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Wowइसी बीच बातों -२ में पापा ने आधी से ज्यादा बोतल ख़त्म कर दी
अब वो पूरे टल्ली हो चुके थे
उनसे सही ढंग से बैठा भी नही जा रहा था
वो लड़खड़ाते हुए उठे और अपने रूम की तरफ चल दिए
मैं नही चाहती थी की वो अभी यहाँ से चले जाएं और मॉम के पास जाकर खर्राटे मारने लगे
इसलिए मैने उठकर उन्हे संभाला और स्टडी रूम की तरफ ले गयी और उन्हे वहां के सोफे पर लिटा दिया
और उनसे पूछा :”पापा, खाना ले आऊं क्या ? ”
अब तक पापा को दारू पूरी तरह से चढ़ चुकी थी
वो अपने आप कुछ बुदबुदा रहे थे
“सलोनी….भेंन की लोड़ी …..तेरी चूत इतनी गर्म है…आज तो मज़ा आ गया….और तेरे ये मुम्मे ….आ…..डा ….डाल दे इन्हे मेरे मुँह में ….”
ये सुनते ही मेरे तो कानो से धुंवा निकलने लगा
ये क्या बोल रहे है पापा मेरे बारे में
अब ये भला मुझे कैसे पता होता की आज पापा मेरी हमनाम सलोनी की चूत मारकर आए है और इस वक़्त नशे में वो उसे ही याद करके बड़बड़ा रहे थे
शुरूवात तो उन्होने मुझे देखकर ही की थी
मेरे मोटे मुम्मे और कड़क निप्पल देखकर जब वो दारू पी रहे थे तो उनकी सोच उन्हे फिर से एक बार शाम को हुई वो शानदार चुदाई की तरफ ले गयी
और पीते-2 कब वो नशे की हालत में उस सलोनी का नाम लेने लगे, ये शायद उन्हे भी पता नही होगा
पर मेरे लिए तो सलोनी मैं ही थी ना
इसलिए वो सब सुनकर मेरा दिल धाड़-2 करके बज रहा था
अच्छा भी लग रहा था और डर भी
अच्छा ये सुनकर की मेरे पापा मेरे बारे में ये सब सोच रहे थे
और डर इसलिए की कहीं मॉम ना सुन ले ये सब
इसलिए मैने स्टडी रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया ताकि आवाज़ बाहर ना जाए
और फिर उनके करीब आकर बैठ गयी
नशे में वो अब भी बड़बड़ा रहे थे
“चल साली…चूस मेरे लॅंड को….भेंन चोद …देख क्या रही है….चूस इसे….”
भले ही वो नशे में और अपने होशो हवास में नहीं थे
पर पापा का हुक्म तो पापा का ही होता है ना
मैं किसी आज्ञाकारी बेटी की तरह उनके पैरों की तरफ गयी और ज़मीन पर घुटने लगाकर बैठ गयी
धड़कते दिल से मैने उनकी पेंट की जीप खोली और अंदर हाथ डालकर बड़ी मुश्किल से उस फुफकारते हुए नाग को बाहर निकाला
उफफफफफ्फ़
इतना मोटा लॅंड
नितिन का तो इसके सामने कुछ भी नही था
मैने अपना मुँह गोल करके अंदर तीन उंगलियां डाली तो मेरा मुँह पूरा भर सा गया
और फिर उन तीन उंगलियों को लॅंड के सामने रखा तो पाया की वो लॅंड उनसे भी डबल था
ये मेरे खुले मुँह में नही आएगा तो भला नीचे मेरी तंग सी चूत में कैसे जाएगा
जहाँ एक उंगली जाने भर से मैं सीसीया उठती थी
पर वो जब होगा तब होगा
अभी के लिए तो पापा का हुक्म मानना था मुझे
इसलिए मैने गर्म साँसे उस लॅंड पर छोड़ते हुए उस मोटे लॅंड पर अपनी जीभ फिराई और उसे अपने मुँह में लेने का प्रयास किया
पर वो आया ही नही
आगे का सुपाड़ा मेरे मुँह में आकर फँस गया
उसपर लगी प्रीकम की बूँद जब मेरे मुँह में गयी तो एक अजीब सा नशा महसूस हुआ मुझे
ऐसा लगा जैसे शराब की बूँद चख ली हो मैने
उम्म्म्मममममम
ऐसी नशीली बूँद है तो पूरा माल निकलेगा तो बॉटल जितना नशा देगा
यही सोचकर मैने अपने बूब्स को खुद ही मसल दिया और खुद ही सिसकार उठी
“सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स……आह्हःहह……… ओह पापा……..”
मेरी इस सीत्कार को सुनकर पापा एकदम से चोंक गये
और मेरी तरफ देखने लगे
अभी कुछ देर पहले तक जो मुझे लॅंड चूसने के लिए बोल रहे थे वो मुझे लॅंड चूसता देखकर ऐसे हैरान हो रहे थे जैसे कोई भूत देख लिया हो
पर मैं रुकी नही
अपनी नन्ही जीभ और छोटे मुँह से उनके मोटे लॅंड को धीरे-2 चूसती और चाट्ती रही
अब शायद वो नशे से बाहर आ चुके थे
पर मैं वहां कैसे और क्यों उनका लॅंड चूस रही थी ये सवाल उनके चेहरे पर सॉफ दिखाई दे रहा था
हालाँकि चाहते तो शायद वो भी यही थे अंदर से पर ऐसे उनकी इच्छा पूरी हो जाएगी ये मैने सोचा भी नही था
इस से पहले की पापा मुझे डांटे या उनका इरादा बदले मैने अपना पूरा मुँह खोलकर जितना हो सकता था उतना लॅंड अपने मुँह में भरा और उसे चूसने लगी
अब धीरे-2 उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी
मेरे बूब्स उनके घुटनों से टकरा रहे थे और उनका गुदाजपन वो सॉफ महसूस कर पा रहे थे
पर इस वक़्त मेरा पूरा ध्यान उनके लॅंड पर था
जैसे नितिन का लॅंड चूसकर उसे मज़ा दिया था
वैसे ही मैं आज पापा को मज़ा देना चाहती थी
ये सब इतना जल्दी हो जाएगा मुझे भी आशा नही थी
पर अच्छा हुआ जो ये हो गया
अब आगे के लिए हम दोनो के बीच सब खुल जाएगा
यही सोचकर मेरी चूसने की स्पीड और ज़्यादा तेज हो गयी
पापा के हाथ मेरे सिर के पीछे आ लगे और वो अपनी गांड उठाकर अपना लॅंड मेरे मुँह में डालने की कोशिश करने लगे
यानी पापा भी अब उस खेल में पूरी तरह से शामिल हो चुके थे जो उन्होने नशे की हालत में शुरू किया था
मज़ा तो उन्हे भी बहुत आ रहा था और मुझे भी
पर शायद पहली बार अपनी जवान बेटी से लॅंड चुसवाने का रोमांच था की उन्होने बिना किसी चेतावनी के अपना ढेर सारा कम मेरे मुँह में निकाल दिया
इतनी सारी शराब के नशे जैसा कम पीकर तो मैं भी मदहोश ही हो गयी
पापा तो हाँफते रह गये
और इस से पहले की वो कुछ और बोलते मैं भागकर अपने रूम की तरफ चल दी
आज के लिए इतना बहुत था
उपर से मुझे ये डर भी था की कहीं पापा अब नशे से निकलने के बाद मुझे ही ना डाँटने लग जाए
अंदर जाकर मैने दरवाजा बंद किया और अपने कपड़े एक बार फिर से निकाल फेंके
और वहीं ज़मीन पर लेटकर रगड़ -2 कर अपनी चूत का पानी निकालने लगी
“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ पापा……..कितना रस था आपके लॅंड में …….इतना मोटा था वो…….”
यार….ये कैसा ऑब्सेशन होता जा रहा है मुझे अपने पापा से
उनके लॅंड को याद करने मात्र से ही मेरी चूत बहे जा रही थी
ऐसा चलता रहा तो मेरा कमरे से निकलना मुश्किल हो जाएगा
या फिर पूरे दिन पेड लगाकर घूमना पड़ेगा
मेरी पिंक उंगलियां अपनी पिंक चूत में रेती की तरह रगड़ मार रही थी
और फिर वहां से भी एक जोरदार फव्वारा निकला
जिसे मैने अपनी उंगलियो में समेट कर पी लिया
पहले पापा का कम और बाद में मेरा
दोनो मेरे पेट में जा चुके थे
बचपना होता तो यही सोचती की अब मैं माँ बन जाउंगी
और ये सोचकर ही मैं मुस्कुरा दी
पर सच में , कितना मज़ा आएगा अगर किसी दिन मैं पापा के कम से प्रेगनेंट हो जाऊं
अपनी शादी के बाद एक बार कोशिश तो ज़रूर करूँगी इसके लिए..
ये सोचकर ही मेरे पूरे जिस्म में झुरझुरी सी दौड़ गयी
मैं उठी और अपने कपड़े पहन कर बेड पर लेट गयी
अगले दिन पापा मुझे किस नज़र से देखेंगे और क्या बोलेंगे ये तो सुबह ही पता चलेगा..
Super hot updateइसी बीच बातों -२ में पापा ने आधी से ज्यादा बोतल ख़त्म कर दी
अब वो पूरे टल्ली हो चुके थे
उनसे सही ढंग से बैठा भी नही जा रहा था
वो लड़खड़ाते हुए उठे और अपने रूम की तरफ चल दिए
मैं नही चाहती थी की वो अभी यहाँ से चले जाएं और मॉम के पास जाकर खर्राटे मारने लगे
इसलिए मैने उठकर उन्हे संभाला और स्टडी रूम की तरफ ले गयी और उन्हे वहां के सोफे पर लिटा दिया
और उनसे पूछा :”पापा, खाना ले आऊं क्या ? ”
अब तक पापा को दारू पूरी तरह से चढ़ चुकी थी
वो अपने आप कुछ बुदबुदा रहे थे
“सलोनी….भेंन की लोड़ी …..तेरी चूत इतनी गर्म है…आज तो मज़ा आ गया….और तेरे ये मुम्मे ….आ…..डा ….डाल दे इन्हे मेरे मुँह में ….”
ये सुनते ही मेरे तो कानो से धुंवा निकलने लगा
ये क्या बोल रहे है पापा मेरे बारे में
अब ये भला मुझे कैसे पता होता की आज पापा मेरी हमनाम सलोनी की चूत मारकर आए है और इस वक़्त नशे में वो उसे ही याद करके बड़बड़ा रहे थे
शुरूवात तो उन्होने मुझे देखकर ही की थी
मेरे मोटे मुम्मे और कड़क निप्पल देखकर जब वो दारू पी रहे थे तो उनकी सोच उन्हे फिर से एक बार शाम को हुई वो शानदार चुदाई की तरफ ले गयी
और पीते-2 कब वो नशे की हालत में उस सलोनी का नाम लेने लगे, ये शायद उन्हे भी पता नही होगा
पर मेरे लिए तो सलोनी मैं ही थी ना
इसलिए वो सब सुनकर मेरा दिल धाड़-2 करके बज रहा था
अच्छा भी लग रहा था और डर भी
अच्छा ये सुनकर की मेरे पापा मेरे बारे में ये सब सोच रहे थे
और डर इसलिए की कहीं मॉम ना सुन ले ये सब
इसलिए मैने स्टडी रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया ताकि आवाज़ बाहर ना जाए
और फिर उनके करीब आकर बैठ गयी
नशे में वो अब भी बड़बड़ा रहे थे
“चल साली…चूस मेरे लॅंड को….भेंन चोद …देख क्या रही है….चूस इसे….”
भले ही वो नशे में और अपने होशो हवास में नहीं थे
पर पापा का हुक्म तो पापा का ही होता है ना
मैं किसी आज्ञाकारी बेटी की तरह उनके पैरों की तरफ गयी और ज़मीन पर घुटने लगाकर बैठ गयी
धड़कते दिल से मैने उनकी पेंट की जीप खोली और अंदर हाथ डालकर बड़ी मुश्किल से उस फुफकारते हुए नाग को बाहर निकाला
उफफफफफ्फ़
इतना मोटा लॅंड
नितिन का तो इसके सामने कुछ भी नही था
मैने अपना मुँह गोल करके अंदर तीन उंगलियां डाली तो मेरा मुँह पूरा भर सा गया
और फिर उन तीन उंगलियों को लॅंड के सामने रखा तो पाया की वो लॅंड उनसे भी डबल था
ये मेरे खुले मुँह में नही आएगा तो भला नीचे मेरी तंग सी चूत में कैसे जाएगा
जहाँ एक उंगली जाने भर से मैं सीसीया उठती थी
पर वो जब होगा तब होगा
अभी के लिए तो पापा का हुक्म मानना था मुझे
इसलिए मैने गर्म साँसे उस लॅंड पर छोड़ते हुए उस मोटे लॅंड पर अपनी जीभ फिराई और उसे अपने मुँह में लेने का प्रयास किया
पर वो आया ही नही
आगे का सुपाड़ा मेरे मुँह में आकर फँस गया
उसपर लगी प्रीकम की बूँद जब मेरे मुँह में गयी तो एक अजीब सा नशा महसूस हुआ मुझे
ऐसा लगा जैसे शराब की बूँद चख ली हो मैने
उम्म्म्मममममम
ऐसी नशीली बूँद है तो पूरा माल निकलेगा तो बॉटल जितना नशा देगा
यही सोचकर मैने अपने बूब्स को खुद ही मसल दिया और खुद ही सिसकार उठी
“सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स……आह्हःहह……… ओह पापा……..”
मेरी इस सीत्कार को सुनकर पापा एकदम से चोंक गये
और मेरी तरफ देखने लगे
अभी कुछ देर पहले तक जो मुझे लॅंड चूसने के लिए बोल रहे थे वो मुझे लॅंड चूसता देखकर ऐसे हैरान हो रहे थे जैसे कोई भूत देख लिया हो
पर मैं रुकी नही
अपनी नन्ही जीभ और छोटे मुँह से उनके मोटे लॅंड को धीरे-2 चूसती और चाट्ती रही
अब शायद वो नशे से बाहर आ चुके थे
पर मैं वहां कैसे और क्यों उनका लॅंड चूस रही थी ये सवाल उनके चेहरे पर सॉफ दिखाई दे रहा था
हालाँकि चाहते तो शायद वो भी यही थे अंदर से पर ऐसे उनकी इच्छा पूरी हो जाएगी ये मैने सोचा भी नही था
इस से पहले की पापा मुझे डांटे या उनका इरादा बदले मैने अपना पूरा मुँह खोलकर जितना हो सकता था उतना लॅंड अपने मुँह में भरा और उसे चूसने लगी
अब धीरे-2 उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी
मेरे बूब्स उनके घुटनों से टकरा रहे थे और उनका गुदाजपन वो सॉफ महसूस कर पा रहे थे
पर इस वक़्त मेरा पूरा ध्यान उनके लॅंड पर था
जैसे नितिन का लॅंड चूसकर उसे मज़ा दिया था
वैसे ही मैं आज पापा को मज़ा देना चाहती थी
ये सब इतना जल्दी हो जाएगा मुझे भी आशा नही थी
पर अच्छा हुआ जो ये हो गया
अब आगे के लिए हम दोनो के बीच सब खुल जाएगा
यही सोचकर मेरी चूसने की स्पीड और ज़्यादा तेज हो गयी
पापा के हाथ मेरे सिर के पीछे आ लगे और वो अपनी गांड उठाकर अपना लॅंड मेरे मुँह में डालने की कोशिश करने लगे
यानी पापा भी अब उस खेल में पूरी तरह से शामिल हो चुके थे जो उन्होने नशे की हालत में शुरू किया था
मज़ा तो उन्हे भी बहुत आ रहा था और मुझे भी
पर शायद पहली बार अपनी जवान बेटी से लॅंड चुसवाने का रोमांच था की उन्होने बिना किसी चेतावनी के अपना ढेर सारा कम मेरे मुँह में निकाल दिया
इतनी सारी शराब के नशे जैसा कम पीकर तो मैं भी मदहोश ही हो गयी
पापा तो हाँफते रह गये
और इस से पहले की वो कुछ और बोलते मैं भागकर अपने रूम की तरफ चल दी
आज के लिए इतना बहुत था
उपर से मुझे ये डर भी था की कहीं पापा अब नशे से निकलने के बाद मुझे ही ना डाँटने लग जाए
अंदर जाकर मैने दरवाजा बंद किया और अपने कपड़े एक बार फिर से निकाल फेंके
और वहीं ज़मीन पर लेटकर रगड़ -2 कर अपनी चूत का पानी निकालने लगी
“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ पापा……..कितना रस था आपके लॅंड में …….इतना मोटा था वो…….”
यार….ये कैसा ऑब्सेशन होता जा रहा है मुझे अपने पापा से
उनके लॅंड को याद करने मात्र से ही मेरी चूत बहे जा रही थी
ऐसा चलता रहा तो मेरा कमरे से निकलना मुश्किल हो जाएगा
या फिर पूरे दिन पेड लगाकर घूमना पड़ेगा
मेरी पिंक उंगलियां अपनी पिंक चूत में रेती की तरह रगड़ मार रही थी
और फिर वहां से भी एक जोरदार फव्वारा निकला
जिसे मैने अपनी उंगलियो में समेट कर पी लिया
पहले पापा का कम और बाद में मेरा
दोनो मेरे पेट में जा चुके थे
बचपना होता तो यही सोचती की अब मैं माँ बन जाउंगी
और ये सोचकर ही मैं मुस्कुरा दी
पर सच में , कितना मज़ा आएगा अगर किसी दिन मैं पापा के कम से प्रेगनेंट हो जाऊं
अपनी शादी के बाद एक बार कोशिश तो ज़रूर करूँगी इसके लिए..
ये सोचकर ही मेरे पूरे जिस्म में झुरझुरी सी दौड़ गयी
मैं उठी और अपने कपड़े पहन कर बेड पर लेट गयी
अगले दिन पापा मुझे किस नज़र से देखेंगे और क्या बोलेंगे ये तो सुबह ही पता चलेगा..
Nice to see your presence in my thread Shetanजबरदस्त....
Thank you dearSuper hot update![]()