कहानी की चौथी वर्षगांठ पर सभी पाठकों को बहुत बहुत बधाई, और उससे भी कहीं ज्यादा धन्यवाद जो आप लोग इतने लंबे सफर में साथ बने रहे, कभी पैंट में हाथ डाल कर तो कभी बिना कपड़ों के ही हर स्तिथि में आप चोदमपुर के सफर पर गए और अभी तक घूम रहेंहैं, जब शुरू की थी तब सोचा नहीं था कि ये सफर इतना लंबा होगा साथ ही आप सब का इतना प्रेम मिलेगा, कुछ ही दिन पहले कहानी हज़ार पेज की संख्या को पार कर आगे बढ़ी,
एक अलग संयोग ये भी देखिए की आज चौथी वर्षगांठ पर ही कहानी 1 करोड़ व्यूज का जादुई एवं मेरे लिए तो असंभव सा आंकड़ा छूने जा रही है, इस सब के लिए आप लोगों का कहानी के प्रति प्रेम ही है जिसने इसे यहां तक पहुंचाया, अंत में इतना ही कहूंगा, साथ बने रहिए जब तक ये सफर है तब तक।
बहुत बहुत धन्यवाद।