• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest मजबूरी या जरूरत

Napster

Well-Known Member
7,122
18,730
188
अपने बेटे के बारे में ही कामुक कल्पना करके आराधना दो बार अपने हाथों से ही झड़ चुकी थी लेकिन इन दो बारो में ही उसे अधिक सुख की अनुभूति हुई थी भले ही वह अपना चर्मसुख अपनी उंगली से प्राप्त क्यों ना कि हो,,,, अपने बेटे की कल्पना करने में उसे अद्भुत उत्तेजना का अनुभव होता था,,,,,

रमेश इस बार घर में तनख्वाह नहीं दिया था,,,, वह तनख्वाह के सारे पैसे शराब और जुए में उड़ा दिया था,, जिससे धीरे-धीरे किल्लत पड़ने लगी, राशन का डब्बा खाली होने लगा, था,,, दूध वाले का उधार चुकाया नहीं गया था इसलिए उसने दुध देने से इनकार कर दिया था,,,, आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,,,,, जैसे तैसे करके वह अपने बच्चों का पेट भर रही थी लेकिन राशन पूरी तरह से समाप्त हो जाने की वजह से अब आराधना के पास कोई रास्ता नहीं बचा था वह करेगी क्या करें उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था,,,।

Aradhna Sanju k bare me soch kar


ऐसे ही एक दिन रविवार को दूध ना होने की वजह से चयनित और मोहिनी सुबह सुबह नहाने के बाद अपनी मम्मी से चाय नाश्ता के लिए बोली तो आराधना एकदम से परेशान हो गई,,,, रमेश की छुट्टी होने की वजह से वह भी घर पर ही था,,,,, आराधना परेशान होने की वजह से थोड़ा गुस्से में थी रमेश नहा धोकर तैयार हो रहा था,,,,वैसे उसे ड्यूटी पर जाना नहीं था लेकिन फिर भी बाहर अभी भी इसी तरह से निकल जाया करता था,,,,,,,, आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि रमेश से बोले भी तो कैसे बोले उस इंसान को तो जरा भी फर्क नहीं पड़ने वाला था वह भी यही सब सोच रही थी कि,,,, मोहिनी दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई और बोली,,,।

मम्मी तुमने चाय और नाश्ता नहीं बनाई,,,,


चाय नहीं बनेगी बेटा,,,

क्यों मम्मी ऐसा क्यों बोल रही हो,,,,(मोहिनी परेशान होते हुए बोली क्योंकि उसे सुबह-सुबह चाय चाहिए ही था)


क्योंकि दूध वाले ने दूध देने से इनकार कर दिया,,, है,,,(आराधना बिस्तर पर बैठी रमेश की तरफ गुस्से से देखते हुए बोली,,,)

क्या,,,? दूधवाले ने दूध देने से इनकार कर दिया है लेकिन क्यों,,,?(मोहिनी आश्चर्य से बोली,,)


क्योंकि दूधवाले को उसका बकाया नहीं मिला है,,,


क्या,,,? लेकिन मम्मी तनख्वाह तो आई होगी ना,,,,


मेरे हाथ में तो नहीं आई अपने पापा से पूछ,,,,(आराधना रमेश की तरफ देखते हुए बोले जा रही थी और इस समय रमेश बिल्कुल भी नशे में नहीं था इसलिए वह जानता था कि उसने इस महीने की तनख्वाह घर पर नहीं दिया है,,,)
Sanju k bare me kaplpna karte huye Pni panty utarti huyi


यह क्या है पापा मम्मी जो कुछ भी कह रही हैं सच कह रही हैं,,,
(रमेश कुछ बोला नहीं)

चाय नाश्ता क्या आज तो घर में खाना भी नहीं बन पाएगा जाकर किचन में आटा चावल दाल के डिब्बे देख ले सब खा ली है,,,।


क्या कह रही हो मम्मी,,, लेकिन ऐसा क्यों हो गया,,,?(मोहनी एकदम चिंतित स्वर में बोली ,,, इतने में नहाकर संजू भी दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया और बोला,,)

क्या हुआ मोहिनी,,,,?

भैया मम्मी कह रही थी आज चाय नाश्ता और खाना भी नहीं बन पाएगा,,,,

क्यों,,,?

क्योंकि घर पर कुछ भी नहीं है,,,


ऐसे कैसे हो सकता है,,,


क्या हुआ मम्मी घर पर सच में कुछ नहीं है,,,


हां बेटा घर पर कुछ भी नहीं है,,, तेरे पापा इस बार तनख्वाह कहां दी मैंने जैसे तैसे करके मैं 1 सप्ताह तक निकाल ले गई,,,।


पापा क्या मम्मी सच कह रही है इस महीने की तनख्वाह कहां है,,,,


सब खत्म हो गया,,,,


कहां खत्म हो गया है,,,,( संजू गुस्से से अपने पापा से पूछा,,,)


मैं बोला ना खत्म हो गया है तो खत्म हो गया है,,,,


यह क्या बोल रहे हो पापा तुम्हें कुछ एहसास है,,,,

Aradhna apni chut masalte huye



रहने दे मोहिनी तेरे बाप को एहसास होने वाला नहीं है,, इन्हें बिल्कुल भी फिक्र नहीं हम लोगों की,,, हम लोग जिए या मरे इन्हें तो सिर्फ अपने शराब से ही मतलब है,,,


देखो सुबह-सुबह तुम लोगों मेरा दिमाग मत खराब करो,,,,


पापा घर पर कुछ भी नहीं है खाने को और तुम्हें जैसे दिमाग खराब लग रहा है,,, मुझे तो आज शर्म आ रही है अगर किसी को पता चला तो क्या होगा,,,,
(संजू को अपने पापा पर बहुत गुस्सा आ रहा था अगर मोहिनी मौजूद ना होती तो अपने पापा को तो चार थप्पड़ फिर से लगा देता लेकिन उनके सामने वह किसी भी तरह का बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहता था इसलिए वह खामोश रहा,,,, आराधना रोने लगी उसके आंसुओं का भी रमेश पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा था,,, अपनी मां को रोता हुआ देखकर मोहीनी दौड़कर अपनी मां के पास गई और उसे चुप कराने लगी,,,। और रमेश के पास यहां से चले जाने के सिवा कोई चारा नहीं था क्योंकि वह उन लोगों के सवाल का जवाब देने में असमर्थ था,,, और वह वहां से चला गया उसके चले जाने पर आराधना को बिल्कुल भी हैरानी नहीं हुई,,, क्योंकि वह जानती थी कि वह ऐसा ही करेगा,,,,।


मम्मी पापा को क्या हो गया है पहले तो वो ऐसा नहीं करते थे,,,


जानती हूं लेकिन जब से शराब की लत लगी है तब से सब कुछ बदल सा गया है,,,


लेकिन अब क्या होगा मम्मी,,,,


तू चिंता मत कर मैं हूं ना,,,,


मम्मी मुझे ट्यूशन जाना है,,,,


रुक,,,(इतना कहने के साथ ही आराधना बिस्तर पर से उठी और अलमारी खोल कर उसके ड्रोवर में से 20 का नोट निकाली,,, और मोहिनी को थमाते हुए बोली,,,)

ले तु ट्यूशन जा और रास्ते में कुछ खा लेना,,,


नहीं मम्मी मैं चली जाऊंगी,,,(अपने घर की हालत को देखकर मोहिनी समझ गई थी कि घर में पैसे की किल्लत है इसलिए वह अपनी मां से बीस का नोट लेना नहीं चाहती थी लेकिन फिर भी आराधना जबरदस्ती से मांगने के हाथ में बीस का नोट थमाते हुए बोली,,,)

Kalpna me apne bete k sath masti karti huyi


ले बेटा तु चिंता मत कर,,,, मैं सब कुछ सही कर लूंगी,,,, रास्ते में जरूर कुछ खा लेना,,,,(20 का नोट मोहीनी अपने हाथ में ले ली थी,,, सुबह-सुबह उसे चाय नाश्ता चाहिए ही था,,,, थोड़ी देर में वह ट्यूशन के लिए निकल गई,,,,,, संजू और आराधना दोनों बिस्तर पर बैठे हुए थे घर पर राशन खत्म हो गया था इस बात की चिंता संजु को भी थी,,,आपस में चल रही बहस सुनकर संजू बाथरूम से निकलकर वैसे ही अपनी मां के कमरे में आ गया था वह सिर्फ अपने बदन पर टावल लपेटा हुआ था उसकी चौड़ी नंगी छाती बिल्कुल नंगी थी,,,, जिस पर ऐसे हालात में भी बार बार आराधना कि नजर चली जा रही थी,,,, घर पर कोई भी नहीं था बिस्तर पर आराधना और संजू ही बैठे हुए थे इसलिए आराधना का दिमाग उसी तरफ घूमने लगा वह अपने बेटे की जंगी छातियों को देखकर उसकी तरफ आकर्षित हुए जा रही थी वह अपने मन में सोच रही थी कि उसके पति का शरीर उसके बेटे जैसा बिल्कुल भी नहीं है उसके बेटे के बदन में पूरी तरह से मर्दाना ताकत भरा हुआ है जो कि उसकी चौड़ी छाती से ही नजर आती थी उसके पति की चौड़ी छाती बिल्कुल भी नहीं थी,,,,,,,अपने बेटे की उपस्थिति में आराधना की हालत अजीब सी होने लगती थी और इस समय भी उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी,,, जब तक रामेश मोहिनी थी तब तक आराधना अपने बेटे की तरफ बिल्कुल भी आकर्षित नहीं थी और न ही उसके मन में कुछ और रहा था लेकिन जैसे ही वह दोनों घर से बाहर चले गए वैसे ही आराधना के तन बदन में उलझन सी होने लगी,,,,,। लेकिन संजू घर के हालात को देखकर थोड़ा चिंतित था वही सोच रहा था कि अगर घर में पैसा नहीं है तो राशन कहां से आएगा इसलिए वह अपनी मां से चिंतित स्वर में बोला,,,।
Apni mummy k bare me Sanju bhi is tarah ki kalpna kar raha tha




अब क्या होगा मम्मी,,,, घर पर राशन नहीं है खाना कैसे बनेगा,,,,,,


मैं भी यही सोच रही हूं संजु,,, तेरे पापा से तो मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं है,,,


फिर अब क्या करेंगे मम्मी,,,, खाना कैसे बनेगा,,,,
(संजू की बातें सुनकर आराधना भी चिंतित थी उसे भी फिक्र थी कि अब क्या होगा तभी उसे अपनी बहन साधना का ख्याल आ गया और वह संजू से बोली,,,)


दीदी से कुछ पैसे उधार लेने पड़ेंगे,,,,,,,


मौसी से,,,,


हां तेरी मौसी से,,,, तेरी मौसी ही है जो हम लोगों की मदद कर सकती हैं,,,, वह हम लोगों की हालत से अच्छी तरह से वाकिफ है,,,,।
Aradhna ko bhi maja aa raha tha

(अपनी मौसी का जिक्र आते ही संजू की आंखों के सामने अपनी मौसी का नंगा बदन नाचने लगा,, साधना का जिक्र होते ही संजू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी,,, भला एक जवान लड़का उस औरत का जिक्र सुनते ही उत्तेजित क्यों ना हो जाए जिसके साथ वह दो दो बार चुदाई का सुख भोग चुका हो,,,,जिसके खूबसूरत नंगे बदन को देख कर पहली बार औरत के नंगे बदन के भूगोल के बारे में वाकीफ हुआ हो,,,, पहली मर्तबा जिस औरत के नंगे बदन को अपने हाथों से छूकर उसकी गर्मी को महसूस किया हो,,, इसीलिए तो साधना का जिक्र होते ही संजू का लंड खड़ा होने लगा था,,,)


तुम सच कह रही हो मम्मी मौसी ही हमारी मदद कर सकती हैं,,,,

तो थोड़ी देर में तैयार हो जा हमें तेरी मौसी के घर जाना है,,


सच में मम्मी,,,


हां रे तेरी मौसी के घर जाएंगे नहीं तो मदद कैसे मिलेगी,,,
Aradhna Sanju k liye apne blouse k button kholte huye

(अपनी मौसी के घर जाने के बारे में सुनकर ही संजु के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,,,, आराधना को पूरा यकीन था कि उसकी बड़ी दीदी उसकी मदद जरूर करेगी क्योंकि वैसे भी पैसे से वह लोग मजबूत ही थे किसी चीज की कमी नहीं थी,,,

तकरीबन 2 घंटे बाद आराधना तैयार हो चुकी थी अपनी दीदी के घर जाने के लिए,,, वैसे तो वह कहीं भी जाने के लिए ज्यादा तैयार नहीं होती थी लेकिन वह इतनी ज्यादा खूबसूरत थी कि हल्का सा मेकअप करने पर भी वह बला की खूबसूरत करने लगती थी,,, आराधना तैयार हो चुकी थी वह अपने कमरे से अपने साड़ी का पल्लू ठीक करते हुए बाहर निकली तो बाहर संजू खड़ा था और अपनी मां को देखा तो देखता ही रह गया,,,,,,संजु को उसकी मां स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही थी जो की आसमानी रंग की साड़ी में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी,,,, चेहरे पर हल्का सा मेकअप थावैसे तुम्हारा देना को किसी भी प्रकार के मेकअप की जरूरत बिल्कुल भी नहीं थी फिर भी हल्का सा पाउडर आराधना ने अपने गोरे गोरे गालों पर लगा रखी थी,,,, जिससे उसके गोरे गोरे गाल और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहे थे,,,, वैसे तो आराधना अपने लाल-लाल होठों पर लिपस्टिक लगाती थी क्योंकि लिपस्टिक लगाए बिना उसके लाल लाल होंठ गुलाब की पत्तियों की तरह एकदम लाल रहते थे लेकिन आज वह अपने होठों पर भी हल्की सी लिपस्टिक लगा रखी थी जैसे से उसके लाल-लाल होठों को देखकर संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर कुछ ज्यादा ही पड़ रही थी उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़ कर उसे अपनी बाहों में लेकर उसके लाल-लाल होठों का सारा रस पी जाए,,,,,,,।

संजू कुछ देर तक मंत्रमुग्ध होकर वहीं खड़ा रहा हूं अपनी मां की खूबसूरती का रस अपनी आंखों से पीता रहा,,, संजू को इस तरह से अपनी तरफ देखता हुआ पाकर आराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी अंदर ही अंदर वह भी बहुत खुश थी,,, कि उसका बेटा उसको देख कर पागल हुआ जा रहा है,,,, वैसे तो कहीं भी आराधना जाती थी अपने पति के साथ तो ज्यादा टीप टाप नहीं करती थी,,, लेकिन आज ना जाने क्यों वह बाहर निकलने से पहले अपने आप को थोड़ा बहुत तैयार कर ली थी,,,, शायद आज पहली बार किसी के घर अपने बेटे के साथ जा रही थी,,,, एक अजीब सी हलचल उसके तन बदन में हो रही थी,,,,,,, और अपने बेटे को इस तरह से अपनी तरफ देखता हूं आप आकर उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में सुरसुराहट सी होने लगी थी,,,,,, अपने बेटे की तंद्रा भंग करते हुए वही खुद बोली,,,।)


अब चले,,,




हां हां क्यों नहीं,,,(अपनी मां की आवाज सुनते ही जैसे वह नींद से जागा हो इस तरह से हड़बड़ाते हुए बोला,,,,, उसकी हालत देखकर आराधना मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,, वह अपने बेटे से दो कदम आगे निकलते हुए घर से बाहर निकल गई और पीछे पीछे संजू भी घर से बाहर निकल गया,,,, आराधना घर का दरवाजा बंद करके उस पर ताला लगाने लगी क्योंकि मोहिनी भी शाम को ही घर लौटती थी और वह लोग भी शाम को ही आने वाले थे,,,ताला लगाने के लिए आना था ना थोड़ा सा झुक गई और उसके झुकने के साथ ही उसकी बड़ी बड़ी गांड का गोल आकार उभर कर संजू की आंखों के सामने नजर आने लगा जिसे देखते हैं संजू के पेंट में खलबली सी मचने लगी,,,, ताला लगाने के बाद चाबी को रात में रखने लगी संजू की नजर अपनी मां के खूबसूरत चेहरे से हट ही नहीं रही थी यह देख कर आराधना मुस्कुराते हुए बोली,,,।)


ऐसे क्या देख रहा है कभी देखा नहीं है क्या,,,?


आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो मम्मी,,,(हिम्मत जुटा तेरे संग अपने मन की बात बोल ही दिया और उसकी बात सुनकर आराधना मन ही मन प्रसन्न हो गई बरसों बाद किसी ने उसकी खूबसूरती की तारीफ जो किया था,,,,अपने बेटे की तारीफ सुनकर वो शर्मा गई थी जिसकी वजह से उसकी गोरे गोरे गाल सुर्ख लाल पड़ गए थे,,,,)

चल रहने दे अब इस उमर में,,,(इतना कहकर वो चलने लगी तो संजू भी साथ में चलते हुए बोला,,,)

क्या उमर,,,, तुमको देखकर लगता ही नहीं है कि तुम दो बच्चों की मां हो,,,

धत् कैसी बातें कर रहा है तु,,,


मैं जानता हुं जो कुछ भी मैं कह रहा हूं वह मुझे नहीं कहना चाहिए था ,,, लेकिन तुम बहुत खूबसूरत हो,,,,


चल अब बस रहने दे,,, आगे चलकर चौराहे से ऑटो पकड़ लेंगे,,,,


ठीक है मम्मी,,,
(अपनी मां की बात सुनकर इससे ज्यादा ओर कुछ भी बोलने की हिम्मत संजू नहीं कर पाया,,, क्योंकि मैं किसी भी तरह से अपनी मम्मी को नाराज नहीं करना चाहता था और जिस तरह की बातें संजु कर रहा था उसे सुनकर आराधना की तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी इस तरह की बातें एक पति या प्रेमी हीं करता हैआराधना अपने आप को असहाय महसूस कर रही थी कि तन बदन में उत्तेजना कि लहर दौड़ने रही थी,,,उसे इस बात की खुशी थी कि इस उम्र में भी हुआ एक जवान लड़के को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती थी,,,, दोनों के बीच खामोशी छाई रही,,, अपने बेटे की बात को सुनकरआराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी उसे अपनी पेंट गीली होती हुई महसूस हो रही थी खास करके उस बात पर जब संजु ने ये कहा था कि तुम्हें देखने के बाद लगता ही नहीं है कि तुम दो बच्चों की मां हो,,,,।

यही सब सोचते हुए दोनों चौराहे पर पहुंच गए वहां से ऑटो पकड़ कर साधना के घर की तरफ निकल गए,,,।
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
राशन और दुधवाले का बकाया होने के कारण उन्होंने सामान देना बंद कर दिया जैसे तैसे कुछ दिन निकल गये लेकीन अब सब खत्म हो गया
मोहिनी इस के लिये पुछती हैं तो आराधना सब बता देती हैं रमेश भी वही था लेकीन उसको कोई फर्क नहीं पडा और वो बाहर चला गया
मोहिनी भी ट्यूशन चली गयी दोनों माँ बेटा बिस्तर पर बैठे सोच रहे थे अब क्या होगा
संजू नहा के निकला था और वैसे ही बैठा था उसकी चौडी मर्दानी छाती देख आराधना उसकी ओर आकर्षित होने लगी और उसकी पतली दरार रुपी चुद में पानी आना सुरू हो गया
साधना मौसी के घर जाने के पहले संजू ने आराधना की जो तारीफ करी उससे आराधना संजू के प्रति आकर्षित हो कर उसकी पेंटी गिली हो गई खैर
साधना मौसी के घर क्या होता है देखते हैं आगे
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

rohnny4545

Well-Known Member
15,902
40,838
259
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
राशन और दुधवाले का बकाया होने के कारण उन्होंने सामान देना बंद कर दिया जैसे तैसे कुछ दिन निकल गये लेकीन अब सब खत्म हो गया
मोहिनी इस के लिये पुछती हैं तो आराधना सब बता देती हैं रमेश भी वही था लेकीन उसको कोई फर्क नहीं पडा और वो बाहर चला गया
मोहिनी भी ट्यूशन चली गयी दोनों माँ बेटा बिस्तर पर बैठे सोच रहे थे अब क्या होगा
संजू नहा के निकला था और वैसे ही बैठा था उसकी चौडी मर्दानी छाती देख आराधना उसकी ओर आकर्षित होने लगी और उसकी पतली दरार रुपी चुद में पानी आना सुरू हो गया
साधना मौसी के घर जाने के पहले संजू ने आराधना की जो तारीफ करी उससे आराधना संजू के प्रति आकर्षित हो कर उसकी पेंटी गिली हो गई खैर
साधना मौसी के घर क्या होता है देखते हैं आगे
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
बहुत ही उम्दा टिप्पणी
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Moderator
40,173
75,848
304
, आराधना अपने कमरे में अपने पति का इंतजार करते हुए सो गई थी,,,, आज उसकी शादी की सालगिरह थी,,,, सुबह से ही वह आज बहुत खुश नजर आ रही थी,,, ऐसा कम ही होता था कि जब वह बहुत खुश होती थी,,,, शादी की सालगिरह की खुशी उसे बिल्कुल भी नहीं थी खुशी तो उसे इस बात की थी कि आज उसका पति रमेश अपनी सालगिरह पर शराब ना पीने का कसम खाकर गया था और आते समय उसके लिए गिफ्ट लाने का वादा करके गया था,,,,,, अपने पति के बर्ताव को देखकर उसके मन में उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी कि अब से सही उसका पति सुधर तो जाएगा,,, इसी उम्मीद से वह रात की तैयारी सुबह से ही करना शुरू कर दी थी,,, रात के भोजन के लिए वह पूड़ी सब्जी और खीर बना कर रखी थी ,,,,


संजू आराधना का बड़ा लड़का था और मोहिनी उसकी छोटी लड़की थी दोनों भी अपने मम्मी पापा के इस खुशी में हाथ बताते हुए उसकी मदद कर रहे थे आराधना गौर से अपने बच्चों को देखकर अपने मन में भगवान से यह प्रार्थना करती रहती थी कि हे भगवान अब से उसकी जिंदगी सुधर जाती तो बहुत अच्छा होता,,,,

रात के 9:00 बज गए थे सारी तैयारियां हो गई थी बस इंतजार था रमेश का जो कि अपनी ड्यूटी खत्म करके इस समय तक आ ही जाता था लेकिन धीरे-धीरे 10:00 बज गए संजू और मोहिनी भी अपनी मां के साथ दरवाजे पर खड़े होकर अपने पापा का इंतजार करने लगे,,,, आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था उसे लगने लगा था कि सुबह सुबह सुबह कसम खाकर गया था उसे भी तोड़ दिया होगा तभी तो 10:00 बज गए और उसका पता नहीं था,,,, बाहर का रास्ता देखते देखते आराधना की आंखों में आंसू भर आए थे लेकिन वह अपने बच्चों से अपने आंसुओं को छुपा ले रही थी,,, क्योंकि वह अपने बच्चों की खुशी को दुख में नहीं बदलना चाहती थी इसलिए वह अपने बच्चों को खाना परोस दी और उन्हें खिलाकर उन्हें अपने कमरे में भेज दी जोकि उसके ही कमरे से सटा हुआ था,,,,।

संजू को अपने पापा की आदत के बारे में अच्छी तरह से मालूम था उसे लगने लगा था कि आज भी उसके पापा पीकर ही आएंगे इसलिए वह अपनी बहन मोहिनी को लेकर कमरे में चला गया और सो गया,,, राह देखते देखते 12:00 बज गए तो आराधना भी आंखों में आंसू लिए दरवाजे को बंद कर दी लेकिन उसकी कड़ी नहीं लगाई क्योंकि वह जानती थी कि रात में वह कभी भी आएगा जरूर,,,,। आराधना सुबह से बहुत खुश थी अपने पति को हर तरह से खुश करने के लिए वह एकदम से सज-धज कर तैयार हुई थी एकदम दुल्हन की तरह लग रही थी,,,,। एक औरत होने के नाते वहां अच्छी तरह से जानती थी किसान की राखी रात को उसके पति के लिए और उसके लिए सुहागरात वाली रात होती है इसलिए वह अपनी चूत के बाल को क्रीम लगाकर अच्छे से साफ कि थी क्योंकि वह किसी भी तरह से अपने पति को खुश करना चाहती थी,,,,,,, बदले में वह यही चाहती थी कि उसका पति सुधर जाए,,,,


दुल्हन की तरह सज धज कर अपने पति का इंतजार करते हुए रात के 1:00 बज गए वह खाना नहीं खाई थी खाती भी कैसे उसकी खुशियों में ग्रहण जो लग गया था शराब उसके लिए सौतन बन चुकी थी,,,, आखिरकार इंतजार करते करते थक गई और बिना खाए ही सो गई,,,,



share images
रात के 3:00 बज रहे थे,,, आराधना कोई ऐसा लगा कि कोई उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है और जैसे ही उसकी नींद खुली तो उसका पति एक तरह से उसके ऊपर चढ़कर अपने घुटनों के बल अपने घुटनों को उसकी कमर के इर्द-गिर्द रखकर उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा था,,,, अपने पति को अपने ऊपर देख कर वह पहले तो डर गई,,,, लेकिन शराब की बदबू जैसे ही उसके नाक में पहुंची उसे इस बात का अहसास हुआ कि,,, उसके ऊपर कोई और नहीं बल्कि उसका पति रमेश,,,।


आखिरकार तुमने अपनी कसम तोड़ दी फिर से शराब पीकर आए हो और आज के दिन अपनी शादी की सालगिरह के दिन आज मैं कितनी उम्मीद लगाकर तुम्हारा इंतजार कर रही थी,,,।



तो क्या हुआ मेरी रानी आ तो गया हूं ना,,,(रमेश एकदम लड़खड़ाते स्वर में बोला)


चलो पहले खाना खा लो,,,,(आराधना अपने पति का हाथ उठाते हुए पूरी लेकिन उसका पति माना नहीं है और जबरदस्ती उसके ब्लाउज के बटन खोलते हुए बोला)


नहीं पहले मुझे चोद लेने दे,,,,,



नहीं अब मेरा मन बिल्कुल भी नहीं,,,(आराधना फिर से उसका हाथ उठाते हुए बोली तो इस बार और गुस्सा दिखाते हैं उसके गाल पर दो-चार तमाचा लगा दिया और बोला)


साली तैयार होकर बैठी है और कहती है मेरा मन नहीं है कोई और से चुदवा कर तो नहीं सोई है,,,,(रमेश अपनी बीवी को गंदा इल्जाम लगाते हुए उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल दिया,,,,और उसकी ब्रा को बिना खोले उसे पकड़ कर उसकी छाती के ऊपर का खींच लिया जिससे उसकी दोनों चूचियां एकदम से आजाद हो गई और वह तुरंत उसे दोनों हाथों में तो दबोचकर दबाने लगा,,,)


तुम्हें शर्म नहीं आती इस तरह की बातें करते हो मुझे पता भी है कि आज क्या है अपनी शादी की सालगिरह है कितनी उम्मीद लगाकर में आज तुम्हारा इंतजार कर रहे थे कि आज तुम सुधर गए होगे,,,, लेकिन तुम कभी को सुधारने वाले नहीं हो शराब छोड़ने वाले नहीं हो,,,,


हां मुझ से शराब छूटने वाली नहीं है,,,,(इतना कहने के साथ ही वह नीचे झुक कर अपनी बीवी की चुचियों को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,, रमेश एकदम उत्तेजित हो गया था और वह जोर-जोर से अपनी बीवी की चूची को पी रहा था लेकिन इसमें आराधना को जरा भी आनंद की अनुभूति नहीं हो रही थी उसकी आंखों से आंसू टपक रहे थे क्योंकि वह जानती थी कि उसका पति उसके जज्बातों को कभी नहीं समझ पाएगा,,,,)


तुम्हें सिर्फ मेरे बदन से प्यार है मुझसे नहीं,,,


अब बकवास मत कर मुझे अपना काम करने दे,,,
(और इतना कहते हुए वह साड़ी को बिना उतारे साड़ी को पकड़कर ऊपर की तरफ करने लगा और अगले ही पल अपनी बीवी की साड़ी को कमर तक उठाकर उसकी लाल रंग की पैंटी को अपने दोनों हाथों से खींचने लगा,,,,आराधना की भारी-भरकम गांड के नीचे उसकी लाल रंग की पैंटी दबी हुई थी जो कि निकल नहीं रही थी यार अब मैं जानती थी क्या करने के लिए कि नहीं तो वह खींचकर उसकी नई पेंटी को जो कि वह 2 महीने पहले ही अपने पैसे बचा कर इसी दिन के लिए खरीद कर रखी थी वह नहीं चाहती थी कि वह फट जाए,,, इसलिए मन ना होने के बावजूद भी वह अपनी भारी भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठा कर पेंटी निकलवाने में मदद करने लगी,,,,, अपनी बीवी को इस तरह से अपनी गांड उपर उठाते हुए देखकर रमेश हंसते हुए बोली,,,।)
Ramesh apni bibi k sath kuch is tarah se


हाय मेरी रानी तेरा भी बहुत मन कर रहा है ना सिर्फ नखरा कर रही है,,,
(जवाब नहीं आ रहा देना नहीं कुछ नहीं कहीं वह बस दूसरी तरफ मुंह करके सब कुछ सहती रही,,,, रमेश अपनी बीवी की चिकनी चूत देखकर पूरी तरह से बावला हो गया एक तो शराब का नशा उस पर से अपनी बीवी की मदमस्त जवानी का नशा उस पर दोगुना असर करने लगा और वह अकेले ही पर अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया,,,,आराधना अपने मन में सोचने लगी कि अगर उसका पति एक सही इंसान होता तो शायद इस पल का वह भी भरपूर मजा लेती लेकिन उस के नसीब में शायद यह सब बिल्कुल भी नहीं था,,,, रमेश आराधना की दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाते हुए अपने खड़े लंड को एक बार में ही उसकी चूत में डाल दिया जो कि उत्तेजना रहित सूखी हुई थी उसमें गीलापन बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि आराधना को बिल्कुल भी आनंद नहीं आ रहा था इसलिए वह दर्द से बिलबिला उठी लेकिन उसके पति कोउसके दर्द की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी लेकिन बगल वाले कमरे में सो रहे संजू की आंख खुल गई और वह जवान हो रहा लड़का था इसलिए उसे समझते देर नहीं लगी कि बगल वाले कमरे में क्या हो रहा है,,
Ramesh apni bibi aaradhna k sath

ascendium
, अच्छी तरह से जानता था कि उसका बाप उसकी मां पर अत्याचार करता है उसकी इज्जत नहीं करता उसे खुशियां नहीं देता और बस इस तरह से अपनी मनमानी करता रहता है,,,, रमेश आराधना को चोदना शुरू कर दिया था,,, आखिरकार वह भी एक औरत की लंड के अंदर बाहर होते ही उसकी चूत से पानी निकलना शुरू हो गया था उसे भी आनंद आने लगा था लेकिन जब तक कि वह गर्म होती है उससे पहले ही रमेश हांफने लगा,,,, वह झड़ चुका था अपनी बीवी को भी ना संतुष्ट कि वे खुद संतुष्ट होकर उसके ऊपर से उठकर बगल में पसर गया था खाने की शुध उसे बिल्कुल भी नहीं थी,,,,
Ramesh aaradhna ki chudai karta hua

थोड़ी देर बाद अपने आंसुओं को पोछते हुएआराधना उठी और अपने कपड़ों को तरसे करके उसे भी खाने के लिए उठाने लगे लेकिन वह शराब के नशे में चूर होकर सो चुका था,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसकी जिंदगी इस तरह से नरक हो जाएगी सुबह परोसी हुई थाली को एक तरफ रख कर वह भी बिस्तर पर लेट गई और कब उसकी आंख लग गई उसे पता भी नहीं चला,,,,,। संजु को इस बात का मलाल था कि,,, इतना बड़ा होने के बावजूद भी वह अपनी मां के लिए कुछ कर नहीं पा रहा है,,,,
आखिरकार वह भी काफी देर तक सोचते-सोचते नींद की आगोश में चला गया,,,।
अति उत्तम शानदार सुरुवात कहानी की
 

Napster

Well-Known Member
7,122
18,730
188
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
ऑटो में साधना के घर जाते हुए आराधना और संजू का बदन एक दुसरे से रगड खाने से दोनों में वासना की लहर उठ रही थी
आराधना संजू के व्दारा करी तारीफ और दो बच्चो की माॅं लगती नहीं हो ये कहना उसकी पेंटी गिली कर रहा था साधना के घर पहुंचने के बाद संजू और साधना मौसी में वासना की तरंगे उठने लगी संजू तो आराधना बाथरूम में जाते ही कीचन में साधना मौसी पर तुट पडा वक्त की नजाकत समझते और आराधना घर में रहने के कारण वहा चुदाई नहीं हो सकी लेकीन उन्हे चुदाई तो करनी ही थी तो साधना ने उपर से पैसे लाने के बहाने संजू को उपर बेडरूम में ले गई और एक धमाकेदार चुदाई का कार्यक्रम पार कर के दोनों तृप्त हो गये वो भी आराधना के घर में रहते जबरदस्त खैर देखते हैं आगे संजू और आराधना का मिलन कब होता है और कौनसी परिस्थिती में होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Incestlala

Well-Known Member
2,035
3,462
159
संजू के दोनों हाथों में गुलाब जामुन मिल चुका था उसकी जवानी सही दिशा में जा रही थी,,, जवानी का पूरा जोश वह‌अपनी मौसी पर उतार रहा था,,,संजू अभी अभी जवान हुआ था इसलिए औरतों को लेकर उसके मन में उत्सुकता बहुत ज्यादा थी और साधना खेली खाई और उम्र के इस दहलीज पर पहुंच कर वह पूरी तरह से प्यासी औरत थी,,,।
ऐसे में संजू को साधना और साधना को संजू मिल गया था दोनों एक दूसरे के पूरक साबित हो रहे थे,,,,।
साधना के घर जाने की हिम्मत संजु ने दिखाया था तो घर पहुंचने के बाद,,, साधना ने जिस तरह की हिम्मत दिखाई थी वह काबिले तारीफ थी,,, अगर साधना अपनी तरफ से सहकार की प्रतिक्रिया ना देते हुए हिम्मत ना दिखाती तो शायद संजु को वहां से निराश ही लौटना पड़ता,,, लेकिन दोनों प्यासे थे दोनों को एक दूसरे की जरूरत थी,,,, और ऐसे में दोनों ने अपनी अपनी प्यास बुझा ली,,,।

जिस समय वह घर लौटता था इधर उधर घूमने के बाद से समय वह अपने घर पर लौट गया किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुआ कि संजू आज साधना के घर गया था,,,,,,वह बड़े आराम से घर पर पहुंच गया था उसे इस बात की संतुष्टि थी कि आज फिर से वह अपनी मौसी की चुदाई कर के आया है,,, औरत के बदन का नशा उसके दिलो-दिमाग पर छाने लगा था,,,,वह अपने कमरे में बैठा हुआ था अपनी मौसी साधना के बारे में ही सोच रहा था कि किस तरह से हिम्मत दिखाते हुए उसकी मौसी सीढ़ियों पर ही चुदवाई,,,, सीढ़ियों पर पीछे से अपनी मौसी की बड़ी-बड़ी गांड पकड़ कर चोदने में जो मजा आया था उसे वह अभी भी अपनी बदन में महसूस कर पा रहा था,,,,औरत की बुर के अंदर कितनी गर्मी होती है धीरे-धीरे इस बात का एहसास संजु को होने लगा था,,,,,, वह अपने कमरे में बैठा बैठा अपनी मौसी के बारे में सोच ही रहा था कि तभी उसे ख्याल आया मनीषा का,,,क्योंकि जिस समय वह मनीषा के कमरे में दाखिल हुआ था उस समय मनीषा के बदन पर छोटी सी पेंटिं और एक छोटी सी टी शर्ट थी,,,अपनी मौसी की उपस्थिति में वह अपनी मौसी की लड़की के खूबसूरत बदन को ठीक से देख तो नहीं पाया था लेकिन जितना भी देखा था इतने से ही उसे इस बात का एहसास हो गया था कि उसकी मौसी की लड़की बहुत ही ज्यादा सेक्सी है क्योंकि वह अपने कमरे में केवल छोटी सी पेंटिं टीशर्ट पहन कर पढ़ाई कर रही थी जिससे संजु को उसकी लंबी चिकनी गोरी गोरी मक्खन जैसी मुलायम टांग देखने को मिल गई थी उतने से ही संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई थी,,,,,,, यही सब सोचते सोचते हैं उसे नींद आ गई और वह सो गया,,,।


कुछ दिन ऐसे ही बीत गया,,, संजु जब जब अपनी मां को देखा तब तक उसे वही दृश्य नजर आता जो दृश्य उसने अपनी मां के पक्ष में बोलने के लिए उसके कमरे में दाखिल हो गया था और उसकी मां बिस्तर पर अर्धनग्न अवस्था में लेटी हुई थी उसको याद करके संजू का लंड बार बार खड़ा हो जाता था,,,, जिसके चलते ना चाहते हुए भी वह अपनी मां के बारे में सोच कर मुठ मारने लगा था,,,,,,,, और वैसे भी आराधना उस दिन से अपने बेटे से ठीक से नजर नहीं मिला पाती थी जब जब उसका बेटा उसकी आंखों के सामने आ जाता था उसके चेहरे पर शर्म और हया की लाली आ जाती थी,,,, शर्म के मारे उसके गोरे गाल लाल टमाटर की तरह हो जाते थे,,, उसे समझ में नहीं आता था कि वह अपने बेटे से कैसे बात करें,,,,, क्योंकि उस दिन उसके बेटे ने उसे अर्धनग्न अवस्था में देख लिया था और उसकी सारी बातों को सुनता था जिसमें गाली गलौज से लेकर के चुदाई की गंदी बातें भी होती थी,,,, यह जानकर आराधना शर्म से पानी पानी हो जाती थी,,,,। लेकिन इस बात से उसे तसल्ली थी कि उसका बेटा उसके दुख दर्द को समझने लगा था उसकी मदद करने लगा था इसी से वह खुश थी,,,,,,,,,, और दिन-ब-दिन संजू के ख्यालात अपनी मां को लेकर बदलते जा रहे थे उसकी कल्पनाओकी दुनिया की महारानी बन चुकी थी उसकी मां,,, जिसकी खूबसूरती के आगे वह हमेशा घुटने टेक देता था,,,,,,,,,, सबसे ज्यादा उत्तेजना उसे अपनी मां को खाना बनाते हुए देखने पर महसूस होता था ,,,क्योंकि उस समय उसकी मां खड़ी होकर खाना बना रही होती थी जिसकी वजह से उसके नितंबों का उभार ,,, कुछ ज्यादा ही उभरा हुआ नजर आता था,,,, और रोटी पकाते समय हाथों की हरकत की वजह से उसकी गांड की गोलाई में जिस तरह की थिरकन होती थी,,, उसे देख कर संजू के तन बदन में उत्तेजना के शोले भड़कने लगती थी वह अपनी उत्तेजना पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाता था,,,, और तुरंत उसे अपनी गर्मी शांत करने के लिए मुठ मारना पड़ता था,,,,।

Sanju apni mummy ki saree uthate huye


ऐसे ही एक दिन शाम को,,, आराधना खाना बना रही थी और संजू यह देखने के लिए आज क्या बन रहा है वह रसोई घर में चला गया,,,, और अपनी मां को फिर से खाना बनाते हुए देख कर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को खेलते हुए देखने की लालच में वह अपनी मां के पास नहीं बल्कि उसके पीछे तकरीबन 2 फीट की दूरी पर जाकर खड़ा हो गया और अपनी आंखों को अपनी मां की परी परी गांड पर केंद्रित करते हुए वह बोला,,,,।


आज क्या बना रही हो मम्मी,,,,
(अपने बेटे को अपने बेहद करीब महसूस करके आराधना के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगती थी और उसी तरह की हलचल उसे इस समय भी महसूस हो रही थी,,,मां अपने बेटे से ठीक से नजर तक नहीं मिला पाती थी लेकिन अपने बेटे को जवाब देते हुए उसकी तरफ देखे कि नहीं बोली,,,)

Sanju panty utarta hua



कुछ खास नहीं बस पूरी सब्जी बना रही थी,,,,।(यह कहकर आराधना खाना बनाने में ही अपना ध्यान केंद्रित करने लगी और इस बात से अनजान कि उसका बेटा ठीक उसके पीछे खड़ा होकर उसकी बड़ी-बड़ी भराव दार गांड को देखकर मस्त हो रहा है,,,संजू को अपनी मां की बात सुनाई दी कि आज पूरी सब्जी बन रही है जो कि उसका पसंदीदा भोजन था लेकिन फिर भी उसका ध्यान पूरी सब्जी पर ना होकर कसी हुई साड़ी में कैद अपनी मां की गदराई गांड पर थी,,,,,,संजू का मन कर रहा था कि पीछे से जाकर अपनी मां को बाहों में भर ले और अपने पेंट में बने तंबू को ठीक अपनी मां की गांड पर सटा दे,,,,,,वह पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था जब से साधना की चुदाई किया था तब से वह औरतों की बड़ी बड़ी गांड का दीवाना हो गया था,,,, और अपनी मां को लेकर ना जाने अब तक कहां तक अपनी कल्पनाओं का घोड़ा दौड़ा चुका था,,,। अपनी मां की हिलती हुई गांड को देखकर संजू अपना सुध बुध खो चुका था,,,,,, उसका सारा ध्यान सिर्फ अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर केंद्रित हुआ था संजू की तरफ से कोई जवाब ना आता देखकर आराधना उसकी तरफ देखे बिना ही फिर से बोली,,,)

तुझे तो बहुत पसंद है ना,,,,
(अपनी मां की बात सुनते ही जैसे वह नींद से जागा हो ईस तरह से बड़बड़ाते हुए बोला,,,)

Aaradhna ki uttejna badhata hua


हं ,,,हं,, मुझे तो बहुत पसंद है,,, अच्छा होगा कि आज तुम पूरी सब्जी बना दी आज पेट भर कर खाऊंगा,,,।


तू तो ऐसा कह रहा है जैसे कि खाना तुझे मिलता ही नहीं है,,


नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है मम्मी लेकिन पूरी सब्जी की बात ही कुछ और है और थोड़ी सी खीर भी बना देना तो मजा आ जाए,,,,।


चिंता मत कर मुझे पता है कि तुझे क्या पसंद है इसके बाद खीर बनाने वाली हूं मैं जानती हूं कि तुझे खीर भी बहुत पसंद है,,,।(संजू की तरफ देखे बिना ही आराधना मुस्कुराते हुए बोली अपने बेटे से कई दिन बाद हुआ है इस तरह से बातें कर रही थी और ना जाने क्यों उसे अपने बेटे से बातें करने में उत्तेजना का एहसास हो रहा था,यह, एहसास उसके लिए हैरान कर देने वाला थाक्योंकि उसे अपनी दोनों टांगों के बीच की पत्नी जरा रहने से काम में बैठा हुआ महसूस हो रहा था उसे अपनी बुर गीली होती हुई महसूस हो रही थी,,,,उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार ऐसा क्यों हो रहा है लेकिन उसे अंदर से आनंद की अनुभूति भी हो रही थी,,, अपनी मां की बातें सुनकर संजू बोला,,)
Aaradhna chudwate huye





थैंक्यू मम्मी तुम्हें मेरी पसंद का कितना ख्याल है,,,,


तेरी पसंद का ख्याल क्यों ना होगा,,,

(अपनी मां की बात सुनकर संजू मन ही मन खुश हो रहा था और अपने मन में यह कह रहा था कि जब तुम्हें मेरी पसंद का इतना ख्याल हो तो यह क्यों नहीं समझ पा रही हो कि मुझे तुम्हारी गांड भी बहुत पसंद है क्यों नहीं परोस देती मुझे अपनी बड़ी बड़ी खूबसूरत गांडमैं आपसे ही यह बात करके संजू की उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ गई उसके पेट में अच्छा खासा तंबू सा बन गया जिस पर उसकी मां की नजर पड़ सकती थी,,,,इसलिए वह वहां पर ज्यादा देर ठहर ना नहीं चाहता था लेकिन अपनी गर्मी को शांत करना भी बहुत जरूरी था,,,,वो जल्द से जल्द अपने कमरे में जाकर अपनी गर्मी शांत करना चाहता था इसलिए वह अपनी मां से बोला,,,)

Aaradhna kitchen me masti k sath chudwati huyi



जल्दी से बनाना मुझे बहुत जोरों की भूख लगी है,,,(इतना कहने के साथ ही अपनी मां की गांड को नजर भर देख कर वह रसोई घर से बाहर निकल जाए और उसे जाता हुआ ना जाने क्यों आराधना को अच्छा नहीं लग रहा था उससे आज बात करने में बहुत अच्छा लग रहा था,,,, संजू के रसोई घर से बाहर जाते ही आराधना से रहा नहीं गया और वह साड़ी के ऊपर से ही अपनी बुर को टटोल कर देखने लगी की कितनी गीली हुई है और इस बात का एहसास हुआ कि उसकी बुर ढेर सारा पानी छोड़ चुकी थी,,,, इस बात से वह हैरान भी थी और उत्साहित भी,,,।
Aarafhna ko bahot maja aa raha tha



इस समय घर पर केवल संजु और आराधना ही थे,,, मोहिनी के घर आने मे अभी आधा घंटा बचा था इसलिए वह अपने कमरे में जाते ही दरवाजे की कुंडी लगाकर अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया और बिस्तर पर दीवार का सहारा लेकर बैठ गया और अपनी आंखों को बंद करके अपने लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया और अपनी कल्पनाओं के घोड़े को थोड़ा ना शुरू कर दिया अपने बदन की गर्मी शांत करने का उसके पास यही एक तरीका था,,, अगर मौसी होती तो वह शायद रोज अपनी मौसी की चुदाई करके अपनी गर्मी शांत कर लेता लेकिन यहां उसके पास बुर का जुगाड़ नहीं था इसलिए उसे अपनी गर्मी शांत करने का बस यही एक सहारा था,,,।

वह अपनी आंखों को बंद कर चुका था और अपनी कल्पनाओं के घोड़े को हवा में तेज लेकर दौड़ रहा था वह कल्पना कर रहा था कि उसकी मां रसोई घर में खाना बना रही है उसकी बड़ी बड़ी गांड देखकर वा उत्तेजित हो रहा है और उससे रहा नहीं जा रहा है वह अपनी उत्तेजना को शांत करने के लिए पीछे से अपनी मां को अपनी बाहों में भर कर उसे प्यार करने लगता है,,,,कल्पना और उसकी मां भी उसकी हरकत से पूरी तरह से मस्त हुए जा रही है और वह अपनी मां के कदमों को चूमते हुए ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की बड़ी बड़ी चूचियों को दबा रहा है,,,,, संजू की कल्पना इतनी जबरदस्त होती थी कि उसे सब कुछ हकीकत सा लगने लगता था,,, वह जोर-जोर से अपने लंड को मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करके मुठिया रहा था,,,,और आंखों को बंद करके अपनी मां के बारे में सोच रहा था उसके चुंबन से उसकी मां पूरी तरह से मस्त हो गई थी ब्लाउज के ऊपर से ही चूची को दबाते हुए उसकी मां भी गरम सिसकारी ले रही थी,,, धीरे-धीरे करके संजू कल्पना करते अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिया और अपनी मां की नंगी चूची को जोर जोर से दबाने लगा,,, जैसे-जैसे उसकी कल्पना के बरती जा रही थी वैसे वैसे संजू के तन बदन में उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,,,,
कल्पना में उसकी मां भी पुरी तरह से उसका साथ दे रही थी,,,वह भी अपना हाथ पीछे की तरफ लाकर पेंट के ऊपर से ही अपने बेटे का लंड को पकड़ कर जोर जोर से दबा रही थी,,,,।



कल्पना में संजू और आराधना दोनों की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी दोनों पूरी तरह से उतावले हुए जा रहे थे एक दूसरे में समाने के लिए,,,, और देखते ही देखते संजू अपनी मां की साड़ी पर की तरफ खाने लगा और कमर तक उठा दिया साड़ी के अंदर उसकी मां बेटी नहीं पहनी थी साड़ी के अंदर वह पूरी तरह से नंगी थी अपनी मां की नंगी गांड देखकर संजू से रहा नहीं गया और दो चार चपत अपनी मां की गोरी गोरी गांड पर लगा दिया,,,,,संजू की मां भी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी वह भी अपनी उत्तेजना बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और अपनी दोनों टांगों को थोड़ा सा और ज्यादा खोल दी जिससे संजू को उसकी गुलाबी बुर देखने में आसानी हो,,,।

अपनी मां के बारे में कल्पना करके संजय पूरी तरह से मस्त हो चुका था लंड पर उसका हार बड़ी तेजी से चल रहा था उसका पानी निकलने वाला था,,,, इसलिए संजू कल्पनाओं के घोड़े की रफ्तार और ज्यादा बढ़ाने लगा और तुरंत अपनी पैंट उतार कर नंगा हो गया और अपने लंड को हाथ में लेकर ठीक अपनी मां की गुलाबी छेद पर लगाकर जोरदार झटका लगाया लंड पूरा का पूरा आराधना की बुर में समा गया,,,,कल्पना में आराधना भी अपने बेटे के लैंड का गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हुए आह की आवाज निकाल दी,,,, और संजु अपनी मां की चुदाई करना शुरू कर दिया कल्पना में वह अभी अपनी मां की बुर में लंड डालकर,,, दो-चार झटके लगाया ही था कि उसका पानी निकल गया,,,,।


जब वह कल्पनाओं की दुनिया से बाहर निकला तो उसका हाथ पूरी तरह से गिला हो चुका था,,,। उसकी सांसें बहुत गहरी चल रही थी,,,। मुठ मारते समय उसे इस बात का एहसास हुआ कि अपनई मौसी की चुदाई करने से ज्यादा मजा उसे अपनी मां के बारे में कल्पना करने में आ रहा था,,,मोहिनी के आने का समय हो गया था इसलिए वह तुरंत खड़ा हुआ और अपने कपड़े पहन कर कमरे से बाहर आकर अपने हाथ पैर धोने लगा,,,,।
Superb superb update
 

rohnny4545

Well-Known Member
15,902
40,838
259
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
ऑटो में साधना के घर जाते हुए आराधना और संजू का बदन एक दुसरे से रगड खाने से दोनों में वासना की लहर उठ रही थी
आराधना संजू के व्दारा करी तारीफ और दो बच्चो की माॅं लगती नहीं हो ये कहना उसकी पेंटी गिली कर रहा था साधना के घर पहुंचने के बाद संजू और साधना मौसी में वासना की तरंगे उठने लगी संजू तो आराधना बाथरूम में जाते ही कीचन में साधना मौसी पर तुट पडा वक्त की नजाकत समझते और आराधना घर में रहने के कारण वहा चुदाई नहीं हो सकी लेकीन उन्हे चुदाई तो करनी ही थी तो साधना ने उपर से पैसे लाने के बहाने संजू को उपर बेडरूम में ले गई और एक धमाकेदार चुदाई का कार्यक्रम पार कर के दोनों तृप्त हो गये वो भी आराधना के घर में रहते जबरदस्त खैर देखते हैं आगे संजू और आराधना का मिलन कब होता है और कौनसी परिस्थिती में होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Waah bhai waah
 

rohnny4545

Well-Known Member
15,902
40,838
259
संजु और आराधना दोनों, साधना के घर से निकलते हुए थे लेकिन आसमान में बादल उमड़ रहे थे जो कि बारिश के आने की शंका को बता रहे थे,,,,, मौसम बेहद खुशनुमा हो चुका था घर से निकली थी तब बेहद गर्मी थी,,,शाम होने को थी तो मौसम एकदम ठंडा हो गया था भले ही इस समय बारिश नहीं पड़ी थी लेकिन बारिश पड़ने के आसार पूरी तरह से नजर आ रहे थे,,,,। थोड़ी ही देर में दोनों मार्केट में आ गए थे,,,


वाह,,, मौसम कितना सुहाना हो गया है,,, है ना संजु,,,


हां मम्मी तुम सच कह रही हो ,, गर्मी बिल्कुल भी नहीं है ठंडा मौसम हो गया है ऐसे में मार्केट में खरीदी करने में भी अच्छा रहेगा,,,,,,(ऐसा कहते हो कि दोनों फुटपाथ पर चल रहे थे संजू ज्यादा से ज्यादा यह कोशिश करता था कि वह हमेशा अपनी मां से दो कदम पीछे रहे क्योंकि उसे आज ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मां तैयार होते समय अपनी साड़ी को कुछ ज्यादा ही कस के कमर से बांधी हुई थी जिससे कसी हुई साड़ी में उसकी भारी-भरकम गांड कुछ ज्यादा ही उभर कर निखर रही थी,,,, और सैंडल पहने होने की वजह से चाल में एक नजाकत सी आ गई थी और उस नजाकत के चलते,, उसकी गांड कुछ ज्यादा ही मटक रही थी,,,, मटकती हुई गांड के मटके को देखकर राजू का मुसल हिलोरे ले रहा था,,, अभी-अभी कुछ घंटे पहले ही वह अपनी मौसी की जमकर चुदाई किया था फिर भी अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड को देखकर उसका लंड ललच रहा था,,,,,)

संजू मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि दीदी झट से अपनी मदद कर देंगी और वह भी 5000 की जगह 10000,,,


हां मम्मी मौसी का दिल बहुत बड़ा है,,,(इतना कहकर वो अपने मन में ही बोला और गांड भी)

आखिर वह है तो मेरी दीदी,,, मेरा शुरू से बहुत ख्याल रखती हैं,,,(आराधना आज बहुत खुश नजर आ रही थी और आती भी कैसे नहीं घर में राशन खत्म हो चुका था हाथ में पैसा नहीं था और ऐसे में उसकी बहन ने 5000 की जगह 10000 की मदद जो कर दी थी,,, इतने से वह आराम से खर्चा निकाल लेंगी,,,,,, संजू का ध्यान अपनी मां की बातों पर नहीं बल्कि उसकी कमर के नीचे के आकार और उसके भूगोल पर था,,,, और आते जाते हैं वह दूसरे की नजरों को भी देख ले रहा था जो कि आते जाते उसकी मां की गांड की एक झलक लेकर आह भरते हुए निकल जा रहे थे,,,,,, संजू यह बात अच्छी तरह समझ गया था कि उसकी मां की गांड का आकर्षण एकदम मदहोश कर देने वाला है,,,आराधना संजू की तरफ देखे बिना ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)





अगर दीदी ने पैसे ना दिए होते तो आज शाम का खाना शायद हम लोग खा नहीं पाते,,,,,(संजू की तरफ से किसी भी प्रकार का जवाब नहीं आ रहा था तो वह अचरज से पीछे नजर करके देखी तो उसे अपनी गोल गोल गांड की तरफ देखता हुआ पाकर एकदम से सिहर उठी,,, और उसने झट से अपनी नजरों को फिर से सीधा कर ली,,,, उसे यकीन हो गया था कि उसका बेटा उसके हुस्न का दीवाना हो गया है,,,लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि एक जवान लड़का एक जवान लड़की की तरफ आकर्षित होने की जगह एक 40+ औरत के प्रति आकर्षित क्यों हुआ जा रहा है,,, लेकिन जो भी हो उसे अपने बेटे की नजर बड़ी ही मादक लग रही थी,,,, अपने आप ही ना चाहते हुए भी उसकी चाल एकदम से और ज्यादा मजाक हो गई थी अब वह चलते समय पैर को आगे रखते हुए अपनी कमर को थोड़ा सा बलखा दे रही थी जैसे कोई मोडल रैंप पर चल रही हो,,, अपनी मां की बदली हुई चाल देखकर संजू का लंड पैंट के अंदर बवाल मचाया था,,, संजू को ऐसा लग रहा था कि कहीं अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड को मटकती हुई देखकर कहीं उसका लंड पानी ना फेंक दे,,,,, देखते ही देखते एक बड़ी सी किराना की दुकान देख कर आराधना और संजु दोनों वहीं खड़े होकर राशन का सामान लेने लगे,,,,,, दुकान पर थोड़ी भीड़ भाड़ थी,,, आराधना राशन का सामान लेने में व्यस्त थी धीरे-धीरे दुकानदार का सामान बता रही थी और दुकानदार सामान निकालता जा रहा था,,,, संजू की दुकान में इधर-उधर नई नई सामान को देखने में व्यस्त था कि तभी वहीं पर एक उसके ही हम उम्र का लड़का आया और वह भी सामान लेने लगा ,,,,,, वह दुकान पर खड़ा होकर सामान तो ले रहा था लेकिन वह तिरछी नजर से आराधना की उभरी हुई गांड को देख रहा था जो कि साड़ी में भी क़यामत लग रही थी,,,,, संजू की नजर बहुत ही जल्द उस लड़के पर पड़ गई,,, पर उसकी प्यासी नजरों को अपनी मां की गांड पर घूमता हुआ देखकर वह क्रोधित तो हुआ लेकिन इस समय वह उस लड़के को कुछ बोल भी नहीं सकता था और बोलता भी क्या बोलता हूं कि उसकी मां की गांड की देख रहा है सब बोलने में भी खुद उसकी ही फजेती हो जाती,,, और वैसा वह चाहता नहीं था,,,,



संजू की नजर उस लड़के पर ही हूं और वह लड़का संजू की मां को देख रहा था आसमानी रंग की साड़ी में उसकी मां इस समय किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही थी खुला गले का ब्लाउज पहने होने की वजह से उसकी नंगी चिकनी पीठ पर बस एक पतली सी रस से भरी हुई थी और बाकी की नंगी चिकनी पीठ एकदम साफ नजर आ रही थी,,,,, संजू ने साफ-साफ देखा था कि वह लड़का उसकी मां की नंगी चिकनी पीठ करके उसकी कमर के बीच में बनती पतली गहरी लकीर और कमर के नीचे के घेराव को देखकर जींस के ऊपर से ही अपने लंड को दबाया था,,,,। एक लड़का होने के नाते संजु को इतना तो पता ही था कि एक औरत को देखने के बाद एक लड़की के मन में क्या चलता रहता है और जिस तरह से उस लड़के ने अपने लंड को दबाया था संजू,, संजू समझ गया था कि अपने मन में उसकी मां की गांड की कल्पना कर रहा है और अपने मन में यही सोच रहा था कि काश यह गांड उसे चोदने को मिल जाती तो कितना मजा आता,,,,उस लड़के के मन में क्या चल रहा है यह संजू अपने मन में सोच कर परेशान भी हो रहा था और उत्तेजित भी हो रहा था कि उसकी मां को देखकर ना जाने कितने लोग गर्म आहें भरते होंगे,,,, अपनी मां के इस कदर खूबसूरत होने पर संजु को भी गर्व का अनुभव हो रहा था,,,,,, वह लड़का बार-बार सबसे नजर बचाकर आराधना की गांड के उधार का मजा ले रहा था,,,, और आराधना के इस बारे में बिल्कुल भी खबर नहीं थी वह अपनी मस्ती में एक-एक करके राशन का सामान ले रही थी,,और सामान लेते समय बातें करते समय इधर-उधर हाथ करके दिखाते समय जिस तरह से उसकी गांड की थिरकन हो रही थी उसे देखकर खुद संजू का भी लंड जवाब दे रहा था,,,,, संजु को भी यह नजारा देखने में बहुत मजा आ रहा था,,,

Aardhna ki badi badi chuchiya or ubhari huyi gaand


वह लड़का सामान ले चुका लेकिन फिर भी एक बहाने से संजू की मां की गांड के दीदार के लिए ही एक बहाने से वहीं खड़ा होकर कभी यह सामान तो कभी वह सामान का भाव पूछ रहा था,,,,संजु को इस बारे में पता था कि वह सामान ले चुका है फिर भी जानबूझकर नाटक कर रहा है,,,लेकिन संदीप जानता था कि उसके राशन की लिस्ट ज्यादा लंबी थी वह कितनी देर खड़ा रहता आखिरकार वह चला गया,,, तभी खूबसूरत औरत सामान लेने आई और थोड़ा सा हिचकीचाते हुए दुकानदार से विहस्पर मांगी और विहस्पर मांगते समय इधर उधर नजर दौड़ा कर देख भी ले रही थी कि कहीं कोई उसे देख तो नहीं रहा है,,,, ऐसे में संजू की नजर उस औरत से टकरा गई और वह औरत शर्माकर दूसरी तरफ नजर फेर ली,,, और अचानक उसकी बड़ी बड़ी गांड पर संजू की नजर पड़ गई,,, जिसे देख कर उसके मुंह से भी आह निकल गई उसकी पतली कमर में हल्की से कमर के पीछे वाले भाग में लकीर बनी हुई थी जिससे उसकी खूबसूरती और मादकता दोनों बढ़ रही थी संजु अपने मन में सोचने लगा कि जब वह किसी गैर खूबसूरत औरत को देखकर इतना उत्तेजित और आनंद ले रहा है तो दूसरे कैसे नहीं उसकी मां की खूबसूरत बदन को देखकर अपने मन में गलत विचार लाते होंगे,,,,,, थोड़ी देर में वह औरत भी वहां से चली गई,,, धीरे-धीरे दो चार ग्राहक और आ गए जिसमें दो लड़के उसके ही हम उम्र के थे,,,, आराधना संजू से पूछ पूछ कर सामान लिए जा रही थी,,,,वैसे तो संजू को इस बारे में कुछ पता नहीं चाहता था लेकिन फिर भी आराधना तसल्ली के लिए एक बार उससे पूछ लेती थी कि यह सामान लेना है या नहीं लेना है,,, संजु भी अपनी राय बताता जा रहा था,,,,,,


2015 mustang roush stage 3 0 60

खरीदारी चली रही थी कि तभी वह दोनों लड़कों के आपस में फुसफुसाने की आवाज संजू के कानों में पड़ी ,,,उसे कुछ साफ सुनाई नहीं दे रहा था लेकिन कहीं से अंदाजा लग गया था कि वह दोनों उसकी मां के बारे में कुछ बोल रहे हैं इसलिए वह अपने कान एकदम से खड़ा कर लिया,,,,,इन दोनों की बातों को सुनने की कोशिश करने लगा वह दोनों उसकी मां के दूसरे साइड पर खड़े थे और संजू इस और खड़ा था,,,,, तभी उसके कानों में दस्तक हुआ जो कि वह दोनों लड़के आपस में बात करते हुए बोल रहे थे,,,।

यार ये भाभी कितनी जोरदार है एकदम मक्खन की तरह चिकनी है,,,,(इतना सुनते ही संजू को गुस्सा आ गया लेकिन वह बोलता भी तो क्या बोलता है सबके सामने झगड़ा करने में मजा नहीं था क्योंकि दूसरे लोग पूछते जरूर की क्या हुआ तब,,,वह क्या कहता यह कहता कि वह उसकी मां को जोरदार बोल रहा है अभी वह इतना सोच रहा था कि दूसरे लड़के ने बोला,,,)



यार इसकी गांड कितनी मस्त है बड़ी-बड़ी,,, अगर मिल जाए तो दोनों हाथों से पकड़कर चोदने मे मजा आ जाए,,,,

( यह सुनते ही,, संजू के तन बदन में आग लग गई वह लोग सीधे सीधे उसकी मां को चोदने की बात कर रहे थे,, संजीव को समझ में नहीं आ रहा कि क्या करेंउसका मन तो दोनों को पीटने को कर रहा था लेकिन फिर भी बात का बतंगड़ बन ही जाता और ऐसे में वह दोनों ही मजाक का कारण बन जाते हैं क्योंकि उन दोनों को पीटने के पीछे का कारण संजू बता नहीं सकता था,,, वह दोनों तिरछी नजरों से उसकी मां की गांड को ही देख रहे थे,,, तभी वह लड़का आगे लेने के लिए हाथ बढ़ाया तो उसकी मुझे आराधना की छातियों पर गई तो वह अपने दोस्त से बोला,,,)

बे पीछे का सामान तो जोरदार है ही आगे की चुची तो देख एक एक चूची डेढ़ डेढ़ लीटर की है,,,बाप रे उसकी किस्मत कितनी जोरदार होगी जो इसकी चुचियों को दोनों हाथ में लेकर मुंह में भरकर पीता होगा,,, मेरी किस्मत में अगर यह औरत एक रात के लिए भी आ जाए तो चोद चोद कर इसकी बुर का भोसड़ा बना दूं,,,,
(उस लड़के की बात सुनकर संजू आग बबूला हो रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था गुस्से से उसका चेहरा लाल पीला हो रहा था ,, वो अपने मन में सोचने लगा कि जब उसे उस लड़के की बात सुनाई दे रही है की वह क्या बोल रहा हैतब तो उसकी मां उसके पास में खड़ी है तो क्या उसकी मां को नहीं सुनाई दे रहा होगा कि वह लड़का उसके बारे में कितनी गंदी गंदी बात कर रहा है लेकिन वह अपनी मां की तरफ देखा तो उसकी मां अपनी मस्ती में मशगूल थी,,,, ऐसा संजू सोच रहा था लेकिन हकीकत यह थी कि उन लड़कों की बात आराधना भी सुन रही थी जहां एक तरफ से गुस्सा आ रहा था तो वहीं एक तरफ उसे अपनी जवानी पर गर्व भी हो रहा था कि जवान लड़के उसके पीछे लार टपकाए पड़े हैं,,,,अपने बारे में इतनी गंदी गंदी बात उसने कभी नहीं सुनी थी हालांकि अपने पति से वह गालियां जरूर सुनती थी लेकिन उसके लड़के की उम्र के लड़के उसके बारे में इतनी गंदी विचारधारा रखते हैं उसे आज पहली बार पता चल रहा था,,,, उस लड़के की बात से वह गुस्से के साथ-साथ उत्तेजित भी होने लगी ,,, क्योंकि वह लड़का बोला कि रात भर के लिए मिल जाए तो उसकी बुर का भोसड़ा बना दें,,,मतलब साफ था कि उसके बेटे की उम्र की लड़की है उसे चोदने के लिए बेताब है इसका मतलब कि उसके बदन में अभी भी जवानी का कसाव बरकरार था जिससे जवान लड़के उसकी तरफ आकर्षित हो रहे थे,,, इन दोनों लोगों की बातें सुनकर आराधना को इस बात का एहसास होगा कि जब उसके बेटे की उम्र की लड़की मुझसे एक बार देखने के बाद अपनी विचारधारा इस तरह की गंदी रखते हैं तो उसका बेटा तो उसके साथ हमेशा रहता है उसे नाम की भी देख चुका है तो उसके मन में कितनी भावनाए उमड़ती होंगी,,,।,,, लेकिन वह नहीं चाहती थी कि उन्होंने लड़के की बातें सुनकर संजू गुस्से में आए और उन दोनों से मारपीट करें इसलिए अपने बेटे का ध्यान भटकाने के लिए वह कोई न कोई सामान उसे पकड़ा दे रही थी जिसकी प्राइस देखने में उसका बेटा उलझा रहता था वह सोच रही थी कि वह दोनों लड़के के यहां से चले जाएं कि तभी,,, उनमें से एक लड़का बोला,,,।

यार मेरा मन तो एक बार इसकी गांड पर हाथ रखने को कर रहा है,,,

यह सुनते ही आराधना डर और उत्तेजना के मारे पीहर उठी,,,, वह नहीं चाहती थी कि ऐसा कुछ हो,,, इसलिए एक बहाने से अपने बेटे के बीच की तरफ किसी सामान को लेने का बहाना करके आ गई और अपने बेटे को दूसरी तरफ कर दी अब वह दोनों लड़के उसके बेटे के करीब हो गए,,,, वह तिरछी नजर से उन दोनों लड़कों को देख रही थी,,, उनका चेहरा देखकर लग रहा था कि उसका उधर जाना उन दोनों को कितना खल रहा था वैसे भी वह दोनों सामान ले चुके थे थोड़ी देर में वहां से निकल गए लेकिन जाते जाते वह दोनों लड़के उसे इस बात का एहसास करा गए थे की अभी भी उसके अंदर जवानी कूट-कूट कर भरी हुई है और इस उम्र में भी वह उसके बेटे की उम्र के लड़कों का पानी निकाल देने में पूरी तरह से सक्षम है,,,,।

आराधना अपने आप पर गर्व महसूस कर रही थी,,,, राशन का सामान वह ले चुकी थी कि तभी बारिश पड़ने लगी,,,, सभी सामान को वह प्लास्टिक में पैक करवाने लगे ताकि बारिश में भीग ना जाए,,, थोड़ी देर में बारिश रुक भी गई थी लेकिन फिर से बारिश पड़ने के आसार नजर आ रहे थे इसलिए,,, आराधना जल्द से जल्द अपने घर पहुंच जाना चाहती थी इसलिए तुरंत सामान्य कर बाहर निकल गई,,, और बाजार में से ही समोसे और पानी पूरी पेक करवा ली ,,,बाजार से थोड़ी दूर पर ही उसका घर का इसलिए दोनों पैदल चलने लगे कि तभी फिर से बारिश पढ़ना शुरू हो गई और इतनी जोर से पड़ने लगी कि उन दोनों को सर छुपाने की जगह नहीं मिली और दोनों पूरी तरह से खरीदें बारिश अभी भी लगातार हो रही थी अच्छा हुआ सामान कि वह दोनों प्लास्टिक में पैक करवाए थे इसलिए सामान भीगने का सवाल ही नहीं उठता था,,,वह दोनों भीगते भीगते चले जा रहे थे,,,,,,, क्योंकि अब बारिश से बचने का कोई सवाल ही नहीं था क्योंकि दोनों पूरी तरह से पानी में भीग चुके थे,,,,,,

थोड़ी ही देर में दोनों अपने घर पर पहुंच गए घर का दरवाजा अभी भी बंद था और दरवाजे पर ताला लगा हुआ है जिससे पता चल रहा था कि मोहिनी अभी घर पर नहीं आई थी बारिश की वजह से वह भी अपनी सहेली के वहां रुक गई थी रखना जल्दी से ताला खोलकर दरवाजा खोलिए दोनों घर में प्रवेश कर गए प्रवेश करते ही,,, दरवाजा बंद कर दी और सामान रखने लगी,,,।



बाप रे बारिश से बचने का तो समय ही नहीं मिला,,,


हम अभी अच्छा हुआ कि तुमने सामान को प्लास्टिक में पैक करवा ली थी वरना सारा सामान भीग जाता ,,,


हां इसीलिए तो,,,, मैं जानती थी घर बारिश पड़ जाएगा तो सारा सामान खराब हो जाएगा,,,,
( इतना कहते हुए आराधना अपने साड़ी के पल्लू अपने कंधे पर से हटा कर पानी को साड़ी में से गारने लगी,,, वहीं पास में संजु भी खड़ा था जो कि अपने शर्ट के बटन बोलने लगा और अपने शर्ट के बटन को खोलते हुए उसकी नजर जैसे ही अपनी मां की भारी-भरकम छातियों पर गई तो उसकी नजर छातियों पर ही गड गई,,,,, उसे तुरंत दुकान पर खड़े दोनों लड़कों की बात याद आ गई की एक एक चूची डेढ़ डेढ़ लीटर की है,,, संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,, आराधना को जब इस बात का अहसास हुआ कि वह अपने बेटे की आंखों के सामने ही अपने साड़ी को अपने कंधे पर से हटा दि है और उसकी भारी-भरकम छातिया उसकी आंखों के सामने उजागर हो गई है तो वह एकदम से शर्म से पानी पानी हो गई,,, पल भर में ही उसकी आंखों में भी उत्तेजना का तूफान नजर आने लगा उसे ढूंढो की बात याद आने लगी जो कि उसके बेटे के ही हमउम्र थे और उसके बारे में गंदी गंदी बातें कर रहे थे,,, कि रात भर के लिए मिल जाए तो सारी रात चोद चोद कर बुर का भोसड़ा बना दे,,,उन लड़कों की बात याद आते ही वह अपने मन में सोचने की क्या ऐसा हो सकता है अगरवह सच में एक रात के लिए किसी जवान लड़के की बाहों में चली जाए तो क्या वह लड़का सारी रात उसकी बुर में अपना लंड डालकर इस की चुदाई कर करके रात भर में उसकी बुर का भोसड़ा बना सकता है ,,,, यह ख्याल मन में आते ही उत्तेजना के मारे उसकी बुर गीली होने लगी,,,, अभी भी संजू आंखें फाड़े उसकी चूची की तरफ ही देखे जा रहा था जो कि बारिश की वजह से पानी की धार उस पर पड़ने की वजह से अपने आप ही ब्लाउज के ऊपर वाला बटन खुल गया था और चुचियों का वजन इतना ज्यादा था कि ऐसा लग रहा था कि अभी ब्लाउज फट जाएगा और दोनों चूचियां बाहर आ जाएंगी,,,,,,,आराधना अपने बेटे की प्यासी नजरों को देखकर शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी कि तभी आसमान में जोर की बिजली कड़की और आराधना एकदम से डर गई और तुरंत जाकर संजू से चिपक गई,,,, संजू को तो जैसे मुंह मांगी मुराद मिल गई हो,,, वह तुरंत अपनी मां को अपनी बाहों में कस लिया एक जवान लड़के की बाहों में अपने आप को पाकर ना जाने क्यों आराधना सुकून महसूस कर रही थी,,, बड़ी-बड़ी चूचियां संजू के शर्ट का बटन खुला होने की वजह से उसकी नंगी छातियों रगड़ खा रही थी यह एहसास संजु को और ज्यादा गर्म कर रहा था,,, संजू का लंड एकदम से खड़ा हो गया था,,,कोट पैंट में तंबू बनाकर सीधे-सीधे उसकी मां की दोनों टांगों के बीच से होता हुआ उसकी बुर पर दस्तक देना शुरू कर दिया था,,,, यह एहसास आराधना के लिए बिल्कुल अद्भुत और नया था,, इतने से ही आराधना की जवानी का रस पिघलने लगा उसकी बुर से काम रस बहना शुरू हो गया,,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है,,,।

संजू जैसे इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था अपना दोनों हाथ पीछे की तरफ लाकर अपनी मां की गांड पर रख दिया और उसे हल्के से दबाकर अपनी तरफ खींच लिया अपने बेटे की यह हरकत से आराधना पूरी तरह से पिघलने लगी,,,दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगे दोनों एक दूसरे की आंखों के समंदर में डूबने लगे दोनों को इस बात का अहसास तक नहीं था कि दोनों क्या कर रहे हैं,,,, संजु अपनी मां के लाल लाल होठों का रस अपने होठों से पी जाना चाहता था इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था तो वह अपने होठों को अपनी मां के तपते हुए रसीले होठों पर रखकर उसके होंठों को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,,, दोनों के तन बदन में आग लग गई,,,आराधना अपने बेटे की हरकत से शर्म से पानी पानी तो हुए जा रही थी लेकिन एकदम से चुदवासी भी हुए जा रही थी क्योंकि संजू का मोटा तगड़ा लंड बार बारिश की बुर के ऊपर साड़ी के ऊपर से ही ठोकर मार रहा था,,,, संजू पूरी तरह से मस्त हो गया था पहली बार वह इस तरह से चुंबन जो कर रहा था और वह भी अपनी मां के ही होंठों का इसलिए एहसास के तन बदन में और ज्यादा आग लगा रहा था,,,,, संजू पुरी तरह से मस्ती के सागर में डुबता चला जा रहा था,,, वह अपनी मां की नितंबों को कस के दोनों हाथों से पकड़े हुए उसे अपने लंड से सटाया हुआ था,,,,

Sanju or aaradhna ka chumban


आराधना भी गहरी गहरी सांसे ले रही थी अपने बेटे की हरकत से वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी इस समय अपने बेटे को रोक सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी,,, वह दोनों आगे बढ़ जाना चाहते थे कि तभी दरवाजे पर जोर-जोर से दस्तक होने लगी,,,।


मम्मी,,, दरवाजा खोलो,,,, मम्मी,,,,,




इतना सुनते ही दोनों चौक गए और दोनों एक दूसरे से अलग हो गए आराधना अपनी साड़ी को ठीक करने लगी जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और उसे उतारना भी जरूरी था लेकिन फिर भी दरवाजे पर उसकी लड़की खड़ी थी इसलिए,,,नंग धड़ंग हालत में दरवाजा खोलना ठीक नहीं था और वह भी बंद कमरे के अंदर अपने बेटे की मौजूदगी में,,,, इसलिए आराधना जल्दी से अपने आप को संभाल कर दरवाजा कोली तो सामने मोहिनी खड़ी थी और वह भी छाता लिए,,, उसे देखते ही आराधना बोली,,,।

अरे मोहिनी तु कहां इतनी देर लगा दी,,,,


अरे मम्मी देख नहीं रही हो इतनी जोर से बारिश होने लगी थी आने का मौका ही नहीं था वो तो मैं अपनी सहेली का छाता लेकर यहां तक पहुंच पाई हु नहीं तो मैं भी भीग जाती,,,

अच्छा हुआ बेटी की तु अपनी सहेली का छाता लेकर आए हम दोनों एक दम से भीग गए हैं,,, आजा अंदर आकर दरवाजा बंद कर दे,,,।
 
Last edited:

Dhansu2

Well-Known Member
2,165
3,989
158
संजु और आराधना दोनों, साधना के घर से निकलते हुए थे लेकिन आसमान में बादल उमड़ रहे थे जो कि बारिश के आने की शंका को बता रहे थे,,,,, मौसम बेहद खुशनुमा हो चुका था घर से निकली थी तब बेहद गर्मी थी,,,शाम होने को थी तो मौसम एकदम ठंडा हो गया था भले ही इस समय बारिश नहीं पड़ी थी लेकिन बारिश पड़ने के आसार पूरी तरह से नजर आ रहे थे,,,,। थोड़ी ही देर में दोनों मार्केट में आ गए थे,,,

वाह,,, मौसम कितना सुहाना हो गया है,,, है ना संजु,,,


हां मम्मी तुम सच कह रही हो ,, गर्मी बिल्कुल भी नहीं है ठंडा मौसम हो गया है ऐसे में मार्केट में खरीदी करने में भी अच्छा रहेगा,,,,,,(ऐसा कहते हो कि दोनों फुटपाथ पर चल रहे थे संजू ज्यादा से ज्यादा यह कोशिश करता था कि वह हमेशा अपनी मां से दो कदम पीछे रहे क्योंकि उसे आज ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मां तैयार होते समय अपनी साड़ी को कुछ ज्यादा ही कस के कमर से बांधी हुई थी जिससे कसी हुई साड़ी में उसकी भारी-भरकम गांड कुछ ज्यादा ही उभर कर निखर रही थी,,,, और सैंडल पहने होने की वजह से चाल में एक नजाकत सी आ गई थी और उस नजाकत के चलते,, उसकी गांड कुछ ज्यादा ही मटक रही थी,,,, मटकती हुई गांड के मटके को देखकर राजू का मुसल हिलोरे ले रहा था,,, अभी-अभी कुछ घंटे पहले ही वह अपनी मौसी की जमकर चुदाई किया था फिर भी अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड को देखकर उसका लंड ललच रहा था,,,,,)

संजू मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि दीदी झट से अपनी मदद कर देंगी और वह भी 5000 की जगह 10000,,,


हां मम्मी मौसी का दिल बहुत बड़ा है,,,(इतना कहकर वो अपने मन में ही बोला और गांड भी)

आखिर वह है तो मेरी दीदी,,, मेरा शुरू से बहुत ख्याल रखती हैं,,,(आराधना आज बहुत खुश नजर आ रही थी और आती भी कैसे नहीं घर में राशन खत्म हो चुका था हाथ में पैसा नहीं था और ऐसे में उसकी बहन ने 5000 की जगह 10000 की मदद जो कर दी थी,,, इतने से वह आराम से खर्चा निकाल लेंगी,,,,,, संजू का ध्यान अपनी मां की बातों पर नहीं बल्कि उसकी कमर के नीचे के आकार और उसके भूगोल पर था,,,, और आते जाते हैं वह दूसरे की नजरों को भी देख ले रहा था जो कि आते जाते उसकी मां की गांड की एक झलक लेकर आह भरते हुए निकल जा रहे थे,,,,,, संजू यह बात अच्छी तरह समझ गया था कि उसकी मां की गांड का आकर्षण एकदम मदहोश कर देने वाला है,,,आराधना संजू की तरफ देखे बिना ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)


अगर दीदी ने पैसे ना दिए होते तो आज शाम का खाना शायद हम लोग खा नहीं पाते,,,,,(संजू की तरफ से किसी भी प्रकार का जवाब नहीं आ रहा था तो वह अचरज से पीछे नजर करके देखी तो उसे अपनी गोल गोल गांड की तरफ देखता हुआ पाकर एकदम से सिहर उठी,,, और उसने झट से अपनी नजरों को फिर से सीधा कर ली,,,, उसे यकीन हो गया था कि उसका बेटा उसके हुस्न का दीवाना हो गया है,,,लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि एक जवान लड़का एक जवान लड़की की तरफ आकर्षित होने की जगह एक 40+ औरत के प्रति आकर्षित क्यों हुआ जा रहा है,,, लेकिन जो भी हो उसे अपने बेटे की नजर बड़ी ही मादक लग रही थी,,,, अपने आप ही ना चाहते हुए भी उसकी चाल एकदम से और ज्यादा मजाक हो गई थी अब वह चलते समय पैर को आगे रखते हुए अपनी कमर को थोड़ा सा बलखा दे रही थी जैसे कोई मोडल रैंप पर चल रही हो,,, अपनी मां की बदली हुई चाल देखकर संजू का लंड पैंट के अंदर बवाल मचाया था,,, संजू को ऐसा लग रहा था कि कहीं अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड को मटकती हुई देखकर कहीं उसका लंड पानी ना फेंक दे,,,,, देखते ही देखते एक बड़ी सी किराना की दुकान देख कर आराधना और संजु दोनों वहीं खड़े होकर राशन का सामान लेने लगे,,,,,, दुकान पर थोड़ी भीड़ भाड़ थी,,, आराधना राशन का सामान लेने में व्यस्त थी धीरे-धीरे दुकानदार का सामान बता रही थी और दुकानदार सामान निकालता जा रहा था,,,, संजू की दुकान में इधर-उधर नई नई सामान को देखने में व्यस्त था कि तभी वहीं पर एक उसके ही हम उम्र का लड़का आया और वह भी सामान लेने लगा ,,,,,, वह दुकान पर खड़ा होकर सामान तो ले रहा था लेकिन वह तिरछी नजर से आराधना की उभरी हुई गांड को देख रहा था जो कि साड़ी में भी क़यामत लग रही थी,,,,, संजू की नजर बहुत ही जल्द उस लड़के पर पड़ गई,,, पर उसकी प्यासी नजरों को अपनी मां की गांड पर घूमता हुआ देखकर वह क्रोधित तो हुआ लेकिन इस समय वह उस लड़के को कुछ बोल भी नहीं सकता था और बोलता भी क्या बोलता हूं कि उसकी मां की गांड की देख रहा है सब बोलने में भी खुद उसकी ही फजेती हो जाती,,, और वैसा वह चाहता नहीं था,,,,

संजू की नजर उस लड़के पर ही हूं और वह लड़का संजू की मां को देख रहा था आसमानी रंग की साड़ी में उसकी मां इस समय किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही थी खुला गले का ब्लाउज पहने होने की वजह से उसकी नंगी चिकनी पीठ पर बस एक पतली सी रस से भरी हुई थी और बाकी की नंगी चिकनी पीठ एकदम साफ नजर आ रही थी,,,,, संजू ने साफ-साफ देखा था कि वह लड़का उसकी मां की नंगी चिकनी पीठ करके उसकी कमर के बीच में बनती पतली गहरी लकीर और कमर के नीचे के घेराव को देखकर जींस के ऊपर से ही अपने लंड को दबाया था,,,,। एक लड़का होने के नाते संजु को इतना तो पता ही था कि एक औरत को देखने के बाद एक लड़की के मन में क्या चलता रहता है और जिस तरह से उस लड़के ने अपने लंड को दबाया था संजू,, संजू समझ गया था कि अपने मन में उसकी मां की गांड की कल्पना कर रहा है और अपने मन में यही सोच रहा था कि काश यह गांड उसे चोदने को मिल जाती तो कितना मजा आता,,,,उस लड़के के मन में क्या चल रहा है यह संजू अपने मन में सोच कर परेशान भी हो रहा था और उत्तेजित भी हो रहा था कि उसकी मां को देखकर ना जाने कितने लोग गर्म आहें भरते होंगे,,,, अपनी मां के इस कदर खूबसूरत होने पर संजु को भी गर्व का अनुभव हो रहा था,,,,,, वह लड़का बार-बार सबसे नजर बचाकर आराधना की गांड के उधार का मजा ले रहा था,,,, और आराधना के इस बारे में बिल्कुल भी खबर नहीं थी वह अपनी मस्ती में एक-एक करके राशन का सामान ले रही थी,,और सामान लेते समय बातें करते समय इधर-उधर हाथ करके दिखाते समय जिस तरह से उसकी गांड की थिरकन हो रही थी उसे देखकर खुद संजू का भी लंड जवाब दे रहा था,,,,, संजु को भी यह नजारा देखने में बहुत मजा आ रहा था,,,

वह लड़का सामान ले चुका लेकिन फिर भी एक बहाने से संजू की मां की गांड के दीदार के लिए ही एक बहाने से वहीं खड़ा होकर कभी यह सामान तो कभी वह सामान का भाव पूछ रहा था,,,,संजु को इस बारे में पता था कि वह सामान ले चुका है फिर भी जानबूझकर नाटक कर रहा है,,,लेकिन संदीप जानता था कि उसके राशन की लिस्ट ज्यादा लंबी थी वह कितनी देर खड़ा रहता आखिरकार वह चला गया,,, तभी खूबसूरत औरत सामान लेने आई और थोड़ा सा हिचकीचाते हुए दुकानदार से विहस्पर मांगी और विहस्पर मांगते समय इधर उधर नजर दौड़ा कर देख भी ले रही थी कि कहीं कोई उसे देख तो नहीं रहा है,,,, ऐसे में संजू की नजर उस औरत से टकरा गई और वह औरत शर्माकर दूसरी तरफ नजर फेर ली,,, और अचानक उसकी बड़ी बड़ी गांड पर संजू की नजर पड़ गई,,, जिसे देख कर उसके मुंह से भी आह निकल गई उसकी पतली कमर में हल्की से कमर के पीछे वाले भाग में लकीर बनी हुई थी जिससे उसकी खूबसूरती और मादकता दोनों बढ़ रही थी संजु अपने मन में सोचने लगा कि जब वह किसी गैर खूबसूरत औरत को देखकर इतना उत्तेजित और आनंद ले रहा है तो दूसरे कैसे नहीं उसकी मां की खूबसूरत बदन को देखकर अपने मन में गलत विचार लाते होंगे,,,,,, थोड़ी देर में वह औरत भी वहां से चली गई,,, धीरे-धीरे दो चार ग्राहक और आ गए जिसमें दो लड़के उसके ही हम उम्र के थे,,,, आराधना संजू से पूछ पूछ कर सामान लिए जा रही थी,,,,वैसे तो संजू को इस बारे में कुछ पता नहीं चाहता था लेकिन फिर भी आराधना तसल्ली के लिए एक बार उससे पूछ लेती थी कि यह सामान लेना है या नहीं लेना है,,, संजु भी अपनी राय बताता जा रहा था,,,,,,

खरीदारी चली रही थी कि तभी वह दोनों लड़कों के आपस में फुसफुसाने की आवाज संजू के कानों में पड़ी ,,,उसे कुछ साफ सुनाई नहीं दे रहा था लेकिन कहीं से अंदाजा लग गया था कि वह दोनों उसकी मां के बारे में कुछ बोल रहे हैं इसलिए वह अपने कान एकदम से खड़ा कर लिया,,,,,इन दोनों की बातों को सुनने की कोशिश करने लगा वह दोनों उसकी मां के दूसरे साइड पर खड़े थे और संजू इस और खड़ा था,,,,, तभी उसके कानों में दस्तक हुआ जो कि वह दोनों लड़के आपस में बात करते हुए बोल रहे थे,,,।

यार ये भाभी कितनी जोरदार है एकदम मक्खन की तरह चिकनी है,,,,(इतना सुनते ही संजू को गुस्सा आ गया लेकिन वह बोलता भी तो क्या बोलता है सबके सामने झगड़ा करने में मजा नहीं था क्योंकि दूसरे लोग पूछते जरूर की क्या हुआ तब,,,वह क्या कहता यह कहता कि वह उसकी मां को जोरदार बोल रहा है अभी वह इतना सोच रहा था कि दूसरे लड़के ने बोला,,,)

यार इसकी गांड कितनी मस्त है बड़ी-बड़ी,,, अगर मिल जाए तो दोनों हाथों से पकड़कर चोदने मे मजा आ जाए,,,,

( यह सुनते ही,, संजू के तन बदन में आग लग गई वह लोग सीधे सीधे उसकी मां को चोदने की बात कर रहे थे,, संजीव को समझ में नहीं आ रहा कि क्या करेंउसका मन तो दोनों को पीटने को कर रहा था लेकिन फिर भी बात का बतंगड़ बन ही जाता और ऐसे में वह दोनों ही मजाक का कारण बन जाते हैं क्योंकि उन दोनों को पीटने के पीछे का कारण संजू बता नहीं सकता था,,, वह दोनों तिरछी नजरों से उसकी मां की गांड को ही देख रहे थे,,, तभी वह लड़का आगे लेने के लिए हाथ बढ़ाया तो उसकी मुझे आराधना की छातियों पर गई तो वह अपने दोस्त से बोला,,,)

बे पीछे का सामान तो जोरदार है ही आगे की चुची तो देख एक एक चूची डेढ़ डेढ़ लीटर की है,,,बाप रे उसकी किस्मत कितनी जोरदार होगी जो इसकी चुचियों को दोनों हाथ में लेकर मुंह में भरकर पीता होगा,,, मेरी किस्मत में अगर यह औरत एक रात के लिए भी आ जाए तो चोद चोद कर इसकी बुर का भोसड़ा बना दूं,,,,
(उस लड़के की बात सुनकर संजू आग बबूला हो रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था गुस्से से उसका चेहरा लाल पीला हो रहा था ,, वो अपने मन में सोचने लगा कि जब उसे उस लड़के की बात सुनाई दे रही है की वह क्या बोल रहा हैतब तो उसकी मां उसके पास में खड़ी है तो क्या उसकी मां को नहीं सुनाई दे रहा होगा कि वह लड़का उसके बारे में कितनी गंदी गंदी बात कर रहा है लेकिन वह अपनी मां की तरफ देखा तो उसकी मां अपनी मस्ती में मशगूल थी,,,, ऐसा संजू सोच रहा था लेकिन हकीकत यह थी कि उन लड़कों की बात आराधना भी सुन रही थी जहां एक तरफ से गुस्सा आ रहा था तो वहीं एक तरफ उसे अपनी जवानी पर गर्व भी हो रहा था कि जवान लड़के उसके पीछे लार टपकाए पड़े हैं,,,,अपने बारे में इतनी गंदी गंदी बात उसने कभी नहीं सुनी थी हालांकि अपने पति से वह गालियां जरूर सुनती थी लेकिन उसके लड़के की उम्र के लड़के उसके बारे में इतनी गंदी विचारधारा रखते हैं उसे आज पहली बार पता चल रहा था,,,, उस लड़के की बात से वह गुस्से के साथ-साथ उत्तेजित भी होने लगी ,,, क्योंकि वह लड़का बोला कि रात भर के लिए मिल जाए तो उसकी बुर का भोसड़ा बना दें,,,मतलब साफ था कि उसके बेटे की उम्र की लड़की है उसे चोदने के लिए बेताब है इसका मतलब कि उसके बदन में अभी भी जवानी का कसाव बरकरार था जिससे जवान लड़के उसकी तरफ आकर्षित हो रहे थे,,, इन दोनों लोगों की बातें सुनकर आराधना को इस बात का एहसास होगा कि जब उसके बेटे की उम्र की लड़की मुझसे एक बार देखने के बाद अपनी विचारधारा इस तरह की गंदी रखते हैं तो उसका बेटा तो उसके साथ हमेशा रहता है उसे नाम की भी देख चुका है तो उसके मन में कितनी भावनाए उमड़ती होंगी,,,।,,, लेकिन वह नहीं चाहती थी कि उन्होंने लड़के की बातें सुनकर संजू गुस्से में आए और उन दोनों से मारपीट करें इसलिए अपने बेटे का ध्यान भटकाने के लिए वह कोई न कोई सामान उसे पकड़ा दे रही थी जिसकी प्राइस देखने में उसका बेटा उलझा रहता था वह सोच रही थी कि वह दोनों लड़के के यहां से चले जाएं कि तभी,,, उनमें से एक लड़का बोला,,,।

यार मेरा मन तो एक बार इसकी गांड पर हाथ रखने को कर रहा है,,,

यह सुनते ही आराधना डर और उत्तेजना के मारे पीहर उठी,,,, वह नहीं चाहती थी कि ऐसा कुछ हो,,, इसलिए एक बहाने से अपने बेटे के बीच की तरफ किसी सामान को लेने का बहाना करके आ गई और अपने बेटे को दूसरी तरफ कर दी अब वह दोनों लड़के उसके बेटे के करीब हो गए,,,, वह तिरछी नजर से उन दोनों लड़कों को देख रही थी,,, उनका चेहरा देखकर लग रहा था कि उसका उधर जाना उन दोनों को कितना खल रहा था वैसे भी वह दोनों सामान ले चुके थे थोड़ी देर में वहां से निकल गए लेकिन जाते जाते वह दोनों लड़के उसे इस बात का एहसास करा गए थे की अभी भी उसके अंदर जवानी कूट-कूट कर भरी हुई है और इस उम्र में भी वह उसके बेटे की उम्र के लड़कों का पानी निकाल देने में पूरी तरह से सक्षम है,,,,।

आराधना अपने आप पर गर्व महसूस कर रही थी,,,, राशन का सामान वह ले चुकी थी कि तभी बारिश पड़ने लगी,,,, सभी सामान को वह प्लास्टिक में पैक करवाने लगे ताकि बारिश में भीग ना जाए,,, थोड़ी देर में बारिश रुक भी गई थी लेकिन फिर से बारिश पड़ने के आसार नजर आ रहे थे इसलिए,,, आराधना जल्द से जल्द अपने घर पहुंच जाना चाहती थी इसलिए तुरंत सामान्य कर बाहर निकल गई,,, और बाजार में से ही समोसे और पानी पूरी पेक करवा ली ,,,बाजार से थोड़ी दूर पर ही उसका घर का इसलिए दोनों पैदल चलने लगे कि तभी फिर से बारिश पढ़ना शुरू हो गई और इतनी जोर से पड़ने लगी कि उन दोनों को सर छुपाने की जगह नहीं मिली और दोनों पूरी तरह से खरीदें बारिश अभी भी लगातार हो रही थी अच्छा हुआ सामान कि वह दोनों प्लास्टिक में पैक करवाए थे इसलिए सामान भीगने का सवाल ही नहीं उठता था,,,वह दोनों भीगते भीगते चले जा रहे थे,,,,,,, क्योंकि अब बारिश से बचने का कोई सवाल ही नहीं था क्योंकि दोनों पूरी तरह से पानी में भीग चुके थे,,,,,,

थोड़ी ही देर में दोनों अपने घर पर पहुंच गए घर का दरवाजा अभी भी बंद था और दरवाजे पर ताला लगा हुआ है जिससे पता चल रहा था कि मोहिनी अभी घर पर नहीं आई थी बारिश की वजह से वह भी अपनी सहेली के वहां रुक गई थी रखना जल्दी से ताला खोलकर दरवाजा खोलिए दोनों घर में प्रवेश कर गए प्रवेश करते ही,,, दरवाजा बंद कर दी और सामान रखने लगी,,,।

बाप रे बारिश से बचने का तो समय ही नहीं मिला,,,


हम अभी अच्छा हुआ कि तुमने सामान को प्लास्टिक में पैक करवा ली थी वरना सारा सामान भीग जाता ,,,


हां इसीलिए तो,,,, मैं जानती थी घर बारिश पड़ जाएगा तो सारा सामान खराब हो जाएगा,,,,
( इतना कहते हुए आराधना अपने साड़ी के पल्लू अपने कंधे पर से हटा कर पानी को साड़ी में से गारने लगी,,, वहीं पास में संजु भी खड़ा था जो कि अपने शर्ट के बटन बोलने लगा और अपने शर्ट के बटन को खोलते हुए उसकी नजर जैसे ही अपनी मां की भारी-भरकम छातियों पर गई तो उसकी नजर छातियों पर ही गड गई,,,,, उसे तुरंत दुकान पर खड़े दोनों लड़कों की बात याद आ गई की एक एक चूची डेढ़ डेढ़ लीटर की है,,, संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,, आराधना को जब इस बात का अहसास हुआ कि वह अपने बेटे की आंखों के सामने ही अपने साड़ी को अपने कंधे पर से हटा दि है और उसकी भारी-भरकम छातिया उसकी आंखों के सामने उजागर हो गई है तो वह एकदम से शर्म से पानी पानी हो गई,,, पल भर में ही उसकी आंखों में भी उत्तेजना का तूफान नजर आने लगा उसे ढूंढो की बात याद आने लगी जो कि उसके बेटे के ही हमउम्र थे और उसके बारे में गंदी गंदी बातें कर रहे थे,,, कि रात भर के लिए मिल जाए तो सारी रात चोद चोद कर बुर का भोसड़ा बना दे,,,उन लड़कों की बात याद आते ही वह अपने मन में सोचने की क्या ऐसा हो सकता है अगरवह सच में एक रात के लिए किसी जवान लड़के की बाहों में चली जाए तो क्या वह लड़का सारी रात उसकी बुर में अपना लंड डालकर इस की चुदाई कर करके रात भर में उसकी बुर का भोसड़ा बना सकता है ,,,, यह ख्याल मन में आते ही उत्तेजना के मारे उसकी बुर गीली होने लगी,,,, अभी भी संजू आंखें फाड़े उसकी चूची की तरफ ही देखे जा रहा था जो कि बारिश की वजह से पानी की धार उस पर पड़ने की वजह से अपने आप ही ब्लाउज के ऊपर वाला बटन खुल गया था और चुचियों का वजन इतना ज्यादा था कि ऐसा लग रहा था कि अभी ब्लाउज फट जाएगा और दोनों चूचियां बाहर आ जाएंगी,,,,,,,आराधना अपने बेटे की प्यासी नजरों को देखकर शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी कि तभी आसमान में जोर की बिजली कड़की और आराधना एकदम से डर गई और तुरंत जाकर संजू से चिपक गई,,,, संजू को तो जैसे मुंह मांगी मुराद मिल गई हो,,, वह तुरंत अपनी मां को अपनी बाहों में कस लिया एक जवान लड़के की बाहों में अपने आप को पाकर ना जाने क्यों आराधना सुकून महसूस कर रही थी,,, बड़ी-बड़ी चूचियां संजू के शर्ट का बटन खुला होने की वजह से उसकी नंगी छातियों रगड़ खा रही थी यह एहसास संजु को और ज्यादा गर्म कर रहा था,,, संजू का लंड एकदम से खड़ा हो गया था,,,कोट पैंट में तंबू बनाकर सीधे-सीधे उसकी मां की दोनों टांगों के बीच से होता हुआ उसकी बुर पर दस्तक देना शुरू कर दिया था,,,, यह एहसास आराधना के लिए बिल्कुल अद्भुत और नया था,, इतने से ही आराधना की जवानी का रस पिघलने लगा उसकी बुर से काम रस बहना शुरू हो गया,,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है,,,।

संजू जैसे इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था अपना दोनों हाथ पीछे की तरफ लाकर अपनी मां की गांड पर रख दिया और उसे हल्के से दबाकर अपनी तरफ खींच लिया अपने बेटे की यह हरकत से आराधना पूरी तरह से पिघलने लगी,,,दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगे दोनों एक दूसरे की आंखों के समंदर में डूबने लगे दोनों को इस बात का अहसास तक नहीं था कि दोनों क्या कर रहे हैं,,,, संजु अपनी मां के लाल लाल होठों का रस अपने होठों से पी जाना चाहता था इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था तो वह अपने होठों को अपनी मां के तपते हुए रसीले होठों पर रखकर उसके होंठों को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,,, दोनों के तन बदन में आग लग गई,,,आराधना अपने बेटे की हरकत से शर्म से पानी पानी तो हुए जा रही थी लेकिन एकदम से चुदवासी भी हुए जा रही थी क्योंकि संजू का मोटा तगड़ा लंड बार बारिश की बुर के ऊपर साड़ी के ऊपर से ही ठोकर मार रहा था,,,, संजू पूरी तरह से मस्त हो गया था पहली बार वह इस तरह से चुंबन जो कर रहा था और वह भी अपनी मां के ही होंठों का इसलिए एहसास के तन बदन में और ज्यादा आग लगा रहा था,,,,, संजू पुरी तरह से मस्ती के सागर में डुबता चला जा रहा था,,, वह अपनी मां की नितंबों को कस के दोनों हाथों से पकड़े हुए उसे अपने लंड से सटाया हुआ था,,,,

आराधना भी गहरी गहरी सांसे ले रही थी अपने बेटे की हरकत से वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी इस समय अपने बेटे को रोक सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी,,, वह दोनों आगे बढ़ जाना चाहते थे कि तभी दरवाजे पर जोर-जोर से दस्तक होने लगी,,,।


मम्मी,,, दरवाजा खोलो,,,, मम्मी,,,,,


इतना सुनते ही दोनों चौक गए और दोनों एक दूसरे से अलग हो गए आराधना अपनी साड़ी को ठीक करने लगी जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और उसे उतारना भी जरूरी था लेकिन फिर भी दरवाजे पर उसकी लड़की खड़ी थी इसलिए,,,नंग धड़ंग हालत में दरवाजा खोलना ठीक नहीं था और वह भी बंद कमरे के अंदर अपने बेटे की मौजूदगी में,,,, इसलिए आराधना जल्दी से अपने आप को संभाल कर दरवाजा कोली तो सामने मोहिनी खड़ी थी और वह भी छाता लिए,,, उसे देखते ही आराधना बोली,,,।

अरे मोहिनी तु कहां इतनी देर लगा दी,,,,


अरे मम्मी देख नहीं रही हो इतनी जोर से बारिश होने लगी थी आने का मौका ही नहीं था वो तो मैं अपनी सहेली का छाता लेकर यहां तक पहुंच पाई हु नहीं तो मैं भी भीग जाती,,,

अच्छा हुआ बेटी की तु अपनी सहेली का छाता लेकर आए हम दोनों एक दम से भीग गए हैं,,, आजा अंदर आकर दरवाजा बंद कर दे,,,।
Hot update
 
Top