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Adultery तेरे प्यार में .....

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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Bahut hi umda update he HalfbludPrince Fauji Bhai,

Inspector ke kandhe ke star uski vardi dekhkar kabir ko kitna dukh hua hoga..........

Jo kisi ka sabse bada sapna tha.........vo hi pura na ho paya........

Chacha ki maut heart attack se huyi...........lekin chacha ekdum savasth tha.......

Khair inspector ne abhi bhi kabir ko clean cheet nahi dee he......

Keep rocking Bhai
अधूरी इच्छाओं का बोझ आदमी को सम्भालना बहुत मुश्किल होता है भाई उदाहरण एक नौकरी के लिए कितने लोग मेहनत करते है मेरिट वाले की मेहनत को ज़माना शाबाशी देता है और कोई एक दो नंबर से मेरिट मे नहीं आ पाया उसका उपहास उड़ाते है मेहनत तो उसकी भी है. ऐसा ही चलता है. कबीर की उलझने उसकी अपनी पाली हुई है
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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बहुत ही शानदार लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Thanks
 

R_Raj

Engineering the Dream Life
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कहानी अब उसी तरफ पहुंच रही है जहां असली वज़ह मिल जाएगी मैं भी जल्दी से चाहता हूं ताकि कहानी को अतीत मे ले जा पाउ
Atīt ko chhupāne ke liye jitna jhol ho raha hai,
utna hi badh raha hai kabir aur hamara junoon us rāz tak pahuchne ka.

Dil to bas chāhta hai — kisi tarah waqt ko chīr ke turant wahan pahuñch jayein!
Jab aur jaha raj khulega !
 
Last edited:

Luckyloda

Well-Known Member
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#२६

“कुछ न कुछ तो करेगी बहन की लौड़ी ” आँखे मूंदे मैं सोचने लगा. परिवार के प्रति मेरा कोई विशेष मोह बचा नहीं था . खैर जब मैं गाँव में आया तो मालूम हुआ की चाचा की बॉडी आ चुकी थी और अंतिम संस्कार की तैयारिया हो रही थी . मैंने पुलिस जीप भी देखी तो मेरी उत्सुकता बढ़ गयी. दरोगा ने मुझे देखा तो वो मेरे पास आया.

“पोस्ट मार्टम रिपोर्ट तेरा बचाव कर गयी ” बोला वो

मैं-मैंने बोला था तेरे को मेरा कुछ लेना देना नहीं है

दरोगा- न जाने मेरा मन मनाता नहीं ये बात

मैं- थानेदार है तू , तेरा काम है कातिल को पकड़ना . मैंने नहीं मारा चाचा को पर एक बात तुझसे कहता हूँ अगर मुझे ये काम करना होता तो भी कोई पकड़ नहीं पाता . वैसे क्या मैं रिपोर्ट पढ़ सकता हु

दरोगा- ऐंठ बहुत है तुझमे.

मैं- ऐंठ नहीं है समस्या ये है की आजकल कोइ सच को मानता नहीं है . अनुमान पर आधारित हो गयी है जिन्दगी .

दरोगा- पोस्ट मार्टम में हार्ट अटैक है , पर डॉक्टर बता नहीं पाया की अटैक किस कारण आया . तेरे चाचा का शरीर एक दम स्वस्थ था उनके अनुसार.

मैं- मेरे लिए इतना बहुत है . वैसे ही जीवन में बहुत पंगे है चलो एक तो कम हुआ.

दरोगा- फिर भी जितना हो सके पंगो से दूर रहना

मैंने हाँ में सर हिलाया. उसकी वर्दी पर दो स्टार देख कर दिल में कसक से रह गयी , मेरी ही उम्र का तो था वो , शायद एक दो साल कम या ज्यादा पर इतना ही .

“क्या सोचने लगा कबीर ” दरोगा ने कहा

मैं- कभी ये वर्दी मेरी भी हसरत थी .

फीकी मुस्कान चेहरे पर लिए मैं आगे बढ़ गया. अंतिम संस्कार की तैयारिया लगभग पूरी हो गयी थी , कोई और दौर होता तो उसे कन्धा देने का हक़ मेरा होता . वो कहते है न की ब्याह के लिए पैसा और मुर्दे को अग्नि जरुर मिलती है भारी बारिश के बावजूद चिता में आग एक सेकंड में जल गयी. सबके जाने के बाद भी मैं बहुत देर तक चिता के पास बैठा रहा . मेरा बाप जब गया था तो मुझे लगा था की छत टूट गयी मेरे सर से , आज ऐसा लगा की जैसे कंधे टूट गए . बेशक कभी चाचा और मेरे सम्बन्ध ठीक नहीं रहे पर आज जो मैं महसूस कर रहा था उसे ही रिश्ते कहते थे. उस रात हवेली में चूल्हा नहीं जला. पूरी रात आँखों आँखों में कट गयी. सुबह मैं मंजू की माँ के पास गया .

“क्यों आया है तू यहाँ पर , क्या तुझे अब भी चैन नहीं ” उसकी माँ फट पड़ी मुझ पर

मैं- काकी, तुझे कोई शिकवा है तो मुझसे कह भाभी के पास जाने की क्या जरुरत थी . ये जानते हुए भी की परिवार बिखर गया है पहले जैसा कुछ नहीं रहा फिर भी तू उसके पास गयी .

काकी- मेरी छोरी को और कितना बर्बाद करेगा तू .

मैं- ऐसी कोई बात नहीं है काकी, निकाल दे तेरे मन के इस वहम को .

काकी- जिसकी जवान छोरी यु खुले में किसी और के साथ मुह काला करे उनका क्या ही जीना है . तुम दोनों तो बेशर्म हो गए, हमारी बची कुची इज्जत को नीलाम मत करो.

मैं- हवेली उसका भी घर है , तू क्या जानती नहीं उस बात को . अरे बचपन से रही है वो उधर, और जब उसका घर जल गया तो मैं कैसे मदद नहीं करूँगा उसकी

काकी- तेरे सिवा कोई और नहीं क्या कोई उसकी मदद करने वाला

मैं- तू ही बता कौन है उसका, तू उसकी माँ है तू ही भूल गयी उसे, तूने ही पराया कर दिया. भाभी के पास जाने की बजाय तू अपनी बेटी को सीने से लगाती यहाँ लेकर आती पर तू नहीं गयी उसके पास और बाते इतनी बड़ी बड़ी. हवेली में नहीं रहेगी तो कहाँ रहेगी बता .

काकी के पास मेरी बात का कोई जवाब नहीं था .

मैं- बचपन की साथी है वो मेरी, एक थाली में खाया साथ में बड़े हुए हम. जब उसने बताया की पति को छोड़ दिया तो इतना दुःख हुआ था मुझे . मैंने कल परसों ही उस से कहा था की घर बसा ले तुझसे ज्यादा मुझे परवाह है उसकी खुशियों की क्योंकि अपनी है वो . तेरे मन के मैल को तो मैं नहीं साफ़ कर सकता पर मैं तुझसे वादा करता हु की उसे उसके हिस्से की ख़ुशी जरुर मिलेगी. जब तक उसका नया घर नहीं बन जाता वो हवेली में ही रहेगी. अगर तेरी ममता जागी तो उसे यहाँ ले आना मैं खुद छोड़ जाऊंगा उसे पर अपनी बेटी को लेकर सर ऊँचा रख ऐसा कुछ नहीं किया उसने जो तुझे बदनामी दे.

दुनिया के दोहरे दस्तूर, अपने घर पर उसे रखना भी नहीं चाहती थी किसी और के साथ रहे तो इनको दिक्कत ही दिक्कत. वापिस आया तो पाया की मामी आई हुई थी.

“मंजू कहाँ है ” मैंने कहा

मामी- अपने विद्यालय गयी है कह कर गयी है की तुम खाना खा लेना .

मैं- तुमने खाया खाना

मामी- सोचा की तुम आओगे तभी खा लुंगी.

मैंने हाथ मुह धोये और हम खाने लगे.

मामी- तुम्हारे मामा मिलना चाहते है तुमसे

मैं- ये भी कोई बात हुई ,अभी मिलता हु उनसे. वैसे वो इधर क्यों नहीं आये

मामी- तुम जानते हो वो तुम्हारी माँ के कितना करीब थे, जब भी इधर देखते है उनका मन रो पड़ता है. मैंने सोचा की कही उनका बी पी न बढ़ जाये इसलिए इधर नहीं लायी .

मैं- फिर भी आना चाहिए था उनको

खैर, हमने खाना खाया . मामा मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे .

“कबीर, मुद्दते हुई मिले नहीं तुम ” मामा ने मुझे गले लगाते हुआ कहा

मैं- लौटा आया हूँ, अब नहीं नहीं जाने वाला

मामा- कबीर, तुमसे कुछ जरुरी बात करनी थी

मैं- जी

मामा- कबीर,कहने को तो कुछ नहीं है पर जो भी है बचा लो. घर का कलेश कुछ नहीं छोड़ता तीन मौत देख चूका हूँ अब और हिम्मत नहीं है. संभाल लो जो भी बचा है

मैं- मामा मेरा कोई दोष नहीं है , चाची मुझे कातिल समझती है पर ऐसा नहीं है . दूसरी बात जो भी हवेली से गया अपनी मर्जी से गया अब हवेली के दरवाजे उनके लिए बंद है . छोटी की शादी में मेरा रहा सहा भ्रम भी दूर हो गया. मैं तो आना ही नहीं चाहता था इस गाँव में अगर मुझे छोटी के ब्याह की सुचना नहीं मिलती पर अब आ गया हूँ तो बहुत से सवालो के जवाब तलाश करूँगा.

मामा- रिश्ते चाहे कितने भी दूर हो जाये रिश्ते टूटते नहीं है .

मैं- ये बात सिर्फ मुझ पर ही लागु नहीं होती.

मामा- तुम पर हक़ समझता हूँ इसलिए तुमसे ही कह सकता हूँ मुझे छुट्टी तीन दिन की ही मिली है पर मैं जल्दी ही वापिस आऊंगा और मिल कर कोशिश करेंगे की फिर से सब हंसी ख़ुशी साथ में जिए.

मामा के जाने के बाद मेरे पास कुछ नहीं था करने को हवेली जाने का मन नहीं था तो ताई के घर की तरफ कदम बढ़ा दिए..................


सब कुछ हासिल हो इस जिंदगी में ये मुमकिन तो नहीं..


अधूरी ख्वाहिशें जिंदगी जीने का सहारा देती है ⭐⭐




बहुत लाजवाब updates
 

Sagar sahab

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दुनिया बहुत बहन की लौड़ी है, जो भावुकता में फंस गया, उसने अपना चैन ही खो दिया, बस चूदाई करो और मस्त रहो!
बाकी कुछ ना धरा इस दुनिया में।
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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जलदी h
Atīt ko chhupāne ke liye jitna jhol ho raha hai,
utna hi badh raha hai kabir aur hamara junoon us rāz tak pahuchne ka.

Dil to bas chāhta hai — kisi tarah waqt ko chīr ke turant wahan pahuñch jayein!
Jab aur jaha raj khulega

Atīt ko chhupāne ke liye jitna jhol ho raha hai,
utna hi badh raha hai kabir aur hamara junoon us rāz tak pahuchne ka.

Dil to bas chāhta hai — kisi tarah waqt ko chīr ke turant wahan pahuñch jayein!
Jab aur jaha raj khulega !
जल्दी ही वहाँ तक पहुंच जाएंगे
 
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