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UPDATE 004


कभी कभी समझ नहीं आता है कि कुछ अनचाहे लोग कब और कैसे आपके जीवन में आ जाते है और आपको भनक तक नहीं होती ।
बीते वक्त में उनकी की गई अनजानी सी मदद का बोझ लिए आप ढोते चले जाते है और वक्त के साथ वो बोझ बात चीत और मुलाकातों से बंधनों के रूप में आ जाता है । एक लंबे समय तक जब आप किसी के साथ शराफत का ढोंग करते हुए चले आओ तो एक समय बाद सामने वाली की कुछ अजीब बदतमीजियों को भी सहने के आप आदि हो जाते हो । चूंकि बीते वक्त में उसके किए हुए उपकार का कर्ज आपने उतारा नहीं होता है और वक्त के साथ उनसे कुछ रिश्ता सा बन जाए तो आपके लिए बड़ा ही मुश्किल हो जाता है कि आप उनसे कुछ असहज बाते कह कर पीछा छुड़ा लें ।

कुछ ऐसा ही एक उपकार से शुरू हुआ रिश्ता था मेरा और प्रिया का

साल 2018 बारिश का मौसम और मै अपने अरमान सजाए हुए तैयारी के लिए स्टेशन से पहली बार उतरा था प्रयागराज ।
एक ई-रिक्शा बुक करके गली गली सस्ता और आरामदायक जगह देखने के लिए शाम हो गई । कही भी सिंगल लड़के के लिए कमरे उपलब्ध नहीं मिले , रहे होंगे लेकिन चीजें मेरी पहुंच से तब दूर थी और मैने रिक्शे वाले को उसका 500 भाड़ा देकर वापस स्टेशन छोड़ने को बोल दिया था
रात के 08 बजे थे लगभग और बारिश से सड़के सुनसान थी , ना रास्ते का पता था न मंजिल की ओर वही एक सड़क किनारे एक लड़की दिखी भीगने से बचने की कोशिश करती हुई और वो आवाज दे रही थी हमें ही मतलब रिक्शे वाले को
: भैया अगर कहो तो वो दीदी को बिठा लूं , रात है सवारी नहीं मिलेगी
मै सुबह का थका था और मूड कुछ खास ठीक भी नहीं था । अपना ठिकाना न सही किसी को उसकी मंजिल मिल जाए
मैने हुंकारी भर दी और वो ई-रिक्शे को लेकर वहां पहुंचा
वहा एक नहीं दो थे
झट से वो अंदर आ गई अपने छोटे से भाई को लेकर
: ओह सॉरी रिजर्व है क्या ( वो पूछी )
: कोई बात नहीं बैठ जाओ , ये छोड़ देंगे
: थैंक्यू ( भीगी हुई लगभग वो बोली एक तसल्ली भरी मुस्कान के साथ )
मैने ध्यान नहीं दिया
: भइया तेलियरगंज छोड़ देंगे
वो ई-रिक्शे वाले से बोली । जगह का नाम सुना सुना सा था , लेकिन मन अब भारी हो चला था चीजें उतनी ध्यान में नहीं रह रही थी । भूख भी लगी थी और बारिश से थोड़ा बहुत मै भी भीग गया था ।

: दीदी , ये भइया कहा जा रहे है
उस छोटे से बच्चे की मासूमियत पर मै बहुत ही फीकी मुस्कुराहट से उसे देखा और वो थोड़ी असहज दिखी ।
: बाबू ये अपने घर जा रहे है , न ? ( उसने मुझे देख कर सवाल पूछा जैसे )
मै बोलता उससे पहले ई-रिक्शे वाला लड़का बोल दिया : नहीं दीदी , भैया तो आज सुबह ही इलाहाबाद आए है और किसी को जानते भी नहीं , सुबह से मै इनको कई जगह घुमा चुका हु ,कोई अकेले लड़के को रूम नहीं दे रहा है । बहुत परेशान है , अभी तो ये आपके मुहल्ले से निकल कर ही आए है

वो बड़े ध्यान से सुन रही और मै बजाय से देखने के अपनी नाकामी से झुकी नजरे फेर कर बाहर देख रहा था । वो चुप थी

: बस ये वाली गली में चलिए थोड़ा और आगे ( वो घूम कर ई रिक्शे वाले को घर का जगह बता रही थी )

: बस बस यही वाला है , रोक दीजिए

उसने पैसे दिए और अपने छोटे भाई को लेकर उतर गई
: बाय बाय भैया ( उस मासूम ने हाथ उठा कर मुझे ग्रिट किया और मैने एक फीकी सी मुस्कुराहट से उसे देखा , पल भर को नजरे उससे मिली और मन उदास हो गया )
ई रिक्शे वाले ने गाड़ी घुमाई और हम 10 मीटर आगे आए ही थे कि उसने पीछे से आवाज दी ।

और भागती हुई आई
: सुनो , मेरे यहां एक रूम है लेकिन उसमें किचन नहीं है और बाथरूम भी कामन है । चाहो तो देख लो

चाहिए क्या था ? डूबते को तिनके का सहारा


" हाय रोहन "

: अरे प्रिया, हाय ( मुस्कुरा कर मैने देखा उसे )
काफी एक्साइटेड दिख रही थी
मैने उसे खुश देख उसकी वाइब में घुलता हुआ मुस्कुरा कर : क्या हुआ ?
: तुमने कुछ नोटिस नहीं किया ?
: क्या ? ( अचरज से मैने कहा )
: मेरी ड्रेस हीहीही , कैसी है ?


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: ओह्ह्ह ,ये , वाव, अच्छी लग रही है
: थैंक्यू हीही ( इस तरह का उसका यू चहकना मेरे आगे आम सा था )
कोई नए कपड़े हो जो वो पहनती , कुछ स्पेशल जो वो बनाती मेरे पास जरूर परोसा जाता था ।
मैने मेरी तरफ से कभी भी अपना रिश्ता नहीं बनाया, मै बस एक शरीफ किरायेदार की तरह था दो साल से लेकिन उसके लिए मै बहुत खास था ।
शायद एक कैजुअल फ्रेंड से भी बढ़ कर , उसके पापा आर्मी में थे । चूंकि घर पर वो उसकी मां और उसका छोटा भाई था इसीलिए वो किराए पर कमरे नहीं देते थे । लेकिन नियति थी मेरी की बीते 2 साल से इस घर में मै ही अकेला किराएदार था ।
प्रिया की मां ने कभी भी मुझे या हम दोनो की कैजुअली मीटअप को शक के नजर से नहीं देखा । लेकिन एक वक्त के बाद मै बोर होने लगा था ।
उसका दखल मेरे निजी कमरे के साथ साथ मेरे निजी जीवन में भी ।

कई बार मन हुआ कमरा बदल लूं लेकिन कोचिंग में दूसरे लड़कों से उनके मकान मालिकों की मन मानियां और समय से आने जाने के पाबंदियां उनके बनाए रुल को सोच कर मन बदल जाता है
फिर परीक्षाये भी आने वाली थी ।

: मै मदद करूं
: अह नहीं हो जायेगा
: अच्छा ठीक है , काम कर लो और मम्मी ने कहा है कि रात को खाना मत बनाना
जान रहा था झूठ बोल रही है , लेकिन क्या कर सकता था , सामने वाले से बस प्यार ही मिल रहा था फिर मै खुद को एक बंधन में पा रहा था ।
वो चली गई
मैने अपना कमरा साफ किया और थक कर चौकी पर लगे बिस्तर पर फैल गया

और मोबाइल निकाल कर चेक किया तो मेरी सुकून का मैसेज आया था
मैडम कोचिंग से घर आ गई थी और डिनर की तैयारी में थी ।
मैने भी रूम पर आने का मैसेज डाल दिया और फ्रेश होकर निकल गया बाजार के लिए

इलाहाबाद की शाम हर मौसम में सुहानी और जगमग होती है , बात जब सर्दियों की आए तो क्या कहना।
आम तौर पर यहां खाना पीना बहुत सस्ता था
मैने भी सब्जियां पैक करवाई और निकल गया टहलते हुए रूम पर ।

जीने से ऊपर जा रहा था कि एक फुसफुसाहट मेरे कान में आई और प्रिया का छोटा भाई आ गया बुलाने
: भइया आओ चाय पी लो
समझ गया उसी ने कहलवाया है
मै मुस्कुरा कर उसके साथ आ गया अंदर
हाल में उसकी मां बैठी थी , और किचन से मसाले की खुशबू आ रही थी
: नमस्ते आंटी
: नमस्ते बेटा , बैठो , और बताओ घर पर सब ठीक है
हमारा हाल चाल हो रहा था और वो चाय लेकर आई और अपनी मम्मी के पास खड़ी हो गई
जैसे मै कोई मेहमान हूं उनके यहां

एकदम से उसकी नजर मेरी सब्जियों की थैली पर गई उसने घूर कर मुझे देखा
ओह यहां मै आपको बताना भूल गया , हमारे इलाहाबाद में एक बड़ी ही गजब की बात है यहां लोग रोज सब्जियां खरीदने जाते है , मतलब आज रात क्या बनेगी सिर्फ उसी की खरीदारी होती थी।

चूंकि मै काफी दिनों से नहीं था तो कुछ मुख्य सब्जियां प्याज लहसुन के साथ अगले दिन के लिए भी सब्जी ले लिया था लेकिन उसको लगा कि मै खाना नहीं खाऊंगा उसके यहां।

तभी मेरा मोबाइल बजने लगा

मेरी नजर घड़ी की सुई पर गई
8 बजने में 5 मिनट कम थे , मतलब मैडम के काल का ड्यू टाइम आने ही वाला था लेकिन पहले ही आगया

मैने झट से चाय खत्म की और आखिरी रिंग से पहले काल उठा दिया फिर सब्जी उठा कर : आंटी खाना हो जाए तो बता दीजिएगा , मुझे एक बहुत जरूरी लेक्चर अटेंड करना है ।

मै वहा से निकल गया और जीने पर आते ही फोन कान पर लगा कर

: हाय
: ओहो , तो आज लेक्चर अटेंड होगा उम्मम ( उसने मजे लिए)
: क्या यार आप भी , और बताओ कैसे हो ( मै मुस्कुरा कर बोला )
: बिलकुल अच्छी नहीं हूं, क्यों चले इतना दूर ( वो रोने का ड्रामा करती हुई बोली ) पता है मेरी सहेली बोल रही थी कि आपके दोस्त के घर परसो चौथ लेकर चलने के लिए, सोचा आपसे मिल लूंगी । आप क्यों चले गए ऊहू मम्मीईई
: क्या सच में आने वाले थे ?
: अब नहीं जाऊंगी , हा नहीं तो , कितना रोना आ रहा है मुझे । मुझे आपको देखना है आपको तो मेरी याद भी नहीं आती वीडियो काल भी नहीं करते , सब मुझे कहना पड़ेगा तब समझोगे क्या

उफ्फ दो दिनों में ही शिकायतों की लंबी लिस्ट लेकर बैठ गई मेरी शेरनी और मुझे हंसी आई
मैने अपना नेकबैंड कनेक्ट किया और उसको वीडियो काल

: अरे रो रहे हो
: तो क्या नाचूं , उतना दूर चले गए अगर मुझे आपकी धड़कन फील नहीं हुई तो ?

हंसी आई मुझे उसकी बच्चों जैसे बातों पर
: दूर कहा , यूं कहो और भी पास आ गया ( मै बिस्तर पर लेटकर मोबाइल अपने आगे रखता हुआ )
: वो कैसे ?
: यहां किसी से छिपना थोड़ी है , जब चाहूं तब आपसे बातें कर सकता हूं , जितना चाहूं उतना
: पूरी रात भी ( उसने पूछा )
: हा पूरी रात ( मैने हौले से कहा और वो शर्मा गई )
फिर हम एक दूसरे को देखने लगे मोबाइल स्क्रीन पर
मैने उसे अपने पास आने को कहा वो थोड़ा शर्माई और मुस्कुरा कर ना में सर हिलाया और कम्बल से मुंह छिपाने लगी


meow-meow
: बक्क आओ न
: नहीं ऐसे नहीं , वॉइस कॉल पर आओ
: अरे मै तो मेरे सुकून का प्यारा सा चेहरा देखूंगा बस
: पक्का न ( उसने वार्निंग दी )
उसने मोबाइल तकिए से टेक लगा कर खड़ा कर दिया और पेट के बल उसके सामने लेट कर अपने दोनों हाथ आगे करके ऊपर अपना चेहरा टिका कर उसे देखने लगी


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: मत देखो न ऐसे
: क्यों ( मैंने उसे देखते हुए कहा )
: मुझे शर्म आ रही है ( वो मुंह पर हाथ रख कर बोली और मुस्कुराने लगी )
मैने कोई जवाब नहीं दिया बस उसे देखता रहा और वो भी शांत सी हो गई
हम फिर से खोने लगे एक दूसरे में और मै झट से लपक कर अपने मोबाइल स्क्रीन पर उसके लिप्स को चूम लिया



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: अह धत्त गंदे हो आप ( वो मुंह पर हाथ रखते हुए घूम कर लेट गई )
मै खिलखिला कर हसने लगा
: आई लव यू ( मैने बोला और वो शांत हो गई और उसने मुझे देखा )
मैने भौहें उचका कर उसे इशारा किया और वो फिर शर्माई
: बोलो न , बक्क
: क्या ( वो मुंह पर हाथ रख शर्मा मुस्कुरा रही थी )
: वही
: क्या
: आई लव यू बोलो
: नहीं बोलूंगी , जबरजस्ती है क्या
: हा ( मैने भी हक जताया )
: आऊंगा न तो...
: आजाओ हीही ( उसने वापस चिढ़ाया)
: किस्सी दोगी न , आऊंगा तब
: हम्ममम आजाओ ( आंखों से उसने मुझे बुलाया )
: पक्का न
वो असहज हो गई और न में सर हिलाया
: इतना भी क्या डरना किसी से ( खिलखिला कर मैने उसके मजे लिए)
: अब तो पक्का कुछ नहीं दूंगी , रखो आप, हा नहीं तो , बाय
उसने चिढ़ कर फोन काट दिए और मै हंसने लगा

और मुझे एक प्यारे से गाने के बोल याद आ गए
मैने हस्ते हुए उसके व्हाट्सअप पर मैसेज टाइप करके भेज दिया


ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे

दे दूंगा जान , जुदा मत होना रे
मैं तुझे जरा देर में जाना

हुआ कुसूर खफा मत होना रे

: o meri sona maan jaao na
अगले पल उसका रिप्लाई आया
: pagalu , mummy ne bulaya hai abhi bat krati hu 😘

मैं खुश हो गया और थोड़ा अपनी पढ़ाई का देखने लगा , थोड़ी देर में प्रिया का भाई ऊपर आया खाने पर बुलाने के लिए मैने मेरी जान को एक मैसेज डाल कर मोबाइल चार्ज लगा कर नीचे चला गया खाना खाने

जैसा कि मैने बताया कि वो अक्सर खास खाने मेरे लिए सीखती और बनाती थी तो आज का खाना भी अच्छा था
चुकीं आज मेरा मन खुश था मेरे सुकून से बात करके तो मस्ती सूझ रही थी और मैने बजाय प्रिया के उसकी मम्मी की तारीफ की

: सच में आंटी, आपके हाथ की इतनी अच्छी सेवई है न
: और चाहिए तो ले लो बेटा ( वो हस बोली )
: नहीं आंटी , पेट भर गया और थैंक्यू सच आज थक सा गया था और शायद खाना बनाता भी नहीं

मैने देखा वही किचन में किसी को अपने लिए फैसले पर इतराते हुए और मै उठ कर हाथ धुलने के लिए किचन में चला गया
: चाहो तो एक थैंक्यू मुझे भी बोल सकते हो , सब्जी मैने ही बनाई थी ( तुनक कर वो बोली , हाथ बांध कर मेरे पीछे खड़ी हुई )
मुझे हसी आई कुल्ले करते हुए लेकिन मैने अपनी भावनाएं छिपाई
: सीई तभी सोचूं किसने बदला लेने के लिए मिर्ची ज्यादा डाली थी, फ़ूऊऊऊ अह्ह्ह्ह ( जीभ निकाल कर मैने नाटक किया तो वो मेरा गला पकड़ने दौड़ी)
मै बचने की कोशिश करता हुआ खिलखिलाया और वो भी मुस्कुराते हुए : तुम न , मम्मी है नहीं तो बताती अच्छे से

मै मुस्कुरा कर अपना कालर सही करता है उसको चिढ़ाता हुआ जानबूझ कर जीभ से सिसकारे लेते हुए निकल गया और वो चिढ़ कर रह गई ।

थोड़ी देर बाद ऊपर आया तो देखा 4 मिसकॉल आए थे
मैने अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और काल बैक करते हुए बिस्तर में

: ओहो कोई मुझे मिस यू बैडली भी लिख सकता था इतना फोन करने के बजाय ( मैने उसे छेड़ा )
: हूह , किसने बोला मिस कर रही थी ( वो तुनकी )
: बस फ़ील हुआ खाते समय हिचकी आ रही थी ( अभी भी मै नीचे वाले फ्लोर के फ्लो में ही था )
: हूह , पता नहीं लोगो को क्या क्या भ्रम हो रहे है ( भिगो के दिया उसने मुझे और मेरी मस्ती फुर्र )
: हम्म्म लेकिन मै तो मेरी सोना को मिस कर रहा था
: अच्छा सच में
: हम्म्म, वो तो मेरी सांसों में बस गई
: ओहो
: हा , और पता है वो न
: हम्म्म ( उसने जताया कि वो गौर से सुन रही है )
: वो न मेरी जान है , मेरा सुकून है
: पागल , आई लव यू
: लव यू मेरी सोना
उसकी कुनमुनाहट भरी हंसी आई और एक फ्लैश नोटिफिकेशन पॉप अप हुआ स्क्रीन पर , उसने वीडियो काल की रिक्वेस्ट दी थी

मैने पिक की और फिर हम एक दूसरे को देखने लगे
मैने मोबाइल को दिवाल से लगा दिया और करवट लेकर कम्बल में से उसे देखने लगा

वो मुझे मुस्कुरा रही थी और मै उसे
कितना कुछ अनकहा सा प्यार था उसकी आंखों में जो वो कह नहीं पा रही थी
: बोल दो न
: क्या ( उसने मुस्कुरा कर पूछा)
: वही जो आंखों में लिए बैठे हो
: कैसे समझ जाते हो आप ( वो थोड़ा शर्माई )
: जान हो आप मेरी ( मैं प्यार से कहा और उसने मोबाइल पकड़ कर अपना स्क्रीन चूम लिया).
आंखे बंद कर मैं उस पल को महसूस किया और फिर से सामने थी
: सो जाओ ( सुकून भरी मुस्कुराहट से वो बोली )
: नहीं ऐसे रहो न ( मैने कहा और वो मान गई )
फिर मैने एक फ्लाइंग किस भेजी होठों से और वो मुस्कुरा कर वैसे ही लेटी रही फोन के आगे
और देखते ही देखते उसने आंखे बंद कर ली


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इस पल को तो कायनात से चुरा लू इतनी मासूम लग रही थी मेरी जान , प्यारी सी गुड़िया मेरी मेरी लाडो मेरा सोना मेरा सुकून


जारी रहेगी



कृपया पढ़ कर अपने विचार जरूर साझा करें ताकि मै विचार कर सकू कि मेरी मेहनत सफल है भी या नहीं । वरना दूसरी सफल कहानियों को भी वक्त दिया जाए
Kafi behtareen update h 👍
 
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Iron Man

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sunoanuj

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बहुत ही सुन्दर शुरुआत है कहानी की ! नयी कहानी के लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ !
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Kya bhai daily update ka bola tha
Kahi busy ho kya ?
Update to 10+ likh kar rakha hun

Lekin itna low response
Itna bekar likh raha hun kya 😑
 

sunoanuj

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UPDATE 003


सीने में हलचल है
धड़कन भी पागल है
हँसता है रोता है
दिल में कुछ होता है
ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव

ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव

टीवी पर गाना चल रहा था और मै भी गुनगुना रहा था और जैसे गाने की धुन अगले लिरिक्स पर आई मै चिल्लाने लगा
आई एम इन लव

आई एम इन लव
आई एम इन लव

आई एम इन लव

तभी एकदम से महसूस हुआ कि सब कुछ शांत शांत हो गया है , आंखे खोली तो चूतड़ के चार भाग गए
सामने देखा तो पापा , वो बाजार से आए थे ।
दांत तले जीभ दबाए मै दुबक लिया और किचन में मम्मी रोटियां बेल रही थी और मुझे देख कर बिना आवाज के खिलखिलाई और हंस कर मुझे देखा ।
मै मुस्कुराता हुआ उनकी ओर चला गया और किचन स्लैब पर उनके पास ही बैठ गया चूल्हे के बगल में

: क्या मम्मी , आप तो अपनी दोस्ती भूल जाती हो
: अब मैने क्या किया ?
: बताना चाहिए न मुखिया जी आ गए है
मम्मी मेरी बात पर फिर से अपनी हंसी दबाने की कोशिश करती हुई खिलखिलाई : धत्त पागल , मार खाएगा अभी तू , ऐसे बोलते है ।
: अच्छा सुनो न ( मैने झट से बात बदल दी )
: हा बोल ( वो रोटियां सेकती हू मुस्कुरा कर )
: इतनी साल से इस सादे टीवी के साथ हो ( अम्मी ने मुझे सीरियस होकर घूरा) मतलब इतने साल हो गए आपकी शादी को और आप पापा को थोड़ा तो रोमांटिक बना देते
मम्मी फिर से हंसने लगी लेकिन कुछ बोली नहीं
: क्या हुआ बोलो न
: अरे वो भी है लेकिन चोरी छिपे करते है हाहाहाहा , अब बेटे से तो लिहाज करना पड़ेगा न
: हम्ममम मै सोच रहा हूं कि मेरा बेटा जब होगा तो मै उससे भी दोस्ती वाला रिश्ता रखूंगा
: अच्छा !!! ( मम्मी ताज्जुब करते हुए )
: हा नहीं तो जवानी पापा के चक्कर में और बुढ़ापा बेटे के चक्कर में सादे टीवी के जैसे कटेगी
: धत्त बदमाश , हट वहा से अब

मै कूद कर नीचे उतर गया और उनके बगल में उनको बर्तन खंगालते देखने लगा
: ओहो पापा को तो आपकी बिल्कुल भी फिकर नहीं है मम्मी
: अच्छा वो क्यों ?
: आखिरी बार आप पार्लर कब गई थी , ये देखो हाथ आपके कैसे रखे से हो गए है ।
: हट छोड़ न , काम करने दे भाई मुझे
: और ये फेस देखो ( मम्मी के गाल छू कर ) सर्दियां आ गई है कितना रुखा रुखा सा है ... अरे आइब्रो भी मोटे हो गए है
मम्मी हंसे जा रही थी
: अगले हफ्ते आपको बुआ के यहां जाना है तो आप मस्त एक VLCC मसाज कराओ , मेनिक्योर पेडीक्योर कराओ और बाल न इस बार स्ट्रेट करवाना ,मस्त दिखोगे
: इतना तैयार हो गई तो जा चुकी मै ( मम्मी हल्की सी बुदबुदाई और मै समझ गया )
: क्या ?
: पैसे कौन देगा ( मम्मी हस कर बोली )
: मेरा बाप ( मै खिलखिलाया )
: पता है इनसब के वो 6 से 7 हजार लेगी , वो पार्लर वाली ।
: गुल्लक फोड़ दो
: क्या ? ( मम्मी चौकी )
: गुल्लक ... ( आंखे थोड़ी बंद कर गर्दन हिलाया ) फोड़ दो ( फिर मुस्कराने लगा )
: सच में फोड़ दु , गुल्लक वो भी तेरा ( मम्मी को यकीन नहीं हो रहा था ) पक्का ??
: हा आपके लिए कुछ भी
मम्मी ब्लश करने लगी और बिना कुछ बोले काम करने लगी ।
मै भी धीरे से वहां से सरक कर सोफे पर बैठ गया और एक कान में ब्ल्यूटूथ नेकबैंड लगा कर मोबाइल चलाने लगा । कुछ ही देर में पापा भी कमरे से बाहर आ गए और न्यूज चैनल लगा दिया ।

मेरे मन भी अभी वो "आई एम इन लव" वाला गाना चल रहा था और तभी मेरी नजर टीवी स्क्रीन पर गई
07:57 बज गए

एकदम से मेरी बेचैनी बढ़ने लगी और इधर मम्मी खाना तैयार कर चुकी थी । सर्दियों में जल्दी खाना बन ही जाता था। जिसका डर था वही हुआ

ठीक 08 बजकर 01 मिनट पर
एक मैसेज का नोटिफिकेशन पॉप अप हुआ

SUKOON💞 🧿 : Call me

मै उठ कर बाहर जाने की सोच रहा था कि मम्मी बोल पड़ी : रोहन , हाथ धूल लो बेटा खाना परोस दी हूं ।
मेरी हालत खराब होने लगी और मै कुछ रिप्लाई करता या कुछ रिस्पांस देता उससे पहले जेब में मोबाइल घरघराने लगा , मैं झट से नेकबैंड से काल पिक कर दिया

"हाय हीही " ( कितनी खनक थी उसकी बातों में लेकिन असल के मेरी फटी हुई थी )
फिर मै सीधे किचन में और रोटियां आधी कर दी
: अरे क्यों खायेगा नहीं ( मम्मी चौक कर )
: नहीं मम्मी , भूख नहीं है ( अजीबा मुंह बना कर )

" ओहो लग रहा है किसी को भूख नहीं लग रही है , दिल भी बेचैन होगा उम्मम हाहाहाहा " , उसकी खिलखिलाती चुलबुली सी बातें मेरे कानो में ब्लूटूथ के जरिए जा रही थी और मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट थी ।

वही मम्मी मुझे देख कर हैरान थी और थोड़ी नाराज भी
: अच्छा सॉरी न ,खा लेता हु सब ( मम्मी के पास जाकर उनसे लिपटता हुआ )
: हट छोड़ मुझे, चिपकू कही का
मम्मी गुस्से से मुस्कुराती हुई पापा की थाली लेकर निकल गई
"ओह हाय चिपकू हीही ", उसकी आवाज एक बार फिर मेरे कान में आई ।
" यार आप भी न , अच्छा क्या कर रहे हो " , मै थोड़ा शर्माया और हल्के से बुदबुदाया।
" मै ? मै तो मेरे चिपकू से बात कर रही हूं " , वो बोली अपने वही शरारत भरे लहजे में ।
अगल ही तरह वाइब महसूस हो रही थी उसकी बातों से , इतना खुशदिल कभी महसूस नहीं हुआ । लग ही नहीं रहा था कि हमें मिले 24 घंटे भी नहीं हुए थे
" कैसे कर लेती हो ये "

" क्या ? "
" किसी को ये अहसास दिलाना कि वो तुम्हारे बिना रह ही न पाए "
" हाय मम्मी , धत्त इतना रोमांटिक सीईईई उफ्फ मुझे तो ठंडी में भी गर्मी लग रही है अह्ह्ह्ह फ़ूऊऊऊ "
, फिर उसने अपनी अदा से मुझे छेड़ा और मै खुद से शर्म से गुलाबी होने लगा ।
" सच कहो न , कैसे कर लेते हो " , मैने सीरियस होकर पूछा ।
वो चुप सी हो गई लेकिन कुछ था जो उसके पास से आ रहा था फोन पर ही सही लेकिन मेरे दिल के पास एक अनजाना सा स्पर्श उसके साथ होने का ।
" पता है जब आपने मुझे स्टेज पर पकड़ा तो मैं तो ... " , बोलते हुए रुक गया मै
" इतना भी क्या डरना किसी से " , वो शांत होकर बोली जैसे वो खुद की धड़कने काबू कर रही हो ।

" हैलो , मिस्टर चिपकू , हैलो "

: तू यहां क्यों खा रहा है , चल बाहर
: नहीं मै .... ( मुंह के एक बड़ा सा आखिरी निवाला डाल हुआ ) खआआ चुका हूं
: अरे जाना है तुझे , इंसानों के जैसे नहीं खा सकता आराम से

मम्मी चिढ़ कर बोली और उधर उसकी हंसी मेरे कानो में खनकी
मै जल्दी जल्दी खा कर पानी पिया और निकल गया थोड़ा बाहर

"ऊहू , हा अब बोलो "

" बाहर आए हो न हाहाहा "
" नहीं तो " , मै थोड़ा ब्लश कर रहा था कि इसने मेरी चोरी कैसे पकड़ी ।
" चलो झूठे "

" जैसे अपने कमरे से बात कर रही हो , बड़ा ! "
" हा तो अपने कमरे में ही हूं , मस्त कम्बल में हिहीही "

"आह्ह्ह्ह पुरुष का जीवन बड़ा कठिन है मित्र " मै सोशल मीडिया पर घूमता हुआ एक वायरल मेमे बुदबुदाया ।
" क्या ? " , शायद वो समझी नहीं
" कुछ नहीं तब और बताओ "

" क्या बताऊं "
" कुछ भी क्या बताऊं "

" कुछ भी " , मै मुस्कुराया
" लेकिन क्या ? "

" वही बोल दो "
" क्या ? "

" जो स्टेज पर नहीं बोल पाई थी "
वो एकदम से फिर से चुप हो गई
" क्या हुआ , इतना भी क्या डरना किसी से " , मै उसके बात को दोहराया और उसकी फुसफुसाहट वाली हंसी मेरे कान में आई
" अच्छा मै बोल दूं "
" हा कहो न "
, बड़े धैर्य से उसने कहा जैसे कितना कुछ सुनना चाहती हो मुझसे ।
" पता है आपको देखते ही मुझे वो हो गया था "

" क्या ? "
" वो .. " , मैने उसे जानबूझ कर तड़पाया
" क्या बोलो न "

मैने जवाब देने के बजाय के वो गाना जो कुछ देर पहले मैने टीवी पर सुनकर कर गुन गुना रहा था उसके शब्दों के बोल को सीटी की आवाज में गुनगुनाया ।
(ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव)


और उसकी हल्की सी शर्माने वाली हंसी की खनक मेरे कानो में आई ।

जागा हूं , सोया हूं

ख्वाबों में खोया हूं
तन्हा सा रहता हूं
खुद से कुछ कहता हूं
" गाओ न आगे , ऐसा लगता है जैसे "

" ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव , आई एम इन लव हीही हाहा" , उसने गाने के बोल पूरे करते हुए खिलखिलाई और मै अंदर से सिहर उठा ।
" सच्ची में " धड़कते दिल के साथ मै बोला ।
" हम्ममम " , शर्मा कर वो कुनमुनाई ।
" क्या हम्ममम , भैंस हो क्या ? "
" तुम भी कौन सा इंसान हो हाहाहाहा "
, मै समझ गया कि वो मम्मी वाली बात पर मजे लेते हुए बोली है ।

: रोहन !!!!! अंदर आ जाता बेटा ( मम्मी ने आवाज दी )

"मत जाओ न , मर जाऊंगी " ( एक हंसी भरी खनक भी आई उसकी मेरे कानो में)
" ठीक है नहीं जाता "

" अरे नहीं पागल हो , जाओ मैसेज करती हूं न "
" नहीं "
" क्यों ? "
" पहले वो बोलो न "

" क्या ? " ,वो शर्मा रही थी
" वही "
मै सिहर उठा और धड़कने तेज होने लगी और जैसे उसने मुझे महसूस सा कर लिया हो
" फिर से हो रहा है क्या वो " , उसने थोड़ा डर कर पूछा
" हम्ममम बहुत तेज "
" मै हूं ना , आंखे बंद करो और देखो मै सामने ही तो हूं "

मैने लंबी लंबी सांसे ली
" डर लगा रहा है " , बेचैन और कांपते है मै बोला
" श्शश्श आई लव यू " , फाइनली उसने बोल दिया फुसफुसा कर
एकदम से मेरे भीतर एक उमंग सी उठी और मै खुश हो गया
" क्या बोली "
" कुछ नहीं , हीही "
, वो खिलखिलाई
" अह्ह्ह्ह देखो फिर से हो रहा है " , मैने मस्ती की
" चलो झूठे , मुझे फील हो जाता है "
" सच में "
मैने हल्का होकर कहा
" हम्म्म, पता नहीं पर हो जाता है " , वो थम सी गई थी ।
मै उसके बारे में सोच रहा था और फिर से मेरी धड़कने बढ़ने लगी
" देखो फिर हो रहा है , मत सोचो न इतना " , वो फिकर से बोली ।
" अच्छा ठीक है , मुझे जाना होगा पापा भी बाहर आए है "

" ठीक है बाय , गुड नाइट "
" बस गुड नाइट ? " , मै हैरत भरे लहजे में कहा ।
" आगे खुद बोल दो "
" लव यू & स्वीट ड्रीम्स "
, मैने बड़े प्यार से कहा ।
" सेम टू यू , हाहा , बॉय " , और उसने फोन काट दिया इससे पहले मै कुछ रिप्लाई करता ।
लेकिन दिल खुश था और मेरी मुस्कान सिकुड़ गई जब एकदम से सामने पापा आ गए

: क्या भाई कुमार शानू हो गया , सोना नहीं है ( पापा ने मुझे मेरे गाना गुनगुनाने के लिए ताना मारा )
: जा रहा हूं पापा ( मै चुप चाप दांत दबाए अंदर जा रहा था )
: प्रयागराज कब जाना है , टिकट हो गई है ? ( उन्होंने पूछा )
: कल दोपहर की ट्रेन है पापा
: ठीक है जाओ , सो जाओ ( वो टूथपिक से अपना दांत साफ करते हुए बोले और टहलते हुए पास के एक ग्रुप में चले गए जो अलाव जला कर सेक ले रहे थे सर्दी में )

मै वापस अपने कमरे में आया और लेट गया फेल कर
चेहरे पर सुकून भरी मुस्कुराहट और मैने मोबाइल निकालकर उसके फोटो को ओपन करके देखने लगा


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प्यारी सी मुस्कुराहट लिए चांद सी महबूबा
फोटो पर किस करके और मोबाइल को अपने दिल के पास रख कर मै सो गया ।



अगली सुबह


मोबाइल पर अलार्म बजा और मै अंगड़ाई लेता हुआ , उबासी खाता हुआ उठ गया
मोबाइल बंद किया तो देखा 07 बजे है लेकिन स्क्रीन पर एक GOOD MORNING के मैसेज का नोटिफिकेशन पड़ा था । सुबह 06.00 बजे के ।

दिन बन गया हो जैसे , मुस्कुरा कर मैने भी मॉर्निंग का रिप्लाई दिया और वो तो जैसे हाथों में मोबाइल लिए बैठी हो

: Kaise ho , Nind aai ? ( उसका रिप्लाई आया )
सोच कर फट गई कही ये रात भर जाग तो नहीं रही थी मेरे लिए
: Achcha nhi hun 🥲
: Kyo ?
: Ladai ho gayi raat me pata hai
: Kya ? Kisse ?
: Mera aur mere dil ka , mujhe Sona tha aur usko apki yaad a rhi thi
: Achcha 😃 phir
: Phir kya , Mujhe bhi sari raat jagaaya aur bola mobile wali foto mere pas rakh
Do , Jb maine aapki foto dil ke pas rakh di to wo soya ..
: 😁 Pagal ho aap dono , 😘
( पहला चुम्बन आया ये उसकी ओर से )
: Bas mujhe hi diya , dil ko bhi chahiye nhi to ladega mujhse 🥺
: Maine usko hi diya h apko kyo du 😆😆
: Bhkkk do n 😚
: Nahi , Jo mujhe yad karega usi ko milega 😁
: Mujhe bhi to aa rahi hai yaad 😚
: 😘 ( फिर आया उसका एक चुम्बन)
: 😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘 ( और बदले में मैने बीसियों भेज दिए)
: Pagal 😀 , chalo bye mujhe collage Jana hai ... Shaam ko baat hogi .
: ok , tc , love you 😘
: s2u 🤭

चुलबुली फिर मुझे तड़पा कर चली गई ।
फिर मै नहा धो कर तैयार हुआ
खाना पीना होकर सब पैकिंग करके चला गया स्टेशन और ट्रेन पकड़ कर प्रयाग राज
भोपाल प्रयागराज सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 01 बजे बैठा और 4 बजे उसने मुझे उतार दिया ।

इस दौरान उसके एक दो फुटकर मैसेज आए
02.30 बजे वो कालेज से छूटी
03 बजे वो घर आई
04 बजे से वो कोचिंग क्लास के लिए निकल गई
करीब एक घंटे की ट्रैफिक की मशक्कत के बाद मै पहुंचा अपने रूम पर
जो था तेलियरगंज में, मेरे टाऊन जैसी वाइब थी । यहां प्रयागराज में तैयारी करने वाले छात्रों की भीड़ थी और छात्राओं की भी
सीढ़ियों से ऊपर आते ही बालकानी से लगे कमरे का ताला खोल रहा था कि मेरी नजर सामने फील्ड के दूसरी तरफ बने एक गर्ल हॉस्टल पर गई ।
यहां मौसम कोई भी हो ये चीज है जो प्रयागराज में कभी नहीं बदलती : लड़कियां दोनों टाइम नहाकर तौलिया सुखाते हुए देख लेंगे आप और लौंडे सर्दियों के हफ्ते बीत जाए

खैर मैने अपना कमरा खोला और साफ सफाई करनी थी हालत खराब थी और ये सब कम था कि वो आ गई

" हाय रोहन "

कभी कभी आप महसूस करते है कि लाइफ आपके जीवन को बैलेंस रखने के लिए मिठास के साथ कुछ कड़वा भी अनुभव देती थी लेकिन ये आने वाला शख्स .....

आप खुद समझ जाएंगे , जब मिलेंगे



जारी रहेगी

बहुत ही शानदार और खूबसूरत कहानी है ! और लिखने का अंदाज़ भी बहुत खूबसूरत है !

👏🏻👏🏻👏🏻
 

sunoanuj

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UPDATE 004


कभी कभी समझ नहीं आता है कि कुछ अनचाहे लोग कब और कैसे आपके जीवन में आ जाते है और आपको भनक तक नहीं होती ।
बीते वक्त में उनकी की गई अनजानी सी मदद का बोझ लिए आप ढोते चले जाते है और वक्त के साथ वो बोझ बात चीत और मुलाकातों से बंधनों के रूप में आ जाता है । एक लंबे समय तक जब आप किसी के साथ शराफत का ढोंग करते हुए चले आओ तो एक समय बाद सामने वाली की कुछ अजीब बदतमीजियों को भी सहने के आप आदि हो जाते हो । चूंकि बीते वक्त में उसके किए हुए उपकार का कर्ज आपने उतारा नहीं होता है और वक्त के साथ उनसे कुछ रिश्ता सा बन जाए तो आपके लिए बड़ा ही मुश्किल हो जाता है कि आप उनसे कुछ असहज बाते कह कर पीछा छुड़ा लें ।

कुछ ऐसा ही एक उपकार से शुरू हुआ रिश्ता था मेरा और प्रिया का

साल 2018 बारिश का मौसम और मै अपने अरमान सजाए हुए तैयारी के लिए स्टेशन से पहली बार उतरा था प्रयागराज ।
एक ई-रिक्शा बुक करके गली गली सस्ता और आरामदायक जगह देखने के लिए शाम हो गई । कही भी सिंगल लड़के के लिए कमरे उपलब्ध नहीं मिले , रहे होंगे लेकिन चीजें मेरी पहुंच से तब दूर थी और मैने रिक्शे वाले को उसका 500 भाड़ा देकर वापस स्टेशन छोड़ने को बोल दिया था
रात के 08 बजे थे लगभग और बारिश से सड़के सुनसान थी , ना रास्ते का पता था न मंजिल की ओर वही एक सड़क किनारे एक लड़की दिखी भीगने से बचने की कोशिश करती हुई और वो आवाज दे रही थी हमें ही मतलब रिक्शे वाले को
: भैया अगर कहो तो वो दीदी को बिठा लूं , रात है सवारी नहीं मिलेगी
मै सुबह का थका था और मूड कुछ खास ठीक भी नहीं था । अपना ठिकाना न सही किसी को उसकी मंजिल मिल जाए
मैने हुंकारी भर दी और वो ई-रिक्शे को लेकर वहां पहुंचा
वहा एक नहीं दो थे
झट से वो अंदर आ गई अपने छोटे से भाई को लेकर
: ओह सॉरी रिजर्व है क्या ( वो पूछी )
: कोई बात नहीं बैठ जाओ , ये छोड़ देंगे
: थैंक्यू ( भीगी हुई लगभग वो बोली एक तसल्ली भरी मुस्कान के साथ )
मैने ध्यान नहीं दिया
: भइया तेलियरगंज छोड़ देंगे
वो ई-रिक्शे वाले से बोली । जगह का नाम सुना सुना सा था , लेकिन मन अब भारी हो चला था चीजें उतनी ध्यान में नहीं रह रही थी । भूख भी लगी थी और बारिश से थोड़ा बहुत मै भी भीग गया था ।

: दीदी , ये भइया कहा जा रहे है
उस छोटे से बच्चे की मासूमियत पर मै बहुत ही फीकी मुस्कुराहट से उसे देखा और वो थोड़ी असहज दिखी ।
: बाबू ये अपने घर जा रहे है , न ? ( उसने मुझे देख कर सवाल पूछा जैसे )
मै बोलता उससे पहले ई-रिक्शे वाला लड़का बोल दिया : नहीं दीदी , भैया तो आज सुबह ही इलाहाबाद आए है और किसी को जानते भी नहीं , सुबह से मै इनको कई जगह घुमा चुका हु ,कोई अकेले लड़के को रूम नहीं दे रहा है । बहुत परेशान है , अभी तो ये आपके मुहल्ले से निकल कर ही आए है

वो बड़े ध्यान से सुन रही और मै बजाय से देखने के अपनी नाकामी से झुकी नजरे फेर कर बाहर देख रहा था । वो चुप थी

: बस ये वाली गली में चलिए थोड़ा और आगे ( वो घूम कर ई रिक्शे वाले को घर का जगह बता रही थी )

: बस बस यही वाला है , रोक दीजिए

उसने पैसे दिए और अपने छोटे भाई को लेकर उतर गई
: बाय बाय भैया ( उस मासूम ने हाथ उठा कर मुझे ग्रिट किया और मैने एक फीकी सी मुस्कुराहट से उसे देखा , पल भर को नजरे उससे मिली और मन उदास हो गया )
ई रिक्शे वाले ने गाड़ी घुमाई और हम 10 मीटर आगे आए ही थे कि उसने पीछे से आवाज दी ।

और भागती हुई आई
: सुनो , मेरे यहां एक रूम है लेकिन उसमें किचन नहीं है और बाथरूम भी कामन है । चाहो तो देख लो

चाहिए क्या था ? डूबते को तिनके का सहारा


" हाय रोहन "

: अरे प्रिया, हाय ( मुस्कुरा कर मैने देखा उसे )
काफी एक्साइटेड दिख रही थी
मैने उसे खुश देख उसकी वाइब में घुलता हुआ मुस्कुरा कर : क्या हुआ ?
: तुमने कुछ नोटिस नहीं किया ?
: क्या ? ( अचरज से मैने कहा )
: मेरी ड्रेस हीहीही , कैसी है ?


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: ओह्ह्ह ,ये , वाव, अच्छी लग रही है
: थैंक्यू हीही ( इस तरह का उसका यू चहकना मेरे आगे आम सा था )
कोई नए कपड़े हो जो वो पहनती , कुछ स्पेशल जो वो बनाती मेरे पास जरूर परोसा जाता था ।
मैने मेरी तरफ से कभी भी अपना रिश्ता नहीं बनाया, मै बस एक शरीफ किरायेदार की तरह था दो साल से लेकिन उसके लिए मै बहुत खास था ।
शायद एक कैजुअल फ्रेंड से भी बढ़ कर , उसके पापा आर्मी में थे । चूंकि घर पर वो उसकी मां और उसका छोटा भाई था इसीलिए वो किराए पर कमरे नहीं देते थे । लेकिन नियति थी मेरी की बीते 2 साल से इस घर में मै ही अकेला किराएदार था ।
प्रिया की मां ने कभी भी मुझे या हम दोनो की कैजुअली मीटअप को शक के नजर से नहीं देखा । लेकिन एक वक्त के बाद मै बोर होने लगा था ।
उसका दखल मेरे निजी कमरे के साथ साथ मेरे निजी जीवन में भी ।

कई बार मन हुआ कमरा बदल लूं लेकिन कोचिंग में दूसरे लड़कों से उनके मकान मालिकों की मन मानियां और समय से आने जाने के पाबंदियां उनके बनाए रुल को सोच कर मन बदल जाता है
फिर परीक्षाये भी आने वाली थी ।

: मै मदद करूं
: अह नहीं हो जायेगा
: अच्छा ठीक है , काम कर लो और मम्मी ने कहा है कि रात को खाना मत बनाना
जान रहा था झूठ बोल रही है , लेकिन क्या कर सकता था , सामने वाले से बस प्यार ही मिल रहा था फिर मै खुद को एक बंधन में पा रहा था ।
वो चली गई
मैने अपना कमरा साफ किया और थक कर चौकी पर लगे बिस्तर पर फैल गया

और मोबाइल निकाल कर चेक किया तो मेरी सुकून का मैसेज आया था
मैडम कोचिंग से घर आ गई थी और डिनर की तैयारी में थी ।
मैने भी रूम पर आने का मैसेज डाल दिया और फ्रेश होकर निकल गया बाजार के लिए

इलाहाबाद की शाम हर मौसम में सुहानी और जगमग होती है , बात जब सर्दियों की आए तो क्या कहना।
आम तौर पर यहां खाना पीना बहुत सस्ता था
मैने भी सब्जियां पैक करवाई और निकल गया टहलते हुए रूम पर ।

जीने से ऊपर जा रहा था कि एक फुसफुसाहट मेरे कान में आई और प्रिया का छोटा भाई आ गया बुलाने
: भइया आओ चाय पी लो
समझ गया उसी ने कहलवाया है
मै मुस्कुरा कर उसके साथ आ गया अंदर
हाल में उसकी मां बैठी थी , और किचन से मसाले की खुशबू आ रही थी
: नमस्ते आंटी
: नमस्ते बेटा , बैठो , और बताओ घर पर सब ठीक है
हमारा हाल चाल हो रहा था और वो चाय लेकर आई और अपनी मम्मी के पास खड़ी हो गई
जैसे मै कोई मेहमान हूं उनके यहां

एकदम से उसकी नजर मेरी सब्जियों की थैली पर गई उसने घूर कर मुझे देखा
ओह यहां मै आपको बताना भूल गया , हमारे इलाहाबाद में एक बड़ी ही गजब की बात है यहां लोग रोज सब्जियां खरीदने जाते है , मतलब आज रात क्या बनेगी सिर्फ उसी की खरीदारी होती थी।

चूंकि मै काफी दिनों से नहीं था तो कुछ मुख्य सब्जियां प्याज लहसुन के साथ अगले दिन के लिए भी सब्जी ले लिया था लेकिन उसको लगा कि मै खाना नहीं खाऊंगा उसके यहां।

तभी मेरा मोबाइल बजने लगा

मेरी नजर घड़ी की सुई पर गई
8 बजने में 5 मिनट कम थे , मतलब मैडम के काल का ड्यू टाइम आने ही वाला था लेकिन पहले ही आगया

मैने झट से चाय खत्म की और आखिरी रिंग से पहले काल उठा दिया फिर सब्जी उठा कर : आंटी खाना हो जाए तो बता दीजिएगा , मुझे एक बहुत जरूरी लेक्चर अटेंड करना है ।

मै वहा से निकल गया और जीने पर आते ही फोन कान पर लगा कर

: हाय
: ओहो , तो आज लेक्चर अटेंड होगा उम्मम ( उसने मजे लिए)
: क्या यार आप भी , और बताओ कैसे हो ( मै मुस्कुरा कर बोला )
: बिलकुल अच्छी नहीं हूं, क्यों चले इतना दूर ( वो रोने का ड्रामा करती हुई बोली ) पता है मेरी सहेली बोल रही थी कि आपके दोस्त के घर परसो चौथ लेकर चलने के लिए, सोचा आपसे मिल लूंगी । आप क्यों चले गए ऊहू मम्मीईई
: क्या सच में आने वाले थे ?
: अब नहीं जाऊंगी , हा नहीं तो , कितना रोना आ रहा है मुझे । मुझे आपको देखना है आपको तो मेरी याद भी नहीं आती वीडियो काल भी नहीं करते , सब मुझे कहना पड़ेगा तब समझोगे क्या

उफ्फ दो दिनों में ही शिकायतों की लंबी लिस्ट लेकर बैठ गई मेरी शेरनी और मुझे हंसी आई
मैने अपना नेकबैंड कनेक्ट किया और उसको वीडियो काल

: अरे रो रहे हो
: तो क्या नाचूं , उतना दूर चले गए अगर मुझे आपकी धड़कन फील नहीं हुई तो ?

हंसी आई मुझे उसकी बच्चों जैसे बातों पर
: दूर कहा , यूं कहो और भी पास आ गया ( मै बिस्तर पर लेटकर मोबाइल अपने आगे रखता हुआ )
: वो कैसे ?
: यहां किसी से छिपना थोड़ी है , जब चाहूं तब आपसे बातें कर सकता हूं , जितना चाहूं उतना
: पूरी रात भी ( उसने पूछा )
: हा पूरी रात ( मैने हौले से कहा और वो शर्मा गई )
फिर हम एक दूसरे को देखने लगे मोबाइल स्क्रीन पर
मैने उसे अपने पास आने को कहा वो थोड़ा शर्माई और मुस्कुरा कर ना में सर हिलाया और कम्बल से मुंह छिपाने लगी


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: बक्क आओ न
: नहीं ऐसे नहीं , वॉइस कॉल पर आओ
: अरे मै तो मेरे सुकून का प्यारा सा चेहरा देखूंगा बस
: पक्का न ( उसने वार्निंग दी )
उसने मोबाइल तकिए से टेक लगा कर खड़ा कर दिया और पेट के बल उसके सामने लेट कर अपने दोनों हाथ आगे करके ऊपर अपना चेहरा टिका कर उसे देखने लगी


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: मत देखो न ऐसे
: क्यों ( मैंने उसे देखते हुए कहा )
: मुझे शर्म आ रही है ( वो मुंह पर हाथ रख कर बोली और मुस्कुराने लगी )
मैने कोई जवाब नहीं दिया बस उसे देखता रहा और वो भी शांत सी हो गई
हम फिर से खोने लगे एक दूसरे में और मै झट से लपक कर अपने मोबाइल स्क्रीन पर उसके लिप्स को चूम लिया



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: अह धत्त गंदे हो आप ( वो मुंह पर हाथ रखते हुए घूम कर लेट गई )
मै खिलखिला कर हसने लगा
: आई लव यू ( मैने बोला और वो शांत हो गई और उसने मुझे देखा )
मैने भौहें उचका कर उसे इशारा किया और वो फिर शर्माई
: बोलो न , बक्क
: क्या ( वो मुंह पर हाथ रख शर्मा मुस्कुरा रही थी )
: वही
: क्या
: आई लव यू बोलो
: नहीं बोलूंगी , जबरजस्ती है क्या
: हा ( मैने भी हक जताया )
: आऊंगा न तो...
: आजाओ हीही ( उसने वापस चिढ़ाया)
: किस्सी दोगी न , आऊंगा तब
: हम्ममम आजाओ ( आंखों से उसने मुझे बुलाया )
: पक्का न
वो असहज हो गई और न में सर हिलाया
: इतना भी क्या डरना किसी से ( खिलखिला कर मैने उसके मजे लिए)
: अब तो पक्का कुछ नहीं दूंगी , रखो आप, हा नहीं तो , बाय
उसने चिढ़ कर फोन काट दिए और मै हंसने लगा

और मुझे एक प्यारे से गाने के बोल याद आ गए
मैने हस्ते हुए उसके व्हाट्सअप पर मैसेज टाइप करके भेज दिया


ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे

दे दूंगा जान , जुदा मत होना रे
मैं तुझे जरा देर में जाना

हुआ कुसूर खफा मत होना रे

: o meri sona maan jaao na
अगले पल उसका रिप्लाई आया
: pagalu , mummy ne bulaya hai abhi bat krati hu 😘

मैं खुश हो गया और थोड़ा अपनी पढ़ाई का देखने लगा , थोड़ी देर में प्रिया का भाई ऊपर आया खाने पर बुलाने के लिए मैने मेरी जान को एक मैसेज डाल कर मोबाइल चार्ज लगा कर नीचे चला गया खाना खाने

जैसा कि मैने बताया कि वो अक्सर खास खाने मेरे लिए सीखती और बनाती थी तो आज का खाना भी अच्छा था
चुकीं आज मेरा मन खुश था मेरे सुकून से बात करके तो मस्ती सूझ रही थी और मैने बजाय प्रिया के उसकी मम्मी की तारीफ की

: सच में आंटी, आपके हाथ की इतनी अच्छी सेवई है न
: और चाहिए तो ले लो बेटा ( वो हस बोली )
: नहीं आंटी , पेट भर गया और थैंक्यू सच आज थक सा गया था और शायद खाना बनाता भी नहीं

मैने देखा वही किचन में किसी को अपने लिए फैसले पर इतराते हुए और मै उठ कर हाथ धुलने के लिए किचन में चला गया
: चाहो तो एक थैंक्यू मुझे भी बोल सकते हो , सब्जी मैने ही बनाई थी ( तुनक कर वो बोली , हाथ बांध कर मेरे पीछे खड़ी हुई )
मुझे हसी आई कुल्ले करते हुए लेकिन मैने अपनी भावनाएं छिपाई
: सीई तभी सोचूं किसने बदला लेने के लिए मिर्ची ज्यादा डाली थी, फ़ूऊऊऊ अह्ह्ह्ह ( जीभ निकाल कर मैने नाटक किया तो वो मेरा गला पकड़ने दौड़ी)
मै बचने की कोशिश करता हुआ खिलखिलाया और वो भी मुस्कुराते हुए : तुम न , मम्मी है नहीं तो बताती अच्छे से

मै मुस्कुरा कर अपना कालर सही करता है उसको चिढ़ाता हुआ जानबूझ कर जीभ से सिसकारे लेते हुए निकल गया और वो चिढ़ कर रह गई ।

थोड़ी देर बाद ऊपर आया तो देखा 4 मिसकॉल आए थे
मैने अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और काल बैक करते हुए बिस्तर में

: ओहो कोई मुझे मिस यू बैडली भी लिख सकता था इतना फोन करने के बजाय ( मैने उसे छेड़ा )
: हूह , किसने बोला मिस कर रही थी ( वो तुनकी )
: बस फ़ील हुआ खाते समय हिचकी आ रही थी ( अभी भी मै नीचे वाले फ्लोर के फ्लो में ही था )
: हूह , पता नहीं लोगो को क्या क्या भ्रम हो रहे है ( भिगो के दिया उसने मुझे और मेरी मस्ती फुर्र )
: हम्म्म लेकिन मै तो मेरी सोना को मिस कर रहा था
: अच्छा सच में
: हम्म्म, वो तो मेरी सांसों में बस गई
: ओहो
: हा , और पता है वो न
: हम्म्म ( उसने जताया कि वो गौर से सुन रही है )
: वो न मेरी जान है , मेरा सुकून है
: पागल , आई लव यू
: लव यू मेरी सोना
उसकी कुनमुनाहट भरी हंसी आई और एक फ्लैश नोटिफिकेशन पॉप अप हुआ स्क्रीन पर , उसने वीडियो काल की रिक्वेस्ट दी थी

मैने पिक की और फिर हम एक दूसरे को देखने लगे
मैने मोबाइल को दिवाल से लगा दिया और करवट लेकर कम्बल में से उसे देखने लगा

वो मुझे मुस्कुरा रही थी और मै उसे
कितना कुछ अनकहा सा प्यार था उसकी आंखों में जो वो कह नहीं पा रही थी
: बोल दो न
: क्या ( उसने मुस्कुरा कर पूछा)
: वही जो आंखों में लिए बैठे हो
: कैसे समझ जाते हो आप ( वो थोड़ा शर्माई )
: जान हो आप मेरी ( मैं प्यार से कहा और उसने मोबाइल पकड़ कर अपना स्क्रीन चूम लिया).
आंखे बंद कर मैं उस पल को महसूस किया और फिर से सामने थी
: सो जाओ ( सुकून भरी मुस्कुराहट से वो बोली )
: नहीं ऐसे रहो न ( मैने कहा और वो मान गई )
फिर मैने एक फ्लाइंग किस भेजी होठों से और वो मुस्कुरा कर वैसे ही लेटी रही फोन के आगे
और देखते ही देखते उसने आंखे बंद कर ली


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इस पल को तो कायनात से चुरा लू इतनी मासूम लग रही थी मेरी जान , प्यारी सी गुड़िया मेरी मेरी लाडो मेरा सोना मेरा सुकून


जारी रहेगी



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बहुत ही उम्दा अपडेट!
 
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