📖 अध्याय 3 – दोनों की चुप्पी
सुबह का वक्त था।
नेहा रसोई में चाय बना रही थी, और राहुल अख़बार पढ़ने का नाटक कर रहा था।
लेकिन दोनों की नज़रें जैसे ही टकरातीं, तुरंत ही झट से इधर-उधर हो जातीं।
राहुल के दिमाग़ में रात वाला सीन बार-बार घूम रहा था —
वो लड़की कैसे झुककर लंड मुँह में ले रही थी, चूस...