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sunoanuj

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UPDATE 005


इंस्टीट्यूट में वीकली टेस्ट शुरू हो गए और मार्च में एग्जाम होने के पूरे असार थे । मेरी अपनी भी तैयारी पूरी थी लेकिन युद्ध के पहले अभ्यास जरूरी होता है तो वही चल रहा था ।
एक ओर जहां नए साल का जश्न मनाया जा रहा था और मै अपने भविष्य के लिए रेजुलेशन लिख रहा था
इत्तेफाक की बात थी कि आज सुबह सुबह उसका फोन आया
मैने बिना एक पल गवाए फोन पिक किया
: गुड मॉर्निंग जान
: हाय , कितना प्यारा बोलते हो फिर से कहो न ( वो खिलखिलाई )
: गुड मॉर्निंग मेरा सोना & हैप्पी न्यू ईयर माई स्वीटू उम्माह
: सीईईई मेरी तो न्यू ईयर हैप्पी हो गई , थैंक्यू बाबू उम्माह & आई लव यू , लव यू , लव यू सो सो सो सो मच हिही ( उसने पूरा प्यार उड़ेल दिया मुझपर )
: उफ्फफ इतना प्यारा , पूरे साल का कोटा पूरा करोगी क्या हाहाहा
: आप पास होते न तो बताती कितना चाहती हूं आपको ( फिर एकदम से उसके सुर बदल गए ) पता है मेरी सहेली है रेखा वो भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ आज घूमने जा रही है , मेरे कालेज में सब अपने अपने लवर्स के साथ होंगे सिर्फ मै अकेली रहूंगी , ऊहू अजाओ न बाबू प्लीज !!!!
उफ्फ पिघला दिया पगली ने मुझे , दुख तो मुझे भी हुआ अंदर से लेकिन मामले को समेटना था और फैलाना नहीं था।
: मेरा सोना मेरा सुकून, मै आऊंगा आपके बर्थडे पर और फिर आपके साथ तो मेरा हर दिन नए साल जैसा है उम्मम है न
: हम्ममम ( उसने थोड़ा संतोष मन से जवाब दिया ) पक्का आओगे न ?
: अपनी जान से कोई कैसे झूठ बोलेगा उम्मम
: आई लव यू, बहुत याद आ रही है आपकी उम्म्हुहुहू ( वो रोने सी लगी )
: अरे मेरा बच्चा , आई लव यू न सोना रो मत , आप भी अपने दोस्तों के साथ इंजॉय करने जाओ
: और आप ?
: मै भी इंजॉय कर लूंगा आप फोटो भेज देना
: पक्का न ? ( उसने इजाजत मांगी )
: हा मेरा सोना उम्माह ( मैने एक किस दी फोन पर )
: ओके थैंक्यू , लव यू बाय
: हम्ममम बाय

काल कट हुआ और मैने एक गहरी सांस ली और अपने काम में लग गया अभी घंटा भर बीता नहीं था कि मेरे रूम पर नॉक हुआ
समझ गया कि कौन आया होगा
मैने दरवाजा खोला और सामने प्रिया थी जो पूरी तैयार होकर साड़ी में खड़ी थी, उसकी यूनिवर्सिटी पर आज खास प्रोग्राम होने वाले थे

: हाय , हैप्पी न्यू ईयर ( उसने एक्साइटेड होकर थोड़ा सा ब्लश करते हुए कहा )
: हाय ... हैप्पी न्यू ईयर


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मैने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और नजर उसके कमर और पेट पर काफी नर्म और गुदाज थी उसने साड़ी को नाभि के नीचे बांध रखा था और बाल खुले थे किसी के भी होश उड़ाने के लिए काफी थे लेकिन मुझ पर उसकी ये कोशिश बेकार थी उस वक्त के लिए । उसने मुझे देखा और शर्मा कर अपने बाल कान में खोंसने लगी ।

: तुम मुझे मेरी यूनियर्सिटी ड्रॉप कर दोगे ? ( वो चहक कर इतराई जैसे उसे कितना विश्वास हो कि उसका ये रूप मुझे पसंद आ गया )
: ले..लेकिन बा..इक ?
: पापा की बुलेट है न उसी पर ( वो खुश होकर बोली )
मै समझ गया कि उसका आज अपनी यूनिवर्सिटी में सबको बताने का प्लान है कि उसका बॉयफ्रेंड मै हूं । मना करने का कोई बहुत खास रीजन नहीं था क्योंकि यूनिवर्सिटी 10 मिनट की दूरी पर थी ।

जैसे कि मैने पहले भी कहा था कि कभी कभी आप कुछ चीजें करने को मजबूर होते है जबकि आपके पास अपने दूसरे महत्वपूर्ण काम पहले से पेंडिग है ।
नए साल पर किसी लड़की को जो इतना तैयार होकर इंतजार करे कि आप उसे उसके कालेज ड्रॉप करने जाओ तो आपको भी एक पल के लिए अपनी इमेज का ख्याल करना पड़ जाता है
संजोग की ही बात थी कि कल ही मैने अपनी दाढ़ी बनवाई थी और बाल सेट करवाए थे । बैग से मैने ब्लैक शर्ट और काफी रंग की पैंट निकाली और तैयार होकर एक फॉर्मल सूज पहन कर नीचे आया जेब में एक सनग्लास रखे हुए

उसकी खुशी मुझे देखते ही दुगनी हो गई , आंटी अभी घर के दूसरे काम में व्यस्त थी और वो चाबी लेकर खड़ी थी
मैने बाइक निकाली और थोड़ा साफ करके स्टार्ट किया
पूरी गली में बुलेट 350 क्लासिक का इंजन भड़भडाया और वो मेरे कंधे पकड़ कर बैठ गई
मैंने भी बाइक आगे निकाली और सामने दो रास्ते थे उसने गर्ल हॉस्टल वाला रूट लेने को कहा
आज का रोला टाइट था अपना भी , गर्ल हॉस्टल के सामने निकलते हुए कुछ रेगुलर लड़कियों ने मुझे देखा जिन्होंने आज से पहले बस मुझे लोवर और टीशर्ट में ही देखा था ।
उनकी नजरे भी हम दोनो पर
मेन सड़क पर आते ही मैने सनग्लास लगाए
: थैंक्यू ( उसने मुस्कुरा कर कहा और बाएं रियर मिरर में मैने उसको देखा )
मै उसको लेकर यूनिवर्सिटी के कैंपस में आ गया , बवाल मचाने वाला माहौल था वहां। हाइटेक डीजे और गजब की सजावट उससे बढ़ कर फैशन झाड़ती लड़कियां और उनके चिपके हुए बॉयफ्रेंड
माहौल ऐसा कि सब कुछ चकाचौंध कर देना वाला , तकरीबन ढाई साल हो गए थे मुझे इलाहाबाद में लेकिन मैने कोचिंग से रूम और रूम से सब्जी मंडी इससे बढ़ कर इलाहाबाद को देखा नहीं था ।

: मै जाऊ फिर
वो थोड़ी असहज दिखी और मुझे हा बोल दिया ।
: लेने आना पड़ेगा ?
: नहीं मै आ जाऊंगी ( उसने थोड़े परेशान लहजे में कहा )
मुझे मेरे कल के टेस्ट की तैयारी करनी थी तो मैने बुलेट घुमाया और वापस कैम्पस से निकलने लगा

रियर मिरर में एक बार मैने देखा तो वो वही खड़ी थी अकेली , न उसके कोई दोस्त आए न सहेली
मुझे कुछ अजीब लगा
मैने सड़क की भीड़ से रुक कर किनारे हुआ और कुछ लड़कियां मेरे पास से निकली उसी की चर्चा करते हुए उसकी ओर

" वो देख आ गई , हीही , ये पता नहीं यहां किसके लिए इतना तैयार होकर आई है "
" छोड़ न उसको , अच्छा तेरा आरुष आ रहा है न "
" हा , फोन किया था तो बोला सैलून में हूं बेबी "
" ओह गॉड, आज तू गई हाहाहाहाहा"
" यार लेकिन इसे साथ में ले जाए , वहां ये कबाब में हड्डी रहेगी "
" छोड़ न कुछ बहाना करके निकल जाएंगे चल "

बहुत अजीब सा लगा जब महसूस हुआ कि असल में वो अपने दोस्तों के कितनी अकेली है , आज असल में उसके दिल का अकेलापन मैने महसूस किया था ।

धिक्कार रहा था खुद कि आजतक उस साफ दिल को मैने कितने अशब्द कहे थे। वो तो अब एक अच्छा दोस्त ही तलाश रही थी मुझमें और मैने उसकी कदर नहीं की ।
मूड पूरा स्वैग में था और आंखे थोड़ी नम
वो लड़कियां उसके पास पहुंच गई थीं और बातें हो रही थी , साफ पता चल रहा था कि उसके मुस्कुराते चेहरे के पीछे कितना दर्द छिपा है ।
मैने बुलेट घुमाई और एक्सीलेटर घुमाता हुआ पहुंच गया उसके सामने एक बार फिर

वो चौक गई , इसकी उसे उम्मीद नहीं थी और शायद इसकी भी नहीं जो आगे मै कहने वाला था ।

: सॉरी बाबू लेट हो गया आओ चले
उसने आंखे बड़ी करी और मेरी ओर देखा , चार छ: आंखे और थी जो मुझे घूर रही थी ।
: कम हियर
वो मेरे पास आई और मैने उसे बैठने का इशारा किया और उसी स्वैग में बुलेट घुमा कर निकल गया

कैम्पस से बाहर आते ही उसने मेरा कंधा थपथपा
: क्या हुआ ( हस कर मैने कहा )
: ये सब क्या था ? ( उसकी आंखों में खुशी थी )
: वो लड़कियां तुम्हारा मजाक बना रही थी कि तुम्हारा कोई दोस्त नहीं है , मेरे दोस्त को कोई ऐसा कहेगा तो क्या होगा ( हवा में तेज आवाज में बोलता हुआ मै हंसा और वो खिलखिलाई और मेरे बाजुओं के नीचे से हाथ डाल कर मुझे पकड़ , सच में वो मुझे अपना bf समझती हो

: कहा चले ( बाई रियर मिरर में देख कर मैने उसे बोला )
: जहां तुम चाहो ( मेरी पीठ पर सर रखे हुए वो बोली )

मैं आगे बढ़ कर कुछ दूर जाने के बाद एक जगह देखी जो नए साल की चहल पहल से दूर थी , एक म्यूजियम
पार्किंग में गाड़ी पार्क कर हमने टिकट ली और अंदर चले गए ।

शांति थी वहा और हम दोनो वही एक जगह देख कर जहां थोड़ी धूप आती हो बैठ गए

कुछ देर की चुप्पी के बाद
: सच में तुम्हारा कोई दोस्त था ही नहीं ?
: नहीं , बस यही दोनों सहेलियां थी लेकिन ये भी कमिनी निकली , और तुम्हारा ( उसने बड़ी उम्मीद से कहा)

मै मुस्कुराने लगा और सामने सड़क के बगल में रखे गमले में खिले हुए फूलों को देख कर , मेरे सुकून को याद किया

: मै उससे एक शादी में मिला था , पहली नजर का प्यार कह लो । वो बहुत प्यारी है और सच कहूं तो मुझे समझती भी है और पता है ( मैने उसकी ओर देखा उसने अपने आंखों से आंसू छिपाने की कोशिश की और जबरन होठों पर मुस्कुराहट लाई )
: हमम्म कहो
मुझे उसका दर्द महसूस हुआ लेकिन मेरे समझ से शायद यही तरीका था कि वो मुझसे दूरी बनाए
: वो दूर से ही मेरी धड़कने सुन लेती है और फिर उन्हें कंट्रोल भी कर देती जब कभी मै परेशान होता हूं
: वाव, तुम बहुत लकी हो रोहन । एक वादा करोगे ? ( डबडबाई आंखों से उसने मुझे देखा )
: भले ही उससे कुछ गलती हो जाए तुम उसका साथ कभी मत छोड़ना
मेरी आँखें भी नम कर दी उसने और मै हस कर : ये भी कोई कहने की बात है
: तुम बहुत अच्छे लड़के हो रोहन , कोई भी लड़की तुम्हे पसंद कर लेगी लेकिन वो लड़की बहुत ही खास होगी जिसे तुमने पसंद किया है ( उसके रोते दिल का दर्द मै समझ रहा था और बेबसी से मुस्कुरा रहा था )
: पता है , उस पहली मुलाकात के बाद हम दुबारा नहीं मिले है आज एक महीना होने हो गए है
: ओह्ह्ह हाहाहा , आज वो रूठ भी गई थी कि उसे अकेले नया साल मनाना पड़ेगा । लेकिन पता है मुझे क्या महसूस होता है उसके करीब होने पर
: क्या ? ( बड़े गौर से वो मुझे सुन रही थी )
: यही कि उसमें कुछ बहुत गहरा सा अंदर छुपा है आकर्षण सा है , लोग खुद उसकी ओर खींचे आ जाते है
: हम्मम , ये तो बहुत अच्छी बात है ( उसने ताज्जुब होकर जवाब दिया )
: हा लेकिन कुछ डर सा लगता है
: कैसा डर ?
: कि दुनिया में और भी दूसरे होंगे जो उसकी ओर खींचे आयेंगे , मै उन्हें कैसे रोक पाऊंगा
: उसकी तुम फिक्र मत करो, लड़कियों को उनके सही गलत की पहचान हो जाती है ।

मै प्रिया की बातों को गहरे से समझने लगा और थोड़ी देर की चुप्पी के बाद
: चलो घर चलते है ( वो बोली )
एक गहरी सांस लेते हुए मैने अपने पैर टाइट किए
: हा चलो लेकिन एक बात याद रखना ( खड़े होकर )
: क्या ?
: अब ये मत कहना कि तुम्हारा कोई दोस्त नहीं है ।
वो शर्मा कर मुस्कुराने लगी
: और सॉरी ?
वो समझ गई थी कि मैने सॉरी क्यों कहा और उसने फीकी मुस्कुराहट से मुझे देखा और हौले से बोली : कोई बात नहीं , मै खुश हूं तुम्हारे लिए सच्ची ।
मै मुस्कुरा दिया और मै बाइक पर बैठ कर उसको लेकर चल दिया

: एक राउंड और चले कैम्पस हाहाहा( मै खिलखिला कर बोला )
: नहीं पागल घर चलो ( वो खुश थी )
मै गाड़ी लेकर रूम के लिए निकल गया ।

शाम हुई और अभी तक मेरी पढ़ाई चल रही थी और उसका फोन आया
फोन पर

: हाय जान
: हाय मेरी जान ( मैने खुश होकर )
: क्या कर रहें हो ( उसने कुछ हांफते हुए कहा )
: बस वही कल के टेस्ट की तैयारी में हूं
: अच्छा , पता है बाबू आज बहुत थक गई है । डांस करके पैर दर्द हो रहा है
: ओहो डांस , वैसे क्या क्या मस्ती हुई उम्मम
फिर तो जैसे उसमें कितना ऊर्जा आ गई
: अरे बाबू , पता है कालेज में इतना मजा आया हीही हम लोग खूब डांस किए और फिर सेलिब्रेशन हुआ , कोई गाना गा रहा था कोई कॉमेडी हाहाहा उसकी बातों से साफ था कि उसने कितना इंजॉय किया
: फिर पता है
: हम्ममम बताओ
: उसके बाद मै , मेरी सहेली रेखा और उसका बॉयफ्रेंड सूरज , सुमन और उसका बॉयफ्रेंड अरविंद और विशाल आया था , फिर हम लोग न विशाल के घर गए ।
: और विशाल की gf ? ( मैने कैजुअली अपने नोटबुक देखते हुए पूछा )
: अरे उसकी gf उसके भइया की सगी साली है हिहिहीही वो अपने घर है
: ओह अच्छा ,
: हा पता है एक बात बताऊं? ( खनक भरी हंसी से वो बोली )
: हा बोलो न ( उसकी खिलखिलाहट ने तो आने वाले कल की चिंता की दूर कर दी , अंदर से इतनी खुशी हो रही थी )
: अच्छा एक चीजी पूंछू हीही
: हा पूछो ( मुस्कुराते होठों से मै बोला )
कुछ देर चुप हो कर
: ये सेक्स क्या होता है ?
: क्या ??
: अरे बाबा सेक्स एस ई एक्स ... सेक्स
: अ वो ( थोड़ा उलझन भरे लहजे में ) क्यों पूछ रही हो ( एक अनजानी सी उमंग उठी मन में और चेहरे पर मुस्कुराहट )

: ओफ्फो बताओ न बाबा , अच्छा सुनो
: हा कहो ( उसकी चंचलता और कुछ नया जान लेने की चुलबुलाहट से पैदा हुई खिलखिलाहट से मै खुश हो रहा है , कितना हल्का सा महसूस हो रहा था मानो आस पास तिलतिलिया उड़ रही हो )
: पता है हीहीही, मेरा दोस्त है न विशाल हीही ... उसने बताया कि वो सेक्स कर चुका है हाहाहाहाहा

एकदम से मेरे चेहरे की रौनक उड़ गई , मन में उदासी सी छा गई , एक डर एक तीव्र पोजेसिव नेस की भावना और कुछ जो मेरे लिए बहुत कीमती है वो खोने का डर और धड़कने तेज हो गई ।
: हैलो ... सुन रहे हो , हैलो
: अह हा बोलो न
: आपने कुछ सुना नहीं न ( वो थोड़ा नाराज सी हुई )
: अरे नहीं बाबू , सुना मैने बोलो आप
: आपको पता है हीहीही ( फिर वो अपने रंग में आ गई ) आज विशाल ने अपने दोस्त सूरज और रेखा को रूम दिया था वो सब करने के लिए। रेखा के साथ सुमन भी थी तो सुमन और अरविंद एक रूम में , रेखा और सूरज अलग रूम में थे हाहाहाहा

: और आप ?
: मै ? मै और विशाल हम लोग छत पर बातें कर रहे थे तो उसने बताया कि वो भी कर चुका है
: ओह्ह्ह , ठीक है कौन सा बड़ी बात है , gf bf तो करते ही है ।
: क्या ? इसका मतलब आप भी करोगे मेरे साथ , शादी से पहले ही
एकदम से उसने गियर बदला और बिना कोई गलती के तलवार मेरी गर्दन पर
: अरे नहीं बाबू , अच्छा मान लो मैने कहा करने को तो आप मान जाओगे क्या ?
: धत्त नहीं , मै तो शादी के बाद भी नहीं करुंगी और अगर बच्चे हो गए तो सबको पता भी चल जाएगा कि हमने सेक्स किया था छीईईई मम्मीइ, फिर मै मम्मी के सामने कैसे आऊंगी नहीं बाबा नहीं
उसकी बचकानी बातों से हंसी आई
: अरे लेकिन शादी के बाद तो सब करते है न ?
: नहीं मै नहीं करुंगी , अगर मंजूर हो आपको तभी मुझसे शादी करना
: ठीक है बाबा नहीं करूंगा ,
: हीहीही आप कितने प्यारे हो , मेरी सब बाते ऐसे ही माना करो
: जी रानी साहिबा , और कोई हुक्म
: हा रानी साहिबा को उनके बाबू का प्यार चाहिए दोनों चिक्स पर उम्मम कम से कम 50 50 चुम्मी और फॉरहेड पर भी खूब सारा
: और लिप्सी पर ?
: हा वहा भी , हीहीहीहि ( वो थोड़ा शर्मा कर बोली )
फिर मैने चुम्मीयो की बारिश कर दी फोन पर ही और वो खिलखिलाती रही ।।

जारी रहेगी
पढ़ कर अपना विचार साझा करें
ताकि रेगुलर अपडेट दिया जा सके
बहुत ही बढ़िया अपडेट दिया है !
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Shaandar Update
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 007


देर रात तक मै घर पहुंचा
ट्रेन में बैठने के बाद घर फोन कर दिया था कि आ रहा हूं तो खाना बना हुआ था

घर आकर मैने मम्मी पापा के पैर छुए
पापा सोफे पर थे और मम्मी किचन में

: मम्मी ( मैने उनको हग कर लिया पीछे से )
: हा बेटा ( कुछ उदास सी मुस्कुराई वो )
: क्या हुआ ? आप खुश नहीं हो ( मैने उन्हें अपनी ओर घुमाया )
उन्होंने मुझे बड़े गौर से देखा और एक फीकी मुस्कुराहट से मेरी बढ़ी हुई दाढ़ी को छू कर : ये क्या , तू दाढ़ी बाल नहीं कटवाया ?
: वहा कौन देखेगा मुझे
: अच्छा और यहां कौन है ( अम्मी ने आंखे महीन करके मुझे देखने लगी )
: यहां मेरी प्यारी सी मम्मी है न हाहाहा ( मैने उनके नाक छू कर कहा और वो मुस्कुराई ) मै हूं न आपका हीरो बोलो
: हा मेरा लाला ( वो मेरे चेहरे को छू कर बोली ) जा हाथ मुंह धो ले और खाना निकाल दूं ।

मै मेरे कमरे में गया और सबसे पहले अपनी सोना को घर पहुंचने का मैसेज डाल दिया और मोबाइल चार्ज में लगा दिया । फिर फ्रेश होकर बाहर आया और पापा के पास बैठ गया

वो हाल में बैठे हुए न्यूज चैनल देख रहे थे , लगभग साल भर हो गया था कोरोना की खबरें सुनते हुए और खबर थी कि एक बार फिर अब देश के तेजी से केस बढ़ रहे है कोरोना के , कोई नया वेरिएंट आ गया है । पूरे आसार है कि फिर से लॉकडाउन लगने के । विदेशी यात्राओं पर रोक लगनी फिर से शुरू हो गई थी ।
आम तौर पर वैसे भी पापा और मेरी बहुत बात नहीं होती थी लेकिन इलाहाबाद से घर आने पर अक्सर वो मेरी पढ़ाई और परीक्षा को लेकर बातें करते थे लेकिन आज बहुत चुप थे ।

मुझे लगा कि कोई बात होगी और एक चीज मुझे अजीब लगी कि जब पापा जनवरी में ही वापस ड्यूटी पर गए थे तो होली से पहले वापस कैसे आ गए? सवाल लाजमी था लेकिन उनसे पूछताछ करने की हिम्मत मुझमें नहीं थी ।

मम्मी से चर्चा कि वो बोली कि तबियत ठीक नहीं थी इसीलिए उन्हें बुलवा लिया है , ठीक हो जाएंगे तो वापस जाएंगे। मै फ़िक्र न करूं अपनी तैयारी पर ध्यान दूं ।
रात में खाने पीने के बाद मै मेरे कमरे में आया और अपनी जान को काल कर दिया

पहले तो स्पीकिंग टू समवन एल्स आया लेकिन आखिरी रिंग जाते जाते काल पिक हो ही गया

: हाय बाबू , क्या हो रहा है ?
: कुछ नहीं, बस आपको याद कर रही थी ( थोड़ी असहज होकर वो बोली )
: वैसे कल कितने बजे निकलोगे आप ? ( मै खुश होकर बोला )
: उम्मम, वही कालेज वाले टाइम पर आप कबतक आ जाओगे
: मुझे तो दुपहर हो जाएगी आते आते
: कोशिश करना कि जल्दी आ जाओ प्लीज , मुझे आपको हग करना है कस के
: मुझे भी , बाबू को मै खूब देर तक कडल करके रहूंगा और किस्सी भी दूंगा
: और मेरा गिफ्ट ?
: वो भी लाया हूं हीहीहीही
: चलो आप मुझे हग कर लो, मेरे सर में दर्द हो रहा है आज मुझे आपकी बाहों में सोना है ( वो बड़े प्यार से बोली )
: आजाओ मेरा बाबू , हग यू टाइटली मेरा सोना उम्माह , सो जाओ गुड नाइट लव यू

और कुछ ही देर में वो सो गई फिर मै भी



अगली सुबह

मै फ्रेश हुआ और ब्रश करके सलून चला गया और वापस आया तो पापा फोन पर किसी से बहस कर रहे थे

मामला थोड़ा गंभीर था , किसी की अम्मा बहन हो रही थी लेकिन मेरी असल समस्या ये थी कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे और लखनऊ जाने का बहाना मैने पहले ही सोच लिया था ।

नहाने जाने से पहले मैने मम्मी को किचन से अपने रूम में बुलाया

: क्या हुआ ?
: मम्मी , मुझे कुछ बुकस लेनी है और आज लखनऊ जाना है पैसे चाहिए ?
: बुक्स ठीक है लेकिन लखनऊ क्यों जाना है ? ( मम्मी फिक्र से बोली )
: अरे मम्मी ******* कोचिंग क्लास से का साल्व पेपर सेट लेना है , उससे मेरे एक्जाम में हेल्फ हो जाएगी ।
: अच्छा कितना चाहिए तुझे
: यही कोई 2500 ? ( मैने आज के खर्चे का पूरा हिसाब कर लिया था ) फिर मुझे अलाहाबाद के लिए खर्चा भी नहीं चाहिए होगा ।
: 2500 ? ( मम्मी चौकी और उनके चेहरे का रंग उड़ गया )
एक नजर उन्होंने पापा को फोन पर बात करते हुए देखा और फिर कुछ सोच कर वो अपने कमरे में गईं और 1500 लाकर मुझे दे दी
: ये ले पकड़ , जब वापस जायेगा तो 1000 और दे दूंगी , ठीक है और सुन टाइम से घर आ जाना
: ठीक है

फिर मै नहाने चला गया और मै अपनी फेवरेट ब्लैक शर्ट और डेनिम जींस के साथ कैजुअल शूज डाले और निकल गया ।
बस पकड़ कर लखनऊ और फिर मोहनलालगंज
ट्रैफिक और स्वारी बदल कर ढाई घंटे बाद मै मोहनलाल गंज तहसील पहुंचा ।
ये दूसरी बार था कि मै इस टाऊन में आया था , उतरते ही जैसे कितनी बेचैनी होने लगी और हाथ में लिए हुए एक पेपर बैग को लेकर मैने एक होटल का एड्रेस किसी से पूछा और उधर चल दिया ।

इस दौरान मैसेज से लगातार मेरी बात मेरी सोना से हो रही थी, वो घंटे भर पहले ही पहुंच गई थी अपने लोकेशन पर
मैने उसको काल लगाया और उसने काल उठाया
: हाय , किधर हो
: यही जहां बताया , आप किधर हो ( उसने पूछा)
: बस ये जो .... ओह माय गॉड ( आंखे बड़ी कर मैने सामने देखा उसे )
पलके झपका कर , गर्दन झटक कर
: क्या हुआ ( वो टेंशन में बोली )
: मै वापस जा रहा हूं
: अरे हुआ क्या ?
: सच सच बताओ , आप मुझे मारना चाहते हो न ( मैने उसको सताया )
: क्या ?
: यार इतना खूबसूरत दिखने की क्या जरूरत थी ( मैने उसे रेस्तरां के एक जगह बैठे हुए देखा )


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ब्लैक सूट में फूल स्लीव
खुले बाल और मासूम सा चेहरा , जिसकी बेचैन निगाहे मुझे ही तलाश रही थी

: धत्त पागल, बताओ न कहा हो( वो खड़ी होकर मुझे खोजने लगी उस भीड़ में )
मै तो ठीक उसके सामने ही था और एकदम से उसकी नजरे मुझ पर गई
वो खुशी से चहक कर रेस्तरां से भागी और सीढ़ियां उतरती हुई मेरी ओर आने लगी , अपना घेरेदार फ्राकसूट को लहराती हुई ।


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फिर एकदम से रुक गई और धीमी पड़ गई

: क्या हुआ ( उसने सामने 10 मीटर की दूरी पर खड़ा था मै )
: कोई देख लेगा तो ? ( उसका डर वाजिब था और ये था भी तो उसका ही शहर )
: फिर ?
: अंदर आओ बैठते है और वो घूम कर चली गई
इश्श उसके लचीले कमर के वो मादक झटके , मैने मेरी नजर को भटकने से रोका और मुस्कुरा कर उससे थोड़ी दूरी किए हुए अंदर चला गया ।
वो बैठी थी एक टेबल पर और मै उसकी ओर बढ़ा कि उसने मुझे फोन पर टोका
फोन मेरा चालू और नेकबैंड कनेक्ट , उसने शायद एयरबड्स लगाए थे

: वही बैठ जाओ , उसी टेबल पर
हम दोनो थे अब आमने सामने लेकिन हमारे टेबल अलग थे

मैने आंखों से उसकी आंखों में देखा और वो मेरी
: आई लव यू ( मैं उसके सामने से बोला )


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वो मुस्कुरा दी और छिप कर मुंह पर हाथ रखते हुए बोली: लव यू सो मच मेरी जान, कितने हैंडसम लग रहे हो

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: और आप कतई जहर ( एकदम से उसकी आंखे चमक उठी और गाल पूरे गुलाबी होठ शर्म से मुस्कुरा उठे )
: भक्क मार खाओगे आप
: मार ही डालो , अब और कितना तड़पाओगी उम्मम
हम दोनो एक दूसरे को निहार रहे थे और खो रहे थे


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मेरी सांसे बेचैन होने लगी थी और वो समझ गई
: क्या हुआ बाबू
: मुझे हग करना है अभी ( मैने उसे अपनी बेचैनी बयान की )
वो भी अब अपना शरीर हिलाने लगी और इधर उधर देखने लगी
फिर उठ कर इशारे से मुझे अपने पीछे आने को कहा

मै अपना कैरीबैग लेकर चल दिया उसके पीछे
वो रेस्तरां के पीछे पार्किंग की जगह थी और आगे एक खाली और सुनसान जगह थी , दुनिया की भीड़ से अलग

मुझे डर भी लग रहा था और फिर मैं उसके सामने था और वो मेरे
इतने करीब आकर मेरे दिल की धड़कने तेज होने लगी और उसकी नजरे सीधा मेरे सीने पर
बिना कुछ बोले वो मेरी बाहों में हाथ घुसा कर अपना सर मेरे सीने पर रख दिया


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अह्ह्ह्ह , एक लंबी सांस ले कर मानों उसकी रूह मुझसे जुड़ गई और पुरे जिस्म के एक बिजली सी दौड़ गई
मैने भी कस लिया उसे अपनी बाहों में और लिपट गया
: आई लव यू सोना
: मै भी बहुत ज्यादा मेरा बाबू ( वो दुबक आकर मेरी बाहों में बोली )
: आप सिर्फ मेरे हो , अब मत डरना ( मैने उसका चेहरा आगे कर उसकी आंखों में देखा )
वो मुझे देख रही थी पूरे विश्वास के साथ और मैने उसके माथे को चूम लिया , फिर उसने अपनी आँखें बंद कर ली
पास से और भी प्यारी लग रही थी वो , उसका वो नरमाहट भरा अहसास और मैने उसकी खूबसूरत आंखों को भी चूम लिया
सिहर कर वापस वो मेरे सीने से लग गई: मै आपको खोना नहीं चाहती, आई लव यू सो मच
: लव यू मेरा बच्चा ( मैने उसके बालों को सहलाया और फिर उसके गालों को अपने हथेली के भर उसका चेहरा आगे किया
उसके गुलाबी लब थोड़े सिकुड़ गए और बहुत नर्म दिख रहे थे और आंखे बंद कर मै उनकी ओर बढ़ा और उसने भी आंखे बंद कर ली


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फिर हम दोनो के होठ आपस से टच हुए एक अलग ही तरह की ऊर्जा पूरे बदन में महसूस हुई और वो मुस्कुराई साथ में भी

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वापस से मैने उसके लिप्स पर किस किया : आई लव यू सो मच

वो फिर से मेरे सीने से लग गई
: बाबू
: हम्म्म? ( वो मुझसे लिपटी हुई बोली )
: चलें
: उन्हूं, नहीं जाना मुझे कही ( वो मुझे पकड़े हुए अपने गर्दन को मेरे सीने ओर हिला कर बड़ी मासुमियत से बोली और मुझे उसपर पहले से ज्यादा प्यार आने लगा )
: कोई देख लेगा तो ?
आंखे उठा कर उसने मुझे घूरा और मै मुस्कुरा रहा था अपनी नाराज शेरनी को देखकर
: अच्छा चलो फोटो निकालते है
और वो खुश हो गई
फिर हमने सेल्फी ली और मैं उसको एक ड्रेस , एक गुलाब और एक चाकलेट और एक छोटा सा टेडी वाला की- रिंग दिया ।
बदले में उसने मेरी कलाई पर एक घड़ी बांध दी
मैने मुस्कुरा कर उसकी निशानी को चूम लिया और फिर उसे भी ।

समय को देखते हुए मैने उसे जाने दिया और शाम होने से पहले पहले मै भी घर वापस आ गया ।

उस रात हमारी बातें देर रात चली वो भी रोमांटिक वाली , वो पहली किस का अहसास और पहला हग
सुकून से मै सो गया ।

अगले दिन घर में कुछ बहुत अच्छा माहौल नहीं दिखा , पापा की परेशानी समझ से परे थी , मम्मी भी कुछ साफ साफ बताने को राजी नहीं थी ।
इसीलिए 10 फरवरी को ही मै वापस इलाहाबाद लौट गया ।

रूम पर आने के बाद रात में प्रिया खाना लेकर आई थी ।
मैने उसे बैठने को कहा और उसकी नजर मेरी कलाई पर थी

: मतलब गिफ्ट मिल गया उम्मम
मै थोड़ा शर्माया
: बताए नहीं और फोन भी उठाए मेरा
: सॉरी घर में कुछ अच्छा नहीं चल रहा था ( मैंने उसे पापा के टेंशन में रहने की बात बताई )
: फोटो नहीं दिखाओगे ? ( थोड़ा हिचक कर वो बोली )
: अरे हा , रुको
मैने मोबाइल निकाल कर उसके पास बैठ गया सट कर इतना ही हमारे पैर आपस में टच हो रहे थे , वो थोड़ा असहज हुई लेकिन मै अपनी खुशी के नशे में था
गैलरी खोलकर उसको दिखाई
कुछ मस्ती भरी सेल्फी और मेरी सोना के सिंगल पोट्रेट
: वाव, कितनी प्यारी है ( फिर उसने अपनी कलाई मुंह के पास रख कर थोड़ा सा ऊपर थूथू किया )
: ये क्या था ( मै अचरज से )
: वो नजर न उसे मेरी इसीलिए करते हैं ( कुछ उदास आंखों से वो बोली )
: उसने ने तुम्हारे लिए भी कुछ भेजा है
: क्या सच में ? क्या ?
फिर मैने एक कंगन सेट निकाल कर अपने बैग से दिया
: ओह वाव , उससे बात हो तो कहना मुझे बहुत पसंद आया और सॉरी नेक्स्ट टाइम मै भी कुछ दूंगी लेते जाना
: हा क्यों नहीं ( उसकी खुशी देखने लायक थी उसने फौरन वो कंगन अपने कलाई में डाल दिए और मुझे दिखाने लगी )
: अच्छे है न ?
: हा बहुत सुंदर ( कुछ सोच कर मै थोड़ा उदास हुआ बोला )
: मैने न तुम्हारे लिए ये रखा था
उसने एक छोटा सा वॉटर बॉल दिया कांच का जिसमें एक सफेद टेडी था जिसके पेट पर एक रेड हार्ट पर लिखा था BEST FRIEND FOREVER

बहुत खूबसूरत तोहफा था लेकिन उससे बढ़ कर उसकी मेरी लिए परवाह
फिर वो खाना खाने को बोलकर चली गई
मैने खाना खाया और अपनी सोना के पास काल घुमाया
: चले गए न फिर से छोड़ कर ( वो थोड़ा इतराई )
: फिर आऊंगा न बाबू आपके बर्थडे पर
: अच्छा सुनो , इस बार आना आप तो विशाल से जरूर मिलना । वो तो उसी दिन मिलना चाहता था लेकिन मैने मना कर दिया । खास दिन था हमारा और फिर वो सब भी नहीं कर पाते हीही
मै उसकी बातों से मुस्कुराने लगा और फिर उससे बाते करता हुआ कब सो गया पता ही नहीं चला ।


अगली सुबह आज फिर मेरा टेस्ट था और नहाने के लिए मै नीचे आया
आज फिर वही संयोग लेकिन चीजें कुछ बदली हुई थी
वो बजाय लोवर टीशर्ट के टॉप और नीचे उसने तौलिया लपेटा था

जैसे ही मै जीने से नीचे आया एकदम से उसको देख कर सन्न रह गया उसकी गोरी दूधिया टांगे देख कर और वो भी झट से बाथरूम में ।
मै वापस रूम में आ गया , चीजे मुझे कुछ बेचैन सी कर गई थी । हालांकि मै पोर्न देखे हुए था , मगर इतने सालों में ये मेरा उसके साथ ऐसा पहला सामना था ।
कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था और मैने महसूस किया कि लोवर में कुछ हरकत सी हो रही है , मुझे समझ आ रहा था कि मै क्या महसूस कर रहा हूं लेकिन मुझे ये यकीन नहीं हो रहा था ये फीलिंग मुझे प्रिया के लिए कभी महसूस होगी ।
मैने झट से दरवाजा बंद किया और लोवर निकाल कर अंडर वियर सरका दिया


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बड़ा सा काला मूसल सांस लेता हुआ पूरा फनकार मारता हुआ , याद है वो दिन जब पहली बार मैने मूठ लगाई थी , दसवीं की बात रही होगी
मुहल्ले में एक अंकल थे जिनके बारे में ये चर्चा थी कि वो ब्लू फिल्मों के शौकीन है और उनके मोबाइल में ये सब भरा रहता है । संयोग की बात थी कि उस दिन वो मेरे यहां इन्वर्टर में मोबाइल चार्ज लगाने आए थे और मौका देख कर मै उनका मोबाइल चलाने लगा ।
एक दो वीडियो भगा कर देखने के बाद जो पहली उत्तेजना मुझे महसूस हुई थी वहीं आज मुझे महसूस हुई जब मैने पहली बार मैने प्रिया की नंगी चिकनी गोरी दूधिया टांगे देखी

मेरा लंड मेरे हाथ में था और उसकी तपिश मुझे मेरे हथेली में महसूस हो रही थी , लंड की नशे फड़कने लगी थी ,
मैने महसूस किया कि पढ़ाई के चक्कर में मैने बहुत कुछ ऐसे रसों से खुद को किनारे कर लिया था जो शायद एक खास उम्र के दरमियान उनका भोग किया जाता है ।
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और मैने झट से अपना लंड पकड़ कर अंडरवियर में डाल कर लोवर ऊपर किया और फिर उसे सेट करते हुए दरवाजा खोला तो समझ आया कि प्रिया नहा चुकी थी और हाथो में कपड़े लेकर ऊपर जा रही थी
उसने बस दरवाजा इसीलिए खटखटाया कि मै समझ जाऊ कि बाथरूम अब खाली है ।

लेकिन मै जैसे ही नीचे जाने को हुआ कि जीने की सीढ़ी पर एक लाल ब्रा गिरी हुई दिखी , समझते देर नहीं लगी कि ये उसके कपड़ो के बीच से सरक गई थी ।

बड़ी दुविधा थी कि क्या करूं, एक ही दिन दो दो असहज पल वो ही उस लड़की से जो मुझे लेकर बहुत सॉफ्ट फिलिंग रखती आई हो ।
अगर मै नीचे नहाने जाता हूं और उसे वापस आते हुए ब्रा सीढ़ी पर दिखेगी तो उसे ये न लगे कि मै उसके कपड़ो को अछूत समझता हूं इसीलिए उठाया नहीं और अगर मै इसे उठाता हूं वापस ऊपर ले जाने के लिए तो उसकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी ।

फिलहाल दूसरा रास्ता ही सही था और मैने उसे उठाया , फिर जीने से ऊपर चला गया और वो एकदम से मुझे देख कर सकपका गई

: हम्मम ये गिर गया था ( मैंने ब्रा को हाथ में पकड़े हुए उसे दिया , जिसके पानी से मेरे हाथ गिले हो गए )
उसने बिना कुछ बोले ब्रा ले ली और घूम कर आर्गन पर कपड़े फैलाने लगी
मै नीचे जाने वाला था कि एकदम से उसकी आवाज आई
: आल द बेस्ट ( उसने मुझे मेरे टेस्ट के लिए बधाई दी थी )
मैने घूम कर उसे देखा और मुस्कुरा कर चला गया नीचे ।
टेस्ट के बाद वापस आया तो अपनी सोना के पास फोन करके बात करने लगा ।

: उम्मम धत्त गंदी बात नहीं
: अच्छा आपको कुछ फील नहीं हुआ था जब मैने आपको हग किया था ( मैने उसको छेड़ना शुरू किया )
: हा मुझे अच्छा अच्छा सा फिल हो रहा था और आपके सीने पर कितना सुकून था
: मान लो अगर मै शर्ट निकाल देता और फिर आपको हग करता तो ( मैने उसको लालच दिया )
एकदम से फोन पर उसकी सिहरन महसूस हुई
: अह्ह्ह्ह्ह बक्क ऐसा कुछ नहीं कर पाएंगे हम लोग
: सोचो आपको मेरे साथ मेरे बिस्तर पर सोने को मिले मेरे सीने से लग कर और मै बिना शर्ट के हूं
: इईईह्ह्ह हीही नहीं सोचूंगी ( वो थोड़ा शर्मा रही थी )
: सोचो न मेरे गर्म धड़कते दिल को और करीब से सुन पाओगे
: बाबूऊऊ , बक्क मिलने का मन करेगा फिर से
: फिर मिल लेंगे न जानू , आऊंगा तो फिर से आपको हग कर लूंगा और कस कर अपने सीने से आपको चिपका लूंगा एकदम टाइट वाला , कितने सॉफ्टी से हो आप
: धत्त गंदा मारूंगी मै आपको गंदी बात नहीं करो न
: इसमें गंदी बात क्या है ? आप इतने गब्बू गब्बू से हो सॉफ्टी सॉफ्टी से जी करता है खा जाऊ
: हीही पागल हो आप हाहाहा ( वो खिलखिलाई )
: बताओ न करोगे न हग नंगू पंगु वाला
: हा लेकिन बस आप होना नंगू पंगु मै नहीं हीहीही
एकदम से मेरे बदन में हलचल होने लगी और लोवर में कुछ हरकत होने लगी हाथ नीचे ले गया तो पता चला जनाब उठ रहे थे
: क्यों आप क्यों नहीं , मै तो आपको भी कर दूंगा
: छीइइइ नहीं , गंदे हो आप, मुझे सोच कर ही अजीब लग रहा है । मै कभी भी आपके सामने नंगू नहीं होऊंगी समझे , हा नहीं तो
: लाइट बंद कर दूंगा न बाबू
: फिर भी नहीं ( थोड़ा रुक कर वो बोली )
: ठीक है फिर जब आप नहाने जाओगे तब चुपके से आपको देख लूंगा ( मै अपना लंड लोवर के ऊपर से सहला रहा था और आंखे बंद कर उसको अपनी कल्पनाओं में नंगा करना चाह रहा था )
: हीही मै तो कपड़े पहन कर नहाती हूं हाहाहाहाहा ( वो खिलखिलाई जैसे मुझे चित कर दिया हो )
: कपड़े बदलोगे न तब देख लूंगा हाहा
: भक्क आप बहुत गंदे हो , चलो मुझे काम है मम्मी बुला रही है , बाद में बात करते है ।
: ओके लव यू सोना मिस्सी मिस्सी
: हीही , लव यू गंदा बाबू मेरा , बाय

उसने फोन काट दिया , लेकिन आज हो हलचल मेरे अंडरवियर में मची थी वो ऐसे नहीं मिटने वाली थी ।
फिर सालों बाद मैने इंटरनेट पर पोर्न सर्च किया

लिस्ट लंबी थी साइट्स की और मन में एक डर भी था , साइबर ठगी का
लेकिन मन में उमंग थी कि आज कुछ हवस उतारी जाए और मैने एक साइट खोलकर एक वीडियो चालू की
अजीब सा लग रहा था , बदन में गर्मी बढ़ने लगी और मैने लंड बाहर निकाल दिया
सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
कितना हल्का महसूस हो रहा था आज वीडियो में ताबड़तोड़ तोड़ चुदाई चल रही थी , नेकबैंड कनेक्ट था और कानो में उन कपल की सिसकिया गूंज रही थी , मैने मोबाइल साइड रख दिया और बस उन कामुक आवाजों को महसूस करता हुआ लंड आगे पीछे कर हिला रहा था और सिसक रहा था


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एकदम से मुझे प्रिया की नंगी टांगों का ख्याल आया और मेरे अंदर रोमांच उठ गया , ना जाने क्या था जो मै उसकी ओर खींच रहा था
बार बार उसका चेहरा आंखों के आगे आ रहा था और मै उससे अलग अपनी सोना को सोचना चाहता था , वो पल जब उसके नरम दूध मेरे सीने से स्पर्श हुए थे और मैने उसके लिप्स को चूमा था
ओह्ह्ह्ह मेरी बाबू उफ्फ कितने प्यारे हो और आपके चूतड़ उफ्फ कितना sexy झटके खा रहे थे सूट में वो भी अंदर से कितने गोरे होंगे

गोरा दूधिया रंग का ख्याल आते ही एक बार फिर प्रिया की नंगी टांगे आंखों के सामने आई और मै झटके से आंखे खोलकर बैठ गया । फिर मोबाइल बंद कर लंड अंदर कर दिया

मुझे ताजा हवा चाहिए था और मै ऊपर चला गया दोपहर के 3 बज रहे थे और धूप तो थोड़ी धीमी पड़ रही थी , पछुआ हवाएं तेज थी और गहरी सांस लेकर छत की रेलिंग से नीचे देख रहा था
ठीक मेरे पास में ही रस्सी पर टंगे हुए कपड़े उड़ रहे थे , अनायास मेरी निगाहे चिमटी ने दबे हुए एक कपड़े पर गई
वो प्रिया का सूट था और उसके नीचे उसने अपनी पैंटी छिपा कर सुखाने के लिए डाल रखी थी । लेकिन हवा से सूट हट गया था और उसकी पैंटी साफ दिख रही थी


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मै खुद को रोक रहा था लेकिन आज कुछ बेकाबू सा तूफान था मेरे अंदर जो भड़क उठा , सालों की दबी हुई वासना का ज्वालामुखी गरज रहा था
फिर से बिना कुछ सोचे ही लोवर में लंड टाइट होने लगा
मैने मोबाइल को हाथ में पकड़ कर एक बार वापस अपनी जान को काल किया तो उसने काल काट दी , शायद बिजी थी ।
हर वो मुमकिन प्रयास था मेरे ओर कि मै खुद को रोक लूं , चेहरे पर अलग ही तनाव , नथुने फूलने लगे थे और रह रह कर नजर प्रिया की पैंटी पर जा रही थी
जिस तरह उसने उसे छिपा कर रखा था उसे टटोलने की मेरी कामना तीव्र हुई जा रही थी और फिर झटके के मैने वो पैंटी खींच ली, फिर टैरिस वाले बाथरूम में घुस गया

लंड पूरा विकराल हुआ था और मैने उसे आजाद कर दिया
आंखे बंद कर मैने प्रिया की पैंटी को अपने हथेली में मिजा और उसको लंड कर रख दिया
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
कितना नरम अहसास था मानो सच में उसके जिस्म का स्पर्श मिला हो मुझे और मैने अपना लंड हिलाने लगा
मैने अब अपनी कल्पनाओं को छूट दे दी और कुछ झलकियां आंखों के उठने लगी जब अतीत में मैने प्रिया को लेगिंग्स में देखा था और उसकी पैंटी उसके चूतड़ों पर उभरी हुई थी वो चर्बीदार नर्म अहसास और उसकी दूधिया टांगे


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अह्ह्ह्ह फुट पड़ा मेरे सब्र का फब्बारा और एक के बाद एक मोटी थक्केदार व्हाइट लिक्विड , टॉयलेट सीट पर
झड़ता रहा उसकी पैंटी से अपना लंड पकड़े हुए जबतक कि वासना की आखिरी बूंद तक निचोड़ नहीं दी मैने और सिहरता हुआ हांफने लगा बाथरूम की दिवाल का सहारा लेकर
अंदर से पूरा पसीना पसीना हुआ था
मैने फ्लश चलाया और अपना लंड धूल कर बाहर आया कि एकदम से मेरी फट गई , प्रिया कपड़े उतार रही थी और मैं वो पैंटी अपने जेब में रख दी फिर बिना कुछ बोले नीचे अपने कमरे में चला आया ।

वासना का खुमार उतरते ही गाड़ फट कर चार हो गई , मन में डर था कि उसने अपनी पैंटी खोजी तो जरूर होगी । एक काम करता हूं छत पर कही ऐसी जगह रख दूंगा कि उसे लगे कि हवा से उड़ कर गया होगा ।

इधर थकावट से शरीर सुस्त हो गया था और मैने भी एक झपकी लेना सही समझा ।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 007



Der raat tak main ghar pahuncha.
Train mein baithne ke baad ghar phone kar diya tha ki aa raha hoon, toh khana bana hua tha.

Ghar aakar maine Mummy-Papa ke pair chhuye.
Papa sofe par the aur Mummy kitchen mein.

: Mummy! (Maine unko peeche se hug kar liya.)
: Haan, beta (kuch udaas si muskurayi woh.)
: Kya hua? Aap khush nahi ho? (Maine unhe apni taraf ghumaya.)
Unhone mujhe bade gaur se dekha aur ek pheeki muskurahat se meri badhi hui daadhi ko chhoo kar : Yeh kya, tu daadhi baal nahi katwaya?
: Wahan kaun dekhega mujhe?
: Accha, aur yahan kaun hai (Mummy ne aankhein meen karke mujhe dekhne lagi.)
: Yahan meri pyari si Mummy hai na, hahaha (Maine unke naak chhoo kar kaha aur woh muskurayi.) Main hoon na aapka hero, bolo
: Haan, mera lala (woh mere chehre ko chhoo kar boli) jaa, haath muh dho le aur khana nikaal doon.

Main mere kamre mein gaya aur sabse pehle apni sona ko ghar pahunchne ka message daal diya aur mobile charge mein laga diya. Phir fresh hokar baahar aaya aur Papa ke paas baith gaya.

Woh hall mein baithe hue news channel dekh rahe the. Lagbhag saal bhar ho gaya tha corona ki khabrein sunte hue aur khabar thi ki ek baar phir ab desh mein tezi se cases badh rahe hain corona ke, koi naya variant aa gaya hai. Poore asaar hain ki phir se lockdown lagne ke. Videshi yatraon par rok lagni phir se shuru ho gayi thi.
Aam taur par waise bhi Papa aur meri zyada baat nahi hoti thi, lekin Allahabad se ghar aane par aksar woh meri padhai aur pariksha ko lekar baatein karte the, lekin aaj bohot chup the.

Mujhe laga ki koi baat hogi aur ek cheez mujhe ajeeb lagi ki jab Papa January mein hi wapas duty par gaye the, toh Holi se pehle wapas kaise aa gaye? Sawaal laazmi tha, lekin unse poochhtachh karne ki himmat mujh mein nahi thi.

Mummy se charcha ki toh woh boli ki tabiyat theek nahi thi, isliye unhe bulwa liya hai. Theek ho jayenge toh wapas jayenge. Main fikr na karoon, apni taiyaari par dhyaan doon.
Raat mein khane peene ke baad main mere kamre mein aaya aur apni jaan ko call kar diya.

Pehle toh “speaking to someone else” aaya, lekin aakhri ring jaate jaate call pick ho hi gaya.

: Hi, babu, kya ho raha hai?
: Kuch nahi, bas aapko yaad kar rahi thi (thodi asahaj hokar woh boli.)
: Waise, kal kitne baje nikaloge aap? (Main khush hokar bola.)
: Ummm, wahi college wale time par. Aap kab tak aa jaoge?
: Mujhe toh dopahar ho jayegi aate aate.
: Koshish karna ki jaldi aa jao, please. Mujhe aapko hug karna hai kas ke.
: Mujhe bhi, babu ko main khoob der tak cuddle karke rahoonga aur kissy bhi doonga.
: Aur mera gift?
: Woh bhi laya hoon, hihihihi
: Chalo, aap mujhe hug kar lo, mere sar mein dard ho raha hai. Aaj mujhe aapki baahon mein sona hai (woh bade pyar se boli.)
: Ajao, mera babu, hug you tightly, mera sona, ummah. So jao, good night, love you.

Aur kuch hi der mein woh so gayi, phir main bhi.

Agli subah

Main fresh hua aur brush karke saloon chala gaya. Wapas aaya toh Papa phone par kisi se behas kar rahe the.

Maamla thoda gambheer tha, kisi ki amma behen ho rahi thi, lekin meri asal samasya yeh thi ki mujhe kuch paise chahiye the aur Lucknow jaane ka bahana maine pehle hi soch liya tha.

Nahane jaane se pehle maine Mummy ko kitchen se apne room mein bulaya.

: Kya hua?

: Mummy, mujhe kuch books leni hain aur aaj Lucknow jaana hai, paise chahiye.
: Books theek hai, lekin Lucknow kyun jaana hai? (Mummy fikr se boli.)
: Are, Mummy, ******* coaching class se ka solved paper set lena hai, usse mere exam mein help ho jayegi.
: Accha, kitna chahiye tujhe?
: Yahi koi 2500? (Maine aaj ke kharche ka poora hisaab kar liya tha.) Phir mujhe Allahabad ke liye kharcha bhi nahi chahiye hoga.
: 2500..? (Mummy chaunk gayi aur unke chehre ka rang ud gaya.)
Ek nazar unhone Papa ko phone par baat karte hue dekha aur phir kuch soch kar woh apne kamre mein gayi aur 1500 lekar mujhe de di.
: Yeh le, pakad. Jab wapas jayega toh 1000 aur de doongi, theek hai? Aur sun, time se ghar aa jaana.
: Theek hai.

Phir main nahane chala gaya aur apni favorite black shirt aur denim jeans ke saath casual shoes daale aur nikal gaya.
Bus pakad kar Lucknow aur phir Mohanlalganj.
Traffic aur sawari badal kar dhai ghante baad main Mohanlalganj tehsil pahuncha.
Yeh doosri baar tha ki main is town mein aaya tha. Utarte hi jaise kitni bechaini hone lagi aur haath mein liye hue ek paper bag ko lekar maine ek hotel ka address kisi se poocha aur udhar chal diya.

Is dauraan message se lagataar meri baat meri sona se ho rahi thi. Woh ghante bhar pehle hi pahunch gayi thi apne location par.
Maine usko call lagaya aur usne call uthaya.
: Hi, kidhar ho?
: Yahi jahan bataya, aap kidhar ho? (Usne poocha.)
: Bas yeh jo… oh my God (Aankhein badi kar maine saamne dekha use
Palke jhapka kar, gardan jhatak kar
: Kya hua? (Woh tension mein boli.)
: Main wapas ja raha hoon.
: Are, hua kya?
: Sach sach batao, aap mujhe maarna chahte ho na? (Maine usko sataya.)
: Kya?
: Yaar, itna khoobsurat dikhne ki kya zarurat thi? (Maine use restaurant ke ek jagah baithe hue dekha.)


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Black suit mein full sleeve, khule baal aur masoom sa chehra, jiski bechain nigahein mujhe hi talaash rahi thi.

: Dhatt, paagal, batao na kahan ho? (Woh khadi hokar mujhe khojne lagi us bheed mein.)
Main toh theek uske saamne hi tha aur ekdum se uski nazrein mujh par gayi.
Woh khushi se chahak kar restaurant se bhaagi aur seedhiyan utarti hui meri taraf aane lagi, apna gheredar frock-suit ko lehraati hui.


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Phir ekdum se ruk gayi aur dheemi pad gayi.

: Kya hua? (Usne saamne 10 meter ki doori par khada tha main.)
: Koi dekh lega toh? (Uska darr wajib tha aur yeh tha bhi toh uska hi shehar.)
: Phir?
: Andar aao, baithte hain. ( Aur woh ghoom kar chali gayi.
Ishhh, uske lachile kamar ke woh madak jhatke. Maine meri nazar ko bhatakne se roka aur muskura kar usse thodi doori kiye hue andar chala gaya.
Woh baithi thi ek table par aur main uski taraf badha ki usne mujhe phone par toka.
Phone mera chalu aur neckband connect, usne shayad earbuds lagaye the.

: Wahi baith jao, usi table par.
Hum dono the ab aamne saamne, lekin hamare table alag the.

Maine aankhon se uski aankhon mein dekha aur woh meri.
: I love you (main uske saamne se bola.)


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Woh muskura di aur chhip kar muh par haath rakhte hue boli, : Love you so much, meri jaan, kitne handsome lag rahe ho.

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: Aur aap katai zeher (Ekdum se uski aankhein chamak uthi aur gaal poore gulaabi, hoth sharm se muskura uthe.)
: Bhakk, maar khaoge aap!
: Maar hi daalo, ab aur kitna tadpaogi, ummm?
Hum dono ek doosre ko nihaar rahe the aur kho rahe the.


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Meri saansein bechain hone lagi thi aur woh samajh gayi.
: Kya hua, babu?
: Mujhe hug karna hai abhi (maine use apni bechaini bayan ki.)
Woh bhi ab apna sharir hilane lagi aur idhar udhar dekhne lagi.
Phir uth kar ishare se mujhe apne peeche aane ko kaha.

Main apna carry bag lekar chal diya uske peeche.
Woh restaurant ke peeche parking ki jagah thi aur aage ek khaali aur sunsaan jagah thi, duniya ki bheed se alag.

Mujhe darr bhi lag raha tha aur phir main uske saamne tha aur woh mere.
Itne kareeb aakar mere dil ki dhadkanein tez hone lagi aur uski nazrein seedha mere seene par.
Bina kuch bole woh meri baahon mein haath ghusa kar apna sar mere seene par rakh diya.


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Ahhhh, ek lambi saans lekar mano uski rooh mujhse jud gayi aur poore jism mein ek bijli si daud gayi.
Maine bhi kas liya use apni baahon mein aur lipt gaya.
: I love you, sona.
: Main bhi bohot zyada, mera babu (woh dubak kar meri baahon mein boli.)
: Aap sirf mere ho, ab mat darna (maine uska chehra aage kar uski aankhon mein dekha.)
Woh mujhe dekh rahi thi poore vishwas ke saath aur maine uske maathe ko choom liya. Phir usne apni aankhein band kar li.
Paas se aur bhi pyari lag rahi thi woh, uska woh narmahat bhara ehsaas aur maine uski khoobsurat aankhon ko bhi choom liya.
Sihar kar wapas woh mere seene se lag gayi : Main aapko khona nahi chahti, I love you so much.
: Love you, mera baccha (maine uske baalon ko sehlaya aur phir uske gaalon ko apne hatheli ke bhar uska chehra aage kiya.)
Uske gulaabi lab thode sikud gaye aur bohot naram dikh rahe the. Aankhein band kar main unki taraf badha aur usne bhi aankhein band kar li.


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Phir hum dono ke hoth aapas mein touch hue, ek alag hi tarah ki urja poore badan mein mehsoos hui aur woh muskurayi saath mein bhi.

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Wapas se maine uske lips par kiss kiya : I love you so much.

Woh phir se mere seene se lag gayi.
: Babu?
: Hmmm? (Woh mujhse lipti hui boli.)
: Chalein?
: Unhun, nahi jaana mujhe kahin (woh mujhe pakde hue apni gardan ko mere seene par hila kar badi masoomiyat se boli aur mujhe uspar pehle se zyada pyar aane laga.)
: Koi dekh lega toh?
Aankhein utha kar usne mujhe ghoora aur main muskura raha tha apni naraaz sherni ko dekhkar.
: Accha, chalo, photo nikaalte hain.
Aur woh khush ho gayi.
Phir humne selfie li aur main usko ek dress, ek gulab, ek chocolate, aur ek chhota sa teddy wala keyring diya.
Badle mein usne meri kalaai par ek ghadi baandh di.
Maine muskura kar uski nishaani ko choom liya aur phir use bhi.

Samay ko dekhte hue maine use jaane diya aur shaam hone se pehle pehle main bhi ghar wapas aa gaya.

Us raat hamari baatein der raat chali, woh bhi romantic wali, woh pehli kiss ka ehsaas aur pehla hug.
Sukoon se main so gaya.

Agla din

Ghar mein kuch bohot accha mahaul nahi dikha. Papa ki pareshani samajh se pare thi, Mummy bhi kuch saaf saaf batane ko raazi nahi thi.
Isliye 10 February ko hi main wapas Allahabad laut gaya.

Room par aane ke baad raat mein Priya khana lekar aayi thi.
Maine use baithne ko kaha aur uski nazar meri kalaai par thi.

: Matlab, gift mil gaya, ummm
Main thoda sharmaya.
: Bataye nahi aur phone bhi uthaye mera?
: Sorry, ghar mein kuch accha nahi chal raha tha (maine use Papa ke tension mein rehne ki baat batayi.)
: Photo nahi dikhaoge? (Thoda hichak kar woh boli.)
: Are, haan, ruko.
Maine mobile nikaal kar uske paas baith gaya, sat kar itna hi ke hamare pair aapas mein touch ho rahe the. Woh thoda asahaj hui, lekin main apni khushi ke nashe mein tha.
Gallery kholkar usko dikhayi.
Kuch masti bhari selfies aur meri sona ke single portrait.
: Wow, kitni pyari hai! (Phir usne apni kalaai muh ke paas rakh kar thoda sa upar thooka.)
: Yeh kya tha? (Main achraj se.)
: Woh nazar na use, isliye karte hain (kuch udaas aankhon se woh boli.)
:Usne tumhare liye bhi kuch bheja hai.
: Kya, sach mein? Kya?
Phir maine ek kangan set nikaal kar apne bag se diya.
: Oh, wow! Usse baat ho toh kehna mujhe bohot pasand aaya aur sorry, next time main bhi kuch doongi, lete jaana.
: Haan, kyun nahi (uski khushi dekhne layak thi, usne fauran woh kangan apni kalaai mein daal diya aur mujhe dikhane lagi.)
: Acche hain na?
: Haan, bohot sundar (kuch soch kar main thoda udaas hua, bola.)
: Maine na tumhare liye yeh rakha tha.
Usne ek chhota sa water ball diya, kaanch ka, jismein ek safed teddy tha jiske pet par ek red heart par likha tha
BEST FRIEND FOREVER

Bohot khoobsurat tohfa tha, lekin usse badh kar uski meri liye parwah.
Phir woh khana khane ko bolkar chali gayi.
Maine khana khaya aur apni sona ke paas call ghumaya.
: Chale gaye na phir se chhod kar? (Woh thoda itraayi.)
: Phir aaoonga na, babu, aapke birthday par.
: Accha, suno, is baar aana toh Vishal se zaroor milna. Woh toh usi din milna chahta tha, lekin maine mana kar diya. Khaas din tha hamara aur phir woh sab bhi nahi kar paate, hihi.
Main uski baaton se muskurane laga aur phir usse baatein karta hua kab so gaya, pata hi nahi chala.

Agli subah

Aaj phir mera test tha aur nahane ke liye main neeche aaya.
Aaj phir wahi sanjog, lekin cheezein kuch badli hui thi.
Woh bajay lower t-shirt ke top aur neeche usne towel lapeta tha.

Jaise hi main jeene se neeche aaya, ekdum se usko dekh kar sann reh gaya, uski gori doodhiya taangein dekh kar, aur woh bhi jhat se bathroom mein.
Main wapas room mein aa gaya. Cheezein mujhe kuch bechain si kar gayi thi. Halaanki main porn dekhe hue tha, magar itne saalon mein yeh mera uske saath aisa pehla saamna tha.
Kuch ajeeb sa mehsoos ho raha tha aur maine mehsoos kiya ki lower mein kuch harkat si ho rahi hai. Mujhe samajh aa raha tha ki main kya mehsoos kar raha hoon, lekin mujhe yeh yakeen nahi ho raha tha ki yeh feeling mujhe Priya ke liye kabhi mehsoos hogi.
Maine jhat se darwaza band kiya aur lower nikaal kar underwear sarka diya.


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Bada sa kala moosal saans leta hua poora fankaar marta hua. Yaad hai woh din jab pehli baar maine mooth lagayi thi, dasvi ki baat rahi hogi.
Muhalle mein ek uncle the jinke baare mein yeh charcha thi ki woh blue filmon ke shaukeen hain aur unke mobile mein yeh sab bhara rehta hai. Sanjog ki baat thi ki us din woh mere yahan inverter mein mobile charge lagane aaye the aur mauka dekh kar main unka mobile chalane laga.
Ek do video bhaga kar dekhne ke baad jo pehli uttejana mujhe mehsoos hui thi, wahi aaj mujhe mehsoos hui jab maine pehli baar Priya ki nangi chikni gori doodhiya taangein dekhi.

Mera lund mere haath mein tha aur uski tapish mujhe meri hatheli mein mehsoos ho rahi thi. Lund ki nasein fadakne lagi thi.
Maine mehsoos kiya ki padhai ke chakkar mein maine bohot kuch aise rason se khud ko kinare kar liya tha jo shayad ek khaas umar ke darmiyaan unka bhog kiya jaata hai.
Tabhi darwaze par dastak hui aur maine jhat se apna lund pakad kar underwear mein daal kar lower upar kiya aur phir use set karte hue darwaza khola toh samajh aaya ki Priya naha chuki thi aur haathon mein kapde lekar upar ja rahi thi.
Usne bas darwaza isliye khatkhataaya ki main samajh jaaun ki bathroom ab khaali hai.

Lekin main jaise hi neeche jaane ko hua ki jeene ki seedhi par ek laal bra giri hui dikhi. Samajhte der nahi lagi ki yeh uske kapdon ke beech se sarak gayi thi.

Badi duvidha thi ki kya karoon. Ek hi din do do asahaj pal, woh bhi us ladki se jo mujhe lekar bohot soft feeling rakhti aayi ho.
Agar main neeche nahane jaata hoon aur use wapas aate hue bra seedhi par dikhegi, toh use yeh na lage ki main uske kapdon ko achhoot samajhta hoon, isliye uthaya nahi. Aur agar main ise uthata hoon wapas upar le jaane ke liye, toh uski himmat nahi ho rahi thi.

Filhaal doosra rasta hi sahi tha aur maine use uthaya. Phir jeene se upar chala gaya aur woh ekdum se mujhe dekh kar sakpaka gayi.

: Hmmm, yeh gir gaya tha (maine bra ko haath mein pakde hue use diya, jiske paani se mere haath geele ho gaye.)
Usne bina kuch bole bra le li aur ghoom kar organ par kapde failane lagi.
Main neeche jaane wala tha ki ekdum se uski awaaz aayi, “All the best!” (Usne mujhe mere test ke liye badhaai di thi.)
Maine ghoom kar use dekha aur muskura kar chala gaya neeche.
Test ke baad wapas aaya toh apni sona ke paas phone karke baat karne laga.

: Ummm, dhatt, gandi baat nahi
: Accha, aapko kuch feel nahi hua tha jab maine aapko hug kiya tha? (Maine usko chhedna shuru kiya.)
: Haan, mujhe accha accha sa feel ho raha tha aur aapke seene par kitna sukoon tha.
: Maano agar main shirt nikaal deta aur phir aapko hug karta toh? (Maine usko lalach diya.)
Ekdum se phone par uski siharan mehsoos hui.
: Ahhhh, bakk, aisa kuch nahi kar payenge hum log
: Socho, aapko mere saath mere bistar par sone ko mile, mere seene se lag kar aur main bina shirt ke hoon.
: eeehhh, hihi, nahi sochoongi (Woh thoda sharma rahi thi.)
: Socho na, mere garam dhadakte dil ko aur kareeb se sun paaoge.
: Babu-uuu, bakk, milne ka mann karega phir se
: Phir mil lenge na, jaanu. Aaoonga toh phir se aapko hug kar loonga aur kas kar apne seene se aapko chipka loonga, ekdum tight wala. Kitne softy se ho aap
: Dhatt, ganda, maarungi main aapko, gandi baat nahi karo na
: Ismein gandi baat kya hai? Aap itne gabbu gabbu se ho, softy softy se, ji karta hai kha jaaun
: Hihi, paagal ho aap, hahaha (Woh khilkhilaayi.)
: Batao na, karoge na hug, nangu pangu wala?
: Haan, lekin bas aap hona nangu pangu, main nahi, hihihi!
Ekdum se mere badan mein halchal hone lagi aur lower mein kuch harkat hone lagi. Haath neeche le gaya toh pata chala janab uth rahe the.
: Kyun, aap kyun nahi? Main toh aapko bhi kar doonga
: Chheeee, nahi! Gande ho aap, mujhe soch kar hi ajeeb lag raha hai. Main kabhi bhi aapke saamne nangu nahi hoongi, samjhe? Haan, nahi toh
: Light band kar doonga na, babu.
: Phir bhi nahi (thoda ruk kar woh boli.)
: Theek hai, phir jab aap nahane jaoge tab chupke se aapko dekh loonga (main apna lund lower ke upar se sehla raha tha aur aankhein band kar usko apni kalpanaon mein nanga karna chahta tha.)
: Hihi, main toh kapde pehan kar nahati hoon, hahaha (Woh khilkhilaayi jaise mujhe chit kar diya ho.)
: Kapde badloge na, tab dekh loonga, haha
: Bhakk, aap bohot gande ho. Chalo, mujhe kaam hai, Mummy bula rahi hai, baad mein baat karte hain.
: Okay, love you, sona, missy missy
: Hihi, love you, ganda babu mera, bye

Usne phone kaat diya, lekin aaj jo halchal mere underwear mein machi thi, woh aise nahi mitne wali thi.
Phir saalon baad maine internet par porn search kiya.

List lambi thi sites ki aur mann mein ek darr bhi tha, cyber thagi ka.
Lekin mann mein umang thi ki aaj kuch hawas utaari jaye aur maine ek site kholkar ek video chalu ki.
Ajeeb sa lag raha tha, badan mein garmi badhne lagi aur maine lund baahar nikaal diya.
“Ceeee, ohhh yes, ahhhh!”


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Kitna halka mehsoos ho raha tha aaj. Video mein tabadtod tod chudai chal rahi thi, neckband connect tha aur kaanon mein un couple ki siskiyaan goonj rahi thi. Maine mobile side rakh diya aur bas un kaamuk awaazon ko mehsoos karta hua lund aage peeche kar hila raha tha aur sisk raha tha.

Ekdum se mujhe Priya ki nangi taangon ka khyaal aaya aur mere andar romanch uth gaya. Na jaane kya tha jo main uski taraf kheench raha tha.
Baar baar uska chehra aankhon ke aage aa raha tha aur main usse alag apni sona ko sochna chahta tha, woh pal jab uske naram doodh mere seene se sparsh hue the aur maine uske lips ko chooma tha.

Ohhhh, meri babu, uff, kitne pyare ho, aur aapke chootad, uff, kitna sexy jhatke kha rahe the suit mein, woh bhi andar se kitne gore honge!

Gora doodhiya rang ka khyaal aate hi ek baar phir Priya ki nangi taangein aankhon ke saamne aayi aur main jhatke se aankhein kholkar baith gaya. Phir mobile band kar lund andar kar diya.

Mujhe taza hawa chahiye thi aur main upar chala gaya. Dopahar ke 3 baj rahe the aur dhoop toh thodi dheemi pad rahi thi, pachhua hawayein tez thi aur gehri saans lekar chhat ki railing se neeche dekh raha tha.
Theek mere paas mein hi rassi par tange hue kapde ud rahe the. Anayas meri nigahein chimti ne dabe hue ek kapde par gayi.
Woh Priya ka suit tha aur uske neeche usne apni panty chhipa kar sukhane ke liye daal rakhi thi. Lekin hawa ne uska suit uda Diya tha aur uski panty saaf saf dikh rhi thi


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Main khud ko rok raha tha, lekin aaj kuch bekaabu sa toofan tha mere andar jo bhadak utha. Saalon ki dabi hui wasna ka jwalamukhi garaj raha tha.
Phir se bina kuch soche hi lower mein lund tight hone laga.
Maine mobile ko haath mein pakad kar ek baar wapas apni jaan ko call kiya toh usne call kaat di, shayad busy thi.
Har woh mumkin prayas tha meri taraf ki main khud ko rok loon, chehre par alag hi tanav, nathune foolne lage the aur reh reh kar nazar Priya ki panty par ja rahi thi.
Jis tarah usne use chhipa kar rakha tha, use tatolne ki meri kaamna teevr hui ja rahi thi aur phir jhatke se maine woh panty kheench li, phir terrace wale bathroom mein ghus gaya.

Lund poora vikraal hua tha aur maine use azaad kar diya.
Aankhein band kar maine Priya ki panty ko apne hatheli mein mija aur usko lund par rakh diya.
“Ahhhh, ceeeee, ohhhh, ahhhh!”
Kitna naram ehsaas tha, mano sach mein uske jism ka sparsh mila ho mujhe aur maine apna lund hilane laga.
Maine ab apni kalpanaon ko chhoot de di aur kuch jhalkiyaan aankhon ke uthne lagi jab ateet mein maine Priya ko leggings mein dekha tha aur uski panty uske chootadon par ubhari hui thi, woh charbidar naram ehsaas aur uski doodhiya taangein.
Ahhhh, foot pada mere sabr ka fawwara aur ek ke baad ek moti thakkedar white liquid, toilet seat par aur diwaal par


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Jhadta raha uski panty se apna lund pakde hue jab tak ki wasna ki aakhri boond tak nichod nahi di maine aur siharta hua haanfne laga bathroom ki deewal ka sahara lekar.
Andar se poora paseena paseena hua tha.
Maine flush chalaya aur apna lund dhool kar baahar aaya ki ekdum se meri fat gayi. Priya kapde utaar rahi thi aur main woh panty apni jeb mein rakh di, phir bina kuch bole neeche apne kamre mein chala aaya.

Wasna ka khumaar utarte hi gaad fat kar chaar ho gayi. Mann mein darr tha ki usne apni panty khoji toh zaroor hogi. Ek kaam karta hoon, chhat par kahin aisi jagah rakh doonga ki use lage ki hawa se ud kar gaya hoga.

Idhar thakawat se sharir sust ho gaya tha aur maine bhi ek jhapki lena sahi samjha.

Jaari rahegi.


Please , read kar review jrur kren
 
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