर मिटाऊंगा, तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूंगा। ये हमारा गुप्त प्यार है, और मैं इसे संभाल लूंगा। बताओ, क्या मैं तुम्हारी बॉडी को फिर से सहलाऊं? तेरी ये गोरी त्वचा, तेरे ये कर्व्स... मुझे फिर से प्यार करना चाहता हूं।

रितिका: (उसकी छाती पर अपना चेहरा रगड़ते हुए, इरोटिक और रोमांटिक) अनहद, तूने मुझे पूरा कर दिया... मेरी योनि, मेरे बूब्स, मेरे हिप्स – सब तेरे हैं। तू मेरे पति से बेहतर है, तू मुझे वो प्यार देता है जो वो नहीं दे सकता। बाहर संगीत बज रहा है, लेकिन मैं यहां तेरी बाहों में डूब जाना चाहती हूं, तेरी गर्मी में खो जाना चाहती हूं।

अनहद: (उसके बाल सहलाते हुए, रोमांटिक और प्यार भरा) दीदी, मैं तुम्हारा हूं। तुम्हारी ये एथलेटिक बॉडी, तुम्हारी स्ट्रेंग्थ, तुम्हारी हर सांस – मुझे इंस्पायर करती है। मैं तुम्हें हर रात कडल करूंगा, तुम्हारी थकान मिटाऊंगा, तुम्हारी हर परेशानी दूर करूंगा। बताओ, क्या मैं तुम्हारे बूब्स फिर से छुऊं, या तुम्हारी कमर सहलाऊं?

रितिका: (उसकी बाहों में और कसते हुए, सेडक्टिव और भावुक) अनहद, हां... मेरी बॉडी तेरे लिए तरस रही है। मुझे किस कर, मेरे होंठों को अपने होंठों से छू, मुझे वो प्यार दे जो मैंने कभी नहीं पाया। तूने मुझे जिंदा कर दिया, और मैं तुझसे और चाहती हूं।

अनहद: (उसके होंठों पर चूमते हुए, पैशनेट और रोमांटिक) हां, दीदी... मैं तुम्हें किस करूंगा, तुम्हारे होंठों को अपने होंठों से जोड़ूंगा, तुम्हारी हर सांस को महसूस करूंगा। तुम्हारी ये तरस, ये प्यार, मुझे और करीब लाता है। मैं तुम्हें फिर से लेना चाहता हूं, तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूंगा।

रितिका: (उसके सीने पर सिर रखते हुए, आंसुओं के साथ) अनहद, तू मेरी कमजोरी है... लेकिन मेरी ताकत भी। मुझे फिर से ले, लेकिन पहले कडल कर, मुझे सुरक्षित फील करा, मुझे अपने प्यार में डूबने दे।

अनहद: (उसकी पीठ सहलाते हुए, गहरा प्यार) दीदी, मैं तुम्हें कडल करता रहूंगा, तुम्हारी बॉडी को महसूस करता रहूंगा, तुम्हारी हर सांस के साथ तुम्हें प्यार करूंगा। तुम मेरी रानी हो, और मैं तुम्हारा राजा, हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा।

रितिका का शरीर अभी भी अनहद के स्पर्श से कांप रहा था, उसकी योनि से रस की हल्की धारा सूख रही थी, और उसकी हिप्स लाल निशानों से भरी थीं। अनहद ने उसकी पीठ को सहलाया, उसके बूब्स को हल्के से छुआ, और उसकी कमर को पकड़कर उसे और करीब खींचा। "दीदी, तुम्हारी ये बॉडी... मेरे लिए बनी है," अनहद ने कहा, और रितिका ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "अनहद, तू मेरी जिंदगी है।" वे एक-दूसरे को कडल करते रहे, बाहर संगीत की धुनें थीं, लेकिन वे प्यार में इतने डूबे थे कि दुनिया रुक गई लगती थी। रितिका का कैरेक्टर अब और पैशनेट हो गया था – उसकी शर्मीली पर्सनैलिटी चीटिंग और सेक्स से जुनूनी हो गई थी, और वह अनहद से और मिलन चाहती थी, अपनी शादी की बोरियत को मिटाने के लिए।


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Arpan003

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कहानी के पात्र

हीरो: अनहद

18 साल का, कॉलेज फर्स्ट ईयर स्टूडेंट। लंबा, एथलेटिक बॉडी, आकर्षक चेहरा। इरादा: परिवार और दोस्तों की देखभाल करना, प्यार जीतना। व्यवहार: केयरिंग, फ्लर्टी लेकिन सम्मानजनक। इच्छाएं: सभी महिलाओं से गहन प्यार और सेक्स। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

मां: रिया (बॉडी: 38-30-40, गोरी, लंबे बाल, सेक्सी साड़ी पहनती)
इरादा: परिवार संभालना, लेकिन अनहद से छिपा आकर्षण। व्यवहार: प्यार करने वाली, सख्त लेकिन कोमल। इच्छाएं: भावनात्मक समर्थन और जुनूनी सेक्स, लेकिन मां होने का अपराधबोध। वैवाहिक स्थिति: मैरिड (पति व्यस्त व्यापारी)। काम: गृहिणी।

बड़ी बहन 1: प्रिया (बॉडी: 36-28-38, कर्वी, छोटे बाल, मॉडर्न ड्रेस)
इरादा: तलाक के बाद नई जिंदगी, अनहद से प्यार। व्यवहार: बोल्ड, फ्लर्टी। इच्छाएं: हार्डकोर सेक्स, डॉमिनेंट होना। वैवाहिक स्थिति: डिवोर्स्ड। काम: फैशन डिजाइनर।

बड़ी बहन 2: नेहा (बॉडी: 34-26-36, स्लिम, लंबे बाल, ट्रेडिशनल)
इरादा: शादीशुदा जिंदगी में रोमांच, अनहद से चोरी-छिपे प्यार। व्यवहार: शर्मीली लेकिन पैशनेट। इच्छाएं: चीटिंग सेक्स, अंतरंग मोमेंट्स। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: टीचर।

ताई: सुनीता (बॉडी: 40-32-42, परिपक्व, बड़े स्तन, विधवा साड़ी)
इरादा: विधवा जीवन में खुशी, अनहद से आकर्षण। व्यवहार: केयरिंग, अनुभवी। इच्छाएं: गहन फोरप्ले, एनल। वैवाहिक स्थिति: विडो। काम: घरेलू बिजनेस।

ताई की बेटी 1: रितिका (बॉडी: 36-28-38, सेक्सी, जींस-टॉप)
इरादा: शादी में बोरियत, अनहद से थ्रिल। व्यवहार: प्लेफुल। इच्छाएं: चीटिंग, पुसी लिकिंग। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: बैंक जॉब।

ताई की बेटी 2: दीपा (बॉडी: 34-26-36, एथलेटिक, स्पोर्टी)
इरादा: शादीशुदा लेकिन सिंगल फील, अनहद से प्यार। व्यवहार: एडवेंचरस। इच्छाएं: हार्डकोर, बूब्स प्ले। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: फिटनेस ट्रेनर।

चाची: मीना (बॉडी: 38-30-40, कर्वी, साड़ी)
इरादा: परिवार में ड्रामा, अनहद से सीक्रेट अफेयर। व्यवहार: फ्लर्टी। इच्छाएं: फीमेल डॉमिनेंस। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: गृहिणी।

चाची की बेटी 1: श्वेता (बॉडी: 36-28-38, सेक्सी, ड्रेस)
इरादा: शादी में खुशी, लेकिन अनहद से आकर्षण। व्यवहार: बोल्ड। इच्छाएं: पैशनेट किस। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: आईटी जॉब।

चाची की बेटी 2: काव्या (बॉडी: 34-26-36, स्लिम, शॉर्ट्स)
इरादा: सिंगल लाइफ एंजॉय, अनहद से रोमांस। व्यवहार: शरारती। इच्छाएं: फोरप्ले। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

बुआ: ललिता (बॉडी: 40-32-42, परिपक्व, साड़ी)
इरादा: डिवोर्स के बाद फ्रीडम, अनहद से प्यार। व्यवहार: डॉमिनेंट। इच्छाएं: एनल सेक्स। वैवाहिक स्थिति: डिवोर्स्ड। काम: बुटीक ओनर।

बुआ की बेटी 1: अनु (बॉडी: 36-28-38, कर्वी)
इरादा: शादी में थ्रिल, अनहद से चीटिंग। व्यवहार: पैशनेट। इच्छाएं: हार्डकोर। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: डॉक्टर।

बुआ की बेटी 2: रिया (बॉडी: 34-26-36, युवा)
इरादा: सिंगल, अनहद से पहला प्यार। व्यवहार: इनोसेंट। इच्छाएं: अंतरंग। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

कुंवारी बुआ: सोनिया (बॉडी: 38-30-40, सेक्सी, मॉडर्न)
इरादा: सिंगल लाइफ, अनहद से आकर्षण। व्यवहार: फ्लर्टी। इच्छाएं: पहला सेक्स। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: आर्टिस्ट।

बड़ी मामी: उर्मिला (बॉडी: 40-32-42, विधवा)
इरादा: विधवा जीवन में प्यार, अनहद से। व्यवहार: कोमल। इच्छाएं: इमोशनल सेक्स। वैवाहिक स्थिति: विडो। काम: टीचर।

मामी की बेटी 1: पूजा (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: शादी में रोमांच। व्यवहार: बोल्ड। इच्छाएं: चीटिंग। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: बिजनेस।

मामी की बेटी 2: सारा (बॉडी: 34-26-36)
इरादा: सिंगल, अनहद से प्यार। व्यवहार: शर्मीली। इच्छाएं: फोरप्ले। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

छोटी मामी: नीता (बॉडी: 38-30-40)
इरादा: शादीशुदा, अनहद से थ्रिल। व्यवहार: फ्लर्टी। इच्छाएं: डॉमिनेंस। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: गृहिणी।

मामी की बेटी 1: माया (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: शादी में बोरियत। व्यवहार: पैशनेट। इच्छाएं: एनल। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: जॉब।

मामी की बेटी 2: लीना (बॉडी: 34-26-36)
इरादा: सिंगल रोमांस। व्यवहार: प्लेफुल। इच्छाएं: बूब्स प्ले। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

बड़ी मौसी: रमा (बॉडी: 38-30-40)
इरादा: शादी में प्यार। व्यवहार: केयरिंग। इच्छाएं: इंटीमेसी। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: गृहिणी।

मौसी की बेटी 1: कीर्ति (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: डिवोर्स बाद नया प्यार। व्यवहार: बोल्ड। इच्छाएं: हार्डकोर। वैवाहिक स्थिति: डिवोर्स्ड। काम: लॉयर।

मौसी की बेटी 2: शालिनी (बॉडी: 34-26-36)
इरादा: शादी में थ्रिल। व्यवहार: शर्मीली। इच्छाएं: पुसी लिकिंग। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: टीचर।

कुंवारी मौसी: वंदना (बॉडी: 38-30-40)
इरादा: सिंगल, अनहद से पहला प्यार। व्यवहार: फ्लर्टी। इच्छाएं: पैशनेट। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: डांसर।

मैथ टीचर: सरिता (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: सेपरेशन बाद रोमांस। व्यवहार: इंटेलिजेंट, फ्लर्टी। इच्छाएं: इमोशनल सेक्स। वैवाहिक स्थिति: सेपरेटेड। काम: मैथ टीचर।

मैथ टीचर की बेटी: तन्वी (बॉडी: 34-26-36)
इरादा: सिंगल, अनहद से आकर्षण। व्यवहार: युवा, शरारती। इच्छाएं: फोरप्ले। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

केमिस्ट्री टीचर: अलका (बॉडी: 38-30-40)
इरादा: शादीशुदा लेकिन थ्रिल। व्यवहार: पैशनेट। इच्छाएं: चीटिंग। वैवाहिक स्थिति: मैरिड। काम: केमिस्ट्री टीचर।

फिजिक्स टीचर: प्रीति (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: सिंगल लाइफ एंजॉय। व्यवहार: बोल्ड। इच्छाएं: डॉमिनेंस। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: फिजिक्स टीचर।

प्रिंसिपल: रेखा (बॉडी: 40-32-42)
इरादा: विधवा, अनहद से प्यार। व्यवहार: अथॉरिटेटिव। इच्छाएं: हार्डकोर। वैवाहिक स्थिति: विडो। काम: प्रिंसिपल।

फीमेल कॉलेज स्टूडेंट फर्स्ट ईयर 1: ईशा (बॉडी: 34-26-36)
इरादा: नया कॉलेज, अनहद से क्रश। व्यवहार: इनोसेंट। इच्छाएं: पहला सेक्स। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

फीमेल कॉलेज स्टूडेंट फर्स्ट ईयर 2: जिया (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: फ्लर्टिंग। व्यवहार: बोल्ड। इच्छाएं: पैशनेट। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

फीमेल कॉलेज स्टूडेंट सेकंड ईयर 1: मेघा (बॉडी: 34-26-36)
इरादा: अनहद से आकर्षण। व्यवहार: प्लेफुल। इच्छाएं: फोरप्ले। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

फीमेल कॉलेज स्टूडेंट सेकंड ईयर 2: निया (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: थ्रिल। व्यवहार: शरारती। इच्छाएं: एनल। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

फीमेल कॉलेज स्टूडेंट थर्ड ईयर 1: सिया (बॉडी: 38-30-40)
इरादा: अनुभवी, अनहद से प्यार। व्यवहार: डॉमिनेंट। इच्छाएं: हार्डकोर। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

फीमेल कॉलेज स्टूडेंट थर्ड ईयर 2: रिया (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: रोमांस। व्यवहार: कोमल। इच्छाएं: इंटीमेसी। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

फीमेल कॉलेज स्टूडेंट फोर्थ ईयर 1: तारा (बॉडी: 38-30-40)
इरादा: सीनियर, अनहद को गाइड, लेकिन आकर्षण। व्यवहार: बोल्ड। इच्छाएं: चीटिंग स्टाइल। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।

फीमेल कॉलेज स्टूडेंट फोर्थ ईयर 2: वीरा (बॉडी: 36-28-38)
इरादा: ग्रेजुएट होने से पहले रोमांस। व्यवहार: पैशनेट। इच्छाएं: बूब्स प्ले। वैवाहिक स्थिति: सिंगल। काम: स्टूडेंट।
Bohoti sandar story lag raha hai
 

vishwas

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तारा: एक जीवंत, बोल्ड और आकर्षक फीमेल कॉलेज स्टूडेंट का विस्तृत विवरण

पृष्ठभूमि और व्यक्तित्व

तारा, चौथे साल की कॉलेज स्टूडेंट, एक ऐसी युवती थी जो अपनी खूबसूरती, बुद्धिमत्ता और बोल्ड व्यक्तित्व के लिए जानी जाती थी। गांव से शहर आई तारा ने अपनी मेहनत और जुनून से कॉलेज में एक खास जगह बनाई थी। वो सिर्फ एक सीनियर स्टूडेंट नहीं थी, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थी जो अपनी मुस्कान और आत्मविश्वास से हर किसी का ध्यान खींच लेती थी। उसकी आंखों में एक गहरी चमक थी – सपनों की, जुनून की, और थोड़ा सा रहस्य की। तारा का व्यक्तित्व बोल्ड था; वो अपनी बात बिना हिचक के कहती थी, लेकिन उसमें एक गर्माहट थी जो लोगों को उसके करीब लाती थी। वो कॉलेज की लाइब्रेरी में अक्सर नजर आती, किताबों के बीच खोई हुई, लेकिन उसकी मौजूदगी कमरे को रोशन कर देती थी।
तारा की वैवाहिक स्थिति सिंगल थी, और वो अपने कॉलेज के आखिरी साल में थी, जहां उसका फोकस पढ़ाई और भविष्य के सपनों पर था। लेकिन उसके अंदर एक ऐसी चाहत भी थी जो उसे औरों से अलग करती थी – वो रोमांच की तलाश में थी, खासकर प्यार और आकर्षण के मामले में। तारा को रिश्तों में एक चीटिंग स्टाइल का रोमांच पसंद था – वो नियम तोड़ने में मजा लेती थी, लेकिन उसका दिल सच्चा था। वो प्यार में विश्वास करती थी, लेकिन उसे वो प्यार चाहिए था जो उसे थ्रिल दे, जो उसे हर पल जीवंत महसूस कराए।

शारीरिक बनावट (बॉडी: 38-30-40)
तारा की शारीरिक बनावट उसकी सबसे बड़ी खासियत थी, जो उसे कॉलेज में हर किसी की नजरों का केंद्र बनाती थी। उसका फिगर – 38-30-40 – एक परफेक्ट घंटे की आकृति (hourglass figure) था, जो उसकी खूबसूरती को और बढ़ाता था।

38 (बस्ट): तारा के बूब्स पूर्ण और आकर्षक थे, जो उसकी गोरी त्वचा पर और भी उभरकर सामने आते थे। वो अक्सर फिटेड टॉप्स या कॉलेज की यूनिफॉर्म शर्ट पहनती, जो उसके कर्व्स को हल्के से हाइलाइट करते थे। उसकी ब्रा – अक्सर काली या गहरे रंग की – उसकी त्वचा पर कॉन्ट्रास्ट बनाती थी, और उसका आत्मविश्वास उसे और आकर्षक बनाता था।
30 (कमर): तारा की कमर पतली थी, जो उसके फिगर को एक परफेक्ट शेप देती थी। उसकी कमर की नाजुकता उसके बोल्ड व्यक्तित्व के साथ एक अनोखा मिश्रण बनाती थी। वो जब चलती थी, तो उसकी कमर की हल्की-सी लचक हर किसी का ध्यान खींच लेती थी।

40 (हिप्स): तारा के हिप्स गोल और भरे हुए थे, जो उसकी स्कर्ट या जींस में और भी आकर्षक लगते थे। उसकी स्कर्ट अक्सर घुटनों तक होती, जो उसके हिप्स को हल्के से उभारती थी, और उसका कॉन्फिडेंट अंदाज उसे और भी सेक्सी बनाता था।

तारा की त्वचा गोरी और मुलायम थी, और उसके लंबे, घने बाल – जो अक्सर खुले रहते या हल्के से बंधे होते – उसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते थे। उसकी आंखें बड़ी और अभिव्यंजक थीं, जो हर बार कुछ न कुछ कहती थीं – कभी शरारत, कभी गहराई, और कभी प्यार। उसका चेहरा एक मासूमियत और बोल्डनेस का मिश्रण था, जो उसे हर किसी के लिए एक रहस्य बनाता था।

इरादा: सीनियर, अनहद को गाइड, लेकिन आकर्षण
तारा का इरादा शुरू में सिर्फ एक सीनियर के रूप में अनहद की मदद करना था। अनहद, तीसरे साल का एक शर्मीला और मेहनती छात्र, मैथ्स के सवालों से जूझता हुआ लाइब्रेरी में बैठा था जब तारा ने उसकी परेशानी देखी। “क्या हुआ? कोई सवाल अटक गया?” उसने अपनी मधुर आवाज में पूछा, और उसकी मुस्कान ने अनहद का दिल धड़का दिया। तारा का इरादा था कि वो अनहद को पढ़ाई में गाइड करे, लेकिन उसकी बोल्ड और फ्रेंडली प्रकृति ने धीरे-धीरे उनके बीच एक गहरा आकर्षण पैदा कर दिया।

तारा को अनहद की मासूमियत और मेहनत आकर्षक लगी। वो उसकी शर्मीली मुस्कान, उसकी आंखों में छुपी गहराई, और उसकी सादगी से प्रभावित थी। “तुम कुछ अलग हो, अनहद,” उसने एक बार कहा था, और उसकी आवाज में एक शरारती चमक थी। तारा को अनहद का वो भोलापन पसंद था, जो उसे अपने बोल्ड व्यक्तित्व के विपरीत लगता था। लेकिन यही विपरीतता उनके बीच एक चुंबकीय आकर्षण पैदा कर रही थी। तारा को अनहद को गाइड करने में मजा आता था, लेकिन वो धीरे-धीरे उसके करीब आने लगी – न सिर्फ एक सीनियर के तौर पर, बल्कि एक ऐसे इंसान के तौर पर जो अनहद के दिल को छूना चाहता था।

व्यवहार: बोल्ड


तारा का व्यवहार बोल्ड था, लेकिन उसमें एक गर्माहट और सच्चाई थी। वो अपनी बात बिना हिचक के कहती थी, और उसका आत्मविश्वास उसे कॉलेज में सबसे अलग बनाता था। वो लाइब्रेरी में अनहद के साथ बात करते समय कभी-कभी शरारती अंदाज में मुस्कुराती, “अनहद, सिर्फ किताबें पढ़ने से जिंदगी नहीं चलती। कभी-कभी दिल की बात भी सुननी पड़ती है।” उसका ये अंदाज अनहद को और आकर्षित करता था। तारा को कॉलेज के नियम तोड़ने में मजा आता था – चाहे वो लाइब्रेरी में देर तक रुकना हो, या अनहद के साथ छुपकर बातें करना। उसका बोल्ड व्यवहार उसे एक ऐसी लड़की बनाता था जो अपने दिल की सुनती थी, और वो अनहद को भी यही सिखाना चाहती थी।

इच्छाएं: चीटिंग स्टाइल

तारा की इच्छाएं गहरी और रोमांचक थीं। उसे प्यार में वो थ्रिल पसंद था जो नियम तोड़ने से आता है। वो चीटिंग स्टाइल की चाहत रखती थी – न कि किसी को धोखा देने के लिए, बल्कि उस रोमांच के लिए जो छुपकर, निषिद्ध प्यार में होता है। लाइब्रेरी में अनहद के साथ वो पल, जहां पकड़े जाने का डर था, उसे और उत्तेजित करते थे। “अनहद, ये डर... ये थ्रिल... यही तो प्यार को जिंदा रखता है,” उसने एक बार फुसफुसाया था, उसकी आंखों में शरारत और प्यार की चमक थी।
तारा को अनहद के साथ वो गुप्त मुलाकातें पसंद थीं, जहां वो दोनों एक-दूसरे के करीब आते थे, लेकिन कॉलेज की नजरों से छुपकर। उसे अनहद का वो भोलापन आकर्षक लगता था, और वो चाहती थी कि वो उसे अपने बोल्ड और रोमांचक दुनिया में ले जाए। तारा का ये चीटिंग स्टाइल सिर्फ शारीरिक नहीं था; वो अनहद के दिल को जीतना चाहती थी, उसे वो प्यार देना चाहती थी जो नियमों से परे हो, जो सिर्फ उनके बीच का हो।
काम: स्टूडेंट

तारा एक मेहनती स्टूडेंट थी, जो अपने चौथे साल में थी और भविष्य के लिए बड़े सपने देखती थी। वो पढ़ाई में अच्छी थी, और लाइब्रेरी उसका दूसरा घर था। वो अक्सर जूनियर्स की मदद करती थी, और अनहद के साथ उसकी मुलाकात भी इसी मदद से शुरू हुई थी। लेकिन पढ़ाई के अलावा, तारा की जिंदगी में एक जुनून था – वो जिंदगी को पूरी तरह जीना चाहती थी। वो कॉलेज के आखिरी साल को सिर्फ डिग्री के लिए नहीं, बल्कि उन पलों के लिए जीना चाहती थी जो उसे हमेशा याद रहें। अनहद के साथ उसका रिश्ता उसी जुनून का हिस्सा था – एक ऐसा रिश्ता जो उसे पढ़ाई के तनाव से बाहर निकालता था और उसे जीवंत महसूस कराता था।

भावनात्मक गहराई और आकर्षण

तारा का अनहद के प्रति आकर्षण सिर्फ शारीरिक नहीं था; वो उसकी मासूमियत, उसकी मेहनत, और उसकी सादगी से प्रभावित थी। “अनहद, तुम में कुछ खास है... तुम्हारी आंखों में एक सच्चाई है,” उसने एक बार कहा था, और उसकी आवाज में एक गहरी भावना थी। तारा को अनहद का वो भरोसा पसंद था जो वो उस पर दिखाता था, और वो चाहती थी कि वो उसे अपने बोल्ड और रोमांचक दुनिया में ले जाए। अनहद के साथ उसका रिश्ता एक गाइड के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे वो प्यार में बदल गया – एक ऐसा प्यार जो थ्रिल, पैशन और भावनाओं से भरा था।

तारा का बोल्ड व्यक्तित्व, उसकी आकर्षक बनावट, और उसकी चीटिंग स्टाइल की चाहत ने अनहद को उसके करीब खींचा। वो दोनों एक-दूसरे के पूरक थे – तारा की आग और अनहद की शांति। लाइब्रेरी की उन दीवारों के बीच, जहां वो छुपकर मिलते थे, तारा का हर स्पर्श, हर नजर, हर फुसफुसाहट अनहद को बता रही थी कि वो उसकी जिंदगी का वो हिस्सा बन चुकी है जिसे वो कभी नहीं भूल सकता। और तारा, अनहद की बाहों में, अपने सपनों और चाहतों को एक नया अर्थ दे रही थी।
निष्कर्ष


तारा एक ऐसी युवती थी जो अपनी खूबसूरती, बोल्डनेस और जुनून से हर किसी को प्रभावित करती थी। उसका फिगर (38-30-40), उसकी गोरी त्वचा, और उसकी अभिव्यंजक आंखें उसे कॉलेज की रौनक बनाती थीं। लेकिन उसकी असली खूबसूरती उसके दिल में थी – वो दिल जो प्यार में थ्रिल ढूंढता था, लेकिन सच्चाई और भरोसे को सबसे ऊपर रखता था। अनहद के साथ उसका रिश्ता सिर्फ एक सीनियर-जूनियर का नहीं था; ये एक गहरा, भावनात्मक और रोमांचक बंधन था, जो लाइब्रेरी की उन दीवारों में हमेशा गूंजता रहेगा।


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कॉलेज का चौथा साल अनहद के लिए सिर्फ डिग्री का पीछा नहीं था; ये उसकी जिंदगी का एक ऐसा मोड़ था, जहां वो अपने अंदर की खालीपन को भरना चाहता था। अनहद, तीसरे साल का छात्र, किताबों में खोया रहता, लेकिन उसका दिल तन्हाई से भरा था। परिवार से दूर, दोस्तों की भीड़ में भी वो अकेला महसूस करता। वो सोचता, “क्या कोई होगा जो मेरे अधूरेपन को पूरा करे?” फिर तारा आई, चौथे साल की सीनियर, लाइब्रेरी की वो रौशनी जो हर किसी को अपनी ओर खींच लेती थी। तारा की आंखों में एक कहानी थी – गांव से शहर तक का सफर, सपनों के पीछे भागना, और फिर भी एक ऐसी कोमलता जो सिर्फ सच्चे दिल वाले देख सकते थे। उसकी मुस्कान में छुपा दर्द अनहद को बांध लेता था।

उनकी मुलाकात लाइब्रेरी में हुई थी। अनहद मैथ्स के सवालों से जूझ रहा था, चेहरा लटका हुआ। तारा ने उसकी परेशानी देखी और पास आकर बोली, “क्या हुआ? कोई सवाल अटक गया? मैं सीनियर हूं, शायद हेल्प कर सकूं।” उसकी आवाज में गर्माहट थी, जैसे कोई पुराना दोस्त बात कर रहा हो। अनहद ने शरमाते हुए कहा, “हां... थोड़ा कन्फ्यूजन है।” उस दिन से शुरू हुआ उनका रिश्ता – पहले सिर्फ पढ़ाई, फिर दिल की बातें।
हर मुलाकात में वो एक-दूसरे को और समझने लगे। एक बार, लाइब्रेरी में बारिश की बूंदें खिड़कियों पर टकरा रही थीं। सन्नाटा गहरा था। अनहद ने किताब बंद की और बोला, “तारा, तुम इतनी अच्छी क्यों हो? इतना टाइम देती हो, मेरे जैसे जूनियर को। क्या तुम्हें कभी लगता है कि जिंदगी में कुछ छूट रहा है?” तारा ने किताब से नजरें उठाईं, उसकी आंखों में एक गहराई थी। “हां, अनहद। गांव में सब आसान था – मम्मी-पापा, भाई-बहन। लेकिन शहर में... ये भीड़ भी अकेली है। पढ़ाई तो बस एक बहाना है। असल में तो हम लोग किसी अपने की तलाश में हैं, है ना?”

अनहद का दिल धड़का। “हां... मैं भी यही सोचता हूं। मेरे पास सपने हैं – अच्छी जॉब, मम्मी-पापा को सुख देना। लेकिन अब लगता है, कोई खास इंसान चाहिए। कोई जो मेरे दिल को समझे।” तारा ने मुस्कुराकर कहा, “प्यार ऐसा ही होता है, अनहद। वो ढूंढने से नहीं मिलता, वो बस... हो जाता है। लेकिन डर लगता है। क्या अगर दिल टूटा तो?” अनहद ने उसका हाथ हल्के से छुआ, “तारा, तुम्हारे साथ डर नहीं लगता। तुम्हारे साथ सब सही लगता है।”

ये छोटी-छोटी बातें उनके बीच एक अनकहा रिश्ता बुन रही थीं। तारा ने अनहद को बताया कि कैसे उसने अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए गांव छोड़ा, कैसे वो रातों को चुपके से रोती थी। अनहद ने भी अपने दिल का राज खोला – बचपन में पिता की डांट, दोस्तों का साथ न मिलना, और वो खालीपन जो उसे खाए जा रहा था। हर मुलाकात में वो एक-दूसरे के जख्मों को सहलाते, और वो जख्म प्यार में बदलते। अनहद सोचता, “तारा, तुम मेरी जिंदगी की वो मिठास हो जो मैंने कभी नहीं जानी।” तारा के मन में, “अनहद, तुमने मुझे मेरे आप में फिर से ढूंढ लिया।”

एक दोपहर, लाइब्रेरी में सिर्फ कुछ स्टूडेंट्स बिखरे हुए थे। अनहद ने हिम्मत करके पूछा, “तारा, तुमने कभी किसी को पसंद किया? मतलब... प्यार?” तारा ने आंखें झुकाईं, “हाईस्कूल में एक क्रश था। लेकिन वो प्यार नहीं था, बस एक ख्याल। सच्चा प्यार वो है जहां दिल से दिल जुड़े, जहां डर के बावजूद भरोसा हो। तुम बताओ?” अनहद ने गहरी सांस ली, “मैं... मैं पहली बार किसी को इतना करीब महसूस कर रहा हूं। तुम्हें देखता हूं तो लगता है... यही वो इंसान है जिसके लिए मैं बना हूं।” तारा की आंखें नम हो गईं। “अनहद, मुझे भी ऐसा लगता है। लेकिन कॉलेज... सीनियर-जूनियर का फासला... लोग क्या कहेंगे? और अगर ये टूट गया तो?”

अनहद ने उसका हाथ थाम लिया, “तारा, लोग तो हमेशा कुछ न कुछ कहेंगे। लेकिन हमारा प्यार... ये सिर्फ हमारा है। और टूटने की बात? मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा।” तारा की आंखों में आंसू और मुस्कान एक साथ आए। “तुम सही हो, अनहद। तुम्हारे साथ मैं दुनिया से लड़ सकती हूं।”

उस शाम लाइब्रेरी में सन्नाटा था। अलमारियों के बीच, जहां रोशनी धीमी थी और किताबों की महक हवा में थी, अनहद और तारा एक-दूसरे के करीब आए। अनहद ने तारा को धीरे से दीवार की ओर खींचा, स्टैंडिंग में। उसका दिल तेज धड़क रहा था, डर और प्यार का मिश्रण। उसने तारा की आंखों में देखा – वो आंखें जो अब सिर्फ प्यार से चमक रही थीं। “तारा, तुम मेरी मेंटर हो, लेकिन मेरे दिल की क्वीन हो। तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूं। मैं तुम्हें हर पल, हर जन्म में प्यार करूंगा।” तारा की सांस रुक गई। उसने फुसफुसाया, “अनहद, तुमने मेरे दिल को छू लिया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई इतना स्पेशल हो सकता है। मैं तुमसे प्यार करती हूं... इतना कि डर भी भूल गई।”

अनहद ने तारा का चेहरा अपने हाथों में लिया। उसकी उंगलियां तारा के गालों पर फिरीं, जैसे वो उसकी खूबसूरती को महसूस करना चाहता हो। फिर वो करीब आया, और उनके होंठ मिले – एक गहन, पैशनेट किस। ये कोई साधारण किस नहीं थी; ये उनके सारे दर्द, सारी खुशियां, सारे सपनों का मिलन थी। अनहद के होंठ तारा के नरम होंठों पर दबे, पहले धीरे, फिर गहराई से। तारा ने अपने होंठ खोले, और उनकी जीभ एक-दूसरे से मिली – गर्म, गीली, और इतनी इंटेंस कि समय रुक सा गया। तारा के मन में एक ही ख्याल, “ये स्पर्श... जैसे मेरी आत्मा को जिंदगी मिल गई।” अनहद सोच रहा था, “तारा, तुम मेरी हो... हमेशा के लिए।”

किस के बीच तारा ने सिसकारी भरी, “अनहद... ये प्यार... इतना गहरा है। मैं डरती थी, लेकिन तुम्हारे साथ... सब सही लगता है।” उसकी आवाज में कांपन था, लेकिन प्यार की गर्माहट भी। अनहद ने किस को और गहरा किया, उसके हाथ तारा की कमर पर चले गए, उसे और करीब खींचा। तारा ने अनहद के बालों में उंगलियां फेरीं, जैसे वो उसे और गहराई में खींचना चाहती हो। “अनहद... तुम्हारा ये छूना... मुझे पागल कर रहा है,” तारा ने फुसफुसाया, उसकी सांसें तेज।

अनहद ने तारा की गर्दन पर किस किया, धीरे-धीरे नीचे सरकते हुए। उसकी सांसें तारा की त्वचा पर गर्म थीं, और हर किस में एक वादा था – “मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा।” तारा की सिसकारियां तेज हुईं, “अनहद... और... तुम्हारा मुंह... इतना गर्म... मुझे और चाहिए।” वो दोनों अब पूरी तरह एक-दूसरे में खो चुके थे। लाइब्रेरी का सन्नाटा उनकी सांसों से गूंज रहा था। बाहर से किसी के कदमों की आहट आई, और दोनों एक पल के लिए रुके। तारा ने डरते हुए कहा, “अनहद... अगर कोई आ गया तो?” अनहद ने उसकी आंखों में देखा, “डर मत, तारा। ये पल हमारा है। कोई नहीं छीन सकता।”

अनहद के हाथ अब धीरे-धीरे तारा की शर्ट के बटनों की ओर बढ़े। उसकी उंगलियां हल्के से कांप रही थीं – न सिर्फ उत्साह से, बल्कि उस गहरे प्यार की वजह से जो वो तारा के लिए महसूस कर रहा था। उसने पहला बटन खोला, धीरे से, जैसे वो कोई नाजुक फूल छू रहा हो। तारा की सांसें तेज हो गईं, उसका सीना ऊपर-नीचे हो रहा था। अनहद ने दूसरा बटन खोला, फिर तीसरा – हर बटन के साथ तारा की शर्ट धीरे-धीरे खुल रही थी, और ऐसा लग रहा था जैसे तारा का दिल भी अनहद के सामने खुल रहा हो। “अनहद... ये... इतना इंटीमेट है,” तारा ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में शर्म और प्यार का मिश्रण।
जब आखिरी बटन खुला, अनहद ने तारा की शर्ट को उसके कंधों से धीरे से सरकाया। शर्ट फर्श पर गिरी, और तारा की गोरी त्वचा अब हल्की रोशनी में चमक रही थी। उसकी काली ब्रा, जो उसकी त्वचा पर एकदम कॉन्ट्रास्ट बना रही थी, अनहद की नजरों में किसी कला की तरह लग रही थी। अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे पूछ रहा हो, “क्या मैं?” तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और समर्पण। अनहद के हाथ ब्रा के हुक तक पहुंचे। उसने हल्के से हुक खोले, एक-एक करके, जैसे कोई अनमोल खजाना खोल रहा हो। ब्रा खुलते ही तारा के बूब्स आजाद हुए, और अनहद की सांस रुक गई। “तारा... तुम इतनी खूबसूरत हो,” उसने कहा, उसकी आवाज में विस्मय और प्यार।

तारा ने शरमाते हुए अपनी बाहें सीने पर रखने की कोशिश की, लेकिन अनहद ने धीरे से उसकी बाहें हटाईं। “तारा, तुम्हें छुपाने की जरूरत नहीं। तुम मेरे लिए परफेक्ट हो,” उसने कहा। तारा की आंखें नम थीं, “अनहद... मुझे शर्म आ रही है... लेकिन तुम्हारे साथ... सब सही लगता है।”

अब अनहद का ध्यान तारा की स्कर्ट पर गया। उसने तारा की कमर को पकड़ा, और धीरे से स्कर्ट को ऊपर उठाया। तारा की जांघें नजर आईं – नरम, गोरी, और इतनी खूबसूरत कि अनहद का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने तारा की पैंटी को पकड़ा – काली, लेस वाली, जो तारा की खूबसूरती को और बढ़ा रही थी। अनहद ने धीरे से पैंटी को नीचे सरकाया, उसकी उंगलियां तारा की त्वचा को हल्के से छू रही थीं। तारा का शरीर हल्का सा कांप उठा, “अनहद... तुम्हारा छूना... मुझे जल रहा है,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक मादकता थी। पैंटी फर्श पर गिरी, और तारा अब पूरी तरह अनहद के सामने थी – नंगी, लेकिन उसकी आंखों में सिर्फ प्यार और भरोसा।

अब तारा की बारी थी। उसने अनहद की टी-शर्ट के किनारे पकड़े और धीरे से ऊपर उठाई। अनहद ने अपनी बाहें उठाकर मदद की, और टी-शर्ट उतरते ही तारा ने उसके सीने को छुआ। उसकी उंगलियां अनहद की गर्म त्वचा पर फिरीं, जैसे वो उसकी हर मांसपेशी को महसूस करना चाहती हो। “तुम इतने गर्म हो... जैसे मेरे लिए बने हो,” तारा ने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी चाहत। अनहद ने मुस्कुराकर कहा, “तारा, मैं तुम्हारा हूं... पूरी तरह।”

तारा ने अनहद की पैंट की बेल्ट खोली, उसकी उंगलियां हल्के से कांप रही थीं। उसने पैंट को नीचे सरकाया, और फिर अनहद की अंडरवियर पर हाथ रखा। धीरे से, प्यार से, उसने अंडरवियर उतार दी। अब दोनों एक-दूसरे के सामने थे – बिना किसी कपड़े के, बिना किसी दीवार के। उनके बीच सिर्फ प्यार था, कोई शर्म नहीं। हर कपड़ा उतरने के साथ उनकी आत्माएं और करीब आ रही थीं, जैसे वो एक-दूसरे में पूरी तरह समा जाना चाहते हों।

अनहद ने तारा को फिर से अपनी बाहों में लिया, उसकी नंगी त्वचा को अपनी त्वचा से छुआ। “तारा, तुम हर इंच में खूबसूरत हो... जैसे कोई सपना,” उसने कहा, उसकी आवाज में पैशन और इमोशन का गहरा मिश्रण। तारा ने जवाब दिया, “अनहद, तुम्हारे साथ मैं खुद को पूरा महसूस करती हूं। तुम मेरी ताकत हो, मेरी कमजोरी भी।”

अनहद का ध्यान अब तारा के बूब्स पर गया। उसकी नजरें तारा के सीने पर ठहर गईं – वो नरम, गोल, और गोरे बूब्स, जो उसकी त्वचा पर एकदम परफेक्ट लग रहे थे। उनकी गोलाई, उनकी कोमलता, और वो हल्के गुलाबी निप्पल्स, जो अब चाहत से सख्त हो चुके थे, अनहद को जैसे जादू में बांध रहे थे। उसने पहले हल्के से छुआ, अपनी उंगलियों को तारा के एक बूब पर धीरे-धीरे फेरते हुए, जैसे वो उसकी हर रेखा, हर कर्व को महसूस करना चाहता हो। तारा की सांसें तेज हो गईं, उसका सीना ऊपर-नीचे हो रहा था, और एक हल्की-सी सिसकारी उसके होंठों से निकली, “अनहद... तुम्हारा छूना... मुझे जल रहा है।”

अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे वो उसकी अनुमति मांग रहा हो। तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और एक गहरी चाहत। अनहद ने धीरे से तारा के एक बूब को अपने हाथ में लिया, पहले हल्के से दबाया, जैसे वो उसकी कोमलता को टेस्ट कर रहा हो। फिर उसने थोड़ा और जोर लगाया, तारा के बूब को अपनी हथेली में नरम लेकिन मजबूती से पकड़ा। तारा की पीठ झुकी, और एक गहरी सिसकारी निकली, “अनहद... हां... वहां... और करो...” उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी, जैसे वो अनहद को अपने और करीब खींचना चाहती हो।

अनहद का मुंह अब तारा के एक निप्पल पर गया। उसने पहले हल्के से चूमा, अपने होंठों को निप्पल पर हल्के से टच किया, जैसे वो उसकी गर्माहट को महसूस करना चाहता हो। फिर उसने निप्पल को अपने होंठों के बीच लिया, धीरे-धीरे चूसना शुरू किया – गहराई से, पैशन से, जैसे वो तारा की आत्मा को चूम रहा हो। तारा की सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “अनहद... ओह... और चूसो... मुझे तुम्हारा मुंह चाहिए...” उसकी आवाज कांप रही थी, और उसका शरीर अनहद के स्पर्श से थरथरा रहा था।

अनहद ने एक बूब को अपने हाथ से दबाया, उसकी उंगलियां तारा की नरम त्वचा में हल्के से धंस रही थीं, लेकिन इतने प्यार से कि तारा को सिर्फ प्लेजर महसूस हुआ। उसका दूसरा हाथ तारा की कमर पर था, उसे और करीब खींचते हुए, जैसे वो तारा को पूरी तरह अपने में समेट लेना चाहता हो। उसने दूसरे बूब को अपने मुंह में लिया, निप्पल को चूसा, और फिर हल्के से अपने दांतों से काटा – इतने नरम और पैशनेट तरीके से कि तारा को दर्द नहीं, बल्कि एक इलेक्ट्रिक सा प्लेजर हुआ। “अनहद... तुम्हारा मुंह... मेरे बूब्स पर... जैसे मैं स्वर्ग में हूं,” तारा ने बुदबुदाया, उसका शरीर अब पूरी तरह अनहद के कंट्रोल में था।

अनहद ने अब दोनों बूब्स को बारी-बारी से प्यार किया। उसने एक बूब को दबाते हुए, अपनी उंगलियों से निप्पल को हल्के से मसला, फिर जोर से। उसकी जीभ दूसरे निप्पल के चारों ओर गोल-गोल घूमी, पहले धीरे, फिर तेजी से, जैसे वो तारा की हर सिसकारी को और तेज करना चाहता हो। तारा के हाथ अनहद के बालों में थे, उसे और करीब खींचते हुए। “अनहद... और जोर से... मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए... हर इंच पर,” उसने कहा, उसकी सिसकारियां अब लाइब्रेरी के सन्नाटे में गूंज रही थीं, लेकिन वो दोनों इस पल में इतने खो चुके थे कि दुनिया भूल चुके थे।

अनहद ने तारा के बूब्स को दोनों हाथों से पकड़ा, उन्हें एक साथ दबाया, और फिर बारी-बारी से चूसा। उसकी जीभ निप्पल्स पर तेजी से फिरी, फिर धीरे-धीरे, हर पल को और इंटेंस बनाते हुए। उसने एक निप्पल को अपने होंठों में दबाया, हल्के से खींचा, और तारा की सिसकारी अब एक गहरे मोन में बदल गई, “अनहद... ओह गॉड... तुम मुझे पागल कर रहे हो...” तारा का शरीर तन गया, उसके पैर कांप रहे थे, जैसे वो इस पैशन की लहरों में डूब रही हो। अनहद ने तारा के बूब्स को फिर से दबाया, इस बार और जोर से, और उसके मुंह ने निप्पल्स को चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ी – हर चूसने में एक गहरी भूख थी, जैसे वो तारा की हर खुशी को अपने अंदर समेट लेना चाहता हो।

फोरप्ले शुरू हुआ। अनहद ने तारा की कमर को अपने मजबूत हाथों में लिया, उसे और करीब खींचा, जैसे वो तारा को अपनी आत्मा में समेट लेना चाहता हो। उसकी हथेलियां तारा की नरम, गर्म त्वचा पर फिरीं, और तारा का शरीर हल्का सा कांप उठा। अनहद की उंगलियां धीरे-धीरे तारा की जांघों पर फिरीं, पहले बाहरी तरफ, फिर धीरे-धीरे अंदर की ओर। उसका स्पर्श इतना नाजुक था, फिर भी इतना इंटेंस कि तारा की सांसें तेज हो गईं। “अनहद... तुम्हारा स्पर्श... मुझे जल रहा है,” तारा ने सिसकारी भरी, उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी। उसने अनहद के कंधों को पकड़ा, जैसे वो इस तीव्र अनुभूति में खुद को संभालना चाहती हो।

अनहद ने तारा के कान के पास अपना चेहरा लाया, उसकी गर्म सांसें तारा की त्वचा को छू रही थीं। “तारा, मैं तुम्हें हर जगह छूना चाहता हूं... तुम मेरी हो,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक गहरी चाहत थी, जैसे वो तारा को सिर्फ अपने शरीर से नहीं, बल्कि अपनी आत्मा से छूना चाहता हो। उसकी उंगलियां अब तारा की पुसी पर पहुंचीं, पहले हल्के से छुआ, जैसे वो उसकी प्रतिक्रिया को महसूस करना चाहता हो। फिर उसने धीरे-धीरे रगड़ना शुरू किया, अपनी उंगलियों को तारा की गीली, नरम त्वचा पर हल्के से फेरते हुए। तारा की सिसकारी निकली, “ओह... अनहद... वहां... और करो...” उसकी आवाज कांप रही थी, और उसका शरीर अनहद के स्पर्श से थरथरा रहा था।

अनहद ने तारा के क्लिटोरिस को हल्के से दबाया, पहले धीरे, फिर सर्कुलर मोशन में रगड़ा। उसकी उंगलियां एक लय में चल रही थीं – धीमी, फिर तेज, जैसे वो तारा की हर सिसकारी को और तेज करना चाहता हो। तारा का शरीर तन गया, उसकी सांसें अनकंट्रोल हो रही थीं। “तुम... इतना अच्छा... कैसे?” वो बुदबुदाई, उसकी आवाज में विस्मय और प्लेजर का मिश्रण था। तारा की पुसी अब गीली हो चुकी थी, और अनहद की उंगलियां उसकी गर्माहट को महसूस कर रही थीं। उसने अपनी उंगलियों को और गहराई में ले जाया, हल्के से अंदर-बाहर किया, और तारा की सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “अनहद... ओह... वहां... और गहरा...”

तारा ने भी अब अनहद को छूना शुरू किया। उसकी उंगलियां अनहद के सीने से नीचे सरकीं, और फिर उसके पेनिस को हल्के से पकड़ा। पहले धीरे-धीरे सहलाया, जैसे वो उसकी गर्माहट को महसूस करना चाहती हो। फिर उसने थोड़ा और जोर लगाया, अपनी उंगलियों को अनहद के हार्ड पेनिस पर ऊपर-नीचे फेरते हुए। “तारा... तुम्हारा हाथ... मुझे पागल कर रहा है,” अनहद ने सिसकारी भरी, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। तारा ने और जोर से सहलाया, उसकी उंगलियां अब एक लय में चल रही थीं – धीमी, फिर तेज, जैसे वो अनहद को उसी तरह तड़पाना चाहती थी जैसे वो तड़प रही थी।

फोरप्ले इतना इरोटिक था कि दोनों एक-दूसरे में पूरी तरह खो गए। हर स्पर्श में प्यार था, हर सिसकारी में एक वादा – कि वो एक-दूसरे के लिए बने हैं। अनहद की उंगलियां अब तारा की पुसी में और गहराई तक जा रही थीं, एक उंगली, फिर दो, धीरे-धीरे अंदर-बाहर। तारा की पुसी गीली और गर्म थी, और उसकी सिसकारियां अब अनकंट्रोल, “अनहद... मैं... मैं तुम्हें और फील करना चाहती हूं,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी चाहत थी। अनहद ने तारा के क्लिटोरिस को फिर से रगड़ा, इस बार और जोर से, और तारा का शरीर झटके खाने लगा, जैसे वो चरम की ओर बढ़ रही हो।

तारा ने भी अनहद के पेनिस को और जोर से पकड़ा, अपनी हथेली को उसके चारों ओर लपेटा और तेजी से ऊपर-नीचे किया। “अनहद... तुम इतने हार्ड हो... मेरे लिए,” उसने फुसफुसाया, उसकी आंखों में एक मादक चमक थी। अनहद का पेनिस अब पूरी तरह हार्ड था, और तारा का स्पर्श उसे पागल कर रहा था। “तारा... तुम्हारा ये करना... मुझे तुम और चाहिए,” उसने कहा, उसकी सांसें तेज और अनकंट्रोल।

अनहद ने तारा की पुसी को और गहराई से छुआ, अपनी उंगलियों को अंदर-बाहर करते हुए, और तारा की सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “अनहद... मैं... मैं नहीं संभाल सकती... और...” तारा का शरीर तन गया, उसकी जांघें अनहद की उंगलियों के चारों ओर सिकुड़ रही थीं। अनहद ने तारा के क्लिटोरिस को फिर से रगड़ा, इस बार और तेज, और तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं। “अनहद... प्लीज... मुझे तुम और चाहिए,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी।

तारा ने भी अनहद के पेनिस को और जोर से सहलाया, अपनी उंगलियों को उसके टिप पर फेरते हुए, जहां वो सबसे ज्यादा सेंसिटिव था। अनहद की सिसकारी निकली, “तारा... तुम मुझे पागल कर रही हो...” उनका फोरप्ले अब इतना इंटेंस था कि दोनों एक-दूसरे की सांसों में, एक-दूसरे के स्पर्श में डूब चुके थे।

फोरप्ले की गर्माहट ने दोनों को एक तीव्र चरम की ओर ले जा रहा था। अनहद अब और रुक नहीं सका। उसने धीरे से नीचे झुका, तारा की जांघों को अपने मजबूत हाथों में लिया। उसकी उंगलियां तारा की नरम, गोरी जांघों पर फिरीं, धीरे-धीरे उन्हें फैलाते हुए। तारा की सांसें तेज हो गईं, उसका शरीर हल्का सा कांप रहा था। अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे पूछ रहा हो, “क्या मैं?” तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और एक गहरी चाहत थी। “अनहद... मैं तुम पर भरोसा करती हूं,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में शर्म और प्यार का मिश्रण।

अनहद का चेहरा अब तारा की पुसी के करीब था। उसकी जीभ ने पहले हल्के से छुआ, जैसे वो तारा की गर्माहट और नरमता को टेस्ट करना चाहता हो। तारा की पुसी पहले से ही गीली थी, और अनहद की जीभ के पहले स्पर्श से ही तारा की सिसकारी निकली, “अनहद... ओह...” उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी। अनहद ने अब गहराई से लिकिंग शुरू की – उसकी जीभ सर्कुलर मोशन में तारा की पुसी पर फिरी, पहले धीरे-धीरे, फिर एक लय में। उसका फोकस तारा के क्लिटोरिस पर था, जो अब सेंसिटिव और सख्त हो चुका था। अनहद की जीभ ने क्लिटोरिस को हल्के से छुआ, फिर सर्कुलर मोशन में रगड़ा, और तारा का शरीर तन गया। “अनहद... ओह गॉड... तुम्हारी जीभ... इतनी गर्म... और करो,” तारा ने सिसकारी भरी, उसकी आवाज कांप रही थी।

अनहद ने अपनी जीभ को और गहराई में ले जाया, तारा की पुसी के अंदर तक। उसने धीरे-धीरे लिक किया, फिर चूसना शुरू किया, जैसे वो तारा की हर खुशी को अपने अंदर समेट लेना चाहता हो। उसके हाथ तारा के बूब्स पर थे, उन्हें नरम लेकिन मजबूती से दबाते हुए। तारा के पैर कांप रहे थे, उसकी जांघें अनहद के चेहरे के चारों ओर सिकुड़ रही थीं। “वहां... क्लिट पर... हां... तुम मुझे पागल कर दोगे,” तारा ने मोन भरी, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। अनहद ने लिकिंग की स्पीड बढ़ाई, उसकी जीभ अब तेजी से ऊपर-नीचे हो रही थी, फिर क्लिटोरिस को हल्के से चूसने लगा। उसने अपनी जीभ को तारा की पुसी के अंदर-बाहर किया, हर बार और गहराई में, और तारा की सिसकारियां अब अनकंट्रोल हो गई थीं, “अनहद... मैं... मैं नहीं संभाल सकती... और...”

अनहद ने तारा के क्लिटोरिस पर और फोकस किया। उसने अपनी जीभ को तेजी से रगड़ा, फिर हल्के से चूसा, और तारा का शरीर झटके खाने लगा। उसने तारा की पुसी के होंठों को अपनी जीभ से खोला, हर हिस्से को प्यार से चूमा, और फिर क्लिटोरिस पर वापस आया। “अनहद... वहां... ठीक वहां... ओह... तुम मुझे चरम पर ले जा रहे हो,” तारा ने बुदबुदाया, उसकी सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, जैसे वो चरम की ओर बढ़ रही हो। अनहद ने अपनी जीभ को और तेज किया, एक लय में – ऊपर-नीचे, सर्कुलर, फिर चूसना। उसके हाथ तारा के बूब्स को और जोर से दबा रहे थे, निप्पल्स को उंगलियों से मसलते हुए, और तारा का पूरा शरीर जवाब दे रहा था। “अनहद... मैं... मैं अब और नहीं... ओह...” तारा की आवाज में एक गहरी चाहत थी, जैसे वो इस पल में पूरी तरह डूब चुकी हो।

अनहद ने तारा की पुसी को और गहराई से चूमा, उसकी जीभ अब हर हिस्से को एक्सप्लोर कर रही थी। उसने क्लिटोरिस को फिर से चूसा, इस बार और जोर से, और तारा का शरीर झटके खाने लगा। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... प्लीज... और...” तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं, लेकिन वो खुद को कंट्रोल कर रही थी, क्योंकि लाइब्रेरी का सन्नाटा उनकी गवाह था। अनहद ने अपनी जीभ को और तेज किया, तारा की पुसी के हर हिस्से को प्यार से चूमा, और तारा का शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था। “अनहद... मैं... मैं नहीं रुक सकती...” तारा ने मोन भरी, और उसका शरीर एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहर में डूब गया।

ये पूसी लिकिंग इतनी डिटेल्ड और इंटेंस थी कि तारा का पूरा शरीर जवाब दे रहा था – प्यार और प्लेजर का वो मिश्रण जो सिर्फ सच्चा प्यार दे सकता है।

फोरप्ले की गर्माहट ने दोनों को एक तीव्र चरम की ओर ले जा रहा था। अनहद अब और रुक नहीं सका। उसने धीरे से नीचे झुका, तारा की जांघों को अपने मजबूत हाथों में लिया। उसकी उंगलियां तारा की नरम, गोरी जांघों पर फिरीं, धीरे-धीरे उन्हें फैलाते हुए। तारा की सांसें तेज हो गईं, उसका शरीर हल्का सा कांप रहा था। अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे पूछ रहा हो, “क्या मैं?” तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और एक गहरी चाहत थी। “अनहद... मैं तुम पर भरोसा करती हूं,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में शर्म और प्यार का मिश्रण।

अनहद का चेहरा अब तारा की पुसी के करीब था। उसकी जीभ ने पहले हल्के से छुआ, जैसे वो तारा की गर्माहट और नरमता को टेस्ट करना चाहता हो। तारा की पुसी पहले से ही गीली थी, और अनहद की जीभ के पहले स्पर्श से ही तारा की सिसकारी निकली, “अनहद... ओह...” उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी। अनहद ने अब गहराई से लिकिंग शुरू की – उसकी जीभ सर्कुलर मोशन में तारा की पुसी पर फिरी, पहले धीरे-धीरे, फिर एक लय में। उसका फोकस तारा के क्लिटोरिस पर था, जो अब सेंसिटिव और सख्त हो चुका था। अनहद की जीभ ने क्लिटोरिस को हल्के से छुआ, फिर सर्कुलर मोशन में रगड़ा, और तारा का शरीर तन गया। “अनहद... ओह गॉड... तुम्हारी जीभ... इतनी गर्म... और करो,” तारा ने सिसकारी भरी, उसकी आवाज कांप रही थी।

अनहद ने अपनी जीभ को और गहराई में ले जाया, तारा की पुसी के अंदर तक। उसने धीरे-धीरे लिक किया, फिर चूसना शुरू किया, जैसे वो तारा की हर खुशी को अपने अंदर समेट लेना चाहता हो। उसके हाथ तारा के बूब्स पर थे, उन्हें नरम लेकिन मजबूती से दबाते हुए। तारा के पैर कांप रहे थे, उसकी जांघें अनहद के चेहरे के चारों ओर सिकुड़ रही थीं। “वहां... क्लिट पर... हां... तुम मुझे पागल कर दोगे,” तारा ने मोन भरी, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। अनहद ने लिकिंग की स्पीड बढ़ाई, उसकी जीभ अब तेजी से ऊपर-नीचे हो रही थी, फिर क्लिटोरिस को हल्के से चूसने लगा। उसने अपनी जीभ को तारा की पुसी के अंदर-बाहर किया, हर बार और गहराई में, और तारा की सिसकारियां अब अनकंट्रोल हो गई थीं, “अनहद... मैं... मैं नहीं संभाल सकती... और...”
अनहद ने तारा के क्लिटोरिस पर और फोकस किया। उसने अपनी जीभ को तेजी से रगड़ा, फिर हल्के से चूसा, और तारा का शरीर झटके खाने लगा। उसने तारा की पुसी के होंठों को अपनी जीभ से खोला, हर हिस्से को प्यार से चूमा, और फिर क्लिटोरिस पर वापस आया। “अनहद... वहां... ठीक वहां... ओह... तुम मुझे चरम पर ले जा रहे हो,” तारा ने बुदबुदाया, उसकी सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, जैसे वो चरम की ओर बढ़ रही हो। अनहद ने अपनी जीभ को और तेज किया, एक लय में – ऊपर-नीचे, सर्कुलर, फिर चूसना। उसके हाथ तारा के बूब्स को और जोर से दबा रहे थे, निप्पल्स को उंगलियों से मसलते हुए, और तारा का पूरा शरीर जवाब दे रहा था। “अनहद... मैं... मैं अब और नहीं... ओह...” तारा की आवाज में एक गहरी चाहत थी, जैसे वो इस पल में पूरी तरह डूब चुकी हो।

अनहद ने तारा की पुसी को और गहराई से चूमा, उसकी जीभ अब हर हिस्से को एक्सप्लोर कर रही थी। उसने क्लिटोरिस को फिर से चूसा, इस बार और जोर से, और तारा का शरीर झटके खाने लगा। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... प्लीज... और...” तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं, लेकिन वो खुद को कंट्रोल कर रही थी, क्योंकि लाइब्रेरी का सन्नाटा उनकी गवाह था। अनहद ने अपनी जीभ को और तेज किया, तारा की पुसी के हर हिस्से को प्यार से चूमा, और तारा का शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था। “अनहद... मैं... मैं नहीं रुक सकती...” तारा ने मोन भरी, और उसका शरीर एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहर में डूब गया।

ये पूसी लिकिंग इतनी डिटेल्ड और इंटेंस थी कि तारा का पूरा शरीर जवाब दे रहा था – प्यार और प्लेजर का वो मिश्रण जो सिर्फ सच्चा प्यार दे सकता है।

फोरप्ले और पूसी लिकिंग की तीव्रता ने दोनों को एक ऐसे चरम की ओर ले जा रहा था जहां रुकना असंभव था। अनहद अब और इंतजार नहीं कर सका। वो खड़ा हुआ, तारा को दीवार से और मजबूती से लगाया, स्टैंडिंग पोजीशन में। उसने तारा की जांघों को अपने हाथों में लिया, उन्हें हल्के से ऊपर उठाया, और तारा के पैर स्वाभाविक रूप से अनहद की कमर पर लिपट गए। तारा की पीठ दीवार से टिकी थी, और उसकी आंखें अनहद की आंखों में थीं – उनमें भरोसा, चाहत और एक गहरी आत्मीयता थी। “अनहद... मैं तुम्हारे लिए तैयार हूं,” तारा ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी।
अनहद ने धीरे से तारा की पुसी पर अपने पेनिस को टच किया, पहले हल्के से, जैसे वो तारा की गर्माहट और टाइटनेस को महसूस करना चाहता हो। फिर उसने धीरे से एंटर किया, पहले स्लो, ताकि तारा को उसका पूरा फील मिले। तारा की पुसी टाइट थी, गीली और गर्म, और अनहद की सिसकारी निकली, “तारा... तुम इतनी टाइट हो... मुझे पागल कर रही हो।” तारा ने जवाब दिया, उसकी सांसें तेज, “अनहद... तुम्हारा... मुझे भर रहा है... और करो।” उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी, जैसे वो अनहद को अपने और गहराई में ले जाना चाहती हो।

अनहद ने स्लो थ्रस्ट्स शुरू किए, हर थ्रस्ट में धीरे-धीरे अंदर-बाहर, जैसे वो तारा की हर सनसनी को महसूस करना चाहता हो। तारा की पुसी हर थ्रस्ट के साथ और टाइट हो रही थी, और उसकी सिसकारियां अनकंट्रोल, “हां... अनहद... ठीक वैसे... और गहरा...” अनहद ने तारा की कमर को और मजबूती से पकड़ा, उसके थ्रस्ट्स अब तेज होने लगे – गहरे, जोरदार, लेकिन फिर भी एक लय में। हर थ्रस्ट में तारा का शरीर दीवार से टकरा रहा था, और उसकी सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “हां... तेज... हार्डर... मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए।”
तारा के पैर अनहद की कमर पर और कसकर लिपट गए, जैसे वो उसे अपने और करीब खींचना चाहती हो। उसके नाखून अनहद की पीठ पर गड़ रहे थे, हल्के से, लेकिन इतने पैशन से कि अनहद को उसका दर्द भी प्लेजर लग रहा था। “तारा... तुम मेरी हो... हर थ्रस्ट तुम्हें मेरा बनाता है,” अनहद ने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी भूख और प्यार का मिश्रण था। तारा ने जवाब दिया, “अनहद... हां... मुझे और... मैं तुम्हारी हूं... पूरी तरह।” उसकी सिसकारियां अब लाइब्रेरी के सन्नाटे में गूंज रही थीं, और उनकी सांसें एक-दूसरे से टकरा रही थीं।

अनहद के थ्रस्ट्स अब और तेज, और गहरे हो गए। हर थ्रस्ट में उसका पेनिस तारा की पुसी के अंदर तक जा रहा था, और तारा की पुसी हर बार और टाइट हो रही थी, जैसे वो अनहद को अपने अंदर समेट लेना चाहती हो। “अनहद... तुम इतने गहरे... ओह... मुझे फील हो रहा है... हर इंच,” तारा ने मोन भरी, उसका शरीर अब पूरी तरह अनहद के कंट्रोल में था। अनहद ने तारा के बूब्स को अपने हाथों में लिया, उन्हें जोर से दबाया, और फिर एक निप्पल को चूसा, जबकि उसके थ्रस्ट्स रुके नहीं। “तारा... तुम्हारी टाइटनेस... मुझे दीवाना बना रही है,” उसने कहा, उसकी सांसें तेज और अनकंट्रोल।

अनहद के थ्रस्ट्स अब पूरी तरह रिदम में थे – तेज, गहरे, और इतने इंटेंस कि तारा का शरीर हर बार झटके खा रहा था। तारा की पुसी अनहद के पेनिस को और कसकर पकड़ रही थी, जैसे वो उसे कभी छोड़ना ही न चाहती हो। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... और... हार्डर,” तारा ने चिल्लाया, उसकी आवाज अब अनकंट्रोल थी, लेकिन वो खुद को लाइब्रेरी के सन्नाटे में दबा रही थी। अनहद ने तारा के बूब्स को और जोर से दबाया, उसके निप्पल्स को उंगलियों से मसला, और थ्रस्ट्स को और तेज किया। “तारा... तुम मेरी हो... हर थ्रस्ट के साथ... मैं तुम्हें और प्यार करता हूं,” उसने कहा, उसकी सांसें तेज और गहरी।
तारा का शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था, उसकी पुसी अनहद के हर थ्रस्ट के साथ कांट्रैक्ट हो रही थी। “अनहद... मैं... मैं नहीं रुक सकती... ओह...” तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं, और उसका शरीर एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहर में डूब गया। अनहद के थ्रस्ट्स भी चरम पर थे, और वो भी उसी लहर में डूब रहा था। ये हार्डकोर इतना इंटेंस था कि लाइब्रेरी का सन्नाटा उनकी सांसों और मोन्स से भर गया, और वो दोनों एक-दूसरे में पूरी तरह खो चुके थे।

हार्डकोर थ्रस्टिंग की तीव्रता ने दोनों को एक ऐसे चरम पर पहुंचा दिया था जहां उनकी चाहतें और गहरी हो गई थीं। अनहद और तारा अब एक नए, और भी इंटीमेट स्तर की ओर बढ़ रहे थे। अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे पूछ रहा हो, “क्या तुम तैयार हो?” तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और एक गहरी चाहत थी। “अनहद, मैं तुम पर भरोसा करती हूं,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में शर्म और समर्पण का मिश्रण था।

तारा ने धीरे से पीछे मुड़कर दीवार पर अपने हाथ टेक दिए। उसकी पीठ अनहद की ओर थी, और उसका शरीर हल्के से कांप रहा था – न सिर्फ उत्साह से, बल्कि इस नए अनुभव के डर और उत्सुकता से। अनहद ने तारा की कमर को अपने हाथों में लिया, उसकी नरम त्वचा को सहलाते हुए। उसने धीरे से अपनी उंगलियों पर सलाइवा लगाया, और तारा के एनल पर हल्के से मसाज की, ताकि वो रिलैक्स हो सके। “तारा, मैं धीरे करूंगा... तुम्हें दर्द नहीं होने दूंगा,” उसने कहा, उसकी आवाज में प्यार और केयर थी। तारा ने जवाब दिया, “अनहद... मुझे थोड़ा डर लग रहा है... लेकिन तुम पर भरोसा है। धीरे करो।”
अनहद ने धीरे से अपने पेनिस को तारा के एनल पर टच किया, पहले हल्के से, जैसे वो तारा को इस नए अनुभव के लिए तैयार करना चाहता हो। फिर उसने धीरे से एंटर किया – पहले सिर्फ टिप, ताकि तारा को एडजस्ट करने का समय मिले। तारा की सांस रुक गई, और एक हल्की-सी सिसकारी निकली, “अनहद... दर्द हो रहा है... लेकिन धीरे... मैं तुम पर भरोसा करती हूं।” अनहद ने रुककर तारा की कमर को सहलाया, “तारा, मैं तुम्हें कभी दर्द नहीं दूंगा। रिलैक्स करो, मैं तुम्हारे साथ हूं,” उसने कहा, और धीरे-धीरे और अंदर गया, हर पल तारा की प्रतिक्रिया को देखते हुए।

तारा का शरीर पहले सिकुड़ा, लेकिन अनहद की केयर और धीमे मूवमेंट्स ने उसे रिलैक्स करने में मदद की। अनहद ने थ्रस्ट्स शुरू किए, पहले स्लो, हर थ्रस्ट में धीरे-धीरे अंदर-बाहर, ताकि तारा को प्लेजर मिले। “तारा... तुम्हारी टाइटनेस... मुझे दीवाना बना रही है,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। तारा ने जवाब दिया, उसकी सांसें अब स्थिर हो रही थीं, “अनहद... अब... अच्छा लग रहा है... पीछे से... तुम्हारा फील... ओह...” उसकी आवाज में दर्द अब प्लेजर में बदल रहा था, और उसका शरीर अनहद के थ्रस्ट्स के साथ लय में ढल रहा था।

अनहद ने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई, उसके थ्रस्ट्स अब और गहरे हो रहे थे। उसके हाथ तारा के बूब्स पर गए, उन्हें नरम लेकिन मजबूती से दबाते हुए, जैसे वो तारा को हर तरह से अपने करीब खींचना चाहता हो। तारा की सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “अनहद... और... मुझे तुम चाहिए... पूरा।” उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी, जैसे वो अनहद को अपने और गहराई में ले जाना चाहती हो। अनहद ने तारा की कमर को और कसकर पकड़ा, उसके थ्रस्ट्स अब एक लय में – तेज, गहरे, और इतने इंटेंस कि तारा का शरीर हर बार झटके खा रहा था। “तारा... तुम मुझे पागल कर रही हो... तुम्हारी टाइटनेस... ओह,” अनहद ने सिसकारी भरी, उसकी सांसें तेज और अनकंट्रोल।

तारा ने अपने हाथों को दीवार पर और जोर से टेका, उसकी जांघें अनहद के थ्रस्ट्स के साथ हिल रही थीं। “अनहद... हां... और गहरा... मुझे तुम हर जगह फील हो रहे हो,” उसने मोन भरी, उसका शरीर अब पूरी तरह प्लेजर में डूब चुका था। अनहद ने तारा के बूब्स को और जोर से दबाया, उसके निप्पल्स को उंगलियों से मसला, और थ्रस्ट्स को और तेज किया। “तारा... तुम मेरी हो... हर थ्रस्ट के साथ... मैं तुम्हें और प्यार करता हूं,” उसने कहा, उसकी आवाज में प्यार और पैशन का मिश्रण था।

अनहद के थ्रस्ट्स अब पूरी तरह रिदम में थे – तेज, गहरे, और इतने इंटेंस कि तारा का शरीर हर बार झटके खा रहा था। तारा का एनल अनहद के पेनिस को और कसकर पकड़ रहा था, जैसे वो उसे कभी छोड़ना ही न चाहती हो। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... और... हार्डर,” तारा ने चिल्लाया, उसकी आवाज अब अनकंट्रोल थी, लेकिन वो खुद को लाइब्रेरी के सन्नाटे में दबा रही थी। अनहद ने तारा के बूब्स को और जोर से दबाया, उसके निप्पल्स को उंगलियों से मसला, और थ्रस्ट्स को और तेज किया। “तारा... तुम मेरी हो... हर थ्रस्ट के साथ... मैं तुम्हें और प्यार करता हूं,” उसने कहा, उसकी सांसें तेज और गहरी।
तारा का शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था, उसका एनल अनहद के हर थ्रस्ट के साथ कांट्रैक्ट हो रहा था। “अनहद... मैं... मैं नहीं रुक सकती... ओह...” तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं, और उसका शरीर एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहर में डूब गया। अनहद के थ्रस्ट्स भी चरम पर थे, और वो भी उसी लहर में डूब रहा था। ये एनल इतना डिटेल्ड और पैशनेट था, दर्द और प्लेजर का मिश्रण – प्यार की वो गहराई जहां ट्रस्ट सब कुछ होता है।

एनल और हार्डकोर थ्रस्टिंग की तीव्रता ने दोनों को एक ऐसे चरम की ओर ले जा रहा था जहां रुकना असंभव था। अनहद के थ्रस्ट्स अब अपने पूरे जोर पर थे – तेज, गहरे, और इतने इंटेंस कि तारा का शरीर हर थ्रस्ट के साथ झटके खा रहा था। तारा की पुसी और एनल अनहद के पेनिस को कसकर पकड़ रहे थे, जैसे वो उसे कभी छोड़ना ही न चाहती हो। तारा के पैर अनहद की कमर पर लिपटे थे, और उसके नाखून अनहद की पीठ पर गड़ रहे थे, हल्के से, लेकिन इतने पैशन से कि अनहद को उसका दर्द भी प्लेजर लग रहा था। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... ओह...” तारा ने चिल्लाया, उसकी आवाज अब अनकंट्रोल थी, लेकिन लाइब्रेरी के सन्नाटे में दबी हुई। उसका शरीर तन गया, उसकी जांघें अनहद के चारों ओर और कसकर लिपट गईं, और उसकी पुसी और एनल कांट्रैक्ट हो रहे थे, जैसे वो अनहद को अपने और गहराई में खींचना चाहती हो।

अनहद के थ्रस्ट्स और तेज हुए, हर थ्रस्ट में उसका पेनिस तारा के अंदर तक जा रहा था, और उसकी सांसें तेज और गहरी थीं। “तारा... तुम मुझे पागल कर रही हो... मैं... मैं कमिंग...” उसने सिसकारी भरी, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदल रही थीं, “अनहद... मैं... मैं आ रही हूं... ओह...” उसका शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था – उसकी पुसी और एनल अनहद के पेनिस को और कसकर पकड़ रहे थे, और एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहरें उसके शरीर में दौड़ रही थीं। तारा का शरीर झटके खा रहा था, उसकी जांघें कांप रही थीं, और उसकी आंखें बंद थीं, जैसे वो इस चरम सुख में पूरी तरह डूब चुकी हो।

अनहद भी अब चरम पर था। उसने तारा की कमर को और कसकर पकड़ा, और एक आखिरी गहरा थ्रस्ट दिया। “तारा... मैं... मैं नहीं रुक सकता...” उसने मोन भरी, और फिर उसके अंदर रिलीज हुआ – गर्म फ्लूइड, जो तारा के अंदर फैल गया। तारा ने भी उसी पल में अपने ऑर्गेज्म की चरम सीमा को छुआ, उसकी पुसी और एनल कांट्रैक्ट हो रहे थे, और उसका शरीर एक के बाद एक झटके खा रहा था। “अनहद... ओह गॉड... ये... ये इतना इंटेंस...” तारा की आवाज कांप रही थी, और उसकी आंखों में आंसू थे – खुशी के, प्यार के, और इस तीव्र सुख के।

दोनों के शरीर पसीने से तर थे, कांप रहे थे, और उनकी सांसें एक-दूसरे से टकरा रही थीं। तारा का शरीर अभी भी झटके खा रहा था, जैसे ऑर्गेज्म की लहरें अब भी उसके अंदर दौड़ रही हों। अनहद ने तारा को अपने और करीब खींचा, उसकी कमर को पकड़े हुए, और धीरे-धीरे अपने थ्रस्ट्स को धीमा किया। “तारा... ये हमारा मिलन... मैं कभी नहीं भूलूंगा,” उसने कहा, उसकी आवाज में प्यार और थकान का मिश्रण था। तारा ने जवाब दिया, उसकी आंखें अभी भी नम थीं, “अनहद, ये... हमारा प्यार है... मैं इसे हमेशा संजोकर रखूंगी।”

तारा का ऑर्गेज्म इतना तीव्र था कि उसका पूरा शरीर जवाब दे रहा था। उसकी पुसी और एनल अनहद के पेनिस को कसकर पकड़ रहे थे, और हर कांट्रैक्शन में एक नई लहर दौड़ रही थी। उसकी जांघें कांप रही थीं, और उसका शरीर जैसे बिजली की तरह झनझना रहा था। “अनहद... मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया... तुमने मुझे पूरा कर दिया,” तारा ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक गहरी संतुष्टि थी। अनहद का ऑर्गेज्म भी उतना ही तीव्र था – उसका रिलीज गर्म और शक्तिशाली था, और उसने तारा के अंदर अपनी पूरी भावनाएं उड़ेल दी थीं। “तारा, तुम मेरी हो... हर पल, हर सांस में,” उसने कहा, उसकी सांसें अभी भी तेज थीं।

इस क्लाइमेक्स में सिर्फ शारीरिक सुख नहीं था; ये उनके प्यार का एक गहरा इजहार था। अनहद का हर थ्रस्ट, हर रिलीज तारा को बता रहा था कि वो उसकी हर खूबसूरती, हर कमजोरी को स्वीकार करता है। तारा का हर झटका, हर सिसकारी अनहद को बता रहा था कि वो उस पर पूरा भरोसा करती है, और इस चरम सुख में भी वो अनहद के साथ पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती है। “अनहद, तुमने मुझे वो खुशी दी जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी,” तारा ने कहा, उसकी आंखों में आंसू चमक रहे थे। अनहद ने जवाब दिया, “तारा, तुम मेरी जिंदगी हो। तुम्हारी खुशी मेरी खुशी है।”

ये क्लाइमेक्स इतना इंटेंस था कि दोनों के शरीर और आत्माएं एक-दूसरे में पूरी तरह घुल गए। तारा का शरीर अभी भी ऑर्गेज्म की लहरों में कांप रहा था, और अनहद का शरीर भी उस तीव्र रिलीज की थकान में डूबा था। दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया, उनके पसीने से तर शरीर एक-दूसरे से चिपके हुए थे। तारा की आंखों में आंसू थे – खुशी के, प्यार के, और इस तीव्र मिलन के। “अनहद, ये पल... हमारा प्यार... मैं इसे हमेशा अपने दिल में रखूंगी,” उसने कहा। अनहद ने तारा के बालों को सहलाया, “तारा, ये हमारा प्यार है... हमेशा के लिए।”

क्लाइमेक्स की तीव्रता के बाद दोनों का शरीर अभी भी उस गहरे सुख की लहरों में कांप रहा था। अनहद ने तारा को धीरे से अपनी बाहों में लिया और दोनों फर्श पर बैठ गए, एक-दूसरे को गले लगाए। तारा की पीठ दीवार से टिकी थी, और अनहद का सिर उसके कंधे पर था, जैसे वो उसकी गर्माहट में सुकून पाना चाहता हो। उनके पसीने से तर शरीर एक-दूसरे से चिपके हुए थे, और उनकी सांसें धीरे-धीरे सामान्य हो रही थीं। अनहद ने तारा के माथे पर एक नरम, प्यार भरा किस किया, जैसे वो अपने दिल का हर भाव उस एक स्पर्श में उड़ेल देना चाहता हो। “तारा, तुम मेरी जिंदगी हो। ये पल... हमारा खजाना है। मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी आत्मीयता थी।

तारा ने अनहद के सीने पर अपना सिर रखा, उसकी गर्माहट को महसूस करते हुए। “अनहद, मैं तुम्हारी हूं। अब हर डर को हम साथ हराएंगे,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक गहरी संतुष्टि और भरोसा था। तारा की उंगलियां अनहद के बालों में फिरीं, धीरे-धीरे उन्हें सहलाते हुए, जैसे वो इस पल को और गहराई से जीना चाहती हो। दोनों की सांसें अब एक लय में थीं, जैसे उनके दिल एक ही धड़कन में धड़क रहे हों। तारा ने अनहद की आंखों में देखा, “तुम्हारे साथ हर पल जादुई है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्यार इतना गहरा हो सकता है।” अनहद ने मुस्कुराकर तारा के बालों को सहलाया, “और तुम मेरे जादू हो, तारा। तुमने मुझे वो खुशी दी जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी।”

दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाए रखा, और उनकी बातें अब भविष्य की ओर बढ़ीं। अनहद ने तारा के गाल को सहलाते हुए कहा, “तारा, एक दिन हम अपना घर बनाएंगे। एक छोटा-सा घर, जहां सिर्फ हम हों, हमारा प्यार हो, और हमारी खुशियां हों।” तारा ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “हां, अनहद। एक ऐसा घर जहां मैं सुबह तुम्हारे लिए चाय बनाऊंगी, और तुम मुझे अपनी बाहों में ले लोगे।” उसकी आंखें सपनों से चमक रही थीं, जैसे वो उस भविष्य को अभी जी रही हो।

अनहद ने तारा के हाथ को अपने हाथ में लिया, उसकी उंगलियों को अपने होंठों से चूमा। “तारा, मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूंगा। हर सुख-दुख में, मैं तुम्हारा साथी रहूंगा।” तारा की आंखें फिर से नम हो गईं, “अनहद, तुमने मुझे वो प्यार दिया जो मैंने कभी नहीं मांगा, लेकिन हमेशा चाहा। मैं तुम्हारे बिना अधूरी हूं।” दोनों की बातें अब सिर्फ शब्द नहीं थीं; वो उनके दिलों के वादे थे, जो इस पल में और भी मजबूत हो रहे थे।

आफ्टर सेक्स पल सिर्फ शारीरिक सुख का समापन नहीं था; ये उनके प्यार का एक गहरा इजहार था। अनहद और तारा ने एक-दूसरे को गले लगाए रखा, जैसे वो इस पल को हमेशा के लिए कैद कर लेना चाहते हों। तारा ने अनहद के सीने पर अपना सिर रखा, “अनहद, ये पल... हमारा प्यार... मैं इसे अपने दिल में हमेशा संजोकर रखूंगी।” अनहद ने तारा के बालों को सहलाया, “तारा, ये हमारा प्यार है... हमेशा के लिए।” दोनों ने एक-दूसरे की आंखों में देखा, और उनकी नजरों में एक वादा था – कि चाहे दुनिया कुछ भी कहे, वो एक-दूसरे के साथ रहेंगे।
 

Malik420

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Dear agar hinglish ma likho tu bohat se log Jo Hindi nai read ker sakty Hain wo bhi read comment suggestions de sakty hain
 

Sphinx

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Maa aur Tai yaa Bua Mausi wala sidhe sex mat karwa dena abhi tak jaisa kiya h

Thoda seduce thoda double meaning then thoda kinki bhi le aao
Warna saare sex scenes ek jaise lag Rahe h
 

parkas

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कॉलेज का चौथा साल अनहद के लिए सिर्फ डिग्री का पीछा नहीं था; ये उसकी जिंदगी का एक ऐसा मोड़ था, जहां वो अपने अंदर की खालीपन को भरना चाहता था। अनहद, तीसरे साल का छात्र, किताबों में खोया रहता, लेकिन उसका दिल तन्हाई से भरा था। परिवार से दूर, दोस्तों की भीड़ में भी वो अकेला महसूस करता। वो सोचता, “क्या कोई होगा जो मेरे अधूरेपन को पूरा करे?” फिर तारा आई, चौथे साल की सीनियर, लाइब्रेरी की वो रौशनी जो हर किसी को अपनी ओर खींच लेती थी। तारा की आंखों में एक कहानी थी – गांव से शहर तक का सफर, सपनों के पीछे भागना, और फिर भी एक ऐसी कोमलता जो सिर्फ सच्चे दिल वाले देख सकते थे। उसकी मुस्कान में छुपा दर्द अनहद को बांध लेता था।

उनकी मुलाकात लाइब्रेरी में हुई थी। अनहद मैथ्स के सवालों से जूझ रहा था, चेहरा लटका हुआ। तारा ने उसकी परेशानी देखी और पास आकर बोली, “क्या हुआ? कोई सवाल अटक गया? मैं सीनियर हूं, शायद हेल्प कर सकूं।” उसकी आवाज में गर्माहट थी, जैसे कोई पुराना दोस्त बात कर रहा हो। अनहद ने शरमाते हुए कहा, “हां... थोड़ा कन्फ्यूजन है।” उस दिन से शुरू हुआ उनका रिश्ता – पहले सिर्फ पढ़ाई, फिर दिल की बातें।
हर मुलाकात में वो एक-दूसरे को और समझने लगे। एक बार, लाइब्रेरी में बारिश की बूंदें खिड़कियों पर टकरा रही थीं। सन्नाटा गहरा था। अनहद ने किताब बंद की और बोला, “तारा, तुम इतनी अच्छी क्यों हो? इतना टाइम देती हो, मेरे जैसे जूनियर को। क्या तुम्हें कभी लगता है कि जिंदगी में कुछ छूट रहा है?” तारा ने किताब से नजरें उठाईं, उसकी आंखों में एक गहराई थी। “हां, अनहद। गांव में सब आसान था – मम्मी-पापा, भाई-बहन। लेकिन शहर में... ये भीड़ भी अकेली है। पढ़ाई तो बस एक बहाना है। असल में तो हम लोग किसी अपने की तलाश में हैं, है ना?”

अनहद का दिल धड़का। “हां... मैं भी यही सोचता हूं। मेरे पास सपने हैं – अच्छी जॉब, मम्मी-पापा को सुख देना। लेकिन अब लगता है, कोई खास इंसान चाहिए। कोई जो मेरे दिल को समझे।” तारा ने मुस्कुराकर कहा, “प्यार ऐसा ही होता है, अनहद। वो ढूंढने से नहीं मिलता, वो बस... हो जाता है। लेकिन डर लगता है। क्या अगर दिल टूटा तो?” अनहद ने उसका हाथ हल्के से छुआ, “तारा, तुम्हारे साथ डर नहीं लगता। तुम्हारे साथ सब सही लगता है।”

ये छोटी-छोटी बातें उनके बीच एक अनकहा रिश्ता बुन रही थीं। तारा ने अनहद को बताया कि कैसे उसने अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए गांव छोड़ा, कैसे वो रातों को चुपके से रोती थी। अनहद ने भी अपने दिल का राज खोला – बचपन में पिता की डांट, दोस्तों का साथ न मिलना, और वो खालीपन जो उसे खाए जा रहा था। हर मुलाकात में वो एक-दूसरे के जख्मों को सहलाते, और वो जख्म प्यार में बदलते। अनहद सोचता, “तारा, तुम मेरी जिंदगी की वो मिठास हो जो मैंने कभी नहीं जानी।” तारा के मन में, “अनहद, तुमने मुझे मेरे आप में फिर से ढूंढ लिया।”

एक दोपहर, लाइब्रेरी में सिर्फ कुछ स्टूडेंट्स बिखरे हुए थे। अनहद ने हिम्मत करके पूछा, “तारा, तुमने कभी किसी को पसंद किया? मतलब... प्यार?” तारा ने आंखें झुकाईं, “हाईस्कूल में एक क्रश था। लेकिन वो प्यार नहीं था, बस एक ख्याल। सच्चा प्यार वो है जहां दिल से दिल जुड़े, जहां डर के बावजूद भरोसा हो। तुम बताओ?” अनहद ने गहरी सांस ली, “मैं... मैं पहली बार किसी को इतना करीब महसूस कर रहा हूं। तुम्हें देखता हूं तो लगता है... यही वो इंसान है जिसके लिए मैं बना हूं।” तारा की आंखें नम हो गईं। “अनहद, मुझे भी ऐसा लगता है। लेकिन कॉलेज... सीनियर-जूनियर का फासला... लोग क्या कहेंगे? और अगर ये टूट गया तो?”

अनहद ने उसका हाथ थाम लिया, “तारा, लोग तो हमेशा कुछ न कुछ कहेंगे। लेकिन हमारा प्यार... ये सिर्फ हमारा है। और टूटने की बात? मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा।” तारा की आंखों में आंसू और मुस्कान एक साथ आए। “तुम सही हो, अनहद। तुम्हारे साथ मैं दुनिया से लड़ सकती हूं।”

उस शाम लाइब्रेरी में सन्नाटा था। अलमारियों के बीच, जहां रोशनी धीमी थी और किताबों की महक हवा में थी, अनहद और तारा एक-दूसरे के करीब आए। अनहद ने तारा को धीरे से दीवार की ओर खींचा, स्टैंडिंग में। उसका दिल तेज धड़क रहा था, डर और प्यार का मिश्रण। उसने तारा की आंखों में देखा – वो आंखें जो अब सिर्फ प्यार से चमक रही थीं। “तारा, तुम मेरी मेंटर हो, लेकिन मेरे दिल की क्वीन हो। तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूं। मैं तुम्हें हर पल, हर जन्म में प्यार करूंगा।” तारा की सांस रुक गई। उसने फुसफुसाया, “अनहद, तुमने मेरे दिल को छू लिया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई इतना स्पेशल हो सकता है। मैं तुमसे प्यार करती हूं... इतना कि डर भी भूल गई।”

अनहद ने तारा का चेहरा अपने हाथों में लिया। उसकी उंगलियां तारा के गालों पर फिरीं, जैसे वो उसकी खूबसूरती को महसूस करना चाहता हो। फिर वो करीब आया, और उनके होंठ मिले – एक गहन, पैशनेट किस। ये कोई साधारण किस नहीं थी; ये उनके सारे दर्द, सारी खुशियां, सारे सपनों का मिलन थी। अनहद के होंठ तारा के नरम होंठों पर दबे, पहले धीरे, फिर गहराई से। तारा ने अपने होंठ खोले, और उनकी जीभ एक-दूसरे से मिली – गर्म, गीली, और इतनी इंटेंस कि समय रुक सा गया। तारा के मन में एक ही ख्याल, “ये स्पर्श... जैसे मेरी आत्मा को जिंदगी मिल गई।” अनहद सोच रहा था, “तारा, तुम मेरी हो... हमेशा के लिए।”

किस के बीच तारा ने सिसकारी भरी, “अनहद... ये प्यार... इतना गहरा है। मैं डरती थी, लेकिन तुम्हारे साथ... सब सही लगता है।” उसकी आवाज में कांपन था, लेकिन प्यार की गर्माहट भी। अनहद ने किस को और गहरा किया, उसके हाथ तारा की कमर पर चले गए, उसे और करीब खींचा। तारा ने अनहद के बालों में उंगलियां फेरीं, जैसे वो उसे और गहराई में खींचना चाहती हो। “अनहद... तुम्हारा ये छूना... मुझे पागल कर रहा है,” तारा ने फुसफुसाया, उसकी सांसें तेज।

अनहद ने तारा की गर्दन पर किस किया, धीरे-धीरे नीचे सरकते हुए। उसकी सांसें तारा की त्वचा पर गर्म थीं, और हर किस में एक वादा था – “मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा।” तारा की सिसकारियां तेज हुईं, “अनहद... और... तुम्हारा मुंह... इतना गर्म... मुझे और चाहिए।” वो दोनों अब पूरी तरह एक-दूसरे में खो चुके थे। लाइब्रेरी का सन्नाटा उनकी सांसों से गूंज रहा था। बाहर से किसी के कदमों की आहट आई, और दोनों एक पल के लिए रुके। तारा ने डरते हुए कहा, “अनहद... अगर कोई आ गया तो?” अनहद ने उसकी आंखों में देखा, “डर मत, तारा। ये पल हमारा है। कोई नहीं छीन सकता।”

अनहद के हाथ अब धीरे-धीरे तारा की शर्ट के बटनों की ओर बढ़े। उसकी उंगलियां हल्के से कांप रही थीं – न सिर्फ उत्साह से, बल्कि उस गहरे प्यार की वजह से जो वो तारा के लिए महसूस कर रहा था। उसने पहला बटन खोला, धीरे से, जैसे वो कोई नाजुक फूल छू रहा हो। तारा की सांसें तेज हो गईं, उसका सीना ऊपर-नीचे हो रहा था। अनहद ने दूसरा बटन खोला, फिर तीसरा – हर बटन के साथ तारा की शर्ट धीरे-धीरे खुल रही थी, और ऐसा लग रहा था जैसे तारा का दिल भी अनहद के सामने खुल रहा हो। “अनहद... ये... इतना इंटीमेट है,” तारा ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में शर्म और प्यार का मिश्रण।
जब आखिरी बटन खुला, अनहद ने तारा की शर्ट को उसके कंधों से धीरे से सरकाया। शर्ट फर्श पर गिरी, और तारा की गोरी त्वचा अब हल्की रोशनी में चमक रही थी। उसकी काली ब्रा, जो उसकी त्वचा पर एकदम कॉन्ट्रास्ट बना रही थी, अनहद की नजरों में किसी कला की तरह लग रही थी। अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे पूछ रहा हो, “क्या मैं?” तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और समर्पण। अनहद के हाथ ब्रा के हुक तक पहुंचे। उसने हल्के से हुक खोले, एक-एक करके, जैसे कोई अनमोल खजाना खोल रहा हो। ब्रा खुलते ही तारा के बूब्स आजाद हुए, और अनहद की सांस रुक गई। “तारा... तुम इतनी खूबसूरत हो,” उसने कहा, उसकी आवाज में विस्मय और प्यार।

तारा ने शरमाते हुए अपनी बाहें सीने पर रखने की कोशिश की, लेकिन अनहद ने धीरे से उसकी बाहें हटाईं। “तारा, तुम्हें छुपाने की जरूरत नहीं। तुम मेरे लिए परफेक्ट हो,” उसने कहा। तारा की आंखें नम थीं, “अनहद... मुझे शर्म आ रही है... लेकिन तुम्हारे साथ... सब सही लगता है।”

अब अनहद का ध्यान तारा की स्कर्ट पर गया। उसने तारा की कमर को पकड़ा, और धीरे से स्कर्ट को ऊपर उठाया। तारा की जांघें नजर आईं – नरम, गोरी, और इतनी खूबसूरत कि अनहद का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने तारा की पैंटी को पकड़ा – काली, लेस वाली, जो तारा की खूबसूरती को और बढ़ा रही थी। अनहद ने धीरे से पैंटी को नीचे सरकाया, उसकी उंगलियां तारा की त्वचा को हल्के से छू रही थीं। तारा का शरीर हल्का सा कांप उठा, “अनहद... तुम्हारा छूना... मुझे जल रहा है,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक मादकता थी। पैंटी फर्श पर गिरी, और तारा अब पूरी तरह अनहद के सामने थी – नंगी, लेकिन उसकी आंखों में सिर्फ प्यार और भरोसा।

अब तारा की बारी थी। उसने अनहद की टी-शर्ट के किनारे पकड़े और धीरे से ऊपर उठाई। अनहद ने अपनी बाहें उठाकर मदद की, और टी-शर्ट उतरते ही तारा ने उसके सीने को छुआ। उसकी उंगलियां अनहद की गर्म त्वचा पर फिरीं, जैसे वो उसकी हर मांसपेशी को महसूस करना चाहती हो। “तुम इतने गर्म हो... जैसे मेरे लिए बने हो,” तारा ने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी चाहत। अनहद ने मुस्कुराकर कहा, “तारा, मैं तुम्हारा हूं... पूरी तरह।”

तारा ने अनहद की पैंट की बेल्ट खोली, उसकी उंगलियां हल्के से कांप रही थीं। उसने पैंट को नीचे सरकाया, और फिर अनहद की अंडरवियर पर हाथ रखा। धीरे से, प्यार से, उसने अंडरवियर उतार दी। अब दोनों एक-दूसरे के सामने थे – बिना किसी कपड़े के, बिना किसी दीवार के। उनके बीच सिर्फ प्यार था, कोई शर्म नहीं। हर कपड़ा उतरने के साथ उनकी आत्माएं और करीब आ रही थीं, जैसे वो एक-दूसरे में पूरी तरह समा जाना चाहते हों।

अनहद ने तारा को फिर से अपनी बाहों में लिया, उसकी नंगी त्वचा को अपनी त्वचा से छुआ। “तारा, तुम हर इंच में खूबसूरत हो... जैसे कोई सपना,” उसने कहा, उसकी आवाज में पैशन और इमोशन का गहरा मिश्रण। तारा ने जवाब दिया, “अनहद, तुम्हारे साथ मैं खुद को पूरा महसूस करती हूं। तुम मेरी ताकत हो, मेरी कमजोरी भी।”

अनहद का ध्यान अब तारा के बूब्स पर गया। उसकी नजरें तारा के सीने पर ठहर गईं – वो नरम, गोल, और गोरे बूब्स, जो उसकी त्वचा पर एकदम परफेक्ट लग रहे थे। उनकी गोलाई, उनकी कोमलता, और वो हल्के गुलाबी निप्पल्स, जो अब चाहत से सख्त हो चुके थे, अनहद को जैसे जादू में बांध रहे थे। उसने पहले हल्के से छुआ, अपनी उंगलियों को तारा के एक बूब पर धीरे-धीरे फेरते हुए, जैसे वो उसकी हर रेखा, हर कर्व को महसूस करना चाहता हो। तारा की सांसें तेज हो गईं, उसका सीना ऊपर-नीचे हो रहा था, और एक हल्की-सी सिसकारी उसके होंठों से निकली, “अनहद... तुम्हारा छूना... मुझे जल रहा है।”

अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे वो उसकी अनुमति मांग रहा हो। तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और एक गहरी चाहत। अनहद ने धीरे से तारा के एक बूब को अपने हाथ में लिया, पहले हल्के से दबाया, जैसे वो उसकी कोमलता को टेस्ट कर रहा हो। फिर उसने थोड़ा और जोर लगाया, तारा के बूब को अपनी हथेली में नरम लेकिन मजबूती से पकड़ा। तारा की पीठ झुकी, और एक गहरी सिसकारी निकली, “अनहद... हां... वहां... और करो...” उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी, जैसे वो अनहद को अपने और करीब खींचना चाहती हो।

अनहद का मुंह अब तारा के एक निप्पल पर गया। उसने पहले हल्के से चूमा, अपने होंठों को निप्पल पर हल्के से टच किया, जैसे वो उसकी गर्माहट को महसूस करना चाहता हो। फिर उसने निप्पल को अपने होंठों के बीच लिया, धीरे-धीरे चूसना शुरू किया – गहराई से, पैशन से, जैसे वो तारा की आत्मा को चूम रहा हो। तारा की सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “अनहद... ओह... और चूसो... मुझे तुम्हारा मुंह चाहिए...” उसकी आवाज कांप रही थी, और उसका शरीर अनहद के स्पर्श से थरथरा रहा था।

अनहद ने एक बूब को अपने हाथ से दबाया, उसकी उंगलियां तारा की नरम त्वचा में हल्के से धंस रही थीं, लेकिन इतने प्यार से कि तारा को सिर्फ प्लेजर महसूस हुआ। उसका दूसरा हाथ तारा की कमर पर था, उसे और करीब खींचते हुए, जैसे वो तारा को पूरी तरह अपने में समेट लेना चाहता हो। उसने दूसरे बूब को अपने मुंह में लिया, निप्पल को चूसा, और फिर हल्के से अपने दांतों से काटा – इतने नरम और पैशनेट तरीके से कि तारा को दर्द नहीं, बल्कि एक इलेक्ट्रिक सा प्लेजर हुआ। “अनहद... तुम्हारा मुंह... मेरे बूब्स पर... जैसे मैं स्वर्ग में हूं,” तारा ने बुदबुदाया, उसका शरीर अब पूरी तरह अनहद के कंट्रोल में था।

अनहद ने अब दोनों बूब्स को बारी-बारी से प्यार किया। उसने एक बूब को दबाते हुए, अपनी उंगलियों से निप्पल को हल्के से मसला, फिर जोर से। उसकी जीभ दूसरे निप्पल के चारों ओर गोल-गोल घूमी, पहले धीरे, फिर तेजी से, जैसे वो तारा की हर सिसकारी को और तेज करना चाहता हो। तारा के हाथ अनहद के बालों में थे, उसे और करीब खींचते हुए। “अनहद... और जोर से... मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए... हर इंच पर,” उसने कहा, उसकी सिसकारियां अब लाइब्रेरी के सन्नाटे में गूंज रही थीं, लेकिन वो दोनों इस पल में इतने खो चुके थे कि दुनिया भूल चुके थे।

अनहद ने तारा के बूब्स को दोनों हाथों से पकड़ा, उन्हें एक साथ दबाया, और फिर बारी-बारी से चूसा। उसकी जीभ निप्पल्स पर तेजी से फिरी, फिर धीरे-धीरे, हर पल को और इंटेंस बनाते हुए। उसने एक निप्पल को अपने होंठों में दबाया, हल्के से खींचा, और तारा की सिसकारी अब एक गहरे मोन में बदल गई, “अनहद... ओह गॉड... तुम मुझे पागल कर रहे हो...” तारा का शरीर तन गया, उसके पैर कांप रहे थे, जैसे वो इस पैशन की लहरों में डूब रही हो। अनहद ने तारा के बूब्स को फिर से दबाया, इस बार और जोर से, और उसके मुंह ने निप्पल्स को चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ी – हर चूसने में एक गहरी भूख थी, जैसे वो तारा की हर खुशी को अपने अंदर समेट लेना चाहता हो।

फोरप्ले शुरू हुआ। अनहद ने तारा की कमर को अपने मजबूत हाथों में लिया, उसे और करीब खींचा, जैसे वो तारा को अपनी आत्मा में समेट लेना चाहता हो। उसकी हथेलियां तारा की नरम, गर्म त्वचा पर फिरीं, और तारा का शरीर हल्का सा कांप उठा। अनहद की उंगलियां धीरे-धीरे तारा की जांघों पर फिरीं, पहले बाहरी तरफ, फिर धीरे-धीरे अंदर की ओर। उसका स्पर्श इतना नाजुक था, फिर भी इतना इंटेंस कि तारा की सांसें तेज हो गईं। “अनहद... तुम्हारा स्पर्श... मुझे जल रहा है,” तारा ने सिसकारी भरी, उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी। उसने अनहद के कंधों को पकड़ा, जैसे वो इस तीव्र अनुभूति में खुद को संभालना चाहती हो।

अनहद ने तारा के कान के पास अपना चेहरा लाया, उसकी गर्म सांसें तारा की त्वचा को छू रही थीं। “तारा, मैं तुम्हें हर जगह छूना चाहता हूं... तुम मेरी हो,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक गहरी चाहत थी, जैसे वो तारा को सिर्फ अपने शरीर से नहीं, बल्कि अपनी आत्मा से छूना चाहता हो। उसकी उंगलियां अब तारा की पुसी पर पहुंचीं, पहले हल्के से छुआ, जैसे वो उसकी प्रतिक्रिया को महसूस करना चाहता हो। फिर उसने धीरे-धीरे रगड़ना शुरू किया, अपनी उंगलियों को तारा की गीली, नरम त्वचा पर हल्के से फेरते हुए। तारा की सिसकारी निकली, “ओह... अनहद... वहां... और करो...” उसकी आवाज कांप रही थी, और उसका शरीर अनहद के स्पर्श से थरथरा रहा था।

अनहद ने तारा के क्लिटोरिस को हल्के से दबाया, पहले धीरे, फिर सर्कुलर मोशन में रगड़ा। उसकी उंगलियां एक लय में चल रही थीं – धीमी, फिर तेज, जैसे वो तारा की हर सिसकारी को और तेज करना चाहता हो। तारा का शरीर तन गया, उसकी सांसें अनकंट्रोल हो रही थीं। “तुम... इतना अच्छा... कैसे?” वो बुदबुदाई, उसकी आवाज में विस्मय और प्लेजर का मिश्रण था। तारा की पुसी अब गीली हो चुकी थी, और अनहद की उंगलियां उसकी गर्माहट को महसूस कर रही थीं। उसने अपनी उंगलियों को और गहराई में ले जाया, हल्के से अंदर-बाहर किया, और तारा की सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “अनहद... ओह... वहां... और गहरा...”

तारा ने भी अब अनहद को छूना शुरू किया। उसकी उंगलियां अनहद के सीने से नीचे सरकीं, और फिर उसके पेनिस को हल्के से पकड़ा। पहले धीरे-धीरे सहलाया, जैसे वो उसकी गर्माहट को महसूस करना चाहती हो। फिर उसने थोड़ा और जोर लगाया, अपनी उंगलियों को अनहद के हार्ड पेनिस पर ऊपर-नीचे फेरते हुए। “तारा... तुम्हारा हाथ... मुझे पागल कर रहा है,” अनहद ने सिसकारी भरी, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। तारा ने और जोर से सहलाया, उसकी उंगलियां अब एक लय में चल रही थीं – धीमी, फिर तेज, जैसे वो अनहद को उसी तरह तड़पाना चाहती थी जैसे वो तड़प रही थी।

फोरप्ले इतना इरोटिक था कि दोनों एक-दूसरे में पूरी तरह खो गए। हर स्पर्श में प्यार था, हर सिसकारी में एक वादा – कि वो एक-दूसरे के लिए बने हैं। अनहद की उंगलियां अब तारा की पुसी में और गहराई तक जा रही थीं, एक उंगली, फिर दो, धीरे-धीरे अंदर-बाहर। तारा की पुसी गीली और गर्म थी, और उसकी सिसकारियां अब अनकंट्रोल, “अनहद... मैं... मैं तुम्हें और फील करना चाहती हूं,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी चाहत थी। अनहद ने तारा के क्लिटोरिस को फिर से रगड़ा, इस बार और जोर से, और तारा का शरीर झटके खाने लगा, जैसे वो चरम की ओर बढ़ रही हो।

तारा ने भी अनहद के पेनिस को और जोर से पकड़ा, अपनी हथेली को उसके चारों ओर लपेटा और तेजी से ऊपर-नीचे किया। “अनहद... तुम इतने हार्ड हो... मेरे लिए,” उसने फुसफुसाया, उसकी आंखों में एक मादक चमक थी। अनहद का पेनिस अब पूरी तरह हार्ड था, और तारा का स्पर्श उसे पागल कर रहा था। “तारा... तुम्हारा ये करना... मुझे तुम और चाहिए,” उसने कहा, उसकी सांसें तेज और अनकंट्रोल।

अनहद ने तारा की पुसी को और गहराई से छुआ, अपनी उंगलियों को अंदर-बाहर करते हुए, और तारा की सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “अनहद... मैं... मैं नहीं संभाल सकती... और...” तारा का शरीर तन गया, उसकी जांघें अनहद की उंगलियों के चारों ओर सिकुड़ रही थीं। अनहद ने तारा के क्लिटोरिस को फिर से रगड़ा, इस बार और तेज, और तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं। “अनहद... प्लीज... मुझे तुम और चाहिए,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी।

तारा ने भी अनहद के पेनिस को और जोर से सहलाया, अपनी उंगलियों को उसके टिप पर फेरते हुए, जहां वो सबसे ज्यादा सेंसिटिव था। अनहद की सिसकारी निकली, “तारा... तुम मुझे पागल कर रही हो...” उनका फोरप्ले अब इतना इंटेंस था कि दोनों एक-दूसरे की सांसों में, एक-दूसरे के स्पर्श में डूब चुके थे।

फोरप्ले की गर्माहट ने दोनों को एक तीव्र चरम की ओर ले जा रहा था। अनहद अब और रुक नहीं सका। उसने धीरे से नीचे झुका, तारा की जांघों को अपने मजबूत हाथों में लिया। उसकी उंगलियां तारा की नरम, गोरी जांघों पर फिरीं, धीरे-धीरे उन्हें फैलाते हुए। तारा की सांसें तेज हो गईं, उसका शरीर हल्का सा कांप रहा था। अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे पूछ रहा हो, “क्या मैं?” तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और एक गहरी चाहत थी। “अनहद... मैं तुम पर भरोसा करती हूं,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में शर्म और प्यार का मिश्रण।

अनहद का चेहरा अब तारा की पुसी के करीब था। उसकी जीभ ने पहले हल्के से छुआ, जैसे वो तारा की गर्माहट और नरमता को टेस्ट करना चाहता हो। तारा की पुसी पहले से ही गीली थी, और अनहद की जीभ के पहले स्पर्श से ही तारा की सिसकारी निकली, “अनहद... ओह...” उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी। अनहद ने अब गहराई से लिकिंग शुरू की – उसकी जीभ सर्कुलर मोशन में तारा की पुसी पर फिरी, पहले धीरे-धीरे, फिर एक लय में। उसका फोकस तारा के क्लिटोरिस पर था, जो अब सेंसिटिव और सख्त हो चुका था। अनहद की जीभ ने क्लिटोरिस को हल्के से छुआ, फिर सर्कुलर मोशन में रगड़ा, और तारा का शरीर तन गया। “अनहद... ओह गॉड... तुम्हारी जीभ... इतनी गर्म... और करो,” तारा ने सिसकारी भरी, उसकी आवाज कांप रही थी।

अनहद ने अपनी जीभ को और गहराई में ले जाया, तारा की पुसी के अंदर तक। उसने धीरे-धीरे लिक किया, फिर चूसना शुरू किया, जैसे वो तारा की हर खुशी को अपने अंदर समेट लेना चाहता हो। उसके हाथ तारा के बूब्स पर थे, उन्हें नरम लेकिन मजबूती से दबाते हुए। तारा के पैर कांप रहे थे, उसकी जांघें अनहद के चेहरे के चारों ओर सिकुड़ रही थीं। “वहां... क्लिट पर... हां... तुम मुझे पागल कर दोगे,” तारा ने मोन भरी, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। अनहद ने लिकिंग की स्पीड बढ़ाई, उसकी जीभ अब तेजी से ऊपर-नीचे हो रही थी, फिर क्लिटोरिस को हल्के से चूसने लगा। उसने अपनी जीभ को तारा की पुसी के अंदर-बाहर किया, हर बार और गहराई में, और तारा की सिसकारियां अब अनकंट्रोल हो गई थीं, “अनहद... मैं... मैं नहीं संभाल सकती... और...”

अनहद ने तारा के क्लिटोरिस पर और फोकस किया। उसने अपनी जीभ को तेजी से रगड़ा, फिर हल्के से चूसा, और तारा का शरीर झटके खाने लगा। उसने तारा की पुसी के होंठों को अपनी जीभ से खोला, हर हिस्से को प्यार से चूमा, और फिर क्लिटोरिस पर वापस आया। “अनहद... वहां... ठीक वहां... ओह... तुम मुझे चरम पर ले जा रहे हो,” तारा ने बुदबुदाया, उसकी सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, जैसे वो चरम की ओर बढ़ रही हो। अनहद ने अपनी जीभ को और तेज किया, एक लय में – ऊपर-नीचे, सर्कुलर, फिर चूसना। उसके हाथ तारा के बूब्स को और जोर से दबा रहे थे, निप्पल्स को उंगलियों से मसलते हुए, और तारा का पूरा शरीर जवाब दे रहा था। “अनहद... मैं... मैं अब और नहीं... ओह...” तारा की आवाज में एक गहरी चाहत थी, जैसे वो इस पल में पूरी तरह डूब चुकी हो।

अनहद ने तारा की पुसी को और गहराई से चूमा, उसकी जीभ अब हर हिस्से को एक्सप्लोर कर रही थी। उसने क्लिटोरिस को फिर से चूसा, इस बार और जोर से, और तारा का शरीर झटके खाने लगा। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... प्लीज... और...” तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं, लेकिन वो खुद को कंट्रोल कर रही थी, क्योंकि लाइब्रेरी का सन्नाटा उनकी गवाह था। अनहद ने अपनी जीभ को और तेज किया, तारा की पुसी के हर हिस्से को प्यार से चूमा, और तारा का शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था। “अनहद... मैं... मैं नहीं रुक सकती...” तारा ने मोन भरी, और उसका शरीर एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहर में डूब गया।

ये पूसी लिकिंग इतनी डिटेल्ड और इंटेंस थी कि तारा का पूरा शरीर जवाब दे रहा था – प्यार और प्लेजर का वो मिश्रण जो सिर्फ सच्चा प्यार दे सकता है।

फोरप्ले की गर्माहट ने दोनों को एक तीव्र चरम की ओर ले जा रहा था। अनहद अब और रुक नहीं सका। उसने धीरे से नीचे झुका, तारा की जांघों को अपने मजबूत हाथों में लिया। उसकी उंगलियां तारा की नरम, गोरी जांघों पर फिरीं, धीरे-धीरे उन्हें फैलाते हुए। तारा की सांसें तेज हो गईं, उसका शरीर हल्का सा कांप रहा था। अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे पूछ रहा हो, “क्या मैं?” तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और एक गहरी चाहत थी। “अनहद... मैं तुम पर भरोसा करती हूं,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में शर्म और प्यार का मिश्रण।

अनहद का चेहरा अब तारा की पुसी के करीब था। उसकी जीभ ने पहले हल्के से छुआ, जैसे वो तारा की गर्माहट और नरमता को टेस्ट करना चाहता हो। तारा की पुसी पहले से ही गीली थी, और अनहद की जीभ के पहले स्पर्श से ही तारा की सिसकारी निकली, “अनहद... ओह...” उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी। अनहद ने अब गहराई से लिकिंग शुरू की – उसकी जीभ सर्कुलर मोशन में तारा की पुसी पर फिरी, पहले धीरे-धीरे, फिर एक लय में। उसका फोकस तारा के क्लिटोरिस पर था, जो अब सेंसिटिव और सख्त हो चुका था। अनहद की जीभ ने क्लिटोरिस को हल्के से छुआ, फिर सर्कुलर मोशन में रगड़ा, और तारा का शरीर तन गया। “अनहद... ओह गॉड... तुम्हारी जीभ... इतनी गर्म... और करो,” तारा ने सिसकारी भरी, उसकी आवाज कांप रही थी।

अनहद ने अपनी जीभ को और गहराई में ले जाया, तारा की पुसी के अंदर तक। उसने धीरे-धीरे लिक किया, फिर चूसना शुरू किया, जैसे वो तारा की हर खुशी को अपने अंदर समेट लेना चाहता हो। उसके हाथ तारा के बूब्स पर थे, उन्हें नरम लेकिन मजबूती से दबाते हुए। तारा के पैर कांप रहे थे, उसकी जांघें अनहद के चेहरे के चारों ओर सिकुड़ रही थीं। “वहां... क्लिट पर... हां... तुम मुझे पागल कर दोगे,” तारा ने मोन भरी, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। अनहद ने लिकिंग की स्पीड बढ़ाई, उसकी जीभ अब तेजी से ऊपर-नीचे हो रही थी, फिर क्लिटोरिस को हल्के से चूसने लगा। उसने अपनी जीभ को तारा की पुसी के अंदर-बाहर किया, हर बार और गहराई में, और तारा की सिसकारियां अब अनकंट्रोल हो गई थीं, “अनहद... मैं... मैं नहीं संभाल सकती... और...”
अनहद ने तारा के क्लिटोरिस पर और फोकस किया। उसने अपनी जीभ को तेजी से रगड़ा, फिर हल्के से चूसा, और तारा का शरीर झटके खाने लगा। उसने तारा की पुसी के होंठों को अपनी जीभ से खोला, हर हिस्से को प्यार से चूमा, और फिर क्लिटोरिस पर वापस आया। “अनहद... वहां... ठीक वहां... ओह... तुम मुझे चरम पर ले जा रहे हो,” तारा ने बुदबुदाया, उसकी सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, जैसे वो चरम की ओर बढ़ रही हो। अनहद ने अपनी जीभ को और तेज किया, एक लय में – ऊपर-नीचे, सर्कुलर, फिर चूसना। उसके हाथ तारा के बूब्स को और जोर से दबा रहे थे, निप्पल्स को उंगलियों से मसलते हुए, और तारा का पूरा शरीर जवाब दे रहा था। “अनहद... मैं... मैं अब और नहीं... ओह...” तारा की आवाज में एक गहरी चाहत थी, जैसे वो इस पल में पूरी तरह डूब चुकी हो।

अनहद ने तारा की पुसी को और गहराई से चूमा, उसकी जीभ अब हर हिस्से को एक्सप्लोर कर रही थी। उसने क्लिटोरिस को फिर से चूसा, इस बार और जोर से, और तारा का शरीर झटके खाने लगा। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... प्लीज... और...” तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं, लेकिन वो खुद को कंट्रोल कर रही थी, क्योंकि लाइब्रेरी का सन्नाटा उनकी गवाह था। अनहद ने अपनी जीभ को और तेज किया, तारा की पुसी के हर हिस्से को प्यार से चूमा, और तारा का शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था। “अनहद... मैं... मैं नहीं रुक सकती...” तारा ने मोन भरी, और उसका शरीर एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहर में डूब गया।

ये पूसी लिकिंग इतनी डिटेल्ड और इंटेंस थी कि तारा का पूरा शरीर जवाब दे रहा था – प्यार और प्लेजर का वो मिश्रण जो सिर्फ सच्चा प्यार दे सकता है।

फोरप्ले और पूसी लिकिंग की तीव्रता ने दोनों को एक ऐसे चरम की ओर ले जा रहा था जहां रुकना असंभव था। अनहद अब और इंतजार नहीं कर सका। वो खड़ा हुआ, तारा को दीवार से और मजबूती से लगाया, स्टैंडिंग पोजीशन में। उसने तारा की जांघों को अपने हाथों में लिया, उन्हें हल्के से ऊपर उठाया, और तारा के पैर स्वाभाविक रूप से अनहद की कमर पर लिपट गए। तारा की पीठ दीवार से टिकी थी, और उसकी आंखें अनहद की आंखों में थीं – उनमें भरोसा, चाहत और एक गहरी आत्मीयता थी। “अनहद... मैं तुम्हारे लिए तैयार हूं,” तारा ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी।
अनहद ने धीरे से तारा की पुसी पर अपने पेनिस को टच किया, पहले हल्के से, जैसे वो तारा की गर्माहट और टाइटनेस को महसूस करना चाहता हो। फिर उसने धीरे से एंटर किया, पहले स्लो, ताकि तारा को उसका पूरा फील मिले। तारा की पुसी टाइट थी, गीली और गर्म, और अनहद की सिसकारी निकली, “तारा... तुम इतनी टाइट हो... मुझे पागल कर रही हो।” तारा ने जवाब दिया, उसकी सांसें तेज, “अनहद... तुम्हारा... मुझे भर रहा है... और करो।” उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी, जैसे वो अनहद को अपने और गहराई में ले जाना चाहती हो।

अनहद ने स्लो थ्रस्ट्स शुरू किए, हर थ्रस्ट में धीरे-धीरे अंदर-बाहर, जैसे वो तारा की हर सनसनी को महसूस करना चाहता हो। तारा की पुसी हर थ्रस्ट के साथ और टाइट हो रही थी, और उसकी सिसकारियां अनकंट्रोल, “हां... अनहद... ठीक वैसे... और गहरा...” अनहद ने तारा की कमर को और मजबूती से पकड़ा, उसके थ्रस्ट्स अब तेज होने लगे – गहरे, जोरदार, लेकिन फिर भी एक लय में। हर थ्रस्ट में तारा का शरीर दीवार से टकरा रहा था, और उसकी सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “हां... तेज... हार्डर... मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए।”
तारा के पैर अनहद की कमर पर और कसकर लिपट गए, जैसे वो उसे अपने और करीब खींचना चाहती हो। उसके नाखून अनहद की पीठ पर गड़ रहे थे, हल्के से, लेकिन इतने पैशन से कि अनहद को उसका दर्द भी प्लेजर लग रहा था। “तारा... तुम मेरी हो... हर थ्रस्ट तुम्हें मेरा बनाता है,” अनहद ने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी भूख और प्यार का मिश्रण था। तारा ने जवाब दिया, “अनहद... हां... मुझे और... मैं तुम्हारी हूं... पूरी तरह।” उसकी सिसकारियां अब लाइब्रेरी के सन्नाटे में गूंज रही थीं, और उनकी सांसें एक-दूसरे से टकरा रही थीं।

अनहद के थ्रस्ट्स अब और तेज, और गहरे हो गए। हर थ्रस्ट में उसका पेनिस तारा की पुसी के अंदर तक जा रहा था, और तारा की पुसी हर बार और टाइट हो रही थी, जैसे वो अनहद को अपने अंदर समेट लेना चाहती हो। “अनहद... तुम इतने गहरे... ओह... मुझे फील हो रहा है... हर इंच,” तारा ने मोन भरी, उसका शरीर अब पूरी तरह अनहद के कंट्रोल में था। अनहद ने तारा के बूब्स को अपने हाथों में लिया, उन्हें जोर से दबाया, और फिर एक निप्पल को चूसा, जबकि उसके थ्रस्ट्स रुके नहीं। “तारा... तुम्हारी टाइटनेस... मुझे दीवाना बना रही है,” उसने कहा, उसकी सांसें तेज और अनकंट्रोल।

अनहद के थ्रस्ट्स अब पूरी तरह रिदम में थे – तेज, गहरे, और इतने इंटेंस कि तारा का शरीर हर बार झटके खा रहा था। तारा की पुसी अनहद के पेनिस को और कसकर पकड़ रही थी, जैसे वो उसे कभी छोड़ना ही न चाहती हो। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... और... हार्डर,” तारा ने चिल्लाया, उसकी आवाज अब अनकंट्रोल थी, लेकिन वो खुद को लाइब्रेरी के सन्नाटे में दबा रही थी। अनहद ने तारा के बूब्स को और जोर से दबाया, उसके निप्पल्स को उंगलियों से मसला, और थ्रस्ट्स को और तेज किया। “तारा... तुम मेरी हो... हर थ्रस्ट के साथ... मैं तुम्हें और प्यार करता हूं,” उसने कहा, उसकी सांसें तेज और गहरी।
तारा का शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था, उसकी पुसी अनहद के हर थ्रस्ट के साथ कांट्रैक्ट हो रही थी। “अनहद... मैं... मैं नहीं रुक सकती... ओह...” तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं, और उसका शरीर एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहर में डूब गया। अनहद के थ्रस्ट्स भी चरम पर थे, और वो भी उसी लहर में डूब रहा था। ये हार्डकोर इतना इंटेंस था कि लाइब्रेरी का सन्नाटा उनकी सांसों और मोन्स से भर गया, और वो दोनों एक-दूसरे में पूरी तरह खो चुके थे।

हार्डकोर थ्रस्टिंग की तीव्रता ने दोनों को एक ऐसे चरम पर पहुंचा दिया था जहां उनकी चाहतें और गहरी हो गई थीं। अनहद और तारा अब एक नए, और भी इंटीमेट स्तर की ओर बढ़ रहे थे। अनहद ने तारा की आंखों में देखा, जैसे पूछ रहा हो, “क्या तुम तैयार हो?” तारा ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में भरोसा और एक गहरी चाहत थी। “अनहद, मैं तुम पर भरोसा करती हूं,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में शर्म और समर्पण का मिश्रण था।

तारा ने धीरे से पीछे मुड़कर दीवार पर अपने हाथ टेक दिए। उसकी पीठ अनहद की ओर थी, और उसका शरीर हल्के से कांप रहा था – न सिर्फ उत्साह से, बल्कि इस नए अनुभव के डर और उत्सुकता से। अनहद ने तारा की कमर को अपने हाथों में लिया, उसकी नरम त्वचा को सहलाते हुए। उसने धीरे से अपनी उंगलियों पर सलाइवा लगाया, और तारा के एनल पर हल्के से मसाज की, ताकि वो रिलैक्स हो सके। “तारा, मैं धीरे करूंगा... तुम्हें दर्द नहीं होने दूंगा,” उसने कहा, उसकी आवाज में प्यार और केयर थी। तारा ने जवाब दिया, “अनहद... मुझे थोड़ा डर लग रहा है... लेकिन तुम पर भरोसा है। धीरे करो।”
अनहद ने धीरे से अपने पेनिस को तारा के एनल पर टच किया, पहले हल्के से, जैसे वो तारा को इस नए अनुभव के लिए तैयार करना चाहता हो। फिर उसने धीरे से एंटर किया – पहले सिर्फ टिप, ताकि तारा को एडजस्ट करने का समय मिले। तारा की सांस रुक गई, और एक हल्की-सी सिसकारी निकली, “अनहद... दर्द हो रहा है... लेकिन धीरे... मैं तुम पर भरोसा करती हूं।” अनहद ने रुककर तारा की कमर को सहलाया, “तारा, मैं तुम्हें कभी दर्द नहीं दूंगा। रिलैक्स करो, मैं तुम्हारे साथ हूं,” उसने कहा, और धीरे-धीरे और अंदर गया, हर पल तारा की प्रतिक्रिया को देखते हुए।

तारा का शरीर पहले सिकुड़ा, लेकिन अनहद की केयर और धीमे मूवमेंट्स ने उसे रिलैक्स करने में मदद की। अनहद ने थ्रस्ट्स शुरू किए, पहले स्लो, हर थ्रस्ट में धीरे-धीरे अंदर-बाहर, ताकि तारा को प्लेजर मिले। “तारा... तुम्हारी टाइटनेस... मुझे दीवाना बना रही है,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। तारा ने जवाब दिया, उसकी सांसें अब स्थिर हो रही थीं, “अनहद... अब... अच्छा लग रहा है... पीछे से... तुम्हारा फील... ओह...” उसकी आवाज में दर्द अब प्लेजर में बदल रहा था, और उसका शरीर अनहद के थ्रस्ट्स के साथ लय में ढल रहा था।

अनहद ने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई, उसके थ्रस्ट्स अब और गहरे हो रहे थे। उसके हाथ तारा के बूब्स पर गए, उन्हें नरम लेकिन मजबूती से दबाते हुए, जैसे वो तारा को हर तरह से अपने करीब खींचना चाहता हो। तारा की सिसकारियां अब मोन्स में बदल गई थीं, “अनहद... और... मुझे तुम चाहिए... पूरा।” उसकी आवाज में एक मादक बेचैनी थी, जैसे वो अनहद को अपने और गहराई में ले जाना चाहती हो। अनहद ने तारा की कमर को और कसकर पकड़ा, उसके थ्रस्ट्स अब एक लय में – तेज, गहरे, और इतने इंटेंस कि तारा का शरीर हर बार झटके खा रहा था। “तारा... तुम मुझे पागल कर रही हो... तुम्हारी टाइटनेस... ओह,” अनहद ने सिसकारी भरी, उसकी सांसें तेज और अनकंट्रोल।

तारा ने अपने हाथों को दीवार पर और जोर से टेका, उसकी जांघें अनहद के थ्रस्ट्स के साथ हिल रही थीं। “अनहद... हां... और गहरा... मुझे तुम हर जगह फील हो रहे हो,” उसने मोन भरी, उसका शरीर अब पूरी तरह प्लेजर में डूब चुका था। अनहद ने तारा के बूब्स को और जोर से दबाया, उसके निप्पल्स को उंगलियों से मसला, और थ्रस्ट्स को और तेज किया। “तारा... तुम मेरी हो... हर थ्रस्ट के साथ... मैं तुम्हें और प्यार करता हूं,” उसने कहा, उसकी आवाज में प्यार और पैशन का मिश्रण था।

अनहद के थ्रस्ट्स अब पूरी तरह रिदम में थे – तेज, गहरे, और इतने इंटेंस कि तारा का शरीर हर बार झटके खा रहा था। तारा का एनल अनहद के पेनिस को और कसकर पकड़ रहा था, जैसे वो उसे कभी छोड़ना ही न चाहती हो। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... और... हार्डर,” तारा ने चिल्लाया, उसकी आवाज अब अनकंट्रोल थी, लेकिन वो खुद को लाइब्रेरी के सन्नाटे में दबा रही थी। अनहद ने तारा के बूब्स को और जोर से दबाया, उसके निप्पल्स को उंगलियों से मसला, और थ्रस्ट्स को और तेज किया। “तारा... तुम मेरी हो... हर थ्रस्ट के साथ... मैं तुम्हें और प्यार करता हूं,” उसने कहा, उसकी सांसें तेज और गहरी।
तारा का शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था, उसका एनल अनहद के हर थ्रस्ट के साथ कांट्रैक्ट हो रहा था। “अनहद... मैं... मैं नहीं रुक सकती... ओह...” तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदलने वाली थीं, और उसका शरीर एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहर में डूब गया। अनहद के थ्रस्ट्स भी चरम पर थे, और वो भी उसी लहर में डूब रहा था। ये एनल इतना डिटेल्ड और पैशनेट था, दर्द और प्लेजर का मिश्रण – प्यार की वो गहराई जहां ट्रस्ट सब कुछ होता है।

एनल और हार्डकोर थ्रस्टिंग की तीव्रता ने दोनों को एक ऐसे चरम की ओर ले जा रहा था जहां रुकना असंभव था। अनहद के थ्रस्ट्स अब अपने पूरे जोर पर थे – तेज, गहरे, और इतने इंटेंस कि तारा का शरीर हर थ्रस्ट के साथ झटके खा रहा था। तारा की पुसी और एनल अनहद के पेनिस को कसकर पकड़ रहे थे, जैसे वो उसे कभी छोड़ना ही न चाहती हो। तारा के पैर अनहद की कमर पर लिपटे थे, और उसके नाखून अनहद की पीठ पर गड़ रहे थे, हल्के से, लेकिन इतने पैशन से कि अनहद को उसका दर्द भी प्लेजर लग रहा था। “अनहद... मैं... मैं चरम पर हूं... ओह...” तारा ने चिल्लाया, उसकी आवाज अब अनकंट्रोल थी, लेकिन लाइब्रेरी के सन्नाटे में दबी हुई। उसका शरीर तन गया, उसकी जांघें अनहद के चारों ओर और कसकर लिपट गईं, और उसकी पुसी और एनल कांट्रैक्ट हो रहे थे, जैसे वो अनहद को अपने और गहराई में खींचना चाहती हो।

अनहद के थ्रस्ट्स और तेज हुए, हर थ्रस्ट में उसका पेनिस तारा के अंदर तक जा रहा था, और उसकी सांसें तेज और गहरी थीं। “तारा... तुम मुझे पागल कर रही हो... मैं... मैं कमिंग...” उसने सिसकारी भरी, उसकी आवाज में एक गहरी भूख थी। तारा की सिसकारियां अब चीखों में बदल रही थीं, “अनहद... मैं... मैं आ रही हूं... ओह...” उसका शरीर अब पूरी तरह जवाब दे रहा था – उसकी पुसी और एनल अनहद के पेनिस को और कसकर पकड़ रहे थे, और एक तीव्र ऑर्गेज्म की लहरें उसके शरीर में दौड़ रही थीं। तारा का शरीर झटके खा रहा था, उसकी जांघें कांप रही थीं, और उसकी आंखें बंद थीं, जैसे वो इस चरम सुख में पूरी तरह डूब चुकी हो।

अनहद भी अब चरम पर था। उसने तारा की कमर को और कसकर पकड़ा, और एक आखिरी गहरा थ्रस्ट दिया। “तारा... मैं... मैं नहीं रुक सकता...” उसने मोन भरी, और फिर उसके अंदर रिलीज हुआ – गर्म फ्लूइड, जो तारा के अंदर फैल गया। तारा ने भी उसी पल में अपने ऑर्गेज्म की चरम सीमा को छुआ, उसकी पुसी और एनल कांट्रैक्ट हो रहे थे, और उसका शरीर एक के बाद एक झटके खा रहा था। “अनहद... ओह गॉड... ये... ये इतना इंटेंस...” तारा की आवाज कांप रही थी, और उसकी आंखों में आंसू थे – खुशी के, प्यार के, और इस तीव्र सुख के।

दोनों के शरीर पसीने से तर थे, कांप रहे थे, और उनकी सांसें एक-दूसरे से टकरा रही थीं। तारा का शरीर अभी भी झटके खा रहा था, जैसे ऑर्गेज्म की लहरें अब भी उसके अंदर दौड़ रही हों। अनहद ने तारा को अपने और करीब खींचा, उसकी कमर को पकड़े हुए, और धीरे-धीरे अपने थ्रस्ट्स को धीमा किया। “तारा... ये हमारा मिलन... मैं कभी नहीं भूलूंगा,” उसने कहा, उसकी आवाज में प्यार और थकान का मिश्रण था। तारा ने जवाब दिया, उसकी आंखें अभी भी नम थीं, “अनहद, ये... हमारा प्यार है... मैं इसे हमेशा संजोकर रखूंगी।”

तारा का ऑर्गेज्म इतना तीव्र था कि उसका पूरा शरीर जवाब दे रहा था। उसकी पुसी और एनल अनहद के पेनिस को कसकर पकड़ रहे थे, और हर कांट्रैक्शन में एक नई लहर दौड़ रही थी। उसकी जांघें कांप रही थीं, और उसका शरीर जैसे बिजली की तरह झनझना रहा था। “अनहद... मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया... तुमने मुझे पूरा कर दिया,” तारा ने फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक गहरी संतुष्टि थी। अनहद का ऑर्गेज्म भी उतना ही तीव्र था – उसका रिलीज गर्म और शक्तिशाली था, और उसने तारा के अंदर अपनी पूरी भावनाएं उड़ेल दी थीं। “तारा, तुम मेरी हो... हर पल, हर सांस में,” उसने कहा, उसकी सांसें अभी भी तेज थीं।

इस क्लाइमेक्स में सिर्फ शारीरिक सुख नहीं था; ये उनके प्यार का एक गहरा इजहार था। अनहद का हर थ्रस्ट, हर रिलीज तारा को बता रहा था कि वो उसकी हर खूबसूरती, हर कमजोरी को स्वीकार करता है। तारा का हर झटका, हर सिसकारी अनहद को बता रहा था कि वो उस पर पूरा भरोसा करती है, और इस चरम सुख में भी वो अनहद के साथ पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती है। “अनहद, तुमने मुझे वो खुशी दी जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी,” तारा ने कहा, उसकी आंखों में आंसू चमक रहे थे। अनहद ने जवाब दिया, “तारा, तुम मेरी जिंदगी हो। तुम्हारी खुशी मेरी खुशी है।”

ये क्लाइमेक्स इतना इंटेंस था कि दोनों के शरीर और आत्माएं एक-दूसरे में पूरी तरह घुल गए। तारा का शरीर अभी भी ऑर्गेज्म की लहरों में कांप रहा था, और अनहद का शरीर भी उस तीव्र रिलीज की थकान में डूबा था। दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया, उनके पसीने से तर शरीर एक-दूसरे से चिपके हुए थे। तारा की आंखों में आंसू थे – खुशी के, प्यार के, और इस तीव्र मिलन के। “अनहद, ये पल... हमारा प्यार... मैं इसे हमेशा अपने दिल में रखूंगी,” उसने कहा। अनहद ने तारा के बालों को सहलाया, “तारा, ये हमारा प्यार है... हमेशा के लिए।”

क्लाइमेक्स की तीव्रता के बाद दोनों का शरीर अभी भी उस गहरे सुख की लहरों में कांप रहा था। अनहद ने तारा को धीरे से अपनी बाहों में लिया और दोनों फर्श पर बैठ गए, एक-दूसरे को गले लगाए। तारा की पीठ दीवार से टिकी थी, और अनहद का सिर उसके कंधे पर था, जैसे वो उसकी गर्माहट में सुकून पाना चाहता हो। उनके पसीने से तर शरीर एक-दूसरे से चिपके हुए थे, और उनकी सांसें धीरे-धीरे सामान्य हो रही थीं। अनहद ने तारा के माथे पर एक नरम, प्यार भरा किस किया, जैसे वो अपने दिल का हर भाव उस एक स्पर्श में उड़ेल देना चाहता हो। “तारा, तुम मेरी जिंदगी हो। ये पल... हमारा खजाना है। मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक गहरी आत्मीयता थी।

तारा ने अनहद के सीने पर अपना सिर रखा, उसकी गर्माहट को महसूस करते हुए। “अनहद, मैं तुम्हारी हूं। अब हर डर को हम साथ हराएंगे,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज में एक गहरी संतुष्टि और भरोसा था। तारा की उंगलियां अनहद के बालों में फिरीं, धीरे-धीरे उन्हें सहलाते हुए, जैसे वो इस पल को और गहराई से जीना चाहती हो। दोनों की सांसें अब एक लय में थीं, जैसे उनके दिल एक ही धड़कन में धड़क रहे हों। तारा ने अनहद की आंखों में देखा, “तुम्हारे साथ हर पल जादुई है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्यार इतना गहरा हो सकता है।” अनहद ने मुस्कुराकर तारा के बालों को सहलाया, “और तुम मेरे जादू हो, तारा। तुमने मुझे वो खुशी दी जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोची थी।”

दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाए रखा, और उनकी बातें अब भविष्य की ओर बढ़ीं। अनहद ने तारा के गाल को सहलाते हुए कहा, “तारा, एक दिन हम अपना घर बनाएंगे। एक छोटा-सा घर, जहां सिर्फ हम हों, हमारा प्यार हो, और हमारी खुशियां हों।” तारा ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “हां, अनहद। एक ऐसा घर जहां मैं सुबह तुम्हारे लिए चाय बनाऊंगी, और तुम मुझे अपनी बाहों में ले लोगे।” उसकी आंखें सपनों से चमक रही थीं, जैसे वो उस भविष्य को अभी जी रही हो।

अनहद ने तारा के हाथ को अपने हाथ में लिया, उसकी उंगलियों को अपने होंठों से चूमा। “तारा, मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूंगा। हर सुख-दुख में, मैं तुम्हारा साथी रहूंगा।” तारा की आंखें फिर से नम हो गईं, “अनहद, तुमने मुझे वो प्यार दिया जो मैंने कभी नहीं मांगा, लेकिन हमेशा चाहा। मैं तुम्हारे बिना अधूरी हूं।” दोनों की बातें अब सिर्फ शब्द नहीं थीं; वो उनके दिलों के वादे थे, जो इस पल में और भी मजबूत हो रहे थे।


आफ्टर सेक्स पल सिर्फ शारीरिक सुख का समापन नहीं था; ये उनके प्यार का एक गहरा इजहार था। अनहद और तारा ने एक-दूसरे को गले लगाए रखा, जैसे वो इस पल को हमेशा के लिए कैद कर लेना चाहते हों। तारा ने अनहद के सीने पर अपना सिर रखा, “अनहद, ये पल... हमारा प्यार... मैं इसे अपने दिल में हमेशा संजोकर रखूंगी।” अनहद ने तारा के बालों को सहलाया, “तारा, ये हमारा प्यार है... हमेशा के लिए।” दोनों ने एक-दूसरे की आंखों में देखा, और उनकी नजरों में एक वादा था – कि चाहे दुनिया कुछ भी कहे, वो एक-दूसरे के साथ रहेंगे।
Nice and beautiful update....
 
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