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Adultery किस्मत से मिली कुवांरी चूत! (Completed)

sheetal79

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दोस्तों आज कल कुवांरी चुत वाली लड़की मिलना लगभग नामुमकिन हो गया है , फिर चाहे बात शादी करने की हो या गर्लफ्रेंड बनाने की। पर किस्मत वालों को मिल ही जाती है कुवांरी चूत चोदने को । पर इसके लिए जरुरी है जब तक ना मिले कोशिश जारी रखो। यह ना सोचो अब जो मिल गया वो ही बहुत है। गर्लफ्रेंड बनाने तक तो समझ में आता है पर दोस्तों शादी कभी किसी चुदकड़ से न कर लेना नहीं तो बहुत पछताओगे।

मुझे ये बता कर ख़ुशी हो रही है कई मैं उन चंद किस्मत वालो में से हूँ जिसे एक सूंदर और सील पैक वाली लड़की मिली। पर वो करीब १२ लड़किया चोदने के बाद मिली। वैसे तो मेरी हर चुदाई की कहानी बहुत मजेदार है पर अगर मैं सभी सुनाने लगा तो बहुत टाइम लग जायेगा। तो आइए सुनते हैं मेरी आज तक की सब से हसीन और मजेदार चुदाई की कहानी।

मेरा नाम राहुल है , मैं नॉएडा में जॉब करता हूँ। में नॉएडा में एक किराये के फ्लैट में अकेला रहता हूँ और मेरे माता पिता पंजाब के लुधिअना शहर में रहते है। मैं यहाँ एक बहुत बड़ी कंपनी में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर का काम करता हूँ। काम ज्यादा होने की वजह से में साल में एक या दो बार ही अपने माँ बाप से मिलने जा पाता हूँ। कभी कभी वो लोग ही यहाँ मेरे पास रहने आ जाते हैं। ये कहानी है आज से ६ महीने पहले की जब में पंजाब अपने घर गया था।

पर इस बार मुझे वहां अब बार बार जाने की वजह मिलने वाली थी। मुझे वहां जाकर पता लगा कई पापा ने हमारे घर की दूसरी मजिल वाला २ बैडरूम का सेट किराये पर दे दिया है जो कि मैंने अपनी शादी के बाद रहने के लिए बनाया था और मैंने सोचा था कि उसमे सब से पहले अपनी बीवी को ले कर आऊंगा। मुझे गुस्सा आ गया ये सुन कर और पापा के बहुत रोकने पर भी में सीधे ऊपर गया ये सोच कर कि जो रहने आया है किराये पर उसे खाली करने को बोल दूंगा। पापा बार बार मुझे बोलते रहे बेटा तू तो रहता नहीं , किरायेदार की वजह से हमारा मन लगा रहता , पर मैं नहीं माना। मैं पुरे गुस्से में ऊपर वाली मंजिल पर गया। पर वहाँ जाकर मेरा गुस्सा शांत हो गया। क्यूंकि हमारे घर में किराये पर एक बहुत ही सूंदर लड़की रहने आयी थी। मैं उसे कामुक या माल तो नहीं बोल सकता पर इतना बोलता हूँ उसकी सुंदरता ने मेरा सारा गुस्सा शांत कर दिया और में बस उसे देखता रह गया।

मेरे माता पिता भी ऊपर आ गए और हम दोनों को देखने लगे। हम दोनों बिना कुछ बोले एक दूसरे को देखे जा रहे थे। पापा ने मजाक में बोला क्या हुआ बेटा निकालना है अब किरायेदार या नहीं। मैं नजरे झुका कर निचे चला गया। मेरे माता पिता ने मेरा चेहरा पढ़ लिया और हंसने लगे। उस लड़की ने उनसे पूछा क्या हुआ ये कौन हैं ? मम्मी ने उसे बोला कि ये मेरा बेटा है , और तुझे यहाँ से निकालने आया था क्यूंकि ये फ्लैट उसने अपने रहने के लिए बनवाया था। उसके बाद जो हुआ तूने देख ही लिया और ये सब सुन कर वो भी हसने लगी। मैं अपने कमरे में चला गया और नाहा धो कर खाना खाने आ गया। खाना खाते हुए मम्मी ने बताया ये लड़की जालन्धर की रहने वाली है , कीर्ति नाम है इसका और यहाँ लुधिअना में जॉब करती है। मम्मी ने उसे एक बहुत अच्छी और संस्कारी लड़की बताया।

दोस्तों सच बताऊं तो वो लड़की मुझे पहली नजर में इतनी पसंद आ गयी थी कि मेरा मन था उस से शादी करने का। पर फिर से मेरे सपनो के बिच में मेरा दूसरा सपना आ गया कि शादी तो सील पैक लड़की से करनी है। और मैं सिर्फ १० दिन के लिया आया हूँ और १० दिन मैं इसे पटाना और चोदना बहुत मुश्किल था। पर मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी और लग गया काम पर। खाना खाने के बाद मैं छत पर सिगरेट पीने गया। पीछे से वो भी सैर करने आ गयी। मैंने सिगरेट नहीं फेंकी पीता रहा। वो खुद आकर बोली सिगरेट पीते हो ये बात आंटी को पता है। मैंने बोला नहीं और बताना भी नहीं। वो हंस कर बोली ठीक है तो वायदा करो तुम मुझे इस घर में रहने दोगे और मैं वायदा करती हूँ सिगरेट वाली बात किसी को नहीं बताउंगी। मैंने बोला मैडम निकालना होता तो शाम में निकाल ही देता। पर तेरे सूंदर चेहरे ने तुझे बचा लिया और ये बोल कर हम दोनों हंसने लगे। उसे लग गया था पता कि में उसकी और आकर्षित हो रहा हू। फिर हम छत पर ही काफी देर तक बात करते रहे।

रात भर मैं यही सोचता रहा कि बात आगे कैसे बढ़ानी है। पर कहते हैं न किस्मत अच्छी चल रही हो तो सब काम आसान हो जाते है। तीसरे दिन ही रात मैं छत पर फिर से बातें करते हुए मैंने उसे बोल दिया कि कीर्ति मैं तुझे बहुत पसंद करने लगा हूँ। जब से तुझे देखा है तू मेरी आँखों में बस गयी है। अगर तेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और अगर मैं भी तुझे अच्छा लगता हूँ तो प्लीज मेरी गर्लफ्रेंड बन जा। किस्मत अच्छी थी और उसने भी हाँ बोल दिया कि मैं भी तुझे पसंद करने लगी हूँ। हमने एक दूसरे को गले लगा लिया और गले लगने के बाद उसकी चूचियां मेरी छाती से चिपक गयी और मुझे एहसास हुआ उसकी बड़ी बड़ी चूचियों का। १ ही मिनट में मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मुझसे रहा न गया और मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया। उसने मुझे पीछे हटाया और बोला राहुल ये क्या कर रहे हो कोई आ जायेगा।

मैं तुरंत जाकर छत का दरवाजा ऊपर से बंद किया और फिर से जाकर उसे पकड़ लिया और बोला अब कोई नहीं आएगा और अँधेरा भी बहुत है। मैंने फिर से उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया। पहले एक मिनट तक तो वो हिचकिचाती रही फिर बाद में उसने भी मेरा साथ देना शुरू किया और अब वो भी मेरे बालो में हाथ डाल कर मेरे होठों को चूमने लगी। हम एक दूसरे की जीभ काट रहे थे होंठ दांतो से नोच रहे थे होंठो से होंठ मिलकर एक दूसरे को चूस रहे थे और पता नहीं कब मेरा हाथ उसकी छाती पर चला गया और मैं उसकी चूचियां दबाने लगा। अब उसे भी मजा आने लगा था और वो और मदहोशी में मेरे होंठ चूमने लगी। मैंने उसकी कुर्ती के अंदर हाथ डालने की कोशिश की पर उसकी कुर्ती बहुत ज्यादा टाइट थी तो मैं ऊपर से ही दबाता रहा और उसे गर्म करता रहा। मैंने अब उसका हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया और उसे मसलने को बोला। उसने अभी मसलना शुरू ही किया था कि निचे से मम्मी ने आवाज दी और हम एक दूसरे से तुरंत अलग हो गए और मुँह पोछने लगे। हम दोनों मुस्कुरा रहे थे और फिर हमने एक दूसरे को आयी लव यू बोल कर होंठो पर चूमा और निचे चले गए।

अब मुझे जब भी मौका मिलता मैं उसे चूसने लगता उसकी चूचियां दबा देता , गांड पर और चूत हाथो से सेहला देता। वो भी पुरे मजे लेकर मुझसे ऐसी छेड़छाड़ करती , कभी मेरा लण्ड पकड़ कर दबा देती तो कभी पैजामे में हाथ डाल कर मसलने और हिलाने लगती। उसकी ये हरकते मुझे तड़पा रही थी और अब बस मैं उसे चोदना चाहता था। रोज रात में उसे छू कर उसके होठों को चूस कर उसकी चूचियां दबा कर मेरी तड़प बढ़ती ही जा रही थी। पर पूरी तस्सली से चोदने का मौका नहीं मिल रहा था। एक दिन दोपहर में मम्मी ने बोला कि उनकी एक सहेली की शादी है तो साथ चलना। मैंने तबियत और गर्मी का बहाना बना कर मना कर दिया और उन दोनों को जाने को बोल दिया। आज मेरे लिए अच्छा मौका था और मैं उसे गवाना नहीं चाहता था।

रात में उनके जाने के बाद मैंने होटल से खाना मंगवा लिया और खाकर छत पर सिगरेट पिने चला गया। कीर्ति वहां पर पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थी। मैंने पीछे से जाकर उसे पकड़ा और उसकी चूचियां दबा दी। वो बोली आ गए जनाब और मेरे होठों को किस कर के बोली बहुत इंतज़ार करवाते हो। मैंने फटाफट एक सिगरेट पी और उसे चूसना शुरू कर दिया। आज फिर हम दोनों उसी पागलपन से एक दूसरे के होंठ चूसने लगे और फिर से मैं उसकी चूचियां दबा कर उसे मदहोश करने लगा। आज मैंने उसकी सलवार में हाथ डाला और उसकी चूत सहलाने लगा। वो भी तड़पने लगी और मेरा लण्ड पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगी। हम लगातार एक दूसरे को इसी तरह तड़पा रहे थे और एक दूसरे के होंठो का रस चूस रहे थे। करीब २० मिनट तक ये सिलसिला चलता रहा और मैंने बोला चल अब चले निचे बहुत टाइम हो गया। वो बोली थोड़ा देर और रुकते हैं न मजा आ रहा है।

मैंने बोला नहीं अब कल करेंगे। मैंने उसे नहीं बताया कि आज मम्मी पापा घर नहीं हैं। वो निचे चली गयी और में उसके पीछे पीछे जाने लगा। उसके रूम के पास पहुंचते ही मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और वो डर कर धीरे से बोली आंटी आ जाएँगी। मैंने उसके कान काटे और बोला मेरी जान आज पुरे घर में सिर्फ मैं और तू हैं और कोई नहीं। वो मेरी तरफ घूम कर बोली सच में ? मैंने बोला हाँ सच में। और उसने फिर से मेरे होंठो को चूमना शुरू कर दिया। ऐसे ही चूमते चूमते हम दोनों उसके रूम में आ गए और मैंने उसे टेबल पर बैठा दिया और खुद खड़ा होकर उसे चूमने लगा। अब हम आज पहली बार बिना किसी डर के एक दूसरे में खो रहे थे और पागलो की तरह चूस रहे थे चाट रहे थे एक दूसरे को। कभी गालो पर कभी होंठो पर बस लगातार एक दूसरे का पूरा चेहरा अपने थूक से गिला कर रहे थे। हम दोनों अब पूरी तरह पागल हो चुके थे और में जोर जोर से उसकी चूचियां दबा रहा था। मैंने उसे बोला आज अपनी कुर्ती उतार नहीं तो मैं फाड़ दूंगा इसे। उसने तुरंत अपने हाथ ऊपर कर के इशारा किया और मैंने भी उसकी कुर्ती उतार दी और अब ब्रा के ऊपर से उसकी चूचिया दबाने लगा।

टाइट कुर्ती की वजह से कभी उसकी चूचियों का सही अकार नहीं पता चला पर आज आजाद होते ही उसकी चूचियां अपना सही अकार बता रही थी। मैंने उसे चूसते हुए ही बोला कि कितना साइज है तेरी चूचियों का। वो बोली अंदाजा लगा तो मैंने जवाब दिया ३४। वो बोली नहीं पागल ३६ है। इतना सुन कर अब मैंने उसके होंठो को छोड़ उसकी एक चूची को मुँह में डाल दिया और उसे चूसने लगा। दूसरी चूची मैं अभी भी दबा रहा था और वो अपने बालो में हाथ फेर कर मदहोश हो रही थी। उसने भी मेरी टीशर्ट उतार दी और अब मेरे पीठ पर नाख़ून मरने लगी और तड़पने लगी।

मैंने उसकी सलवार का नाडा खोल दिया और चूचियों से धीरे धीरे निचे सरकते हुए उसकी नाभि चूसने लगा। अब मैं उसकी पेंटी में हाथ डाल कर उसकी चूत में ऊँगली डाल चूका था और उसे और ज्यादा गर्म कर रहा था। वो भी निचे को झुक कर मेरे पैजामे में हाथ डाल कर जोर जोर से मेरा लण्ड हिलाने लगी।

मैंने उसे टेबल से उठाया और बैड पर लिटा दिया। अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी और मैंने सिर्फ पेजाम पहना हुआ था। एक बार फिर मैं उसके ऊपर चढ़ कर उसके होंठो को चूमने लगा। वो भी पूरी मदहोशी में मेरी जीभ काट रही थी और हम दोनों एक दूसरे का थूक अदल बदल कर रहे थे। मेरा खड़ा लण्ड उसकी चूत से टकरा रहा था जिसकी वजह से वो और ज्यादा तड़प रही थी। होंठ चूसते चूसते मैंने उसकी ब्रा उतार दी और अब फिर से उसकी चूचियां चूसने लगा और दबाने लगा। इस बार मैंने ज्यादा जोर से दबाया तो वो बोली आआह्ह्ह्ह ोुह्ह्ह राहुल आराम से दर्द हो रहा है। मैंने बोला मैडम इसी दर्द में मजा है और फिर से उसी जोश से उसकी चूचियों का रस पिने लगा। अब में धीरे धीरे उसे चाटते हुए उसकी जांघो तक पहुंच गया और उसे चाट चाट कर थूक से पूरा गिला कर दिया। अब मैं दांतो से खींच कर उसकी पेंटी उतरने लगा तो उसने अपने हाथ रख कर इशारा किया नहीं राहुल ये नहीं। मैंने अपने हाथ से उसका मुँह बंद किया और दांतो से उसकी पेंटी खींच कर उसे पूरा नंगा कर दिया। उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने अब उसकी चूत अपनी जीभ से चाटनी शुरू की और अब उसकी सिसकियाँ पुरे कमरे में गूंज रही थी। आआह्ह्ह्हह्ह ऊऊओह्ह्ह्हह्ह आआआअह्हह्ह्ह्ह आआआहहहहहहसससससस सससससस हहहहसससससस बहुत अच्छा लग रहा है राहुल और कर। मैंने भी चाट चाट कर उसकी गीली चूत साफ़ कर दी और अब तक उसे चुदने के लिए पूरा तड़पा दिया था मैंने। अब मेने उसे बैठने को बोला और खुद खड़ा होकर नंगा हुआ और लण्ड चूसने को बोला। इस बार वो आनाकानी करने लगी पर मैंने उसका मुँह खोल कर जबरदस्ती उसके मुँह में अपना लण्ड डाल दिया।

एक दो मिनट तक वो हिचकिचाई पर उसके बाद उसने भी पूरा स्वाद लेकर लण्ड चूसना शुरू किया। अब वो भी पूरी मस्ती में मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं भी उसके बाल पकड़ कर उसका मुँह चोद रहा था। करीब १० मिनट तक मैं उस से लण्ड चुसवाने के मजे लेता रहा फिर मैंने उसे निकलने को बोला। वो बोली रुक अभी अच्छा लग रहा और फिर से चूसने लगी। ५ मिनट और चूसने के बाद उसने मेरा लण्ड छोड़ा और अब उसका मुँह उसकी लार से पूरा गिला हो चूका था। मैंने एक बार फिर उसे लिटा दिया और उसका गिला मुँह अपनी जीभ से चाट चाट के साफ़ करने लगा। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से रगड़ कर उसे फिर से गरम करना शुरू किया। मेरे लण्ड का स्पर्श अपनी चुत पर महसूस कर के वो फिर से गरम हुई और मेरी पीठ पर फिर से नाख़ून रगड़ने लगी। मुझे लग गया पता कि अब वो गरम हो चुकी है और मैंने धीरे धीरे अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाना शुरू किया। उसकी चूत बहुत टाइट थी तो मैंने थोड़ा जोर लगाया और मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में समा गया। वो बहुत जोर से चिल्लाई और उसकी आँख से दर्द होने की वजह से पानी आ गया। मैंने उसके आंसू भी अपनी जीभ से साफ़ किये और फिर से उसे होंठो पर चूमने लगा। मैंने अपने लण्ड को रोक लिया और थोड़ी देर यूँ ही आधा लण्ड उसकी चूत में डाले रखा। उसका दर्द काम होने के बाद इस बार मैंने और जोर से झटका दिया और इस बार पूरा लण्ड उसकी चूत में चला गया। मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से दबा रखा था तो उसकी चीख इस बार अंदर ही रह गयी पर उसका चेहरा देख कर पता लग गया था कि वो मेरा मोटा लण्ड सेहन नहीं कर पायी है।

दो तीन मिनट तक मैंने फिर से यूँ ही लण्ड उसकी चूत में रखा और उसे चूमता रहा। अब धीरे धीरे मैंने अंदर बाहर करना शुरू किया। उसे अभी भी दर्द हो रहा था पर पहले से काफी काम। करीब ९-१० झटको कजे बाद उसकी चूत में मेरे लण्ड के लिए जगह बन गयी और अब उसने भी मेरी पीठ पर जोर से पकड़ कर इशारा दिया कि अब उसे मजा आ रहा है। मैंने अब धीरे धीरे स्पीड बढ़ानी शुर्रू की और अब वो भी आआह्ह्ह्हह आआह्ह्ह्हह आआअह्ह्ह्ह ोुह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह स्स्स्सस्स्स्स hhhhhhhhhh ोोुआआअह्ह्ह इन सिसकियों से मुझे बताने लगी अब उसे भी मजा आ रहा है। अब मैंने उसकी टांगो को हवा में छोड़ दिया और पूरी तेजी से उसकी चुदाई करने लगा। उसकी टाँगे हवा में लहरा रही थी और अब हम दोनों एक दूसरे को पुरे मजे दे रहे थे।
मैं पूरा मदहोश हो चूका था और करीब २५ मिनट बाद मेरे लण्ड ने पूरा रस उसकी चूत में ही छोड़ दिया। वो भी उसी समय झड़ चुकी थी और अब में ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया। ५ मिनट बाद हम दोनों को होश आया और मैं उसके ऊपर से उठा। उठने के बाद हम दोनों की नजर चादर पर पड़े खून पर गयी और कीर्ति ने मुझे पूछा ये क्या हुआ। मुझे लग गया पता इसकी सील आज मैंने ही तोड़ी है। मैंने उसे गले लगाया और उसका माथा चुम कर बोला कुछ नहीं मेरी जान आज से अब तू कुंवारी नहीं रही। और ऐसे ही उसे गले लगा कर हम दोनों लेट गए। १५-२० मिनट बाद हम उठे और बाथरूम में चले गए। हम दोनों अभी भी नंगे थे और एक साथ नहाने लगे। हम एक दूसरे का शरीर साफ़ कर रहे थे। में फिर से उसकी चूचियां दबा रहा था और चूत हाथों से रगड़ रहा था। वो भी मेरा लण्ड पकड़ कर हिला रही थी।

मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और इस बार मेरे बिना बोले उसने मेरा लण्ड मुँह में डाल लिया और चूसने लगी। में फिर से तड़पने लगा। दस मिनट तक इस बार भी मेरा लण्ड चुस्ती रही और फिर मैंने उसे उठा कर दिवार के सहारे खड़ा किया और उसकी एक टांग उठा कर उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया। हम लगातार ऊपर एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे और निचे मेरा लण्ड उसकी चूत को खोद रहा था। इस बार मैंने उसे घोड़ी भी बनाया और उसकी गोल गोल गांड पर थपड मार मार के उसे चोदा। मेरा लण्ड इस बार भी २० मिनट तक उसे चोदता रहा और इस बार मैंने अपने लण्ड का रस उसे पीने को बोला। वो भी झड़ चुकी थी और निचे बैठ कर मेरा लण्ड चूसने लगी। ५ मिनट चूसने के बाद मेरे लण्ड ने पिचकारी मार कर पूरा रस उसके मुँह में ही छोड़ दिया और कीर्ति मेरे लण्ड का पानी पी गयी। मेरा लण्ड चाट चाट कर साफ़ किया और हमने फिर से उठ कर एक दूसरे को चूमा। अब हम नहा कर बाहर आ गये।

हमारे पास वही रात थी तो तो हमने एक घंटे आराम करने के बाद फिर से सेक्स के मजे लिए। अब मुझे उसे किसी भी तरह के सेक्स की पोजीशन या तरीके के लिए मनाना नहीं पड़ रहा था और हमने पूरी रात को मजेदार बना दिया। अगले दिन में सारा दिन सोता रहा और रात में फिर उस से मिलने छत पर गया। उस दिन मैंने उसे बताया की अगली सुबह मैं वापिस नॉएडा जा रहा हूँ। पर अगली बार जल्दी आऊंगा और तेरे लिए एक सरप्राइज लाऊंगा। उस दिन वो थोड़ी दुखी थी क्यूंकि इतने ही दिनों मैं हम एक दूसरे को बहुत प्यार करने लगे थे।

मेरे यहां आने के बाद हम रोज घंटो तक कभी कभी पूरी रात फ़ोन पर बातें करने लगे। आज ६ महीने बाद मैं फिर से पंजाब जा रहा हूँ। और इस बार मैंने उसके लिए एक अंगूठी ली है और उसे शादी के लिए परपोज़ करूँगा। क्यूंकि जैसा कि मैंने बोला था कि शादी के लिए पहले से चुदकड़ लड़की मिली तो मतलब जिंदगी बर्बाद। पर इसका तो मुझे पता है और अब सारी जिंदगी मैं ही इसे चोदूंगा। अपने मम्मी पापा से भी बात कर ली है मैंने और बस अब जल्दी से जल्दी कीर्ति से शादी करनी है।

भाईओ अपनी राय देकर बताइए कैसी लगी आपको मेरी कहानी। आप कमैंट्स में ये भी बता सकते हैं कि आप लोगो को और किस तरह की कहानिया सुननी है। मैं आपके लिए आपकी पसंद की कहानी लेकर जल्दी हाज़िर होऊंगा।
 
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