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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

Sushil@10

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तभी अचानम रमा बेडसे उतर गइ.. ओर जटसे जाकर रुमका दरवाजा बंध करके वापस आकर अपने कपडे नीकालने लगी.. तो नीलम भी रमाकी ओर मुस्कुराते कपडे नीकालने लगी.. जब दोनो पुरी नंगी होगइ.. तो रमा बेडपे आगइ.. दोनो काफी उतेजीत हो चुकी थी.. फीर वो ओर नीलम अ‍ेक दुसरेके अंगोके साथ खेलते प्यार करने लगे.. अचानक नीलमने रमाको धका मारते बेडपे सुला दीया ओर उनके उपर चड गइ..
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फीर रमाके बुब्सको थामते उनके होठोपे कीस करने लगी.. रमाकी चुतसे अपनी चुत रगडने लगी.. तो रमा भी आंखोकी पुतलीया पलटते मदहोस होगइ.. ओर वो भी वासनाकी आगमे जलने लगी.. दोनो मां बेटी अ‍ेक दुसरेकी चुतसे चुत रगडते बहुत उतेजीत होगइ.. ओर लेस्बीयन खेलते वासनाके भवंडरमे उडने लगी.. फीर बीस मीनीटके बाद दोनो ही खलास होगइ.. ओर अ‍ेक दुसरेसे चीपकते नंगी ही लेटी रही.. तब..

रमा : (मुस्कुराते) नीलु.. कीतना अजीब हेनां.. अ‍ैसा लगता हे मुजे तुमसे भी प्यार होगया हे.. लगता ही नही की तु मेरी बेटी हो.. आज तुजे मीलकर कीतना सुकुन मीला.. बेटा.. सच बताना तुजे मेरी कसम.. तुम ओर लखनजी कहा तक आगे बढे..? क्युकी मुजे लगता हे तुम दोनो काफी आगे बढ चुके हो..

नीलम : (थोडी नाराज होते) मोम.. आपने अपनी कसम क्युदी..? मे नही बता सकती आपको..

रमा : (प्यारसे गाल सहेलाते) अरे बेटा.. तुम मुजसे इतना डरती क्यु हो..? अगर तुम दोनो मील गये हो तो भी मुजे कोइ अ‍ेतराज नही हे.. बस.. तुम सीर्फ अभी अपनी सेफ्टीका खयाल रखना.. ओर कुछ नही..

नीलम : (सरमाकर मुस्कुराते) मोम.. सच कहु..? अभी तक हम दोनो सीर्फ ओरल सेक्स तक ही आगे बढे हे.. वो ओरलमे ही मुजे संतुस्ट कर देते हे.. वो ओरल सेक्स बहुत अच्छा करते हे.. बस.. हम दोनो यही तक आगे बढे हे.. कसमसे..

रमा : (मुस्कुराते) तो क्या ओरल सेक्स करते कभी तेरा मन नही हुआ..? हंम..? मुजे पता हे वो ओरल सेक्समे ही हमे जडा देते हे.. मेतो रेह भी नही सकती.. इतने दिन वहा रही उन्होने मुजे कीतना कुछ सीखाया.. मुजे बहुत सुख दीया.. जो आज तक तेरे पापाने भी नही दीया.. मुजे ओरल सेक्समे भी जनतकी सेर करवाते थे वो.. जो मे अभी तक नही भुली..

नीलम : (सरमाते धीरेसे) मोम.. मनतो मेरा भी बहुत करता हे.. मे बहेक जाती तब अ‍ेक दो बार मेने उनको अंदर डालनेको भी कहा.. लेकीन मेरे खयालसे वो अंदर डालनेमे बहुत डरते हे.. क्युकी उनका बहुत बडा हेतो उनको डर हेकी मुजे कुछ हो ना जाये.. वो कहेते थे तु दो दिन बीस्तरसे उठ नही पायेगी.. ओर घरमे सबको पता चल जाता.. सायद इसीलीये वो आगे नही बढ रहे..

रमा : (सरमाते मुस्कुराते) नीलु.. सही कहा उसजे..कीतने समाजदार हे वो.. मेने तो तेरे पापाके साथ भी इतना सेक्स कीया हे.. फीर भी हम वहा पहेली बार मीले तो मेभी दो दिन बीस्तरसे उठ नही पाइ.. मानोनां उस रात हम दोनोकी सुहागरात हुइ.. इसीलीये तो दुसरे दिन मुजे बुखार आगया था..

मुजे ठीक होनेमे दो दिन लगे.. तब जाके सही हुइ.. फीर तो हर रात हम मीलते थे.. उसने मुजे पुरी तराह संतुस्ट कीया.. संतुस्ट क्या मुजे प्रेगनेन्ट तक करदीया.. बस.. तु आगे बढे तो अपना खयाल रखना.. वो आइपील लेना कभी मत भुलना..

नीलम : (मुस्कुराते) ठीक हे मोम.. सच बताना.. आपको जीजुने प्रेगनेन्ट करदीया तो आपको कैसा लगता हे..? क्या आप इस बच्चेको जन्म दोगी..?

रमा : (सर्मसार होते धीरेसे) हां क्यु नही..? नीलु.. अब क्या बताउ तुजे.. वो मुजे जनतकी सेर करजाते थे.. ये हम दोनोके प्यारकी नीशानी हे.. तो मे इसे क्यु जन्म ना दु..? नीलु.. मे इनको जन्म दुगी.. यहा आकर तेरे पापाके साथ भी सेक्स करलीया हे.. तो इस बारेमे कीसीको पता भी नही चलेगा.. सीर्फ हम तीन लोग ही जानते होगेकी ये बच्चा मेरे लखनका हे.. मे लखन ओर तुम.. बस.. खयाल रखना इस बारेमे कीसीको पता ना चले..

नीलम : (मनमे) मोम.. अब तुजे क्या बताउ.. इस बारेमे हम तीन नही पांच लोग जानते होगे.. आप पुनमदी.. ओर मंजुमोमको भुल गइ.. उन दोनोको सबकुछ पता होगा..

रमा : (मुस्कुराते) नीलु.. क्या सोच रही हे..?

नीलम : (मुस्कुराते) कुछ नही.. मोम.. हमारी साजीसके बारेमे भुल जाइअ‍े सब.. जो हम दोनोको बरबाद कर देगे.. वैसे भी हम दोनोका अच्छेसे सेट हो गया हे.. आप अपने तरीकेसे जींदगी जीये मे अपने तरीकेसे जीयुगी.. हम दोनोकी जींदगी सवर जायेगी.. ओर जींदगीका मजा लेती रहेगी.. क्या कहेती हो..?

रमा : (मुस्कुराते) हां नीलु.. तु ठीक केह रही हे.. आजसे तु आजाद.. मे तुजे लखनजीसे सादीका फोर्स नही करुगी.. अब हम कुछ नही करना.. बस.. हम दोनो अच्छी सहेली बनकर रहेगी..

नीलम : (खुस होते) मोम.. दोनो भाइकी कीतनी बीवीया हे.. ओर मे कीसीकी सौतन बनके रहेना नही चाहती.. मे अ‍ेक आजाद पंछीकी तराह उडना चाहती हु.. तो लखन जीजुसे तो सादी नही करुगी.. जब समय आयेगा.. तो लता दीदी ओर जीजु कहे वहा सादी कर लुगी.. क्युकी मुजे सरकारी नोकरी करके मेरी सीक्योर लाइफ चाहीये.. आप मेरी चीन्ता करना तो छोड ही दीजीये.. मे अपने तरीकेसे जीना चाहती हु..

रमा : (गले लगाते) लगता हे मेरी बेटीने अपनी जींदगीके बारेमे काफी कुछ सोचके रखा हे.. ठीक हे.. तु जैसा जीना चाहती हे अ‍ैसा जीनां.. बस.. मुजे कभी मत भुलना.. क्युकी अब मुजे तेरा ओर भावेशका ही सहारा हे.. अब भावेश ही मेरा बेटा हे.. वो भी मुजे अपनी मां मानने लगा हे.. मे इसे पालुगी..

दोनो मां बेटी बाते करती रही.. तबतक सहेरमे लखन भी सबको लेकर घरपे आगया.. तो पुनम जटसे कारसे उतर गइ.. ओर अंदरकी ओर दोड पडी जीसे देखकर तीनो हसने लगे.. दयाभी तीनोके कपडेकी बेग लेकर उतर गइ.. तो भावना भी अपनी बच्चीको गोदमे लेकर उतर गइ..

लखन उतरके कारको लोक करके भावनाके पास आ गया.. ओर बच्चीको अपनी गोदमे लेलीया.. बच्चीको लेते लखनने धीरेसे भावनाके बुब्स दबा दीया.. तो भावना बहुत ही सर्मसार होगइ.. ओर कामुक नजरोसे मुस्कुराते लखनको जुठे गुस्सेसे मुका मार दीया.. फीर तीनो घरके अंदर जाने लगे.. तभी....

कन्टीन्यु
Shandaar update and nice story
 

tera hero

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आज खानेपे सीर्फ नीर्मला भुमीकाके अलावा मंजु ओर लता ही थी.. चंदा धीरे धीरे खाते कीसी सोचमे डुबी हुइ थी.. तो मंजु उसे समजाकर खीला रही थी.. फीर सबने खाना खालीया तो देवायत नीर्मला ओर भुमीका चंदाको लेकर होलमे चले गये.. ओर बाते करने लगे.. तो मंजु मोका देखकर लताको लेकर अपने रुममे चली गइ..

मंजुला : (मुस्कुराते धीरेसे) लता.. तुजे पता हेनां मेने तुजे वहा क्यु जाने नही दीया..?

लता : (सर जुकाते सरमाकर धीरेसे) जी दीदी.. पुनोदीसे बात हुइ थी..

मंजुला : (मुस्कुराते) गुड.. तो फीर सुन.. आज पुनोके रुममे सोनेकी जरुरत नही हे.. घर पे सीर्फ हम ही लोग हे.. तो तुम आज सजधजके उपर अपने वाले कमरेमे चली जाओ.. मे देर रात देवुको वहा भेज दुगी.. अभी तेरा सही समय चल रहा हे.. तो तेरा काम आसानीसे होजायेगा.. ओर सुन.. लखन पुनोके साथ तेरी ओर देवुकी भी सादी करवा रही हु.. क्या तुम तेरे घरवालोको बुलाना चाहोगी..?

लता : (सर्मसार होते धीरेसे) दीदी.. ये सब आप तैय करलेना..

मंजुला : (मुस्कुराते) हंम.. गुड.. मे चाहती हु वो लोग यहा रहे.. ओर सुन.. वहा नीलुने रमा भाभीको सबकुछ बता दीया हे.. उन्होने हमारे खीलाफ जो साजीस रचीथी उसे छोड दीया हे.. तो अब उनके प्रती कोइ रागदेस रखनेकी जरुरत नही हे.. रमा भाभीको अपनी गलतीका अहेसास हो चुका हे..

लता : (सामने देखते) दीदी.. उनपे आप वीस्वास कर सकती हे.. मे नही.. अ‍ैसी ओरतोका वीस्वास नही कीया जाता.. वो मां बेटी बहुत ही अ‍ैयास ओर कामी ओरते हे..

मंजुला : (मुस्कुराते) हंम.. मुतो भुलो वो भी हम मेसे अ‍ेक हे.. फीर भी तुम उनकी फीकर मत कर.. उसे लखन ओर पुनो सम्हाल लेगे..

लता : (आंख गीली करते) दीदी.. आपसे अ‍ेक बात कहेनी हे.. लगता हे मे यहा आइ तो लखन मुजसे रुठे हुअ‍े लगते हे.. वो मुजसे बात भी नही करते..

मंजुला : (सामने देखते) क्यु..? ये तेरा ही तो नीर्णय था.. की तेरे पीरीयडके बाद पहेले देवुसे मीलन करेगी.. ओर हम इसे गलत भी नही मानते.. मेरा लखन.. तुजे बहुत प्यार करने लगा था.. ओर तु अचानक उसे छोडदे.. तो दुख तो होता ही हे..

लता : (आंसु बहाते धीरेसे) दीदी.. लेकीन आपहीने कहा था.. की हम तीनोको सीर्फ बडे भैयाही प्रेगनेन्ट कर सकते हे.. मुजे बच्चा चाहीये.. तो फीर मे क्या करती..? ओर उसने भी तो बडे भैयाकी बीवीओके साथ रीलेशन रखा हे..

मंजुला : (सामने देखते) हंम.. चल मानाकी मेने सबको छुट दी हे.. तो फीर बता उसने देवुकी कौनसी बीवीके साथ रीलेशन रखा..? मेरे साथ..? चंदा दीदीके साथ..?

लता : (आंसु पोछते धीरेसे) क्यु..? सृती दीदी.. पुनोदीदी.. वोभी तो उनकी बीवी हेनां..?

मंजुला : (मुस्कुराते) हे नही.. थी.. तुजे पता हे सृतीने देवुके साथ ओर पुनोने धिरेनके साथ सभी रीलेशन खतम करलीये हे.. तब जाके मेरे लखनने उन दोनोको अपनाया हे.. जो अब वो दोनो उनकी लीगल बीवीया हो जायेगी.. खैर जानेदो.. ये सब बाते अब बेमायने हे.. अगर तुम चाहोतो दोनोके साथ रीलेशन रख सकती हो.. अब तुम कीसीकी भी बीवी हो.. क्या फर्क पडता हे..

लता : (सर जुकाते) दीदी.. मे कदम आगे बढा चुकी हु.. ओर मे बडे भैयाको प्यार भी करती हु.. ओर बच्चेके खातीर उनसे रीलेशन बनाना जरुरी भी था.. इसीलीये ये कदम उठाया हे..

मंजुला : (खडी होकर) हंम.. तो तुजे गलत भी कौन केह रहा हे..? ठीक हे.. सही कीया हे तुमने.. जा.. मनमे कोइ क्षोभ मत रखना.. यहा हम सबको सभी तराहकी छुट हे.. तुम उपर जाकर अपनी तैयारीया करो.. आज तेरा काम होजायेगा..

लता : (सरमाते खडी होते) जी दीदी.. तो वो मुजसे नाराज क्यु हे..?

मंजुला : (मुस्कुराते) वो तुमसे कोइ नाराज नही हे.. मे उनसे बात करलुगी.. ठीक हे..?

लता : (मुस्कुराते) जी दीदी.. थेन्क्स..


मंजुला : (जाते जाते अचानक रुकते सामने देखकर मनमे) लता.. अब तुजे कैसे कहु..? की लखनको हमने जडी बुटी क्यु दी हे.. वो अब मेरे देवुसे भी ज्यादा सक्षम हो गया हे.. जो अब वो मुजे.. तुजे.. ओर पुनोको भी प्रेगनेन्ट कर सकता हे.. लेकीन ये बात अभी तुजे नही बता सकती.. हम तीनोको देवुका अंस चाहीये.. इसीलीये देवुसे मीलन करना जरुरी हे..

लता : (सरमाते मुस्कुराते) दीदी.. कुछ कहेना हे क्या..? मेने कोइ गलती तो नही की..?

मंजुला : (मुस्कुराते जाते हुअ‍े) नही.. तुम आरामसे जा.. ओर खुस रहाकर..

लता उपर चली गइ.. ओर बाथरुममे जाकर अपनी तैयारीया करने लगी.. आज उसने नीचेसे उपर तक सब सफाइ करने लगी.. वो देवायतके साथ मीलनकी बात सुनकर बहुत ही अ‍ेक्साइट होने लगी.. फीर भी उसे बार बार लखनका खयाल आने लगा.. यहा आकर वो देवायतके साथ काफी आगे बढ चुकी थी.. अ‍ेक बार तो दोनोको मौका मीला तो बहेक भी गये थे.. लेकीन मील नही पाये..

तो दुसरी ओर अब भावनाका भी लखनकी ओर देखनेका नजरीया बदल गया था.. सब लोग सादीकी खरीदारीमे व्यस्त थे.. लखनने पुनम भावनाको भी नही बतायाकी उन्होने अंडर गाम्रेन्टकी शोपसे सबके लीये क्या क्या लीया हे.. फीर सब लोग मोलसे नीकल गये.. तो अ‍ेक जगहसे लखनने बच्चीके लीये अ‍ेक जुला भी लेलीया.. तो लखनकी समजदारी देखके भावना बहुत खुस होगइ..

सबकी खरीदी होगइ तबतक साम भी ढल चुकी थी.. जब भी मौका मीलता पुनम ओर लखन अ‍ेक दुसरेका हाथ थाम लेते.. अब तो ये सब सबको सामान्य लगने लगा.. फीर सब लोग अ‍ेक बडी होटलपे डीनर करने चले गये.. तो वहा भी लखनने सृतीको गोदमे उठालीया.. तो सृती फीरसे सरमाइ.. लखन सबको लेकर अंदर चला गया.. तो अ‍ेक वेइटर दोडकर आगया.. ओर सबको अ‍ेक खाली टेबलपे ले गया....

कन्टीन्यु
Bro next generation kab se start ho gya ye bata do please
 

dilavar

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - २५५

सबकी खरीदी होगइ तबतक साम भी ढल चुकी थी.. जब भी मौका मीलता पुनम ओर लखन अ‍ेक दुसरेका हाथ थाम लेते.. अब तो ये सब सबको सामान्य लगने लगा.. फीर सब लोग अ‍ेक बडी होटलपे डीनर करने चले गये.. तो वहा भी लखनने सृतीको गोदमे उठालीया.. तो सृती फीरसे सरमाइ.. लखन सबको लेकर अंदर चला गया.. तो अ‍ेक वेइटर दोडकर आगया.. ओर सबको अ‍ेक खाली टेबलपे ले गया.... अब आगे

वेइटर : (मुस्कुराते) सर.. आप लोग यहा बैठीये.. वोस रुम भी पास हे.. तो मेडमको भी तकलीफ नही होगी.. ओर लाइअ‍े मे आपका सामान वेइटींगमे रखता हु.. लगता हे काफी खरीदी कीहे..

लखन : (सृतीको चेरपे बीठाते) हां भाइ.. थेन्क्यु.. वैसे आपका वोस रुम कीधर हे..? मुजे जाना हे..

वेइटर : (मुस्कुराते) सर.. आपके पीछे ही हे.. आइअ‍े दीखाता हु.. फीर ओर्डर ले लुगा..

लखन सृतीको बीठाकर वोसरुमकी ओर चल पडा.. उनको कबसे जोरोकी पीसाब लगी हुइ थी.. वेइटर उनको वोशरुम दीखाकर चला गया तो लखन अंदर घुस गया.. ओर पीसाब करने लगा.. तभी बाजु मे भी अ‍ेक भदा ओर हाइट वाला लडका पीसाब कर रहा था.. दोनो अपना सर जुकाकर पीसाब कर रहेथे.. जब पीसाब होगया तो दोनो हाथ धोने गेन्डीके पास चले गये.. ओर हाथ धोते अ‍ेक दुसरेके सामने देखते हे.. तो देखते ही..

लखन : (जोरोसे हसते) अरे धृव तुम..?

धृव : (जोरोसे हसते) अरे लखन.. तु यहा क्या कर रहा हे..? कब आया सहेर..?

लखन : (हाथ पोछते) यार मेतो अब यहा ही आगया हु.. हमेसाके लीये.. तु यहा क्या कर रहा हे..? सादी बादी की हेकी नही..? की अभी भी लडकीओके चकरमे फसा हे.. हें..हें..हें..

धृव : (हाथ पोछते) यार.. करली सादी.. तेरी भाभीको लेकर डीनर करने आया हु.. आजा गले लगजा यार.. कीतने दीनोके बाद मीला हे..

लखन : (हसते जोरोसे गले लगते) आजा कमीने.. कीतने दिनोके बाद मीला हे.. ना कोइ फोन ना कोइ मेसेज..

धृव : (जोरोसे गले लगते) हां यार.. जब स्कुलसे जुदा हुअ‍े.. तो आज मील रहे हे.. बस.. सीर्फ दीदीकी सादीमे आया था.. बोल.. तुभी डीनर करने आया हे..?

लखन : (मुस्कुराते) हां यार.. फेमीली साथमे हे..

धृव : (हसते) यार तुमने सादी बादी कीहे की नही..? की अभी अपनी बहेनका इन्तजार कर रहा हे.. हें..हें..हें..

लखन : (हसते अलग होते हाथ थामते) हां यार.. सादी तो नहीकी.. लेकीन सादीया जरुर करली हे.. हें..हें..हें..

धृव : (जोरोसे हसते) क्या..? हां यार.. तुम लोगतो रोयल फेमीली हो.. मुजे पता हे तेरी फेमीलीके बारेमे.. सुना हे बडे भैयानेभी तीन तीन सादया करली हे.. तु बता.. कीतनी बीवीया हे तेरी..

लखन : (हसते) यार अभी तो दो हे.. ओर दो सादी ओर होजायेगी..

धृव : (हसते) कमीना चार चारको सम्हाल पायेगा..? यार तुम लोगोमे अच्छा हे.. कीतनी भी सादी करलो.. कोइ पुछने वाला नही.. पापा कभी कभी कीशन अंकलके बारेमे बात करते हे.. कहेते थे वो भी रंगीन मीजाजके थे.. उनके दोस्त जो थे.. स्कुल कोलेज सबमे उसीका डोनेशन हे.. पापाकी पार्टीको भी खुब डोनेशन दीया हे.. अंकलने बोय्स ओर अ‍ेक लेडीज होस्टेलभी बनवाइ थी.. अरे हां.. क्या हुआ वो तेरी होस्टेल वाली मेडमका..? उनको मीलता हेकी नही..?

लखन : (मुस्कुराते) हां यार.. अ‍ेक बात कहु.. मेने हालही मे उनके साथ सादी करली हे.. बेचारी अकेली हे.. सीर्फ अ‍ेक बुढी मां हे.. हम दोनो अ‍ेक दुसरेसे प्यारजो करते थे.. तो सादी करली.. यार मे जब डीपे्रसनमे था.. मेरा खुब साथ दीया हे उसने..

धृव : (मुस्कुराते) चल अच्छा कीया तुमने उनसे सादी करली.. पता हे मुजे.. तुजे डीप्रेशनसे उसीने नीकाला हे.. सुन.. क्या हुआ पुनो दीदीका..? सुना हे उसने कही ओर सादी करली..? यार तुम्हारे खानदानमे तो सब चलता हे..

लखन : (मुस्कुराते) हां यार.. तुजे तो सब मेरे बारेमे पता हे.. सुन.. वोभी यहा आइ हे.. चल पहेले डीनर करते हे.. फीर तुजे सबसे मीलवाता हु.. ये बता अंकल कैसे हे..? सुना हे मंत्री होगये हे..

धृव : (दोनो बहाकी ओर चलते) हां यार.. मे सब उन्हीका काम देखता हु.. क्या हेना उनके पास अब टाइम ही नही हे.. हमे भी मीलनेके लीये इन्तजार करना पडता हे.. यार आजाना साथमे ही डीनर करते हे.. कीतने दिनोके बादतो मीला हे..
 

dilavar

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लखन : (मुस्कुराते) हां यार वो भी क्या दिन थे.. हमने पुजा दीदीकी सादीमे कीतना धमाल कीया था.. कमीने उनकी सादीके अगली रात तुम दोनोने चोकीदार बना दीया था मुजे..

धृव : (मुस्कुराते) हां यार.. सुन.. इस बारेमे अभी कीसीको पता नही हे.. तो बी केरफुल..

लखन : (मुस्कुराते) ठीक हे यार.. बाय ध वे.. कैसी हे वो..? इन्डीया बीन्डीया आती हेकी नही..? क्या उजसे बात करता हे..? मीन्स.. क्या तुम दोनो अभी भी..

धृव : (आंख गीली करते) हां यार.. अभी भी घरपे कीसीको नही पता.. तुजे तो सब पता हे हम दोनोके बारेमे.. सुन.. उनका डीवोर्स हो गया हे.. हाल हीमे पापाने उनकी दुसरी सादी करदी.. अहेमदाबादमे मम्मीकी कीसी कजीनका लडका हे.. बहुत बडे इन्डट्रीयालीस्ट हे.. अ‍ेक बीमारीमे उनकी बीवी गुजर गइ थी.. तो पापाने दीदीकी सादी उनसे करवादी.. अभी भी हम दोनो रीलेशनमे हे..

लखन : (आस्चर्यसे देखते) हां यार.. वो वादेकी पकी हे.. लेकीन पुजा दीदीका डीवोर्स कैसे हुआ..? कुछ प्रोबलेम था क्या..?

धृव : (फीकी मुस्कानसे) छोडना यार.. थोडी लंबी कहानी हे.. इस बारेमे बादमे बताता हु.. अभी तो चल साथमे डीनर करते हे..

लखन : (हसते) नही यार हम बहुत लोग हे.. यही बैठे हे.. मेरी बीवीया ओर पुनोदीदी भी हे.. तु भाभीके साथ आरामसे डीनर करले.. फीर आरामसे मीलते हे.. तुम संकोच मत कर.. अबतो मे यही हु.. हम फीर कभी साथमे डीनर करेगे.. फीर वेइटींग रुममे मीलते हे.. वहा सब आइसक्रिम बाइसक्रिम खायेगे.. चल.. मीलता हु..

तो दोनो अपने अपने टेबलकी ओर जाते हे तो सब लोगोको देखकर धृव हसते हुअ‍े हाथ जोडकर सबको नमस्ते करते अपने टेबलकी ओर चला जाता हे.. पुनम उनको देख लेती हे.. तो मुस्कुराती हे.. फीर दोनो अपने अपने टेबलपे बैठ जाते हे.. तो यहा सभी लेडीस अपनी बातोमे मसगुल थी.. तो पुनमके अलावा कीसीका धृवकी ओर ध्यान ही नही गया.. लखन पुनमके पास ही बैठा था..

पुनम : (मुस्कुराते धीरेसे) भाइ.. इतनी देर कहां थे..? इनके साथ थे क्या..? सायद मेने इनको कही देखा हे.. लेकीन कहा..? याद नही आता..

लखन : (हसते धीरेसे) दीदी ये मेरा खास दोस्त था.. भुल गइ..? अरे वो धृव.. याद आया..?

पुनम : (खुसीसे धीरेसे) अरे हां.. क्या ये धृव भैया थे..? लेकीन कीतने मोटे होगये हे.. मेतो इनको पहेचान भी नही पाइ.. हां कभी कभी आपके साथ होस्टेलपे आते थे.. जब आप मुजे मीलनेके लीये आते थे..

दोनो बाते कर रहेथे तभी वेइटर आकर सबका ओर्डर लेजाता हे.. तो कुछ देरके बाद सबका खाना भी आजाता हे तो सबलोग डीनर करने लगते हे.. तो दुसरी ओर धृवभी अपनी बीवीके पास चला गया.. जीहा.. ये वोही धृव हे.. मंत्रीका बेटा.. ओर सृतीकी डोक्टर फ्रेन्ड भावीकाका पती.. जो अ‍ेक जमानेमे लखन ओर धृव साथमे पढते थे.. ओर धृवके पीताजी कीशनको जानते थे.. तभी धृव बैठा ही था.. तभी..

भावीका : (मुस्कुराते) जानु.. इतनी देर कहा लगादी..? आपकी तबीयत बवीयत तो ठीक हेनां..?

धृव : (मुस्कुराते) अरे अ‍ैसा कुछ नही हे.. यहा अ‍ेक स्कुलका बहुत पुराना खास दोस्त मील गया था.. वो लोग भी वहा डीनर करने आये हे.. गांवमे अ‍ेक रोयल फेमीलीसे तालुकात हे.. उनके पीता पापाके अच्छे दोस्त थे.. स्कुल छोडनेके बाद आज अचानक मील गया मुजे.. मेने तुमको अ‍ेक बार बताया तो था उनके बारेमे..

भावीका : (मुस्कुराते) कौन..? वोही तो नही.. जो अपनी ही बहेनको प्यार करता था.. हें..हें..हें..

धृव : (हसते) हां.. वोही.. लखन नाम हे उनका.. मेरा खास दोस्त था.. मीन्स.. अभी भी हे.. चल पहेले डीनर करले.. फीर मीलवाता हु उसे..

ओर वो दोनो भी डीनर करने लगे.. लखनको मीलनेके बाद पुरे डीनरके दरम्यान आज धृव कुछ भी नही बोला.. तो भावीका कोभी थोडा अजीब लगा.. लेकीन वोभी चुप चाप खाना खाती रही.. धृव डीनर करते भी गहेरी सोचमे डुबा रहा.. उनको अपने अतीतकी याद ताजा होगइ.. जो स्कुलमे लखन पुनमको प्यार करने लगाथा तब अपनी हर बात धृवसे सेर करता था..
 

dilavar

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लखनकी बाते सुनकर वो भी लखनका अनुकरण करने लगा था.. ओर इसके लीये धृवको अपनी बहेनको सेट करनेके लीये कीतने पापाड बेलने पडे थे.. हालाकी उनसे तीन साल बडी थी.. पुजा नाम था उनका.. ओर तब धृवके माता पीता उनके लीये कीसी अच्छे रीस्तेकी तलासमे थे.. धृवके साथ उनकी अच्छी पटती थी.. वो धृवके बारेमे सबकुछ जानती थी.. की धृव अ‍ेक अयास लडका हे..

वाकइ धृवके अंदर लडकीयोको पटानेका अ‍ेक हुनर था.. वो कीसी भी लडकी हो या फीर ओरत.. उनको पटाकर ही दम लेता.. ओर तबतक कोसीस करता जबतक वो उनके नीचे नही लेट जाती.. इनमेसे दो तीन तो पुजाकी सहेलीया भी थी.. जो धृवके साथ उनका बीस्तर गरम करती थी.. लखन ओर पुनमका प्यार देखकर धृवको प्यारकी अहेमीयतका पता चला..

ओर वो खुद मन ही मन अपनी बहेनको पसंद करने लगा.. इसके लीये उसने फेक आइडीका सहारा लेकर उनकी बहेनसे फेसबुकपे दोस्ती करली.. ओर चेट करते करते दोनो अ‍ेक दुसरेको पसंद करने लगे.. फीर दोनो अ‍ेक दुसरेको प्यार करने लगे ओर बात कीसी होटलमे मीलने तक पहोंच गइ.. उनकी बहेनको नही पताथा की वो जीसे मीलने जा रही हे वो उनका छोटा भाइ हे..

तो धृव भी कामोतेजक गोलीया.. कोन्डम.. पेइन कीलर गीलोयाके साथ पुरी तैयारी करके गया था.. वो अपने पापाकी रेप्युटेशनका बखुबी फायदा उठाना जानता था.. चाहे उनकी बहेनके साथ जबरदस्ती भी क्यु ना करले.. उनके पापाकी इजतकी वजहसे कीसीको पता नही चलेगी.. दोपहोर लंचके बादही उनकी बहेन पुजा कीसी सहेलीको मीलनेका बहाना बनाकर होटेलपे पहोंच गइ.. नीचे रीसेप्नीस्टको पुछकर जैसे ही रुममे गइ.. पुजा धृवको देखकर चोंक गइ..

पुजा : (चोंकते) अरे धृव तुम..? यहा कैसे..? मीन्स.. क्या वो तुम हो..?

धृव : (जुठ बोलते) दीदी आप..? मुजे क्या पता वो लडकी आप होगी.. सोरी.. सोरी..

पुजा : (थोडा जोरोसे) सोरीके बच्चे.. जुठ मत बोलो तुम.. तुमने ये सब जान बुजकर कीया हेनां..? मे जानती हु तुम्हे.. की तुम कीतने कमीने हो..

धृव : (गलेपे हाथ रखते) नही दीदी कसमसे.. मुजे सचमे नही पताथा की वो लडकी आप होगी.. यार बैठो तो सही.. मे सचमे नही जानता था.. कसमसे..

पुजा : (दांत पीसते अ‍ेक मुका मारते) जुठ मत बोलो.. तुम कीतने कमीने हो वो मे जानती हु..

धृव : (पुजासे बचते जोरोसे हसते) दीदी मुजे सचमे नही पता था.. आपकी कसम..? हें..हें..हें..

पुजा : (जुठे गुस्से हसते अ‍ेक मुका मारते) कमीने मेरी कसम खाता हे.. अगर सचमे मुजे नही जानते थे.. तो फीर मेने तुमको मेरी पीक्चर भेजी थी वो..?

धृव : (जोरोसे हसते) यार आप बैठोतो सही.. बहुत हाथ चलाती हो.. हें..हें..हं.. वैसे कोनसी पीक्चर भेजी हे आपने..? हें..हें..हें..

पुजा : (बैठते सरमाते धीरेसे) भाइ.. तु सचमे बहुत कमीना हे.. मेने तुमको कइ पीक्चर भेजी हे.. ओर पता नही मुजे बहेला फुसलाकर कैसी कैसी पीक्चरकी डीमांड करके मेरी पीक्चर देखली हे आपने.. ओर उनमे मेरा चहेरातो दीखता था.. भाइ.. सच कहेना.. आपको मेरी कसम.. क्या आप मुजे पहेचान गये थेनां.. सच कहेना वरना मेरा मरा मुह देखोगे..

धृव : (नीचे पैरोके पास बैठते) दीदी.. कसम मत दो.. प्लीज.. आपको सब सच बताता हु.. हां.. मेने ये सब जान बुजकर कीया हे.. मे आपको पहेचान गया था.. अब आप कभी मरनेकी बात मत करना.. वरना आपसे पहेले मे मर जाउगा..

पुजा : (थोडा सखतीसे) देखो धृव.. तुमनां.. तुम्हारे लीये ये सब अच्छा नही हे.. ये सब अ‍ैयासीया छोडदो.. मेरी अ‍ेक भी दोस्तको आपने नही छोडा.. ओर उस दिन आप मीनाको लेकर उनका अ‍ेबोर्सन करवाने होस्पीटल गयेथेनां..? कुछ तो हमारे मम्मी पापाकी इजतका खयाल करो.. कब तक अ‍ैयासीया करते रहोगे.. ओर मेरे साथ भी..?

धृव : (मुस्कुराते) ओर अभी आप यहा कीसी अन्जान लडकेसे मीलने होटेलमे आगइ.. आपको मम्मी पापाकी इजतका खयाल नही आया..?

पुजा : (हसते अ‍ेक मुका मारते) कीतने कमीने हो तुम.. मे.. वो.. भाइ.. मे सचमे उस लडकेसे प्यार करने लगी थी.. लेकीन मुजे क्या पता वो लडका तुम हो.. भाइ.. अ‍ैसा क्यु कीया..? मेरी फीलींग्सके बारेमे तो सोचते..?

धृव : (मुस्कुराते) दीदी.. पहेले सांत होजाओ.. कुछ ठंडा पीते हे.. मेने मंगवाके रखा था.. फीर आपसे अ‍ेक बात पुछता हु..

पुजा : (थोडा गुस्सेसे) मुजे नही पीना तुम्हारा ठंडा.. मे जा रही हु..

धृव : यार तुम इतना गुस्सा क्यु कर रही हो..? देखो धुपमे आइहो बहुत गरमी हे.. अब आही गइ हो तो थोडी बात करले..? मे ठंडा नीकालता हु..

पुजा : (मुस्कुराते) कमीना.. ठीक हे.. नीकालो ठंडा.. वैसे गरमी भी बहुत हे.. बता क्या पुछना चाहता हे..?

धृवको डांटते उनसे बहेस करने लगी.. बडी मुस्कीलसे धृवने उनको सांत कीया ओर उसे समजाकर बेडपे बीठाया ओर बाते करते धृवने दोनोके लीये कोल्डड्रीृंक्स नीकाला.. तब उनकी बहेनको पता नही चलाकी धृवने उनके कोल्डड्रीन्क्समे छुपकेसे कामोतेजक गोली मीलादी हे.. फीर दोनो कोल्डड्रींक्स पीते बाते करने लगे.. ओर धृव बाते करते पुजाको मनाता रहा..
 
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dilavar

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धृव : (मुस्कुराते) दीदी.. आप मेरे दोस्त लखनको जानती हेनां..?

पुजा : (मुस्कुराते) हां बहुत अच्छी तराह.. पापाके दोस्तका लडका हे.. वो अ‍ेक रोयल फेमीलीसे बीलोन्ग करता हे.. ओर तेरा दोस्त भी हे.. कइ बार हमारे घरपे आचुका हे.. तो लखनका क्या..?

धृव : (सरमाते धीरेसे मुस्कुराते) दीदी.. उनकी अ‍ेक बहेन भी हे.. पुनम नाम हे उनका.. जो हमारे स्कुलमे ही पढती हे.. दरसल.. वो.. मीन्स.. लखन भैया अपनी ही बहेनको प्यार करते हे..

पुजा : (कोल्डड्रीन्क्स पीते रुकते आस्चर्यसे) व्होट..? अपनी सगी बहेनको..? मगर ये कैसे हो सकता हे..?

धृव : (मुस्कुराते) दीदी.. हो सकता हे.. सीर्फ इतना ही नही.. उनके खानदानमे पीछली कइ पीढीयोसे सबलोग उनकी बहेनसे ही सादी करते आये हे.. मानोना.. उनके खानदानकी ये परंपरा हे.. तो मुजे भी आपका खयाल आया.. ओर मेभी आपको अपनी मासुकाकी नजरसे देखने लगा.. तो मुजे आपमे दुनीयाकी सबसे खुबसुरत लडकी नजर आइ.. ओर मे आपसे प्यार करने लगा.. इसीलीये ये सब नाटक कीया.. दीदी.. आइ लव यु..

पुजा : (अपना सर पकडपे) ओह गोड.. मेरे भाइ ये नही हो सकता.. मे तेरी सगी बहेन हु.. ओर भाइ बहेन बीचमे ये सब नही होता.. तु अपने दिमागसे ये गंदा खयाल नीकालदे..

धृव : (आंख गीली करते) दीदी.. पता हे मुजे.. हमारा समाज अ‍ैसे रीस्तोको कभी स्वीकार नही करता.. लेकीन ये सच हे.. मे आपसे सचमे प्यार करने लगा हु.. मेने अपने दिलको समजानेकी बहुत कोसीसकीे लेकीन साला ये दिल हेकी मानता ही नही.. दीदी.. मेरा प्यार कबुल करलो.. प्लीज.. वरना मे जी नही पाउगा..

पुजा : (अपना चहेरा हाथोमे छुपाते) भाइ.. भाइ.. मे तुम्हे कैसे समजाउ..? ये तुमने मुजे कैसी उलजनमे डालदी.. मेरी तो कुछ समजमे नही आ रहा.. ये नही हो सकता..

धृव : (हाथ थामते) दी.. मे समजाता हु.. भुल जाओ मे आपका भाइ हु.. मुजे अ‍ेक लडकेकी नजरसे देखो.. मानलो मे आपका बोय फ्रेन्ड हु.. सारी उलजन खतम होजायेगी.. मे वादा करता हु.. मे सारी अयासीया छोड दुगा..

पुजा : (अपना सर पकडते) भाइ.. भाइ.. मे तुजे कैसे समजाउ.. ये गलत हे..

धृव : (हाथ थामते) दीदी अगर ये गलत होता तो लखनके खानदानमे अ‍ैसी परंपरा क्यु हे..?

अब कोल्डड्रीन्क्सने अपना असर दीखाना सुरु करदीया था.. ओर उनकी बहेनके उपर धीरे धीरे वासना हावी होने लगी थी.. जो इतनी देरतक धृव उनको मनाता रहा तब वो भाइ बहेनका हवाला देते उनके साथ रीलेशन बनानेको मानती नही थी..

ओर गोलीका असर होते ही उनका वीरोध कम होने लगा.. आखीर कामोतेजक गोलीकी वजहसे वो बहुत ही उतेजीत हो चुकी थी.. उनकी चुत फडफडाने लगी.. ओर पुजा अपने भाइको अ‍ेक लडकेकी नजरसे देखने लगी.. ओर आखीर धृवके साथ रीलेशन बनानेको तैयार होगइ..

धृव : (इमोस्नल ब्लेकमेइल करते) दीदी.. प्लीज.. करलोना मेरा प्यार कबुल.. वरना मे आपके बीना जी नही पाउगा.. मे सचमे मर जाउगा..

पुजा : (प्यारसे देखते धीरेसे) भाइ.. तुम समजते क्यु नही..? हम समाजको क्या कहेगे..? समाजकी छोडो.. हम हमारे मम्मी पापाको क्या जवाब देगे..? अगर कीसीको पता चलानां तो हमारी नाक कट जायेगी.. ये आपने कभी सोचा हे..?

धृव : (पैरके पास बैठते) दीदी.. मेने सब सोचलीया हे.. हम कीसीको बतायेगे ही नही.. घरपे भी नही.. सबके सामने हम भाइ बहेन ही रहेगे.. दीदी.. मे आपसे सादी करनेके लीये भी तैयार हु.. हम हमारा प्यार सबसे छुपायेगे.. मे वादा करता हु.. आपका साथ जींदगी भर नीभाउगा.. चाहे कुछ भी होजाये.. मम्मी पापाकी कसम..

पुजा : (थोडी परेसान होते) भाइ.. अ‍ेक पल तो मानलो.. मे आपसे प्यार भी करने लगु.. लेकीन हमारी सादी नही हो सकती.. अगर हमारे मम्मी पापाको पता चलेगा तो वोतो हम दोनोको मार ही डालेगे..

धृव : ठीक हे दीदी.. हम सादी नही कर सकते.. मगर प्यारतो कर सकते हेनां.. मेरा यकीन मानो.. मे सचमे आपसे प्यार करता हु.. ओर वो प्यार नही.. जो मे ओर लडकीओके साथ करता था.. सच्चा प्यार.. जो मे जींदगी भर आपका साथ नीभाउगा.. फीर चाहे मेरी सादी होजाये या फीर आपकी.. मे आपसे प्यार करता रहुगा..

पुजा : (प्यारसे आंखोमे देखते) भाइ.. इतना प्यार करते हो मुजसे..? कही मुजे मजधारमे छोड दीया तो..?

लखन : (मुस्कुराते) दीदी.. तब मुजे जहेर देकर मार देना.. या फीर मे सुसाइड कर लुगा.. लेकीन आपको नही छोडुगा..

पुजा : (खडी होकर कंधेसे पकडकर खडा करते बाहोमे भीचते) भाइ.. मत करो मरनेकी बात.. मुजे आपपे पुरा भरोसा हे.. की आप मेरा साथ मरते दम तक नीभायेगे.. भाइ.. मुजे आपका प्यार कबुल हे.. आइ लव यु सो मच.. बस.. देखना हमारे रीस्तेके बारेमे कभी मम्मी पापाको पता ना चले.. मे दुनीयासे तो लड जाउगी.. मगर अपनोसे नही.. भाइ.. अपनालो मुजे.. आजसे ये पुजा आपकी होगइ.. बस..?

कहेते पुजा धृवके चहेरेको पागलोकी तराह चुमने लगी.. धृवको यकीन ही नही हो रहा थाकी उनकी बहेनने उनका प्यार कबुल करलीया हे.. दोनो अ‍ेक दुसरेके चहेरेको चुमते रहे.. ओर धृवो पुजाका चहेरा अपने हाथोमे थाम लीया.. ओर उनकी आंखोमे देखने लगा तो पुजा बहुत सरमाइ.. ओर अपनी नजरे जुकाली.. धृवने धीरेसे अपने होठोको पुजाके होठोपे रख दीया.. तो पुजा सरसे पांव तक हील गइ..

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क्युकी जींदगीमे पहेली बार कीसी लडकेने उनको कीस कीया था.. ओर वो भी अपने सगे भाइने.. पुजा बहुत ही रोमांचीत होगइ.. ओर उपरसे कामोतेजक गोलीका असर.. पुजाके उपर वासना हावी होने लगी.. वो अब धृवकी कीसीभी हरकतका विरोध नही कर रही थी.. ओर धृव करसे उनके बुब्सको मसलते उनके होठोको चुम रहा था.. ओर धीरे धीरे करते दोनोके तनसे कपडे हटते गये..
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पुजाकी आंख लाल होगइ थी.. वो पुरी तराह वासनामे जल रही थी.. ओर उनकी चुतसे लगातार पानी बेह रहा था.. तभी धृवने पुजाको अपनी गोदमे उठालीया.. ओर बेडपे लीटा दीया.. उस दिन धृवने पुजाकी चुतपे अपना मुह रखा.. ओर चुतमे दानेको खरोदने लगा.. पुजा पागल जैसी होगइ थी.. वो धृवका बाल खीचकर अपने उपर चडानेकी कोसीस करती रही..
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ओर धृवने पुजाको अ‍ैसे ही जडा दीया.. तो धृवने पुजाकी चुतको चाटकर साफ करदीया ओर पुजाके उपर आकर लेट गया.. पुजाने सरमाकर मुस्कुराते धृवको अपनी बाहोमे भीच लीया.. धृव पुजाके गलेके मुह डालकर गलेको चुमने लगा.. फीर पुजाके कानकी बुटको अपने दातोसे खीचा.. पुजा फीरसे तावमे आने लगी.. ओर आखीर धृव पुजाके बुब्सको मुहमे लेकर चुसने लगा तो पुजा उनका सर सहेलाने लगी..

पुजा : (सरमाते कामुक आवाजमे धीरेसे) भाइ.. सीइइइ कुछ हो रहा हे.. मत करो प्ली..ज.. आइइइ.. भाइ.. मुजसे रहा नही जाता.. ओर कीतना तडपाओगे मुजे.. डालदोनां..?

धृव : (मुस्कुराते) नही दी.. आज मे अपनी बहेनको जनतकी सेर करवाउगा.. आइ लव यु..

पुजा : (मुस्कुराते) हंम.. आइ लव यु टु.. भाइ.. कीतना प्यारा अहेसास करवाया आपने.. अब ओर देर मत करो.. मुजे जाना भी हे..

धृव : (मुस्कुराते) दीदी.. आपका पहेली बार हेनां..? तो थोडा दर्द होगा.. सहेन करलेना.. वो भी सीर्फ चंद मीनीटोका.. फीर तो मजे ही मजे हे..

पुजा : (सरमाते धीरेसे) भाइ.. पता हे मुजे.. बस.. खयाल रखना.. अंदर मत छोडना.. आप समज गयेनां..?

धृव : (मुस्कुराते) दीदी.. चीन्ता मत करो.. कोन्डम हे मेरे पास.. पेइन कीलर भी लाया हु..

पुजा : (मुस्कुराते गाल खीचते) हंम.. मतलब पुरी तैयारीया करके आये हो.. ठीक हे.. डालदो..

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कहातो धृवने अपने लंडपे कोन्डम चडा दीया ओर पुजाके उपर छा गया.. पुजाकी चुतपे धृवका लंड दस्तक देने लगा.. वो भी अपने नये बीलमे घुसनेके लीये जटके मार रहाथा.. ओर धृव पुजाके पैरोके बीच बैठ गया ओर लंड पकडकर पुजाकी चुतपे घीसने लगा.. फीर धीरसे लंडका टोपा पुजाकी चुतमे थोडा पुस करते फसा दीया.. ओर पुजाके उपर लेट गया.. फीर दोनो कीस करने लगे..

पुजाकी आंखोमे वासना छाइ हुइ थी.. वो कामुक नजरोसे धृवको देखते उनके होठोको चुमती रही.. तभी धृवने पुजाके दोनो हाथ पंजोमे फसाकर जकड लीये.. ओर लीपलोक करलीये.. तो पुजाने अपनी आंखोको भीचते बंध करली.. ओर होने वाले हमलेको जेलने तैयार होगइ..

तभी धृंवने अ‍ेक जोरका जटका मारा.. तो पहेली ही बारमे लंड चुतको चीरते आधा अंदर घुस गया.. पुजाकी जोरोसे चीख नीकल गइ.. उनकी आंखोमे आंसु आगये.. ओर धृवसे मुह छुडानेकी कोसीस करते अपने दोनो पैर बेडपे पटकने लगी..

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तभी देर ना करते धृवने अ‍ेक ओर जटका मारा.. तो पुरा लंड पुजाकी चुतमे घुस गया.. पुजा जोरोसे चीखते धृवको अपने उपरसे हटानेकी कोसीस करने लगी.. वो रोये जा रही थी.. तो धृव अ‍ैसे ही लंड घुसाके रुक गया.. ओर पुजाके होठोको चुमने लगा..

धृव : (जब पुजा सांत होगइ तब मुह हटाते) दीदी.. बस हो गया.. अब दर्द नही होगा..

पुजा : (नजरे चुराते धीरेसे आंसु बहाते) भाइ.. आपने क्या घुसा दीया.. बहुत दर्द होता हे..

उस दिन धृवने पहेली बार अपनी बहेन पुजाका कौमार्य भंग करदीया.. फीर कुछ देरके बाद धीरे धीरे कमर हीलाते धृव अपनी बहेन पुजाको चोदने लगा.. अब दर्द कम होजानेकी वजहसे पुजा भी अपनी कमर हीलाते धृवका साथ देने लगी..

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ओर धीरे धीरे करते घमासान चुदाइ होने लगी.. पुजाको अ‍ैसा लगाकी वो हवामे उड रही हे.. धृवने उसे दो बार जडा दीया.. ओर आखीर कुछ देरकी घमासान चुदाइके बाद दोनो साथमे जड गये.. ओर सांत हो गये.. पुना धृवकी पीठको सहेलाती रही..
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उस दिन धृवने अपनी बहेनको दो बार ओर चोदलीया.. ओर दोनो साम छे बजे तक चुदाइ करते रहे.. इसी दौरान दोनो अ‍ेक दुसरेसे अपने प्यारका इजहार करते रहे.. ओर जीवन भर साथ नीभानेका वादा कसमे खाते रहे.. फीर दोनो अलग अलग अपनी कार लेकर घरपे आ गये..

आज पुजाकी चाल बदल चुकी थी.. तबसे उनकी बहेन धृवकी दिवानी होगइ थी.. ओर घरपे अक्सर मौका मीलतेही अपने भाइसे चुदवा लेती.. दोनोने आज तक कीसीको भनक नही लगने दी.. तभी..

भावीका : (सामने देखते) धृव.. मे कबसे देख रही हु.. तुम कुछ गहेरी सोचमे डुबे हुअ‍े हो.. कुछ प्रोबलेम हे क्या..?

धृव : (जेंपते जटसे) अरे नही नही.. आज लखन मीला तो कुछ हमारी पुरानी बात याद आगइ..

भावीका : (मुस्कुराते) अच्छा..? इतना खास दोस्त हे आपका..? जरा मेभी तो सुनु दोनोने स्कुलमे क्या क्या गुलछने उडाइ हे.. जो मेरा पती मेरे सामने तक नही देखता.. हें..हें..हें..

धृव : (हसते) भावु.. उनकी तो तुम बात ही मत कर.. तुजे घर जाकर फुरसतमे सब कुछ बताउगा.. की उसने क्या क्या कीया हे.. वो अ‍ेक रोयल फेमीली हे.. ओर उसी स्कुल कोलेज लेडीस ओर बोय्स होस्टेल.. सबमे उनके पीताका बहुत बडा डोनेशन हे.. चल पहेले खाना खाले फीर उनसे मीलवाता हु..


कहेते धृवने बातको टाल दीया.. अभीभी उनके दिमागसे उनकी बहेन पुजा नीकलनेका नाम ही नही ले रही थी.. दोनो अ‍ेक दुसरेसे इतना प्यार करने लगे थे.. की पुजाका धृवके बगैर जीना मुस्कील होने लगा.. दोनोका अफेर दो साल तक चला..

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इस दो सालोमे धृवने अपनी बहेन पुजाको खुब चोदा.. ओर पुजाका जीस्म अ‍ैक ओरत जैसा हो गया.. ओर आखीर उनके मम्मी पापाने पुजाकी सादी दुबइ स्थीत अ‍ेक अमीर लडकेसे करदी.. जो वहा उनका गोल्डका कारोबार था.. हर छे महीनेमे पुजा धृवको मीलने इन्डीया आती..

कुछ दिन ससुरालमे रहेकर अपने मायके आजाती.. तब दोनो भाइ बहेन घर वालोसे छुपकर खुब मजे करते.. अब तो पुजा जब भी इन्डीया आती थी तबसे धृवसे बीना कोन्डम ही चुदवाने लगी थी.. क्युकी वो अपने भाइ धृवके बच्चेको जन्म देना चाहती थी..

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जो दोनो भाइ बहेनने मीलकर पहेलेसे ही तैय कीया था.. दोनो अ‍ेक दुसरेसे बहुत प्यार करते थे.. ओर लास्ट टाइम पुजा इन्डीयासे गइ.. तो उसने अपने भाइ धृवसे खुब चुदवाया था.. दोनो घरसे अलग अलग बहाना बनाकर गोवामे अ‍ेक छोटासा हनीमुन मनाने भी चले गये थे..

वहा धृवने उनकी बहेन पुजाकी खुब जमकर चुदाइकी.. ओर नतीजेके फल स्वरुप इस बार वो अपने भाइसे प्रेगनेन्ट होकर गइ.. हांलाकी इस बातका दोनोमेसे कीसीको पता नही था.. लेकीन वहा जाकर अ‍ेक महीनेके बाद वहा पुजाको उल्टीया होने लगी.. अ‍ेक बारतो उनके पतीने इसे खानेमे कुछ होगा.. अ‍ैसा समजकर इग्नोर करदीया..

लेकीन दुसरी बार हुइतो उनको कुछ आसंकाये हुइ.. ओर वो पुजाको लेकर अ‍ेक डोक्टरके पास गया.. जहा उनका इसी सील सीलेमे पुजासे छुपकर इलाज चल रहा था.. क्युकी डोक्टरने उनकी रीपोर्ट देखकर कहाथाकी वो कभी बाप नही बन सकता.. डोक्टरने पुजाको चेक कीया.. तो चोंक गया.. क्युकी पुजा प्रेगनेन्ट थी..

पुजाका पती : (सामने देखते) डोक्टर.. क्या हुआ..? क्या कहेती हे रीपोर्ट..?

डोक्टर : (आस्चर्यसे रीपोर्ट देखते) देखीये मीस्टर.. मुजे लगता हे आपकी रीपोर्ट मुजे फीरसे करनी पडेगी.. ये कैसे हो सकता हे..? क्युकी सी इज प्रेगनेन्ट.. इम्पोसीबल.. आप अंदर आइअ‍े.. मुजे फीरसे आपका टेस्ट करना हे.. हो सकता हे हमारे इलाजसे आपके अंदर इम्पृव हुआ हो..

पुजाका पती : (खडा होकर अंदर जाते) आइअ‍े डोक्टर.. करलीजीये टेस्ट..

पुजा : (थोडी परेसान होते) अरे आप दोनो क्या बाते कर रहे हो..? कोइ मुजे बतायेगा.. की ये सब क्या हो रहा हे..? प्रेगनेन्ट होनेकी खबर सुनके खुस होना चाहीये.. लेकीन आपतो..?

पुजाका पती : (थोडी सख्तीसे) तुम थोडी देर चुप बैठो.. ये हम दोनोके आपसकी बात हे.. चलीये डोक्टर..

पुजाको बहार बैठनेके लीये बोला गया.. आधे घंटे तक पुजा वही बैटी रही.. लेकीन जब उनका पती बहार नीकला तो उनके चहेरेपे कुछ अलग ही भाव थे.. ओर वो पुजाका हाथ पकडकर चलने लगा.. जैसे वो बहुत गुस्सेमे हो.. दोनो घरपे आगये.. तो उसने पुजाको धका मारते सोफेपे बीठा दीया.. पुजा डरके मारे सहेम गइ.. ओर वो अ‍ेक नजरसे अपनी पतीकी ओर देखती रही.. तभी उनका पती भी अ‍ेक चेर लेकर उनके सामने बैठ गया....

कन्टीन्यु
 
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