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Update 1
घनी सी रात म वो थरथराई सी हाइवे पर खड़ी थी , हर आते जाते मसाफर ु को हाथ देती l उसके बखरे से बाल और याह सफेद सलवार सटू शायद राहगीर को कनेनहं देना चाहता था l कई कहानयाँ थीं इस सड़क पर होने वाले हादस के बारे म, कई बजु ग ु के मँहु से लोग ने सनी ु थी उस हाइवे वाल चड़ुलै क कहानी l सफेद से कपड म वो लोग को हाथ देती है उनक गाडयो म बठती ै है और फर अगले चौराहे से पहले उस गाड़ी का एसीडट हो जाता हैl हालाँक सबुतू तो कोई न था पर हर साल 20-25 कार यहाँ अपने मालक को लल लेती थीं। हर कोई इसे चड़ुलै वाले मोड़ के नाम से ह जानता था और ऐसी जगह पर एक लड़क का होना कसी को हज़म नहं था l कार गुजर रहं थीं और वो हर कार को हाथ हला हला कर रोकने क कोशश म लगी थी पर कोई भी कार कती न थी l रात अपने शबाब पर थी l रात का कोई एक बजा होगा , सफेद रंग क एक कॉपओ उस लड़क को देख के क l वो मील के पथर पर बठ ै चींटयांचगु रह थी , बाल बेतरतीब बखरे थेऔर पर ै मचपल भी नहंथी l सफेद रंग के उस सलवार सटू पर कोई दपा ु भी नहं था l क हुई उस कार को देख वो उठ और लडखड़ाती चाल से उस गाड़ी क तरफ़ बढ़ चल उसक चाल कुछ अलग ह थी l तरछे से पड़ते कदम ने गाड़ी वाले क हमत छन ल और वो लड़क फर सेजाकर उसी पथर पर बठै गई l पलस ु वालेभी 10 बजे के बाद उस सड़क पर नहं जाते थेl संकेत अपनी कार मपरानी ु फम के गाने बजाता हुआ उस मोड़ के काफ करब था क गाड़ी हचकोले खाने लगी l झटके सेलेतेहुए ठक उसी जगह क जहाँवो सफेद सटू वाल लड़क बठ ै थी l उसने भी सनु रखा था उस चड़ुलै के बारेमl गाड़ी कतेह उसक धड़कन पहलेतो एक पल केलए क फर बेतहाशा दौड़नेसी लगी l नज़र उठा कर जब उसनेदेखा तो शीशेपर वो सफेद कपड़ो वाल लड़क उसेदेख रह थी और संकेत बस गलेके ताबीज को हाथ मलये ईवर को याद कर रहा था । संकेत क हमत भी नहंपड़ रह थी क उस ओर देख भी पाए । कुछ पल क ख़ामोशी केबाद कार केशीशेपर दतक होनी शु हो गई । भगवान का नाम लेतेहुए संकेत नेगदन उठाई । एक थका हुआ सा लेकन गोरा चेहरा, आगेसेबेतरतीब ढंग सेकाटेहुए बाल, गदन पर मलै क मोट सी परत, उँगलयाँमी सेसनी हुई और आख ँ मएक अजीब सी जलन उस लड़क को और डरावना बना रहंथीं। संकेत नेफर सेअपनी गाडी क ़ चाभी घमाई ु पर वो परानी ु कार घड़ घड़ कर केबझु गई । संकेत नेफर सेलड़क क तरफ देखा, वो अभी भी शीशेपर घबराई हुई दतक देरह थी । एक पल केलए संकेत केमन मयाल आया क कहं मसीबत ु मफंसी कोई लड़क ह तो नहं, पर डर क जो कहानयां संकेत नेसनु रखीं थींवो उसेचीख चीख कर यहां से नकल जाने का आदेश सा सना ु रहं थीं। कुछ पल दमागी जोज़हद के बाद संकेत ने शीशा नीचेकर दया ।
Update 2
शीशा नीचा होतेह लड़क नेसर भीतर क ओर डाल दया और कुछ पल के लए भीतर मआयना ु सा करनेलगी | संकेत सहमा सा ाईवर सीट पर चपका हुआ था, बोलनेक लाख कोशश केबाद भी शद लगता था जम सेगए थे| लड़क नेभी कुछ बोलनेक कोशश क पर कोई शद फूट ह नहंरहा था | रात इतनी घनी थी क सरतू देखनेका एक मा जरया कार क छत पर लगी लाइट ह थी | इससे पहलेक वो लाइट बझु पाती संकेत नेबटन को दाई तरफ पशु कर दया | "क..या चाहए ?" बड़ी मिकल ु सेसंकेत केमंहु सेबस इतना ह नकला | "मदद ............" बड़ी दबी और फुसफुसी आवाज़ मलड़क नेबोला | ईवर को याद कर संकेत नेदरवाज़ा खोल दया | लड़क कार के भीतर उकडूंबन बठै गई | अबक संकेत नेउसेआखँ भर के देखा | कपडे ऐसेमालमू पड़तेथेजसै ेहत पहलेसेपहनेघमू रह हो | गलेसेसीनेतक फटा हुआ उसका कुताउसके हालात बयान कर रहा था िजसे वो हाथ सेपकडेहुई थी | होठ केपास गहरेनाखन ू केनशान थे| चेहरा भी ऐसा मरझाया ु था जसै ेकई दन सेखानेको कुछ न मला हो | बाएंहाथ मएक गहरा कालेरंग का पस, िजसेउसनेकड़ी मजबती ू केसाथ पकड़ रखा था | हाथ क उंगलयाँउतर हुई अगं ूठय केसबुतू देरहंथींऔर आगेसेकाटेहुए बाल िजसमेसदं रू क हलक लेकन बखर हुई छाया सी थी |
आख के इशार सेलड़क नेचलनेको कहा और समोहन के वश सा बंधा संकेत टयरगं संभालेआगेक ओर चल पड़ा | इिनशन ऑन होतेह कार के टरओ नेगाना बजाना शु कर दया, " येरात... घड़याल कोबरेसी रात येरात .... न नगल ह जाए न उगल ह जाए येकाल ज़हरल रात |" घबरा कर संकेत का हाथ खदु ब खदु टरओ केपावर बटन क ओर बढ़ गए | बडेंधेगलेसेसंकेत नेबोलनेक कोशश क, " क..कौन...हो...तमु ....औ.....और....इ....इस.....वीराने....म....या....कर......र.....रह.....हो?" लड़क नेसंकेत क ओर गदन घमाई ु और ज़ोर लगा केबोल , " पा................नी |" संकेत नेाइवर साइड पर डोर मखसा ु वाटर सपर नकाल केलड़क केआगेकर दया | पहलेतो दोन हाथ सेउसनेसपर को थामा पर फर अचानक याद आनेपर दायांहाथ अपनेफटेकुतपर रख लया | संकेत उसके हर घटूँ क आवाज़ साफ़ सनु पा रहा था | ऐसा लग रहा था जसै ेकई दन क यास क वजह सेगला सखू सा गया था उसका और पानी का हर घटूँ उसके सखू ेगलेसेएक अजीब सी वन पदा ै कर रहा था | संकेत को अब यकन हो चला था क येकोई चड़ुलै नहंबिक कमत क मार कसी मसीबत ु सेबच के भागी आम लड़क है| सोच क गहराइय मडूबा हुआ संकेत येतक भलू बठा ै क वो ाइव कर रहा हैहैसोच के असर सेकुछ पल के लए उसक आखँ बंद सी हो ग | गहर सोच को लड़क क चीख नेतोडा और आखँ खल ु तो कुछ मीटर आगेह एक नील गाय को अपनी ओर दौड़तेहुए पाया | टयरगं घमी ू और भड़ाक क आवाज़ आई | दनया ु उलट दख रह थी और संकेत क आखँ धीरेधीरेबंद हो रहंथीं| आखर याल जो संकेत के मन मआया वो था क,"शायद मभी चड़ुलै का शकार बन गया | "
Update 3
संकेत क आखँ बंद ह थींअभी, रात का सारा वाकया उसक बंद आख ँ मएक फम क तरह चल रहा था और साथ ह एक याल भी क या येसब एक सपना था ! "पर इतनी हककत सी य थी इस सपनेम?" यह सब सोचतेहुए संकेत नेआखँ खोल दं। एक पल केलए तो कुछ समझ नहंआया पर फर आस पास लगी मशीन, हरेपद, हलकेनीलेरंग क पोशाक मऊपर एक सफ़ेद कोट पहनेघमतू ेफरतेलोग को देख कर समझतेदेर न लगी क वो अपताल महैऔर अगर येवाकई एक अपताल हैतो रात वाल घटना भी कोई वाब नहंबिक हककत है। "या वो लड़क वाकई एक चड़ुलै थी?" संकेत नेखदु सेसवाल सा कया । इतना सोचनेके दौरान वो येतक भलू बठा ै क उसक माँवहं बठ ै थीं, बलकुल सरहानेके बगल मऔर पता सामनेपड़ी एक बच पर । परै के पास सशात ु खड़ा था । उसके और सशात ु के हज़ार कसेथे। 9वींलास मखेलतेहुए सशात ु नेएक अजीब सी चीज़ उठा ल थी और सीधेआकर संकेत को दखाया," अबेदेख येया है?" "कहाँसेलाया इसे? पता हैया हैये!" संकेत नेसशात ु सेसवाल कया ।
"येवो पीछेवालेाउंड से, पर हैया ये?" सशात ु नेअपना सवाल फर सेदोहराया । "अबेहडी हैये। इंसान क या जानवर क वो नहंपता ।" संकेत बोला । कूल का पीछेवाला ाउंड टूटेखंडहर और उसके आगेपड़ी ज़मीन सेमलकर बना था । कहनेको तमाम कहानयां थीं उन खंडहर के बारेमपर सच कतना था और फसाना कतना कोई नहंजानता था । कूल सेबाहर नकलतेह मला वो औघड़ दोन को देखतेह झूम पड़ा ,"वो आएगी , तमनु ेउसक साधना मखलल डाला है, वो नाराज़ है, बेचनै है, वो ज़र आएगी । साल बदलगेतमु भलू जाओगेपर वो अपनी कसम भलू ेगी नहं।" दोन ह इस घटना को भलू चकुे थेपर आज हॉिपटल मसशात ु क शल देखकर संकेत को वो औघड़ और उसक बोल हर बात यान मआनेलगी थी । माँनेयार सेसंकेत के सर पर हाथ फेर के बोला," डॉटर का बोलना हैक दसरा ू जम हुआ हैतरा े , एसीडट इतना भयावह था क चमकार ह हैयेभोलेबाबा का । जद सेठक हो जा फर बाबा केदशन को चलगेअमरनाथ ।" संकेत नेहामी मसर हला दया l बोलनेमअभी तलफ भी काफ थी और गदन पर बँधा वो नीलेरंग का पा और उसमखसी ु हु सईयां ू उसेचपु रहनेकेलए मज़बरू कयेथींl "परूे12 दन बाद उठा हैतू। एक दम मत नींद सोया है।" सशात ु हलक सी मकान ु केसाथ बोला । "12 दन गुज़र गए ! मकोमा मथा या? वो लड़क कहाँहै? 12 .....दन , उस हडी म12 कट सेथेऔर जब फाखी चाचा नेहाथ पढ़ा था तो बोला भी था क मझु े12 का ाप लगा है। या येाप परा ू हो गया या फर शु हुआ है?" इह सब उहपोह सेबेचनै संकेत बेहोश होनेलगा था । कान मबस बीप क आवाज़ सनाई ु पड़ रह थी िजसक गत धीरेधीरेबढ़ती जा रह थी l अचानक सीनेपर एक झटका सा महससू कया संकेत ने, और फर दसरा ू , एक आवाज़ भी आई ,"1...2....3" एक ज़ोर का झटका और लगा और संकेत क चीख नकल गई ।
घनी सी रात म वो थरथराई सी हाइवे पर खड़ी थी , हर आते जाते मसाफर ु को हाथ देती l उसके बखरे से बाल और याह सफेद सलवार सटू शायद राहगीर को कनेनहं देना चाहता था l कई कहानयाँ थीं इस सड़क पर होने वाले हादस के बारे म, कई बजु ग ु के मँहु से लोग ने सनी ु थी उस हाइवे वाल चड़ुलै क कहानी l सफेद से कपड म वो लोग को हाथ देती है उनक गाडयो म बठती ै है और फर अगले चौराहे से पहले उस गाड़ी का एसीडट हो जाता हैl हालाँक सबुतू तो कोई न था पर हर साल 20-25 कार यहाँ अपने मालक को लल लेती थीं। हर कोई इसे चड़ुलै वाले मोड़ के नाम से ह जानता था और ऐसी जगह पर एक लड़क का होना कसी को हज़म नहं था l कार गुजर रहं थीं और वो हर कार को हाथ हला हला कर रोकने क कोशश म लगी थी पर कोई भी कार कती न थी l रात अपने शबाब पर थी l रात का कोई एक बजा होगा , सफेद रंग क एक कॉपओ उस लड़क को देख के क l वो मील के पथर पर बठ ै चींटयांचगु रह थी , बाल बेतरतीब बखरे थेऔर पर ै मचपल भी नहंथी l सफेद रंग के उस सलवार सटू पर कोई दपा ु भी नहं था l क हुई उस कार को देख वो उठ और लडखड़ाती चाल से उस गाड़ी क तरफ़ बढ़ चल उसक चाल कुछ अलग ह थी l तरछे से पड़ते कदम ने गाड़ी वाले क हमत छन ल और वो लड़क फर सेजाकर उसी पथर पर बठै गई l पलस ु वालेभी 10 बजे के बाद उस सड़क पर नहं जाते थेl संकेत अपनी कार मपरानी ु फम के गाने बजाता हुआ उस मोड़ के काफ करब था क गाड़ी हचकोले खाने लगी l झटके सेलेतेहुए ठक उसी जगह क जहाँवो सफेद सटू वाल लड़क बठ ै थी l उसने भी सनु रखा था उस चड़ुलै के बारेमl गाड़ी कतेह उसक धड़कन पहलेतो एक पल केलए क फर बेतहाशा दौड़नेसी लगी l नज़र उठा कर जब उसनेदेखा तो शीशेपर वो सफेद कपड़ो वाल लड़क उसेदेख रह थी और संकेत बस गलेके ताबीज को हाथ मलये ईवर को याद कर रहा था । संकेत क हमत भी नहंपड़ रह थी क उस ओर देख भी पाए । कुछ पल क ख़ामोशी केबाद कार केशीशेपर दतक होनी शु हो गई । भगवान का नाम लेतेहुए संकेत नेगदन उठाई । एक थका हुआ सा लेकन गोरा चेहरा, आगेसेबेतरतीब ढंग सेकाटेहुए बाल, गदन पर मलै क मोट सी परत, उँगलयाँमी सेसनी हुई और आख ँ मएक अजीब सी जलन उस लड़क को और डरावना बना रहंथीं। संकेत नेफर सेअपनी गाडी क ़ चाभी घमाई ु पर वो परानी ु कार घड़ घड़ कर केबझु गई । संकेत नेफर सेलड़क क तरफ देखा, वो अभी भी शीशेपर घबराई हुई दतक देरह थी । एक पल केलए संकेत केमन मयाल आया क कहं मसीबत ु मफंसी कोई लड़क ह तो नहं, पर डर क जो कहानयां संकेत नेसनु रखीं थींवो उसेचीख चीख कर यहां से नकल जाने का आदेश सा सना ु रहं थीं। कुछ पल दमागी जोज़हद के बाद संकेत ने शीशा नीचेकर दया ।
Update 2
शीशा नीचा होतेह लड़क नेसर भीतर क ओर डाल दया और कुछ पल के लए भीतर मआयना ु सा करनेलगी | संकेत सहमा सा ाईवर सीट पर चपका हुआ था, बोलनेक लाख कोशश केबाद भी शद लगता था जम सेगए थे| लड़क नेभी कुछ बोलनेक कोशश क पर कोई शद फूट ह नहंरहा था | रात इतनी घनी थी क सरतू देखनेका एक मा जरया कार क छत पर लगी लाइट ह थी | इससे पहलेक वो लाइट बझु पाती संकेत नेबटन को दाई तरफ पशु कर दया | "क..या चाहए ?" बड़ी मिकल ु सेसंकेत केमंहु सेबस इतना ह नकला | "मदद ............" बड़ी दबी और फुसफुसी आवाज़ मलड़क नेबोला | ईवर को याद कर संकेत नेदरवाज़ा खोल दया | लड़क कार के भीतर उकडूंबन बठै गई | अबक संकेत नेउसेआखँ भर के देखा | कपडे ऐसेमालमू पड़तेथेजसै ेहत पहलेसेपहनेघमू रह हो | गलेसेसीनेतक फटा हुआ उसका कुताउसके हालात बयान कर रहा था िजसे वो हाथ सेपकडेहुई थी | होठ केपास गहरेनाखन ू केनशान थे| चेहरा भी ऐसा मरझाया ु था जसै ेकई दन सेखानेको कुछ न मला हो | बाएंहाथ मएक गहरा कालेरंग का पस, िजसेउसनेकड़ी मजबती ू केसाथ पकड़ रखा था | हाथ क उंगलयाँउतर हुई अगं ूठय केसबुतू देरहंथींऔर आगेसेकाटेहुए बाल िजसमेसदं रू क हलक लेकन बखर हुई छाया सी थी |
आख के इशार सेलड़क नेचलनेको कहा और समोहन के वश सा बंधा संकेत टयरगं संभालेआगेक ओर चल पड़ा | इिनशन ऑन होतेह कार के टरओ नेगाना बजाना शु कर दया, " येरात... घड़याल कोबरेसी रात येरात .... न नगल ह जाए न उगल ह जाए येकाल ज़हरल रात |" घबरा कर संकेत का हाथ खदु ब खदु टरओ केपावर बटन क ओर बढ़ गए | बडेंधेगलेसेसंकेत नेबोलनेक कोशश क, " क..कौन...हो...तमु ....औ.....और....इ....इस.....वीराने....म....या....कर......र.....रह.....हो?" लड़क नेसंकेत क ओर गदन घमाई ु और ज़ोर लगा केबोल , " पा................नी |" संकेत नेाइवर साइड पर डोर मखसा ु वाटर सपर नकाल केलड़क केआगेकर दया | पहलेतो दोन हाथ सेउसनेसपर को थामा पर फर अचानक याद आनेपर दायांहाथ अपनेफटेकुतपर रख लया | संकेत उसके हर घटूँ क आवाज़ साफ़ सनु पा रहा था | ऐसा लग रहा था जसै ेकई दन क यास क वजह सेगला सखू सा गया था उसका और पानी का हर घटूँ उसके सखू ेगलेसेएक अजीब सी वन पदा ै कर रहा था | संकेत को अब यकन हो चला था क येकोई चड़ुलै नहंबिक कमत क मार कसी मसीबत ु सेबच के भागी आम लड़क है| सोच क गहराइय मडूबा हुआ संकेत येतक भलू बठा ै क वो ाइव कर रहा हैहैसोच के असर सेकुछ पल के लए उसक आखँ बंद सी हो ग | गहर सोच को लड़क क चीख नेतोडा और आखँ खल ु तो कुछ मीटर आगेह एक नील गाय को अपनी ओर दौड़तेहुए पाया | टयरगं घमी ू और भड़ाक क आवाज़ आई | दनया ु उलट दख रह थी और संकेत क आखँ धीरेधीरेबंद हो रहंथीं| आखर याल जो संकेत के मन मआया वो था क,"शायद मभी चड़ुलै का शकार बन गया | "
Update 3
संकेत क आखँ बंद ह थींअभी, रात का सारा वाकया उसक बंद आख ँ मएक फम क तरह चल रहा था और साथ ह एक याल भी क या येसब एक सपना था ! "पर इतनी हककत सी य थी इस सपनेम?" यह सब सोचतेहुए संकेत नेआखँ खोल दं। एक पल केलए तो कुछ समझ नहंआया पर फर आस पास लगी मशीन, हरेपद, हलकेनीलेरंग क पोशाक मऊपर एक सफ़ेद कोट पहनेघमतू ेफरतेलोग को देख कर समझतेदेर न लगी क वो अपताल महैऔर अगर येवाकई एक अपताल हैतो रात वाल घटना भी कोई वाब नहंबिक हककत है। "या वो लड़क वाकई एक चड़ुलै थी?" संकेत नेखदु सेसवाल सा कया । इतना सोचनेके दौरान वो येतक भलू बठा ै क उसक माँवहं बठ ै थीं, बलकुल सरहानेके बगल मऔर पता सामनेपड़ी एक बच पर । परै के पास सशात ु खड़ा था । उसके और सशात ु के हज़ार कसेथे। 9वींलास मखेलतेहुए सशात ु नेएक अजीब सी चीज़ उठा ल थी और सीधेआकर संकेत को दखाया," अबेदेख येया है?" "कहाँसेलाया इसे? पता हैया हैये!" संकेत नेसशात ु सेसवाल कया ।
"येवो पीछेवालेाउंड से, पर हैया ये?" सशात ु नेअपना सवाल फर सेदोहराया । "अबेहडी हैये। इंसान क या जानवर क वो नहंपता ।" संकेत बोला । कूल का पीछेवाला ाउंड टूटेखंडहर और उसके आगेपड़ी ज़मीन सेमलकर बना था । कहनेको तमाम कहानयां थीं उन खंडहर के बारेमपर सच कतना था और फसाना कतना कोई नहंजानता था । कूल सेबाहर नकलतेह मला वो औघड़ दोन को देखतेह झूम पड़ा ,"वो आएगी , तमनु ेउसक साधना मखलल डाला है, वो नाराज़ है, बेचनै है, वो ज़र आएगी । साल बदलगेतमु भलू जाओगेपर वो अपनी कसम भलू ेगी नहं।" दोन ह इस घटना को भलू चकुे थेपर आज हॉिपटल मसशात ु क शल देखकर संकेत को वो औघड़ और उसक बोल हर बात यान मआनेलगी थी । माँनेयार सेसंकेत के सर पर हाथ फेर के बोला," डॉटर का बोलना हैक दसरा ू जम हुआ हैतरा े , एसीडट इतना भयावह था क चमकार ह हैयेभोलेबाबा का । जद सेठक हो जा फर बाबा केदशन को चलगेअमरनाथ ।" संकेत नेहामी मसर हला दया l बोलनेमअभी तलफ भी काफ थी और गदन पर बँधा वो नीलेरंग का पा और उसमखसी ु हु सईयां ू उसेचपु रहनेकेलए मज़बरू कयेथींl "परूे12 दन बाद उठा हैतू। एक दम मत नींद सोया है।" सशात ु हलक सी मकान ु केसाथ बोला । "12 दन गुज़र गए ! मकोमा मथा या? वो लड़क कहाँहै? 12 .....दन , उस हडी म12 कट सेथेऔर जब फाखी चाचा नेहाथ पढ़ा था तो बोला भी था क मझु े12 का ाप लगा है। या येाप परा ू हो गया या फर शु हुआ है?" इह सब उहपोह सेबेचनै संकेत बेहोश होनेलगा था । कान मबस बीप क आवाज़ सनाई ु पड़ रह थी िजसक गत धीरेधीरेबढ़ती जा रह थी l अचानक सीनेपर एक झटका सा महससू कया संकेत ने, और फर दसरा ू , एक आवाज़ भी आई ,"1...2....3" एक ज़ोर का झटका और लगा और संकेत क चीख नकल गई ।
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