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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Ek number

Well-Known Member
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तीसरे कमरे को पार करते ही,,, जिस तरह का नजारा राजू की आंखों के सामने नजर आया उसे देखकर राजू के तो होश उड़ गए उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,,,, वह आखे फाडे उस अद्भुत दृश्य को देखने लगा उसे यकीन नहीं हो रहा है ना कि वह श्याम के घर पर इस तरह का नजारा देख पाएगा,,,,,और वह भी तीन कमरों को पार करने के बाद घर के पीछे जो जगह चारों तरफ से पेड़ पौधों के साथ-साथ लकड़ी के पाटीयो को जोड़कर एक घेराबंदी से जोड़ा गया था,,,,, घर के पीछे की हरियाली आंखों को ठंडक प्रदान तो कर ही रही थी लेकिन घर के पीछे का अद्भुत नजारा पूरे बदन में गर्मी फैला रहा था,,, राजू की तो सांसे ही बंद हो चली थी वह बस एकटक उस नजारे को देख जा रहा था,,,,राजू आखिरकार कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा था अगर उसकी जगह कोई और होता तो उसका तो शायद,,, खड़े-खड़े पानी निकल जाता नजारा ही इतना मादकता से भरा हुआ था,,,।

Jhumri is tarah se naha rahi thi


क्योंकि सामने एकदम नंगी खड़ी होकर की श्याम की बहन जिसका नाम झुमरी था वह नहा रही थी,,,,वह पूरी तरह से पानी में भीगी हुई थी उसके बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था वह संपूर्ण रूप से एकदम नंगी खड़ी थी,,,, ज्यादा गोरी तो नहीं थी लेकिन खूबसूरती के सांचे में उसका बदन ढाला हुआ था,,,, उसकी पीठ राजू की तरफ थी,,, जिसकी वजह से उसकी नंगी चिकनी मखमली पीठ के साथ-साथ उसके उभार दार नितंब अपनी आभा बिखेर रहे थे,,।तीन तीन औरतों का अनुभव राजू को औरतों के बदन के भूगोल को समझने में काफी मददगार साबित हो रहा था,,,, झुमरी की उभारदार गांड को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी की जवानी पूरी तरह से गदराई हुई जिसका रस निचोड़ कर पीने बहुत मजा आएगा,,,,अभी तो राजू केवल अपनी आंखों से ही दूर खड़ा होकर उसकी जवानी का रसपान कर रहा था,,,, राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा था झुमरी बार-बार नीचे झुककर बाल्टी में से लोटा भर भर कर पानी अपने ऊपर डाल रही थी,,,, वह खड़ी होकर नारायण की ओर झुकने की वजह से जब जब वह चूक रही थी तो उसकी गदराई गांड आसमान में चांद की तरह निखर कर सामने आ रही थी,,,, राजू दूर से ही खड़ा होकर इस दृश्य को देखकर ललचा रहा था और उसके मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आना शुरू हो गया था,,, उत्तेजित अवस्था में वह श्याम की बहन झुमरी को नहाता हुआ देखकर पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को दबाना शुरू कर दिया था,,, लोटे से किसका हुआ पानी उसके बदन के हर एक कोने तक पहुंच रहा था उसके रेशमी बालों को बिग उड़ता हुआ उसकी चिकनी पीठ से सरक कर उसके संपूर्ण नितंबों को भी भीगोता हुआ उसके नितंबों की पतली गहरी दरार में प्रवेश करके उसकी नंगी चिकनी जांघों को अपनी आगोश में लेता हुआ उसके कदमों में जाकर गिर जा रहा था,,,, एक तरह से तो राजू को उसके बदन पर उसके बदन को भिगो रहे पानी की बूंदों से जलन होने लगी थी अपने मन में सोच रहा था कि काश वह भी पानी होता तो उसके बदन को पूरी तरह से अपनी आगोश में भर लेता,,,,
झुमरी की गोल गोल भरी हुई चिकनी गांड पर राजू का मन फिसल रहा था,,,, उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़कर झुमरी को अपनी बाहों में भर ले और उसके साथ भी मजा मार ले,,,,,, पजामे में राजू का लंड पूरी तरह से टनटना कर खड़ा हो गया था आखिरकार एक जवान नंगी लड़की को देखेगा तो किसी का भी लंड खड़ा ही हो जाएगा और इतनी खूबसूरत है बदन का हर एक कौण एकदम लाजवाब था हालांकि अभी तक राजू ने उसको पीछे से ही देखा था उसकी तरबूज जैसी गोल-गोल गांड को देखकर राजू का मन उसकी नारंगी जैसे चुचियों को देखने का मन कर रहा था,,। लेकिन वह नहाने में मशगूल थी,,,उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके पीछे खड़ा होकर कोई जवान लड़का उसके नंगे बदन को देख कर मस्त हो रहा है,,,,,,,

श्याम की बहन झुमरी को देखकर राजू गर्म आहें भर रहा था,,, कि तभी उसके पैर से पास में पड़ा लोटा,,, लग कर नीचे गिर गया और उसकी आवाज के साथ ही झूमरी पीछे नजर घुमा कर देखी तो,,, सामने दरवाजे पर राजू खड़ा था,,, एक बार तो उस पर नजर पड़ते ही झुमरी घबरा गई लेकिन वह राजू को अच्छी तरह से जानती थी वैसे भी छोटा सा गांव होने की वजह से लोग एक दूसरे को जानते ही थे,,,, राजू को देखकर अपने आप को संभालते हुए वह बोले,,,।


तु यहां क्या कर रहा है,,,,,,


तुझे देख रहा हूं,,,,मममम,, मेरा मतलब है कि मैं यहां शयाम को ढूंढते हुए आया हूं,,,(राजु एकदम से हकलाते हुए बोला,,, उसकी घबराहट देखकर झुमरी अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगी,,,)


आया तो है तू श्याम को ढूंढने लेकिन मुझे भी अच्छी तरह से समझ में आ रहा है कि तू मुझे ही देख रहा है वरना तु यहां से चला गया होता,,,,


नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है झुमरी मैं अभी-अभी आया हूं,,,,(राजू फिर से घबराहट भरे स्वर में बोला,,,,झुमरी अभी भी राजू की तरफ पीठ करके खड़ी थी सिर्फ गर्दन घुमा कर उससे बात कर रही थी,,, राजू का मन उसकी चुचियों को देखने का कर रहा था,,, जहां तक राजू का मानना था कि चुचियों को देखकर ही उसकी सुंदरता का अंदाजा लगाया जाता है,,,,,,)

अभी-अभी आया है तो चला जाना चाहिए था ना खडा क्यों है,,,,(झुमरी बात तो उसे जरूर कर रही थी लेकिन उसकी नजरों को भांपने की कोशिश कर रही थी,, उसे साफ पता चल रहा था कि राजू भले ही लाख सफाई दे रहा हूं लेकिन उसकी नजर उसके नंगे चिकने बदन के साथ-साथ उसकी गांड पर टिकी हुई थी राजू बार पर उसकी गांड की तरफ देख रहा था उसकी ललचाई नजरों को झुमरी अच्छी तरह से पहचान रही थी और अंदर ही अंदर झुमरी राजू की प्यासी नजरों को देखकर खुश भी हो रही थी ,,,राजू का उसको इस तरह से प्यासी नजरों से देखना अच्छा लग रहा था,,,,)

वो तो बस,,,,,(इतना कहकर राजू खामोश हो गया इसे ज्यादा बोलने की हिम्मत उसमें नहीं थी,, तो झुमरी ही उसकी बात को सुनकर बोली,,,)

क्या वह तो बस,,,, मुझे नंगी देख रहा था ना और लगता है कि अभी तक ठीक से देखा भी नहीं है,,,,(झुमरी की बातों को सुनकर राजू एकदम शांत हो गया क्योंकि झुमरी एकदम खुले शब्दों में बोल रही थी,,,,) अच्छा ले,,,,
(पर इतना कहने के साथ ही झुमरी जो कि अभी तक उसकी तरफ पीठ करके खड़ी थी वह उसकी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई बिना शर्माए बिना घबराए एकदम बेझिझक,,, ऐसा लग रहा था कि एक अनजान लड़के के उसे नंगी देखी जाने पर भी उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही है,,,, राजू की आंखों के सामने जो मरी एकदम सीना ताने खड़ी थी उसकी बदमस्त गोल गोल नारंगी जैसे चुचियों पर नजर पड़ते ही राजू के मुंह में पानी आ गया वह पागलों की तरह आंखें फाड़े उसकी छातियों की तरफ देख रहा था,,,, उसकी छातियों में बेहद आकर्षक कसक था,, जिस के आकर्षण में राजू पूरी तरह से खींचता चला जा रहा था,,,, एकदम नारंगी को की आकार की बेहद आकर्षक सूचियों की मालकिन थी झुमरी ऐसा लग रहा था कि अभी तक उसकी नारंगीयों का रस किसी ने चखा नहीं था,,, झुमरी उसी तरह से खड़ी हो गई थी मानो की कोई शिल्पकार की मूर्ति हो,,, राजू अपनी प्यासी आंखों से उसके बदन का ऊपर से नीचे तक मुआयना कर रहा था,,,, उसकी मदमस्त नारंगीयो जैसी चुचियों पर सेउसकी नजर धीरे-धीरे नीचे की तरफ सड़क रही थी चिकना मानसा पेट चर्बी हो का नामोनिशान नहीं था जो कि पानी की बूंदे उस पर मोतियों के दाने की तरफ चल रही थी छाती और कमर के बीच गहरी नाभि छोटी सी बुर से कम नहीं लग रही थी जिसमें पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह जमी हुई थी जिसे अपने होंठ लगाकर उसका स्वाद चखने का मन राजू को कर रहा था,,,, राजू की सा,से ऊपर नीचे हो रही थीधीरे-धीरे उसकी नजर नीचे की तरफ चल रही थी मानो कि उसकी नजर ना हो पानी की बूंद हो,,,, देखते ही देखते राजू की प्यासी और व्याकुल नजरें झुमरी की दोनों टांगों के बीच के उसके तिकोन भाग पर पहुंच गईजिसको देखने के लिए हर मर्द व्याकुल रहता है तड़पता रहता है लेकिन यहां राजू का भाग्य बहुत तेज था जो कि झुमरी खुद उसे अपने नंगे बदन के साथ-साथ अपना तिकौन वाला भाग भी दिखा रही थी,,,,राजू तो झुमरी की दोनों टांगों के बीच की उस पतली कलिहारी को देखकर एकदम पागल हो गया,,, एकदम पतली संकरी गली नुमा बुर की दरार को देखकर राजू एकदम पागल हो गया,,,, उस पर हल्के हल्के रेशमी मुलायम बाल उगे हुए थे जिस पर पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह चमक रही थी राजू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी और यह देखकर झुमरी मन ही मन खुश हो रही थी,,,,,ऐसा नहीं था कि हमारी किसी को भी अपना नंगा बदन देखने को या दिखाने के लिए तैयार हो जाती राजू के प्रति उसका आकर्षण बहुत पहले से ही था जब वह अपने भाई श्याम साथ उसे देखी थी,,, इसलिए आज उसे मौका मिल गया था राजू को अपने नंगे बदन का दर्शन कराने का जो कि अनजाने में ही प्राप्त हुआ था,,,, जितना उत्साहित और उत्तेजक राजू था उससे ज्यादा कहीं व्याकुल झुमरी थी,,, राजू को झुमरी को नंगी देखने में मजा आ रहा था और छोरी को राजू को अपने आप को नंगी दिखाने में आनंद आ रहा था,,,,राजू से रहा नहीं गया और उसके मुंह से उसकी तारीफ निकल गई,,,


झुमरी तू बहुत खूबसूरत है,,,,


मुझे पता है,,,,(झुमरी नाक सिकोड़ते हुए बोली,,, वैसे भी राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनना उसे अच्छा लग रहा था वह सिर्फ जानबूझकर इस तरह से बोल रही थी,,, राजू अभी-अभी उसे ऊपर से नीचे की तरफ जी जान लगा कर देख रहा था ऐसा लग रहा है कि जैसे उसने इससे पहले किसी नंगी औरत या लड़की को देखा नहीं था तीन तीन खूबसूरत औरतों की चुदाई करने के बावजूद भी नई जवान लड़की देखते हीराजू के पजामे में हलचल होने लगती थी और यही मर्दों की फितरत भी होती है,,, एक औरत से कभी भी उसका मन नहीं भरता,,

एक जवान लड़की को अपना नंगा बदन दिखाने में झुमरी को भी बेहद उत्तेजना का अनुभव हो रहा था उसके बदन में सनसनी सी फेल रही थी,,,। लेकिन वक्त की नजाकत कोझुमकी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसे काफी समय हो गया था परवाह नहीं चाहती थी कि उसके घर वाले उसे इस हालत में देख लें कि कोई जवान लड़के के सामने वह पूरी तरह से नंगी खड़ी है इसलिए राजू से बोली,,,।

चल देख लिया ना,, अब जा,,,,
(झुमरी की आवाज में उसके शब्दों में एक विश्वास था बिल्कुल भी डर नहीं था घबराहट में थी एक अंजाम लड़के को अपना जवान नंगा जिस्म दिखाना कोई आम बात नहीं थी,,,, लेकिन झुमरी बेफिक्र थी,,,,उसकी बात सुनने के बावजूद भी राजू भाई खड़ा होकर उसके नंगे पन का दर्शन कर रहा था तो झुमरी फिर बोली,,,)


चल अब जाना खड़ा क्यों है,,,
(झुमरी की बात सुनकर राजू को भी लगने लगा कि अब वहां से चले जाना चाहिए अगर किसी ने देख लिया तो बवाल हो जाएगा,,,, इसलिए वह बोला,,,)

श्याम कहां है पढ़ने जाना है,,,,


मुझे नहीं लगता कि आज वह जाएगा,,, वह खेत पर गया है खेतों में पानी देने,,,,( झुमरी राजू की लालच को बढ़ाने के लिए अपने दोनों हाथों से अपनी चुचियों पर की पानी की बूंदों को साफ करते हुए इसे अपनी हथेली में भरकर ऊपर की तरफ उठाने लगी यह देखकर राजू के मुंह से गर्म आह निकल गई,,,, झुमरी की हरकत और उसकी बात को सुनकर राजू बोला,,)

ठीक है मैं खेत पर चला जाता हूं वही पूछ लूंगा चलेगा कि नहीं,,,(इतना कहकर राजू पीछे कदम लेकर जा ही रहा था कि वापस कदम बढ़ाते हुए झुमरी से बोला,,,,)

और हां झुमरी तू बहुत खूबसूरत है खास करके तेरी चूचियां तेरी बुर,,,,
(इतना कहने के साथ ही झुमरी का जवाब सुने बिना ही वहां से वापस लौट गया और झुमरी उसे जाते हुए देखती रह गई राजू के आखिरी शब्द उसके तन बदन में आग लगा गए यह पहली बार था जब झुमरी की किसी लड़के ने इतने खुले तौर पर तारीफ किया था और वह भी उसकी चूची और उसकी बुर की हालांकि उसकी चूची और बुर अभी तक किसी लड़के ने देखा ही नहीं था बस केवल कल्पना किया करते थे राजू पहला सख्स थाजो झुमरी को पूरी तरह से नंगी देखा था उसी को उसकी बुर को एकदम गौर से देखा हूं उसकी बलखाती कमर के साथ-साथ उसकी मदमस्त गांड के दर्शन किया था,,,, राजू के कहे शब्द उसके बदन की उत्तेजना को एकदम से बढ़ा दिए थे उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी और उसके होठों पर मुस्कान आ गई थी,,,,
राजू श्याम को बुलाने के लिए खेत पर चला जा रहा था वैसे तो उसे बुलाने की कोई जरूरत वह समझता नहीं था लेकिन वह नहीं चाहता था कि सोनी और उस पर कोई शक करें इसीलिए वह जानबूझकर उन्हें बुलाता था ताकि उन लोगों को ऐसा लगे कि अगर सोनी और उसके बीच कुछ चल रहा होता तो वहां इस तरह से उन्हें रोज बुलाने नहीं आता,,,)
Umda update
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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तीसरे कमरे को पार करते ही,,, जिस तरह का नजारा राजू की आंखों के सामने नजर आया उसे देखकर राजू के तो होश उड़ गए उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,,,, वह आखे फाडे उस अद्भुत दृश्य को देखने लगा उसे यकीन नहीं हो रहा है ना कि वह श्याम के घर पर इस तरह का नजारा देख पाएगा,,,,,और वह भी तीन कमरों को पार करने के बाद घर के पीछे जो जगह चारों तरफ से पेड़ पौधों के साथ-साथ लकड़ी के पाटीयो को जोड़कर एक घेराबंदी से जोड़ा गया था,,,,, घर के पीछे की हरियाली आंखों को ठंडक प्रदान तो कर ही रही थी लेकिन घर के पीछे का अद्भुत नजारा पूरे बदन में गर्मी फैला रहा था,,, राजू की तो सांसे ही बंद हो चली थी वह बस एकटक उस नजारे को देख जा रहा था,,,,राजू आखिरकार कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा था अगर उसकी जगह कोई और होता तो उसका तो शायद,,, खड़े-खड़े पानी निकल जाता नजारा ही इतना मादकता से भरा हुआ था,,,।

Jhumri is tarah se naha rahi thi


क्योंकि सामने एकदम नंगी खड़ी होकर की श्याम की बहन जिसका नाम झुमरी था वह नहा रही थी,,,,वह पूरी तरह से पानी में भीगी हुई थी उसके बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था वह संपूर्ण रूप से एकदम नंगी खड़ी थी,,,, ज्यादा गोरी तो नहीं थी लेकिन खूबसूरती के सांचे में उसका बदन ढाला हुआ था,,,, उसकी पीठ राजू की तरफ थी,,, जिसकी वजह से उसकी नंगी चिकनी मखमली पीठ के साथ-साथ उसके उभार दार नितंब अपनी आभा बिखेर रहे थे,,।तीन तीन औरतों का अनुभव राजू को औरतों के बदन के भूगोल को समझने में काफी मददगार साबित हो रहा था,,,, झुमरी की उभारदार गांड को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी की जवानी पूरी तरह से गदराई हुई जिसका रस निचोड़ कर पीने बहुत मजा आएगा,,,,अभी तो राजू केवल अपनी आंखों से ही दूर खड़ा होकर उसकी जवानी का रसपान कर रहा था,,,, राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा था झुमरी बार-बार नीचे झुककर बाल्टी में से लोटा भर भर कर पानी अपने ऊपर डाल रही थी,,,, वह खड़ी होकर नारायण की ओर झुकने की वजह से जब जब वह चूक रही थी तो उसकी गदराई गांड आसमान में चांद की तरह निखर कर सामने आ रही थी,,,, राजू दूर से ही खड़ा होकर इस दृश्य को देखकर ललचा रहा था और उसके मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आना शुरू हो गया था,,, उत्तेजित अवस्था में वह श्याम की बहन झुमरी को नहाता हुआ देखकर पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को दबाना शुरू कर दिया था,,, लोटे से किसका हुआ पानी उसके बदन के हर एक कोने तक पहुंच रहा था उसके रेशमी बालों को बिग उड़ता हुआ उसकी चिकनी पीठ से सरक कर उसके संपूर्ण नितंबों को भी भीगोता हुआ उसके नितंबों की पतली गहरी दरार में प्रवेश करके उसकी नंगी चिकनी जांघों को अपनी आगोश में लेता हुआ उसके कदमों में जाकर गिर जा रहा था,,,, एक तरह से तो राजू को उसके बदन पर उसके बदन को भिगो रहे पानी की बूंदों से जलन होने लगी थी अपने मन में सोच रहा था कि काश वह भी पानी होता तो उसके बदन को पूरी तरह से अपनी आगोश में भर लेता,,,,
झुमरी की गोल गोल भरी हुई चिकनी गांड पर राजू का मन फिसल रहा था,,,, उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़कर झुमरी को अपनी बाहों में भर ले और उसके साथ भी मजा मार ले,,,,,, पजामे में राजू का लंड पूरी तरह से टनटना कर खड़ा हो गया था आखिरकार एक जवान नंगी लड़की को देखेगा तो किसी का भी लंड खड़ा ही हो जाएगा और इतनी खूबसूरत है बदन का हर एक कौण एकदम लाजवाब था हालांकि अभी तक राजू ने उसको पीछे से ही देखा था उसकी तरबूज जैसी गोल-गोल गांड को देखकर राजू का मन उसकी नारंगी जैसे चुचियों को देखने का मन कर रहा था,,। लेकिन वह नहाने में मशगूल थी,,,उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके पीछे खड़ा होकर कोई जवान लड़का उसके नंगे बदन को देख कर मस्त हो रहा है,,,,,,,

श्याम की बहन झुमरी को देखकर राजू गर्म आहें भर रहा था,,, कि तभी उसके पैर से पास में पड़ा लोटा,,, लग कर नीचे गिर गया और उसकी आवाज के साथ ही झूमरी पीछे नजर घुमा कर देखी तो,,, सामने दरवाजे पर राजू खड़ा था,,, एक बार तो उस पर नजर पड़ते ही झुमरी घबरा गई लेकिन वह राजू को अच्छी तरह से जानती थी वैसे भी छोटा सा गांव होने की वजह से लोग एक दूसरे को जानते ही थे,,,, राजू को देखकर अपने आप को संभालते हुए वह बोले,,,।


तु यहां क्या कर रहा है,,,,,,


तुझे देख रहा हूं,,,,मममम,, मेरा मतलब है कि मैं यहां शयाम को ढूंढते हुए आया हूं,,,(राजु एकदम से हकलाते हुए बोला,,, उसकी घबराहट देखकर झुमरी अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगी,,,)


आया तो है तू श्याम को ढूंढने लेकिन मुझे भी अच्छी तरह से समझ में आ रहा है कि तू मुझे ही देख रहा है वरना तु यहां से चला गया होता,,,,


नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है झुमरी मैं अभी-अभी आया हूं,,,,(राजू फिर से घबराहट भरे स्वर में बोला,,,,झुमरी अभी भी राजू की तरफ पीठ करके खड़ी थी सिर्फ गर्दन घुमा कर उससे बात कर रही थी,,, राजू का मन उसकी चुचियों को देखने का कर रहा था,,, जहां तक राजू का मानना था कि चुचियों को देखकर ही उसकी सुंदरता का अंदाजा लगाया जाता है,,,,,,)

अभी-अभी आया है तो चला जाना चाहिए था ना खडा क्यों है,,,,(झुमरी बात तो उसे जरूर कर रही थी लेकिन उसकी नजरों को भांपने की कोशिश कर रही थी,, उसे साफ पता चल रहा था कि राजू भले ही लाख सफाई दे रहा हूं लेकिन उसकी नजर उसके नंगे चिकने बदन के साथ-साथ उसकी गांड पर टिकी हुई थी राजू बार पर उसकी गांड की तरफ देख रहा था उसकी ललचाई नजरों को झुमरी अच्छी तरह से पहचान रही थी और अंदर ही अंदर झुमरी राजू की प्यासी नजरों को देखकर खुश भी हो रही थी ,,,राजू का उसको इस तरह से प्यासी नजरों से देखना अच्छा लग रहा था,,,,)

वो तो बस,,,,,(इतना कहकर राजू खामोश हो गया इसे ज्यादा बोलने की हिम्मत उसमें नहीं थी,, तो झुमरी ही उसकी बात को सुनकर बोली,,,)

क्या वह तो बस,,,, मुझे नंगी देख रहा था ना और लगता है कि अभी तक ठीक से देखा भी नहीं है,,,,(झुमरी की बातों को सुनकर राजू एकदम शांत हो गया क्योंकि झुमरी एकदम खुले शब्दों में बोल रही थी,,,,) अच्छा ले,,,,
(पर इतना कहने के साथ ही झुमरी जो कि अभी तक उसकी तरफ पीठ करके खड़ी थी वह उसकी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई बिना शर्माए बिना घबराए एकदम बेझिझक,,, ऐसा लग रहा था कि एक अनजान लड़के के उसे नंगी देखी जाने पर भी उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही है,,,, राजू की आंखों के सामने जो मरी एकदम सीना ताने खड़ी थी उसकी बदमस्त गोल गोल नारंगी जैसे चुचियों पर नजर पड़ते ही राजू के मुंह में पानी आ गया वह पागलों की तरह आंखें फाड़े उसकी छातियों की तरफ देख रहा था,,,, उसकी छातियों में बेहद आकर्षक कसक था,, जिस के आकर्षण में राजू पूरी तरह से खींचता चला जा रहा था,,,, एकदम नारंगी को की आकार की बेहद आकर्षक सूचियों की मालकिन थी झुमरी ऐसा लग रहा था कि अभी तक उसकी नारंगीयों का रस किसी ने चखा नहीं था,,, झुमरी उसी तरह से खड़ी हो गई थी मानो की कोई शिल्पकार की मूर्ति हो,,, राजू अपनी प्यासी आंखों से उसके बदन का ऊपर से नीचे तक मुआयना कर रहा था,,,, उसकी मदमस्त नारंगीयो जैसी चुचियों पर सेउसकी नजर धीरे-धीरे नीचे की तरफ सड़क रही थी चिकना मानसा पेट चर्बी हो का नामोनिशान नहीं था जो कि पानी की बूंदे उस पर मोतियों के दाने की तरफ चल रही थी छाती और कमर के बीच गहरी नाभि छोटी सी बुर से कम नहीं लग रही थी जिसमें पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह जमी हुई थी जिसे अपने होंठ लगाकर उसका स्वाद चखने का मन राजू को कर रहा था,,,, राजू की सा,से ऊपर नीचे हो रही थीधीरे-धीरे उसकी नजर नीचे की तरफ चल रही थी मानो कि उसकी नजर ना हो पानी की बूंद हो,,,, देखते ही देखते राजू की प्यासी और व्याकुल नजरें झुमरी की दोनों टांगों के बीच के उसके तिकोन भाग पर पहुंच गईजिसको देखने के लिए हर मर्द व्याकुल रहता है तड़पता रहता है लेकिन यहां राजू का भाग्य बहुत तेज था जो कि झुमरी खुद उसे अपने नंगे बदन के साथ-साथ अपना तिकौन वाला भाग भी दिखा रही थी,,,,राजू तो झुमरी की दोनों टांगों के बीच की उस पतली कलिहारी को देखकर एकदम पागल हो गया,,, एकदम पतली संकरी गली नुमा बुर की दरार को देखकर राजू एकदम पागल हो गया,,,, उस पर हल्के हल्के रेशमी मुलायम बाल उगे हुए थे जिस पर पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह चमक रही थी राजू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी और यह देखकर झुमरी मन ही मन खुश हो रही थी,,,,,ऐसा नहीं था कि हमारी किसी को भी अपना नंगा बदन देखने को या दिखाने के लिए तैयार हो जाती राजू के प्रति उसका आकर्षण बहुत पहले से ही था जब वह अपने भाई श्याम साथ उसे देखी थी,,, इसलिए आज उसे मौका मिल गया था राजू को अपने नंगे बदन का दर्शन कराने का जो कि अनजाने में ही प्राप्त हुआ था,,,, जितना उत्साहित और उत्तेजक राजू था उससे ज्यादा कहीं व्याकुल झुमरी थी,,, राजू को झुमरी को नंगी देखने में मजा आ रहा था और छोरी को राजू को अपने आप को नंगी दिखाने में आनंद आ रहा था,,,,राजू से रहा नहीं गया और उसके मुंह से उसकी तारीफ निकल गई,,,


झुमरी तू बहुत खूबसूरत है,,,,


मुझे पता है,,,,(झुमरी नाक सिकोड़ते हुए बोली,,, वैसे भी राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनना उसे अच्छा लग रहा था वह सिर्फ जानबूझकर इस तरह से बोल रही थी,,, राजू अभी-अभी उसे ऊपर से नीचे की तरफ जी जान लगा कर देख रहा था ऐसा लग रहा है कि जैसे उसने इससे पहले किसी नंगी औरत या लड़की को देखा नहीं था तीन तीन खूबसूरत औरतों की चुदाई करने के बावजूद भी नई जवान लड़की देखते हीराजू के पजामे में हलचल होने लगती थी और यही मर्दों की फितरत भी होती है,,, एक औरत से कभी भी उसका मन नहीं भरता,,

एक जवान लड़की को अपना नंगा बदन दिखाने में झुमरी को भी बेहद उत्तेजना का अनुभव हो रहा था उसके बदन में सनसनी सी फेल रही थी,,,। लेकिन वक्त की नजाकत कोझुमकी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसे काफी समय हो गया था परवाह नहीं चाहती थी कि उसके घर वाले उसे इस हालत में देख लें कि कोई जवान लड़के के सामने वह पूरी तरह से नंगी खड़ी है इसलिए राजू से बोली,,,।

चल देख लिया ना,, अब जा,,,,
(झुमरी की आवाज में उसके शब्दों में एक विश्वास था बिल्कुल भी डर नहीं था घबराहट में थी एक अंजाम लड़के को अपना जवान नंगा जिस्म दिखाना कोई आम बात नहीं थी,,,, लेकिन झुमरी बेफिक्र थी,,,,उसकी बात सुनने के बावजूद भी राजू भाई खड़ा होकर उसके नंगे पन का दर्शन कर रहा था तो झुमरी फिर बोली,,,)


चल अब जाना खड़ा क्यों है,,,
(झुमरी की बात सुनकर राजू को भी लगने लगा कि अब वहां से चले जाना चाहिए अगर किसी ने देख लिया तो बवाल हो जाएगा,,,, इसलिए वह बोला,,,)

श्याम कहां है पढ़ने जाना है,,,,


मुझे नहीं लगता कि आज वह जाएगा,,, वह खेत पर गया है खेतों में पानी देने,,,,( झुमरी राजू की लालच को बढ़ाने के लिए अपने दोनों हाथों से अपनी चुचियों पर की पानी की बूंदों को साफ करते हुए इसे अपनी हथेली में भरकर ऊपर की तरफ उठाने लगी यह देखकर राजू के मुंह से गर्म आह निकल गई,,,, झुमरी की हरकत और उसकी बात को सुनकर राजू बोला,,)

ठीक है मैं खेत पर चला जाता हूं वही पूछ लूंगा चलेगा कि नहीं,,,(इतना कहकर राजू पीछे कदम लेकर जा ही रहा था कि वापस कदम बढ़ाते हुए झुमरी से बोला,,,,)

और हां झुमरी तू बहुत खूबसूरत है खास करके तेरी चूचियां तेरी बुर,,,,
(इतना कहने के साथ ही झुमरी का जवाब सुने बिना ही वहां से वापस लौट गया और झुमरी उसे जाते हुए देखती रह गई राजू के आखिरी शब्द उसके तन बदन में आग लगा गए यह पहली बार था जब झुमरी की किसी लड़के ने इतने खुले तौर पर तारीफ किया था और वह भी उसकी चूची और उसकी बुर की हालांकि उसकी चूची और बुर अभी तक किसी लड़के ने देखा ही नहीं था बस केवल कल्पना किया करते थे राजू पहला सख्स थाजो झुमरी को पूरी तरह से नंगी देखा था उसी को उसकी बुर को एकदम गौर से देखा हूं उसकी बलखाती कमर के साथ-साथ उसकी मदमस्त गांड के दर्शन किया था,,,, राजू के कहे शब्द उसके बदन की उत्तेजना को एकदम से बढ़ा दिए थे उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी और उसके होठों पर मुस्कान आ गई थी,,,,
राजू श्याम को बुलाने के लिए खेत पर चला जा रहा था वैसे तो उसे बुलाने की कोई जरूरत वह समझता नहीं था लेकिन वह नहीं चाहता था कि सोनी और उस पर कोई शक करें इसीलिए वह जानबूझकर उन्हें बुलाता था ताकि उन लोगों को ऐसा लगे कि अगर सोनी और उसके बीच कुछ चल रहा होता तो वहां इस तरह से उन्हें रोज बुलाने नहीं आता,,,)
Wah rony bhai wah Kya baat hai lagta hai ab syam ki bahan chod dega raju.
Bohot hi kamuk update
 

Naik

Well-Known Member
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तीसरे कमरे को पार करते ही,,, जिस तरह का नजारा राजू की आंखों के सामने नजर आया उसे देखकर राजू के तो होश उड़ गए उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,,,, वह आखे फाडे उस अद्भुत दृश्य को देखने लगा उसे यकीन नहीं हो रहा है ना कि वह श्याम के घर पर इस तरह का नजारा देख पाएगा,,,,,और वह भी तीन कमरों को पार करने के बाद घर के पीछे जो जगह चारों तरफ से पेड़ पौधों के साथ-साथ लकड़ी के पाटीयो को जोड़कर एक घेराबंदी से जोड़ा गया था,,,,, घर के पीछे की हरियाली आंखों को ठंडक प्रदान तो कर ही रही थी लेकिन घर के पीछे का अद्भुत नजारा पूरे बदन में गर्मी फैला रहा था,,, राजू की तो सांसे ही बंद हो चली थी वह बस एकटक उस नजारे को देख जा रहा था,,,,राजू आखिरकार कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा था अगर उसकी जगह कोई और होता तो उसका तो शायद,,, खड़े-खड़े पानी निकल जाता नजारा ही इतना मादकता से भरा हुआ था,,,।

Jhumri is tarah se naha rahi thi


क्योंकि सामने एकदम नंगी खड़ी होकर की श्याम की बहन जिसका नाम झुमरी था वह नहा रही थी,,,,वह पूरी तरह से पानी में भीगी हुई थी उसके बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था वह संपूर्ण रूप से एकदम नंगी खड़ी थी,,,, ज्यादा गोरी तो नहीं थी लेकिन खूबसूरती के सांचे में उसका बदन ढाला हुआ था,,,, उसकी पीठ राजू की तरफ थी,,, जिसकी वजह से उसकी नंगी चिकनी मखमली पीठ के साथ-साथ उसके उभार दार नितंब अपनी आभा बिखेर रहे थे,,।तीन तीन औरतों का अनुभव राजू को औरतों के बदन के भूगोल को समझने में काफी मददगार साबित हो रहा था,,,, झुमरी की उभारदार गांड को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी की जवानी पूरी तरह से गदराई हुई जिसका रस निचोड़ कर पीने बहुत मजा आएगा,,,,अभी तो राजू केवल अपनी आंखों से ही दूर खड़ा होकर उसकी जवानी का रसपान कर रहा था,,,, राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा था झुमरी बार-बार नीचे झुककर बाल्टी में से लोटा भर भर कर पानी अपने ऊपर डाल रही थी,,,, वह खड़ी होकर नारायण की ओर झुकने की वजह से जब जब वह चूक रही थी तो उसकी गदराई गांड आसमान में चांद की तरह निखर कर सामने आ रही थी,,,, राजू दूर से ही खड़ा होकर इस दृश्य को देखकर ललचा रहा था और उसके मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आना शुरू हो गया था,,, उत्तेजित अवस्था में वह श्याम की बहन झुमरी को नहाता हुआ देखकर पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को दबाना शुरू कर दिया था,,, लोटे से किसका हुआ पानी उसके बदन के हर एक कोने तक पहुंच रहा था उसके रेशमी बालों को बिग उड़ता हुआ उसकी चिकनी पीठ से सरक कर उसके संपूर्ण नितंबों को भी भीगोता हुआ उसके नितंबों की पतली गहरी दरार में प्रवेश करके उसकी नंगी चिकनी जांघों को अपनी आगोश में लेता हुआ उसके कदमों में जाकर गिर जा रहा था,,,, एक तरह से तो राजू को उसके बदन पर उसके बदन को भिगो रहे पानी की बूंदों से जलन होने लगी थी अपने मन में सोच रहा था कि काश वह भी पानी होता तो उसके बदन को पूरी तरह से अपनी आगोश में भर लेता,,,,
झुमरी की गोल गोल भरी हुई चिकनी गांड पर राजू का मन फिसल रहा था,,,, उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़कर झुमरी को अपनी बाहों में भर ले और उसके साथ भी मजा मार ले,,,,,, पजामे में राजू का लंड पूरी तरह से टनटना कर खड़ा हो गया था आखिरकार एक जवान नंगी लड़की को देखेगा तो किसी का भी लंड खड़ा ही हो जाएगा और इतनी खूबसूरत है बदन का हर एक कौण एकदम लाजवाब था हालांकि अभी तक राजू ने उसको पीछे से ही देखा था उसकी तरबूज जैसी गोल-गोल गांड को देखकर राजू का मन उसकी नारंगी जैसे चुचियों को देखने का मन कर रहा था,,। लेकिन वह नहाने में मशगूल थी,,,उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके पीछे खड़ा होकर कोई जवान लड़का उसके नंगे बदन को देख कर मस्त हो रहा है,,,,,,,

श्याम की बहन झुमरी को देखकर राजू गर्म आहें भर रहा था,,, कि तभी उसके पैर से पास में पड़ा लोटा,,, लग कर नीचे गिर गया और उसकी आवाज के साथ ही झूमरी पीछे नजर घुमा कर देखी तो,,, सामने दरवाजे पर राजू खड़ा था,,, एक बार तो उस पर नजर पड़ते ही झुमरी घबरा गई लेकिन वह राजू को अच्छी तरह से जानती थी वैसे भी छोटा सा गांव होने की वजह से लोग एक दूसरे को जानते ही थे,,,, राजू को देखकर अपने आप को संभालते हुए वह बोले,,,।


तु यहां क्या कर रहा है,,,,,,


तुझे देख रहा हूं,,,,मममम,, मेरा मतलब है कि मैं यहां शयाम को ढूंढते हुए आया हूं,,,(राजु एकदम से हकलाते हुए बोला,,, उसकी घबराहट देखकर झुमरी अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगी,,,)


आया तो है तू श्याम को ढूंढने लेकिन मुझे भी अच्छी तरह से समझ में आ रहा है कि तू मुझे ही देख रहा है वरना तु यहां से चला गया होता,,,,


नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है झुमरी मैं अभी-अभी आया हूं,,,,(राजू फिर से घबराहट भरे स्वर में बोला,,,,झुमरी अभी भी राजू की तरफ पीठ करके खड़ी थी सिर्फ गर्दन घुमा कर उससे बात कर रही थी,,, राजू का मन उसकी चुचियों को देखने का कर रहा था,,, जहां तक राजू का मानना था कि चुचियों को देखकर ही उसकी सुंदरता का अंदाजा लगाया जाता है,,,,,,)

अभी-अभी आया है तो चला जाना चाहिए था ना खडा क्यों है,,,,(झुमरी बात तो उसे जरूर कर रही थी लेकिन उसकी नजरों को भांपने की कोशिश कर रही थी,, उसे साफ पता चल रहा था कि राजू भले ही लाख सफाई दे रहा हूं लेकिन उसकी नजर उसके नंगे चिकने बदन के साथ-साथ उसकी गांड पर टिकी हुई थी राजू बार पर उसकी गांड की तरफ देख रहा था उसकी ललचाई नजरों को झुमरी अच्छी तरह से पहचान रही थी और अंदर ही अंदर झुमरी राजू की प्यासी नजरों को देखकर खुश भी हो रही थी ,,,राजू का उसको इस तरह से प्यासी नजरों से देखना अच्छा लग रहा था,,,,)

वो तो बस,,,,,(इतना कहकर राजू खामोश हो गया इसे ज्यादा बोलने की हिम्मत उसमें नहीं थी,, तो झुमरी ही उसकी बात को सुनकर बोली,,,)

क्या वह तो बस,,,, मुझे नंगी देख रहा था ना और लगता है कि अभी तक ठीक से देखा भी नहीं है,,,,(झुमरी की बातों को सुनकर राजू एकदम शांत हो गया क्योंकि झुमरी एकदम खुले शब्दों में बोल रही थी,,,,) अच्छा ले,,,,
(पर इतना कहने के साथ ही झुमरी जो कि अभी तक उसकी तरफ पीठ करके खड़ी थी वह उसकी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई बिना शर्माए बिना घबराए एकदम बेझिझक,,, ऐसा लग रहा था कि एक अनजान लड़के के उसे नंगी देखी जाने पर भी उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही है,,,, राजू की आंखों के सामने जो मरी एकदम सीना ताने खड़ी थी उसकी बदमस्त गोल गोल नारंगी जैसे चुचियों पर नजर पड़ते ही राजू के मुंह में पानी आ गया वह पागलों की तरह आंखें फाड़े उसकी छातियों की तरफ देख रहा था,,,, उसकी छातियों में बेहद आकर्षक कसक था,, जिस के आकर्षण में राजू पूरी तरह से खींचता चला जा रहा था,,,, एकदम नारंगी को की आकार की बेहद आकर्षक सूचियों की मालकिन थी झुमरी ऐसा लग रहा था कि अभी तक उसकी नारंगीयों का रस किसी ने चखा नहीं था,,, झुमरी उसी तरह से खड़ी हो गई थी मानो की कोई शिल्पकार की मूर्ति हो,,, राजू अपनी प्यासी आंखों से उसके बदन का ऊपर से नीचे तक मुआयना कर रहा था,,,, उसकी मदमस्त नारंगीयो जैसी चुचियों पर सेउसकी नजर धीरे-धीरे नीचे की तरफ सड़क रही थी चिकना मानसा पेट चर्बी हो का नामोनिशान नहीं था जो कि पानी की बूंदे उस पर मोतियों के दाने की तरफ चल रही थी छाती और कमर के बीच गहरी नाभि छोटी सी बुर से कम नहीं लग रही थी जिसमें पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह जमी हुई थी जिसे अपने होंठ लगाकर उसका स्वाद चखने का मन राजू को कर रहा था,,,, राजू की सा,से ऊपर नीचे हो रही थीधीरे-धीरे उसकी नजर नीचे की तरफ चल रही थी मानो कि उसकी नजर ना हो पानी की बूंद हो,,,, देखते ही देखते राजू की प्यासी और व्याकुल नजरें झुमरी की दोनों टांगों के बीच के उसके तिकोन भाग पर पहुंच गईजिसको देखने के लिए हर मर्द व्याकुल रहता है तड़पता रहता है लेकिन यहां राजू का भाग्य बहुत तेज था जो कि झुमरी खुद उसे अपने नंगे बदन के साथ-साथ अपना तिकौन वाला भाग भी दिखा रही थी,,,,राजू तो झुमरी की दोनों टांगों के बीच की उस पतली कलिहारी को देखकर एकदम पागल हो गया,,, एकदम पतली संकरी गली नुमा बुर की दरार को देखकर राजू एकदम पागल हो गया,,,, उस पर हल्के हल्के रेशमी मुलायम बाल उगे हुए थे जिस पर पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह चमक रही थी राजू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी और यह देखकर झुमरी मन ही मन खुश हो रही थी,,,,,ऐसा नहीं था कि हमारी किसी को भी अपना नंगा बदन देखने को या दिखाने के लिए तैयार हो जाती राजू के प्रति उसका आकर्षण बहुत पहले से ही था जब वह अपने भाई श्याम साथ उसे देखी थी,,, इसलिए आज उसे मौका मिल गया था राजू को अपने नंगे बदन का दर्शन कराने का जो कि अनजाने में ही प्राप्त हुआ था,,,, जितना उत्साहित और उत्तेजक राजू था उससे ज्यादा कहीं व्याकुल झुमरी थी,,, राजू को झुमरी को नंगी देखने में मजा आ रहा था और छोरी को राजू को अपने आप को नंगी दिखाने में आनंद आ रहा था,,,,राजू से रहा नहीं गया और उसके मुंह से उसकी तारीफ निकल गई,,,


झुमरी तू बहुत खूबसूरत है,,,,


मुझे पता है,,,,(झुमरी नाक सिकोड़ते हुए बोली,,, वैसे भी राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनना उसे अच्छा लग रहा था वह सिर्फ जानबूझकर इस तरह से बोल रही थी,,, राजू अभी-अभी उसे ऊपर से नीचे की तरफ जी जान लगा कर देख रहा था ऐसा लग रहा है कि जैसे उसने इससे पहले किसी नंगी औरत या लड़की को देखा नहीं था तीन तीन खूबसूरत औरतों की चुदाई करने के बावजूद भी नई जवान लड़की देखते हीराजू के पजामे में हलचल होने लगती थी और यही मर्दों की फितरत भी होती है,,, एक औरत से कभी भी उसका मन नहीं भरता,,

एक जवान लड़की को अपना नंगा बदन दिखाने में झुमरी को भी बेहद उत्तेजना का अनुभव हो रहा था उसके बदन में सनसनी सी फेल रही थी,,,। लेकिन वक्त की नजाकत कोझुमकी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसे काफी समय हो गया था परवाह नहीं चाहती थी कि उसके घर वाले उसे इस हालत में देख लें कि कोई जवान लड़के के सामने वह पूरी तरह से नंगी खड़ी है इसलिए राजू से बोली,,,।

चल देख लिया ना,, अब जा,,,,
(झुमरी की आवाज में उसके शब्दों में एक विश्वास था बिल्कुल भी डर नहीं था घबराहट में थी एक अंजाम लड़के को अपना जवान नंगा जिस्म दिखाना कोई आम बात नहीं थी,,,, लेकिन झुमरी बेफिक्र थी,,,,उसकी बात सुनने के बावजूद भी राजू भाई खड़ा होकर उसके नंगे पन का दर्शन कर रहा था तो झुमरी फिर बोली,,,)


चल अब जाना खड़ा क्यों है,,,
(झुमरी की बात सुनकर राजू को भी लगने लगा कि अब वहां से चले जाना चाहिए अगर किसी ने देख लिया तो बवाल हो जाएगा,,,, इसलिए वह बोला,,,)

श्याम कहां है पढ़ने जाना है,,,,


मुझे नहीं लगता कि आज वह जाएगा,,, वह खेत पर गया है खेतों में पानी देने,,,,( झुमरी राजू की लालच को बढ़ाने के लिए अपने दोनों हाथों से अपनी चुचियों पर की पानी की बूंदों को साफ करते हुए इसे अपनी हथेली में भरकर ऊपर की तरफ उठाने लगी यह देखकर राजू के मुंह से गर्म आह निकल गई,,,, झुमरी की हरकत और उसकी बात को सुनकर राजू बोला,,)

ठीक है मैं खेत पर चला जाता हूं वही पूछ लूंगा चलेगा कि नहीं,,,(इतना कहकर राजू पीछे कदम लेकर जा ही रहा था कि वापस कदम बढ़ाते हुए झुमरी से बोला,,,,)

और हां झुमरी तू बहुत खूबसूरत है खास करके तेरी चूचियां तेरी बुर,,,,
(इतना कहने के साथ ही झुमरी का जवाब सुने बिना ही वहां से वापस लौट गया और झुमरी उसे जाते हुए देखती रह गई राजू के आखिरी शब्द उसके तन बदन में आग लगा गए यह पहली बार था जब झुमरी की किसी लड़के ने इतने खुले तौर पर तारीफ किया था और वह भी उसकी चूची और उसकी बुर की हालांकि उसकी चूची और बुर अभी तक किसी लड़के ने देखा ही नहीं था बस केवल कल्पना किया करते थे राजू पहला सख्स थाजो झुमरी को पूरी तरह से नंगी देखा था उसी को उसकी बुर को एकदम गौर से देखा हूं उसकी बलखाती कमर के साथ-साथ उसकी मदमस्त गांड के दर्शन किया था,,,, राजू के कहे शब्द उसके बदन की उत्तेजना को एकदम से बढ़ा दिए थे उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी और उसके होठों पर मुस्कान आ गई थी,,,,
राजू श्याम को बुलाने के लिए खेत पर चला जा रहा था वैसे तो उसे बुलाने की कोई जरूरत वह समझता नहीं था लेकिन वह नहीं चाहता था कि सोनी और उस पर कोई शक करें इसीलिए वह जानबूझकर उन्हें बुलाता था ताकि उन लोगों को ऐसा लगे कि अगर सोनी और उसके बीच कुछ चल रहा होता तो वहां इस तरह से उन्हें रोज बुलाने नहीं आता,,,)
Bahot behtareen
Shaandaar update bhai
 

Vinita

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रोनी भैया
ये क्या कर रहे हैं, इस बार आपने निराश किया एक बच्चे का कितनी औरतों से सेक्स करवना है, कहानी का तारतम्य ही तोड दिया, आप इसके लिए कोई दसरा पात्र भी ले सकते थे एक ही हीरो सभी से सेक्स करे जरुरी नहीं है।
निवेदन है कहानी के मुख्य पात्रो पर ही केन्द्रित करे स्त्री पात्र की तरह पुरुष पात्र भी ज्यादा हो सकते हैं।
शुभकामनायें
 

Nasn

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तीसरे कमरे को पार करते ही,,, जिस तरह का नजारा राजू की आंखों के सामने नजर आया उसे देखकर राजू के तो होश उड़ गए उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,,,, वह आखे फाडे उस अद्भुत दृश्य को देखने लगा उसे यकीन नहीं हो रहा है ना कि वह श्याम के घर पर इस तरह का नजारा देख पाएगा,,,,,और वह भी तीन कमरों को पार करने के बाद घर के पीछे जो जगह चारों तरफ से पेड़ पौधों के साथ-साथ लकड़ी के पाटीयो को जोड़कर एक घेराबंदी से जोड़ा गया था,,,,, घर के पीछे की हरियाली आंखों को ठंडक प्रदान तो कर ही रही थी लेकिन घर के पीछे का अद्भुत नजारा पूरे बदन में गर्मी फैला रहा था,,, राजू की तो सांसे ही बंद हो चली थी वह बस एकटक उस नजारे को देख जा रहा था,,,,राजू आखिरकार कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा था अगर उसकी जगह कोई और होता तो उसका तो शायद,,, खड़े-खड़े पानी निकल जाता नजारा ही इतना मादकता से भरा हुआ था,,,।

Jhumri is tarah se naha rahi thi


क्योंकि सामने एकदम नंगी खड़ी होकर की श्याम की बहन जिसका नाम झुमरी था वह नहा रही थी,,,,वह पूरी तरह से पानी में भीगी हुई थी उसके बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था वह संपूर्ण रूप से एकदम नंगी खड़ी थी,,,, ज्यादा गोरी तो नहीं थी लेकिन खूबसूरती के सांचे में उसका बदन ढाला हुआ था,,,, उसकी पीठ राजू की तरफ थी,,, जिसकी वजह से उसकी नंगी चिकनी मखमली पीठ के साथ-साथ उसके उभार दार नितंब अपनी आभा बिखेर रहे थे,,।तीन तीन औरतों का अनुभव राजू को औरतों के बदन के भूगोल को समझने में काफी मददगार साबित हो रहा था,,,, झुमरी की उभारदार गांड को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी की जवानी पूरी तरह से गदराई हुई जिसका रस निचोड़ कर पीने बहुत मजा आएगा,,,,अभी तो राजू केवल अपनी आंखों से ही दूर खड़ा होकर उसकी जवानी का रसपान कर रहा था,,,, राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा था झुमरी बार-बार नीचे झुककर बाल्टी में से लोटा भर भर कर पानी अपने ऊपर डाल रही थी,,,, वह खड़ी होकर नारायण की ओर झुकने की वजह से जब जब वह चूक रही थी तो उसकी गदराई गांड आसमान में चांद की तरह निखर कर सामने आ रही थी,,,, राजू दूर से ही खड़ा होकर इस दृश्य को देखकर ललचा रहा था और उसके मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आना शुरू हो गया था,,, उत्तेजित अवस्था में वह श्याम की बहन झुमरी को नहाता हुआ देखकर पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को दबाना शुरू कर दिया था,,, लोटे से किसका हुआ पानी उसके बदन के हर एक कोने तक पहुंच रहा था उसके रेशमी बालों को बिग उड़ता हुआ उसकी चिकनी पीठ से सरक कर उसके संपूर्ण नितंबों को भी भीगोता हुआ उसके नितंबों की पतली गहरी दरार में प्रवेश करके उसकी नंगी चिकनी जांघों को अपनी आगोश में लेता हुआ उसके कदमों में जाकर गिर जा रहा था,,,, एक तरह से तो राजू को उसके बदन पर उसके बदन को भिगो रहे पानी की बूंदों से जलन होने लगी थी अपने मन में सोच रहा था कि काश वह भी पानी होता तो उसके बदन को पूरी तरह से अपनी आगोश में भर लेता,,,,
झुमरी की गोल गोल भरी हुई चिकनी गांड पर राजू का मन फिसल रहा था,,,, उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़कर झुमरी को अपनी बाहों में भर ले और उसके साथ भी मजा मार ले,,,,,, पजामे में राजू का लंड पूरी तरह से टनटना कर खड़ा हो गया था आखिरकार एक जवान नंगी लड़की को देखेगा तो किसी का भी लंड खड़ा ही हो जाएगा और इतनी खूबसूरत है बदन का हर एक कौण एकदम लाजवाब था हालांकि अभी तक राजू ने उसको पीछे से ही देखा था उसकी तरबूज जैसी गोल-गोल गांड को देखकर राजू का मन उसकी नारंगी जैसे चुचियों को देखने का मन कर रहा था,,। लेकिन वह नहाने में मशगूल थी,,,उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके पीछे खड़ा होकर कोई जवान लड़का उसके नंगे बदन को देख कर मस्त हो रहा है,,,,,,,


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श्याम की बहन झुमरी को देखकर राजू गर्म आहें भर रहा था,,, कि तभी उसके पैर से पास में पड़ा लोटा,,, लग कर नीचे गिर गया और उसकी आवाज के साथ ही झूमरी पीछे नजर घुमा कर देखी तो,,, सामने दरवाजे पर राजू खड़ा था,,, एक बार तो उस पर नजर पड़ते ही झुमरी घबरा गई लेकिन वह राजू को अच्छी तरह से जानती थी वैसे भी छोटा सा गांव होने की वजह से लोग एक दूसरे को जानते ही थे,,,, राजू को देखकर अपने आप को संभालते हुए वह बोले,,,।


तु यहां क्या कर रहा है,,,,,,


तुझे देख रहा हूं,,,,मममम,, मेरा मतलब है कि मैं यहां शयाम को ढूंढते हुए आया हूं,,,(राजु एकदम से हकलाते हुए बोला,,, उसकी घबराहट देखकर झुमरी अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगी,,,)


आया तो है तू श्याम को ढूंढने लेकिन मुझे भी अच्छी तरह से समझ में आ रहा है कि तू मुझे ही देख रहा है वरना तु यहां से चला गया होता,,,,



नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है झुमरी मैं अभी-अभी आया हूं,,,,(राजू फिर से घबराहट भरे स्वर में बोला,,,,झुमरी अभी भी राजू की तरफ पीठ करके खड़ी थी सिर्फ गर्दन घुमा कर उससे बात कर रही थी,,, राजू का मन उसकी चुचियों को देखने का कर रहा था,,, जहां तक राजू का मानना था कि चुचियों को देखकर ही उसकी सुंदरता का अंदाजा लगाया जाता है,,,,,,)

अभी-अभी आया है तो चला जाना चाहिए था ना खडा क्यों है,,,,(झुमरी बात तो उसे जरूर कर रही थी लेकिन उसकी नजरों को भांपने की कोशिश कर रही थी,, उसे साफ पता चल रहा था कि राजू भले ही लाख सफाई दे रहा हूं लेकिन उसकी नजर उसके नंगे चिकने बदन के साथ-साथ उसकी गांड पर टिकी हुई थी राजू बार पर उसकी गांड की तरफ देख रहा था उसकी ललचाई नजरों को झुमरी अच्छी तरह से पहचान रही थी और अंदर ही अंदर झुमरी राजू की प्यासी नजरों को देखकर खुश भी हो रही थी ,,,राजू का उसको इस तरह से प्यासी नजरों से देखना अच्छा लग रहा था,,,,)

वो तो बस,,,,,(इतना कहकर राजू खामोश हो गया इसे ज्यादा बोलने की हिम्मत उसमें नहीं थी,, तो झुमरी ही उसकी बात को सुनकर बोली,,,)

क्या वह तो बस,,,, मुझे नंगी देख रहा था ना और लगता है कि अभी तक ठीक से देखा भी नहीं है,,,,(झुमरी की बातों को सुनकर राजू एकदम शांत हो गया क्योंकि झुमरी एकदम खुले शब्दों में बोल रही थी,,,,) अच्छा ले,,,,
(पर इतना कहने के साथ ही झुमरी जो कि अभी तक उसकी तरफ पीठ करके खड़ी थी वह उसकी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई बिना शर्माए बिना घबराए एकदम बेझिझक,,, ऐसा लग रहा था कि एक अनजान लड़के के उसे नंगी देखी जाने पर भी उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही है,,,, राजू की आंखों के सामने जो मरी एकदम सीना ताने खड़ी थी उसकी बदमस्त गोल गोल नारंगी जैसे चुचियों पर नजर पड़ते ही राजू के मुंह में पानी आ गया वह पागलों की तरह आंखें फाड़े उसकी छातियों की तरफ देख रहा था,,,, उसकी छातियों में बेहद आकर्षक कसक था,, जिस के आकर्षण में राजू पूरी तरह से खींचता चला जा रहा था,,,, एकदम नारंगी को की आकार की बेहद आकर्षक सूचियों की मालकिन थी झुमरी ऐसा लग रहा था कि अभी तक उसकी नारंगीयों का रस किसी ने चखा नहीं था,,, झुमरी उसी तरह से खड़ी हो गई थी मानो की कोई शिल्पकार की मूर्ति हो,,, राजू अपनी प्यासी आंखों से उसके बदन का ऊपर से नीचे तक मुआयना कर रहा था,,,, उसकी मदमस्त नारंगीयो जैसी चुचियों पर सेउसकी नजर धीरे-धीरे नीचे की तरफ सड़क रही थी चिकना मानसा पेट चर्बी हो का नामोनिशान नहीं था जो कि पानी की बूंदे उस पर मोतियों के दाने की तरफ चल रही थी छाती और कमर के बीच गहरी नाभि छोटी सी बुर से कम नहीं लग रही थी जिसमें पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह जमी हुई थी जिसे अपने होंठ लगाकर उसका स्वाद चखने का मन राजू को कर रहा था,,,, राजू की सा,से ऊपर नीचे हो रही थीधीरे-धीरे उसकी नजर नीचे की तरफ चल रही थी मानो कि उसकी नजर ना हो पानी की बूंद हो,,,, देखते ही देखते राजू की प्यासी और व्याकुल नजरें झुमरी की दोनों टांगों के बीच के उसके तिकोन भाग पर पहुंच गईजिसको देखने के लिए हर मर्द व्याकुल रहता है तड़पता रहता है लेकिन यहां राजू का भाग्य बहुत तेज था जो कि झुमरी खुद उसे अपने नंगे बदन के साथ-साथ अपना तिकौन वाला भाग भी दिखा रही थी,,,,राजू तो झुमरी की दोनों टांगों के बीच की उस पतली कलिहारी को देखकर एकदम पागल हो गया,,, एकदम पतली संकरी गली नुमा बुर की दरार को देखकर राजू एकदम पागल हो गया,,,, उस पर हल्के हल्के रेशमी मुलायम बाल उगे हुए थे जिस पर पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह चमक रही थी राजू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी और यह देखकर झुमरी मन ही मन खुश हो रही थी,,,,,ऐसा नहीं था कि हमारी किसी को भी अपना नंगा बदन देखने को या दिखाने के लिए तैयार हो जाती राजू के प्रति उसका आकर्षण बहुत पहले से ही था जब वह अपने भाई श्याम साथ उसे देखी थी,,, इसलिए आज उसे मौका मिल गया था राजू को अपने नंगे बदन का दर्शन कराने का जो कि अनजाने में ही प्राप्त हुआ था,,,, जितना उत्साहित और उत्तेजक राजू था उससे ज्यादा कहीं व्याकुल झुमरी थी,,, राजू को झुमरी को नंगी देखने में मजा आ रहा था और छोरी को राजू को अपने आप को नंगी दिखाने में आनंद आ रहा था,,,,राजू से रहा नहीं गया और उसके मुंह से उसकी तारीफ निकल गई,,,
Raju or Gulabi


झुमरी तू बहुत खूबसूरत है,,,,


मुझे पता है,,,,(झुमरी नाक सिकोड़ते हुए बोली,,, वैसे भी राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनना उसे अच्छा लग रहा था वह सिर्फ जानबूझकर इस तरह से बोल रही थी,,, राजू अभी-अभी उसे ऊपर से नीचे की तरफ जी जान लगा कर देख रहा था ऐसा लग रहा है कि जैसे उसने इससे पहले किसी नंगी औरत या लड़की को देखा नहीं था तीन तीन खूबसूरत औरतों की चुदाई करने के बावजूद भी नई जवान लड़की देखते हीराजू के पजामे में हलचल होने लगती थी और यही मर्दों की फितरत भी होती है,,, एक औरत से कभी भी उसका मन नहीं भरता,,

एक जवान लड़की को अपना नंगा बदन दिखाने में झुमरी को भी बेहद उत्तेजना का अनुभव हो रहा था उसके बदन में सनसनी सी फेल रही थी,,,। लेकिन वक्त की नजाकत कोझुमकी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसे काफी समय हो गया था परवाह नहीं चाहती थी कि उसके घर वाले उसे इस हालत में देख लें कि कोई जवान लड़के के सामने वह पूरी तरह से नंगी खड़ी है इसलिए राजू से बोली,,,।

चल देख लिया ना,, अब जा,,,,
(झुमरी की आवाज में उसके शब्दों में एक विश्वास था बिल्कुल भी डर नहीं था घबराहट में थी एक अंजाम लड़के को अपना जवान नंगा जिस्म दिखाना कोई आम बात नहीं थी,,,, लेकिन झुमरी बेफिक्र थी,,,,उसकी बात सुनने के बावजूद भी राजू भाई खड़ा होकर उसके नंगे पन का दर्शन कर रहा था तो झुमरी फिर बोली,,,)


चल अब जाना खड़ा क्यों है,,,
(झुमरी की बात सुनकर राजू को भी लगने लगा कि अब वहां से चले जाना चाहिए अगर किसी ने देख लिया तो बवाल हो जाएगा,,,, इसलिए वह बोला,,,)

श्याम कहां है पढ़ने जाना है,,,,


मुझे नहीं लगता कि आज वह जाएगा,,, वह खेत पर गया है खेतों में पानी देने,,,,( झुमरी राजू की लालच को बढ़ाने के लिए अपने दोनों हाथों से अपनी चुचियों पर की पानी की बूंदों को साफ करते हुए इसे अपनी हथेली में भरकर ऊपर की तरफ उठाने लगी यह देखकर राजू के मुंह से गर्म आह निकल गई,,,, झुमरी की हरकत और उसकी बात को सुनकर राजू बोला,,)

ठीक है मैं खेत पर चला जाता हूं वही पूछ लूंगा चलेगा कि नहीं,,,(इतना कहकर राजू पीछे कदम लेकर जा ही रहा था कि वापस कदम बढ़ाते हुए झुमरी से बोला,,,,)

और हां झुमरी तू बहुत खूबसूरत है खास करके तेरी चूचियां तेरी बुर,,,,
(इतना कहने के साथ ही झुमरी का जवाब सुने बिना ही वहां से वापस लौट गया और झुमरी उसे जाते हुए देखती रह गई राजू के आखिरी शब्द उसके तन बदन में आग लगा गए यह पहली बार था जब झुमरी की किसी लड़के ने इतने खुले तौर पर तारीफ किया था और वह भी उसकी चूची और उसकी बुर की हालांकि उसकी चूची और बुर अभी तक किसी लड़के ने देखा ही नहीं था बस केवल कल्पना किया करते थे राजू पहला सख्स थाजो झुमरी को पूरी तरह से नंगी देखा था उसी को उसकी बुर को एकदम गौर से देखा हूं उसकी बलखाती कमर के साथ-साथ उसकी मदमस्त गांड के दर्शन किया था,,,, राजू के कहे शब्द उसके बदन की उत्तेजना को एकदम से बढ़ा दिए थे उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी और उसके होठों पर मुस्कान आ गई थी,,,,
राजू श्याम को बुलाने के लिए खेत पर चला जा रहा था वैसे तो उसे बुलाने की कोई जरूरत वह समझता नहीं था लेकिन वह नहीं चाहता था कि सोनी और उस पर कोई शक करें इसीलिए वह जानबूझकर उन्हें बुलाता था ताकि उन लोगों को ऐसा लगे कि अगर सोनी और उसके बीच कुछ चल रहा होता तो वहां इस तरह से उन्हें रोज बुलाने नहीं आता,,,)
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तीसरे कमरे को पार करते ही,,, जिस तरह का नजारा राजू की आंखों के सामने नजर आया उसे देखकर राजू के तो होश उड़ गए उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,,,, वह आखे फाडे उस अद्भुत दृश्य को देखने लगा उसे यकीन नहीं हो रहा है ना कि वह श्याम के घर पर इस तरह का नजारा देख पाएगा,,,,,और वह भी तीन कमरों को पार करने के बाद घर के पीछे जो जगह चारों तरफ से पेड़ पौधों के साथ-साथ लकड़ी के पाटीयो को जोड़कर एक घेराबंदी से जोड़ा गया था,,,,, घर के पीछे की हरियाली आंखों को ठंडक प्रदान तो कर ही रही थी लेकिन घर के पीछे का अद्भुत नजारा पूरे बदन में गर्मी फैला रहा था,,, राजू की तो सांसे ही बंद हो चली थी वह बस एकटक उस नजारे को देख जा रहा था,,,,राजू आखिरकार कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा था अगर उसकी जगह कोई और होता तो उसका तो शायद,,, खड़े-खड़े पानी निकल जाता नजारा ही इतना मादकता से भरा हुआ था,,,।

Jhumri is tarah se naha rahi thi


क्योंकि सामने एकदम नंगी खड़ी होकर की श्याम की बहन जिसका नाम झुमरी था वह नहा रही थी,,,,वह पूरी तरह से पानी में भीगी हुई थी उसके बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था वह संपूर्ण रूप से एकदम नंगी खड़ी थी,,,, ज्यादा गोरी तो नहीं थी लेकिन खूबसूरती के सांचे में उसका बदन ढाला हुआ था,,,, उसकी पीठ राजू की तरफ थी,,, जिसकी वजह से उसकी नंगी चिकनी मखमली पीठ के साथ-साथ उसके उभार दार नितंब अपनी आभा बिखेर रहे थे,,।तीन तीन औरतों का अनुभव राजू को औरतों के बदन के भूगोल को समझने में काफी मददगार साबित हो रहा था,,,, झुमरी की उभारदार गांड को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी की जवानी पूरी तरह से गदराई हुई जिसका रस निचोड़ कर पीने बहुत मजा आएगा,,,,अभी तो राजू केवल अपनी आंखों से ही दूर खड़ा होकर उसकी जवानी का रसपान कर रहा था,,,, राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा था झुमरी बार-बार नीचे झुककर बाल्टी में से लोटा भर भर कर पानी अपने ऊपर डाल रही थी,,,, वह खड़ी होकर नारायण की ओर झुकने की वजह से जब जब वह चूक रही थी तो उसकी गदराई गांड आसमान में चांद की तरह निखर कर सामने आ रही थी,,,, राजू दूर से ही खड़ा होकर इस दृश्य को देखकर ललचा रहा था और उसके मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आना शुरू हो गया था,,, उत्तेजित अवस्था में वह श्याम की बहन झुमरी को नहाता हुआ देखकर पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को दबाना शुरू कर दिया था,,, लोटे से किसका हुआ पानी उसके बदन के हर एक कोने तक पहुंच रहा था उसके रेशमी बालों को बिग उड़ता हुआ उसकी चिकनी पीठ से सरक कर उसके संपूर्ण नितंबों को भी भीगोता हुआ उसके नितंबों की पतली गहरी दरार में प्रवेश करके उसकी नंगी चिकनी जांघों को अपनी आगोश में लेता हुआ उसके कदमों में जाकर गिर जा रहा था,,,, एक तरह से तो राजू को उसके बदन पर उसके बदन को भिगो रहे पानी की बूंदों से जलन होने लगी थी अपने मन में सोच रहा था कि काश वह भी पानी होता तो उसके बदन को पूरी तरह से अपनी आगोश में भर लेता,,,,
झुमरी की गोल गोल भरी हुई चिकनी गांड पर राजू का मन फिसल रहा था,,,, उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़कर झुमरी को अपनी बाहों में भर ले और उसके साथ भी मजा मार ले,,,,,, पजामे में राजू का लंड पूरी तरह से टनटना कर खड़ा हो गया था आखिरकार एक जवान नंगी लड़की को देखेगा तो किसी का भी लंड खड़ा ही हो जाएगा और इतनी खूबसूरत है बदन का हर एक कौण एकदम लाजवाब था हालांकि अभी तक राजू ने उसको पीछे से ही देखा था उसकी तरबूज जैसी गोल-गोल गांड को देखकर राजू का मन उसकी नारंगी जैसे चुचियों को देखने का मन कर रहा था,,। लेकिन वह नहाने में मशगूल थी,,,उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके पीछे खड़ा होकर कोई जवान लड़का उसके नंगे बदन को देख कर मस्त हो रहा है,,,,,,,


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श्याम की बहन झुमरी को देखकर राजू गर्म आहें भर रहा था,,, कि तभी उसके पैर से पास में पड़ा लोटा,,, लग कर नीचे गिर गया और उसकी आवाज के साथ ही झूमरी पीछे नजर घुमा कर देखी तो,,, सामने दरवाजे पर राजू खड़ा था,,, एक बार तो उस पर नजर पड़ते ही झुमरी घबरा गई लेकिन वह राजू को अच्छी तरह से जानती थी वैसे भी छोटा सा गांव होने की वजह से लोग एक दूसरे को जानते ही थे,,,, राजू को देखकर अपने आप को संभालते हुए वह बोले,,,।


तु यहां क्या कर रहा है,,,,,,


तुझे देख रहा हूं,,,,मममम,, मेरा मतलब है कि मैं यहां शयाम को ढूंढते हुए आया हूं,,,(राजु एकदम से हकलाते हुए बोला,,, उसकी घबराहट देखकर झुमरी अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगी,,,)


आया तो है तू श्याम को ढूंढने लेकिन मुझे भी अच्छी तरह से समझ में आ रहा है कि तू मुझे ही देख रहा है वरना तु यहां से चला गया होता,,,,



नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है झुमरी मैं अभी-अभी आया हूं,,,,(राजू फिर से घबराहट भरे स्वर में बोला,,,,झुमरी अभी भी राजू की तरफ पीठ करके खड़ी थी सिर्फ गर्दन घुमा कर उससे बात कर रही थी,,, राजू का मन उसकी चुचियों को देखने का कर रहा था,,, जहां तक राजू का मानना था कि चुचियों को देखकर ही उसकी सुंदरता का अंदाजा लगाया जाता है,,,,,,)

अभी-अभी आया है तो चला जाना चाहिए था ना खडा क्यों है,,,,(झुमरी बात तो उसे जरूर कर रही थी लेकिन उसकी नजरों को भांपने की कोशिश कर रही थी,, उसे साफ पता चल रहा था कि राजू भले ही लाख सफाई दे रहा हूं लेकिन उसकी नजर उसके नंगे चिकने बदन के साथ-साथ उसकी गांड पर टिकी हुई थी राजू बार पर उसकी गांड की तरफ देख रहा था उसकी ललचाई नजरों को झुमरी अच्छी तरह से पहचान रही थी और अंदर ही अंदर झुमरी राजू की प्यासी नजरों को देखकर खुश भी हो रही थी ,,,राजू का उसको इस तरह से प्यासी नजरों से देखना अच्छा लग रहा था,,,,)

वो तो बस,,,,,(इतना कहकर राजू खामोश हो गया इसे ज्यादा बोलने की हिम्मत उसमें नहीं थी,, तो झुमरी ही उसकी बात को सुनकर बोली,,,)

क्या वह तो बस,,,, मुझे नंगी देख रहा था ना और लगता है कि अभी तक ठीक से देखा भी नहीं है,,,,(झुमरी की बातों को सुनकर राजू एकदम शांत हो गया क्योंकि झुमरी एकदम खुले शब्दों में बोल रही थी,,,,) अच्छा ले,,,,
(पर इतना कहने के साथ ही झुमरी जो कि अभी तक उसकी तरफ पीठ करके खड़ी थी वह उसकी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई बिना शर्माए बिना घबराए एकदम बेझिझक,,, ऐसा लग रहा था कि एक अनजान लड़के के उसे नंगी देखी जाने पर भी उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही है,,,, राजू की आंखों के सामने जो मरी एकदम सीना ताने खड़ी थी उसकी बदमस्त गोल गोल नारंगी जैसे चुचियों पर नजर पड़ते ही राजू के मुंह में पानी आ गया वह पागलों की तरह आंखें फाड़े उसकी छातियों की तरफ देख रहा था,,,, उसकी छातियों में बेहद आकर्षक कसक था,, जिस के आकर्षण में राजू पूरी तरह से खींचता चला जा रहा था,,,, एकदम नारंगी को की आकार की बेहद आकर्षक सूचियों की मालकिन थी झुमरी ऐसा लग रहा था कि अभी तक उसकी नारंगीयों का रस किसी ने चखा नहीं था,,, झुमरी उसी तरह से खड़ी हो गई थी मानो की कोई शिल्पकार की मूर्ति हो,,, राजू अपनी प्यासी आंखों से उसके बदन का ऊपर से नीचे तक मुआयना कर रहा था,,,, उसकी मदमस्त नारंगीयो जैसी चुचियों पर सेउसकी नजर धीरे-धीरे नीचे की तरफ सड़क रही थी चिकना मानसा पेट चर्बी हो का नामोनिशान नहीं था जो कि पानी की बूंदे उस पर मोतियों के दाने की तरफ चल रही थी छाती और कमर के बीच गहरी नाभि छोटी सी बुर से कम नहीं लग रही थी जिसमें पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह जमी हुई थी जिसे अपने होंठ लगाकर उसका स्वाद चखने का मन राजू को कर रहा था,,,, राजू की सा,से ऊपर नीचे हो रही थीधीरे-धीरे उसकी नजर नीचे की तरफ चल रही थी मानो कि उसकी नजर ना हो पानी की बूंद हो,,,, देखते ही देखते राजू की प्यासी और व्याकुल नजरें झुमरी की दोनों टांगों के बीच के उसके तिकोन भाग पर पहुंच गईजिसको देखने के लिए हर मर्द व्याकुल रहता है तड़पता रहता है लेकिन यहां राजू का भाग्य बहुत तेज था जो कि झुमरी खुद उसे अपने नंगे बदन के साथ-साथ अपना तिकौन वाला भाग भी दिखा रही थी,,,,राजू तो झुमरी की दोनों टांगों के बीच की उस पतली कलिहारी को देखकर एकदम पागल हो गया,,, एकदम पतली संकरी गली नुमा बुर की दरार को देखकर राजू एकदम पागल हो गया,,,, उस पर हल्के हल्के रेशमी मुलायम बाल उगे हुए थे जिस पर पानी की बूंदे ओस की बूंदों की तरह चमक रही थी राजू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी और यह देखकर झुमरी मन ही मन खुश हो रही थी,,,,,ऐसा नहीं था कि हमारी किसी को भी अपना नंगा बदन देखने को या दिखाने के लिए तैयार हो जाती राजू के प्रति उसका आकर्षण बहुत पहले से ही था जब वह अपने भाई श्याम साथ उसे देखी थी,,, इसलिए आज उसे मौका मिल गया था राजू को अपने नंगे बदन का दर्शन कराने का जो कि अनजाने में ही प्राप्त हुआ था,,,, जितना उत्साहित और उत्तेजक राजू था उससे ज्यादा कहीं व्याकुल झुमरी थी,,, राजू को झुमरी को नंगी देखने में मजा आ रहा था और छोरी को राजू को अपने आप को नंगी दिखाने में आनंद आ रहा था,,,,राजू से रहा नहीं गया और उसके मुंह से उसकी तारीफ निकल गई,,,
Raju or Gulabi


झुमरी तू बहुत खूबसूरत है,,,,


मुझे पता है,,,,(झुमरी नाक सिकोड़ते हुए बोली,,, वैसे भी राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनना उसे अच्छा लग रहा था वह सिर्फ जानबूझकर इस तरह से बोल रही थी,,, राजू अभी-अभी उसे ऊपर से नीचे की तरफ जी जान लगा कर देख रहा था ऐसा लग रहा है कि जैसे उसने इससे पहले किसी नंगी औरत या लड़की को देखा नहीं था तीन तीन खूबसूरत औरतों की चुदाई करने के बावजूद भी नई जवान लड़की देखते हीराजू के पजामे में हलचल होने लगती थी और यही मर्दों की फितरत भी होती है,,, एक औरत से कभी भी उसका मन नहीं भरता,,

एक जवान लड़की को अपना नंगा बदन दिखाने में झुमरी को भी बेहद उत्तेजना का अनुभव हो रहा था उसके बदन में सनसनी सी फेल रही थी,,,। लेकिन वक्त की नजाकत कोझुमकी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसे काफी समय हो गया था परवाह नहीं चाहती थी कि उसके घर वाले उसे इस हालत में देख लें कि कोई जवान लड़के के सामने वह पूरी तरह से नंगी खड़ी है इसलिए राजू से बोली,,,।

चल देख लिया ना,, अब जा,,,,
(झुमरी की आवाज में उसके शब्दों में एक विश्वास था बिल्कुल भी डर नहीं था घबराहट में थी एक अंजाम लड़के को अपना जवान नंगा जिस्म दिखाना कोई आम बात नहीं थी,,,, लेकिन झुमरी बेफिक्र थी,,,,उसकी बात सुनने के बावजूद भी राजू भाई खड़ा होकर उसके नंगे पन का दर्शन कर रहा था तो झुमरी फिर बोली,,,)


चल अब जाना खड़ा क्यों है,,,
(झुमरी की बात सुनकर राजू को भी लगने लगा कि अब वहां से चले जाना चाहिए अगर किसी ने देख लिया तो बवाल हो जाएगा,,,, इसलिए वह बोला,,,)

श्याम कहां है पढ़ने जाना है,,,,


मुझे नहीं लगता कि आज वह जाएगा,,, वह खेत पर गया है खेतों में पानी देने,,,,( झुमरी राजू की लालच को बढ़ाने के लिए अपने दोनों हाथों से अपनी चुचियों पर की पानी की बूंदों को साफ करते हुए इसे अपनी हथेली में भरकर ऊपर की तरफ उठाने लगी यह देखकर राजू के मुंह से गर्म आह निकल गई,,,, झुमरी की हरकत और उसकी बात को सुनकर राजू बोला,,)

ठीक है मैं खेत पर चला जाता हूं वही पूछ लूंगा चलेगा कि नहीं,,,(इतना कहकर राजू पीछे कदम लेकर जा ही रहा था कि वापस कदम बढ़ाते हुए झुमरी से बोला,,,,)

और हां झुमरी तू बहुत खूबसूरत है खास करके तेरी चूचियां तेरी बुर,,,,
(इतना कहने के साथ ही झुमरी का जवाब सुने बिना ही वहां से वापस लौट गया और झुमरी उसे जाते हुए देखती रह गई राजू के आखिरी शब्द उसके तन बदन में आग लगा गए यह पहली बार था जब झुमरी की किसी लड़के ने इतने खुले तौर पर तारीफ किया था और वह भी उसकी चूची और उसकी बुर की हालांकि उसकी चूची और बुर अभी तक किसी लड़के ने देखा ही नहीं था बस केवल कल्पना किया करते थे राजू पहला सख्स थाजो झुमरी को पूरी तरह से नंगी देखा था उसी को उसकी बुर को एकदम गौर से देखा हूं उसकी बलखाती कमर के साथ-साथ उसकी मदमस्त गांड के दर्शन किया था,,,, राजू के कहे शब्द उसके बदन की उत्तेजना को एकदम से बढ़ा दिए थे उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी और उसके होठों पर मुस्कान आ गई थी,,,,
राजू श्याम को बुलाने के लिए खेत पर चला जा रहा था वैसे तो उसे बुलाने की कोई जरूरत वह समझता नहीं था लेकिन वह नहीं चाहता था कि सोनी और उस पर कोई शक करें इसीलिए वह जानबूझकर उन्हें बुलाता था ताकि उन लोगों को ऐसा लगे कि अगर सोनी और उसके बीच कुछ चल रहा होता तो वहां इस तरह से उन्हें रोज बुलाने नहीं आता,,,)


Gazab ki update he Rohnny Bhai....

Kya kismat paai he Raju ne Chuto ki to line lagi hue he iske liye
 

rohnny4545

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रोनी भैया
ये क्या कर रहे हैं, इस बार आपने निराश किया एक बच्चे का कितनी औरतों से सेक्स करवना है, कहानी का तारतम्य ही तोड दिया, आप इसके लिए कोई दसरा पात्र भी ले सकते थे एक ही हीरो सभी से सेक्स करे जरुरी नहीं है।
निवेदन है कहानी के मुख्य पात्रो पर ही केन्द्रित करे स्त्री पात्र की तरह पुरुष पात्र भी ज्यादा हो सकते हैं।
शुभकामनायें
झुमरी का किरदार इसमे बहुत जरूरी है,,
 

Gagan_deeep

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