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माताराणी आप को शक्ती दे
जय माता दी
Ji shukriya

Aapka bahot bahot aabhaar dost
माताराणी Hum sab को शक्ती दे
जय माता दी
 
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Ashiq Baba

New Member
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अब आगे.................


महक ने मुनीम को कुछ देर तक अपनी चूत और बोबले चूसने दिया और फिर वह उठ कर अपनी नंगी माँ के पास सो गयी। परम के साथ दो बार चुदाई के बाद परम ने पूनम को मुनीम के साथ बाहर जाने की इजाजत नहीं दी। पूनम को मानना पड़ा कि रेखा और महक परम के लंड के बारे में सही थीं। इसमें किसी भी चुत को मजा देने की ताकत है। मैत्री और फनलवर की रचना


लेकिन उसे नहीं पता था कि हर चूत और गांड की अपनी पसंद होती है। रेखा और वह खुद परम का लंड पसंद था लेकिन सुंदरी को विनोद का लंड पसंद था। महक को भी विनोद का लंड पसंद था लेकिन अब वह बाप के लंड से भी प्यार करने लगी थी। महक को एक बार अपने किए पर पछतावा हो रहा था की लंड आखिर लंड है उसको सत्कारने की जिम्मेदारी हर चूत की है लेकिन वह कुछ कर नहीं सकती थी। फिर उसने सोचा की अगर वह चाहती तो अपने बाप का लंड अपनी गांड में समां सकती थी लेकिन वह भी डर था की इतना बड़ा सुपारा वाला बाबूजी का लंड उसकी गांड का कुमारी भंग करने के बाद क्या हाल होता। शायद हॉस्पिटल ही जाना पड़ता। पर फिर भी उसने सोचा की उसने अपने बाप का लंड शांत तो किया, उसका माल गिरा कर ही सही चाहे वह गलत तरिका था। एक मन कहता था की उसको उसकी गांड मरवा लेनी चाहिए थी ताकि एक औरत होने के नाते लंड को शांत करना जरुरी होता है यह गाव का अनकहा नियम जो था। दूसरी तरफ वह खुश थी की इतना बड़ा सुपारे से गांड नहीं मरवाई। लेकिन उसने तय जरुर किया की अब वह बाबूजी का लंड खुद की चूत में समाएगी यह भी उसका प्रेम ही था उसके बाप के लंड प्रति। पछतावा और ख़ुशी इस दोनों के बिच में कब उसकी ऊँगली गांड में चली गई और खुद की गांड मारते-मारते कब सो गई पता नहीं चला।


सुंदरी हमेशा की तरह सुबह सबसे पहले उठी और सबसे पहले उसने अपनी खूबसूरत और सेक्सी बेटी की छोटे बालों वाली चूत देखी। उसने देखा की उसकी एक ऊँगली अभी भी उसकी गांड में फँसी हुई है, सुंदरी ने बड़े आराम से उसकी ऊँगली को गांड के छेद से मुक्त किया और उसको चाट गई, उसने महक के कुल्हे को चूमा और ढक लिया।

उसने खुद को देखा। वह सिर्फ़ पेटीकोट में थी और उसने पाया कि उसकी रसीली निपल उसकी छाती पर मजबूती से टिकी हुई थी। उसने उसे धीरे से दबाया खिंचा और छोड़ दिया और उसी हालत में वह कमरे से बाहर आ गई।

उसने परम के कमरे का दरवाज़ा धक्का दिया और देखा कि परम और पूनम दोनों एक-दूसरे को कसकर पकड़े हुए नग्न सो रहे हैं। वह मुस्कुराई और परम के आधे खड़े लंड को दबा दिया। उसने पूनम को घूर कर देखा, काफी चुदी हुई चूत दिख रही थी उसकी और परम का माल उस चूत से धीरे धीरे बहार भी आता दिखाई देता था। उसका शरीर बहुत दुबला-पतला था। उसने धीरे से पूनम को बिस्तर पर लिटा दिया। सुंदरी ने पूनम के पैर अलग किए और उसकी चूत को देखा। वह भी बहुत सारे जघन बालों से ढका हुआ था और उसने उसे धीरे से सहलाया। पूनम कराह उठी और सुंदरी कमरे से बाहर आ गई। वह नहीं चाहती थी कि पूनम को पता चले कि उसने उन्हें नग्न अवस्था में देखा है।

तभी सुंदरी ने अपने पति को बरामदे में बिल्कुल नग्न लेटा देखा। उसने उसे जगाया और कहा कि अगर वह अभी भी सोना चाहता है तो अंदर चला जाए। सुंदरी ने उसे उसकी लुंगी दी और मुनीम उसे लेकर अपने कमरे में चला गया। बिना यह सोचे कि उसकी बेटी चादर के अंदर सो रही है, उसने भी चादर उठा ली और महक के बगल में सो गया। अनजाने में महक भी करवट बदल गई और बिना यह जाने कि उसके बगल में कौन सो रहा है, उसने अपनी टाँगें उठाकर मुनीम की जांघों पर रख दीं। मुनीम ने भी उसे बाहों में ले लिया और दोनों कुछ देर और सोते रहे, जब तक कि सुंदरी ने उन्हें जगा नहीं दिया। महक सबसे पहले उठी और उसने अपने आप को देखा। बाबूजी का लंड उसकी दोनो झांगो के बिच ठीक अपनी चूत के द्वार पर आराम कर रहा था। उसे शर्म आ रही थी कि माँ ने उसे पिता के साथ नग्न सोते हुए देख लिया। उसने अपना बचाव करने की कोशिश की

“माँ, यहाँ तो तुम सोई थी, बाबूजी कब आ गए…, मुझे मालूम ही नहीं पड़ा..?”
मैत्री और नीता द्वारा रचित कहानी

सुंदरी ने उसके गाल थपथपाये और बोली, “कोई बात नहीं… बाप ने कुछ किया तो नहीं? और हां पकड़ कर देख ले बाप का ही लंड था ना!” सुंदरी ने यह सब जानबुज कर किया था और इसीलिए वह मुस्कुरा रही थी।

“छि… माँ, बाबुजी का लंड मैं कैसे पकड़ सकती हु! और धीरे से जैसे कुछ टेके की सहारा लेती हो ऐसे उसने बाबूजी के लंड पर हाथ रखा और उसकी झांगो के बिच से लंड को थोडा सहलाते हुए साइड में कर दिया।” और महक बाहर चली गई। उसने परम और पूनम को जगाया।

महक ने पूनम से कहा, "क्यों रानी कुछ मजा आया ना! एक रात में दो-दो लंड का मजा मिला।" महक ने पूनम को बाहों में ले लिया और उसे कसकर गले लगाते हुए कहा, "किसका लंड ज्यादा मजा दिया..?"

“रानी, तुम खुद दोनों का स्वाद लेकर फैसला करो, कौन सा ज्यादा अच्छा है, मैं क्यों बताऊं।” पूनम ने महक को दूर धकेला और कपड़े पहने। सब खुश थे। सब तैयार हुए, नाश्ता किया और साढ़े आठ बजे तक जब मुनीम अपने ऑफिस जाने वाला था,

सुंदरी ने उसे सुझाव दिया कि वह पूनम को अपने साथ ले जाए और उसे रास्ते में पड़ने वाले घर तक छोड़ दे। मुनीम पूनम के साथ बाहर आया और नीचे चला गया। वह समज गया की सुंदरी की तरफ से इशारा है। उसने पूनम से शिकायत की कि उसने इंतज़ार किया, लेकिन वह नहीं आई। पूनम ने जवाब दिया कि वह तो आना तो चाहती थी, लेकिन परम ने उसे कमरे से बाहर नहीं जाने दिया। मुनीम ने यह भी नहीं पूछा कि क्या परम ने उसे भी चोदा! पूनम ने जवाब तो नहीं दिया पर आँख के इशारे में हां कहा तो मुनीम को बात समझ में आ गई। वह दुखी तो हुआ, लेकिन चुप रहा।

पूनम समझ गई और बोली,
मैत्री और फनलवर से रचित कहानी

"काका, बहुत मज़ा आया, मालूम नहीं, फिर कब तुम्हारा लंड मेरी चूत को आनंद दे पाऊँगी!."

“मुझे भी इतना मजा तुम्हारी काकी (सुंदरी) को चोदने में नहीं आया था, तेरी चूत बहुत मस्त है।” मुनीम ने उसकी ओर देखा और अनुरोध किया,

“आज शाम को आ जाओ, महक भी नहीं होगी, हम दोनो खूब चुदाई करेंगे..!”


“कोशिश करूंगी…काका मुझे आपके लंड से प्रेम हो गया है अब तो।” पूनम ने जवाब दिया और मुनीम की ओर देखा, “काका,किसी को भी बोलना मत, कि मैंने तुमसे चुदवाया है और आगे भी चुदवाउंगी, परम से भी नहीं। अब शायद आप जान ही गए है की परम का लोडा भी मेरी चूत को लोक कर गया है, काका फिर भी मैं आपसे चुदवाना चाहूंगी और वह भी बार बार।”


बने रहिये इस कहानी में और इस एपिसोड के बारे में अपनी राय दीजियेगा जरुर........


शुक्रिया
Kahani technically bhi kafi strong hai. Har kirdar ko nape tule sanwad ke sath uski jitni jarurat hai utni hi bhumika har scene me apne rakhi hai. Koi bhi vahiyat ya faltu ki bhumika aur sanwad ठूंसा nahi gaya hai. Ye ek achchhe writer ki khasiyat hoti hai. Apki kabiliyat ka asar kahani ke har hisse me najar aata hai. Kahani ka mukhy kirdar bold hone ke sath sath sanyamit aur durdarshi bhi dikhaya hai. Sare patte uske hath me hai. Aur kab kiski jarurat hai ye chal chalna usko aata hai.
Poonam baap bete dono se chud li hai magar Munim ki vo deewani ho gai hai.
Ek rochak kahani hai maza aa raha hai.

Aapko bahut bahut dhanyawad sath hi Napster bhai ko bhi bahut bahut dhanyawad mere comments ko like karane ke liye.
 

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BBahot bahot dhanyawad aapka
बहुत ही गरमागरम कामुक और शानदार मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Dussera, Navraatri aur Durga Mata ki शुभकामनायें और आशीर्वाद हम सब के साथ रहे!!

Funlover
Aapka bahot bahot dhanyawad

Aapki aabhari hu
 
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