• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica दिल्ली में बादशाह-सम्राट-रफीक के बीच युद्ध

aamirhydkhan

Active Member
987
2,147
139
दिल्ली में बादशाह- सम्राटऔर रफीक के बीच युद्ध

यह एक कामुक कहानी है जिसमें व्यक्तियों, विभिन्न जातियों और वस्तुओं के बीच सभी प्रकार के यौन कृत्यों को शामिल किया गया है।

सभी पात्र, व्यक्ति और घटनाएँ काल्पनिक हैं। जीवित रहने वाली या मृत किसी भी इकाई से कोई समानता विशुद्ध रूप से संयोग और अनजाने में है।

- यह कहानी एक प्राचीन लोक कथा पर आधारित है ,


मुख्य पात्र -
परवेज,-अवधी सुलतान , सुल्ताना के पति
सुल्ताना- अवधी सुंदरी ,
गुलनाज- पंजाबी सुंदरी, सरू जितनी लंबी और गोरी ।
रीमा, बंगाली सौंदर्य, सुंदरता से संपन्न।
मल्लिका, राजस्थानी सुंदरता, सरू जितनी लंबी।
- रफीक, विरोधी।


नोट: ये कहानी लोक कथाओ पर आधारित है । आपको इतिहास में कहीं नहीं मिलेगी, क्योंकि समयानुसार भारत गुलाम हो गया और इतिहास अंग्रेजो ने लिखा। लोक कथाओ में इसका चर्चा आपको जरूर मिलेगा और सच की खोज के लिए कुछ गायब कड़ियों को खोजना और जोड़ना पड़ेगा।

INDEX

UPDATE 01. UPDATE 02. UPDATE 03. UPDATE 04. UPDATE 05. UPDATE 06. UPDATE 07. UPDATE 08. UPDATE 09. UPDATE 10. UPDATE 11. UPDATE 12. UPDATE 13. UPDATE 14. UPDATE 15. UPDATE 16. UPDATE 17. UPDATE 18. UPDATE 19. UPDATE 20
 
Last edited:

aamirhydkhan

Active Member
987
2,147
139
दिल्ली में बादशाह-सम्राट-रफीक के बीच युद्ध

UPDATE 01

शुरुआत


यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति "बादशाह" के हिन्दुस्तान के समृद्ध शासन का समय था। अखंड हिन्दुस्तान के खलीफा महान के वंशजो में से एक जिसका हिन्द की राजधानी दिल्ली में शासन था । इनके की पूर्वजो ने दुनिया के अब तक के सबसे बड़े हिन्द के साम्राज्य पर सबसे लम्बा शासन किया था । उनका क्षेत्र इतना समृद्ध था कि उन्होंने हिंद के इस्लामी साम्राज्यों की पारंपरिक राजधानी दिल्ली के पास एक नया शहर बनाया उसे अपने नयी राजधानी बनाया और उसका नाम रखा था - बादशाहाबाद।

दिल्ली में अपनी इस शानदार नई राजधानी बादशाहाबाद में, बादशाह ने अपने विशाल दूर-दराज के प्रभुत्व के सभी हिस्सों के राजाओ , नवाबों, निजामों, साहिबों और दरबारियों से भरे एक भव्य और आलिशान दरबार की स्थापना की। इन्हीं में से एक थे परवेज साहब। परवेज साहब एक अवधी सज्जन थे जिन्होंने बादशाहाबाद के दरबार में अवध के हितों का प्रतिनिधित्व किया था। जीवन में अच्छी तरह से स्थापित, वह दिल्ली दरबार के एक प्रमुख सदस्य और अवधी अभिजात वर्ग के एक बहुत सम्मानित सदस्य थे।

एक शाम काम से घर लौटने के बाद परवेज की बदहाली में दर्दनाक गिरावट शुरू हुई। जैसे ही उसने अपने उत्तम तैमूर-शैली के महल के हरम के प्रांगण में प्रवेश किया, उसने अचानक अपनी बीबी सुल्ताना और उसके तीन सहेलियों को आंगन के बीच में बने हुए अष्टकोणीय पूल में देखा। उसने मन ही मन सोचा, वह आज चार नग्न ओरतों को नहाते हुए देखेगा । किसी का ध्यान उस पर ना जाये ऐसी रणनीति पर चलते हुए उसने दरवाजे के पीछे पीछे छुप कर , उन्होंने करीब से देखा।

यह उसकी बेगम सुल्ताना और उसकी सहेलिया गुलनाज़, रीमा और मल्लिका थीं जो पूल में थी और साथ में कुछ शर्बत पी रही थी । उसने सोचा, "मुझे करीब जाना चाहिए और उन सभी को जैसी वो इस समय नंगी हैं देखना है।"

बिना आवाज के वह धीरे-धीरे नहाने के कुंड के पास बने हुए एक पेड़ की ओर बढ़ा। यह एक कृत्रिम पेड़ था, जिसके तने सोने से बने थे और पत्ते चांदी के बने हुए थे। इस पेड़ के पीछे एक स्थान लेते हुए, उसने चार नग्न स्नान सुंदरियों का एक उत्कृष्ट नज़दीकी नज़ारा देखा।

अष्टकोणीय आकार के मुग़ल शैली में बने हुए उस कुंड के बेसिन में बैठकर चारो सुन्दरिया गर्म पानी का आनंद ले रही थी और उनके भारी स्तन पानी के स्तर से ठीक ऊपर लटके हुए थे और शांत पानी के बीच से, उसने उनके अद्भुत कूल्हों और उनके प्यारी टांगो का विवरण स्पष्ट रूप से देखा ।

वह छुप कर चुपचाप अपनी बीबी और उसके तीन प्यारे दोस्तों, मल्लिका, गुलनाज़ और रीमा को देखता रहा जिसके कारण जल्द ही उसका लंड धीरे धीरे सख्त हो गया।

बेसिन के किनारे उसकी अपनी बीबी सुल्ताना थी। सुल्ताना प्रसिद्ध अवधि सुंदरी थी जिसका पूरा बदन पूरी तरह से आनुपातिक था और गुलाबी त्वचा दृढ़, सुडौल, नितंबों का मोटा जोड़ा , चिकना, सपाट पेट और बड़े दृढ और सुडोल दूधिया स्तनों में बड़े उभरे हुए, निपल्स थे। वह हमेशा पुरुषों के आकर्षण केंद्र रही है और पुरुष उसे देखना पसंद करते थे।

जारी रहेगी
 
Last edited:
1,444
3,076
159
शुरुआत तो जबरदस्त लग रही है । आगे देखते है क्या होता है । अपडेट रेगुलर टाइम पर देते रहना
 

aamirhydkhan

Active Member
987
2,147
139
दिल्ली में बादशाह-सम्राट-रफीक के बीच युद्ध

UPDATE 02

सुंदरियों का परिचय



सुल्ताना का विनम्र, मिलनसार, व्यवहार उसकी सहेलियों के बिल्कुल विपरीत था। उसकी सहेलियों ज्यादातर दिखावटी थी, अपनी शानदार -जांघों और अच्छी तरह से आकार की टांगो को दिखाने के लिए तंग सलवार और अपने स्तनों को दिखाने के लिए तंग और कसी हुई कमीज और चोली पहनती थी ।

सबसे पहले गुलनाज़ बेसिन से बाहर निकली और एक नया शर्बत उठाकर वापस स्नान कुंड में लौट गयी । जैसे ही चलती हुई वह मेज तक गई और वहां से वापस कुंड में चली गई, परवेज को उसके नग्न पंजाबी शरीर के हर तरफ से एक पूरा नजारा मिला - जो केवल उसके कुलीन पंजाबी शोहर के देखने के लिए था। परवेज गुलनाज के पंजाबी शोहर गुलबाज को अच्छी तरह से जानते थे। गुलबाज मूल रूप से लाहौर के पंजाबी दरबार का सदस्य था कर अपने गहरे सैन्य ज्ञान के कारण, दिल्ली में आमंत्रित किया गया था। हालाँकि, बादशाह के दरबार में हर कोई जानता था कि गुलबाज को वास्तव में सैन्य मामलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, और इसका असली कारण यह था कि गुलनाज बेगम बादशाह की प्यारी थी। गुलनाज़ धनी पंजाबी मोहतरमा थीं, और एक सरूके पेड़ की की तरह लंबी और बहुत एथलेटिक ही नहीं बल्कि भारी-भरकम महिला थीं।

हिन्द की अन्य सुंदरियों के विपरीत, गुलनाज़ की पंजाबी त्वचा न केवल गोरी या गोरी थी, बल्कि शाम की धूप में सकारात्मक रूप चाँद की तरह चमकती थी। सुल्ताना की तुलना में थोड़ा लंबी , उसका फिगर कामुक था, उसका सुंदर सममित चेहरा एक तेज मुस्कान लिए हुए था । जैसे-जैसे वह चल रही थी, उसके भारी कूल्हे डगमगा रहे थे और उसके हर कदम पर उसके नितम्ब थिरक रहे थे ।

और जब वह हौले-हौले घूम कर कुंड की और लौटी तो परवेज को उसकी पंजाबी योनि के प्रत्यक्ष रूप का शानदार नजारा मिला । परवेज ने गुलनाज़ की मोटी और गुदाज जाँघे देख अंदाजा लगाया की रात में उसकी मजबूत जाँघें उत्सुकता से उसके प्रेमी के चारों ओर चिपक जाती थीं और उसे अपने पैरों के बीच मजबूती से जकड़ लेती होगी । उसकी योनि मांसल और बालों वाली थी। काले बालों की घाटी के आकार के पैच के नीचे, परवेज ने उसकी योनि के खुलने वाले होंठों को स्पष्ट रूप से देखा । ओह !, परवेज का मन हुआ की वह उसकी प्यारी पंजाबी चूत में अपना लंड डाल सके.

ओह ! , ये नजारा देखने के बाद अब परवेज चाहता था कि गुलनाज अपने मजबूत सफेद पंजाबी पैर उसके नितम्बो के चारों ओर लपेटे और वो वह अपने जाँघें से उसके नितम्बो के अपनी तरफ दबाये . वो सोच रहा था अगर ऐसा हुआ तो उसके शोहर गुलबाज और बादशाह के बाद, वह गुलनाज के साथ आनंद लेने वाला केवल तीसरा साहिब होंगा !


फिर वो सोचने लगा काश वो बाकी तीनो सुंदरियों के भी हुस्न का दीदार कर सके तो मजा दुगना और चौगुना हो जाएगा तो मानो उसकी प्रार्थना का उत्तर देने के लिए मल्लिका जल्द ही उठ खड़ी हुई और एक गिलास शर्बत लेने के लिए कुंड से बाहर टेबल की और चल दी जहाँ गिलास रखे हुए थे । जैसे ही वह संगमरमर के फर्श के पर आयी, परवेज को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उसने अद्भुत राजस्थानी सौंदर्य को देखा । बेशल , परवेज मल्लिका के शोहर राज मोहन साहिब को अच्छी तरह से जानता था - , जो बादशाह के दरबार के सबसे प्रमुख राजस्थानी सल्तनत का सरदार था । वह राजस्थान में से का राजस्थानी सल्तनत का सरदार था , ये लोग वे कुशल योद्धा थे जो बादशाह की सेनाओं का एक बड़ा हिस्सा थे और बादसाह के साम्राज्य के लिए बेहद वफादार सेनानी थे।

राज मोहन साहिब मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले, सूर्य-पूजा का बारीकी से पालन करते थे। वास्तव में, वे बादशाह के प्रति इतने समर्पित थे कि वे बादशाह की सेना में आधे से अधिक घुड़सवार- सेना का अभिन्नं भाग रहे हैं और उन सभी युधो में उन्होंने बादशाह का साथ दिया है जिन्हें खलीफाओं को विद्रोही अलगाववादियों के खिलाफ क्षेत्र की एकता बनाए रखने के लिए लड़ना पड़ा।

और परवेज जानता था कि राजस्थानी आमतौर पर अपने कीमती और शानदार ओरतों की रखवाली करने में बहुत सावधान रहते थे। लेकिन यहाँ, परवेज को एक नंगी रानी का पूरा दर्शन मिला था! चलते-चलते उन्होंने मल्लिका के शानदार जिस्म का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। वह एक सरू की तरह पंजाबी गुलनाज जितनी ही लंबी थी। हालाँकि, पंजाबी सुंदरी के अलावा उसकी विशिष्ट सुंदरता ये थी, वह यह थी कि वो पतली और नाजुक थी। हालाँकि, उसके भारी सफेद स्तन और बड़े उभरे हुए कूल्हे, उसके पतले फिगर पर अप्राकृतिक लग रहे थे। जैसे ही वह मुड़ी, उसे उसकी सुरक्षित शानदार फुद्दी का नजारा देखने को मिला। और वो सोचने लगा की उसका मोटा अवधी लंड इस छोटी सुन्दर और नाजुक राजस्थानी फुद्दी में कैसे घुसेगा !

उसने सोचा वो इस रानी को अपने लंड के जलवे से अपनी बना लेगा इसके साथ ही उसके अपने लंड को जोर से सहलाया । जबकि अन्य शासको ने जीतने के लिए तलवार और जोर जबरदस्ती का इस्तेमाल किया है वो इस दूसरी तलवार का इस्तेमाल करेगा ।


जब मल्लिका वापिस कुंड में आ गयी तो थोड़ी देर बाद, महिमायुक्त नग्न रीमा बेसिन से उठी, और फिर एक गिलास शर्बत लेने के लिए मेज पर चली गई। इस यात्रा के दौरान, परवेज को उसके खूबसूरत शरीर की झलक मिली, जिसे आम तौर पर उसके बंगाली बाबू शोहर ही देख सकते थे। बिलकुल शाही दरबारी होने के कारण परवेज रीमा के बंगाली बाबू शोहर को भी जानता था, जो सरकार में मुख्य मुंशी (लेखाकार) के रूप में काम करता था और नौकरशाही में एक बहुत ही प्रमुख पद पर आसीन था, जिसने उसे दिल्ली में बादशाह के दरबार तक पहुंच प्रदान की हुई थी । रीमा ठेठ बंगाली सुंदरी थी। वह अन्य तीन महिलायो से कद में छोटी थी, लेकिन उसके शरीर के अन्य अंग विशाल आकार के थे । उसके दूधिया-सफेद बंगाली नितंब बड़े पैमाने के थे, जो मुर्शिदाबाद के दो विशाल तरबूजो की तरह उसके शरीर से बाहर निकले हुए थे । जब वो वह चल रही थी तो परवेज ने बड़े सफेद नितंबो के गालों को हिलते-डुलते और हर कदम पर कंपन करते हुए देखा।

वास्तव में, उसके नितम्ब इतने बड़े थे कि चलते-चलते वे बग़ल में घूमते थे, उनका विशाल आकार उसे एक सीधी रेखा में भी चलने से रोकता था जिन्हे सहारा देने के लिए स्वाभाविक रूप से मजबूत जांघों की आवश्यकता थी। इसी तरह से उसके विशाल दूधिया स्तन भी असामान्य रूप से बड़े थे - वे बंगाली दूध के कंटेनर थे।

यह एक कमाल ही था कि उसकी संकीर्ण कमर उसके विशाल दूधिया स्तनों को संभल पा रही थी और कि उसके जैसे बड़े कूल्हों पर उसकी पतली कमर टिकी हुई थी । उसकी कामुक योनि इतनी बड़ी और मांसल थी कि रीमा की जाँघें उसके कूल्हों के जोड़ को भी नहीं छूती थीं, जिससे उसके जननांगों के लिए एक बड़ा अंतर रह गया था। इस बीच, उसकी टाँगे चिकनी और उसके पैर भी बड़े और प्यारे थे, उसके बड़े पैर की उंगलियां बाहर निकली हुई थीं, जिससे उसके लाल रंग के नाखून रसीले और कामुक दिखाई दे रहे थे। उसके छोटे कद के कारण शरीर के बड़े हिस्से सामान्य से भी बड़े लग रहे थे।

परवेज सोच रहा था रीमा उसके प्यारे शरीर के हर हिस्से की पूजा करना कैसे पसंद करेंगी ! उसने मन ही मन सोचा, अगर वो कर स्का तो वह उसके अद्भुत जिस्म पर चढ़ जाएगा, और पूरे दिन उसकी मीठी बंगाली फुड्डी को चोदने में कितना आनंद आएगा ।

जारी रहेगी
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Delta101

aamirhydkhan

Active Member
987
2,147
139

दिल्ली में बादशाह-सम्राट-रफीक के बीच युद्ध

UPDATE 03

खतरनाक आकर्षण

इन चारो सुंदरियों को देखकर, और उनके नग्न शरीर के अंगों को निहारते हुए परवेज का गुलाबी लिंग पायजामे के नीचे अपने पूरी *चार अंगुलीय्या * (चार इंच) तक बढ़ कर पूरा ७ इंची लम्बा हो गया । वह जो नजारा देख रहा था उसे देखकर वह खुद को बहुत भाग्यशाली व्यक्ति मान रहा था साथ ही चारों बेगमों की बातचीत भी गरमागरम होने लगी और वे आपस में भद्दे भद्दे चुटकुले सुनाने लगीं। इस माहौल और बातचीत ने उसकी उत्तेजना बढ़ाने का काम किया । इन प्यारी नग्न आर्य सुंदरियों को लुंड, फुद्दी और चुदाई के बारे में बाते करते और चुटकुले सुनने से परवेज और अधिक उत्साहित हो गया ।

अंत में, परवेज पूरी तरह से वासना से डूब गया । उसे लगा अब उसे कुछ करना चाहिए । अपनी ईर्ष्यालु बीबी सुल्ताना के सामने उसके पास एक ही बार में चारों औरतों को पाने का कोई मौका नहीं था। ऐसी बातें केवल सपनों में या कल्पनाओं में होती थीं। अगर वह पीछे हट जाता और फिर दूर से आने की घोषणा करता, तो यह बेगमों को फिर से तैयार होने का मौका देता। लेकिन अगर वह पेड़ के पीछे से बाहर आया, औरतों को पता चल जाएगा कि वह उन्हें देख रहा था। और उसके पाजामे के नीचे उसका लंड खड़ा हो गया है ये भी पता चल जाएगा, लेकिन फिर भी उसके पास हमेशा के लिए ऊपरी हाथ होता, और जब भी वे परवेज से मिलती या उसे देखती तो ये जान कर उन्हें परबेज ने पूरी तरह से नग्न देखा है तो परवेज कभी भी उन्हें पाने का प्रयास कर सकता है । हालांकि ऐसा करने से सुल्ताना को जलन होगी, लेकिन उसने सोचा इन तीन बेगमों के साथ संबंध स्थापित करने का यह सबसे अच्छा मौका था जिसे वह इन सुंदर महिलाओं को बहकाने और अपनी योनि में अपना लंड डालने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकता था।

अगर उन्होंने उसे अस्वीकार भी कर दिया तो भी उन्हें हमेशा ये आभास रहेगा कि उसने उन्हें देखा है, और वह हमेशा ये बात उसके बाद उन्हें चिढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता था। इसके इलावा हो सकता है कि इस बात के लिए वह सार्वजनिक रूप से उन सबके शोहर को छेड़ भी सके। और जब उन्होंने उन्हें बताता कि उसने उनकी बीबी नंगी देखी है तो वह उस शोहर, उस गौरवान्वित योद्धा और उस बाबू का चेहरा देखना चाहेंता था । इसी प्रकार के तर्क करते हुए, उन्होंने कृत्रिम पेड़ के पीछे से कदम रखा और अपनी उपस्थिति की घोषणा की और बेगमो को अस्सलाम वालेकुम बोला ।

परवेज को तब बेहद आश्चर्य हुआ जब चारो बेगमों ने केवल उसके सलाम को स्वीकार किया बल्कि उसके बाद उसी मस्ती में वो उस कुंड के बेसिन में वो जैसी जिस दिन पैदा हुई थीं, वैसी ही बेफिक्री से नंगी रहीं परवेज को बेहद अजीब लगा कि उन्होंने तुरंत अपने नग्न शरीर को ढंकने की मर्द के सामने कोई कोशिश नहीं की। और साथ ही इस समय उसकी अपनी सामान्य रूप से ईर्ष्यालु सुल्ताना भी तीन अन्य नंगी औरतों के सामने उसको देखकर उसे कोई आपत्ति नहीं कर रही थी! वासना में डूबे होने के कजारन उसने यह भी नहीं देखा कि चारों बेगम उसके आने से आश्चर्यचकित भी नहीं हुई ,पर वास्तव में उसकी ही प्रतीक्षा कर रही थी।

उन्हें सलाम करने के बाद, परवेज, कुछ हद तक शरमाकर अंदर चला गया और जल्दी से एक सुंदर शेरवानी पहन कर वह वापस कुंड के पास चला गया। उसने उम्मीद की थी कि अब उसकी बीबी ने और अन्य बेगमो ने कपड़े पहन लिए होंगे। इसके बजाय, उसे यह देखकर खुशी हुई कि चारों बेगम बेधड़क अपनी मस्ती जारी रखे हुए कुंड में नग्न ही थी । परवेज को यह एक सपने जैसा लग रहा था वो सोच रहा था कही ये सब असत्य तो नहीं । एक तकिया लेकर, वह स्नान करने वाली चार सुंदरियों के सबसे नज़दीक से देखने के लिए, सीधे कुंड के पास में बैठ गया। जैसे ही वह बेसिन के पास अपनी गद्दी पर बैठा, उसने अब खुलेआम सभी नग्न सुंदरियों को देखा और सोचा कि उनबेगमो के साथ ऐसा क्या हुआ था कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि वह उन सभी को इस हालत में सबके सामने देख रहा था।

थोड़ी देर बाद उसने सुना कि रीमा, सुल्ताना, मल्लिका और गुलनाज़ को कुछ मसालेदार ख़बर के बारे में बताना शुरू करती है। वास्तव में, यह उसके हालिया यौन अनुभवो में से एक के बारे में था। परवेज ने ईर्ष्या से सुना क्योंकि रीमा ने खबर सुनाई कि उसने रफीक नामक किसी भाग्यशाली हरामजादे के साथ का आनंद लिया था और फिर रीमा ने सुल्ताना, मल्लिका और गुलनाज को उसका रसदार विवरण सुनाया । रीमा ने अपनी सहेलियों के आगे अपने नए यार के कौशल, उसके शरीर और उसकी सहनशक्ति की प्रशंसा की। इस नई बातचीत ने अब परवेज को तड़पाना शुरू कर दिया। क्योंकि, जबसे उसने सुंदरियों को इस हालात में देखा था, तब से वह उन सभी के प्यार में पागल हो गया था और स्वाभाविक रूप से किसी भी प्रतिद्वंद्वी, यहां तक कि उनके पतियों के लिए भी ईर्ष्या करने लगा था ।

जारी रहेगी
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Delta101
Top