बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गयाअपने बेटे के बारे में ही कामुक कल्पना करके आराधना दो बार अपने हाथों से ही झड़ चुकी थी लेकिन इन दो बारो में ही उसे अधिक सुख की अनुभूति हुई थी भले ही वह अपना चर्मसुख अपनी उंगली से प्राप्त क्यों ना कि हो,,,, अपने बेटे की कल्पना करने में उसे अद्भुत उत्तेजना का अनुभव होता था,,,,,
रमेश इस बार घर में तनख्वाह नहीं दिया था,,,, वह तनख्वाह के सारे पैसे शराब और जुए में उड़ा दिया था,, जिससे धीरे-धीरे किल्लत पड़ने लगी, राशन का डब्बा खाली होने लगा, था,,, दूध वाले का उधार चुकाया नहीं गया था इसलिए उसने दुध देने से इनकार कर दिया था,,,, आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,,,,, जैसे तैसे करके वह अपने बच्चों का पेट भर रही थी लेकिन राशन पूरी तरह से समाप्त हो जाने की वजह से अब आराधना के पास कोई रास्ता नहीं बचा था वह करेगी क्या करें उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था,,,।
Aradhna Sanju k bare me soch kar
ऐसे ही एक दिन रविवार को दूध ना होने की वजह से चयनित और मोहिनी सुबह सुबह नहाने के बाद अपनी मम्मी से चाय नाश्ता के लिए बोली तो आराधना एकदम से परेशान हो गई,,,, रमेश की छुट्टी होने की वजह से वह भी घर पर ही था,,,,, आराधना परेशान होने की वजह से थोड़ा गुस्से में थी रमेश नहा धोकर तैयार हो रहा था,,,,वैसे उसे ड्यूटी पर जाना नहीं था लेकिन फिर भी बाहर अभी भी इसी तरह से निकल जाया करता था,,,,,,,, आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि रमेश से बोले भी तो कैसे बोले उस इंसान को तो जरा भी फर्क नहीं पड़ने वाला था वह भी यही सब सोच रही थी कि,,,, मोहिनी दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई और बोली,,,।
मम्मी तुमने चाय और नाश्ता नहीं बनाई,,,,
चाय नहीं बनेगी बेटा,,,
क्यों मम्मी ऐसा क्यों बोल रही हो,,,,(मोहिनी परेशान होते हुए बोली क्योंकि उसे सुबह-सुबह चाय चाहिए ही था)
क्योंकि दूध वाले ने दूध देने से इनकार कर दिया,,, है,,,(आराधना बिस्तर पर बैठी रमेश की तरफ गुस्से से देखते हुए बोली,,,)
क्या,,,? दूधवाले ने दूध देने से इनकार कर दिया है लेकिन क्यों,,,?(मोहिनी आश्चर्य से बोली,,)
क्योंकि दूधवाले को उसका बकाया नहीं मिला है,,,
क्या,,,? लेकिन मम्मी तनख्वाह तो आई होगी ना,,,,
मेरे हाथ में तो नहीं आई अपने पापा से पूछ,,,,(आराधना रमेश की तरफ देखते हुए बोले जा रही थी और इस समय रमेश बिल्कुल भी नशे में नहीं था इसलिए वह जानता था कि उसने इस महीने की तनख्वाह घर पर नहीं दिया है,,,)
Sanju k bare me kaplpna karte huye Pni panty utarti huyi
यह क्या है पापा मम्मी जो कुछ भी कह रही हैं सच कह रही हैं,,,
(रमेश कुछ बोला नहीं)
चाय नाश्ता क्या आज तो घर में खाना भी नहीं बन पाएगा जाकर किचन में आटा चावल दाल के डिब्बे देख ले सब खा ली है,,,।
क्या कह रही हो मम्मी,,, लेकिन ऐसा क्यों हो गया,,,?(मोहनी एकदम चिंतित स्वर में बोली ,,, इतने में नहाकर संजू भी दरवाजे के पास आकर खड़ा हो गया और बोला,,)
क्या हुआ मोहिनी,,,,?
भैया मम्मी कह रही थी आज चाय नाश्ता और खाना भी नहीं बन पाएगा,,,,
क्यों,,,?
क्योंकि घर पर कुछ भी नहीं है,,,
ऐसे कैसे हो सकता है,,,
क्या हुआ मम्मी घर पर सच में कुछ नहीं है,,,
हां बेटा घर पर कुछ भी नहीं है,,, तेरे पापा इस बार तनख्वाह कहां दी मैंने जैसे तैसे करके मैं 1 सप्ताह तक निकाल ले गई,,,।
पापा क्या मम्मी सच कह रही है इस महीने की तनख्वाह कहां है,,,,
सब खत्म हो गया,,,,
कहां खत्म हो गया है,,,,( संजू गुस्से से अपने पापा से पूछा,,,)
मैं बोला ना खत्म हो गया है तो खत्म हो गया है,,,,
यह क्या बोल रहे हो पापा तुम्हें कुछ एहसास है,,,,
Aradhna apni chut masalte huye
रहने दे मोहिनी तेरे बाप को एहसास होने वाला नहीं है,, इन्हें बिल्कुल भी फिक्र नहीं हम लोगों की,,, हम लोग जिए या मरे इन्हें तो सिर्फ अपने शराब से ही मतलब है,,,
देखो सुबह-सुबह तुम लोगों मेरा दिमाग मत खराब करो,,,,
पापा घर पर कुछ भी नहीं है खाने को और तुम्हें जैसे दिमाग खराब लग रहा है,,, मुझे तो आज शर्म आ रही है अगर किसी को पता चला तो क्या होगा,,,,
(संजू को अपने पापा पर बहुत गुस्सा आ रहा था अगर मोहिनी मौजूद ना होती तो अपने पापा को तो चार थप्पड़ फिर से लगा देता लेकिन उनके सामने वह किसी भी तरह का बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहता था इसलिए वह खामोश रहा,,,, आराधना रोने लगी उसके आंसुओं का भी रमेश पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा था,,, अपनी मां को रोता हुआ देखकर मोहीनी दौड़कर अपनी मां के पास गई और उसे चुप कराने लगी,,,। और रमेश के पास यहां से चले जाने के सिवा कोई चारा नहीं था क्योंकि वह उन लोगों के सवाल का जवाब देने में असमर्थ था,,, और वह वहां से चला गया उसके चले जाने पर आराधना को बिल्कुल भी हैरानी नहीं हुई,,, क्योंकि वह जानती थी कि वह ऐसा ही करेगा,,,,।
मम्मी पापा को क्या हो गया है पहले तो वो ऐसा नहीं करते थे,,,
जानती हूं लेकिन जब से शराब की लत लगी है तब से सब कुछ बदल सा गया है,,,
लेकिन अब क्या होगा मम्मी,,,,
तू चिंता मत कर मैं हूं ना,,,,
मम्मी मुझे ट्यूशन जाना है,,,,
रुक,,,(इतना कहने के साथ ही आराधना बिस्तर पर से उठी और अलमारी खोल कर उसके ड्रोवर में से 20 का नोट निकाली,,, और मोहिनी को थमाते हुए बोली,,,)
ले तु ट्यूशन जा और रास्ते में कुछ खा लेना,,,
नहीं मम्मी मैं चली जाऊंगी,,,(अपने घर की हालत को देखकर मोहिनी समझ गई थी कि घर में पैसे की किल्लत है इसलिए वह अपनी मां से बीस का नोट लेना नहीं चाहती थी लेकिन फिर भी आराधना जबरदस्ती से मांगने के हाथ में बीस का नोट थमाते हुए बोली,,,)
Kalpna me apne bete k sath masti karti huyi
ले बेटा तु चिंता मत कर,,,, मैं सब कुछ सही कर लूंगी,,,, रास्ते में जरूर कुछ खा लेना,,,,(20 का नोट मोहीनी अपने हाथ में ले ली थी,,, सुबह-सुबह उसे चाय नाश्ता चाहिए ही था,,,, थोड़ी देर में वह ट्यूशन के लिए निकल गई,,,,,, संजू और आराधना दोनों बिस्तर पर बैठे हुए थे घर पर राशन खत्म हो गया था इस बात की चिंता संजु को भी थी,,,आपस में चल रही बहस सुनकर संजू बाथरूम से निकलकर वैसे ही अपनी मां के कमरे में आ गया था वह सिर्फ अपने बदन पर टावल लपेटा हुआ था उसकी चौड़ी नंगी छाती बिल्कुल नंगी थी,,,, जिस पर ऐसे हालात में भी बार बार आराधना कि नजर चली जा रही थी,,,, घर पर कोई भी नहीं था बिस्तर पर आराधना और संजू ही बैठे हुए थे इसलिए आराधना का दिमाग उसी तरफ घूमने लगा वह अपने बेटे की जंगी छातियों को देखकर उसकी तरफ आकर्षित हुए जा रही थी वह अपने मन में सोच रही थी कि उसके पति का शरीर उसके बेटे जैसा बिल्कुल भी नहीं है उसके बेटे के बदन में पूरी तरह से मर्दाना ताकत भरा हुआ है जो कि उसकी चौड़ी छाती से ही नजर आती थी उसके पति की चौड़ी छाती बिल्कुल भी नहीं थी,,,,,,,अपने बेटे की उपस्थिति में आराधना की हालत अजीब सी होने लगती थी और इस समय भी उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी,,, जब तक रामेश मोहिनी थी तब तक आराधना अपने बेटे की तरफ बिल्कुल भी आकर्षित नहीं थी और न ही उसके मन में कुछ और रहा था लेकिन जैसे ही वह दोनों घर से बाहर चले गए वैसे ही आराधना के तन बदन में उलझन सी होने लगी,,,,,। लेकिन संजू घर के हालात को देखकर थोड़ा चिंतित था वही सोच रहा था कि अगर घर में पैसा नहीं है तो राशन कहां से आएगा इसलिए वह अपनी मां से चिंतित स्वर में बोला,,,।
Apni mummy k bare me Sanju bhi is tarah ki kalpna kar raha tha
अब क्या होगा मम्मी,,,, घर पर राशन नहीं है खाना कैसे बनेगा,,,,,,
मैं भी यही सोच रही हूं संजु,,, तेरे पापा से तो मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं है,,,
फिर अब क्या करेंगे मम्मी,,,, खाना कैसे बनेगा,,,,
(संजू की बातें सुनकर आराधना भी चिंतित थी उसे भी फिक्र थी कि अब क्या होगा तभी उसे अपनी बहन साधना का ख्याल आ गया और वह संजू से बोली,,,)
दीदी से कुछ पैसे उधार लेने पड़ेंगे,,,,,,,
मौसी से,,,,
हां तेरी मौसी से,,,, तेरी मौसी ही है जो हम लोगों की मदद कर सकती हैं,,,, वह हम लोगों की हालत से अच्छी तरह से वाकिफ है,,,,।
Aradhna ko bhi maja aa raha tha
(अपनी मौसी का जिक्र आते ही संजू की आंखों के सामने अपनी मौसी का नंगा बदन नाचने लगा,, साधना का जिक्र होते ही संजू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी,,, भला एक जवान लड़का उस औरत का जिक्र सुनते ही उत्तेजित क्यों ना हो जाए जिसके साथ वह दो दो बार चुदाई का सुख भोग चुका हो,,,,जिसके खूबसूरत नंगे बदन को देख कर पहली बार औरत के नंगे बदन के भूगोल के बारे में वाकीफ हुआ हो,,,, पहली मर्तबा जिस औरत के नंगे बदन को अपने हाथों से छूकर उसकी गर्मी को महसूस किया हो,,, इसीलिए तो साधना का जिक्र होते ही संजू का लंड खड़ा होने लगा था,,,)
तुम सच कह रही हो मम्मी मौसी ही हमारी मदद कर सकती हैं,,,,
तो थोड़ी देर में तैयार हो जा हमें तेरी मौसी के घर जाना है,,
सच में मम्मी,,,
हां रे तेरी मौसी के घर जाएंगे नहीं तो मदद कैसे मिलेगी,,,
Aradhna Sanju k liye apne blouse k button kholte huye
(अपनी मौसी के घर जाने के बारे में सुनकर ही संजु के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,,,, आराधना को पूरा यकीन था कि उसकी बड़ी दीदी उसकी मदद जरूर करेगी क्योंकि वैसे भी पैसे से वह लोग मजबूत ही थे किसी चीज की कमी नहीं थी,,,
तकरीबन 2 घंटे बाद आराधना तैयार हो चुकी थी अपनी दीदी के घर जाने के लिए,,, वैसे तो वह कहीं भी जाने के लिए ज्यादा तैयार नहीं होती थी लेकिन वह इतनी ज्यादा खूबसूरत थी कि हल्का सा मेकअप करने पर भी वह बला की खूबसूरत करने लगती थी,,, आराधना तैयार हो चुकी थी वह अपने कमरे से अपने साड़ी का पल्लू ठीक करते हुए बाहर निकली तो बाहर संजू खड़ा था और अपनी मां को देखा तो देखता ही रह गया,,,,,,संजु को उसकी मां स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही थी जो की आसमानी रंग की साड़ी में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी,,,, चेहरे पर हल्का सा मेकअप थावैसे तुम्हारा देना को किसी भी प्रकार के मेकअप की जरूरत बिल्कुल भी नहीं थी फिर भी हल्का सा पाउडर आराधना ने अपने गोरे गोरे गालों पर लगा रखी थी,,,, जिससे उसके गोरे गोरे गाल और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहे थे,,,, वैसे तो आराधना अपने लाल-लाल होठों पर लिपस्टिक लगाती थी क्योंकि लिपस्टिक लगाए बिना उसके लाल लाल होंठ गुलाब की पत्तियों की तरह एकदम लाल रहते थे लेकिन आज वह अपने होठों पर भी हल्की सी लिपस्टिक लगा रखी थी जैसे से उसके लाल-लाल होठों को देखकर संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर कुछ ज्यादा ही पड़ रही थी उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़ कर उसे अपनी बाहों में लेकर उसके लाल-लाल होठों का सारा रस पी जाए,,,,,,,।
संजू कुछ देर तक मंत्रमुग्ध होकर वहीं खड़ा रहा हूं अपनी मां की खूबसूरती का रस अपनी आंखों से पीता रहा,,, संजू को इस तरह से अपनी तरफ देखता हुआ पाकर आराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी अंदर ही अंदर वह भी बहुत खुश थी,,, कि उसका बेटा उसको देख कर पागल हुआ जा रहा है,,,, वैसे तो कहीं भी आराधना जाती थी अपने पति के साथ तो ज्यादा टीप टाप नहीं करती थी,,, लेकिन आज ना जाने क्यों वह बाहर निकलने से पहले अपने आप को थोड़ा बहुत तैयार कर ली थी,,,, शायद आज पहली बार किसी के घर अपने बेटे के साथ जा रही थी,,,, एक अजीब सी हलचल उसके तन बदन में हो रही थी,,,,,,, और अपने बेटे को इस तरह से अपनी तरफ देखता हूं आप आकर उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में सुरसुराहट सी होने लगी थी,,,,,, अपने बेटे की तंद्रा भंग करते हुए वही खुद बोली,,,।)
अब चले,,,
हां हां क्यों नहीं,,,(अपनी मां की आवाज सुनते ही जैसे वह नींद से जागा हो इस तरह से हड़बड़ाते हुए बोला,,,,, उसकी हालत देखकर आराधना मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,, वह अपने बेटे से दो कदम आगे निकलते हुए घर से बाहर निकल गई और पीछे पीछे संजू भी घर से बाहर निकल गया,,,, आराधना घर का दरवाजा बंद करके उस पर ताला लगाने लगी क्योंकि मोहिनी भी शाम को ही घर लौटती थी और वह लोग भी शाम को ही आने वाले थे,,,ताला लगाने के लिए आना था ना थोड़ा सा झुक गई और उसके झुकने के साथ ही उसकी बड़ी बड़ी गांड का गोल आकार उभर कर संजू की आंखों के सामने नजर आने लगा जिसे देखते हैं संजू के पेंट में खलबली सी मचने लगी,,,, ताला लगाने के बाद चाबी को रात में रखने लगी संजू की नजर अपनी मां के खूबसूरत चेहरे से हट ही नहीं रही थी यह देख कर आराधना मुस्कुराते हुए बोली,,,।)
ऐसे क्या देख रहा है कभी देखा नहीं है क्या,,,?
आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो मम्मी,,,(हिम्मत जुटा तेरे संग अपने मन की बात बोल ही दिया और उसकी बात सुनकर आराधना मन ही मन प्रसन्न हो गई बरसों बाद किसी ने उसकी खूबसूरती की तारीफ जो किया था,,,,अपने बेटे की तारीफ सुनकर वो शर्मा गई थी जिसकी वजह से उसकी गोरे गोरे गाल सुर्ख लाल पड़ गए थे,,,,)
चल रहने दे अब इस उमर में,,,(इतना कहकर वो चलने लगी तो संजू भी साथ में चलते हुए बोला,,,)
क्या उमर,,,, तुमको देखकर लगता ही नहीं है कि तुम दो बच्चों की मां हो,,,
धत् कैसी बातें कर रहा है तु,,,
मैं जानता हुं जो कुछ भी मैं कह रहा हूं वह मुझे नहीं कहना चाहिए था ,,, लेकिन तुम बहुत खूबसूरत हो,,,,
चल अब बस रहने दे,,, आगे चलकर चौराहे से ऑटो पकड़ लेंगे,,,,
ठीक है मम्मी,,,
(अपनी मां की बात सुनकर इससे ज्यादा ओर कुछ भी बोलने की हिम्मत संजू नहीं कर पाया,,, क्योंकि मैं किसी भी तरह से अपनी मम्मी को नाराज नहीं करना चाहता था और जिस तरह की बातें संजु कर रहा था उसे सुनकर आराधना की तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी इस तरह की बातें एक पति या प्रेमी हीं करता हैआराधना अपने आप को असहाय महसूस कर रही थी कि तन बदन में उत्तेजना कि लहर दौड़ने रही थी,,,उसे इस बात की खुशी थी कि इस उम्र में भी हुआ एक जवान लड़के को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती थी,,,, दोनों के बीच खामोशी छाई रही,,, अपने बेटे की बात को सुनकरआराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी उसे अपनी पेंट गीली होती हुई महसूस हो रही थी खास करके उस बात पर जब संजु ने ये कहा था कि तुम्हें देखने के बाद लगता ही नहीं है कि तुम दो बच्चों की मां हो,,,,।
यही सब सोचते हुए दोनों चौराहे पर पहुंच गए वहां से ऑटो पकड़ कर साधना के घर की तरफ निकल गए,,,।
राशन और दुधवाले का बकाया होने के कारण उन्होंने सामान देना बंद कर दिया जैसे तैसे कुछ दिन निकल गये लेकीन अब सब खत्म हो गया
मोहिनी इस के लिये पुछती हैं तो आराधना सब बता देती हैं रमेश भी वही था लेकीन उसको कोई फर्क नहीं पडा और वो बाहर चला गया
मोहिनी भी ट्यूशन चली गयी दोनों माँ बेटा बिस्तर पर बैठे सोच रहे थे अब क्या होगा
संजू नहा के निकला था और वैसे ही बैठा था उसकी चौडी मर्दानी छाती देख आराधना उसकी ओर आकर्षित होने लगी और उसकी पतली दरार रुपी चुद में पानी आना सुरू हो गया
साधना मौसी के घर जाने के पहले संजू ने आराधना की जो तारीफ करी उससे आराधना संजू के प्रति आकर्षित हो कर उसकी पेंटी गिली हो गई खैर
साधना मौसी के घर क्या होता है देखते हैं आगे
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा




























