बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयाअध्याय : 02
UPDATE 026
THE FANTASY MORNING 01
" उम्मम मम्मी वाव सो सेक्सी "
अनुज की आंखे चकाचौंध थी और वो बस एक टक अपनी मां को निहारे जा रहा था , उस सफेद बेबीडॉल नाइटी में
रागिनी के बड़े बड़े पपीते जैसे चूचे उन विजिबल ब्रा के कप से साफ झलक रहे थे , उसकी मां के सपाट पेट और चर्बीदार नाभि फिर नीचे पतली सी पैंटी जो बड़ी मुश्किल से उसकी मां के चूत को छिपा रही थी
उसने ऊपर देखा तो उसकी मां बड़ी अदा से हाथ ऊपर कर अपने बालों को सहेज रही थी
उसकी मां इस रूप में किसी अप्सरा से कम नहीं थी और फिर वो घूमी और टहलते हुए बिस्तर पर आ गई और घोड़ी बनकर अपने चूतड़ हवा में लहराने लगी
अनुज का लंड बागी हो गया ये देख कर जब उसने वो सिंगल डोरी वाली पैंटी को अपनी मां के बड़े चर्बीदार चूतड़ों के दरारों में गायब हुआ देखा तो और फिर वो अपनी मां के सामने आया तो देखा उसकी मां के चूचे झूल रहे थे उस स्ट्रेचेबल ब्रा बिस्तर को चूमने की चाह में
ओह गॉड मम्मी , भइया आपको ऐसे देखेगा तो पागल हो जाएगा उम्ममम अह्ह्ह्ह कितनी सेक्सी हो आप अअह्ह्ह्ह
अनुज वो तस्वीरें वो झलक अपनी आंखों में बसा लेना चाहता था , उसका लंड उस पल को जी लेना चाहता था वो पूरी बगावत पर फड़क रहा था और पूरा टाइट नुकीला उसके लोवर में अकड़ गया था
अनुज ने आंखे बंद कर अपना लंड मिसने लगा
: अनुज ये क्या कर रहा है तूं
: करने दो न मम्मी आप बहुत सेक्सी लग रहे हो आज सीई ओह्ह्ह
" अनुज ... अनुज "
" हा .. हा मम्मी " , एकदम से चौक कर अनुज की आंखे खुली तो सामने देखा कि उसकी मां रागिनी खड़ी थी एक साल को अपने देह पर डाले हुए
: अरे उठ न गजब हो गया
: क्या हुआ ( कम्बल में अपना लंड सेट करते हुए वो उठ कर बैठ गया )
रागिनी उसको खासा परेशान दिख रही थी वो उसके पास ही साल ओढ़े बैठी थी ।
: सब तेरी वजह से हुआ है , तेरी जिद की वजह से अब आगे न जाने क्या होगा ?
: क्या मतलब , मैने क्या किया ? ( अचरज से अनुज बोला )
: तेरी ही इच्छा थी कि मैं वो वैसे कपड़े पहन कर राज के सामने जाऊ , रात में तू बोला था न
: हा लेकिन हुआ क्या ? ( अनुज के सर के ऊपर से चीजें गुजर रही थी )
: वो मै ( रागिनी थोड़ी असहज थी ) नाइटी पहन कर राज कमरे में गई थी
: फिर ( अनुज का हलक सूखने लगा और नीचे से लंड उठने लगा )
: वो तो सो रहा था तो मैने पहले उसके अंगूठे से उसका फोन खोला , सोचा तेरे पापा को कुछ फोटो भेज दूंगी ताकि वो परेशान होकर जल्दी से आ जाए वापस , इसीलिए मैने उस नाइटी में ही फोटो निकालने लगी राज के मोबाइल से और इससे पहले कि मै तेरे पापा को वो फोटो भेजती , राज उठने वाला था और जल्दी जल्दी मैने उसका मोबाइल वापस रख दिया और फिर कमरे से बाहर आ गई । लेकिन उठने के बाद अपना मोबाइल लेकर बाथरूम में चला गया
अनुज की आंखे बड़ी हो गई , उसकी दिल की धड़कने तेज हो गई कि अभी अभी तो उसने ख्वाब में अपनी मां को एक सेक्सी सी नाइटी में अपने चूतड़ लहराते देखा था और असलियत में उसकी मां ने पहन भी लिए थे लेकिन इसमें भी उसके राज भैया की किस्मत तेज निकली
: अब क्या करु कुछ बताएगा
: आप शांत रहो मै अभी भइया का मोबाइल से वो फोटो डिलीट कर दूंगा ( अनुज रागिनी को संभालने की कोशिश कर रहा था )
: पागल , अब तक तो वो फोटो देख चुका होगा क्योंकि मैने कुछ बैक नहीं किया था झट से मोबाइल बंद कर रख दिया था ,क्योंकि मै नाइटी में वहा कैसे रुकती
अनुज के दिमाग में कुछ चल रहा था
: अच्छा उसमें सिर्फ सेल्फी है न ( अनुज ने सवाल किया )
: नहीं न , वो मै ... क्या बताऊं तुझे .. उसमें मैने मोबाइल पीछे करके फोटो निकाले थे ( रागिनी के कहने का साफ मतलब था कि उसने अपने चूतड़ों की सेल्फी ली है ये सोच कर ही अनुज का लंड झटके देने लगा ) थोड़ा तेरे पापा को तड़पा सकूं उसके लिए मैने अपने वहां की फोटो भेजी थी ,सुबह साफ करके ( रागिनी का इशारा उसके चूत की ओर था और ये सुनते ही अनुज का लंड झटके देने लगा ये सोच कर कि सारे जतन उसने किए और असल मलाई तो उसका भइया चाटेगा )
अनुज चुप था
: तू देख कर आ न क्या कर रहा है वो
: क्या ... म मै
: हा मै ऐसे कपड़े में वापस नहीं जाने वाली
रागिनी के ये कहने की देरी थी कि अनुज ने आगे लपक कर देखा कि उसकी मां की जांघें नंगी है इसका मतलब उसकी मां अभी भी उसी नाइटी में है और उसका लंड फुदकने लगा
: तू जा न देख कर बता , मै कपड़े बदल कर आती हूं ये कहा कर रागिनी ने वही बिस्तर पर ही अपनी साल उतार दी और टहलते हुए आलमारी की ओर गई और सामने का नजारा देख आकर अनुज का मुंह खुला का खुला रह गया , सामने उसकी मां एक गुलाबी शॉर्ट ट्रांसपेरेंट नाइटी में थी जो पीछे से बड़ी मुश्किल से उसके आधे चूतड़ों के उभार तक जा रहे थे ,
उसका मखमली गोरा बदन झलक रहा था और जैसे उसकी नजर अपनी मां के पतीले जैसे चूतड़ों पर गई उफ्फ क्या गठीले उभार थे लेकिन इसमें एक चीज बदल गई थी वो कि उसकी मां रागिनी ने डोरी वाली की जगह फूल कवर पैंटी पहनी थी , लेकिन जैसे ही रागिनी ने अपनी नाइटी निकालने के लिए पीछे से उठाया अनुज की आंखे चमक उठी
क्योंकि उसकी मां ने जो पैंटी पहन रखी थी वो पूरी तरह से नेट वाली थी और उसके मां के चूतड़ों के दरार साफ साफ झलक रहे थे , अनुज ने कस कर अपना लंड भींच लिया
नाइटी उठाती हुई एक नजर रागिनी ने अनुज को देखा : जा न , जल्दी मै कपड़े पहन कर आती हूं
अनुज समझ रहा था कि उसकी मां उसके सामने कपड़े नहीं निकालने वाली और वो अपने भैया के कमरे में आया और वही हुआ जैसा वो सोच रहा था
बाथरूम से राज की सिसकिया आ रही थी
" ओह्ह्ह सीईईई मम्मी कितनी मुलायम चूत है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह क्या सुबह सुबह सरप्राइज दे दिया तुमने क्या सोच ओह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू मम्मी उम्ममम "
अनुज का लंड अपने भइया से अपनी मां के बारे में ऐसे अलफाज सुन कर सन्न था और थोड़ा उदास भी कि काश वो भी अपनी मां के रसीली चिकनी फांकों को देख पाता और हिला पाता
उसका लंड अकड़ा जा रहा था कि एकदम से रागिनी उसके पास आई , एक नॉर्मल नाइटी में उसका कंधा थपथपाने लगी : क्या हुआ
अनुज ने बस इशारे से बाथरूम की ओर दिखाया और राज अपनी धुन में रागिनी के नाम की मूठ लगाने लगा: उफ्फ मम्मी सीई ओह कितनी नरम गाड़ है आपकी , ओह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू मम्मीइ ओह्ह्ह्ह गॉड आयेगा आपके ऊपर झड़ना है मुझे आपके गाड़ कर कितना सेक्सी गाड़ है आपका उफ्फ इस पैंटी में तो आर पार दिख रहा है इसी के ऊपर झड़ जाऊंगा ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह मम्मीइई
फिर एक के बाद एक मोटी थक्केदार पिचकारियां बाथरूम में छूट रही थी और इधर दोनों मां बेटे असहज होकर कमरे में आ गया
एकदम से चुप्पी सी छा गई कमरे में
: सॉरी मम्मी , ये सब मेरी वजह से .... ( उदास होकर अनुज ने कहा )
: देखा मै कह रही थी न उसकी शादी की उम्र हो गई है ऐसा कुछ करूंगी तो भटक जाएगा वो , मै कैसे उसके सामने जाऊंगी ( रागिनी ने मुरझाए चेहरे से कहा )
: हम्मम सॉरी मम्मी , अब क्या करें हम लोग
: इंतजार कर , शायद वो जो कर रहा था उसके बाद उसका दिमाग ठंडा हो और शायद वो इस बारे में मुझसे बात भी करें , समझ नहीं आ रहा है क्या जवाब दूंगी उसे ....
अनुज कुछ सोच रहा था : मै बताऊं
रागिनी : हा बोल
अनुज : आप साफ साफ कह देना कि आपको ये सब पापा को भेजना था , गलती से उसके मोबाइल ने रह गया
रागिनी : हलुआ लगता है तुझे सब , उसने जो अभी अभी कहा उसपर भी ध्यान तेरा , उसको मै पसंद आ गई हूं ना जाने क्या क्या करने के ख्वाब देख चुका है वो मेरे साथ
अनु चुप हो गया जिस तरह से रागिनी ने डांट लगाई
: मम्मी मुझे नहीं लगता कि भैया आपसे बात करेगा ?
: क्यों ?
: अरे जैसे आप बेचैनी महसूस कर रहे हो वैसे वो भी करेगा न, ऐसे एकदम से सामने और बंद बाथरूम में अपनी मन की बात करने में बहुत अंतर होता है ( अनुज ने अपने हिसाब से टूटी फूटी नैतिकता जोड़ कर रागिनी को समझाने की कोशिश की )
रागिनी थोड़ा चुप रही और फिर उठ गई
: कहा जा रही हो ?
: काम न करूं अब , तुझे भी तो कालेज जाना है न
अनुज बस चुपचाप अपनी मां के उखड़े मिजाज को सुना और फिर रागिनी उठ कर चली गई बाहर और अनुज भी ऊपर चला गया फ्रेश होने ।
ममता के घर
ममता की आंखे खुल गई थी और वो उठना भी चाहती थी लेकिन उसके साथ सोई हुई मंजू के हाथ उसके सीने पर थे और वो लगभग अपना मुंह उसके करीब करके सोई थी , उसके नथुने से आती गर्म सांसे ममता अपने गर्दन के पास महसूस कर रही थी और ये उसको बड़ा रोमांचित कर रहा था
मंजू को सुकून से सोया देखा ममता ने उसके बिखरे बालों को सहजने लगी उसी हाथ जिस बाह पर मंजू सोई थी
हल्की सी कुनमुनाहट और मंजू खिसक कर उसके और करीब हो गई और चिपक गई ममता से
ममता मुस्कुराई और हौले से सोती हुई मासूम सी दिख रही मंजू के सर को चूम लिया
एकदम से मंजू की आंखे खुली और वो चौक कर अलग हुई और कोहनी के बल उठ कर ममता को देखा : उठ गई मेरी लाडो उम्मम आजा
ममता ने उसको हंसी में पुचकारा
: धत्त भाभी , आपको मुझे उठाना नहीं चाहिए
: इतने सकून से सो रही थी कैसे जगा देती , आओ न इधर
: धत्त नहीं , क्या आप भी
: अरे भाई मुझे ठंडी लग रही है आओ इधर ( ममता ने उसको वापस खींच कर अपने देह से कस लिया , मंजू ममता के गुदाज चर्बीदार जिस्म की नरमी महसूस कर रही थी )
: हीहीहीही छोड़ो न भाभी उम्मम
: बड़ी गर्म हो तुम , मुझे तो देवर जी से जलन हो रही है , इतना गर्म माल मिल रहा है उनको
: धत्त भाभी छोड़ो न , आप जैसे कम हो
: क्या मतलब ( ममता ने उसको टटोलना चाहा )
: कुछ नहीं
: अरे बोलो न , इतना शरमाओ मत
: आप तो ऐसे कह रही हैं जैसे भइया आपको पाकर खुश नहीं होंगे , उनको भी तगड़ा माल मिला है हीहीहीही
: अरे .. हाहाहाहाहा अब बोली मेरी देवरानी हीहीही थोड़ा ऐसे ही खुल कर रहा करो और सही कहा तुम्हारे भैया की किस्मत बहुत बड़ी है ( ममता ने आंख मारी और मंजू उसका इशारा समझ गई कि ममता अपने चूतड़ों की बात कर रही थी )
: धत्त आप भी न भाभी , चलो उठो मै आप लोगो के लिए चाय बना दूं
: ठीक है लेकिन ऐसे मत निकल जाना , वरना देवर जी तो राह निहारते घूम रहे है सुबह सुबह दबोच लेंगे तुम्हे हाहाहाहाहा
ममता की बात सुनकर मंजू थोड़ी झेप सी गई और उठ कर अपनी साड़ी पहन कर बाहर आ गई
वही दूसरी ओर दोनों भाई उठ गए थे , रोज की तरह टहलने के लिए निकल गया था और मुरारी फ्रेश होकर कमरे से निकल रहा था कि उसकी नजर मंजू पर गई
अकेले में उसे पाकर लपक कर वो किचन में गया और पीछे से पकड़ लिया
: हाय दैय्या क्या करते है छोड़िए भाभी देख लेंगी
: अरे कोई नहीं देखेगा , ये बता तुम तो मुझे भूल ही गई एकदम से अपना मर्द पाते ही उम्मम ( मुरारी ने साड़ी के ऊपर से गाड़ दबोचते हुए कहा )
: सीईईई ओह्ह्ह क्या करते है , मै क्या करु जब भाभी मुझे अकेला नहीं छोड़ती । उम्मम मत करो न तंग मुझे सीई ओह्ह्ह
: सारी रात तो मै तड़पा हूं मेरी जान , ममता तो मान गई थी कितना कहने के बाद , लेकिन अब तुम दोनों की वजह से चौपट हो गया
: हीहीही वैसे मैने सोचा नहीं था कि भाभी इतनी हैवी होगी
: अच्छा , बहुत मस्ती सूझ रही है तेरी , तू भी तो कम है क्या
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई नोचों मत उम्मम मेरी तो उनके आधे में भी ना आए इतनी बड़ी है भाभी की
: क्या ?
: धत्त पीछे वाला और क्या ? अह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो हटो न ( मुरारी पीछे से हाथ आगे कर उसकी चूचियां मिजने लगा था ब्लाउज के ऊपर से )
: उफ्फ बड़ी गुलगुली सी चूचियां है तेरी
: अह्ह्ह्ह मुझे छोड़ो , अभी मौका है भाभी नहाने जा रही है हीहीही देख लो..... रात में मौका नहीं मिलेगा ये पक्का है हीहीही
ममता को दबोचने का ख्याल आते ही मुरारी का लंड अकड़ने लगा और उसने अपना लंड पजामे से निकाल कर बाहर कर दिया और मंजू का हाथ पकड़ कर उसपर रख दिया : सीईईई ओह्ह्ह मेरी जान बस थोड़ा सा धार लगा दो इसमें ताकि बस जाते ही अमन के मां की गाड़ में घुस जाए
: सीईईई क्या कर रहे है , कही वो आ गए तो
: उन्हूं मदन 7 बजे तक आयेगा अभी 10 मिनट समय है प्लीज न
मंजू ने उसे घूरा और उसके लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी
: चूस कर , प्लीज न ( मुरारी ने उसके गाल छू कर कहे ) मै बाहर देख रहा हूं जल्दी ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मेरी जान ओह्ह्ह्ह कितनी रसभरी जीभ है तेरी ओह्ह्ह्ह और अंदर ले न मेरी जान सीई ओह क्या मस्त चूस रही है तू ओह्ह्ह्ह उम्ममम
मंजू बड़े चाव से मुरारी का लंड चुभलाने लगी और सुपाड़ा मुंह में लेकर सुरकने लगी, धीरे धीरे सुपाड़े की गंध ने उसके भीतर सोए हुए वासना के ज्वर को जगा दिया था और वो लंड चूसते हुए अपनी मुलायम चूचियां मिजने लगी : मुझे चाहिए
मुरारी अपना लंड पकड़ कर उसके होठों पर पटकता हुआ : क्या चाहिए मेरी जान उम्मम बोल न
मंजू उसके सामने साड़ी के ऊपर से अपनी बुर सहलाने लगी : ये अंदर चाहिए
फिर वो लंड पकड़ कर खड़ी हो गई और मुरारी के होठ से होठ जोड़ कर उसका कड़क लंड सहलाने लगी, मुरारी भी उसके चूतड़ पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगा
तभी हाल में कुछ आहट हुई और दोनों सरक कर फ्रिज के पास छिप गए
ये मदन था जो अभी अभी आया था और वो रुका नहीं सीधा बाथरूम की ओर चला गया
मुरारी ने गहरी सांस ली लेकिन मंजू तो वापस नीचे बैठ कर उसका लंड के सुपाड़े को जीभ से छेड़ती हुई पूरा लंड मुह में लेकर चूसने लगी थी
: ओह्ह्ह मेरी जान बस कर , बाद में ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई रुक जा न , मदन आ गया है
: मै कुछ नहीं जानती , जल्दी से डालो मेरा बहुत मन है क्यों परेशान किया मुझे सीईईई
ये बोलकर मंजू वही फर्श पर ही अपनी साड़ी उठा कर घोड़ी बन गई और उसके नंगे गठीले पतीले जैसे चूतड़ों को देख कर मुरारी का मन भी ललचा गया और उसने थूक लेकर झुक कर मंजू की बुर टटोली : सीई अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह पेलो न
मुरारी उसकी जल्दी बाजी समझ रहा था और उसने लंड सेट करके उसके कूल्हे पकड़ कर पूरा लंड उतार दिया अंदर : ओह्ह्ह्ह कितनी जल रही है अन्दर से तेरी बुर
: हम्ममम बहुत ज्यादा ... अह्ह्ह्ह सीई पेलो न मुझे ओह्ह्ह्ह करो न भइया
मुरारी उसकी बातों से और जोश में आ गया और लंड अंदर बाहर करने लगा : लेह मेरी जान , उफ्फफ तेरी चूत तो मेरे लंड को पिघला देगी सीई ओह्ह्ह्ह मेरी जान
: कल रात से जल रही है मेरे राजा , वो तो भाभी आ गई थी नहीं तो वो कल ही सुहागरात मना लेते सीई ओह्ह्ह और कस कर डालो न ओह्ह्ह्ह सीईईईई हम्ममम ऐसे ही ओह्ह्ह कितना बड़ा है आपका ओह्ह्ह्ह मम्मीई ओह्ह्ह फक्क मीईईई सीई ओह्ह्ह्ह
: तो क्या तू सच में कल मदन से चुदने वाली थी उम्मम ,
: हा , उनके छूते ही मुझे कुछ होने लगा था , और उन्होंने तो अपना बाहर निकाल कर दिखाया भी मुझे , मै तो कल रात से ही कच्छी निकाल कर घूम रही हूं , बस लेने ही वाली थी उनका अह्ह्ह्ह कि भाभी आ गई ओह्ह्ह्ह उम्ममम कितना जोश आता है आपको मेरी बातें सुनकर सीई ओह्ह्ह्ह अगर देख लिए मुझे उनके साथ तो क्या होगा ?
: ओह्ह्ह्ह तू तो सच में बड़ी छिनाल है री उम्मम अह्ह्ह्ह्ह तेरी बुर बड़ी रसीली है देख कैसे पानी छोड़ रही है
: झड़ रही हूं न तो छोड़ेगी नहीं अह्ह्ह्ह आप भी निकाल दो न उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
: ओह्ह्ह्ह उम्ममम बस आयेगा मेरा भी ओह्ह्ह्ह कुछ मत कर जल रहा है अंदर सब ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह कितनी मुलायम बुर है तेरी
मुरारी के घुटने में थोड़ा दर्द सा होने लगा था नंगी फर्श पर उसके टखने वापस उसे चुभने लगे थे और लगभग वही स्थिति मंजू की थी इसलिए मुरारी उसको पूरे पैर के बल उठा कर खुद खड़ा हो गया
और पूरा लंड उसकी चूत के गहराई में हच्च हच्च पेलने लगा उसके चूतड़ फैलाते हुए और चिंघाड़ते हुए झड़ने लगा उसकी बुर में गहरे घुस कर
और फिर हाफ कर सुस्त हो गया
मंजू भी मुस्कुरा कर आगे सरक गई और दोनों वही फ्रिज के कोने दिवाल का टेक लेकर हांफते हुए मुस्कुरा कर एक दूसरे को देख रहे थे और मंजू अपने पेटीकोट से अपनी बहती बुर साफ करने लगी और मुरारी ने उसकी साड़ी का पल्ला पकड़ कर अपने लंड को पोंछ लिया, जिसपर मंजू ने जरा भी ऐतराज नहीं किया
: हीहीही वैसे भाभी तो अबतक नहा चुकी होंगी
एकदम से ममता का ख्याल आते ही उसे मदन का ख्याल भी आया कि थोड़ी देर पहले मदन भी उधर ही गया था अभी तक लौटा नहीं , कही वो कुछ ताक झाक तो नहीं
मुरारी एकदम से उठा और पेंट बंद कर हड़बड़ाहट में निकल गया ममता के कमरे की ओर ।
जैसी ही वो गलियारे की ओर गया उसने तेजी से मदन को अपने कमरे के पास से बाथरूम की ओर जाते देखा
एकदम से मुरारी ठिठक गया क्योंकि मदन तो कबका निकला था बाथरूम जाने के लिए और मुरारी ने देखा कि उसके कमरे का दरवाजा भी खुला है । उनके दिमाग में कुछ शंकाए उठने लगी और वो लपक कर अपने कमरे की ओर बढ़ गया और जैसे ही अंदर देखा उसकी आंखे चौंधिया गई
ममता अभी अभी नहा कर आई थी और वो पूरी नंगी ही कमरे में झुक कर खड़ी थी और अपने बदन साफ कर रही थी और
उसके नंगे भीगे हुए चौड़े चूतड़ दरवाजे की ओर मुंह किए फैले हुए थे
मुरारी ये देखकर सन्न रह गया और उसे समझते देर नहीं लगी कि मदन ने जरूर उसके कमरे में तांक झांक की है लेकिन शायद वो इसका विरोध नहीं कर सकता था और खुले कमरे के दरवाजे से कोई भी अंदर झांक सकता था , इसमें तो ममता की लापरवाही होनी चाहिए।
उस पोजेसिव माहौल में एक पल के लिए मुरारी भूल ही गया था कि बीती रात ही उसने मदन को अपनी बीवी की तस्वीरें दी थी हिलाने के लिए
तेजी से मुरारी कमरे का दरवाजा भिड़काता हुआ कमरे में गया
: हाय दैय्या कौन ... आप है ? ( ममता ने हाथ में ली हुई ब्रा के अपनी छातियां छिपा रही थी ) धत्त मै तो डर गई
: अरे इतना डर है तो कम से कम दरवाजा तो लगा लेती , अभी अभी मदन को मैने बाथरूम जाते देखा है पीछे
: हा तो क्या हुआ ( ममता थोड़ा इतरा कर मुस्कुराई )
मुरारी चौका और लपक कर उसकी ओर आया : क्या हुआ , उसने देख लिया होता तुम्हे ऐसे तो
ममता तौलिए से अपने बदन को पोंछ रही थी टांगे उठा कर : अच्छा जी कल दुपहर में तो नहीं रुके थे , उनके सामने ही .... हीही
ममता ने उसे चिढ़ाया तो मुरारी ने उसको पीछे से दबोच किया और वो कसमसाने लगी
: उम्मम धत्त छोड़ो न
मुरारी बिना कुछ कहे उसकी आगे बिस्तर पर झुका कर उसके पहाड़ जैसे चूतड़ों को फैला दिया और गिले तरो ताजा चूतड़ों से आती मादक ताजा गंध उसे ललचाने लगी
उफ्फ क्या रसीली गाड़ है तेरी अह्ह्ह् उम्ममम ( मुरारी ने सीधा उसके गाड़ के सुराख पर अपनी जीभ फिराई और पानी के कुछ अंश थे वहां पर जिससे उसकी जीभ गाड़ पर अच्छे से फिसलने लगी )
: सीईईई ओह्ह्ह धत्त हटो सुबह सुबह शुरू हो गए उम्ममम
: अरे रात में भी तो तूने मौका कहा दिया , सारी रात ये लंड तसरा है तेरी गाड़ के लिए उम्ममम क्या खुशबू है
: ओह्ह्ह हटिए न , मुझे काम है भाई उफ्फफ अमन के पापा मान जाओ न
मुरारी नहीं माना और उसके गाड़ को फैलाए हुए उसके बुर के फांकों सहित उसकी गाड़ की छेड़ चाटने लगा
ममता को शरारत सूझी और वो सिसकती हुई : धत्त रुक जाओ , देवर जी हमे देख रहे है
: देखने दे मुझे फर्क नहीं पड़ता , मै तो उसके सामने तेरी गाड़ में पेल दूंगा
और अगले ही पल मुरारी ने अपना लंड निकाला और थूक लगा कर उसकी गाड़ की कसी छेद पर रख कर दबा दिया
पक्क से उसका सुपाड़ा ममता के ताजा गुलाबी गाड़ के सुराख में घुस गया और वो अंदर से तप रहा था
पहले मंजू की जलती चूत और अब ममता की गर्म गाड़
: उफ्फ कितनी गर्म है मेरी जान , ओह्ह्ह टाइट भी
: अह्ह्ह्ह धत्त आप बड़े वो हो , जिद्दी कही के सीईईई अब जल्दी करो न कोई आ जाएगा अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह
मुरारी : आने दे मेरी जान , अपनी बीवी को चोद रहा हूं दूसरे की थोड़ी ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह कितनी कसी गाड़ है तेरी ufffff
ममता मुरारी के कड़े लंड को अपनी तरो ताजा गाड़ में पाकर मस्त हो गई और सिसकिया लेने लगी ,उसकी बुर पनियाने लगी थी और बुर के अंदर गाड़ की तरफ से मुरारी का लंड महसूस कर रही थी : क्यों अपनी बहिनिया नहीं चोदोगे उम्मम अह्ह्ह्ह उसकी गाड़ में डालना ये बांस जैसा लंड सीई ओह्ह्ह
संगीता के बारे में ख्याल आते ही मुरारी का लंड ममता की गाड़ में और फूलने लगा : सीईईई ओह्ह्ह मेरी जान किसकी याद दिला दी तूने सुबह सुबह ओह्ह्ह्ह उम्ममम उसकी गाड़ चीरने के सपने तो हर रोज देख रहा हूं उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम
: हा मेरे राजा ओह्ह्ह्ह पेलो और चोदो अपनी बहिनिया को उम्ममम फाड़ दो उसकी गाड़ ओह्ह्ह्ह खूब अंदर डालो ओह्ह्ह्ह अमन के पापा मै झड़ रही हूं उम्मम सीईईई ओह्ह्ह
ममता तेजी से नीचे हाथ डाल कर अपनी बुर सहला रही थी और अपनी बुर और गाड़ दोनों छेद को कस रही थी जिससे मुरारी के लंड की नसे पूरी तरह से गाड़ में चूसने लगी
: सीईईई ओह मेरी जान ऐसे ही उफ्फ मजा आ रहा है बस आयेगा सीई ओह्ह्ह्ह मेरी रांड सीईईई अह्ह्ह्ह्ह मेरी चुदक्कड़ रानी तेरी गाड़ ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम भर दूंगा इसे आज ओह्ह्ह अमन की मां मेरी जान सीई ओह्ह्ह्ह मेरी रानी अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम
एक के बाद एक मोटी धार के साथ ममता के गाड़ में मुरारी पिचकारी छोड़ता रहा और झड़ता रहा
ममता ने भी उसको निचोड़ने में कोई कमी नहीं छोड़ी
सुबह सुबह आज उसकी दोहरी चुसाई हो गई थी ,पहले मंजू और फिर ममता
उठने भर की ताकत भी बची थी उसमे और वो बिस्तर पर लेट गया
ममता मुस्कुरा कर उठी और अपने चूतड़ साफ कर कपड़े पहनने लगी कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई
ममता समझ रही थी कि वो मंजू ही होगी इसीलिए उसने कपड़े छोड़ कर बस तौलिया आगे लिए हुए अपनी चूचियां और चूत छिपा कर हल्के से दरवाजा खोला और सामने मंजू थी हाथ में चाय की ट्रे लिए हुए
एकदम से मंजू ने ममता को देखा और उसके पीछे बिस्तर पर बेसुध पसरे हुए मुरारी को देखा , जिसका पैजामा उसके घुटनों में था , गनीमत ये थी कि कुर्ते से उसका लंड छुपा हुआ था ।
मंजू कमरे की हालत देखते ही सारा माहौल समझ गई और ममता ने मुस्कुरा कर उससे चाय की ट्रे ले ली : जाओ या अंदर आना है ?
ममता ने उसको छेड़ा और वो शर्मा कर मुस्कुराने लगी : धत्त नहीं , लेकिन मुझे नहाना है ?
ममता : ठीक है थोड़ी देर रुक कर आओ मै इन्हें बाहर भेजती हूं ।
मंजू ने मुस्कुरा कर हुंकारी भरी और निकल गई और ममता ने दरवाजा लगा दिया।
वही दूसरी ओर दूर बड़े शहर में एक एयरपोर्ट पर अमन अपनी बीवी सोनल और साली निशा के साथ उतर चुका था और उन्होंने चमनपुरा के लिए गाड़ी रिजर्व कर ली थी ।
जारी रहेगी
( कहानी में आपके चहेते किरदारों की वापसी हो रही है , तो उनके स्वागत में आप भी कोई कमी नहीं छोड़े ऐसी उम्मीद रहेगी )
Dhanywaad
Aur badhaai nayi I'd bnane ke liye
hum to abhi tak sirf read kar rahe the per majboor kar diya aapki story ne. socha nahi tha ID banane ka.Dhanywaad
Aur badhaai nayi I'd bnane ke liye![]()