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भाग 247 - मेरा दिन -बूआकी लड़की पृष्ठ १५३९
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Wah aage ki pat katha likhi ja rahi hai.भाग 247 - मेरा दिन -
बूआकी लड़की
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इन्होने तो अपना किस्सा पूरे डिटेल में बता दिया था आफिस में कैसे दिन कटा और वो नए प्रोजेक्ट वाली बात, लेकिन मेरी बात तो रह ही गयी थी, मैंने बात शुरू की थी शाम को घर आने के बाद से, लेकिन दिन में क्या क्या हुआ, ये भी तो बताना पड़ेगा न, अबतक की सब बात बताई, तो ये दिन कैसे रह जाएगा, पिछली पोस्ट में आखिरी लाइन में वादा भी किया था
बताउंगी, बताउंगी, आप सबको भी लेकिन अगली पोस्ट में, इनके आफिस जाने के बाद
असल में यह मरद लोग सोचते हैं न की जब ये आफिस में काम के बोझ तले दबे रहते हैं, बॉस की डांट खाते रहते हैं हम सब औरतें घर में मस्ती करती हैं, ( मेरा सोना मोना नहीं, इसने तो अपने सोचने का काम, आफिस के काम के अलावा, मेरे और अपनी सास के हवाले कर दिया है )
लेकिन हम जानते हैं कितने फोन करने पडते हैं, सास को ननद को, गप्पे मारनी होती हैं, रात में तो सोने को पहले दिन से नहीं मिलता तो सोना और लेडीज क्लब, किटी पार्टी या उसकी तैयारी, गिना नहीं सकती
तो कल भी, इनके आफिस जाने के बाद
काम शुरू हुआ इनके आफिस जाने के ठीक १७ मिनट बाद, ... इनकी फुफेरी बहन का फोन आया, बूआकी लड़की मिन्नी का, हाईस्कूल में गयी अरे वही मिसेज मोइत्रा के रसगुल्लों की ही उम्र की बताया तो था उसके बारे में
ये कच्ची उमर की लड़कियां और गरमाई रहती हैं, जबतक एक बार कस के ठुकाई न हो जाए और ये मिन्नी तो और, गुड्डी ने पिछली बार जब फोन पे वीडियो कांफ्रेंस कराई थी तो चढ़ा के उसकी ब्रा तो खुलवा ही दी थी, उभार अभी बस आ ही रहे थे, ३० नंबर था, गुड्डी से दो कम, लेकिन कप साइज सी थी पर सबसे बड़ी बात चुनमुनिया एकदम प्यारी सी, झांटे नयी नयी खूब मुलायम बस थोड़ी सी और छोटी छोटी, ... और चुनमुनिया इतनी टाइट दरार भी मुश्किल से ही दिखती थी.
लेकिन आज मेरी मिन्नी ननद रानी एकदम घबड़ायी, जैसे पता नहीं किस मुसीबत में फंस गयी हो,/
" भाभी, आपने मम्मी को बुलाया है क्या, वो मुझसे साथ चलने को कह रही थीं, लेकिन, ... " घबड़ायी हुयी आवाज में वो बोल रही थी।
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" तुझे अपने भैया से चुदवाना है की नहीं, ... " मैं सीधे मुद्दे पर आ गयी।
" वही तो, हाँ,... लेकिन " रुक रुक के वो बोल रही थी जैसे समझ न पा रही हो क्या बोले, कैसे बोले, ... फिर कुछ रुक के बोली
" वही तो परेशानी है, भैया के साथ,... तो,... लेकिन मम्मी साथ में रहेंगी तो कैसे,... " अब उसने अपनी परेशानी का राज खोला।
मैंने उसे अपनी ट्रिक नहीं बताई, की कैसे इनकी बूआ, मेरी ननद की मम्मी खुद अपने हाथ से मेरी ननद के हाथ में उसके भाई का, अपने भतीजे का लंड पकड़ाएंगी। . लेकिन मैंने एक घिसा पिटा मुहावरा दुहराया,
" तुझे आम खाने से मतलब है की पेड़ गिनने से "
सच में ससुराल मुझे सुन के मिली थी, सारी नंदन पैदायशी छिनार, ... मिन्नी हंस के बोली,
" भाभी मुझे केला खाना है "
पक्की शैतान लेकिन मैंने उस बात को इग्नोर करके दूसरा सवाल दाग दिया,
" मैडम जी अगर तुझे तेरी मम्मी के साथ नहीं बुलाती तो क्या तू अकेले आ पाती ? "
" हं ये बात तो है भाभी " अब थोड़ा समझते हुए वो बोली,
" तो घबड़ायेगी तो नहीं, फटने के बारे में सोच के फट तो नहीं रही है तेरी,... वैसे भी तुझे तो सब बच्ची समझते होंगे "
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अब वो गुस्सा हो गयी,
" समझते होंगे लेकिन हूँ नहीं, साल भर पहले से मेरा खून खच्चर चालू हो गया है, मेरी क्लास की चार लड़कियों की चिड़िया मुझसे पहले से उड़ रही है। फिर आप की फटी, गुड्डी दी की फटी,... और गुड्डी दी से तो मेरी अक्सर बात होती है। दिल्ली से भी कल रात में बात हुयी थी। वो बोल रही थीं पहली बार करवाने में तो दर्द हुआ, बहुत हुआ जब खून निकला था लेकिन उसके बाद तो मज़ा, सिर्फ मज़ा। अब गुड्डी दी करवा सकती हैं तो मैं क्यों नहीं, मैं उनसे मुश्किल से तीन साढ़े तीन साल छोटी हूँ,...
और उसका एक ही इलाज था, उसे चिढ़ाना।
" हे करवाना, मतलब क्या करवाना, यार तुझे तो ये भी नहीं मालूम जो गुड्डी तेरे भैया से करवाती थी उसे कहते क्या है, बोलने की तो हिम्मत नहीं करवाओगी क्या ? "
वो चुप रही और मुझे मौका मिल गया, और रगड़ने का " बोल न बिन्नो, क्या करवाएगी अपने भइया से, अगर बोल देगी तो पक्का करवा दूंगी,... मम्मी नो मम्मी। "
" वो वो, ... " बोलते बोलते वो रुक रही थी , फिर हिम्मत कर के एक झटके से बोल दिया,
" चुदवाउंगी "
" अरे मेरी ननदिया बारी जाऊं, जरूर चुदवाउंगी तुझे तेरे भैया से और तेरी गाँड़ भी मरवाउंगी घबड़ा मत बस हफ्ते भर की बात है "
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मैंने अगले हफते का उसका राशिफल बता दिया।
और होमवर्क भी।
Kya home work diya hai komal g aapne.होमवर्क ननदिया का
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" देख हर लड़का चाहता है की लड़की मुंह में ले ले, मैंने तेरे भैया का पिक भी भेजा था चुसवाते,... तो पहले उसकी प्रैक्टिस, "
" यस भाभी " वो अच्छे स्टूडेंट की तरह बोली, लेकिन मेरी अंदर की भाभी, मैंने फिर से छेड़ा
" हे क्या चुसोगी अपने भैया का "
" वो वो,... लंड " हिम्मत कर के उसने बोल ही दिया।
" अबे स्साली, लंड बोलने में तेरी फट रही है तो लेगी कैसे अंदर," ननद को गरियाने, चिढ़ाने, हड़काने का मौका कौन भाभी छोड़ देती है, जो मैं छोड़ती।
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फिर मैं काम की बात पे लग गयी, मुंह में लेने में सबसे बड़ा ख़तरा गैग रिफ्लेक्स का रहता है और उनका है भी पूरा बरेली का बांस। हलक भी छील के रख देता है। तो पहला काम मैंने उससे बताया की मुंह में दो ऊँगली डाले, हलक तक,... जब उसे मचली आने लगे तब भी न निकाले। थोड़ी देर में वो फीलिंग खतम हो जायेगी, उसके बाद दुबारा,... रोज चार पांच बार करो, ... '
वो ध्यान से सुन रही थी, ये मेरी ननदें अपने भाई से चुदवाने के लिए कुछ भी करेंगी।
" और मुझे शाम को बताना भी सेल्फी भी लेना , टारगेट है की एक दो दिन में तुम चार पांच मिनट तक कम से कम बिना कुछ घबड़ाये ऊँगली हलक तक डाल लो और खूब जोर जोर से चूसना, जैसे लॉलीपॉप चूसती है स्साली, और सुन एक दो अपनी लॉलीपॉप चूसती सेल्फी, होंठो के क्लोज अप वाली भी भेजना तेरे भैया को ललचाऊँगी "
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जी भाभी, मिन्नी बोली।
और मैं जान रही थी की एक बार बस लंड हलक तक पहुंच जाए फिर कौन मरद बिना चुसवाये छोड़ देता है। लेकिन तब ही मुझे बाहर वो जो जासूस करमचंद की औलाद, गाजर का ठेला लगाए था उसकी याद आ गयी और मैंने मिन्नी को दूसरा काम पकड़ाया।
" सुन आज कल गाजर काफी ताज़ी आ रही है "
" भाभी आपको क्यों गाजर मूली खीरे की जरूरत पड़ गयी आप के पास तो असली वाला है " नन्द भी चिढ़ाने का मौका नहीं छोड़ रही थी।
" एकदम और आओगी तो असली वाला तुझे भी मिलेगा लेकिन प्रैक्टिस करने के लिए तो एक खूब लम्बी गाजर ले, कम से कम आठ नौ इंच की। बस जैसे ऊँगली से करना था उसी तरह गाजर से और सिर्फ होंठों का जोर, गलती से भी दांत न लगे , और अब पूरी ताकत से चूसना , पांच छह मिनट तक,... "
" आप तो मुझे पहले से पक्की कर देंगी " हँसते हुए वो बोली।
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" और इम्तहान तेरे भैया ही लेंगे लेकिन चल मैं तुझे कुछ साइट्स की लिंक भेज देती हूँ कुछ और पिक्स और वीडियो भी हां एक काम तेरे भैया को चिकनी चमेली पंसद है तो तो कम्प्लीट वैक्सिंग, सिवाय,... " और मैंने बात यही छोड़ दी।
"सिवाय,... मतलब " अब उस को चींटी काटने लगी।
" मतलब झांटे बहुत ज़रा सी इन्वर्टेड ट्राइंगल की तरह ठीक क्लिट के ऊपर वो भी बहुत हल्की सी बस लगे की यहां छूटी हैं,...और उस की एक पिक भी भेज देन। "
मैं सोच रही थी स्साली के भाई को दिखा दिखा के ललचाऊँगी। ये स्साली तो पट जायेगी, लेकिन इसका भाई ही स्लो लर्नर है, गुड्डी के ऊपर ही उसे चढ़ाने में मुझे, मम्मी और गीता की कितनी मेहनत करनी पड़ी, जबकि बचपन से उसकी अमिया देख के ललचाता था। "
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और मैंने साथ में ब्राजीलियन वैक्सिंग की चुनमुनिया की एक पिक भेज दी। लेकिन फिर मैंने काम की बात पूछ ली
" मम्मी ने तुमसे क्या कहा था , और तूने क्या जवाब दिया "
" मम्मी तो बड़ी उत्सुक थीं जाने के लिए, मुझसे बोली की तेरी दो दिन की छुट्टी है एक दिन की छुट्टी मार लेना मैं ही कुछ अर्जी बना दूंगी, फिर सैटरडे संडे , तो चार पांच दिन के लिए चल चल चलते हैं,. मेरी कुछ समझ में नहीं आया। मुझे लगा पहले एक बार आपसे बात कर लूँ तो मैंने बहाना बनाया की मैं जरा स्कूल में चेक कर लूँ की कोई टेस्ट वेस्ट तो नहीं है फिर बता दूंगी। " वो बोली।
सच में मेरी ननद चालाक हो गयी थी।
" देख तो तू अपनी ओर से हाँ मत करना लेकिन नहीं भी नहीं। मतलब उन्हें ये अंदाज न लगे की तू चुदने के लिए आना चाहती है " मैंने उसे इशारा किया।
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" समझ गयी भाभी, मना नहीं करुँगी, लेकिन ये बहाना बनाउंगी की अगले हफ्ते टेस्ट है, उस पीरियड में तो नहीं हैं। हाँ एक एक्स्ट्रा क्लास थी वो कैंसल हो गयी है पर घर पर रहने पर टेस्ट की तैयारी हो जाती, लेकिन आप कह रही हैं तो चल चलती हूँ और उस सब्जेक्ट की किताब ले लुंगी. वहीँ पढ़ लुंगी। "
एक झटके में उसने प्लान भी बना दिया और बता दिया।
लेकिन तब तक मेरे दो मिस्ड कॉल्स के बज्र बज गए थे और चार व्हाट्सऐप के।
" एकदम सही है , कल चल बात करती हूँ और पिक और लिंक भेजती हूँ तुझे " कह के मैंने फोन रख दिया। सच में मिन्नी जबरदस्त चुदवासी लग रही थी।
काम बहुत थे लेकिन ये काम सबसे जरूरी था, मुझे इस कच्ची अमिया को इनके नीचे लिटाना ही था, कुछ भी हो मतलब कुछ भी हो,
असल में मैं एक साथ तीन शिकार कर रही थी एक तीर से लेकिन जिसका सबसे ज्यादा शिकार हो रहा था उसे हवा भी नहीं थी, की उसकी गार्डन कैसे काटी जा रही थी।
और वो सबसे बड़ा शिकार हो रहा था, जो दुष्ट पापी मेरे फोन की बात सुन रहा था और मेरे साजन की नौकरी और कम्पनी दोनों के पीछे पड़ा था। उन्होंने जब से ये बताया था, मुझे रिपोर्ट पढ़वाई थी जिसमे इनके सर्वेलेंस वालों का शक था की ये ठरकी आदमी हैं और जो कम्पनी इनकी एक्वायर होने से बची उसमे इनके हाथ होने के चांस कम हैं लेकिन क्योंकि और किसी पर शक की सुई नहीं घूम रही थी तो अगले दस पंद्रह दिन इनका जबरदस्त सरवायलंस हो रहा था और लगे हाथ मेरा भी फोन हैक हो गया था, घर में इंच इंच पे कैमरे लगे थे, कुछ ये आफिस की बात करे कोई ऐसी हरकत हो तो उनके ऊपर शक हो जाता
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और मैं उन दुष्टों का इलाज समझ गयी थी, उन्ही के फोन उन्ही के कैमरे से उनका पिछवाड़ा लाल करना था, और यही दिखाना था की ये लड़का ठरकी नहीं महा ठरकी है, कच्ची कलिया हों, बड़ी उम्र की औरतें हों किसी को नहीं छोड़ता, अपनी बहनों को भी नहीं
और एक बार कुछ शक कम होता तो शायद सर्वेलेंस भी कम हो जाता और इनका कंम्पनी बचने वाला काम भी चल निकलता
तो असली और पहला शिकार वही थे, मुझे कुछ भी करके अपने मरद को महाठरकी दिखाना था
दूसरी परेशानी, मेरी अगले हफ्ते पांच दिन वाली छुट्टी थी, तो मेरा मरद तरसता क्या, और खुद तो वो शिकार कर नहीं पाता। एक गुड्डी थी तो वो दिल्ली में कोचिंग में जूझ रही थीं, तो ममेरी न सही फुफेरी बहन सही
और तीसरा शिकार ननद और उसकी माँ , ननद पे मरद चढाने का मजा ही और है लेकिन अभी मिस्ड कॉल्स मेरा इन्तजार कर रहे थे तीज पार्टी को लेकर भी बहुत काम फैला था।