जिसमें कालू ने इरम से कहा साड़ी और कपड़े उतार के इसकी चूत चाट इरम प्यार से उसकी चूत चाटने लगी और नंगी हो गयी 10 मिनट तक इरम आएशा की चूत चाट रही थी और कालू का लण्ड आएशा के मुह की शोभा बढ़ा रहा था। अच्छे से 10 मिनट चूंसने के बाद लण्ड बिल्कुल टाइट हो कि खड़ा हो गया तो इरम से बोला "आएशा के मुह पे बैठ जाओ आएशा तेरी चूत चाटेगी।"
आएशा के गाँड़ के नीचे तकिया लगा के आएशा को उसपे लिटा के इरम आएशा के मुह पे बैठ गयी।
आएशा की जीभ इरम की चूत की गहराई नाप रही थी कभी बाहर चाट रही थी। वही अचानक से आएशा ने इरम की चूत को मुह में कस लिया "आह "की आवाज़ आयी क्यों के कालू ने पूरा लण्ड एक झटके में अंदर भर दिया था।
और आयशा की गाँड़ पकड़ के लण्ड अंदर बाहर हो रहा था और गपागप लण्ड खा रही थी चूत उसकी।
लण्ड पे सफेद सफेद माल लगा हुआ था अंदर बाहर होने से जो चूत झड रही थी उसका पानी क्रीम की तरह लण्ड पे लगा था।
ऐसा 15 मिनट तक चलता रहा।
"जल्दी से घोड़ी बन "
जल्दी जल्दी घोड़ी बनने के बाद कालू ने तेल निकाल के चूत में डाल दिया और अपने लण्ड पे लगा के घप से अंदर कर दिया।
और सुपर तेज़ी से धक्के मारने लगा । उफ़्फ़फ़ इतनी तेज धक्के तो मैं सपने में भी न मार पाऊ।
गाँड़ में चटाक चटाक की आवाज़ आती थी और कस के धक्के से मूत भी बहने लगा तीनो नशे में थे इस वक़्त कालू को कम नशा था क्यों के 2 पेग में उसको कुछ नही होता था मगर उन दोनो के लिए 2 पेग किसी बोटल से कम नही थे।
अब आएशा का सिर घूम रहा था और नशे में थी इसीलिए कालू पूरा जोर लगा कि चोदम पट्टी कर रहा था ।
नशे में चूत से पानी की फुहार निकल पड़ती थी साथ ही
"आह मर गयी उफ़्फ़फ़ और ज़ोर से चोद हरामी"
"आउच क्या मार डालेगा मादरचोद?"
"मर गयी आह तू तो पक्का मर्द है कालू चोद दे फाड़ दे मेरी चूत को"
बोलते हुए चूदवा रही थी अब तक 12 बार मूत मारते हुए झड चुकी थी अब झड़ने को हुई तो कालू भी तेज धक्के मारने लगा आह आह आह आह आह हम्मममम्म करते हुए चूत को माल से भर दिया। 25 मिनट चली चुदाई में दोनो पस्त हो चुके थे। कालू लेट के सो गया। अब 3 बज गए थे। कालू सो चुका था इरम उठी बाथरूम जाने के लिए तभी आएशा भी उठी तो बोली "इरम मुझे भी जाना है "तो इरम बोली" चली जा तू पहले"
"नही दर्द हो रहा है ले के चल"
इरम ने सहारा दे के उठाया तो खडी हुई और पहला पैर आगे बढ़ाया तो लड़खड़ा के गिर पड़ी।
"संभल के क्या हुआ?"
"चला नही जा रहा है"
"चल धीरे से"
धीरे चल के अंदर गयी मूतने बैठ गयी ज़मीन पे मूत के चूत में पानी मार के उठी तो गिर पड़ी ख़डी नही हो पा रही थी। इरम ने ताकत लगा कि उठा लिया और शावर के नीचे खड़ा कर के नहला दिया तो बाहर आई सहारे से टाइम देखा तो 5 बजे थे अब इरम ने कालू को उठाया ।उठ के बोला"क्या हुआ सोते से उठा दिया?"
"जी वो 5 बज चुके है "
"तो ?"
"तो तो नदीम के आने का टाइम हो रहा है।"
"तो वो गांडू आ रहा है इसलिए मुझे सोते से उठा के भगा रही है"
"नही जी वो आये तो मुझे दिक्कत होगी आप तो मेरे हो मैं आपको कैसे भगा दु"
"चल ठीक है दारू की बोतल छुपा दे कल आ के पी जाएगी"
"आएशा को क्या हुआ?"
"ओ खड़ी नई हो पा रही है "
"हा हा हा हा हा हा हा""कोई बात नही रहने दे उसको घर पे आज सिकाई कर ठीक हो कि भेजना"
"हम्म्म्म"
और वो चला गया।
अब मेरे दिमाग मे कीड़ा नाचने लगा आएशा को चोदने का।
रात को जब सब खाना हो गया तो रात को मैंने इरम के दूध में नींद की 2 गोली डाल दी जो मुझे डॉ ने दी थी चोट लगने पे और 1 घंटे बाद जब इरम सो गई तो मैं उठा। आएशा गहरी दर्द की वजह से सोई नही थी। मैं पहुचा तो बोली "अरे भाईजान आप सोए नही ?"
"तुम भी तो जाग रही हो"
"मुझे दरद हो रहा है इसलिए"
मैने लाइट जला दिया क्यों के पहले नाईट बल्ब जल रहा था।
"लगता है कालू ने जबरदस्त चुदाई की है तुम्हारी?"
"क क कौन के कालू?""और चुदाई क्या वर्ड है भाईजान?"
"कौन कालू?""अभी दोपहर में उससे मांग भरवा के मंगलसूत्र पहन के बीबी बनी हो अभी भूल गयी"
अब आएशा का चेहरा पीला पड़ गया।उससे बोला न जाये।मैं बोला मैं किसी को कुछ नही बताऊंगा चिंता न करो मगर मुझे भी कुछ चाहिए "
"क्या ?"
"तुम्हारी गाँड़"
"भाई?क्या बोल रहे हो मैं तुम्हारी फूफी की लड़की हु इरम बीबी है तुम्हारी।बहन हु तुम्हारी"
"देख पहली बात हमारे में फूफी मामू सबमे निकाह हो जाना है तो बकवास न कर मुझे अपनी गाँड़ दो मैं फूफी से कुछ नही कहूंगा पक्का"
"मगर....."
शब्द मुह में ही घुट गए मैं किस करने लग गया आएशा को "भाई दरद है बहुत कल ले लेना मेरी "
"चुप अभी चाहिए मुझे क्यों के कल का भरोसा नही मुझे"
"अब मैने आएशा के कपड़े उतार दिए और किस करने लगा और बूब्स दबा के चूंसने लगा आएशा को मज़ा आने लगी और बोली "भाई गाँड़ ही क्यों चोदनी है"
"क्यों के तेरी गाँड़ गोल ,गोरी और कुँवारी है ।कालू चोदे उससे पहले मैं तेरी गाँड़ खोलना चाहता हु "
"मगर दर्द होगा"
"मगर मज़ा भी आएगा "
फिर मैं उसकी गाँड़ चाटने लगा और गाँड़ में तेल लगा के उसको घोड़ी बना के उसकी गाँड़ में अपना 4 इंच का लण्ड ठेलने लगा और टोपा जाते ही धक्के लगाने लगा ई उंगली जितना मोटा लण्ड से उसको दर्द भी नही हुआ बल्कि मज़ा आने लगी और बोली"भाई तेज़ी से चोदो आह मज़ा आ रहा है मुझे नही पता था गाँड़ मरवाने में इतना मज़ा आता है अब रोज़ तुमसे गाँड़ मरवाया करूँगी।"
मैं भी तेजी से गान मारने लगा मेरा दूसरा मौका था जब मैं किसी की गाँड़ मार रहा था मुझे बहुत मज़ा आ रही थी और जोश भी मैंने जोश में 7 मिनट तक उसकी गाँड़ मारी और वो चीखने लगी "आह भाई मैं झड रही हु उफ़्फ़फ़फ़ रुकना मत "
मैं भी पूरी ताकत के साथ और तेज़ गाँड़ मारने लगा और हम दोनों साथ मे झड गए मैं उसके गाँड़ में झड गया।
फिर हम लेटे रहे वो मुझे गले लगा कि किस करती रही।"लव यू भाईजान"
"लव यू टू"
"मैं निकाह कर सकती हूं तुमसे मगर तुम्हारा छोटा है और मुझे मेरी चूत में लंबा मोटा चाहिए"
"हम्म्म्म मगर मैं गाँड़ तुमसे मरवाती रहूँगी हमेशा""भले कालू चोद के चौड़ी कर दे खोल दे मेरी गाँड़ को"
"ठीक है अब सो जाओ"
"हां नींद आ रही है दर्द भी कम है"
आएशा सो गई। सुबह उठ के मैं आएशा को छुपकर
किस कर के चला गया।