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Nice Updateभाग- ८
भोर के चार बजे आसपास मेरी नींद खुली जोर से पेशाब लग रही थी मैं चुपके से उठ कर अपने कपड़े समेट कर अपने कमरे की ओर नग्न अवस्था में ही भागी और आकर पेशाब करने के बाद रोशन के बगल में लेट गई
ना रोशन जान पाया ना ही मेरे ससुर को कुछ पता चला
सुबह सात बजे रोशन ने जगाया मेरा तो पूरा बदन दर्द कर रहा था उफ्फ रात में जो ससुर ने मेरी जिस्म से जवानी के रस को निचोड़ दिया मैंने भी कई महीनों के बाद अपनी प्यास बुझाई
रोशन- रात में तुम कब आई, मुझे तो पता ही नहीं लगा
मैं- वो पापा ने कहा कि छींक बहुत आ रहा है और बदन हल्का दर्द कर रहा है, तो मैंने पापा के पूरे बदन पर तेल लगा दिया इसलिए जरा देर हो गई और मेरे आने तक आप सो चुके थे
रोशन- बहुत ही अच्छा किया रश्मि तुमने
मै- पापा जाग गए हैं क्या की सो ही रहें हैं
रोशन- उठ कर बाहर garden में ही टहल रहे हैं आज
नहीं गए सैर करने के लिए शायद वो भी आज देर से ही उठे हैं
मैं- हम्म.… अभी कैसे हैं
रोशन- मुझे तो कहा ठीक हूं
एक बार तुम भी पूछ लो
मैं- हां हां, देखती हूं कहां हैं पापा जी
बोल कर बाहर निकल गई
तो देखा पापा जी आज घर के गार्डेन में ही कसरत कर रहे थे
मैं भी वहां आ गई और उनकी ओर देख कर पूछा
मैं- अभी तबीयत कैसा है पापा जी
शरमाते हुए कहा
ससुर- बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा हूं बहू कई दिनों बाद आज नींद बहुत आई और तुम बोल कर मेरी ओर देखा
मैं उनको बगल में खड़ी हो कर कसरत करते हुए देख रही थी और एक sleeveless सूट में थीं
मैं - पापा जी मेरा तो बदन हल्का सा दर्द कर रहा है
ससुर- तो मालिश कर दू क्या
मैं- नहीं……
ससुर- देखो तुमने मालिश की तो आज मुझे अच्छा लग रहा है तो क्या मैं तुम्हारी मालिश नहीं कर सकता
मैं - वैसी बात नहीं है पापा जी, बस जरा सा दर्द है
ससुर- तुम रोज मेरी तरह जॉगिंग किया करो या फिर योगा फिट रहना है तो
मैं- जी
ससुर- तो फिर चेंज करके आवो मै तुम्हे सिखाता हूं जॉगिंग
मैं- आज नहीं पापा कल से
ससुर- ठीक है साथ ही डाइट का भी ध्यान रखना होगा
मैं बस डाइट के बारे में पूछने ही वाली थी की ससुर जी के मोबाईल पर रिंग बजी
ससुर ने कॉल रिसीव किया
ससुर- Hello कौन
दूसरी तरफ से- Hello बाबू जी मैं शंकर बोल रहा हूं
ससुर- हां बोलो शंकर क्या बात है
दरअसल शंकर मेरे ससुराल के गांव वाले जमीन पर खेती बारी करता है और वही पुस्तैनी जमीन की रखवाली करता है
ससुर जी केवल साल में एक बार ही जाते हैं या फिर कोई काम रहने पर
शंकर- बाबू जी वो……वो……
ससुर जी चिल्लाते हुए- वो क्या कुछ बात बोलोगे
शंकर- जी सरपंच ने नहर के पास वाले जमीन पर कब्जा कर लिया है
ससुर- तुमने कुछ कहा नहीं
शंकर- बोला तो उसने मुझे बहुत पीटा बाबू जी आप जल्दी से आ जाईए
ससुर - आज ही आता हूं
बोल कर कॉल cut किया
मैं- क्या हुआ पापा जी
ससुर- वो गांव कि जमीन पर किसी ने कब्जा कर लिया है
मैं- अब क्या होगा पापा जी
ससुर- मै आज ही जाकर देखता हूं और वकील से भी मिलना होगा
मैं- ठीक है पापा जी आप तैयारी करो मै आपके लिए कुछ बना देती हूं
और पापा रेड्डी होने लगे
ससुर- बहू मै निकल रहा हूं और अच्छे से रहना रोशन का खयाल रखना
मैं- जी पापा, कब वापस आएंगे
ससुर- कुछ कह नहीं सकता हो सकता है एक दो हफ्ता लग जाएगी
मैंने अपना सर हिलाया और फिर जाते समय ससुर के चरणस्पर्श करने के लिए झुकी तो मेरी सीने से आंचल सरक गया और ससुर ने जाते जाते मेरे कठोर चूचियों के दर्शन कर लिए
ससुर जी के जाने के बाद मै अपने कामों में लग गई
दोपहर को मैं और रोशन कमरे में बैठ कर बातें कर रहे थे कि
To be continue……
complete ho Gaya haiKetta मित्र इस कहानी को अब आगे लिखोगे या या फिर कोई दूसरी अधूरी कहानी लिख रहे हो ?
Apne bola story khatam par yaha to abhi tak pati ot patni ka milan hua hi nahiभाग ३७
पापा ने दीदी को बाहों में समेट लिया और दीदी के गालों को चूम लिया
दीदी - उम्म्म......!! पापा जी
पापा ने गालों के साथ साथ दीदी की गर्दन पर भी अपने जीभ फिरा दिया
दीदी बोली - बस पापा क्या कर रहे हैं
पापा - बहुत दिनों से अपनी बेटी को प्यार नहीं किया ना
दीदी - पर......
पापा - अरे बचपन में तो ऐसे ही तुझे प्यार करता था
दीदी - पर वो बात कुछ और थी पापा
पापा ने अचानक दीदी को छोड़ दिया और उससे अलग हो गया
पापा थोड़ा मायूस होकर बोले
पापा - अब मैं अपने बच्चों को प्यार भी नहीं कर सकता
दीदी - पापा आप नाराज हो गए क्या
पापा - मैं कोन होता हूं जो तुझे से नाराज होऊंगा
दीदी - अरे मेरा मतलब वो नहीं था पापा
पापा - फिर क्या मतलब था
दीदी - अच्छा बैठिए पहले पानी पी लीजिए
पापा - ठीक है जा ले आ
पापा सोफे पर बैठे और दीदी पानी लेने जा रही थी तो उसके मादक गांड आपस में थिरक रहे थे
दीदी ने जाते जाते मूढ़ कर पापा को देखा और पापा जी नजरे नीचे करके बैठे थे
दीदी को लगा उसने पापा को अपसेट कर दिया
फिर दीदी एक जग में पानी ले कर आई और पापा के सामने ग्लास में पानी भर कर देने लगी तभी बिजली चली गई
और पापा भी हड़बड़ाते हुए सोफे उठे
दीदी - उफ्फ...
शायद दोनों आपस में टकरा गए
कुछ देर में ही लाइट आ गई
टकराने से जग का सारा पानी दीदी पर गिर गया और उसके कपड़े भीग गए
पापा - सॉरी बेटा
दीदी - कोई बात नहीं पापा मैं चेंज कर लेती हूं
बोल कर दीदी जानें के लिए जैसे ही मुड़ी उसके पैर फिसल गए
पर पापा ने दीदी को संभाल लिया
पापा - सारा फर्श गीला हो चुका है और तुम्हारे पैर भी
दीदी - जी पापा
तभी पापा ने दीदी को गोद में उठा लिया
दीदी - अरे पापा ये क्या कर रहे हैं मैं चली जाऊंगी
पापा - नहीं तेरे पैर गीले हैं
दीदी - आपके दामाद तो मुझे उठा नहीं पाते
पापा - वो नहीं उठा सकते तो मैं क्या कर सकता हूं मुझे भी कमजोर समझा है क्या
दीदी - नहीं नही ऐसी बात नहीं है आप तो बलिष्ट है
फिर पापा ने दीदी को गोद में लेकर दीदी के रूम की तरफ़ जाने लगा
दीदी और पापा के चेहरे बिल्कुल करीब थे
तभी पापा ने धीरे से दीदी को चूम लिया
![]()
इस बार दीदी ने कुछ नहीं बोला पापा को
दीदी के चेहरे से कामुकता झलकने लगी थी
फिर पापा ने दीदी को उतारा तो दीदी ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी
पापा - क्या हुवा
दीदी - एड़ी में दर्द हो रहा है
पापा - लगता है तेरा पैर लचक गया है मालिश करना होगा
दीदी बोली
दीदी - पापा मैं चेंज कर लेती हूं पहले
पापा - ठीक है मैं किचन से moov ले कर आता हूं
दीदी अपने कमरे मे कपड़े बदल रही थी तभी पापा मूव लेकर दरवाजे पर थे और दीदी को कपड़े बदलते देख रहे थे
पापा का लन्ड खड़ा हो गया था
दीदी की गदराई बदन देख कर
पापा अपने लन्ड को सहला रहे थे
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दीदी कपड़े बदल कर डोर की तरफ़ देखा तो सीधे पापा के लन्ड पर पड़ी
दीदी की आंखे खुली की खुली रह गई और अपनी नजरे झुका कर मुस्कुराने लगी
image upload
पापा को होश आया तो अपना लन्ड अन्दर कर लिया
पापा - आओ बेटी तेरी मालिश कर देता हूं
दीदी - वहां खड़े होकर क्या कर रहे थे पापा (दीदी ने चुटकी ली)
पापा (सकपका कर)- का... का... कुछ नहीं
दीदी - आपने मुझे चेंज करते हुए देखा ना
पापा - नहीं बेटी
दीदी - झूठे हैं आप
पापा - वो तो.....
दीदी - सच बोलिए
पापा - (नजरे नीचे करके) देखा पर उस नज़र से नहीं
दीदी - फिर किस नज़र से देखा मेरे गोरे बदन को
पापा - अरे तुम तो मेरी प्यारी बेटी हो
दीदी अब पापा से मजा लेने लगी थी
पापा की बोलती बंद करके
एकदम से हस पड़ी
दीदी - ही .... ही.....
फिर ये तंबू जैसा क्या है पापा
दीदी पापा के लन्ड की ओर इशारा कर दिया
पापा - ये तो ऐसे ही
दीदी - मैं भी एक औरत हूं पापा समझ सकती हूं आप अकेले मां के जानें के बाद
पापा -(फुसफुसाते हुए) औरत हो तो दोगी क्या अपना बदन
दीदी - कुछ कहा
पापा - लेट जा मालिश करने दे
फिर दीदी लेट गई और पापा दीदी की पैरों को मालिश करने लगा
पापा ने धीरे धीरे से दीदी की मालिश करते करते दीदी अपने हाथों को ऊपर की ओर सरकने लगा और दीदी की मांसल जांघो तक पूहंच गया
दीदी को भी गर्म अहसास हो रहा था
फिर पापा ने दीदी को धीरे से उठा कर बैठा दिया और पीछे से दीदी गोरी गोरी पीठ पर हाथ फेरने लगा दीदी कसमसाने लगी
अब पापा ने दीदी के गले को चूम लिया
दीदी - आह......
अब पापा ने अपने होंठो को दीदी की होंठ पर रख किस करने लगा
दीदी की पलके भारी होने लगी और वो होश खोने लगी थी
पापा ने दीदी को चूमते चूमते बिस्तर पर लिटा लिया और एक हाथों को दीदी से दीदी की चूची को ब्लाउज़ के उपर से ही सहलाने लगा
दीदी मदहोश हो रही थी
पर दीदी ने पापा को अलग कर दिया और जाकर कमरे का लाइट बंद कर बोली
दीदी - एक मिनट रुको पापा
5 मिनट बाद वो पापा के पस आ कर बोली
दीदी - मुझे बचपन की तरह आज गोद में ले लो पापा
पापा ने पहले लाइट ऑन किया तो दीदी का रूप देख कर सन रह गया और फिर उसे गोद में लेकर बेड की ओर गया और ऐसे बेड पर गिरा दिया
धीरे धीरे पापा ने दीदी के कामुक चूची को आजाद कर दिया दीदी ने ब्रा नहीं पहना था
पापा दीदी के कानों को चूम रहे थे और दीदी की गोलाईयों दबाते हुए उसकी काले काले अंगूर की तरह निप्पल को घुंडियो घुमाने लगे
दीदी - आह....... उफ्फ...... दीदी की सिसकी निकली
अब पापा ने दीदी की चूची को मुंह में भर लिया और दीदी के नाभि में उंगली डाल कर सहलाने लगा दीदी का बदन कसमसा रहा था
दीदी की सांसे तेज चल रही थी और दीदी का सीना उपर नीचे हो रहा था
पाप पूरा मस्ती में चुचियों को चूस रहे थे बारी बारी से
फिर पापा ने दीदी के बदन से सारा कपड़ा अलग किया अब दीदी केवल एक डोरी वाली पैंटी में थी
पाप ने किस करते करते दीदी के नाभी तक पहुंच गया और जैसे ही दीदी की पैंटी को अपने मुंह से पकड़ा तो दीदी ने पापा को रोका
दीदी - नहीं वो नहीं पापा
पापा दीदी के कानों पर धीरे से बोले अभी मैं पापा नहीं हूं
अभी बस मैं एक मर्द हूं और तुम एक जवान खुबसूरत औरत
इससे ज्यादा कुछ नहीं
दीदी - पर पापा
पापा - नो पापा , अभी अपनी जिस्म की प्यास बुझाए
और पापा ने दीदी के बुर को उपर से रगड़ने लगा दीदी अपने बुर पर हाथ लगने से चुहांक उठी
दीदी - उईईई......
पापा - मैं उतारू या खुद निकलेगी अपनी पैन्टी
दीदी सरमाते हुए अपनी पैंटी इस तरह से उतारने लगी
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दीदी की पतली गुलाबी पैन्टी बहुत ही सुन्दर थी
अब दीदी का गुलाबी बुर पापा के आंखो के सामने था तो पापा से रहा नहीं गया और
बुर मे मुंह लगा दिया
दीदी - आऊऊ......... अअह्ह्ह्ह..........
और बुर चाटने लगा पापा दीदी का
दीदी पूरा छटपटाने लगी और जोर जोर से सिसकारी भरने लगी थी
दीदी - अअह्ह्ह्हह्ह............ उफ्फफ्फ....….... आऊओऊओ............
पूरे कमरे मे दीदी की सिसकारी गूंज उठी थी
अब पापा ने अपना लन्ड दीदी को पकड़ा दिया दीदी भी गर्म हो कर पापा के लन्ड से खेलने लगी
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फिर पापा ने दीदी के मुंह में लन्ड पेल दिया
पापा - अअह्ह्ह.....….. ऐसे ही चूसो मेरी जान
पापा ने दीदी को पकड़ कर उसके मुंह पर अपना लन्ड अन्दर तक डाल रहा था
कुछ देर मुंह में पेलने के बाद दीदी को सीधा लिटा दिया और अपना काला मोटा 11 इंच का लन्ड दीदी की बुर पर अड़ा दिया
फिर जोर से दीदी की गीली बुर में धक्का लगाया दीदी जोर से चीख पड़ी
दीदी - उईईईई........... मा..... आ.........
पापा का लन्ड दीदी की बुर को चीरते हुए अंदर समा गया
और पापा दीदी की चूदाई करने लगा दोनों की सिसकारी कमरे के बाहर तक आ रहा था
अब पापा ने दीदी को चेयर पर बैठा दिया और दीदी की गांड में लन्ड पेल दिया
दीदी - उफ्फ.......... आ..... अअह्ह्ह्हह...........
फिर दीदी को बाथरुम ले गया और पीछे से चोदने लगा
पापा दीदी के बुर पेलते हुए
पापा ने दीदी को बेडरूम और बाथरुम सब जगह पेला
और फिर सारा वीर्य उसके बदन पर उड़ेल दिया
दीदी को चोद कर पापा अपने कमरे में चले गए और दीदी ने कपडे पहने और सो गई
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newbridge on the charles
सुबह जब शंकर ने डोर नॉक किया तब सबकी नींद खुली
पापा - क्या हुवा शंकर
शंकर - मुखिया ने कल 10 बजे एक बैठक बुलाई है बगीचे में
पापा - ठीक है
ठीक उसी समय मेरी पत्नी का कॉल आया
रश्मि - हेलो, कैसे हैं
मैं - ठीक हूं और जीजा जी वापस चले गए
रश्मि - बस निकल रहे हैं आप लोग कब आ रहे हैं
मैं - बताता हूं ओके
रश्मि - ठीक है
फिर फ़ोन काट कर पापा के पास गया
मैं - क्या बोला शंकर ने
पापा - कल मीटिंग है 10 बजे
मैं - वो
पापा - एक काम करो बहु को भी बुला लो
मैं - जी पापा
फिर मैंने रश्मि को कॉल कर शाम तक आने बोला
पापा नाश्ता करके वकील से मिलने चले गए
और मैं अपने एक पुराने मित्र से मिलने गया
दोपहर तीन बजे वापस आया तब तक पापा आ गए थे
फिर मैं 5 बजे अपनी पत्नी को लेकर घर आया
रात में डिनर पर मीटिंग के बारे बात हुई
फिर सुबह 10 बजे लोग इक्कठा होने लगे
मुखिया जी आने के बाद
सरपंच को भी बुलाया गया
हम लोग सब साथ में थे
दोनों ने बहुत ही सेक्सी साड़ी पहनी हुई थी
तभी सरपंच हमारे तरफ़ से आया और रश्मि के गोरे कमर में हाथ फेरते हुए निकल गया
रश्मि - धीरे से अअह्ह्ह्ह.......
prairie seeds academy
फिर मीटिंग में काफी देर तक बहस चला और अंत में फैसला हमारे पक्ष में मिला
नदी किनारे की जमीन से सरपंच कब्जा हटाने के लिए मान गया
तो पापा ने भी कहा की मैं केस वापस ले लूंगा
सरपंच और पापा ने एक दूसरे को गले लगाया
पापा ने शाम को मुखिया और सरपंच को डिनर पर बुलाया
शाम को घर पर शंकर और उसकी पत्नी डिनर की तैयारी शुरू कर दिया
और मेहमानों के स्वागत के लिए दीदी और रश्मि तैयार थी
कविता दीदी सोफे पर बैठ कर इंतजार कर रही थी मेहमानों का और मेरी पत्नी ऐसे थी
दोनो ने बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहन रखी थी
दोनों की मुलायम मादक जांघें और कामुक चूची कमाल लग रही थी
मेरी पत्नी रश्मि
photo host
THE END
Dukh hua aise story ke khatam hone par jis admi ne apna sab kuch kho diya use kuch mila hi nahi par jaise writer ki iccha
sorry broDukh hua aise story ke khatam hone par jis admi ne apna sab kuch kho diya use kuch mila hi nahi par jaise writer ki iccha
Kya ek part nahi mil sakta shirf ek mere sstisfaction ke liye ki husband ko wife wapas milgey please sab ne to wife ke maze liye please Ketta ji pleasesorry bro