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Ashiq Baba

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अअहा शायद मेरा एपिसोड आप लोगो को आकर्षित नहीं कर पाया।
अगर आप लोगो को कहानी में मजा नहीं आती या एपिसोड में मजा नहीं आई तो भी बताना ताकि मैं ग=फिर कहानी को लम्बाई ना देते हुए जल्द ही ख़तम करे।
Mujhe lagta hai abhi shuruat hai kahani lambi chalni chahiye. Kuchh vyastata ke karan pathak time par nhi padh paye honge. Mai bhi busy tha. Magar apki kahai bilkul sahi disha me ja rahi hai. Aap likhte rahe hamara support apke sath hai.
 

curious1964

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एपिसोड 3


अगले दिन परम कोलेज नहीं गया। उसने सोच रखा था की आज माँ (सुंदरी) को चोदना है। माँ ने बार-बार उसे कोलेज जाने के लिए कहा लेकिन परम नहीं माना। परम मौके का इंतेजार करता रहा। करीब 10:30 बजे सुंदरी नहाने गयी। 15 मिनट के बाद बाहर आई एक ब्लैक पेटीकोट और सफेद ब्रा में। बालों को तौलिया से बाँध रखा था। परम ने सोचा बस यही मौका है। जैसे ही सुंदरी परम के बगल से निकली, परम ने दोनों हाथों से माँ के कंधों को दबाकर उसे दीवाल से सटा दिया और खूब जोर से चूमने लगा। फिर कंधों से हाथ हटाकर दोनों मस्त चूचियों को ब्रा के ऊपर से मसलने लगा। आप यह कहानी मैत्री और नीता के द्वारा अनुवादित कहानी पढ़ रहे है


परम सुंदरी को बहुत बेदर्दी से मसल रहा था। कल परम ने रेखा की चूचियों को प्यार से सहलाया था और अभी माँ की चूची को आँटे की तरह मसल रहा था। 5 मिनट तक चूमने और मसलने के बाद परम ने अपना मुँह माँ के होंठों पर से हटाया और कहा- “तुम बहुत ही रसीली हो। तुम्हारे होंठ बहुत टेस्टी हैं…”

सुंदरी ने अपनी चूची सहलाते हुए कहा- “तुम तो मुझे मार ही डालोगे। ऐसे कोई मसलता है, प्यार से सहलाओ और मजा लो…” कहते हुए सुंदरी ने अपनी ब्रा का हुक खोल दिया। चूचियों को ब्रा से बाहर निकाला और कहा- “अब मजा लो, प्यार से…”

परम ने थोड़ी देर तक दोनों नंगी चूचियों को मसलकर मजा लिया। कभी चूची को नीचे से उठाकर दबोचता था, तो कभी घुंडियों को मसलता था। थोड़ा मसलने के बाद ही निपल कड़े हो गये और लंबे भी, ½ इंच से बड़े निपल्स के चारों ओर एक ब्राउन कलर का घेरा करीब एक इंच की गोलाई में फैला था। पूरा बोबला और भी टाइट हो गए। परम ने एक निपल को मुँह में लेकर चुभलाना चालू किया और दूसरे स्तन को मसलता रहा। बारी-बारी से दोनों स्तनों को चूसा और एक हाथ को नीचे नाभि पर लाया। पेट को सहलाते-सहलाते नाभि के छेद पर उंगली गोल-गोल घुमाया और हाथ नीचे बढ़ाया।

पेटीकोट का नाड़ा हाथ में आया और झटके से नाड़ा खींच दिया। नाड़ा खुलते ही पेटीकोट जमीन पर गिर पड़ा। परम का हाथ उसकी चूत पर था। चूत पर हल्के-हल्के बाल थे। परम उंगली से चूत के होंठों को मीजने लगा। माँ का बदन तन गया। सुंदरी की चूत का मजा लेते लेते परम ने अपना पायजामा खोलकर नीचे गिरा दिया। लोडा पूरा तना हुआ था और सुंदरी की चूत पर खटखटाने लगा। चूमना और सहलाना छोड़कर दोनों हाथों से सुंदरी के दोनों उभरे हुये चूतरों को जकड़कर लंड को चूत में जोर से दबाया। फिर उसी पोज में उसे बेतहासा चूमने लगा। सुंदरी आँखें बंद करके चुपचाप खड़ी थी, शायद उसे शरम आ रही थी। कुछ देर के बाद सुंदरी दीवाल से सटकर नीचे फिसलने लगी और अपने को फर्श पर सीधा लिटा लिया।

परम उसके ऊपर छा गया। परम सुंदरी को बेतहाशा चूम रहा था, होंठों को, गालों को काट रहा था और थनों को मसल रहा था।
सुंदरी ने महसूस किया की परम का लोडा पूरा तन गया है। सुंदरी ने सोचा की अगर जल्दी नहीं चुदवाएगी तो उस दिन जैसा परम का लोडा फिर पानी छोड़ देगा। यह सोचकर सुंदरी ने हाथ बढ़ाकर लोडे को पकड़ा और चूत के मुहाने पर रखा और नीचे से गांड को उछाला। पूरा लंड चूत को चीरते अंदर चला गया। उसकी चूत भी चुदवाने को बेताब थी और परम का लंड चोदने को। परम सुंदरी को जोर-जोर से चोदने लगा। लेकिन जमीन पर घुटनों में चोट लग रही थी। वह जोर-जोर से धक्का नहीं मार पा रहा था।

सुंदरी को भी चूतड़ उछलने से चोट लग रही थी।- “चलो बेटे, बेड पर चुदाई करेंगे…”

बने रहिये.............अपनी किमेंट देते रहिये................
Sexciting update !👌👌👌😊
 

curious1964

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दोनों अलग हो गये। तुरंत सुंदरी बेड पर सीधा हो गयी। लेकिन परम ने लोडे को अंदर नहीं घुसाया। उसने सुंदरी की टांगों को पूरा फैला दिया और पूरी चूत को मुँह में भरकर चूसने लगा। चूत को चूसते-चूसते क्लिट को काट लेता था और सुंदरी उछल पड़ती थी। अभी तक सुंदरी ने 8 लंड का मजा लिया था लेकिन कभी किसी मर्द ने उसकी चूत को चूमा या चाटा नहीं था। सिर्फ़ उसकी एक नौकरानी और माँ ने कभी-कभी चूत को चूमा चाटा था लेकिन ऐसा मजा कभी नहीं आया था। परम पूरी जीभ चूत में डालकर चूत का स्वाद ले रहा था और दो उंगली गांड में घुसाकर मजा ले रहा था। पिछली रात बहन ने चूत को चटवाकर मजा लेना सिखाया था और परम माँ की चूत को चूस-चूस कर मजा ले रहा था। उंगली करते-करते गांड बिल्कुल गीली हो गयी थी और परम को लगा की गांड में लंड भी घुस जाएगा लेकिन पहले वो चूत का पूरा मजा लेना चाहता था। उसने एक बार फिर पूरी चूत को चूसा और आगे बढ़कर माँ के होंठों को चूमने लगा और एक हाथ से लंड को चूत में डालकर चोदने लगा। जोर-जोर से धक्का मारने लगा। हर धक्के के साथ सुंदरी की आह्ह निकल जाती थी। आप यह कहानी मैत्री और नीता के द्वारा अनुवादित कहानी पढ़ रहे है


सुंदरी- “कैसा लग है बेटे, माँ को चोदने में…”

परम- “आह्ह माँ बहुत अच्छा लग रहा है। रोज चुदवाओगी?”

सुंदरी- “मैं हमेशा लंड लेने को तैयार हूँ। बहुत साल पहले एक साथ 5-5 आदमियों से चुदवाई थी उस दिन भी इतना मजा नहीं आया था। लेकिन बेटा धीरे-धीरे चोदो…अन्दर दुखता है साला।”

परम चुदाई करता रहा। कभी रुक कर धइले को मसलने लगता था।

सुंदरी चीख उठती थी- “मादरचोद, रुकता क्यों है? गांड में दम नहीं है तो चोदना शुरू क्यों किया?”

और परम जोर-जोर से धक्का मारने लगा और पूछता- “विनोद का लंड अपनी चूत में लोगी?”

सुंदरी- “हाँ… बेटा, विनोद से चुदवाऊँगी…और उसका लंड भी शांत कर दूंगी।”

परम- “शेठ का लंड चूत में लोगी?”

सुंदरी- “हाँ… शेठ से भी चुदवाऊँगी…मुझे तो बस लंड चाहिए बेटे।”

परम- “शेठानी के सामने शेठ का लंड चूसोगी?”

सुंदरी- “हाँ… चूसूँगी…”

परम- “अपनी बेटी के सामने मेरा लंड चूत और गांड में लोगी?”

सुंदरी- “हाँ… लूँगी…और गांड भी मस्ती से मरवाउंगी।”

परम- “मेरे और दोस्तों से भी चुदवाओगी?”

सुंदरी- “हाँ… सबसे चुदवाऊँगी…”

परम- “साली, वेश्या बनोगी?”

सुंदरी- “हाँ… मैं वेश्या हूँ… हाँ…”

दोनों गंदी-गंदी बातें करते-करते चुदाई कर रहे थे। दोनों ने एक दूसरे को कसकर जकड़ लिया और परम ने माँ की चूत में वीर्यदान कर दिया। सुंदरी उसे चूमने लगी और तब तक चूमती रही जब तक दोनों बिल्कुल ठंडे ना हो गये। परम बेड से उतरकर खड़ा हो गया और घूर-घूर कर प्यार से सुंदरी के बदन को देखने लगा।

परम- “आखिर क्या है सुंदरी में की सभी मर्द उसकी जवानी से खेलना चाहते हैं…” परम ने अबतक सुंदरी के अलावा अपनी बहन महेक और रेखा को ही ध्यान से देखा था।

कल शेठानी को जोश में आकर चोद लिया लेकिन आज जो मजा माँ को चोदने में आया वैसा कल नहीं आया था। शेठानी थोड़ी मोटी थी और कोई खास सुंदर भी नहीं थी।


लेकिन सुंदरी का एक-एक अंग छील-छील कर बनाया गया था, करीब 5’5” लंबी, घने काले और लंबे बाल, आलमोस्ट गोल चेहरा, बहुत गोरा नहीं लेकिन बहुत आकर्षक रंग, बड़ी और चमकीली आँखें, गालों में बड़े-बड़े गड्ढे, आकर्षक होंठ, ऊपरी होंठ पतले जब की निचले होंठ मोटे और कूबसूरत कताव, जब वो हँसती थी तो उसके सफेद चमकदार दाँत दिखाई देते थे। उसकी आँखों और चेहरे पर हमेशा मुशकुराहट रहती थी। परम की नजर उसकी लंबी गर्दन और चौड़े कंधों के नीचे फिसली, उसकी बांहें मोटी नहीं लेकिन मांसल थीं बिना मोटापा के, कुहनी तक शंकु के आकार में। उसके बोबले पूरे गोल, कसी और रसीली थीं, जिसका मज़ा वो ले चुका था। अब निपल्स सामान्य आकार में थे, आधा इंच लंबे और मोटे।

परम अपनी कुँवारी बहन, शेठानी और अपनी प्रेमिका रेखा कि धइले मसल चुका था। हालांकी महेक और रेखा की बोबले कसे थे, जब की सुंदरी की बोबले स्पंजी थी। ये अपने भार के कारण थोड़ा लटक गईं थीं।

सुंदरी मुश्कुराई और परम से पूछा- “अब तो चोद लिया, फिर क्या देख रहा है?” उसने अँगड़ाई ली- “फिर चोदना है तो चढ़ जाओ। मेरी चूत तैयार है…मेरी चूत का भोसड़ा बनाओगे!!!”

परम- “मैं देख रहा हूँ की आखिर तुममें क्या है की सभी तुम्हें चोदना चाहते हैं…”

आशा करती हु आपको यह एपिसोड्स पसंद आये होंगे!!!!!!!!!!!!

प्लीज़ कोमेंट कर के अपनी राय देते रहिये..............
Ekdam si kamoddipak lekh ! 👌👌👌😊
 

curious1964

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अअहा शायद मेरा एपिसोड आप लोगो को आकर्षित नहीं कर पाया।
अगर आप लोगो को कहानी में मजा नहीं आती या एपिसोड में मजा नहीं आई तो भी बताना ताकि मैं ग=फिर कहानी को लम्बाई ना देते हुए जल्द ही ख़तम करे।
Madam,Jab tak achhe responses mil raha hai.....kahaniko chalu rakhen !😊

Mujhe anal sex,lesbian sex pasand nahi hai....lekin dusron ko pasand hai......
Aap likhti rahiye .....Agar Aap ke pass ideas khatam ho gaya ho ya phir likhne me Aap ko koi maza nahi aaraha ho.....toh baat alag hai ! 🙏🏻😊
 

Napster

Well-Known Member
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अब आगे

अरे! तुम तो बुरा मान गई मेरी रानी, मैं सब की बात नहीं करती सिर्फ मेरे पति की बात करती हु, और वह भला आदमी तुम्हारे पीछे पड़ा हुआ है, तुम्हे चोदना चाहता है और हमारे में यह सब जानते है की हम औरतो का काम क्या है, चूत है तो लंड को ढीला रखने और करने की जिम्मेदारी हमारी रहती है।“

मादरचोद वह सब घर के लिए होता है बहार के लिए नहीं, यह गाव में ऐसा सिर्फ हर के लिए है, क्या तुम्हारी माँ ने यह नहीं सिखाया? घर के लंडो को ढीला रखने की जिम्मेदारी घर की औरतो की होती है और वह भी औरतो की मंजूरी से, समजी!”

अब मेरा पति भी तो तुम्हारे घर का ही तो है तुम कब से उस से मिलती हो, देखती हो, शायद बचपन से लेकिन अभी तक सिर्फ तुम्हारे नाम की मुठ ही मारता है या मेरी चूत तुम्हारी चूत समज के चोदता है बेचारा।

“बात तो सही है अब तुम्हारा घर और हमारा घर में कोई फर्क तो नहीं पर.. ठीक है।“ सुंदरी ने उसकी चूत में जोर से धक्का देते हुए कहा।

तो मैं क्या समजू? बहु ने भी सुंदरी के चूत में पलटवार करते हुए कहा।
मैत्री और नीता की रचना

तो आज ही साथ ले आती, तेरे सामने ही साले का पूरा लंड गपक जाती। तू जब बोल तेरे पतिदेव को अपनी जवानी का मजा दूंगी.. । लेकिन तुम्हे भी तो कुछ करना पड़ेगा।"

दोनो फिर अपने काम में लग गए। सुंदरी बहू के चूत को जीभ और उंगली से एक्सप्लोर कर रही थी। बहू को बहुत मजा आ रहा था। ये पहला मौका था कि कोई उसकी चूत को चूस और चाट रहा था। बहू तो समझती थी कि मर्द औरत सिर्फ चुदाई करती है और चुदाई का मुतलब होता है चूत में लंड को डाल कर खूब जोर-जोर से धक्का देना और पानी गिरा कर सो जाना। आज जब सुंदरी उसकी चूत और क्लिट को चूस-चूस कर मजा ले रही थी तो बहू को भी बहुत मजा आ रहा था। चूस-चूस कर सुंदरी ने बहू को नीचे पटक दिया और सीधा होकर बहू के निपल्स को चूसने लगी।

कुछ देर तक चुची को मसलने और चूसने के बाद सुंदरी बहू के पेट और कमर को चूसा और चूमा और पैरों को फर्श पर मजबूती से रख कर बहू की मोटी मोटी जांघों को खूब फैलाया और मुंह में चूत को लेकर चबाने लगी।

“आह, सुंदरी क्या कर रही हो.. पागल हो के मर जाउंगी.. बहुत मजा आ रहा है.. आह.. पुरे बदन में तूने आग लगा दिया है…. जल्दी से चूत में लंड घुसा…।”

“हरामज़ादी… मार डालेगी क्या…!” बहू कराह उठी,,, "आअहह!"
मैत्री और नीता की रचना

तभी परम नंगा होकर अपना तना हुआ लंड हाथ में पकड़े हुए कमरे में दाखिल हुआ। उसने सुंदरी को दूर धकेलते हुए कहा

“हट ज़ा माँ, अब मैं इसकी गर्मी उतारता हूँ।” यह कहते हुए उसने बहू की कमर पकड़ी और एक ही धक्के में उसका लंड बहू की रसीली चूत में गहराई तक उतार दिया।

“आह भाभी.. तू तो बहुत मस्त है..माल ह, कल रात को तेरी टाइट चुची दवाने के बाद ही मेरा लंड तेरी चूत में घुसने को बेताब था..ले साली मज़ा आ गया..मेरे लंड को अब काफी मजा आएगा।”

परम ने भाभी को पूरी ताकत और तेज़ी से चोदा। वह उसकी चूत में ऐसे घुस रहा था जैसे किसी भाप इंजन का पिस्टन रॉड बैरल में अंदर-बाहर हो रहा हो।

“फच्च.. फुच्च, फच्चा…फुच्च..”

भाभी गोरी थी, उसके बाल बहुत लंबे थे। चौड़े कंधे और बहुत बड़े स्तन। वह मोटी ज़रूर थी, लेकिन मोटी नहीं, जबकि सुंदरी का फिगर एकदम सही था। परम को बहू को चोदते देख सुंदरी ने अपनी जांघें फैला दीं और बहू का एक हाथ अपनी चूत पर रख दिया। परम अब भाभी के बड़े गोल स्तन पकड़े हुए था और उसे तेज़ी से चोद रहा था। कहने की ज़रूरत नहीं कि बहू भी चुदाई का उतना ही मज़ा ले रही थी। चुदाई पूरी गति और ताकत से जारी रही और सुंदरी ने खुद को उंगली से चोदना शुरू कर दिया। बहू ने यह देखा और परम से कहा,

“मेरी चूत ठंडी हो गई है, अब लंड निकाल कर अपनी माँ को चोद डाल.. देख कुतिया कितनी गरम हो गई है…!”

बहू ने परम को कसकर पकड़ लिया और फिर वह शांत हो गई, अब तक वो पहले से ही दो बार झड चुकी थी। लेकिन परम नहीं रुका.

“परम अब उतर जा… हो गया… फिर बाद में मेरी चूत मार लेना…” बहू ने कहा लेकिन परम ने जारी रखा और कुछ मिनटों के बाद उसने बहू की योनी को 'अपने लंड का मीठा रस' से भर दिया।

“अब तू मेरे बच्चे की माँ बनेगी…” यह कहते हुए परम ने बहू को चूमा और उसके शरीर को सहलाता रहा। सुंदरी ने परम को बहू के शरीर से खींच लिया।

“बहू को थोड़ा सांस लेने दो, बेटे।”

बहू बिस्तर पर लेट गई और उसने परम का आधा लंगड़ा लंड पकड़ लिया।

"लंड का सुपारा (लंड का ऊपरी हिस्सा) कितना मोटा और बड़ा है। बाप रे इतना लंबा और मोटा! और सुपारा तो देखो....आआहहहह...सुंदरी, मजा आ गया परम से चुदवाकर...साला क्या मस्त चुदाई करता है...। सच में यह लंड मुझे माँ बन ने का गौरव प्रदान कर सकता है।"

"बहू, परम का सुपारा क्या देखती है, इसके बाप का सुपारा इससे डबल है...लेकिन हां लंबाई और मोटाई में परम का लंड अपने बाप से ज्यादा है। परम खुश था कि वह तीसरे व्यक्ति की उपस्थिति में सुंदरी के साथ नग्न बैठा था।

सुन्दरी उठकर रसोई में चली गयी। उसके जाने के बाद बहू ने परम से पूछा,

“माँ को नंगा देख कर उसे चोदने का मन नहीं कर रहा है…!”

परम ने बहू को बाहों में लिया और चूमा। उन्होंने कहा, “रानी आज ही नहीं जब से लंड खड़ा होना चालू हुआ है तबसे मेरा मन सुंदरी को चोदने का करता है, लेकिन क्या करु, कोई माँ को चोदता है क्या?”

बहू ने उसके लंड की मुठ मारते हुए कहा।
मैत्री और फनलवर की रचना

"तेरा दोस्त विनोद तो अपनी माँ और बहन को चोदता है, सुंदरी बता रही थी..." बहू ने लंड को चूमा “मौका निकाल कर कुतिया (सुंदरी) को चोद डाल, तेरी माँ सच में मस्त माल है।“
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बने रहिये। आपके के कोमेंट की प्रतीक्षा रहेगी
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।।जय भारत।।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है मजा आ गया
परम ने सुंदरी के उपस्थिती में बडी बहु की धुवांधार चुदाई कर के उसे संतुष्टी प्रदान कर दी
लगता है परम के तगडे लंड से उसकी माँ बनने की इच्छा पुरी होने की संभावना हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

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Mujhe lagta hai abhi shuruat hai kahani lambi chalni chahiye. Kuchh vyastata ke karan pathak time par nhi padh paye honge. Mai bhi busy tha. Magar apki kahai bilkul sahi disha me ja rahi hai. Aap likhte rahe hamara support apke sath hai.
जी बिलकुल आभी आगे चप्टर आयेंगे। कहानी लम्बी ही होगी ऐसा मेरा सोचना है

शुक्रिया की आपको कहानी पसंद आ रही है और मैं आगे ओर भी अच्चा करने की कोशिश करुँगी

बस आप लोगो का सपोर्ट चाहिए कहानी को
 
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