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Adultery दिल और जिस्म

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malikarman

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वीडियो देखने के बाद मन उलझनों और भावनाओं के तूफान में फँस गया। काजल और कृष्णा के बीच का अंतरंग दृश्य, उनकी सिसकारियाँ, और चरम सुख का पल देखकर मेरा शरीर उत्तेजना से भर गया था, लेकिन साथ ही उसके मन में गहरा गुस्सा, जलन, और विश्वासघात का अहसास भी था। काजल की मादहोश सिसकारियाँ और कृष्णा के साथ उसकी अंतरंगता ने मुझको अंदर तक हिला दिया। समझ नहीं आ रहा था कि इस स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया दे।

मैं: (मन में सोचते हुए) "काजल... तूने ऐसा कैसे कर लिया? मैंने तुझ पर इतना भरोसा किया, और तू... कृष्णा के साथ... ये सब?"

मेरे मन में उत्तेजना थी, मुझे काजल की वो मादक मुस्कान और कृष्णा के साथ उसकी सहजता देखकर जलन हो रही थी। काजल का ये कहना कि ये उसकी ज़िंदगी का सबसे अच्छा सेक्स था, मेरे लिए जैसे एक तमाचा था।

मैं: (मन में) "क्या मैं काजल को वो सुख नहीं दे पाया? क्या उसकी चाहतें मेरे साथ पूरी नहीं हो रही थीं? या ये बस एक कमज़ोरी का पल था?"

मेरा मन पछतावे, गुस्से, और उत्तेजना के बीच झूल रहा था। मुझे काजल से प्यार था, और उसकी मादहोशी देखकर मुझे एक अजीब-सी सनसनी भी हुई थी, लेकिन साथ ही यह डर था कि काजल अब मुझसे दूर हो जाएगी। सोच रहा था कि क्या मुझे काजल से इस बारे में बात करनी चाहिए, या कृष्णा को सीधे मना करना चाहिए कि वो अब उनके घर न आए। लेकिन काजल की वो संतुष्ट मुस्कान और कृष्णा के साथ उसकी बातचीत देखकर मुझे लग रहा था कि काजल ने इसमें पूरी तरह हिस्सा लिया था, और शायद वो इसे दोहराना भी चाहेगी।

मैं: (मन में) "मुझे काजल से बात करनी होगी। लेकिन कैसे? अगर मैंने गुस्सा दिखाया, तो शायद वो मुझसे और दूर हो जाए। और अगर मैं चुप रहा, तो ये सब फिर हो सकता है।"
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rajeev13

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वीडियो में दिखा दृश्य​


वीडियो में काजल चटाई पर लेटी थी, और कृष्णा उसके पेट को दबा-दबाकर देख रहा था। उसने काजल से कहा, "भाभी, आपकी नाभि नीचे खिसक गई है। पजामा थोड़ा नीचे कर दो, ताकि मैं ठीक से देख सकूँ।"


काजल ने हल्का सा झिझकते हुए अपना पजामा नीचे खींचा। पजामा इतना नीचे चला गया कि उसकी चूत के कुछ बाल हल्के-से दिखने लगे। कृष्णा ने तेल लिया और काजल के पेट पर मालिश शुरू की। उसकी उंगलियाँ काजल की नाभि के आसपास गोल-गोल घूम रही थीं, और वो धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ रहा था। उसने कहा, "भाभी, नस यहाँ चली गई है," और उसका हाथ काजल की चूत के पास तक दबाता चला गया।


Screenshot-20250720-005053
काजल की साँसें तेज़ हो रही थीं, और उसने अपने होंठ दाँतों के नीचे दबा लिए, जैसे वो उत्तेजना को छुपाने की कोशिश कर रही हो। उसकी आँखें बंद थीं, और उसका चेहरा दर्द और उत्तेजना के मिश्रण से सिकुड़ा हुआ था।

Screenshot-20250719-231758-1
कृष्णा ने देखा कि काजल का कोई विरोध नहीं है, तो उसने अपने दूसरे हाथ से काजल की चूत को हल्के-हल्के मसलना शुरू कर दिया। फिर उसने धीरे से एक उंगली काजल की चूत के अंदर डाल दी और उसे अंदर-बाहर करने लगा।

Screenshot-20250719-231931
काजल पूरी तरह मादहोश होने लगी। उसकी साँसें और तेज़ हो गईं, उसका शरीर हल्का-हल्का काँपने लगा, और उसने अपने होंठ और सख्ती से दबा लिए। उसकी सिसकारियाँ अब और गहरी हो गई थीं, "उई... आह...!" और उसकी छाती तेज़ी से ऊपर-नीचे हो रही थी, जिससे उसकी टाइट टीशर्ट में उसकी छाती और ज़्यादा उभर रही थी।


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कृष्णा ने काजल के पजामे और पैंटी को और नीचे खींच दिया, जिससे उसकी चूत पूरी तरह नंगी हो गई। काजल ने एक पल के लिए अपनी आँखें खोलीं, और उसका चेहरा शरम और उत्तेजना से लाल हो गया। उसने हल्के से अपने पैरों को सिकोड़ा, जैसे वो इस अंतरंग स्पर्श को रोकना चाहती हो, लेकिन उसकी साँसों की तेज़ी और मादहोश सिसकारियाँ बता रही थीं कि वो इस सनसनी में पूरी तरह डूब चुकी थी। ये कृष्णा के लिए एक ग्रीन सिग्नल था, जैसे काजल इस अंतरंग पल के लिए तैयार थी।


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कृष्णा ने धीरे से काजल की टीशर्ट को ऊपर उठाया और उसकी छाती को निहारने लगा। काजल के निप्पल आसमान की तरफ तने हुए थे। उसने अपने हाथों से काजल की छाती को हल्के-हल्के दबाया और उसके निप्पल्स को उंगलियों से सहलाया। काजल की सिसकारियाँ अब और तेज़ हो गईं, और उसने अपने सिर को पीछे की ओर झटका, जैसे वो इस स्पर्श की गहराई में खो रही हो। कृष्णा ने अपने होंठ काजल के होंठों से लगा दिए और उसे गहराई से चूमना शुरू कर दिया। काजल ने पहले एक पल के लिए झिझकी, लेकिन फिर उसने भी जवाब में कृष्णा के होंठों को चूमा। वो दोनों एक-दूसरे के होंठों को गहराई से चूम रहे थे, कभी काजल अपनी जीभ कृष्णा के मुँह में डालती, तो कभी कृष्णा उसकी जीभ को अपने मुँह में ले लेता। काजल की साँसें और तेज़ हो गईं, और उसका शरीर अब पूरी तरह उत्तेजना में काँप रहा था।


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कृष्णा ने एक हाथ से काजल की चूत में उंगली अंदर-बाहर करना जारी रखा, जबकि दूसरे हाथ से उसने काजल के सिर को पकड़कर उसे और गहराई से चूमना शुरू किया। फिर उसने अपने होंठ काजल की छाती पर ले जाकर उसके निप्पल्स को चूसना शुरू किया। वो एक हाथ से काजल का दूसरा मम्मा मसल रहा था, और अपने मुँह से उसके निप्पल के चारों तरफ हल्के-हल्के काट रहा था। काजल मस्ती में "उई... आअहह..." की आवाजें निकाल रही थी और उसने उत्तेजना में कृष्णा का लंड पकड़कर दबाना शुरू कर दिया। उसकी सिसकारियाँ अब और गहरी हो गई थीं, "आअहह... ऊऊओअहह..." और वो अपने शरीर को और करीब लाने की कोशिश कर रही थी।


कृष्णा ने काजल के पैरों के पास जाकर उसकी टाँगें उठाईं और अपने कंधों पर रख लीं। उसका लंड काजल की चूत की दीवार के साथ रगड़ गया। उसने अपने लंड को काजल की चूत के ऊपर घिसना शुरू किया। काजल तड़प गई और ज़ोर से बोली, "अब अंदर भी डाल दे...!" कृष्णा ने काजल की चूत की दरार पर अपना लंड टिकाया और एक धक्का मारा, जिससे उसका आधा लंड काजल की चूत में चला गया। काजल चिल्लाई, "जरा धीरे कर...!"


कृष्णा ने दूसरा धक्का मारा और अपना पूरा लंड काजल की चूत के अंदर पेल दिया। उसने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और काजल "ऊऊआहह... उउउइयाआ..." की आवाजें निकालने लगी। कृष्णा ने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी और दोनों हाथों से काजल के मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा। काजल के मम्मे जोर-जोर से हिल रहे थे, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। वो खुद भी "आआहह... ऊऊयय्याआ..." की आवाजें निकाल रहा था, और काजल भी "उआहह... ऊऊआहह... और जोर से चोद..." की आवाजें निकाल रही थी। उनके टट्टे काजल की चूत से टकराकर "ठप... ठप..." की आवाजें निकाल रहे थे।


कृष्णा ने काजल को घोड़ी बनने को कहा, और काजल तुरंत घुटनों और हाथों के बल हो गई। उसकी हिलती हुई छाती और कसी हुई कमर कृष्णा को और उत्तेजित कर रही थी। कृष्णा ने पीछे से काजल की चूत में अपना लंड डाला और तेज़ी से धक्के मारने लगा। काजल की चीखें अब और तेज़ हो गई थीं, "आआहह... और तेज़...!" और उसके मम्मे हर धक्के के साथ जोर-जोर से हिल रहे थे। कृष्णा ने एक हाथ से काजल की कमर पकड़ी और दूसरे हाथ से उसके मम्मों को मसलना जारी रखा।

काजल ने अपनी टाँगों से कृष्णा की पीठ पर दबाव बढ़ा दिया, और उसकी सिसकारियाँ चरम पर पहुँच गईं। वो ज़ोर-ज़ोर से चीख रही थी, "आआहह... और तेज़...!"


लगभग 40 मिनट तक दोनों ने एक-दूसरे के साथ अंतरंग पल बिताए, और अंत में काजल ने एक ज़ोरदार चीख के साथ अपनी चरम सीमा को छू लिया। कृष्णा ने भी जल्द ही अपनी चरम सीमा हासिल की और काजल के पास हाँफते हुए लेट गया। वो दोनों एक-दूसरे की बाहों में लेटे रहे, हाँफते हुए और एक-दूसरे को हल्के-हल्के चूमते हुए। काजल की साँसें अभी भी तेज़ थीं, और उसका चेहरा मादहोशी और संतुष्टि से चमक रहा था।

अंतरंग पल के बाद की बातचीत-

कृष्णा और काजल एक-दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे, अभी भी हल्के-हल्के हाँफते हुए। कमरे में एक अजीब-सी शांति थी, सिर्फ उनकी साँसों की आवाज़ गूँज रही थी। काजल ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं और कृष्णा की ओर देखा, उसका चेहरा अभी भी उत्तेजना और संतुष्टि से चमक रहा था।

काजल: (धीमी, मादक आवाज़ में) "कृष्णा, ये... ये सब क्या था? इतना सब कुछ हो गया..."

कृष्णा: (हल्के से मुस्कुराते हुए, काजल के बालों को सहलाते हुए) "भाभी, मैं तो बस आपका दर्द दूर करने आया था। लेकिन तुम... तुमने तो मुझे बिल्कुल बेकाबू कर दिया।"

काजल ने हल्के से शरमाते हुए अपनी नज़रें नीचे कीं, लेकिन उसकी मुस्कान में एक शरारत थी।

काजल: (हल्के से सिसकारी के साथ) "मुझे भी नहीं पता था कि ये इतना... इतना अच्छा लगेगा। लेकिन... ये गलत तो नहीं था ना?"

कृष्णा: (उसके चेहरे को अपने करीब लाते हुए) "गलत-सही की बात नहीं, भाभी। ये पल... ये हम दोनों के बीच का था। तुम्हें जो लगा, वो मैंने भी महसूस किया। ये जुनून था, शायद कुछ ऐसा जो हम दोनों में पहले से ही कहीं दबा हुआ था।"

काजल ने एक गहरी साँस ली और कृष्णा की छाती पर अपना सिर टिका दिया। उसकी आवाज़ में एक हल्का-सा संकोच था, लेकिन साथ ही एक अजीब-सी राहत भी।

काजल: (धीरे से) "मुझे बनवारी के लिए थोड़ा बुरा लग रहा है... लेकिन ये जो हुआ, वो जैसे मेरे काबू में नहीं था। तुम्हारी हर छुअन, हर स्पर्श... मैं बस खो गई थी।"

कृष्णा: (उसके माथे पर एक हल्का सा चुम्बन देते हुए) "भाभी, ये जुनून था, और इसमें कोई कमी नहीं थी। तुम्हें संतुष्टि मिली, मैंने तुम्हारी आँखों में वो चमक देखी। लेकिन अगर तुम्हें लगता है कि ये गलत था, तो हम इसे यहीं रोक सकते हैं।"

काजल ने एक पल के लिए चुप्पी साध ली, जैसे वो अपने मन के भावनाओं को समझने की कोशिश कर रही हो। फिर उसने कृष्णा की ओर देखा, उसकी आँखों में एक मिश्रित भाव था—पछतावा, जुनून, और शायद कुछ अनकही चाहत।

काजल: (हल्के से मुस्कुराते हुए) "नहीं, कृष्णा। मुझे पछतावा नहीं है। ये... ये जो हुआ, वो बहुत खूबसूरत था। लेकिन मैं बंवारी से बहुत प्यार करती हूँ। शायद ये बस एक पल था, जो हम दोनों को बहा ले गया।"

कृष्णा: (उसके हाथ को पकड़ते हुए) "भाभी, मैं तुम्हारी भावनाओं का सम्मान करता हूँ। ये हमारा छोटा-सा राज़ रहेगा। और अगर तुम्हें कभी फिर से मेरी ज़रूरत पड़े... नस सेट करने के लिए या..." (हल्के से हँसते हुए) "किसी और चीज़ के लिए, मैं हाज़िर हूँ।"

काजल ने हल्के से हँस दिया और कृष्णा के सीने पर एक हल्की-सी चपत मारी। "बस, अब बहुत हो गया, शरारती! चलो, अब मुझे कपड़े तो पहनने दे।"

वो दोनों एक-दूसरे की बाहों में कुछ देर और लेटे रहे, हल्की-हल्की बातें करते हुए। काजल की बातों में संतुष्टि थी, लेकिन साथ ही एक हल्का-सा पछतावा भी था, जो बंवारी के प्रति उसकी वफादारी से जुड़ा था। फिर भी, उसकी मादक मुस्कान और कृष्णा के साथ उसकी सहजता बता रही थी कि ये पल उनके लिए जुनून और चाहत का मिश्रण था, जिसमें कोई अधूरापन नहीं था।

10-15 मिनट बाद, कृष्णा ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, "भाभी, आपका पेट भी तो सही करना है। इसका दूसरा तरीका भी है।" उसने काजल को सीधा लेटने को कहा और उसने काजल से मंगलसूत्र वाली चैन खोलने को कहा उससे काजल की नाभि से दोनों निप्पल्स की दूरी नापने लगा। उसने मंगलसूत्र वाली चैन का एक सिरा काजल की नाभि पर रखकर दबाया और उससे से पहले एक निप्पल को हल्के से दबाया, फिर दूसरे निप्पल को। उसने कहा, "देखा भाभी, दोनों की दूरी अलग है।" मतलब आपकी नाभि हट गई है।

काजल ने हल्के से हँसते हुए कहा, "चल हट, बदमाश! जल्दी से मेरा पेट सही कर, बहुत दर्द हो रहा है।" कृष्णा ने काजल को पूरी तरह नंगा लिटाया और उसके पेट की मालिश कर उसकी नाभि ठीक कर दी।

इसके बाद, दोनों ने अपने कपड़े पहने और काजल ने किचन में जाकर फ्रीज़ से आइसक्रीम निकाली। वो हल्की-हल्की बातें करते हुए आइसक्रीम खाने लगे। काजल ने मुस्कुराते हुए कहा, "कृष्णा, इतना अच्छा सेक्स मैंने आज तक नहीं किया। पता नहीं, ये मेरी ज़िंदगी का बेस्ट सेक्स था।" उसने कृष्णा की ओर देखा और एक मादक मुस्कान के साथ उसे हल्के से चूम लिया। कृष्णा ने भी जवाब में उसे चूमा और एक स्लैप उसकी गांड़ पर रसीद कर दिया और फिर बाहर चला गया।
बहुत कामोत्तेजक मिलन था...
 
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Cuckh

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वीडियो देखने के बाद मन उलझनों और भावनाओं के तूफान में फँस गया। काजल और कृष्णा के बीच का अंतरंग दृश्य, उनकी सिसकारियाँ, और चरम सुख का पल देखकर मेरा शरीर उत्तेजना से भर गया था, लेकिन साथ ही उसके मन में गहरा गुस्सा, जलन, और विश्वासघात का अहसास भी था। काजल की मादहोश सिसकारियाँ और कृष्णा के साथ उसकी अंतरंगता ने मुझको अंदर तक हिला दिया। समझ नहीं आ रहा था कि इस स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया दे।

मैं: (मन में सोचते हुए) "काजल... तूने ऐसा कैसे कर लिया? मैंने तुझ पर इतना भरोसा किया, और तू... कृष्णा के साथ... ये सब?"

मेरे मन में उत्तेजना थी, मुझे काजल की वो मादक मुस्कान और कृष्णा के साथ उसकी सहजता देखकर जलन हो रही थी। काजल का ये कहना कि ये उसकी ज़िंदगी का सबसे अच्छा सेक्स था, मेरे लिए जैसे एक तमाचा था।

मैं: (मन में) "क्या मैं काजल को वो सुख नहीं दे पाया? क्या उसकी चाहतें मेरे साथ पूरी नहीं हो रही थीं? या ये बस एक कमज़ोरी का पल था?"

मेरा मन पछतावे, गुस्से, और उत्तेजना के बीच झूल रहा था। मुझे काजल से प्यार था, और उसकी मादहोशी देखकर मुझे एक अजीब-सी सनसनी भी हुई थी, लेकिन साथ ही यह डर था कि काजल अब मुझसे दूर हो जाएगी। सोच रहा था कि क्या मुझे काजल से इस बारे में बात करनी चाहिए, या कृष्णा को सीधे मना करना चाहिए कि वो अब उनके घर न आए। लेकिन काजल की वो संतुष्ट मुस्कान और कृष्णा के साथ उसकी बातचीत देखकर मुझे लग रहा था कि काजल ने इसमें पूरी तरह हिस्सा लिया था, और शायद वो इसे दोहराना भी चाहेगी।

मैं: (मन में) "मुझे काजल से बात करनी होगी। लेकिन कैसे? अगर मैंने गुस्सा दिखाया, तो शायद वो मुझसे और दूर हो जाए। और अगर मैं चुप रहा, तो ये सब फिर हो सकता है।"
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