rhyme_boy
Well-Known Member
- 5,841
- 6,157
- 189
hot update... Aman ka nazariya Savita ke liye badal chuka hai.. very goodअपडेट 2
एक तरफ सविता अपने जिस्म की आग बुझाने में लगी हुई थी... वही दूसरी तरफ लगातार बेल बजने के कारन अमन की आँख भी खुल गई थी, अमन को समझते देर न लगी की गेट पर उसके डैड हैं जो की रोज की तरह लेट नाईट ड्रिंक करके आये होंगे, इसलिये अमन दोबारा सोने लगा पर बहुत देर ट्राय करने के बाद भी उसे नींद नहीं आई, तभी उसे प्रेशर लगा तो वो उठ कर अपने रूम के टॉयलेट में चला गया और हल्का होने के बाद वापस अपने बेड पर आकर लेट गया, और सोने की कोशिश करने लगा अभी आँख लगने ही वाली थी की उसे जोर की प्यास लगती है, वो अपने बेड की साइड में रखी टेबल पे रखी बोतल को उठाता है, पर बोतल बिलकुल खली थी, इसलिए अमन अपने रूम से निकलकर निचे पानी लेने के लिए किचन की तरफ चल देता हैं.... सीढ़ियों पे से ही उसकी नजर अपनी माँ के बेडरूम के थोड़े से खुले गेट से आती रौशनी पर पड़ती है...
अमन - माँ इतनी रात तक लाइट जला कर क्या कर रही हे... खैर मुझे क्या? अभी तो पानी पी लूं पहले क्योकि प्यास तेज लगी हैं...
अमन किचन की तरफ बढ़ जाता है... और पानी पीने के बाद वो सीढ़ियों की तरफ चल देता है... सीढ़ियों और किचन के बीच मे ही उसके माँ डैड का रूम था अभी वो अपने माँ के रूम से जरा सा आगे बड़ा ही था की तभी उसके कान में एक आवाज़ पड़ी और उसके कदम एक दम ठिठक गए और तभी उसे दूसरी आवाज़ सुनाई दी... आवाज हल्की होने के कारन उसे ठीक से कुछ समझ नहीं आया... पर उसके कदम उसके माँ के रूम की तरफ बढ़ गए और उसने थोड़ेसे खुले गेट को हल्के से थोड़ा और खोला...
और फिर अंदर का सीन देख कर उसके होश उड़ गये... उसकी आँखें आस्चर्य के कारन फैलती चली गई... और अभी थोड़ी देर पहले ही उसने अपने गले की प्यास पानी से बुझाई थी लेकिन अब उसका गला वापस ऐसे सूख गया था जैसे वर्षो का प्यासा हो.....सामने का दृश्य देख कर उसकी साँसे थम सी गई...सामने उसकी माँ उसकी आँखों के सामने अपने नंगे जिस्म में वासना का नंगा नाच कर रही थी... एक पल को तो अमन वहां से हटा पर दूसरे ही पल वो वापस गेट पर आकर अंदर का दृश्य देखने लगा...
अमन (अपने आप से)- नहीं ये गलत है मुझे अपनी माँ को इस हालत में नहीं देखना चाहिए... वैसे ही मैंने मां के गेट को बिना नॉक करे खोलकर पाप किया है और अब में माँ को ऐसे नंगा देखकर महापाप नहीं कर सकता...
अमन का हरामी दिमाग- अबे कोई पाप नहीं है बे... सामने का दृश्य देख भूल जा की सामने जो नंगी औरत है वो तेरी माँ है... और बता की आज तक तूने अपनी लाइफ में इतना हसीन गदराया जिस्म देखा है... साले देख उसके स्तनों को कितने ज्यादा बड़े, गोल और सुड़ौल हे... कितना मजा आएगा जब वो चूचियां तेरे हाथ में होंगीं और तू उन्हें मसल रहा होगा...
अमन - नहीं मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता वो मेरी माँ हे... तुम मुझे बहका रहे हो....
हरामी दिमाग - अबे ध्यान से देख सामने जो है वो किसी की माँ बहन नहीं हो सकती, वो तो एक लाचार प्यासी औरत है, जिसका पति उसके बदन की आग को कम नहीं करता और उसकी सेक्स की प्यास को बुझा नहीं पाता... देख कैसे अपनी प्यासी चिकनी चूत में डिल्डो डाल रहीं हैं, ये डिल्डो की जगह उसकी चूत में तुम्हारा लन्ड होना चाहिए... देख इस औरत को इसे देख कर ही लगता है की ये बर्षो से किसी मर्द के मर्दाने हाथों का स्पर्श अपने गदराय बदन पर महसूस करने को तड़प रही है, बरसो की प्यासी है ये औरत... और देख इसे अगर ये एक इशारा भी कर दे तो लोगो की भीड़ लग जायेगी पर इसने अपने परिवार की इज्जत के लिए इस बदन की आग में झुलसना क़बूल किया... तु इसकी प्यास बुझा सकता है..
अमन – मैं... मैं कैसे,.. ये मेरी माँ है
हरामी दिमाग - आगे कुछ बोलने से पहले अपने लोवर में बने टेंट को देख ले..
अमन अपने लोवर की तरफ देखता है तो उसे पता चलता है की अपनी मां के नंगे गदराय बदन को देखकर उसका लंड पूरा खड़ा हो गया हैं और उसके लोवर में टेंट बन गया है...
अमन (चौंकते हुए) - ये कैसे खड़ा हो गया, वो भी अपनी माँ को देख कर...
हरामी दिमाग - दोस्त लंड की कोई माँ और बहन नहीं होती, इसे बस चूत से मतलब होता है चाहे वो किसी की भी हो... और इसे तुम जितनी जल्दी समझ लोगे उतना ही ज्यादा तुम जिन्दगी को एन्जॉय करोगे.... जैसे की अभी अपनी माँ के नंगे गदराय बदन को देख कर, एंजॉय कर रहे हो...
अमन - शायद तुम सही कह रहे हो... क्योकि मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरा हाथ मेरे लंड को सहलाने लगा...
अब अमन अंदर का सीन देख के बहुत गरम हो गया था और अपने लोवर के साथ अंडरवियर को भी नीचे घुटनों तक खिसका देता है, और अपने नंगे बड़े लंड को हाथ में लेकर हिलाना शुरू कर देता है... रूम में सविता अपने एक हाथ से अपनी चूत में तेजी से डिल्डो को अंदर बाहर कर रही थी जबकि दूसरे हाथ से अपनी चूत की क्लिट को रगड रही थी उसके बड़े बड़े चूंचे ऊपर नीचे हो रहे थे...
पूरे रूम में उसके मुह से निकलती सिसकारियां गुंज रही थी जिन्हे सुनकर गेट पर खड़ा अमन और भी गरम होकर अपने लंड को तेजी से हिलाने लगा...
अन्दर सविता की आँखे पूरी मस्ती में बंद हो गई थी और वो तेजी से अपनी चुत को डिल्डो से चोदने लगी, और अब साथ में अपने बड़े बड़े स्तनों को दबा रही थी।
सविता मस्ती में अपनी बड़ी गांड़ को उठा उठा कर, हिला हिला कर डिल्डो को अपनी चूत के अंदर लेने लगी थी और थोड़ी देर में ही उसका जिस्म अकड जाता है, और उसकी चूत का बांध टूट जाता है, और चूत से ढेरसारा कामरस निकलने लगता है...
अमन की तो हालत ही ख़राब हो गई थी ये सब देख कर, एक पल को उसका मन किया कि अभी अंदर जाकर अपनी माँ की चूत में अपना मुह घूसा दे और उसका सारा रस पी जाए, पर उसने अपने आपको रोक लिया क्योकि वो जल्दवाजी करके काम बिगाडना नहीं चाहता था...
अंदर सविता का जिस्म अब शांत पड़ गया था और वो अपनी साँसे कण्ट्रोल कर रही थी, जिसके कारन उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ऊपर नीचे होने लगी थी... अमन इतनी देर से अपनी मां की नंगी बड़ी बड़ी चूचियां हिलती देखकर पागल हो गया था कि अब फिरसे उसके सामने उसकी मां की चूचियां ऊपर नीचे होने लगी जिससे वो अपना लन्ड और तेजी से हिलाने लगा....
अमन समझ गया की अब अंदर कुछ स्पेशल नहीं होने वाला है, इसलिए उसने अपना लोवर अंडरवियर के साथ ऊपर किया और तेजी से अपने रूम की तरफ बढ़ जाता है.. अमन अपने रूम में पहुच कर तुरंत अपना लोवर और अंडरवियर उतार कर फेक देता है, और अपने बेड पर लेटकर अपनी आँखे बंद करके अपनी माँ के नंगे गदराय बदन के बारे में सोचते हुए मुठ मारने लगता है....
अमन मुठ मारते हुए सोचता है कि क्या मस्त गदराया बदन है मां का, मां को नंगी देखकर मजा ही आ गया... कितनी बड़ी बड़ी चूचियां है, नंगी चूचियां तो और मस्त लगती हैं, उनके ऊपर 1 इंच के निप्पल उफ्फ.... वैसे मां की गांड़ भी बहुत बड़ी हैं, लेकिन आज उनकी बड़ी गांड़ नंगी नहीं देख पाया... लगता है मां बहुत प्यासी हैं, मेरे डैड के पास इतनी मस्त गदरायी औरत हैं और वो मां को छोड़ के दारू में लगे है...
आज उसे मुठ मारने में इतना मजा आ रहा था कि इतना मजा कभी उसे चूत मारने में नहीं आया था... और थोड़ी देर में ही उसका लंड उलटी कर देता है, आज उसके लंड ने जितना माल गिराया था उतना तो कभी चुदाई करके भी नहीं निकला था.
मुठ मार के अमन पस्त हो जाता हैं, थकान और नींद के कारन अमन की आँखे भारी होने लगती है, और वो नंगा ही सो जाता है, और खो जाता है, अपनी मां के गदराय बदन में, मां के हसीन सपनो में.......
keep writing




