आपने बिलकुल सही कहा पर यहाँ कुछ और विचार है।
सबसे पहले तो हर माँ के पास चूत , गांड और मुँह है जिसमे लण्ड जाता है और वह चूचियां हैं जिसको हमने सिर्फ दूध पिलाने का काम समझा पर बाद में पता लगा की वह भी चुदाई का साधन है।
जिसने जिसने अपनी माँ को नंगा देखा या फिर माँ की चुदाई देखी है , उसने हमेशा अपने जन्म स्थान (यानि चूत ) को सराहा है , धन्य है यह चूत जिसने मुझे जन्मा है। अब लण्ड तो हमारे पास भी है और जिस चूत की हम पूजा करते है (यानी ख्वाब में उसको चाटते हुए मुठ मरते है ) उसको अगर मौका मिले तो क्यों नहीं उस चूत को मजा दे जिसने उसे जन्मा।
दोस्तों, मेरे विचार इस मामले में बहुत ही साधारण है कि चूत बनी है चुदने के लिए और लण्ड बना है चोदने के लिए।