• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery कहानी एक वेश्या की

hgupta112285

Active Member
657
401
64
लंबे-लंबे बाल, भूरी आँखें, गोरे-गोरे गाल, मानो धरती पे कोई अप्सरा उतर कर आ गयी हो. जिसको देखो उसकी ही नज़रे घूर-घूर कर उसे ही देख रही थी. और देखती भी क्यू ना इतनी हसीन लड़की अगर खुद भगवान को दिख जाए तो वो भी येई सोचते कि ये मैने क्या बना दिया और बनाया भी तो धरती पे क्यू भेज दिया, इसे तो मैं यही स्वर्ग मे रख लेता.

राधा थी ही इतनी हसीन के जितना भी मैने अब तक लिखा है, उसके सामने तो तनिक भी नही है. और आज तो राधा बला की खूबसूरत लग रही थी. एक खिली हुई मुस्कान उसके चेहरे पे सॉफ नज़र आ रही थी. जो कि उसके चेहरे पे चार चाँद लगा रही थी.

घर से जब वो निकली. आए-है क्या चाल है...दिल से बस यही निकला उसे देख कर. इतनी बड़ी-बड़ी गांद वो भी इस उमर मे, दिल तो कर रहा था के अभी उसे पकड़ लू और यही निचोड़ डालु, पर क्या करू लेखक हू सिर्फ़ लिख ही सकता हू, ये मेरी मजबूरी है.

हां- तो हम कहाँ थे उसकी गांद के पीछे, मतलब के उसके पीछे, उसके कूल्हे जब आपस मे टकराते तो बीच का कपड़ा कभी इस ओर खिसकता था तो कभी उस ओर. उसने आज शॉर्ट फ्रॉक पहेन रखी थी. (अब भाई मुझे तो यही पता है, लड़कियाँ उसे और क्या-क्या कहती है वो तो वही जाने.) पर आप लोग तो समझ गये होंगे. और उसकी कल्पना भी कर ली होगी. उसकी गोरी-गोरी जांघे तो वैसे भी दिखाई दे ही रही थी, पर जब तेज हवा का झोका आता तो उसकी नीली कलर की फ्रॉक और उपर उठी और उसकी अन्द्रुनि थाई(जंघे) भी दिखने लगती. एक और बात बताऊ शायद उसने आज नीली(ब्लू) कलर की ही पॅंटी भी पहन रखी है. पर ये जा कहाँ रही है, चलिए पता करते है.........

सड़क के किनारे चलते हुए उसने जैसे ही हाथ दिखाया आस-पास के सारे ऑटो वाले ऑटो लेकर दौड़े चले आए, पर बेचारो की किस्मत वो तो एक मे ही बैठ कर जा सकती थी ना. ऑटो वाला भी रंगीन मिज़ाज़ी था, राधा के चढ़ते ही उसने ऑटो मे एक तदकता-भड़कता गाना लगा दिया---- "होये चढ़हति जवानी मेरी चाल मस्तानी तूने कदर ना जानी रामा."

गाना सुनते-सुनते राधा ने ऑटो वाले को कहा सेंट्रल माल और संगीत का आनंद लेने लगी और ऑटो वाला भी मिरर से राधा के जवानी का मज़ा लेने लगा. कुछ ही देर मे ऑटो माल पहुच गया और राधा ऑटो से उतरकर माल की तरफ बढ़ी.

पर ये क्या राधा तो ऑटो मे आई थी तो उसे सीधा माल मे जाना चाहिए था, ये सवाल मेरे दिमाग़ मे आया जब राधा अंडरग्राउंड पार्किंग की ओर जाने लगी. वो अंदर ही अंदर चलते हुए बहुत ही आखरी मे पहुच गयी, सारे रास्ते (पार्किंग के) उसकी नज़रे किसी को ढूंड रही थी. पर अब वो आख़िर की तरफ थी जहाँ कोई भी नही था, बस गाड़ियाँ ही खड़ी थी वो भी चार-पहिया(4-वीलर्स) इस कारण वहाँ ज़्यादा दूर तक देखना भी मुश्किल था.

इधर आ जाओ - कही से आवाज़ आई. राधा के तो जैसे टोट्टे ही उड़ गये, वो काँपते हुए देखने लगी के आवाज़ कहाँ से आई.

अचानक ही किसी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे खीचते हुए और अंदर जाती हुई सीढ़ियों के पास ले गया.

यहाँ ठीक रहेगा - उस शख्स की आवाज़ थी......

राधा:- राज, ये तुम हो...यहाँ ठीक रहेगा – उस शख्स की आवाज़ थी…..

राधा :- राज , ये तुम हो……….हे भगवान तुमने तो मुझे डरा ही दिया था……जान लेने का इरादा है क्या.

राज:- ओह्ह.. राधा डार्लिंग…..तुम भी ना…इतना क्यू डरती हो. तुम ही तो मेरी जान हो…और आज तो तुम्हारी लेने का पक्का इरादा है.

राधा:- धत्त बेशरम, ये क्या कह रहे हो…यहाँ क्या सबके सामने.

राज:- अच्छा तुम्हे यहाँ कितने लोग दिख रहे है…जो तुम इतने नखरे दिखा रही हो..

राधा:- ये नखरा नही लाज है…वो कहते है ना “लाज ही औरत का गहना होती है”.

राज:- तुम्हे पता नही राधा मैं तुमसे मिलने के लिए कितना बेचैन था. ऐसा लग रहा था जैसे सदिया बीत गयी है तुमसे मिले. इसीलिए तो तुम्हे यहाँ अकेले सुनसान पार्किंग लॉट मे बुलाया है. आज तुम मुझे मना मत करना प्लीज़. तुम तो जान रही हो के अब हम 15 दिनो तक नही मिल पाएँगे. ये हमारे भविस्य के लिए ही तो है. और इस के लिए मैं तुमसे ये गूड़लुक्क लेना चाहता हू.

राधा:- हां, तो मैने कब मना किया है. ये जिस्म, ये जान, ये रूह सब कुछ तुम्हारी ही तो है, राज अब तुम जैसा चाहोगे वैसा ही होगा.
 
Last edited:

hgupta112285

Active Member
657
401
64
राज:- क्या तुम वहाँ जाने के लिए तैयार हो? क्या तुमने पक्का इरादा कर लिया है ? क्या तुम हमारे भविशय के लिए ये सब कर सकोगी.

राधा:- जब तक तुम मेरे साथ हो राज. मैं कुछ भी कर सकती हू. हुमारे लिए, हमारे प्यार की खातिर…आइ लव यू…राज.

राधा ने मेरा(राज) एक हाथ अपने हाथों में ले लिया और मुझसे पूछने लगी कितना प्यार करते हो मुझसे तो मैने उसके होठों पेर एक डीप किस ली और कहा इतना प्यार करता हू, जितना तुम सोच भी नही सकती!"

कैसे बताऊ कितना प्यार करता हू तुम्हे

बस इसी से जान लो कि हर साँस के साथ याद करता हू तुम्हे

एक हो जाए अगर हम कभी तो एहसान खुदा का होगा

और अगर ना मिल पाए हम तो भूल जाना हमे एहसान आपका होगा...

मैंन उसकी फ्रॉक को पीछे से उठा कर उसके अंदर हाथ डाल कर उसकी गान्ड दबाने लगा वो उम्म...उम्म करने लगी और पीछे हट गयी. मैने पूछा क्या हुआ तो वो बोली मुझे शरम आ रही है. मैने कहा इसमे शरमाने की क्या बात है ये सब तो तुम्हे अब करना ही पड़ेगा, तो वो हस्ने लगी .

अब मैंन राधा का हाथ पकड़ के वही पे लेट गया उस ने अपना सिर मेरे सीने पे रख दिया और मेरे बालों मे उंगलिया फेरने लगी. मैने अपना एक हाथ उसके बूब्स पे रख दिया और उसके बूब्स दबाने लगा राधा सिसकारिया भरने लगी और....

बोली तुम बहोत जल्दी शुरू हो जाते हो. मैने कहा ऐसे हसीन काम को जल्दी शुरू करना चाहिए, अब मैने उसको उठाया और उसकी फ्रॉक खोलने लगा, अब वो मेरे सामने ब्रा और पॅंटी में थी. मैने ऐसे ही राधा को वही पर लिटा दिया और उसकी जाँघो पर हाथ फेरने लगा राधा को भी अब सेक्स चढ़ना शुरू हो गया.

वो आँखें बंद किए ज़मीन को नोच रही थी, अब मैने राधा के पाँव के अंगूठे को हल्का सा दाँत से काटा वो ओह्ह्ह्ह....ओह की आवाज़े निकालने लगी. अब मैने राधा को ब्रा खोलने को कहा तो, वो बोली पहले तुम भी अपने कपड़े खोलो. मैने कहा तुम ही खोल दो मैने ट्रॅक सूट पहना था.

राधा ने मेरा लोवर नीचे सरका दिया, मैने अंडरवेर नही पहना था. राधा ने जब मेरा खड़ा हुआ लंड देखा तो उसने अपने मूह पे हाथ रख लिया. मैने पूछा क्या हुआ तो वो बोली तुम्हारा ये तो बहोत मोटा और बढ़ा होगया है तो मैने कहा अब तो तुम्हे इन सबकी आदत डालनी ही पड़ेगी.

मैने उसकी ब्रा के अंदर से उसके बूब्स को आज़ाद किया और उसकी एक चूची को चूसने लगा दूसरी को मसलने लगा उसके मूह से सी-सी की आवाज़े आने लगी.

मैने उसे ज़मीन पर लिटा दिया और उसकी पॅंटी को उतारने लगा वो भी अपनी गान्ड को उठा कर पॅंटी को उतरवाने लगी, उसने अपनी चूत को शेव किया हुआ था मैने पूछा क्या तुमने आज ही शेव की है तो वो बोली नहीं.

ट्यूसडे को छोड़ कर बाकी सब दिन शेव करती हू, फिर मैने उसके लिप्स पर किस की.... मैं धीरे धीरे उसकी चूचियो को चूसने लगा. मैं धीरे धीरे नीचे आया अब मैने उसकी टांगे खोली और उसकी चूत को सहलाने लगा वो उम्म्म आआआआः करने लगी.

मैने राधा की चूत पर किस की तो वो तड़प उठी और बोली है राज ये तुम क्या कर रहे हो ऐसा तो मेरी उंगली ने कभी मेरे साथ नही किया. मैंन बोला अभी देखती जाओ मैं आज तुम्हे कैसा-कैसा मज़ा दूँगा फिर उसकी चूत के लिप्स को खोला और अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी वो ओह्ह स्स्स्स यस करने लगी और..........

मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत की ओर दबाने लगी फिर मैं अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल कर अंदर-बाहर करने लगा वो कहने लगी ओह राज और चॅटो मैने आज तक ऐसा मज़ा नहीं लिया. मैने तकरीबन 5 मिनिट तक उसकी चूत को चॅटा इस दौरान वो 2 बार झाड़ चुकी थी उसके बाद

मैने राधा को खड़ा किया और अपनना लंड उसके हाथ मे पकड़ा दिया वो मेरे लंड से खेलने लगी. मैने कहा अब तुम मेरे लंड को चूसो तो वो मना करने लगी, मैंन बोला राधा ये भी एक सेक्स का पार्ट और इसे करने में भी तुम्हे बहोत मज़ा आएगा वो तो भी ना मानी तो मैने कहा, राधा अब तुम अगर ऐसे करोगी तो तुम वहाँ ऐसे-कैसे अड्जस्ट कर पाओगि. तुम्हे मालूम है ना तुम्हे वहाँ वो सब कुछ करना पड़ेगा, जो तुमने आज तक नही किया है.

और मैने राधा को अपनी गोद में बैठा लिया और उसकी चूचियों से खेलने लगा अब मैंन उसकी गान्ड की छेद में उंगली फेरने लगा.
 
Last edited:

hgupta112285

Active Member
657
401
64
राधा ने भी मेरी बातो का समर्थन किया और उसके बाद वो मेरे लंड को गौर से देखने लगी और फिर वो घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे लंड को पकड़ के चूम लिया उसके बाद वो किसी प्रोफेशनल लड़की के जैसे मेरे लंड को चूसने लगी कभी वो मेरे लंड को ऊपेर से लेकर नीचे तक चाट ती तो.........

कभी वो मेरी बॉल्स पे जीभ फेरती वो ये सब इतने सही ढंग से कर रही थी मुझे लग ही नहीं रहा था वो ये सब पहली बार कर रही है. अब हम दोनो 69 की पोज़िशन में आगाये वो बड़े मज़े से अपनी चूत चाटवा रही थी और मेरा लंड चूस रही थी वो एक बार फिर झाड़ चुकी थी.

अब मैने उसके बूब्स को फिर से चाटना शुरू किया वो आँखें बंद करके आहहा...आहहा...ओह....एसस्स्सुफफफफ्फ़ करने लगी वो बोली राज अब और मत तड़पाव प्लीज़ अपना वो मेरे अंदर डालो. मैने पूछा, अपना क्या तुम्हारे कहाँ अंदर डालूं तो वो शरमाने लगी. मैने कहा इसमे शरमाने की ज़रूरत नहीं हैं सेक्स के दौरान अगर रूड लॅंग्वेज यूज़ करो तो मज़ा और दुगना हो जाता है.......

तब वो बोली राज प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मुझे चोदो उसके मूह से लंड और चूत सुन कर मैं एग्ज़ाइट हो गया मैं उसकी दोनो टाँगो के बीच मे आ गया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और एक ही धक्के में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. लंड के अंदर जाते ही वो आआहा.....आहा करने लगी मैंन अभी नॉर्मल स्पीड पे धक्के मार रहा था, वो ऊवू...हा...हाईईईईईईई राज धीरे करो...

प्लीज़ बहोत दर्द हो रहा है, मैने अपनी स्पीड कम कर दी थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हुई और अपनी गान्ड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी अब वो मेरे लंड को ज़यादा से ज़यादा अपनी चूत में लेना चाहती थी. ये देखते हुए मैने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी वो और ज़ोर ज़ोर से अपनी गान्ड उछालने लगी आह..उूुुुउइ...माआआ...येस्स्स राज क’मोन फक मी हार्ड थोड़ी देर के बाद वो फिर से झाड़ गयी. अब मैने उसकी चूत में से अपना लंड निकाला और..........

राधा के मुँह मे दे दिया राधा किसी पुरानी खिलाड़ी की तरह मेरे लंड को चूसने लगी, मैने अब राधा को डॉगी स्टाइल में होने को कहा वो उठ कर डॉगी स्टाइल में हो गयी. मैंन फिर से उसकी चूत में लंड डाल कर उसे चोदने लगा वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी उसकी मोनिंग सुन कर मुझे भी जोश चढ़ने लगा. मैने धक्को की स्पीड और बढ़ा दी, अब मैं भी झड़ने वाला था.

मैने राधा से कहा कि मैंन अपना वीर्य कहाँ निकालू तो वो बोली मैं इसे पीना चाहती हूँ तुम मेरे मूह में निकाल दो मैने जल्दी से अपने लंड को राधा की चूत से निकाल कर उसके के मूह में दे दिया वो बड़ी अदा के साथ मेरा लंड चूस रही थी. तभी मेरे लंड ने एक ज़ोर से पिचकारी मारी........

मेरे वीर्य से राधा का मूँह भर गया राधा ने बहोत अच्छी तरह से मेरे लंड को चॅटा चाटके चमका दिया फिर हम दोनो उठे और मैने राधा को अपनी गोद में बिठा लिया.

राधा ऐसे ही कितनी देर तक मेरी गोद में नंगी बैठी रही, मैं उसके बढ़न को चूमे जा रहे था .राधा बोली, मुझे नही पता था की सेक्स क्या होता है मैं वहाँ क्या करती पर तुमने मुझे सिखाया के सेक्स का मज़ा कैसे लिया जाता है थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर हरकत में आने लगा.
 

hgupta112285

Active Member
657
401
64
गतान्क से आगे.......................

और वो राज के हाथों से तेल लेते हुए…उसके पैरो मे प्यार से लगती है…राज तो वैसे भी उसके कोमल हाथों का स्पर्श पाकर ही दर्द भूल चुका था..राज भी सोचता है यही सही वक़्त है अपने प्यार का इज़हार करने का…और वो बोलता है…

राज:- राधा तुम बहुत अच्छी हो…बहुत प्यारी हो…मैने आज तक अपने गाँव मे क्या आस-पास के गाँव मे भी तुमसे खूबसूरत लड़की नही देखी…तुम सूरत की ही नही तुम दिल की भी बहुत नेक लड़की हो…राधा तुम्हारे इस स्वाभाव ने मेरे दिल को छू लिया है..मैं तुम्हारे प्यार मे पड़ चुका हू राधा…आइ लव यू..

और राज उसकी की तरफ बढ़ता है… और उसके गाल पे एक चुम्मि देता है….

राधा एक दम से इस चुंबन से सहम जाती है और राज का पैर एक तरफ बिल्कुल पटक कर भाग जाती है….. राज तड़प जाता है दर्द के मारे……उसके मूह से बहुत ही ज़ोर से आहह…निकलती है……और वो बोलता है……अरे इतना दर्द देने वाली….कम से कम जवाब तो देती जाओ…

राधा पर्दे के पीछे से उसे झाँक कर देखती है………और उस पर खिलखिला कर हस पड़ती है…और फिर अंदर भाग जाती है…..

राज की मनोदशा इस समय देखने लायक रहती है….बाहर पैरो मे सूजन का दर्द और दूसरी तरफ..लड़की के मुस्कुराने की ख़ुसी..क्यूकी उसने भी ये सुन रखा था…लड़की हसी तो फसि…

राज लड़खड़ाते हुए उसके घर से बाहर निकलता है……और राधा उसे मुस्कुराती हुई देखती रहती है..और आँखों ही आँखों मे उस पर ना जाने कितना प्यार लूटा बैठती है….और इस प्रकार दोनो के प्यार का आरंभ होता है…..

आज इन दोनो का प्यार इतना गहरा हो चुका है……के अब ये दोनो एक दूसरे के लिए अपनी जान भी दे सकते है…कम से कम राधा तो यही सोचती है….तभी तो आज राधा इतना बढ़ा कदम उठा रही है….

राज और राधा का प्यार इतना अटूट हो चुका था कि अब वो शादी के बारे मे सोच रहे थे…पर राज अभी उस स्तिथि मे नही था के वो शादी करके राधा के साथ रह सके. आख़िर वो था तो एक एलेक्ट्रीशियन वो भी गाँव मे.

राज जहाँ काम करता था वहाँ के मालिक ने उसे एक सुझाव दिया के उसकी एक दुकान शहर मे है,तुम चाहो तो उसे खरीद कर उसमे अपना बिज़्नेस कर लो.

राज और राधा दोनो को ही ये सुझाव पसंद आया पर बात आकर पैसो मे अटक गयी थी. इनके पास तो इतने भी पैसे नही थे के गाँव मे ही कोई धंधा शुरू किया जा सके फिर तो ये शहर मे दुकान खोलने की बात हो रही थी.

राज ने भी बहुत हाथ-पाँव मारे, दोस्तो-भाइयों, रिश्तेदारो से उधर पैसे लिए पर फिर भी एक-तिहाई भी जमा नही कर पाए. दोनो थक हार कर राधा के घर पर ही बैठे थे. दोनो के चेहरो पे मायूसी के भाव सॉफ दिखाई दे रहे थे. दोनो को अपने भविश्य की चिंता हो रही थी….
 

hgupta112285

Active Member
657
401
64
राधा :- राज अब हम क्या करेंगे, क्या हम भी यूही भूक मरी,ग़रीबी, लाचारी मे मर जाएँगे? क्या हमारा कोई भविश्य नही होगा ?

कुछ देर चुप रहने के बाद……….

राज :- राधा हमारा एक सुंदर भविश्य होगा, लेकिन उसको पाने के लिए अब हमे कुछ तो खोना ही होगा..

राधा:- राज तुम भी कैसी बात करते हो, मैं तो तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हू. तुम जो बोलो वो मैं करूँगी. आख़िर ये हमारे भविस्य का सवाल है.

राज:- राधा अब मैं जो तुम्हे बोलने वाला हू वही मुझे पैसो का आखरी समाधान दिख रहा है…अगर तुम्हे इस बात का ज़रा भी बुरा लगे तो तुम मुझे माफ़ कर देना…

राधा उसकी तरफ एक टुक देखे जा रही थी…के राज ऐसा क्या बोलने वाला है..जो मुझे इतना बुरा लग सकता है….

राज:- राधा शहर मे मैने बहुत सी लड़कियों को जिस्म फ़रोशी का धंधा करते देखा है, उन पर लोग रोज लाखो रुपये भी लुटाते है…उनमे से हज़ारो तो गाँव की ही लड़कियाँ होती है. आज उनके पास गाड़ी-बांग्ला, ऐशो-आराम की सारी चीज़े है..अगर तुम 10-15 दिनो के लिए ही वो काम करने लग जाओगी तो हम आसानी से अपनी दुकान क्या अपना खुद का मकान भी शहर मे बना सकते है…

राधा:- राज, ये तुम क्या कह रहे हो…तुम होश मे तो हो…तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो…नही राज मैं ये सब नही कर सकती…मुझे माफ़ करो राज…सॉरी.

राज:- नही राधा, सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए जो मुझे तुम्हे ये सब बोलना पड़ रहा है...फिर हमारे पास और कोई चारा भी नही रह जाता..अब तो यूही जिंदगी गुज़रेगी…..ग़रीबी और बेबसी मे…..(और राज अपना मूह लटका कर चला जाता है.)

उस दिन राधा के दिलो-दिमाग़ मे मानो जैसे जंग चल रही हो…एक तरफ तो वो सोच रही थी…के आख़िर राज उसे ऐसे कैसे ये सब करने को कह सकता है…तो दूसरी तरफ वो ये भी सोच रही थी के वो ये सब हमारे लिए ही तो कह रहा था..और वो भी सिर्फ़ 15 दिनो के लिए ही….इसी गुथम-गुथि मे वो दिन भर उलझी रही…और शाम जो जाकर राज को हां बोल कर आ गयी…….लेकिन उसके दिल मे डर भी था के वो ये सब कैसे निभा पाएँगी.

राधा:- राज मैं तैयार हू. तुम जो कहोगे वो मानुगी. पर मैं ये सब कैसे कर पाउन्गि. मैने तो कभी किसी मर्द को भी आँख उठा कर भी नही देखा, फिर ये सब…

राज:- तुम इस सब की चिंता मत करो, मैने अगर तुम्हे ये सब करने के लिए कहा है तो कुछ सोच समझकर ही तो कहा होगा ना..मेरा एक दोस्त है..शहर मे वो ऐसी जगहों पर आता जाता रहता है उसी ने तो मुझे ये सब बताया था..बस मैं उसी बात करके सब सेट करवा दूँगा…तुम फिकर मत करो बस मुझे पर विश्वास रखो.

और आज इसी कारण मैं यहाँ खड़ी हू….राज को जाता देखते हुए….मेरे दिल से बस यही दुआ निकल रही है कि वो जल्दी से जल्दी कामयाब हो जाए और मुझे यहाँ से ले जाए.. अब मुझे यहाँ से सड़क पार करके उस तरफ बने एक घर मे जाना था. इस वक़्त मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर्से धड़क रहा था, आस-पास का महॉल भी ऐसा ही कुछ था. वहाँ बहुत सारी कातरो मे पान की दुकाने थी,उनमे से तेज संगीत आ रहा था..कुछ मवाली किस्म के लड़के खड़े थे, मैं तो उनको देखते ही काँप सी गयी थी.
 

hgupta112285

Active Member
657
401
64
मैने जैसे-तैसे सड़क पार की और उस घर की तरफ बढ़ी. दरवाज़े के पास आकर मुझे थोड़ी राहत मिली. लेकिन अब उस दरवाज़े को खटखटाने मे मेरे पसीने छूट रहे थे. मैने अपना आत्मविश्वास बढ़ाते हुए, एक गहरी साँस ली…….और दरवाज़ा खटखटाया….

अंदर से आवाज़ आई…..कौन है !!!

मैं बोली:- नमस्ते, मैं वो लड़की हू जो…………

मेरे इतना कहते ही उन्होने दरवाज़ा खोल दिया…..दरवाज़ा एक बूढ़ी औरत ने खोला था…..

अंदर आ जाओ….उस बूढ़ी औरत ने कहा.

दरवाज़ा इतना छोटा था कि मुझे उस मे से झुक कर अंदर आना पड़ा…जैसे ही मैं झुकी मेरी फ्रॉक पीछे से थोड़ी उठ गयी…..और वहाँ खड़े कुछ लड़को ने मेरी गान्ड देखकर जो सीटी मारी…वो मुझे सॉफ सुनाई दी…मैं जल्दी से अंदर घुस गयी..और उस बूढ़ी औरत ने दरवाज़ा अच्छी तरह से बंद कर दिया.

उस बूढ़ी औरत ने मेरे हाथो से मेरा बॅग लिया और अंदर जाने लगी. मैं भी उसके पीछे-पीछे हो ली. एक बड़े से हॉल के दरवाज़े के बाहर ही उसने मुझसे रुकने को कहा और वा खुद अंदर चली गयी.

मैं वही खड़े-खड़े बाहर से ही कमरे को निहार रही थी..बाहर से जैसी ये इमारत बदसूरत गंदी सी लगती थी..अंदर से ये हॉल तो किसी महल की तरह सज़ा हुआ था. मेरी नज़ारे तब फटी-फटी रह गयी जब मैने हॉल के बीचो-बीच एक बड़ी सी मूर्ति देखी जिसमे एक लड़का एक लड़की को अपनी बाहों मे उठा रखा था..और उसके बाए स्तन को चूस रहा था…मेरी हालत तो उसके लंड के आकार को देख कर ही खराब हुई थी..इतना बड़ा लंड वो भी चॅम-चमाता हुआ. मैने किसी आदमी का क्या किसी मूर्ति या फोटो मे भी इतना बड़ा लंड कभी नही देखा था….

तभी उस मूर्ति के पीछे से मुझे एक लंबी सी औरत जिसके हाथो मे एक कुत्ता था..आती दिखाई दी, उसके पीछे वो बूढ़ी औरत भी थी. उस लंबी सी औरत ने बड़े ग्लास के चस्मे लगाए हुए थे..और आते ही उसने मुझसे कहा….

अरे वाह जैसा उन्होने बताया था…तुम तो उससे लाख गुना खूबसूरत हो….कहाँ से हो तुम…

मैं बोली:- जी यही पास के गाँव से…. उस औरत ने कहा- मैं ये शर्त लगा के कह सकती हू…जिस प्रकार बाकी वेश्याओं को अपनी गान्ड पे नाज़ होता है……अपनी जीभ का सही इस्तेमाल करना आता है….तुमको भी उतना ही मज़ा आएगा..

मैं बोली:- मुझे कुछ ज़्यादा अनुभव नही है…

वो बोली:- उसकी फिकर तुम मत करो….वेश्या घर का एक दिन बाहर की दुनिया के 10 साल के बराबर है..(उसने अपनी गर्दन उची करते हुए कहा)…मुझे अपना हाथ तो दिखाओ..

मैने अपने दोनो हाथ उसकी तरफ बढ़ा दिए……

वो बोली:- हाथ ही योनि का दर्पण होता है(और मेरे हाथों को देखने लगी)

वो अपने हाथ मेरे हाथों पे फेरने लगी..और बोली..

बहुत अच्छे हाथ है तुम्हारे…..इससे जाहिर होता है कि तुम एक उच्च दर्जे की लड़की हो..(वो अभी भी मेरे हाथ अपने हाथों मे लिए हुई थी)

मैं उन्हे धन्यवाद करते हुए बोली…थॅंक यू, मॅ’म.

वो मुझे घूरती हुई बोली….मुझे मेडम मत बुलाओ..मैं मस्तानी चाची हू..यहाँ की मॅनेजर.(एक बार फिर वो ऐसे ही बोली अकड़ के और मेरा हाथ छोड़ दी.)..मेरी मा साउत इंडियन थी…और मैं अपनी जवानी मे डॅन्स बार मे नाचती थी(वो किन्ही सपनो मे खोते हुए बोली)…
 
Last edited:

hgupta112285

Active Member
657
401
64
मैं भी उनकी और एक टक ही देख रही थी…जैसी ही उनकी नज़र मुझ पर पड़ी..वो थोड़ा हड़बड़ाते हुए बोली…चलो मैं तुम्हे तुम्हारा कमरा दिखा देती हूँ.

वो मुझे लेकर सीढ़ियों से होते हुए उपर की तरफ ले गयी…रास्ते मे वो बोली..तुम्हे यहाँ काम करने के लिए किसी भी प्रकार का कांट्रॅक्ट साइन करने की ज़रूरत नही है.

नखरे नही करोगी…तो तुम्हे लोगो मे घुलने-मिलने मे आसानी होगी…वो मुझे और उपर जाती हुई सीढ़ियों पर ले जाती हुई बोली…ये घर हमेशा खुला रहता है…पर तुम्हे हफ्ते मे एक दिन की छुट्टी मिलेगी.

ठीक है, मस्तानी चाची-मैं बोली.

कस्टमर को कभी भी ना नही करना…जब तक वो तुम्हारा परिचित ना हो.-वो बोली.

जैसा आप कहे, मस्तानी चाची-मैं बोली.

मेरी नही अपनी इच्छा से काम करो…ये यहाँ के नियम है…वो बोली.

मैं समझ गयी…मस्तानी चाची..मैं बोली.

उन्होने एक दरवाज़े की तरफ इशारा करते हुए बोला…ये है रहस्यमयी खोली..उनके लिए जो चाहते है की उनको कोई देख ना पाए.

उस दरवाज़े पे एक नग्न औरत की तस्वीर बनी हुई थी. उन्होने दरवाज़ा खोला और मैं उसे देखने अंदर घुस गयी..

वो बोली:- कभी कभी कस्टमर्स रूम के अंदर ही भुगतान(पे) कर देते है. तब तुम नीचे काउंटर पे जाकर रिजिस्टर करके पैसा जमा करना और अपना टोकन ले लेना. 15 दिनो बाद तुम अपनी नगद राशि प्राप्त कर सकती हो.(वो मुझे समझाते हुए बोली.) ये घर तुम्हारी कमाई से 50% ले लेगा. बिजली, पानी, मेडिकल, नौकर, बाकी के टॅक्सस जैसे रूम और बोर्ड के और एक्सट्रा चार्जस कुछ भी नही है.(वो मेरी ओर देखकर हस्ते हुए बोली.)

फिर वो मुझे दूसरे कमरे मे ले जाते हुए बोली-सारी प्राइस लिस्ट रिजिस्टर मे लिखी हुई है, किसी होटेल के मेनू की तरह. स्पेशल अनुरोध(रिक्वेस्ट) के लिए एक्सट्रा चार्जस लगते है. उन्होने एक दरवाज़ा खोलकर मुझ से कहा- ये तुम्हारा रूम है..पसंद आया ?

मेरे मूह से तुरंत ही निकला बढ़िया है !!

अंदर घुसी तो देखा चारो तरफ गुलाबी रंग की छटा बिखरी हुई थी..रूम किसी आलीशान शाही कमरे की तरह सज़ा हुआ था..

मैं बोली:- कितना खूबसूरत है..!!

वो बोली:- ये कमरा हमारे यहाँ के बेहतरीन कमरो मे से एक है.

मैं बोली:- थॅंक यू, मस्तानी चाची…आप मेरी तरफ से हमेशा ही खुश रहेंगी.

वहाँ एक बड़ा सा बेड था, जिस पर मक्मल की चढ़र बिछी हुई थी. उन्होने उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा…उस तरफ घंटी रखी हुई है.

एक बार बजाना सामान्य के लिए. दो बार दुबारा के लिए, तीन बार आधे घंटे के लिए जो ज़्यादातर 15 मिनिट्स से ज़्यादा का नही होता.(वो चेहरे पर हसी के भाव उत्पन्न करते हुए बोली)

वो अपना चस्मा उतारते हुए बोली-समय बचाने के लिए तुम अपने मूह का भी प्रयोग कर सकती हो पर एक बार अच्छे से जाँच करने के बाद.

जाँच के बाद मतलब ?- मैं बोली.

स्वचहता…बोलते हुए उन्होने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेसिन के पास ले आई जो वही रूम के कोने मे लगा हुआ था…वो बोली- पहले तुम उसे यहाँ ले के आओ, उसके लंड को हाथ मे पाकड़ो, उसको धो और उसको भीचकर उसको खोलो..(उन्होने मुझे सारी बातें हाथों के इशारे से समझाई)…अगर तुम्हे कही भी दाग-धब्बा, कटा-जला का निशान दिखे तो तुम तुरंत बाहर आ जाओ या फिर एक लंबी रिंग दे देना हम उसे उसी समय यहाँ से भगा देंगे.

मैं बोली- ओह्ह्ह…बीमारी से बचने के लिए……

वो मुस्कुराते हुए बोली- बिल्कुल ठीक..तुम अपने मेडिकल रेकॉर्ड्स लाई हो ?

जी हां लाई हूँ- मैं बोली.(राज ने सारे इंतज़ाम मुझे करके दिए थे.)

मैने अपना हॅंड बॅग खोलकर उस मे से अपना मेडिकल सर्टिफिकेट निकालकर उन्हे दिखाया…

फिर उन्होने उस मे से 2-3 नाम पढ़े, जो मेरी समझ मे तो नही आए और कहा- बहुत अच्छे, जाकर हमारे यहाँ के डॉक्टर को ये मेडिकल सर्टिफिकेट दिखा आओ. वो यहाँ कभी भी आ सकते है साप्ताहिक जाँच के लिए.
 

hgupta112285

Active Member
657
401
64
मैने अपना सिर हिलाते हुए उन्हे हां कह दिया और उन्होने मुझे मेरा मेडिकल सर्टिफिकेट लौटा दिया.

तुमने कुछ खाया ? – उन्होने पूछा तो मैने फिर सिर हिलाते हुए ना कह दिया.

चलो मेरे साथ दूसरो से भी मिल लो….वो बोली.

वो मुझे एक बड़े से डाइनिंग हॉल मे ले गयी….जहाँ एक बढ़ा सा डाइनिंग टेबल रखा हुआ था….जिसको चारो तरफ से बहुत सी लड़कियों ने घेर रखा था……

अंदर घुसते ही मस्तानी चाची बोली- ये नयी लड़की है…इसका ज़रा ख़याल रखना.

वहाँ मौजूद सभी लड़कियों ने हाथ हिला कर मेरा अभिवादन किया….

ऊन्मेसे एक लड़की ने मुझे बोला- हेलो मेरा नाम स्वीटी है और मैं यू.पी. से हू…तुम यहाँ बैठ जाओ.(उसने अपने पास रखी एक कुर्सी मेरे लिए सॉफ करती हुई बोली)

मैने मस्तानी चाची की तरफ देखा- तो उन्होने ने मुझे जाकर बैठने की अनुमति दे दी…और मैं भी उसके पास जाकर बैठ गयी….टेबल पर खूब सारा नाश्ता और वाइन की बॉटल रखी हुई थी..

कुछ लाडियाँ सिर्फ़ ग्लास मे वाइन ही पी रही थी..उन मे से एक लड़की ने अपनी वाइन ख़तम करके और ग्लास रखते हुए(लगभग पटकते हुए) कहा….हाई..बिजली फ्रॉम मुंबई…

मैने भी उसे सिर हिलकर सिर्फ़ हाई कह दिया..फिर बाकी लड़कियाँ भी अपना-अपना इंट्रोडक्षन देने लगी..

हाई..छोटी फ्रॉम पुणे.. काँटा फ्रॉम गोआ….कासिष फ्रॉम गुजरात..लगभग हर स्टेट की लड़कियाँ थी उस जगह पर..

तभी एक मोटी सी औरत हाथ मे चॉक्लेट केक लाती हुए मेरे पास आई और बोली लो काटो इसे…ये तुम्हारे आने की ख़ुसी मे..मैं यहाँ हर किसी के आने की खुशी मे कुछ ना कुछ बनाती हू…आज तुम्हारे लिए चॉक्लेट केक बनाया है…काटो इसे और एंजाय करो अपना पहला दिन यहाँ……तभी बाजू वाली लड़की ने जिसने मुझे कुर्सी दी थी..मेरे ग्लास मे वाइन भरा और मुझे ऑफर किया..मैने ग्लास लिया फिर सब ने टोस्ट किया और अपनी-अपनी वाइन पीने लगे…

बिजली ने फिर जीभ से ऐसे किया जैसे वो किसी की योनि मे जीभ डाल कर हिला रही हो….और फिर मुझसे बोली..क्या तुम्हे ये करना आता है ???

मैने सिर नीचे झुककर हां कह दिया…..वो बोली….तुम्हारा नाम क्या है….

मैने बोलने ही वाली थी के मस्तानी चाची बोली- नाम ही सब कुछ नही होता…इसका नाम है राधा…पर अब से हम सब इसे कामिनी कह कर बुलाएँगे.

मैं बोली- कामिनी ???

हां कामिनी, क्यूकी तुम दिखती कामुक हो…तुम्हारी काया कामुक है…तुम बिल्कुल इस चॉकलॅटी केक की तरह हो जिसे हर कोई खाना चाहता है..
 

hgupta112285

Active Member
657
401
64
तभी छोटी ने शरारती नज़रो से मेरे उभारो को देखकर मुझसे कहा- क्या तुम मुझे ये चॉकलॅटी केक थोड़ा सा दोगि..और सभी खिलखिला कर हंस पड़े…..

मस्तानी चाची ने कहा- यहाँ सभी लाडियाँ अपने काम से जानी जाती है…उनका नाम ही उनका काम भी उजागर कर देता है….जैसे तुम कहाँ से हो..तुम्हारा नाम क्या है…और वो समझ जाते है कि उन्हे तुमसे क्या लेना चाहिए…तुम उन्हे कैसे मज़ा दे सकती हो…समझी….

तभी एक लड़की ने अपना टॉप उपर किया और अपने स्तनो को अपने हाथो से हिलाते हुए बोली…मेरा नाम है बबली..और मैं महबूब नगर से हू….और फिर सब हंस पड़े..

यहाँ हर कोई जानता है, सकीना को सक करने मे माहिर होने के लिए….ललिता को वर्ग और श्रेणी के लिए…और साथ ही गंदी सोच के लिए भी..हा हा हा…कहकर वो हस्ने लगती है..तो बाकी भी खिलखिला पड़ी..

फिर वो बोली…और कामिनी तुम्हारी खूबी रहेगी ये तुम्हारी मादक गान्ड(ऐसा बोलते हुए वो मेरी एक पूरी गान्ड को अपने हाथो मे मसल रही थी..) तुम अपनी गान्ड लेहराओ, तुम्हे कभी भी इस बात का पछतावा नही होगा..

कासिष ने अपने हाथ की दो उंगलियाँ अपने नाक पे लगाकर ऐसे इशारा किया जैसे वो नाक से सिगरेट पी रही हो और बोली…अगर कस्टमर ने ऐसे इशारे किए तो….

मैं बोली---इसका क्या मतलब हुआ…

चाची बोली—इसका मतलब वो तुमसे कुछ भद्दी चीज़ें करवाना चाहता है..जैसे पिसिंग, शिटिंग एट्सेटरा….लेकिन हां इसके चार्जस एक्सट्रा लगते है और ये है भी बहुत एक्सपेन्सिव ! (ये बताते हुए उन्होने अपनी नाक पे हाथ रख लिया था.)

बबली ने तीन उंगलियाँ मेरे गालों मे रखते हुए बोली…गालों पर तीन उंगलियाँ मतलब..कस्टमर को स्केल मार्कर उत्तेजित करना होता है..

कभी-कभी तो तीन लोग एक साथ होते है जिसे हम थ्रीसम कहते है…जिसमे कस्टमर अपना लिंग तुम्हारी गान्ड मे डाले रखता है..और दूसरी लड़की उसको स्केल से हल्का-हल्का उसकी गान्ड पर मार-मारकर उत्तेजित करती रहती है..उस लड़की के भी एक्सट्रा चार्जस लगते है…..

काँटा कहती है…मैं चली आराम करने !!...हमे भी आराम करना है कहकर बाकी लड़कियाँ भी जाने लगती है..

तभी स्वीटी जो मेरे बाजू मे बैठी रहती है मुझसे कहती है…तुम बहुत अच्छी हो, सुंदर हो..हम बहुत अच्छे दोस्त बनेंगे..

मैं बोली—मैं भी यही चाहती हू, मेरा भी कोई अच्छा दोस्त बने..
 

hgupta112285

Active Member
657
401
64
मेरे पीछे एक लड़की आई जिसे मैने अभी तक तो नही देखा था यहाँ…सिर्फ़ सलवार पहने और उपर से बिल्कुल नंगी थी सिवायि उस चुन्नी के जो उसके कंधे पे झूल रही थी…उसके स्तन पूरे लटके हुए थे..लेकिन गोल-गोल थे…उसने मुझसे कहा—तुम्हे कोई बुड्ढ़ा आदमी मिला है??...कोई दलाल जो तुम्हारे पैसे यहाँ से ले जाए..

मैने ना मे सिर हिला दिया…..और उसने एक लड़की जिसका नाम सोनिया था..उसे उठा कर वहाँ से ले गयी…

तभी वो बुद्धि औरत जिसने गेट पे मेरा सामान लिया था..मूह मे सिगरेट दबाए..थोड़ा सा लंगड़ते हुए मेरे पास आई और बोली..डॉक्टर साहिब आ गये है..

चाची मुझसे बोली—चलो डॉक्टर साहिब के पास चलते है..और बाकी लड़कियाँ को भी कहा..के वो भी अपना-अपना वीक्ली चेक-अप करवा ले..

और हम दोनो डॉक्टर के पास जाने के लिए निकल पड़ते है…………… चाची मुझे सीढ़ियों से होते हुए नीचे ले गयी….जहाँ सीढ़ियों के बाजू मे एक कमरा था..कमरे के पास पहूचकर चाची ने दरवाज़ा खटखटाया…..ठक..ठक..ठक…दरवाज़ा अंदर से खुला था…तो चाची ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे भी अपने साथ अंदर ले गयी.

चाची बोली- ये नयी लड़की आई है आज.

पर्दे के पीछे से आवाज़ आई-अपने कपड़े उतारो…ये सुनते ही मुझे हल्की सी झिझक महसूस हुई…लेकिन जब चाची ने मुझसे कहा तो मुझे उतारना ही पड़ा.

मैं आगे बढ़कर अपनी फ्रॉक उतारने लगी..और चाची मुझे वहाँ अकेला छोड़कर दरवाज़ा से बाहर चली गयी…

पर्दे के पीछे से वो शक्स निकाला जिसने मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा था..पहनावे से वो डॉक्टर ही लग रहा था…बड़ी सी धड़ी थी उसकी…शकल से शरीफ लग रहा था..

मैं अभी अपने कपड़े उतार ही रही थी…उसने पूछा – इस घर मे नयी हो या बिल्कुल ही नयी हो ?

मैने कहा- आज पहला दिन है मेरा….और मैने लगभग अपने सारे बटन्स खोल लिए थे..उस बुड्ढे से डॉक्टर को देखकर मेरा डर थोड़ा दूर हो गया था..और मैं थोड़ा खुश भी हो गयी थी…

वो बोला- तुम्हारी ख़ुसी देख कर तो लग रहा है..तुम यहाँ पार्टी करने आई हो…और वो फिर अपने काम मे व्यस्त हो गया.

फिर वो बोला- बहुत अच्छी नौकरी ढूंढी है तुमने क्यू ??
 
Top