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Update 33
नक्कू लक्ष्मी को सुशीला के पास छोड़कर घर आ जाता है.....
(रास्ते में उसने बहुत सारी चीज़े खरीद ली थी.....) नक्कू घर आकर देखता है कि उसकी माँ अपने बिस्तर पर सो रही होती है....
नक्कू प्यार से अपनी माँ को सोते हुए देख रहा होता है...
नक्कू रसाई में आ जाता है और शराब कि बोतल खोलकर शराब पीने लगता है.... इतने में नक्कू कुछ सोचकर अपना तबीज़ फिर से रगढ़ता है और उसे फिर से वही आवाज सुनाई देती है.... क्या चाहिए तुझे? नक्कू कहता है मुझे ऐसा पानी चाहिए जिसे किसी औरत को पीलाऊ तो उसकी चुत फिर से कुंवारी बन जाए... और एक ऐसी चीज चाहिए जिसे खाने के बाद कोई भी अपनी यादास्त से मेरे साथ बिताये लम्हे भूल जाए.... नक्कू के सामने दोनों चीज़े आ जाती है....
नक्कू वो पानी लेकर कौशल्या के पास जाता है और उसे जगाते हुए बड़े प्यार वो पानी पीला देता है....
कौशल्या पानी पीते हुए नक्कू को देखने लगती है और पानी पीकर उससे लिपट जाती है..... नक्कू भी अपनी माँ को अपनी बाहों में भर लेता है और दोनों एक दूसरे से केवल चुम्मे में ही बात करते है.....
कुछ देर के बाद नक्कू अपनी माँ के बाल पकड़के उसका सर अपने लोडे कि तरफ ले जाता है और कौशल्या भी नक्कू का इशारा समझते हुए उसकि पेंट खोलकर लोडे पर चुम्मो को बरसात कर देती है..... कौशल्या कभी लोडे को हाथ से सहलाते हुए चूमती है तो कभी लोडा और आंड चाट चाट कर नक्कू कि तरफ देखने लगती है.....
नक्कू बस अपनी माँ को अपना लोडा चाटते हुए देखे जा रह था..... इतने में नक्कू सिगरेट जला कर कश मारने लगता है और अपनी माँ से कहता है- कौशल्या में तुझे अपनी दुल्हन बनाना चाहता हूँ....
कौशल्या लोडा चूसते हुए मुस्कुराकर - तो किसने रोका है आपको मुझे अपनी दुल्हन बनाने से.....
नक्कू सिगरेट का एक कश लेकर अपनी माँ के बाल पकड़ते हुए उसके होंठ चूमकर सारा धुआँ अपनी माँ के मुँह में छोड़ देता है जिससे कौशल्या को हलकी से खांसी आ जाती है.... नक्कू उठकर बाहर जाता है और दुल्हन का लिबास लेकर आता है....
नक्कू -ये कौशल्या.... जाकर पहन ले..... आज में तुझपर अपने नाम कि मोहर लगा कर अपना बना लेना चाहता हूँ....
कौशल्या दुल्हन का जोड़ा लेकर बाथरूम में चली जाती है और नहाकर त्यार होने लगती है....
नक्कू बाहर आकर वापस शराब के घूंट पिने लगता है.... नक्कू को आज अपनी माँ पर बहुत प्यार आ रहा होता है.... वो भूल जाता है कि पूरी जिंदगी वो कौशल्या के ताने सुनकर बड़ा हुआ था और कौशल्या ने किसी नौकर कि तरह नक्कू के साथ बर्ताव किया था.....
नक्कू अपना लोडा मसलते हुए अपनी माँ का इंतेज़ार कर रहा होता है.... कीच देर बाद दरवाजा खुलता है और कौशल्या बाहर आती है..... जिसे देखकर नक्कू कि आँखे बस कौशल्या पर ही ठीक जाती है....
कौशल्या आज इतनी सुन्दर लग रही होती है कि किसी का भी दिल उस पर आ सकता था..... लाल जोड़ो में सजी धजी कौशल्या बिलकुल संस्कारी सुशील और सुलक्षना लग रही थी.... उसकी बड़ी बड़ी आँखे... चिकने गाल.... कोमल की पनखुदियों के सामान लाल होंठ.... होंठ पर बना तिल.... सुराहीदार गर्दन.... भरी भरी गोलाकार छातीया जो चोली से आधी बाहर होकर नक्कू को निमंत्रण दे रही थी.... पतली और लचीली कमर.... कमर पर कमबंद हिलते हुए छन छन की आवाज पैदा कर रहा था.... कौशल्या के चुत्तड़ जो पीछे की तरफ बाहर निकलकर उसके जोबन का परिचय दे रहे थे.....
नक्कू लक्ष्मी को सुशीला के पास छोड़कर घर आ जाता है.....
(रास्ते में उसने बहुत सारी चीज़े खरीद ली थी.....) नक्कू घर आकर देखता है कि उसकी माँ अपने बिस्तर पर सो रही होती है....
नक्कू प्यार से अपनी माँ को सोते हुए देख रहा होता है...
नक्कू रसाई में आ जाता है और शराब कि बोतल खोलकर शराब पीने लगता है.... इतने में नक्कू कुछ सोचकर अपना तबीज़ फिर से रगढ़ता है और उसे फिर से वही आवाज सुनाई देती है.... क्या चाहिए तुझे? नक्कू कहता है मुझे ऐसा पानी चाहिए जिसे किसी औरत को पीलाऊ तो उसकी चुत फिर से कुंवारी बन जाए... और एक ऐसी चीज चाहिए जिसे खाने के बाद कोई भी अपनी यादास्त से मेरे साथ बिताये लम्हे भूल जाए.... नक्कू के सामने दोनों चीज़े आ जाती है....
नक्कू वो पानी लेकर कौशल्या के पास जाता है और उसे जगाते हुए बड़े प्यार वो पानी पीला देता है....
कौशल्या पानी पीते हुए नक्कू को देखने लगती है और पानी पीकर उससे लिपट जाती है..... नक्कू भी अपनी माँ को अपनी बाहों में भर लेता है और दोनों एक दूसरे से केवल चुम्मे में ही बात करते है.....
कुछ देर के बाद नक्कू अपनी माँ के बाल पकड़के उसका सर अपने लोडे कि तरफ ले जाता है और कौशल्या भी नक्कू का इशारा समझते हुए उसकि पेंट खोलकर लोडे पर चुम्मो को बरसात कर देती है..... कौशल्या कभी लोडे को हाथ से सहलाते हुए चूमती है तो कभी लोडा और आंड चाट चाट कर नक्कू कि तरफ देखने लगती है.....
नक्कू बस अपनी माँ को अपना लोडा चाटते हुए देखे जा रह था..... इतने में नक्कू सिगरेट जला कर कश मारने लगता है और अपनी माँ से कहता है- कौशल्या में तुझे अपनी दुल्हन बनाना चाहता हूँ....
कौशल्या लोडा चूसते हुए मुस्कुराकर - तो किसने रोका है आपको मुझे अपनी दुल्हन बनाने से.....
नक्कू सिगरेट का एक कश लेकर अपनी माँ के बाल पकड़ते हुए उसके होंठ चूमकर सारा धुआँ अपनी माँ के मुँह में छोड़ देता है जिससे कौशल्या को हलकी से खांसी आ जाती है.... नक्कू उठकर बाहर जाता है और दुल्हन का लिबास लेकर आता है....
नक्कू -ये कौशल्या.... जाकर पहन ले..... आज में तुझपर अपने नाम कि मोहर लगा कर अपना बना लेना चाहता हूँ....
कौशल्या दुल्हन का जोड़ा लेकर बाथरूम में चली जाती है और नहाकर त्यार होने लगती है....
नक्कू बाहर आकर वापस शराब के घूंट पिने लगता है.... नक्कू को आज अपनी माँ पर बहुत प्यार आ रहा होता है.... वो भूल जाता है कि पूरी जिंदगी वो कौशल्या के ताने सुनकर बड़ा हुआ था और कौशल्या ने किसी नौकर कि तरह नक्कू के साथ बर्ताव किया था.....
नक्कू अपना लोडा मसलते हुए अपनी माँ का इंतेज़ार कर रहा होता है.... कीच देर बाद दरवाजा खुलता है और कौशल्या बाहर आती है..... जिसे देखकर नक्कू कि आँखे बस कौशल्या पर ही ठीक जाती है....
कौशल्या आज इतनी सुन्दर लग रही होती है कि किसी का भी दिल उस पर आ सकता था..... लाल जोड़ो में सजी धजी कौशल्या बिलकुल संस्कारी सुशील और सुलक्षना लग रही थी.... उसकी बड़ी बड़ी आँखे... चिकने गाल.... कोमल की पनखुदियों के सामान लाल होंठ.... होंठ पर बना तिल.... सुराहीदार गर्दन.... भरी भरी गोलाकार छातीया जो चोली से आधी बाहर होकर नक्कू को निमंत्रण दे रही थी.... पतली और लचीली कमर.... कमर पर कमबंद हिलते हुए छन छन की आवाज पैदा कर रहा था.... कौशल्या के चुत्तड़ जो पीछे की तरफ बाहर निकलकर उसके जोबन का परिचय दे रहे थे.....
नक्कू आज अपनी माँ को ऐसे देखकर पागल हुआ जा रहा था वो झट से कौशल्या का हाथ पकड़कर उसे अपने बाप की बड़ी से तस्वीर जो कौशल्या के बिस्तर ठीक सामने दिवार पर लगी थी, की तरफ ले जाता है और उसकी मांग में सिन्दूर भर कर गले में मगलसूत्र पहनाता हुआ कहता है- कौशल्या मैं पापा को शाक्षी मानकर तुझे अपनी बीवी बनता हूँ... आज से तू सिर्फ मेरी है....
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कौशल्या नक्कू के हाथों से सिन्दूर भरवाकर ख़ुशी से झूम उठती है.... कौशल्या नक्कू का आशीर्वाद लेने के लिए झुकती है और अपने हाथ से उसके पैरों को छुती है .... इतने में नक्कू अपना लोडा निकलकर अपनी माँ के लाल होंठों पर लगा देता है और उसके सर पर हाथ रखकर कहता है.... सदा सुहागन रहो... मेरी माँ.......
कौशल्या nakku के लोडे को चुम लेटी है और हलकी सी love bite देते हुए कहती है..... बहुत तड़पाया है आपने निखिल....
Nakku अपनी माँ को उठाते हुए कहता है माँ.... जितना तु तड़पी है उतना ही मैं भी तड़पा हूँ तेरे लिए..... Nakku अपनी माँ को गोद में उठाकर बिस्तर में पटक देता है.... और धीरे धीरे उसे चूमते हुए उसके गले से सारे जेवर.... चूड़ी कंगन.... उतारने लगता है..... धीरे धीरे nakku अपनी माँ की चोली में हाथ डालता है और उसके मुलायम चुचे दबाने लगता है.... कौशल्या भी nakku को चूमते हुए और उसकी हर हरकत का मज़ा लेते हुए nakku के चिर हरण में लग जाती है.... और धीरे धीरे उसके पेंट शर्ट खोल देती है....... Nakku अपनी माँ के चहेरे और गर्दन को चूमते हुए उसकी चोली निकाल देता है जिससे कौशल्या अब ब्रा में आ जाती है.... उसके गोरे बदन पर काली ब्रा nakku के दिल को बेहाल किये जा रही होती है..... Nakku अपना लोडा निकालकर अपनी माँ के हाथों में रख देता है जिसे कौशल्या अपने मुँह भरकर प्यार करने लगती है.... Nakku अब अपनी माँ के लहंगे का नादा खोल देता है जिससे कौशल्या का लहंगा उसकी कमर से नीचे आ गिरता है.... अब कौशल्या केवल ब्रा और पेंटी में ही थी........
अपने बाप की तस्वीर के सामने nakku अपनी सगी माँ को अपना लोडा चूसाते हुए स्वर्ग का अनुभव ले रहा था.... कौशल्या nakku का लोडा चूसते हुए उसकी आँखों में देख रही थी और nakku भी कौशल्या की तरफ देखकर उसे गंदे गंदे इशारे करके छेड़े जा रहा था जिसका कौशल्या अपनी चुत मसलते हुए आंनद ले रही थी....
15-20मिनट के बाद nakku अपनी माँ के मुँह में ही अपना माल झाड़ देता है....
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अब nakku अपनी माँ को बिस्तर पर लेटा देता और पैंटी उतारते हुए उसकी चुत में ऊँगली डालकर अंदर बाहर करने लगता है जिससे कौशल्या को कामुकता अपने घेरे में ले लेती है.... उंगली के बाद nakku खुद अपना मुँह कौशल्या की चुत पर रख देता और उसकी चुत जो पानी पिने के बाद सिकुड़कर बिलकुल तंग हो चुकी थी किसी कुआरी लड़की की तरह.... उसे चाटने लगता है..... कौशल्या nakku के चाटने से मदहोश हो चुकी थी और nakku के बाल पकड़कर अपनी चुत उसके मुँह पर रगड़ रही थी....
इतने में कौशल्या ने लाइटर से सिगरेट जला ली और कश मारते हुए nakku से अपनी चुत चटवाने लगी....
इतने में कौशल्या ने लाइटर से सिगरेट जला ली और कश मारते हुए nakku से अपनी चुत चटवाने लगी....
कौशल्या सिगरेट का कश लेते हुए आहें भरकर अपनी मदमस्त आखों से nakku को देखे जा रही थी....
Nakku चुत चाटते हुए - माँ.... तेरी चुत बहुत नमकीन है.... इसका स्वाद सबसे अलग है....
कौशल्या सिगरेट का कश लेते हुए - यही से निकले हो तुम निखिल....... आज वापस इसी में आ जाओ....
Nakku चुत चाटता हुआ - आज मुझे अपनी जन्मभूमि पर उतरने से तू भी नहीं रोक सकती माँ...
कौशल्या - मैं तो चाहती हूँ निखिल तुम जल्दी से मेरी चुत को अपना बना लो.......
Nakku अपनी माँ को दोनों टाँगे चोदी करते हुए जोर जोर से चाटने लगता है जिससे कौशल्या कामवासना के शिखर पर पहुंच जाती है जल्दी ही उसका झरना बह जाता है जिसे nakku बड़े प्यार से मुँह में भर लेटा है...
दोनों अब मिलन की आखिरी सीढ़ी पर खड़े थे.... Nakku अपनी माँ की बिलकुल सिकुड़ी हुई कुंवारी जैसी चुत के मुख पर अपने शक्तिशाली और भीमकाये लंड को पकड़कर खड़ा था और अपनी माँ की नन्ही देख रही चुत से अंदर प्रवेश की आज्ञा मांग रहा था.... और कौशल्या अपनी दोनों टाँगे चौड़ी करके अपने दोनों हाथों से अपनी चुत के होंठों को फैला कर लेटी हुई अपनी बेटे के लोडे का स्वागत कर रही थी.....
Nakku जानता था की उसकी माँ की चुत अब बिलकुल कुंवारी हो चुकी जिसमे लोडा घुसेगा तो तो वो खुदको किसी पहली बार चुद रही लड़की की तरह चीखने-चिल्लाने से रोक नहीं पाएगी....
मगर उसने अपनी माँ की चीख को दबाने की कोई तयारी नहीं थी मानो वो खुद अपनी माँ की चीखे और सिस्कारिया सुनना चाहता था......
Nakku ने अपनी माँ की आँखों देखते हुए अपना लोडा उसकी चुत में जोर देकर घुसाना चाहा जो सिर्फ उसके लंड के टोपे तक ही घुस पाया था और जिसके घुसने से कौशल्या तिलमिलाने लगी थी और nakku को अपनी ओर खींचने लगी थी......
Nakku ने कुछ पल ठहरकर एक जोर का झटका मारा जिससे nakku का लंड उसकी माँ की चुत के द्वार को खोलता हुआ कौशल्या की चुत की नगरी में आधा प्रवेश कर गया..... कौशल्या की चुत से खून की धार बह निकली जैसे वो अपनी जिंदगी में पहली बार चुद रही थी......
कौशल्या ने बड़ी जोर से nakku को अपनी तरफ खींचकर आह...... भरी और अपने दाँत से nakku के कंधे पर बटका भर लिया..... जिससे nakku दुगुना जोश में आ गया...... Nakku के लोडे को अपनी माँ की चुत में वो सुख मिल रहा था जो इसे आज तक नहीं मिला था..... थोड़ी देर यूँही रहने के बाद nakku ने फिर से झटका मारा और अपना पूरा लोडा अपनी माँ के अंदर डाल दिया...... कौशल्या को दर्द के साथ सम्भोग का सुख भी मिल रहा था..... उसकी आँखों में आंसू थे जिसे nakku अपने होंठों से चूमकर साफ किये जा रहा था.... अब वो पल आ चूका था जिसकी nakku और कौशल्या दोनों को बहुत लम्बे समय तलाश थी.....
अब दोनों आलिंगन में बंध चुके थे......
Nakku ने अब झटके मारने शुरू कर दिया था और अपनी माँ पर अपने लोडे से अपनी मोहर लगाने में लग चूका था.... कौशल्या भी nakku के नीचे लेती हुई nakku की मर्दानगी से ऊपर नीचे हिले जा रही थी..... कौशल्या के चुचे इस तरह हिला रहे थे जैसे अंधी चलने पर छतो पर सुख रहे कपडे हिलने लगते है....
कौशल्या - aahhh निखिल..... Aahhh बना लो मुझे अपना.......
Nakku चोदते हुए - माँ..... इसी चुत से तूने मुझे निकला था...?
कौशल्या - aahhh हाँ.... मेरे लाल.... Aahhh... मैंने तुझे इसी चुत से पैदा किया था....
Nakku जोर से चोदते हुए - माँ...... अब तेरी चुत से मैं भी अपनी औलाद निकालूँगा...
कौशल्या - आहहहह.... मेरे लाल..... Aahhh.... जितने चाहे निकाल दे...... मेरे बच्चे अब ये चुत तेरी ही तो है.....
Nakku चुत चाटते हुए - माँ.... तेरी चुत बहुत नमकीन है.... इसका स्वाद सबसे अलग है....
कौशल्या सिगरेट का कश लेते हुए - यही से निकले हो तुम निखिल....... आज वापस इसी में आ जाओ....
Nakku चुत चाटता हुआ - आज मुझे अपनी जन्मभूमि पर उतरने से तू भी नहीं रोक सकती माँ...
कौशल्या - मैं तो चाहती हूँ निखिल तुम जल्दी से मेरी चुत को अपना बना लो.......
Nakku अपनी माँ को दोनों टाँगे चोदी करते हुए जोर जोर से चाटने लगता है जिससे कौशल्या कामवासना के शिखर पर पहुंच जाती है जल्दी ही उसका झरना बह जाता है जिसे nakku बड़े प्यार से मुँह में भर लेटा है...
दोनों अब मिलन की आखिरी सीढ़ी पर खड़े थे.... Nakku अपनी माँ की बिलकुल सिकुड़ी हुई कुंवारी जैसी चुत के मुख पर अपने शक्तिशाली और भीमकाये लंड को पकड़कर खड़ा था और अपनी माँ की नन्ही देख रही चुत से अंदर प्रवेश की आज्ञा मांग रहा था.... और कौशल्या अपनी दोनों टाँगे चौड़ी करके अपने दोनों हाथों से अपनी चुत के होंठों को फैला कर लेटी हुई अपनी बेटे के लोडे का स्वागत कर रही थी.....
Nakku जानता था की उसकी माँ की चुत अब बिलकुल कुंवारी हो चुकी जिसमे लोडा घुसेगा तो तो वो खुदको किसी पहली बार चुद रही लड़की की तरह चीखने-चिल्लाने से रोक नहीं पाएगी....
मगर उसने अपनी माँ की चीख को दबाने की कोई तयारी नहीं थी मानो वो खुद अपनी माँ की चीखे और सिस्कारिया सुनना चाहता था......
Nakku ने अपनी माँ की आँखों देखते हुए अपना लोडा उसकी चुत में जोर देकर घुसाना चाहा जो सिर्फ उसके लंड के टोपे तक ही घुस पाया था और जिसके घुसने से कौशल्या तिलमिलाने लगी थी और nakku को अपनी ओर खींचने लगी थी......
Nakku ने कुछ पल ठहरकर एक जोर का झटका मारा जिससे nakku का लंड उसकी माँ की चुत के द्वार को खोलता हुआ कौशल्या की चुत की नगरी में आधा प्रवेश कर गया..... कौशल्या की चुत से खून की धार बह निकली जैसे वो अपनी जिंदगी में पहली बार चुद रही थी......
कौशल्या ने बड़ी जोर से nakku को अपनी तरफ खींचकर आह...... भरी और अपने दाँत से nakku के कंधे पर बटका भर लिया..... जिससे nakku दुगुना जोश में आ गया...... Nakku के लोडे को अपनी माँ की चुत में वो सुख मिल रहा था जो इसे आज तक नहीं मिला था..... थोड़ी देर यूँही रहने के बाद nakku ने फिर से झटका मारा और अपना पूरा लोडा अपनी माँ के अंदर डाल दिया...... कौशल्या को दर्द के साथ सम्भोग का सुख भी मिल रहा था..... उसकी आँखों में आंसू थे जिसे nakku अपने होंठों से चूमकर साफ किये जा रहा था.... अब वो पल आ चूका था जिसकी nakku और कौशल्या दोनों को बहुत लम्बे समय तलाश थी.....
अब दोनों आलिंगन में बंध चुके थे......
Nakku ने अब झटके मारने शुरू कर दिया था और अपनी माँ पर अपने लोडे से अपनी मोहर लगाने में लग चूका था.... कौशल्या भी nakku के नीचे लेती हुई nakku की मर्दानगी से ऊपर नीचे हिले जा रही थी..... कौशल्या के चुचे इस तरह हिला रहे थे जैसे अंधी चलने पर छतो पर सुख रहे कपडे हिलने लगते है....
कौशल्या - aahhh निखिल..... Aahhh बना लो मुझे अपना.......
Nakku चोदते हुए - माँ..... इसी चुत से तूने मुझे निकला था...?
कौशल्या - aahhh हाँ.... मेरे लाल.... Aahhh... मैंने तुझे इसी चुत से पैदा किया था....
Nakku जोर से चोदते हुए - माँ...... अब तेरी चुत से मैं भी अपनी औलाद निकालूँगा...
कौशल्या - आहहहह.... मेरे लाल..... Aahhh.... जितने चाहे निकाल दे...... मेरे बच्चे अब ये चुत तेरी ही तो है.....
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Nakku कौशल्या को गोद में उठा लेटा है और अपने लोडे पर बैठकर बाहर आँगन में ले आता है...... Nakku अपनी माँ को आँगन में उठा उठा कर चोदने लगता है जिससे पूरा घर में बस कौशल्या की चुदाई की आवाज ही गूंज रही होती है...... कौशल्या nakku के गले में हाथ डाले बस nakku की तरफ देखती हुई उसे चुम चुम कर चुदवाती जा रही थी.....
1 घंटे की चुदाई के बाद nakku ने अपना वीर्य अपनी माँ की बच्चेदानी में भर दिया..... और दोनों आँगन में रखे सौदे पर एकदूसरे की बाहों में बाहे डाले लेट गए.....
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Nakku ने सारी रात अपनी माँ को घर के हर कोने में लेजा लेजाकर चोद दिया था.... घर का कोई भी कोना अब कौशल्या की चुदाई से महरूम नहीं रह गया था..... Nakku ने चोद चोद कर अपनी माँ के बदन को और भी खिला दिया था..... रातभर चुदवाने के बाद वो और भी ज्यादा आकर्षक लगने लगी थी...
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