- 8,365
- 23,420
- 189
बहुत ही बढ़िया अपडेट दिया है !UPDATE 005
इंस्टीट्यूट में वीकली टेस्ट शुरू हो गए और मार्च में एग्जाम होने के पूरे असार थे । मेरी अपनी भी तैयारी पूरी थी लेकिन युद्ध के पहले अभ्यास जरूरी होता है तो वही चल रहा था ।
एक ओर जहां नए साल का जश्न मनाया जा रहा था और मै अपने भविष्य के लिए रेजुलेशन लिख रहा था
इत्तेफाक की बात थी कि आज सुबह सुबह उसका फोन आया
मैने बिना एक पल गवाए फोन पिक किया
: गुड मॉर्निंग जान
: हाय , कितना प्यारा बोलते हो फिर से कहो न ( वो खिलखिलाई )
: गुड मॉर्निंग मेरा सोना & हैप्पी न्यू ईयर माई स्वीटू उम्माह
: सीईईई मेरी तो न्यू ईयर हैप्पी हो गई , थैंक्यू बाबू उम्माह & आई लव यू , लव यू , लव यू सो सो सो सो मच हिही ( उसने पूरा प्यार उड़ेल दिया मुझपर )
: उफ्फफ इतना प्यारा , पूरे साल का कोटा पूरा करोगी क्या हाहाहा
: आप पास होते न तो बताती कितना चाहती हूं आपको ( फिर एकदम से उसके सुर बदल गए ) पता है मेरी सहेली है रेखा वो भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ आज घूमने जा रही है , मेरे कालेज में सब अपने अपने लवर्स के साथ होंगे सिर्फ मै अकेली रहूंगी , ऊहू अजाओ न बाबू प्लीज !!!!
उफ्फ पिघला दिया पगली ने मुझे , दुख तो मुझे भी हुआ अंदर से लेकिन मामले को समेटना था और फैलाना नहीं था।
: मेरा सोना मेरा सुकून, मै आऊंगा आपके बर्थडे पर और फिर आपके साथ तो मेरा हर दिन नए साल जैसा है उम्मम है न
: हम्ममम ( उसने थोड़ा संतोष मन से जवाब दिया ) पक्का आओगे न ?
: अपनी जान से कोई कैसे झूठ बोलेगा उम्मम
: आई लव यू, बहुत याद आ रही है आपकी उम्म्हुहुहू ( वो रोने सी लगी )
: अरे मेरा बच्चा , आई लव यू न सोना रो मत , आप भी अपने दोस्तों के साथ इंजॉय करने जाओ
: और आप ?
: मै भी इंजॉय कर लूंगा आप फोटो भेज देना
: पक्का न ? ( उसने इजाजत मांगी )
: हा मेरा सोना उम्माह ( मैने एक किस दी फोन पर )
: ओके थैंक्यू , लव यू बाय
: हम्ममम बाय
काल कट हुआ और मैने एक गहरी सांस ली और अपने काम में लग गया अभी घंटा भर बीता नहीं था कि मेरे रूम पर नॉक हुआ
समझ गया कि कौन आया होगा
मैने दरवाजा खोला और सामने प्रिया थी जो पूरी तैयार होकर साड़ी में खड़ी थी, उसकी यूनिवर्सिटी पर आज खास प्रोग्राम होने वाले थे
: हाय , हैप्पी न्यू ईयर ( उसने एक्साइटेड होकर थोड़ा सा ब्लश करते हुए कहा )
: हाय ... हैप्पी न्यू ईयर
मैने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और नजर उसके कमर और पेट पर काफी नर्म और गुदाज थी उसने साड़ी को नाभि के नीचे बांध रखा था और बाल खुले थे किसी के भी होश उड़ाने के लिए काफी थे लेकिन मुझ पर उसकी ये कोशिश बेकार थी उस वक्त के लिए । उसने मुझे देखा और शर्मा कर अपने बाल कान में खोंसने लगी ।
: तुम मुझे मेरी यूनियर्सिटी ड्रॉप कर दोगे ? ( वो चहक कर इतराई जैसे उसे कितना विश्वास हो कि उसका ये रूप मुझे पसंद आ गया )
: ले..लेकिन बा..इक ?
: पापा की बुलेट है न उसी पर ( वो खुश होकर बोली )
मै समझ गया कि उसका आज अपनी यूनिवर्सिटी में सबको बताने का प्लान है कि उसका बॉयफ्रेंड मै हूं । मना करने का कोई बहुत खास रीजन नहीं था क्योंकि यूनिवर्सिटी 10 मिनट की दूरी पर थी ।
जैसे कि मैने पहले भी कहा था कि कभी कभी आप कुछ चीजें करने को मजबूर होते है जबकि आपके पास अपने दूसरे महत्वपूर्ण काम पहले से पेंडिग है ।
नए साल पर किसी लड़की को जो इतना तैयार होकर इंतजार करे कि आप उसे उसके कालेज ड्रॉप करने जाओ तो आपको भी एक पल के लिए अपनी इमेज का ख्याल करना पड़ जाता है
संजोग की ही बात थी कि कल ही मैने अपनी दाढ़ी बनवाई थी और बाल सेट करवाए थे । बैग से मैने ब्लैक शर्ट और काफी रंग की पैंट निकाली और तैयार होकर एक फॉर्मल सूज पहन कर नीचे आया जेब में एक सनग्लास रखे हुए
उसकी खुशी मुझे देखते ही दुगनी हो गई , आंटी अभी घर के दूसरे काम में व्यस्त थी और वो चाबी लेकर खड़ी थी
मैने बाइक निकाली और थोड़ा साफ करके स्टार्ट किया
पूरी गली में बुलेट 350 क्लासिक का इंजन भड़भडाया और वो मेरे कंधे पकड़ कर बैठ गई
मैंने भी बाइक आगे निकाली और सामने दो रास्ते थे उसने गर्ल हॉस्टल वाला रूट लेने को कहा
आज का रोला टाइट था अपना भी , गर्ल हॉस्टल के सामने निकलते हुए कुछ रेगुलर लड़कियों ने मुझे देखा जिन्होंने आज से पहले बस मुझे लोवर और टीशर्ट में ही देखा था ।
उनकी नजरे भी हम दोनो पर
मेन सड़क पर आते ही मैने सनग्लास लगाए
: थैंक्यू ( उसने मुस्कुरा कर कहा और बाएं रियर मिरर में मैने उसको देखा )
मै उसको लेकर यूनिवर्सिटी के कैंपस में आ गया , बवाल मचाने वाला माहौल था वहां। हाइटेक डीजे और गजब की सजावट उससे बढ़ कर फैशन झाड़ती लड़कियां और उनके चिपके हुए बॉयफ्रेंड
माहौल ऐसा कि सब कुछ चकाचौंध कर देना वाला , तकरीबन ढाई साल हो गए थे मुझे इलाहाबाद में लेकिन मैने कोचिंग से रूम और रूम से सब्जी मंडी इससे बढ़ कर इलाहाबाद को देखा नहीं था ।
: मै जाऊ फिर
वो थोड़ी असहज दिखी और मुझे हा बोल दिया ।
: लेने आना पड़ेगा ?
: नहीं मै आ जाऊंगी ( उसने थोड़े परेशान लहजे में कहा )
मुझे मेरे कल के टेस्ट की तैयारी करनी थी तो मैने बुलेट घुमाया और वापस कैम्पस से निकलने लगा
रियर मिरर में एक बार मैने देखा तो वो वही खड़ी थी अकेली , न उसके कोई दोस्त आए न सहेली
मुझे कुछ अजीब लगा
मैने सड़क की भीड़ से रुक कर किनारे हुआ और कुछ लड़कियां मेरे पास से निकली उसी की चर्चा करते हुए उसकी ओर
" वो देख आ गई , हीही , ये पता नहीं यहां किसके लिए इतना तैयार होकर आई है "
" छोड़ न उसको , अच्छा तेरा आरुष आ रहा है न "
" हा , फोन किया था तो बोला सैलून में हूं बेबी "
" ओह गॉड, आज तू गई हाहाहाहाहा"
" यार लेकिन इसे साथ में ले जाए , वहां ये कबाब में हड्डी रहेगी "
" छोड़ न कुछ बहाना करके निकल जाएंगे चल "
बहुत अजीब सा लगा जब महसूस हुआ कि असल में वो अपने दोस्तों के कितनी अकेली है , आज असल में उसके दिल का अकेलापन मैने महसूस किया था ।
धिक्कार रहा था खुद कि आजतक उस साफ दिल को मैने कितने अशब्द कहे थे। वो तो अब एक अच्छा दोस्त ही तलाश रही थी मुझमें और मैने उसकी कदर नहीं की ।
मूड पूरा स्वैग में था और आंखे थोड़ी नम
वो लड़कियां उसके पास पहुंच गई थीं और बातें हो रही थी , साफ पता चल रहा था कि उसके मुस्कुराते चेहरे के पीछे कितना दर्द छिपा है ।
मैने बुलेट घुमाई और एक्सीलेटर घुमाता हुआ पहुंच गया उसके सामने एक बार फिर
वो चौक गई , इसकी उसे उम्मीद नहीं थी और शायद इसकी भी नहीं जो आगे मै कहने वाला था ।
: सॉरी बाबू लेट हो गया आओ चले
उसने आंखे बड़ी करी और मेरी ओर देखा , चार छ: आंखे और थी जो मुझे घूर रही थी ।
: कम हियर
वो मेरे पास आई और मैने उसे बैठने का इशारा किया और उसी स्वैग में बुलेट घुमा कर निकल गया
कैम्पस से बाहर आते ही उसने मेरा कंधा थपथपा
: क्या हुआ ( हस कर मैने कहा )
: ये सब क्या था ? ( उसकी आंखों में खुशी थी )
: वो लड़कियां तुम्हारा मजाक बना रही थी कि तुम्हारा कोई दोस्त नहीं है , मेरे दोस्त को कोई ऐसा कहेगा तो क्या होगा ( हवा में तेज आवाज में बोलता हुआ मै हंसा और वो खिलखिलाई और मेरे बाजुओं के नीचे से हाथ डाल कर मुझे पकड़ , सच में वो मुझे अपना bf समझती हो
: कहा चले ( बाई रियर मिरर में देख कर मैने उसे बोला )
: जहां तुम चाहो ( मेरी पीठ पर सर रखे हुए वो बोली )
मैं आगे बढ़ कर कुछ दूर जाने के बाद एक जगह देखी जो नए साल की चहल पहल से दूर थी , एक म्यूजियम
पार्किंग में गाड़ी पार्क कर हमने टिकट ली और अंदर चले गए ।
शांति थी वहा और हम दोनो वही एक जगह देख कर जहां थोड़ी धूप आती हो बैठ गए
कुछ देर की चुप्पी के बाद
: सच में तुम्हारा कोई दोस्त था ही नहीं ?
: नहीं , बस यही दोनों सहेलियां थी लेकिन ये भी कमिनी निकली , और तुम्हारा ( उसने बड़ी उम्मीद से कहा)
मै मुस्कुराने लगा और सामने सड़क के बगल में रखे गमले में खिले हुए फूलों को देख कर , मेरे सुकून को याद किया
: मै उससे एक शादी में मिला था , पहली नजर का प्यार कह लो । वो बहुत प्यारी है और सच कहूं तो मुझे समझती भी है और पता है ( मैने उसकी ओर देखा उसने अपने आंखों से आंसू छिपाने की कोशिश की और जबरन होठों पर मुस्कुराहट लाई )
: हमम्म कहो
मुझे उसका दर्द महसूस हुआ लेकिन मेरे समझ से शायद यही तरीका था कि वो मुझसे दूरी बनाए
: वो दूर से ही मेरी धड़कने सुन लेती है और फिर उन्हें कंट्रोल भी कर देती जब कभी मै परेशान होता हूं
: वाव, तुम बहुत लकी हो रोहन । एक वादा करोगे ? ( डबडबाई आंखों से उसने मुझे देखा )
: भले ही उससे कुछ गलती हो जाए तुम उसका साथ कभी मत छोड़ना
मेरी आँखें भी नम कर दी उसने और मै हस कर : ये भी कोई कहने की बात है
: तुम बहुत अच्छे लड़के हो रोहन , कोई भी लड़की तुम्हे पसंद कर लेगी लेकिन वो लड़की बहुत ही खास होगी जिसे तुमने पसंद किया है ( उसके रोते दिल का दर्द मै समझ रहा था और बेबसी से मुस्कुरा रहा था )
: पता है , उस पहली मुलाकात के बाद हम दुबारा नहीं मिले है आज एक महीना होने हो गए है
: ओह्ह्ह हाहाहा , आज वो रूठ भी गई थी कि उसे अकेले नया साल मनाना पड़ेगा । लेकिन पता है मुझे क्या महसूस होता है उसके करीब होने पर
: क्या ? ( बड़े गौर से वो मुझे सुन रही थी )
: यही कि उसमें कुछ बहुत गहरा सा अंदर छुपा है आकर्षण सा है , लोग खुद उसकी ओर खींचे आ जाते है
: हम्मम , ये तो बहुत अच्छी बात है ( उसने ताज्जुब होकर जवाब दिया )
: हा लेकिन कुछ डर सा लगता है
: कैसा डर ?
: कि दुनिया में और भी दूसरे होंगे जो उसकी ओर खींचे आयेंगे , मै उन्हें कैसे रोक पाऊंगा
: उसकी तुम फिक्र मत करो, लड़कियों को उनके सही गलत की पहचान हो जाती है ।
मै प्रिया की बातों को गहरे से समझने लगा और थोड़ी देर की चुप्पी के बाद
: चलो घर चलते है ( वो बोली )
एक गहरी सांस लेते हुए मैने अपने पैर टाइट किए
: हा चलो लेकिन एक बात याद रखना ( खड़े होकर )
: क्या ?
: अब ये मत कहना कि तुम्हारा कोई दोस्त नहीं है ।
वो शर्मा कर मुस्कुराने लगी
: और सॉरी ?
वो समझ गई थी कि मैने सॉरी क्यों कहा और उसने फीकी मुस्कुराहट से मुझे देखा और हौले से बोली : कोई बात नहीं , मै खुश हूं तुम्हारे लिए सच्ची ।
मै मुस्कुरा दिया और मै बाइक पर बैठ कर उसको लेकर चल दिया
: एक राउंड और चले कैम्पस हाहाहा( मै खिलखिला कर बोला )
: नहीं पागल घर चलो ( वो खुश थी )
मै गाड़ी लेकर रूम के लिए निकल गया ।
शाम हुई और अभी तक मेरी पढ़ाई चल रही थी और उसका फोन आया
फोन पर
: हाय जान
: हाय मेरी जान ( मैने खुश होकर )
: क्या कर रहें हो ( उसने कुछ हांफते हुए कहा )
: बस वही कल के टेस्ट की तैयारी में हूं
: अच्छा , पता है बाबू आज बहुत थक गई है । डांस करके पैर दर्द हो रहा है
: ओहो डांस , वैसे क्या क्या मस्ती हुई उम्मम
फिर तो जैसे उसमें कितना ऊर्जा आ गई
: अरे बाबू , पता है कालेज में इतना मजा आया हीही हम लोग खूब डांस किए और फिर सेलिब्रेशन हुआ , कोई गाना गा रहा था कोई कॉमेडी हाहाहा उसकी बातों से साफ था कि उसने कितना इंजॉय किया
: फिर पता है
: हम्ममम बताओ
: उसके बाद मै , मेरी सहेली रेखा और उसका बॉयफ्रेंड सूरज , सुमन और उसका बॉयफ्रेंड अरविंद और विशाल आया था , फिर हम लोग न विशाल के घर गए ।
: और विशाल की gf ? ( मैने कैजुअली अपने नोटबुक देखते हुए पूछा )
: अरे उसकी gf उसके भइया की सगी साली है हिहिहीही वो अपने घर है
: ओह अच्छा ,
: हा पता है एक बात बताऊं? ( खनक भरी हंसी से वो बोली )
: हा बोलो न ( उसकी खिलखिलाहट ने तो आने वाले कल की चिंता की दूर कर दी , अंदर से इतनी खुशी हो रही थी )
: अच्छा एक चीजी पूंछू हीही
: हा पूछो ( मुस्कुराते होठों से मै बोला )
कुछ देर चुप हो कर
: ये सेक्स क्या होता है ?
: क्या ??
: अरे बाबा सेक्स एस ई एक्स ... सेक्स
: अ वो ( थोड़ा उलझन भरे लहजे में ) क्यों पूछ रही हो ( एक अनजानी सी उमंग उठी मन में और चेहरे पर मुस्कुराहट )
: ओफ्फो बताओ न बाबा , अच्छा सुनो
: हा कहो ( उसकी चंचलता और कुछ नया जान लेने की चुलबुलाहट से पैदा हुई खिलखिलाहट से मै खुश हो रहा है , कितना हल्का सा महसूस हो रहा था मानो आस पास तिलतिलिया उड़ रही हो )
: पता है हीहीही, मेरा दोस्त है न विशाल हीही ... उसने बताया कि वो सेक्स कर चुका है हाहाहाहाहा
एकदम से मेरे चेहरे की रौनक उड़ गई , मन में उदासी सी छा गई , एक डर एक तीव्र पोजेसिव नेस की भावना और कुछ जो मेरे लिए बहुत कीमती है वो खोने का डर और धड़कने तेज हो गई ।
: हैलो ... सुन रहे हो , हैलो
: अह हा बोलो न
: आपने कुछ सुना नहीं न ( वो थोड़ा नाराज सी हुई )
: अरे नहीं बाबू , सुना मैने बोलो आप
: आपको पता है हीहीही ( फिर वो अपने रंग में आ गई ) आज विशाल ने अपने दोस्त सूरज और रेखा को रूम दिया था वो सब करने के लिए। रेखा के साथ सुमन भी थी तो सुमन और अरविंद एक रूम में , रेखा और सूरज अलग रूम में थे हाहाहाहा
: और आप ?
: मै ? मै और विशाल हम लोग छत पर बातें कर रहे थे तो उसने बताया कि वो भी कर चुका है
: ओह्ह्ह , ठीक है कौन सा बड़ी बात है , gf bf तो करते ही है ।
: क्या ? इसका मतलब आप भी करोगे मेरे साथ , शादी से पहले ही
एकदम से उसने गियर बदला और बिना कोई गलती के तलवार मेरी गर्दन पर
: अरे नहीं बाबू , अच्छा मान लो मैने कहा करने को तो आप मान जाओगे क्या ?
: धत्त नहीं , मै तो शादी के बाद भी नहीं करुंगी और अगर बच्चे हो गए तो सबको पता भी चल जाएगा कि हमने सेक्स किया था छीईईई मम्मीइ, फिर मै मम्मी के सामने कैसे आऊंगी नहीं बाबा नहीं
उसकी बचकानी बातों से हंसी आई
: अरे लेकिन शादी के बाद तो सब करते है न ?
: नहीं मै नहीं करुंगी , अगर मंजूर हो आपको तभी मुझसे शादी करना
: ठीक है बाबा नहीं करूंगा ,
: हीहीही आप कितने प्यारे हो , मेरी सब बाते ऐसे ही माना करो
: जी रानी साहिबा , और कोई हुक्म
: हा रानी साहिबा को उनके बाबू का प्यार चाहिए दोनों चिक्स पर उम्मम कम से कम 50 50 चुम्मी और फॉरहेड पर भी खूब सारा
: और लिप्सी पर ?
: हा वहा भी , हीहीहीहि ( वो थोड़ा शर्मा कर बोली )
फिर मैने चुम्मीयो की बारिश कर दी फोन पर ही और वो खिलखिलाती रही ।।
जारी रहेगी
पढ़ कर अपना विचार साझा करें
ताकि रेगुलर अपडेट दिया जा सके
Dhanywaadexcellent updates........both ...................![]()