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Carry0

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काल वन की श्रापित हवेली

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चार दोस्त - अमित, रोहन, नीलम और सिम्मी - किसी हफ्ते के अंत में जंगल में कैम्पिंग करने का प्लान बनाते हैं। शहर के शोरगुल से दूर ये चारों, ताजगी और रोमांच की तलाश में जंगल की तरफ निकल पड़ते हैं।

रात का समय था, और रास्ता ढूँढते-ढूँढते वो लोग गहरी जंगल में जा पहुँचे। वहाँ एक पुरानी, जर्जर हवेली दिखाई दी, जो देखने में ही खौफनाक थी। हवेली की खिड़कियों से रह-रहकर एक अजीब-सी लाल रोशनी चमकती थी, और ठंडी हवा में एक अजीब-सी सिहरन थी। किसी पुराने डरावने किस्से के जैसे हवेली खामोश और गूंजती सी लग रही थी।

अमित ने मजाक करते हुए कहा, "आओ, अंदर चलते हैं। कौन जानता है, शायद यहाँ कुछ खज़ाना हो।"

सिम्मी थोड़ी डर गई थी, पर दोस्तों के कहने पर वो भी अंदर जाने को तैयार हो गई। सबके दिलों में थोड़ा-सा डर था, लेकिन रोमांच की लहर ने उनके कदम रोकने नहीं दिए।

जैसे ही वो चारों हवेली में दाखिल हुए, दरवाज़ा खुद-ब-खुद जोर से बंद हो गया। सब चौंक उठे और बाहर जाने का रास्ता तलाशने लगे। तभी, हवेली में एक गहरी, डरावनी हंसी गूंज उठी। सिम्मी ने रोहन का हाथ पकड़ लिया और बोली, "चलो, यहाँ से निकलते हैं। ये जगह ठीक नहीं है।"

लेकिन बाहर का रास्ता ढूंढने के बजाय, वो सब हवेली के अंदर और गहरे उतरते चले गए। गलियारे में चारों ओर अजीबो-गरीब चित्र लगे हुए थे और हल्की-हल्की रोशनी में वो तस्वीरें भूतों की तरह लग रही थीं।

अचानक, अमित सबसे अलग हो गया। बाकी तीनों ने उसे ढूंढने की कोशिश की, मगर हवेली की दीवारों में ऐसी रहस्यमयी गूंज उठ रही थी कि उनकी आवाजें खो गईं। थोड़ी ही देर में एक चीख सुनाई दी, और जब बाकी तीनों अमित के पास पहुँचे, तो उन्होंने उसे जमीन पर पड़ा हुआ देखा, उसकी आंखें सफेद हो चुकी थीं, और उसके चेहरे पर दर्द और भय की छाया थी।

रोहन, नीलम और सिम्मी अब पूरी तरह से घबरा चुके थे। वो समझ गए थे कि ये हवेली शापित है, और यहाँ कोई भूत या बुरी आत्मा मौजूद है।

अगले ही पल, रोहन के कंधे पर अचानक से किसी ने भारी हाथ रखा, और उसने पीछे मुड़कर देखा, तो वहां कोई भी नहीं था। तभी एक ठंडी हवा का झोंका आया और रोहन बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। उसकी चीख सुनकर नीलम और सिम्मी उसके पास दौड़े, लेकिन रोहन भी अब दुनिया छोड़ चुका था।

अब बस नीलम और सिम्मी ही बचे थे। दोनों तेजी से दरवाज़े की ओर भागने लगे। मगर हवेली के भीतर एक भयानक आवाज गूंज रही थी - "तुम्हें अब यहाँ से बाहर जाने का कोई रास्ता नहीं मिलेगा!"

नीलम और सिम्मी ने अपने-अपने हाथ थामे और बचने का हर संभव प्रयास किया। तभी अचानक, एक धुंधले साये ने नीलम को अपनी जकड़ में ले लिया, और वह दर्द से चिल्लाने लगी। सिम्मी ने उसे छुड़ाने की कोशिश की, मगर नीलम की चीखें गूंजती रहीं, और फिर वो भी सन्नाटे में खो गई।

अब हवेली में केवल सिम्मी बची थी। डर से काँपती हुई, उसने खुद को बचाने की आखिरी कोशिश की, पर उसकी भाग्य ने उसका साथ छोड़ दिया। एक गहरे काले साये ने उसे भी दबोच लिया, और हवेली एक बार फिर खामोश हो गई।

सुबह की रोशनी फैलने पर गांव वालों को पता चला कि चार लोग हवेली में आए थे, मगर वे कभी वापस नहीं लौटे। लोगों का कहना था कि उस हवेली में कई सदियों से भूतों का बसेरा है, और जो एक बार वहां जाता है, फिर कभी वापस नहीं लौटता।

और तब से लेकर आज तक, वो हवेली खामोश खड़ी है, जैसे किसी और शिकार का इंतजार कर रही हो।
 
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Carry0

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भाग 1: पिकनिक की तैयारी और झगड़ा

मित्तल परिवार - जिसमें पिता अजय मित्तल, माँ सीमा मित्तल, बेटा राहुल और बेटी सान्या शामिल हैं - एक ऐसी पिकनिक का प्लान बना रहे थे जो उन्हें रोजमर्रा की बोरियत से बाहर निकाल सके। इस परिवार में जहां अजय और सीमा शांत और व्यावहारिक स्वभाव के थे, वहीं उनके बच्चे, राहुल और सान्या, रहस्य और रोमांच के शौकीन थे। खासकर राहुल और सान्या को हॉरर फिल्मों का जबरदस्त क्रेज था। वे अक्सर खाली समय में डरावनी फिल्में देखना पसंद करते थे और इन फिल्मों से जुड़ी जगहों और कहानियों के बारे में इंटरनेट पर सर्च भी करते रहते थे।

राहुल और सान्या के लैपटॉप की हिस्ट्री में हर दूसरी खोज किसी न किसी डरावनी जगह या प्रेत-बाधित इमारत की होती थी। पिछले ही हफ्ते, उन्होंने एक लेख पढ़ा था, जिसमें भारत की कुछ सबसे भूतिया जगहों के बारे में बताया गया था। इस लेख में एक जगह का जिक्र था - काल वन, जहां से जुड़े कई भयानक किस्से प्रसिद्ध थे। इसी जंगल के भीतर, एक पुरानी, डरावनी हवेली थी जिसका नाम था शापित शिखर। लोगों का कहना था कि इस हवेली में कई दशकों से कोई नहीं गया, और जो गया, वो कभी लौटकर नहीं आया। ये हवेली उनके लिए एक रोमांचक जगह थी, जिसे वे अपनी जिंदगी में एक बार जरूर देखना चाहते थे।

राहुल ने उत्साहित होकर अपने माता-पिता से इस जंगल में पिकनिक की बात की। उसने कहा, "माँ, पापा! सोचो, कितना मजेदार होगा एक ऐसी जगह पर पिकनिक मनाना जहां लोग जाने से डरते हैं। हम हॉरर मूवी के जैसे फील कर पाएंगे!"

सान्या ने भी राहुल का साथ देते हुए कहा, "हाँ, पापा! हम दोनों ने इसके बारे में पढ़ा है, ये जंगल सच में बहुत अजीब और रहस्यमयी है। और ये हवेली, शापित शिखर, इसकी कहानियां रोमांच से भरी हैं।"

अजय ने कुछ देर सोचा और कहा, "बच्चों, पिकनिक का मतलब होता है परिवार के साथ अच्छा समय बिताना, न कि किसी मुसीबत में फंसना। तुम दोनों को हॉरर फिल्में बहुत पसंद हैं, लेकिन असल जिंदगी में ऐसे जगहों पर जाना खतरनाक हो सकता है।"

सीमा ने भी अपने बच्चों की बात पर चिंता जताई, "बच्चों, ऐसी जगह जाना जहां कोई नहीं जाता, ये ठीक नहीं लगता। कहीं ऐसा न हो कि हम किसी अनहोनी में फंस जाएं।"

लेकिन राहुल और सान्या मानने को तैयार नहीं थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये पिकनिक उनके लिए एक एडवेंचर जैसी होगी। "अरे पापा, बस एक दिन की तो बात है। हम थोड़ा सतर्क रहेंगे। और सोचो, कितना मजा आएगा," राहुल ने समझाने की कोशिश की।

सीमा ने आखिरकार बच्चों का मन रखने के लिए सहमति दे दी, और कुछ अनिच्छा के बावजूद अजय ने भी इस रोमांचक पिकनिक के लिए हाँ कह दी। यूँ मित्तल परिवार ने काल वन में पिकनिक मनाने का फैसला कर लिया, लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि ये पिकनिक एक भयानक अनुभव में बदलने वाला है।

अगली सुबह, परिवार ने गाड़ी में पिकनिक का सामान रखा और काल वन की ओर निकल पड़े, और उनकी मंज़िल थी शापित शिखर, जहाँ वो अपने जीवन के सबसे डरावने दिन का सा
मना करने वाले थे।
 
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Carry0

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भाग 2 "घरवालों की चिंता"

अमित, रोहन, नीलम, और सिम्मी के घर लौटे बिना कई दिन बीत गए थे। उनके माता-पिता अब गंभीर चिंता में थे। हर गुजरते दिन के साथ उनके दिल में बेचैनी बढ़ती जा रही थी। उन्होंने अपने बच्चों के सभी दोस्तों और परिचितों से संपर्क किया, लेकिन किसी को भी उनके बारे में कुछ पता नहीं था।

अमित के माता-पिता ने आखिरकार उसके सबसे अच्छे दोस्त कैरी को फोन किया। फोन पर अमित की माँ ने चिंतित आवाज में पूछा, "कैरी बेटा, तुम्हें पता है कि अमित कहां गया है? वो कई दिनों से घर नहीं आया है। हम बहुत परेशान हैं।"

कैरी ने गहरी साँस लेते हुए कहा, "आंटी, अमित कुछ दिनों पहले मुझसे मिलने आया था और कह रहा था कि वो अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पर जा रहा है। उसने मुझे भी साथ चलने के लिए कहा था। वो लोग काल वन और वहाँ की भूतिया हवेली शापित शिखर के बारे में बातें कर रहे थे। अमित को रोमांचक और डरावनी जगहें पसंद हैं, इसलिए वो इस जंगल में जाने की जिद कर रहा था।"

अमित के पिता, जो अब तक चुपचाप सुन रहे थे, ने घबराते हुए पूछा, "फिर तुम उनके साथ क्यों नहीं गए, कैरी?"

कैरी ने अफसोस भरी आवाज में कहा, "अंकल, मैं सच में जाना चाहता था, लेकिन उसी दिन मेरी माँ की तबियत अचानक बिगड़ गई, इसलिए मैं नहीं जा सका। वरना मैं उनके साथ ही होता और शायद जानता कि वे अब कहां हैं।"

कैरी की बात सुनकर अमित के माता-पिता का चेहरा सफ़ेद पड़ गया। काल वन और शापित शिखर का नाम सुनकर उनकी चिंता और बढ़ गई थी। उन्हें अंदेशा हो गया था कि उनके बच्चे कहीं बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं।

अमित के माता-पिता के घर में गहरा सन्नाटा और चिंता का माहौल था। कैरी से मिली जानकारी ने उनके दिल को और घबरा दिया था। इतने में दरवाजे पर दस्तक हुई। दरवाजा खोला तो सामने रोहन के माता-पिता खड़े थे। उनके चेहरे पर चिंता की गहरी लकीरें थीं।

रोहन की माँ ने अमित की माँ से पूछा, "बहनजी, क्या आपको रोहन के बारे में कोई खबर मिली? उसने भी कई दिनों से घर पर कोई खबर नहीं दी है। हम बहुत परेशान हैं।"

अमित की माँ ने उन्हें अंदर बुलाते हुए बताया कि कैरी ने अमित और उसके दोस्तों के काल वन और शापित शिखर हवेली जाने की बात बताई है। रोहन के माता-पिता के चेहरे पर डर और हैरानी साफ झलक रही थी। रोहन के पिता ने गहरी आवाज में कहा, "काल वन और शापित शिखर! ये तो एक भूतिया जगह है। लोग कहते हैं कि जो वहाँ जाता है, वापस नहीं आता। ये बच्चे वहाँ क्यों गए?"

इतने में फिर दरवाजे पर हल्की दस्तक हुई। इस बार दरवाजे पर नीलम के माता-पिता थे। उनके चेहरे पर घबराहट और चिंता थी। नीलम की माँ ने तुरंत पूछा, "क्या आपको पता चला कि ये बच्चे कहाँ हैं? नीलम ने भी कई दिनों से कोई खबर नहीं दी। हम लोग घबरा रहे हैं।"

अमित की माँ ने उन्हें भी अंदर बुलाया और कैरी की बात बताते हुए कहा, "नीलम और बाकी बच्चे शायद काल वन और उस डरावनी हवेली में गए हैं। हमें भी नहीं पता था कि ये बच्चे इस तरह की खतरनाक जगह पर जा रहे थे।"

नीलम के पिता ने चिंता और गुस्से में कहा, "ये बच्चे हमेशा रोमांच के पीछे भागते हैं। पर इस बार शायद उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल दी है। हमें उन्हें वहाँ जाने से रोकना चाहिए था।"

इतने में फिर एक बार दरवाजे पर दस्तक हुई। अब सिम्मी के माता-पिता अमित के घर पहुँचे थे। सिम्मी की माँ की आँखों में आँसू थे, और उन्होंने रोते हुए कहा, "बहनजी, हमारी बेटी सिम्मी भी लापता है। वो भी शायद अपने दोस्तों के साथ थी। हम तो समझ नहीं पा रहे कि क्या करें। कहीं ऐसा तो नहीं कि बच्चों के साथ कोई अनहोनी हो गई हो।"

अब चारों परिवारों का धैर्य टूट चुका था। सबके मन में बस एक ही सवाल था - क्या हमारे बच्चे सुरक्षित हैं? काल वन और शापित शिखर का नाम सुनकर सभी के मन में एक डर बैठ गया था। सभी माता-पिता ने मिलकर फैसला किया कि वे खुद जाकर अपने बच्चों को तलाश करेंगे, चाहे वहां कितनी भी मुसीबतों का सामना करना पड़े।

चारों परिवार अब इस अंधकार भरे रहस्य को सुलझाने और अपने बच्चों को ढूंढ़ने के लिए तैयार हो चुके थे।

 

sunoanuj

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नई कहानी के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ आपको 💐💐💐 !

बहुत ही बेहतरीन शुरुआत की है आपने स्टोरी की !
लगता है एक बहुत ही शानदार कहानी नींव रख दी है आपने! अब देखना है इस पर केसी इमारत त्यार होती है
 

Carry0

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नई कहानी के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ आपको 💐💐💐 !

बहुत ही बेहतरीन शुरुआत की है आपने स्टोरी की !
लगता है एक बहुत ही शानदार कहानी नींव रख दी है आपने! अब देखना है इस पर केसी इमारत त्यार होती है
धन्यवाद भाई आपका
 

Carry0

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भाग 3
कैरी की चिंता

कैरी, जो खुद अमित और उसके दोस्तों के बारे में सुनकर घबराया हुआ था, घर पर बेचैन बैठा हुआ था। उसके मन में तरह-तरह के ख्याल आ रहे थे - कहीं उसके दोस्तों ने सचमुच काल वन में जाकर अपनी जान खतरे में तो नहीं डाल दी? अमित और उसके दोस्त उसे बार-बार याद आ रहे थे, और वह चाहकर भी खुद को शांत नहीं कर पा रहा था।

कैरी की यह बेचैनी उसकी घर की नौकरानी लोमल रानी ने देख ली। लोमल रानी अपने सीधे-सादे और कभी-कभी बेवकूफी भरे व्यवहार के लिए मशहूर थी। उसकी समझदारी का स्तर कई बार उसके काम में गड़बड़ कर देता था। उसने कैरी को चिंता में बैठे देखा और बेमतलब ही पास आकर खड़ी हो गई।

"कैरी बाबू, आज आप बहुत ही ज्यादा सोच में दिख रहे हो। आप तो वैसे कभी ऐसे नहीं लगते," उसने थोड़ा झिझकते हुए कहा।

कैरी ने उसकी ओर बिना देखे, थोड़ी थकी हुई आवाज में जवाब दिया, "लोमल रानी, मेरे दोस्त अमित और बाकी तीन दोस्त कहीं लापता हो गए हैं। वो लोग काल वन और शापित शिखर हवेली की बात कर रहे थे। मैं बस सोच रहा हूँ, कहीं उन्होंने वहां जाकर खुद को मुसीबत में तो नहीं डाल लिया।"

लोमल रानी ने नाम सुनते ही अपनी आँखें बड़ी कर लीं, "काल वन? अरे बाप रे बाप! ये तो वही जंगल है ना, जहाँ लोग कहते हैं कि भूत-प्रेत रहते हैं? और वो हवेली... शापित शिखर? जो सबको निगल जाती है?"

कैरी ने हल्की सी मुस्कान के साथ सिर हिलाया, "हाँ, वही। इसीलिए मुझे डर है कि कहीं उन्होंने सच में कोई गलती तो नहीं कर दी।"

लोमल रानी की आँखों में थोड़ी डर और थोड़ी बेवकूफी भरी जिज्ञासा थी। उसने उत्सुकता से कहा, "अरे बाबू, ये तो बहुत ही खतरनाक बात है। आप भी वहीं जाने का प्लान बना रहे थे ना? अच्छा हुआ कि आपकी अम्मा बीमार पड़ गईं, वरना आप भी अब तक गायब हो गए होते। भगवान का शुक्र है!"

कैरी ने गहरी सांस लेते हुए खुद को संभाला, "हाँ, शायद। लेकिन अब मुझे अमित की बहुत चिंता हो रही है। मैं खुद कुछ कर भी नहीं पा रहा।"

लोमल रानी ने तुरंत बोल पड़ी, "बाबू, आप चिंता मत करो। बस, भगवान से प्रार्थना करो कि आपके दोस्त भूतों से बच जाएं। और हाँ, अगर कोई पूजा-पाठ करवाना हो, तो आप मुझे बोल देना। मेरा दूर के रिश्ते में एक तांत्रिक जीजाजी भी हैं, वो भूत-प्रेत भगाने का काम करते हैं।"

कैरी ने निराशा भरे स्वर में सिर हिलाया। उसे समझ में आ गया था कि लोमल रानी से कोई मदद की उम्मीद नहीं की जा सकती। लेकिन उसके दोस्त की चिंता में वह और बेचैन हो गया।
कैरी ने अपने दोस्तों की मदद के लिए खुद काल वन जाने का निर्णय लिया। उसने सोचा कि किसी को तो यह कदम उठाना ही होगा, और अब वह किसी भी हालत में अपने दोस्तों को ढूंढ़कर लाएगा। परंतु, उसके माता-पिता के सामने इसे बताना आसान नहीं था। इसलिए उसने घर में झूठी बात बनाई कि उसे किसी काम से शिमला जाना है।

जब उसने अपनी माँ से कहा, "माँ, मुझे कुछ ज़रूरी काम से शिमला जाना है। हो सकता है, कुछ दिन का काम हो, इसलिए परेशान मत होना," तो उसकी माँ ने तुरंत उसे रोकते हुए कहा, "कैरी, तुम अकेले नहीं जा सकते! मुझे तुम पर भरोसा है, लेकिन मुझे तुम्हारी फिक्र हो रही है। वहां तुम्हारा ख्याल कौन रखेगा?"

कैरी को यह समझ नहीं आ रहा था कि कैसे समझाए कि उसे यह सफर अकेले ही करना पड़ेगा। लेकिन तभी, अचानक लोमल रानी बीच में बोल पड़ी, "अरे, बीबीजी! आप फिकर मत करो, आपका कैरी बाबू खुद का ख्याल रख लेगा।"

कैरी ने तुरंत ही पलटकर जवाब दिया, "लोमल रानी, तुम चलो।" उसके मुँह से यह बात अनायास ही निकल गई, लेकिन लोमल रानी का चेहरा खुशी से खिल उठा। शायद उसे लगा कि अब वह भी एक बड़े रोमांच का हिस्सा बनने जा रही है।

कैरी की माँ ने पहले तो चौंकते हुए लोमल रानी को देखा, फिर थोड़ी राहत की साँस लेते हुए कहा, "ठीक है, अगर लोमल रानी तुम्हारे साथ जा रही है तो मुझे थोड़ा सुकून रहेगा। लेकिन ध्यान रखना, जल्दी वापस आ जाना।"

कैरी और लोमल रानी तैयार होकर घर से बाहर निकले और सीधे अमित के घर की ओर चल पड़े। कैरी जानता था कि पहले उसे अमित के परिवार को सब कुछ बताना होगा ताकि उन्हें अंदाजा हो सके कि वह अब अपने दोस्तों को ढूंढ़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

रास्ते में, लोमल रानी अपनी अजीबोगरीब बातें करती जा रही थी। उसने पूछा, "कैरी बाबू, हम सच में उस भूतिया जगह जा रहे हैं? वहाँ तो भूत-प्रेत भी हो सकते हैं ना?"

कैरी ने अपने चेहरे पर एक गंभीर भाव लाते हुए जवाब दिया, "लोमल रानी, अगर तुम्हें डर लग रहा है तो तुम वापस जा सकती हो। ये सफर आसान नहीं होगा।"

लेकिन लोमल रानी ने जोर देकर कहा, "अरे नहीं बाबू, जब मैं साथ आ ही गई हूँ, तो डर के मारे पीछे नहीं हटूंगी। आप देखना, मैं भूतों से भी सामना कर लूंगी!"

कैरी ने थोड़ी हंसी दबाते हुए अपना ध्यान रास्ते पर रखा और दोनों तेजी से अमित
के घर की ओर बढ़ गए।
 

Carry0

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भाग 4 : रास्ते की शुरुआत

कैरी और लोमल रानी अमित के घर पहुंचे, लेकिन अंदर घुसते ही उन्हें पता चला कि अमित के माता-पिता किसी काम से बाहर गए हैं। वहां सिर्फ नौकर थे, जो ये नहीं बता पा रहे थे कि बच्चे कहां हैं।

कैरी के लिए यह सब सुनते ही सब कुछ साफ हो गया। उसने अनुमान लगा लिया कि अमित और उसके दोस्त जरूर काल वन और शापित शिखर हवेली की ओर ही गए होंगे। उसके भीतर का डर और चिंता अब जोश में बदल गए, और उसने तय कर लिया कि वह भी अब बिना किसी रुकावट के उनके पास जाएगा।

कैरी ने तुरंत बाहर जाकर अपनी मोटरबाइक स्टार्ट की। लोमल रानी ने एक बार बाइक की ओर देखा, फिर फुदक कर पीछे बैठ गई, जैसे किसी नए रोमांच का हिस्सा बनने जा रही हो। कैरी ने उससे कुछ कहने का समय भी नहीं दिया, और बाइक तेजी से रास्ते पर दौड़ने लगी।

बाइक की रफ्तार बढ़ते ही लोमल रानी ने खुद को संभालते हुए, कैरी को कसकर पकड़ लिया। उसने अपनी बाहें कैरी के चारों ओर लपेट लीं, और वो किसी फिल्म की प्रेमिका की तरह पूरी श्रद्धा से उसके पीछे बैठ गई। कैरी ने थोड़ी हंसी दबाते हुए कहा, "लोमल रानी, तुम क्या कर रही हो?"

लोमल रानी ने जवाब दिया, "अरे बाबू, मुझे तो डर लग रहा है! इतनी तेज़ बाइक चला रहे हो, कहीं गिरा दिया तो?"

कैरी ने मुस्कुराते हुए कहा, "बस पकड़ के बैठो और चुप रहो। हमें जल्दी पहुंचना है।"

लोमल रानी ने झिझकते हुए अपने डर को दबाने की कोशिश की और कैरी को कसकर पकड़कर बैठ गई। अब दोनों काल वन की ओर जा रहे थे, जहां रहस्य और खतरे उनकी राह देख रहे थे।

मितल परिवार ने आखिरकार पिकनिक पर जाने का निर्णय कर लिया था और सभी ने अपनी तैयारी पूरी कर ली थी। रास्ते में गाड़ी में हंसी-खुशी का माहौल था, लेकिन जैसे ही उनकी गाड़ी घने जंगलों के करीब पहुंची, एक अजीबोगरीब सन्नाटा छा गया।

अचानक, एक बूढ़ा बाबा उनके रास्ते में आ गया। वह अचानक ही उछलकर गाड़ी के सामने आ गया, और उनकी गाड़ी रुक गई। बाबा के कपड़े पुराने, मैल से भरे और चेहरे पर गंभीरता की परछाई थी। उनकी आँखों में एक अनोखा डर और चेतावनी थी।

बाबा ने जैसे ही बोलना शुरू किया, सभी चौंक गए। वह एक-एक करके पूरे परिवार का नाम लेने लगा, "अजय, सीमा, राहुल, सान्या" तुम सब आगे मत जाओ! काल वन और शापित शिखर तुम्हारे लिए नहीं है। वह जगह मौत का दरवाजा है। वहां जाने वाला कभी वापस नहीं आता।"

बाबा की इस चेतावनी ने सभी को सन्न कर दिया। राहुल और सान्या तो यह सुनते ही थोड़े घबरा गए। और आँखों में डर का भाव आ गया। अजय और सीमा ने एक-दूसरे की ओर देखा और घबराहट भरे स्वर में पूछा, "बाबा, आप हमें कैसे जानते हैं? और हमें क्यों रोक रहे हैं?"

बाबा ने उनके सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया। उसने गंभीरता से कहा, "मेरा काम सिर्फ चेतावनी देना है। इस जंगल में एक शाप छिपा हुआ है, एक ऐसा शाप जिसने अनगिनत लोगों को निगल लिया है। अगर तुम इस रास्ते पर आगे बढ़े तो वह शाप तुम्हें भी नहीं छोड़ेगा।"

राहुल के पिता ने गुस्से में आकर कहा, "बाबा, ये सब बेकार की बातें हैं। हम तो बस पिकनिक मनाने जा रहे हैं। आपके कहने का मतलब क्या है?"

बाबा ने एक गहरी सांस लेते हुए गंभीर स्वर में कहा, "मत जाओ, बच्चों! जो इस हवेली में जाता है, उसकी आत्मा हमेशा के लिए वहीं कैद हो जाती है। अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो तुम्हारा भी वही अंजाम होगा।"

मितल परिवार के सभी सदस्यों ने बाबा की बातों पर ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ने का इरादा किया। लेकिन उनके मन में अब बाबा की चेतावनी गूंज रही थी।

मितल परिवार काल वन के करीब पहुंच चुका था। जंगल के किनारे पर पहुँचते ही चारों ओर घना अंधेरा और अजीब सी निस्तब्धता थी। जैसे ही उन्होंने जंगल में कदम रखा, उन्हें हर ओर से अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगीं। कभी पत्तों की सरसराहट, तो कभी हल्की सी फुसफुसाहट, जो किसी के बोलने जैसी लगती थी। ये आवाजें साफ नहीं थीं, पर उनमें ऐसा कुछ था जो उनके दिलों में खौफ पैदा कर रहा था।

जंगल के अंदर कुछ दूरी तक गाड़ी में जाते रहे, पर अचानक रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। सामने टूटे-फूटे पेड़ और झाड़ियाँ ऐसी बिखरी हुई थीं कि आगे जाना नामुमकिन था। मितल परिवार ने गाड़ी रोक दी, और चारों ने यह सोचकर गाड़ी से उतरने का फैसला किया कि वहीं आसपास कोई खाली जगह ढूंढ़ लेते हैं और यहीं पर अपना पिकनिक मनाते हैं।

उतरते ही अजय और सीमा ने झाड़ियों के बीच से होकर एक खुली जगह देखी, जहाँ थोड़ी घास थी और पेड़ों का घेरा था। सभी ने तय किया कि यही पिकनिक मनाया जाए। दिन का वक्त था और सूरज की हल्की किरणें अब भी जंगल में किसी तरह से घुस पा रही थीं, जिससे माहौल थोड़ा हल्का महसूस हो रहा था।

उन्होंने अपनी टोकरी से खाना निकाला और खाना-पीना शुरू कर दिया। हंसी-मजाक करते हुए वे पिकनिक का आनंद ले रहे थे, लेकिन इस जंगल की रहस्यमयी शांति और आस-पास से आ रही हल्की-हल्की सरसराहट उन्हें भीतर ही भीतर विचलित कर रही थी।

जैसे ही वे कुछ खाने लगे, अचानक एक ठंडी हवा का झोंका उनके पास से गुजरा। इस ठंडी हवा में अजीब सा डर और खामोशी थी, मानो कोई अदृश्य शक्ति उन्हें घूर रही हो। राहुल और रोहन ने एक-दूसरे की ओर देखा और हल्की आवाज में कहा, "ये जगह कुछ ठीक नहीं लग रही।"

सीमा ने उन्हें चुप रहने का इशारा करते हुए कहा, "अरे, ऐसा कुछ नहीं है। जंगल की प्राकृतिक आवाजें हैं।"

लेकिन जैसे-जैसे दिन ढलने लगा, जंगल का माहौल और भी अजीब होता जा रहा था। सूरज की रोशनी धीरे-धीरे कम हो रही थी, और अब चारों ओर अंधेरा और खौफ का साया मंडराने लगा था।
 
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Kabhi mital parivar to kabhi Amit Rohan kuch samaz nhi aa rha ki likh kis pe rhe ho
khud is kahni ko ek baar pad lo kya likh rhe ho
 
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Kabhi mital parivar to kabhi Amit Rohan kuch samaz nhi aa rha ki likh kis pe rhe ho
khud is kahni ko ek baar pad lo kya likh rhe ho
आपका धन्यवाद भाई। जैसे फिल्मों में होता है TV सीरियल में होता है, सबकी कहानी को साथ में लेकर चलना। मैने भी बस वो ट्राई किया है।

और मुझे तो कहानी सही लग रही है। खेर सबके अपने अपने प्वाइट ऑफ व्यू होते हैं।
 

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भाग 5 "भयपुर"

अमित, रोहन, नीलम और सिम्मी के माता-पिता, साथ में कैरी और लोमल रानी, सभी अब तक "भयपुर" नाम के गाँव में पहुँच चुके थे। यह गाँव काल वन के पास स्थित था और इसकी खामोशी और रहस्यमयी माहौल से ही इसकी खौफनाक कहानी झलकती थी। गाँव के हर कोने में पुरानी, टूटी-फूटी झोपड़ियाँ थीं, जिनमें से कुछ को देखकर लगता था कि जैसे वे सदियों से वीरान पड़ी हों।

शाम ढल चुकी थी, और अब अंधेरा चारों ओर छा गया था। मितल परिवार के सभी सदस्य और कैरी ने सोच लिया कि रात होने के कारण वे भयपुर में ही ठहरेंगे, और सुबह होते ही काल वन में जाकर अपने बच्चों की तलाश शुरू करेंगे।

गाँव वालों ने उन्हें ठहरने के लिए एक पुराना सा सराय दिखाया। यह सराय देखने में किसी भूतिया खंडहर जैसा ही था, लेकिन रात बिताने के लिए उनके पास और कोई विकल्प नहीं था।

गाँव वालों ने उन सभी को चेतावनी भी दी, "इस गाँव में रात के वक्त बाहर न निकलें। काल वन से कई अजीबोगरीब चीजें निकलती हैं। और हवेली के आसपास तो भूलकर भी मत जाना।"

लेकिन चिंता और मजबूरी के कारण किसी ने उन चेतावनियों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। सभी एक ही सोच में डूबे थे—अपने बच्चों की सुरक्षा और उन्हें सही-सलामत वापस लाने की।

रात गहराती जा रही थी और भयपुर में हर ओर अजीब सी सन्नाटा और खौफनाक शांति का माहौल था।


भयपुर में रात का विश्राम

अमित, रोहन, नीलम और सिम्मी के माता-पिता अब तक काल वन के पास स्थित गाँव "भयपुर" में पहुँच चुके थे। यह गाँव अपने अजीब और डरावने माहौल के लिए जाना जाता था। चारों ओर पुरानी, खामोश झोपड़ियाँ थीं, जिनके पीछे की कहानियाँ किसी को भी कंपा सकती थीं।

जंगल के नज़दीक होने की वजह से शाम होते ही यहाँ का माहौल और भी खौफनाक हो गया था। गाँव वालों ने उन्हें ठहरने के लिए एक पुरानी, सुनसान सराय दिखाई। यह सराय भी किसी खंडहर से कम नहीं लग रही थी, लेकिन रात बिताने के लिए उनके पास यही एकमात्र विकल्प था।

गाँव के कुछ बुजुर्गों ने उन्हें चेतावनी दी, "रात के वक्त बाहर मत निकलना। इस गाँव में जंगल से कई अजीबोगरीब आवाजें आती हैं। और उस हवेली की तरफ तो भूलकर भी मत जाना। वो जगह अभिशप्त है।"

हालांकि, अपने बच्चों की चिंता और फिक्र के कारण माता-पिता ने उन चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया। उनके दिल और दिमाग में बस एक ही सवाल था—क्या उनके बच्चे सुरक्षित होंगे?

रात गहराने लगी, और भयपुर में खामोशी ने डरावना रूप ले लिया। हर तरफ सन्नाटा था, मानो रात भी उन अजनबी मेहमानों के लिए एक नई चुनौती लेकर आई हो।
 
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