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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    Sent 101,102 and 120 100 is already available in index
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    ये अपडेट नहीं आया है
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    प्रिय पाठकों, सच कहूं तो अब इस कहानी को लिखने के लिए मेरे पास समय की कमी है मैं कभी-कभी कुछ अध्याय लिखनेकी कोशिश करता हूं परंतु उसकी उपयोगिता अब शायद मेरी नजर में कुछ कम हो गई हैं। अब तक का साथ अच्छा रहा जब कभी समय मिला तू कहानी के बाकी एपिसोड भी लिखने की कोशिश करूंगा और जब कुछ अपडेट रेडी हो...
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    जस्ट क्लिक एपिसोड नंबर 132 ऑन इंडेक्स
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    कहानी को मन लगाकर पढ़िए एपिसोड नंबर 147 ही वह एपिसोड है जिसे आप खोज रहे हैं वैसे मैंने उसे आपको भेज भी दिया है
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    Soory for the delay I donot reply for update request sent privately..If you really reading story have courage to come on sroty page and mark your presence with your comments. By the way Required Update has been sent
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    कोई बात नहीं जब तक रहूंगा अपडेट भेजता रहूंगा। वैसे भी ये कोई महा काव्य तो है नहीं जिसे न पढ़ कर कोई पाप लगेगा।
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    आपकी सलाह के लिए आभार। लगता हैं आपको सुगना के कैरेक्टर से लगाव हों गया है जुड़े रहिए सुगना रण्डी नहीं है मुझे बखूबी पता है ..अच्छा लगा
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    कहानी के पटल पर आपका स्वागत है वांछित अपडेट भेज दिया गया है।
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    कहानी में आपका स्वागत है मैंने मैंने कुछ एपडाले एपिसोड नहीं डाले है ताकि आप जैसे पाठक हिम्मत करके इस फार्म पर लॉगिन करें और इस कहानी से अपना जुड़ाव अपने कमेंट के माध्यम से दिखाएं अकेला यही एक पारितोषिक है मेरे कहानी लिखने का जिसका मैं हकदार भी हूं और उम्मीद भीरखता हूं ठीक उतना ही जितना आप कहानी...
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    आपने कहानी पर कई प्रश्न उठाए हैं एक एक करके उत्तर देता हूं.. "उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।" उपरोक्त वाक्यांश इस कहानी की प्रस्तावना जो हर पेज के टॉप में...
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    भाग 151 वह मन ही मन ईश्वर को इतनी सुंदर काया देने के लिए धन्यवाद कर रही थी । आखिरकार उसने अपनी आंखों पर सफेद रुमाल को लपेटकर जैसे ही मोनी ने गांठ बंधी उसकी आंखों के सामने के दृश्य ओझल होते गए। उसे इतना तो एहसास हो रहा था कि कमरे में अब भी रोशनी थी परंतु आंखों से कुछ दिखाई पड़ना संभव नहीं था। वह...
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    आपके विचार उत्तम है पर पहले तो सोनू पुलिस में नहीं है। दूसरे या कहानी एक जासूसी या क्राइम रिलेटेड कहानी नहीं है.. आप एक मेरी कहानी एक सफेदपोश की मौत पढ़िए शायद कुछ आनंद आए। नियति इस कहानी का प्रमुख किरदार है बार बार उपयोग में लाने से हुई असुविधा के लिए खेद है
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    भाग 150 उधर मनोहर हमेशा इतवार के दिन का इंतजार किया करता था लाली के घर जाने का उसका आकर्षण अब सुगना बन चुकी थी। मनोहर का प्यार एक तरफा था सुगना जैसी पारखी स्त्री भी अब तक मनोहर की मनोदशा से अनजान थी। शायद मनोहर भी महिलाओं को समझता था और अपनी वासना भरी निगाहों पर उसका नियंत्रण कायम था...
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    Read update 147 ज़रूर Ok
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    यह जिम्मेदारी मैं आप पर ही सोचता हूं आप अपनी ही भाषा में इस काल्पनिक दृश्य को लिखिए मैं उसे बाद में कहानी में अपनी भाषा में जोड़ दूंगा। Sure दीपावली में ही धमाके होते हैं कहानी में प्रेम और प्रतिरोध का अपना रंग होता है.. महोदय ये अप्राकृतिक मैथुन पर एक दो पैराग्राफ लिखकर भेजिए मैं तो चार...
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    True Thanks दिलचस्पी बनाए रखिए कहानी दिलचस्प होगी दुआ करिए आपकी बात सच हो Aap bhi Tk नाइस पिक
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    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    sonu apna dahej choomte hue
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