imDelhiboy
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Thanks bro आगे जाकर इससे भी ज्यादा मजा आएगाMast plot hai
Ok update aane do furtherThanks bro आगे जाकर इससे भी ज्यादा मजा आएगा![]()
Thanks BuddyNICE START MATE
Bahut hi jabardast update hai….अपडेट - 5हमारे घर वेलूर ( कोट्टयम का एक जिला) से निकलकर हम लोग सिटी की ओर चल पड़े,Main सिटी से हमारा घर तक करीब 9km की दूरी पर था,इस नीले आसमान के नीचे घने पेड़ो के बीच से गुजरकर हम दोनों सिटी की तरफ बढ़ रहे थे,हालांकि घर के पास 3km दूर चलते ही एक Bypass Road पड़ता था जो हमें सीधे सिटी के बीच पहुंचाता था पर मैं रुचि के साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहता था,जिसकी वजह से मैने लंबा रास्ता चुना,रुचि मुझसे लिपटकर अपनी आंखे बंद किए चुपचाप बैठी हुई थी,उसके चेहरे पर एक शांति थी जो हर लड़की के चेहरे पर उभरती है जब वो अपने प्यार की बाहों में होती हैं। कुछ देर तक वही खामोशी बरकरार रही,मेरे कानों में सामने से आ रही हवाओं की आवाज गूंज रही थी।
रुचि को इतना गुमसुम पहली बार देखा था इसलिए मैने इस खामोशी को तोड़ते हुए कहा,"Hey Ruchi!! Are you Here?" जिसके जवाब में उसने सिर्फ Hmm कहकर जवाब दिया।
"तो फिर इतना खामोश होकर क्यों बैठी हो?"
"मुझे तुम्हारे साथ बीत रह इस पल को enjoy करने दो।" रुचि पता नहीं क्यों खोई-खोई बातें कर रही थी इसलिए उसकी बात सुनकर मै बस मुस्कुराने लगा।आज सुबह से जिस तरह से हमारा रिश्ता आगे बढ़ रहा था उसको लेकर मेरे मन में कई सारे ख्याल चल रहे थे जिसके बारे में रुचि से बात करने का इससे अच्छा मौका मुझे नहीं मिल सकता था।
"रुचि तुम्हे नहीं लगता हमारे बीच नजदीकियां काफी बढ़ गई है,हमारा रिश्ता एक नॉर्मल कजिन जैसा नहीं है,उन रिश्तों की दीवारों को तोड़कर हम बहुत आगे बढ़ रहे है" मेरी ये बात सुनकर उसने आँखें खोली और मेरी तरफ देखकर पूछा,"तुम अचानक ये सब बाते क्यों कर रहे हो?" जिसके जवाब में मैने कहा,"तुम और में हम दोनों जानते है जो रिश्ता हम दोनों के बीच बढ़ रहा है उसे हम कोई नाम नहीं दे सकते और जहां तक मै समझता हूं ये प्यार नहीं है क्योंकि ये रिश्ता हमारे जिस्मों से आगे बढ़ा और ये सिर्फ हम दोनों के जिस्मों की प्यास बुझाने के लिए है।"
मेरी यह सब बातें सुनकर वो कुछ सोचने लगी इसलिए मैने अपनी बात को आगे बढ़ाया,"मै यह सब इसीलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं सब बातें पहले ही Clear कर देना चाहता हूं ताकि In Future हम दोनों में से किसी को कोई Guilt ना हो और आज सुबह से बढ़ रहे हमारे Sex Relation की वजह से तुमने अपने मन में की आस बांध रखी है कि मैं इस रिश्ते को कोई नाम दूं तो तुम मुझे बता सकती हो क्योंकि मै तुम्हे बस खुश देखना चाहता हूं।" मैने अपनी बात को रुचि के सामने रख दिया,जिसे सुनकर कुछ देर तक एक सन्नाटे के साथ मेरी बाइक आगे बढ़ रही थी,आखिरकार उसने बाइक साइड में रोकने के लिए कहा,पहले तो मुझे ये बात बहुत अजीब लगी पर उसके दुबारा जोर देने पर उसकी बात सुनकर मैने बाइक साइड में रोकी और आसपास देखा तो कोई दिखाई नहीं दे रहा था,हमारे चारों ओर सिर्फ़ घने पेड़ थे ऊपर से पास से गुजरते रोड की वजह से यहां ज़्यादातर कोई नहीं निकलता था क्योंकि यह कच्ची सड़क थी।
"रुचि यहां बाइक रोकने के लिए क्यों कहा?" मैने उसकी और देख तो वो आसपास देख रही थी।
मेरी बात सुनकर उसने पास आकर मेरा हाथ पकड़ा और पौधों-झाड़ियों से गुजरकर एक घने पेड़ के पीछे ले गई जहां हमें कोई देख नहीं सकता था,पेड़ के पास पहुंचकर उसने मुझे पेड़ से सटा दिया और मेरी आंखों में देखते हुए कहा,"मै जानती हूं तुम मेरी कितनी फिक्र करते हो इसलिए इस रिश्ते को लेकर मै तुम्हे परेशानी में नहीं डालना चाहती, मेरे पापा के जाने के बाद तुमने हर पल मेरा साथ दिया है, मुझे कभी अकेला नहीं मेहसूस होने दिया।" यह बात कहते हुए उसकी आँखें में जो दर्द था वो मुझे साफ दिख रहा था,उसने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा,"मै यह अच्छे से समझती हूं कि हमारे बीच यह जो रिश्ता है वो प्यार नहीं है इसलिए इस चीज को लेकर मै तुम्हे किसी बंधन में नहीं बांधना चाहती पर उससे बढ़कर ये प्यास है वो सिर्फ वो तुम ही बुझा सकते हो,मेरे जिस्म के हर हिस्से पर तुम्हारा ही हक है इसलिए मैं अपनी मर्जी से तुम्हारे साथ sex के इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती हूं।"इतना बोलते हुए वो मेरे बहुत करीब आ गई थी उसकी तेज चलती सांसों से मेरे पूरे बदन में गर्मी फैल गई थी,उसके अंदर के वासना की आग फिर भड़क उठी थी इसलिए उसके मुंह अंगड़ाईया लिए हुए आवाज़ निकलने लगी,"आआहह......उउममम् अब हमारे बीच सिर्फ हवस है,दो जिस्मों का वो खेल जिसे में तुम्हारे साथ हर वक्त खेलना चाहती हूं और इस रिश्ते को में कुछ कहूं तो मैं तुम्हारी पहली Sex Partner बनना चाहती हूं और हर वक्त तुम्हारे इस लंड से चुदना चाहती हूं।"
उसके होठों ये लिपस्टिक,उसके बालों में से आती ही खुश्बू,उसके जिस्म की गर्मी से मेरा पूरा बदन भड़क उठा था,मेरे चेहरे पर अपनी जीभ घुमाते हुए वो धीरे से अपना हाथ नीचे ले गई और मेरे पेंट में हाथ डालकर लंड को सहलाने लगी,"आगे जाकर अगर तुम्हे कोई लड़की पसंद आए और उसके साथ तुम अपना Relation रखी मुझे उससे कोई प्रॉब्लम नहीं पर तब तक तुम्हारी बहन हर पल तुम्हारे इस लंड से चुदती रहेगी।" इतना कहकर वो मेरे होठों पर टूट पड़ी मेरे दोनों होठों को चूमते हुए वो अपनी जीभ मेरे मुंह में डालकर उसे चूसे जा रही थी,मैने अपने हाथ उसके शरीर पर घुमाते हुए उसकी गांड़ पर हाथ रख दिए,उसकी पेंट को पीछे से थोड़ा सरका दिया, जिसकी वजह से मेरा हाथ अंदर जा सके,उसके साथ वाइल्ड किस करते हुए मैने हाथ की उंगलियों को उसके गांड़ के दोनों छेद में डाल दी।
मेरी इस हरकत से वो सिहर गई और उसके मुंह से 'उउकक......ऊऊहह.....' की आवाजें निकलने लगी,हम दोनों के बीच जैसे कोई Competition चल रहा हो, मैं दोनों उंगलियों अंदर को घुमाते हुए उसे पागलों की तरह किस कर रहा था,हम दोनों के मिलते थूक की वजह से पूरा मुंह भीग चुका था पर भला इतने रसीले होठों को कौन छोड़ सकता है इसलिए मैने तेजी से दोनों उंगलियों को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया जिससे उसके मुंह से निकलती सिसकियां मेरे मुंह में ही दबकर रह गई,"उउकक......ऊऊककक.........उउहहहह.......सीइइइई......" हम दोनों ने किस करते हुए एक-दूसरे के पेंट को नीचे से उतारकर खुद को नंगा कर दिया था,वो दोनों हाथों से मेरा लंड हिला रही थी।मेरा लंड इतना मोटा था जो उसके हाथों में भी नहीं समा रहा था पर उसके मुलायम हाथों के स्पर्श से उत्तेजना बढ़ती जा रही थी।
अचानक मैने उसे चूमते हुए दोनों हाथो को पकड़ा और पीठ पर रख दिए फिर अपने दोनों हाथों को उसकी गांड़ पर रखकर उसे गोद में उठा लिया वो पहले तो कुछ समझ नहीं पाई फिर मैने धीरे से अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया,उसकी गर्म चूत इस वक्त किसी लावा की तरह लग रही थी,जिससे रिसता पानी मेरे मुझे चोदने के लिए Excite कर रहा था,आज सुबह से रुचि तीन बार झड़ चुकी थी पर फिर भी उसकी चूत को गर्मी ये दिखा रही थी कि वो Sex के लिए कितनी प्यासी है,आज पहली बार मेरा लंड किसी की नंगी चूत को छू रहा था,जिसके एहसास से मेरे पूरे बदन में जोश आ गया,हम दोनों के होठ अलग हुए तो मैने उसकी आंखों में तो एक तपिश सी महसूस हुईमैने धीरे-धीरे लंड के टोपे को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया,मेरी इस हरकत से वो मुझसे लिपट गई,रुचि सेक्स के वक्त वाइल्ड हो जाती थी यह बात में जानता था इसलिए मैं थोड़ा नीचे झुका और पेंट में से अपना रुमाल निकालकर उसके मुंह में डाला दिया और फिर तेजी से धक्के मारने लगा।
कुछ देर तक यही चलता रहा,उसकी चूत के पानी की वजह से मेरा लंड ज्यादा फिसल रहा था जिससे उसकी पूरी चूत लाल हो गई,मैने उसका मुंह बंद कर रखा था फिर भी उसकी आवाजें उस जगह पर गूंज रही थी,"ओओ....ओ.....ओहहह......उउफफफ........ऊऊफफ्........" मैं लंड के टोपे से लेकर नीचे आंड तक ले जाकर उसे पूरा रगड़ता और फिर तेजी से ऊपर लाता,कुछ मिनटों तक धक्के मारने के बाद उसने चूत का पानी निकल गया,"ऊऊममम्.......आआहह....." की आवाज करते हुए वो झड़ने लगी।
उसका वीर्य निकलते ही मैने उसे नीचे जमीन पर बिठा दिया,वो घुटनों के बल बैठी हुई थी और मैने खड़े होकर अपने हाथ से उसके मुंह के पास अपना लंड हिला रहा था,कुछ देर बाद मैंने सारा Sperm उसके मुंह पर छोड़ दिया,हम दोनों के शरीर इस खेल से थक चुके थे इसलिए हाफ रहे थे,रुचि ने लंड पकड़ा और उसे मुंह में लेकर पूरा साफ कर दिया,उसके मुंह पर अभी भी मेरा वीर्य लगा हुआ था जिसको उसने किसी Lotion की तरह अपने मुंह पर लगा दिया,उसकी इस हरकत पर मैं उस घूरने लगा तो उसने कहा,"कहते है कि कामरस से आपके चेहरा ओर भी निकर जाता है इस बात मै कितनी सच्चाई है अब देखते है" इतना कहकर उसने मुस्कुराकर आंख मार दी,उसकी इस हरकत पर मैं हंस दिया।कुछ देर बाद हम दोनों कपड़े पहनकर बाइक के पास आए,हम दोनों के दिल में खुशी के साथ एक सुकून था क्योंकि अब हम दोनों दिल के उन बोझ से उभर चुके थे।मैने बाइक स्टार्ट की और रुचि फिर मुझसे लिपटकर बैठ गई,उसके मुंह और बदन से आती वीर्य की Erotic Smell मेरे मन को ओर भी उतेजित कर रही थी अब मैं भी खुदको उससे ज्यादा दूर नहीं रख पाऊंगा ये बात में समझ चुका था पर उसके लिए मुझे ज्यादा इंतेज़ार नहीं करना पड़ेगा और वो मौका मुझे कल मिलना वाला है इतना सोचकर हम दोनों अपनी मंजिल की ओर चल पड़े।
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Thank you very much bro, Keep SupportingBahut hi jabardast update hai….