दिल शरारत पे उतर आया है आज हमाराएक तो सुकुन और एक तुम।।
कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नहीं।।
कहो तो भरी महफ़िल मैं नाम लूँ तुम्हारा,,
दिल शरारत पे उतर आया है आज हमाराएक तो सुकुन और एक तुम।।
कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नहीं।।
दिल शरारत पे उतर आया है आज हमारा
कहो तो भरी महफ़िल मैं नाम लूँ तुम्हारा,,
मुफ़्त में नहीं सीखा उदासी में मुस्कुराने का हुनर
बदले में जिंदगी की हर खुशी तबाह की है