- 5
- 60
- 14
बहुत ही जबरदस्त प्रारंभ हैं भाई कहानी काUpdate 01
"क्यों री बिमला लड़की अच्छी नही लगी क्या बिटवा को"
"क्या कहूं भाभी बोलता है पहले नया घर नाएगा.. बोलता है घर में जगा ही कहा है"
"बात तो उसकी सही है.. लेकिन लड़का जवान हो गया है.. रोज सहर भी जाता है.. देख तू भी समझदार हे.. मर्द को रात में कुछ नही मिलेगा तोह दिन में कही और मुंह मारते हे और तेरा तो बेटा भी उतना गबरू जवान है"
"और क्या वो सरपंच का बेटा पता नही रांड़ को बिया लाया.. उसकी मां की उम्र की होगी रण्डी"
"मेरा बेटा ऐसा वैसा नही है समझदार है"
"है तो मर्द ही.. और औरतों का तो तूझे पता ही है अच्छा मर्द देखा नही की..."
"देख बिमला रवि पूरा दिन सहर में काम करता है और यहां आके भी खेतो में देर तक काम करता है.. तेरे घर का तो मर्द बन गया है वो.. इतना काम करेगा तो थकान कितनी होती होगी"
"वो तोह भाभी सही बोल रही हो लेकिन अब क्या करू में"
"बिमला मर्द की दिन भर की थकान सिर्फ एक औरत ही मिटा सकती हैं.. और घर की औरत तू है"
"भाभी बेटा है मेरा आप क्या बोल रही हो"
"बेटा हे तभी तो बोल रही हूं देख...एक औरत का पहला फर्ज होता है अपने घर के मर्द के साथ सोने का.. चाहे वो बेटा पति हो या ससुर"
"हा नही तो वो किसी राण्ड के चक्कर मे ना पड़ जाय"
"वो तो ठीक है लेकिन में मां हु उसकी में केसे उसके साथ ही"
"बिमला तू न बड़ी भोली हे.. आज नही सोएगा.. जब उसकी शादी होगी तब तो उसके साथ सोना ही पड़ेगा तब भी माना करेगी क्या पगली"
सब औरते हसने लगी...
"भाभी तब तो सिर्फ सोना होता ही बस एक रात... वो सब कहा होता है" बिमला का मुंह शर्म से लाल हो गया था अपने बेटे के बारे में ऐसी बाते करते हुए...
"तुझे क्या लगता हे की तेरा बेटा बस तेरे साथ एक बंद कमरे में बस सोया रहेगा पूरी रात... अरे पगली कोई बेटा उस रात को जैसे जाया नही करता... बेटे अपनी मां को उस रात तोड़ के रख देते है.. इस से अच्छा ही अभी से उसके साथ सोया कर"
"भाभी ऐसा बेटा सब के नसीब में कहा होता है जो अभी से पूरा घर अपने कंधे पे चला रहा है.. क्या बस उसके पेसो से मजे ही करेगी.. कुछ तेरा भी तोह फर्ज बनता है"
बिमला
32C 28 36
![]()
बिमला एक मध्यम कद की औरत थी उसके स्तनों का कोई जवाब न था छोटे छोटे लेकिन हमेशा उसके सीने से उठे हुए रहते थे..इतना कसाव था की उसे ब्रा की कोई जरूरत नही पड़ती थी... खेतो मे काम दिन रात काम करने से उसके पूरे जिस्म पे कोई चर्बी नही थी.. बाहर से बिमला का बदन सावला दिखता था लेकिन जब वो अपने सीने से ब्लाउस और नितंभ से अपना पेटीकोट उतार दिया करती तब पता चलता था की बिमला कितनी गोरी रही होगी एक जमाने में.. उसके छुपे हुए अंग जैसे कि चूचे और कमर से लेके पैरो तक सब दूध जैसा गोरा था...